Professional Documents
Culture Documents
Del - दर्शनशास्त्र - विकिपीडिया PDF
Del - दर्शनशास्त्र - विकिपीडिया PDF
दशनशा वह ान है जो परम् स य और कृ त के
स ांत और उनके कारण क ववेचना करता है।
दशन यथाथ क परख के लये एक कोण है।
दाश नक च तन मूलतः जीवन क अथव ा क खोज
का पयाय है। व तुतः दशनशा व व, अथात कृ त
तथा समाज और मानव चतन तथा सं ान क या
के सामा य नयम का व ान है। दशनशा सामा जक
चेतना के प म से एक है।
दशनशा का े
दशनशा अनुभव क ा या है। इस ा या म जो
कुछ अ प होता है, उसे प करने का य न कया
जाता है। हमारी ान याँ बाहर क ओर खुलती ह, हम
ाय: बा जगत् म वलीन रहते ह। कभी कभी हमारा
यान अंतमुख होता है और हम एक नए लोक का दशन
करते ह। त य तो दखाई दे ते ही ह, नै तक भावना
आदे श भी दे ती है। वा त वकता और संभावना का भेद
आदश के यय को करता है। इस यय के
भाव म हम ऊपर क ओर दे खते ह। इस तरह दशन के
मुख वषय बा जगत्, चेतन आ मा और परमा मा
बन जाते ह। इनपर वचार करते ए हम वभावत: इनके
संबंधो पर भी वचार करते ह। ाचीन काल म रचना
और रच यता का संबंध मुख वषय था, म यकाल म
आ मा और परमा मा का संबंध मुख वषय बना और
आधु नक काल म पु ष और कृ त, वषयी और वषय,
का संबंध ववेन का क बना। ाचीन यूनान म भौ तक ,
तक और नी त, ये तीन दशनशा के तीन भाग समझे
जाते थे। भौ तक बाहर क ओर दे खती है, तक वयं
चतन को चतन का वषय बनाता है, नी त जानना
चाहती है क जीवन को व थत करने के लए कोई
नरपे आदे श ात हो सकता है या नह ।
त व ान म मुख ये ह-
1. ान के अ त र ाता और ेय का भी अ त व है
या नह ?
2. अं तम स ा का व प या है? वह एक कार क
है, या एक से अ धक कार क ?
ानमीमांसा म मुख ये ह-
1. ान या है?
2. ान क संभावना भी है या नह ?
3. ान ा त कैसे होता है?
4. मानव ान क सीमाएँ या ह?
(1) मु य वषय -
ानमीमांसा (Epistomology)
त वमीमांसा (Metaphysics)
नी तमीमांसा (Ethics)
स दयशा (Aesthetics)
तकशा (Logic)
यथाथवाद
संदेहवाद
भारतीय दशन
व तृत ववरण के लये भारतीय दशन दे ख।
आ तक या वै दक दशन
ना तक या अवै दक दशन
चावाक दशन
बौ दशन
जैन दशन
पा ा य दशन
ाचीन पा ा य दशन
सुकरात
लेटो
अर तू
आधु नक पा ा य दशन
रेने दे कात
पनोजा
गाट ड लैब नट् ज़
कांट
डे वड म
समकालीन पा ा य दशन
यां-पाल सा
ए जे एयर
वट् ग टाइन
स दभ
1. दशनकोश, ग त काशन, मा को, १९८0,
पृ -२६५-६६, ISBN ५-0१000९0७-२
इ ह भी दे ख
दशन का इ तहास