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पाठ 8. भीड़ में खोया आदमी
पाठ 8. भीड़ में खोया आदमी
(क) " पन्द्रह दिन पहले आरक्षण के लिए स्टे शन पर गया तो वहाँ पहले से ही लोगों की लम्बी कतार खड़ी
थी। "
(i) लेखक कहाँ जा रहा था और क्यों ? स्टे शन पर आरक्षण क्यों नहीं हो पाया
(i) लेखक रे ल से हरिद्वार जा रहा था क्योंकि उसे वहाँ अपने मित्र श्यामलाकांत की बड़ी पत्र
ु ी के विवाह में
भाग लेना था। श्यामलाकांत लेखक के घनिष्ठ मित्र थे।
स्टे शन पर लेखक का रे ल में आरक्षण न हो सका क्योंकि वहाँ पहले से बहुत अधिक व्यक्तियों की लम्बी
लाइन थी।
(ii) लेखक ने अपने मित्र का प्रारम्भिक परिचय दे ते हुए बताया है कि हरिद्वार निवासी उनके यह मित्र
सीधे-सादे , परिश्रमी, ईमानदार, किन्तु व्यक्तिगत जीवन में लापरवाह थे। वे उम्र में लेखक से छोटे थे,
किन्तु उनका सात बच्चों का बड़ा परिवार था।
(iii) यात्रा के दिन स्टे शन पर यात्रियों की भीड़ दे खकर लेखक घबरा गया। कुली की
सहायता से किसी प्रकार खिड़की के मार्ग से डिब्बे में पहुँचा। 'लक्सर' स्टे शन पर भी वह किसी प्रकार गाड़ी
के बाहर आया। गाड़ी के अन्दर, बाहर और डिब्बे के ऊपर यात्रियों की भीड़ दे खकर वह परे शान हो गया।
किसी प्रकार परे शानी सहकर वह हरिद्वार पहुँचा।
(iv) 'भीड़ में खोया आदमी' निबन्ध के द्वारा लेखक क्या सन्दे श दे ना चाहता है ?
(iv) 'भीड़ में खोया आदमी' से लेखक परिवार को सीमित रखने और दे श की जनसंख्या को कम करने का
सन्दे श दे ना चाहता है । उसने श्यामलाकांत के परिवार के माध्यम से बढ़ती हुई आबादी से पैदा होने वाले
संकटों और समस्याओं की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है ।
(ख) " हरिद्वार स्टे शन पर श्यामलाकांत जी का बड़ा लड़का दीनानाथ मझ ु े लेने आया था। उसे अपनी
पढ़ाई परू ी किये दो वर्ष हो गए हैं। तभी से नौकरी की तलाश में भटक रहा है । "
(iii) रोजगार कार्यालय की दशा का वर्णन कीजिए। उक्त प्रसंग के द्वारा लेखक क्या कहना चाहता है ?
(iii) रोजगार कार्यालय में दशा खराब थी। कई घण्टे लाइन में लगने के बाद जब दीनानाथ का नम्बर
आया तो उसका नाम लिखते हुए अधिकारी ने कहा कि पहले से ही उस जैसे सैकड़ों व्यक्ति नौकरी का
इन्तजार कर रहे हैं।
उक्त प्रसंग के द्वारा लेखक यह दिखाना चाहता है कि दे श की तेज गति से बढ़ती हुई जनसंख्या ने दे श
के हर क्षेत्र में भीड़, अनश
ु ासनहीनता, अव्यवस्था, कुपोषण आदि परे शानियों को जन्म दिया है । इसके
लिए हमें शीघ्र ही बढ़ती हुई जनसंख्या पर रोक लगानी होगी।
(iv) दे श में जनसंख्या की वद्ृ धि होने से दे श की अर्थव्यवस्था पर बरु ा प्रभाव पड़ता है । अन्न उत्पादन
जनसंख्या की अपेक्षा कम होता है । इससे महँगाई और बेरोजगारी बढ़ती है । रोजगार सीमित लोगों को ही
मिल पाता है । शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात सम्बन्धी सवि ु धाएँ महं गी हो जाती हैं और सबको उपलब्ध नहीं
हो पातीं। जनसंख्या के बढ़ने से दे श में गरीबी बढ़ती है । लेखक ने इस लेख के माध्यम से बताया है कि
बाब,ू श्यामलाकांत का परिवार बड़ा होने के कारण वह अपनी सीमित आमदनी में से न तो सख ु द आवास
