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बिहार सामान्य अध्ययन PDF
बिहार सामान्य अध्ययन PDF
सामा य ान
ाक-ऐितहािसक काल
आज से लगभग तीस हजार वष पूव पृ वी पर मेधावी मानव, िजसे होमो सेिपयंस कहा जाता ह, का आिवभाव
आ। आिद मानव क िनवास क सा य िबहार क कछ थान से लगभग एक लाख वष पूव क िमले ह। ये सा य
पुरापाषाण युग क ह। इनम प थर क उपकरण पाए गए ह। ऐसे अवशेष नालंदा और मुंगेर िजल म उ खनन से
ा ए ह। ाक-ऐितहािसक काल का ारिभक चरण पाषाण युग कहलाता ह। इस समय मानव ने प थर क
उपकरण क आधार पर अपनी सं कित का िनमाण िकया। प थर क उपकरण म िविवधता एवं िवशेषता म
प रवतन क आधार पर पाषाण युग को पुरापाषाण युग, म यपाषाण युग, नवपाषाण युग म िवभािजत िकया जाता ह।
िबहार म भी ाक-ऐेितहािसक काल क मानव सं कित क िविभ चरण क सा य अलग-अलग थान से ा
ए ह।
पुरापाषाण काल
ये उपकरण नालंदा क जेिठयन घाटी, गया क पेमार घाटी, मुंगेर क भीमबाँध और पैसरा, भागलपुर क
राजपोखर एवं भालीजोर तथा प मी चंपारण क वा मीिक नगर से ा ए ह।
िबहार क नालंदा, गया, मुंगेर और भागलपुर िजल म िन न, म य और उ पुरापाषाण काल क पाषाण उपकरण
ा ए ह। ये उपकरण नालंदा क जेिठयन घाटी, गया क पेमार घाटी, मुंगेर क भीमबाँध और पैसरा, भागलपुर
क राजपोखर एवं भालीजोर तथा प मी चंपारण क वा मीिक नगर से ा ए ह। इन थान से ा पाषाण
उपकरण आशुिलयन कार क ह। इन उपकरण म क हाड़ी, अ क, पर ( ुरणक), फलक, छिड़या, अ
चांि क, उ क णक, छरी तथा खुरचनी आिद मुख थे। इन उपकरण का योग जानवर का िशकार करने एवं
चमड़ा उतारने क िलए िकया जाता था। इस समय मानव क जीिवका का मुख ोत िशकार एवं मछली पकड़ना
तथा कद-मूल एकि त करना था। इस समय मानव घुम ड़ जीवन यतीत करता था तथा ाकितक आवास जैसे
पहाड़ी च ान एवं गुफा म रहता था। गया िजला क शेरघाटी म ागैितहािसक मानव क दो च ानी आवास क
अवशेष ा ए ह।
नवपाषाण काल
नवपाषाण काल को मनु य ारा किष काय ारभ िकए जाने क कारण मानव जीवन का थम ांित का काल
कहते ह। किष काय क कारण इस काल म थायी ब तय का िवकास शु आ। किष ारभ होने क कारण
मानव गुफा से िनकलकर मैदानी े म िनवास करने लगा। िबहार म नवपाषाण काल क मुख थल वैशाली
क चेचर ( ेतपुर) एवं कतुबपुर, सारण क िचराँद, पटना क मनेर, रोहतास क सेनुआर, गया क सोनपुर, ताराडीह
एवं कऊर म िमले ह। सारण क िचराँद से नवपाषाणकालीन अ थ उपकरण ा ए ह। िचराँद छपरा से 11
िकलोमीटर दि ण-पूव म गंगा नदी क तट पर थत ह। ऐसा माना जाता ह िक िचराँद का नामकरण चेरो शासक
क नाम पर आ ह। िचराँद का उ खनन 1962 ई. म आ। यहाँ से लगभग 2500-1345 ई.पू. क नवपाषाणकालीन
अ थ उपकरण क साथ-साथ काले िचि त मृ ांड भी ा ए ह। वैशाली क चेचर, जो हाजीपुर शहर से पूरब
म गंगा-गंडक घाटी म थत ह, से नवपाषाणकालीन अवशेष िमले ह। ताराडीह गया िजले म फ गु नदी क
प मी तट पर थत ह, जबिक सेनुआर रोहतास िजले म कदा नदी क तट पर थत ह। उपरो सभी थल नदी-
घािटय या नदी क तट पर पाए गए ह, िजससे ऐसा तीत होता ह िक नवपाषाण काल म किष क शु आत होने
क कारण मानव ने जल एवं उपजाऊ िम ी क सुिवधा क कारण इन े म अपनी ब तयाँ बसानी शु क ।
िचराँद का नामकरण चेरो शासक क नाम पर आ ह। िचराँद का उ खनन 1962 ई. म आ। यहाँ से
लगभग 2500-1345 ई.पू. क नवपाषाणकालीन अ थ उपकरण क साथ-साथ काले िचि त मृ ांड भी
ा ए ह।
पुरापाषाण काल से नवपाषाण काल आते-आते मानवीय सं कित म अनेक कार क प रवतन आए। नवपाषाण
काल म पहली बार किष ारभ होने क कारण थायी ब तय का िवकास आ। मानव क भौितक जीवन म
प रवतन ारभ आ, िजसक कारण ही बाद क समय म ता -पाषाण सं कित का िवकास आ।
ता पाषाण काल
मानव ने पहली बार धातु क प म ताँबे का योग करना ारभ िकया। ताँबे का योग प थर क साथ िकया
गया। इसिलए इस युग को ता -पाषाण युग कहा जाता ह। िबहार म ता -पाषाण सं कित क माण सोनपुर,
ताराडीह, मनेर, सेनुआर, िचराँद, चेचर तथा आ रयप से ा ए ह। ता -पाषाण सं कित म भी मनु य का जीवन
किष एवं आखेट पर ही आधा रत था। 1050 ई.पू. क आसपास गंगा घाटी म अतरजीखेड़ा (उ र- देश) से लोहा
िमलने का माण िमलता ह। लोह क आिव कार क कारण ता -पाषाण सं कित का थान लौह युग ने ले िलया।
लौह काल
लौह युग उ र-वैिदक युग का काल ह, िजसम मानवीय ब तय का िव तार गंगा घाटी म उ री िबहार तक हो
चुका था। इस समय लोह का योग मु य प से औजार िनमाण म िकया जाता था। लौह युग का दूसरा चरण, जो
उ री काले मृ ांड (N.B.P.) का काल कहलाता ह, म लोह का उपयोग किष काय म भी होने लगा। इस समय
गाँव धीर-धीर नगर म प रवितत होने लगे, िजससे पहली बार िबहार म नगरीकरण का सा य ा होता ह।
ऐितहािसक काल
लोह क योग म आने से मानव क सं कित म यापक प रवतन आया। नई भौितक सं कित का िवकास ारभ
आ। उ र-वैिदक काल (1000-600 ई.पू.) म वैिदक सं कित का िव तार पूव भारत म उ र िबहार तक आ।
‘शतपथ ा ण’ सबसे ाचीन एवं सबसे बड़ा ा ण ंथ ह िजसक रचियता या व य ह। इसम आय क
िव तार क चचा ह। ‘शतपथ ा ण’ क अनुसार आय ने सव थम उ र-प म भारत म वेश िकया। सर वती
नदी उनका क थी, िजसक तट पर बड़-बड़ य एवं कमकांड का आयोजन िकया जाता था। ‘शतपथ ा ण’ म
माधव िवदेह एवं गौतम रा गाण क कहानी ह, िजसक अनुसार माधव िवदेह ने ही आय सं कित का िव तार उ र
िबहार तक िकया था। उ र-वैिदक काल का म य चरण आते-आते आय का िव तार िबहार क मगध, अंग,
ब , िवदेह, अंगु र प, कौिशक े तक हो चुका था। राजा िवदेह माधव एवं उनका पुरोिहत गौतम रा गाण
सर वती नदी क तट से अ न को जलाते ए पूव भारत क ओर बढ़ तथा िबहार क िवदेह े म गंडक नदी तक
प चे। गंडक नदी म अ न बुझ गई, िजसक कारण गंडक को सदानीरा भी कहा जाता ह। इस तरह आय क
िमिथला िवदेह े म िव तार एवं बसने का माण ‘शतपथ ा ण’ से िमलता ह। उ र-वैिदक युग क अंितम
चरण म िवदेह क चचा उपिनषद क रचना क कारण ई ह। िवदेह क राजा जनक दाशिनक एवं िव ा थे,
िज ह ने उपिनषद क रचना करवाई थी। ‘वृहदार यक उपिनष ’ म िव ा या व य-गाग एवं या व य-
मै ेयी संवाद का वणन ह। िवदेह राजा जनक क दरबार म या व य एवं उनक प नी मै ेयी रहती थ ।
‘शतपथ ा ण’ सबसे ाचीन एवं सबसे बड़ा ा ण थ
ं , िजसक रचियता या व य ह, इसम आय
क िव तार क चचा ह। ‘शतपथ ा ण’ क अनुसार आय सव थम उ र-प म भारत म वेश
िकया।
गंगा घाटी म पूव क ओर आय क सार का एक मह वपूण कारण लौह तकनीक का िवकास था और इस
े म लौह उपकरण अिधक सं या म उपल ध ए थे। लोह क कारण किष े म भी िवकास आ, िजसक
कारण ाचीन िबहार म भी नगरीकरण ारभ आ।
ाचीन िबहार म सामािजक एवं धािमक सुधार आंदोलन
उ र-वैिदक काल म किष े म लोह क योग से उ पादन म वृ ई, िजसक कारण सामािजक एवं
आिथक जीवन म जिटलता आने लगी। किष े म िव तार होने से पशु क माँग बढ़ने लगी, जबिक उ र-
वैिदक काल म हो रह बड़-बड़ य म पशुबिल दी जाती थी।
ऋ वैिदक काल (1500-1000 ई.पू.) क अंितम चरण म अथा 1000 ई.पू. आते-आते सामािजक जीवन म कई
कार क करीितयाँ आने लग । ऋ वेद क दसव मंडल क पु ष सू म पहली बार वण- यव था का उ ेख
आ ह, जो उ र-वैिदक काल का अंत होते-होते अपने जिटल व प म आ गया। छठी सदी पूव तक छआछत
जैसे करीितयाँ कठोर प हण कर चुक थ । ऋ वैिदक काल म मिहला क थित अ छी थी, जो उ र-वैिदक
काल का अंितम चरण आते-आते दयनीय हो गई थी।
उ र-वैिदक काल क अंितम चरण म (छठी सदी ई.पू.) सामािजक जिटलता, कमकांड, छआछत, अ पृ यता
आिद क िवरोध म सामािजक एवं धािमक सुधार आंदोलन आ। इस आंदोलन क मुख कारण िन निलिखत थे—
1. वण- यव था क जिटलता एवं तनावपूण सामािजक जीवन।
2. धािमक जीवन से असंतोष।
3. नए धािमक िवचार का उदय।
4. नई अथ यव था का भाव।
इस समय वैिदक धम क िखलाफ अनेक ना तक एवं अनी रवादी सं दाय का उदय आ। कवल उ र भारत
म लगभग 62 सं दाय का उदय आ, िजनम बौ सं दाय एवं जैन सं दाय मुख ह। इन दोन सं दाय क
ज मभूिम एवं कमभूिम िबहार ही रहा ह।
बौ धम
29 वष क अव था म उ ह ने राि क समय गृह याग िकया, िजसे महािभिन मण कहते ह। िस ाथ ने
राि क समय अपने अ कथक और सारथी छदक क साथ गृह याग िकया था।
बौ धम क सं थापक गौतम बु का ज म किपलव तु (वतमान िपपरहवा) क लुंिबनी गाँव क आ कज म
आ था। गौतम बु किपलव तु क शा य कल क ि य राजा सुयोधन एवं कोलीय कल क कौशल क
राजकमारी महामाया देवी क संतान थे। बु क ज म क एक स ाह बाद माता महामाया देवी क मृ यु हो गई।
अतः उनका पालन-पोषण मौसी एवं सौतेली माँ जापित गौतमी क ारा िकया गया था। गौतम बु क बचपन
का नाम िस ाथ था। गौतम का अथ पालन-पोषण का िनयम होता ह तथा उनक गो का नाम भी गौतम था।
बु का ज म चीनी सािह य क अनुसार 563 ई.पू. म तथा मृ यु 80 वष क अव था म 483 ई.पू. म ई थी।
बु क ज म क समय कालदेवल नामक भिव यव ा ने राजा सुयोधन से कहा िक यह बालक सं यासी बनेगा।
अतः राजा ने उनक महल से बाहर िनकलने पर रोक लगा दी एवं सारी सुख-सुिवधाएँ महल क अंदर ही उपल ध
कराई। 16 वष क अव था म शा य गण क राजकमारी यशोधरा, िजसक अ य नाम िबंबा, गोपा, भ क छा आिद
भी ह, से िववाह आ। 29 वष क अव था म पु क ा ई, िजसका नाम गौतम बु ने रा ल रखा। बु
ने शहर मण क म म मशः चार िच —वृ य , रोगी, मृत और सं यासी को देखा। बौ सािह य
‘दीघिनकाय’ क अनुसार गौतम बु को चार िच एक ही या ा म िदखाई िदए, लेिकन अ य ोत क अनुसार
अलग-अलग या ा म िदखाई िदए थे। सं यासी को देखकर सांसा रक जीवन क ित गौतम बु का मोह भंग हो
गया और उ ह ने गृह थ जीवन यागने का िनणय िलया। 29 वष क अव था म उ ह ने राि क समय गृह- याग
िकया, िजसे महािभिन मण कहते ह। िस ाथ ने राि क समय अपने अ कथक और सारथी छदक क साथ
गृह- याग िकया था। बु का ज म, मृ यु और ान क ा वैशाख पूिणमा को ई थी, जबिक गृह याग क
घटना आषाढ़ पूिणमा क िदन ई थी। बु ने अनुिवन नामक थान पर अनोमा नदी क िकनार या (सं यास)
धारण िकया। बु को ान- ा क िलए सव थम दो ारिभक गु पहले वैशाली म अलारकलाम, जो सां य
दशन क िव ा थे तथा बाद म राजगृह म क रामपु िमले। इन दोन क िश ा से गौतम बु संतु नह
ए और गया क पास उ वेला (बोधगया) वन प चे। उ बेला वन म पाँच सािथय क साथ किठन तप या ारभ
क । इन सािथय म क िड य, अज, अ सग, व पा और भिदया थे। किठन तप या क बाद भी जब ान क ा
नह ई, तब सभी साथी इ ह पाखंडी घोिषत करक चले गए। गौतम बु ने पुनः गया क पास िनरजना नदी
(फ गु) क तट पर तप या ारभ क । 35 वष क अव था म पीपल वृ क नीचे सुजाता नामक क या क हाथ से
तप या क 49व िदन खीर खाने क बाद बु को ान क ा ई। तब बु बोिधस व कहलाए। ान- ा
क घटना को बौ धम म िनवाण कहा जाता ह। बु ने सव थम तपस और भ क नामक दो बंजार को
बोधगया म ही अपना िश य बनाया। ान- ा क बाद गौतम बु सारनाथ (ऋिषपतन) क मृगदाब प चे। वहाँ
उ ह ने अपने पाँच सािथय का थम उपदेश िदया। यह थम उपदेश धमच प रवतन कहलाता ह। सारनाथ म ही
बौ संघ क थापना क । इसक बाद बु वाराणसी प चकर यश नामक े ीपु क घर पर क। यश अपनी
माता, िपता, प नी क साथ महा मा बु का अनुयायी बन गया। यश क माता और प नी महा मा बु क थम
उपािसकाएँ बन । वाराणसी से उ वेला जाने क म म बु से 30 धनी युवक क मुलाकात ई, िजनका नेता
भ था तथा ये सभी भ वग य थे। ये सभी बु क अनुयायी बन गए। उ वेला से बु राजगृह प चे, जहाँ
िबंिबसार ने उ ह वेणुवन िवहार दान म िदया। राजगृह म ही सा रपु , मौ यायन, उपािल आिद इनक िश य बने।
राजगृह से लुंिबनी प चे, जहाँ उ ह ने य को बौ संघ म शािमल िकया। माता जापित गौतमी बौ संघ म
शािमल होनेवाली थम ी थ । अपने िश य आनंद क कहने पर ही बु ने य को बौ धम म शािमल
िकया था। य को शािमल करते ए बु ने कहा था िक जो बौ धम हजार वष तक चलता, वह अब पाँच
सौ वष म ही समा हो जाएगा। लुंिबनी म उनका चचेरा भाई देवद भी िश य बना।
ान- ा क आठव वष वैशाली प चे, जहाँ िल छिवय ने उ ह कटा शाला नामक िवहार दान म िदया था।
वैशाली म वैशाली क नगरवधू आ पाली गौतम बु क िश या बनी। मगध क शासक िबंिबसार क प नी ेमा
बु क िश या बनी थी। ान- ा क बीसव वष बु कोसल क राजधानी ाव ती प चे, जहाँ अँगुिलमाल
नामक डाक बु का िश य बना। बु ने अपने जीवन म सवािधक उपदेश ाव ती म िदया। 80 वष क
अव था म 483 ई.पू. म दि णी म क राजधानी पावा म चुंद नामक सुनार क घर सूअर का मांस (शूकर मांस)
खाने से उदर िवकार आ, िजससे बु क मृ यु हो गई। मृ यु क घटना को महाप रिनवाण कहते ह। बु क
मृ यु क समय आनंद ने बु से पूछा िक आपक बाद हमार शा ता (मागदशक) कौन ह गे? इस पर बु ने कहा
िक मेर बाद हमारा उपदेश ही तु हारा शा ता होगा। बु का अंितम वा य था—अ प दीपो भव।
बौ सािह य महाप रिनवाण सू क अनुसार बु क मृ यु क बाद उनक अ थ अवशेष को ा करने क
िलए आठ शासक प चे थे। अतः उनक अ थ अवशेष को आठ भाग म िवभािजत कर िदया गया। इन आठ भाग
पर तूप का िनमाण करवाया गया।
बु क अ थ अवशेष को ा कर उस पर तूप बनवानेवाले शासक िन निलिखत थे—
शासक का नाम : अजातश ु
रा य का नाम : मगध
शासक का नाम : शा य
रा य का नाम : किपलव तु
शासक का नाम : िल छिव
रा य का नाम : वैशाली
शासक का नाम : ा ण
रा य का नाम : वेठ ीप
शासक का नाम : बुिल
रा य का नाम : अलकप
शासक का नाम : म
रा य का नाम : पावा
शासक का नाम : मो रय
रा य का नाम : िप पिलवन
शासक का नाम : कोिलय
रा य का नाम : रामगाम
गौतम बु क मुख िश य एवं बौ धम क अनुयायी
1. सा रपु
2. आनंद
3. मौ यायन
4. उपािल
5. सुनीत
6. अिन
7. अनाथ िपंडक
8. िबंिबसार
9. सेनिजत
10. अजातश ु
11. जीवक
12. महाक यप
बौ धमानुयायी मुख याँ
1. महा जापित गौतमी
2. यशोधरा
3. नंदा
4. खेमा या ेमा
5. आ पाली
6. िवशाखा
बौ धम क िस ांत
गौतम बु क उपदेश अ यंत सरल थे। उ ह ने सबसे पहले चार आय स य का ितपादन िकया—
1. दुःख,
2. दुःख समुदाय,
3. दुःख िनरोध,
4. दुःख िनरोधगािमनी ितपदा
गौतम बु ने दुःख िनरोधगािमनी अथा दुःख का नाश करने क िलए आ ांिगक माग या म यम माग का
ितपादन िकया। ये आ ांिगक माग ह—
1. स यक ि अथा स य और अस य क पहचान करना।
2. स यक संक प अथा इ छा और िहसारिहत संक प।
3. स यक वाक अथा स य और मृदुभाषी।
4. स यक कमात अथा स य काम करना।
5. स यक आजीव अथा सादा जीवन-यापन करना।
6. स यक यायाम अथा सही िदशा म िकया गया कम।
7. स यक मृित अथा कम क ित सजग रहना।
8. स यक समािध अथा एका िच होना।
बौ धम म आ ांिगक माग पर चलने क िलए एवं जीवन म नैितक आचरण करने क िलए दस शील बताए
गए ह। ये दस शील जीवन का नैितक आधार ह। इ ह िश ा पाद भी कहते ह। ये दस शील िन निलिखत ह—
1. अिहसा,
2. स य,
3. अ तेय (चोरी नह करना),
4. अप र ह (धन सं ह नह करना),
5. चय का पालन करना,
6. यिभचार नह करना,
7. म पान नह करना,
8. असमय भोजन नह करना,
9. नाच-गाना से बचना,
10. सुख द िब तर का याग करना।
स य, अिहसा, अ तेय, अप र ह और चय बौ धम म सभी क िलए अिनवाय था, जबिक शेष पाँच
बौ िभ ु क िलए अिनवाय थे।
बौ धम म दुःख क कारण को ती य समु पाद कहा गया ह। ती य समु पाद म 12 च ह, िजसे ादश
िनदान कहा गया ह, जो िन निलिखत ह—
1. अिव ा,
2. सं कार,
3. िव ान (चैत य),
4. नाम प,
5. षडायतन (पाँच इि य तथा मन का समूह),
6. पश,
7. वेदना,
8. तृ णा,
9. उपादान (सांसा रक िवषय से िलपट रहने क इ छा),
10. भव (शरीर धारण करने क इ छा),
11. जाित (शरीर धारण करना),
12. जरा-रण।
बौ धम अनी रवादी धम ह। पुनज म म िव ास करता ह, लेिकन आ मा को नह मानता ह। कमफल क
िस ांत को मानता ह अथा कम क अनुसार फल क ा होती ह। बौ धम म िनवाण क ा जीवन रहते
संभव ह, लेिकन महाप रिनवाण मृ यु क बाद ही संभव ह।
गौतम बु क बाद अशोक, किन क, हषव न एवं पाल शासक ने बौ धम को संर ण िदया, चार- सार
िकया। इस धम का कवल भारत म ही नह , ब क दि ण-पूव एिशया, ीलंका, चीन, ित बत, जापान, म य
एिशया आिद म सार आ। भारत म बौ धम क सफलता क मुख कारण िन निलिखत थे—
1. बौ धम का सरल एवं जनवादी होना।
2. लोकि य भाषा पाली का योग।
3. म यममाग धम।
4. राजक य संर ण ा होना, जैसे—िबंिबसार, अजातश ,ु कालाशोक, अशोक आिद ने हीनयान शाखा को
संर ण िदया, जबिक किन क, हषव न, पाल शासक आिद ने महायान शाखा को संर ण िदया।
5. बौ िश ण सं थान का योगदान, जैसे—नालंदा, िव मिशला, ओदंतपुरी आिद बौ िश ण सं थान ने
बौ धम क िश ा क चार- सार म मह वपूण योगदान िदया।
6. उ ित पधा वाले सं दाय का अभाव।
7. बौ धम ने समानता एवं वतं ता क भावना पर बल िदया।
लेिकन तीसरी से चौथी सदी आते-आते बौ धम का पतन ारभ हो गया। बौ धम क पतन का सबसे मुख
कारण इस समय बौ मठ म फला आ ाचार एवं नैितक पतन था।
बौ धम क पतन क मुख कारण िन निलिखत थे—
1. बौ मठ म फला आ ाचार एवं नैितक पतन।
2. िवदेशी आ मण जैसे ब तयार िखलजी ारा नालंदा एवं िव मिशला िव िव ालय को जलाकर न कर
िदया गया।
3. रा या य का अभाव।
4. िहदू धम का पुन थान।
5. िहदू धम म सम वय एवं एक करण क श ।
बौ संगीित
483 ई.पू. म गौतम बु क मृ यु ई। मृ यु क समय सुभ नामक िभ ु ने कहा िक आज हम लोग मु हो
गए ह। उसक बात से गौतम बु क अनुयाियय म बौ धम म िवभाजन का खतरा मँडराने लगा। अतः इसे
रोकने क िलए बौ संगीित का आयोजन िकया गया। चार बौ संगीित आयोिजत क गई।
संगीित : थम
वष : 483 ई.पू.
थान : राजगृह क स पण गुफा
अ य : महाक यप
शासक : अजातश ु
मुख काय : सुत एवं िवनयिपटक का संकलन
संगीित : तीय
वष : 383 ई.पू.
थान : वैशाली
अ य : सवकामी
शासक : कालाशोक
मुख काय : थिवर एवं महासंिधक म िवभाजन
संगीित : तृतीय
वष : 249 ई.पू.
थान : पाटिलपु
अ य : मोगिलपु ित य
शासक : अशोक
मुख काय : अिभध मिपटक का संकलन
संगीित : चतुथ
वष : 95 ई.
थान : कडलवन (क मीर)
अ य : वसुिम , उपा य -अ घोष
शासक : किन क
मुख काय : हीनयान एवं महायान म िवभाजन
बौ धम ने भारतीय स यता एवं सं कित को काफ भािवत िकया। भारतीय सं कित को बौ धम क मुख
देन िन निलिखत ह—
1. बौ धम ने भारतीय जीवन प ित को सरल, सुबोध एवं लोकि य धम दान िकया।
2. बौ धम से ऊचे नैितक आदश का आगमन आ।
3. संघ यव था क शु आत ई। संघ यव था गणतांि क णाली पर आधा रत थी।
4. नवीन दाशिनक िवचारधारा का उदय आ।
5. मूितपूजा का ारभ आ।
6. लोक-सािह य का िवकास आ।
7. भारतीय कला म तूप, चै य आिद का िवकास आ।
बौ सािह य
बौ सािह य को ‘ि िपटक ंथ’ कहा जाता ह। इसक भाषा पाली ह। यह ‘ि िपटक’, ‘सु िपटक’,
‘िवनयिपटक’, ‘अिभध मिपटक’ क नाम से जाना जाता ह।
सु िपटक—सु िपटक म गौतम बु क िश ा एवं धम उपदेश संकिलत ह। इसका संकलन आनंद ारा िकया
गया ह। सु िपटक क पाँच भाग ह—
1. दीघ िनकाय—इसम बु क उपदेश, महाप रिनवाण सु एवं आ ांिगक माग का वणन ह। बु घोष ने
दीघ िनकाय पर ‘सुमंगलवािसनी’ एवं ‘सामंतपासािदका’ नामक टीका िलखी ह।
2. म झम िनकाय
3. अंगु र िनकाय—इसम पहली बार सोलह महाजनपद का वणन आ ह।
4. संयु िनकाय
5. खु क िनकाय—इसम बु क पुनज म से संबंिधत 549 जातक कहािनय का सं ह ह।
िवनयिपटक—इसम बौ धम का िनयम ह। इसका संकलन उपाली ारा िकया गया ह। इसक तीन भाग ह—
1. सुत िवभाग,
2. खंदक,
3. प रवार।
अिभध मिपटक—इसका संकलन तृतीय बौ संगीित म िकया गया ह। यह नो र क प म ह। इसम बौ
धम क दाशिनक या या ह। इसका संकलन मोगिलपु ित स ारा िकया गया ह। इसका सवािधक मह वपूण
भाग कथाव थु ह।
अ य मुख ंथ
बौ सािह य : जातक कथाएँ
लेखक : —
िववरण : इसक सं या 549 ह। इसम बु क पुनज म क कहानी ह।
बौ सािह य : िमिलंदप ह
लेखक : नागसेन
िववरण : बै यन शासक िमनांडर एवं बौ आचाय नागसेन का वा ालाप ह।
बौ सािह य : भाषा-पाली
लेखक : —
िववरण : —
बौ सािह य : िवशु मग
लेखक : बु घोष
िववरण : बौ धम का दाशिनक िनचोड़ ह।
बौ सािह य : िनदान काठा
लेखक : बु घोष
िववरण : यह पाली भाषा म गौतम बु क एकमा जीवनी ह।
बौ सािह य : अ कथाएँ
लेखक : —
िववरण : ि िपटक पर िलखा गया भा य।
बौ सािह य : अिभध मकोष
लेखक : वसुबंधु
िववरण : इससे काल गणना एवं साल गणना क जानकारी िमलती ह।
बौ सािह य : सुदभ पुंड रक
लेखक : वसुबंधु
िववरण : यह महायान बौ धम से संबंिधत ह। इसम भगवान बु को अिमताभ अथा वग म बैठनेवाला कहा
गया ह।
बौ सािह य : ा पारिमता
लेखक : नागाजुन
िववरण : इसम शू यवाद का िस ांत िदया गया ह।
बौ सािह य : अकतोमाया
लेखक : नागाजुन
िववरण : —
बौ सािह य : लिलत िव तार
लेखक : वसुिम
िववरण : इसे ‘लाइट ऑफ एिशया’ कहते ह।
बौ सािह य : िवभाषा सू
लेखक : वसुिम
िववरण : किन क क समय चतुथ बौ संगीित से संबंिधत रचना ह।
बौ सािह य : स दरानंद
लेखक : अ घोष
िववरण : इसम बु क सौतेले भाई स दरानंद क बौ धम हण करने का वणन ह।
बौ सािह य : बु चर
लेखक : अ घोष
िववरण : इसे बौ धम का महाका य कहते ह।
बौ सािह य : दीपवंश
लेखक : —
िववरण : ीलंका का बौ सािह य इितहास ह।
बौ सािह य : महावंश
लेखक : भदंत महानामा
िववरण : इसम अशोक को उ ैन क वायसराय एवं उसक ारा तृतीय बौ संगीित कराए जाने क जानकारी
िमलती ह। इस पर ‘वंशपथ कािशनी’ नामक टीका िलखी गई ह।
बौ सािह य : िद यावदान
लेखक : —
िववरण : नेपाली सािह य, िजसक दो भाग अशोकावदान और कणालावदान ह।
बौ सं दाय
तीय बौ संगीित (383 ई.पू.) म बौ धम म मतभेद उ प आ। गौतम बु क मूल िश ा एवं
उपदेश म िव ास रखनेवाले बौ िभ ु को, िज ह थिवर अथवा थेरावादी अथवा हीनसंिघक कहा गया, उन
लोग ने मतभेद रखनेवाल को बौ संघ से बाहर कर िदया। बाहर होनेवाले अथवा प रवतन चाहनेवाले बौ
िभ ु को महासंिघक या सवा तवादी कहा गया। थिवर सं दाय का वतक महाक ायन था, जबिक
महासंिघक सं दाय का वतक महाक यप था।
तृतीय बौ संगीित, जो 249 ई.पू. म आयोिजत िकया गया था, क बाद थिवर धीर-धीर भारत से समा हो
गए और उसक थान पर ाव तवाद या वैभािषक सं दाय का िवकास आ।
चतुथ बौ संगीित म बौ धम प प से हीनयान एवं महायान नामक दो सं दाय म िवभािजत हो गया।
हीनयान मूलतः थिवरवािदय का संघ था, जबिक महायान महासंिघक का संघ था। हीनयान वह सं दाय ह, जो
बु क शु धािमक िस ांत म िव ास करता ह, जैसे—चार आय स य, आ ांिगक माग, दस शील आिद।
इस सं दाय का आदश ‘अह ’ ह। अह वह ह, जो कवल अपने िनवाण ा क िलए य न करता ह। हीनयान
क अनुसार बु मानव थे और मूितपूजा का िवरोध करते ह।
महायान सं दाय बु क मूल िवचार म प रवतन क बात करता ह। महायान म ही बु को देवता माना गया
ह तथा मूितपूजा ारभ ई। महायानी सािह य क भाषा सं कत ह। महायान म सवमु क बात कही गई ह अथा
बु को बोिधस व कहा गया ह।
बौ संघ
बु ने सारनाथ म अपने पाँच िश य क सहयोग से बौ संघ क थापना क थी। बौ संघ जनतांि क
णाली पर आधा रत था। संघ म वेश करने क िलए िकसी भी य क यूनतम आयु 15 वष होनी अिनवाय
थी। कोई भी य माता-िपता क आ ा क िबना संघ म वेश नह कर सकता था। िन न य य का बौ संघ
म वेश विजत था—
1. 15 वष से कम आयु का य ।
2. चोर,
3. ह यारा,
4. ऋणी,
5. राजा का सेवक,
6. सैिनक,
7. रोगी।
जैन धम
थम तीथकर ऋषभदेव (आिदनाथ) थे, िज ह जैन धम का सं थापक कहा जाता ह। 24 तीथकर म
23व तीथकर पा नाथ एवं 24व तथा अंितम तीथकर महावीर क ऐितहािसकता मािणत ह।
जैन श द सं कत क िजन से बना ह, िजसका अथ िवजेता ह। िवजय ा करनेवाले य को जैन धम म
वीतराग कहा गया ह। जैन धम एक ाचीन धम ह, िजनक वतक को तीथकर कहा जाता ह। जैन धम म 24
तीथकर ए ह। थम तीथकर ऋषभदेव (आिदनाथ) थे, िज ह जैन धम का सं थापक कहा जाता ह। 24
तीथकर म 23व तीथकर पा नाथ एवं 24व तथा अंितम तीथकर महावीर क ऐितहािसकता मािणत ह। इनक
पहले क 22 तीथकर का ऐितहािसक िववरण उपल ध नह ह।
पा नाथ काशी क राजा अ सेन क पु थे। 30 वष क अव था म उ ह ने गृह- याग िकया था। 83 िदन क
तप या क बाद संवेत पवत पर ान क ा ई थी। उ ह ने वैिदक कमकांड और ब देववाद क आलोचना क ।
इनक अनुयायी िन थी कहलाते थे। िन थी का अथ ह—बंधन से मु होना। इनक मुख िश य कशी थे। इ ह ने
चार मूल िश ा द , जो िन निलिखत ह—
1. स य,
2. अिहसा,
3. अ तेय (चोरी नह करना),
4. अप र ह (धन जमा नह करना)।
24व तीथकर महावीर क माता-िपता पा नाथ क िश य थे। महावीर का ज म वैशाली क कड ाम म 540 ई.पू.
म आ था। इनका माता ि शला (िवदेहद ा) िल छवी क राजा चेटक क बहन थी। िपता िस ाथ ातृ कल क
ि य थे। महावीर का िववाह किडयन गो क यशोदा से आ था। उनक पु ी का नाम ि यदशना था, िजसका
िववाह जमाली क साथ आ था। महावीर क मृ यु 468 ई.पू. म 72 वष क अव था म पावापुरी म ई थी।
महावीर क बचपन का नाम व मान था। अपने िपता क मृ यु क बाद बड़ भाई नंदीव न क आ ा से 30 वष
क अव था म गृह- याग िकया था। गृह याग क 13 माह बाद उ ह ने व याग िदया। 12 वष क कठोर तप या
क बाद 42 वष क अव था म ऋजुपािलका नदी क तट पर जृंिभका ाम म शाल वृ क नीचे ान क ा ई।
ान- ा क बाद महावीर कव य कहलाए। कव य का अथ होता ह—सव ान ा करनेवाला। इनक
अनुयायी जैनी कहलाते ह तथा इनक मुख िश य इ भूित गौतम थे। ान- ा क बाद महावीर ने अपना थम
उपदेश राजगृह म िदया था। उनका थम िश य जमाली बना। इनक समकालीन शासक म िबंिबसार, अजातश ,ु
उदयन, ोतसेन आिद इनक अनुयायी थे।
महावीर जैन क िश ा
जैन धम म ि र न का िस ांत िदया गया ह, िजसे तीन जौहर भी कहा जाता ह। ि र न क िस ांत म शािमल ह
—
1. स यक कम या यायाम,
2. स यक ान,
3. स यक िव ास।
इन तीन म सवािधक बल स यक कम पर िदया गया ह। जैन धम भी अनी रवादी धम ह। यह आ मा और
पुनज म म िव ास करता ह, लेिकन ई र म िव ास नह करता ह। जैन धम म नैितक आचरण क पालन क
िलए पंच महा त बताया गया ह। ये पंच महा त ह—
1. स य,
2. अिहसा,
3. अ तेय,
4. अप र ह,
5. चय।
इनम थम चार क बार म 23व तीथकर पा नाथ ने बताया, जबिक चय को भगवान महावीर ने जोड़ा। जैन
मुिनय क िलए पंच महा त का पालन करने क कठोर िनयम बताए गए ह, जबिक गृह थ जीवन क िलए इसे
उदार बनाया गया ह, िजसे अनु त कहते ह।
पंच महा त एवं अनु त क अित र तीन गुण त एवं चार िश ा त क पालन एवं अनुकरण पर भी जैन धम म
मह व दान िकया गया ह।
तीन अनु त
1. येक गृह थ को सुिवधानुसार काय े क सीमा िनधा रत करनी चािहए।
2. कवल यो य तथा अनुकरणीय काय करना चािहए।
3. भोजन तथा भोग क सीमा िनधा रत करक उसका उ ंघन नह करना चािहए।
चार िश ा त
1. देशिवरित—िकसी देश- देश क सीमा से आगे न जाने का त।
2. सामियक त—िदन म चार बार सांसा रक िचंता से मु होकर यान लगाना।
3. ोपो ोपवास—उपवास त करना।
4. वैयावृ य—दान, पूजा आिद करना।
जैन धम म काया ेश का मह वपूण थान ह। उपवास ारा देह- याग का िवधान जैन धम म िव मान ह,
िजसे संलेखनाप ित (संथारा) एवं िनिस ी कहा जाता ह। जैन अनु ुित क अनुसार चं गु मौय ने
वणबेलगोला (मैसूर) म इसी प ित से अपने ाण यागे थे।
जैन दशन
जैन धम आ मा और पुनज म म िव ास करता ह। सां य दशन और जैन धम म िनकट संबंध ह। जैन धम म
देवता क अ त व को वीकार िकया गया ह, लेिकन देवता का थान िजन/महावीर से नीचे रखा गया ह। जैन
दशन क अनुसार संसार का वा तिवक कारण ई र नह ह। संसार वा तिवक और स य ह तथा अनेक च म
बँटा आ ह। येक च क दो अविधयाँ उ सिपणी अथा िवकास क अविध तथा अवसिपणी अथा स क
अविध ह। इस धम म संसार म लय का कोई थान नह ह। यह संसार जीव और अजीव से िमलकर बना ह। जीव
चेतन त व ह और अजीव अचेतन जड़ त व ह।
जैन धम म पाँच कार क ान का वणन िकया गया ह—
1. मित अथा इि यजिनत ान।
2. ुित अथा सुनकर अिजत ान।
3. अविध अथा िद य ान।
4. मनःपयाय अथा दूसर क मन क बात जाननेवाला ान।
5. कव य अथा पूण ान क ा ।
जैन धम म अनेकांतवाद तथा यादवाद का िस ांत िदया गया ह। यादवाद को ‘स भंिगनय’ भी कहते ह।
जैिनय ने परम त व क या या क िलए ‘स भंग’ याय क क पना क ह। दाशिनकवाद क ि से इसे
यादवाद कहा जाता ह। यादवाद का अथ ह—संभवतः। यादवाद क सात अंग िन निलिखत ह—
1. याद अ त—शायद ह।
2. याद ना त—शायद नह ह।
3. याद अ त च ना त—व तु शायद ह और नह भी ह।
4. याद अव य —कछ भी नह कहा जा सकता ह।
5. याद अ त अव य —शायद ह, लेिकन कछ कहा नह जा सकता ह।
6. याद ना त अव य —शायद नह ह और कछ कहा नह जा सकता ह।
7. याद अ त ना त अव य —शायद ह, नह ह और कछ कहा नह जा सकता ह।
जैन धम म कम और बंधन क या या क गई ह। इसम आठ कार क कम बताए गए ह। कम का जीव को
पकड़ लेना ही बंधन ह। ान क ारा इन आठ कार क कम का नाश िकया जा सकता ह और मो क ा
क जा सकती ह। कम योग जग और भोगायतन शरीर क कारण उ प होता ह। जैन धम क अनुसार, शरीर
अथवा जीव वभाव से मु ह, लेिकन अ ान क कारण जीव कम-बंधन म फस जाता ह। जीव क साथ कम का
संयोग और िवयोग क पाँच अव थाएँ बताई गई ह। जैन धम म पाँच अव था को पदाथ कहा गया ह, जो िन न ह
—
1. आ तव—कम का जीव क ओर बहाव।
2. बंधन—कम जीव म घुसकर जीव को जकड़ लेता ह।
3. संबर—इसम कम का जीव क ओर बहाव क माग को अव िकया गया, िजससे अब कम जीव म न
घुस सक।
4. िनजरा—इसम ान क ारा जीव म घुसे ए कम का नाश कर देते ह।
5. मो —जब कम का अंितम प से नाश हो जाता ह, तब जीव सव एवं सव प से चमकने लगता ह
तथा काशमान हो जाता ह। इस अव था को मो या कव य कहते ह।
जैन संगीित
संगीित : थम
वष : 322-298 ई.पू.
थान : पाटिलपु
अ य : थूलभ
शासक : चं गु मौय
मुख काय : 12 अंग का संकलन तथा ेतांबर और िदगंबर दो सं दाय म िवभाजन
संगीित : तीय
वष : 512 ई.
थान : व भी
अ य : देवािध मा वण
शासक : —
मुख काय : जैन धम क िस ांत को अंितम प से िलिपब िकया गया।
जैन सािह य
जैन सािह य को आगम ंथ कहा जाता ह। इसक भाषा ाकत ह। कछ जैन सािह य क रचना मागधी एवं
अ मागधी भाषा म भी क गई ह। इसक अंतगत 12 अंग, 12 उपांग, 10 क ण, 6 छद सू , 4 मूल सू एवं
अनुयोग सू आते ह। जैन सािह य क अंतगत आनेवाले मु य सािह य िन न ह—
1. चौदह पूवास—यह िदगंबर जैन का एकमा सािह य ह।
2. बारह अंग—इसक रचना थूलभ ने क थी। इसक मुख अंग ह—
• अचरांग सू —इसक अंतगत जैन िभ ु क पालन से संबंिधत िनयम संकिलत ह।
• भगवती सू —इसम वग और नरक क अवधारणा का वणन ह एवं जैन तीथकर का जीवन च र भी ह।
भगवती सू म पहली बार 16 महाजनपद का वणन ह।
• उ रा यण सू —इसम इ भूित गौतम तथा कसी जापित क बीच संवाद का वणन ह। इससे ही जैनमत का िवकास आ ह।
3. क पसू —इसक रचना भ बा ने क थी। इसम 11 गणधर क चचा ह। गणधर वह ह, जो महावीर क
समक ह। जैन धम म गणधर का वही थान ह, जो बौध धम म आनंद का ह।
4. प रिशि पवण—इसक रचना हमचं ारा क गई ह। हमचं गुजरात म चालु य वंश क दरबार म
रहनेवाला िव ा था। 1200 ई. म हमचं भ बा क समक एवं भ बा क बाद जैन धम का सबसे बड़ा
िव ा था। प रिशि पवण जैन धम का लघु इितहास ह। इसक अनुसार चं गु मौय क दरबार म 12 वष का
अकाल पड़ा। चं गु मौय जैन धम का अनुयायी था। वह भ बा क साथ दि ण भारत क वणबेलगोला (मैसूर)
प चा, जहाँ अ यागने से उसक मृ यु हो गई।
चं गु मौय जैन धम का अनुयायी था। वह भ बा क साथ दि ण भारत क वणबेलगोला (मैसूर)
प चा, जहाँ अ यागने से उसक मृ यु हो गई।
5. अवसादगाओ—इसम जैन धम म शािमल होनेवाले 13 धनी यापा रय क कहानी ह।
जैन धम क िविभ सं दाय
1. ेतांबर—मगध सा ा य म अकाल क दौरान थूलभ अपने अनुयाियय क साथ मगध म ही क रह और
उ ह ने ेतव धारण करना ारभ कर िदया। ेतांबर जैिनय को यित, साधु तथा आचाय कहा जाता ह। ये
िनयम का पालन करने म उदार होते ह। ेतांबर अनुयायी भोजन को आव यक समझते ह तथा इनका मानना ह
िक महावीर वामी का िववाह आ था और उनक पु ी भी थी।
2. िदगंबर—चं गु मौय क शासन काल म मगध म भयंकर अकाल पड़ा। अकाल क कारण भ बा अपने
अनुयाियय क साथ दि ण भारत चले गए और ये व याग िदए। िदगंबर अनुयायी िनयम का कठोरता से पालन
करते ह। इनक िलए िदशा और आसमान ही इनका व ह (िदक + अंबर)। िदगंबर जैिनय को झु क, ऐ क
और िन थ कहा जाता था। िदगंबर मानते थे िक ान- ा क बाद भोजन आव यक नह ह। ये महावीर को
अिववािहत मानते थे।
कालांतर म ेतांबर और िदगंबर भी अनेक उप-सं दाय म िवभािजत हो गए—
1. ेतांबर क उप-सं दाय—पुजेरा या डरावासी एवं ढिढया या थानकवासी।
2. िदगंबर क उप-सं दाय—बीसापंथी, थेरापंथी तथा समैयापंथी या तारणपंथी।
पुजेरा मंिदरमाग तथा जैन तीथकर क पूजा करते ह, जबिक ढिढया या थानकवासी कवल िस ांत को मानते
ह। बीसपंथी तथा थेरापंथी जैन तीथकर क मूितय क पूजा करते ह, जबिक तारणपंथी मूितपूजक नह ह।
बौ एवं जैन सं दाय क अित र छठी सदी ई.पू. म थािपत होनेवाले अ य ना तक सं दाय िन निलिखत थे
—
1. अि यावादी सं दाय—इसक सं थापक पूरणक यप थे। इस सं दाय क अनुसार कम का कोई फल नह
होता ह।
2. आजीवक सं दाय—इसक सं थापक म खली गोसाल थे। यह धािमक लोग का एक समूह था। मौय
शासक िबंदुसार, अशोक एवं अशोक क पौ दशरथ ने आजीवक सं दाय को सर ण िदया था।
3. भौितकवादी सं दाय—इस सं दाय क सं थापक अिजत कशकबली थे। इसे लोकायत सं दाय भी कहते
ह। इसी ने चावाक दशन का िवकास िकया था। चावाक का अथ होता ह—सुंदर बोलनेवाले लोग का समूह।
चावाक दशन क अनुसार वेद क रचना झूठ, म ार एवं मांसाहारी लोग ारा क गई थी। यह ई र एवं
पुनज म म िव ास नह करता ह। धम, अथ, काम और मो म कवल अथ और काम को ही वीकार करता ह।
इस सं दाय का िस वा य ह—याव ीवे सुखं जीवे ऋणं क वा घृतं िपबेत। भ मी भूत य कतारौ
भ डधूतिनशाचराः॥ अथा मनु य जब तक जीिवत रह, तब तक सुखपूवक िजए, ऋण करक भी घी िपए अथा
सुख भोग क िलए जो भी उपाय करना पड़, कर।
4. अिन यवादी सं दाय—इसक सं थापक संजय वेठलीपु थे। इसक अनुसार िकसी न का िन त
उ र नह िदया जा सकता ह। यह संदेहवादी सं दाय ह।
िबहार का राजनैितक इितहास
भारत क राजनैितक इितहास का िनधारण सव थम पॉिजटर ारा करने का यास िकया गया ह। ऋ वैिदक
काल म जा आि त ‘जन’ श द का योग राजनीितक इकाई क प म िमलता ह। उ र-वैिदक काल म े -
आि त जनपद श द का योग होने लगा। 600 ई.पू. क आसपास कई जनपद क िमलने से महाजनपद का
िनमाण आ। बौ काल म 16 महाजनपद का िववरण िमलता ह। 16 महाजनपद क थम जानकारी बौ
सािह य ‘अंगु र िनकाय’ और जैन सािह य ‘भगवती सू ’ से िमलती ह। 16 महाजनपद िन न थे—
मांक : 1
महाजनपद : काशी
राजधानी : वाराणसी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 2
महाजनपद : कोसल
राजधानी : अयो या एवं ाव ती
वतमान थित : उ र देश
मांक : 3
महाजनपद : अंग
राजधानी : चंपा
वतमान थित : िबहार
मांक : 4
महाजनपद : मगध
राजधानी : राजगृह या िग र ज
वतमान थित : िबहार
मांक : 5
महाजनपद : व
राजधानी : वैशाली
वतमान थित : िबहार
मांक : 6
महाजनपद : म
राजधानी : उ री म —कशीनगर
दि णी म —पावापुरी
वतमान थित : उ र देश एवं िबहार
मांक : 7
महाजनपद : चेिद
राजधानी : श मती
वतमान थित : पंजाब
मांक : 8
महाजनपद : व स
राजधानी : कौशांबी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 9
महाजनपद : पु
राजधानी : इ थ
वतमान थित : ह रयाणा
मांक : 10
महाजनपद : पांचाल
राजधानी : उ री पांचाल-अिह छ
दि णी पांचाल-कािप य
वतमान थित : पंजाब
मांक : 11
महाजनपद : म य
राजधानी : िवराट नगर
वतमान थित : राज थान
मांक : 12
महाजनपद : शूरसेन
राजधानी : मथुरा
वतमान थित : प मी उ र देश
मांक : 13
महाजनपद : अ मक
राजधानी : पाटन/पोतन
वतमान थित : आं देश
मांक : 14
महाजनपद : अवंित
राजधानी : उ री अवंित—उ ैन
दि णी अवंित—मािह मती
वतमान थित : म य देश
मांक : 15
महाजनपद : गांधार
राजधानी : त िशला
वतमान थित : अफगािन तान
मांक : 16
महाजनपद : कबोज
राजधानी : हाटक
वतमान थित : अफगािन तान
व संघ को िल छवी संघ भी कहा जाता ह। वैशाली म गणतांि क यव था थी, इसिलए इसे िव
का थम गणतं भी कहा जाता ह। वैशाली का नामकरण राजा िवशाल क नाम पर आ था।
उपयु 16 महाजनपद म से 2 महाजनपद गांधार और कबोज अफगािन तान म थत थे, लेिकन गांधार
महाजनपद क राजधानी त िशला वतमान म पािक तान म ह। इन 16 महाजनपद म 3 महाजनपद मगध, अंग एवं
व िबहार म थत थे। अंग, िजसका उ ेख सव थम अथववेद म िमलता ह, क राजधानी वतमान भागलपुर
क िनकट चंपा म थी। पािणिनरिचत ‘अ ा यायी’ म अंग को वंग, किलंग तथा पुं आिद भी कहा गया ह। अंग
महाजनपद िबहार क पूव भाग से लेकर बंगाल क खाड़ी तक फला था। इस महाजनपद क अंतगत मानभूम,
वीरभूम, मुिशदाबाद और संथाल परगना क े भी स मिलत थे। महाभारत एवं पुराण क अनुसार राजा बिल क
छह पु म से एक अंग ने अंग महाजनपद क थापना क । इ ह ोत क अनुसार पृथुला क पु चंप क नाम
पर चंपा नगर क थापना ई, जो बाद म अंग क राजधानी बनी। अंग क शासक द ने जब मगध क शासक
िबंिबसार क िपता भि को परािजत िकया, तब िबंिबसार ने ोिधत होकर अंग पर आ मण कर िदया और
छोटानागपुर े क शासक नागराज क सहायता से द क ह या कर दी। अंग पर अिधकार करने क बाद
िबंिबसार ने एक ा ण शेणदंड को चंपा का जागीरदार िनयु िकया। इस तरह द अंग महाजनपद का
अंितम शासक था। मगध क शासक अजातश ु क समय अंग को पूरी तरह से मगध म िमला िलया गया। 16
महाजनपद म 5 महाजनपद अपनी भौगोिलक एवं आिथक थित क कारण श शाली होकर उभर। 5 महाजनपद
िन निलिखत शासक क अधीन श शाली होकर उभर थे—
1. हयक वंश क िबंिबसार क नेतृ व म मगध सा ा य।
2. इ वाक वंश क सेनिज क नेतृ व म कोसल।
3. पोरव वंश क उदयन क नेतृ व म व स।
4. ोतसेन क नेतृ व म अवंित।
5. आठ संघ का गणरा य व ।
व महाजनपद क थापना 725 ई. पू. क आसपास ई थी। यह आठ रा य का एक संघ था। इस संघ म
शािमल रा य िन निलिखत थे—िल छवी, िवदेह, ाि क, व , उ , भोग, कौरव एवं इ वाक। इसम िल छवी
क राजधानी वैशाली, िवदेह क िमिथला, ाि क क कड ाम तथा व का को ाग थी।
संपूण व संघ क राजधानी वैशाली थी। इन आठ रा य म िल छवी सवािधक िस रा य था। अतः व
संघ को िल छवी संघ भी कहा जाता ह। वैशाली म गणतांि क यव था थािपत थी, इसिलए इसे िव का थम
गणतं भी कहा जाता ह। वैशाली का नामकरण राजा िवशाल क नाम पर आ था।
मगध क शासक िबंिबसार ने िल छवी क राजा चेटक क पु ी चे ना क साथ िववाह िकया था, िजसक कारण
मगध और िल छवी संघ म िबंिबसार क समय िम ता थािपत ई, लेिकन िबंिबसार क पु अजातश ु क िव
व य ने म एवं कोसल क गणरा य क साथ िमलकर एक महासंघ का िनमाण िकया था, िजस महासंघ म
िल छवी क नौ गणरा य, म क नौ गणरा य तथा काशी एवं कोसल क 18 गणरा य शािमल ए थे। बौ
िव ान बुध घोष क अनुसार व य ने शासन यव था को चलाने क िलए एक संिवधान का िनमाण िकया था,
िजसक तहत राजा का चुनाव होता था। व संघ क शासन को चलाने क िलए 7707 राजा होते थे। राजा क
साथ-साथ उप-राजा, सेनापित एवं भंडागारी का भी चुनाव होता था। िल छवी संघ क सभा का आयोजन सं थागार
नामक भवन म होता था। िल छवी राजा क सभा सं था कहलाती थी, जो गणरा य क सव सभा थी।
सं था क अित र अ कल नामक एक सं था थी, िजसम व संघ क सभी आठ गणरा य का ितिनिध
होता था, जो याय महासिमित का काय करता था। ाम एवं नगर शासन क देख-रख क िलए गमगामीिण एवं
पूणगािमक क िनयु होती थी। गमगामीिण गाँव का मुिखया होता था, पूणगािमक औ ोिगक उ पादन इकाइय
का धान था। गौतम बु ने व य क गणतांि क यव था क बार म कहा था िक जब तक व संघ क लोग
अपने सात आव यक ध म का पालन करते रहगे, उ ह कोई परािजत नह कर सकता ह। व संघ क बैठक
क अ य ता गण मुख करता था तथा बैठक म गणपूित अिनवाय थी। गणपूित क सं या 20 िनधा रत थी। व
संघ म कोई भी िनणय मतदान क आधार पर िकया जाता था। मत-प येक सद य को िदया जाता था, जो
लकड़ी क बना होता था एवं अलग-अलग रग का होता था।
िबंिबसार, उदयन, ोतसेन और सेनिज , चार छठी शता दी ई.पू. क उ राध म ए। ये सभी बु एवं
महावीर क समकालीन थे। इन पाँच क बीच आपसी वच व क िलए संघष आ, िजसम अंततः मगध िवजयी
आ।
मगध सा ा य का उदय
मगध श द का थम उ ेख अथववेद म िमलता ह। मगध े वतमान िबहार का गंगा का दि णी भाग ह,
िजसम मूल प से पटना, गया, नालंदा, नवादा, औरगाबाद क े थत ह। मगध सा ा य का क िबंदु राजगृह
एवं पाटिलपु था। अपनी भौगोिलक थित एवं आिथक संसाधन क संप ता क कारण अ य महाजनपद पर
मगध े ता थािपत करने म सफल रहा।
मगध सा ा य क उ कष का कारण
1. भौगोिलक थित—मगध क राजधानी चार ओर से पहािड़य से िघरी था। अतः यह बा आ मण से
सुरि त था। मगध से गंगा और सोन नदी गुजरती थी, िजससे जल यातायात क सुिवधा थी। गंगा क दि णी घाटी
अिधक उपजाऊ थी, जो किष क िलए उ म थी।
2. खिनज पदाथ क उपल धता—मगध क दि णी भाग म लोहा, ताँबा तथा वन संसाधन चुर मा ा म पाए
जाते थे। लोह क उपल धता क कारण उ म हिथयार बनाने म सहायता िमली तथा किष उ पादकता म ती वृ
ई।
3. अ य गणरा य का पतन—मगध े म बौ एवं जैन धम का उदय आ, िजसका समथन इस े क
शासक ने िकया। बौ एवं जैन धम क समथन क कारण उस े क जनता ारा शासक को बड़ पैमाने पर
सहयोग दान िकया गया।
वृह थ वंश
य िप मगध का थम ऐितहािसक वंश हयक वंश ह, िजसक नेतृ व म मगध सा ा य का उदय आ, लेिकन
पौरािणक ोत क अनुसार मगध का थम वंश वृह थ वंश था। इस वंश का सं थापक वृह थ था। इसक िपता का
नाम चेिदराज वसु था। इसक राजधानी वसुमती या िग र ज या कशा पुर थी। इस वंश का सवािधक िस राजा
जरासंध आ। महाभारत म जरासंध एवं भीम क बीच म यु का वणन िमलता ह। एक मा यता क अनुसार
राजगृह क च ान म इस यु का पद-िच आज भी िदखाई देता ह। इसने काशी, कोसल, चेिद, मालवा,
िवदेह, अंग, किलंग, क मीर और गांधार क राजा को भी परािजत िकया। जरासंध क मृ यु क बाद उसका पु
सहदेव शासक बना। वृह थ वंश का अंितम शासक रपुंजय था, िजसक ह या उसक मं ी पुलक ने कर दी और
अपने पु को राजा बना िदया। बाद म एक दरबारी महीय ने पुलक और उसक पु को मारकर अपने पु िबंिबसार
को ग ी पर बैठाया।
जरासंध क मृ यु क बाद उसका पु सहदेव शासक बना। वृह थ वंश का अंितम शासक रपुंजय था,
िजसक ह या उसक मं ी पुलक ने कर दी और अपने पु को राजा बना िदया।
हयक वंश
मगध एवं िबहार श द का थम उ ेख अथववेद म आ ह। भारत का थम सा ा य मगध सा ा य को माना
जाता ह, िजसका सं थापक हयक वंश का िबंिबसार या ेिणक ह।
काशी को लेकर अजातश ु और सेनिज क बीच यु आ, िजसम सेनिज परािजत आ और
उसने भागकर ाव ती म शरण ली।
िबंिबसार (544-492 ई.पू.)—बौ ंथ महावंश क अनुसार हयक वंश का सं थापक िबंिबसार 15 वष क
आयु म ग ी पर बैठा तथा इसक नेतृ व म ही मगध सा ा य का िव तार आरभ आ। इसने अपनी राजधानी
राजगृह को बनाया तथा लगभग 52 वष तक शासन िकया। राजगृह का िनयोजन वा तुकार महागोिवंद ने िकया था।
िबंिबसार ने मगध क उ थान क िलए तीन कार क नीितयाँ अपनाई—
1. वैवािहक संबंध क नीित—इसने मगध सा ा य िव तार क िलए वैवािहक नीित क अंतगत कोसल क
राजा सेनिज क बहन कोशला देवी से िववाह करक दहज क प म काशी जैसे उपजाऊ े को ा िकया।
िबंिबसार ने अपने सा ा य क िव तार क िलए िल छवी राजकमारी चेल ा (चेतक क पु ी) क साथ तथा पंजाब
क राजकमारी ेमा क साथ िववाह िकया।
2. मै ी क नीित—िबंिबसार ने अपने सा ा य िव तार क िलए मै ी क नीित अपनाई। उसने अवंित शासक
ोतसेन क साथ मै ी संबंध थािपत िकया तथा उसक उपचार क िलए अपने राजवै जीवक को भेजा।
3. िवजय क नीित—िबंिबसार ने अंग को जीतकर अपने ऌपु अजातश ु को वहाँ का शासक िनयु िकया।
इितहास म िबंिबसार को ऐसा थम शासक माना जाता ह, िजसने थायी सेना रखी तथा पहली बार हाथी को अपनी
सेना म शािमल िकया। 493 ई.पू. म अजातश ु अपने िपता िबंिबसार क ह या कर मगध का शासक बना।
अजातश ु—493-461 ई.पू.
अजातश ु अपने िपता िबंिबसार क भाँित सा ा यवादी कित का शासक था। यह जैन धम का अनुयायी था।
इसका उपनाम किनक था। इसक शासन काल म तीन मह वपूण िव ोह ए, िजसक प रणाम अजातश ु क प म
रह।
कोसल क साथ संघष—िबंिबसार क मृ यु क बाद उसक प नी कोशल देवी क भी मृ यु दुःख क कारण हो
गई, िजससे सेनिज ने ोिधत होकर मगध को िदए गए काशी क अनेक गाँव पर पुनः अिधकार कर िलया।
काशी को लेकर अजातश ु और सेनिज क बीच यु आ, िजसम सेनिज परािजत आ और उसने भागकर
ाव ती म शरण ली। दूसरी बार यु म अजातश ु परािजत आ, लेिकन सेनिज क पु ी वािजरा क साथ
अजातश ु ने िववाह करक संघष को समा िकया। अजातश ु क शासन काल म ही कोसल को अंितम प से
मगध म िमला िलया गया।
व संघ क साथ संघष—कोसल िवजय क बाद अजातश ु ने अपने मं ी व कार क सहयोग से व संघ
म फट डाल दी। उसक बाद 16 वष य यु म इसने वैशाली को अपने रा य म िमला िलया। इस यु म
अजातश ु ने कटक-िशला एवं गदा-मूसल जैसे श का योग िकया। व से यु करने िलए गंगा, गंडक
और सोन निदय क संगम पर अजातश ु ने एक सैिनक छावनी का िनमाण िकया, जो बाद म पाटिलपु क नाम से
जानी गई। अवंित नरश ोत क ारा आ मण िकए जाने क आशंका को यान म रखकर अजातश ु ने राजगृह
म सुर ा दुग बनवाया, जो भारत म थाप य िनमाण का ाचीनतम उदाहरण ह।
म क साथ संघष—िल छिवय को परािजत करने क बाद अजातश ु ने म संघ पर आ मण कर उसे
अपने सा ा य म िमला िलया। वैवािहक संबंध क ारा अजातश ु ने व स को अपना िम बना िलया।
अजातश ु ने अपने शासन क दसव वष म गौतमबु क महाप रवाण क प ा उनक अवशेष पर राजगृह म
तूप का िनमाण करवाया। अजातश ु से वैशाली क नगरवधू आ पाली ेम करती थी। इसक शासन काल म ही
राजगृह क स पण गुफा म महाक यप क अ य ता म थम बौ संगीित का आयोजन िकया गया था।
अजातश ु का पु उदयन उसक ह या कर वयं मगध सा ा य का शासक बना।
उदयन (461-444 ई.पू.)
उदयन अपने िपता अजातश ु क शासन काल म चंपा का रा यपाल था। इसने अपने िपता अजातश ु क ह या
कर स ा हण िकया था। इसने गंगा और सोन नदी क संगम पर पाटिलपु नगर को बसाया तथा मगध क
राजधानी राजगृह से हटाकर पाटिलपु म थािपत क । उदयन जैन अनुयायी था। उसने पाटिलपु क म य म एक
जैन चै यगृह का िनमाण करवाया था। अवंित क राजा पोलक ने उदयन क ह या करा दी।
काशी क अमा य िशशुनाग ने हयक वंश क अंितम शासक नागदशक क ह या कर िशशुनाग वंश क थापना
क । नागदशक को पुराण म ‘दशक’ भी कहा गया ह।
िशशुनाग वंश (412-345 ई.पू.)
काशी का रा यपाल िशशुनाग 412 ई.पू. म मगध का राजा बना। इसने मगध क राजधानी पाटिलपु से वैशाली
थानांत रत िकया। िशशुनाग ने व स, अवंित, कौशांबी पर िवजय ा क । 394 ई.पू. म िशशुनाग क मृ यु क
प ा उसका पु कालाशोक (काकण) मगध क ग ी पर बैठा। इसने मगध क राजधानी पुनः पाटिलपु को
बनाया। िशशुनाग वंश का सव े शासक कालाशोक ही आ। इसक शासन काल म ही वैशाली म बौ धम क
‘ तीय संगीित’ का आयोजन 383 ई.पू. म आ। नंदीवधन िशशुनाग वंश का अंितम शासक था।
नंद वंश (345-321 ई.पू.)
महाप नंद ने िशशुनाग वंश का अंत कर मगध सा ा य पर अिधकार िकया तथा नंद वंश क थापना क । नंद
वंश क समय मगध क श चरमो कष पर प ची। इस वंश क अधीन नंद एवं उसक आठ पु ने शासन िकया।
इस वंश का सव े शासक महाप नंद एवं घनानंद थे। महाप नंद को ‘किल का अंश’, ‘सव ांतक’, ‘दूसर
परशुराम का अवतार’, ‘भागव’, एकराट आिद कहा गया ह। भारतीय इितहास म पहली बार महाप नंद ने मगध
जैसे एक िवशाल सा ा य क थापना क , िजसक सीमाएँ गंगा घाटी क मैदान का अित मण कर गई। िवं य
पवत क दि ण म िवजय-पताका फहरानेवाला पहला मगध का शासक महाप नंद ही आ। उसने उड़ीसा को
जीता तथा वहाँ नहर बनवाई थी। इस िवशाल सा ा य म एकतं ा मक शासन यव था थी।
वह उड़ीसा से जैन मूित को उठाकर मगध लाया था। महाप नंद क बाद मगध का अंितम शासक घनानंद आ,
िजसक समय म, 326 ई.पू. म, यूनानी शासक िसकदर का भारत पर आ मण आ। 322 ई.पू. म चं गु मौय ने
घनानंद को परािजत कर नंदवंश को समा िकया। नंद शासक जैन धम को मानते थे तथा शू जाित से संबंिधत थे।
मौय वंश (321-185 ई.पू.)
नंद वंश क अंितम स ा घनानंद को परािजत करक चं गु मौय ने मौय सा ा य क थापना क । इस वंश म
चं गु मौय तथा अशोक सवािधक श शाली शासक ए।
िशशुनाग वंश का सव े शासक कालाशोक ही आ। इसक शासन काल म ही वैशाली म बौ धम
क ‘ तीय संगीित’ का आयोजन 383 ई.पू. म आ।
चं गु मौय—मौय सा ा य का सं थापक चं गु मौय था। इसक ज म और जाित क बार म िव ान म
मतभेद ह। ‘ ा ण ंथ’, ‘िव णु पुराण’ तथा ‘मु ारा स’ क अनुसार चं गु मौय शू था, जबिक पूनर क
अनुसार वह पारसीक था। जैन एवं बौ ंथ इसे मोरीय ि य वंश से संबंिधत मानते ह। चं गु मौय को
स ोको स, एं ोको स, आिद नाम से भी जाना जाता ह।
कौिट य क सहायता से चं गु मौय ने सव थम उ र-प म क रा य पंजाब एवं िसंध को िविजत िकया।
इसक बाद मगध सा ा य पर िवजय ा क । िसकदर क मृ यु क प ा से यूकस बेबीलोन का राजा बना।
भारत िवजय को यान म रखते ए काबुल क माग से होते ए वह िसंधु नदी क ओर बढ़ा, जहाँ उसका सामना
क सेना से आ। इस यु म से यूकस परािजत आ तथा उसने 303 ई.पू. चं गु मौय से संिध क । से यूकस
ने अपनी पु ी हलेना का िववाह चं गु मौय से िकया तथा दहज क प म उसने हरात, कधार, मकरान तट,
काबुल को िदया। इसक बदले म चं गु मौय ने से यूकस को 500 हाथी उपहार व प दान िकए। से यूकस ने
मेगा थनीज नामक एक राजदूत चं गु मौय क दरबार म भेजा, िजसने ‘इिडका’ नामक पु तका क रचना क ।
चं गु मौय को भारत का मु दाता कहा जाता ह। शासन क अंितम वष म वह अपना िसंहासन यागकर
भ बा क साथ वणबेलगोला (मैसूर) म चं िग र पवत पर तप या करने चला गया, जहाँ उसने संलेखना िविध
ारा अपने ाण याग िदए।
िबंदुसार (298-273 ई.पू.)
चं गु मौय क मृ यु क बाद उसका पु िबंदुसार 298 ई.पू. म मगध सा ा य क ग ी पर बैठा। यूनािनय ने
इसे अिम चे स या ‘अिम घात’ कहा ह, िजसका अथ ह—श ु का नाश करनेवाला। इसका एक अ य नाम
िसंहसेन भी था।
से यूकस ने मेगा थनीज नामक एक राजदूत चं गु मौय क दरबार म भेजा, िजसने ‘इिडका’ नामक
पु तका क रचना क ।
िबंदुसार क समय म त िशला म ए िव ोह को दबाने क िलए मालवा या उ ैन क शासक अशोक को भेजा
गया था। सी रया क शासक एंिटयोक थम ने डायमेकस नामक राजदूत तथा िम क शासक टॉ मी तीय
िफलाडलफस ने ‘डायनोिसयस’ नामक राजदूत िबंिबसार क दरबार म भेजा। िबंदुसार अपने िपता क भाँित शासन
का काय करता था, उसने अपने सा ा य को ांत म िवभािजत िकया तथा येक ांत म उपराजा क प म
कमार िनयु िकया। शासिनक काय क िलए उसने मंि प रष क थापना क तथा अनेक महामा य क
िनयु भी क । िबंदुसार ने 25 वष तक रा य िकया तथा 273 ई.पू. म उसक मृ यु हो गई।
अशोक (273-232 ई.पू.)
