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Prema Bhakti Chandrika
Prema Bhakti Chandrika
न ा
वीकृ तयाँ
प रचय
ील नरो मनोकम मंगलाचरण
. ी गु म हमा . एका त
भ . आ मा नवेदन .
युगल भजन ननोह .
रागानुग भ रेते . ेम
भ को जगाने के लए यान
के वषय . एक भ के अन य
गुण . र ेमपूण भ सेवा . अं तम नदश प र श एक
प र श दो प र श तीन
महाकाय
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न ा
वीकृ तयाँ
प रचय
ी पा और ी सनातन क अ य ता म कृ ण के इस ेम क कृ त के बारे म भ
शा के खंड लखने के लए।
गो वामी ने भगवान चैत य महा भु के नदश का पालन करते ए भ शा
के खंड लखे जैसे ी बृहद भागवतामृत भ रस मता सधु उ वला नेलाम ह र
भ वलास वद ध माधव ल लता संधाव वद ध माधव और अ य। ील कृ णदास
क वराज गो वामी ने तब इन लेख से सार लया और इसे ी चैत य च रतामृत के प म
नया के सामने तुत कया। ील नरो म दास ठाकु र महाकाय लोकनाथ गो वामी के
श य थे जो भगवान चैत य के मुख अनुयायी थे। भगवान चैत य महा भु ने लोकनाथ
गो वामी को वृंदावन जाने और कृ ण क लीला के खोए ए ान क खुदाई करने का
आदे श दया। उ ह ने लोकनाथ गो वामी को नरो म दास के कट होने क भ व यवाणी करते
ए कहा उनका एक श य होगा जो क तन क एक अनूठ शैली को कट करेगा जो सभी
मनु य को मो हत कर लेगी। ील नरो म दास ठाकु र ने ी नवास आचाय और यामानंद
भु के साथ ील जेवा गो वामी के अधीन अ ययन कया। इसके बाद स तीन को
बंगाल म गो वाम के लेख न को सा रत करने का आदे श दया गया।
ई र दास ने
गौरा पू णमा वृ दावन धाम भारत को
पूरा कया।
पाठ
कृ ण नमः व ण व र चं भा धव त
तमो भारय गौरांग दे व अनुक ारय त माई नमो नमः
े ला नरो मय
वण बौछार व ा जसका मुख च भा चाँद क करण क तरह व त नाश करने वाला तमो भाय
सभी अ ान गौरांग दे व भगवान गौरांग के अनुचय स े अनुयायी नमो नमः म बार बार णाम
करता ं सेरेला नरो माया अंटू réla
नरो म।
पाठ
पसीना अ ू धरा आँसु क धार नै प य जसम नान कया जाता है त माई उसम नमो
नमः म बार बार णाम करता ं सेरेला नरो मया अरेला नरो म तक
म ील नरो म दास ठाकु र को बार बार णाम करता ँ। वह प व नाम के जाप के आनंद म
लीन होकर थोड़ा मु कु राता है। उनके दांत सभी दशा को रोशन करते ह। आनंदमय आँसु क धाराएँ
लगातार उसके चेहरे को नान कराती ह।
पाठ
म ील नरो म दास ठाकु र को बार बार णाम करता ँ। मोदं ग क आवाज सुनकर ही उनके पैर
नाचने लगते ह।
यह मन को कै द कर लेता है इतना आनंद दे ता है क उसके बाल सरे पर खड़े हो जाते ह।
पाठ
म ील नरो म दास ठाकु र को बार बार णाम करता ँ। उनका नृ य इतना सुंदर है क यह गंधव
के गौरव को जीत लेता है और सभी वशेष नतक और गायक क सभा को च कत कर दे ता है। ील
नरो म दास ठाकु र ने इस कार मनोहर साही नामक मृदंग गायन और वादन क अपनी शैली क शु आत
क है।
पाठ
म ील नरो म दास ठाकु र को बार बार णाम करता ँ। कभी कभी परमानंद म वह बेहोश
होकर जमीन पर गर जाता है। इस कार उनका तेज ोमय शरीर धूल को अलंक ार के प म धारण करता है।
महान भा य से ही कोई इस द को ा त कर सकता है।
पाठ
म ील नरो म दास ठाकु र को बार बार णाम करता ँ। जहाँ भी उसक दया वा हत होती है
वह वहाँ एक त सभी लोग म कृ ण के अलावा कसी भी चीज़ क यास को पूरी तरह से मटा दे गी।
पाठ
पाठ
पाठ
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पाठ
ील नरो म क दयालु से असी मत ोध जैसे गुण भी शांत हो जाएंगे। उनके सुंदर अंग उनके
दांत क चमक उनका कमल जैसा चेहरा उनक ह क मु कान और उनका नृ य मेरे दय म कट हो।
मंगलाकरण
शुभ आ ान
पाठ
धम अथ काम मोकना व ा आ द सब
उपरो सभी अवतार या तो पूण अंश ह या भगवान के पूण अंश के अंश ह ले कन भगवान ी कृ ण
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पाठ
पाठ
ारा
उनक द कृ पा
उनके बा लयां उनका मुकु ट उनक चू ड़यां उनका हार और बे ट आ द सबसे मू यवान र न
से अलंकृ त उनका आकषक मु कु राता आ चेहरा माथे पर चंदन के गूदे से सना आ और उनके पीले रेशमी
व सभी मलकर उ ह पूण आकषक बनाते ह। व।
दोषी दमाग वाले शासक के लए वह सबसे बेमानी रा यपाल तीत होता था और व प ो कसु
माता पता के लए वह एक छोटा ब ा तीत होता था मृ यु भोजपते वह भोज के राजा कं स के सामने
मृ यु के प म कट आ था वराट अ व षं उ ह ने कम बु मान य के लए सव ापी
सावभौ मक व के साथ अपनी पहचान क त वं परम यो गनाम वे रह यवा दय को परम स य के पम
कट ए व णुनं परदे व वै णव के लए या वाणी के वंशज के लए सव पूज नीय दे वता तीत होते
ह । और इस कार संबं धत जानने वाल को उनक अपनी जानने क श के अनुसार जाना जाता है तब
भगवान कृ ण अपने बड़े भाई ी बलदे व के साथ राजा कं स के अखाड़े म वेश करते ह।
. रौ ोध अ त
. अ त . कं गारा संयु मत
. ह य हा
दयाय दयालु
. वीर . श ाचारी
दा य दासता.
