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XII - History EBOOK

Complete Book Notes

BY: SATENDER PRATAP


Ch- 1 ईटे , मनके
एवं अस्थिय ाँ
हड़प्पा सभ्यता
Q हड़प्प जल ननक स प्रण ली की अनठ
ू ी ववशिष्टत ओ क संक्षिप्त में वणणन कीस्जए
मख्
ु य न ले ग रे में जमी गयी ईंटो से बने िे और इन्हें ऐसी ईंटो से ढक
गय ि स्जन्हें सफ ई के शलए हट य गय ि

घरो की न शलय ं पहले एक हौदी में खोली होती िी स्जसमे ठोस पद िण जम हो ज त


ि और गन्द प नी गली की न शलयों में बह ज त ि

EKLAVYA STUDY POINT

इस प्रक र हम यह कह सकते है की हड़प्प सभ्यत में


निष्कर्ष जल ननक स प्रण ली ि नद र िी
यह ाँ न शलयों क ननम णण बहुत अच्छे से ककय गय ि
मोहनजोदड़ो के दग ु ण पर ककस संरचन क स क्ष्य शमल है | स्जनक प्रयोग
ववशिष्ट स वणज ननक प्रयोजनों के शलए ककय ज त ि | इसके थि पत्य कल
क संक्षिप्त में वणणन करे |

मोहनजोदड़ो के दग
ु ण पर शमले संरचन त्मक स क्ष्य -----

ववि ल थन न ग र एक म ल गोद म
ववि ल थन न ग र की थि पत्य कल क वणणन --
▪ ववि ल थन न ग र आाँगन में बन एक आयत क र जल िय है जो च रो और से एक गशलय रे से
नघर है

▪ इसके तल तक ज ने के शलए इसके उत्तरी और दक्षिणी भ ग में दो सीढढय ं बनी िी

▪ इसके ककन रे पर ईंटो को जम कर ति स्जप्सम के ग रे के प्रयोग से इसे जलबध ककय गय


ि

▪ जल िय से प नी एक बड़े न ले में बह ज त ि

▪ उत्तर में एक गली के दस


ू री और एक छोटी संरचन िी स्जसमें आठ थन नघर बन ये गए िे

▪ एक गशलय रे के दोनों और च र च र थन नघर िे

▪ प्रत्येक थन नघर से न शलय ाँ ,गशलय रे के स ि –स ि बने एक न ले में शमलती िी


हडप्प सभ्यत के कोई च र नगरो के न म बत इए ? ति उन थि नों
Q के न म बत इए जह ाँ शसंच ई के अंि प ए गए है ?

हडप्प सभ्यत के च र नगर

मोहनजोदड़ो धौल वीर


लोिल

क लीबंग
थि न जह शसंच ई के अंि प ए गए

िोतघु ई
धोल वीर
(अफग ननथत न ) (गज
ु रत )
हडप्प सभ्यत की स म स्जक शभन्नत को पहच नने में परु वथतय
ु े
Q ककस प्रक र सह यक होती है ? संिेप में बत ये ?

परु तत्वववद हड़प्प ई सम ज में सम स्जक – आर्िणक शभन्नत ओ क पत लग ने के


शलए ननम्नशलखखत तरीके आपन ते िे

िवधन
❑ िव ध नो में मतृ कों को दफ़न ते समय उनके स ि ववशभन्न
प्रक र की वथतए
ु र खी ज ती िी

❑ यह वथतुए बहुमल्
ू य होती िी और स ध रण भी होती िी

बहुमल्
ू य वथतए
ु मत
ृ क की मजबत
ू आर्िणक स्थिती को व्यक्त करती है

स ध रण आर्िणक स्थतिी क प्रतीक िी


स ध रण वथतुए
ववल शसत की वथतु

उपयोगी वथतु
ववल शसत की वथतुए
हडप्प सभ्यत क ववन ि कैसे हो गय ? कोई च र क रण बत इए ?

हडप्प सभ्यत के पतन के क रण

ब हरी आक्रमण

बढ़
सूख

नढदयों क म गण बदलन जलव यु पररवतणन


भक
ू ंप
हड़प्प सभ्यत की शलवप की वविेषत ए बत ओ ?

र्चत्र त्मक शलवप िी

यह वणणम लीय नहीं िी

इसमें लगभग 375 से 400 के बीच र्चह्न


िे

आज तक पढी नहीं ज सकी

द ई से ब यीं और शलखी ज ती िी
Q कननंघम कौन ि ? कननघम क भ्रम क्य ि ? थपष्ट करो ?

❑ अलेक्जेंडर कननघम भ रतीय पुर त स्त्वक सवेिण ववभ ग क ड यरे क्टर जनरल ि

❑ कननंघम से हड़प्प की मह
ु र को समझने में भल
ू हुयी िी

❑ वह हड़प्प की मह
ु र क क ल खंड सही से ननध णररत नहीं कर प य ि

❑ वो ऐस म नत ि कक भ रतीय इनतह स क प्र रम्भ गंग की घ टी में ववकशसत


पहले िहरो के स ि ि

❑ वो हड़प्प के महत्त्व को नहीं समझ प य ि


Q कैसे पत चलत है कक हडप्प सभ्यत में ि सक रह होग ?
❑ नगर ननयोजन हड़प्प सभ्यत की ि नद र नगर ननयोजन को दे खकर

ऐस लगत है की वह ं जरूर कोई अच्छ ि सक रह


होग

❑ कच्चे म ल के समीप बस्थतय ज्य द तर बस्थतय हडप्प सभ्यत में कच्चे म ल के स्रोत के ननकट
बस ई गयी िी
इसे दे खर भी ऐस अनम ु न लग य गय कक यह ककसी ि सक
द्व र ककय गय होग

❑ ईंटो क आकर एक सम न हडप्प सभ्यत में अलग अलग थि न पर जो ईंटे शमली है उनक
आक र एक स म न ि

इससे यह पत लगत है की यह ि सक द्व र कर य गय होग


❑ मह
ु रो क चलन मह
ु रो क चलन ि

यह ककसी ि सक द्व र ही चल य गय होग

हडप्प सभ्यत को दो भ गो में ब ंट गय ि –दग


ु ण ति ननचल िहर
❑ दग
ु ण क ऊंच होन
दग
ु ण में सभ ग र आढद प ए गए है यह ि सक ने अपने रहने के शलए
बनव ए होंगे

हडप्प सभ्यत क व्य प र दस


ु रे दे िो से भी रह है
इसके प्रम ण शमले है
❑व्य प र व्यवथि
व्य प र के ननयम ि सक द्व र ही बन ये ज ते रहे होंगे
Q शिल्प उत्प दन केन्रों की पहच न ककस प्रक र की ज ती है ? वणणन करो
?

शिल्प उत्प दन मनके बन न , सीवपय ाँ क टन ,ब त बन न


,मोहरे बन न ,ध तओ
ु को ढ लन आढद

शिल्प उत्प दन केन्रों की पहच न

त्य गी गयी वथतुए


उत्प दन थिलों से शमली वथतए

अधण ननशमणत वथतुए


कूड़ करकट
Q
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