िबंदुसार का उ रािधकारी अशोक महा आ, जो 273 ई.पू. म मगध क ग ी पर आसीन आ। िसंहली
सािह य क अनुसार अशोक अपने 99 भाइय क ह या कर स ा बना, लेिकन इस िवषय म मतभेद ह। अशोक
का अपने भाइय क साथ संघष आ, जो 4 वष तक चला, य िक अशोक 273 ई.पू. म शासक िनयु आ
और 4 वष बाद 269 ई.पू. म उसका रा यािभषेक आ।
नेपाली सािह य क अनुसार शासक बनने से पूव अशोक त िशला का गवनर था, जबिक ीलंका सािह य क
अनुसार वह उ ैन का गवनर था। अशोक को ारभ म चंडाशोक या कामाशोक कहा गया ह। अशोक नाम का
उ ेख उसक चार अिभलेख —मा क , गुजरा, ने ूर और उडगोलम म िमलता ह। भा ू अिभलेख म उसे
‘ि यदश ’, जबिक मा क म ‘बु शा य’ कहा गया ह।
अशोक ने अपने जीवन म एकमा किलंग यु लड़ा, िजसक जानकारी 13व बृहत िशलालेख से िमलती ह।
यह यु शासन क 8व वष 261 ई.पू. म लड़ा गया। इस यु क िवभीिषका ने अशोक क दय को प रवितत
कर िदया। उसने यु नीित को छोड़कर ध म नीित को अपनाया एवं िव का थम शांित वतक बना। कौिट य
क अनुसार, किलंग यु का मु य कारण हािथय क े को ा करना था, जबिक लनी क अनुसार यापार-
वािण य क िलए समु ी तट ा करने क उ े य से किलंग यु लड़ा गया। क हण क ‘राजतरिगणी’ क
अनुसार, अशोक बौ धम हण करने से पहले क र शैव था। बौ धम म अशोक को दीि त करनेवाला
िव ा उपगु या मो गिलपु ित स था।
अशोक ने अपने सा ा य को 5 ांत म बाँटा था, जो िन न थे—
मांक : 1
ांत : उ रापथ
राजधानी : त िशला
मांक : 2
ांत : दि णापथ
राजधानी : वणिग र
मांक : 3
ांत : अवंित
राजधानी : उ ैन
मांक : 4
ांत : किलंग
राजधानी : तोसली
मांक : 5
ांत : ाची/पूव रा य
राजधानी : पाटिलपु
संपूण मौय रा य क राजधानी पाटिलपु म थत थी। अशोक ने क मीर म ीनगर एवं नेपाल म लिलतपाटन
नामक नगर क थापना क । दमन क जूनागढ़ अिभलेख क अनुसार, इस े म उजयंत पवत पर पु यगु
ारा चं गु मौय ने सुदशन झील का िनमाण कराया था, िजसक मर मत अशोक ने तुषा प ारा, दमन ने
सुिवशाख ारा तथा कदगु ने च पािलत ारा कराई थी। तुषा प अशोक क समय अवंित का गवनर था, जो
एक यूनानी था। अशोक क बाद मौय सा ा य कई भाग म बँट गया, जैसे—पूव भाग अथा िबहार, बंगाल,
उ र- देश आिद। इस े का शासक दशरथ बना, िजसने इनक राजधानी पाटिलपु को ही रखा। प मी भाग
म राज थान, गुजरात और प मी म य देश ांत थे, िजसका शासक अशोक का एक अ य पौ सं ित बना।
अशोक क बाद सं ित को मौय वंश का े शासक कहा जाता ह। राजतरिगणी क अनुसार क मीर े का
शासक जालौक बना। मौय वंश क अंितम शासक वृह थ क ह या185 ई.पू. म ा ण सेनापित पु यिम शुंग
ारा कर दी गई तथा शुंग वंश क थापना क गई।
अशोक का ध म
ध म श द सं कत भाषा क धम का ाकत पांतर ह। अशोक क िस उसक िवजय-या ा से नह , ब क
उसक ध म नीित क कारण ह। अशोक िव इितहास म जनता क नैितक उ थान क िलए िनरतर य न करने क
कारण महा ह। िजन िस ांत क आधार पर नैितक य न संभव ह, उ ह िस ांत को अशोक क अिभलेख म
‘ध म’ कहा गया ह।
अशोक क अनुसार, ध म साधुता ह, ब त से अ छ और क याणकारी काय करना ह, पापरिहत होना, दूसर क
साथ मधु यवहार करना, दान, दया, ािणय का वध न करना, माता-िपता और बड़ का आदर करना, संबंिधय ,
िम , दास एवं सेवक क साथ उ म यवहार करना आिद ह। इसक साथ ही अशोक क ध म म िनषेधा मक प
भी ह, जैसे—चंडता, िन ुरता, ोध, ई या आिद य क िवकास म बाधक ह, अतः येक य को इनसे
बचना चािहए। अशोक ने येक य को िन य आ म-परी ण पर बल देने को कहा। अशोक क अनुसार, मनु य
कवल अपने ारा िकए गए अ छ काय को ही देखता ह। यह कभी नह देखता ह िक उसने या पाप िकया?
य को देखना चािहए िक उसक मनोवेग, चंडता, िन ुरता, ोध एवं ई या उसे पाप क ओर न ले जाएँ एवं
उसका पथ न कर द।
ध म क उपयु िस ांत क पालन करने पर इस संबंध म कोई संदेह नह रह जाता िक यह एक सवसाधारण
धम ह, िजसक मूलभूत मा यताएँ सभी सं दाय म मा य ह। देश और काल क सीमा म बँधा नह ह, िकसी भी
पंथ या सं दाय का कोई िवरोध नह हो सकता ह।
दामन क जूनागढ़ अिभलेख क अनुसार इस े म उजयंत पवत पर पु यगु ारा चं गु मौय ने
सुदशन झील का िनमाण कराया था। िजसक मर मत अशोक ने तुषा प ारा, दामन ने सुिवशाख
ारा तथा कदगु ने च पािलत ारा कराई थी।
अशोक बौ धम का अनुयायी था। बौ धम क चार- सार का काय िकया, लेिकन अशोक का ध म बौ
धम नह ह तथा वह अपनी जनता को ध म क अनुसार काय करने को कहता ह। इसका ध म सवमा य ह,
सावभौम ह, सव े संबंध क थापना करता ह, बा आडबर का िवरोध करता ह तथा आंत रक शु ता पर
बल देता ह।
अशोक क रा यारोहण क समय उसे िवशाल सा ा य िमला। 261 ई.पू. म उसक सीमा म वृ (किलंग
िवजय) ई। अतः इतने बड़ सा ा य को सुरि त रखने क िलए इसक पास दो िवक प थे—
सै यश ारा अथा राज व म देव व का गुण भरक।
ध म क आधार पर।
रोिमला थापर क अनुसार, अशोक का ध म राजनीितक-सामािजक सम या को सुलझाने क िलए उसक
िदमाग क वैचा रक उपज थी। अशोक बौ धम क अिहसा नीित से भािवत आ। उसक समय म िविवधतापूण
समाज था, िजसम सामािजक-राजनीितक तथा धािमक असमानता थी। अतः अशोक इन पर पर िवरोधी त व को
आचरण और नैितकता क आधार पर एक समान मंच पर लाना चाहता था, िजससे िक िवरोध क वर दबे रह। यह
बात एक महा शासक ही सोच सकता ह, िजसे सभी प र थितय का ान हो। इस कार अशोक का ध म उसक
िदमाग का राजनीितक आिव कार हो सकता ह, िजसक पीछ सामािजक-राजनीितक सम या का सावधानीपूवक
समाधान करना ह।
अशोक क अिभलेख—अशोक क अिभलेख को तीन भाग म वग कत िकया जाता ह—
िशलालेख
तंभलेख तथा
गुहालेख
िशलालेख
अशोक चतुदश िशलालेख क नाम से िस ये िशलालेख 14 िविभ लेख का एक समूह ह, जो 8 िभ -
िभ थान से ा ए ह। ये िशलालेख िन निलिखत ह—
1. िगरनार (कािठयावाड़, गुजरात म जूनागढ़ क समीप) ( ा ी िलिप म)
2. धौली (पुरी, उड़ीसा) ( ा ी िलिप म)
3. जौगढ़ (गंजाम िजला, उड़ीसा) ( ा ी िलिप म)
4. कालसी (देहरादून) ( ा ी िलिप म)
5. येरागुड़ी (कनूल िजला, आं देश) ( ा ी िलिप म)
6. सोपारा (ठाणे िजला, महारा ) ( ा ी िलिप म)
7. शाहबाजगढ़ी (पेशावर, पािक तान) (खरो ी िलिप म)
8. मानसेहरा (हजारा, प मी पािक तान) (खरो ी िलिप म)
लघु िशलालेख
ये िशलालेख 14 िशलालेख क मु य वग म स मिलत नह ह, इसिलए इ ह लघु िशलालेख कहा गया ह। ये
िन निलिखत थान से ा ए ह—
1. सासाराम (िबहार),
2. पनाथ (जबलपुर, म य देश),
3. गुजरा (दितया, म य देश),
4. भबू्र (वैराट) (जयपुर, राज थान),
5. मा क (रायचूर, कनाटक),
6. िग र (िचतलदुग, कनाटक),
7. िस पुर ( िग र),
8. जिटगरामे र ( िग र),
9. येरागुड़ी (कनूल िजला, आं देश),
10. गवीमठ (मैसूर),
11. पालक गुंड (रायचूर, कनाटक),
12. राजूल मंडिग र (कनूल िजला, आं देश),
13. अहरौरा (िमजापुर, उ र देश)।
तंभलेख
अशोक क बड़ तंभलेख क सं या-7 ह, जो मु य प से छह िभ -िभ थान म पाए गए ह।
1. िद ी-टोपरा तंभलेख—यह तंभलेख अंबाला (ह रयाणा) और िससवा (उ र देश) से ा आ ह,
िजसे िफरोजशाह तुगलक ने िद ी म थािपत िकया।
2. िद ी-मेरठ तंभलेख—यह पहले मेरठ म था, बाद म िफरोजशाह तुगलक ारा िद ी म लाया गया।
3. लौ रया अरराज तंभलेख—यह तंभलेख िबहार क प मी चंपारण िजले म लौ रया अरराज म थत ह।
4. लौ रया नंदनगढ़ तंभलेख—यह िबहार क प मी चंपारण म थत ह।
5. रामपुरवा तंभलेख—यह तंभलेख पूव चंपारण िजले म अव थत ह।
6. याग तंभलेख—यह पहले कौशांबी म थत था, िजसे बाद म अकबर ारा इलाहाबाद क िकले म
रखवाया गया ह।
लघु तंभलेख
अशोक क राजक य घोषणाएँ िजन तंभ पर उ क ण ह, उ ह साधारण तौर ऌपर लघु तंभलेख कहा जाता ह।
ये िन निलिखत थान म पाए जाते ह—
1. सारनाथ—वाराणसी, उ र देश।
2. कौशांबी—इलाहाबाद, उ र देश।
3. साँची—रायसेन िजला, म य देश।
4. मनदेई—नेपाल क तराई म परा रया ाम क समीप।
5. िनगलीगाँव—िनगलीगाँव सागर नामक बड़ सरोवर क तट पर नेपाल क तराई म मनदेई से लगभग 13
िकमी. प मो र म थत ह।
अशोक का सबसे लंबा तंभलेख उसका सातवाँ लेख ह तथा सबसे छोटा तंभलेख मनदेई तंभलेख ह।
कौशांबी तथा याग क तंभलेख म अशोक क रानी क वाक ारा दान िदए जाने का उ ेख ह। इसे रानी का
अिभलेख भी कहा जाता ह। मनदेई तंभलेख म अशोक ारा इस थान क धमया ा पर जाने का िववरण ह
तथा इसी तंभलेख म कराधान क चचा क गई ह। अिभषेक क बीसव वष म अशोक ारा लु बनी क या ा क
गई और वहाँ का भूिम कर घटाकर 1/8 कर िदया गया। ‘सभी मनु य मेरी संतान ह।’ इस वा य का वणन धौली
तथा जौगढ़ क अिभलेख म ह। िगरनार लेख से पता चलता ह िक अशोक ने मनु य और पशु क िलए अलग-
अलग िचिक सालय क थापना करवाई थी। कधार अिभलेख से भािवत होकर बहिलय और मछआर ने जीव-
िहसा याग दी। कधार क पास ‘शार-कना’ नामक थान से ा अिभलेख यूनानी तथा आरमाइक िलिप म ह।
इलाहाबाद से ा तंभलेख पर अशोक क अित र समु गु तथा अकबर क दरबारी बीरबल क भी लेख
िमलते ह। अशोक साँची, सारनाथ और कौशांबी क अपने लघु तंभलेख म अपने महामा य को संघ भेद रोकने
का आदेश देता ह। भ ू िशलालेख एकमा अिभलेख ह, जो प थर क प य पर खुदा आ ह।
अशोक क अिभलेख क भाषा सं कत न होकर पाली थी और यह उस समय आम जनता क भाषा थी, ा ी
िलिप बाएँ से दाएँ और खरो ी िलिप दाएँ से बाएँ िलखी जाती थी। परतु अशोक क येरागुड़ी िशलालेख म ा ी
िलिप दाएँ से बाएँ िलखी ई ह।
गुहा लेख
दि ण िबहार क गया िजले म थत बराबर पहाड़ी क तीन गुफा क दीवार पर अशोक क लेख उ क ण
िमले ह, िजनम अशोक ारा आजीवक सं दाय क साधु क िनवास क िलए गुहा दान िदए जाने का िववरण ह।
ये सभी अिभलेख ाकत भाषा म ा ी िलिप म िलखे गए ह।
अशोक का सबसे लंबा तंभलेख उसका सातवाँ लेख ह तथा सबसे छोटा तंभलेख मनदेई तंभलेख
ह। कौशांबी क लघु तंभलेख म अशोक अपने महामा य को संघ भेद रोकने का आदेश देता ह।
मौय शासन
मथ ने मौय क सीमा को भारत क वै ािनक या भौगोिलक सीमा कहा ह। मौय का िवशाल सा ा य
शासिनक ि कोण से रा कहलाता था। संपूण रा चं गु मौय-िबंदुसार क समय 4 रा य या च तथा
अशोक क समय 5 रा य म िवभािजत था। ये ांत थे—
1. उ रापथ—इसक राजधानी त िशला थी। इसक अंतगत अफगािन तान, ज मू-क मीर, िहमाचल देश,
उ राखंड, पािक तान तथा पंजाब स मिलत थे।
2. अवंित—इसक राजधानी उ ैनी थी। इसक अंतगत राज थान, गुजरात तथा प मी म य देश स मिलत
थे।
3. दि णापथ—इसक राजधानी वणिग र थी। इसक अंतगत दि णी म य देश, महारा , गोआ, कनाटक
तथा आं देश स मिलत थे।
4. ाची—इसक राजधानी पाटिलपु था। इसक अंतगत िद ी, उ र देश, िबहार, नेपाल का तराई े तथा
बँ लादेश स मिलत थे।
5. किलंग—इसक राजधानी तोसाली थी। इसक अंतगत उड़ीसा े स मिलत था तथा सबसे छोटा रा य था।
शासन क सबसे छोटी इकाई ाम थी। मौय शासन क अंग को िन न प से दशाया जा सकता ह—
रा → ां त → मंडल (किम नरी) → जनपद → थािनक (800 गाँव) → ोणमुख (400 गाँव) →
खाचिटक (200 गाँव) → सं हण (100 गाँव) → ाम (सबसे छोटी ईकाई)।
ामीण े से ा राज व को ‘रा ’ कहा जाता था, जबिक नगर से ा राज व को ‘दुग’ कहा
जाता था। दोन कार क राज व समाह ा जमाकर सीधे क क पास भेजता था।
कौिट य क ‘अथशा ’ म उ तर क अिधका रय को तीथ कहा गया ह। अथशा म 18 तीथ (िवभाग) का
उ ेख िमलता ह, िजनक अ य को महामा य कहा जाता था। 18 तीथ म मु य तीथ िन निलिखत थे—
1. मं ी,
2. पुरोिहत,
3. सेनापित,
4. युवराज,
5. समाहता
5. समाहता—समाहता का काय राज व एकि त करना तथा िजले म कानून यव था देखना था। जनपद का
धान समाहता ही होता था, जो याियक काय को भी देखता था अथा इसम अ याियक श भी थी, लेिकन
मु य काय राज व संगृहीत करना था। इसक साथ ही समाहता आय- यय का योरा रखता था तथा वािषक बजट
तैयार करता था। ामीण े से ा राज व को ‘रा ’ कहा जाता था, जबिक नगर से ा राज व को ‘दुग’
कहा जाता था। दोन कार क राज व समाहता जमा कर सीधे क क पास भेजता था। राजक य वािम ववाली
भूिम को सीता कहा गया तथा सीता से ा आय को भी समाहता जमा करता था। समाहता िजले क पुिलस
अिधकारी, राजुक तथा नगर शासिनक अिधकारी नगर यावहा रक क बीच सम वय थािपत करता था। समाहता
मौयकालीन शासन का सबसे मुख अिधकारी था, िजसक िनयु सीधे राजा क ारा क जाती थी।
6. स धाता (कोषा य )—िजला समाहता राज व को क ीय समाहता क पास भेजता था तथा वह इस आय
को स धाता क पास जमा करता था।
कौिट य ने ‘अथशा ’ म 26 अ य क चचा क ह, िजसम मुख िन निलिखत ह—
1. सीता य —राजक य भूिम का अिधकारी।
2. प या य —कारखाना एवं यापार अधी क।
3. लोहा य —धातु िनयं क।
4. िविवता य —चरागाह अिधकारी।
5. पौतवा य —बाट एवं तराजू अिधकारी।
6. प दशक—िस ा िनरी क अिधकारी।
7. ध म महामा य—ध म सार एवं नैितक उ थान अिधकारी।
8. राजुक— े ीय गवनर तथा शांित एवं याय का र क।
9. ितवेदक—राजा का िनजी सिचव।
10. ल णा य —टकसाल अिधकारी।
11. ए ोनोमोई—िजले का अिधकारी।
12. ए र टोनोमोई—नगर का अिधकारी।
मौय क शासिनक यव था म नगर शासन का सवािधक िववरण मेगा थनीज क ‘इिडका’ म ह, िजसम
नगर शासन हतु 5-5 य य क छह सिमितय का िववरण ह।
याय णाली
मौय काल म दो कार क यायालय थे—
धम थीय (दीवानी यायालय)
कटकशोधन (फौजदारी यायालय)
स ा वयं याय शासन का सव अिधकारी होता था। िनचले तर पर ाम यायालय थे। इसक ऊपर
सं हण, ोणमुख, थानीय और जनपद तर क यायालय होते थे। सबसे ऊपर पाटिलपु का क ीय यायालय
था। ‘अथशा ’ का संपूण चौथा अ याय कटकशोधन अदालत िवषय पर िलखा गया ह।
मौय काल म गु चर यव था काफ सु ढ थी। गु चर को गूढ़पु ष कहा गया ह। कौिट य ने इसे राजा का
च ु (आँख) कहा ह। अथशा क अनुसार दो कार क गु चर यव था थी—
सं था, जो थायी थी।
संचारा, जो मणशील था।
मौय काल म अथ यव था का मुख ोत किष था। किष, पशुपालन, यापार, वािण य आिद को स मिलत
प से अथशा म ‘वाता’ कहा गया ह। कर क दर 1/6 भाग थी। जंगल, व उ ोग आिद पर रा य का
अिधकार था। अथशा क अनुसार काशी एवं पुं रशम उ ोग हतु तथा बंग मलमल उ पादन क िलए िस
था। मौय काल म रशम चीन से मँगाई जाती थी। मौय काल म चाँदी क आहत मु ाएँ चिलत थ । इन पर मयूर,
पवत और अ चं क मुहर अंिकत होती थी। ‘बिल’ एक कार का भूराज व था, जबिक ‘िहर य’ नमक कर
था, जो नकद िलया जाता था। लोग जब वयं िस बनाते थे तो उ ह रा य को 13.5 ितशत याज ‘ िपका’
और ‘परी ण’ क प म देना होता था। विणक कर, नाव एवं प न कर, चरागाह व सड़क पर कर तथा अ य
साधन से ा राज व को ‘रा ’ क नाम से जाना जाता था। राजक य भूिम से ा होनेवाली आय ‘सीता’
कहलाती थी। भू वामी को ‘ े क’ और का तकार को ‘उपवास’ कहा जाता था। रा य क ओर से िसंचाई का
बंध करना ‘सेतुबंध’ कहलाता था, जो िसंचाई हतु अलग से उपज का 1/5 से 1/3 भाग कर क प म िलया
जाता था। ‘िपंड कर’ पूर गाँव से एक बार वसूल िकया जाता था, जबिक ‘िविवत’ कर पशु क र ा क िलए
िलया जाता था। मौय काल म िनःशु क म अथा बेगार को ‘िवि ’ कहा जाता था। देशी व तु पर 4 ितशत
िब कर तथा आयाितत व तु पर 10 ितशत िब कर िलया जाता था।
मौय काल क समय चार मुख सड़क माग थे, जो िन न ह—
उ रापथ—राजगीर से पु पकलावती को जोड़ता था अथा पाटिलपु को त िशला से जोड़ता था तथा यह सबसे
य त सड़क माग था।
िहमवंत माग—यह उ र म िहमालय क ओर जाता था।
पाटिलपु से काशी-उ ैन होते ए प मी तट तक जानेवाला माग।
पाटिलपु से ता िल ी या ता लुक तक जानेवाला माग।
अथशा क अनुसार काशी एवं पुं रशम उ ोग हतु तथा बंग मलमल उ पादन क िलए िस था।
मौय काल म रशम चीन से मँगायी जाती थी। मौय काल म चाँदी क आहत मु ाएँ चिलत थ ।
एक अ य माग काशी से ित ान होते ए मैसूर तक जाता था। चाण य ने उ री माग क तुलना म दि णी
माग को अिधक मह वपूण बताया ह, य िक दि ण से अिधक मू यवान व तुए,ँ जैसे—धातु, क मती लकड़ी,
हाथीदाँत, सोना आिद िमलते थे।
मौय काल म यापार क दो मुख साधन थे—
जलीय माग और
थलीय माग।
चाण य ने जलीय माग को यादा उपयोगी और सुरि त बताया ह, य िक इसम चोरी का कम खतरा था। य िप
चोरी होने पर रा य ारा ितपूित करने का बंध था। मौय क िलए त िशला िवदेश यापार का मुख क था।
मौयकालीन मुख बंदरगाह िन न थे—
प मी तट पर थत बंदरगाह—भ क छ या भड़ौच, सोपारा, बरब रकम, मुंज रश आिद।
पूव तट पर थत बंदरगाह—ता िल ी।
यापार से संबंिधत िन न कार क कर वसूले जाते थे—
शु क—चुंगी कर।
वतनी—सड़क कर।
गु मदेय—बटमार से र ा कर।
अितवाहक—सवारी कर।
कौिट य ने अथशा म रा य क 7 अंग का वणन िकया ह, िजसे स ांग िस ांत कहते ह, जो िन निलिखत ह
—
1. राजा,
2. अमा य,
3. जनपद,
4. दुग,
5. कोष,
6. दंड,
7. िम ।
सै य शासन—क ीय शासन का एक मह वपूण िवभाग सै य िवभाग था। लनी क अनुसार, चं गु क सेना
म 6 लाख पैदल िसपाही, 30 हजार घुड़सवार तथा 9 हजार रथ थे। इस िवभाग क अंतगत कल 30 सद य होते थे,
जो 5-5 सद य क छह सिमितय म बँट होते थे। सेनापित िवभाग का धान अिधकारी होता था। यु े म सेना
का संचालन करनेवाला अिधकारी ‘नायक’ कहलाता था। ‘नवा य ’ यु पोत एवं यापा रक पोत का अ य
होता था। थायी सेना को ‘मौल’, जंगली सेना को ‘अटावी बल’ तथा िकराए क सेना को ‘भृतक’ कहा जाता था।
आयुधगारा य ‘अ -श ’ का रखरखाव तथा सुर ा का बंध करता था।
मौय क राजक य मु ा ‘पण’ थी। यह 3/4 तोले क बराबर चाँदी का िस ा था। अिधका रय को
वेतन आिद देने म इसी का योग होता था।
सामािजक एवं आिथक जीवन
कौिट य ने ‘अथशा ’ म समाज क चार वण — ा ण, ि य, वै य और शू का उ ेख िकया ह।
अशोक क िशलालेख म दास और कमकार का उ ेख िकया गया ह। प रवार म य क दशा मृित काल
क अपे ा अिधक अ छी थी। उ ह पुनिववाह तथा िनयोग क अनुमित थी, लेिकन उ ह बाहर जाने क वतं ता
नह थी। कौिट य ने ऐसी य को ‘अिन कािसनी’ कहा ह। मौय युग म गिणका या वे या का उ ेख
िमलता ह। वतं प से वे यावृि करनेवाली याँ ‘ पाजीवा’ कहलाती थ । समाज म िवधवा िववाह को
मा यता थी। वतं प से जीवन यतीत करनेवाली िवधवाएँ ‘ ंदवािसनी’ कहलाती थी।
त िशला, उ ैन एवं वाराणसी मौय काल म िश ा क मुख क माने जाते थे। इस समय ौ ोिगक िश ा का
भी िवकास आ, िजसक यव था ेिणय ारा क जाती थी। नट, नतक, गायक, वादक आिद समाज म लोग
का मनोरजन िकया करते थे। जुआ, शराब, िशकार इ यािद भी मनोरजंन क साधन थे।
रा य क अथ यव था किष, पशुपालन और वािण य- यापार पर आधा रत थी। इनको स मिलत प से ‘वाता’
कहा गया ह। अथशा म धान क फसल को उ म और ग े क फसल को सबसे िनक बताया गया ह।
मौय क राजक य मु ा ‘पण’ थी। यह 3/4 तोले क बराबर चाँदी का िस ा था। अिधका रय को वेतन आिद
देने म इसी का योग होता था। इस काल क िस वण, चाँदी और ताँबे क बने होते थे। वण िस िन क एवं
सुवण, चाँदी क िस पण या काषापण तथा ताँबे क िस मासक एवं काकिण कहलाते थे। इन िस को
आहत िस ा भी कहा जाता था।
मौय वंश का पतन
मौय वंश क पतन क अनेक कारण थे—
1. महामहोपा याय ह र साद शा ी क अनुसार, अशोक क धािमक नीित पतन का मु य कारण थी। उसक
नीित बौ क प म और ा ण क िवरोध म थी। वृह थ क ह या ा ण धम क िति या थी, लेिकन
हमचं राय चौधरी इसे अ वीकार करते ह। उनक अनुसार पशु िहसा पूण ितबंिधत थी एवं वयं धानमं ी तथा
सेनापित पु यिम शुंग ा ण था अथा अशोक क नीित ा ण िवरोधी नह थी। वृह थ क ह या एक सैिनक
ांित थी, न िक धािमक िति या।
2. हमचं राय चौधरी क अनुसार अशोक क शांिति यता और अिहसा क नीित मौय सा ा य क पतन का
कारण थी, य िक इससे सेना का उ साह कम हो गया। उ रािधकारी यु घोष क थान पर ध मघोष पर बल देने
लगे। नीलकठ शा ी ने राय चौधरी क कथन का िवरोध िकया ह और कहा िक अशोक क शांिति य नीित म
क रता थी। उसने अपनी सेना को बनाए रखा था तथा एक सीमा तक ही यु नीित का याग िकया था।
3. अयो य उ रािधकारी तं ।
4. अथ यव था क खराब थित—अशोक क दानशीलता क कारण अशोक क बाद अथ यव था पर संकट
उ प हो गया।
5. शासन म क ीयकरण—रोिमला थापर इसे पतन का मु य कारण मानती ह, य िक इससे िशि त
अिधकारी तं का अभाव हो गया।
6. िनहार रजन राय क अनुसार, मौय शासक िवदेशी भाव को अपनाने लगे, िजसको जनता ने अ वीकार कर
िदया।
मौय र िबहार
मौय सा ा य क पतन क बाद भारत म िवक ीकरण क वृि उभरकर सामने आई। अलग-अलग े म
अलग-अलग वंश ने रा य थािपत िकया। मगध एवं िबहार े म शुंग एवं क व वंश, प मो र एवं म य
भारत म कषाण वंश, द न े म आं सातवाहन वंश, प मी भारत म शक एवं उड़ीसा क े म चै वंश ने
शासन थािपत िकया। इन सभी वंश ने िकसी-न-िकसी प म मगध एवं िबहार क इितहास को भािवत िकया ह।
शुंग वंश (185 ई.पू.-72 ई.पू.)
शुंग वंश क थापना 185 ई.पू. म पु यिम शुंग ने मौय वंश क अंितम शासक वृह थ क ह या कर क । शुंग
वंश क जानकारी हम धनदेव का अयो या लेख, वेशनगर (िविदशा म य देश) का ग ड़ तंभलेख, कािलदास
का ‘मालिवका निम ’ एवं पतंजिल क ‘महाभा य’ से िमलती ह। पु यिम शुंग ने मगध सा ा य पर अपना
अिधकार जमाकर जहाँ एक ओर यवन क आ मण से देश क र ा क , वह दूसरी ओर देश म शांित यव था
क थापना कर वैिदक धम एवं आदश को पुनः ित ािपत िकया। इसी कारण उसका काल वैिदक िति या
अथवा वैिदक पुनगरण का काल कहलाता ह। पु यिम शुंग ने िवदभ एवं यवन क साथ यु िकया, िजसम उसे
िवजय ा ई।
पु यिम शुंग ने मगध सा ा य ऌपर अपना अिधकार जमाकर जहाँ एक ओर यवन क आ मण से देश
क र ा क , वह दूसरी ओर देश म शांित यव था क थापना कर वैिदक धम एवं आदश को पुनः
ित ािपत िकया।
पु यिम शुंग क मृ यु क बाद उसका पु अ निम शुंग वंश का राजा आ। उसने कल 8 वष तक (140
ई.पू.) तक शासन िकया। अ निम कािलदास का नाटक ‘मालिवका निम ’ का नायक ह। शुंग वंश का अंितम
शासक देवभूित था, िजसक ह या वशुिम ने कर दी थी। शुंग वंश का सा ा य उ र म िहमालय से लेकर दि ण
म बरार तक तथा प म म पंजाब से लेकर पूव म मगध तक फला आ था। सा ा य क राजधानी पाटिलपु
थी। शासन क सहायता क िलए एक मंि प रष थी। इस समय ‘ ाम’ शासन क सबसे छोटी इकाई थी। पु यिम
शुंग ने 84 हजार बौ तूप को न कर िदया था, लेिकन साँची, भर त एवं बोधगया क बौ तूप को और
भ य बनवाया था।
शुंग वंश क शासन काल म वण मु ा को िन क, िदनार, सुवण, वण मािसक आिद कहा जाता था। ताँबे क
िस ‘काषापण’ कहलाते थे। चाँदी क िस क िलए ‘पुराण’ अथवा ‘धारण’ श द का उ ेख िमलता ह। इसी
समय समाज म भागवत धम का उदय आ। इस काल म लौिकक सं कत क पुन थान म महिष पतंजिल का
मु य योगदान था, िज ह ने ‘महाभा य’ िलखा। शुंगकालीन वा तुिश प क उ क नमूने बोधगया से ा होते ह।
बोधगया क िवशाल मंिदर क चार ओर एक छोटी पाषाण वेिदका िमली ह, िजसका िनमाण शुंग काल म आ था।
क व वंश (72-27 ई.पू.)
शुंग वंश क अंितम राजा देवभूित क ह या कर उसक अमा य वसुिम ने एक नए वंश क व राजवंश क
थापना क । ये शुंग क समान ही ा ण थे। वसुिम ने कल 9 वष तक शासन िकया तथा उसक बाद भूिमिम ,
नारायण और सुशमा ने शासन िकया। सुशमा इस वंश का आिखरी शासक था, िजसक ह या आं जातीय भृ य
िशमुक ारा कर दी गई। सुशमा क मृ यु क साथ ही क व राजवंश का अंत हो गया।
कषाण वंश
कषाण वंश क थापना कजुल काडिफसस ारा क गई थी, लेिकन इस वंश का सव े शासक किन क
था, जो 75 ई. म शासक बना था। किन क ने अपनी राजधानी किन कपुर (क मीर) अथवा पु षपुर म थािपत क
थी। किन क ने अपने सा ा य िव तार क म म मगध तक क े को जीत िलया था तथा िस बौध िव ा
अ घोष को पाटिलपु से अपनी राजधानी पु षपुर ले गया था। अ घोष ने ही किन क ारा आयोिजत चतुथ
बौ संगीित क अ य ता क थी। कषाणकलीन पुराता वक अवशेष िबहार क कई थान से ा ए ह।
किन क ने अपने सा ा य िव तार क म म मगध तक क े को जीत िलया था तथा िस बौध
िव ा अ घोष पाटिलपु से अपनी राजधानी पु षपुर ले गया था। अ घोष ने ही किन क ारा
आयोिजत चतुथ बौ संगीित क अ य ता क थी।
कषाण क पतन क बाद वैशाली क िल छिवय ने मगध पर शासन िकया, लेिकन इितहासकार इस मत से
सहमत नह ह। कछ इितहासकार का मानना ह िक कषाण वंश क पतन क बाद मगध े म शक-मु ड का
शासन थािपत था।
गु कालीन िबहार
मौय क समय मगध जो भारतीय इितहास का क िबंदु था, मौय क पतन क बाद मगध पर शुंग, क व जैसे
कमजोर ा ण वंश का शासन रहा। इस समय कषाण, शक आिद ने भी मगध पर आ मण िकया, शासन िकया,
लेिकन चौथी सदी क ारभ म गु वंश क थापना क साथ ही मगध ने अपनी याित पुनः अिजत कर ली।
ारिभक गु शासक ने पाटिलपु को ही अपनी राजधानी बनाया और भारतीय इितहास म मगध एवं पाटिलपु क
क ीय मह व को थािपत िकया।
गु वंश क सं थापक महाराजा ीगु थे, िज ह ने 240 ई. म गु वंश क थापना क । इनका पु घटो कच
था। घटो कच का पु चं गु थम था। गु वंश का वा तिवक सं थापक चं गु को ही माना जाता ह, िजसका
शासन काल 319-335 ई. तक था। 319 ई. म गु संव ारभ आ, िजसका संबंध व भी संव से ह। चं गु
थम ने पहली बार ‘महाराजािधराज’ क उपािध हण क ।
चं गु थम क बाद समु गु (335-375 ई.) शासक बना। समु गु क जानकारी, का मुख ोत याग
श त ह। समु गु को ‘भारत का नेपोिलयन’ भी कहा जाता ह। सव थम उसने गंगा-यमुना दोआब े क
शासक को परािजत कर अपने रा य म िमलाया। उसने पंजाब, असम, नेपाल, बंगाल, तिमलनाड क े आिद को
अपने रा य म स मिलत िकया। उसने शक और कषाण शासक को परािजत कर प मी एवं प मो र भारत
पर अिधकार थािपत िकया।
समु गु क उ रािधकारी चं गु तीय ने सौरा एवं मालवा को जीतकर गु सा ा य म िमलाया। इसक
शासन काल को भारत का ‘ वण युग’ कहा जाता ह। इसने 375-412 ई. तक शासन िकया। चं गु तीय क
उ रािधका रय को िवदेशी आ मण का सामना करना पड़ा। इसम ण का आ मण सबसे मह वपूण था। ण
शासक िमिहरकल ने पाटिलपु पर चढ़ाई कर नरिसंहगु बालािद य को परािजत िकया। छठी शता दी ई. क म य
तक मगध क े पर परवत गु वंश का िनयं ण था, जबिक पूव उ र देश और िबहार क कछ े पर
मौखरी वंश क स ा थािपत हो गई थी।
गु काल िव ा-कला और सां कितक जीवन म उ क उपल धय का युग माना जाता ह। राजनीितक शांित
और सु ढता, आिथक समृ और सां कितक िवकास क कारण इस काल को ाचीन भारतीय इितहास का वण
युग भी कहा जाता ह। इस काल क िव यात िव ान म वराहिमिहर, आयभ और गु क नाम मह वपूण
ह। गिणत, खगोलशा और दशन क े म इनक देन अिव मरणीय ह। गु काल म ही नालंदा महािवहार क
थापना ई। इसका सं थापक कमारगु था। कालांतर म यह िव ा का मुख क बना, जहाँ बड़ी सं या म
िवदेशी छा भी आते थे। चं गु तीय क शासन काल म चीनी या ी फािहयान भारत आया। वह िबहार क े
म आया और तीन साल तक पाटिलपु म रहा। कला क े म इस काल क मह वपूण उपल धय म बोधगया
का महाबोिध मंिदर और नालंदा महािवहार क अवशेष ह।
मगध क परवत गु शासक
छठी शता दी ई. म िबहार क कछ भाग म परवत गु शासक क शासन क जानकारी कछ अिभलेख म
िमलती ह, िजनक ा गया और शाहाबाद े म ई ह। इस वंश का सं थापक क णगु था। कमारगु तृतीय
ारा याग तक स ा िव तार करने और मौखरी शासक को परािजत करने क संबंध म जानकारी िमलती ह।
उसक उ रािधकारी दामोदरगु को मौखरी शासक ने परािजत कर मगध क अिधकांश भाग पर अिधकार कर
िलया। मगध े पर शशांक का आ मण आ, िजसने बौ क धािमक थल को बुरी तरह न िकया और
बोधगया म महाबोिध वृ को भी ित प चाई। देवगु ने शशांक से समझौता कर क ौज क मौखरी शासक
हवमन को परािजत िकया। इसक ितशोध म रा यवधन ने देवगु को परािजत कर उसका वध कर िदया। इस
कार गु सा ा य क पतन से हष क शासन काल क पहले तक िबहार का इितहास िनतांत संघष का सा ी रहा
ह।
सातव शता दी ई. क आरभ म जब हषवधन ने उ री भारत म सा ा य िव तार िकया तो िबहार का कछ भाग
उसक िनयं ण म था। हष क मृ यु क बाद िबहार म पुनः अराजकता फल गई। िबहार क िकसी थानीय शासक
अजुन ने चीनी याि य को ित प चाई, िजसक ितशोध म ित बत और नेपाल क राजा ने संयु प से
िबहार पर आ मण िकया। संभवतः कछ समय क िलए ित बत क सं भुता भी िबहार क कछ भाग म थािपत
हो गई। इसका अंत माधवगु क पु आिद य सेन ने िकया। उसका रा य मगध, उ र एवं पूव िबहार तक
िव तृत था। उसक मृ यु क कछ ही समय बाद इस वंश का पतन हो गया। इस वंश का अंितम शासक
जीिवतगु तीय था। 725 ई. क लगभग क ौज क शासक यशोवमन ने उसक ह या कर इस वंश का अंत
कर िदया। इस समय तक पाटिलपु का गौरव भी न हो चुका था। हषकालीन चीनी या ी युआन- ांग 635
ई. क समीप जब इस े म आया तो पाटिलपु का नगर व त हो चुका था।
ितिथ मावली
ाचीन काल
2300-1750 ई.पू.—हड़ पा स यता काल।
1500-1000 ई.पू.—ऋ वैिदक काल।
1000-600 ई.पू.—आय सं कित का गंगा घाटी म िव तार।
800 ई.पू. —‘शतपथ ा ण’ म गंडक क मैदानी े (िबदेह) म आय क बसने का उ ेख।
600-500 ई.पू. — तीय नगरीकरण एवं 16 महाजनपद का काल।
563-483 ई.पू.—महा मा बु का जीवनकाल।
544-492 ई.पू.—मगध नरश िबंिबसार का शासन काल, मगध का उ कष।
540-468 ई.पू.—व मान महावीर का जीवनकाल।
500 ई.पू.—वैशाली म थम गणरा य क थापना।
492-460 ई.पू.—अजातश ु का मगध पर रा य, वैशाली पर िवजय।
490 ई.पू.—अजातश ु ारा पाटिल ाम क थापना।
483 ई.पू.—राजगीर क स पण गुफा म थम बौ संगीित का आयोजन।
460-444 ई.पू.—मगध म उदयभ (उदियन) का शासन काल।
455 ई.पू.—उदियन ारा पाटिलपु को राजधानी बनाना।
413-344 ई.पू.—मगध क िशशुनाग वंश का शासन।
383 ई.पू.—वैशाली म तीय बौ संगीित का आयोजन।
344 ई.पू.—महाप नंद ारा नंद वंश क थापना।
322 ई.पू.—चं गु मौय ारा घनानंद को परािजत कर नंद वंश का अंत।
322-298 ई.पू.—चं गु मौय का शासन काल।
315 ई.पू.—मेगा थनीज का पाटिलपु म आगमन।
298-272 ई.पू.—िबंदुसार का शासन काल।
272-232 ई.पू.—अशोक महा का शासन काल।
261 ई.पू.—किलंग िवजय, अशोक ने बौ धम को वीकार िकया।
249 ई.पू.—पाटिलपु म तृतीय बौ संगीित का आयोजन, अशोक ारा बौ धम का पड़ोसी देश म चार।
185 ई.पू.—पु यिम शुंग ारा वृह थ क ह या और मौय वंश का अंत, पाटिलपु पर डमेि यस का आ मण।
185-72 ई.पू.—शुंग वंश का शासन काल।
72-27 ई.पू.—क व वंश का शासन काल।
319-335 ई.—मगध म चं गु -I का शासन, गु सा ा य का उ कष।
319 ई.—गु संव का आरभ।
335-375 ई.—समु गु का शासन काल, सा ा य िव तार का आरभ।
375-412 ई.—चं गु -II (िव मािद य) का शासन काल, सां कितक गित क कारण वणयुग।
405-411 ई.—चीनी या ी फािहयान का मणकाल।
414-455 ई.—कमारगु -I का शासन काल, नालंदा िवहार क थापना।
455-467 ई.— कदगु का शासन काल, ण का आ मण।
467-494 ई.—बु गु का शासन काल, गु सा ा य का पतन ारभ।
500 ई.—मगध े पर ण का आ मण।
495-510 ई.—भानुगु का शासन काल, गु सा ा य का अंत।
530 ई.—मगध क परवत गु शासक का उ कष।
606-641 ई.—थाने र एवं क ौज क शासक हषवधन ारा पूव भारत म सा ा य िव तार।
635 ई.—चीनी या ी युआन ांग का भारत आगमन।
673 ई.—चीनी या ी ई संग का भारत आगमन।
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3. म य काल
(Medieval Period)
पूव म य काल
म य काल
अफगान श का उदय
मुगलकालीन िबहार
िबहार म सूफ वाद
म य काल का ारभ हषवधन क मृ यु (647 ई.) क बाद से माना जाता ह। म यकालीन इितहास को अ ययन
क सुिवधा क ि कोण से दो वग म बाँटते ह—
पूव म य काल—आठव से बारहव सदी तक का काल।
म यकाल—बारहव से अठारहव सदी क ारभ तक का काल।
पूव म य काल
पूव म यकालीन िबहार म मूल प से पाल वंश, कणाट वंश तथा सेन वंश ने शासन िकया। इस समय तुक
आ मण का भी िबहार पर भाव पड़ा।
पाल वंश
उ र भारत म हषवधन क पतन और बंगाल े म शशांक क पतन क बाद िबहार-बंगाल े म एक
श शाली वंश क प म पाल वंश का उदय आ। पाल वंश का सं थापक गोपाल था, िजसने 750-770 ई. तक
शासन िकया। बंगाल क सामंत एवं आम जनता क ारा गोपाल को शासक चुना गया था। ित बती इितहासकार
तारानाथ क अनुसार गोपाल पुं वधन (बंगाल) बोगरा िजला क ि य कल का था। इसने िबहार म अपना शासन
शी ही िव तृत िकया। गोपाल क बाद धमपाल (770-810 ई.) शासक बना। इसने 8व शता दी क अंितम
चतुथाश म क ौज पर आ मण िकया तथा च यु को क ौज का शासक िनयु कर एक भ य दरबार का
आयोजन िकया और ‘उ रापथ वािम ’ क उपािध धारण क । गुजरात क किव सोढ़दश ने 11व सदी म अपनी
रचना ‘उदयसुंदरी’ म धमपाल को उ र का वामी कहा ह। धमपाल को ितहार शासक व सराज एवं रा कट
शासक धु्रव ने परािजत िकया।
पाल वंश का सं थापक गोपाल था, िजसने 750-770 ई. तक शासन िकया। बंगाल क सामंत एवं आम
जनता क ारा गोपाल को शासक चुना गया था।
धमपाल क बाद पाल वंश का सव े शासक देवपाल ग ी पर आसीन आ। इसक समय म पाल वंश अपने
चरमो कष पर था। उसने िव तारवादी नीित अपनाई तथा पूव र म ा योितषपुर, उ र म नेपाल और पूव सागर
तट तक उड़ीसा म अपनी स ा का िव तार िकया। उसने ितहार शासक नागभ तीय तथा कबोज क ण को
परािजत िकया। कछ इितहासकार क अनुसार उसने द न क रा य क साथ भी संघष िकया। उसक समय म
दि ण-पूव एिशया क साथ मै ीपूण संबंध रह। उसने जावा क शासक बलदेवपु क अनुरोध पर नालंदा म एक
िवहार क देखरख क िलए पाँच गाँव अनुदान म िदए। देवपाल बौ धम क यदाता क प म िस था।
अरब या ी सुलेमान ने रा कट एवं ितहार वंश क सभी शासक म देवपाल को सव े शासक माना ह।
देवपाल क मृ यु क बाद िमिहरभोज एवं मह पाल क शासन काल म ितहार ने पूव उ र देश और िबहार
क अिधकांश े पर अिधकार कर िलया। 11व शता दी म मिहपाल थम शासक बना, िजसे पाल वंश का
तीय सं थापक कहा जाता ह। मिहपाल ने सम त बंगाल और मगध क े पर अिधकार कर िलया, लेिकन
उसक उ रािधकारी कमजोर सािबत ए। इसक समय म राज चोल ने बंगाल पर आ मण िकया। कमजोर
उ रािधकारी होने क कारण बंगाल म कवत अिधक श शाली होते चले गए और सेन शासक ने उ री िबहार
और बंगाल क कछ े म अपना रा य थािपत कर िलया। पाल क श मगध क कछ भाग म िसमटकर रह
गई। रामपाल पाल वंश का अंितम शासक बना। सं याकर नंदी क रचना ‘रामच र ’ रामपाल से संबंिधत ह।
रामपाल क मृ यु क बाद गहड़वाल ने भी िबहार म शाहाबाद और गया तक अपने सा ा य का िव तार कर
िलया। सेन शासक —िवजय सेन और बंगाल सेन—ने भी अपनी स ा का िव तार करते ए गया क पूव तक
अपना िनयं ण थािपत कर िलया। इसी समय तुक क आ मण िबहार म 12व शता दी क अंत तक आरभ हो
गए थे। गहड़वाल वंश क शासक गोिवंदचं क मनेर ता प म ‘तु कदंड’ नामक कर क चचा िमलती ह। यह
कर इस े क िकसान से ा िकया जाता था और इससे तुक क आ मण रोकने क साधन ा िकए जाते
थे।
पाल शासक बौ धम क अनुयायी थे। उ ह ने शैि क सं था को य िदया। िव मिशला महािवहार क
थापना धमपाल ने क । उसी ने नालंदा महािवहार को 200 ाम दान व प िदए। ओदंतपुरी और जगदल
िव िव ालय भी पाल शासन काल म थािपत ए। ित बत से पाल क घिन संबंध थे। बौ िव ान म
शंतरि त और आितश दीपंकर इस काल म ित बत गए। ब तयार िखलजी क अिभयान क बाद नालंदा महािवहार
म िश ा ा क िलए बौ िभ ु धमा वामी ित बत से िबहार आया। दि ण-पूव एिशया क ीप से भी
यापा रक और मै ीपूण संबंध थािपत िकए गए। उस े क शैल वंशीय शासक ने देवपाल से नालंदा म एक
बौ मंिदर क िनमाण क अनुमित ा क । उस मंिदर क देखरख क िलए देवपाल ने आिथक अनुदान िदए।
पाल शासक ने मूितकला को भी िवशेष ो साहन िदया। गौतम बु तथा िहदू देवी-देवता क सुंदर ितमाएँ
चमक ले काले प थर से बनाई गई ह। कां य ितमा क िनमाण म पाल युग सव े था।
पाल क श मगध क कछ भाग म िसमटकर रह गई। रामपाल पाल वंश का अंितम शासक बना।
सं याकर नंदी क रचना ‘रामच र ’ रामपाल से संबंिधत ह।
सुलेमान ने पाल वंश को ‘ हला’ कहा ह। पाल वंश क सव े शासक देवपाल एवं धमपाल थे। िजस समय
पूव भारत म पाल वंश का शासन था, उसी समय प म भारत म गुजर ितहार वंश और दि ण भारत म रा कट
वंश का शासन थािपत था। हषव न क समय क ौज भारत म श का क बन चुका था। अतः क ौज पर
अिधकार करने क िलए पाल, ितहार और रा कट वंश क बीच संघष आ, िजसे ि प ीय संघष भी कहते ह।
यह संघष 5 चरण म आ था, िजसम पाल वंश क तरफ से सव थम धमपाल ने भाग िलया था। धमपाल का
संघष ितहार शासक व सराज एवं रा कट शासक धु्रव क साथ आ था, िजसम धु्रव िवजयी आ था। धमपाल
क बाद देवपाल, िव हपाल, नारायणपाल आिद ने ि प ीय संघष म भाग िलया। ि प ीय संघष म अंितम प से
गुजर ितहार वंश क िवजय ई, लेिकन इन तीन वंश म सवािधक िदन तक शासन करनेवाला वंश पाल वंश था।
इस समय िबहार एवं बंगाल े से गुजर ितहार शासक मह पाल का अिभलेख ा आ ह।
कणाट वंश
11व सदी क अंत म जब पाल शासक कमजोर हो चुक थे, तब उसी समय भारत पर तुक आ मण ारभ हो
चुका था। भारत पर तुक आ मण दो चरण म आ। थम चरण म महमूद गजनवी तथा तीय चरण म
मुह मद गोरी का आ मण आ। इस समय िबहार पर पाल शासक रामपाल का शासन था। रामपाल क समय ही
गंगा क उ री मैदान म ितर त े म कणाट वंश का उदय आ। इस वंश का सं थापक ना यदेव था। 11व
सदी म िमिथला क शासक ना यदेव का िसमराँव से ा पाषाण लेख से भी पता चलता ह िक उसने ही कणाट
वंश क थापना क थी। इस वंश क जानकारी दरभंगा िजले क भीत भगवानपुर से ा मालदेव क लेख से भी
िमलता ह।
ह रिसंहदेव एक महा समाज सुधारक क प म सि य रहा। उसी क समय ‘पंजी बंध’ का िवकास
आ। फल व प पंजीकार का एक नया वग संगिठत आ।
ना यदेव ने कणाट वंश क राजधानी िसमराँवगढ़ बनाई। कणाट शासक क शासन काल को ‘िमिथला का
वण युग’ भी कहा जाता ह। वैनवार वंश क शासन काल तक िमिथला म थरता रही और उसक गित ई।
ना यदेव क साथ सेन वंश क राजा का पर पर यु होता रहता था। कणाटवंशीय शासक नरिसंहदेव का
संघष बंगाल क सेन शासक क साथ होता रहा। इसी कारण नरिसंहदेव ारा तुक क साथ सहयोग िकया गया।
नरिसंहदेव का अिधकार ितर त और दरभंगा े पर फला आ था। कणाट शासक क साथ िद ी क सु तान
का संपक िनरतर बना रहता था। सामा यतः िद ी स तनत क ांतपित, जो िबहार एवं बंगाल क े म िनयु
थे, कणाट शासक से नजराना ा करते थे। इस े पर अिधकार गयासु ीन तुगलक क बंगाल अिभयान क
म म आ। उस समय ितर त का शासक ह रिसंहदेव था। तुक सेना क आ मण का वह सामना न कर सका
और नेपाल क तराई म पलायन कर गया। इस कार उ री एवं म य िबहार क े का आपस म िवलय हो
गया। कणाट वंश का अंितम शासक ह रिसंह था। 1378 ई. तक कणाट वंश का पूणतः अंत हो गया। ह रिसंहदेव
एक महा समाजसुधारक क प म सि य रहा। उसी क समय ‘पंजी बंध’ का िवकास आ। फल व प
पंजीकार का एक नया वग संगिठत आ। मृित और िनबंध संबंधी रचनाएँ भी इस काल म बड़ी सं या म िलखी
गई और मैिथली समाज का जो प वतमान काल तक बना आ ह, इसक िवशेषताएँ इसी काल म प रप
प धारण कर सक । िस मैिथली किव िव ापित दरभंगा नरश कित िसंह एवं िशव िसंह क दरबार म थे।
िव ापित का ज म दरभंगा िजले क बेनीप ी थाना े क िबसपी गाँव म आ था। िव ापित क िपता का नाम
गणपित ठाकर एवं माता का नाम हािसनी देवी था। इनका पु हरिपत तथा पु ी दुलही थी, िजसका वणन
िव ापित क रचना म आया ह। िव ापित को यह गाँव आ यदाता राजा िशविसंह क ओर से उपहार म ा
आ था। परपरा क अनुसार िव ापित का ज म 1350 ई. म आ था तथा इनक मृ यु 90 वष क अव था म
बािजतपुर गाँव म ई थी। इनक िचता पर एक िशव मंिदर का िनमाण करवाया गया था। िव ापित को िश ा देने
का काम ह रिम ने िकया था। गढ़ िबसपी म कमिद य ि पाठी नामक ा ण रहते थे, वे कणाट वंश क दरबार
म राजमं ी थे। कमािद य ि पाठी िव ापित क वंश क आिदपु ष िव णु शमा ठाकर क पौ थे। इस वंश क
अिधकांश य राजदरबार से जुड़ ए थे तथा िविभ पद पर कायरत थे। इसी वंश क वीर र ठाकर
ना यवंशीय शासक श ु िसंह एवं उनक पु ह रिसंहदेव क रा य मं ी थे। इ ह ने ‘छांदो य दशप ित’ नामक
पु तक क रचना क थी। इनक भाई धीर र ठाकर को महावाितक नैबंिधक क नाम से जाना जाता ह। धीर र
ठाकर क पु चंदे र ने ‘क यिचंतामिण’, ‘िववाद-र नाकर’ और ‘राजनीित-र नाकर’ आिद स र नाकर क
रचना क थी। चंदे र ह रिसंह क मं ी एवं महामह क सांिधिव हीक थे। िव ापित क िपता राजा गणे र क
सभापंिडत एवं राजमं ी थे, िज ह ने ‘गड भ ’ एवं ‘तरगिण’ नामक पु तक क रचना क थी।
िव ापित को अिभनव जयदेव क नाम से भी जाना जाता ह। इ ह ने क ित िसंह क नाम पर क ितलता
नामक ंथ क रचना क । वतमान समय म यह पु तक नेपाल क राज पु तकालय म सुरि त ह।
िव ापित को अिभनव जयदेव क नाम से भी जाना जाता ह। इ ह ने क ितिसंह क नाम पर ‘क ितलता’ नामक
ंथ क रचना क । वतमान समय म यह पु तक नेपाल क राज पु तकालय म सुरि त ह। इस ंथ क भाषा
सं कत, ाकत और मैिथली ह। इस िमि त भाषा को िव ापित ने अवह नाम िदया ह। िव ापित ने भूप र मा
नामक पोथी क रचना क । यह राजा देविसंह क अनुमित से उ ह ने िलखी थी। यह नैितक कहािनय का सं ह
ह, िजसका बृहत प ‘पु ष परी ा’ नामक रचना ह। 1830 ई. म इसका अं ेजी म अनुवाद राजा कालीक ण
बहादुर ने िकया था, िजसम लॉड िबशप टनर ने सहयोग िदया था। यह पु तक फोट िविलयम कॉलेज, कलक ा
क पा य म म भी स मिलत थी।
िव ापित ारा रिचत चौथी पु तक ‘क ितपताका’ ह, जो मैिथली भाषा म िलखी गई ेमकथा का सं ह ह।
उ ह ने सं कत भाषा म ‘िलखनावली’ क रचना क । इ ह ने ‘शैव-सव व-सार’ क रचना राजा िशविसंह क
मृ यु क बाद महारानी िव ासदेवी क देखदेख म क थी। इसम भविसंह से लेकर िव ासदेवी तक क शासन
काल का वणन ह। िव ापित ने ‘गंगा वा यावली’, ‘दान वा यावली’, ‘दुगाभ तरिगणी’, ‘िवभाग-सार’,
‘वषक य’, ‘गया-पतन’ आिद पु तक क रचना क थी। ‘गंगा वा यावली’ िव ासदेवी एवं ‘दान वा यावली’
नरिसंह देव क प नी धीरमित से संबंिधत ह। ‘िवभाग-सार’, ‘वषक य’ एवं ‘गया-पतन’ सं कत भाषा म िलखी
ई पु तक ह।
सेन वंश
पाल वंश क पतन क बाद सामंत सेन क नेतृ व म सेन वंश क थापना ई। सामंत सेन पाल क अधीन एक
सामंत था। हमंत सेन क समय सेन वंश पूरी तरह से वतं हो गया। िवजय सेन, व ाल सेन, ल मण सेन
आिद शासक ने िबहार एवं बंगाल े पर शासन िकया। िवजय सेन इस वंश का एक श शाली शासक था।
िवजय सेन क जानकारी देवपाड़ा (बंगाल) ता प लेख से भी िमलती ह। िवजय सेन ने कणाट वंश क शासक
ना यदेव को परािजत िकया था। वह शैव धम का अनुयायी था। उसने ‘दानसागर’ और ‘अ ुतसागर’ नामक दो
पु तक क रचना क थी। ल मण सेन इस वंश का अंितम शासक था। ‘गीतगोिवंद’ क लेखक जयदेव ल मण
सेन क दरबार म रहते थे। ल मण वै णव धम का अनुयायी था। सेन शासक ने अपनी राजधानी नािदया और
लखनौती म थािपत क थी। सेन शासक ने गया तक क े को जीत िलया था, िजसम गहड़वाल शासक
गोिवंदपाल से संघष करना पड़ा था।
िजस समय िबहार-बंगाल े म ल मण सेन का शासन था, उसी समय तुक मुह मद गोरी का सेनापित
ब तयार िखलजी का सै य अिभयान पूव भारत म िबहार-बंगाल तक चल रहा था। इसम ब यतार िखलजी ने
ल मण सेन को परािजत कर इस े को तुक क अधीन ला िदया था।
िबहार पर तुक आ मण
11व सदी क ारभ म भारत पर गजनी वंश क शासक महमूद गजनी क नेतृ व म तुक आ मण आ। तुक
आ मण क जानकारी िफरदौसी क रचना ‘शाहनामा’ से िमलती ह। ‘शाहनामा’ फारसी सािह य क थम सबसे
िस रचना ह। यािमनी वंश का महमूद गजनी, जो सुबु गीन का पु था, उसने ‘गाजी’ क उपािध धारण क ।
महमूद गजनी ने सव थम 1001 ई. म उ ांडपुर क िहदूशाही वंश क शासक जयपाल पर आ मण िकया था।
उसक बाद 1011-12 ई. म थाने र क च वामी मंिदर पर एवं 1021-22 ई. म पंजाब पर आ मण िकया।
पंजाब पर आ मण का मूल उ े य सैिनक क क थापना करना था। 1025-26 ई. म गुजरात क सोमनाथ
मंिदर पर आ मण िकया। गजनी का अंितम आ मण 1027 ई. म जाट शासक क िखलाफ था। गजनी क
आ मण का मु य उ े य धन लूटना था। इसिलए भारत एवं िबहार क राजनीितक इितहास पर इस आ मण का
िवशेष भाव नह पड़ा।
12व सदी क उ राध म भारत पर मुह मद गोरी का आ मण शु आ, िजसे तुक आ मण का तीय चरण
भी कहते ह। मुह मद गोरी का मूल नाम मोइजु ीन मुह मद िबन शाम था। इसने 1175 ई. से 1194 ई. तक भारत
पर कई बार आ मण िकया। इसक आ मण का मु य उ े य राजनीितक स ा क थापना करना था और इस
उ े य म वह पूरी तरह सफल रहा। इसक आ मण से पूव भारत म िबहार और बंगाल तक का े भािवत
आ। इसक सफल होने का कारण राजनीितक एकता का अभाव था। भारत क तरह ही इसक आ मण क समय
िबहार पर भी िवक ीकत श याँ भावी थ । िबहार भी संगिठत राजनीितक इकाई नह था। इस समय उ री िबहार
क अिधकांश िह स पर कणाट वंश का शासन था, जबिक अ य भाग म छोट-छोट रा य थािपत थे। इस समय
बंगाल क सेन वंश क शासक ने िबहार पर आ मण कर इसक थित अ यिधक दयनीय बना दी थी।
ब तयार िखलजी ने सबसे पहले िबहार म 1198 ई. म ओदंतपुरी (िबहारशरीफ) को जीता एवं वहाँ
थािपत िश ण सं थान नालंदा िव िव ालय को जलाकर न कर िदया।
भारत म मुह मद गोरी क तीन सेनापित िवजय अिभयान चला रह थे, िजसम एक सेनापित इ तयार-अल-दीन
मुह मद िबन ब तयार िखलजी पूव भारत म िबहार-बंगाल तक अपना अिभयान चला रहा था। ब तयार िखलजी
को गाजी इ तयार क नाम से भी जाना जाता ह। अतः िबहार म तुक स ा क थापना का ेय ब तयार िखलजी
को जाता ह। िजस समय ब तयार िखलजी ने िबहार-बंगाल े पर आ मण िकया, उस समय सेन वंश का
शासक ल मण सेन और पाल वंश का शासक इ ु न पाल ने उसका िवरोध िकया था। ब तयार िखलजी ने
सबसे पहले िबहार म 1198 ई. म ओदंतपुरी (िबहारशरीफ) को जीता एवं वहाँ थािपत िश ण सं थान नालंदा
िव िव ालय को जलाकर न कर िदया। इसक बाद 1203-04 ई. म ल मण सेन क राजधानी नािदया पर
आ मण िकया और उसे परािजत िकया। ब तयार िखलजी ने िबहार और बंगाल क े को जीतकर एक ांत क
प म संगिठत िकया तथा लखनौती को राजधानी क प म थािपत िकया। ब तयार िखलजी क ह या
अलीमदान िखलजी ारा 1206 ई. म कर दी गई। ब तयार िखलजी क बाद इस े म मुह मद गोरी का अ य
सेनापित कतुबु ीन ऐबक का शासन थािपत रहा।
1206 ई. म मुह मद गोरी क मृ यु होने क बाद कतुबु ीन ऐबक ने िद ी म वतं तुक स ा क थापना
क , िजसे िद ी स तनत क नाम से जाना जाता ह। िबहार-बंगाल का े भी ब तयार िखलजी क मृ यु क बाद
य -अ य प से िद ी स तनत क अधीन आ गया। िद ी स तनत क थापना क साथ ही पूव
म यकाल क समा और म यकाल का ारभ होता ह।
म य काल
13व सदी क ारभ म िद ी स तनत क थापना 1206 ई. म कतुबु ीन ऐबक ारा क गई। िद ी
स तनत क अधीन पाँच वंश ने शासन िकया। ये वंश िन निलिखत थे—
1. ममलूक या गुलाम वंश—1206-1290 ई.
2. िखलजी वंश—1290-1320 ई.
3. तुगलक वंश—1320-1414 ई.
4. सैयद वंश—1414-1451 ई.
5. लोदी वंश—1451-1526 ई.