. सा य .ातृवभ
व सा. भयनाका भयावह
च काने वाला
. कांत पता
तट एगार .और वा स
माधुयय माता
रस एक
ही ह। ये बारह रस
अ याय एक ी गु
म हमा
आ या मक गु क म हमा
पाठ
स वस। म उन चरणकमल को बड़ी सावधानी और यान से णाम करता ँ। मेरे यारे भाई मेरे यारे मन
यह आ या मक गु क कृ पा से है क हम इस भौ तक अ त व को पार करते ह और कृ ण को ा त करते ह।
पाठ
पाठ
इस अवसर का लाभ उठाकर परम भगवान माया क बाहरी ऊजा ने जीव को असी मत भौ तक
ख म उलझा दया है और उ ह अपने वयं के प म अ ान से बने भौ तक शरीर को वीकार करने
के लए े रत कया है। के वल आ या मक गु ही ऐसे जीव को भौ तक अ त व के ख से मु करने
और उ ह उनक संवैधा नक तम ा पत करने म स म है। कखू दाना दल जेई वा यांश इं गत करता
है क आ या मक गु अ व ा से आ ा दत हमारी अँधेरी आँख को खोलता है और द दान
करता है जसके साथ हम भौ तक अ त व के सागर को पार कर सकते ह और उ आ या मक
वा त वकता को दे ख ने के यो य बन सकते ह।
पाठ
पाठ
ी वै णव म हमा
वै णव क म हमा
बैनसाबा चारण रेषु भूनाना क रया तनु जहां हैते अनुभव हया
मजना हया भजन साधु संगे अनुक नाश अजाना
अ य परजया
पाठ
काशो क प त जनु
पाठ
पाठ
हारा माला
पाठ
शु भ तव
शु भ सेवा के बारे म स ाई
हे मेरे यारे भाई मन कसी दे वता जैसे भगवान ा या भगवान शव क शरण न ल ले कन बना
वचलन के भगवान कृ ण क शरण ल और नौ कार क भ सेवा म संल न ह ।
पाठ
साधु भ शा शा गु आ या मक गु ब या
श द होदये दल म क रया करना ऐ य एकता सटाटा
हमेशा भा सबा लोट Prema mäjh ई र के ेम म कम फलदायी कायकता ानी
मान सक स े बाज भ हेना भ सेवा से र हत इहाके उ ह क रबे करगे भीना अलग
अ याय दो
एका त भ
न तभ सेवा क या
ारा
उनक द कृ पा
भगवद गीता के अ ययन से जो सीधे भगवान ारा बोली जाती है हम भगवान के साथ अपने शा त
संबंध क एक झलक पा सकते ह। यह है
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वहाँ प से कहा क जीव को अ य सभी काय को छोड़कर भगवान क सेवा करनी चा हए।
पाठ
पाठ
महा जनेरा जेई पाठ तते हबे अनुराता पूवापर क रया बकारा
साधना मरण लेला इहते न कारा हल काया माने
क रया सुसारा
महा जनेरा महाजन के जेई वह जो पथ पथ टे ट उसम हाबे होगा अनुराता संल न पूवापारा पहले और बाद
म
क रया करना बकारा वचार साधना अ यास मरण
मरण लीला शगल इहते इसम ना नह कारा करो हेला
उपे ा करना काया माने शरीर और मन के साथ क रया करना सुसारा
सार।
साधना भ का सार पछले और वतमान महाजन महान व ारा द शत पथ पर यान से वचार करना और
उसका पालन करना है।
भगवान क लीला को याद करने के अ यास क उपे ा नह करनी चा हए य कभ को तन के साथ साथ मन
से भी करना चा हए।
पाठ
हे मेरे यारे भाइयो कम और ा नय क बुरी संग त को सदा र से छोड़ दो और कृ ण से संबं धत गीत गाने
के मोह को छोड़ दो। के वल भ के साथ जुड़ और ज म कृ ण क ेममयी लीला के वषय म वलीन
ह।
पाठ
पाठ
तीथ जा ा पव ान क या ा प र मा क ठन प र म
के वल कबला मनेरा मन म सरबा स उ तम पूण ता गो बद चरन गो वदा के चरण कमल
धा फम ब वासा दोष स होदे दल म धारी पालन माडा अ भमान म यराज ई या प रहारी
छोड़ दे ना सदा हमेशा कारा करो अन या
भजन म धातु।
पाठ
तरीका
परमे र के नाम गुण और लीला को ापूवक सुनना वण कहलाता है। परमे र के नाम का
और व ासपूवक जप करना क तन कहलाता है। शु करण के बाद उ चत मं के साथ पूज न साम ी का
भोग लगाना अचना कहलाता है। भगवान के नाम गुण और लीला का आं शक मरण मरणम कहलाता
है। यान मरण के लए एक और श द है। मरणम के पाँच चरण ह मरणम् धारणां यानम ुवानु
मृ त और समा ध।
पाठ
पाठ
पाठ
पाठ
पाठ
पाठ
पाठ