दे पाता है और न ही पौष्टिक भोजन। परिणामस्वरूप उसके परिवार के सदस्य बीमार रहते हैं और धन की
कमी के कारण ठीक प्रकार से इलाज भी नहीं हो पाता।
(i) लेखक अपने मित्र श्यामलाकांत की लड़की की शादी पर उनके घर गया। वे हरिद्वार में एक छोटे से
मकान में अपने बड़े परिवार के साथ रहते थे। छोटे -छोटे कमरों में सामान की ठूसमठास और बच्चों की
भीड़ दे खकर लेखक का दम घट ु ने लगा।
(iii) मकान न मिलने का कारण जनसंख्या की वद् ृ धि है । जितनी आबादी बड़ी है उतने मकान नहीं बन
पाते। बड़ा परिवार होने के कारण परिवार का मखि
ु या अपनी सीमित आय में से अच्छे मकान के लिए
किराया नहीं निकाल पाता। श्यामलाकांत जैसे बड़े परिवार वाले लोग छोटे मकान में ही गुजर करते हैं।
(iv) दे श की जनसंख्या बहुत तेजी से और लगातार बढ़ते जाने के कारण शहर दरू -दरू तक फैलते जा रहे
हैं। खेती योग्य भमि
ू का क्षेत्रफल घटता जा रहा है । नए लोगों के लिए मकानों की कमी है ।
मित्र ने बड़ी हुई जनसंख्या के विषय में टिप्पणी करते हुए कहा है कि बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण
बीमारी, कुपोषण, अव्यवस्था, अनश ु ासनहीनता आदि का सामना करना पड़ता है । अगर दे श को इन
परे शानियों से बचाना है तो जनसंख्या को बढ़ने से रोकना होगा।
(घ) " अब यहीं दे खिए न मेरी तबियत भी ढीली ही रहती है । सोचा था विवाह के कपड़े दर्जी से सिलवा
लँ ग
ू ी। "
(i) श्यामलाकांत की पत्नी की तबियत ढीली-सी रहती है । इसका कारण है । बड़ा परिवार और उसके
अनरू ु प आमदनी का कम होना। धन के अभाव में श्यामलाकांत के बड़े परिवार को न तो पौष्टिक भोजन
मिल पाता है और न ही स्वच्छ वातावरण दस ू रा कारण मफ् ु त दवा दे ने वाले अस्पतालों में भीड़ और महँगे
इलाज के कारण समय पर सही इलाज न मिल पाना। अतः ऐसी स्थिति में लेखक की पत्नी की तबियत
खराब ही रहती है ।
(ii) किसका विवाह है ? कपड़े सिलवाने कौन गया ? दर्जी ने उससे क्या कहकर इन्कार कर दिया ?
(ii) बाबू श्यामलाकांत की रिश्तेदारी में किसी का विवाह है । कपड़े सिलवाने के लिए दर्जी के पास
श्यामलाकांत का बड़ा बेटा गया था। दर्जी ने पहले से ही आए कपड़ों का ढे र दिखाकर अपनी मजबरू ी
जाहिर कर दी अर्थात ् इंकार कर दिया।
(iii) श्यामलाकांत जी के परिवार में कितने सदस्य हैं ?उसके लिए कौन जिम्मेदार है ?
(iii) श्यामलाकांत जी के परिवार में कुल नौ सदस्य हैं। यह एक बड़ा परिवार है और इसके जिम्मेदार हैं
स्वयं श्यामलाकांत जी। उन्होंने परिवार नियोजन में लापरवाही की और बच्चों की टीम खड़ी कर दी।
उन्होंने अनेक समस्याओं को स्वयं ही जन्म दिया जिनका कोई समाधान दिखाई नहीं दे ता।
(iv) स्वस्थ, सम्पन्न और सखु ी परिवार के लिए सबसे पहले जरूरी बात है कि परिवार सीमित हो। जब
परिवार संक्षिप्त होगा तभी आर्थिक साधनों से परिवार के सख
ु ी जीवन के लिए सवि
ु धाएँ जटु ाई जा
सकेंगी।
दस
ू री आवश्यक बात है कि घर का साफ-सथ
ु रा और हवादार होना। मकान बिजली की सवि
ु धा और
नालियों का निकास बाहर हो।
तीसरी बात बीमारी और कुपोषण से बचने और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है पौष्टिक भोजन मिलना।
यदि परिवार को पौष्टिक भोजन मिलेगा तो वह बीमार नहीं होगा।
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