1206 ई. म ब तयार िखलजी क मृ यु क बाद कतुबु ीन ऐबक ने उ री भारत म वतं रा य क थापना
क , िजसम िबहार भी स मिलत था। कतुबु ीन ऐबक िद ी एवं उसक आसपास क े म थानीय शासक
एवं मुह मद गोरी क अ य उ रािधका रय या दोज एवं कबाचा क साथ संघष म उलझा आ था, साथ ही
भौगोिलक दूरी एवं प रवहन सुिवधा क अभाव क कारण भी ऐबक िबहार और बंगाल पर अिधक यान नह दे पा
रहा था। अतः इस थित का लाभ उठाकर थानीय सामंत ने वतं होने क कोिशश क । ऐसी थित म बंगाल
क शासक ने बार-बार िबहार पर आ मण िकया और अपनी थित मजबूत क तथा िद ी क सुलतान क
िखलाफ िव ोह करते रह। इस तरह िबहार का े िद ी क तुक शासक , बंगाल क शासक एवं िबहार क
थानीय शासक क बीच संघष का क बना रहा। कतुबु ीन ऐबक क बाद इ तुतिमश (1210 से 1236 ई.) क
समय 1211 ई. म गयासु ीन ने बंगाल पर अपनी वतं स ा क थापना कर ली और िबहार क ितर त े से
कर वसूलना शु कर िदया। 1225 ई. म जब िद ी म इ तुतिमश क थित मजबूत हो चुक थी, तब उसने
िबहार पर अपना अिधकार कर शासक को िनयु िकया तथा बंगाल क शासक गयासु ीन को परािजत कर
िबहार से बाहर कर िदया। जब इ तुतिमश वापस िद ी लौटा, तब गयासु ीन ने पुनः िबहार म िनयु शासक
मिलक जानी को अपद थ कर िबहार पर अिधकार कर िलया। इसक बाद वयं इ तुतिमश ने बंगाल क िव ोह को
कचलने क िलए अिभयान चलाया और बंगाल क शासक िहसाबु ीन को परािजत कर िबहार एवं बंगाल दो
अलग-अलग सूब को गिठत िकया। इ तुतिमश क वापस लौटने क बाद उसक उ रािधकारी िबहार पर शासन
कायम रखने म समथ नह थे। बलबन (1266-86 ई.) क समय पुनः बंगाल े म िव ोह होने लगा। तुग रल क
नेतृ व म होनेवाले िव ोह को बलबन ने कचल िदया।
गयासु ीन तुगलक जब बंगाल अिभयान से 1324 ई. म िद ी वापस आ रहा था, उस समय कणाट
वंश क शासक ह रिसंहदेव को परािजत िकया तथा ितर त (िमिथला) रा य को तुगलक सा ा य म
िमला िलया एवं इसका नाम तुगलकपुर रखा।
बलबन क बाद तुगलक काल म दि ण िबहार सिहत उ री िबहार (ितर त) पर तुक का शासन थािपत हो
चुका था। िबहार े म तुगलक वंश क स ा क थापना एवं शासन क जानकारी सूफ संत हजरत शफ ीन
यािहया मनेरी क रचना ‘मलफजात’ एवं ‘मनािकबुल असिफया’ से तथा ितर त े म तुगलककालीन पाए गए
िस से िमलती ह। गयासु ीन तुगलक जब बंगाल अिभयान से 1324 ई. म िद ी वापस आ रहा था, उस
समय कणाट वंश क शासक ह रिसंहदेव को परािजत िकया तथा ितर त (िमिथला) रा य को तुगलक सा ा य म
िमला िलया एवं इसका नाम तुगलकपुर रखा। मुह मद िबन तुगलक ने दरभंगा म एक दुग एवं जामा म जद का
िनमाण करवाया था। ह रिसंहदेव ने परािजत होकर किव िव ापित क सहयोग से नेपाल े म शरण ली थी।
ह रिसंहदेव क अमा य अिमयकर ने गयासु ीन तुगलक क दरबार म जाकर ह रिसंहदेव को रा य वापस िदलाने म
सहयोग िकया था। इस समय िबहार क ांतपित (म ा) मजदुल मु क ने भी ह रिसंहदेव को परािजत िकया था।
तुगलक काल म िबहार क राजधानी िबहारशरीफ थी, जो बौ धम का मुख क था। गयासु ीन तुगलक क
बाद िफरोजशाह तुगलक ने 1359 ई. म बंगाल अिभयान ारभ िकया, िजसक जानकारी ‘िसरते-ए-िफरोजशाही’ से
िमलती ह।
तुक शासक और कणाट वंश क बीच ारभ से ही संघष चल रहा था। ब तयार िखलजी क समय म कणाट
शासक नरिसंहदेव ने तुक क साथ मै ीपूण सहयोग क नीित को अपनाया था। उसने ब तयार िखलजी को संतु
करने क िलए नजराना िदया था। नरिसंहदेव क बाद रामिसंहदेव क समय भी तुग रल तुगन ने िमिथला पर आ मण
िकया था।
अफगान श का उदय
तुगलक वंश क समय 1398 ई. म तैमूर क आ मण क बाद िद ी स तनत क क ीय स ा कमजोर हो गई
तथा िवघटन का दौर शु हो गया। सैयद एवं लोदी वंश क समय अनेक े ीय वंश का उदय आ, िजसम
जौनपुर क शक वंश और बंगाल का सैनशाही वंश मुख था। इस समय िबहार का प मी भाग जौनपुर क
शक शासक क अधीन एवं पूव भाग बंगाल क सैनशाही वंश क अधीन था। अतः िबहार पर अिधकार करने क
िलए जौनपुर, बंगाल एवं लोदी वंश क बीच संघष होने लगा। िद ी म लोदी वंश क मुख शासक बहलोल लोदी
और िसकदर लोदी थे। जौनपुर क शासक सैन शाह शक ने उ र देश क े म िव ोह िकया, िजसे िसकदर
लोदी ने कचल िदया। इसी म म िसकदर लोदी ने िबहार पर अपना अिधकार थािपत कर िलया तथा ितर त क
शासक को कर देने क िलए बा य िकया। कर वसूलने क िलए मुबारक खान को िनयु िकया। 1504 ई. म
िसकदर लोदी एवं बंगाल क नवाब अलाउ ीन क बीच यु आ और अंततः संिध ई, िजसम उ र िबहार क
े (सारण एवं ितर त) पर अलाउ ीन ने िसकदर लोदी का आिधप य वीकार कर िलया। लोदी शासक इ ािहम
खान लोदी क समय म िबहार क सूबेदार द रया खान नूहानी ने िव ोह िकया। अफगान द रया खान नूहानी क मृ यु
1523 ई. म होने क बाद उसकपु मुह मद शाह नूहानी (बहार खान) ने िबहार को वतं रा य घोिषत कर िदया।
फरीद खान ऌने 1497 ई. से 1518 ई. तक सासाराम क जागीर को बड़ी यो यता क साथ सँभाला तथा
शासन यव था को सु यव थत करने म सफल रहा। उसने िव ोही जम दार को परािजत कर लोग को
सुख-सुिवधाएँ दान करने का हर सभंव यास िकया।
1526 ई. म पानीपत क थम यु म बाबर क नेतृ व म मुगल ने इ ािहम लोदी को परािजत कर िद ी म
मुगल वंश क थापना क । जब अफगान ने जौनपुर पर िनयं ण करने का यास िकया, तब बाबर ने मायूँ क
नेतृ व म सेना भेजी, िजसने अफगान नूहानी शासक क यास को असफल कर िदया। इस काल म दि ण िबहार
पर अफगान शासक मुह मद शाह एवं उ र िबहार पर बंगाल क शासक नुसरत शाह का शासन थािपत था। ये
दोन शासक अफगान थे तथा मुगल क िखलाफ एक-दूसर का सहयोग कर रह थे। 1530 ई. म बाबर क मृ यु क
बाद अफगान श का पुनः उ थान होने लगा। य िप 1532 ई. म दौरा क यु म मायूँ ने अफगान को
परािजत कर िदया और नूहािनय का पतन सुिन त कर िदया। नूहािनय क पतन क बाद अफगान श का
पुन थान शेरशाह क नेतृ व म आ।
सूर वंश
नूहािनय क पतन क बाद शेरशाह सूरी क नेतृ व म अफगान श का पुन थान आ। शेरशाह का मूल नाम
फरीद खान था। वह इ ािहम खान सूर का पौ एवं हसन खान सूर का पु था। इसका ज म िद ी क िनकट
पंजवाड़ा म 1486 ई. म आ था। दादा इ ािहम खान एवं िपता हसन खान पंजाब छोड़कर िबहार क सूबेदार
जमाल खान क सेवा म चले आए। जमाल खान ने हसन खान क सेवा-भ से स होकर उसे सासाराम,
वासपुर व टांडा परगने क जागीर स प दी। फरीद का बचपन सोन नदी क िकनार सासाराम म यतीत आ। फरीद
का बा यकाल सुखमय नह रहा। अपने िपता एवं अपनी सौतेली माँ क उपे ा क कारण वह जौनपुर चला गया।
15व सदी म जौनपुर इ लाम धम और सं कित का मुख क था। उसे ‘भारत का िसराज’ कहा जाता था। फरीद
ने बड़ीलगन क साथ अरबी और फारसी भाषा क अ छी जानकारी ा कर ली। जमाल खान उसक गुण से
भािवत होकर िपता हसन खान से समझौता कराने म सफल आ। हसन खान ने अपने पु फरीद खान को
सासाराम क जागीर 1497 ई. म स प दी। फरीद खान ऌने 1497 से 1518 ई. तक सासाराम क जागीर को बड़ी
यो यता क साथ सँभाला तथा शासन यव था को सु यव थत करने म सफल रहा। उसने िव ोही जम दार को
परािजत कर लोग को सुख-सुिवधाएँ दान करने का हर सभंव यास िकया। पुनः िपता हसन खान और सौतेली माँ
से मतभेद होने पर फरीद सासाराम से आगरा चला गया।
1520 ई. म हसन खान क मृ यु क प ा इ ािहम लोदी ने हसन खान क जागीर को वापस फरीद खान को
लौटा िदया। फरीद पुनः सासाराम लौट आया। उसक लौटते ही सासाराम क जागीर क बँटवार क िलए उसक
सौतेले भाइय क बीच संघष िछड़ गया, िजससे तंग आकर 1522 ई. म पुनः फरीद ने सासाराम छोड़कर दि ण
िबहार क शासक बहार खान क यहाँ शरण ली। एक बार वह अपने वामी बहार खान क साथ िशकार खेलने
जंगल गया था, जहाँ उसने एक ही वार म शेर को मार डाला। फरीद खान क वीरता देखकर बहार खान ने उसे
‘शेर खान’ क उपािध दान क । शेर खान क बढ़ते भाव को देखकर अफगान सरदार ने बहार खान क मा यम
से दि ण िबहार तथा पैतृक जागीर से िनकाल िदया। इसक बाद शेर खान आगरा प चा और बाबर से मुलाकात
क । बाबर ने शेर खान से भािवत होकर उसे अपनी सेना म नौकरी दान क । शेर खान क ईमानदारी को देखकर
बाबर ने उसक पैतृक जागीर सासाराम को वापस कर िदया। 1528 ई. म वह सासाराम चला आया और वहाँ बहार
खान क पु जलाल खान का िश क एवं संर क बना। बहार खान क मृ यु क प ा जलाल क माँ दुदु बीबी
उसक संरि का बनी। उसने शेर खान को अपना नायब िनयु िकया। नायब क प म शेर खान ने सेना म या
दोष को दूर िकया तथा शासन को सु ढ बनाने म मह वपूण योगदान िदया। दुदु बीबी क मृ यु क बाद शेर खान
वा तिवक प से िबहार का शासक बना।
शेर खान क भाव को देखते ए लोहानी सरदार ने जलाल खान को सेना सँभालने क िलए उकसाया। जलाल
खान ने बंगाल क सूबेदार नुसरत शाह से सहायता माँगी। नुसरत शाह जलाल क सहायता क िलए िबहार प चा,
लेिकन उसे शेर खान क हाथ परािजत होना पड़ा। इस िव ोह क बाद जलाल खान तथा लोहानी सरदार सभी नुसरत
शाह क साथ बंगाल थान कर गए। इस कार शेर खान वा तिवक प से िबहार का शासक बन गया। उसने
‘हजरत-ए-आला’ क पदवी धारण क ।
1530 ई. म शेर खान ने चुनार क पूव सूबेदार ताज खान क िवधवा लाड़ म का से िववाह िकया, िजसक
कारण उसक आिथक एवं सै य श काफ बढ़ गई। शेर खान ने चुनार क र ा क िलए अपने पु कतुब खान
को तैनात िकया। बाबर क मृ यु क प ा 1530 ई. म मायूँ िद ी का शासक बना। उसने चुनारगढ़ पर
आ मण क िलए एक िवशाल सेना भेजी। शेर खान ने राजनीितक दूरदिशता का प रचय देते ए अपने पु कतुब
खान को आ मसमपण करने को कहा। कतुब खान क आ मसमपण क प ा मायूँ ने आसान शत पर शेर खान
से संिध कर ली और वापस चला गया। इस कार शेर खान चुनारगढ़ को बचाने म सफल आ।
बंगाल क नए शासक महमूद शाह और जलाल खान ने एक बार पुनः शेर खान पर आ मण करने क योजना
बनाई। शेर खान और महमूद शाह क सेना क साथ सूरजगढ़ म 1534 ई. म भीषण यु आ, िजसम शेर खान
िवजयी आ। इस िवजय अिभयान क बाद शेर खान ने भली-भाँित यह समझ िलया िक भारत म अफगान शासन
पुन थािपत हो सकता ह। अतः उसने िविभ थान पर अफगान िसपािहय क भत करना ारभ कर िदया।
शेर खान पीछा करता आ चौसा प चा और अचानक मायूँ क सेना पर टट पड़ा। मायूँ और उसक
सेना घबराकर इधर-उधर भागने लगी। मायूँ अपनी जान बचाने क उ े य से गंगा नदी म कद पड़ा।
िनजाम नामक एक िभ ती ने मायूँ क जान बचाई।
बंगाल क शासक महमूद शाह ने अपनी पराजय का बदला लेने क उ े य से िचनसुरा क पुतगािलय से
िमलकर शेर खान पर आ मण कर िदया, लेिकन वह दो यु तेिलयागढ़ी और सीकरी गली म परािजत आ।
महमूद शाह ने मायूँ से सहायता माँगी। मायूँ उस समय गुजरात क बहादुर शाह क साथ संघष कर रहा था। उसने
महमूद शाह क आ ह पर बंगाल क ओर थान िकया तथा चुनार को छह महीने तक घेर रहा। इस अविध म शेर
खान ने बंगाल सिहत रोहतासगढ़ पर भी िवजय ा कर ली।
मायूँ क साथ संघष
शेर खान क बढ़ती श को देखकर मायूँ ने बंगाल पर आ मण करने का िन य िकया। आ मण क
आशंका को देखते ए शेर खान अपना खजाना गौड़ से रोहतासगढ़ ले गया। उसने मायूँ को बंगाल म िबना िकसी
िवरोध क वेश करने िदया और वह िबहार लौट आया। मायूँ ने गौड़ पर िवजय ा क तथा लगभग 8 महीने
तक गौड़ म ही पड़ा रहा। इस बीच शेर खान ने जौनपुर, बनारस, क ौज आिद थान को अपने अिधकार म कर
िलया।
चौसा का यु (26 जून, 1539)
गौड़ िवजय क बाद लगभग आठ महीने मायूँ क सेना गौड़ म ही रही। गौड़ से आगरा थान क दौरान ब सर
क पास चौसा म छावनी डाली। शेर खान पीछा करता आ चौसा प चा और अचानक मायूँ क सेना पर टट
पड़ा। मायूँ और उसक सेना घबराकर इधर-उधर भागने लगी। मायूँ अपनी जान बचाने क उ े य से गंगा नदी
म कद पड़ा। िनजाम नामक एक िभ ती ने मायूँ क जान बचाई। चौसा िवजय क बाद जहाँ एक ओर शेर खान
उ सािहत आ, वह दूसरी ओर मुगल सेना क श और ित ा पर ितकल असर पड़ा।
क ौज का यु (17 मई, 1540)
चौसा यु म पराजय क बाद मायूँ िकसी कार अपनी जान बचाकर आगरा प चा। उसने शेर खान पर पुनः
आ मण करने क योजना बनाई तथा साहस क साथ शेर खान क िव यु क िलए क ौज चल पड़ा। मायूँ
और शेर खान क सेना िबल ाम म आमने-सामने ई, लेिकन मायूँ क सामंत और िसपािहय क ष यं क
कारण िबना िकसी यु क उसे परािजत होना पड़ा। वह भागकर पंजाब क ओर चल पड़ा।
चौसा और िबल ाम क यु ने शेर खान को भारत का स ा बना िदया। उसक अद य उ साह और बहादुरी ने
मुगल सा ा य को अपद थ कर िदया तथा भारत म उसने सूर वंश क वा तिवक थापना क । शेर खान को
तीय अफगान सा ा य क सं थापक क प म जाना जाता ह।
शेरशाह का सा ा य िव तार
1. ग खड़ देश (1541 ई.)—उ र-प मी सीमा ांत म ग खड़ जाित क लोग रहते थे, जो मुगल क ित
वफादार थे। शेरशाह ने इनक श य को कमजोर करने एवं प मो र सीमा क सुर ा क िलए रोहतासगढ़
िकले का िनमाण करवाया। वहाँ हवात खान और वास खान क नेतृ व म सेना रखी गई।
2. बंगाल (1541 ई.)—बंगाल म िख खान ने िव ोह िकया, िजसे शेरशाह ने कचल िदया। इसक बाद दूर थ
एवं धनवान ांत म िव ोह से बचने क िलए नए ढग से शासन यव था ारभ क गई। उसने बंगाल को 19
सरकार (िजला) म िवभ िकया, साथ ही एक नया पद अमीन-ए-बँगला (असैिनक अिधकारी) क िनयु क ।
येक सरकार को एक िशकदार क अधीन कर िदया गया।
3. मालवा (1542 ई.)—बहादुर शाह क मृ यु क बाद म ू खान ने कािदर शाह क उपािध धारण कर वयं
को वतं घोिषत कर िदया। शेरशाह क अिभयान क बाद उसने आ मसमपण कर िदया और सूजाद खान को
मालवा का सूबेदार िनयु िकया गया।
4. रायसीन (1543 ई.)—रायसीन देश (म य देश) चौहान राजपूत राय िसंहलजी क पु पूरनमल क
अिधकार म था। रायसीन पर क जे क िलए शेरशाह कई माह तक घेरा डाले रहा, िजसक बाद पूरनमल ने
आ मसमपण कर िकले को शेरशाह क हाथ स प िदया। यह शेरशाह क िवजय नीित क फल व प एक संघष
था, लेिकन इस संघष म उसने क लेआम का काय िकया, जो इितहास म शेरशाह क नाम पर काला ध बा माना
जाता ह।
5. राज थान (1544 ई.)—मारवाड़ म मालदेव का शासन था, जो यो य, साहसी एवं मह वाकां ी शासक
था। शेरशाह राजपूत क बढ़ती ई श को समा करना चाहता था। उसने एक बार शौय क थान पर चालाक
का सहारा िलया और मारवाड़ पर अिधकार करने म सफल आ। उसने जोधपुर पर अिधकार करने क बाद िचतौड़
क शासक उदय िसंह को भी परािजत िकया और देखते ही देखते अजमेर, जोधपुर, माउट आबू तथा िचतौड़ जैसे
चार मह वपूण िकल पर अिधकार कर िलया, िकतु यह िवजय उसे ब त महगी पड़ी। शेरशाह ने वयं वीकार
िकया िक वह मु ीभर बाजरा क िलए पूर िहदु तान को खो देता।
6. कािलंजर (मई, 1545)—यह शेरशाह का अंितम अिभयान था। इस अिभयान का मु य कारण कािलंजर क
राजा क रत िसंह ारा शेरशाह क अधीनता का वीकार न करना था, साथ ही उसने रीवा क महाराजा वीरभान
िसंह को शरण दे रखा था, 1544 ई. म शेरशाह ने कािलंजर क िकले का घेरा डाला। छह माह क घेर क बावजूद
जब िकले को नह जीता जा सका, तब शेरशाह ने िकले क दीवार को तोप से उड़ाने का आदेश िदया, लेिकन तोप
का एक गोला शेरशाह को ही लग गया, िजससे उसक मृ यु हो गई। मृ यु से पहले शेरशाह ‘उ ा’ नामक
आ नेयशा चला रहा था।
शेरशाह एक महा शासक एवं बंधकता था, जो एक मामूली जागीरदार क पु क थित से उठकर बादशाह
क पद तक प चा था। जब वह मुगल सेना म था, तभी चंदेरी यु क समय कहा था िक ‘अगर भा य ने मेरा साथ
िदया और सौभा य मेरा िम रहा तो एक िदन म मुगल को िहदु तान से खदेड़ दूँगा।’
शेरशाह का शासन
शेरशाह म यकाल क महा शासन बंधक म से एक था। शासन का पहला अनुभव उसे िपता क जागीर देखते
ए ा आ था। इसक बाद उसने जलाल खान क संर क क प म और मुगल क संपक म आकर भी
शासन का अनुभव ा िकया। वह ितिदन सोलह घंट काम करता था और सै य संगठन, सै य भत , याय और
लगान जैसे सभी काय वयं सँभालता था। शासन बंधन और सैिनक ित ा क ि से शेरशाह अफगान म
े और अकबर से भी अिधक रचना मक बु वाला और रा िनमाता था। शेरशाह को अकबर का अ दूत
कहा जाता ह। शेरशाह शासन सुधार क िलए म यकालीन इितहास म सबसे िस शासक था। इितहासकार का
मानना ह िक अगर शेरशाह क आक मक मृ यु न ई होती तो मुगल का पुन थान भारत म नह होता। शेरशाह
क अनुसार रा य का कत य मा पुिलस शासन ही नह अिपतु लोक-क याण भी ह। उसने अलाउ ीन िखलजी
क आधार पर सैिनक सुधार, मुह मद िबन तुगलक क आधार पर लगान एवं मालगुजारी क यव था, िफरोजशाह
तुगलक क आधार पर सावजिनक काय, क मीर क सु तान जैनुलआबदीन क आधार पर धािमक नीित लागू िकया।
शेरशाह ने शासन को क ीय एवं ांतीय यव था क प म लागू िकया।
शेरशाह को अकबर का अ दूत कहा जाता ह। शेरशाह शासन सुधार क िलए म यकालीन इितहास म
सबसे िस शासक था।
क ीय शासन
क क सारी श शेरशाह क हाथ म थी, लेिकन उसने इस श का योग जािहत क काय म िकया।
उसने क ीय शासन क सभी िवभाग का संगठन िकया। शेरशाह का राज व िस ांत तुक और अफगान का
िमला-जुला व प था। उसक शासन म भी मं ी तथा उ ािधकारी थे, लेिकन मुगल क िवपरीत मंि य को
उसने ब त अिधक अिधकार नह िदया था। वे वयं िनणय न लेकर िसफ आ ा का पालन करते थे। शासन
यव था क िलए स तनत काल क अनु प ही उसने अनेक िवभाग का िनमाण िकया, जो िन न ह—
दीवान-ए-वजारत—यह लगान एवं अथ यव था से संबंिधत िवभाग था, िजसका धान वजीर कहलाता था।
उसका काम िव मं ी और धानमं ी का था तथा वह दूसर मंि य पर िनगरानी भी रखता था। आय- यय का
लेखा-जोखा दीवान-ए-वजारत क अधीन था।
दीवान-ए-आ रज—यह सै य यव था का धान होता था। फौज क भत , बंधन तथा सेना क अनुशासन क
िलए उ रदायी था।
दीवान-ए-रसालत—इस िवभाग को दीवान-ए-मोहतिसब भी कहा जाता था। इसक अधीन िवदेश मं ालय होता
था, जो िवदेशी मामल क देख-रख करता था।
दीवान-ए-इशा—यह राजक य आदेश एवं प ाचार िवभाग था। सूबेदार तथा दूसर थानीय अिधका रय क
साथ प - यवहार भी इसी िवभाग ारा होता था।
दीवान-ए-काजी—यह यायालय िवभाग था, िजसका मुख काजी कहलाता था। यह िवभाग सूबेदार क
िव अपील भी सुनता था।
दीवान-ए-बरीद—यह खुिफया िवभाग था, िजसक अंतगत गु चर होते थे। ये गु चर सभी कार क सूचनाएँ
राजा तक प चाते थे। डाक का बंध भी इसी िवभाग क अधीन था।
खान-ए-सामान—शाही महल क िविभ काय क देखभाल इसी िवभाग क अधीन था।
इस कार शेरशाह क अधीन क ीय िवभाग का लगभग वही व प था जैसा िद ी स तनत क बादशाह का
था।
ांतीय शासन
शेरशाह क ांतीय यव था बंधन क संबंध म इितहासकार म मतभेद ह। कानूनगो का मानना ह िक शेरशाह
क समय सरकार क ऊपर कोई िवभाग नह था। संपूण सा ा य 47 सरकार म िवभ था। उसक समय ांत या
सूबा जैसी कोई शासिनक इकाई नह थी, लेिकन परमा मा शरण बताते ह िक ांत और फौजी गवनर क
यव था थी, भले ही 1541 ई. म बंगाल क िव ोह क बाद िवशेष यव था क गई और बंगाल को 19 सरकार म
बाँटा गया हो। इस कार शेरशाह क समय सरकार क कल सं या 66 हो गई थी। इस तरह येक सूबा सरकार
म िवभ था और येक सरकार म दो मुख अिधकारी होते थे, िजसम एक िशकदार-ए-िशकदाराँ तथा दूसरा
मुंिसफ-ए-मुंिसफा न होता था।
िशकदार-ए-िशकदाराँ—यह सरकार का मुख अिधकारी क साथ-साथ सै य अिधकारी भी होता था, जो शांित
यव था देखने का काम करता था। वह फौजदारी मामल क देखरख करता था।
मुंिसफ-ए-मुंिसफान—यह मु य याय अिधकारी होता था तथा दीवानी मुकदम का फसला करता था, साथ ही
यह अधीन थ मुंिसफ क काय क िनगरानी भी करता था।
येक सरकार (िजला) कई परगन म िवभ था। परगने क मु य अिधकारी िशकदार, खजांची (फोतदार),
अमीन, मुंिसफ, एक िहदी और एक फारसी िलिपक (कारकन) होते थे। शासन क सबसे छोटी इकाई ाम होती
थी। गाँव क अिधकारी पटवारी, चौक दार, चौधरी, मुकदम तथा धान होते थे। ये गाँव क शासन, सुर ा, िश ा,
सफाई आिद काय का िन पादन करते थे।
शेरशाह का लगान यव था
शेरशाह क समय क ीय आय का मुख साधन भू-राज व या लगान था। अ य ोत म लावा रस संपि , लूट
का माल, जिजया कर इ यािद था। शेरशाह िकसान क सुख-समृ पर अिधक यान देता था। उसने अलाउ ीन
िखलजी क लगान यव था को अपने ांत म लागू िकया, जो रयतबाड़ी यव था थी। इसम िकसान से य
संबंध थािपत करने क यव था थी। शेरशाह ने भूिम सुधार हतु भूिम क पैमाइश करवाई। भूिम को बीघा म बाँटा,
िजसम एक बीघा का े फल 3600 िसकदरी गज होता था। उसने भूिम को तीन ेिणय म बाँटा—
अ छी भूिम,
म यम भूिम,
िनक भूिम।
शेरशाह ने भूिम क माप क िलए 32 अंक वाला िसकदरी गज एवं सन क डडी का योग िकया। लगान क
प म उसने उपज का एक-ितहाई भाग वसूल िकया। लगान नकद और अनाज दोन प म वसूला जाता था,
लेिकन नकद को ही ाथिमकता दी जाती थी। शेरशाह ने प ा और कबूिलयत क था ारभ क । येक िकसान
को सरकार क ओर से प ा िदया जाता था, िजसम भूिम संबंधी संपूण जानकारी होती थी। िकसान कबूिलयत
िलखकर लगान क िन त रकम चुकाने का वचन देता था। िकसान लगान को सीधे सरकारी खजाने म जमा करते
थे। म यकाल म िफरोजशाह तुगलक क बाद शेरशाह ने िकसान क िहत का अिधक यान रखा। उसने सेना को
िकसान क खड़ी फसल बरबाद न करने या तंग न करने का आदेश िदया। िकसान क फसल बरबादी क थित
म ितपूित का ावधान था। शेरशाह िकसान को भूिम िवकास या भूिम को उवर बनाने क िलए आसान िक त पर
ऋण भी देता था। ाकितक कोप क कारण फसल क न होने पर शेरशाह ने लगान माफ कर िदया था। लगान
क अलावा उसने ‘जरीबाना’ (सव ण शु क) और ‘मुहािसलाना’ (कर सं ह शु क) भी लगाया था। शेरशाह क
लगान यव था बाद म अकबर क ‘दहसाला’ और अं ेज क ‘रयतबाड़ी’ यव था का आधार बनी। कानूनगो ने
कहा ह िक यिद शेरशाह 10 या 20 वष तक और जीिवत रहता तो वह जम दारी था को पूणतः समा कर देता।
म यकाल म िफरोजशाह तुगलक क बाद शेरशाह ने िकसान क िहत का अिधक यान रखा। उसने सेना
को िकसान क खड़ी फसल बरबाद न करने या तंग न करने का आदेश िदया। िकसान क फसल
बरबादी क थित म ितपूित का ावधान था।
याय और गु चर यव था
शेरशाह वयं सबसे बड़ा यायाधीश था। वह येक बुधवार क शाम को याय क िलए दरबार म बैठता था।
लगान संबंधी मुकदम का िनणय परगन म मुंिसफ और सरकार (िजला) म मुंिसफ-ए-मुंिसफान करता था।
सैिनक मामले संबंधी मुकदम क सुनवाई काजी क ारा क जाती थी, जबिक फौजदारी मामल क सुनवाई
िशकदार-ए-िशकदाराँ ारा क जाती। फौजदारी कानून कठोर था और सभी पर समान प से लागू होता था।
सभी कार क दंड िदए जाते थे, जैसे—कद, कोड़ा से पीटना, अंग भंग करना, जुमाना इ यािद। शेरशाह
यायि य शासक था तथा उसका कहना था िक ‘ याय करना धािमक काम म सव े ह।’
शेरशाह का गु चर एवं सूचना िवभाग अ यंत उ त था। मुख नगर , बाजार और सराय म ‘हरकारा’ िनयु
िकया गया था। येक समय दो घोड़ गु चर काय क उ े य से रखे जाते थे। शेरशाह अपने गु चर और
संदेशवाहक क सहायता से राजक य शासन पर िनयं ण रखता था। ‘दारोगा-ए-डाक चौक ’ डाक एवं गु चर
िवभाग का मुख अिधकारी था।
मु ा यव था
शेरशाह ने मु ा यव था णाली म अनेक सुधार िकए। उसने पुराने िघसे ए िस का चलन बंद कर िदया
और मु य प से चाँदी का ‘ पया’ (178 ेन) एवं ताँबे का ‘दाम’ (380 ेन) जारी िकया। सभी िस म
अ छी धातु का योग िकया गया। िस पर शेरशाह क टकसाल का नाम अरबी-फारसी एवं देवनागरी िलिप म
िलखा गया था। इसक समय म 23 टकसाल थ । शेरशाह थम शासक था, िजसने शु चाँदी का पया चलाया।
इसक चाँदी क पए 1835 ई. तक चलन म रह। चाँदी का एक पया 64 ताँबे क दाम क बराबर होता था।
शेरशाह ारा जारी सोने क िस का नाम अशफ था, िजसम 167 ेन सोना होता था। िस चौकोर और
गोलाकार होते थे। सु ी होने क नाते उसने अपने िस म इ लाम क पहले चार खलीफा क नाम अंिकत
कराए।
यापार एवं यवसाय
शेरशाह ने यापार एवं यवसाय को िवकिसत करने क िलए अनेक काय िकए। उसने अपने अिधका रय को
यापा रय क साथ उिचत यवहार करने का आदेश िदया। अनेक आबकारी कर को समा कर िदया गया। उसने
कवल दो थान पर आबकारी कर लगाने का आदेश िदया। थम पूव बंगाल क सुनार गाँव क सीमा पर अथवा
पंजाब म रोहतासगढ़ क सीमा पर अथवा अ य सीमांत देश क िन त सीमा पर, जहाँ िब क व तुएँ
पहले आकर उतरती थ तथा दूसरा उन थान पर लगाए जहाँ िब क व तुएँ िबकती थ । त कर यापार पर कड़ी
िनगरानी रखी जाती थी। व तु का बाजार म मू य एक समान बनाए रखने का यास िकया जाता था।
शेरशाह क िनमाण काय
थाप य क े म शेरशाह ने अनेक मह वपूण काय िकए। उसने सासाराम म रोहतासगढ़ िकले का िनमाण
करवाया। मायूँ ारा िनिमत दीनपनाह नगर को तोड़कर िद ी म पुराना िकला का िनमाण करवाया, िजसक
अंदर 1542 ई. म िकला-ए-कहना म जद का िनमाण करवाया। यह म जद भारतीय और इ लामी कला का
िमला-जुला उदाहरण ह। शेरशाह ने 1541 ई. म पाटिलपु को पटना क नाम से पुनः थािपत िकया। शेरशाह का
सव े िनमाण काय सासाराम म बनवाया गया शेरशाह का मकबरा ह, जो एक झील क बीच म िनिमत ह।
कानूनगो ने इस िवषय म िलखा ह िक ‘यह बाहर से मु लम और अंदर से िहदू थाप य कला का उदाहरण ह।’
किनंघम ने इस मकबर को ताजमहल से भी सुंदर कहा ह। उसने क ौज शहर को व त कर उसे नया प िदया।
शेरशाह का सव े िनमाण काय सासाराम म बनवाया गया शेरशाह का मकबरा ह, जो एक झील क
बीच म िनिमत ह। कानूनगो ने इस िवषय म िलखा ह िक ‘यह बाहर से मु लम और अंदर से िहदू
थाप य कला का उदाहरण ह।’
जन-क याण काय
शेरशाह क जन-क याणकारी काय म सड़क क िनमाण, सराय, कएँ, सड़क क िकनार छायादार वृ , डाक
यव था आिद मुख ह। उसने अपने सा ा य म चार बड़ी सड़क का िनमाण करवाया। सबसे बड़ी और मुख
सड़क पूव म सोनार गाँव (बंगाल) से प म म अटक (िसंध) तक जानेवाली सड़क-ए-आजम ( ड क रोड)
का िनमाण कराया। इसे वतमान म शेरशाह सूरी पथ भी कहा जाता ह। दूसरी सड़क आगरा से बुरहानपुर तक,
तीसरी आगरा से जोधपुर-िचतौड़ तक तथा चौथी सड़क लाहौर से मु तान तक िनमाण करवाया। शेरशाह ने डाक
यव था को सु ढ बनाने क िलए घोड़ क यव था क ।
शेरशाह बड़ा उदार कित का य था। उसने अनेक धमाथ सं थाएँ थािपत क । िनधन को मु त भोजन देने
क यव था क । अनाथ शरणािथय क िलए आवास का बंध िकया। िनःशु क आवास और िनःशु क िश ा का
भी बंध िकया।
मुगलकालीन िबहार
भारत म मुगल राजवंश क थापना का ेय तैमूरलंग तथा चंगेज खान क वंशज जही ीन मुह मद बाबर को
जाता ह। यह 1526 ई. म पानीपत क थम यु म िद ी क शासक इ ाहीम लोदी को परािजत कर भारत क
बड़ भू-भाग का शासक बना। िबहार म सु तान मुह मद शाह नूहानी एवं फारमूली कबील क सरदार ने चुनौती
दी। अपने सैिनक अिभयान क दौरान बाबर ने अ ैल, 1529 म िबहार क ब सर नामक थान पर फारमूली सरदार
को आ मसमपण करने पर िववश िकया तथा मुश द इराक को बंगाल का दीवान िनयु िकया। 27 अ ैल, 1529
को उसने मुनेर सरदार को परािजत िकया। बाबर क सेना म शेरशाह ने भी काय िकया था। 30 िदसंबर, 1530 को
बाबर क मृ यु क प ा उसका पु मायूँ शासक बना। शेरशाह ने मायूँ क स ा को चुनौती दी तथा उसे चौसा
क िनकट 26 जून, 1539 को बुरी तरह परािजत िकया। कमनाशा नदी पार कर मायूँ ने िकसी तरह अपनी जान
बचाई। शेरशाह ने पुनः 1540 ई. म क ौज क यु म मायूँ को परािजत िकया। शेरशाह ारा थािपत सूर वंश
क शासक ने 1555 ई. म मायूँ को पुनः िद ी पर क जा कर मुगल सा ा य क थापना क लेिकन 1556 ई.
म पु तकालय क सीिढ़य से िगरकर मायूँ क अचनाक मृ यु हो गई। मायूँ क बाद उसका अ प वय क पु
जलालु ीन मुह मद अकबर 14 वष क आयु म िद ी का शासक बना।
1555-56 ई. म मायूँ ारा भारत म मुगल सा ा य क पुन थापना क गई। वा तव म भारत म मुगल
शासन का सं थापक अकबर को माना जाता ह। उसने अपनी दूरदिशता का प रचय देते ए एक िवशाल
सा ा य क थापना क । अकबर क शासक बनने क ारिभक काल म अफगान ने िबहार पर अपना भु व
बनाए रखा। 1564 ई. म एक अमीर सूलेमान करानी ने िबहार म अपने वतं शासन क घोषणा क । उसक
मृ यु क बाद 1572 ई. म दाऊद खान शासक बना। उसने अपने नाम से खुतबा पढ़ाया एवं नया िस ा चलाया।
दाऊद खान ने पटना क दुग को न कर िदया। अकबर ने दाऊद खान क बढ़ती श को कचलने क िलए
मुनीम खान को िबहार भेजा। दाऊद खान उस समय हाजीपुर म तथा उसका मं ी लोदी सरदार रोहतास म था।
मुनीम खान को दाऊद खान क ऊपर सफलता नह िमलने क प ा वयं स ा अकबर को पटना आना पड़ा।
उसने हाजीपुर क दुग पर आ मण िकया और िकलेदार फतह खान बरहा क साथ अ य अफगान को बुरी तरह
परािजत िकया। इस कार अकबर ने हाजीपुर क दुग पर अिधकार कर िलया।
अकबर ने अपने सेनापित शाहबाज खान को छोटानागपुर क राजा बैरीशाल क िखलाफ भेजा। शाहबाज खान
ारा बैरीशाल को परािजत िकया गया तथा उसे स ा अकबर क अधीनता वीकार करने पर मजबूर िकया
गया। 1579 ई. म राजा मानिसंह ने पलामू क चेरो रा य पर आ मण िकया, िजसने उ ह मुगल सा ा य क
अधीनता वीकार कर लगान देने क िलए मजबूर िकया। अकबर ने िमिथला क राजपूत नरश को भी 1574 ई. म
परािजत कर मैिथल ा ण महश ठाकर को उस े म राज व वसूलने का अिधकार िदया। मानिसंह ने 1587 से
1594 ई. क बीच इस े म मुगल स ा को सु ढता दान क । उसने िग ौर, खड़गपुर, भोजपुर आिद क
थानीय सरदार को परािजत िकया। रोहतास को उसने अपनी राजधानी बनाया। मानिसंह ने कछ समय क िलए
राजमहल को भी अपनी राजधानी बनाया और उसे अकबर नगर नाम िदया।
जहाँगीर ने 1621 ई. म राजकमार परवेज को िबहार का रा यपाल िनयु िकया। जहाँगीर क शासन काल म
खोखरादेश (छोटानागपुर) क े पर मुगल का अिधकार थािपत आ। वह छोटानागपुर क हीर क खान पर
अिधकार ा करने म सफल आ। जहाँगीर क आ मकथा ‘तुजुक जहाँगीरी’ म इस े से सोने क ा का
भी उ ेख ह। शाहजहाँ ने 1623-24 ई. म िबहार का े परवेज से छीन िलया तथा उसक िव ोह को कचल
िदया। इसक शासन काल म िबहार म शांित बनी रही। औरगजेब ने 1702 ई. म अपने पोते राजकमार अजीम को
िबहार का सूबेदार िनयु िकया। राजकमार अजीम ने पटना का नाम बदलकर अजीमाबाद रखा और उसने नगर
क स दय करण क िलए 1 करोड़ पए खच िकए। बंगाल का त कालीन दीवान मुिशद कली खान था। उसने
1704 ई. म बंगाल का वंत रा य थािपत िकया तथा मुगल स ा को कर देना बंद कर िदया। अजीम क पु
फ खिसयर का ज म पटना म ही आ था। उसने स ा जहाँदार शाह को परािजत कर मुगल िसंहासन पर
अिधकार थािपत िकया। फ खिसयर ने पटना म ही अपना औपचा रक रा यािभषेक कराया और आगरा क यु
म िवजयी होकर स ा बना। वह पहला मुगल स ा था, िजसका रा यािभषेक िबहार म आ।
औरगजेब ने 1702 ई. म अपने पोते राजकमार अजीम को िबहार का सूबेदार िनयु िकया। राजकमार
अजीम ने पटना का नाम बदलकर अजीमाबाद रखा और उसने नगर क स दय करण क िलए 1 करोड़
पए खच िकए।
फ खिसयर क उ रािधकारी शुजाउ ीन एवं सरफराज खान ने 1740 ई. तक शासन िकया। िबहार े क
शासन को सुचा प से चलाने क िलए एक नायब नािजम क पद का सृजन िकया गया तथा पहला नािजम
अलीवद खान बना। 1740 ई. म अलीवद खान ने सरफराज खान क ह या कर वयं को बंगाल का नवाब
घोिषत िकया तथा 1756 ई. तक शासन िकया। उसने िबहार म सुचा प से शासन चलाने क िलए जैनु ीन
हबत को िबहार का नायब नािजम िनयु िकया। अलीवद खान को ारभ से ही मराठ एवं अफगान क आ मण
का सामना करना पड़ा। 1743 ई. म पुनः पूना क मराठा पेशवा बालाजी राव ने िबहार पर आ मण िकया तथा वह
मुंगेर होता आ भागलपुर प चा। अफगान ने 1748 ई. म मु तफा खान क नेतृ व म हबत जंग क ह या कर दी।
अलीवद खान ने उसे पटना क यु म परािजत िकया। 1751 ई. म अलीवद खान ने मराठ को फतुहा क समीप
यु म परािजत िकया, लेिकन उड़ीसा क अिधकांश े म मराठ का अिधकार बना रहा। अलीवद खान क
मृ यु क प ा िसराजुदौला 1756 ई. म उसका उ रािधकारी बना।
मुगलकालीन िबहार क शासन यव था
मुगलकाल म िबहार क शासन यव था अनेक तर पर िवभािजत थी। ारभ क वष म मु य प से 1526 से
1540 ई. तक शासन क पुराने ढाँचे को ही लागू रखा गया। बाबर ने 1529 ई. म घाघरा यु म िबहार क
अफगान को परािजत िकया था। उसने कई बार िबहार का दौरा िकया, लेिकन यहाँ क शासिनक ढाँचे म कोई
प रवतन नह िकया। 1540 ई. म शेरशाह ने िबहार पर अपना अिधकार थािपत िकया और यहाँ एक नई
शासिनक यव था लागू क । उसने आधुिनक िबहार क उ री िह से को बंगाल से अलग पूण प दान िकया।
उसने अपने शासन को कई तर पर बाँटा, िजसका अनुसरण बाद म स ा अकबर ने भी िकया।
ब शी यु िवभाग का धान एवं फौजदार ांतीय सेना का सेनापित होता था। कोतवाल पुिलस िवभाग
का मुख होता था। मीरबहर का मु य काय बंदरगाह पर कर वसूलना, सीमा शु क वसूलना एवं
नौका पर लगे कर वसूलना था।
अकबर ने िबहार को सूबा या ांत क प म गिठत िकया और यह परपरा औरगजेब क शासन काल तक जारी
रही। ‘आईन-ए-अकबरी’ क अनुसार िबहार ांत (सूबा) सात सरकार (िजला) म बँटा आ था। ये सरकार थे—
ितर त, हाजीपुर, सारण, चंपारण, मुंगेर, िबहार तथा रोहतास। सरकार को 199 परगन म िवभािजत िकया गया था,
िजसम िमिथला मुख था। बेितया एवं हथुआ उ री िबहार क सरकार क अधीन थे। दि ण िबहार म मुंगेर, िबहार
तथा रोहतास मुख सरकार (िजला) थे। पटना एवं गया िबहार सरकार क अंतगत े थे। सरकार को जम दार क
अधीन रखा गया। औरगजेब क शासन काल म िबहार म सरकार क सं या 8 थी और परगन क सं या 245
थी। िबहार को मुगल ने काफ मह वपूण सूबे का दजा दान िकया था। यहाँ कतुबु ीन कोकल, सुलेमान
िशकोह, आजम, अजीमु शान, मानिसंह, सैफ खान, मीर जुमला एवं दाऊद खान को सूबेदार िनयु िकया गया
था। सूबेदार क सहायता क िलए दीवान को िनयु िकया गया था, जो सूबेदार को सूबे का शासन चलाने म
मदद करता था। दीवान का मु य काय राज व उगाही करना था। सदर धािमक िवभाग का धान होता था, जबिक
काजी यायाधीश होता था। ब शी यु िवभाग का धान एवं फौजदार ांतीय सेना का सेनापित होता था।
कोतवाल पुिलस िवभाग का मुख होता था। मीरबहर का मु य काय बंदरगाह पर कर वसूलना, सीमा शु क
वसूलना एवं नौका पर लगे कर वसूलना था। वकई नदी सूचना को जमा करनेवाला अिधकारी था।
सरकार (िजला) क तर पर शासन को सुचा प से संचािलत करने क िलए अनेक अिधकारी होते थे।
फौजदार सरकार का मुख शासिनक अिधकारी था एवं सूबेदार का मुख सहायक होता था। फौजदार को
राज व, पुिलस एवं सैिनक अिधकार ा थे। इसक तुलना वतमान म िजला मिज ट से क जा सकती ह।
अमलागुजार राज व उगाही करनेवाला अिधकारी होता था। येक सरकार म कौदी या कादी होता था, जो
धमशा का ाता होता था। कौदी क सहायता क िलए मुिऌ तय क िनयु क जाती थी। वह फौजदारी
मुकदम क सुनवाई भी करता था। इसक सहायता क िलए मीर आिदल होते थे। कोतवाल शहरी अिधकारी क प
म नगर म शांित यव था बनाए रखने का काय करता था।
येक सरकार क अंतगत अनेक परगने होते थे। अकबर क समय िबहार म परगन क सं या लगभग 200 तथा
औरगजेब क समय लगभग 246 थी। शासन क सबसे छोटी इकाई परगना था। परगने म िशकदार मुख
शासिनक अिधकारी होता था। राज व से संबंिधत शासन का दािय व आिमल क ऊपर होता था। कारकन का
काय परगने का लेखा-जोखा तैयार करना एवं राज व को सरकारी खजाने तक प चाना था। फोतदार थानीय रा य
कोष का अिधकारी था। चौधरी राज व वसूल करनेवाला अिधकारी था, जबिक कानूनगो राज व संबंधी द तावेज
को सुरि त रखता था।
शेरशाह ारा थािपत िन प एवं यायि य शासन यव था को मुगल शासक ने जारी रखा। वायसराय दाऊद
खान क एक अिधकारी जफर खान ारा कई थान , जैसे—खाजेकलाँ, सदरगली, भागलपुर, राजमहल आिद
थान , पर इस तरह क यायालय थािपत िकए गए।
मुगलकालीन िबहार सूबे का थानीय शासन काफ सु ढ था। परगन क नीचे कई गाँव आते थे। इन गाँव क
शासन म मुगल स ा क ारा कोई ह त ेप नह िकया जाता था। मुिखया गाँव का धान अिधकारी था। ामीण
तर पर सभी कार क िववाद का िनपटारा गाँव का मुिखया ही करता था। पंचायत यायालय का काय करती थी।
िबहार सूबे क आय मु यतः भूिम, राज व, यापार, टकसाल, तोहफ, एकािधकार, नमक, खान, जिजया,
जकात, ख स आिद से होती थी। इसक अित र बाजार कर से भी राज व क ा होती थी। भूिम को खालसा,
जागीर एवं सयुरगल म बाँटा गया था। उ ह राय या राजा क हाथ म बने रहने िदया गया। भूिम राज व क वसूली
िशकदार करता था। उसक मदद क िलए नवीिसंदा एवं मुक म होते थे। अकबर क शासन काल म टोडरमल ने
िबहार क भूिम क नाप क और भूिम राज व लगभग 25 लाख पए तय िकया। यापा रय पर लगाए जानेवाले
कर म मु य कर वुजुहत, जीहत, सैरजीहत आिद थे। फ आत जम दार ारा वसूला गया कर था। इसक
अित र इखराजात, अबाब, बुबात आिद मुख कर थे। वे यालय से भी कर वसूले जाते थे।
सैिनक शासन क ि से िबहार ांत म िवशेष यान िदया गया। सेना म पहलवान क थित मह वपूण थी।
इसम उ री िबहार क महशी और क ीय िबहार क ब सर क लोग मुख थे। सेना तीन कार क होती थी। थम
उ ािधका रय ारा गिठत सेना थी। उ ह मनसब क आधार पर बाँटा गया था। दूसरी ांतीय सेना थी, िजसम
जम दार क मुख भूिमका थी। सूबेदार को आव यकता पड़ने पर ांतीय सेना सहायता करती थी। सेना का तीसरा
तर थानीय तर पर गिठत घुड़सवार सैिनक था।
इस कार कहा जा सकता ह िक मुगल शासक ने िबहार सूबे म एक सु यव थत शासन णाली क थापना
क । उ ह ने अपने ांतीय अिधका रय को िनदश िदया िक िबना िकसी भेदभाव क वे जनता का क याण कर। िविध
यव था बनाए रखना और लोग क साथ याय करना उनक शासन क मु य िवशेषता थी। दीवानी एवं फौजदारी
मामल म अपरािधय को कठोर दंड देने क यव था थी।
म यकालीन िबहार क सामािजक थित
म यकाल म िबहार कई धािमक सं दाय और जाितय म िवभािजत था। िहदू समाज मु य प से चार वण एवं
अनेक जाितय , यथा— ा ण, ि य, वै य तथा शू म बँटा आ था। ा ण को सव थान ा था।
इसक बाद समाज म ि य का थान था। वै य पूव क भाँित आिथक एवं यापा रक गितिविधय म संल न थे।
शू क थित म कोई िवशेष प रवतन नह आ था। वे पहले क ही तरह किष उ पादन एवं शारी रक म से
जुड़ ए थे।
गया का िव णुपद मंिदर वै णव सं दाय का मह वपूण धािमक थल ह। कहा जाता ह िक चैत य को
गया म वै णव संत ई रपुरी क ारा वै णव धम म दीि त िकया गया।
म यकालीन िबहार म िवशेष प से ा, िव णु और महश ि मूित क प म पूजे जाते थे। िमिथला म श
क पूजा िवशेष प से क जाती थी। यहाँ क बड़ संत एवं उपासक म देवािद य मंडन िम , गंगेश उपा याय एवं
अ य तांि क क चचा िमलती ह। वै णव धम का िबहार क लोग क ऊपर लंबे समय से भाव रहा ह। गया का
िव णुपद मंिदर वै णव सं दाय का मह वपूण धािमक थल ह। कहा जाता ह िक चैत य को गया म वै णव संत
ई रपुरी क ारा वै णव धम म दीि त िकया गया। चैत य देव क वै णव अनुयायी बड़ी सं या म िबहार क थे।
उनक मुख िश य रघुपित उपा याय का ज म ितर त म आ था। चैत य क अ य िश य िव णुपुरी मैिथल ा ण
थे।
िबहार म शैव धम भी ब त लोकि य रहा ह। यहाँ शैव धम से संबंिधत मु य धािमक क वै नाथ धाम, वैकटपुर
(पटना), बोधगया मठ (गया), बािजदपुर (सम तीपुर) आिद ह। उ र िबहार म शैव धम क अनुयायी सवािधक
सं या म थे। सोनपुर का ह रहरनाथ मंिदर िव णु और िशव क संयु पूजा का िवशाल नमूना ह।
11व सदी म िबहार म मुगल मुसलमान क आगमन से यहाँ क सामािजक संरचना म अनेक प रवतन ए।
ारभ म िहदु ने इ लाम का भरपूर िवरोध िकया, लेिकन यह िवरोध धीर-धीर समझौते म बदल गया और अनेक
तर पर दोन धम का आदान- दान आ। फारसी और अरबी श द का योग यहाँ क लोग ने यायालय म
करना शु िकया। यह वृि 18व सदी तक बनी रही। िहदू और मुसलमान संत ने समान प से राम और क ण
क शंसा म भ पूण गीत गाए। म यकाल म िबहार सूफ संत का मह वपूण क रहा। सूिफय क दशन और
शंकराचाय क दशन म काफ समानता पाई गई।
म यकाल म िमिथला क सामािजक संरचना म कलीनवाद का उ व एक मह वपूण घटना थी। इसने समाज
को गितशील ि कोण दान करने क बजाय िढ़वादी एवं कठोर ि कोण दान िकया। िमिथला क समाज
को कलीनवाद क तज पर पुनगिठत करने का ेय वहाँ क राजा ह रिसंहदेव को िदया जाता ह, जो िमिथला क
कणाट वंश क अंितम शासक थे। िमिथला म बड़ पैमाने पर वंशावली तैयार कराई गई और पंजी यव था को
सं थागत प िदया गया। पंजी बंध क तहत र क पिव ता िववाह का आधार बनी और समाज म अपनी भुता
को बनाए रखने का साधन बनी। समाज एकजुट होने क बजाय कई वग म खंिडत हो गया। ा ण और ि य
म भी कई गो का ज म आ। योितरी र ने ‘वण र नाकर’ म राजपूत जाितय क एक सूची दान क , िजसम
परमार, चौहान, कछवाहा, चंदेल, गहलौल, गांदभ आिद जाितयाँ मुख ह। मिलक मुह मद जायसी ने भी 36
राजपूत जाितय क िवषय क जानकारी ली। िन न जाित क लोग ने भी राजनीितक स ा हािसल कर अपने को
ि य घोिषत िकया। एक बार शासक बन जाने क बाद इन लोग ने अपनी वंशाविलयाँ तैयार करवाकर और अपने
को चं और सूय से जोड़ा।
सती था का चलन समाज क ऊची जाितय म ही था। इस प ित को अकबर क समय म कानून
बनाकर िनिष कर िदया गया।
म यकाल म य क थित पूव क भाँित काफ दयनीय रही। ब िववाह और बालिववाह का चलन लगभग
सभी समाज म या था। माता-िपता क ारा अपनी पुि य को थोड़ से िस क िलए बेचा जाने लगा। िश ा
क थित काफ िचंताजनक रही। इस काल म वे या का मजाक उड़ाया जाने लगा। इस काल म औरत क
सती होने क भी सा य िमलते ह। कणाट राजा िशविसंहदेव एवं िमिथला क राजा भविसंह क प नय क ारा सती
होने का माण िमलता ह। सती था का चलन समाज क ऊची जाितय म ही था। इस प ित को अकबर क
समय म कानून बनाकर िनिष कर िदया गया।
म यकालीन िबहार म दास था का भी चलन था। मािलक या वामी जब चाहता, दास क खरीद-िब कर
सकता था। िव ापित क रचना म दास था क चलन का प माण िमलता ह। िव ापित क ‘क ितलता’ से
पता चलता ह िक 13व तथा 14व शता दय म िहदु क दशा बड़ी दयनीय थी।
इस कार कहा जा सकता ह िक म यकालीन िबहार क सामािजक दशा अ यंत ही दयनीय थी।
म यकालीन िबहार क आिथक थित
म यकालीन िबहार म लोग पूण प से किष पर आि त थे। किष ही अथ यव था क रीढ़ थी। म यकाल म
किष प ित संभवतः वतमान किष प ित जैसी ही थी। ाचीन ामीण यव था क सबसे बड़ी िवशेषता उपयोग
क सभी व तु का थानीय तर पर उ पादन होना था। खा फसल क प म कषक धान, दलहन, ितलहन,
जौ, बाजरा, ईख, कपास, गे , आिद फसल उपजाते थे। तंबाक तथा अफ म क खेती भी क जाती थी, िजसका
उपयोग औषिध एवं मादक य क प म िकया जाता था। इसक अित र इस काल म चीनी, तेल, सुगंिधत तेल,
इ आिद भी बनाए जाते थे और इनका िनयात भी िकया जाता था।
म यकाल क उ राध म जम दार , जागीरदार एवं िबचौिलय का एक नया वग उ प आ, िजसक कारण
कषक क थित अ यिधक जजर हो गई। सामंतवादी यव था म अिधक मा ा म लगान वसूलने का काय ारभ
आ, िजससे िकसान क साथ-साथ किष क गित पर भी बुरा असर पड़ा। सामंतवादी यव था ने िकसान का
अ यिधक शोषण िकया एवं उ ह भूिमहीन बना िदया।
म यकालीन िबहार म अनेक कार क उ ोग िवकिसत थे। इनम व उ ोग, रशम उ ोग, चीनी उ ोग, ग य
उ ोग, चम उ ोग, का एवं ह तिश प उ ोग अिधक मह वपूण थे। ितर त का े ग य उ ोग क िलए
िव यात था। िमिथला का े कपड़ा बाजार क प म िस था। इस काल क पु तक ‘वणर नाकर’ म तीस
तरह क कपड़ का उ ेख िमलता ह। य िप रशम क क ड़ बंगाल म पाए जाते थे, िकतु रशम व का िनमाण
िबहार म होता था। इसक अित र अनेक लघु एवं कटीर उ ोग भी म यकालीन िबहार म िवकिसत थे।
इस कार कहा जा सकता ह िक म यकालीन िबहार म भले ही कषक क थित ब त अ छी नह थी, लेिकन
अनेक कार क लघु एवं बड़ उ ोग िवकिसत थे। यापार एवं यवसाय किष काय क बाद मुख आिथक ि या-
कलाप थे।
िबहार म सूफ वाद
म यकालीन िबहार म सां कितक िवकास का म बना रहा और एक सम वत परपरा िवकिसत ई, िजसम
सूफ संत क देन मह वपूण रही। िबहार क आरिभक सूिफय म 12व शता दी म मनेर म बसनेवाले संत इमाम
ताज फक ह मुख थे। 13व शता दी म अनेक सूफ िसलिसले िबहार म सि य रह। इनम िच ती, कादरी,
सुहरावद , िफरदौसी, न शबंदी आिद मुख थे। िबहार म सबसे अिधक िच ती और सुहरावद सं दाय क सूफ
संत ने सम वत सं कित क िवकास म अपना योगदान िदया। इन सं दाय म सबसे अिधक लोकि य सं दाय
िफरदौसी रहा ह।
सूफ संत ने जीवन क यावहा रकता पर जोर िदया और सरलता एवं सादगी को मानव जीवन का सबसे महा
आभूषण बताया। उ ह ने िहदू धम क शंसा क और कहा िक भारत म इ लाम और िहदू धम क सम वय क
आधार पर ही स यक समाज क थापना क जा सकती ह। एक रवाद म उनक आ था थी और ई र को वे
अपने ेमी क प म देखते थे। घृणा एवं नफरत क थान पर उ ह ने आपस म ा एवं स मान को थािपत
करने पर बल िदया।
िबहार म िफरदौसी सं दाय क संत म सबसे मुख थान मखदूम शफ ीन यािहया मनेरी को ा ह। इनका
ज म 1263 ई. म आ था। इनक िपता का नाम मखदूम यािहया मनेरी था। आज भी इनक दरगाह मनेर म बड़ी
दरगाह क नाम से मौजूद ह। उ ह ने दुिनया क लोग क स ा को वीकार करने क बजाय ई र क स ा को
वीकार करने और उससे ेम करने पर बल िदया। इनक मृ यु
1381 ई. म ई। िबहार म िफरदौिसय ने िहदू-मु लम एकता पर बल िदया। उ ह ने धािमक प रवतन का समथन
नह िकया। िफर भी उनक िवचार से भािवत होकर िहदु ने इ लाम धम को वीकार िकया।
िबहार म िफरदौसी सं दाय क संत म सबसे मुख थान मखदूम शफ ीन यािहया मनेरी को ा ह।
इनका ज म 1263 ई. म आ था। इनक िपता का नाम मखदूम यािहया मनेरी था। आज भी इनक
दरगाह मनेर म बड़ी दरगाह क नाम से मौजूद ह।
मखदूम शफ ीन क िपता मखदूम यािहया मनेरी का मकबरा बारी दरगाह क नाम से जाना जाता ह। िफरदौसी
िसलिसले क अ य मुख संत अहमद िचरमपोश क दरगाह िबहारशरीफ क नजदीक अंबई म थत ह। वे
अ या मक गु शेख अलाउ ीन िचरमपोश (भागलपुर) क िश य थे।
िबहार क मुख सुहरावद िसलिसले क दो मुख उपशाखाएँ थ — थम िफरदौिसया एवं तीय स ा रया
िसलिसला। स ा रया सं दाय क शु आत अ दु ाह स ार ने िबहार म क । िबहार ांत म कादरी एवं न शबंदी
सं दाय का भी बड़ पैमाने पर चार- सार आ। सूफ िसलिसले का काद रया सं दाय िबहार म अपे ाकत बाद म
आया। अली शेर इस सं दाय क िबहार म पहले संत थे। उ ह औरगाबाद क कटबा म दफनाया गया था। कादरी
िसलिसले क सबसे िति त एवं भावी संत मखदूमशाह मुह मद मु ाम थे। उनका ज म िबहारशरीफ क िनकट
पचना गाँव म आ था। उ ह ने पटना िसटी क िमतन घाट मुह े म मीर तक म जद का िनमाण कराया।
न शबंदी सं दाय क मुख सूफ संत साहकाले का मकबरा पटना क प म दरवाजे म थत ह। औरगजेब
न शबंदी सं दाय क मुख संत िबहारशरीफ िनवासी मु ा मोहन का िश य था। िच ती सं दाय क मुख संत
शेख फतह एवं शेख बरहान िफरोजशाह तुगलक क शासन काल म िबहार आए।
इस कार िबहार म िविभ िसलिसले क सूफ संत ने धािमक सिह णुता, सामािजक स ाव, जनसेवा और
शांितपूण सह-अ त व का उपदेश िदया। धमाधता, भेदभाव, ऊच-नीच, घृणा आिद क उ ह ने िनंदा क ।
म यकालीन िबहार म िश ा
म यकालीन िबहार म परपरागत ढग से िश ा दान क जाती थी। टोला, पाठशाला एवं मंिदर म िहदु क
िश ा क आ करते थे। िश क अपने घर पर भी छा को पढ़ाते थे। िश क क ारा याकरण, धमशा ,
यायशा एवं योितषशा क िश ा दी जाती थी। िश ा का मा यम सं कत भाषा थी। सं कत क अलावा
पाली, ाकत, िहदी, बंगाली, उिड़या एवं उ र िबहार क े ीय भाषा को भी टोला म पढ़ाया जाता था। टोला क
ारा छा को िशि त िकया जाना यादा लोकि य था। मुसलमान को मकतब, मदरसा एवं खानकाह म िश ा
दान क जाती थी। उनक िश ा का िवषय मु य प से धािमक होता था। मकतब ायः ारिभक िश ा क क
होते थे। मदरसा आज क महािव ालय क समान था। िबहार म िबहारशरीफ, फलवारीशरीफ, शेरघाटी, भागलपुर
आिद म खानकाह क थापना क गई थी।
दरभंगा राज क सं थापक महश ठाकर क िश य रघुनंदन दास राय तकशा क महा िव ा थे।
अकबर ने उनक िव ा से भािवत होकर उ ह िमिथला का े भट म िदया था।
म यकालीन िबहार का एक मुख िश ा क िमिथला था। यहाँ िबहार क अलावा बाहर क छा को भी
सामा य िश ा क अलावा याय, तं आिद िवषय क भी िश ा दान क जाती थी। िमिथला क गणेश उपा याय
ने 13व सदी म ‘त विचंतामिण’ नामक पु तक क रचना क । िमिथला म यौत परी ा चिलत थी। इसका
चलन दरभंगा महाराज क ारा िकया गया था। इसक अंतगत राजपंिडत क ारा िशि त छा का सा ा कार
िलया जाता था और महाराजा क सम सािह य एवं अ य िवषय पर वाद-िववाद िकया जाता था। दरभंगा राज क
सं थापक महश ठाकर क िश य रघुनंदन दास राय तकशा क महा िव ा थे। अकबर ने उसक िव ा से
भािवत होकर उ ह िमिथला का े भट म िदया था।
शाहजहाँ क शासन काल म िबहार क िव ान का काफ स मान आ। ये िव ा फारसी, अरबी एवं सं कत
भाषा तथा याकरण क थे। पटना क भवदेव िमर, िज ह ने योग एवं वेदांत क ऊपर कई पु तक िलख , को
राजकमार दारा िशकोह ने स मािनत िकया। पटना, भागलपुर, िबहारशरीफ, मनेर आिद म यकालीन िबहार क मुख
शै िणक क थे। शेख कबीर ारा िलिखत ‘अफसाना-ए-शासन’ म एवं मुह मद सािदक एवं अ दुल लतीफ ने
अजीमाबाद (पटना) म ई बौ क एवं सां कितक गितिविधय क िवषय म िव तार से चचा क । राजा राममोहन
राय फारसी भाषा का अ ययन करने पटना आए थे। िस ईरानी या ी अहमद बहानी (1807 ई.) ने शैफ खान
क मदरसे (पटना) म मण िकया। िबहार क नायब नािजम राजा रामनारायण मौजू, जो िस शायर शेख अली
अजीन क िश य थे, ने फारसी भाषा म ‘दीवान’ क रचना क । दूसर मह वपूण य महाराजा क याण िसंह ने
मह वपूण ऐितहािसक पु तक ‘खुलासत-उत-तवारीख’ क रचना क । 19व सदी क ारभ म ांिसस बुकानन ने
पटना का दौरा िकया था। वहाबी आंदोलन क मुख य मौलवी अहमदु ाह ने पटना म इ लाह-अल-
मुसलमीन नाम से एक मदरसे क थापना क ।
म यकालीन िबहार क थाप यकला
म यकालीन िबहार थाप य कला क ि से मह वपूण माना जाता ह। इस काल म िहदू थाप य कला क
थान पर इ लामी थाप य कला का िवकास बड़ पैमाने पर आ। अरब, अफगान एवं िहदू शैली का िम ण ही
इ लामी थाप य कला थी। इ लामी वा तुकला क सबसे बड़ी िवशेषता मीनार, मेहराब, गुंबद का िनमाण आिद
मुख था। इ लाम धम म मूित िनमाण िनिष था, इस कारण म यकाल म मूितकला का िवकास नह हो सका।
म य काल म िबहार ायः िद ी स तनत, शक , लोदी, सूर एवं मुगल शासक क अधीन रहा। इसिलए िबहार
क वा तुकला पर इन राजवंश का भाव प प से ि गोचर होता ह। िद ी स तनत क शाही शैली का
सुंदर नमूना 1353 ई. म िनिमत िबहारशरीफ क मिलक इ ाहीम का मकबरा ह। इस शैली क अ य इमारत म
िबहारशरीफ क ही हजरत मुह मद िसब तानी का मकबरा, मिलक बयाँ का मकबरा तथा पटना म थत सांगी
म जद मुख ह। िबहार म 15व शता दी म वा तुकला क े म बंगाल शैली का भाव रहा। शक शासन क
अंतगत बंगाल शैली का िवकास अिधक आ। इस शैली क मुख इमारत मुंगेर थत शाह नफ का मकबरा ह।
सूर शैली या अफगान शैली का सव े नमूना सासाराम थत शेरशाह का मकबरा ह। 1545 ई. म िनिमत यह
मकबरा अ कोणीय मकबर क ंखला म अंितम माना जाता ह। यह मकबरा िहदू और मु लम थाप य क
स म ण का एक महा तथा सुंदर नमूना ह। पस ाउन एवं किनंघम ने शेरशाह क मकबर क भू र-भू र शंसा
क ह। शेरशाह ारा िबहार क रोहतास म िकले का िनमाण करवाया गया था। यह िकला कमूर पवत ेणी पर
डहरी से 40 िकलोमीटर दि ण म थत ह। रोहतासगढ़ िकले क अंदर गणेश मंिदर, हाथी दरवाजा, हिगंग हाउस,
हिथया पोल, आईना महल, ह श खान का मकबरा, जामी म जद, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम आिद थत
ह।
पूव मुगल कला शैली क अंतगत अकबर एवं जहाँगीर क शासन म बनी िबहार क इमारत आती ह।
अकबरकालीन बने दो थाप य क नमूने रोहतासगढ़ क इवास खान क म जद एवं साक सु तान का मकबरा
मुख ह। जहाँगीर क काल म बनी इमारत म मनेर थत मकदूम शाह दौलत का मकबरा मुख ह, िजसे छोटी
दरगाह भी कहा जाता ह। इसका िनमाण 1617 ई. म लाल प थर से आ। इस काल क एक अ य मह वपूण
संरचना फलवारीशरीफ क सांगी म जद ह। उ र मुगल कला शैली क अंतगत भागलपुर क नजदीक चंपानगर
म अव थत मकदूम साहब का मकबरा मुख ह। इस शैली क अ य संरचना म हाजीपुर क जामी म जद,
भागलपुर क मीर सािहब का टोला म जद, पटना क शेरशाह म जद, पटना क मदरसा घाट क मदरसा
म जद, मुन ौला का मकबरा इ यािद मुख ह।
िद ी स तनत क शाही शैली का सुंदर नमूना 1353 ई. म िनिमत िबहारशरीफ क मिलक इ ािहम का
मकबरा ह। इस शैली क अ य इमारत म िबहारशरीफ क ही हजरत मुह मद िसब तानी का मकबरा,
मिलकबयाँ का मकबरा तथा पटना म थत सांगी म जद मुख ह।
म यकालीन िबहार म कला मक िहदू मंिदर क िनमाण भी अनेक थल पर िकए गए। पटना क समीप वैकठपुर
का िशवमंिदर, िजसक िलए राजा मानिसंह ने आिथक सहायता दान क थी, अपने अलंकत गभगृह, दीवार पर
बने लघुिच इ यािद क िलए िस ह। रोहतासगढ़ म ह र ं मंिदर का िनमाण राजा मानिसंह ने ही करवाया था।
इस काल का एक मुख मंिदर गणेश मंिदर भी ह।
यूरोपीय यापा रय क आगमन से यूरोपीय थाप य शैली का भाव भी िबहार पर पड़ा। हॉलड शैली से भािवत
पटना समाहरणालय एवं पटना कॉलेज क भवन ह। राजभवन, मु य सिचवालय, उ यायालय आिद क इमारत
पर यूरोपीय शैली का भाव प देखा जा सकता ह।
ितिथ मावली
पूव म यकाल
750-1175 ई.—पाल वंश का शासन काल।
750-770 ई.—पाल वंश क सं थापक, गोपाल का शासन काल, ओदंतपुरी िवहार क थापना।
770-810 ई.—धमपाल का शासन काल, िव मिशला िवहार क थापना।
810-855 ई.—देवपाल का शासन काल, पालकालीन सां कितक गित का काल।
858-912 ई.—नारायणपाल का शासन काल।
912-936 ई.—राजपाल का शासन काल।
1095-1197 ई.—सेनवंश का िबहार म शासन काल, बौ धम का सकाल।
1097-1098 ई.—िमिथला एवं ितर त े म कणाट वंश का अ युदय।
1180 ई.—इमाम ताज फक ह का मनेर म आगमन।
म यकाल
1197-98 ई.—ब तयार िखलजी ारा िबहार म तुक स ा क थापना अंितम पाल शासक इ धनुपाल परािजत।
1203-04 ई.—ब तयार िखलजी ारा ल मणवटी (लखनौती) पर अिधकार, ल मण सेन परािजत, बंगाल म तुक
स ा का िव तार, ब तयार िखलजी का काम प अिभयान।
1290-1381 ई.—िबहार क सु िस सूफ संत मखदूम शफ ीन मनेरी का जीवनकाल।
1324-25 ई.—गयासु ीन तुगलक का उ र िबहार म अिभयान, कणाट वंश का अंत, िबहार का तुगलक सा ा य
म िवलय, िबहारशरीफ म ांतीय राजधानी क थापना।
1359-60 ई.—िफरोजशाह का जाजनगर (उड़ीसा) अिभयान, दि ण िबहार (झारखंड) म तुक क सैिनक
कारवाई।
1504 ई.—िसकदर लोदी का िबहार म आगमन।
1528-1532 ई.—िबहार म नूहानी अफगान का उ कष।
1529 ई.—घाघरा क लड़ाई म बाबर ारा नूहानी सरदार परािजत।
1532 ई.—देवरा (दौरा) क लड़ाई म मायूँ ारा नूहानी सरदार परािजत।
1536 ई.—सूरजगढ़ा क लड़ाई म शेर खाँ (शाह) ारा बंगाल का सु तान परािजत।
1539 ई.—चौसा क लड़ाई म शेरशाह ारा मायूँ परािजत, अफगान क पुन थान आरभ।
1540 ई.—िबल ाम (क ौज) क लड़ाई म शेरशाह ारा मायूँ पुनः परािजत, शेरशाह का िद ी पर अिधकार,
सूर वंश क थापना।
1540-55 ई.—सूर वंश का शासन काल।
1540-45 ई.—शेरशाह का शासन काल।
1541 ई.—शेरशाह ारा पटना का पुनिनमाण और ांतीय राजधानी क प म िवकास।
1545 ई.—सहसाराम म शेरशाह क मकबर का िनमाण।
1556-1576 ई.—िबहार म करारानी अफगान का शासन।
1574-76 ई.—िबहार पर अकबर का आ मण, दाऊद करारानी क हार, िबहार पर मुगल का शासन आरभ।
1580 ई.—मुगल सा ा य क अधीन िबहार सूबे का गठन।
1585-1587 ई.—अं ेज या ी र फ िफच ईरानी या ी मु ता तक या का िबहार म मण।
1608 ई.—ईरानी या ी अ दुल लतीफ क िबहार या ा।
1616 ई.—मनेर म शाह दौलत क मकबर का िनमाण।
1619 ई.—ईरानी या ी मुह मद सािदक का िबहार म आगमन।
1621 ई.—राजकमार परवेज क िबहार क सूबेदार पद पर िनयु ।
1623 ई.—शाहजहाँ का िव ोह, िबहार पर अिधकार का यास।
1651 ई.—पटना म अं ेज क फ टरी ( यापा रक क ) क थापना।
1666 ई.—पटना म गु गोिवंद िसंहजी का ज म।
1665-66 ई.— ांसीसी या ी क िबहार या ा टवैिनयर।
1670-71 ई.—अं ेज या ी जॉन माशल क िबहार या ा।
1702 ई.—राजकमार अजीम िबहार का सूबेदार िनयु , पटना का नाम ‘अजीमाबाद’ पड़ा।
1713 ई.—मुगल स ा फ खिसयर का पटना म रा यािभषेक।
1733 ई.—बंगाल क नवाब का िबहार पर पूण िनयं ण थािपत।
1734-40 ई.—अलीवद खाँ िबहार म नायब नवाब पद पर कायरत।
1740-48 ई.—हबत जंग िबहार म नायब नवाब पद पर कायरत।
1748 ई.—िबहार म हला अफगान का िव ोह, हबत जंग क ह या।
1751 ई.—िबहार पर मराठ का आ मण।
1757 ई.— लासी क लड़ाई म अं ेज क िवजय, िसराजू ौला का वध, मीरजाफर बंगाल का नवाब, राजा
रामनारायण िसंह िबहार म नायब नािजम िनयु ।
1759-1760 ई.—राजकमार अली गौहर का अं ेज क िव असफल अिभयान, तदोपरा त अं ेज क संर ण
म पटना म उसका (शाह आलम-II) रा यािभषेक।
1764 ई.—ब सर क लड़ाई म अं ेज क िवजय।
1765 ई.—शाह आलम-II ारा इगिलश ई ट इिडया कपनी को िबहार, बंगाल एवं उड़ीसा क दीवानी दान,
लगान-वसूली पर ई ट इिडया कपनी का एकािधकार।
1769 ई.—िबहार म शासन क िलए अं ेज िनरी क क िनयु ।
1770 ई.—िबहार प रष (Council) का गठन, ि िटश शासन का िवकास, नोिनया समुदाय क िवरोध का
दमन, िबहार और बंगाल म भीषण अकाल।
1774 ई.—रगुलेिटग ऐ ट क ावधान क अनुसार िबहार म Provincial Committee का गठन।
1781 ई.—पटना और िनकटवत े म जम दार क िव ोह, थम संथाल िव ोह।
1786 ई.—पटना म जॉन आग टस ारा गोलघर का िनमाण।
1789-94—तमाड़ िव ोह।
1793 ई.—िबहार म थायी बंदोब त लागू।
1809-10 ई.—ईरानी या ी बहबहानी का िबहार म मण।
1821 ई.—िबहार म वहाबी आंदोलन का ारभ।
1831-32 ई.—कोल िव ोह।
1832-33 ई.—भूिमज िव ोह।
1855-56 ई.—संथाल िव ोह।
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4. आधुिनक काल
(Modern Period)
यूरोपीय कपिनय का आगमन
अं ेजी शासन क थापना
अं ेजी शासन क िव जन आंदोलन
यूरोपीय कपिनय का आगमन
िबहार म यूरोपीय यापारी कपिनय का आगमन 17व सदी म ारभ आ। उस समय िबहार अंतरा ीय यापार
का एक मह वपूण क था। िबहार क े म सव थम पुतगाली आए, िज ह ने अपना यापा रक क गली म
थािपत िकया था। वे गली से ही नाव क मा यम से पटना आया करते थे। वे अपने साथ मसाले, चीनीिम ी क
बरतन आिद लाते थे और वापसी म सूती व एवं अ य कार क व ले जाते थे।
17व शता दी क म य तक डच ने िबहार क कई थान पर शोर का गोदाम थािपत िकया था। सव थम डच
ने पटना कॉलेज क उ री इमारत म 1632 ई. म डच फ टरी क थापना क । इनक अिभ िच सूती व , चीनी,
शोरा, अफ म आिद से संबंिधत यापार म थी। 1662 ई. म बंगाल म डच मामल क धान निथयास वैगडन ब क
ने मुगल स ा औरगजेब से यापार से संबंिधत एक फरमान बंगाल, िबहार और उड़ीसा क िलए ा िकया था।
डच या ी वरिन 21 िदसंबर, 1665 को पटना प चा। उसक बाद उसने छपरा से या ा क । छपरा म उस समय
शोर का शु ीकरण िकया जाता था। शोर पर अिधकार क िलए ांसीसी, ई ट इिडया कपनी एवं डच कपिनय क
बीच हमेशा तनाव उ प होते रहते थे। 1848 ई. म िव ोही अफगान सरदार शमशेर खान ने पटना पर आ मण
िकया तथा फतुहा थत डच फ टरी को लूटा। लासी क यु म अं ेज क सफलता ने डच क थित को और
दयनीय बना िदया। 1758 ई. म अं ेजी ई ट इिडया कपनी ने िबहार म शोर क यापार पर एकािधकार ा कर
िलया। नवंबर, 1759 म वेदरा क िनणायक यु म डच अं ेज क हाथ परािजत ए और उनका अ त व लगभग
समा हो गया। वे िकसी तरह से अपने िचनकसा कािसम बाजार एवं पटना क माल गोदाम को सुरि त रखने म
सफल हो पाए।
सव थम डच ने पटना कॉलेज क उ री इमारत म 1632 ई. म डच फ टरी क थापना क । इनक
अिभ िच सूती व , चीनी, शोरा, अफ म आिद से संबंिधत यापार म थी।
1780-81 ई. क बीच यूरोप म ि टन एवं हॉलड क बीच यु िछड़ जाने क कारण िबहार म भी दोन कपिनय
क बीच संबंध तनावपूण हो गए। 10 जुलाई, 1781 को पटना िमिलिशया क कमांिडग ऑिफसर मेजर हाड ने
पटना डच मालगोदाम को ज त कर िलया। छपरा एवं िसंिधया क डच फ ट रय को भी अपने क जे म ले िलया
गया। 5 अग त, 1781 को पैि क िह ले ने डच फ टरी क कमान मै सवेल से हण क । 8 अ ूबर, 1784 को
डच कपनी को गोदाम िफर से वापस दे िदया गया। पुनः 1795 ई. म को-डच यु क कारण भारत म डच
िठकान को अं ेजी सरकार क अधीन कर िदया गया, लेिकन 1817 ई. म डच माल गोदाम को पुनः वापस कर
िदया गया। अंततः 1824-25 ई. म डच यापा रक क को अंितम प से अं ेजी ई ट इिडया कपनी म स मिलत
कर िलया गया।
िबहार म ांसीसी कपिनय का आगमन
अं ेज ने माच, 1757 म चं नगर पर क जा कर िलया। कािसम बाजार म ांसीसी कपनी क मुख एम.