गो वदा के नाम का व न कं पन सुनकर सभी श ु भाग जाएंगे जैसे शेर क दहाड़ सुनकर हरण
भाग जाता है। जो न वाथ भ करता है उसे अपार स ता का अनुभव होता है और उसके सारे संक ट
र हो जाते ह।
पाठ
पाठ
पाठ
न तभ सेवा
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पाठ
नाथे ल मी के भगवान जानके नाथे सेता के भगवान सीए भी अभेद कोई अंतर नह परमा मा
परमा मा तथापी अभी भी
माँ मेरी सव व सब कु छ राम भगवान रामचं कमला लोकानाù कमल ने
पाठ
पाठ
पृथक अलग äbäsa joge म नवास करते ह कामया ख से भरी ई वनय भागे
भौ तक भोग ज ज म बासा नवास गो वद सेवा ी गो वदा क सेवा कृ ण कथा भगवान्
के वषय
कृ ण कृ ण नाम कृ ण के प व नाम स य स य सचमुच रस धाम पारलौ कक आनंद का वास ज
लोक संगे ज के नवा सय के संघ म अनुक या नरंतर
पाठ
पाठ
अ याय तीन आ मा
नवेदन
आ म समपण
पाठ
तुमी तुम टा ह दयारा दया का सधु सागर अधम गर गया जनारा बंधु दो त अ धक
मेरे लए भु हे भगवान कारा अबधना नज़र प शना गर गया असत भोले गलतफहमी म
पाठ
पाठ
पाठ
उप खबा उपे ा करगे çuna çuna कृ पया सुन ई र हे मेरे जीवन के भगवान जडी अगर करोन
करो अपराधा अपराध तथा पह अभी भी
तुमी तुम नाथ भगवान सेबा सेवा द या दे क र कारा बनाना
अनुक ार नौकर।
पाठ
काम वासना के साथ मोरा मेरा हैटा छे दा आ सीता दल नह नह जेन जानता है नजा
अपना हत लाभ मनेरा मन का
ना नह घुसे वजय बासन भौ तक इ ाएं अ धक मेरे लए
नाथ हे मेरे भगवान अगगे कु मुझ े वीकार करो तुमी तुम ब ाइ ा क पत मनोकामना पूण
करने वाला वृ क णा दया दे ख ुक ा उ ह रहने दो
सरबा जाना हर कोई
पाठ
नया दे ख ा दे ख ो कै यान से नरो म पावन नरो म दास का उ ारकता नाम नाम धरा ात
होना घुनुक ा रहने दो
संसार म संसार म नाम प व नाम प तत पावन याम भगवान यामसुंदर प तत लोग का उ ारकता ह
नजा अपना दास नौकर
कारा मुझ े बनाओ ग रधर हे गोवधन पवत के भारो ोलक।
हे मेरे भु कृ पया तीन लोक म दे ख मुझ से अ धक कोई गरा आ नह है। नरो म के उ ारकता के प
म मनाया जाए।
ज म और मृ यु के तीन लोक म यह ात हो क भगवान यामसुंदर प तत आ मा के उ ारकता ह।
इस लए हे ग रधारी मुझ े अपना दास बना लो।
पाठ
हे भगवान नरो म ब त खी ह। कृ पया मुझ े संक तन करने के लए े रत करके मुझ े स कर । मेरा सबसे
बड़ा डर यह है क म भ सेवा के माग म आने वाली बाधा को पार नह कर पाऊं गा। इस लए म आपसे
लगातार ाथना करता ं।
चौथा अ याय
युगल भजन ननोह
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पाठ
आना कथा सांसा रक वषय आना यथा सांसा रक पीड़ा नह नह जेना मई जास जाना
तथा वहाँ तोमर तु हारा कै राना मृ त
चरण कमल को याद करना साझे सजाना अबीरता बना कसी कावट के अ बकाल
ठ क से तुया तु हारा गुण गुण कला कला म हमामं डत करना गाई मं ो ार जेना
मई म सतेरा भ का
samajhe समाज म
जहां कह भी सांसा रक वषय ख और सुख पर चचा होती है म वहां जाने से खुद को रोक सकता ं।
अपने चरणकमल के मरण से मेरे दय को सुशो भत करो। म भ के समाज म आपके द गुण का
नरंतर जप क ँ ।
जहाँ अ य बात होती ह वहाँ चता और पीड़ा होती है और म ऐसी जगह पर नह जाऊँ गा।
पाठ
अ य त अ य त अ य दान अ य दान नह नह
करो करो ब तु कारक ान वचार करना अ य सेबा सर क सेवा करना
अ य दे बा पूज ा दे वता क पूज ा करना ह ह कृ ण हे भगवान कृ ण बाली बाली जप बेसा
आ य आनंद कारी खुशी से
माने मन म मोरा मेरा नह नह जेना मई म जा
ै त।
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पाठ
पाठ
जुगला द युगल कै राना सेबा उनके चरण कमल क सेवा करना ई धना यह खजाना अ धक
मेरे लए द बा कृ पया दे जुगलेट दोन म मनेरा मन का परेती ेम जुगला ककोरा पा
