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BHDAE -182
उतर : संप्रेषण एक तरह का संवाद होता है जिसके माध्यम से मनष्ु य अपने मन के विचारों को, अपने
मन की भावनाओं को बोल करके, लिख करके किसी दस ू रे तक पहुंचाता है । इसे हम संप्रेषण कहते हैं
संप्रेषण के विविध रूप निम्नलिखित है जिसका आकलन हम निम्नलिखित संदर्भ में कर सकते हैं_
● मौखिक संप्रेषण : मौखिक संप्रेषण वह संप्रेषण है जिसके द्वारा मनष्ु य बोल करके अपने मन की
भावनाओं को ,अपने मन के विचारों को ,किसी दस ू रे व्यक्ति के पास पहुचाता है इस तरीके के
संप्रेषण को हम मौखिक संप्रेषण कहते हैं । जैसे समाचार पत्र पर होने वाला समाचारों का प्रसारण
मौखिक संप्रेषण का सबसे उत्तम उदाहरण है । वहां बोलकर के समाचारों को दे श के कोने कोने में
बैठे लोगों तक पहुंचाया जाता है ।
● लिखित संप्रेषण : लिखित संप्रेषण व संप्रेषण का माध्यम है जिसमें कोई व्यक्ति लिखकर अपने
मन की भावनाओं को अपने मन के विचारों को अपने मन की बातों को किसी दस ू रे व्यक्ति तक
पहुंचाने का प्रयास करता है इस तरीके के संप्रेषण को हम हिंदी भाषा में लिखित संप्रेषण के नाम
से जानते हैं जैसे समाचार पत्र में जो समाचार छपी हुई रहती है वह लिखित रूप में होती है इसके
अलावा जब हम किसी व्यक्ति को पत्र लिखते हैं तो वहां जो संप्रेषण का माध्यम होता है वह भी
लिखित रूप में ही होता है अतः हम लिख कर भी अपने मन की विचारों को इसी दस ू रा तक पहुंचा
सकते हैं l
● आंगिक संप्रेषण: आंगिक संप्रेषण व संप्रेषण होता है जिसमें व्यक्ति संकेत के माध्यम से या
अपने शरीर के किसी अंग के माध्यम से अपने मन की भावनाओं को अपने मन के विचारों को
अपने मन की बातों को किसी दस ू रे तक पहुंचाने का प्रयास करता है इस तरीके के संप्रेषण को हम
आंगिक संप्रेषण कहते हैं क्योंकि इसमें इशारों के द्वारा कोई व्यक्ति किसे दस ू रे व्यक्ति के पास
अपनी मन की बातों को रखता है । जैसे जो गंग ू े लोग होते हैं वह अक्सर संकेत के माध्यम से
इशारों के द्वारा अपने मन के विचारों को एक दस ू रे के साथ साझा करते हैं अतः हम कह सकते हैं
कि संकेत के द्वारा जो उस संवाद होता है वह आंगिक संप्रेषण या सांकेतिक संप्रेषण के अंतर्गत
आता है ।