ज यालॉ को बंगाल छोड़ने पर िववश होना पड़ा। ज यालॉ 2 मई, 1757 को भागलपुर प चा और 3 जून
को पटना आया।
भारत म ांसीसी ई ट इिडया कपनी क थापना कोइस मािटन क नेतृ व म 1664 ई. म क गई। मािटन ने
1674 ई. म पांिडचेरी क थापना क तथा शी ही उसने माही, कराइकल एवं दूसरी जगह पर ांसीसी यापा रक
क क थापना क । कछ वष क उपरांत ांसीिसय ने बंगाल म वेश िकया एवं चं नगर क थापना क ।
इसक त काल बाद 1734 ई. म उ ह ने पटना म माल गोदाम क थापना क । ांसीसी कपनी क मु य िदलच पी
िबहार म शोरा ा करना था। अपने भु व एवं यापार क उ े य से अं ेजी ई ट इिडया कपनी एवं ांसीसी
ई ट इिडया कपनी क बीच तनाव क थित बनी रहती थी। अं ेज ने माच, 1757 म चं नगर पर क जा कर
िलया। कािसम बाजार म ांसीसी कपनी क मुख एम. ज यालॉ को बंगाल छोड़ने पर िववश होना पड़ा। ज यालॉ
2 मई, 1757 को भागलपुर प चा और 3 जून को पटना आया। पटना म िबहार क िड टी गवनर राजा राम नारायण
ने उसका वागत िकया तथा बैरक क िनमाण क िलए जगह दान क । लासी क यु म िवजयी होने क बाद
अं ेज ई ट इिडया कपनी क त कालीन िबहार क जनरल आयरकट ने ज यालॉ को पटना से िन कािसत कर
ांसीसी माल गोदाम पर क जा कर िलया। 1761 ई. म पांिडचेरी भी ांसीिसय क हाथ से िनकल गया। 1763
ई. म ड रफ क संिध क तहत ांसीसी कपनी को अपने खोए ए े वापस िमले। 1793 ई. म लॉड कानवािलस
क समय भारत म ांसीिसय क यापा रक गितिविध िसमटकर पांिडचेरी तक रह गई। धीर-धीर 1814 ई. तक
िबहार एवं भारत से ांसीसी गितिविधयाँ लु ाय हो गई।
िबहार म डिनस कपनी का आगमन
भारत म आनेवाली यूरोपीय कपिनय म डनमाक का नाम सबसे अंत म िलया जाता ह। ायः 1774-75 ई. म
पटना म डनमाक क कपनी क फ टरी क थापना ई। मई, 1775 म पटना क डिनस फ टरी क मुख जॉज
वनर ने िबहार म यापार क िलए ई ट इिडया कपनी क गवनर जनरल एवं उनक प रष से फरमान क माँग क ।
डिनस कपनी भी मु य प से शोर का यापार करती थी।
1801 ई. म ेट ि टन एवं डनमाक क बीच यु आरभ आ, िजसक प रणाम व प भारत म भी दोन
कपिनय क बीच तनाव उ प ए। पटना क डिनस फ टरी एवं सेरामपुर क कोठी को अं ेज ने ज त कर
िलया। 1802 ई. म आिमयाँ क संिध ई और भारत म डनमाक क वािम व वाले े को वापस कर िदया गया।
1845 ई. तक िबहार क सार डिनस माल गोदाम एवं िठकाने अं ेज क अधीन हो गए।
अं ेजी ई ट इिडया कपनी का आगमन
िबहार म अं ेजी ई ट इिडया कपनी क थायी माल गोदाम क थापना को लेकर िव ान म मतभेद ह।
अिधकतर इितहासकार का मानना ह िक ई ट इिडया कपनी क थायी माल गोदाम क थापना 1691 ई. म पटना
क गुलजार बाग म क गई थी। कपनी क िच अमवत किलको व एवं क े रशम से संबंिधत यापार म थी।
इसक अित र वे शोरा तथा अफ म को भी यापार का अिभ अंग मानते थे। पटना क समीप लखबार म
किलको व बड़ पैमाने पर तैयार िकए जाते थे।
1664 ई. म जॉब चारनाक को पटना क अं ेजी फ टरी का मुख िनयु िकया गया, जो 1680-81 तक इस
पद पर बना रहा। िबहार क सूबेदार साइ ता खान ारा 1680 ई. म अं ेज क कपनी क यापार पर 3.5 ितशत
कर लगा िदए जाने क कारण जॉब चारनाक ने 1686 ई. म गली शहर को लूट िलया। प रणाम व प साइ ता
खान ने बंगाल एवं िबहार म अं ेज क सम त संपि को ज त करने का आदेश िदया, लेिकन 1690 ई. म एक
समझौते क तहत अं ेज को पुनः यापार करने क वतं ता दान क । मुगल बादशाह औरगजेब क मृ यु क
साथ ही अं ेज क यापा रक गितिविधय म कावट आई। फ खिसयर क शासन काल म 1713 ई. म पटना
फ टरी को बंद कर िदया गया, लेिकन उसने पुनः 1717 ई. म अं ेज को िबहार एवं बंगाल म यापार करने क
वतं ता दान कर दी। अतः पटना फ टरी को अंगे्रज ने 1718 ई. म पुनः खोल िदया। नवाब अलीवद खान क
दबाव क कारण पटना फ टरी 1750 ई. म पुनः बंद कर दी गई, लेिकन हॉलवेल ने यास करक 1755 ई. म
पटना फ टरी को पुनः शु कर िदया। 1757 ई. म लासी यु एवं 1764 ई. क ब सर यु क फल व प
िबहार ि िटश आिधप य म पूण प से आ गया। ब सर यु क प ा लॉड ाइव तथा मुगल स ा शाह
आलम तीय क बीच 12 अग त, 1765 को इलाहाबाद म एक संिध ई, िजसक ारा कपनी को िबहार,
बंगाल एवं उड़ीसा क दीवानी ा ई।
अं ेजी शासन क थापना
ारभ से ही िबहार यापा रक गितिविधय का क रहा ह। म यकाल म भी िबहार यापार का मुख क था।
यहाँ एडवड टरी, रा फ िफ ज, पीटर मुंडी, वर आिद यापा रय ने िबहार का दौरा कर यापा रक गितिविधय
का िव तृत वणन िकया। बंगाल क नवाब मुिशद कली खान एवं अलीवद खान क शासन काल म िवदेशी
यापा रक कपिनय ने मु य प से िबहार म यापा रक गितिविधय म अपने आपको लगाए रखा और उनक
राजनीितक मह वाकां ाएँ दबी रह । 16 अ ूबर, 1756 को मिनहारी क यु म िसराजु ौला ारा शौकतजंग
परािजत आ। िसराजु ौला को अंगे्रज क ओर से यु का खतरा था। अं ेजी ई ट इिडया कपनी क
अिधका रय ने कलक ा म फोट िविलयम क िकलेबंदी ारभ क । इससे िसराजु ौला और अं ेज क बीच तनाव
उ प हो गया, िजसक प रणाम व प 23 जून, 1757 को लासी का यु आ, िजसम अं ेज िवजयी ए।
उ ह ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाया तथा उसक पु मीरन को बंगाल का उप-नवाब बनाया गया,
लेिकन िबहार क वा तिवक स ा राजा रामनारायण क हाथ म आ गई। 1760 ई. म मीर कािसम अं ेज क
सहायता से बंगाल का नवाब बना, लेिकन अं ेज से उसका संबंध अिधक िदन तक मधुर नह रह सका। मीर
कािसम ने 1761 ई. म अपनी राजधानी मुिशदाबाद से हटाकर मुंगेर थानांत रत कर ली। मुंगेर क र ा क िलए
उसने दुग का िनमाण िकया। िबहार क नवाब दीवान रामनारायण से भी उसक संबंध अ छ नह थे। उसे
अनुशासनहीनता क आरोप म मीर कािसम ने बंदी बनाना चाहा, लेिकन रामनारायण अं ेज से जा िमला। मीर
कािसम ने कपनी क गवनर विसटाट को प िलखकर, उसे लौटाने क माँग क । विसटाट ने रामनारायण को उसक
हवाले कर िदया और उसने रामनारायण क ह या करवा दी।
मीर कािसम ने 1761 ई. म अपनी राजधानी मुिशदाबाद से हटाकर मुंगेर थानांत रत कर ली। मुंगेर क
र ा क िलए उसने दुग का िनमाण िकया।
मीर कािसम ने कपनी क कमचा रय ारा ‘द क’ क दु पयोग पर रोक लगा दी, िजससे अं ेजी ई ट इिडया
कपनी मीर कािसम से हो गई। मीर कािसम ने अं ेज क समथक सेठ हीराचंद एवं उसक भाई व पचंद को
मुंगेर म नजरबंद कर िदया। पटना क अं ेज एजट एिलस को नगर पर आ मण करने का आदेश िदया गया।
एिलस ने 24 जून, 1763 को पटना पर अिधकार कर लूटपाट क एवं अनेक िनद ष लोग क ह या करवा दी।
िववश होकर मीर कािसम ने अं ेज एजट एिलस क िव सैिनक कारवाई ारभ क । एिलस को बंदी बनाकर
मुंगेर ले आया। पटना म मीर कािसम ने अं ेज अिधका रय का क लेआम िकया और यह घटना ‘पटना ह याकांड’
क नाम से िस ई। इस ह याकांड क उपरांत मीर कािसम और अं ेज क बीच यु अव यंभावी हो गया। 2
िसतंबर, 1763 को िबहार क राजमहल क उदवानाला क यु म मीर कािसम अं ेज क हाथ परािजत आ। मीर
कािसम अं ेज क हाथ नह आया और 4 िदसंबर, 1763 को कमनाशा नदी पार कर अवध रा य क सीमा म
वेश कर गया।
ब सर क पराजय ने जहाँ मीर कािसम क भा य का सूया त कर िदया, वह िबहार पर अं ेज का
पूण प से अिधकार हो गया। मुगल स ा ने त काल प र थित को यान म रखकर 1765 म िबहार,
बंगाल और उड़ीसा क दीवानी अंगे्रज को दान कर दी।
अं ेज ने मीरजाफर को पुनः बंगाल का नवाब घोिषत िकया। अं ेज ने पटना क कनलगंज और मा फगंज
क मंिडय पर अिधकार कर िलया। पूिणया क लकड़मंडी पर भी अं ेज ने अिधकार कर िलया और नवाब को
वहाँ से होनेवाली 50 हजार पए वािषक आय से वंिचत कर िदया। पटना क पराजय क बाद मीर कािसम अवध
क नवाब ब शुजाउ ौला एवं मुगल स ा शाह आलम तीय क साथ िमलकर अं ेज क िखलाफ यु क
तैयारी करने लगा। मीर कािसम ने अवध क नवाब ब शुजाउ ौला एवं मुगल स ा शाह आलम तीय क
संयु सेना क साथ पटना क ओर थान िकया। अं ेजी सेना का धान कानक घबरा गया। कलक ा
काउिसल ने ह टर मुनरो को सेनापित िनयु िकया। मुनरो जुलाई, 1764 म पटना प चा तथा रोहतास क
िकलेदार सा मल को लोभन देकर अपने प म कर िलया। मुनरो सोन नदी पार कर ब सर प चा, जहाँ 22
अ ूबर, 1764 को भारत क तीन मुख ताकत क साथ उसका यु आ, िजसका प रणाम अं ेज क प म
रहा। ब सर क पराजय ने जहाँ मीर कािसम क भा य का सूया त कर िदया, वह िबहार पर अं ेज का पूण प
से अिधकार हो गया। मुगल स ा ने त काल प र थित को यान म रखकर 1765 म िबहार, बंगाल और
उड़ीसा क दीवानी अंगे्रज को दान कर दी।
अं ेजी शासन क िव जन आंदोलन
जब कपनी ने स 1767 म इस े म पदापण िकया, तभी यहाँ असंतोष या हो गया था। जनजातीय शैली
वैसे भी किठन थी और िफर ऊपर से ाकितक अकाल एवं आपदा ने इनक सामने बड़ भीषण संकट पैदा कर
िदए। आिथक किठनाइय और अ क अभाव ने इन जनजाितय को तोड़कर रख िदया। उस पर भी मुगल , मराठ
एवं थानीय जमीदार ने इनका दमन व शोषण करक इ ह िव ोही बना िदया।
शासक य तर पर जनजातीय लोग क िहत एवं अिधकार का हनन तथा दमन िकया जा रहा था। इसक साथ
इन लोग को अपनी स यता एवं सं कित पर भी खतरा मँडराता िदखाई दे रहा था। इस कार क सभी कारण ने
जनजातीय िव ोह को ज म िदया।
इन जनजातीय लोग को अपनी सं कित, अिधकार एवं वतं ता म िकसी का भी ह त ेप पसंद नह था। अं ेज
क साथ आई उनक दु ह सं कित ही भारतीय को पसंद नह थी, तो िफर जनजातीय लोग इसे कसे सहन करते!
अं ेज क आने से जनजातीय लोग को अपनी पहचान व वतं ता खतर म पड़ती िदखाई देने लगी थी। 17व
शता दी क अंत म जनजातीय िव ोह शु हो गए थे, जबिक अं ेज यहाँ कवल दो दशक पहले ही आए थे। इन
जनजातीय िव ोह म अं ेज क प पातपूण नीित का भी हाथ था। अं ेज िकसी एक क िहतैषी बनकर अ य
सबको शोषण क भ ी म झ क देते थे। राजा, जम दार, अिधकारी सभी जनजातीय जा क िलए यमदूत िस हो
गए थे। इन िव ोह क पीछ इन लोग का वािभमान प झलकता था। अं ेजी शासन म कल 13 जनजातीय
िव ोह ए, िजनम से मु य िव ोह का वणन इस कार ह—
तमाड़ िव ोह
स 1771 म अं ेज ने छोटानागपुर पर अपना अिधकार जमा िलया था और यहाँ क राजा एवं जम दार को
कपनी का संर ण िमल चुका था, िजससे इन लोग को जा क शोषण क छट िमल गई थी। जम दार ने िकसान
क जमीन हड़पनी शु कर दी थ । इस शोषण नीित ने उराँव जनजाित क लोग म िव ोह क आग भड़का दी। इस
जनजाित ने स 1789 म अपने िव ोही तेवर िदखाने शु कर िदए और जम दार पर टट पड़ी। स 1794 तक इन
िव ोिहय ने जम दार को इतना भयभीत कर िदया िक उ ह ने अं ेज सरकार से अपनी र ा करने क गुहार लगाई।
अं ेज ने प र थित को भाँपा और पूरी श से िव ोह को कचल िदया। इससे कई यव था का सू पात
आ और कछ समय तक शांित बनी रही। जब दुबारा इनक जमीन को हड़पा जाने लगा तो यह िव ोह यापक हो
गया।
चेरो िव ोह
यह आंदोलन स 1800 म चेरो िकसान ने अपने राजा क िव शु िकया। यह िव ोह तब अं ेज क
प पातपूण नीित क िवरोध म आ, जब कपनी ने कटनीित से जयनाथ िसंह को अपद थ कर िदया और उसक
थान पर गोपाल राय को राजा बना िदया। कछ समय बाद गोपाल राय कछ िव ोही चेरो सरदार क साथ िमल
गया, िजससे अं ेज हो गए। अं ेज ने गोपाल राय को बंदी बनाकर पटना जेल म डाल िदया। इसक बाद
अं ेज ने चूड़ामन को वहाँ का राजा बना िदया। चूड़ामन राय कोई भी काय अं ेज क सलाह से ही करता था और
इससे जनजातीय िहत भािवत होते थे। इससे लोग म असंतोष या हो गया और चेरो सरदार भूषण िसंह क
नेतृ व म खुला िव ोह शु हो गया। चूड़ामन राय ने अं ेज से मदद क गुहार लगाई और इस िव ोही दल पर टट
पड़ा। कनल ज स ने इस िव ोह को कचलने क हरसंभव यास िकए, लेिकन उसे अपेि त सफलता नह िमली।
दो वष तक चेरो िव ोही अं ेज और चूड़ामन राय को छकाते रह। अंततः भूषण िसंह को िगर तार कर िलया गया।
स 1802 म इस िव ोही चेरो नेता को फाँसी दे दी गई और इसक बाद यह िव ोह भी धीर-धीर समा हो गया।
‘हो’ िव ोह
यह िव ोह स 1821-22 छोटानागपुर क ‘हो’ लोग ने िसंहभूम क राजा जग ाथ िसंह क िव िकया।
जग ाथ िसंह क ित ‘हो’ लोग तट थ थे और इनका िकसी से भी कोई झगड़ा नह था। नागवंश क राजा ने इन
पर एक-दो बार आ मण िकया था, लेिकन िसंहभूम क राजा क साथ इनक मै ीपूण संबंध थे। जब बाद म
िसंहभूम क राजा ने अं ेज क अधीनता वीकार कर ली और अं ेज क नीित क फल व प अपने ही ‘हो’ िम
क साथ वह दु यवहार करने लगा तो ‘हो’ लोग भडक उठ। मेजर रफसेज ने भी इन लोग को अपने कई वाथ म
योग िकया और इ ह झूठ आ ासन देकर बेवकफ भी बनाया।
‘हो’ लोग ने एकि त होकर इस सेना को तहस-नहस कर िदया। इससे रफसेज घबरा गया, इसिलए
उसने अपनी सेना को गुिटयालोर गाँव भेज िदया, जहाँ ‘हो’ लोग क सं या अिधक थी।
‘हो’ लोग ज दी ही समझ गए थे िक उ ह मूख बनाकर उनक भोलेपन का लाभ उठाया जा रहा ह। जब उ ह ने
इसका िवरोध िकया तो रफसेज समझ गया िक वे लोग िव ोही होते जा रह ह। उनक िव ोह क झलक चाईबासा म
एक वापसी दल को लूटने और कछ लोग क जान लेने से िमली। रफसेज ने तुरत एक सेना क टकड़ी ‘हो’ लोग
क िव भेजी। ‘हो’ लोग ने एकि त होकर इस सेना को तहस-नहस कर िदया। इससे रफसेज घबरा गया,
इसिलए उसने अपनी सेना को गुिटयालोर गाँव भेज िदया, जहाँ ‘हो’ लोग क सं या अिधक थी। अं ेज ने गाँव म
आग लगाने क साथ-साथ वहाँ ब त तबाही मचाई। ‘हो’ लड़ाक ने भी हिथयार नह डाले और वे जी-जान से
लड़ते रह। रफसेज को हालात िचंताजनक लगने लगे, अतः उसने और सैिनक बुला िलये। एक महीने तक लगातार
संघष करने क बाद ‘हो’ िव ोिहय को आ मसमपण करना पड़ा। इस कार कछ शत और कर क साथ अंततः
शांित थािपत हो सक ।
कोल िव ोह
यह यापक िव ोह छोटानागपुर, पलामू, िसंहभूम और मानभूम क कई जनजाितय का संयु िव ोह था, जो
अं ेज क बढ़ते ह त ेप क शोषण क िखलाफ उपजा था। अं ेज समिथत जम दार इन वग , िवशेषकर कषक ,
का ऐसा खून चूस रह थे िक इ ह भोजन क िलए भी तरसना पड़ रहा था। िकतने ही अवांिछत कर और जबरन
वसूली ने इन लोग को खून क आँसू ला िदए थे। किष और िशकार पर आि त इन लोग से मनमाना कर वसूलने
क िलए इन पर तरह-तरह क अ याचार िकए जाते तथा कर चुकाने क असमथता म इनक जमीन ‘दीक ’
(बाहरी लोग) को दे दी जाती थी। जम दार इनसे बेगार कराते थे। वे वयं पालक म चलते और कहार का काय
आिदवासी लोग करते थे। इनक पशु क देखभाल भी आिदवासी ही करते थे।
कथबट ने कहा ह, ‘‘इन जम दार ने िकसान पर इतने अ याचार िकए िक गाँव-क-गाँव उजड़ गए। इस सामंती
यव था म जम दार शायद ही िकसान क िहत क कोई बात सोचता हो और शासिनक वग अलग से इनका खून
चूस रहा था। फलतः आबादी का स हो रहा था और लोग बस िकसी कार अपना जीवन-यापन कर रह थे।’’
‘कोल िव ोह’ झारखंड क इितहास म मह वपूण थान रखता ह, य िक इसक अनेक दूरगामी प रणाम
ए। इसी िव ोह ने शासिनक यव था क सुधार क न व रखी।
इसी संबंध म ड यू.ड यू. लेट ने कहा ह, ‘‘राजा क शासन यव था घोर िनराशावादी और इन दबे वग क
ित शोचनीय थी। िकसान क जमीन इनसे जबरन छीनी जा रही थी और बाहरी लोग को दी जा रही थी। इनक
िशकायत पर िकसी शासक या शासक का रवैया सहानुभूितपूण भी नह था। इस लूट, दंड और उ पीड़न ने िकतनी
ही जान ले ली थ ।’’
इनक अित र भी कछ ऐसे नैितक कारण थे, िज ह ने इन आिदवासी लोग क मन म िव ोह क भावना पैदा
कर दी थी। अतः इन लोग म असंतोष या हो गया था और यह कभी भी ालामुखी क तरह फट सकता था।
मुंडा जनजाित ने बंदगाँव म आिदवािसय क एक सभा बुलाई। इस सभा म लगभग सात कोल आिदवासी आए
और वह से यह भीषण िव ोह आरभ आ। इसक चपेट म दीक, अं ेज और उनक समिथत जम दार आए।
िव ोिहय ने गाँव-क-गाँव जला िदए। इसका प रणाम यह आ िक इस िव ोह और इसक ता कािलक कारण ने
िव ोह क आग को िसंहभूम, टोरी, हजारीबाग और मानभूम तक क े म िलत कर िदया। उनक इस िव ोह
म लगभग 1,000 लोग मार गए।
इस यापक िव ोह को दबाने क िलए अं ेज सरकार ने रामगढ़ म सेना एकि त क और बाहर से भी सेना
बुलाई गई। िव ोिहय का नेतृ व बु ू भगत, िसंग राय और सूय मुंडा कर रह थे। अं ेजी सेना क कमान क टन
िव कसन क हाथ म थी। जब अं ेजी सेना का िव ोिहय से सामना आ तो ब त जन-धन क हािन ई। बु ू
भगत अपने डढ़ सौ सहयोिगय क साथ मारा गया। यह िव ोह लगभग पाँच साल तक चला, िजसम मरनेवाले
िव ोिहय क सं या अिधक रही, तब कपनी को भी इसक िचंता ई।
कपनी ने िव ोह क कारण क जाँच-पड़ताल क और झारखंड क शासन यव था म आमूल-चूल प रवतन
िकए गए। बेहतर याय- यव था और पारदश णाली क गठन क आव यकता महसूस ई। उस समय तक
झारखंड म अं ेज ने बंगाल क ही सामा य िनयम लागू कर रखे थे, लेिकन अब प र थित क जिटलता को
देखकर कपनी ने ‘रगुलेशन-XIII’ नाम से एक नया कानून बनाया, िजसक अंतगत रामगढ़ िजले को िवभािजत
िकया गया। एक और अलग नए शासिनक े का गठन िकया गया, िजसम जंगल महाल और ि यूटरी महाल
क साथ एक नान-रगुलेशन ांत बनाया गया। इस शासिनक े को जनरल क थम एजट क प म गवनर क
अधीन िकया गया। इस यव था म िव कसन को पहला गवनर बनाया गया, जो पहले सेना म क टन था और इस
िव ोह क दमन क िलए भेजा गया था। ‘कोल िव ोह’ झारखंड क इितहास म मह वपूण थान रखता ह, य िक
इसक अनेक दूरगामी प रणाम ए। इसी िव ोह ने शासिनक यव था क सुधार क न व रखी।
भूिमज िव ोह
भूिमज िव ोह को गंगानारायण हगामा भी कहा जाता ह। यह िव ोह जनजातीय जम दार और जनजातीय लोग
का संयु िव ोह था, िजसक अगुआई बड़ाभूम क राजा बेलाक नारायण क पोते गंगानारायण ने क थी। इस
िव ोह क पीछ कछ राजनीितक कारण तो थे ही, साथ ही मूल प से यह िव ोह आिदवासी उ पीड़न से उपजा था।
बड़ाभूम क जागीर को गंगानारायण से उसक भाई माधव िसंह ने हड़पने का ष यं रचा था। माधव िसंह दीवान
था। उसने जनता का ब त शोषण िकया था। जब गंगानारायण ने उसका िवरोध िकया तो वह कपनी सेना क शरण
म जा प चा। गंगानारायण ने भी हालात क गंभीरता को समझा और उसने उन जम दार से संपक िकया, जो अं ेजी
यव था से त थे। उनक साथ गंगानारायण को जनजातीय लोग का भी समथन िमला, य िक आिदवासी लोग
भी इस यव था से ब त िनराश थे। कोल और ‘हो’ जाित क लोग तो बुरी तरह से नाराज थे। इस कार
गंगानारायण क नेतृ व म एक संयु िव ोह क भूिमका बनी, िजसम जनजातीय लोग क भूिमका रही। स 1832
म ही जब कोल िव ोह को दबाने क यास चल रह थे, उसी दौरान गंगानारायण ने अपने िव ोही गुट क साथ
िव ोह का िबगुल बजा िदया। इस िव ोह को अं ेज ने ‘भूिमज िव ोह’ क सं ा दी। शी ही िव ोह ने यापक प
ले िलया और कपनी सेना इन िव ोिहय को दबाने क िलए ले टनट बडन और िटमर क नेतृ व म िनकल पड़ी।
खरसावाँ का ठाकर अं ेज क ओर से लड़ा।
इस लड़ाई म गंगानारायण मारा गया और खरसावाँ क ठाकर ने उसका िसर काटकर क टन िव कसन को
उपहार म भेज िदया। िव ोह का दमन हो चुका था, लेिकन िव कसन को इस िव ोह ने कछ और सोचने पर
िववश कर िदया। उसने अपने व र अिधका रय को व तु थित समझाकर उनसे परामश िकया और जंगल महाल
म शासक य प रवतन क आव यकता बताई। रगुलेशन-XIII क अंतगत जंगल महाल िजले को थिगत कर
इसक दीवानी अदालत बंद कर दी गई। नई गठन नीित लागू ई, िजसम शेरगढ़, िव णुपुर और सोनपहाड़ी को
व मान म शािमल कर िलया गया तथा शेष भाग को िमलाकर मानभूम को िजला बना िदया गया। इस िजले म
झालदा, धनबाद, सुपुर, रायपुर, अंिबका नगर, बड़ाभूम और यामसुंदरपुर सिहत कई मु य े को शािमल िकया
गया। इसका ता कािलक मु यालय मानबाजार बनाया गया, िजसे स 1838 म बदलकर पु िलया ले जाया गया।
इस कार ‘भूिमज िव ोह’ भी शासिनक यव था क सुधार का एक कारण बना। अं ेज अिधकारी जान गए थे
िक आिदवासी लोग को याय- यव था क पारदिशता न िमलना और उनका िकसी भी कार का उ पीड़न रोज नए
िव ोह को ज म देनेवाले कारण थे। शासिनक यव था को गवनर क अधीन करक इस िदशा म साथक कदम
उठाया गया था।
संथाल िव ोह
वीरभूम, ढालभूम, िसंहभूम, मानभूम और बाकड़ा क जम दार ारा सताए गए संथाल 1790 ई. से ही संथाल
परगना े , िजसे दािमन-ए-कोह कहा जाता था, म आकर बसने लगे। इ ह संथाल ारा िकया गया यह िव ोह
झारखंड क इितहास म सबसे अिधक चिचत आ, य िक इसने कपनी और उसक समिथत जम दार , सेवक और
अिधका रय को ब त बड़ी सं या म जनहािन प चाई थी। इस कार िव ोह क कारण म कषक उ पीड़न मुख
था। संथाल जनजाित भी किष और वन पर िनभर थी, लेिकन जम दारी था ने इ ह इनक ही भूिम से बेदखल
करना शु कर िदया था। अं ेज समिथत जम दार पूरी तरह से संथाल का शोषण कर रह थे और साथ ही कपनी ने
किष कर को इतना अिधक कर िदया था िक संथाल लोग इसे चुकाने म अ म थे। इसक अित र बाहरी लोग
क आवागमन ने इन संथाल को अपनी ही भूिम पर िसमटने को िववश और िनधन कर िदया था। संथाल जीवन-
िनवाह क िलए सा कार व जम दार क शोषणच म फस रह थे। ये लोग ऊची याज दर पर ऋण देते थे और
िफर वसूली क नाम पर मानिसक एवं शारी रक शोषण भी करते थे। याय- यव था भी इ ह संप एवं समृ
शोषक का साथ देती थी। इस उ पीड़न जाल से बाहर िनकलने का माग संथाल क सामने न होने से ये लोग
आ मह या कर रह थे।
स 1832 म ही जब कोल िव ोह को दबाने क यास चल रह थे, उसी दौरान गंगानारायण ने अपने
िव ोही गुट क साथ िव ोह का िबगुल बजा िदया। इस िव ोह को अं ेज ने ‘भूिमज िव ोह’ क सं ा
दी।
ऐसी िवकट थित म तो साधारण लोग ई र क अवतार क ही कामना करते ह। ई र भी ऐसे लोग क पुकार
अनसुनी नह करता, तभी तो संथाल क ऐसे घोर उ पीड़न का िवरोध करते िस -ू का नामक दो जवान सामने
आए। इन दोन ने िदन-रात एक करक संथाल म िव ोह का साहस भरा और उ ह एकजुट होने क िलए ो सािहत
िकया।
स 1855 म हजार संथाल ने भोगनाडीह क चु ू माँझी क चार पु िस ू, का , चाँद तथा भैरव क
नेतृ व म एक सभा क , िजसम उ ह ने अपने उ पीड़क क िव लामबंद लड़ाई लड़ने क शपथ ली।
स 1855 म हजार संथाल ने भोगनाडीह क चु ू माँझी क चार पु िस ू, का , चाँद तथा भैरव क नेतृ व
म एक सभा क , िजसम उ ह ने अपने उ पीड़क क िव लामबंद लड़ाई लड़ने क शपथ ली। िस ू-का ने
लोग म एक नई ऊजा व उ साह भर िदया। उ ह ने एकजुट होकर अपनी भूिम से दीक को चले जाने क
चेतावनी दी। इन दीक म अं ेज और उनक समिथत कमचारी, अिधकारी तथा जम दार आिद थे। सरकारी आ ा
न मानने, दािमन े म अपनी सरकार थािपत करने और लगान न देने क घोषणा क गई। इसी बीच दरोगा
महशलाल द क ह या कर दी गई। चेतावनी देने क दो िदन बाद संथाल ने अपने शोषक को चुन-चुनकर मारना
शु कर िदया। अंबर क जम दार क हवेली जला दी गई। महशपुर राजमहल पर िव ोिहय ने क जा करने का
यास िकया। अिधकारी और जम दार इनक मु य िनशाने पर थे, िफर जो बाहरी यापारी थे, उनक मकान एवं
दुकान को तोड़ िदया गया। यह खुला सश िव ोह था, जो कहलगाँव से राजमहल तक फल गया। यह िव ोह
1856 म वीरभूम, बाँकड़ा और हजारीबाग म भी फल गया। यह देख कपनी िचंितत हो गई और बातचीत क ारा
संथाल को समझाने का यास िकया जाने लगा, लेिकन धैय क सीमा पार करक उपजा संथाल का आ ोश कछ
भी सुनने को तैयार नह था। संथाल तो अपनी भूिम से अं ेज और उनक समथक को भगाने या समा करने क
शपथ ले चुक थे। अं ेज क कायालय को भ म िकया जाने लगा। जहाँ भी कोई अं ेज िदखाई देता, उसे वह ढर
कर िदया जाता। संथाल सा ा कालबन गए थे। दुदात होकर उ ह ने अं ेज मिहला और ब को भी मार
डाला।
संथाल क हगामे से अं ेजी शासन म हड़कप मच गया। कपनी ने सेना को खुली छट देकर इस िव ोह को
दबाने का आदेश िदया। अं ेज ने भी संथाल क ित ब त बबरता िदखाई और उनक गाँव-क-गाँव जला िदए।
अं ेजी सेना संथाल क नेता क धरपकड़ म िदन-रात एक करने लगी और इसम उसे सफलता भी िमली।
अिधकांश िव ोही नेता या तो मार गए थे या िफर बंदी बना िलये गए थे। चाँद और भैरव गोिलय क िशकार हो
वीरगित को ा ए। िस ू और का पकड़ गए, उ ह बरहट म फाँसी दे दी गई। इस िव ोह को िफर भी कछ
सफलता अव य िमली थी, य िक संथाल ने अपने े से अिधकांश अं ेज और उनक समथक को या तो मार
िदया था या भगा िदया था। जो शेष बचे भी थे, वे भी ब त समय तक आतंक क साए म जीते रह। इस िव ोह क
जनक िस ू-का वतमान झारखंड क लोग क िलए पूजनीय हो गए और आज भी उ ह झारखंड क जननायक
क प म याद िकया जाता ह। िस ू-का क गाथाएँ आज भी झारखंड क लोग क िलए ओज एवं श क
ेरणा ोत ह।
जनवरी 1856 ई. तक संथाल परगना े म संथाल िव ोह दबा िदया गया, लेिकन सरकार ने संथाल क वीरता
और शौय को वीकार िकया। सरकार को शासिनक प रवतन क अिनवायता वीकार करनी पड़ी।
इस संथाल िव ोह क प रणाम व प 30 नवंबर, 1856 ई. को िविधव संथाल परगना िजला क थापना क
गई और एशली एडन को थम िजलाधीश बनाया गया।
सरदारी आंदोलन
1850 ई. और उसक बाद इस े म अनेक आिदवािसय ारा ईसाई धम अपना लेने से भूिम क सम या और
बदतर हो गई। ईसाई धम क यापक चार- सार क िव जनजातीय सुधारवादी आंदोलन चले। इ ह म सरदारी
आंदोलन स 1859 से 1881 क म य चला। इसका उ ेख एस.सी. राय ने अपनी पु तक ‘द मुंडाज’ म िकया
ह। वा तव म यह भूिम क िलए लड़ाई थी। इसका मूल उ े य जम दार को बाहर िनकालना, बेगारी था को
समा करना और भूिम पर लगाए गए ितबंध का िवरोध करना था। सामा यतः यह आंदोलन तीन चरण म पूण
आ।
खरवार आंदोलन
खरवार आंदोलन, िजसका नेतृ व भागीरथ माँझी ने िकया था, का उ े य ाचीन मू य और जनजातीय
परपरा को पुनः थािपत करना था। इस आंदोलन का भाव े संथाल परगना था। इसक साथ ही वे भूिम
संबंधी सम या म सुधार क अलावा सामिजक कम म शु क वतक भी थे। इसीिलए मिदरा आिद का इसम
िवरोध िकया गया। आंदोलन क ित पूण समपणवाले सफाहोर कहलाए और उदासीन लोग ‘बाबिजया’ कहलाए।
बेमन पूजक को मेलबरागर कहा गया।
िबरसा मुंडा आंदोलन
यह आंदोलन िबहार क जनजातीय े म सबसे अिधक संगिठत और यापक माना जाता रहा ह। इस आंदोलन
क नायक िबरसा मुंडा को भगवान क अवतार प म मा यता िमली ह। मुंडा जनजाित भी अ य जनजाितय क
तरह किष और वन पर िनभर होकर अपनी परपरा -मा यता को सहज रही थी। यह जनजाित छोटानागपुर े
क मुख जनजाितय म से एक थी और इसक लोग कभी िववाद क सुिखयाँ नह बने थे। शांितपूण जीवन यतीत
करनेवाले मुंडा लोग भी उ पीड़न और अं ेजी लूटमार से बगावत पर उतर। इनक िव ोह का एक मु य कारण
इनक सं कित पर अ य सं कितय क परछाई का भी पड़ना था। कछ आपसी मतभेद, जो हर जाित-जनजाित म
पाए जाते ह, मुंडा लोग म भी रहते थे। इनका मेल-जोल िहदु से भी था और इसी कारण कछ मुंडा िहदू
परपरा का अनुसरण भी करने लगे थे। मतभेद क कारण कछ मुंडा ईसाई िमशन रय क ओर भी चले गए, जैसा
िक छोटानागपुर म जम दार और राजा का शोषण-च चल रहा था, तो ये लोग भी उसक चपेट म आ गए थे।
इनक जमीन को हड़पा जा रहा था और इन पर कर का बोझ भी बढ़ता जा रहा था। फलतः ऋण का जाल भी
इनको अपने िशकजे म जकड़ रहा था। याय- यव था तो बस नाममा क िलए रह गई थी और सबसे बड़ा झटका
तो मुंडा को तब लगा, जब न तो िहदू िम ने और न ही ईसाई िमशन रय ने उनक कोई सहायता क , िजनक
कहने पर ये लोग अपने पारप रक िनयम से भी दूर हो गए थे।
िबरसा मुंडा ने स 1895 तक लगभग छह हजार मुंडा को एकि त कर िदया। यह अब तक का सबसे
बड़ा दल था। भले ही यह िमथक था, लेिकन िबरसा को भगवान का अवतार ही माना जाने लगा।
मुंडा लोग इन सब बात से पूरी तरह हतो सािहत हो चुक थे और अपने अ त व क र ा क िलए िचंतातुर थे।
ऐसे समय म िबरसा मुंडा नामक नौजवान मुंडा जनजाित क उ थान का बीड़ा उठाकर आगे आया। उसका यह
कहना था िक वह ई र क आ ा और श लेकर मुंडा को उनक अिधकार और बाहरी श य से उ ह
आजाद कराने क िलए अवतार क प म आया ह। इस युवक क वाणी म ओज था और इसम त कालीन यव था
पर चोट करने क मता भी थी। ज दी ही कछ मुंडा युवक भािवत होकर उससे जुड़ गए। वह धािमक आ यान
क मा यम से लोग म नवचेतना जा करता। इसी कारण वह छोटानागपुर े म देवदूत क तरह माना जाने
लगा। उसक िवचार म लगभग सभी िवषय पर मनन करने क मता थी। वह सभाएँ आयोिजत कर लोग को
करीितय से दूर रहने क िलए कहता, जीवन म िनभरता को थान देने क बात कहता और साथ ही अपनी संगठन
श का ान करने क बात कहता। उसक िम मंडल ने भी शी ही उसे लोग क बीच ई रीय श क प म
थािपत कर िदया।
िबरसा मुंडा ने स 1895 तक लगभग छह हजार मुंडा को एकि त कर िदया। यह अब तक का सबसे बड़ा
दल था। भले ही यह िमथक था, लेिकन िबरसा को भगवान का अवतार ही माना जाने लगा। उसने लोग को अपने
उ े य से अवगत कराया, िज ह ने मुंडा जनजाित को नए ओज से भर िदया। उसक मुख उ े य इस कार थे
—
अं ेज सरकार का पूरी तरह दमन कर देना।
छोटानागपुर सिहत सभी अ य े से ‘दीक ’ को भगा देना।
वतं मुंडा रा य क थापना करना।
िबरसा मुंडा ने इन उ े य क ा क िलए िहसा मक होने से भी गुरज न करने का संदेश िदया। उसने सभी
मुंडा को साहस क साथ इस धमयु म कदने का आ ान िकया और योजना बनाकर सा कार , जम दार ,
िमशन रय तथा दीक आिद पर हमला कर िदया। हमला तो जोरदार था, लेिकन शासन- यव था ने इसे उतना
सफल नह होने िदया, िजतना सफल होने क िबरसा ने आशा क थी। उसे राँची म कपनी सेना ारा िगर तार कर
िलया गया, लेिकन कछ िदन बाद उसे मु भी िमल गई और वह िफर से अपने दल म आ िमला।
अं ेज ने भूिम अिधकार संबंधी नए िनयम बनाए और का तकारी अिधिनयम क अंतगत पहली बार
‘मुंडारी खूँटकारी यव था’ को लागू िकया गया।
इस बार िबरसा मुंडा ने अपनी योजना को भली-भाँित सु ढ प िदया और 25 िदसंबर, 1897 को, जब ि समस
का िदन था तथा ईसाई लोग इस िदन ज न मनानेवाले थे, हमले क िलए चुना। इस हमले म अिधक-से-अिधक
ईसाइय को मौत क घाट उतारने का संक प िलया गया। िन त िदन मुंडा िव ोिहय ने चार ओर हाहाकर मचा
िदया और ज न म डबे ईसाइय तथा उन मुंडा को मार िदया गया, जो ईसाई धम अपना चुक थे। यह एक बड़ा
नरसंहार था, िजसने ि िटश शासन को झकझोरकर रख िदया। थानीय पुिलस बल भी इस मुंडा िव ोह का िशकार
आ। चार ओर ािह- ािह मच गई, तब कपनी ने राँची से सेना भेजी और िनदयतापूवक इस िव ोह को दबाया
गया। िबरसा मुंडा और उसक साथी गया मुंडा को िगरऌ तार कर जेल भेज िदया गया।
जेल म रहते ए कछ असा य बीमा रय और समुिचत उपचार क अभाव म िबरसा मुंडा क मृ यु हो गई। वह
कपनी क िलए यह िव ोह एक सबक सरीखा सािबत आ। उसने अपनी नीितय म बदलाव िकया। अं ेज ने भूिम
अिधकार संबंधी नए िनयम बनाए और का तकारी अिधिनयम क अंतगत पहली बार ‘मुंडारी खूँटकारी यव था’ को
लागू िकया गया। शासिनक सुिवधा को और भी बेहतर बनाया गया। आिदवािसय क िदल से शासन क ित
घृणा को समा करने का यास िकया गया। स 1908 म गुमला अनुमंडल बनाया गया, जबिक खूँटी को स
1905 म ही अनुमंडल बना िदया गया था। यह शासन व आिदवािसय क बीच िव ास बहाल करने क यास
थे।
िबरसा आंदोलन सही मायन म एक सफल आंदोलन कहा जाता ह। इसने जनजाितय म आ मस मान, अिधकार
क र ा, धािमकता क र ा जा करने क साथ ही इ ह िढ़य -अंधिव ास से दूर रहने क ेरणा भी दी। इसी
आंदोलन ने अं ेज सरकार को जनजाितय क ित संवेदनशील रहने को िववश िकया। िबरसा मुंडा ने अपने अ प
जीवन म लोग को जा कर िदया था और आज भी उसे भगवान िबरसा मुंडा क प म याद िकया जाता ह।
टाना भगत आंदोलन
यह आंदोलन िबरसा आंदोलन से ही जनमा था। यह भी एक ब आयामी आंदोलन था, य िक इसक नायक भी
अपनी सामािजक अ मता, धािमक परपरा और मानवीय अिधकार क मु को लेकर आगे आए थे। यह आंदोलन
स 1914 म शु आ। टाना भगत कोई य नह , ब क उराँव जनजाित क एक शाखा थी, िजसने कडख
धम अपनाया था। इन लोग क थित अ यंत दयनीय थी और इनसे अिधकांशतः मवाले काय ही कराए जाते थे।
सुबह से शाम तक भवन, सड़क आिद क िनमाण काय क िलए ये लोग ईट, प थर ढोते रहते और मजदूरी क नाम
पर इ ह कछ िवशेष नह िमलता था। एक कार से इ ह ख र क भाँित योग िकया जाता था। इस आंदोलन क
नायक क नाम पर ‘जतरा भगत’ नामक नौजवान को मा यता िमली थी, जो अलौिकक िस य म रत रहता था।
जन ुित क आधार पर इसी जतरा भगत को ‘धमश’ नामक उराँव देवता ने दशन िदए थे और उसे कछ िनदश देकर
इस आंदोलन को शु करने क आ ा दी थी।
जतरा भगत ने ‘धमश’ देवता का आदेश पाकर भूत- ेत क साधना का काय छोड़ िदया और िनरािमष हो गया।
उसने लोग को अंधिव ास म आ था रखने से मना िकया और आचरण म सा वकता लाने का संदेश िदया, साथ
ही उसने बेगार या कम मजदूरी पर काम करनेवाल को ऐसा काम न करने का आदेश िदया। लोग म ज दी ही वह
ब त लोकि य हो गया और लोग उसक येक बात को आ मसा करने लगे। इससे अं ेज घबरा गए और
उ ह ने जतरा भगत को िगर तार कर िलया। इससे उराँव लोग म रोष फल गया। अं ेज इस आंदोलन से संबंिधत
सभी लोग को िगर तार करने म जुट गए। प रणाम यह आ िक िहसा भड़क उठी और एक सामािजक जनजागरण
या हो गया। अं ेज ने बड़ी रता से इस आंदोलन को दबा िदया, िफर भी यह आंदोलन सामािजक चेतना
जगाने म सफल रहा।
इस कार अं ेज सरकार क िव ए जनजातीय िव ोह ने कछ हद तक िबहार क दबे-कचले लोग को
उनक अिधकार िदलाने म मह वपूण भूिमका िनभाई। इन आंदोलन म आ ामकता, बबरता, आ ोश, श
संगठन और नीितगत कारण जैसे वे सभी त व मौजूद थे, जो िव ोह को ज म देते ह। िबहार क त कालीन थित
दयनीय थी और िवडबना यह थी िक ाकितक प से संप इस े का शोषण और दोहन करने प चे बाहरी
लोग ने यहाँ क मूल जनजाितय को लगभग बेदखल ही कर िदया था। िश ा से दूर और सुिवधा से वंिचत यह
जनजातीय समाज शांितपूवक अपना जीवन िनवाह कर रहा था। उनक अपने पव , रीितय और अपने सामािजक
ताने-बाने म ही उनक िलए सभी खुिशयाँ थ । लगभग 300 वष अ थरता, अराजकता, शोषण, दमन, अपमान और
िनधनता क साए म रहकर भी इन जनजाितय ने अपने अ त व को बचाए रखा तो यह उनक िजजीिवषा ही ह।
इतने पर भी िबहार क लोग ने देश क ित अपने कत य का िनवाह िकया। इन लोग ने भारत क वतं ता सं ाम
म अतुलनीय योगदान िदया, िजसे िव मृत नह िकया जा सकता।
नोिनया िव ोह
यह िव ोह 1770 से 1800 ई. क बीच िबहार क शोरा उ पादक े हाजीपुर, ितर त, सारण और पूिणया म
आ था। इस काल म िबहार शोरा उ पादन का मुख क था। शोरा का उ पादन बा द बनाने क िलए िकया जाता
था। शोरा उ पादन करने का काय मु य प से नोिनया जाित ारा िकया जाता था। ि िटश कपनी और नोिनय क
बीच आसामी म य थ का काय करते थे, जो नोिनया लोग से क ा शोरा लेकर कारखान को देते थे। आसािमय
को ि िटश कपिनय ारा शोर क एक-चौथाई रकम अि म क प म िमलती थी। क मी शोरा क िलए 2 से 4
पए ित मन और क ा शोरा 1 से 4 आना ित मन आसामी कपनी से लेते थे तथा नोिनया लोग को 12, 14 या
5 आना ित मन देते थे, जबिक अ य यापारी जो कपनी से संबंिधत नह थे, वे नोिनया लोग को 3 पए ित मन
शोरा देते थे। अतः कपनी ारा नोिनया लोग का अ यिधक शोषण हो रहा था, इसिलए गु प से वे लोग
यापा रय को शोरा बेचने लगे। इसक जानकारी जब ि िटश सरकार को ई, तब उसने नोिनया लोग पर
रतापूवक कारवाई क ।
भारत म इस आंदोलन का नेतृ वकता उ र देश क सैयद अहमद बरलवी थे। इनका ज म 1776 ई. म
उ र देश क रायबरली म आ था।
वहाबी आंदोलन
अं ेजी शासन क िव भारतीय जन आंदोलन म वहाबी आंदोलन का भी मह वपूण थान ह। इस आंदोलन क
वतक अरब क अ दुल वहाब थे। इ ह ने मु लम समाज म या करीितय को दूर करने क उ े य से इस
आंदोलन को आरभ िकया। भारत म इस आंदोलन का नेतृ वकता उ र देश क सैयद अहमद बरलवी थे। इनका
ज म 1776 ई. म उ र देश क रायबरली म आ था। इ ह ने भारत म मु लम सा ा य क पतन क िलए ि िटश
शासन को िज मेवार माना तथा अं ेज क ारा अिधकत भारत को ‘दार-उल-हरब’ कहा और उसको समा
करक ‘दार-उल-इ लाम’ को थािपत करने क शपथ ली। इ ह ने प मो र सीमांत क कबीलाई अफगान क
सहायता से िसतना म एक वतं रा य का गठन िकया।
1821 ई. म अहमद बरलवी ने पटना का दौरा िकया, जहाँ िवलायत अली, इनायत अली, मुह मद सैन, फरहत
सैन आिद लोग उसक संपक म आए तथा पटना को वहाबी आंदोलन क मु य क क प म थािपत िकया।
ारभ म वहाबी आंदोलन एक धािमक आंदोलन था, िजसने बाद म आिथक एवं राजनीितक प धारण कर िलया।
यह आंदोलन अं ेजी शासन क िखलाफ भारतीय वाधीनता सं ाम और िनलह साहब , जम दार एवं सा कार क
बीच वग संघष क प म प रवितत हो गया। पंजाब म मुसलमान , कषक ने िसख जम दार क िखलाफ िव ोह
िकया। सैयद अहमद से े रत होकर तीतू मीर ने धनी िहदू और मु लम जम दार क िखलाफ आंदोलन चलाया।
1853 ई. म अं ेजी सेना वहािबय क दमन क िलए िसतना गई, जहाँ उ ह पराजय झेलनी पड़ी। 1858 ई. म
पुनः अं ेजी सेना को िसतना भेजा गया, िजसने वहािबय को परािजत कर वहाँ से भगा िदया। पटना म वहाबी
आंदोलन का नेतृ व िवलायत अली एवं इनायत अली ने िकया। इनायत अली ने दि ण भारत म हदराबाद को तथा
िवलायत अली ने उ र-प म म िसतना को अपना क बनाया था।
1844 ई. म िवलायत अली अपने 80 अनुयाियय क साथ अफगािन तान जा रह थे, लेिकन लाहौर म इ ह िगर तार
कर पटना भेज िदया गया। 1851-52 ई. म ये उ री-प मी सीमा ांत (वतमान पािक तान) गए, जहाँ ि िटश
सैिनक से लड़ते ए इनक मृ यु हो गई।
1857 ई. क िव ोह म वहाबी आंदोलन से जुड़ लोग ने बढ़-चढ़कर िह सा िलया। िवलायत अली एवं इनायत
अली क मृ यु क प ा वहाबी आंदोलन का नेतृ व मकसूद मौलवी अ दु ा ने िकया। उसने 1861 ई. म
मलका को अपना गढ़ बनाया। 1864 ई. म नेिवल चबरिलन ने वहािबय क नेता अहमदु ा को हराकर पोट लेयर
जेल भेज िदया। वहाबी आंदोलन क अ य नेता , जैसे—मुबारक अली, इ ाहीम मंडल, मुह मद इ माइल, आिमर
खान आिद को िगर तार कर कठोर आजीवन कारावास क सजा क गई। 1868-69 आते-आते वहाबी आंदोलन
क ऊजा लगभग समा हो गई और आंदोलन िशिथल पड़ गया।
इस कार कहा जा सकता ह िक वहाबी आंदोलन का उदय धािमक आंदोलन क प म आ, लेिकन यह आगे
चलकर एक राजनीितक आंदोलन बन गया। यह भारत से िवदेशी शासन को उखाड़ फकने एवं देश को वाधीन
बनाने क िलए भारतीय का िव ोह था। व तुतः यह सा ा यवाद क िखलाफ लड़ी जानेवाली लड़ाई थी।
लोटा िव ोह
1857 ई. क िव ोह क पूव ही 1856 ई. म मुज फरपुर म अं ेज क ित लोग का गु सा बढ़ रहा था। अं ेजी
शोषण एवं अ याचार क कारण लोग क मन म असंतोष बढ़ता जा रहा था। इसी समय मुज फरपुर क जेल म बंद
किदय ने िव ोह कर िदया, िजसे लोटा िव ोह कहा जाता ह। इस समय किदय को जेल क अंदर पीतल का लोटा
िदया जाता था, लेिकन सरकार ने अचानक िनणय िलया और पीतल क थान पर िम ी का लोटा देना ारभ
िकया। अतः किदय ने इसका िवरोध करना शु कर िदया। िव ोह क जेल क बाहर भी फलने क आशंका को
देखकर पुनः किदय को पीतल का लोटा देना शु कर िदया गया।
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5. वतं ता आंदोलन
(Freedom Movement)
1857 ई. का िव ोह
चंपारण स या ह
िखलाफत आंदोलन
असहयोग आंदोलन
सिवनय अव ा आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन
आजाद िहद फौज म ांितका रय क भूिमका
ांितकारी रा वादी िवचारधारा
वतं ता आंदोलन म मिहला क भूिमका
िकसान आंदोलन
समाजवादी आंदोलन
ि िटश काल म िश ा का िवकास
1857 ई. का िव ोह
अं ेज क स ा को भारत म सबसे सश जन आंदोलन का सामना 1857 ई. म करना पड़ा। रा ीय भावना क
जागरण क पूव ि िटश िवरोधी आंदोलन क ंखला म 1857 ई. का आंदोलन सबसे मह वपूण था। इस िव ोह म
िबहार ने काफ मह वपूण योगदान िदया। िबहार म यह आंदोलन 12 जून, 1857 को देवघर िजले क रोिहणी
(वतमान म झारखंड) नामक गाँव से ारभ आ। 32व रिजमट म कायरत तीन सैिनक ने ले टनट नामन ले ली
एवं सहायक साजट डॉ. ांट क ह या कर दी। मेरज मैप मैकडोना ड ने बड़ी कठोरता क साथ िव ोह को दबाया
एवं 16 जून, 1857 ई. को तीन िव ोही सैिनक को फाँसी पर लटका िदया गया। 32व रिजमट क कायालय को
रोिहणी से हटाकर भागलपुर थानांत रत कर िदया गया।
3 जुलाई, 1857 को पटना िसटी म अं ेज क िव संघष ारभ आ। इसका नेतृ व गुरह ा मुह ा क
पु तक िव ता पीर अली क ारा िकया गया। पीर अली क नेतृ व म लगभग 200 िव ोही मुगल स ा बहादुर
शाह का झंडा िलये पटना क सड़क पर िनकल पड़, िजनका मुकाबला अं ेज अिधकारी लायल एवं उसक
सैिनक क साथ आ। पीर अली ने लायल को गोिलय से भून डाला। इसक प ा पीर अली सिहत लगभग 16
िव ोिहय को िगर तार कर फाँसी पर लटका िदया गया। इसक सूचना िमलते ही दानापुर क तीन बटािलयन म
िव ोह आरभ हो गया।
बाबू कवर िसंह क सहयोिगय म उनक भाई अमर िसंह, भतीजा रथभंजन िसंह, िनशान िसंह, ह रिकशुन
िसंह, जयक ण िसंह तथा शाहाबाद क चार जम दार नरहनन िसंह, जोहन िसंह, ठाकर दयाल िसंह एवं
िवशे र िसंह मुख थे।
1857 ई. का िव ोह पटना क अलावा सारण, ितर त, आरा, शाहाबाद आिद े म तेजी से फल गया।
शाहाबाद िजले क जगदीशपुर टट क वीर राजपूत जम दार बाबू कवर िसंह क नेतृ व म िव ोह ारभ आ। बाबू
कवर िसंह क सहयोिगय म उनक भाई अमर िसंह, भतीजा रथभंजन िसंह, िनशान िसंह, ह रिकशुन िसंह, जयक ण
िसंह तथा शाहाबाद क चार जम दार नरहनन िसंह, जोहन िसंह, ठाकर दयाल िसंह एवं िवशे र िसंह मुख थे। वीर
कवर िसंह ने करीब 10 हजार सैिनक क साथ आरा क ओर थान िकया, िजसम दानापुर छावनी से िव ोह कर
आए सैिनक भी स मिलत हो गए। दानापुर क करीब 500 यूरोपीय और िसख सैिनक को क टन डनबर क नेतृ व
म आरा भेजा गया, लेिकन 29-30 जुलाई को उ ह परािजत होना पड़ा। बंगाल आिटलरी क मेजर िवनसट आयर ने
2 अग त को बीवीगंज पर आ मण िकया और अं ेज सैिनक को छड़ाने म सफल आ। 12 अग त को उसने
जगदीशपुर पर क जा कर िलया। कवर िसंह ने नाना साहब से िमलकर 26 माच, 1858 को आजमगढ़ म अं ेज
को हराया तथा 23 अ ैल, 1858 को क टन ली ांट क नेतृ व म आई ि िटश सेना को बुरी तरह परािजत िकया।
कवर िसंह वयं इस यु म घायल ए और दो िदन प ा उनक मृ यु हो गई। इस संघष को अमर िसंह ने आगे
बढ़ाया तथा शाहाबाद े पर िनयं ण कायम करने म सफल रह।
1857 ई. का िव ोह मुज फरपुर और गया े म भी यापक प से सा रत आ। मुज फरपुर से यूरोपीय
लोग ने पलायन करना शु िकया। वहाँ का िव ोह ‘लोटा िव ोह’ क नाम से िव यात आ, िजसे बाद म दबा
िदया गया। गया म िव ोही सैिनक ने जेल पर हमला कर अनेक िव ोिहय को मु कर िदया। नामदार खान क
नेतृ व म राजगीर परगना म िव ोह आ। इस इलाक म मामा िसंह, हदर अली खान, गुलाम अली खान, ननक
िसंह, फतह िसंह आिद ने िव ोह का नेतृ व िकया। 1857 ई. का िव ोह लगभग पूर रा य म फल गया था। य िप
मुंगेर का े इस िव ोह से अछता था।
महारानी िव टो रया ारा मादान क घोषणा क बाद इस े म िव ोिहय ने अपने हिथयार डाल िदए। 1859
ई. तक ि िटश स ा क बहाली न कवल िबहार, ब क सार देश म हो चुक थी, लेिकन 1857 ई. क इस
महासं ाम ने सार देश म एक नई जन-चेतना को ज म िदया।
कां ेस क थापना
कां ेस क थापना 28 िदसंबर, 1885 को बंबई क गोकलदास सं कत िव ालय म सेवािनवृ अं ेज िसिवल
सेवक ए.ओ. ूम ारा क गई थी, िजसक थम अ य ड लू.सी. बनज थे। इस अिधवेशन म 72 ितिनिधय
ने भाग िलया था, लेिकन िबहार का कोई ितिनिध शािमल नह था। कां ेस क 1886 ई. क कलकता क दूसर
अिधवेशन म िबहार क 31 ितिनिधय ने भाग िलया था, िजनम मौलवी सैयद शफ ीन, िवशे र िसंह, गु साद
सेन, गजाधर साद, मौलवी अहसान, जयनारायण वाजपेयी, बलदेव राय, गोिवंद चरण, पूणदु नारायण िस हा,
कलदीप सहाय, ई री साद, तेज नारायण िसंह, परमे र नारायण, शाह रजा सैन, शेख बा रश अली, िकशोरी
लाल हलधर आिद मुख थे। कां ेस का तीसरा अिधवेशन 1887 ई. म म ास म आयोिजत िकया गया था, उसम
िबहार क मा 2 ितिनिध शािल ाम िसंह एवं गु साद सेन ने िह सा िलया था। िबहार म कां ेस का थम
अिधवेशन 1912 ई. म पटना क बाँक पुर म आयोिजत िकया गया था। यह कां ेस का 27वाँ अिधवेशन था,
िजसक अ य ता रघुनाथ नरिसंह मधोलकर ारा क गई थी। इस अिधवेशन क महासिचव सि दानंद िस हा थे
तथा मौलाना मजह ल हक वागत सिमित क अ य थे। मौलाना मज ल हक 1915 ई. म बंबई म आयोिजत
कां ेस अिधवेशन म शािमल ए थे।
1916 ई. का 31वाँ कां ेस अिधवेशन लखनऊ म आयोिजत िकया गया था, िजसम िबहार क ितिनिध क प
म राजकमार शु स मिलत ए। उ ह ने गांधीजी से चंपारण आने का अनुरोध िकया था। चंपारण म नील क
खेती करने क िलए िकसान को बा य िकया जाता था, िजससे िकसान का शोषण हो रहा था, अतः 1916 क
कां ेस अिधवेशन म िबहार से संबंिधत 2 ताव पा रत िकए गए—
1. पटना यूिनविसटी िबल,
2. चंपारण क नील िकसान एवं उनक रयत क संबंध क जाँच से संबंिधत।
1922 ई. म कां ेस का 37वाँ अिधवेशन िबहार क गया म आयोिजत िकया गया, िजसक अ य देशबंधु
िचतरजन दास थे। इस अिधवेशन म यह िनणय िलया गया िक िवधाियका का बिह कार िकया जाएगा। िचतरजन
दास इस िवधेयक क प म नह थे।
1940 ई. म रामगढ़ (वतमान झारखंड) म भारतीय रा ीय कां ेस का 53वाँ अिधवेशन आ, िजसक अ य
मौलाना अबुल कलाम आजाद थे। रामगढ़ अिधवेशन म कां ेस क अं ेज क ित समझौतावादी नीित क िवरोध म
िबहार क िकसान नेता वामी सहजानंद सर वती एवं सुभाषचं बोस ने एक सभा का आयोजन िकया था।
होम ल आंदोलन
बाल गंगाधर ितलक एवं एनी बेसट क नेतृ व म 1916 ई. म पूर देश म ‘होम ल आंदोलन’ क शु आत क
गई, िजसका भाव िबहार म भी यापक प से देखा गया। पटना क बाँक पुर म 16 िदसंबर, 1916 को आयोिजत
एक सभा म होम ल लीग क थापना क गई। इसक अ य मौलाना मजह ल हक तथा उपा य खान बहादुर
सफराज सैन एवं राय बहादुर पूणदु नारायण िस हा को बनाया गया। सिचव क प म वै नाथ नारायण िसंह एवं
चं वंशी सहाय को िनयु िकया गया। पहली सभा म होम ल क सद य रहनेवाल म राज साद, मुह मद
आजम अली, एस.ए. समी, शंभूनारायण, ह रनारायण साद, ए.सेन, बी.बसु, परमे र लाल तथा ीक ण िस हा
थे। 18 अ ैल, 1918 को एनी बेसट पटना आई, िज ह पूणदु नारायण िस हा क िभखना पहाड़ी थत आवास पर
रखा गया। चंपारण िजले को छोड़कर िबहार म सव होम ल का चार आ। एनी बेसट ने दो बार वयं िबहार
क या ा क तथा आंदोलन को ती करने म मह वपूण योगदान िदया।
चंपारण स या ह
1765 ई. म मुगल शासक शाह आलम तीय ने िबहार और बंगाल क दीवानी का अिधकार ई ट इिडया
कपनी को स प िदया था। इस समय िबहार का चंपारण े नील क खेती क िलए िस था। इस समय चंपारण
बेितया रा य का िह सा था और यहाँ नील क 36 अं ेज ठकदार और 23 नील यापारी रह रह थे। इस े म नील
क खेती दो कार से होती थी—
1. जीरात,
2. असामीवार।
जीरात कोठीवाल क क जेवाली जमीन होती थी, िजसम िकसान अपने हल-बैल क सहायता से नील बोते थे,
लेिकन मजदूरी ब त कम िमलती थी। असामीवार म कोठीवाले रयत क ारा नील क खेती कराने क यव था
कराते थे। 1867 ई. से पूव तक रयत को 1 बीघा म 5 क ा पर नील क खेती करना अिनवाय बना िदया गया
था, लेिकन 1867 ई. म यह िनयम बना िदया गया िक येक बीघे म 3 क ा पर नील क खेती करना अिनवाय
ह। अतः इसे तीनकिठया णाली भी कहा गया। ‘तीनकिठया’ णाली ही चंपारण क िकसान क शोषण का मु य
कारण थी। िकसान को 1867 ई. क पहले तक 6.50 पए ित एकड़ नील क खेती क िलए िमलता था, िजसे
गोरले रपोट क आधार पर 1909 ई. से बढ़ाकर 13.50 पया कर िदया गया था।
पटना क बाँक पुर म 16 िदसंबर, 1916 को आयोिजत एक सभा म होम ल लीग क थापना क गई।
इसक अ य मौलाना मजह ल हक तथा उपा य खान बहादुर सफराज सैन एवं राय बहादुर पूणदु
नारायण िस हा को बनाया गया।
य िप चंपारण आंदोलन से पहले भी नील कषक ने शोषण क िखलाफ आवाज उठाई थी। 1860 ई. म बंगाल
क नील उ पादक ने ह र ं मुखज क नेतृ व म आंदोलन िकया था। 1866 से 1888 क बीच िबहार क दरभंगा
और चंपारण क नील उ पादक ने िव ोह िकया था। 1889-90 म बंगाल क जैसोर े क नील उ पादक ने
शोषण क िखलाफ िव ोह िकया था।
1860 ई. म बंगाल क नील उ पादक ने ह र ं मुखज क नेतृ व म आंदोलन िकया था। 1866 से
1888 क बीच िबहार क दरभंगा और चंपारण क नील उ पादक ने िव ोह िकया था।
चंपारण े म नील क खेती से िकसान क शोषण से संबंिधत आवेदन सरकार को िदया जा चुका था। 14
अग त, 1907 को कोठी क रयत ने एक आवेदन चंपारण क कले टर क पास भी िदया था, िजस पर कोई
कारवाई नह ई। अतः रयत ने कोठी क िलए नील बोना बंद कर िदया। इस कारण से 1908 ई. से कोठी ने
िकसान से पानी क िलए 3 पए ित बीघा रकम वसूलना ारभ कर िदया, िजसे ‘पैन खच’ कहा जाता ह। पैन
खच क अित र भी कई कार क कर िकसान पर लगा िदए गए, िजससे उनक थित अ यंत दयनीय हो गई।
इस समय लगाए गए अित र कर िन निलिखत थे—
1. पैन खच—यह नहर का पानी, जो िसंचाई क िलए िदया जाता था, क बदले िलया जानेवाला कर था, जो
ित बीघा 3 पया िलया जाता था।
2. सलामी—यह भी ित बीघा 3 पया क दर से वसूला जाता था, िजसे तीनकिठया या लगान भी कहा जाता
था।
3. बाँध बेहरी—यह ित 1 पया मालगुजारी पर 1 आना क दर से िलया जानेवाला कर था, जो पैन खच क
तरह िसंचाई क िलए िलया जाता था।
4. बेठमाफ —यह कषक से हल क बदले 3 पए सालाना िलया जानेवाला कर था।
5. बपही-पुतही—यह एक तरह का उ रािधकार कर था, जो रयत क मर जाने क बाद जायदाद ह तांतरण क
िलए उसक वा रस से िलया जाता था।
6. मड़वन—यह लड़क क शादी क समय कोठी वाले ारा 1 पए क दर से िलया जाता था।
7. सगौड़ा—यह िकसी िवधवा क सगाई क बदले 5 पए क दर से वसूल िकया जाता था।
8. को आवन—तेल अथवा ईख क पेराई क िलए को रखनेवाल से 1 पए क दर से वसूल िकया जाता
था।
9. चु हयावन—इस े म ह दी का उ पादन अिधक मा ा म होता था। अतः ह दी को उबालने क िलए रखे
जानेवाले चू ह पर ित चू हा 1 पया क दर से कर िलया जाता था।
10. बाटछपी—यह कर दूध और तेल बेचनेवाले दुकानदार से ितवष 1 पया क दर से िलया जाता था।
11. बेचाई—अनाज बेचनेवाले दुकानदार से 1 पए क दर से वािषक वसूला जानेवाला कर था।
12. हिथयाही—कोठीवाले हाथी खरीदने क िलए िकसान से कर वसूलते थे, िजसे हिथयाही कर कहा जाता
था।
13. हावही—यह कर रयत को कोठीवाल क बीमारी क खच क िलए देना पड़ता था।
14. आमदी सलामी—कोई अिधकारी अथवा सरकारी य जब िकसी गाँव म जाता था, तब रयत को ित
य 1 पए क दर से सलामी कर देना पड़ता था।
15. सरीदावन—यह कर मालगुजारी क रसीद क साथ 1 आना ित रसीद क दर से वसूला जाता था।
इसक अित र भी अनेक कार क कर आरोिपत िकए गए थे, जैसे—िसंगारहाट कर। यह कर उस थित म
वसूला जाता था, जब कोई ी हो जाती थी और िकसी दूसर पु ष क साथ रहती थी, तब उस पु ष से सजा
क प म यह वसूला जाता था।
इस तरह चंपारण े म अनेक कार क कर देने एवं नील क खेती करने से कषक का अ यिधक शोषण हो
रहा था, उनक थित दयनीय बनी ई थी। तीनकिठया णाली क अंतगत पुिलस एवं अिधकारी भी िकसान का
अ यिधक शोषण कर रह थे। वे नील यापा रय क मदद करते थे। इस अ याचार से तंग आकर िकसान ने अनेक
बार आंदोलन िकया, लेिकन उ ह दबा िदया गया।
1907-08 म िनलह क अ याचार क िखलाफ िकसान ारा एक गु संगठन थािपत िकया गया। महश
नारायण ने िबहारी नामक समाचार-प क मा यम से सरकार का यान इस ओर आकिषत िकया, लेिकन इसका
कोई लाभ नह आ। अंततः िबहार क कषक नेता राजकमार शु ने इस सम या को कां ेस एवं गांधीजी क
सम उठाने का काय शु िकया। राजकमार शु कानपुर म ‘ ताप’ समाचार-प क संपादक गणेश शंकर
िव ाथ से जाकर िमले और कषक शोषण क बार म बताया। 4 जनवरी, 1915 को गणेश शंकर िव ाथ ने
‘ ताप’ म ‘चंपारण म अँधेरा’ नामक लेख का काशन िकया। गणेश शंकर िव ाथ क सलाह पर ही राजकमार
शु गांधीजी से िमलने साबरमती आ म प चे, लेिकन उनक मुलाकात वहाँ गांधीजी से नह हो सक ।
िदसंबर, 1916 म लखनऊ क कां ेस अिधवेशन म िबहार क ितिनिध क प म ज िकशोर साद, ह रवंश
सहाय, गोरख साद, रामदयाल साद सा , पीर मुह मद मुिनश और पं. राजकमार शु ने भाग िलया। राजकमार
शु ने चंपारण क िकसान क सम या जानने क िलए गांधीजी से चंपारण आने का अनुरोध िकया। राजकमार
शु का ज म प मी चंपारण क चनपिटया बाजार क पास थत सतब रया नामक गाँव म आ था, लेिकन
उनका जीवन बेलवा कोठी क अंतगत मुरली भरहवा म यतीत आ। मुरली भरहवा कोठी म उनक जमीन थी और
वहाँ का नीलवर ए.सी. ए मन था, जो िनदयी एवं र था।
लखनऊ अिधवेशन म चंपारण से संबंिधत ताव को पास िकया गया और गांधीजी ने भी चंपारण आने क
राजकमार शु क िनमं ण को वीकार िकया। गांधीजी ने अपनी आ मकथा म िलखा ह, ‘राजकमार शु िबहार
क हजार लोग पर से नील क कलंक को धो देने क िलए कतसंक प थे।’ गांधीजी ने कलक ा जाने क म म 9
अ ैल, 1917 को राजकमार शु क साथ पटना क िलए थान िकया था। गांधीजी ने इस समय राजकमार शु
क संबंध म कहा, ‘अनपढ़ िन यमान िकसान ने मुझे जीत िलया।’ गांधीजी सबसे पहले मुज फरपुर प चे, जहाँ
आचाय जे.बी. कपलानी गांधीजी को अपने घर पर ले गए। 11 अ ैल, 1917 को गांधीजी ने मुज फरपुर म िबहार
लटस एसोिसएशन क मं ी जे.एम. िव सन से मुलाकात क , लेिकन उसने गांधीजी को मदद करने से मना कर
िदया। पुनः गांधीजी ने ितर त िडवीजन क किम नर एल.एफ. मौशड से मुलाकात क ।
4 जनवरी, 1915 को गणेश शंकर िव ाथ ने ‘ ताप’ म ‘चंपारण म अँधेरा’ नामक लेख का काशन
िकया। गणेश शंकर िव ाथ क सलाह पर ही राजकमार शु गांधीजी से िमलने साबरमती आ म
प चे, लेिकन उनक मुलाकात वहाँ गांधीजी से नह हो सक ।
जे.एम. िव सन एवं चंपारण क िजला मिज ट ने गांधीजी क मुज फरपुर से चंपारण जाने पर रोक लगा दी,
लेिकन गांधीजी रामनवमी साद क साथ 15 अ ैल, 1917 को चंपारण (मोितहारी) प चे, जहाँ मोितहारी क मुख
अिधव ा गौरव साद गांधीजी को अपने घर लेकर गए। गांधीजी ने चंपारण म सबसे पहले 16 अ ैल को जसौली
प ी का दौरा िकया। इस समय वहाँ धारा-144 लागू थी। अतः गांधीजी को धारा-144 क उ ंघन का दोषी करार
देते ए अिभयोग चलाया गया। गांधीजी को 100 पए जमानत देने क िलए कहा गया, लेिकन उ ह ने देने से मना
कर िदया। गांधीजी का मुचलका वयं मिज टरट ने भरा और उ ह रहा कर िदया। उसक बाद गांधीजी बेितया
प चे। उनक साथ जिकशोर साद भी थे। गांधीजी किड़या कोठी होते ए राजकमार शु क साथ बेलवा कोठी
प चे। इस म म गांधीजी क लोकि यता बढ़ती जा रही थी, लोग क भीड़ भी बढ़ती जा रही थी। अतः सरकार
ने आंदोलन क वर को नीचा करने क िलए 10 जून, 1917 को एक जाँच कमेटी िनयु क , िजसम महा मा गांधी