युवा जोड़े का सुंदर प काम र त गण भूप कामदे व और उनक प नी रते से े माने मन म रा
उ ह रहने दो ओ लीला वे लीलाएं करेती सुपर उ कृ ।
कृ पया मुझ े अपने चरण कमल क सेवा का खजाना दान कर। आपके द प और ेम संग मेरे
मन म हमेशा कट ह । आपक सुंदरता कामदे व और उनक प नी रते से कह बेहतर है। मेरे मन म आपक
उ कृ पारलौ कक लीला को सदै व उप त रहने द।
पाठ
daçanete मुंह म तुआ भूसे धारी जोत हा हा कसोरा कसकोरे ओ यंग कपल कै रसबजे
कमल के चरण तक नबेदना कारी ाथना कर ज राजा कु मार यम याम ज के राजा का
पु बाणभानु कु मारे नामा राजा बनभानु क पु ी का नाम कृ रा धका नाम मनोहरे सबसे मोहक
रा धका।
पाठ
पाठ
çrém ükha कमल मुख सुंदर बारा सबसे सुंदर हेमा सुनहरा
नीला नीला कां त रंग धरा अ धकार भाव मूड
भूनास सजावट का कोभा सुशो भत करता है नीला नीला पेटा पीला बासाधारा पोशाक गौरे
वण ी रा धका याम काले कृ ण मनोहर करामाती अंतरा आंत रक भावे मनोदशा म शे
दोन लोभ आक षत।
यामसुंदर और रा धका के मोहक चेहरे उनके परम ेम को द शत कर रहे ह। उनके द तमान रंग
खूबसूरती से नीले और सुनहरे ह। वे पीले और गहरे नीले रंग के कपड़े पहनते ह और अपने यार के भाव
से एक सरे को आक षत करते ह।
पाठ
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गहन से अलंकृ त उनके अंग सुंदर कृ पा और नाटक के साथ चलते ह। नरो म दास ाथना करते ह
बड़े हष लास के साथ म दन रात आपके द गुण क म हमा क ँ गा। यही मेरी एकमा इ ा
है।
अ याय पांच
रागानुगा भ रेते
पाठ
पराने आ मा।
पाठ
परश दे ख
पाठ
प र श दो दे ख
पाठ
सबसे य ी पा माजारे ी रासा मांज ारे अनंग माजारे मंज ुलाले ी र त मांज ारे और क तू रका मांज ारे
के साथ उ सुक ता से अपने भु व के लए ेमपूण सेवा करते ह।
प र श तीन दे ख
पाठ
ई सभारा अनुग है ेमा सेबा नबा काज इ जटे बुझ ीबा सबा काजे
पा गु ता दगमगी सदा हबा अनुराग बसती क रबा
साखे माझे
पाठ
सा खय के संके त से म राधा और कृ ण के कमल मुख म कै मरा और सुपारी चढ़ाऊं गा। साखे राधा और
कृ ण के बीच म उ चत समय पर दान क जाने वाली व भ सेवा से पूरी तरह अवगत ह।
पाठ
जुगल चरन राधा और कृ ण के चरणकमल सेबी सेवारत नरा र नरंतर ईआई यह भाबी
सोचो असुरगे लगाव के साथ ठा कबा रहेगा सदाय हमेशा साधना अ यास करगे
भाबीबा सोचगे जहा जो भी हो स दे हे आ या मक शरीर म पाबा ा त करेगा ताहा
वह राग पथेरा आस के माग का ईआई यह से उपया या।
पाठ
साधना जे धन कै स दे हे तह पाई प वा प वा म से
बकारा पा कले से ेमा भ अप वे साधना र ी
भ लखना त व सारा
सारा स य का सार
पाठ
नरो म दास नरो म दास कह कहते ह ई जेना यह हो सकता है मोरा हाय मेरे साथ होता है ज शु
वृ दावन म असुरेज ेम क भावना बासा नवास साखे गण साखे गणनाते गनती
नरो म दास ाथना करते ह हे मेरे भगवान कृ पया मुझ े ज म रहने क अनुम त द और मुझ े साख म
से एक के प म गन। तभी मेरी मनोकामनाएं पूरी ह गी।
पाठ
तथा ही
सखेनां सं गने पम आ मनं वासना
मयेम अजï◌ा सेवा परम तत् तत
कृ पालंक ार भुसीतम
इसके अलावा इस तरह से यान करना चा हए म साख का साथी ं और हमेशा उनके मागदशन म ेमपूण
भ सेवा म लीन ं। कृ ण के मन को स करने के लए मेरे शरीर को व भ आभूषण से सजाया गया है
एक अ यासी जो भगवान क ेममयी सेवा चाहता है उसे हमेशा इस कार सोचना चा हए म ल लता
और वशाखा साख का साथी ं साथ ही ी पा माजारे का भी। म उनके मागदशन म ी राधा माधव क
दासी ं। म व भ आभूषण से अलंकृ त ं जो ी रा धका के अवशेष ह जो सबसे मोहक ी कृ ण के मन
को भी आक षत करते ह। म हमेशा ी ी राधा माधव क ेममयी सेवा म संक प के साथ लीन रहता ँ।
पाठ
भ रसामृत सधु . .
