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सम्प्रेषण के अवरोध एवं सुझाव

CONTENT

 COMMUNICATION
 BARRIER IN COMMUNICATION

 TYPES OF BARRIER IN

COMMUNICATION
 SUGGESTION
सम्प्रेषण (COMMUNICATION)
 सम्प्रेषण (Communication) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से
दो या दो से अधिक लोग सूचनाओं, विचारों, विचारों, भावनाओं का इस
तरह आदान-प्रदान करते हैं कि प्रत्येक को इच्छित संदेश की सामान्य
समझ प्राप्त हो जाती है।

 सम्प्रेषण (Communication) प्रणाली 35% संदेश मौखिक रूप से


और शेष 65% गैर मौखिक रूप से प्रसारित किया जाता है।
BARRIER OF COMMUNICATION
सम्प्रेषण (Communication) प्रक्रिया में बाधा एक प्रकार का अवरोध
है, जो संदेश के प्रभाव को कमजोर कर देता है। परिणामत: संदेश को ग्रहण
करने व उसके अर्थ को समझने में प्रापक को तथा समझाने में संचारक को
परेशानी होती है। इसमें विकृ त फीडबैक मिलता है। दूसरे अर्थो में, सम्प्रेषण
(Communication) प्रक्रिया के दौरान संचारक चाहता है कि उसके
द्वारा सम्प्रेषित संदेश शत-प्रतिशत प्रापक तक पहुंचे तथा वह उसकी
व्याख्या उन्हीं अर्थो में करें, जिसको ध्यान में रखकर संदेश की संरचना की
गयी है। इस प्रक्रिया में कोई न कोई बाधा अवश्य आती है।
TYPES OF BARRIER IN COMMUNICATION

 
 सिमेंटिक बाधाएं (Semantic barriers)
 मनोवैज्ञानिक बाधाएं (Psychological barriers):
 संगठनात्मक बाधाएं (Organizational barriers)
 व्यक्तिगत बाधाएं (Personal barriers)
 सिमेंटिक बाधाएं (Semantic barriers):-
इसका अर्थ यह है कि जब सूचना या संदेश प्राप्तकर्ता
द्वारा उसी अर्थ में नहीं समझा जाता है जैसे प्रेषक संदेश भेजता है। यह
विभिन्न अर्थों के साथ सूचना की समझ को संदर्भित करता है। इसे प्रेषक
और प्राप्तकर्ता के बीच गलतफहमी के रूप में भी जाना जाता है।
उदाहरण के लिए, दोषपूर्ण लेनदेन, संदेश प्रतीकों के
साथ भेजते हैं लेकिन अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग अर्थ होते हैं
जैसे भाषा, संस्कृ ति,
  मनोवैज्ञानिकबाधाएं (Psychological barriers):-
ध्यान की कमी, अविश्वास और संगठन के अन्य सदस्यों
के साथ खराब संबंध मनोवैज्ञानिक बाधाओं के मुख्य कारण हैं। उदाहरण के
लिए, कर्मचारी अपने बॉस द्वारा दिए गए नोटिस या संदेश का ध्यान नहीं
रखते हैं।

 संगठनात्मक बाधाएं (Organizational barriers):-


संगठनात्मक संरचना, नियम, नीतियां, संगठनात्मक
जटिलताएं संचार में बाधाएं पैदा कर रही हैं। जब संचार के चैनल बहुत
जटिल होते हैं और सूचना विभिन्न स्तरों से गुजरती है तो कभी-कभी
सूचनाओं के आदान-प्रदान का अर्थ और तरीका बदल जाता है।
  व्यक्तिगतबाधाएं (Personal barriers):-
प्रबंधकों का रवैया, कर्मचारियों में आत्मविश्वास की कमी,
काम का बोझ, अज्ञानता आदि संचार में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं जो
संगठनात्मक वातावरण पर प्रतिकू ल प्रभाव डालता है।
उदाहरण के लिए, एक प्रबंधक अपने कर्मचारियों के प्रति
नकारात्मक रवैया दिखाता है और हमेशा अशिष्ट व्यवहार करता है तो
कर्मचारी उसके साथ सहज महसूस नहीं करते हैं। कभी-कभी वे अनुपयुक्त
तरीके से जानकारी का खुलासा करने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
SUGGESTIONS FOR IMPROVEMENT OF
COMMUNICATION BARRIERS
 सन्देश की स्पष्टता एवं पूर्णता :- सम्प्रेषित किया जाने वाला सन्देश उद्देश्य
की दृष्टि से पूर्ण एवं स्पष्ट होना चाहिए। सन्देश में भ्रमपूर्ण, अनेकार्थी शब्दों,
मुहावरों एवं तकनीकी शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सन्देश जहाँ तक
सम्भव हो लिखित तथा संक्षिप्त होना चाहिए।
 सरल व स्पष्ट भाषा का प्रयोग :- सम्प्रेषित सन्देश में प्रयक्त भाषा अत्यन्त
सरल, समझने योग्य व प्राप्तकर्ता के दृष्टिकोण से समझने योग्य होनी चाहिए,
ताकि प्राप्तकर्ता सन्देश को उसके मोलिक स्वरूप में ग्रहण कर उस सन्देश
के वास्तविक अर्थ को समझ सके ।
 भावनाओं पर सम्पूर्ण नियन्त्रण :- एक सफल भावनाओं पर दोनों ही पक्षों
सम्प्रेषक एवं प्राप्तकर्ता का नियन्त्रण होना आवश्यक हा भावनाओं पर नियन्त्रण
न होने से सन्देश के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होगी।

 संचार के उचित माध्यम का चुनाव :- संचार अवरोध को दर करने के लिये


संचार के उचित माध्यम का चुनाव किया जाना चाहिए। विचार-विमर्श के लिये
और प्रोत्साहन के लिए आमने-सामने का संचार उत्तम है। अधिक सध्या म
निरक्षर या अशिक्षित लोगों को सचना देने के लिए मौखिक या दष्टि सम्बन्धी
संचार आघक उपयोगी सिद्ध होता है।
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