को भी सद य बनाया गया। 4 अ ूबर, 1917 को जाँच कमेटी ने अपनी रपोट दी तथा सरकार ने रपोट का
अ ययन करने क बाद 18 अ ूबर, 1917 को कािशत कर िदया। इसी रपोट क आधार पर 4 माच, 1918 को
चंपारण अिधिनयम का िनमाण िकया गया, िजस अिधिनयम क ारा तीनकिठया णाली का अंत कर िदया गया,
रयत क लगान घटा िदए गए, अ य कर को अवैध घोिषत कर िदया गया।
इस तरह िनलह ारा चंपारण क िकसान पर िकए जा रह यापक अ याचार का अंत आ, िजसम गांधीजी क
साथ-साथ सबसे बड़ी भूिमका राजकमार शु ने िनभाई। राजकमार शु ारभ से लेकर अंत तक इस आंदोलन
म लड़ते रह एवं 20 मई, 1929 को मोितहारी म उनक मृ यु हो गई। इस तरह गांधीजी ारा भारत म चलाया गया
थम स य एवं अिहसा का स या ह सफल आ।
िखलाफत आंदोलन
थम िव यु क दौरान तुक ने िम रा क िव ‘िखलाफत आंदोलन’ िकया था। यु म िम रा
क िवजय ई और उ ह ने तुक सा ा य को आपस म बाँट िलया। िम रा ने तुक क खलीफा का अपमान भी
िकया, जो उस समय इ लाम जग का धािमक नेता माना जाता था। िम रा , िवशेषकर ि िटश सरकार, ारा
क गई कारवाई से भारतीय मुसलमान भी आहत थे। अतः उ ह ने िवरोध व प ‘िखलाफत आंदोलन’ छड़ा।
गांधीजी क अ य ता म िद ी म अिखल भारतीय िखलाफत स मेलन 24 नवंबर, 1919 को आयोिजत आ,
िजसम सरकार क साथ असहयोग का ताव पा रत आ। शांित उ सव म भाग लेने क सवाल पर िवचार करने हतु
पटना क अंजुमन इ लािमया हॉल म 30 नवंबर, 1919 को एक सभा ई। इस सभा म हसन इमाम ने अ य पद
क िलए मौलाना शाह रसीदुल हक का नाम तुत िकया तथा राज साद ने उसका अनुमोदन िकया। मौलाना
अबुल कलाम आजाद क नेतृ व म भी राँची म एक ऐसा ही ताव पास िकया गया, िजसम अं ेज क साथ
असहयोग क बात क गई। 19 माच, 1920 को मुसलमान ने पूर िबहार म हड़ताल क । मुंगेर, भागलपुर,
मुज फरपुर, आरा एवं डालटनगंज म इसका यापक असर देखा गया। अ ैल म ‘िखलाफत आंदोलन’ क शीष
नेता मौलाना शौकत अली का पटना म आगमन आ। उनक सभाएँ िबहार क अनेक थल पर आयोिजत क गई।
‘िखलाफत आंदोलन’ क समथक म मौलाना मजह ल हक, ज िकशोर साद, राज साद, मुह मद सफ ,
मौलाना नू ल हसन, धरनीधर साद आिद मुख थे।
देश म कवल गुजरात एवं िबहार ही दो ऐसे ांत थे, िजनक ांतीय स मेलन ने कलक ा अिधवेशन क
पूव ही असहयोग का आ ान िकया था।
असहयोग आंदोलन
मुसलमान ने तुक क खलीफा क साथ अं ेज क ारा िकए गए दु यवहार क बदले ‘िखलाफत आंदोलन’
चलाने का फसला िकया। गांधीजी क नेतृ व म कां ेस ने भी अपना असंतोष य करने हतु ‘असहयोग आंदोलन’
चलाने का फसला िकया। 18-29 अग त, 1920 को िबहार ांतीय स मेलन का बारहवाँ अिधवेशन भागलपुर म
राज साद क अ य ता म संप आ। असहयोग संबंधी ताव दरभंगा क बाबू धरनीधर ने तुत िकया और
मुंगेर क शाह मुह मद जुबैर, पटना क गुलाम इमाम और मोितहारी क बाबू गोरख साद ने इसका अनुमोदन िकया।
ताव को भारी ब मत से वीकित दान क गई तथा पूर देश म ‘असहयोग आंदोलन’ चलाने का िनणय िलया
गया। देश म कवल गुजरात एवं िबहार ही दो ऐसे ांत थे, िजनक ांतीय स मेलन ने कलक ा अिधवेशन क पूव
ही असहयोग का आ ान िकया था। इस स मेलन म गांधीजी ारा सुझाए गए असहयोग काय म को ि या वत
करने हतु यावहा रक योजना तैयार क गई तथा एक सिमित का गठन िकया गया, िजसक सद य राज साद,
मजह ल हक तथा शाह मुह मद जुबैर थे।
िसतंबर, 1920 ई. लाला लाजपत राय क अ य ता म आयोिजत कलक ा क िवशेष अिधवेशन म गांधीजी क
असहयोग काय म को वीकार िकया गया तथा नागपुर म कां ेस क वािषक अिधवेशन म ‘असहयोग आंदोलन’
को पूण वीकित दान क गई। इसक अंतगत ऌप रषद क चुनाव का बिह कार भी िकया गया। प रणाम व प
मजह ल हक, राज साद, ज िकशोर साद, गोरख साद, धरनीधर साद तथा मुह मद सफ ने प रष क
उ मीदवारी से नाम वापस ले िलया। अनु ह नारायण िसंह, जनंदन साद, मथुरा साद, दीपनारायण िसंह,
ीक ण िसंह इ यािद ने अपनी वकालत छोड़ दी। छपरा क अवैतिनक दंडािधकारी मह साद ने अपने पद से
याग-प दे िदया। उ र िबहार क ‘िकसान आंदोलन’ क नेता वामी िव ानंद ने सरकारी नीितय क आलोचना
क । पटना लॉ कॉलेज क छा सैयद मुह मद शेर और िबहार नेशनल कॉलेज क छा अ दुल बारी एवं मुह मद
साक ने कॉलेज छोड़ िदया तथा बाद म अ दुल बारी उ पंथी नेता मािणत ए। िदसंबर, 1920 म अपनी
अ पकािलक िबहार या ा क म म गांधीजी क भाव व प 1921 ई. म रा ीय कल खोले गए। 5 जनवरी,
1921 को गांधीजी क इ छानुसार िबहार रा ीय महािव ालय क थापना क गई। 6 फरवरी, 1921 को जब
गांधीजी िबहार आए तो उ ह ने रा ीय महािव ालय एवं िबहार िव ापीठ का औपचा रक उ ाटन िकया। िबहार
िव ापीठ क कलपित एवं ितकलपित क पद पर मशः मजह ल हक और ज िकशोर साद तथा रा ीय
महािव ालय क ाचाय क पद पर राज साद आसीन ए। जुलाई, 1922 तक मुंगेर म ही कवल 6 रा ीय
िव ालय खोले गए। बाल गंगाधर ितलक क देहांत पर ितलक वराज कोश क थापना क गई। इसक िलए िबहार
ादेिशक कां ेस कमेटी ने एक ितलक वराज कोश सिमित का गठन िकया, िजसक संयोजक ीक ण बाबू बनाए
गए। 1921 ई. क अंत तक भारत का ांितकारी आंदोलन ऊचे िशखर पर प च चुका था। भारतीय जनता क साथ-
साथ िबहार म भी आंदोलन का यापक असर देखा जा रहा था। ऐसे म आंदोलन को दबाने क उ े य से ि िटश
सा ा यवािदय ने वयं युवराज ि ंस ऑफ वे स को भारत भेजा। 22 िदसंबर, 1921 को जब ि ंस ऑफ वे स
पटना आए, तब पूर शहर म हड़ताल रही। िबहार छा स मेलन ने अपने 16व अिधवेशन म हजारीबाग म सरला
देवी क अ य ता म ि ंस ऑफ वे स क बिह कार का िनणय िलया गया। िवरोध क इस कारवाई म िबहार क
अनेक नेता िगर तार ए तथा उन पर कठोर अ याचार िकया गया। इसका वणन मजह ल हक ने अपने प ‘द
मदर लड’ म िकया ह।
5 फरवरी, 1922 को उ र देश क देव रया म चौरी-चौरा नामक थान पर आंदोलनकारी िकसान ने थाने पर
हमला कर कई पुिलसकिमय को आग क हवाले कर िदया। महा मा गांधी को इस घटना ने त ध कर िदया और
उ ह ने ‘असहयोग आंदोलन’ को त काल वापस ले िलया। इस कार भारत सिहत िबहार म भी ‘असहयोग
आंदोलन’ कमजोर पड़ गया।
सिवनय अव ा आंदोलन
साइमन कमीशन क असफलता, ि िटश सा ा यवािदय का बढ़ता अ याचार, देशभर म बढ़ते सां दाियक दंग,े
रा वादी ांितका रय का आंदोलन जैसे अनेक कारण ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ को ज म देने म मह वपूण
भूिमका िनभाई। गांधीजी ारा वायसराय इरिवन क सम 11 सू ी ताव पेश िकया गया, िजनम मु य थे—संपूण
मिदरा िनषेध, भूिम लगान आधा हो, नमक कर का उ मूलन, िविनमय क दर म कमी कर एक िशिलंग चार पश
कर दी जाए, सेना संबंधी यय म 50 ितशत क कटौती, िवदेशी व क आयात पर रोक, वेतन म कटौती,
राजनीितक बंदी क रहाई, आ मर ा क िलए हिथयार रखने का लाइसस आिद। लॉड इरिवन ने गांधीजी क इन
माँग पर कोई यान नह िदया, िजसक कारण गांधीजी ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ ारभ करने का िन य
िकया।
5 जनवरी, 1921 को गांधीजी क इ छानुसार िबहार रा ीय महािव ालय क थापना क गई। 6
फरवरी, 1921 को जब गांधीजी िबहार आए तो उ ह ने रा ीय महािव ालय एवं िबहार िव ापीठ का
औपचा रक उ ाटन िकया।
12 माच, 1930 को गांधीजी ने 78 अनुयाियय क साथ साबरमती आ म से दांडी-या ा ारभ क । 24 िदन क
बाद लगभग 200 मील क ऌपैदल या ा कर 6 अ ैल, 1930 को दांडी प चकर गांधीजी ने नमक बनाकर नमक
कानून का उ ंघन िकया। दांडी माच म गांधीजी क साथ िबहार क िग रवरधारी चौधरी उफ ‘कारो बाबू’ ने भाग
िलया। शी ही यह आंदोलन िबहार क लगभग सभी े म आग क तरह फल गया। इस आंदोलन का नेतृ व
पटना म जग नारायण लाल, दरभंगा म स य नारायण िस हा एवं चतुरानन दास, मुंगेर म ीक ण िसंह और नंद
कमार िसंह, सारण म िगरीश ितवारी, चंि का िसंह, भरत िम एवं ी नारायण साद िसंह तथा मुज फरपुर म
रामदयालू िसंह, कनकधारी साद ठाकर, रामनंदन िसंह जैसे लोग ने िकया।
दांडी माच म गांधीजी क साथ िबहार क िग रवरधारी चौधरी उफ ‘कारो बाबू’ ने भाग िलया। शी ही
यह आंदोलन िबहार क लगभग सभी े म आग क तरह फल गया।
‘सिवनय अव ा आंदोलन’ शहरी े से ामीण े क ओर तेजी से बढ़ा और ामीण ने भी इस आंदोलन म
बढ़-चढ़कर भाग िलया। िवदेशी व का दहन, शराब क दुकान पर धरना तथा अ य रचना मक काय इस
आंदोलन क मु य काय म थे। मिहला ने भी इस आंदोलन म बढ़-चढ़कर भाग िलया। छोटानागपुर क ताना
भगत ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म अिहसा मक प से बड़ पैमाने पर सरकार का िवरोध दशन िकया। छा
ने सरकारी कल छोड़ िदए, सरकारी नौकरी से अनेक लोग ने याग-प दे िदया, वक ल ने अपनी वकालत
छोड़ दी तथा अनेक लोग ने सरकारी उपािधय का याग कर आंदोलन का जहाँ एक ओर समथन िकया, वह
दूसरी ओर सरकार क ित अपना िवरोध दशन िकया। आंदोलन का अं ेजी शासन ने कठोरता क साथ दमन
िकया। िबहार म लगभग 13 हजार आंदोलनका रय क िगरऌ तारी ई तथा उन पर अनेक अ याचार िकए गए।
1930 ई. म इस आंदोलन क दौरान बढ़ही शहर पर आंदोलनका रय ने अपना अिधकार कर िलया था।
4 मई, 1930 को गांधीजी िगर तार िकए गए तथा िबहार म ीक ण िसंह सिहत अ य मुख नेता को
िगर तार िकया गया। राज साद एवं अ दुलबारी को गंभीर चोट आई। 9 मई, 1930 को िबहार क कां ेस कमेटी
ने अनु ह नारायण िसंह क अ य ता म ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ को वीकार िकया। इस आंदोलन क दौरान
िबहार म ‘चौक दारी कर बंदी आंदोलन’ काफ लोकि य आ। ‘नमक आंदोलन’ म पटना क ‘नखासिपंड
आंदोलन’ ने मह वपूण भूिमका िनभाई। 16 अ ैल 1930 को नमक कानून भंग करने क िलए पटना क नखासिपंड
नामक थान को चुना गया तथा ‘नखासिपंड चलो’ का नारा िदया गया। पटना नगर कां ेस कमेटी क सिचव और
अंिबका कांत िसंह क नेतृ व म कां ेस कायालय स या िहय का जुलूस नखासिपंड क ओर रखाना आ। यह
आंदोलन 16 अ ैल से 21 अ ैल, 1930 तक चला। इस समय एक और जुलूस रामवृ बेनीपुरी क नेतृ व म
नखासिपंड क ओर जा रहा था। पटना क अलग-अलग थान पर दशनका रय को रोका जा रहा था एवं उ ह
बंदी बनाया जा रहा था। कई थान पर आंदोलनका रय पर लाठी चलाई गई, िजसम ो. अ दुल बारी घायल हो
गए। बेनीपुरीजी, रामनाथ और अंिबका कांत िसंह को िगर तार कर छह-छह महीने क सजा दी गई। इसक िवरोध
म हसन इमाम क अ य ता म पटना क भवर-पोखर मैदान म एक सभा का आयोजन िकया गया, िजसका
आयोजन राज साद, अली इमाम और सि दानंद िस हा ारा िकया गया था।
चौक दार कर बंदी आंदोलन (1930 ई.) सबसे पहले मुंगेर, भागलपुर, सीवान आिद िजल म शु आ। इन
िजल म लोग ने चौक दारी कर देना बंद कर िदया और चौक दार को याग-प देने क िलए बा य िकया। यह
आंदोलन दरभगा, पटना, शाहाबाद, चंपारण, मुंगेर, पूिणया आिद े म भी फल गया, जहाँ लोग ने चौक दारी
कर देना बंद कर िदया था। 31 मई, 1930 को चौक दारी कर क िवरोध म भागलपुर क िबहपुर गाँव म वयंसेवक
का िनयिमत िश ण िशिवर ारभ आ, िजसे अवैध घोिषत कर िदया गया और पुिलस ारा कां ेस आ म पर
क जा कर िलया था गया। डॉ. राज साद और अ दुल बारी ने इसक िवरोध म िबहपुर म एक िवशाल रली का
आयोजन िकया, िजस पर पुिलस ने लाठी बरसाई। राज साद और अ दुल बारी को पुिलस लाठी चाज म गंभीर
चोट आई। 30 जून, 1930 को कां ेस को अवैध सं था घोिषत कर िदया गया तथा 5 जुलाई, 1930 को राज
साद को िगर तार कर िलया गया। िबहपुर थाने क लगभग 130 चौक दार ने इस घटना क िवरोध म याग-प दे
िदया था।
9 मई, 1930 को िबहार देश कां ेस कमेटी ने िवदेशी व और शराब क दुकान क आगे धरना देने का
ताव पा रत िकया था। इस ताव से े रत होकर छपरा जेल क किदय ने िवदेशी व को पहनने से इनकार
कर िदया और वदेशी व क माँग क । वदेशी व नह िमलने पर इन किदय ने कई िदन तक नंगे रहने का
िन य िकया, िजसे नंगी हड़ताल (1930 ई.) क नाम से जाना जाता ह। किदय क इस आचरण क आगे िववश
होकर जेल शासन को वदेशी व उपल ध कराने पड़।
12 माच, 1931 म पटना म राज साद क अ य ता म एक सभा ई, िजसम राजनीितक किदय को त काल
रहा करने क माँग क गई। 23 माच, 1931 को भगत िसंह एवं उनक सािथय को फाँसी िदए जाने क कारण
पटना सिहत पूर रा य म यापक िवरोध दशन िकया गया। 26 माच को पटना म पूण हड़ताल रही। 28 िदसंबर,
1931 को महा मा गांधी गोलमेज स मेलन से िनराश होकर भारत लौट और पुनः आंदोलन को तेज करने का
आ ान िकया। 4 जनवरी, 1932 को राज साद, ज िकशोर साद, क ण व भ सहाय, जग नारायण दास,
मथुरा साद, जापित िम जैसे नेता को िगर तार कर िलया गया। 7 जनवरी को ीक ण िसंह, नामधारी िसंह,
तेज वी साद एवं राम साद गु को तथा 9 जनवरी को िनरापण मुखज को िगर तार कर िलया गया। 26
जनवरी को पूर ांत म ‘ वाधीनता िदवस’ मनाया गया।
1932 ई. को ि िटश धानमं ी मैक डोना ड ने भारत क िहदू समाज म फट डालने क उ े य से सां दाियक
पंचाट क घोषणा क , िजसका महा मा गांधी ने िवरोध िकया तथा आमरण अनशन शु िकया। भीमराव अंबेडकर
एवं महा मा गांधी क बीच इस िवषय पर पूना समझौता आ और सां दाियक पंचाट को वापस ले िलया गया।
ह रजन क उ थान क िलए गांधीजी ने ‘ह रजन सेवक संघ’ क थापना क , िजसक अनेक शाखाएँ िबहार म भी
खोली गई। िबहार क जगजीवन राम एवं जगलाल चौधरी जैसे नेता ने ह रजन सेवक संघ म मह वपूण भूिमका
िनभाई। ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ 1933 ई. क म य आते-आते भावहीन होने लगा और उसको वापस लेने पर
िवचार िकया जाने लगा। तदनुसार 18 मई, 1933 को िबहार म कां ेस ने अपना आंदोलन थिगत कर िदया।
िवनोबा भावे थम य गत स या ही बने। िबहार म इस आंदोलन का काफ अ छा भाव पड़ा। 27
नवंबर, 1940 को िबहार म ीक ण िसंह थम स या ही बने।
य गत स या ह
1940 ई. म िबहार क रामगढ़ नामक थान पर भारतीय रा ीय कां ेस का 53वाँ अिधवेशन मौलाना अबुल
कलाम आजाद क अ य ता म संप आ। इस अिधवेशन म महा मा गांधी ने य गत स या ह का नारा िदया।
िवनोबा भावे थम य गत स या ही बने। िबहार म इस आंदोलन का काफ अ छा भाव पड़ा। 27 नवंबर,
1940 को िबहार म ीक ण िसंह थम स या ही बने। इस स या ह म छोटानागपुर क ताना भगत ने भी बढ़-
चढ़कर िह सा िलया। 27 नवंबर को ही ीक ण िसंह को िगर तार कर िलया गया, िजसक िबहार म ती
िति या ई। दूसर स या ही अनु ह नारायण बने, िज ह पटना िसटी म भाषण देते समय िगर तार िकया गया।
गया म गौरशंकर िसंह ने तथा िसलाव म यामनारायण िसंह ने स या ह का नेतृ व िकया। गया म कछ मिहलाएँ भी
स या ह क आरोप म िगर तार ई, िजनम ि यंवदा देवी, जगतरानी देवी, जानक देवी आिद मुख थ ।
भारत छोड़ो आंदोलन
1939 ई. म िविभ ांत म 28 माह तक सरकार चलाने क बाद कां ेस ने इ तीफा दे िदया था। इसक साथ ही
अं ेज क िव एक बड़ आंदोलन क भूिमका तैयार हो चुक थी। य िप 1940 ई. म य गत स या ह ारा
अपनी माँग को पूरा करवाने क कोिशश क गई थी, लेिकन इसम असफलता हाथ लगी थी। अमे रका तथा अ य
िम रा क ारा ि टन पर यह दबाव डाला गया िक वह तीय िव यु म भारतीय का िव ास ज द से
ज द हािसल कर। 22 माच, 1942 को यु काल म उ प प र थितय को शांत करने क िलए किबनेट िमिन टर
सर टड फोड ि स क नेतृ व म एक िमशन ि टन से भारत आया था, िजसे ‘ि स िमशन’ कहा जाता ह। ि स
ने भारतीय नेता को आ ासन िदया िक यु समा क बाद भारत को औपिनवेिशक रा य का दजा दे िदया
जाएगा, लेिकन महा मा गांधी ने ‘ि स िमशन’ क ताव को यह कहते ए अ वीकार कर िदया था िक यह
‘पो ट डटड चेक’ ह।’ पं. नेह ने भी इस समय कहा िक मेर पुराने िम ि स शैतान क वक ल बनकर आए ह।
8 अग त, 1942 को अिखल भारतीय कां ेस का अिधवेशन बंबई क वािलयर टक मैदान, िजसे अब
‘अग त ांित मैदान’ कहते ह, म बुलाया गया, िजसम गांधीजी क नेतृ व म ‘भारत छोड़ो आंदोलन’
ारभ करने का ताव पा रत िकया गया।
इस कार ि स िमशन क असफलता एवं तीय िव यु म जापान क लगातार सफलता ने भारतीय
जनमानस को एक बड़ा आंदोलन ारभ करने पर िववश िकया। 14 जुलाई, 1942 को वधा म कां ेस कायका रणी
क बैठक बुलाई गई और भारत से ि िटश शासन का शी अंत करने का िनणय िलया गया। 8 अग त, 1942 को
अिखल भारतीय कां ेस का अिधवेशन बंबई क वािलयर टक मैदान, िजसे अब ‘अग त ांित मैदान’ कहते ह, म
बुलाया गया, िजसम गांधीजी क नेतृ व म ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ ारभ करने का ताव पा रत िकया गया। इस
समय कां ेस क अ य मौलाना आजाद ने कहा, ‘‘कौम चुपचाप देखती नह रह सकती, जब उसक तकदीर का
फसला होने जा रहा हो।’’ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का ताव पं. जवाहरलाल नेह ारा पेश िकया गया था तथा
सरदार व भ भाई पटल ने इसका समथन िकया था। इस समय गांधीजी ने कहा िक यह अंितम संघष ह—अं ेजो
भारत छोड़ो। उ ह ने ‘करो या मरो’ का नारा िदया। य िप इस आंदोलन क िलए सबसे अंत म जवाहरलाल नेह
तैयार ए थे।
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म िबहार का मह वपूण योगदान रहा ह। इस आंदोलन म सवािधक भािवत े िबहार
एवं पूव उ र देश था। 31 जुलाई, 1942 को राज साद ने िबहार कां ेस कायकता को भावी संघष क िलए
तैयार रहने को कहा था। उसी िदन छा एवं युवक ने पटना क अंजुमन इ लािमया हॉल म एक सभा कर राज
साद को अपना समथन िदया था। 8 अग त को महा मा गांधी को भारत छोड़ो ताव पा रत होने क कछ ही घंट
बाद िगर तार कर िलया गया। देखते ही देखते संपूण देश म आंदोलन ती हो गया। िवरोध दशन एवं सभा का
काय म तेजी से आरभ हो गया। इस आंदोलन म िबहार क आंदोलनका रय को अिधकतम 51 वष तक क सजा
दी गई तथा पूर रा य पर सामूिहक प से 40 लाख पए क वसूली जुमाना क प म क गई।
पटना म 9 अग त को राज साद को भारत र ा अिधिनयम क तहत िगर तार कर बाँक पुर स ल जेल म रखा
गया था। रा य म सामूिहक जुमाना अ यादेश लागू कर िदया गया था। 10 अग त को पटना क किम नर
ड यू.जी. आचर क आदेश पर ीक ण िसंह को िगर तार कर बाँक पुर जेल म रखा गया। उस समय बलदेव
सहाय ने महािधव ा क पद से याग-प िदया था। 10 अग त को दानापुर म सीताराम कसरी और हरराम क ण
िसंह क नेतृ व म एक जुलूस िनकाला गया। पटना थत कदमकआँ म मिहला चरखा सिमित क मिहला ने
राज साद क बहन भगवती देवी क अ य ता म एक सभा का आयोजन िकया, िजसम जग नारायण लाल क
प नी राम यारी देवी एवं सुंदरी देवी ने भी िह सा िलया। इसी िदन गांधी मैदान (बाँक पुर मैदान) म एक सभा
आयोिजत क गई, िजसम यह िनणय िलया गया िक सिचवालय भवन पर झंडा फहराया जाएगा। 11 अग त, 1942
को पटना क छा क एक जुलूस ने सिचवालय भवन पर झंडा फहराने का यास िकया। पटना िजला क कले टर
ड यू.जी. आचर ने उन पर गोली चलाने का आदेश िदया, िजसक कारण उमाकांत िस हा, सतीश साद झा,
देवीपद चौधरी, रामानंद िसंह, राज िसंह, रामगोिवंद िसंह तथा जगपित कमार शहीद हो गए।
11 अग त को शहीद होनेवाले थम आंदोलनकारी रामानंद िसंह पटना िजला क धन आ थाना थत शहादत
नगर ाम क िनवासी थे। इनक िपता का नाम ल मण िसंह एवं माता का नाम ीमती अ तीया देवी था। ये 1942
ई. म पटना क राममोहन राय सेिमनरी म 11व क ा म अ ययनरत थे। शहीद उमाकांत साद िस हा, जो रमणजी
क नाम से भी जाने जाते ह, का ज म 4 अपै्रल, 1923 को सारण िजले क नर पुर गाँव म आ था। 1942 ई. म ये
पटना क राम मोहन राय सेिमनरी म 11व क िश ा हण कर रह थे। शहीद सतीश साद झा का ज म भागलपुर
िजले क खड़हरा गाँव म आ था। इनक िपता का नाम जगदीश साद झा और माता का नाम ीमती ि पुरा देवी
था। ये पटना थत पटना कॉलेिजएट कल म िश ा हण कर रह थे। शहीद जगपित कमार का ज म 1923 ई. म
औरगाबाद िजले क ओबरा थाना क खराटी गाँव म आ था। इनक िपता का नाम सुखराज बहादुर और माता का
नाम देवरानी कवर था। शहीद जगपित कमार पटना क. बी.एन. कॉलेिजएट कल म अ ययन कर रह थे।
शहीद देवीपद चौधरी का ज म 16 अग त, 1928 को जमालपुर क िसलहट गाँव म आ था। इनक चाचा
राकश चं चौधरी, जयशंकर चौधरी और योग चं चौधरी वतं ता सेनानी थे। इनक प रवार क एक अ य सद य
कालीपद चौधरी को थाने म आग लगाने क जुम म 2 वष क सजा दी गई थी। देवीपद चौधरी पटना क िमलर हाई
कल क छा थे। वतमान म पटना िमलर हाई कल का नाम इ ह क नाम पर देवीपद चौधरी हाई कल ह।
देवीपद चौधरी और उनक िपता क ऊपर िलखी गई पु तक ‘देशसेवक िपता और शहीद पु ’ ह। शहीद राज िसंह
का ज म 5 िदसंबर, 1924 को सारण िजले क सोनपुर थाना क बनवारीचक गाँव म आ था। इनक िपता का नाम
िशवनारायण िसंह तथा माता का नाम ीमती जीरादेवी था। ये पटना थत िमलर हाई कल क छा थे। ये सदाकत
आ म म रहनेवाले नथुनी शमा ारा वतं ता संबंधी कहािनयाँ सुनते रहते थे, िजसक कारण इनक जीवन पर देश
क वतं ता क छाप पड़ने लगी। शहीद रामगोिवंद िसंह का ज म 1925 ई. म पटना िजले क दशरथा गाँव म आ
था। इनक िपता का नाम देवक नंदन िसंह और माता का नाम ीमती राम कवर देवी था। ये पटना िजला थत
पुनपुन हाई कल क छा थे। इस कल म वतं ता काल म महा मा गांधी और अ दुल ग फार खाँ जैसे नेता
आए थे, िजनक दशन का भाव इनक जीवन पर पड़ा था।
अं ेज ारा क गई इस कायरतापूण कारवाई से संपूण िबहार और अिधक आंदोिलत हो उठा। 12 ताव
पा रत कर सरकारी ित ान को पूण प से ठप करने का आ ान िकया गया। अनेक थान पर लोग िहसक हो
गए तथा ि िटश सेना क अिधका रय को मार भगाया। 13 अग त को गया म ी जग ाथ िम , ी कलाश राम
एवं ी मुई भी पुिलस क गोली क िशकार ए। 16 अग त, 1942 को ब सर िजला क डमराव म आंदोलन क
म म किपल मुिन, रामदास िव कमा, गोपाल कहार, सुखारी कहार, साधुशरण अहीर एवं बाले र दूबे क
पुिलस क गोली लगने से मृ यु हो गई।
11 अग त को शहीद होनेवाले थम आंदोलनकारी रामानंद िसंह पटना िजला क धन आ थाना थत
शहादत नगर ाम क िनवासी थे।
इस आंदोलन म सीवान िजला क महाराजगंज थाना पर झंडा फहराने क म म फलेना साद ीवा तव क
गोली लगने से मृ यु हो गई। फलेना साद क प नी तारा रानी ने थाना भवन पर झंडा फहरा िदया, िजसक बाद
उ ह िगर तार कर िलया गया। फलेना साद ीवा तव का ज म सीवान िजले क पचलखी गाँव म 1914 ई. म
आ था। 1933 ई. से अपनी प नी तारा देवी क साथ महा मा गांधी क वधा आ म म जाकर रहने लगे थे। वे
1936 ई. म उ िश ा ा करने क िलए लखनऊ चले गए, जहाँ सरकार क शोषणवादी नीितय क िखलाफ
जन-जागरण करने लगे, िजसक कारण फलेना साद एवं उनक प नी को जेल जाना पड़ा। जेल से छटने क बाद
अग त, 1942 क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म महाराजगंज म 16 अग त को वंसा मक कमेटी गिठत क गई थी,
िजसने एक बड़ जुलूस का आयोजन िकया था। जुलूस सरकारी िच क तोड़फोड़ करते ए थाने पर झंडा
फहराने क िलए प चा, िजसम फलेना साद क पुिलस क गोली लगने से मृ यु हो गई। इस घटना का वणन
उनक प नी तारा देवी ने ‘उनक याद’ शीषक पु तक म िकया ह। ी मह र साद 15 अग त, 1942 को सारण
िजले क सोनापुर रलवे टशन क पास गोली लगने से शहीद हो गए।
सीतामढ़ी क चैनपुर गाँव क ी जु बा सहनी ने 15 अग त, 1942 को आंदोलनका रय क साथ मीनापुर थाने पर
हमला कर िदया तथा थानेदार बॉलर को भीड़ ने िजंदा जला िदया। इस घटना क बाद जु बा सहनी को बॉलर क
ह या क जुम म िगर तार कर िलया गया और मुजऌ फरपुर म बनवारी लाल क साथ उ ह फाँसी दे दी गई।
जु बा सहनी का ज म 1906 ई. म चैनपुर गाँव म आ था। इनक िपता का नाम पाचू सहनी था। ारभ म
िभखनपुर चीनी िमल म मजदूरी का काम करते थे। चीनी िमल म अं ेज सुपरवाइजर से इनक झड़प हो गई।
अतः सुपरवाइजर को पीटने का आरोप लगाकर इनक िखलाफ वारट जारी िकया गया। इ ह ने महा मा गांधी
ारा चलाए गए ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म बढ़-चढ़कर िह सा िलया। 1932, 1934 और 1942 म इ ह
जेल जाना पड़ा था। इ ह ने गाँव-गाँव घूमकर ‘नमक स या ह आंदोलन’, शराब क दुकान पर धरना, चौक दारी
ट स का िवरोध िवदेशी कपड़ का बिह कार संबंधी अिभयान चलाया। 1932 ई. म मुज फरपुर म शराब क
दुकान पर धरना देने क समय पुिलस ने इनपर लािठय से हार िकया। उसी समय जब पं. जवाहरलाल नेह
मुज फरपुर आए, तब उ ह ने कहा था िक जु बा भाई, इस लड़ाई म आप अकले नह ह, आपक साथ हम सभी
ह, सारा भारत आपक साथ ह। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म जब इनक िखलाफ वारट जारी िकया गया, तब इ ह ने
56 सािथय क ाण-र ा क िलए आ मसमपण कर िदया था। 38 वष क उ म 11 माच, 1944 को इ ह
फाँसी दे दी गई।
जु बा सहनी का ज म 1906 ई. म चैनपुर गाँव म आ था। इनक िपता का नाम पाचू सहनी था। ारभ म
िभखनपुर चीनी िमल म मजदूरी का काम करते थे।
13 अग त को मुंगेर म ‘आजाद िहदु तान’ नाम का एक लघु समाचार-प कािशत िकया गया, िजसम
सरकारी दमन का िवरोध िकया गया था। इसक जवाब म सरकार क तरफ से भी 26 अग त, 1942 से ‘मुंगेर
यूज’ नामक अखबार िनकाला जाने लगा, िजसम सरकार अपनी उपल धय को चा रत करने लगी।
इस आंदोलन क दौरान हाजीपुर म ी अमीर राय क पु क गोली लगने से मृ यु हो गई। 14 अग त, 1942 को
मधुबनी म सरकारी इमारत पर रा ीय वज फहराने क म म ी अकलू सा , गणेशी ठाकर और नथुनी शाह
शहीद हो गए। पूिणया म 27 अग त, 1942 को समाहरणालय पर झंडा फहराने का नेतृ व योग नारायण िसंह,
परमे र दास, शेख इसाहाक, मोती मंडल, सुखदेव भगत, कताई सा कर रह थे। इस म म ये सभी पुिलस क
गोली लगने से शहीद हो गए। इसी िदन किटहार म एक जुलूस ने थाने का घेराव िकया और रिज ी ऑिफस को
जला िदया गया। इस घटना से आ ोिशत होकर सरकार ने भीड़ पर गोली चलवा दी, िजसम धु्रव कमार कड,
रामाशीष िसंह, िबहारी शाह, रामाधार िसंह, कलानंद मंडल, दामोदर िसंह और मुंशी शाह क मृ यु हो गई। 29
अग त, 1942 को सहरसा म आंदोलनका रय पर गोली चलने से छह युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
इन आंदोलनका रय का नेतृ व काले र मंडल कर रह थे। सहरसा क न रयार गाँव क कदारनाथ ितवारी एवं
एकाढ़ गाँव क धीरो राय क मृ यु पुिलस क िपटाई क कारण भागलपुर जेल म ई थी।
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म िबहार क समाजवािदय —जय काश नारायण, राममनोहर लोिहया, अ णा आसफ
अली, अ युत पटवधन, शािल ाम िसंह, सूरज नारायण िसंह, सीताराम िसंह, गुलाबी सोनार, योग शु ा,
रामानंदन िम , गंगाशरण िसंह तथा अ य लोग ने मह वपूण भूिमका िनभाई। 1942 ई. म ही जय काश नारायण
को िगर तार कर हजारीबाग जेल म डाल िदया था। 1942 ई. म ही 8 नवंबर को दीपावली क रात म जय काश
नारायण, योग शु , सूय नारायण िसंह, गुलाली साद, शािल ाम िसंह और रामानंद िम जेल क दीवार
लाँघकर भाग िनकले। इन लोग क साथ िस सािह यकार रामवृ बेनीपुरी भी हजारीबाग स ल जेल म कद
थे, िज ह ने जेल से भागने म इन लोग क मदद क । जय काश नारायण अपने सभी सािथय क साथ सबसे
पहले गया प चे। गया प चने क म म ततरा गाँव क लोग ने इन लोग को मदद प चाई। गया क मानपुर होते
ए राजगीर क ओरल गाँव प चे। राजगीर से बनारस प चे। बनारस से अपने कछ सािथय क साथ नेपाल क
तराई म शरण ली। नेपाल म ही उ ह ने ‘आजाद द ते’ का िनमाण िकया तथा भूिमगत होकर आंदोलन का नेतृ व
िकया। आजाद द ते ने छापामार यु क णाली अपनाई। आजाद द ता म युवक को श का िश ण िदया
जाता था तथा सरकारी इमारत , संचार एवं रल प रवहन क साधन क तोड़-फोड़ एवं ि िटश सरकार क
िखलाफ आंदोलन क िलए भेजा जाता था। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क मुख नेता क िगर तार हो जाने क
कारण अपने अंितम चरण म यह आंदोलन समाजवािदय क हाथ म आ गया था, िजसक कारण इस आंदोलन म
कषक एवं मजदूर वग क भागीदारी बढ़ी। 1943 ई. क अंत तक िबहार म हजार िगर ता रयाँ ई।
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म िबहार क िसयाराम दल ने मह वपूण भूिमका िनभाई थी। इस सेना का गठन भागलपुर
िजले क ितलकपुर िनवासी िसयाराम िसंह ारा िकया गया था। इस दल क मुख सद य पाथसारथी (खगिड़या
यायामशाला म अनुदेशक), िन यानंद िसंह (सेना क नौकरी से याग-प िदया था) तथा िबंदे री िसंह
(िनशानेबाज) थे। दीना और भुवने र ठाकर अ -श जुटाने का काम िकया करते थे। िसयाराम दल एक गु
श संगठन था, जो नौजवान को अ -श चलाने का िश ण देता था तथा िजसका उ े य गाँव क जनता
को संगिठत कर ाम वराज क थापना करना था। िसयाराम दल ने छापामार द ता तैयार कर छापामार णाली
को अपनाया तथा दो वष तक आंदोलन को चलाया। इस दल क मुख िसयाराम िसंह ने उ री-पूव िबहार क
अनेक िजल का दौरा िकया। जय काश नारायण क सलाह से 12 िदसंबर, 1942 को नेपाल म चतुरानन िसंह क
घर पर एक बैठक आयोिजत क , िजसक अ य ता िशव-शंकर साद मंडल ने क थी। 5 िदसंबर 1942 को
िसयाराम दल ने भागलपुर क िबहपुर म सभा का आयोजन कर शांित ि गेड एवं सैिनक ि गेड का गठन िकया।
इस तरह ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ अं ेजी नीितय क िखलाफ भारतीय जनता क जना ोश का प रणाम था। यह
आंदोलन एक तरह से ‘ वतं ता आंदोलन’ क समा का प रचायक भी था, य िक इसक बाद वतं ता- ा
क िलए स ा ह तातंरण क िलए वाता का दौर चला।
आजाद िहद फौज म ांितका रय क भूिमका
तीय िव यु क समय 15 फरवरी, 1942 तक जापान का िसंगापुर पर अिधकार हो चुका था। िम रा
क थित यु म खराब हो रही थी। ब त सार भारतीय को बंदी बना िलया गया था। इन भारतीय बंदी सैिनक
का स मेलन रासिबहारी बोस ने टो यो म 28 माच, 1942 को बुलाया, िजसम इिडयन नेशनल आम (INA) क
गठन का फसला िलया गया। 23 जून, 1942 को रासिबहारी बोस क अ य ता म बकॉक म भारतीय एकता लीग
का गठन िकया गया तथा सुभाषचं बोस को जमनी से जापान बुलाने का िनणय िलया गया। क टन मोहन िसंह ने
सबसे पहले INA क गठन का िवचार िदया तथा उ ह इसका कमांडर िनयु िकया गया। 4 जुलाई, 1943 को
िसंगापुर म सुभाषचं बोस ने इसका नेतृ व सँभाला।
क टन मोहन िसंह ने सबसे पहले INA क गठन का िवचार िदया तथा उ ह इसका कमांडर िनयु
िकया गया।
िसंगापुर म 21 अ ूबर, 1943 को सुभाषचं बोस ने ोिवजनल गवनमट ऑफ आजाद िहद नामक ांतीय
सरकार का गठन िकया तथा वह से रिडयो सारण िकया। इस ांतीय सरकार क मंि मंडल म िबहार क आनंद
मोहन सहाय जनरल से टरी थे। आनंद मोहन सहाय का ज म भागलपुर क जम दार प रवार म 10 िदसंबर, 1898
ई. को आ था। इनक िपता का नाम लालमोहन सहाय था। भागलपुर से मैि क एवं आई.एस-सी. क परी ा
उ ीण करने क बाद इ ह ने पटना मेिडकल कॉलेज म दािखला िलया, लेिकन उस समय देश म चल रह
‘असहयोग आंदोलन’ क भाव म आकर 1921 ई. म अपनी पढ़ाई छोड़ दी। त प ा इ ह ने 1922 तक डॉ.
राज साद क िनजी सिचव क प म काय िकया।
1922 ई. क गया कां ेस अिधवेशन क दौरान इनक मुलाकात सुभाषचं बोस से ई। गया कां ेस अिधवेशन क
अ य िचतरजन दास क इस समय सुभाषचं बोस िनजी सिचव थे। नेताजी से मुलाकात क बाद 1922-25 ई.
तक आनंद मोहन सहाय जापान म रह। इस अविध म ये ांितकारी रासिबहारी बोस और राजा मह ताप क
संपक म आए। रासिबहारी बोस िद ी म वायसराय पर बम फककर जापान चले गए थे। राजा मह ताप ने
थम िव यु क समय अफगािन तान म ांतीय सरकार का गठन िकया था, िजसक कारण ि िटश सरकार ने
उ ह पूर प रवार क साथ िगर तार कर िलया था, लेिकन वे कद से भागकर जापान प च गए थे। जापान म इस
समय आनंद मोहन सहाय ने नागासाक गुलाम नाग रक का एक स मेलन आयोिजत िकया, िजसम सभी गुलाम
देश क युवा को आंदोलन क िलए संगिठत करने का िनणय िलया गया तथा इस काय को करने क िज मेदारी
आनंद मोहन को स पी गई। आनंद मोहन सहाय कई देश से होते ए यापारी क वेश म 1925 ई. म भारत प चे
तथा गांधीजी, पं. नेह , िचतरजन दास, राज साद, मौलाना आजाद और सुभाषचं बोस से संपक साधा तथा
अपनी योजना से अवगत करवाया। 1926 ई. म इनका िववाह िचतरजन दास क भानजी सती देवी से आ। 1927
ई. म पुनः जापान प चकर ‘वायस ऑफ इिडया’ नामक समाचार-प कािशत िकया, िजसम भारत क लोग क
थित को उजागर करने का काय जापान म िकया। इस समाचार क ित अं ेजी और जापानी, दोन भाषा म
कािशत क जाती थी। इसी समय जापान म आनंद मोहन सहाय ने इिडपडस लीग क थापना क , जापान म
कां ेस क शाखा थािपत क तथा कोबे म भारतीय क िलए एक गे ट हाउस थािपत िकया। इस समय सुभाषचं
बोस कलक ा म नजरबंद थे तथा उनसे िमलना मु कल था। अतः गोपनीय ढग से सूचना प चाने म इनका
सहयोग नरगा (नाथनगर, भागलपुर) िनवासी मुबारक और मुतजा नामक दो भाइय ने िकया, जो जहाज म खलासी
का काम करते थे। 1939 ई. म जब आनंद मोहन सहाय जापान म थे, तभी तीय िव यु ारभ हो चुका था।
वे िव यु क दौरान ही नजरबंदी से भागकर अफगािन तान क रा ते जमनी प च चुक थे। जापान म आजाद
िहद फौज का गठन रासिबहारी बोस ारा िकया गया था, िजसक थम कमांडर क टन मोहन िसंह थे, लेिकन
आनंद मोहन सहाय क दबाव म सुभाषचं बोस को जमनी से जापान बुलाकर आजाद िहद फौज का नेतृ व स पा
गया।
नेताजी से मुलाकात क बाद 1922-1925 ई. तक आनंद मोहन सहाय जापान म रह। इस अविध म ये
ांितकारी रासिबहारी बोस और राजा मह ताप क संपक म आए।
1943 ई. तक ‘आजाद िहद फौज’ ने भारत क अंडमान और िनकोबार ीप पर क जा कर िलया था और
आनंद मोहन सहाय एवं सुभाषचं बोस ने िमलकर 30 िदसंबर, 1943 को इस ीप पर झंडा लहराकर आजादी
मनाई। इस समय आजाद िहद फौज का मु यालय रगून बन चुका था। यु म धीर-धीर जापान क थित कमजोर
होने लगी, रगून को अं ेजी सेना घेर चुक थी, िजससे लड़ने क िलए कनल चटज , दो त मुह मद खान तथा
आनंद मोहन सहाय क नेतृ व म एक टीम का गठन िकया गया था। आनंद मोहन सहाय यु काल म ही चीन होते
ए िवयतनाम प चे, जहाँ क मुख नेता हो-ची-िम ह से मुलाकात क । तीय िव यु क समा क बाद
िवयतनाम क साईगोन म इ ह िगर तार कर िलया गया। माच 1946 आजाद िहद फौज क अ य अिधका रय , िजन
पर िद ी क लाल िकला म मुकदमा चलाया गया था, क साथ इ ह भी रहा कर िदया गया। वतं ता क बाद
इनक प नी सती देवी ने नाथ नगर म बािलका िव ालय क थापना क तथा इ ह ने भागलपुर म सुंदरवती मिहला
महािव ालय थािपत िकया। 1950 ई. क बाद आनंद मोहन सहाय ने भारतीय िवदेश सेवा म थाईलड, मॉरीशस
आिद देश म राजदूत क प म काम िकया। 13 फरवरी, 1991 को इनका देहांत हो गया।
ांितकारी रा वादी िवचारधारा
वतं ता आंदोलन क इितहास म 1858 से 1885 ई. क बीच का काल भारत म रा ीयता क िवकास का काल
ह। 1885 ई. म भारतीय रा ीय कां ेस क थापना ई। उसक बाद से 1905 ई. तक रा ीय आंदोलन म
उदारवादी िवचारधारा का भाव रहा। ारिभक रा वादी आंदोलन ने युवावग को भािवत करने म सफलता
नह ा क , िजससे युवावग म आ ोश उ प हो रहा था। इसी म म 1905 ई. म लॉड कजन ारा बंगाल
िवभाजन क घोषणा कर दी गई। िजससे युवावग आ ोिशत हो गया और रा वादी ांितका रय का एक वग
रा ीय आंदोलन म उभरकर सामने आया। इस ांितकारी रा वाद से िबहार भी अछता न था। िबहार म ांितकारी
आंदोलन को ारभ करने का ेय डॉ. ान नाथ िम , बाबाजी ठाकर दास, कदारनाथ बनज , खुदीराम बोस,
फ चाक आिद को ह। ान नाथ िम का ज म 1870 ई. म आ था। इ ह ने डॉ टरी क पढ़ाई कलकता
िव िव ालय से पूरी क थी। बाद म इ ह वामी ानंद क नाम से जाना जाने लगा। बाबाजी ठाकर दासजी का
ज म गया म आ था। इ ह ने 1906-07 ई. म पटना म रामक ण सोसाइटी क थापना क थी। इ ह ने ‘द मदर
लड’ नामक समाचार-प का संपादन शु िकया था।
िबहार क मुज फरपुर म 30 अ ैल, 1908 को एक ांितकारी घटना घटी, िजसम खुदीराम बोस एवं फ
चाक ने िकसफोड नामक िजला जज क ह या का यास िकया। इन दोन ने िकसफोड क िफटन-कार पर बम
फका, लेिकन दुभा य से उस वाहन म बैठ बै र टर ि ं ले कनेडी क प नी तथा बेटी क मृ यु हो गई। जज िक स
फोड ‘ वदेशी आंदोलन’ क समय कलक ा का ेिसडसी मिज टरट था। उसने कई ांितका रय को सजा दी थी।
‘ वदेशी आंदोलन’ क समय िव लववादी दल क सद य ारा िलये गए राज ोहा मक लेख क कारण इसने दल
क सद य को कठोर दंड िदया था। अतः ांितका रय ने उसे मारने क योजना बनाई थी। इस योजना क सूचना
िमलने पर सरकार ने िक स फोड का थानांतरण कलक ा से मुज फरपुर म िजला जज बनाकर कर िदया था।
िव लववादी दल क सद य खुदीराम बोस एवं फ चं चाक ने उसक ह या करने क िलए मुज फरपुर म
उसक ब घी पर बम फका था।
इस घटना क बाद फ चं चाक ने आ मह या कर ली थी, जबिक खुदीराम बोस को सम तीपुर क पुसा
बैनी म िगर तार कर िलया गया था तथा 11 अग त, 1908 को उ ह फाँसी दे दी गई। खुदीराम बोस क ओर से ी
कालीदास बोस ने मुकदमा लड़ा था। खुदीराम बोस रा ीय आंदोलन म सबसे कम उ म फाँसी क सजा पानेवाले
ांितकारी थे। इनका ज म 3 िदसंबर, 1889 को बंगाल क िमदनापुर िजले म आ था। 1913 ई. म महत भगवान
दास क ह या नानकशाह मंिदर, िनभेज, शाहाबाद म कर दी गई। महतदास ने भी ांितकारी आंदोलन म भूिमका
िनभाई थी।
‘बंग-भंग आंदोलन’ क िवरोध म कलकता एवं ढाका म ांितका रय ारा अनुशीलन सिमित का गठन िकया
गया था। इस सिमित ारा ांितका रय को िश ण िदया जाता था। अनुशीलन सिमित का भाव िबहार े म
भी फल चुका था। िबहार क भागलपुर म रवती नाग, फिणभूषण भ ाचाय, निलनी बागची आिद ने अनुशीलन
सिमित क मुख नेता —सच सा याल, रासिबहारी बोस आिद क साथ िमलकर ांितकारी गितिविधय को
फलाया।
िबहार म ांितकारी आंदोलन को ारभ करने का ेय डॉ. ान नाथ िम , बाबाजी ठाकर दास,
कदारनाथ बनज , खुदीराम बोस, फ चाक आिद को ह।
िबहार म ांितकारी आंदोलन क इितहास म सं यासी बैकठ शु एवं योग शु का योगदान अिव मरणीय
ह। बैकठ शु का ज म वैशाली क जलालपुर गाँव म आ था। इ ह ने योग शु क साथ िमलकर हाजीपुर क
आसपास क े म ांितकारी गितिविधय को चलाने का काम िकया। ‘असहयोग आंदोलन’ म शािमल होने क
कारण बैकठ शु को छह माह क सजा सुनाई गई थी। लाहौर ष यं कस म सरकारी गवाह बननेवाले फाण
घोष को ांितका रय ने मारने का िज मा बैकठ शु को स पा था, िजसक उ ह ने बेितया म जाकर ह या कर दी।
हाजीपुर आने क म म बैकठ शु को पुिलस ने िगर तार कर मोितहारी जेल म रखा था। उ ह फाँसी क सजा
सुनाई गई और फाँसी क िलए गया स ल जेल म भेज िदया गया था, जहाँ 14 अ ैल, 1934 को उ ह फाँसी दे दी
गई। फाँसी से पूव गया म बैकठ शु क मुलाकात पं. जवाहरलाल नेह और राज साद से ई थी।
योग शु का ज म वैशाली क जलालपुर गाँव म 1898 म आ था। इनक िपता का नाम ी न क
शु था। इनक मुलाकात 1917 ई. म जे.बी. कपलानी एवं ो. मलकानी से ई, जो उस समय
मुज फरपुर क जी.बी.बी. कॉलेज क ोफसर थे।
योग शु का ज म वैशाली क जलालपुर गाँव म 1898 म आ था। इनक िपता का नाम ी न क शु था।
इनक मुलाकात 1917 ई. म जे.बी. कपलानी एवं ो. मलकानी से ई, जो उस समय मुज फरपुर क जी.बी.बी.
कॉलेज क ोफसर थे। िबहार अनुशीलन सिमित क फाण नाथ सा याल एवं स यदेव प र ाजक क संपक म
आने क बाद योग शु ांितकारी गितिविधय म और सि य हो गए। 1921 ई. म जब िपंरस ऑफ वे स क
भारत आगमन पर िवरोध दशन हो रहा था, उसम ी योग शु को िगर तार िकया गया था। सरदार भगत िसंह,
चं शेखर आजाद और राज लािहड़ी से मुलाकात होने क बाद ी योग शु ‘िहदु तान सोशिल ट रप लक
आम ’ क मुख सद य बने। 3 जुलाई, 1929 को मौलािनया राजनैितक डकती कस म ी योग शु क
िखलाफ िगर तारी का वारट िनकाला गया था। िहदु तान सोशिल ट रप लक आम ने जब लाहौर स ल जेल से
सरदार भगत िसंह को छड़ाने क योजना बनाई थी, उसम योग शु भी शािमल थे। 11 जून, 1930 को पुिलस ने
सारण िजले क मलखाचक गाँव से ी योग शु को िगर तार कर िलया एवं 22 वष क स म कारावास क
सजा सुनाई गई। िजस म म इ ह भागलपुर, हजारीबाग, कलकता और अंडमान क जेल म रखा गया। 1933 म
अंडमान जेल म इ ह ने भूख हड़ताल क । 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म इ ह पुनः िगर तार कर िलया
गया एवं हजारीबाग जेल म रखा गया, जहाँ जय काश नारायण, रामनंदन िम एवं सूरज नारायण िसंह भी कद थे।
हजारीबाग जेल से ये सभी भागने म सफल ए थे। ये 1948 ई. म जा समाजवादी दल क उ मीदवार क प म 5
वष क िलए िवधान प रष क सद य चुने गए थे। 19 नवंबर 1966 को इनक मृ यु हो गई।
1924 ई. क बाद से िबहार म ांितकारी गितिविधयाँ बढ़ गई थ । मोितहारी म 1928 ई. म िबहारी छा स मेलन
का आयोजन िकया गया था, िजसम ोफसर ान साहा क नेतृ व म िबहार युवक संघ क थापना क गई थी।
1929 ई. म पटना म भगत िसंह और बटक र द क िच और एक इ तेहार क हजार ितयाँ बाँटी गई थ ,
िजसक लेखक ान साहा थे। ान साहा को सरकार ने अितवादी िवचारधारा का ांितकारी घोिषत कर िदया था।
िबहार क ांितकारी नेता बटक र द ‘िहदु तान सोशिल ट रप लक आम ’ क सि य सद य थे। इनका
ज म कानपुर म 1910 ई. म आ था, लेिकन इनक कमभूिम िबहार रहा ह। अपने जीवन क ारिभक िदन म
सिचन सा याल और सुरश भ ाचाय जैसे ांितका रय से संपक म आने क कारण इनक अंदर भी ांित क
ाला उ प होने लगी। सिचन सा याल और सुरश भ ाचाय ने ही उस समय क सबसे बड़ ांितकारी नेता भगत
िसंह और चं शेखर आजाद से इनक मुलाकात करवाई। 1917 ई. क सी ांित से े रत होकर इस समय
भारतीय ांितका रय ारा ‘िहदु तान रप लकन आम ’ का गठन िकया गया था। इसक सद य क प म इ ह ने
भगत िसंह क साथ िमलकर 8 अ ैल, 1929 को िद ी िवधानसभा क क ीय हॉल पर बम फका। िजस समय इन
दोन ने बम फका, उस समय िवधानसभा म दो काले कानून को पा रत िकया जा रहा था। इस घटना क बाद इन
दोन को िगर तार कर िलया गया। दोन पर लाला लाजपत राय पर लाठी बरसानेवाले पुिलस अिधकारी सडस क
ह या का भी कस चलाया गया। भगत िसंह को फाँसी क सजा दी गई तथा बटक र द को अंडमान जेल
(कालापानी) म कद कर िदया गया। ये अंडमान जेल से 1938 ई. म रहा ए। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो
आंदोलन’ म पुनः इ ह बंदी बना िलया गया। इनक मृ यु वतं ता क बाद 20 जुलाई, 1965 को नई िद ी क
अिखल भारतीय आयुिव ान सं थान म ई।
िबहार म ांितकारी रा वादी आंदोलन क इितहास म गया ष यं का मुख थान ह। इस ष यं का संबंध
ांितकारी नेता कशव साद िस हा से ह। कशव साद का ज म 7 जून, 1906 को इजीिनयर अयो या साद क
घर आ था। कशव साद ने ारिभक िश ा गया क िजला कल से ा क । पुनः पटना थत बी.एड. कॉलेज
म िश ा हण करने लगे। ये मा 12 वष क अव था म 1918 म कां ेस क वािषक अिधवेशन कलक ा म
शािमल होने क िलए प च गए। रा ते म उनक मुलाकात मोतीलाल नेह से ई। इ ह 1928 ई. म पहली बार रा
िवरोधी गितिविधय क आधार पर िगर तार कर िलया गया तथा एक वष क अंदर तीन बार िगर तार ए। 1924 ई.
म कानपुर म थािपत िहदु तान रप लक एसोिसएशन से भािवत होकर कशव साद िस हा ने 1929 ई. म गया
क टी. मॉडल कल म युवक संघ क थापना क , िजसका संबंध सोशिल ट रप लक एसोिसएशन से था।
इसका उ े य फडरल रप लक ऑफ यूनाइटड ट स ऑफ इिडया क थापना करना था। इस उ े य क पूित
क िलए कशव साद ने गया क योनी पहाड़ और रामिशला पहाड़ पर आ नेया का िनमाण काय ारभ
िकया तथा धन जुटाने क िलए सरकारी खजान क लूट करने लगे। 1930 ई. म इपी रयल मेल को लूटने क
योजना, पामरगंज रलवे टशन पर डाकघर क कश को लूटने क योजना, डालटनगंज म रल-डकती योजना,
1932 ई. म गया म मेरिडथ और उनक सहयोगी क ह या क योजना आिद गया ष यं कांड क मुख
गितिविधयाँ थ । इन लोग क आतंक से भयभीत होकर गया जेल क सुप रटडट मेजर बोक ने जो जेल म बंद
ांितकारी महथ भगवान दास पर अ याचार कर रहा था, अ ैल, 1931 म आ मह या कर ली। इस समय
ांितकारी गितिविधय का क टकारी राज क पहसी कोठी, िजसे ‘सात आना राज’ कोठी भी कहा जाता था, बना
आ था। इस कोठी म ांितका रय क मदद बागे री शमा नामक य कर रहा था। 3 अग त, 1931 को
पहसी कोठी पर पुिलस ने छापा मारा, जहाँ से कारतूस, आ नेया आिद बरामद िकए गए। बंगाल क ांितकारी
नेता भात च वत क िगर तार होने पर उनक पास से ा द तावेज क आधार पर पुिलस ने इस कोठी पर 16
जनवरी, 1933 को पुनः छापामारी क ।
कशव साद का ज म 7 जून, 1906 को इजीिनयर अयो या साद क घर म आ था। कशव साद ने
ारिभक िश ा गया क िजला कल से ा क । पुनः पटना थत बी.एड. कॉलेज म िश ा हण
करने लगे। ये मा 12 वष क अव था म 1918 म कां ेस क वािषक अिधवेशन कलक ा म शािमल
होने क िलए प च गए।
21 जनवरी, 1933 को कशव साद और उनक 16 सािथय को िगर तार कर िलया गया तथा गया जेल म उन
पर अमानवीय अ याचार िकए गए। इन लोग क ओर से पटना क बलदेव सहाय एवं कलक ा क देवक नंदन
िस हा एवं गया क अवधेश नंदन सहाय, ल मी नारायण िस हा तथा यानचंद आिद अिधव ा ने मुकदमे क
पैरवी क । इस कस म िसतंबर, 1933 को कशव साद िस हा, यामचरण बथेवार एवं िव नाथ माथुर को साढ़
सात वष क सजा दी गई तथा कशव साद िस हा को हजारीबाग स ल जेल म और पुनः कलक ा थत दमदम
जेल म रखा गया। 1934 ई. म इ ह अंडमान क से युलर जेल म भेज िदया गया, जहाँ दीवार पर अ य
ांितका रय क साथ इनका भी नाम अंिकत ह। 1937 ई. म रहा होने क बाद ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म 13
अग त, 1942 को पुनः िगर तार कर िलये गए। वतं ता क बाद गया म इ ह ने गांधी सेवा मंडल क थापना क
तथा 1952 ई. म िवधाियका क सद य िनवािचत ए। 3 िसतंबर, 1975 को इनका देहांत हो गया।
िहदु तान सोशिल ट रप लक एसोिसएशन क साथ जुड़कर िबहार क एक और ांितकारी नेता बसावन िसंह ने
रा को आजाद कराने म मह वपूण भूिमका िनभाई थी। इनका ज म 23 माच, 1909 को वैशाली क जलालपुर,
सुभई गाँव म आ था। 1920 ई. म ारभ िकए गए ‘असहयोग आंदोलन’ म इ ह ने बढ़-चढ़कर िह सा िलया तथा
गांधीजी से हाजीपुर म मुलाकात भी क । 1925 ई. क बाद से बसावन िसंह ‘िहदु तान सोशिल ट रप लक आम ’
क सि य सद य बन गए। 1929 ई. क लाहौर ष यं क बाद बसावन िसंह भूिमगत हो गए, लेिकन 1930 ई. म
इ ह िगर तार कर बाँक पुर स ल जेल, पटना म इ ह कद कर िदया गया। ये िगर तारी क तीसर िदन जेल से भाग
गए। पुनः सात िदन क बाद इ ह िगर तार कर िलया गया और गया स ल जेल म रखा गया। िगर तारी क िवरोध म
गया स ल जेल म इ ह ने 57 िदन क भूख हड़ताल क थी। जून 1936 म इ ह रहा कर िदया गया। ये रहा होने क
बाद ‘कां ेस सोशिल ट पाट ’ म शािमल हो गए। सुभाषचं बोस क संपक म आकर इ ह ने गया कॉटन िमल
यूिनयन क थापना क । इ ह ने 1937 ई. म जपला म लेबर यूिनयन तथा 1937 ई. म ही िशवनाथ बनज क साथ
िमलकर जमालपुर ‘रल वकशॉप कामगार यूिनयन’ का गठन िकया। ये वष 1936 ई. ‘अिखल भारतीय रलवे
फडरशन’ से जुड़ तथा पूव तर रलवे यूिनयन क अ य भी िनवािचत िकए गए। 1937 ई. म जय काश नारायण
और बेनी साद क साथ इ ह िगर तार कर िलया गया और छह महीने क सजा सुनाई गई।
िहदु तान सोशिल ट रप लक एसोिसएशन क साथ जुड़कर िबहार क एक और ांितकारी नेता बसावन
िसंह ने रा को आजाद कराने म मह वपूण भूिमका िनभाई थी। इनका ज म 23 माच, 1909 को
वैशाली क जलालपुर, सुभई गाँव म आ था।
बसावन िसंह समाजवादी आंदोलन क मुख नेता —आचाय नर देव, जय काश नारायण, संपूणानंद, राम
मनोहर लोिहया, अ युत पटव न, यूसुफ मेहर आमी, कमला देवी च ोपा याय एवं एम.आर. मसानी जैसे
नेता क संपक म रह। 26 जनवरी, 1940 को इ ह पलामू क सैनाबाद े म िगर तार कर िलया गया। ये
ांितका रय क बीच सम वय थािपत करने क उ े य से अफगािन तान एवं रावलिपंडी तक गए थे। इ ह ने
‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क समय 9 अग त, 1942 ई. को बंबई म आयोिजत कां ेस क स मेलन म भाग िलया था।
इ ह 8 जनवरी, 1943 को िद ी म िगर तार कर जेल भेज िदया गया तथा 3 अ ैल, 1946 को जेल से रहा ए।
ये वतं ता क बाद भी समाजवादी एवं मजदूर आंदोलन से जुड़ ए थे एवं ‘िहदू मजदूर सभा’ क थापना क थी।
ये 1952 ई. म डहरी ओन-सोन से िबहार िवधानसभा क सद य चुने गए थे। 1952 से 1962 ई. तक िबहार
िवधानसभा म िवप क नेता क प म काय िकया तथा 1962 से 1968 तक िबहार िवधान प रष क सद य रह।
1967 ई. म म, योजना और उ ोग मं ी क प म काय िकया तथा 7 अ ैल, 1989 को इनका देहांत हो गया।
वतं ता आंदोलन म मिहला क भूिमका
‘रा ीय आंदोलन’ म िबहार क न कवल छा , युवा वग, मजदूर, िकसान आिद ने योगदान िदया, ब क िबहार
क मिहला ने भी बढ़-चढ़कर िह सा िलया। ‘चंपारण स या ह’ क बाद मिहला क िह सेदारी रा ीय
आंदोलन म िनरतर बढ़ती चली गई। 1919 ई. तक क तूरबा गांधी एवं उनक अनुयायी ीमती सरला देवी, भावती
देवी, राजवंशी देवी, रािधका देवी आिद क नेतृ व म ‘मिहला आंदोलन’ एक संगठन का प ले चुका था।
‘असहयोग आंदोलन’ क समय 1921 ई. म सरला देवी क नेतृ व म सैकड़ िव ािथय ने सरकारी कल एवं
कॉलेज का बिह कार कर िदया था। उसी वष ीमती सािव ी देवी ने ि ंस ऑफ वे स क भारत आगमन क िवरोध
म सभा आयोिजत क थी। ‘असहयोग आंदोलन’ क दौरान िबहार क मिहला ने चरखा सिमित का गठन िकया।
चरखा सिमित क िनमाण म मुख भूिमका पटना क ीमती सी.सी. दास और ीमती उिमला देवी क थी। 1921
ई. म जब महा मा गांधी िबहार क दौर पर थे, तब उ ह ने देशबंधु मारक कोष क िलए धन सं ह करने का काय
शु िकया था। इस काय म उनका सवािधक सहयोग लोकनायक जय काश नारायण क प नी ीमती भावती
देवी ने िकया था।
‘सिवनय अव ा आंदोलन’ क समय भी िबहार क मिहला ने ‘नमक कानून’ भंग करने म मह वपूण भूिमका
िनभाई। इस म म ीमती शैलबाला राय ने संथाल परगना े म सैकड़ मिहला को नमक बनाने क िलए
े रत िकया। शाहाबाद िजले क ी रामबहादुर क प नी ने सासाराम थाने म जाकर ‘नमक कानून’ का िवरोध
िकया। हजारीबाग म आंदोलन क दौरान िजला कां ेस कमेटी क अ य ा ीमती सर वती देवी एवं ीमती साधना
देवी को िगर तार कर छह महीने क सजा सुनाई गई। जुलाई, 1930 म ीमती मीरा देवी को स या ह करने क
म म िगर तार कर िलया गया था। पटना म मिहला स या िहय ने िवदेशी व क दुकान पर धरना काय म का
आयोजन िकया। इस काय म का संचालन मिहला संगठन ारा िकया गया, िजसक ने ी ीमती हसन इमाम एवं
ीमती िवं यवािसनी देवी थ । िवदेशी व क बिह कार क िलए ीमती हसन इमाम उनक पु ी समी, ीमती
सी.सी. दास एवं उनक पु ी गौरी दास ने बढ़-चढ़कर िह सा िलया। इन लोग ने 3 अलग-अलग थान पर दशन
िकया। इन आंदोलनकारी मिहला से ही भािवत होकर मुंगेर क ीमती शाह मुह मद जुबैर भी आंदोलन म कद
पड़ । राम व प देवी ने ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म गाँव म घूम-घूमकर आंदोलन म भाग लेने क िलए कई
मिहला को े रत िकया। उ ह 1931 ई. म िगर तार कर भागलपुर क स ल जेल म कद कर िदया गया था। इ ह
गांधी-इरिवन समझौते क बाद जेल से रहा कर िदया गया। चं ावती देवी, जो गया क रहनेवाली थ , ने ‘चौक दारी
कर’ क िवरोध म आंदोलन िकया। इसक कारण इ ह िगर तार कर िलया गया था।
23 माच, 1931 को जब भगत िसंह को फाँसी दी गई, तब उसक िवरोध म 30 माच, 1931 को आरा म कसुम
कमारी देवी ने एक िवशाल सभा का आयोजन िकया था तथा मंच से आ ान िकया, ‘‘नौजवानो, तुम पीछ य
हो, िब मल, भगत िसंह, खुदी राम क तरह अपने को कबान करने क िलए आगे य नह बढ़ते, भगत िसंह क
िचता क आग ठडी नह ई ह और उसक िचनगा रय को
िलत करने क िलए आगे बढ़ो।’’
4 जनवरी, 1932 को महा मा गांधी को िगर तार कर िलया गया था। अतः इसक िवरोध म 4 जनवरी, 1933 को
सार देश म महा मा गांधी क िगर तारी िदवस क प म मनाया गया था तथा 26 जनवरी को वतं ता िदवस
मनाया गया। इन काय म क कारण पटना शहर क सात मिहला को िगर तार िकया गया था, िजसम राजवंशी
देवी और चं ावती देवी भी थ । राजवंशी देवी डॉ. राज साद क प नी थ । चं ावती देवी िड टटर क नाम से
िस थ । इन दोन को 15 महीने क कद क सजा दी गई थी।
1941 ई. म महा मा गांधी ने य गत स या ह आंदोलन चलाया था। इस स या ह म िबहार क कई
मिहला ने अपनी िगर तारी दी थी, िजसम गया क ि यंवदा देवी, जग रानी देवी एवं जानक देवी
को िगर तार िकया गया था।
1941 ई. म महा मा गांधी ने य गत स या ह आंदोलन चलाया था। इस स या ह म िबहार क कई मिहला
ने अपनी िगर तारी दी थी, िजसम गया क ि यंवदा देवी, जग रानी देवी एवं जानक देवी को िगर तार िकया गया
था। इन मिहला को चार-चार महीने क कद क सजा सुनाई गई थी। इस ‘स या ह आंदोलन’ म दुमका क
महादेवी कजरीवाल को िगर तार िकया गया था। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म िबहार म चरखा सिमित
क सद य ने आगे बढ़कर िह सा िलया। 9 अग त को पटना म मिहला का एक िवशाल जुलूस िनकला,
िजसका नेतृ व डॉ. राज साद क बहन ीमती भगवती देवी कर रही थ । इसी तरह का एक बड़ा जुलूस 11
अग त, 1942 को हजारीबाग म सर वती देवी क नेतृ व म िनकाला गया था। उसी िदन सर वती देवी को िगर तार
कर हजारीबाग जेल म रखा गया और 12 अग त को उ ह भागलपुर जेल भेजा जा रहा था, लेिकन आंदोलनकारी
िव ािथय ने उ ह रा ते से ही छड़ा िलया। पुनः 14 अग त को एक जनसभा म भाषण देते ए उ ह िगर तार कर
िलया गया।
भागलपुर क िबहपुर गाँव म माया देवी को िगर तार कर िलया गया था। भागलपुर क गोिवंदपुर गाँव म ही ी
नरिसंह गोप क प नी िज रयावती को गोली मार दी गई। 15 अग त, 1942 को छपरा म शांित देवी क अ य ता म
एक िवशाल सभा का आयोजन टाउन हॉल म िकया गया। इसी म म सारण िजले क िदघवार खंड क
मलखाचक गाँव क शारदा एवं सर वती को ितरगा फहराने क अपराध म मा 14 और 11 वष क अव था म
सजा दी गई। गया िजले क मुह मदपुर गाँव क यारी देवी को 1942 ई. क आंदोलन म िगर तार कर गया क कप
जेल म भेज िदया गया, जहाँ उनक मृ यु हो गई। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म अनेक मिहला ने सि य प से
भाग िलया, िजसम वैशाली क िकशोरी स िसंह क प नी सुनीती देवी एवं वैकठ शु क प नी रािधका देवी ने
ामीण े म पु ष का वेश धारण कर आंदोलन क िलए लोग को घूम-घूमकर े रत िकया। फलेना साद
ीवा तव क प नी तारा देवी ने भी आंदोलन म बढ़-चढ़कर िह सा िलया। घोड़मारा गाँव क िवराजी मिधयाइन एवं
भोजपुर िजले क लशाढ़ी गाँव क अकली देवी पुिलस क गोली क िशकार ई थ ।
िबहार म कषक आंदोलन क सबसे मुख य व वामी सहजानंद सर वती थे। उनका ज म 1889 ई.