रागानुगा भ के माग पर मरण धान व तु है। रागानुगा भ के पथ पर एक अ यासी को कृ ण क
व श लीला को याद रखना चा हए जसम वह वेश करना चाहता है। मनु य को हमेशा इन वषय पर
चचा म संल न रहना चा हए और भौ तक और आ या मक दोन शरीर के साथ ज म नवास करना
चा हए। य द कोई शारी रक प से नवास करने म असमथ है
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अ याय छह
ेम भ को जगाने के लए यान के वषय
पाठ
परमानंद
राधा और माधव के चरणकमल के त मेरा लगाव र रहे।
इस या से को द सुख क ा त होती है। परान दे श द ेमपूण वषय को संद भत
करता है। मेरे मन को ी कृ ण क द मधुरता से प र चत भ के साथ राधा और माधव के ेमपूण
वषय म लीन होने दो।
पाठ
मनेरा मन का मरण मरण ाण जीवन मधुरा मधुरा ब त यारी धाम नवास जुगल बलास
राधा और कृ ण क लीलाएँ मृ त मरण सारा सार सा य ल य
व माट ो न जातु चत सव
व ध ननेधां यूर ए योर एव
क करः
कृ ण भगवान व णु के मूल ह। उसे हमेशा याद कया जाना चा हए और कसी भी समय कभी नह भूलना
चा हए। शा म व णत सभी नयम और नषेध इन दो स ांत के सेवक होने चा हए।
पाठ
कृ ण का मधुर याम वण द तमान नये वषा मेघ के समान है। वह शानदार कपड़े पहने ए ह और
वैवा हक लीला को करने म सबसे अ धक वशेष ह। उनके पीले व म गहन से अलंकृ त
आभूषण और मोर पंख उनके घुंघराले बाल को सुशो भत करते ह।
मधुरा मधुरा कसी ऐसी चीज को संद भत करती है जो सबसे मीठे से यादा मीठ होती है। सरे
श द म यह बेहद मीठा है।
पाठ
चंदन के गूदे को के सर और क तूरी के साथ मलाकर उनके माथे पर लगाया जाता है। वह सबसे
आकषक तीन गुना झुक ने वाले प म खड़ा है। उसके सुंदर अंग को नए खले ए फू ल से सजाया गया
है जो अपने शहद के लए पागल मधुम खय को आक षत करते ह।
पाठ
पाठ
ज पर कया त व
उनके टखने क घं टय क मधुर आवाज और उनक बांसुरी जो नर हंस क आवाज क तरह है मादा
हंस ज गो पयां अपने घर म नह रह सकती ह। अपने दल म सांसा रक नै तकता के अपराध को
भूलकर कृ ण के त उनका आकषण असी मत प से बढ़ जाता है और वे उनके पास दौड़ते ह जैसे
प व प नयां अपने प तय से मलती ह।
पाठ
ी कृ ण व हे न य व
कृ ण के शा त प के बारे म स ाई
पाठ
पाठ
लोभा
ऐरे गो वदा परमानंद ह। वह गो पय से घरा आ है और व भ मधुर लीला का आनंद लेता है। वे यार से अ भभूत
ह आक षत ह और एक सरे क सुंदरता से जुड़े ए ह।
पाठ
Machine Translated by Google
पाठ
पाठ
राजा का रा य और शासन एक नाटक के समान होता है। यह समय के साथ धीरे धीरे ख म हो जाता
है। हे मेरे मन यह वह सव भगवान है जो अपनी मायावी ऊजा से इस शो का कारण बनता है।
इसके नयं ण म आने से हमेशा डर।
पाठ
पाठ
ेममयी भ मय सेवा अमृत का सागर है। सदा उस सागर म डू बे रहो। बाक सब कु छ नमक के सागर क तरह है।
य द आप इस या का पालन करते ह तो आप शा त आनंद ा त करगे और आपके सभी वलाप समा त हो जाएंगे
र।
पाठ
परम।
गैर भ के साथ कभी भी संग त न कर। उनके बारे म ब त सावधान रह। राधा और कृ ण के नाम जप यान का सव
प है। कसी अ य या को जीवन का ल य न मान।
योग छ यागी कम और ान जैसे गैर भ के साथ संग त नह करनी चा हए भले ही कोई खतरे म हो।
को चा हए क
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हमेशा राधा और कृ ण के सुंदर प का यान कर और उनके नाम का जाप कर। इसके अलावा कसी
अय या को जैसे क जीवन के ल य के प म फलदायी ग त व धय को वीकार नह करना चा हए।
पाठ
पाठ
पाठ
म अपने आप को राधा और कृ ण के चरण कमल म सम पत करता ं और उनक दयालु शरण लेता ं। म बार
बार शु भ के मुख से राधा और कृ ण का नाम सुनूंगा और महान सुख और संतु ा त क ं गा।
पाठ
हेमा गौरी पघला आ सोना तनु शरीर राय रे राधा आखी आँख
दारकाना काई दे ख ना चाहते ह रोदना क रबा रोएगा अ भलाने एक इ ा के साथ जलधारा
बादल धरा धारा नव अंग अंग अ त मनोहर सबसे करामाती पे स दय म गुण गुण म
पाठ
अ याय सात
एक अन य भ के ल ण
पाठ
पाठ
जला बनु जेना म ख पाया आयु हना ेमा बनु सेई माता
भ चटक जलदा ग त ए म त एकांत र त जाने
जेई से अनुर
पाठ
