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* कै

सेआये
भगवान राम के
पग तलवे
म ये
चार च ह : कमल व
अंकु
श वजा

बाबा तु
लसी दास जी ने
रामच र मानस म लखा है

“ल लत अं
क कु
लसा दक चारी ।।” अथात भगवान राम के
पग तलवे
म चार च ह अं
कत ह। १-
कमल २- व ३-अं
कुश ४- वजा। आइए जानते हैकै सेआए भुी राम केपग तलवे
म येच ह


१–कमल—-

पू
व क प म गज के पै
र को ाह नेअपने मु
ख से पकड लया। हाथी को खाना चाहता है
। दद से
हाथी कराह उठा। च लानेलगा। अपनी सूं
ढ म एक कमल पु प ले
कर भगवान को पुकारने लगा। हे
कमलाप त कमलनयन भ व सल भु हमारी र ा क जए। भ क वे दना भगवान से सही नही
गई। भगवान नंगेपाँ
व दौड के
गज के पास प ँच गये।गज को ह सेबचाया।

भगवान को सम पत करने केलए गज के पास सू


ँढ मेकमल पुप तथा भ ये दो चीज थी उसने
बडेम ेसेदोन व तु
ए भु को अ पत करद ।भगवान व णु ने
” उस भ पी कमल को अपने
पाँ
व केतलवेम था पत कर लया। और गज से बोले:– ये
भ पी कमल हमारेपाँ
व केतलवे
म अन त काल तक रहे
गा ।

२– व –

व णु
जी तप या कर रहे
थेवह एक वृउग आया जो गुडहल केनाम से
जाना गया। उसनेव णु
जी को धू
प से
बचाने केलए अपनी छाया व णु
जी पे
करद । और दस हजार वष तक लगातार
व णुजी पे
पुप क बरसात करता रहा। ले
कन व णुजी ने
अपने नेनही खोले
। यह देखकर
वृको ोध आ गया। अपने पु
प को प थर प म प रव तत करकेभगवान व णु जी पेबरसाने
लगा।

अचानक भगवान व णु जी केनेखु ल गये।भगवान का सारा शरीर घायल हो गया था। व णुजी
ने
उसेदंड नही दया ब क उसे बरदान दया। उसे
भ का बरदान दे के प थर पी पु प को
अ म प रव तत कर के व बना दया। और वृसे बोले ये
भ पी पुप व हमारे पाँ
व के
तलवेम तुहारी नशानी के प म अन तकाल तक रहेगी ।

३–अं
कु

नारयणी नाम क एक नाग क या थी । जसने भगवान व णु क ऩराहार रह कर प चास हजार


वष तक घोर तप या क । नाग क या क तप या से खुश होकर भगवान व णुगट ए और क या
सेवर मां
ग नेको कहा। क या बोली :– भुम -सदा आप के साथ रहना चाहती ँ
, आप केसाथ
रहकर आप पे आने वाली हर मु
सीबत तथा दै
हक,दै वक,भौ तक ताप का हनन करना चाहती ँ।
बस यही वर चा हए ।

क या क बात सुनकेभगवान व णु
नेउस क या को अं
कु
श प म प रव तत करके
अपने
पग के
तलवे म था पत कर लया।

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