म उ र देश क गाजीपुर िजले क देवा ाम नामक गाँव म आ था, लेिकन उ ह ने िबहार क िकसान
क सम या क ित अपने को समिपत कर िदया।
िकसान आंदोलन
भारतीय रा ीय आंदोलन म जहाँ एक ओर रा वािदय एवं ांितका रय ने मह वपूण भूिमका िनभाई, वह दूसरी
ओर देश क िकसान ने भी बढ़-चढ़कर िह सा िलया। ि िटश सा ा यवादी शोषणकारी नीित से सवािधक भािवत
लोग म िकसान ही थे। ि िटश िवभाजनकारी नीितय क कारण िबहार म िकसान क पंचमुखी वग करण क थित
थी। अं ेजी ई ट इिडया कपनी तथा उसक बाद ि िटश शासन ने अिधक से अिधक राज व क उगाही हतु यहाँ
क िकसान का अनेक तर पर शोषण िकया। जम दार , गुमा त , सा कार-महाजन आिद ने भी कषक का भरपूर
दोहन िकया। िकसान क संगिठत शोषण क िलए 1793 ई. म ि िटश कपनी क लॉड कानवािलस ारा िबहार,
बंगाल, उड़ीसा और बनारस े म थायी बंदोब त णाली लागू क गई, जो मूलतः जम दारी था थी। इस था
क तहत भू-राज व का 89 ितशत िह सा कपनी को और 11 ितशत िह सा जम दार को िमलता था। ारभ से ही
िकसान ने अपने शोषण एवं उ पीड़न का िवरोध िकया, लेिकन उनक आवाज को दबा िदया गया।
‘भारतीय रा ीय आंदोलन’ म िबहार क कषक ने भी मह वपूण भूिमका अदा क । 19व सदी क उतरा म
बड़ पैमाने पर बंगाल से िनलह बागान मािलक ने िबहार म आकर िकसान को अपना िशकार बनाया। उनक
िखलाफ िकसान ने 1866-67 ई. म पंडौल नामक थान पर िव ोह िकया। 1883-84 ई. म दरभंगा क राजा क
िखलाफ कषक ने एक बड़ा आंदोलन ारभ िकया। िबहार म कषक आंदोलन क वा तिवक शु आत ‘चंपारण
स या ह’ से मानी जाती ह। 1917 ई. म महा मा गांधी क नेतृ व म ‘चंपारण आंदोलन’ चलाया गया तथा लंबे
समय से चली आ रही तीनकिठया प ित का अंत िकया गया। ‘चंपारण आंदोलन’ से उ सािहत होकर वामी
िव ानंद ने मधुबनी िजले म ‘िकसान आंदोलन’ का नेतृ व िकया। 1922-23 ई. म मुंगेर म शाह मुह मद जुबैर एवं
ीक ण िसंह क ारा िकसान सभा का गठन िकया गया। िबहार म कषक आंदोलन क सबसे मुख य व
वामी सहजानंद सर वती थे। उनका ज म 1889 ई. म उ र देश क गाजीपुर िजले क देवा ाम नामक गाँव म
आ था, लेिकन उ ह ने िबहार क िकसान क सम या क ित अपने को समिपत कर िदया। उनक बचपन का
नाम नवरग राय था। इ ह ने 1906 ई. म प नी क मृ यु क बाद सं यास हण कर िलया। ये 1892 ई. म िबहार म
थािपत भूिमहार ा ण महासभा क सि य सद य बन गए और संगठन क मा यम से िकसान मजदूर नेता क प
म काय करना शु िकया। इ ह ने 1915 ई. म काशी से ‘भूिमहार ा ण’ नामक मािसक-प िनकालना शु
िकया, िजसम ा ण क जाितगत भावना का िवरोध िकया। उ ह ने ‘भूिमहार ा ण प रचय’ नामक एक पु तक
क रचना क , िजसका नाम बाद म ‘ िष वंश िब तर’ कर िदया। इसक अित र उ ह ने ‘ ा ण क थित’,
‘झूठा भय और िम या अिभमान’ क रचना क । इ ह ने कमकांड एवं योितषशा से संबंिधत ‘कमकलाप’ नाम
पु तक क भी रचना क थी।
इ ह ने िदसंबर 1920 ई. म गांधीजी से भािवत होकर पटना म उनसे मुलाकात क एवं कां ेस म शािमल होने
का िनणय िलया। इ ह ने पटना क पास िबहटा म थत सीताराम आ म को राजनीितक संघष का क बनाया। वे
1924 ई. म अहमदाबाद म आयोिजत कां ेस क अिधवेशन म शािमल ए तथा वापस लौटकर ब सर े म
कां ेस सद यता अिभयान चलाया। इन गितिविधय क साथ ही साथ वे िकसान क िलए संगठन बनाना चाहते थे,
इसक िलए िबहटा म ‘प मी पटना िकसान सभा’ नामक सं था का गठन 4 माच, 1928 को िकया, जो ‘िकसान
आंदोलन’ क इितहास म मील का प थर सािबत आ। मुज फरपुर क राम दयालु िसंह एवं यमुना काय क साथ
िमलकर िबहार ांतीय िकसान सभा क गठन का िनणय िलया और सोनपुर मेले क अवसर पर 1929 ई. म इसका
गठन िकया। इसक अ य वामी सहजानंद सर वती एवं सिचव ीक ण िसंह को िनयु िकया गया। इस सभा म
यह भी िनणय िलया गया िक राजनीितक मामल म ‘िकसान सभा’ कां ेस क नीितय का िवरोध नह करगी। 1929
ई. म िबहार म सरदार ब भ भाई पटल का आगमन होने से एवं 1930 ई. म गांधीजी ारा ‘सिवनय अव ा
आंदोलन’ शु करने से िकसान आंदोलन म और ती ता आ गई। ‘नमक आंदोलन’ म पटना िजला थत िव म
आ म म नमक कानून तोड़ने क अपराध म वामी सहजानंद सर वती को िगर तार कर छह माह क सजा सुनाई
गई। इ ह पहले बाँक पुर जेल म और पुनः हजारीबाग स ल जेल म रखा गया। ये िसतंबर 1930 ई. म रहा होने क
बाद िबहटा क आ म म रहने लगे और िकसान आंदोलन को सि य करने का काम िकया।
इस समय िव यापी मंदी का असर िकसान आंदोलन पर भी पड़ रहा था, िजसका लाभ उठाकर जम दार ने
अपने िहत क र ा क िलए ‘यूनाइटड पॉिलिटकल पाट ’ का गठन िकया, िजसक अ य दरभंगा क महाराजा एवं
सिचव िशवशंकर झा थे। इस पाट क थापना का उ े य िकसान आंदोलन से अपने आपको सुरि त रखना था।
18 जून, 1933 को ांतीय िकसान सभा क कायका रणी सिमित म िकसान क सम या को जानने क िलए एक
सिमित का गठन िकया, िजसक सद य यमुना काय , चंद नंदन शमा, युगल िकशोर िसंह, ब ी नारायण िसंह,
यदुनंदन शमा तथा वामी सहजानंद सर वती थे। इस सिमित ने गया े क िकसान क सम या को संगृहीत
िकया, िजसे ‘गया क िकसान क क ण कहानी’ नाम से सहजानंद सर वती ने पु तक का प िदया। 1934 ई. म
पु षो म दास टडन ने सहजानंद सर वती को सुझाव िदया िक रा ीय तर पर िकसान सभा का गठन िकया जाए।
अंततः 1936 ई. म लखनऊ म अिखल भारतीय िकसान सभा क थापना वामीजी क सभापित व म आ, िजसक
थम अ य वामी सहजानंद सर वती बने तथा महासिचव क पद पर एन.जी. रगा क िनयु क गई।
अंततः 1936 ई. म लखनऊ म अिखल भारतीय िकसान सभा क थापना वामीजी क सभापित व म
आ, िजसक थम अ य वामी सहजानंद सर वती बने तथा महासिचव क पद पर एन.जी. रगा क
िनयु क गई।
1937 ई. क चुनाव क बाद िकसान सभा का कां ेस से मोह भंग होने लगा और य िक कां ेस जम दार से
गठबंधन करने लगी थी। उनका मानना था िक कां ेस पूँजीपितय , जम दार एवं महाजन क र क सं था बनती जा
रही ह। अंततः वामी सहजानंद सर वती ने कां ेस क िखलाफ स या ह आंदोलन शु कर िदया, िजसक कारण
इ ह कां ेस से बाहर कर िदया गया। 1940 ई. म इ ह िगर तार कर हजारीबाग जेल भेज िदया गया। इस काल म
इ ह ने ‘िद अदर साइड ऑफ िद िश ड’ तथा ‘रट रीड शन इन िबहार—हाऊ इट व स’ नामक पु तक क रचना
क । इ ह ने नारा िदया ‘डडा हमार पास ह लगान कसे लोगे’। 6 िदसंबर, 1948 को उ ह ने कां ेस क सद यता से
इ तीफा दे िदया था। 26 जून, 1950 ई. को इनका देहांत हो गया।
िबहार म िकसान आंदोलन से जुड़ एक मुख य व शीलभ याजी थे। इनका ज म पटना िजले क
ब तयारपुर म 22 माच, 1906 को आ था। इनक िपता का नाम पं. िशवटहल याजी एवं माता का नाम रशमी
देवी था। ये ‘िकसान सभा’ क सि य सद य म से एक थे तथा 1941 ई. म इसक मं ी भी रह थे। अिखल
भारतीय िकसान सभा क इकाई का गठन वामी सहजानंद ारा सभी िजल म िकया गया था। पटना िजला
िकसान सभा का नेतृ व शीलभ याजी को स पा गया था।
िबहार म िकसान आंदोलन से जुड़ एक मुख य व शीलभ याजी थे। इनका ज म पटना िजले क
ब तयारपुर म 22 माच, 1906 को आ था।
शीलभ याजी ने भगत िसंह, चं शेखर आजाद, योग शु जैसे ांितकारी नेता एवं आचाय नर देव,
जय काश नारायण एवं अ युत पटव न समाजवादी नेता आिद क साथ रहकर काम िकया। जब 1928 ई. म
कलकता म कां ेस क वािषक अिधवेशन म िबहार क ितिनिध क प म प चे, तब इनका संपक सुभाष चं बोस
से आ। 1930 ई. म ‘असहयोग आंदोलन’ क म म पटना म िगर तार ए तथा बाँक पुर स ल जेल म 8 महीने
तक कद रह। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क समय इन पर फॉवड लॉक क नीितय का यापक भाव
पड़ा और इनक िवचार म ांितकारी प रवतन आया। इ ह ने 1942 ई. म बंबई म आयोिजत अिखल भारतीय
कां ेस कमेटी क बैठक म भाग िलया था। सुभाष चं बोस से संपक थािपत कर इ ह ने ‘आजाद िहद फौज’ क
गठन म उनका सहयोग िकया। बंबई म नेताजी सुभाष चं बोस से संपक थािपत करने क अपराध म सं यासी क
वेश म िगर तार कर इनपर िद ी क लाल िकले म 1944 ई. म मुकदमा चलाया गया। शीलभ याजी 1930 ई. से
1947 तक साढ़ सात साल िविभ जेल म कद रह तथा ढाई वष अ ातवास म िबताए। 28 जनवरी, 1966 को
इनक मृ यु हो गई।
जय काश नारायण एवं आचाय नर देव क नेतृ व म 1934 ई. म युवा गितशील लोग क ारा कां ेस क
अंदर ही कां ेस समाजवादी पाट का गठन िकया गया। इसक नेता ने वामी सहजानंद सर वती ारा चलाए जा
रह कषक आंदोलन को भरपूर समथन िदया। 1837 ई. क चुनाव म कांगे्रस को भारी सफलता ा ई। इससे
उ सािहत होकर अ दुल बारी एवं रामवृ बेनीपुरी जैसे नेता ने नई सरकार क सम जम दारी उ मूलन का
ताव रखा, लेिकन इस िदशा म कोई िवशेष गित नह ई। वतं ता क बाद 1952 ई. म संवैधािनक प से
जम दारी को समा िकया जा सका, िफर भी भूिम पर सामािजक प से ऊची जाित क िहदु का ही िनयं ण
थािपत था। वामी सहजानंद क नेतृ व म करीब 50 हजार िकसान ने िवधानसभा का घेराव कर धानमं ी
ीक ण िसंह एवं कां ेस अ य राज साद क िव नारबाजी क गई। म य िबहार म कायानंद शमा क नेतृ व
म बड़िहया नामक थान पर ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया। यह आंदोलन शोिषत तथा पीिड़त िकसान ारा
जम दार से बका त भूिम क प म प रवितत अपनी रयत भूिम वापस लेने का यास था।
ारभ म कषक आंदोलन पटना, शाहाबाद, मुंगेर, सारण, मुज फरपुर, दरभंगा आिद िजल म ारभ आ, जो
बाद म संपूण िबहार म फल गया। कां ेस ने जम दार क ित समझौतावादी नीित अपनाई। ीक ण िसंह एवं राज
साद जैसे नेता ने िकसान से अपना आंदोलन वापस लेने का आ ह िकया, लेिकन िकसान आंदोलन जारी रहा।
यदुनंदन शमा ने गया म, रामानंदन िम ने दरभंगा म, रा ल सांक यायन ने छपरा म, यमुना काय ने सारण म
िकसान आंदोलन को नेतृ व दान िकया। तीय िव यु क समय वामी सहजानंद सर वती मा सवादी
िवचारधारा क ओर आकिषत होने लगे और वग संघष क आधार पर िकसान आंदोलन को ले जाने का िनणय
िकया। इसक कारण जय काश नारायण ने ‘रड िकसान सभा’ का गठन िकया। समाजवािदय से अलग होने क
कारण िकसान आंदोलन कमजोर होने लगा।
इस कार कहा जा सकता ह िक 1930 क प ा िबहार म कई मह वपूण कषक आंदोलन ने ज म िलया तथा
भारतीय वतं ता सं ाम को मजबूती दान क । कषक आंदोलन क कारण ही वतं ता ा क प ा रा य
सरकार ारा भूिम सुधार संबंधी अनेक कानून बनाए गए।
मजदूर आंदोलन
थम िव यु क समा क बाद देश क अिधकतर कल-कारखान एवं उ ोग से बड़ पैमाने पर िमक
क छटनी क जाने लगी तथा उनक काय-दशा, थित और भी िचंताजनक होने लगी थी। िमक क आिथक
िहत क र ा क िलए िमक तथा अ य बु जीिवय ारा देश म 19व सदी क उ रा म म आंदोलन क
शु आत ई। ारभ म यह आंदोलन सुधारवादी व प म था, िजसने बाद म राजनीितक व प ले िलया। इसी
समय स म लेिनन क नेतृ व म बो शेिवक ांित ई, िजसका असर भारत म बु एवं मजदूर वग क ऊपर
पड़ा।
1918 ई. म सव थम म ास म वी.पी. वािडया क नेतृ व म मजदूर ने िव ी कॉटन िमल म अपने अिधकार को
लेकर हड़ताल क । इसी वष जमशेदपुर म टाटा आयरन एवं टील व स क मजदूर ने भी हड़ताल क तथा 1919
ई. म रौलेट ऐ ट क िवरोध म यहाँ लगभग 40 हजार मजदूर ने हड़ताल क । इसक बाद 1922 एवं 1925 ई. म
भी यहाँ हड़ताल ई। 1925 ई. क हड़ताल गांधीजी क आ ासन पर मजदूर ारा समा क गई।
1925 ई. म एम.एन. राय ने भारत म क युिन ट पाट क थापना कानपुर म क तथा संघष क आधार पर हक
क ा का िस ांत िदया। 1928 ई. म जमशेदपुर म देश क सबसे बड़ी हड़ताल (लगभग साढ़ तीन महीना)
ई, िजसका नेतृ व िमक नेता मािणक होमी कर रह थे। सी.एफ. एं यूज, एन.एम. जोशी तथा यमुनादास मेहता
क यास से भी यह हड़ताल समा नह ई। 18 अग त, 1928 को सुभाष चं बोस तथा कपनी क बंध
िनदेशक क बीच ए समझौते से हड़ताल समा ई। िमक नेता मािणक होमी ारा गिठत ‘जमशेदपुर लेबर
फडरशन’ को कपनी क ओर से मा यता दान क गई। 1929 ई. म गोलमुरी क िटन लेट कपनी क िमक ने भी
कई बार हड़ताल क । यहाँ भी सुभाष चं बोस तथा राज साद ने सहयोिगय क साथ कई बार दौरा िकया।
अिखल भारतीय टरड यूिनयन कां ेस क झ रया क कोयला खदान े म आयोिजत स मेलन म पं. जवाहरलाल
नेह ने भाग िलया तथा इसक अ य ता क । कां ेस समाजवादी पाट क थापना जय काश नारायण तथा
अ दुल बारी जैसे नेता ने 1934 ई. म क । इन नेता ने मजदूर क सम या पर िवशेष यान िदया। 1937-
38 ई. म िबहार म 11 बड़ी िमक हड़ताल ई। रोहतास उ ोग डालिमया नगर, गया कॉटन िमल, इिडयन कॉपर
कॉरपोरशन, मुसाबनी, िसंहभूम, इिडयन कबल कपनी, गोलमुरी, जमशेदपुर, टाटा नगर फाउ ी कपनी, जमशेदपुर,
जपला सीमट व स, िटन लेट कपनी ऑफ इिडया, जमशेदपुर तथा अ य कारखान म हड़ताल ई। अ दुल बारी क
नेतृ व म ‘टाटा वकस यूिनयन’ नामक एक ‘ िमक संघ’ क थापना क गई। स य नारायण िसंह एवं योग शु
ने बेरमो म कोयला खदान क िमक को नेतृ व दान िकया। िदसंबर, 1938 म िबहटा चीनी िमल क सभा को
अ दुल बारी एवं रामवृ बेनीपुरी ने संबोिधत िकया तथा एक ‘ िमक संघ’ क थापना क । रयासत सैन एवं
मेजर रायजीश ने 16 िदसंबर, 1939 को डहरी म िमक क एक सभा क तथा िमक का संयु मोचा बनाने
पर बल िदया।
1925 ई. म एम.एन. राय ने भारत म क युिन ट पाट क थापना कानपुर म क तथा संघष क आधार
पर हक क ा का िस ांत िदया। 1928 ई. म जमशेदपुर म देश क सबसे बड़ी हड़ताल (लगभग
साढ़ तीन महीना) ई, िजसका नेतृ व िमक नेता मािणक होमी कर रह थे।
एम.एन. राय तथा बटक र द जैसे ांितकारी नेता ने जमशेदपुर म अपने संबोधन क दौरान िमक को
वतं ता सं ाम म भाग लेने का आ ान िकया। 18 फरवरी, 1940 को जमशेदपुर म िदए गए िमक क बीच
भाषण क िलए भारतीय र ा कानून क अंतगत जय काश नारायण को िगर तार कर 9 महीने कड़ी कद क सजा
दी गई। इसक िवरोध म पटना सिहत कई थान पर हड़ताल तथा धरना दशन िकया गया। 14 माच को सार ांत
म जय काश िदवस क प म मनाया गया।
भारत लेबर पाट क संगठन सिचव नहारदु द मजूमदार एवं स य िवमल सेन तथा अिखल भारतीय टरड
यूिनयन क उपा य , मुकद लाल सरकार पर भारत र ा कानून क तहत छोटानागपुर म वेश करने पर ितबंध
लगा िदया गया। इसी कानून क अंतगत िबहार सरकार ने भारतीय लेबर पाट क सिचव िशिशर राय एवं संगठन
सिमित क सद य स य च वत को तथा बंगाल लेबर पाट क अ य रहमान खान को िबहार आने से मना कर
िदया गया।
1942 ई. क ‘अग त ांित’ क फल व प झ रया तथा कतरास म हड़ताल ई और जमशेदपुर म हजार
मजदूर क सभा ई।
1942 ई. क ‘अग त ांित’ क फल व प झ रया तथा कतरास म हड़ताल ई और जमशेदपुर म हजार
मजदूर क सभा ई। इस दौरान किटहार पटसन िमल म भी हड़ताल रही। 13 अग त, 1942 को लगभग 10 हजार
मजदूर क एक भीड़ ने किटहार क रिज ी ऑिफस पर आ मण कर लूट िलया। 10 जून, 1944 को िबहार टरड
यूिनयन कां ेस क एक बैठक िग रडीह म ई, िजसम 40 रा य ितिनिधय सिहत लगभग 300 लोग ने भाग
िलया। 16 जनवरी, 1947 क AITUC क क ीय कमेटी क बैठक ई, िजसम मजदूर क सम या क समाधान
हतु 18 माच, 1947 को पूर भारत म ‘माँग िदवस’ मनाने का िनणय िलया गया। इस िनणय क अनुसार बाँक पुर म
सी.पी.आई. ारा 18 माच, 1947 को आम सभा का आयोजन ान िवकास मै ा क अ य ता म िकया गया।
िबहार टरड यूिनयन कां ेस क सहायक सिचव हबीबुरहमान ने छा नेता कामता िसंह एवं ज िकशोर साद क
साथ िमलकर परड मैदान म 25 माच, 1947 को आम सभा क तथा पुिलसकिमय को भी हड़ताल पर जाने क
सलाह दी। 26 माच, 1947 क जुलूस म ‘खून का बदला खून से लगे’, ‘बंदूक का जवाब बंदूक से दगे’ जैसे नार
लगाए गए। इसी कार 12 अ ैल, 1947 को AITUC से संब यूिनयन ने हड़ताल क घोषणा क तथा ‘लाल
झंड क जय, इस बार शासन हम करगे’, ‘मजदूर रा य कायम हो’ जैसे नार िमक ारा लगाए गए। 17-20
जून, 1947 तक सी.पी.आई. क नेतृ व म पटना म िविभ मजदूर संगठन का स मेलन िकया गया। इस स मेलन
म ान िवकास मै ा तथा जग ाथ सरकार ारा कोयला एवं रल उ ोग से जुड़ िमक को संबोिधत िकया गया।
सी.पी.आई. क दो पाट सद य ी कदार दास एवं िनहाल िसंह को जमशेदपुर म िनषेधा ा तोड़ने एवं िटन लेट
उ ोग तथा िट को म हड़ताल करवाने क कारण िगर तार िकया गया।
इस कार कहा जा सकता ह िक िबहार म िमक आंदोलन ने उदारवादी व प से ारभ होकर एक सश
राजनीितक व प धारण िकया।
समाजवादी आंदोलन
कां ेस ारा ‘असहयोग आंदोलन’ को अचानक थिगत करने तथा ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ क असफलता
ने देश क युवा म हताशा भर दी थी। वे ‘रा ीय आंदोलन’ को लेकर िवचिलत होते िदखाई दे रह थे। उ ह यह
अनुभव हो रहा था िक कां ेस दि णपंथी सामंत क इशार पर काय कर रही ह। कां ेस पूण प से गैर- गितशील
एवं िढ़वादी हो गई ह। कां ेस म प र थितय क अनु प प रवतन लाना समय क माँग हो गई थी। कां ेस को
गितशील बनाने क िलए देश क युवा क साथ िबहार क युवा भी याकल थे। दूसरी ओर 1917 ई. क स क
बो शेिवक ांित ने युवा को समाजवाद क पथ पर अ सर होने क िलए ेरणा ोत का काय िकया था। इस
तरह ांितकारी समाजवािदय एवं अंतरा ीय समाजवादी आंदोलन ने िबहार म समाजवादी िवचारधारा को सा रत
करने का काय िकया।
देश क वतं ता आंदोलन को गित देने क उ े य से सव थम िबहार क युवा ने 1931 ई. म ‘िबहार
सोशिल ट पाट ’ क थापना क । इसक सं थापक म मुख थे—गंगा शरण िस हा, रामवृ बेनीपुरी, रामानंद िम
इ यािद। इसक बाद 1934 ई. म पटना क अंजुमन इ लािमया हॉल म औपचा रक प से भारतीय कां ेस
समाजवादी पाट क गठन क घोषणा क गई। इसका अ य आचाय नर देव तथा सिचव जय काश नारायण को
बनाया गया। जय काश नारायण का ज म 11 अ ूबर, 1902 को िबहार क सारण िजले क िसताबिदयारा नामक
गाँव म आ था। इ ह जे.पी. तथा ‘लोकनायक’ क नाम से भी जाना जाता ह। इनक िपता का नाम हसुल दयाल
ीवा तव और माता का नाम फलरानी देवी था। ारिभक िश ा पटना कॉलेिजएट कल, पटना से हण क थी।
1920 ई. म इनका िववाह भावती देवी क साथ आ था। भावती देवी कई वष तक क तूरबा गांधी क साथ
गांधी आ म म रही थ । जय काश नारायण ने पहले पटना कॉलेज म नामांकन कराया, लेिकन रा ीय आंदोलन से
भािवत होकर कॉलेज छोड़कर िबहार िव ापीठ म 1922 ई. तक पढ़ाई क । 1922 ई. म अमे रका उ िश ा
हण करने क िलए चले गए, जहाँ बकले िव िव ालय म अ ययन िकया। 1929 ई. म अमे रका से भारत लौट।
इस समय भारत म रा ीय आंदोलन तेज हो चुका था तथा जय काश नारायण जवाहरलाल नेह और महा मा
गांधी क भी संपक म भी आ चुक थे। ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ क दौरान िसतंबर, 1932 म म ास म िगर तार
कर नािसक जेल म कद कर िदया, जहाँ अ युत पटव न, अशोक मेहता, एम.आर. मासानी, एम.एच. दंतेवाला,
सी.क. नारायण वामी जैसे समाजवादी सोचवाले नेता क संपक म आए तथा इ ह लोग से भािवत होकर
‘कां ेस सोशिल ट पाट ’ क थापना क ।
1934 ई. म जब भारतीय रा ीय कां ेस ने चुनाव म भाग लेने का िनणय िलया, तब जय काश नारायण ने
कां ेस सोशिल ट पाट क ओर से िवरोध िकया। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म इ ह िगर तार करक 9
माह क सजा दी गई तथा हजारीबाग जेल म कद कर िदया गया। आंदोलन क दौरान ही योग शु एवं अ य
सहयोिगय क साथ जेल से भाग गए तथा नेपाल े म भूिमगत होकर आंदोलन चलाया। इस समय इ ह ने
‘आजाद िहद द ता’ का गठन िकया था।
वतं ता क बाद भी रा िनमाण म मह वपूण भूिमका िनभाई। 1957 ई. म राजनीित से सं यास ले िलया था,
लेिकन पुनः कांगे्रस क नीितय क िवरोध म एवं आपातकाल क दौरान राजनीित म सि य हो गए। 1965 ई. म
समाज-सेवा क े म ‘मै सेसे पुर कार’ से एवं 1998 ई. म मरणोपरांत ‘भारतर न’ से स मािनत िकया गया।
इ ह ने 1975 म देश म लागू िकए गए आपातकाल क िवरोध म आंदोलन िकया तथा ‘संपूण ांित’ का नारा िदया।
8 अ ूबर, 1979 ई. को पटना म इनक मृ यु हो गई।
1934 ई. म जब भारतीय रा ीय कां ेस ने चुनाव म भाग लेने का िनणय िलया, तब जय काश
नारायण ने कां ेस सोशिल ट पाट क ओर से िवरोध िकया।
भारतीय कांगे्रस समाजवादी पाट क िवकास म अ य लोग ने भी मह वपूण योगदान िदए, िजसम मुख
गंगाशरण िस हा, रामवृ बेनीपुरी, अ दुल बारी, रामानंदन िम , योग शु , अवधे र साद िस हा,
अंिबकाकांत, फलन साद वमा आिद थे। भारतीय कां ेस समाजवादी पाट ने जहाँ एक ओर कां ेस को ि िटश
शासन िवरोधी बनाने म सहायता क , वह उसने िमक और िकसान म राजनीितक चेतना जा करने का काय
िकया। 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ क दौरान ‘कां ेस समाजवादी पाट ’ क नेता ने अभूतपूव रा ीयता
का प रचय िदया। उ ह ने भूिमगत होकर आंदोलन को नेतृ व दान िकया। उ ह िगर तार कर जेल म शारी रक एवं
मानिसक उ पीड़न िकया गया, लेिकन वे िवचिलत नह ए। समाजवािदय का रा ीय आंदोलन म अभूतपूव
योगदान रहा।
सा यवादी आंदोलन
िबहार म सा यवादी आंदोलन का भी अ य आंदोलन क तरह अपना िवशेष मह व ह। इस आंदोलन ने िबहार म
मु य प से कषक एवं िमक म राजनीितक जाग कता पैदा करने म मह वपूण भूिमका िनभाई। 1917 ई. क
बो शेिवक ांित िव सिहत िबहार क लोग म भी जागृित लाने म सफल रही। िबहार म सा यवादी िवचार का
सव थम सावजिनक प से चार- सार 1921 ई. म झ रया क कोयला मजदूर क िलए िसंगार वे ू चे यार ने
िकया। उ ह ने अपने संबोधन म सा यवादी िवचारधारा से िमक को अवगत कराया। 1922 ई. म कांगे्रस क गया
अिधवेशन म सा यवादी नेता एम.एन. राय ने अपने िवचार य िकए। वे िबहार क मजदूर , कषक तथा युवा
को आकिषत करने म सफल ए।
1925 ई. म एम.एन. राय ारा भारतीय कां ेस पाट क थापना कानपुर म क गई, लेिकन इसका भाव
िबहार क युवा पर भी पड़ा। वे सा यवादी िवचारधारा से े रत होकर इस आंदोलन क अिभ अंग बने। 1930
ई. म अिनल मै ा, सुनील मुखज , रतन राय, िव नाथ माथुर जैसे सा यवादी युवा को आतंकवादी गितिविधय
क आरोप म िगर तार िकया गया। जेल से िनकलने क बाद इ ह ने 20 अ ूबर, 1932 को मुंगेर म भारतीय
क युिन ट पाट , िबहार शाखा क थापना क । पाट क सं थापक म सुनील मुखज , रा ल सांक यायन, ान
िवकास मै ा, िवनोद िबहारी मुखज , अिनल मै ा आिद मुख थे। इस आंदोलन म मु य भूिमका िनभानेवाले अ य
ांितकारी नेता म अली अशरफ, क णचं चौधरी, चं शेखर िसंह, गंगाधर दास, राजकमार पुरवे, िव नाथ
लाल, िकशोरी न िसंह, तेज नारायण झा, मुह मद सफ , जग ाथ सरकार आिद थे।
कायानंद शमा एवं रा ल सांक यायन क नेतृ व म िबहार म ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया, जो सीमांत
िकसान क भूिम वापसी से संबंिधत था।
कायानंद शमा एवं रा ल सांक यायन क नेतृ व म िबहार म ‘बका त आंदोलन’ चलाया गया, जो सीमांत
िकसान क भूिम वापसी से संबंिधत था। कदार दास, चतुरानन िम , फण नाथ द , तेजा िसंह, मंगल िसंह जैसे
युवा ने िबहार क कषक एवं मजदूर क बीच अनेक कार क संरचना मक काय िकए तथा अनेक सा यवादी
िमक संगठन क थापना क । ि िटश शासन ने सा यवादी पाट को उसक ांितकारी गितिविधय क कारण
ितबंिधत कर िदया। फल व प सा यवादी नेता भूिमगत होकर आंदोलन को नेतृ व दान करते रह। तीय
िव यु क दौरान सा यवािदय ने नाजी शासन को परा त करने क उ े य से ि िटश शासन को सहयोग
िकया। अतः भारत म जन आंदोलन को भावी बनाने म तथा िकसान एवं मजदूर को अिधकार क िलए संघष हतु
े रत करने म सा यवािदय ने मह वपूण भूिमका िनभाई।
ि िटश काल म िश ा का िवकास
आधुिनक िश ा
ाचीन काल से ही िबहार िश ा का मह वपूण क रहा ह। िबहार थत नालंदा िव िव ालय देश ही नह ,
िव क मुख िश ण क म माना जाता था। देश म वा तिवक प से पा ा य िश ा का आरभ 1835 ई. से
माना जाता ह। देश क साथ ही िबहार म भी पा ा य िश ा का आरभ माना जाता ह। लॉड मैकाले योजना क तहत
पा ा य िश ा क िवकास पर जोर िदया गया, साथ ही यह घोषणा क गई िक अं ेजी िश ा दान करनेवाले
िश ण सं थान को िव ीय सुिवधा उपल ध कराई जाएगी। अंगे्रजी िश ा को बढ़ावा देने क िलए अनेक
बु जीिवय ने समथन िकया। िटकारी क महाराजा िम िजत िसंह, हथुआ क महाराजा छ धारी शाही, दरभंगा
महाराजा िसंह आिद ने अं ेजी िश ा को लोकि य बनाने क िलए उदारतापूवक आिथक सहायता दान क ।
भारत क गवनर जनरल लॉड िविलयम बिटक ने पा ा य िश ा को बढ़ावा देने क िलए अनेक सरकारी यास
िकए। 1835 ई. म अं ेजी िश ा क िलए पूिणया म, 1838 म िबहारशरीफ तथा 1840 म भागलपुर म ऐसे ही
िव ालय क थापना क गई। इसक बाद पटना, आरा, छपरा, मुज फरपुर, मुंगेर, देवघर, हजारीबाग आिद जगह
पर एक-एक िजला कल क थापना क गई। भागलपुर म सैिनक क ब क िलए िश ा हतु भागलपुर िहल
कल क थापना क गई। 1847 ई. म पटना म संत जोसेफ कल तथा 1856 ई. म संत माइकल कल क
थापना क गई।
ारभ म पा ा य िश ा को लेकर िबहार क िनवािसय म अनेक कार क ाितयाँ थ , िजसक कारण इसका
लाभ कवल बंगािलय ने उठाया। 1861 ई. म बंगाल क िश ा िनदेशक, ड यू.एस. एटिकसन ने िबहार क
शैि क िपछड़पन क समी ा क और कहा िक िबहा रय ने अ ानता एवं िढ़वादी ि कोण क कारण आधुिनक
िश ा से अपने को दूर रखा, िजससे वे सरकारी सेवा म भत से वंिचत रह गए।
1866 ई. म िबहार म बंगािलय ने एक आधुिनक बािलका िव ालय क थापना क । यायाधीश िगरीशचं घोष
ने पटना कॉलेज क ाचाय मैिकडल क सहयोग से पटना म एक बािलका िव ालय क थापना क । राजमहल,
भागलपुर तथा दरभंगा म मिहला िव ालय खोले गए। 1887 ई. म भागलपुर म तेजनारायण जुबली कॉलेज क
थापना क गई। 1889 ई. म क ह रया क जम दार िवशे र िसंह ने पटना म बी.एन. कॉलेज तथा 1897 ई. म
राजा कमले री साद अं ेजी उ िव ालय एवं िव टो रया जुबली कल को िमलाकर मुंगेर म डी.जे. कॉलेज
क थापना क । 1899 ई. म हजारीबाग म कोलंबस कॉलेज क थापना ई।
1909 ई. म सैयद नवाब रजवी ने बी.एन.आर. िश क टरिनंग कॉलेज, गुलजारबाग, पटना क थापना क तथा
इसी वष पटना लॉ कॉलेज क थापना क गई। 1 अ ूबर, 1917 को पटना िव िव ालय क थापना से िबहार
म उ िश ा का माग श त आ। जे.जी. जेिव ंस को पटना िव िव ालय का थम कलपित बनाया गया। राम
बहादुर इदल िसंह ने 1920 ई. म नालंदा कॉलेज क थापना िबहारशरीफ म क । वतं महािव ालय क प म
1927 ई. म पटना साइस कॉलेज क थापना क गई। 1938-39 म चं धारी िमिथला कॉलेज, दरभंगा तथा राज
कॉलेज, छपरा क थापना से िबहार म आधुिनक िश ा क चार- सार म मह वपूण सहायता िमली। पा ा य
िश ा को गित दान करने क उ े य से 1938 ई. म बेिसक एजुकशन बोड क थापना क गई।
िनःसंदेह आधुिनक िश ा का चार- सार रा य क सभी माँग म धीर-धीर संभव आ। इससे लोग म
सामािजक, राजनीितक चेतना का ज म आ और पृथक िबहार रा य क िनमाण म आंदोलन का सू पात आ।
तकनीक िश ा
िबहार म आधुिनक तकनीक िश ा का चार- सार ब त बाद म आ। कछ तकनीक िश ण सं थान को
छोड़कर अिधकतर सं थान क थापना पृथक िबहार ांत गठन अथा 1912 ई. क बाद ही ई। िबहार म उ
िश ा क शु आत 1863 ई. म थािपत पटना महािव ालय क थापना से मानी जाती ह। सम तीपुर क पूसा म
1902 ई. म पशु जनन तथा डयरी फॉम क थापना क गई। लॉड कजन ने 1904 ई. म किष अनुसंधानशाला क
थापना क , जो 1919 ई. से इपी रयल ए ीक चर रसच इ टी यूट क नाम से जानी गई। िबहार ांत क गठन क
कछ वष बाद 1917 ई. म पटना िव िव ालय तथा 1925 ई. म ि ंस ऑफ वे स मेिडकल कॉलेज क थापना
क गई। ि ंस ऑफ वे स मेिडकल कॉलेज बाद म पटना मेिडकल कॉलेज क नाम से िस आ।
सैयद इमदाद अली क ारा 1972 ई. म मुज फरपुर म ‘िबहार साइिटिफक सोसाइटी’ क थापना क गई। यह
सं था इजीिनय रग क अ ययन हतु काफ सहायक िस ई। इजीिनय रग क पढ़ाई से संबंिधत 1874 ई. म पटना
म एक ‘सव िव ालय’ क थापना क गई, जो आगे चलकर ‘ कल ऑफ इजीिनय रग’ क नाम से जाना गया।
कल ऑफ इजीिनय रग कालांतर म िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग क नाम से िस आ। वष 2004 म
िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग को भारत सरकार ने ‘नेशनल इ टी यूट ऑफ ट ॉलोजी’ (NIT) का दजा दान
िकया।
इजीिनय रग क पढ़ाई से संबंिधत 1874 ई. म पटना म एक ‘सव िव ालय’ क थापना क गई, जो
आगे चलकर ‘ कल ऑफ इजीिनय रग’ क नाम से जाना गया। कल ऑफ इजीिनय रग कालांतर म
िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग क नाम से िस आ।
वष 1921 म िबहार िवधानप रष ने एक ताव पा रत कर आयुविदक िश ा णाली ारभ क । इसक
फल व प 1926 ई. म पटना म गवनमट आयुविदक कल खोला गया। िबहार म कला को ो सािहत करने क
उ े य से 1939 ई. म पटना म ‘गवनमट कल ऑफ आट ऐंड ा स’ क थापना क गई। िबहार म िव ान
क पढ़ाई को बढ़ावा देने क उ े य से पटना कॉलेज से पृथक कर पटना साइस कॉलेज क थापना 1927 ई. म
क गई। िबहार क गवनर सर हनरी िमलर ारा 1927 ई. म िबहार वेरनरी कल क थापना पटना म क गई, जो
1947 ई. म कॉलेज क प म प रवितत आ। 1940 क दशक म दरभंगा मेिडकल कल क थापना क गई, जो
बाद म दरभंगा मेिडकल कॉलेज ऑफ हॉ पटल क प म िव यात आ।
वतं ता- ा क बाद क एवं रा य सरकार ारा अनेक तकनीक सं था क थापना क गई। वष 2006
म इजीिनय रग क िश ा हतु बी.आई.टी. ए सटशन क शाखा पटना म थािपत क गई। बंधन सं थान क प म
वष 2008 म पटना म चं गु बंधन सं थान तथा वष 2015 म भारतीय बंधन सं थान क थापना क गई।
इजीिनय रग एवं मेिडकल कॉलेज क थापना िबहार म अनेक थान पर क गई। वष 2008 म पटना म
आई.आई.टी. क थापना क गई। इसी कार वष 2008 म दरभंगा, नालंदा एवं गया म इजीिनय रग कॉलेज खोले
गए। वा य सुिवधा को यान म रखकर रा य सरकार ने वष 2009 म बेितया म तथा वष 2010 म मधेपुरा म
मेिडकल कॉलेज क थापना क । क सरकार ारा वष 2012 म पटना म ए स क थापना क गई।
वतमान समय म िबहार म किष को उ ोग का दजा दान िकया जा चुका ह तथा इसक िवकास हतु अनेक
अनुसंधान क क थापना क गई ह। भारतीय किष अनुसंधान प रष का पूव े ीय कायालय पटना म थािपत
िकया गया ह। िबहार क मुज फरपुर म किष अनुसंधान क अव थत ह। म ा अनुसंधान क क थापना
बेगूसराय म क गई ह। किष को बढ़ावा देने क उ े य से पटना म जल बंधन अनुसंधान क क थापना क
गई ह।
इस कार कहा जा सकता ह िक ि िटश काल से आरभ आधुिनक तकनीक िश ा का िवकास वतमान समय म
भी जारी ह।
ितिथ मावली
आधुिनक काल
1857 ई. (12 जून)—रोिहणी (देवघर) म िसपािहय का िव ोह।
1857 ई. (3 जुलाई)—पटना म पीर अली क नेतृ व म जनता का िव ोह।
1857 ई. (25 जुलाई)—दानापुर और आरा म िव ोह, कवर िसंह का जगदीशपुर म िव ोह।
1858 ई. (23 अ ैल)—कवर िसंह ारा ि िटश जनरल ली ांट परािजत।
1858 ई.—ई ट इिडया क शासन का अंत, ि टन का य शासन थािपत।
1860 ई.—सरदारी लड़ाई।
1865 ई.—पटना क वहाबी नेता क िगर तारी।
1870 ई.—खरवार आंदोलन।
1895-1900 ई.—िबरसा मुंडा का आंदोलन।
1894 ई.—‘िबहार टाइ स’ का काशन।
1906 ई.—िबहार क बंगाल से पृथ रण क माँग ारभ।
1908 ई.—मुज फरपुर बम कांड, फ चाक एवं खुदीराम बोस क मा यम से ांितकारी रा वाद का िबहार
म सार, िबहार ादेिशक सभा का पटना म आयोजन।
1911 ई. (12 िसतंबर)—स ा जॉज पंचम ारा िद ी दरबार म िबहार को पृथक ांत बनाने क घोषणा।
1912 ई. (22 माच)—िबहार एवं उड़ीसा क बंगाल से पृथ रण का ताव वीकत।
1912 ई. (1 अ ैल)—िबहार एवं उड़ीसा क नए ांत क थापना।
1912 ई.—बाँक पुर, पटना म भारतीय रा ीय कां ेस का स मेलन, पं. नेह पहली बार कां ेस स मेलन म
उप थत।
1912-13 ई.—बा कन यु क म म िबहार म मुसलमान ारा तुक क सु तान (खलीफा) क ित समथन
दिशत।
1913-14 ई.—ताना भगत आंदोलन।
1916 ई.—पटना उ यायालय क थापना, सर एडवड थम मु य यायाधीश िनयु , मौलाना मजह ल हक
क नेतृ व म िबहार म ‘होम ल आंदोलन’ का आरभ।
1917 ई.—गांधीजी ारा चंपारण म नील मािलक क िव सफल स या ह, पटना िव िव ालय क थापना।
1919 ई.—िबहार म ‘िखलाफत आंदोलन’ का आरभ, वामी िव ानंद क नेतृ व म िकसान आंदोलन का आरभ।
1919 ई.—1919 क अिधिनयम (मांट यू चे स फोड सुधार) क अंतगत ांत (िबहार सिहत) ैध शासन का
आंरभ, िबहार िहदी सािह य स मेलन क थापना।
1920 ई.—िबहार म ‘असहयोग आंदोलन’ का आरभ, मौलाना मजह ल हक ारा सदाकत आ म क थापना।
1921 ई. (6 फरवरी)—िबहार िव ापीठ क थापना, कलपित मौलाना मज लहक तथा ाचाय
डॉ. राज साद िनयु ।
1921 ई.—ि िटश युवराज (Prince of Wales) क िबहार-या ा।
1923 ई.—िबहार म वराज दल क थापना।
1925 ई.—पटना मेिडकल कॉलेज (Prince of Wales Medical College) क थापना।
1928 ई.—साइमन कमीशन का िबहार म आगमन।
1929 ई.—िबहार म वामी सहजानंद ारा ‘िबहार ांतीय िकसान सभा’ का गठन।
1930 ई. (15 अ ैल)—िबहार म ‘नमक स या ह’ ारभ।
1931 ई.—िबहार सोशिल ट पाट क थापना।
1934 ई. (7 अ ैल)—पटना म गांधीजी ारा य गत स या ह का आ ान।
1936 ई. (1 अ ैल)—उड़ीसा अलग। िबहार ांत का पुनगठन, सर जे स डिवड िसफटन िबहार क थम गवनर
िनयु , ि वेणी सभा क थापना।
1937 ई.—1935 क अिधिनयम क अंतगत िबहार म चुनाव, कां ेस को ब मत।
1937 ई. (7 जुलाई)—िबहार मु लम इिडपडट पाट क नेता मुह मद यूनुस िबहार क पहले धानमं ी
(Premier) िनयु ।
1937 ई. (20 जुलाई)— ीक ण िसंह िबहार क धानमं ी एवं कां ेस सरकार का गठन।
1938 ई.—अ दुल क यूम अंसारी ारा मोिमन कॉ स क थापना।
1940 ई.—फॉरवड लॉक क िबहार शाखा का गठन।
1942 ई.—‘भारत छोड़ो आंदोलन’, 11 अग त को पटना गोलीकांड म सात छा शहीद।
1942-43 ई.—जय काश नारायण ारा ‘आजाद द ते’ का गठन।
1946 ई.—िबहार म ीक ण िसंह क नेतृ व म अंत रम सरकार क थापना।
1946-47 ई.—िबहार म िहदू-मु लम दंग।े
1947 ई. (15 अग त)—भारत वतं , िबहार म जयराम दास दौलत राम रा यपाल और ीक ण िसंह मु यमं ी
बने।
वतं ता क बाद क मुख घटना म
1950 ई. (26 जनवरी)—िबहार ांत (Province) क थान पर रा य बना।
1950 ई.—िबहार म जम दारी था उ मूलन कानून लागू।
1952 ई.—िबहार म थम िवधानसभा चुनाव, िजसम कां ेस को ब मत।
1961 ई.— ीक ण िसंह का िनधन, दीपनारायण िसंह कायवाहक मु यमं ी बने।
1964 ई.—बरौनी म तेल-शोधक कारखाना थािपत।
1967 ई.—पहली बार िवधानसभा चुनाव म कां ेस परािजत, सयुं िवधायक दल क नेतृ व म सरकार का गठन,
महामाया साद िस हा मु यमं ी िनयु ।
1974 ई.—जय काश नारायण क नेतृ व म ‘संपूण ांित आंदोलन’ ारभ, िबहार म छा आंदोलन।
1975 ई.—िबहार म उदू दूसरी सरकारी भाषा घोिषत।
1977 ई.—िवधानसभा चुनाव म कां ेस परािजत, कपूरी ठाकर क नेतृ व म जनता पाट क सरकार।
2000 ई. (15 नवंबर)—िबहार का िवभाजन, झारखंड रा य क थापना।
2005 ई.—नीतीश कमार क नेतृ व म जनता दल (यूनाइटड) एवं भारतीय जनता पाट क गठबंधन सरकार।
2007 ई.—पहली बार िबहार म लोबल मीट का आयोजन।
2010 ई. (22 माच)—पहली बार िबहार िदवस का आयोजन।
2012 ई.—िबहार शता दी वष समारोह आयोिजत।
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6. पृथक िबहार आंदोलन
(Bihar Separation Movement)
पा ा य िश ा क कारण िबहार म भी बु जीिवय क वग का उदय आ, िजससे वे अपने अिधकार क ित
सजग ए। उ ह ने यह महसूस िकया िक पृथक िबहार ांत क गठन क उपरांत ही िबहा रय क सामािजक,
आिथक एवं राजनीितक थित म बदलाव आ सकता ह। सव थम 1876 ई. म मुंगेर से कािशत ‘मूध-ए-
सुलेमान’ नामक पि का म िबहार िबहा रय क िलए शीषक से िबहार पृथक आंदोलन क बात कही गई। इस प ने
माँग क िक िबहार म सरकारी नौक रय म बंगािलय क थान पर िबहा रय क ही िनयु क जाए। 22 जनवरी,
1877 को उदू प ‘कसीद’ ने िबहार को बंगाल से पृथक करने क जोरदार वकालत क । उसने कहा िक बंगाल
और िबहार का साथ असंगत ह, य िक दोन क परपराएँ, रीित- रवाज एवं यवहार िभ ह। जहाँ बंगािलय को
इससे लाभ हो रहा ह, वह िबहा रय क थित दयनीय होती जा रही ह।
1894 ई. म पृथक िबहार संबंधी आंदोलन और अिधक ती आ। इस आंदोलन को शु करने का ेय वा तव
म सि दानंद िस हा एवं महश नारायण को िदया जाता ह। अ य मुख लोग म नंद िकशोर लाल, क णा सहाय,
अली इमाम, मौलाना शफ ीन, मौलाना मजह ल हक, दीपनारायण िसंह, परमे र लाल महता आिद थे। महश
नारायण ने ‘काय थ गजट’ क मा यम से ‘िबहार पृथक आंदोलन’ को ठोस आधार दान िकया। अपने प क
मा यम से उ ह ने िबहा रय क िपछड़पन पर िव तृत काश डाला। दीपनारायण िसंह क य न से ही िबहार म
ांतीय कां ेस का दूसरा अिधवेशन संप आ था।
1857 ई. क महा ांित क बाद बंगाल क लोग म पुनजागरण आया एवं उनम भरपूर बौ क िवकास आ।
बु जीवी बंगािलय ने ि िटश शासन क ित आलोचना मक ि अपनानी शु क एवं धीर-धीर रा वाद का
बीज उगना ारभ आ। ि िटश सरकार क लोग ने इसे अपने अनुकल नह माना एवं उ ह कमजोर तथा सीमाब
करने का यास िकया जाने लगा। बंगाल को कमजोर करने क उ े य से िबहा रय का ि िटश अिधका रय ारा
खुला समथन िकया जाने लगा। ले टनट गवनर कपबेल ने कहा िक जब तक िबहार क लोग को जीिवका का
अवसर दान िकया जाता, िबहार का िवकास नह हो सकता। उसने पृथक िबहार क िनमाण क वकालत क ।
आं ल-भारतीय समाचार प ने बंगाल-िबहार क मामले को जान-बूझकर तूल िदया तथा िबहा रय क मन म
बंगािलय क ित ेष एवं ित पधा क भावना पैदा क । इस काय म आं ल-भारतीय प इगिलशमैन का
मह वपूण योगदान रहा। 1880 ई. म कपबेल क उ रािधकारी ऐशले एडन ने िबहार का दौरा िकया तथा िबहार म
सरकारी नौक रय म िबहा रय क िलए आर ण क माँग क । ि िटश सरकार क अिधका रय ने िबहार म
मुसलमान एवं काय थ क ारा िकए जा रह काय को ो सािहत िकया। इन सं थान म मुंशी यारलाल ारा
थािपत ‘सदर अंजुमन-ए-िहद’ तथा इमाम अली ारा गिठत ‘साइिटिफक सोसाइटी’ मुख थे।
सव थम 1876 ई. म मुंगेर से कािशत ‘मूध-ए-सुलेमान’ नामक पि का म िबहार िबहा रय क िलए
शीषक से िबहार पृथक आंदोलन क बात कही गई।
सि दानंद िस हा, महश नारायण तथा अ य नेता ने िबहार म पूण वाय शासी थानीय सरकार क गठन क
माँग क । भाषा क आधार पर नए ांत क गठन ने जोर पकड़ा। व तुतः भाषा क आधार पर अलग ांत क गठन
का यह भारत म पहला आंदोलन था।
उ ीसव सदी का अंितम दशक आते-आते बंगाल रा वािदय तथा ांितका रय क शरण थली बन गया था।
ि िटश शासन क िलए यह घोर िचंता का िवषय था। वह ांितका रय को कमजोर करने क उ े य से अितशी
बंगाल का िवभाजन करना चाहते थे। सि दानंद िस हा एवं महश नारायण ने अनुकल प र थित को यान म
रखकर ले. गवनर चा स इिलयट तथा एले जडर मैकजी को पृथक िबहार क िनमाण हतु मार-प स पा, लेिकन
इस पर कोई िवशेष यान नह िदया गया।
सि दानंद िस हा एवं महश नारायण ने अनुकल प र थित को यान म रखकर ले. गवनर चा स
इिलयट तथा एले जडर मैकजी को पृथक िबहार क िनमाण हतु मार-प स पा, लेिकन इस पर कोई
िवशेष यान नह िदया गया।
1903 ई. म भारत क गवनर जनरल ने यह प िकया िक शासिनक सुिवधा क िलए बंगाल का िवभाजन
आव यक ह। लाड कजन ने िविलयम वाड क योजना को मूत प देने क िलए बंगाल क चटगाँव मंडल एवं
ढाका तथा मैमनिसंह दो िजल को आसाम म िमलाने क बात को वीकार िकया। इसक फल व प गृह िवभाग क
सिचव हरबट रजले ने 3 िदसंबर, 1903 को बंगाल िवभाजन क योजना क घोषणा क । इसक िति या
देश यापी ई। पृथक िबहार आंदोलन क मुख नेता ने भी बंगाल िवभाजन का िवरोध िकया। वे बंगाल से अलग
िबहार ांत क प धर थे, न िक बंगाल िवभाजन क। सि दानंद िस हा एवं महश नारायण ने अपनी पु तक
‘पािटशन ऑफ बंगाल—सेपरशन ऑफ िबहार’ म भी इस बात का उ ेख िकया ह।
राज साद कलक ा क ‘िबहारी ब’ क सिचव थे। वे िबहारी छा का एक स मेलन आयोिजत करना
चाहते थे। इसक िलए उ ह ने पटना आकर सि दानंद िस हा एवं महश नारायण जैसे नेता से मुलाकात क और
िवचार-िवमश िकया। फलतः 1906 ई. म थम िबहारी छा स मेलन पटना कॉलेज म डॉ. शफ ीन क
सभापित व म आयोिजत िकया गया। यह स मेलन िन त प से छा एवं अ य िबहारी बु जीिवय को एक
मंच पर लाने म सफल आ।
‘िबहारी टाइ स’ नामक महश नारायण क पि का जुलाई, 1906 ई. से ‘िबहारी’ नाम से कािशत होने लगी तथा
यह पुनः नए कलेवर क साथ िबहार क लोग क िहत से संबंिधत मु क साथ कािशत होने लगी। 1907 ई. म
महश नारायण क मृ यु क प ा सि दानंद िस हा, देव नारायण, मजह ल हक, अली इमाम, हसन इमाम,
मुह मद फख ीन आिद लोग ने पृथक िबहार आंदोलन को आगे बढ़ाया। 1908 ई. म इन नेता क यास से
अली इमाम क अ य ता म पटना म ‘िबहार ादेिशक स मेलन’ का आयोजन आ। इस स मेलन म मुह मद
फख ीन ने िबहार को अलग करने का ताव रखा, िजसे सवस मित से पा रत िकया गया।
आंदोलन क बढ़ते भाव क कारण शफ ीन को 1907 ई. म कलक ा हाईकोट क बच म शािमल िकया गया
तथा 1908 ई. म अली इमाम टिडग क िसल क पद पर बहाल िकए गए। 1910 ई. म सि दानंद िस हा बंगाल
िवधान प रष क ओर से क ीय िवधान प रष क सद य चुने गए। उ ह क यास से अली इमाम गवनर जनरल
क कायका रणी प रसर क िविध सद य बनाए गए, िजससे पृथक िबहार आंदोलन को और अिधक बल िमला।
सर अली इमाम ने गवनर जनरल को इस बात को समझाने का यास िकया िक बंगाल िवभाजन यावहा रक
नह ह। अतः उसे त काल वापस िलया जाना चािहए। इसक थान पर िबहार एवं उड़ीसा को बंगाल ांत से
अलग कर उसे वतं ांत का दजा देना यावहा रक होगा। गवनर जनरल को उनक बात तकसंगत लगी।
1911 ई. म इ लड क स ा जॉज पंचम क भारत आगमन पर िद ी म शाही दरबार का आयोजन िकया गया।
इस अवसर पर गवनर जनरल लॉड हािडग ने बंगाल िवभाजन को र कर बंगाल से अलग िबहार एवं उड़ीसा
दो नए ांत बनाए जाने क घोषणा क ।
इस कार 1 अ ैल, 1912 को िबहार एवं उड़ीसा ांत का िविधव उ ाटन आ। पटना िबहार ांत क
राजधानी बना तथा सर चा स बेली को इस नए ांत का थम ले टनट गवनर िनयु िकया गया। उसक
कायकारी प रष म ई.ए. गेट, ई.वी. लेिवंग तथा दरभंगा क महाराजा रामे र िसंह को सद य बनाया गया।
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7. वा तुकला एवं िच कला
(Architecture and Painting)
मौयकला
पालकला
पटना कलम
मधुबनी िच कला
मंजूषा (िमिथला) शैली
मौयकला
भारतीय इितहास म मौय काल भारतीय कला क ारभ का समय रहा ह। हड़ पा काल म उ तर क कला एवं
वा तुकला का अ त व था। मौय-पूव युग म लकड़ी, िम ी और घास-फस का कला मक व तु क िनमाण म
उपयोग होता था, िजस कारण वे व तुएँ वतमान म ा नह ह। मौय काल म ही सव थम कला क े म पाषाण
का यापक उपयोग आ, िजस कारण ये कलाकितयाँ िचर थायी हो गई।
मौय काल म कला क दो प ‘राजक य अथवा दरबारी कला’ एवं ‘लोककला और मूितकला’ िमलते ह।
राजक य अथवा दरबारी कला
इसका सव म उदाहरण मगध स ा चं गु का पाटिलपु थत क हरार म ा राज ासाद ह। इस सभा
भवन क ा अवशेष से इसक िवशालता का अनुमान लगाया जा सकता ह। यह सभा भवन अनेक खंभ वाला
एक िवशाल हॉल था। इस सभा भवन म 84 पाषाण तंभ पाए गए ह। यह सभा भवन 140 फ ट लंबा एवं 120
फ ट चौड़ा था। स ा अशोक ने पाषाण का उपयोग कर इस का ासाद का िव तार िकया। िस चीनी या ी
फािहयान ने इस ासाद को ‘देव िनिमत महल’ कहा था।
स ा अशोक क समय क मौयकला क अिधक अवशेष ा ए ह। स ा अशोक क समय क कलाकितय
को चार भाग म बाँटा जा सकता ह—
(क) तंभ— तंभ मौयकालीन कला क सव म उदाहरण ह। इन तंभ क सं या िन त नह ह। संभवतः ये
30 से 40 क सं या म रह ह गे। इनम 15 सुरि त ह। ये तंभ दो कार क पाए गए ह—
1. िजन पर ध म िलिपयाँ खुदी ई ह—इस कार क तंभ िद ी-मेरठ, िद ी-टोपरा, इलाहाबाद, लौ रया-
नंदनगढ़, लौ रया-अरराज, रामपुरवा, साँची, सारनाथ, लुंिबनी आिद जगह से ा ए ह।
2. सादे तंभ—इस कार क तंभ रामपुरवा (बैल शीष), बसाढ़, कोसय आिद जगह से ा ए ह।
ये सभी तंभ चमकदार, लंबे, सुडौल एवं एका मक ह। ये तंभ नीचे से ऊपर क ओर मशः पतले होते गए
ह। येक तंभ का भार 50 टन और अिधकतम लंबाई 50 फ ट ह। ये सभी तंभ अपने आपम पूण वतं ह एवं
खुले आसमान क नीचे खड़ ह। इन सभी तंभ पर ऐसी चमकदार पॉिलश ह िक आज भी लोग को इनक धातु
िनिमत होने का म कराता ह। तंभ का म य भाग चुनार क लाल प थर ारा िनिमत िकया गया ह। तंभ क
शीष पर फलक क ऊपर िविभ पशु आकितयाँ (हस, िसंह, हाथी, बैल आिद) िमलती ह। इन तंभ म सारनाथ
का िसंह शीष तंभ सव म ह, िजसे भारत का राजक य िच घोिषत िकया गया। यह िसंह शीष तंभ सात फ ट
ऊचा ह। इस पर चार भ य िसंह पीठ से पीठ सटाए खड़ ह। ये िसंह च वत स ा अशोक क श क तीक
ह।
(ख) तूप—ये तूप ईट अथवा तर क बने ठोस गुंबद होते थे। इनका िनमाण बौ और जैन धम क लोग
िकसी पिव थान पर मारक व प करते थे। स ा अशोक वयं बड़-बड़ तूप का महा िनमाता था। परपरा
अनुसार उसने 84 हजार तूप का िनमाण कराया था, िजसम वतमान समय म काफ कम सं या म बचे ह। साँची
क महा तूप का िनमाण स ा अशोक ने ही कराया था। इसक अित र त िशला थत धमरािजका तूप का
िनमाण भी अशोक ने ही कराया था।
(ग) पाषाण वेिदका—मौयकालीन तूप िवहार वेिदका से िघर ए होते ए होते थे। इनम से कछ क
भ नावशेष िमले ह। बोधगया एवं सारनाथ से अशोककालीन वेिदका क अवशेष ा ए ह। पाटिलपु क
खुदाई म तीन वेिदका क टकड़ ा ए ह, जो चमक ली पॉिलश क कारण मौयकालीन माने जाते ह।
(घ) गुहा िवहार—स ा अशोक और उसक पौ दशरथ ने िभ ु क रहने क िलए गुफा क प म
िवहार बनवाए थे। इन सुंदर गुफा का एक समूह गया से 16 मील उ र बराबर एवं नागाजुनी पहाड़ी म ा
आ ह। यहाँ ा गुफा म सुदामा गुफा, कण चौपड़, िव झोपड़ी गुफा िस ह। सुदामा गुफा का दूसरा
नाम य ोध गुहा ह, जो अशोक क रा यारोहण क बारहव वष म िनिमत ई थी। दशरथ क समय िनिमत लोमेश
ऋिष क गुफा भी काफ िस ह। नागाजुनी समूह म ा गोिपका गुफा मह वपूण ह, िजसे दशरथ ने अपने
अिभषेक वष म बनवाया था। इ ह मौयकालीन गुफा का अनुकरण कर कालांतर म प मी भारत म अनेक
चै यगृह का िनमाण िकया गया था।
लोककला एवं मूितकला
मौयकाल म राजक य दरबार से बाहर जनसाधारण क ारा कला का अ ुत िवकास आ, िजसे लोककला
कहा गया ह। मूितकला क े नमूने इसी लोककला क माण ह। य -यि णी ितमाएँ लोककला का मुख
आधार थ । इन सभी ितमा पर चमकदार पॉिलश क गई थी। पटना क दीदारगंज से ा चामरगृिहणी मूित
िमली ह, िजसे ीर न या य ी का नाम िदया गया ह। बुलंदी बाग से एक नारी मूित ा ई ह, जो खड़ी एवं
आकित से लंबी ह तथा गितमान ह। पटना म एक जैन तीथकर क मूित भी ा ई ह। परखम गाँव से ा य
क मूित एवं बेसनगर से ा यि णी क मूित मौयकालीन लोक-मूितकला क े माण ह। इसक अित र
सारनाथ, मथुरा, ह तनापुर, बसाढ़, कौसांबी, क हरार आिद अनेक थान से िविभ पशु-पि य तथा नर-ना रय
क मृण मूितयाँ काफ सं या म िमली ह।
य -यि णी ितमाएँ लोककला का मुख आधार थ । इन सभी ितमा पर चमकदार पॉिलश क गई
थी। पटना क दीदारगंज से ा चामरगृिहणी मूित िमली ह, िजसे ीर न या य ी का नाम िदया गया
ह।
मौयकालीन कला िविवध आयाम म प रपूण थी तथा अपनी क पनाश , िश प, वै ािनक िविध एवं
रचनाशीलता म भी काफ समृ थी।
मौयो र कला
शुंग और कषाण काल म कला िवकिसत होती रही, लेिकन मौयकालीन कला मकता इस काल क नमून से
कट नह होती। गु काल म वा तुकला का िवकास पुनः यादा पैमाने पर आ एवं इसको सारनाथ क े म
िवकिसत और मथुरा कला से भािवत शैली से ेरणा ा ई। इसक नमूने रोहतास, भोजपुर, नालंदा, राजगीर,
गया, वैशाली, सु तानगंज, पटना आिद थान से ा ए। गु कला मथुरा शैली से भािवत थी एवं इसम िहदू
धम का भाव बौ धम क तुलना म अिधक झलकता ह। भागलपुर क सु तानगंज से ा 7.5 फ ट उची बु
क ता मूित गु काल म िनिमत क गई ारभ क रचना म एक े रचना ह। इस मूित म पारदशक व ह,
जो शरीर से िचपक ए ह। वतमान म एक मूित इ लड क विनघम सं हालय म सुरि त ह। इसक अलावा अनेक
गु कालीन मृ मयी मूितयाँ िमली ह, जो ब त ही सुंदर ह। गु कालीन नारी स दय क सहज अिभ य इन मूितय
से होती ह। साँचे क योग से बौ एवं पौरािणक देवी-देवता क मूितयाँ भी इस काल म िनिमत क जाती थ ।
कां य ितमा क िनमाण क शैली का जनक धीमन और उसक पु िबठपाल को माना जाता ह।
पालकालीन मूितकला क शैली को म यकालीन मूितकला क ‘पूव शैली’ क नाम से िस ा ह।
पालकला
िबहार और बंगाल क े म पाल शासक एवं त कालीन संत क ारा पालकला का िवकास 8व से 12व
सदी क म य िकया गया। पाल युग म प थर, काँसे एवं अ धातु क मूितय क िनमाण क एक उ त शैली का
िवकास आ, िजसे पालकला का नाम िदया गया ह। काँसे क ितमा क िनमाण क पाल शैली क िवकास म
धीमन और उसक पु िबठपाल का मह वपूण योगदान रहा ह। ये दोन नालंदा क िनवासी थे। ये दोन नव शता दी
ई. क महा पाल शासक धमपाल और देवपाल क समकालीन थे।
पालकला क िविभ प िन निलिखत ह—
थाप य कला
थाप य कला क े म पाल काल म अनेक महािवहार, तूप, चै य, मंिदर एवं दुग का िनमाण आ। इस
काल क थाप य कला पर धम का प भाव िदखता ह। िविभ महािवहार म ओदंतपुरी, नालंदा, िव मिशला
एवं सोमापुर िवहार क थापना का ेय पाल शासक धमपाल एवं देवपाल को जाता ह। ओदंतपुरी बौ िवहार,
जो भारत का दूसरा ाचीन बौ िवहार ह, क थापना पाल शासक गोपाल थम ने क थी। यह िश ा क एक
मुख क क प म उभरा। नालंदा म िविभ युग म बने मंिदर, तूप और िवहार आिद म पाल शासक का
मुख योगदान रहा ह। इस काल म एक िन त योजना क तहत बौ िभ ु क िलए आवास का िनमाण
कराया गया। िव मिशला महािवहार क अवशेष इस काल क थाप य कला क िविश ता को प करते ह।
यहाँ ईट क बने ए एक मंिदर और तूप क अवशेष िमले ह। इसक अित र कहलगाँव का गुफा मंिदर, गया
थत िव णुपद मंिदर का अधमंडप, सूरजगढ़ा, इडपै, जयमंगलगढ़ इ यािद पालकला क लंत एवं य
उदाहरण ह। इस काल क थाप य कला पर बौ धम एवं वै णव धम का भाव प ह।
मूितकला
पाल युग म मूित िनमाण कला का अ यिधक िवकास आ। इस काल म प थर, काँसे एवं अ धातु क ितमाएँ
िनिमत होने लग । कां य ितमा क िनमाण क शैली का जनक धीमन और उसक पु िबठपाल को माना जाता
ह। पालकालीन मूितकला क शैली को म यकालीन मूितकला क ‘पूव शैली’ क नाम से िस ा ह। इस
काल क कां य ितमाएँ साँचे म ढली होती थ , िजसक नमूने नालंदा तथा किकहार (गया क िनकट) आिद थान
से ा ए ह। नालंदा से ा नमूने राजा देवपाल क समय क ह, जबिक किकहार से ा नमूने परवत काल