प त त जनेरा येना प त अ य न
काले मन जेना द रदरेरा धन ए माता ेमा भ रेती
एक गरीब आदमी का धन ईआई यह माता माग ेमा भ ेमपूण भ सेवा रेट वशेषताएं।
पाठ
पाठ
Machine Translated by Google
म ये म य कभी कभी आचे वहाँ ह नोआ शरारती लोग नोई कारी दे ख कर हया है
नोआ नाराज़ गुसाके गुण बीगुë अयो यता कारी माने वचार कर गो बद भगवान
पाठ
भ । ऐसे झूठे अहंक ार अ भमान और असं य बेक ार इ ा से भरे होते ह। वे इस नया म सबसे
यादा प तत ह और भ से र हत ह
स वस।
पाठ
पाठ
दल ज गया जागृत।
नरो म दास कहते ह शु भ क संग त के बना मेरा मन लगातार जल रहा है। मेरे भा य का
कोई अंत नह है य क म ां तय म लीन ं और मेरा दय संक ट से भर गया है।
अ याय आठ
न त ेमपूण भ सेवा
पाठ
यह वृ दावन मेरा अपना सबसे य नवास है। हर कोई जो मेरे नवास म यहाँ रहता है पशु प ी
पेड़ क ड़े मनु य और दे वता जब वे मर जाते ह तो वे मेरे शा त रा य म जाते ह।
पाठ
पाठ
पाठ
सभी साखे और उनके साथी खुशी खुशी द युगल क मधुर सुंदरता को अपनी आंख से पीते ह और राधा
और कृ ण का यान करते ह।
वे हमेशा युवा जोड़े क सेवा करते ह जो वेद के लए अग य वेद पर बैठे ह।
पाठ
पाठ
पाठ
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शा
पाठ
कम खंड ान खंड के वला बनारा भ डा अमृत ब लया जेबा खया नाना जोनी
सदा फर कादर या भकनाश करे तार ज म अधःपते जया
फलदायी ग त व धयां और मान सक अटकल जहर के बतन क तरह ह। जो लोग इस जहर को अमृत
समझकर पीते ह वे बार बार ज म और मृ यु के च म पड़ जाते ह। ऐसे घृ णत चीज खाते ह और
उनका मानव जीवन खराब हो जाता है।
पाठ
पाठ
भ ेमपूण भ सेवा भ गण भ का ाण
जीवन और आ मा।
पाठ
पाठ
पाठ
पाठ
अ याय नौ
अं तम नदश
पाठ
पाठ
पाठ
गो बद गोकु लचं परम आनंद कांड प रबरा गोप गोपे सांगे नंदे र
जरा धाम ग रधरे नाम साखे संगे तारे भज रंगगे
पाठ
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साथक पूण ता भजन पथ पूज ा का माग साधु सांगे भ क संग त म अबीरता हमेशा
मरण
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मरण भजन पूज ा कृ ण कथा कृ ण के वषय पर चचा ेमा भ ेमपूण भ सेवा हया है
जडी अगर
टै ब से हया है मनः शु मन क शु टै ब
बजाय जया चले जाओ दयरा दय का बायथा दद।
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ी रा धका या
रा धका चरन रेण ु ी रा धका के चरण कमल क धूल भूना या सजाना तनु शरीर अनायसे
आसानी से पाबे ा त करेगा
ग रधर गोवधन पवत का भारो ोलक रा धका चारा ाय ी रा धका के चरण कमल क शरण लेना
तु करे ऐसा करने वाला से महाकाय एक महान ह तारे उसे मुसी म जय ब लहारी
म हमा करना
पाठ
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तारा उसका कबू कभी नह स पूण ता नाई नह नह नह जेना कु नी सुन सकते ह तारा
नाम उसका नाम ।
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कृ ण नाम गने भाई रा धका चरन पाई राधा नाम गणे कृ णचं
संक नेपे क हला कथा घुचौ मनेरा यथा ःख माया
अ य कथा ं डवा
कृ ण नाम कृ ण के प व नाम गान नामजप करके भाई हे यारे भाइय रा धका चरन ी रा धका
के चरणकमल पाई
ा त करना राधा नाम राधा का प व नाम गान नामजप करके
कृ णचं चं मा कृ ण साकनपे सं ेप म क हला कथा मने इस कार समझाया है घूक ाओ न मनेर
बयाथा मन क पीड़ा ख माया ख से भरी ई अ य कथा सांसा रक वषय ादवा ै त।
पाठ
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अहंक ार झूठा अहंक ार अ भमान अ भमान असत संग गैर भ के साथ संग त असज ान
थ ान चाई छोड़कर
भज पूज ा गु पद प आ या मक गु के चरण कमल कर आ मा नबेदन पूरी तरह से
समपण दे ह शरीर गेहा
घर प रजन प रवार के सद य गु ब या आ या मक गु के वचन परम सव महतवा मह वपूण ।
न न ल खत सा य भी उ त कए गए ह
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के ेम को दान करने
ी कृके णलए
चैतइयदे व
ा वृलगाव
ह। और
वह ज
ढ़ सं
के कराजा
प केके साथ
पु और
कृ पयाी से
राधाक
वा करके जीवन
य क वेऔर
भगवान
आ मा से अलग नह है। यह बस अ त है।
