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28. निपात
28. निपात
ifjHkk"kk&जो अव्मम किसी शब्द मा ऩद िे फाद जुड़िय उसिे अथथ भें विशेष प्रिाय िा फर बय दे ते हैं
उन्हें निपात िहते हैं।
इसभें ही, भी, तो, तक, भर, केवऱ, मात्र इत्मादद शब्दों िा प्रमोग किमा जाता है ।
उदाहरण:
याभ ही लरख यहा है ।
निपात के कायय
ननऩात िे ननम्नलरखखत िामथ होते हैं-
(1) ऩश्र- जैसे : क्मा िह जा यहा है ?
(2) अस्िीिृनत- जैसे : भेया छोटा बाई आज िहाॉ नहीॊ जामेगा।
(3) विस्भमाददफोधि- जैसे : क्मा अच्छी ऩुस्ति है !
(4) िाक्म भें किसी शब्द ऩय फर दे ना- फच्चा बी जानता है ।
निपात के प्रकार
ननऩात िे नौ प्रिाय मा िगथ हैं-
(1) स्िीिामथ ननऩात- जैसे : हाॉ, जी, जी हाॉ।
(2) नियाथथि ननऩात- जैसे : नहीॊ, जी नहीॊ।
(3) ननषेधात्भि ननऩात- जैसे : भत।
(4) ऩश्रफोधि- जैसे : क्मा ?
(5) विस्भमाददफोधि ननऩात- जैसे : क्मा, िाश, िाश कि।
(6) फरदामि मा सीभाफोधि ननऩात- जैसे : तो, ही, ति, ऩय लसपथ, िेिर।
(7) तुरनफोधि ननऩात- जैसे : सा।
(8) अिधायणफोधि ननऩात- जैसे : ठीि, रगबग, ियीफ, तियीफन।
(9) आदयफोधि ननऩात- जैसे : जी।