क ह। इस काल क अिधकांश मूितयाँ बौ धम से भािवत ह। बु क सवािधक ितमाएँ िमली ह। इस काल
म िहदू धम क देवी-देवता क मूित का भी िनमाण आ ह, िजसम िव णु, बलराम, सूय और गणेश क मूितयाँ
ह।
इस काल क तर ितमाएँ भी िमली ह, जो कला मक सुंदरता का उदाहरण तुत करती ह। ये मूितयाँ काले
बेसा ट प थर क बनी ई ह। ये प थर संथाल परगना एवं मुंगेर क पहािड़य से ा िकए गए ह गे। इन मूितय म
कवल शरीर क सामनेवाले भाग को िदखाया गया ह। इन मूितय म अलंकार क धानता ह। इन मूितय क सुंदरता
कलाकार क िश पगत प रप ता को दशाती ह। इन मूितय म मु यतः देवी-देवता का िच ण िकया गया ह।
मृ ांड कला
पालकला म मृ ांड क सुंदर एवं कला मक प का िवकास आ ह। इस कला का िवकास मु यतः सजावट
क िलए आ ह। इस कला म मूितयाँ दीवार पर बनाई जाती ह। इस कला म मु यतः धािमक और सामा य जीवन
क य िदखते ह। कला मक सुंदरता का उ क उदाहरण एक त ती ह, िजस पर एक ी को बैठी ई मु ा म
िदखाया गया ह। उसने दािहना पैर बाएँ पैर पर रखा आ ह और शरीर झुका आ ह। एक हाथ म आईना िलये ए
वह अपने प को िनहार रही ह तथा दूसर हाथ क उगिलय से अपनी माँग म िसंदूर भर रही ह। चेहर क सुंदरता
और भोलापन उसक शारी रक स दय का सफल िच ण ह। इसक शरीर को आभूषण से ढककर उसक सुंदरता
को और आकषक बनाया गया ह।
पटना कलम
मुगल सा ा य क पतन क काल म शाही दरबार म कलाकार को य न िमलने क कारण इनका पलायन
अ य े म होने लगा था। औरगजेब ारा राज-दरबार से कला क िव थापन क बाद िविभ कलाकार ने
े ीय नवाब क यहाँ आ य िलया। इस कारण िच कला िविभ े ीय प म िवकिसत ई। इ ह म से एक
पटना कलम या पटना शैली भी ह। इस शैली का िवकास 18व सदी क म य से लेकर 20व सदी क आरभ तक
आ। कछ िव ा इसे कपनी काल म िवकिसत होने क आधार पर ‘कपनी शैली’ भी कहते ह।
पटना कलम का अ त व 18व शता दी क उ रा से लेकर 20व शता दी क ारभ तक रहा ह। इस शैली
क कलाकार क पूवज का इितहास अ प ह, य िक इसका कोई ामािणक अिभलेख उपल ध नह ह। पटना
अजायबघर क पूव अ य एवं कला ेमी ी पी.सी. मानुक एवं िम टर िम डड आचर एवं पटना शैली क
िच कारी क अंितम उ रािधकारी ो. ई री साद वमा ारा दी गई सूचनाएँ को ही त य मान िलया गया ह।
पटना कलम म खिनज, रासायिनक और वान पितक रग का योग आ ह। हाथीदाँत और अबरक पर
बने िच म रग क पहले बकरी क दूध का लेप भी लगाया जाता था।
पटना कल ऑफ पिटग या पटना कलम मुिशदाबाद म िवकिसत होना एवं इसक ारिभक कलाकार का िद ी
कलम म िशि त होना, पटना कलम म िकसी मूलभूत प रवतन नह होने का कारण ह। हालाँिक इसक िवकास म
कछ थानीय िविश ता का समावेश ज र ह। पटना कलम क िच कारी कागज, अबरक और हाथीदाँत पर
क जाती थी। पटना सं हालय क सं ह म सभी कार क िच का समावेश िकया गया ह। दरअसल यह शैली
बाजारो मुख शैली थी। खरीदार ने िजन िवषय पर िच माँगे, उस पर िच बनाए गए। मुगल शैली और दूसरी
शैली से ा अ य शैिलय से िभ यह शैली जनकला का उदाहरण बन सक । िविभ रोजगार से जुड़ िभ ती,
चोबदार, दरबान, धोबी, नौकरानी, बढ़ई, लोहार, सोनार, कघी-चूड़ी बनानेवाला, जरदोन, जुलाहा जैसे च र पटना
कलम म यादातर िदखते ह। पटना कलम म खिनज, रासायिनक और वान पितक रग का योग आ ह।
हाथीदाँत और अबरक पर बने िच म रग क पहले बकरी क दूध का लेप भी लगाया जाता था। पटना कलम क
िच कार िगलहरी, सूअर आिद क बाल से बने श का इ तेमाल करते थे। वे अपने ारा तैयार हडमेड कागज,
िजसे वे लेप लगाकर तैयार करते थे, का इ तेमाल करते थे।
इस शैली पर मुगलशाही शैली और ि िटश कला का गहरा भाव पड़ा ह। इसक अित र इसम थानीय
िविश ताएँ भी प रलि त होती ह। मुगल त व, यूरोपीय त व एवं थानीय भारतीय त व क स म ण क कारण
इस शैली क अपनी अलग िवशेषताएँ ह। पटना कलम क मु य िवशेषताएँ िन निलिखत ह—
लघु िच
पटना कलम क िच लघु िच क ेणी म आते ह, िज ह अिधकतर कागज एवं कह -कह हाथीदाँत पर बनाया
गया ह। इस शैली क िच का मु य िवषय जन साधारण क सामा य जीवन का िच ांकन ह। इस शैली क िच म
मुगल िच क भ यता का अभाव ह। इस शैली क िच म सामा य प से लकड़ी काटता आ बढ़ई, पालक
उठाए ए कहार, मछली बेचती ई औरत, खेत जोतता आ िकसान, ए ा वाला, रगरज, लोहार, सुनार एवं
साधु-सं यासी को िचि त िकया गया ह। इस शैली क कछ िच चमड़ा, धातु तथा शीशे पर भी उकर गए ह। इस
शैली क िच म चटख रग का योग नग य होता ह।
इस शैली क िच म सामा य प से लकड़ी काटता आ बढ़ई, पालक उठाए ए कहार, मछली बेचती
ई औरत, खेत जोतता आ िकसान, ए ा वाला, रगरज, लोहार, सुनार एवं साधु-सं यासी को िचि त
िकया गया ह।
सामा य जन-जीवन का िच ांकन
इस शैली क िच म त कालीन िबहार क सामा य जन-जीवन का िच ांकन आ ह। इस शैली क िच क
ारा परपरागत भारतीय िच शैली को अिभ य िकया गया ह। इस शैली क िच म िमक वग (कली,
नौकरानी, िभ ती, कहार, कसाई आिद), द तकारी वग (बढ़ई, सोनार, रगरज, लोहार आिद), आवागमन क साधन
(बैलगाड़ी, पालक , ए ा, हाथी, घोड़ा आिद), बाजार क य (िमठाई क दुकान, मछली क दुकान, ताड़ी क
दुकान, गाँजे क दुकान आिद) का िच ांकन मुखता से आ ह। इस शैली क िच म मदरसा, पाठशाला, दाह-
सं कार, योहार एवं साधु-संत का भी िच ांकन आ ह।
बारीक एवं अलंकरण क िवशेषता
इस शैली क िच कार को बारीक एवं अलंकरण म िस ता हािसल थी। इस शैली क िच म िचिड़य का
बारीक िच ण कलाकार क पि य क शरीर िव ान क गहन जानकारी का माण ह। इस शैली म कह -कह
कलाकार क दबी ई क पनाएँ अलंकरण क साथ मुख रत हो उठी ह, जैसे—महादेव लाल ारा बनाया गया
रािगनी गांधारी िच , माधोलाल ारा बनाया गया रािगनी तोड़ी पर आधा रत िच , िशवलाल ारा बनाया गया
मु लम िनकाह का िच तथा यमुना साद ारा बनाया गया बेगम क शराबखोरी का िच मह वपूण ह।
पृ भूिम एवं लड कप का कम योग
इस शैली क िच म पृ भूिम एवं लड कप का कम योग आ ह। पृ भूिम एवं लड कप का योग
कलाकार को महगा पड़ता ह, िजसक पूित करनेवाला कोई नह था। इस कारण कलाकार ने इस शैली म कम
खच ले योग करना यादा उिचत समझा। इस शैली क मनु य क िच म ऊची नाक, भारी भव, गहरी आँख,
पतले चेहर और घनी मूँछ िदखाई गई ह।
रगने क िनजी शैली
इस शैली क िच कार अपनी तूिलका बनाने क िलए काफ प र म करते थे। कलाकार िगलहरी क पूँछ अथवा
ऊट, सूअर, िहरण आिद क बाल को कबूतर या चील क पंख म बाँधकर तूिलका बनाते थे। इस शैली म
िच कारी म इ तेमाल करने क िलए रग फल, फल, प थर , धातु और िम ी से तैयार िकए जाते थे। इस शैली
म काशगरी िम ी और सीप को जलाकर सफद रग, हरताल और रामरस से पीला रग, लाह िसंदूर, िसंगरफ और
गे से लाल रग, नीला और लाजू प थर से नीला रग और िचराग क किलय से काला रग तैयार िकया जाता था।
मुगल शैली से िभ शैली
इस शैली क िच म मुगल शैली क भ यता का अभाव ह। इस शैली क िच म सजीवता और सामा य जीवन
से घिन ता सव मुख िवशेषता ह। इस शैली म रग क उपयोग एवं छायांकन क तरीक म भी मुगल शैली से
िभ ता िदखाई पड़ती ह।
मह वपूण कलाकार
ारिभक कलाकार म दो नाम नोहर और मनोहर क जाने जाते ह, जो अकबर और जहाँगीर क दरबार म
िच कारी करते थे। इस शैली क मह वपूण कलाकार म सेवक राम का नाम आता ह। इनका काल 1770 ई. से
1830 क बीच रहा ह। इनक समकालीन िच कार म लास लाल (1785 से 1865 ई) का नाम भी मह वपूण ह।
इनक िस िच म िहदू योहार —होली और दीवाली—क िच ह। इस शैली क अ य िच कार म जयराम
दास, िशवदयाल लाल, िशवलाल सािहब, द ो बीबी, सोना बीबी, मुंशी महादेव लाल, गुरसहाय लाल आिद
मह वपूण ह। इस शैली क अंितम मह वपूण िच कार ई री साद वमा थे। इस शैली क पारखी राधामोहन बाबू
को पोट्रट क सजना का आचाय कहा जाता ह। राधामोहन बाबू क मृ यु 1997 ई. म ई। पटना कलम शैली क
संर णदाता म अं ेज किम नर टलर, पटना क कले टर ड यू.बी. आचर और उनक प नी िम टरड आचर,
पटना क वक ल पी.सी. मानुक, सर चा स डी. आयली, राय सु तान बहादुर आिद मुख थे। इस शैली क िच
का सं ह खुदाब श लाइ ेरी एवं पटना यूिजयम म ह।
मह वपूण िच
1. रािगनी गांधारी—यह िच महादेव लाल क ारा बनाया गया ह। इस िच म नाियका क िवरह क
अवसाद का सू म िच ण तुत िकया गया ह।
2. िवरिहणी नाियका का वीणा िलये िच —यह िच माधो लाल क ारा बनाया गया ह। यह िच रािगनी
तोड़ी पर आधा रत ह।
3. मु लम िनकाह का िच —यह िच िशवदयाल लाल क ारा बनाया गया ह।
4. बेगम क शराबखोरी का िच —यह िच यमुना साद क ारा बनाया गया ह।
इस शैली क अंितम िच कार ई री साद का काय े कलकता था। इसी कारण रव नाथ टगोर एवं अवन
नाथ ठाकर जैसे कलाकार क शैली पर पटना शैली का प भाव िदखता ह।
मधुबनी (िमिथला) िच कला
मधुबनी िच कला का इितहास काफ पुराना ह। कणाट वंशकालीन िव ापित क समय म िमिथला क सं कित
का सवािधक िवकास आ। इनक गीत का भाव यहाँ क िच कला पर भी पड़ा। इस भाव से पहले यहाँ पर राम
िच ावली रची जाती थी। बाद म िव ापित क गीत क भाव ने क ण और िशव िच ावली का सू पात करवाया।
वतमान समय म िमिथला क िच कला अनेक नई-पुरानी लोकमा यता एवं प रक पना क आधार पर रची जा
रही ह। यह एक लोककला ह, िजसम मिहला क पूण भागीदारी होती ह। मधुबनी िजला िमिथला सं कित का
दय थल रहा ह। इस िच कला को िमिथला पिटग भी कहा जाता ह। यह िच कला िमिथला क मधुबनी, दरभंगा,
सहरसा और पूिणया िजले क लोक-जीवन क कला ह।
मधुबनी िच कला क दो कार ‘िभि िच ’ एवं ‘अ रपन’ (भूिमिच ) ह।
िभि िच
िभि िच णकला एक प र कत अलंकरण कला ह, िजसे याँ िविभ पव- योहार एवं सामािजक जीवन क
सं कार क समय मु यतः खिनज रग क मा यम से अपने घर क प सतह पर रचाती ह। इसम अलंकरण क
गिणतीय माप क आधार पर बेलबूट क साथ-साथ ई ट देवता एवं उनक पि च तथा मानव आकार का िच ण
िकया जाता ह। इनम कभी-कभी तांि क तीक और कथािच क भी रचना क जाती ह। िविभ पव- योहार क
समय इनका व प िभ -िभ होता ह। इसक मु यतः दो प िमलते ह—
गो ी घर क सजावट—इसम धािमक मह व क िच होते ह। धािमक िच ण म िशव-पावती, राम-सीता,
िव णु-ल मी, राधा-क ण, दशावतार, दुगा-काली क मुखता िमलती ह। इन िच क िनमाण म काय थ एवं
ा ण प रवार क मिहला क मु य भूिमका रहती ह।
कोहबर घर क सजावट—िमिथला क िच कला म कोहबर का िच ण या यहाँ क लोकभाषा म ‘कोहबर
लेखन’ यहाँ क जन-जीवन क आ म प को गहर अथ म समाए रखता ह। यह िच ांकन गु काल या म य युग
म गुफा म िकए जानेवाले यथाथपरक िच ण से िभ ह। कोहबर लेखन िमिथला क एक यािमतीय एवं
तांि क िविध क िच कला ह, िजसम अनेक पाकार क िव यास एवं तीक िच का िन पण िकया जाता ह।
कोहबर व तुतः उस थान को कहा जाता ह, जहाँ िववाह क समय कलदेवता का थापन होता ह। िहदू िववाह
प ित क इस थापना क साथ कलदेवता क थापन थल क दीवार पर एक चतुभुजीय या आयताकार े म
िच ांकन एवं अलंकरण िकए जाते ह। ये लगभग 20 वग फ ट तक क े म बनाए जाते ह।
कोहबर लेखन िमिथला क एक यािमतीय एवं तांि क िविध क िच कला ह, िजसम अनेक पाकार
क िव यास एवं तीक िच का िन पण िकया जाता ह। कोहबर व तुतः उस थान को कहा जाता ह,
जहाँ िववाह क समय कलदेवता का थापन होता ह।
कोहबर लेखन आरभ करने से पहले याँ अपने कलदेवता का मरण करती ह एवं नविववािहत जोड़ क
मंगलमय जीवन क कामना करते ए रखाकरण आरभ करती ह। इस ि या से पूव दीवार पर शीप क कली-चूने
से सफदी क जाती ह। बाद म गे या ह दी क रग से रखाकरण िकया जाता ह। कोहबर म मुख प से बाँस,
तोता, कमल का प ा, कछआ, मछली आिद तीक को अंिकत िकया जाता ह। इनम बाँस पु ष िलंग तथा वंश
वृ का तीक ह, तोता ान का, कमल का प ा ी जननि य का तीक ह। इसी कार कछए से वर-वधू क
दीघायु होने एवं मछली से उनक पु वान होने क कामना क जाती ह।
अ रपन (भूिमिच )
अ रपन क परपरा िमिथला पिटग म काफ चिलत ह। िमिथला म जनेऊ, मुंडन, िववाह आिद कमकांडी-
सं कार क समय अ रपन क रचना तथा िविभ पव- योहार म िकए गए अ रपन को अिनवाय प से महसूस
िकया जाता ह। िमिथला क ाचीन पोिथय से बात सामने आती ह िक यहाँ अ रपन क था उ र-वैिदक युग से ही
रही ह। इसक बाद ा ण युग क कमकांड म भी अ रपन क धानता थी, िजसक परपरा आज भी देखी जाती
ह। िव ापित क समय िमिथला क कवारी क याएँ अपने घर क तुलसी चौरा क पास ितिदन अ रपन रचती थ ।
इस रचना क साथ कछ मनौितयाँ भी होती थ ।
िमिथला म िव ापित क समय मु य प से अ रपन म क णलीला िच ांिकत क जाती रही ह। इसम याँ
चौरठ (चावल का आटा), िसंदूर, गे का आटा, गे तथा रामरस का िवशेष योग करती ह। इसम िमिथला क
सं कित प रलि त होती ह। यह परपरा मिहला ारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी सं कित क प म बढ़ती रही ह। इसम
आँगन या चौखट क सामने बनाए जानेवाले िच होते ह, इन िच को बनाने म कट ए चावल का पानी और रग
म िमलाकर योग िकया जाता ह। इन िच को उगली से ही बनाया जाता ह। इन िच क 5 कार पाए जाते ह।
(क) मनु य और पशु-पि य को दशानेवाले िच ,
(ख) फल-फल एवं वृ क िच ,
(ग) तांि क तीक पर आधा रत िच ,
(घ) देवी-देवता क िच ,
(ड़) व तक, दीप आिद शुभ तीक क िच ।
इस शैली म िविभ अवसर से संबंिधत संग म अ रपन क अलग-अलग प चिलत ह, जैस—अिववािहत
क या क िलए तुलसी पूजा क अवसर पर बनाए जानेवाले अ रपन म यािमतीय आकार (ि कोणा मक और
आयताकार) का अिधक योग िकया जाता ह। िववाह एवं अ य उ सव क अवसर पर बनाए जानेवाले अ रपन म
पि य क आकार क अिधकता होती ह।
शैलीगत िवशेषताएँ
इस शैली म बनाए जानेवाले िच म िचि त व तु का मा सांकितक व प ही बनाया जाता ह। इस शैली क
िच मु यतः दीवार पर ही बनाए जाते ह। हाल क िदन म कपड़ और कागज पर िच ांकन क वृि बढ़ी ह।
इस शैली म आदमी क िच म शारी रक स दय एवं सौ व क थान पर उसक यवसाय, गुण एवं दाशिनक प
को गहनता क साथ दशाया जाता ह। इसम िच उगिलय या बाँस क कची से बनाया जाता ह। उ त शैली क
अभाव म भी लोकक पना क ऊची उड़ान, कला से गहरा भावना मक लगाव और सुंदर ाकितक रग का योग
इन िच क सव मुख िवशेषता ह।
इस िच कला म ाकितक रग का योग िकया जाता ह, लेिकन वतमान समय म यावसाियक ि से कि म
रग का भी योग होने लगा ह। इस कला म उपयोग िकए जानेवाले रग वन पितय से ा िकए जाते ह। हरा,
पीला, कस रया, नारगी आिद रग मु यतया उपयोग िकए जाते ह। सेम क प े से हरा, कसुम क फल से लाल,
पलास क फल से नारगी, नील से नीला एवं काजल से काला रग ा िकया जाता ह। इस कला म पीला रग
धरती, उजला रग पानी, लाल रग आग, काला रग वायु एवं नीला रग आकाश क िलए यु होता ह।
मुख क —इस कला क मुख क मधुबनी, लह रयासराय, भवानीपुर, िसमरी, राँची आिद ह।
मुख कलाकार—इस कला क मुख कलाकार ‘प ी’ सीया देवी, कौश या देवी, गंगा देवी, महासुंदरी
देवी, जगदंबा देवी, भगवती देवी, मैना देवी, लाल बाबा एवं शिशकला देवी ह। इस कला क दशनी िवदेश म भी
आयोिजत क जा रही ह। शिशकला देवी क िच क दशनी जापान म लगाई जा चुक ह। िमिथला कला को
अंतरा ीय याित िदलाने म एक मुख जापानी य हासेगावा का नाम उ ेखनीय ह। जापान क तोकामांची
शहर म हासेगावा क सहयोग से िमिथला सं हालय बनाया गया ह। इस सं हालय म िमिथला कला क दुलभ िच
को संकिलत िकया गया ह। िस जमन शोधकता ऐ रक मथ ने भी इस िच कला पर शोध-काय िकया ह।
वतमान समय म इस शैली क िच कला को यापारो मुख एवं रोजगारपरक बनाने का यास िकया जा रहा ह।
इसक िलए पुरानी शैली म नवीनता को समावेिशत िकया जा रहा ह। िबहार सरकार क ारा िमिथला लोक-
िच कला क संर ण, संवधन एवं िवकास हतु िमिथला िच कला सं थान, सौराठ (मधुबनी) क थापना क गई
ह।
मंजूषा शैली
अंग जनपद अथा पुराने भागलपुर मंडल क िसंह न म सिदय से मनाए जानेवाले एक लोक- योहार को
िब ला पूजा, िबसहरी पूजा या मनसा पूजा क नाम से जाना जाता ह। इस पूजा म कागज, सनई और शोला से
िनिमत मंिदर क आकित उपयोग म लाई जाती ह। इसे ही मंजूषा कहा जाता ह। आंचिलक भाषा म इसे मंजोसा
कहते ह।
मंजूषा िच कला जाितगत सोपान क सबसे िनचली सीढ़ी पर खड़ समाज क देन ह। यह कला आय एवं
अनाय क सिदय क संघष एवं सम वय से पनपी लोक-सं कित का प रणाम मानी जाती ह। इसम दबे-कचले लोग
अपने समाज क अ त व एवं अ मता क िलए अपने देवी-देवता क ेरक छिवयाँ गढ़ते नजर आते ह।
हरा, पीला, कस रया, नारगी आिद रग मु यतया उपयोग िकए जाते ह। सेम क प े से हरा, कसुम क
फल से लाल, पलास क फल से नारगी, नील से नीला एवं काजल से काला रग ा िकया जाता ह।
वतमान म भागलपुर म योहार क व पूजन म जो मंजूषा यु होती ह, उस पर आकषक िच बनाए जाते
ह। लोक-िव ास क अनुसार मनसा यानी िशव क पाँच मानस पुि याँ—मैना, भवानी, देवी, प ा और जया ह।
इनको िबसहरी कहा जाता ह। लोककथा क अनुसार पाँच िबसहरी बहन अपनी इ छा लेकर िशव क पास गई।
िशव ने कहा िक यिद पृ वी पर अ यतम िशवभ चाँदो उ ह पूजा दे देगा तो मृ युलोक म उसक पूजा होने लगेगी,
पर चाँदो ने इन नाग क या को अपमािनत कर िदया। तब ोिधत बहन ने उनक 6 पु को नाव सिहत डबो
िदया। देवी िबसहरी क माया से चाँदो क सातव पु बाला लख का िववाह उ ैनी क बासु सौदागर क बेटी
िब ला से आ। इससे पहले ही िबसहरी ने िब ला क िकसी भूल पर किपत होकर उसे सुहागरात म ही िवधवा
होने का ाप दे िदया था। कथा क अनुसार िब ला को सुहागरात क िलए पित क साथ िव कमा ारा बनाए गए
लोह-बाँस क घर म कड़ पहर म रखा गया, िकतु बाला को िबसहरी क कोपभाजन से कोई नह रोक पाया। पित
क मृ यु से दुःखी होकर िब ला ने ण िकया िक वह इ ाऌपुरी जाकर अपने पित क ाण को लौटा लाएगी।
इसक िलए िव कमा लोहार ने एक खास कार क मंजूषा बनाई। लहसन माली ने इसे रग से सजाया। अपार
क होने क बावजूद वह बाला को जीिवत पाने म सफल ई। िफर उसने चाँदो को िववश कर िदया िक वह
मनसा िबसहरी को पूजा दे। आिखरकार िबसहरी क पूजा मृ युलोक म चिलत ई।
मंजूषा िच कला म इस कथा क पा को अनेक तीक िच , रखािच क मा यम से िदखाया जाता
ह। कित ेम का िच ण इस कला को िविश ता दान करता ह। कथा का मु य पा चाँदो सौदागर
हमेशा चाँद क साथ िचि त िकया जाता ह।
मंजूषा िच कला म इस कथा क पा को अनेक तीक िच , रखािच क मा यम से िदखाया जाता ह।
कित ेम का िच ण इस कला को िविश ता दान करता ह। कथा का मु य पा चाँदो सौदागर हमेशा चाँद क
साथ िचि त िकया जाता ह। इसम मानव आकित अं ेजी क ए स आकार क होती ह अथा दायाँ पैर एवं बायाँ
हाथ और उसी तरह बायाँ पैर और दायाँ हाथ अलग-अलग एक रिखक होते ह। मुखाकित एक आयामी और
कपाल कानिवहीन होते ह। आँख उस अनुपात म बड़ी होती ह। पु ष आकितय म मूँछ और िशखा अव य होती ह।
य क उरोज क उभार को दशाने क िलए व रखा का योग िकया जाता ह। पु ष क गदन मोटी और य
क अपे ाकत पतली होती ह। िच म साँप को रगरखा और िबंदु से अंिकत िकया जाता ह। लोक-कलाकार
यािमतीय-बोध को छोड़कर भाव-बोध पर यादा यान देते ह। इस कला क िच म ी ायः पित क साथ
िचि त होती ह। य क जूड़ बँधे रहते ह। कथा क मु य पा िबसहरी, जो बाद म देवी क प म पूिजत और
िति त ई, हमेशा साँप क साथ िचि त क जाती ह।
इन कला को आधुिनक िबहार म िजंदा रखने का ेय च वती देवी एवं उनक पुरख को जाता ह। गरीबी और
अभाव क बावजूद इनक अथक प र म से यह कला वष से जीिवत ह। िच कार शेखर ने इस कला पर मंजूषा
िश प नाम से लाइड िफ म बनाकर लोग का यान इस ओर ख चा। मंजूषा िच कला म आज भी असीम
संभावनाएँ िव मान ह।
q
8. लोक-सं कित
(Folk Culture)
लोकगीत
लोकनृ य
लोकना य
जनजातीय सं कित
लोकगीत
िबहार क सां कितक प रवेश म लोकगीत का थान ब त मह वऌपूण ह। भारत म े ीयता क आधार पर
लोकगीत क अपनी अलग ही पहचान ह। येक रा य म लोकगीत क अपनी परपरा रही ह। इन लोकगीत म
पव- योहार, शादी-िववाह, ज म, मुंडन, जनेऊ आिद अवसर पर गाए जानेवाले गीत होते ह। इन गीत म माधुयता
और भावुकता का समावेश होता ह। यहाँ भाषायी लोकगीत म िविवधता होते ए भी संवेदनशीलता का अ ुत रस
ह, जो छद क आधार पर तो नह , लेिकन लय क आधार पर कणि य होता ह। अंिगका लोकगीत ाकितक स दय
का मनभावन वणन करते ह तो मगही लोकगीत पा रवा रक संबंध क आपसी यवहार; ेम ेष, िवनोद आिद का
वणन करते ह। इनम िवरहयु भी कछ गीत गाए जाते ह। िबहार म भोजपुरी गीत ने जो थान बनाया ह, वह
संभवतः अ य लोकगीत क िलए संभव भी नह ह। वतमान समय म भोजपुरी लोकगीत ने रा ीय तर पर अपनी
पहचान बना ली ह। िबहार क लोकगीत सं कित को िन न वग म बाँटा गया ह—
सं कार गीत
येक सं कार क दो व प-शा ीय एवं लौिकक देखने को िमलते ह। सं कार गीत का संबंध लौिकक
अनु ान से ह। ये गीत सभी जाितय -जनजाितय म मनु य क ज म से लेकर मरण तक सभी मुख अवसर पर
गाए जाते ह। ज म, मुंडन, िववाह, गौना, रागमन जैसे अवसर पर गाए जानेवाले ये गीत उ ास और हष से
भर होते ह। ज म क समय सोहर, मुंडन क समय खेलौना और िववाह क समय िवदाई आिद गीत यहाँ क समाज
म सहज ही चिलत ह। िबहार म मगही े क अंतगत कछ मु लम सं कारवाले गीत गाए जाते ह।
िबहार म पु ज मो सव क अवसर पर ‘सोहर’ गाए जाते ह। इन गीत म पु ज म संबंधी उ ास बधाई क भाव
शािमल रहते ह। भोजपुर और मगध े म इस अवसर पर पँविड़या नाच होता ह। पँविड़या लोग ब े क ज म क
बधाई गीत क ारा देते ह और बधावा माँगते ह। िबहार एवं पूव उ र देश म गाए जानेवाले सोहर एक िवशेष
राग, लय एवं छद से आब रहते ह, िजसे सोहरछद क नाम से जाना जाता ह। तुलसीदास क ारा सोहरछद क
रचना पूवकाल म क गई ह। सोहर लोकगीत म तुक एवं िपंगल शा क िनयम का अभाव रहता ह। इन गीत क
जाित म खेलौना गीत गाने का चलन ह। सोहर से खेलौना गीता म िसफ इतना अंतर रहता ह िक सोहर पु उ पि
क पहले वह खेलौना पु ज म क उपरांत गाए जाते ह।
ज मो सव क उपरांत मुंडन, य ोपवीत, िववाह क िविध-िवधान म लोकगीत का समावेश अिभ प से रहता
ह। पूर सं कार गीत म सवािधक गीत क सं या िववाह क गीत क ह। इन गीत म िशव िववाह एवं राम िववाह
क संग विणत रहते ह। िशव िववाह क गीत म िशव एवं पावती क आपस म वाद-िववाद एवं िशव क बरात का
वणन रहता ह। राम िववाह क गीत म बरात सजाने, बरात थान करने, ार पूजा, प रछावन, िववाह एवं
कोहबर म वेश करते ए सिखय क िठठोली का वणन रहता ह। िमिथलांचल म इस अवसर पर ‘स मरी गीत’
गाने क था ह। िववाह क समय िजस घर म कलदेवता का पूजन होता ह एवं जहाँ मांगिलक काय संप िकया
जाता ह, उसे कोहबर कहते ह एवं इससे संबंिधत कोहबर गीत गाने का यापक रवाज ह।
िबहार म ‘डोमकछ’ एक ना य लोकसंगीत ह, िजसका गायन िववाह क अवसर पर वर प क य
क स मिलत सहयोग से होता ह।
िबहार म ‘डोमकछ’ एक ना य लोकसंगीत ह, िजसका गायन िववाह क अवसर पर वर प क य क
स मिलत सहयोग से होता ह। पूव म ामीण समाज म लड़क क बरात जाने क बाद डोम-डोिमिनय ारा खेले
जाने क कारण इसका नाम डोमकछ पड़ा। िभखारी ठाकर क ना य रचना म भी इस परपरा क संग िमलते ह।
िमिथला म बेटी क िवदाई क समय एक िविश शैली का गीत गाया जाता ह, जो ‘समदाउिन’ क नाम से जाना
जाता ह। भोजपुर देश म इसे ‘समदावन’ एवं मगध े म ‘समदन’ कहते ह।
ऋतुगीत
इन गीत म रा य क मौसम क अनुसार गीत गाने क परपरा ह। ऋतु प रवतन होते ही गीत बदल जाते ह।
फगुआ, चैता, कजरी, िहडोला, चतुमासा और बारहमासा आिद गीत इस गीत-परपरा म गाए जाते ह। इन गीत म
कजरी एक मह वपूण गीत शैली ह। इसका उ व िबहार एवं पूव उ र देश म आ। कहरवा और दादरा क
लय म ठमरी शैली म कजरी को गाया जाता ह। कजरी का ही एक प िमिथला म मलार नाम से िस ह।
वषाकालीन लोकधुन म सावन, झूला, िहडोला चिलत ह। इनम सावन क धुन का अब उपशा ीय गेय िवधा का
ही प शेष रह गया ह।
फाग या होली बसंत ऋतु का गीत ह। यह मु यतया समूह म गाया जाता ह। फाग गीत म ेम एवं अनुराग त व
क धानता होती ह। िबहार म ‘होरी’ या ‘जोगीड़ा’ गाने क था ह। होरी गाने म ायः पु ष क भागीदारी रहती
ह। इसम हष ास देखने म बनता ह।
चै मास म गाया जानेवाला ंगार धान िवलंिबत लय का चैता िबहार क िविश पहचान ह। इनम ंगार क
साथ क ण रस एवं मािमक यथा का समावेश होता ह। यह लोकछद यु होते ह एवं इसका गायन एकल एवं
सामूिहक दोन प म होता ह। यह गीत ठमरी गाियका म यादा लोकि य होकर एवं उनक ारा उपशा ीय
जामा म गाए जाने क कारण यादा लोकि य बन गया। चैता गायन का चलन मु यतः िबहार क मगही एवं
भोजपुरी-भाषी े म पु ष म पाया जाता ह। ढोलक एवं झाँझ पर गाया जानेवाला चैता ‘घाटो’ कहलाता ह, जो
मु यतः भोजपुर देश म गाया जाता ह।
बारहमासा गीत ऋतुगीत म ब त लोकि य ह। इसम बारह महीने का वणन रहता ह। यह व तुतः िवयोग का
गीत ह। भोजपुरी, मगही, मैिथली, अंिगका, ब का आिद बोिलय म इसका िव तार आ ह। इन गीत का आरभ
आषाढ़ क पहली वषा से एवं अंत जेठ क तपती धूप म होता ह। बारहमासा गीत का लघु प चौमासा तथा
छहमासा गीत भी िबहार म गाए जाते ह। चौमास म आषाढ़ से आ न एवं सावन से काितक तक इन गीत का
चलन रहता ह।
पवगीत
िबहार म अनेक पव एवं योहार मनाए जाते ह। दीपावली, छठ, तीज, नागपंचमी, गोधन, िन रा, मधु ावणी,
रामनवमी, क णा मी आिद सभी योहार पर रा य म उ ास छाया रहता ह और ी-पु ष इन अवसर पर पव
गीत गाते ह। छठ पव म सूय क व प, ऌपूजा क सामि य , पूजा का किठन िविध-िवधान, वं या एवं कोढ़ी क
दुदशा क कारण सूय क उपासना का वणन छठ पव क लोकगीत म समािहत रहता ह। छठ क समा क बाद
काितक माह क शु प म िमिथलांचल े म ी धान ना यगीत ‘सामा-चकवा’ िवशेष प से गाए जाते ह।
इन गीत का आयोजन िमिथला क अित र मोितहारी जैसे कछ भोजपुरी-भाषी े म भी होता ह।
जाित संबंधी गीत
भारत क सामािजक यव था म हर वग एवं जाितय का िवशेष मह व ह। गाँव म रहनेवाले येक जाितय क
लोकदेव ह, िजनक वीरतापूण गाथा से यु लोकगीत जातीय गीत क ेणी म आते ह। येक जाित का
अलग-अलग गीत ह, जो अलग-अलग िविश ता से यु ह। अहीर, दुसाध, चमार, कहार, धोबी और लुहार
सबक अपने-अपने गीत होते ह। अहीर ारा गाए जानेवाले गीत को िबरहा गीत क नाम से जाना जाता ह। इसक
साथ ही ‘लो रक ’ भी इसी जाित का गीत ह।
पेशागीत
िकसी भी काय क संपादन क समय जो गीत गाए जाते ह, वे म गीत, यवसाय गीत या ि या गीत क कोिट म
आते ह। िबहार म च चलाकर आटा पीसने क समय य क ारा ‘लगनी’ गाई जाती ह। इस गीत को
जँतसार भी कहा जाता ह। ामीण ना रय म खोदा या गोदना पड़ाने का चलन ह। खोदा पाड़नेवाली ी गोदना
गोदने क साथ गीत भी गाती ह, िजसे ‘खोदा पाड़ने क गीत’ कहते ह। खेत म धान रोपते समय कषक मजदूर
ारा गाया जानेवाला गीत ‘च चर’ कहलाता ह। कह -कह इसका नाम ‘रोपनी’ गीत भी ह।
बाल ड़ा गीत
बाल-जीवन से संब गीत को बाल गीत या िशशु गीत कहते ह। वह गीत, जो मनोरजन क योजन से ह,
ड़ा गीत ह, जैसे—अटकन-मटकन, चोरा-मु , अ ा-प ा, कब ी गीत। सुलानेवाले िशशु गीत म लोरी
तथा ब क उबटन लगाने क गीत ‘अपटोनी गीत’ ह। इसक अलावा कछ गीत य ारा तब गाए जाते ह,
जब समूह म उनक ब े खेल रह होते ह, इन गीत म ‘ओका-बोका तीन तड़ोका’ पहाड़ी आिद गीत गाए जाते ह।
भजन या ुित गीत
देवी-देवता क आराधना से संब गीत भजन या ुित गीत क ेणी म आते ह। इन गीत का धािमक एवं
आ या मक मह व क साथ-साथ मांगिलक मह व भी ह। इनम ई र क सगुण एवं िनगुण दोन प का वणन
िमलता ह। सगुण गीत म गोसाउिन गीत, नचारी, महशवाणी, क तन, िव णुपद, पराती, साझ, गंगा क गीत, शीतला
क गीत, देवी क गीत मुख ह। िनगुण गीत का अलग से कोई गीत कोिट िनधा रत नह ह, लेिकन कछ लोक-
भजन क अंदर िनगुण उपमान को िनदिशत िकया जाता ह।
गाथा गीत
ये गीत भारतीय जनमानस क वीरता से सहज लगाव क कारण गाए जानेवाले गीत ह। बुंदेलखंड म िजस कार
से आ हा गाया जाता ह, उसी कार िबहार म वीर रस क गाथा को गीतब करने क परपरा रही ह। यह
लोककथा क वीर नायक क मृित म ओज, जोश और आ ामक भावभंिगमा से गाए जानेवाले गीत ह। कथा
क अनुसार इनम क ण, वा स य और ंगार रस का भी समावेश होता ह, जो ोता को मं मु ध कर देता ह।
खेत म धान रोपते समय कषक मजदूर ारा गाए जानेवाला गीत ‘च चर’ कहलाता ह। कह -कह
इसका नाम रोपनी गीत भी ह।
िबहार म इन गाथागीत क कछ शीषक भी ह, जो अिधकांश गाथा क नायक क नाम से संबंिधत ह—
नयका बंजारा—इस गाथा का नायक शोमयिनक नामक वै य-पु ह, जो अपनी प नी से अपार ेम करता ह।
अप रहाय कारण से पित को अपनी प नी से दूर होना पड़ता ह और िवयोग क घोर पीड़ा नायक-नाियका को द ध
करती ह। इसी कथा को आधार बनाकर गवैए ेम और िवयोग को बड़ मािमक ढग से तुत करते ह। यह कथा
समूचे िबहार म कथा को मािमक प देते ए गाई जाती ह। े ीय परपरा क अनुसार इसम थान और नायक का
प रवतन होता ह।
मीरायन—इस गाथा का घटना थल नुनजागढ़ नाम क रयासत ह। इस रयासत पर िडहरी नगर का हरफल
आ मण करता ह और इस यु म वह अपने पु सिहत मारा जाता ह। हरफल क प नी उस समय गभवती होती
ह, िजसे ‘मीरा’ नाम का पु होता ह। यही मीरा अपूव वीरता का प रचय देते ए युवा होकर नुनजागढ़ को जीतकर
अपने वंश का व न पूरा करता ह और उसका गौरव बढ़ाता ह। यह कथा अ यंत लोकि य ह, िजसे समूचे िबहार
म गाया जाता ह। कह -कह इसे ‘नुनजागढ़ क लड़ाई’ क शीषक से भी गाया जाता ह।
राजा ह रचन—यह गाथा जग म स य क पयाय बने और धम क वजवाहक रह अयो या नरश राजा
ह र ं से संबंिधत ह। िबहार म इस कथा क ादुभाव होने का मु य कारण यह ह िक राजा ह र ं का पु
रोहतास यहाँ क रोहतासगढ़ का राजा रहा ह। य िप इस गाथा को िबहार म राजा मोर वज क घटना से जोड़ िदया
गया ह, िजसने अपने पु को आर से चीर िदया था, िफर भी इसक मािमकता और संवेदनशीलता अ ु ण ह।
इसक गवैए सं या म कई होते ह, जो िविभ पा क अनुसार अपना गीत गाते ह। इस गीत क गानेवाल को
‘नेटआ’ कहते ह। इन गीत म ऐसी मािमकता उ प कर दी जाती ह िक ोता-समाज क आँख म आँसू आ जाते
ह। राजा ह र ं क यह गाथा अपने मािमक व संदेशपूण ढग से समाज म एक अनोखी भावना को जा करती
ह। इस गाथा क िवशेषता यह ह िक इसे सुननेवाल म य क सं या अिधक होती ह।
लो रकायन—यह एक वृहद गीत-गाथा ह, िजसे लो रक मिनयार क नाम से भी जाना जाता ह। इसम वीर रस
क धानता होती ह व इसे सार िबहार म गाया जाता ह। इसक गायक म ायः अहीर जाित क लोग ही होते ह। इस
कथा का नायक लो रत भी अहीर जाित से ही था। यह गाथा िबहार म भाषा यापी ह, िजसे मैिथली, मागधी और
भोजपुरी म भी गाया जाता ह। इसम कथा क नायक क जीवन-संघष का वणन ह। लो रक क प रवार से संबंिधत
इस कथा म जीवन और संबंध क उतार-चढ़ाव को बड़ी सहज और ओजपूण अिभ य म गाया जाता ह।
दीना भदरी—यह िबहार क सबसे िनधन और िवभीिषकापूण जीवन जीनेवाली मुसहर जाित क दो भाइय दीना
और भदरी क क ण गाथा ह। घोर अभाव और िवपि य म जीनेवाले इन दोन भाइय ने अपने वीरतापूवक काय
से किठनाइय का सामना िकया ह। जोिगयानगर िनवासी इन दोन भाइय क गाथा को पूर िबहार म गाया जाता ह।
नूनाचार—यह िमिथला े म पाई जानेवाली गीत-गाथा ह, िजसका नायक राजा करनू ह। राजा करनू अपने
मामा क किटल ष यं का िशकार होकर घोर िवपि म पड़ जाता ह, लेिकन वह अपनी वीरता और साहस से
मामा क ष यं का पदाफाश करक अपने वैभव को ा करता ह। कथा क आरभ म नायक क दयनीय दशा
का मािमक वणन ह, तो अंत म उसक वीरता का ओजपूण गायन भी ह।
छतरी चौहान—यह गाथा मगही े म गाई जाती ह और ऐसा तीत होता ह मानो मैिथली क नूनाचार इसी से
े रत होकर प रवितत प म गाई गई ह। इस गाथा म भी नायक छतरी चौहान अपने मामा से उसक अ याचार का
बदला लेता ह। संभवतः उपरो दोन गाथाएँ क ण-कस से िवकिसत ई ह। छतरी चौहान गाथा म वीर रस क
धानता ह।
धुधली-घटमा—यह गाथा उपरो गाथा का फलाव तीत होती ह। नायक धुधली और उसका मामा घटमा
उसक पा ह, लेिकन इसम मामा क सं या सात ह। नायक धुधली क िपता क ह या मामा ारा कर दी
जाती ह, िजसका ितशोध धुधली बड़ी वीरता से लेता ह। यह गाथा चंपारण और दरभंगा म िभ -िभ शीषक से
गाई जाती ह।
िवजयमल—यह रोचक गाथा धुनधुिनया क राजा धुरमल िसंह क बेट िवजयमल क ह। नाबािलग िवजयमल
का िववाह बावनगढ़ क राजकमारी से तय कर िदया िदया जाता ह। राजा धुरमल िसंह बरात लेकर बावनगढ़ जाते
ह, जहाँ िकसी बात पर लड़ाई िछड़ जाती ह। िवजयमल तो वहाँ से िकसी तरह से बचकर िनकल जाता ह, लेिकन
राजा धुरमल िसंह और अनेक प रजन बंदी बना िलये जाते ह। समय बीतता ह और िवजयमल युवा होता ह। वह
बावनगढ़ पर आ मण कर देता ह और अद य वीरता का प रचय देते ए अपने बंदी िपता तथा प रजन को भी
मु कराकर अपनी प नी को भी साथ ले आता ह। यह गाथा समूचे िबहार म वीर रस क साथ गाई जाती ह।
सहलेस—यह लोककथा ेम रस और वीर रस दोन म डबी ह, िजसम नाियका क साहस और वीरता का वणन
ह। इसका नायक सहलेस नाम का एक नौजवान होता ह, जो दौना नामक एक सुंदर मािलन क या से ब त ेम
करता ह और मािलन क या भी उससे ब त ेम करती ह। कथा म ि कोण आ जाता ह, जब एक अ य युवक दौना
से िववाह करना चाहता ह, लेिकन सहलेस अवरोध बन जाता ह, तब वह युवक सहलेस को चोरी क झूठ आरोप म
फसाकर कारागार िभजवा देता ह। इसक बाद दौना िकसी यु और साहस से अपने ेमी सहलेस को िनद ष
िस करक उसको मु कराती ह, यही इस कथा क रोचकता ह। ेम क िवजय का इस गाथा म भाव-िवभोर
वणन ह।
िहरनी-िबरनी—यह गाथा पोसन िसंह नामक एक य क ह, िजसक च र और प नी- ेम का सार समाज
म नाम ह। उसक च र को िगराने का यास िहरनी-िबरनी नामक दो नटनी बहन करती ह, लेिकन पोसन िसंह
अपने च र पर अिडग रहता ह। तब दोन बहन उसक पौ ष को ललकारती ह और पोसन िसंह अपनी श का
दशन करक उन बहन को परािजत कर देता ह। अतः दोन बहन उसक दासी बन जाती ह। च र , मयादा और
साहस का गुणगान करती यह गीत-गाथा समूचे िबहार म ब त िस ह।
कवर जभार—यह नाथपंथी शैली से भािवत गाथा ह, िजसम क ण रस और वीर रस क धानता ह। िबहार
म इसे ‘सोरठी जभार’ भी कहा जाता ह। यह कथा एक युवराज क साहस क गाथा ह, जो अपने अिधकार को
पाने क िलए अपने सामंती श ु से यु पूण यु करता ह और अंत म िवजयी होता ह। यह गाथा िबहार क
सीमांत देश म भी गाई जाती ह।
राजा िव मािद य—यह गाथा नृ य-गाथा ह, जो पखावज वा यं ारा गाई जाती ह। नतक इस पर नृ य
करते ह। यह गाथा किडलपुर क राजा िव मािद य से जुड़ी ह, िजसम वा स य, क ण और वीर रस का अ छा
िम ण ह।
अमर िसंह ब रया—यह वीर गाथा वीर रस से ओत- ोत ह, िजसका नायक अमर िसंह ब रया नामक वीर एवं
साहसी यो ा ह। यह ितर त का िनवासी ह। ितर त का राजा अपने अ याचार से जा को ब त सताता ह। जा
क दयनीय दशा देखकर ब रया िव ोह कर देता ह और राजा से िभड़ जाता ह। ब रया देवी कमला का परम
उपासक ह, जो देवी क कपा से राजा को हराकर जा क क दूर करता ह।
िविश गीत
इसम पीिड़या क गीत, पानी माँगने क गीत, झूमर-झूले क गीत, िबरहा, जोगा, साँपरानी आिद गीत गाए जाते ह।
िबहार क सं कित म लोकगायन क समृ परपरा ह। िविवध गीत म िझंिझया क गीत, झरनी क गीत, नारी
वतं ता का गीत, समाज-सुधार क गीत आिद आते ह। भोजपुर अंचल क पूव गीत, झूमर, िवदेिशया, बढोिहया,
मेल का गीत एवं िमिथलांचल का ितर ित, बटगमनी, नचारी, महशवाणी, संदेश गीत, मं गीत, आंदोलन गीत इस
ेणी क गीत ह।
महाकिव मैिथल कोिकल िव ापित का युग लोकगीत का वणयुग कहा जाता ह। इसक अिधकांश गीत
ऐितहािसक परपरा एवं लोक- यवहार क कारण लोकगीत क ेणी म आ गए ह।
महाकिव मैिथल कोिकल िव ापित का युग लोकगीत को वणयुग कहा जाता ह। इसक अिधकांश गीत
ऐितहािसक परपरा एवं लोक- यवहार क कारण लोकगीत क ेणी म आ गए ह। इसका चार िमिथला क घर-घर
म ह। भोजपुरी-भाषी े छपरा क िभखारी ठाकर ने लोक-गीतकार तथा गायक क प म पया याित अिजत
क । िबहार देश क मुख उ ेखनीय गायक म भरत िसंह भारती, िव णु साद िस हा, शारदा िस हा, डॉ. शंकर
साद, नंदिकशोर साद, शंभू राम, मोतीलाल मंजुल, िवं यवािसनी देवी, लिलता झा, रणुका सहाय, किवता चौधरी,
ेल कजूर, उमाकांत कमल, अिजत कमार, अकला और कमुद अलबेला आिद लोकि य ह।
इन लोकगीत क तुित म थानीय वा यं म हारमोिनयम, ढोलक, खड़ताल, मँजीरा, बाँसुरी, नाल, घड़ा,
खँजरी, िसतार, मृदंग और सारगी आिद मुख ह। े ीय वा यं और गीत क अनुसार ढोल, ढोलक, ढोलक ,
तबला, नगाड़ा, मँजीरा, शहनाई, डफली, डम , डगडगी तथा शंख आिद वा यं का योग िकया जाता ह।
भजन, क तन और धािमक गीत म झाल, करताल एवं शंख का योग िकया जाता ह। रा य म लोकगीत म
लोकनृ य का भी समावेश होता ह, िजसम नृ य, गीत और वा - वर क ि वेणी से दशक का दय फ त हो
उठता ह। इसक अलावा रा य म लोकगीत क साथ लोकना य क भी बड़ी समृ परपरा ह।
लोकनृ य
लोकनृ य का िबहार म ब त मह व ह। यहाँ सभी मुख अवसर , जैसे—सं कार, पव और मनोरजन इ यािद पर
लोकनृ य का िवहगम य नजर आता ह। नृ य से आपसी सौहाद और एकता का भाव जा होता ह। िबहार म
ी-पु ष सभी िमलकर इस अवसर म सहभागी बनते ह। रा य क मुख लोकनृ य म िन निलिखत नृ य
उ ेखनीय ह—
करमा नृ य
यह रा य क आिदवासी जनजाितय म मु य प से चिलत ह। इसे देखने क िलए गैर-आिदवािसय क भी
भीड़ इक ी हो जाती ह। फसल क कटाई और बुआई क साथ ‘करम देवता’ को स करने क िलए गीत को
नृ य सिहत गाया जाता ह। यह ी-पु ष का सामूिहक नृ य होता ह। ी-पु ष एक-दूसर क कमर म हाथ
डालकर लयब तरीक से नृ य करते ह। इसका मु य ोत झारखंड ह।
छउ नृ य
यह मु य प से पु ष नतक ारा िकया जानेवाला नृ य ह, जो यु से संबंिधत ह। इसम दो ेिणयाँ होती ह।
इसम नतक अपनी भाव-भंिगमा , ओज वी वर और पैर क लयब धीमी-ती िथरकन से वीर रस का भाव
दिशत करता ह। दूसरी ेणी म कालीभंग को रखा जाता ह, िजसम गं ार रस क धानता होती ह। यह नृ य
िबहार और झारखंड दोन ही े म लोकि य ह।
िझंिझया नृ य
यह ायः दुगापूजा क अवसर पर िकया जानेवाला नृ य ह, िजसे य ारा सामूिहक प से िकया जाता ह।
इसम याँ गोल घेर म खड़ी होकर एक-दूसर का हाथ पकड़कर नृ य करती ह। मु य नतक अपने िसर पर एक
घड़ा रखती ह, िजसक ढ न पर एक दीपक जल रहा होता ह। यहाँ राजा िच सेन और उनक रानी क कथा पर
आधा रत रिचत गीत गाए जाते ह। इसम नतिकय क पैर क लयब ता और िथरकन एक आकषक य उ प
करती ह।
िव ापत नृ य
इस नृ य म िमिथला क िस किव िव ापित क पद को गाते ए नतक ारा सामूिहक नृ य िकया जाता ह।
यह िबहार म िमिथला और पूिणया म अिधक चिलत ह।
कठघोड़वा नृ य
यह िबहार का अ यंत रोचक लोकनृ य ह, जो झारखंड म भी समान प से िस ह। इस नृ य म नतक अपनी
पीठ से बाँस क खपि य से बना घोड़ क आकार का ढाँचा बाँध लेता ह, जो रग-िबरगे व से सजा होता ह।
वा यं बजानेवाले लय क साथ वा बजाते ह और उसी लय म कठघोड़वा नतक नृ य करता ह। नृ य करनेवाले
व उसक सािथय को उिचत पा र िमक भी िमलता ह।
धोिबया नृ य
यह िबहार क धोबी समाज का जाितगत नृ य ह, जो िक उनक ारा अपने मांगिलक अवसर पर िकया जाता ह।
इसका सबसे अिधक चलन भोजपुर िजले म ह। इसम नतक ंगार रस से भर ए गीत वा यं क ताल पर गाते
ह और आकषक नृ य करते ह।
पविड़या नृ य
यह िविच नृ य ह, जो िकया तो पु ष क ारा जाता ह, लेिकन वे होते ी क वेशभूषा म ह। य क
घाघरा-चोली पहनकर और ंगार करक हाथ म ढोल-झाँझ, मँजीर लेकर पु ष नतक सोहर और खेलौना गीत गाते
ए आकषक नृ य करते ह। यह नृ य ब क होने क अवसर पर िकया जाता ह।
जोगीड़ा नृ य
यह ामीण े म होली क पव पर िकया जानेवाला नृ य ह। इसम ामीण युवक-युवितयाँ एक-दूसर को रग-
अबीर लगाकर फाग गाते ए नृ य करते ह। इस नृ य म हष, उ ास और युवा म ती क अिधकता रहती ह।
झरनी नृ य
यह िबहार क मु लम समाज का िस लोकनृ य ह, िजसे मुहरम क अवसर पर सामूिहक प से िकया जाता
ह। इसम शोकगीत क साथ नृ य ारा अपने दुःख को य िकया जाता ह।
क रया झूमर नृ य
यह मिहला ारा िकया जानेवाला नृ य ह, जो योहार और मांगिलक अवसर पर सामूिहक प से िकया
जाता ह। इसम मिहलाएँ एक-दूसर क कमर म हाथ डालकर घूम-घूमकर नृ य करती ह।
खीलडीन नृ य
यह आित य नृ य ह, जो मांगिलक अवसर पर अितिथय क मनोरजन क िलए िकया जाता ह। ायः इस नृ य
को द और यावसाियक मिहला ारा िकया जाता ह, जो अपनी आकषक मु ा से अितिथय से पुर कार
आिद भी ा कर लेती ह।
अ य नृ य
गंिगया—मिहला ारा िजस नृ य क मा यम से गंगा तुित क जाती ह, उसे गंिगया नृ य कहा जाता ह।
माँझी—निदय म नािवक ारा यह गीत नृ य मु ा म गाया जाता ह।
धो-धो रानी—छोट-छोट ब का नृ य, िजसम एक लड़क बीच म रहती ह तथा चार तरफ से लड़िकयाँ
गोल घेरा बनाकर घूमते ए गीत गाती ह।
ग िडन—इसम मछली बेचनेवाली तथा ाहक का वाँग िकया जाता ह।
लौिढ़यारी—इसम कषक अपने घर पर पशु क साथ भाव-भंिगमा क साथ गाता और नाचता ह।
धन-कटनी—फसल कट जाने क बाद िकसान सप रवार खुिशयाँ मनाता आ गाता और नृ य करता ह।
बोलबै—यह भागलपुर और उसक आसपास क े का नृ य ह, िजसम मिहलाएँ पित क परदेश जाते समय
का िच ण करती ह।
घाँटो—ससुराल म गरीब बहन क घर भाई क आने क सूचना िमलने पर गाया जानेवाला यह िवरह गीत नृ य
क साथ िकया जाता ह।
इ ी-िब ी—अंिगका े का मुख नृ य, िजसम पित-प नी संग पर मिहलाएँ नृ य करती ह।
देवहर—इसे भगता नृ य भी कहा जाता ह। इसम नृ य करनेवाला देवी-देवता क ितिनिध क प म नृ य
करता ह।
बगुलो—उ र िबहार का नृ य ह, िजसम ससुराल से ठकर जानेवाली ी क रा ते म दूसरी ी क साथ
नोक-झ क का िच ण होता ह।
कजरी—सावन महीने म गाई और खेली जानेवाली नृ य नािटका ह।
बसंती—बसंत ऋतु क आगमन पर ायः मिहला ारा गीत क साथ िकया जानेवाला नृ य ह।
इसक अलावा िबहार क लोक-सं कित म लगुई नृ य शैली भी अिभ प से जुड़ी ई ह।
लोकना य
िबहार म लोकगीत और लोकनृ य क साथ लोकना य क भी समृ सं कित ह। इन लोकना य का जनजीवन
म काफ मह व ह। इन ना य म अिभनय, संवाद, कथानक, गीत और नृ य आिद का बड़ा मह व होता ह। इ ह
सां कितक और मांगिलक अवसर पर द कलाकार ारा ायः राि म कि म रोशनी म तुत िकया जाता ह।
िजस कार उ र देश म रामलीला, क णलीला, वाँग आिद का मंचन होता ह, उसी कार िबहार म लोकना य
मंिचत िकए जाते ह। सभी ना य म नृ य और गीत संभाषण क साथ चलते ह। कई बार वृहद ना य का मंचन
िकया जाता ह, िजसक उ क तुित से दशक अंत तक बँधा रहता ह। सहज, सरल और आसान भाषा का योग
अिशि त क भी समझने क उ े य से इन नाटक म िकया जाता ह। िबहार म चिलत लोकना य का वणन िन न
ह—
जट-जिटन
यह लोकना य एक जट और उसक प नी (जिटन) क दांप य जीवन क सभी पहलु को बड़ ही मनोरजक
और भावपूण ढग से िदखाता ह। इसक तुित ावण माह से काितक माह क शु प क चाँदनी रात म
मिहला ारा क जाती ह। इसक दशक भी अिधकांशतः मिहलाएँ ही होती ह। पु ष भी इसका आनंद उठाने से
वयं को नह रोक पाते। इसम दो दल बनते ह। एक दल जट का होता ह और दूसरा दल जिटन का। जट दल क
लड़िकयाँ दू ह क पोशाक पहनती ह तो जिटन दल क लड़िकय को आकषक साड़ी और कमुिदनी क फल से
सजाया जाता ह। दोन दल एक-दूसर से पाँच-छह हाथ क दूरी पर खड़ हो जाते ह। सबसे पहले तो सहगान होता
ह, िफर उसक बाद अिवनय तुित होती ह। जट दल दू ह को अपने पीछ बुला लेता ह और जिटन दल दु हन
को। आरभ म एक दल गाना गाता आ दूसर दल क पास आता ह और उलट पाँव लौट जाता ह। िफर जिटन दल
आगे बढ़ता ह और कोिनश क अंदाज म गाता ह। इस ना य म िबहार क ामीण प रवेश क झलक क साथ
दांप य जीवन क ेम, ोध, अनबन, मान-स मान आिद सभी पहलु को तुत िकया जाता ह। इसम ग और
प दोन का सुंदर समावेश होता ह। यह लोकना य िबहार म सव लोकि य ह।
अकली-बंका
इस ना य का तुित काल ावण माह से काितक माह तक होता ह। कह -कह यह समय-सीमा म न बँधकर
शु प म भी तुत िकया जाता ह। इसक मुख पा अंका, बंका और िट ली आिद होते ह। इस ना य क
तुित म कलाकार ारा सहज और सजीव अिभनय से ामीण प रवेश का अ छा दशन देखने को िमलता ह।
इसम भी े ीय उपमा का योग िकया जाता ह।
सामा-चकवा
यह ना य काितक माह क शु प म स मी से पूिणमा तक क चाँदनी रात म आयोिजत िकया जाता ह। इस
ना य म सामा और चकवा भाई-बहन ह। इसक अ य प म सतमइया, चुगला, बनतीतर, झाँसीक ा, वृंदावन-
मुँहटढ़ी, ऐटला-ऐंडली, बटदेखनी, वािलन और हाथी आिद मुख ह। यह मु यतः कवारी क या ारा ही
तुत िकया जाता ह। इसक उपरो सभी पा िम ी क बने होते ह, जो ीक ण क बाँसुरी बजाती मूित क
आसपास रख िदए जाते ह। िफर लड़िकयाँ रग-िबरगे व से सुस त होकर इन िम ी क पा क गोल घेर म
खड़ी होकर राधा-क ण क भाँित रास रचाती ह। यह ब त लोकि य ना य ह।
िकरतिनयाँ (नारदी)
यह भ पूण धािमक ना य ह। इसक मु य वा यं ढोलक, झाल और हारमोिनयम होते ह। इस ना य म
कलाकार ारा ीक ण क लीला का मंचन िकया जाता ह। इसम कलाकार अिभनय क साथ क तन भी करते
ह। इस ना य-मंचन से भ भावना और ामीण आ था का सु प प रचय िमलता ह।
डोमकच
इस ना य को िनतांत मिहला- धान कहना ही उिचत होगा, य िक यह पु ष क अनुप थित म घर व आस-
पड़ोस क मिहला ारा आयोिजत िकया जाता ह। इस आयोजन क पीछ एक कारण यह भी ह िक पूव म जब
घर या मुह े क सभी पु ष िकसी िववाह म बराती बनकर चले जाते थे तो चोर का कोप बढ़ जाता था। अतः
मिहला ने एकजुट रहने और रात भर जागते रहने क उ े य से इस ना य को आरभ िकया, जो ामीण अंचल
म बस गया।
इस ना य क कोई िवषयव तु तय नह होती। पूव म यह घर क नौकरािनय या मह रय क ारा ही तुत
िकया जाता था, लेिकन अब इसे घर क मिहलाएँ वयं भी करने लगी ह। इसम मनोिवनोद, हास-प रहास जैसे
संवाद क साथ गीत और नृ य का भी समावेश होता ह। मिहलाएँ ही पु ष-पा क भूिमकाएँ करती ह। इनम
जलुआ, डोिमन, दारोगा और अनारकली जैसे पा होते ह। इस ना य म अ ीलता का आिध य होने क कारण
इसे खुले मंच पर तुत नह िकया जाता ह। अिधकांश िववािहत मिहलाएँ ही इसम भाग लेती ह।
िवदेिशया
इस ना य क रचियता िबहार क िस लोककिव िभखारी ठाकर ह। इ ह िबहार म कािलदास क भाँित माना
जाता ह। इस ना य का िवकास लोकना य परपरा क आधार पर आ ह। इसम येक कलाकार ब आयामी होता
ह। नाटक म िविभ पा का अिभनय करने क साथ वह मंच-िनरी ण और मंच-वादक क भूिमका भी िनभाता
ह। इस ना य म पु ष ही मिहला क भूिमका करते ह। दशक को हसाने क िलए जोकर या िवदूषक भी होता ह,
जो एक कलाकार ही होता ह। इसम परबी, पविड़या, नेटआ, ग ड, पचड़ा, आ हा और बारहमासा आिद का भी
समावेश होता ह। यह ना य िबहार क ना य िवधा का ब चिचत और िस लोकना य ह, िजसका मंचन रा ीय
े ागृह म भी िकया जाता ह।
उपरो िववरण प करता ह िक िबहार म लोक-सं कित का अ छा थान ह। इसे रा य तर पर िवकिसत
करने म यहाँ क ामीण समाज क महती भूिमका रही ह। िबहार म ना यकला को और भी िवकिसत करने तथा
इससे रा ीय-अंतरा ीय पहचान िदलाने म ब त सी ना य सं थाएँ कायरत ह। इनम भोजपुर मंच, यविनका, दपण
कलाक , िशवं सां कितक मंच, अ रा आ स, िबहार आट िथएटर, िजला ना य प रष अिभनय कला मंिदर और
िनराला ब जैसी अनेक ना य सं थाएँ और संगठन यास म लगे ए ह।
जनजातीय सं कित
िबहार क धरती पर लगभग सभी धम , जाितय और जनजाितय क लोग िनवास करते ह। िबहार म अनुसूिचत
जाित और अनुसूिचत जनजाित क लोग क कल सं या 1,38,06,989 ह। इनम अनुसूिचत जाित क जनसं या
1,30,48,608 ह, िजनम 68,84,676 पु ष और 62,63,932 मिहलाएँ ह। अनुसूिचत जनजाित का अिधकांश भाग
अब वतमान झारखंड म चले जाने से िबहार म इनक कल सं या 7,58,381 रह गई ह, िजनम 3,93,144 पु ष
और 3,65,237 मिहलाएँ ह। रा य म जनजाित समाज का वच व भले ही अ यिधक कम हो गया हो, िकतु िफर भी
जनजातीय सं कित का िबहार म अपना अलग ही मह व ह।
इस ना य क रचियता िबहार क िस लोककिव िभखारी ठाकर ह। इ ह िबहार म कािलदास क भाँित
माना जाता ह। इस ना य का िवकास लोकना य परपरा क आधार पर आ ह।
मुख जनजाितयाँ
आधुिनक िबहार म झारखंड क बनने क बाद जनजाितय क सं या ब त कम हो गई, परतु कछ जनजाितयाँ
अभी भी ह, जो िबहार क समृ सामािजक सं कित को अपनी ाचीन सं कित से योगदान देती ह। िबहार म पाए
जानेवाली मुख जनजाितयाँ िन निलिखत ह—
गड
यह जनजाित िबहार क छपरा, चंपारण और रोहतास िजल म पाई जाती ह। ायः इनक अपनी कोई ब ती नह
होती, जो िक सामा यतः अ य जनजाितय म पाई जाती ह। ये लोग गैर-आिदवािसय क साथ रहते ह। इनक भाषा
मुंडारी ह, परतु अब ये लोग ायः थानीय भाषा म ही वा ालाप करते ह।
खड
यह किष काय म मजदूरी करनेवाली जनजाित ह, जो शाहाबाद े म िनवास करती ह। इनक भाषा थानीय
सदानी ह, परतु अब ये अिधकतर भोजपुरी का ही योग करने लगे ह।
बेिड़या
इस जनजाित क लोग ायः िबखरकर रहनेवाले होते ह, जो अिधकतर मुंगेर िजले म रहते ह। ये भी िकसान और
मजदूर होते ह तथा थानीय भाषा म ही वा ालाप करते ह।
उराँव
ोटोऑ टरलाइड और िवड़ प रवार से संबंध रखनेवाले उराँव जनजाित क लोग मु य प से झारखंड म
िनवास करते ह। िबहार और झारखंड िवभाजन क बाद यह यून सं या म िबहार म भी रहते ह। रोहतास, ब सर,
दरभंगा, भागलपुर और चंपारण िजल म रहनेवाली यह जनजाित ब गावाद, कितवाद, िहदूवाद और ईसाइयत क
िमि त िस ांत का पालन करती ह। इनक आिथक जीवन म िमि त संरचना क दशन होते ह।
संथाल
यह जनजाित भी संथाल परगना (झारखंड) क मूल जनजाित ह, जो िबहार म पूिणया, भागलपुर, सहरसा आिद
िजल म िनवास करती ह। इ ह भी ोटोऑ लाइड प रवार से संबंिधत माना जाता ह। इनक भाषा संथाली ह, जो
ऑ ोएिशयािटक भाषा-प रवार क ह। इसक अित र ये लोग बंगाली और िहदी भाषा का भी योग करते ह।
िसंगब गा इनका पू य देवता ह।
खैरवार
मु य प से झारखंड म िनवास करनेवाली यह जनजाित िबहार रा य क रोहतासगढ़ े म भी पाई जाती ह।
इनक परपरा म खैरघास क पूजा करने का िवधान ह। इसी कारण इनका नाम खैरवार पड़ा। इस जनजाित क
लोग क भाषा मुंगरी ह, परतु अब ये लोग िबहार क थानीय भाषा का योग भी करने लगे ह।
गोराइत
िबहार क गया और भोजपुर िजल म िनवास करनेवाली यह जनजाित ोटोऑ लाइड समूह क ह। इनक
सामािजक जीवन म प रवार को सबसे छोटी इकाई माना जाता ह। ये एकल प रवार प ित को अपनाते ह। इनका