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नव े प नव े प म अबतारी अवतार ारा राधा भाव राधा क मनोदशा अंगे कारी वीकार
करके तारा कां त उसका रंग
ोध अंग का भुनाना सजावट ट ना बंचा तीन इ ाएँ
अ भलासे पूरा करना çacé garbhe Çace के गभ म परकासी
दखाई दया Saìge उसके साथ लाआ लेना प रनाद गण सहयोगी।
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रागानु यो साधना
बाधा बाधा।
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मानस सकना
दमाग के लए नदश
संसार भौ तक जगत बातोजारे लूट काम कामुक इ ाएँ phäìse उ मीद के साथ
बंधी बंधन घोड़ी ह या
फु करा करहा वलाप ह रदास हे ी ह र के सेवक कराह भ संग भ के संग ेम कथा
ेमपूण वहार के वषय रस रंग अमृत लीलाएं टै ब से हया है
भौ तक नया आपको धोखा दे रही है। कामवासना आपको र सय से लटका कर मार रही है।
वलाप करो हे ह र के सेवक। भ के साथ जुड़ और भगवान के ेम के वषय पर चचा म संल न
ह । तब आपके सारे संक ट र हो जाएंगे।
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रामचं कबीराजा सेई संगे मोरा काजा तारा संग बनु सबा
कु य हया ज म ज द पुन तार संगा हया जेना तबे
हय नरो म ध य
रामचं कबीराजा ी रामचं क वराज sei saìge उसक संग त के साथ मोरा मेरा काज
चता तार संघ उनक संग त
बनु बना सबा सब कु छ कु या खाली हया ज म पुनज म
जडी अगर पुना फर से तारा संघ उनक संग त हया जेना या म ा त कर सकता ं टै ब से
हया है नरो म नरो म दास ध या
म हमा
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अपान अपना भजन कथा पूज ा क व ध ना क हबा खुलासा नह करगे जथा तथा यहाँ और वहाँ
ihäte इस मामले म हैबा म हो जाऊं गा सबधान सावधान न क रहा नह के हा कोई भी रोना
नाराज़ न लैहा मत लो मोरा डोना मेरा अपराध णाम म अपना स मानजनक नमन करता ं भ
के चरण कमल के लए भ े रा कारसे ।
म कसी को और सभी को यहोवा क उपासना करने का अपना माग नह बताऊँ गा। म इसके बारे
म बेहद सावधान र ंगा। कृ पया मुझ से नाराज़ न ह या नाराज़ न ह । म भ के चरण कमल को वन
ांज ल अ पत करता ं।
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प र श एक
महाभाव और उनके येक अंग को महाभाव के ल ण से सजाया गया है। यह चैत य च रतामृत आ द
लैला . और म कहा गया है
हलद नेरा सारा ेमा ेमा सार भाव भावर परम कनोह
नाम महा भव
प र श दो
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साखे पांच कार के होते ह वे साखे न य सखे ाण सखे या सखे और परम ेनोहा
सखे के नाम से जाने जाते ह। उनम से कु छ राधा और कृ ण के त समान नेही ह जब क कु छ
उनके त कु टल नेही ह। कु सु मता व य कु श अलता और ध ननोह साखे कहलाते ह । वे ी
कृ ण के त अ धक नेही ह। क तूरे मणी मंज रे आ द न य साखे ह और वे ी रा धका के
त अ धक नेही ह। इस लए वे कु टल नेही साख म गने जाते ह। शा त मंज रे वन ते ल सक
आ द ाण सखे कहलाते ह। सुमा या मदन लसा आ द या सखे कहलाते ह। ल लता वशाखा
आ द आठ साख को परम ेनोह साखे कहा जाता है। य प ये आठ साख राधा और कृ ण के
त समान प से नेही ह फर भी कभी कभी वे ी रा धका के त अ धक नेही होते ह।
वशाखा गौरा लेला म राय रामानंद उसका रंग म रंग का है और लाल रंग का है। उसक
पोशाक सतार से सजी है। वह जोइला क भतीजी है। उनक माता का नाम द णा है। उसके
पता का नाम पवन है। उनके तथाक थत प त ब हका ह। उसका वभाव सीमांत है। वह उसी
समय रा धका के प म पैदा ई थी। उनक सेवा राधा और कृ ण को व और आभूषण से
सजाना है। वह योग पयोहा के उ री भाग म मेघ रंग वाले वकान द कु म नवास करती ह।
माधवे मालते चं लेख ा कुं जरे हरे चपला सुरबी और सुबनाना
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उसके समूह के ह।
च ा गौरा लेला म गो वदानंद उसके पास एक सुंदर भगवा रंग है। उसक पोशाक रंग म टलीय है।
इनक माता का नाम चरबीका है। उनके पता का नाम चतुरा है जो राजा वीणाभानु के चचेरे भाई ह। उनके
तथाक थत प त पथरा ह। वह सौ य वभाव क है।
रासलीका तल कन शौरसेने सुगं धका र मला कामनगरे नागरे और नागाबे लका उसके समूह से संबं धत ह।
इं रेख ा गौरा लेला म बसु रामानंद उसका रंग हरा पीला है उसक पोशाक अनार के फू ल क तरह है।
उनक माता का नाम बेला है उनके पता का नाम सागर है। उसका तथाक थत प त बाला है। उसका वपरीत
वभाव है। वह राधारानी से तीन दन छोट ह। उसक सेवा शहद चढ़ाने क है। वह योगपीठ क द ण पूव
पंख ुड़ी पर सुनहरे रंग के पुरसी कुं ज म नवास करती ह।
तुंगभ ा रसतुंग रंगवटे सुमंगल च लेख ा व च ागे मोदने और मदनलासा उनके समूह से संबं धत
साख ह।
चंपकलता गौरा लेला म शवानंद सेन उसका रंग चंपक के फू ल जैसा है। उसक पोशाक कासा प ी क तरह
है। उनक माता का नाम वा टका है उनके पता का नाम अराम है। उनके तथाक थत प त च दकना ह। इनका वभाव
सौ य और सौ य होता है। वह राधारानी से एक दन छोट ह। उसक सेवा गहने और कै मरे क पेशकश कर रही है।
वह योग पओह क द णी पंख ुड़ी पर त कमलता कुं ज म रहती ह। उसके समूह म ह कु ं गकने सुच रता मंज ले
मृ षकु दल चं का चं ला टका कांडुक कने और सुमं दर।
रंगादे वे गौरा लेला म गो वदा घोष उनका रंग कमल के फू ल जैसा है। उसक पोशाक ह ब कस फू ल का रंग है।
उनक माता का नाम क णा है उनके पता का नाम रंग सारा है। उनके तथाक थत प त व े कन ह। उसका वभाव
म यम वपरीत है। वह राधारानी से स ह दन छोट ह। उनक सेवा म चंदन का गूदा चढ़ाया जाता है। वह योग पयोहा
क द णप मी पंख ुड़ी पर त नीले रंग के रंगदे व कु म रहती है। न न ल खत साख उसके समूह से संबं धत
ह कालकाशोहे श शकला कमला मधुरा इं दरा कं दरपा सुंदरे कमला टका और
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उसका तथाक थत प त वा लश है। उनका वभाव सबसे उदार है। वह राधारानी से पांच दन छोट ह।
उनक सेवा गायन और नृ य है। वह योग पयोहा क प मी पंख ुड़ी पर त नारंगी रंग के तुंग व ा
कु म रहती है। मंज ुमेधा सुमाधुरा सुमा या मधुरेक ना तनुम या मधु यंद गुण चुषा और बरगदा
साखे उसके समूह के ह।
कावेरे चा कबारा सुके के मंज ुकु हे हराहेरा महाहेरा हारा कांटे और मनोहर साखे उसके समूह से
संबं धत ह।
प र श तीन
ré Rupa maïjaré Çréla Rupa Gosvamé in gaura lélä उसका रंग सुंदर चमक ला पीला
गोरोकाना है। उसक पोशाक मोर पंख के रंग क है उनक सेवा सुनहरे रंग क सुपारी दे रही है। वह
ल लता कुं ज के उ र म त पोलस कुं ज म रहती है।
र त मांज रे गौरा लेला म ील रघुनाथ दास गो वामी सरा नाम तुलासे मौजारे है। कु छ लोग उ ह
भानुमते मौजरे कहते ह। उसका रंग बजली क चमक क तरह है। उसक पोशाक सतार से सजी है।
उनक सेवा राधा और कृ ण के चरण क मा लश कर रही है। वह इं रेख ा कुं ज के द णम त
र यमुबुज कुं ज म रहती है।
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लवंगा मांज रे गौरा लेला म ऑरेला सनातन गो वामी सरा नाम रेटे मौजारे है। उसका रंग
ह का जैसा दखता है। उसक पोशाक सतार से सजी है। उनक सेवा ल ग क माला चढ़ा रही है।
वह तुंग व ा कुं ज के पूव म त लवंग कुं ज म रहती है।
रस मांज रे गौरा लेला म ील रघुनाथ भाऊ गो वामी उसका रंग कपका फू ल जैसा है।
उसक पोशाक हंस क वशेषता से बनी है। उनक सेवा प टग है। वह च कु के पूव म
त रसान द कु म नवास करती ह।
क तूरे मांज रे गौर लीला म ील कृ णदास क वराज गो वामी उसका रंग शु सोने जैसा है।
उसक पोशाक टलीय है। उनक सेवा म चंदन का गूदा चढ़ाया जाता है। वह सुदेवी कु के
उ रम त क तूरी आन द कु म नवास करती ह।
गुआ मांज रे गौरा लेला म ऑरेला गोपाल भाऊ गो वामी उसका रंग बजली क
चमक क तरह है। उसक पोशाक ह ब कस फू ल के रंग क तरह है। उनक सेवा राधा और कृ ण
को जल अ पत कर रही है। वह चंपकलता कुं ज के उ र पूव म त गुंडानंद कुं ज म रहती है।
वलासा मांज रे गौरा लेला म ऑरेला जेवा गो वामी उसका रंग सुनहरे दे वदार के फू ल जैसा
है। उसक पोशाक मधुम खय क तरह दखती है। उनक सेवा राधा और कृ ण पर म कारा
लगाना है। वह वलासानंद कुं ज म रहती है जो रंगदे व कुं ज के प म म त है।