िववाह वजातीय, परतु िभ गो म होता ह। इनका मु य यवसाय किष एवं मजदूरी ह।
चेरो
मु य प से झारखंड क पलामू म िनवास करनेवाली जनजाित चेरो क कछ लोग िबहार क गया, रोहतास,
भोजपुर और मुंगेर िजल म पाए जाते ह। अिड़यल, िनभ क और वतं ता ेमी चेरो वयं को ि य और
चौहानवंशीय राजपूत मानते ह। कछ लोग तो अपने उपनाम क प म चं वंशीय भी िलखने लगे ह। इनक धािमक
वृि िहदु से भािवत ह।
कोरा
िबहार रा य म जमुई, किटहार और मुंगेर िजल क कछ िह स म कोरा जनजाित िनवास करती ह। इनक भाषा
मुंडारी ह। यह लोग सदानी और िहदी भी बोल लेते ह। इस जनजाित क लोग एकांत िनवास क िलए पहाड़ अथवा
मैदान म अपने घर बना लेते ह। इनका सामा य यवसाय किष ह, परतु ये लोग वन-उ पाद और मजदूरी पर
अिधक आि त ह।
कोरवा
यह जनजाित अब भारत म ही कम रह गई ह। िबहार म इस अनुसूिचत जनजाित क कछ लोग रोहतास, पूिणया,
मुंगेर और किटहार िजले म िनवास करते ह। इनक सामािजक यव था म एकल प रवार और वजातीय िववाह क
परपरा ह। ये लोग अ थायी और थानांत रत किष तथा िशकार से आजीिवका चलाते ह।
मुंडा
िबहार क ब सर और रोहतास िजले म मुंडा जनजाित क लोग िनवास करते ह। इनक भाषा मुंडारी ह, िकतु अब
यह सदानी भी बोलने लगे ह। ये भी थानांत रत किष पर िनभर ह। िसंगब गा को यह अपना सव देवता मानते ह,
जो पृ वी से संबंिधत ह।
इस कार िबहार क सामािजक जीवन म िमि त सामािजक संरचना िदखाई देती ह। ये जनजाितयाँ आिथक प
से अ यंत िपछड़ी ई ह। इन लोग तक िश ा एवं वा य क सभी सुिवधाएँ अभी तक नह प च पाई ह। अब
आव यकता इस बात क ह िक इ ह भी िवकास क मु यधारा से जोड़कर जनजातीय सं कित को संर ण दान
िकया जाए।
आिदवासी जनजाितयाँ वा तव म िबहार क सां कितक प र य का अिभ अंग ह। इनका सािह य और कला से
गहरा संबंध रहा ह। अब जनजातीय लोग िबहार म पूणतः थानीय हो गए ह। पहाड़ , जंगल और िविच रीित-
रवाज एवं परपरा से आब इनका जीवन कित क साथ इनक अनुभव का एक लंबा और गौरवशाली
इितहास समेट ए ह। इनम कला और संगीत म वतं ता और आनंद का भाव समाया रहता ह।
आिदवासी कला
आिदवािसय क कला उनक स मन से कित क सुंदर और सजीव िच ण क अनुभव का प रणाम ह। इ ह
भले ही आधुिनक िवकास को देखकर आ य होता हो, परतु इ ह अपनी सरलता और तरलता म जो आनंद िमलता
ह, वह अकथनीय ह। इनक कला क दशन इनक घर म योहार , पव एवं सं कार आिद क अवसर पर बनाए
जानेवाली िवशेष कलाकितय से होते ह। इनक घर पर रग से बने सुंदर पेड़-पौधे, पु प और अ य ाकितक
आकितयाँ तथा िम ी से बने इनक घरलू बरतन आिद पर उकरी गई अ पनाएँ अ ुत होती ह।
आिदवासी य क द ता ऐसी होती ह िक यािमतीय रखािच म सामानांतर रखा को सटीक ढग से
ख चना आ यचिकत कर देता ह। अिधकांश गृहस ा क काय कआरी क या ारा िकए जाते ह। निदय से
िमली सीिपय और कौिड़य से यह आिदवासी याँ जो कठहार बनाती ह, वे दशनीय और कला का उ क
नमूना होते ह।
आिदवासी गीत-संगीत
आिदवासी गीत-संगीत म ाकितक उ ास का वणन होता ह। इनक अिधकांश गीत नृ य पर आधा रत होते ह।
पि य क राग-कलरव, नदी का कल-कल वाह, फल क चटक ले रग और झरन का कणि य मुधर वाह
इनक ेरणा ोत बन जाते ह। येक मौसम म गाए जानेवाले गीत का इनक पास चुर भंडार होता ह।
ऐसी मा यता ह िक ह रहरनाथ मंिदर का िनमाण भगवान राम ने सीता वयंवर क िलए जाते समय अपने
हाथ से िकया था। इसक मर मत राजा मानिसंह ने कराई थी। मुगलकाल म राजा रामनारायण ने इस
मंिदर को एक यापक प िदया।
इन आिदवािसय क अपने ारिभक वा यं होते ह, िजनम मृदंग, झाँझ, नगाड़ा, डम , डफली आिद
स मिलत ह। अपनी पारप रक शैली म इनक लय और ताल भले ही समझ म न आए, लेिकन भाव पूणतया जीवंत
हो जाता ह। जदुर, मगे, करमा, अडदी, गेमा आिद गीत िविभ अवसर पर चुरता से गाए जाते ह।
िववाह क शुभ अवसर पर अडदी का नृ य-गीत मधुर उ ास क बहार से सरोबार कर देता ह। बसंत का जदुर
मौसम क वागत म, हरो गीत धान क रोपने क समय आिदवासी जनजाितय क गीत-संगीत क समृ ता िदखाते
ह।
आिदवासी सािह य
लोककथा , लोको य और परपरागत पीिढ़य क इितहास से संबंिधत आिदवासी सािह य जीवन क सभी
दशा का अनूठा वणन करता ह। इनक कथा म रह य, रोमांच, उ ास, ई र क ित कत ता और तं
कथा क च र पर अगाध ा एवं िव ास जैसे भाव शािमल ह। यह उनक सहजता और सरलता ह िक इ ह
पेड़, प थर, खेत-खिलहान आिद सभी म देवता का वास होने का िव ास ह, जो उनक र ा करते ह।
आधुिनक समाज इसे भले ही अंधिव ास कह, परतु यह आ था इनक जीवन का अिभ अंग ह। इनक सािह य
म इस आ था को बल देते रहने का यास िकया गया ह। आिदवासी सािह य क पहिलयाँ शोध का िवषय ह।
बाल-सािह य से इन लोग म आरभ से बालक को जीवन क सभी अनुभव का ान कराने क परपरा रही ह।
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9. मेले एवं योहार
(Fairs and Festivals)
मुख मेले
महो सव
पव- योहार
मुख मेले
िबहार क ामीण सं कित क भ य झाँक यहाँ क मेल म प िदखाई देती ह। यहाँ क कछ मेले तो िव भर
म िस ह। धम एवं सं कित से जुड़ आयोजन म बाजार क बनी ई व तुएँ तो होती ही ह, साथ ही साथ
थानीय िश प कला का भी दशन होता ह। े ीय मेल,े हाट व बाजार कवल यापारी का आयोजन ही नह होते,
ब क उस े क सां कितक जीवन क भी दशन होते ह। कछ मुख मेल का वणन िन न ह—
सोनपुर मेला
िव िव यात सोनपुर मेला उ र िबहार म गंगा नदी क िकनार काितक मास म लगता ह। यह एिशया का सबसे
बड़ा पशु मेला ह। इस मेले क साथ पौरािणक मा यताएँ जुड़ी ई ह। इसी थान पर ह र (िव णु) और हर (िशव)
का मंिदर ह। इसिलए उस थान को ह रहर े भी कहते ह। ऐसी मा यता ह िक ह रहरनाथ मंिदर का िनमाण
भगवान राम ने सीता वयंवर क िलए जाते समय अपने हाथ से िकया था। इसक मर मत राजा मानिसंह ने कराई
थी। मुगलकाल म राजा रामनारायण ने इस मंिदर को एक यापक प िदया। इन िदन छपरा िजला शासन ारा
िबहार सरकार क सहयोग से ह रहर े मेला लगाया जाता ह, जो काितक पूिणमा से ारभ होकर लगभग एक
मास तक चलता ह।
सोनपुर मेले को लेकर काितक पूिणमा से एक माह पूव ही तैयारी शु हो जाती ह। देश भर क मुख पशु
िव ता अपने-अपने पशु को लेकर मेले म प चते ह। िबहार सरकार ारा कई दशिनयाँ भी लगाई जाती ह।
इनक मा यम से लोग को उनक वा य, िश ा इ यािद क जानकारी दी जाती ह। इसक अलावा सरकार ारा
िकसान क िहत म िकए जा रह काय, िकसान क िलए िविभ संगठन ारा िनिमत अ याधुिनक किष उपकरण
क भी दशनी लगाई जाती ह। िकसान को अ य उपयोगी जानकारी भी दी जाती ह।
सोनपुर मेले म हािथय क िब अिधक सं या म होती ह। हालाँिक शासन ारा हािथय क िब पर
ितबंध लगा िदया गया ह, लेिकन परो प से यह काय िकसी-न-िकसी प म होता ह। इसक अलावा अनेक
कार क जानवर भी िब क िलए उपल ध रहते ह। यहाँ पर सवा लाख का घोड़ा तथा हजार पए क चूह तक
उपल ध रहते ह। िबहार क लोग क िलए पशुधन खरीदने का यह सबसे अ छा अवसर होता ह। जनसामा य
कोणहारा घाट पर ान कर ह रहरनाथ भगवान क पूजा करता ह और अपने जीवनोपयोगी सामान खरीदता ह।
सोनपुर मेले म अनेक कार क सां कितक गितिविधयाँ भी चलती रहती ह। मेले म साधु का भी जमघट लगा
रहता ह। समय-समय पर इनका मागदशन भी समाज को िमलता रहता ह।
वैशाली का मेला
जैन धम क 24व तीथकर भगवान महावीर क ज म थली वैशाली म चै मास क योदशी ितिथ को यह मेला
आयोिजत होता ह। इस मेले म देश भर क जैन अनुयायी स मिलत होते ह। जैन आचाय यहाँ ब िस ांत संगो ी
और िचंतन समारोह आयोिजत करते ह। मेले म जैन धम से संबंिधत सािह य, िच व मूितय क साथ-साथ अ य
व तुएँ भी िमलती ह।
ावणी मेला
िबहार क भागलपुर िजले क सु तानगंज से लेकर देवघर (झारखंड) तक 105 िकमी. लंबे े म ावणी मेले
का आयोजन होता ह। ावण और भा पद म िशवभ सु तानगंज से जल लेकर पैदल ही देवघर प चते ह।
देवघर का िस रावणे र वै नाथ योितिलग ादश योितिलग म से एक ह। इसे कामना िलंग भी कहा जाता
ह। लोग इ ह वै नाथधाम या बाबाधाम क नाम से भी जानते ह। साल भर तीथया ी देश क कोने-कोने से यहाँ
प चते ह।
िपतृप मेला
गया म यह मेला शारदीय नवरा से एक पखवाड़ पूव लगता ह। िपतृप म िहदू अपने पूवज को मरण कर
उनका ा करते ह। ऐसी मा यता ह िक िदवंगत आ मा को तभी शांित िमलती ह, जब उसका िपंडदान गया म
करा िदया जाता ह। वैसे तो गया म साल भर िपंडदान होता ह, परतु िपतृप म िकए गए िपंडदान का िवशेष मह व
ह।
बाबा े रनाथ का मेला
ब सर िजले क पुर नामक गाँव म िशवराि व वैशाख महीने क बदी एकादशी क िदन इस मेले का
आयोजन िकया जाता ह। वष म दो बार लगनेवाला यह मेला भी बड़ा पशु मेला ह। इस मेले म देश भर से गाय,
बैल, भस, घोड़, ऊट आिद य-िव य हतु आते ह। इसम कई सां कितक काय म का भी आयोजन िकया जाता
ह। बाबा े र क मंिदर म ालु जलािभषेक करते ह। धािमक, सां कितक और यापा रक ि वेणी का यह
मेला देश भर म िस ह।
मलमास मेला
मकर सं ांित से एक माह पूव (14 िदसंबर से 14 जनवरी) तक िहदू समाज कोई मांगिलक काय नह करता ह।
मकर सं ांित क िदन इस दूिषत मास का अंत होता ह। इस अवसर पर राजगीर म एक भ य मेला लगता ह। ऐसी
मा यता ह िक इस िदन से सूय मकर रािश म वेश करते ह। मकर सं ांित क िदन न र शरीर का याग
करनेवाल को पुनज म नह लेना पड़ता ह। मकर सं ांित क िदन राजगीर क गरम कड म ान कर आबालवृ
नवजीवन ा करते ह।
बेितया मेला
येक वष दशहर पर यह मेला बेितया म आयोिजत िकया जाता ह। लगभग 15-20 िदन तक आयोिजत इस पशु
मेले म रा य क हजार लोग अपने-अपने पशु क य-िव य क िलए यहाँ आते ह।
सौराठ मेला
येक वष जेठ-आषाढ़ माह म ‘सभागाछी’ (मधुबनी िजला) म चलनेवाले इस मेले म अिववािहत वय क
युवक को िववाह हतु दिशत िकया जाता ह। यह मेला िव म अपने अ ुत प क िलए िस ह।
िसम रया मेला
येक वष काितक माह म जब सूय उ रायण म होता ह, तो यह मेला बरौनी जं शन से 8 िकमी. दूर दि ण-
पूव म ‘राज पुल’ क आसपास आयोिजत िकया जाता ह। इस मेले का धािमक ि से अिधक मह व होता ह।
येक वष अ ूबर-नवंबर म गंगा नदी तट पर अव थत िसम रया घाट पर िसम रया मेला (क पवास मेला) का
आयोजन होता ह। इस मेले म भारत ह नह , ब क नेपाल व भूटान से भी हजार ालु भ आते ह। इस
अविध म भ जन फस क घर म रहते ह और गंगा म डबक लगाते ह। ऐसी मा यता ह िक इस घाट पर गंगा म
ान करने पर सभी पाप धुल जाते ह।
कोसी मेला
येक वष पौष पूिणमा पर किटहार क िनकट ‘कोसी नदी’ पर आयोिजत इस मेले म ालु जन पु य भी
कमाते ह और लकड़ी क सामान का य-िव य भी करते ह।
सबौर मेला
यह मेला किष े क िवकास क िलए भागलपुर िजले क सबौर किष िव िव ालय म लगाया जाता ह। राज
किष िव िव ालय क अधीन इस महािव ालय म किष वै ािनक क ारा किष क नवीनतम तकनीक और
खोज क जानकारी िकसान को दी जाती ह। यहाँ नई उ त िक म क बीज का चार भी िकया जाता ह।
माघी मेला
यह ऐितहािसक मेला 1881 ई. से चलता आ रहा ह, जो पूव म भ य चौतवारनी मेले क नाम से िस था।
पावन गंगा नदी म संपूण कोशी े क साथ-साथ नेपाल, भूटान क सीमावत े से भी लोग डबक लगाने आते
ह। धािमक तौर पर मिनहारी क उ रवािहनी गंगा का अलग ही मह व ह, इसिलए नदी पार साहबगंज, पाकड़,
दुमका (सभी झारखंड) से भी लोग िखंचे चले आते ह। ऐितहािसक महाभारत काल क समय भगवान ीक ण क
वास थल रह मिनहारी क इस धरती पर धािमक क य करना एक अलग ही तीथ सा पावन लाभ दान करता ह।
लौ रया नंदन गढ़ मेला
येक वष िदसंबर माह म पूिणया िजले क ‘गुलाबबाग’ म इस 15 िदवसीय मेले का आयोजन िकया जाता ह।
ककोलत मेला
येक वष मेष सं ांित क अवसर पर नवादा िजले क ‘ककोलत’ नामक थान पर इस धिमक मेले का
आयोजन छह िदन तक िकया जाता ह। ककोलत म एक जल- पात ह। इस जल- पात क ऊचाई 160 फ ट ह।
आसपास से हजार क सं या म लोग इस मेले का आनंद उठाने क िलए यहाँ ितवष आते ह।
पु तक मेला
सटर फॉर रीडरिशप डवलपमट (सी.आर.डी.) क ओर से आयोिजत पटना पु तक मेला येक वष ायः
नवंबर माह क थम स ाह म आयोिजत िकया जाता ह। यह ितवष 1985 ई. से लगातार पटना म आयोिजत होता
रहा ह। 15 िदवसीय मेले म देशभर क मुख काशक अपनी पु तक को दिशत करते ह। रा य क पु तक- ेमी
यहाँ आकर लाभा वत होते ह।
भागलपुर का पापहरणी मेला
मकर सं ांित क िदन मंदार पवत क तलहटी म थत पापहरणी तालाब का अ यंत धािमक मह व ह। यहाँ लोग
मकर सं ांित क िदन ान करते ह। लोकमा यता ह िक इस तालाब म ान करने से क रोग से मु िमलती
ह। जगह-जगह जल रही आग का लु फ उठाते ह। उसक बाद भगवान मधुसूदन क पूजा-अचना करते ह। दही-
चूड़ा और ितल क ल िवशेष प से खाए जाते ह।
इन मेल क अित र िबहार म िसंह र का मेला, बाँसी मेला, हरदी मेला, काली पूजा मेला एवं सहोदरा क
मेले भी आयोिजत िकए जाते ह।
महो सव
इसक साथ िबहार म महो सव का आयोजन सरकारी एवं िनजी तर पर िकया जाता ह, िजनम िन न ह—
राजगीर महो सव
राजगीर महो सव 28 िदसंबर, 2014 से 13 जनवरी, 2015 तक पूरी भ यता क साथ मनाया गया ह। इस
महो सव का थम बार आयोजन 1986 ई. म िकया गया था। कितपय कारण से 1989 से 1994 तक इस
महो सव का आयोजन नह हो सका, पर 1995 से इसे पुनः ारभ िकया गया। ऐितहािसक अजातश ु िकला मैदान
म आयोिजत होनेवाला यह महो सव ऐितहािसकता, ाचीनता, परपरा एवं आधुिनकता क सम वय का तीक बन
गया ह।
िव मिशला महो सव
िश ा जग म ाचीन काल से अपनी वै क पहचान रखनेवाले िव मिशला िव िव ालय क ऐितहािसक,
सां कितक और पयटक य मह व को देखते ए िबहार सरकार ने वष 2007 म तीन िदवसीय िव मिशला महो सव
(28-29 तथा 30 जनवरी) का आयोजन शु िकया। इस महो सव का आयोजन पयटन िवभाग तथा िजला शासन
भागलपुर क संयु त वावधान म िकया जाता ह।
धमपाल (786 से 820 ई.) ारा थािपत िव मिशला िव िव ालय नालंदा िव िव ालय क भाँित िव
तरीय था। यह िव िव ालय िव का दूसरा आवासीय िव िव ालय था। ित बती ंथ म इसे
ीम मशीलदेव महािवहार क नाम से जाना जाता ह। 1203 ई. म ब तयार िखलजी ने इस िव िव ालय को
िकले क म म व त कर िदया था।
मंदार महो सव
भागलपुर क सीमा से जुड़ा बाँका िजला मंदार पहाड़ होने क वजह काफ िस ह। इसी क समीप मंदार
महो सव का आयोजन होता ह। मकर सं ांित पर लगनेवाला यह िबहार का मह वपूण मेला ह और यह वही े
ह, जहाँ मधु-कटभ रा स का संहार कर भगवान िव णु मधुसूदन कहलाए। पुराण क अनुसार यह लड़ाई लगभग
10 हजार साल तक चली थी। दूसरी तरफ महाभारत म विणत ह िक समु मंथन म देव और दानव क पराजय
क तीक क प म ही हर साल मकर सं ांित क अवसर पर यह मेला लगता ह। िविदत ह िक समु मंथन क
दर यान मंदार को मिथनी बनाया गया था। मंदार पवत पर चढ़ने क िलए प थर क सीिढ़याँ तराशकर बनाई गई
ह। मंदार पवत पर चढ़ने क साथ ही सीताकड िमलता ह। प ी िचतु टड का कहना ह िक संथाली गीत म भी
मंदार क मिहमा का वणन ह। वह मंदार म जैन धम क 12व तीथकर वासुपू य ने कव य ा िकया था। आज
यहाँ िवशाल पैमाने पर मकर सं ांित क िदन से पाँच िदवसीय मंदार महो सव का आयोजन होता ह।
चंपारण महो सव
चंपारण िजला ाचीन काल से ही ऐितहािसक मह व रखता ह। यहाँ रामायण काल म महिष वा मीिक क आ म
होने का माण िमलता ह, तो स ा अशोक का लाट (िशलालेख) आज भी अपनी समृ का बयान करता ह।
यहाँ आज भी बौ धम क अनुयायी देश-िवदेश से आते ह। भगवान बु कशीनगर जाते समय यहाँ कस रया म
ठहर थे। महा मा गांधी ने अपना पहला राजनीितक स या ह 1917 ई. म नील कषक क सम या को लेकर
चंपारण म ारभ िकया था। चंपारण क मह व को देखते ए येक वष तीन िदवसीय चंपारण महो सव का
शुभारभ होता ह। यह महो सव कस रया ब ा िसंह कॉलेज क बगल म येक वष आयोिजत होता ह। इस अवसर
पर चंपारण क सं कित, कला, परपरा तथा ऐितहािसक गाथा का आयोजन िकया जाता ह।
वाणावर महो सव
पयटन क मानिच पर जहानाबाद िजले का गौरवशाली अतीत रहा ह। िजला मु यालय से लगभग 25
िकलोमीटर दि ण-पूव म थत वाणावर, िजसे इितहास म बराबर क नाम से भी जाना जाता ह, म येक वष दो
िदवसीय महो सव का आयोजन िकया जाता ह। वाणावर पहाड़ी समूह म मुख प से वाणावर एवं नागाजुनी
पहािड़याँ स मिलत ह। वैसे तो इस पहाड़ी समूह म मूित िश प, िभि िच एवं लिलत कला क आकषक नमूने
िमलते ह, पर इस पहाड़ी समूह का सव मुख आकषण यहाँ क गुफाएँ ह। महो सव क मा यम से ऐितहािसक एवं
पुराता वक धरोहर को िस िमली ह। िस लोमस ऋिष गुफा म उ क ण एक अिभलेख म इस पहाड़ी को
गोरखािग र भी कहा गया ह।
तपोवन महो सव
यह महो सव मकर सं ांित (14 जनवरी) क अवसर पर आयोिजत िकया जाता ह, जो तीन िदवसीय होता ह,
साथ ही तीन साल पर आयोिजत होनेवाला मलमास मेला भी यहाँ आयोिजत होता ह, जो लगातार एक माह तक
चलता ह। कहा जाता ह िक धम, कामना और मो , तीन क संगम- थली तपोवन ह। यह थल राजगीर से
लगभग 18 िकलोमीटर क दूरी पर टटा गाँव क पास ह। मनोरम पहािड़य से आ छािदत तपोवन अंतरा ीय क
ह।
तपोवन क मह ा और ाचीनता का बुकानन, सु िस वै ािनक जगदीश चं बोस, चीनी या ी फािहयान एवं
ेनसांग ने िव तार से वणन िकया ह। महाकिव भास ने अपनी िस पु तक ‘ व नवासवद ’ म तपोवन का
रोचक वणन िकया ह। तीथ थल तपोभूिम तपोवन म िबंिबसार काल म क यप ऋिष का आ म था। तपोवन म
बु क पु रा ल ने भी तप साधना क थी। तपोवन क इसी मह व को लेकर 14 जनवरी, 2015 को मकर
सं ांित क अवसर पर तपोवन महो सव का ीगणेश आ ह।
वैशाली महो सव
वैशाली महावीर और बु , दोन महापु ष क समयुगीन सं कित क युगप अिभ यंजना करनेवाली
ऐितहािसक नगरी क प म िस ह। वैशाली म थमतः गणतं का अंकरण भी आ था। हालाँिक वैशाली
महो सव का आयोजन िवशेषतया जैन धम क वतक महावीर पर ही पूणतया कि त ह। महावीर ने अपने ब मू य
जीवन क 30 वष वैशाली म ही यतीत िकए थे।
िमिथला महो सव
िमिथला क समृ सं कित एवं मधुबनी क पिटग को जीवंत बनाए रखने क उ े य से येक वष िमिथला
महो सव का आयोजन िकया जाता ह। िमिथला महो सव का आयोजन पयटन िवभाग, कला सं कित एवं युवा काय
िवभाग क ारा िकया जाता ह। मधुबनी म िमिथला िच कला सं थान क थापना भी क गई ह, जो महो सव का
आकषण क होता ह।
पव- योहार
िबहार क लोकसं कित गीत, संगीत और नृ य-ना य का मह व यहाँ क पव एवं योहार क कारण भी ह।
िबहार म रा ीय योहार क अलावा कछ थानीय पव भी ह, जो यहाँ क जनमानस को उ िसत होने क अवसर
दान करते ह। यहाँ योहार क बड़ी धूम रहती ह और ब ,े युवा तथा बूढ़ सभी इसम भाग लेते ह। िबहार म कछ
पव ऐसे ह, िजनम घर क सभी लोग क उप थित अिनवाय होती ह। उ र भारत क अ य देश म नौकरी या
यवसाय कर रह िबहारी इन योहार पर घर अव य जाते ह। हाल क वष म देखा जा रहा ह िक जहाँ अ य देश
म योहार मा अवकाश और औपचा रकता ही रह गए ह, वह िबहार म इनका वही मह व ह, जो पहले से था।
लोकसं कित और भारतीय सं कित का साझा दशन करानेवाले पव एवं योहार िन न ह—
होली
िहदू पंचांग क पहले महीने क पहले िदन का पव िबहार म अ यंत हष ास से मनाया जाता ह। बुराई पर अ छाई
क जीत, ना तकता पर आ तकता क जीत और अहकार पर भगव का हार इस पव क मूल धारणा ह।
वैसे तो यह रा ीय योहार ह और सार देश म सौहाद से मनाया जाता ह, लेिकन िबहार म इसक धूमधाम दशनीय
होती ह। फा गुन क पूिणमा क िदन गाँव क लोग एक थान पर लकिड़याँ और पुआल आिद को इक ा कर
उसक ढर म राि को आग लगा देते ह, जहाँ आनेवाले लोग को अ क क ी बािलयाँ भूनकर आपस म बाँटी
जाती ह। ातः भोर होते ही ब े िपचका रयाँ आिद लेकर घर से िनकल पड़ते ह और एक-दूसर पर रग िछड़कते
िफरते ह। धीर-धीर बड़ लोग भी इसम शािमल हो जाते ह और इस तरह फगुआ गीत क लहर उठने लगती ह।
रयार क टोिलयाँ गली-गली म गीत गाती ह।
दोपहर म ान होता ह, िजसक बाद पकवान खाए जाते ह। तीसर पहर म अबीर-गुलाल लगाने का उ साह होता
ह। बड़ का आदर-स मान करते ए उनक चरण छए जाते ह। बड़-बुजुग उ ह आशीवाद देते ह। इस अवसर पर
पुराने भेद-भाव, ेष, ई या और झगड़ सभी भुला िदए जाते ह। सब आपस म गले िमलते ह। शाम क समय
लोकगीत, लोकनृ य और कह -कह लोकना य भी होते ह। आपसी भाईचार को बढ़ाने का अवसर दान
करनेवाला यह योहार जीवन म रग भर देता ह।
िशवराि
फा गुन मास क क ण प क चतुदशी को यह योहार मनाया जाता ह। इस योहार क मा यता भगवान िशव
और पावती क िववाहो सव क प म ह। ी-पु ष त रखकर भगवान िशव क पूजा-अचना करते ह।
रामनवमी
भगवान राम क ज मो सव क प म मनाया जानेवाला यह योहार िबहार म ब त ाचीन समय से मनाया जाता
ह। चै मास क शु प क नवमी को इस उ सव क धूम रहती ह। दोपहर तक ी-पु ष त रखते ह और
भगवान राम का ज मो सव मनाते ह। मंिदर म क तन, भजन और रामायण पाठ आिद होते ह। घर और मंिदर पर
हनुमानजी क वजा फहराई जाती ह। कह -कह वजा-गाड़ी क साथ जुलूस भी िनकाले जाते ह। देर रात तक
वातावरण राममय रहता ह।
मकर सं ांित
िबहार म ‘ितल सं ांित’ क नाम से भी जाना जानेवाला यह योहार 14 जनवरी को देश भर म धूमधाम से मनाया
जाता ह। िबहार म यह योहार धान क नई फसल आने क खुशी म मनाया जाता ह। इस िदन सभी लोग नदी,
जलकड और तालाब म ान करते ह। चूड़ा, दही और ितलकट इस िदन क मु य खा पदाथ होते ह। उस िदन
शाम या अगले ही िदन िखचड़ी बनाकर खाने का भी रवाज ह।
वसंत पंचमी
िबहार म इसे िव ा क देवी सर वती को स करनेवाला पव मानकर मनाया जाता ह। छा वग इस िदन ब त
उ सािहत रहता ह। माघ मास क शु प क पंचमी को सर वती क थापना और पूजा क जाती ह। पूर िदन
इस पव क धूमधाम रहती ह। छा एक-दूसर को शुभकामनाएँ देते ह और बड़-बुजुग से आशीवाद पाते ह। अगले
िदन ितमा को नदी या तालाब म िवसिजत कर िदया जाता ह।
दुगा पूजा
यह िहदु का सबसे बड़ा योहार ह, जो दस िदन तक मनाया जाता ह। आ न माह क सुदी ितपदा से
नवमी तक माँ दुगा क नौ प क पूजा-अचना क जाती ह। इ ह ‘नवरा ’ भी कहते ह और ब त से लोग इन नौ
िदन तक त भी रखते ह। येक िदन घर व मंिदर म पूजा-अचना क जाती ह। दशमी क िदन मूित-िवसजन
होता ह और दशहर का योहार मनाया जाता ह। इन दस िदन म िबहार का वातावरण दशनीय और आ थामय होता
ह।
मधु ावणी
यह िबहार म ावण प क बदी पंचमी से सुदी तृतीया तक यहाँ क नविववािहत युवितय ारा मनाया जाता
ह। यह मधु ावणी त होता ह, जो नविववािहता ारा िववाह क थम वष म पित क दीघायु क िलए रखा
जाता ह। करवाचौथ से िमलता-जुलता यह योहार भी िबहार म बड़ी धूमधाम से मनाया जाता ह। योहार का
समापन होने पर खीर-पूड़ी का भोज होता ह और घर म चने का िवतरण िकया जाता ह।
दीपावली
काितक मास क अमाव या को मनाया जानेवाला यह योहार काश और समृ का तीक ह। ऐसा माना
जाता ह िक इस िदन भगवान राम लंका-िवजय क प ा अयो या लौट थे और इसी स ता म लोग ने यह
उ सव मनाना शु िकया था। िबहार म यह योहार धूमधाम से बड़ हष ास क साथ मनाया जाता ह। इसक कछ
िदन पहले से ही इसक तैया रयाँ आरभ हो जाती ह। घर , कायालय आिद क साफ-सफाई करक पुताई क जाती
ह और नई-नई तसवीर से सजाया जाता ह। इस अवसर पर ल मी और गणेश क तसवीर को सजाया जाता ह।
इस अवसर पर ल मी और गणेश क तसवीर अिधक खरीदी जाती ह। इन िदन बाजार म बड़ी चहल-पहल होती
ह। िम ी क दीये, मोमब ी और आितशबाजी आिद क जमकर खरीदारी क जाती ह। शाम होते ही िम ी क दीये
व मोमबि याँ जला दी जाती ह। रात को घर म गणेश व ल मी का पूजन होता ह। उ ास से भर इस योहार क
छटा देखते ही बनती ह।
गोवधन पूजा
दीपावली क अगले िदन अ कट पूजा या गोवधन पूजा होती ह। मंिदर म अ कट से पूड़ी व स जी बनाई जाती
ह, िफर इसे साद क प म िवत रत िकया जाता ह। इस पव को गोधन भी कहा जाता ह और इस िदन पशुधन का
िवशेष यान रखा जाता ह। इस िदन सभी पशु को नहलाया जाता ह और उनक पूजा क जाती ह। उनक चार
क नाद को साफ िकया जाता ह और पुरानी र सय को बदला जाता ह। गोधन अथा बैल का इस िदन िवशेष
मह व रहता ह।
भैयादूज
यह गोवधन पूजा क अगले िदन लड़िकय और मिहला ारा मनाया जानेवाला भावनापूण योहार ह। इस िदन
वे अपने भाइय को बजड़ी (चने या मूँग क पाँच दाने) और िमठाई िखलाती ह तथा िफर भाई उ ह नेग व प कछ-
न-कछ भट अव य ही देते ह। इस अवसर पर बहन ारा अपने भाइय क िलए सफल एवं दीघायु जीवन यतीत
करने क कामना क जाती ह।
िच गु पूजा
यह काय थ समाज का िस योहार ह, िजसे ‘दवात पूजा’ क नाम से भी जाना जाता ह। भैयादूज क अगले
िदन िच गु क पूजा क जाती ह। लोग म इस िदन अपनी कलम, दवात और लेखन साम ी क पूजा करने क
परपरा ह।
अ य नवमी
यह िमिथलांचल े म मनाया जानेवाला धािमक पव ह, जो काितक सुदी नवमी को मनाया जाता ह। इस िदन
गाँव क मिहलाएँ आँवले क पेड़ क नीचे भोजन बनाती ह। इसक बाद प रवार क सभी सद य वहाँ एक होकर
आँवले क वृ क पूजा करते ह। िफर सभी लोग िमल-जुलकर भोजन करते ह। ऐसा माना जाता ह िक इस िदन
आँवले क वृ म भगवान का वास होता ह।
इ पूजा
भा पद माह क शु प एकादशी से क ण प पंचमी तक मनाया जानेवाला यह योहार िबहार क मु य पव
म से एक ह। इन नौ िदन म भगवान इ क मूित क थापना करक उसक पूजा क जाती ह। िफर अंितम िदन
उसका िवसजन नदी या तालाब म कर िदया जाता ह। ऐसी मा यता ह िक इस िदन इस पूजा से स होकर
भगवान इ वषा करते ह और अ छी फसल देकर अपने भ को समृ करते ह।
कोजगरा
यह िमिथला क ा ण समुदाय का जाितगत योहार ह। इस िदन ल मी और गणेश का िविधव पूजन िकया
जाता ह। नविववािहत जोड़ क िलए इस योहार का िवशेष मह व ह। पित ारा अपने दांप य जीवन क खुशहाली
क िलए इस िदन पूरी ा से मं ो ारण क साथ पूजा क जाती ह।
चौथचं
िमिथलांचल का यह पव भा पद मास क शु प चतुथ को मनाया जाता ह। यह मिहला- धान योहार ह।
इस िदन मिहलाएँ उपवास रखती ह। घर म वािद पकवान बनाने क परपरा ह। शाम क समय घर म पूजा-
आरती क जाती ह और धािमक गीत व भजन गाए जाते ह। इसक बाद घर क सभी सद य हाथ म फल, दही,
मलाई आिद लेकर चं दशन करते ह। इस पव क मु य पकवान म खजूर, जो मैदा से बना होता ह; िपड़िकया, जो
सूजी और दही का अ ुत वािद िम ण ह तथा साम य क अनुसार फल व मेवे खाने क परपरा ह।
वट सािव ी
यह िमिथला े का आंचिलक पव ह, जो ये मास क अमाव या को मिहला ारा मनाया जाता ह। यह
करवा चौथ और मधु ावणी त का ही एक प ह, िजसम मिहलाएँ उपवास रखकर वटवृ क पूजा-अचना
करती ह। ये मिहलाएँ समूह म नृ य और गायन भी करती ह। इनक गीत म वटवृ देवता से उनक पितय क िलए
अपने समान ही दीघायु क कामना क जाती ह। वट सािव ी क बार म यह पौरािणक मा यता ह िक सती सािव ी
को इसी वटवृ क नीचे आकर यमराज से तीन वर ा ए थे। मिहलाएँ इस वटवृ क पूजा करती ह, उसे
हाथ क पंखे से हवा करती ह और गीत गाते ए उसक चार ओर प र मा करती ह।
तीज
यह मिहला- धान योहार भा पद माह क शु प तृतीया को सुहािगन मिहला ारा मनाया जाता ह। यह
भी पित क दीघायु क कामना रखनेवाला योहार ह, िजसम मिहलाएँ िदन भर उपवास रखती ह और शाम को
थम तार क दशन करने क बाद पित क चरण पश करक उनक लंबी आयु क ई र से कामना करते ए त
का उ ापन करती ह।
बु जयंती
भगवान बु क ज मो सव पर मनाया जानेवाला यह पव भी बौ म हष ास से मनाया जाता ह। बौ धम
क दोन ही शाखा क अनुयायी इस िदन उ ास से इस पव को मनाते ह। वैशाख माह क पूिणमा क अवसर पर
इस पव म आ था और ा का अनूठा भाव देखने को िमलता ह। सार िबहार म बौ लोग ारा धम-संदेश
और मानवीय आदश क सार क िलए सभाएँ आयोिजत क जाती ह।
महावीर जयंती
जैन धम म इस पव को भगवान महावीर क ज मो सव क प म मनाया जाता ह। चैत माह क सुदी योदशी
को सभी जैन अनुयायी धूमधाम और हष ास से यह पव मनाते ह। इस िदन भगवान महावीर क िश ा और
संदेश का भ य वणन िकया जाता ह।
काशो सव (गु गोिवंद िसंह जयंती)
काशपव क प म मनाया जानेवाला यह योहार पौष माह क सुदी स मी को िसख क दसव गु गोिवंद
िसंह क ज मितिथ क प म हष ास से मनाया जाता ह। इस िदन भ य शोभाया ा का आयोजन िकया जाता ह,
िजसक आगे पंच यार गु क गुणगान म सबद गाते ए चलते ह। काशो सव िसख क दसव और अंितम गु ी
गु गोिवंद िसंह क ज मिदवस पर येक वष आयोिजत िकया जाता ह। गु गोिवंद िसंह का ज म 22 िदसंबर,
1666 को पटना म आ था। इ ह लोग सवसदानी भी कहते ह। इनका बचपन का नाम बालगोिवंद राय था। इ ह
बचपन म बाला ीतम क नाम से भी पुकारा जाता था। इनक िपता का नाम गु तेगबहादुर तथा माता का नाम गुजरी
देवी था। गु गोिवंद िसंह क िपता क इ छा थी िक उनक अपने बेट का नाम अपने िपता गु हरगोिवंद राय क
नाम पर हो। गु गोिवंद िसंह एक ऐसे संत थे, िज ह एक साथ सैिनक और संत कहलाने का सौभा य ा था। 29
माच, 1676 को गोिवंद िसंह िसख क गु बने और 1708 ई. तक इस पद पर बने रह। वे िसख क सैिनक संगित
और खालसा क सृजन क िलए जाने जाते ह। गु गोिवंद िसंह कवल महा खालसा क िनमाता ही नह , ब क
एक महा आ या मक गु , यो ा, किव और दाशिनक भी थे। उ ह ने अपना पूरा जीवन वंिचत क अिधकार क
र ा क िलए कबान कर िदया। वे जीवन भर अ याय, अ याचार और सामािजक मतभेद क िखलाफ लड़ाई लड़ते
रह।
ी ह रमंिदरजी पटना सािहब का िनमाण महाराजा रजीत िसंह क ारा करवाया गया ह, िजस समय गु गोिवंद
िसंह का ज म वतमान क त त ी ह रमंिदरजी साहब पटना सािहब म आ था, उस समय उनक िपता एवं िसख
क नौव गु तेगबहादुरजी गु िमशन क चार हतु धुबरी, असम क या ा पर गए थे। जहाँ गु गोिवंद िसंह का
ज म आ, वहाँ सिलसराय जोहरी का आवास था, जो िसख पंथ क सं थापक गु नानक देवजी महाराज क भ
थे। इस थल पर गु नानक भी पूव म आ चुक थे। गु गोिवंद िसंह ने यहाँ छह साल तक अपना बचपन गुजारा।
इनक दशन क िलए हजार क सं या म संगत ( ालु) आया करती थी। इसी थल पर माता गुजरीजी का कआँ
आज भी मौजूद ह।
पटना ह रमंिदर सािहब म आज भी गु गोिवंद िसंह क वह छोटी कपाण ह, िजसे वे बचपन म भी धारण करते
थे। इसक अलावा आनेवाले संगत क उस लोह क छोटी चकरी को, िजसे गु बचपन म अपने कश म धारण
करते थे तथा छोटा बघनक खंजर, जो कमर-कसा म धारण करते थे, को देखना नह भूलते ह। गु तेग बहादुरजी
महाराज िजस संदल लकड़ी क खड़ाऊ पहना करते थे, उसे भी यहाँ रखा गया ह, जो ालु क ा से
जुड़ा ह।
अपने पु क ज म क खबर पाकर िपता गु तेगबहादुर िसंह असम से चलकर पटना प चे थे। िव म दूसर
त त ी ह रमंिदरजी पटना सािहब से चार िकमी. पहले एक बाग म क थे। कहा जाता ह िक दो भाई नवाब रहीम
ब श और करीम ब श क इस फलदार बाग क माली से एक भूखे साधु ने खाने क िलए फल माँगा तो माली ने
मािलक से पूछने क बाद ही देने क बात कही। इससे आ ोिशत साधु ने बाग सूख जाने का ाप दे िदया। तब से
यह बाग सूखा था। िसख क नौव गु तेगबहादुर िसंह क कदम पड़ते ही बाग िफर से हरा-भरा हो गया। नवाब क
प नी को कोढ़ था। यहाँ क कएँ क पानी से ान करते ही ठीक हो गया। बेऔलाद प नी क गोद भर गई। नवाब
भाइ ने अपने बाग को गु का बाग कह उ ह समिपत कर िदया। गु बाग प रसर म आज भी अनेक िनशािनयाँ
मौजूद ह। गु का बाग प रसर म तेगबहादुर ने नीम क िजस दातुन को गाड़ा था, वह िवशाल वृ बन गई। आज
भी नीम क उस पेड़ क डाल मौजूद ह। देश-िवदेश से मुराद लेकर आनेवाले ालु इसक छाल और धूल
साद व प ले जाते ह। गु जी का कड़ा, िजस इमली क पेड़ क नीचे गु जी बैठ थे, उसक डाल, वरदान िदया
आ कआँ, साधु का कमंडल, आसन आिद सुरि त ह।
मुहरम
यह इ लाम धम का मुख योहार ह, जो इ लामी पंचांग क पहले महीने का नाम भी ह। इस महीने क 10व
तारीख को हजरत सैन क शहादत क उपल य म इस योहार को मनाया जाता ह। िशया सं दाय म शोकदशन का
भ य और धािमक जुलूस िनकाला जाता ह। िशया सं दाय म गरीब लोग को भोजन भी कराया जाता ह।
बकरीद
यह भी इ लाम धम का मुख योहार ह, िजसे ‘ईद-उल-अजहा’ क नाम से भी जाना जाता ह। यह इ लामी
पंचांग क अंितम माह म मनाया जानेवाला पव ह। यह पैगंबर इ ाहीम क शहादत िदवस क प म मनाया जाता ह।
इस अवसर पर पशुबिल देने क था ह। मुसलमान क पिव हजया ा का समापन भी इस समय होता ह। यह
योहार भारतीय सं कित को मजबूत करनेवाले योहार म से एक ह।
ईद
यह मु लम समाज का सबसे मुख योहार ह। यह पूर माह तक चलनेवाला पव ह। इसम धािमक ा और
शुिचता का अ ुत सम वय देखने को िमलता ह। इस महीने म, जो िक रमजान का होता ह, सभी मु लम रोजा
रखते ह। पाँच व नमाज का िनयम ह। जैसे ही रमजान का महीना समा होता ह, ईद का पव बड़ी धूमधाम से
मनाया जाता ह। इसे ‘ईद-उल-िफतर’ भी कहते ह। ईद क िदन ब त चहल-पहल रहती ह। जगह-जगह मेले
आयोिजत होते ह। नए व से स त ब े व बड़-बूढ़ एक-दूसर क गले िमलते ह। इस पिव िदन सेवई खाने व
िखलाने का िवशेष मह व होता ह।
ि समस
यह ईसाई धम का सबसे भ य और मह वपूण पव ह, जो िक येक वष 25 िदसंबर को बड़ी धूमधाम से मनाया
जाता ह। भु ईसा मसीह क ज मिदवस क मृित म मनाया जानेवाला यह योहार िबहार म भी बड़ हष ास से
मनाया जाता ह। इस िदन चच म सभी ाथना करने क िलए जाते ह और परमे र से संसार म सुख-शांित क
कामना करते ह। इस अवसर पर लोग सांता ॉज का वेश धारण कर ब को उपहार बाँटते ह।
नागपंचमी
यह िमिथला और अंग देश म मनाया जानेवाला मुख योहार ह, िजसम नाग क पूजा क जाती ह। वण माह
क सुदी पंचमी को मनाया जानेवाला यह योहार कह -कह ‘िवषहरा’ क नाम से भी जाना जाता ह। इस िदन
नागदेवता को दूध िपलाया जाता ह और मिहलाएँ घर क आँगन से ार तक नागदेवता का तीक िच बनाती ह।
छठपूजा
यह इस रा य क उन मुख योहार म से ह, िजसक अवसर पर सुदूर कायरत रा यवासी भी घर लौट आते ह।
यह भ , ा और उ ास का अनूठा पव ह। इस िदन से एक िदन पहले ही त का आरभ हो जाता ह, िजसे
‘खरना’ कहते ह। यह त 36 घंट का किठन िनजल त होता ह। इसम अ त होते सूय को नदी या तालाब म खड़
होकर एक टोकरी म अ य क व तुएँ रखकर अ य िदया जाता ह। इस टोकरी को लेकर लोग िभ ा माँगने क
परपरा का भी िनवाह करते ह। सूय दय क समय भी यही ि या दोहराई जाती ह। इस पव क भ यता देखते ही
बनती ह। इसक बड़ी िवशेषता यह ह िक इसम अमीर-गरीब और ऊच-नीच का कोई भेद नह रह जाता।
क णा मी
भा पद मास क क ण प अ मी को क णज म मृित क प म यह योहार सार देश क साथ िबहार म भी
बड़ हष ास से मनाया जाता ह। भगवान क ण म आ था रखनेवाले लोग िदन भर उपवास रखते ह और रात को
चं दशन करक अघ देकर पारण करते ह। इस िदन मंिदर म बड़ी चहल-पहल रहती ह। रात को लोग ‘सामा-
चकवा’ ना य क तुित भी करते ह।
र ाबंधन
ावण मास क पूिणमा को यह योहार सार भारत म बड़ी धूमधाम से मनाया जाता ह। भाई-बहन क ेम क
तीक का यह योहार बड़ी ेम-भावना से भरा होता ह। बहन अपने भाई क कलाई पर राखी बाँधकर उनसे र ा
का वचन लेती ह। इस िदन अिधकांश बहन अपने भाई क घर जाती ह।
जीितया
आ न मास क क णप ीय अ मी को यह त पु वती माता ारा अपने पु क दीघायु क िलए रखा
जाता ह। कह -कह यह त ‘अंगूठन’ िविध से भी रखा जाता ह। इसम मिहलाएँ राि क अंितम हर म घर क
भीतरी ार पर बैठकर अपने ब क साथ चूड़ा-दही खाती ह।
िबहार रा य म इनक अित र भी अनेक े ीय योहार ह। इनम ‘सामा-चकवा’ भाई-बहन क ेम पर आधा रत
ह तो ‘जूड़-सीतल’ म लोग बासी खाना और िखचड़ी खाते ह। िफर िम ी-पानी घोलकर एक-दूसर पर फकते ह।
‘महालया’ योहार िपतृप म 15 िदन तक मनाया जानेवाला योहार ह, िजसम गया िजले म िवशाल मेला लगता
ह। दूर-दूर से पूवज क आ मा क शांित क िलए लोग यहाँ आते ह। अनंत चतुदशी को लोग भगवान िव णु क
पूजा करक उनक कपा पाने क आकां ा म अपनी बाँह पर एक डोरा बाँधते ह, िजसे ‘अनंत डोरा’ कहा जाता ह।
इस तरह पता चलता ह िक िबहार क लोकसं कित म योहार का बड़ा मह व ह।
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10. सािह य एवं सािह यकार
(Literature and Writer)
भाषा एवं सािह य
प का रता
मुख सािह यकार
भाषा एवं सािह य
िहदी िबहार म अिभ य का मु य मा यम ह। यह भारोपीय भाषा-प रवार क सबसे बड़ी भाषा ह। िबहार म
बोली जानेवाली िहदी भाषा म े ीय िविवधताएँ पाई जाती ह। उ री-पूव िबहार म मैिथली, उ री-प मी और
दि णी-प मी भाग म भोजपुरी तथा दि णी िबहार म मगही क धानता ह। यहाँ पर बोली जानेवाली सभी भाषाएँ
िहदी एवं उदू का िमि त प ह। िबहार म बोिलय क िवशेष क प म डॉ. जॉज िगयसन को जाना जाता ह।
िबहार म बोली जानेवाली भाषा का प रचय सं ेप म िन न ह—
िहदी
िहदी क ित ा अकबर क शासन क 25व वष तक राजभाषा क प म कायम थी। 26व वष म टोडरमल क
कारण िहदी का चलन बंद कर िदया गया एवं राजकाज क भाषा फारसी हो गई। 4 िसतंबर, 1937 को वायसराय
क यव थािपत सभा म एक िवधेयक रखा गया, िजससे बंगाल एवं उड़ीसा क अदालत म बँगला और उिड़या म
काम शु हो गया। िबहार क भाषा िहदु तानी (उदू) मानी गई, िजससे िबहार क अदालत म िहदी भाषा और
देवनागरी िलिप क बजाय उदू भाषा और फारसी िलिप कायम रखी गई। जनता को अिभ य क मा यम प म
19व सदी क पाँचव और छठ दशक म अखबार सुलभ आ, लेिकन वे सभी अखबार उदू क थे। उ ीसव सदी
का सातवाँ दशक िबहार म नवजागरण का काल ह। िबहार का पहला िहदी प ‘िबहार-बंधु’ थानांत रत होकर
पटना चला आया। इससे िबहार क िहदी-भाषी बु लोग को पहली बार अपने िवचार क अिभ य का
मा यम िमला।
िबहार म कचह रय म नागरी िलिप को मा यता िदलाने, िव ालय म िहदी का समावेश कराने तथा िहदी क
वतं चार- सार क िलए जन आंदोलन शु आ। इस आंदोलन क नेता म गोिवंदचरण, रामदीन िसंह,
‘िबहार-बंधु’ क संपादक कशवराम भ , अयो या साद ख ी, रामक ण पांडय मुख थे। आंदोलन काल म आरा
क िजलािधकारी क पेशकार जंगलीलाल क भूिमका अदालत म िहदी क थापना क िलए मह वपूण िस ई।
11 िसतंबर, 1875 से जनता को िबहार क कचह रय म उदू क साथ-साथ िहदी भाषा और देवनागरी िलिप म
आवेदन प देने क सुिवधा ा हो गई। कलक ा हाईकोट ने अपने प रप म िबहार देश क अदालत को
देवनागरी िलिप और िहदी भाषा म काम करने का आदेश िदया। नागरी क साथ कथी िलिप का भी चलन
कचह रय म आ। कथी व तुतः िबहार क पटना और भागलपुर मंडल क ामीण े क िलिप थी। कथी
िलिप क चलन से ही नागरी का चलन बढ़ा, य िक जनता क भाषा िहदी थी।
ख गिवलास ेस िबहार क पहली ेस थी, िजसने कथी म पु तक छापी। अदालत म िहदी क चलन म इस
ेस का सवािधक यावहा रक योगदान था। िबहार म सव थम 1860 ई. म ‘रा भाषा आंदोलन’ ारभ आ। इस
आंदोलन का नारा था— कल म िहदी का थान हो, कचह रय म िहदी का वेश हो। इस आंदोलन क
फल व प िबहार क कल म 1870 ई. म िहदी का वेश आ। उन िदन संयु ांत क िश ा िवभाग म राजा
िशव साद का भाव था। उनक ारा िलिखत िहदी क पा य-पु तक िहदी देश क ायः सभी कल म
चलन म आई। उनक िस कितय म ‘िव ांकर’, ‘आलिसय को कोड़ा’, ‘भूगोल-ह तामलक’, ‘वीरिसंह-
वृ ांत’ मुख थे। ख गिवलास ेस ने िहदी म पा य-पु तक तैयार करने म भरपूर सहयोग िकया। इस ेस क
सं थापक बाबू रामदीन िसंह ने ‘िहदी गिणत-ब ीसी’ क रचना क । िहदी म वतं एवं मौिलक पा य-पु तक क
िनमाण म ख गिवलास ेस को भूदेव मुखोपा याय, जॉज ि यसन, मुंशी राधालाल माथुर, मुंशी राम काश लाल,
मथुरा नाथ िस हा का भरपूर सहयोग िमला। ारिभक क ा क िलए चंडी साद िसंह ने ‘वण-िवनोद’ क रचना
क । रामदीन िसंह ने िहदी सािह य ( थम भाग) का संकलन िकया।
रामदीन िसंह क सािह य-साधना से भािवत होकर भारतदु ह र ं का 1884 ई. क माच क थम स ाह म
पटना आने का उ ेख िमलता ह। भारतदुजी क एक-दो पु तक को छोड़कर शेष पु तक का मु ण एवं काशन
उ र देश क अ य ेस से िकया जा चुका था। बाद म ख गिवलास ेस से इनक कितय का पूणमु ण कराया
जाने लगा। इनम से ‘स य ह र ं नाटक’ िबहार क कल म ब त िदन तक पा य म म था। उनक कल 129
ंथ का काशन ‘ ंथावली’ क प म िकया गया। 1904 ई. म बाबू िशवनंदन सहाय ने ‘सिच ह र ं ’ नामक
500 पृ क पु तक िलखी। इसी समय बाबू राधाक ण दास क पु तक ‘ह र ं क जीवनी’ कािशत ई।
ख गिवलास ेस म 1870 से 1872 ई. क आसपास बंिकमचं क दुगश नंिदनी (बँगला उप यास) का िहदी
पांतरण ‘किव वचन सुधा’ म कािशत ई। बाद म इनक मुख उप यास —‘राज िसंह’, ‘राधारानी’, ‘इिदरा’,
‘युगलांगुरीय’, ‘कपालकडला’, ‘क णकांत का दान-प ’, चं शेखर देवी चौधरानी एवं रजनी का िहदी अनुवाद
कािशत आ। इसक अित र सूयपुरा क राजा राजे री साद िसंह, दरभंगा क पं. भुवने री िम , मुज फरपुर
क अयो या साद ख ी तथा देव क राजा जग ाथ साद िसंह िककर आिद उस समय क महा सािह य िवभूित
रह।
ख गिवलास ेस िबहार क पहली ेस थी, िजसने कथी म पु तक छापी। अदालत म िहदी क चलन म
इस ेस का सवािधक यावहा रक योगदान था। िबहार म सव थम 1860 ई. म रा भाषा आंदोलन
ारभ आ।
िहदी सािह य क वणयुग का ारभ 19व शता दी का ारभ माना जाता ह। िबहार क मुख सािह यकार—पं.
रामावतार शमा, पं. चं शेखर शा ी, राम लोचन शरण, डॉ. काशी साद जायसवाल आिद अपनी कितय से िबहार
म ही नह , ब क पूर देश म लोकि य ए। आरिभक उप यास लेखक म राजा रािधका रमण साद िसंह, आचाय
िशवपूजन सहाय, अवध नारायण मुख ए। मुख किवय म रामधारी िसंह िदनकर, आर.सी. साद िसंह, गोपाल
िसंह नेपाली, रामगोपाल , पं. रामदयाल पांडय, कले टर िसंह कसरी शािमल थे। इस काल क नाटक ,
उप यास , िनबंध , प म मुखतः रा ीय चेतना का समावेश रहा। वतं ता- ा क बाद िहदी सािह य
आधुिनक भारत क नविनमाण को लेकर मुखर प से अिभ य रहा। इस काय म डॉ. राज साद, ब ीनाथ
वमा, पं. छिव नाथ पांडय, मथुरा साद दीि त का योगदान मुख रहा। आधुिनक समय म निलन िवलोचन शमा,
कसरी कमार, डॉ. कमार िवमल, आलोक ध वा, डॉ. वचनदेव कमार, डॉ. कमार िवमल आिद सािह यकार िबहार
म िहदी क िवकास म मह वपूण योगदान दे रह ह। इसक अलावा िहदी सािह य स मेलन, रा भाषा प रष एवं
िबहार िहदी ंथ अकादमी का िहदी क िवकास म मह वपूण योगदान ह।
उदू
िबहार म म यकाल म मु लम क वेश क साथ यहाँ क भाषा पर उदू का य भाव पड़ा ह। उदू भाषा
म िबहार क इितहास पर थम ंथ ‘न शे पायदार’ अली मुह मद शाह अजीमाबादी क ारा िलखा गया। डॉ.
अजीमउ ीन अहमद ने अं ेजी किवता शैली सॉनेट का उदू भाषा म सव थम योग िकया था। ‘गुल-ए-नगमा’
इनक किवता का संकलन ह। िबहार म गितशील उदू िवचारधारा क मु य चारक क प म सुहल
अजीमाबादी को जाना जाता ह, जबिक उदू सािह य म शोध को वै ािनक आधार दान करने म काजी अ दुल
वदीद को ेय ा ह।
भोजपुरी क िवकास म पूव म धरती दास एवं द रया दास ने मह वपूण भूिमकाएँ िनभाई थ । वतमान
समय म मह िम ा, िभखारी ठाकर बाबू रघुवीर नाथ जैसे सािह यकार क कारण भोजपुरी को नई
पहचान िमली ह।
िबहार म उदू क िवकास का सबसे मह वपूण समय 19व शता दी का उ राध रहा ह। गािलब, मोिमन और
जॉक जैसे िस उदू शायर क ारा उदू क िवकास म मह वपूण योगदान िमला। अली मुह मद शाह क गजल
का सं ह ‘मैखाना-ए-इ हाम’, अिजमो ीन अहमद क किवता का सं ह ‘गुले-नगमा’ ब त िस ई।
जीमल मजाहरी क किवता म दशन का भाव प िदखता ह। ो. कलीमु ीन अहमद उदू सािह य म
आलोचक क ेणी म थम पं म आते ह। काजी अ दुल वदीद उदू म शोध क वै ािनक आधार को ेय
देनेवाले रह ह। िव यात किव कलीम आिजज को उदू शायरी को नए प म सजाने क िलए ‘प ी’ स मान से
स मािनत िकया गया ह। अ दुल शमद क उप यास ‘दो गज जमीन’ को ‘सािह य अकादमी पुर कार’ ा आ
ह। इसक अलावा कहानीकार म रजवान अहमद, शौकत हयात, सफ जावेद, किवय म जिहर िस ीक , सु तान
अ तर, ग लेखक म लु फर रहमान, बहाव अशफ आिद सािह यकार का उदू सािह य क िवकास म महा
योगदान रहा ह। रा य म 1984 ई. म उदू को तीय राजभाषा का दजा िमला। िबहार सरकार ने भी उदू अकादमी
का गठन कर उदू क िवकास म अपना मह वपूण योगदान िदया ह।
भोजपुरी
िबहार क ाचीन िजले भोजपुर क आधार पर भोजपुरी श द का िनमाण आ। पूववत आरा िजले क ब सर
सब-िडवीजन (जो अब अलग िजला ह) म भोजपुर नाम क एक बड़ परगने को म य देश क उ ैन से आए
भोजवंशी परमार राजा ने बसाया था। इ ह ने इस राजधानी का नाम अपने पूवज राजा भोज क नाम पर भोजपुर
रखा और इसक आसपास बोली जानेवाली भाषा भोजपुरी कहलाई। यह एक आय प रवार क भाषा ह।
इस भाषा का इितहास सातव सदी से शु होता ह। यह मु यतः प मी िबहार, पूव उ र देश तथा उ री
झारखंड क े म बोली जाती ह। भोजपुरी अपनी श दावली क िलए मु यतः सं कत एवं िहदी पर िनभर ह।
इसक कछ श द उदू से भी िलये गए ह। इस े क लोग क ारा पूव म िव क अलग-अलग जगह म
रोजगार हतु जाने क कारण तथा वहाँ बस जाने क कारण, वहाँ पर भोजपुरी का अ छा सार आ ह। वतमान म
सूरीनाम, गुयाना, ि िनदाद और टोबैगो, िफजी, मॉरीशस आिद देश म भोजपुरी बोलचाल क मुख भाषा ह। 2001
क जनगणना क अनुसार भारत म लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते ह।
िबहार म आरा, छपरा और चंपारण म मु यतः भोजपुरी बोली जाती ह। भोजपुरी क िवकास म पूव म धरती
दास एवं द रया दास ने मह वपूण भूिमकाएँ िनभाई थ । वतमान समय म मह िम ा, िभखारी ठाकर, बाबू रघुवीर
नाथ जैसे सािह यकार क कारण भोजपुरी को नई पहचान िमली ह।
मैिथली
मैिथली नेपाल क उपरा ीय भाषा ह। यह मु यतः भारत म उ री िबहार एवं नेपाल क तराई क इलाक म
बोली जाती ह। पहले इसे िमिथला र या कथी िलिप म िलखा जाता था, जो बँगला एवं असिमया िलिपय से िमलती
थी, परतु वतमान म यह देवनागरी िलिप म िलखी जाने लगी। यह एक आय प रवार क भाषा ह।
मैिथली का थम माण रामायण से िमलता ह। पूव म िमिथला नरश राजा जनक क राजभाषा मैिथली थी। 700
ई. क आसपास इसम रचनाएँ क जाने लग । दसव शता दी क आसपास योित र ठाकर ने मैिथली म
‘वणर नाकर’ क रचना क । िव ापित मैिथली क सवािधक चिचत किव ह। वतमान म भारत म लगभग 7-8
करोड़ लोग मैिथली बोलते ह। 22 िदसंबर, 2003 को भारत सरकार ारा मैिथली को भारतीय संिवधान क
आठव अनुसूची म शािमल िकया गया ह। भारत क सािह य अकादमी ारा मैिथली को सािह यक भाषा का दजा
1965 से ही हािसल ह।
िबहार म मु य प से दरभंगा, मुज फरपुर, पूिणया, कोसी, भागलपुर मंडल म मैिथली बोली जाती ह।
िव ापित क बाद गोिवंद दास, चंदा झा, मनबोध, पं. सीताराम झा, जीवनाथ झा आिद मैिथली क मुख सािह यकार
माने जाते ह।
मगही
मगही श द का िवकास मागधी से आ ह। ाचीन काल म मगध सा ा य क भाषा मगही थी। मगही िबहार म
मु यतः पटना, गया, जहानाबाद, औरगाबाद िजले म बोली जाती ह। इस बोली क शैली का जनक सुरश दूबे को
कहा जाता ह। आधुिनक समय म लोकभाषा एवं लोकसािह य से संबंिधत अ ययन क प रणाम व प मगही क
ाचीन परपरागत लोकगीत , लोककथा , लोकना य , मुहावर आिद का सं ह ब त ती ता से िकया जा रहा ह।
मगही म सवािधक चिचत सािह यकार क प म योगे र िसंह का नाम आता ह। िस महाका य म ह रनाथ
िम का ‘लिलत रामायण’, ‘लिलत भागवत’, राम साद िसंह का ‘लोहा मरद’, योगे र साद िसंह ‘योगेश’ का
‘गौतम’, योगेश पाठक का ‘जरासंध’ शािमल ह। मगही उप यास म जयनाथपित का ‘सुिनता’, ‘फलबहादुर’,
‘गदहनीत’, राज साद चौधेय का ‘िवसेसरा’, च धर शमा का ‘हाय र उ िदन’, ‘साक य’, बाबूलाल मधुकर
का ‘रमितया’, रामनंदन का ‘आदमी आउ देवता’ आिद मुख ह। छोटनारायण शमा का ‘मगही क दो फल’,
कशव साद वमा का ‘सोना क सीता’ मगही क िस एकांक सं ह ह। गोपाल रावत िपपाशा क ‘आधी रात क
बाद’, रघुवीर साद समदश क ‘भ मासुर’, बाबूराम िसंह क ‘लमगोड़ा’ गंधारी क ‘सराप’ आिद िस मगही
नाटक ह।
अंिगका
िबहार म मु यतः भागलपुर एवं मुंगेर िजले म बोली जानेवाली लोकभाषा अंिगका ह। यह मैिथली क ही एक
उपबोली ह। इसे भागलपुरी क नाम से भी जाना जाता ह। ाचीन अंग देश म बोली जाने क कारण यह भाषा
अंिगका कहलाई। इसे देवनागरी िलिप म िलखा जाता ह। डॉ. तेज नारायण कशवाहा ने अंिगका बोली का इितहास
िलखकर इस भाषा को लोकि य बनाने म अपना ब मू य योगदान िदया ह। यह एक आय प रवार क भाषा ह।
िबहार म सबसे पहले शाह कबी ीन अहमद ने 1850 ई. म सहसाराम म ि ंिटग ेस क थापना क ।
इस ेस का नाम ‘मुताहकोबरा’ था।
प का रता
भारत म मु ण कला का आगमन 18व सदी क अंितम दशक म हो चुका था। अ र ेस क थापना क साथ
अखबारनबीसी का ार खुल चुका था। 1850 ई. क पहले देश क मुख नगर म ेस क थापना हो चुक थी,
िकतु तब तक िबहार इस े म ब त िपछड़ा था। िबहार म सबसे पहले शाह कबी ीन अहमद ने 1850 ई. म
सहसाराम म ि ंिटग ेस क थापना क । इस ेस का नाम ‘मुताहकोबरा’ था। उस ेस से उदू क िकताब
कािशत होती थ । अखबार जग क िलए िबहार म थम यास िविलयम टलर क नाम जाता ह, िज ह ने िश ा
म सुधार लाने क उ े य से 3 िसतंबर, 1856 को उदू सा ािहक ‘अखबार-ए-िबहार’ कािशत कराया। इस िदशा
म दूसरा यास िव ालय उपिनरी क मुंशी सूरजमल और पटना नॉमल कल क अधी क राय सोहनाल ने 1860
ई. म ‘अखबार-अिखयार’ नामक अखबार कािशत कराया। इ ह क ारा 1869 ई. म ‘च म-ए-इ म’ नामक
अखबार का काशन कराया गया।
िबहार म िहदी प का रता क उ ावक पं. मदनमोहन भ थे। उ ह ने स 1872 ई. म कलक ा से
िहदी सा ािहक ‘िबहार बंधु’ का काशन आरभ िकया। इसका मु ण कलक ा क ीपूरन काश ेस
से होता था। इस पि का का काशन 1874 ई. से पटना से होने लगा।
िबहार म िहदी प का रता क उ ावक पं. मदनमोहन भ थे। उ ह ने स 1872 ई. म कलक ा से िहदी
सा ािहक ‘िबहार बंधु’ का काशन आरभ िकया। इसका मु ण कलक ा क ीपूरन काश ेस से होता था। इस
पि का का काशन 1874 ई. से पटना से होने लगा। पटना म काशन आरभ होने पर पं. कशवराम भ का
‘िहदी- याकरण’, ‘िव ा क न व’ एवं दो नाटक ‘स ाद संबल’ और ‘शमशाद शौसन’ कािशत ए। इसक बाद
िबहार म िहदी प का रता क े म दूसरा महा यास खड़गिवलास ेस क थापना थी। यह ेस रामदीन िसंह,
रामच र िसंह एवं साहब साद िसंह क संयु यास से 1880 ई. म थािपत ई। भारतदु क सम त कितय का
संकलन ‘भारतदु गंरथावली’ का काशन 6 खंड म इसी ेस से आ।
थम अं ेजी समाचार-प ‘द िबहार हरा ड’ का काशन 1875 ई. म गु साद सेन क ारा िकया गया।
1881 ई. म इिडयन ॉिनकल का संपादन पटना म शु आ। इसक बाद पटना से ‘िबहार टाइ स’ का संपादन
डॉ. सि दानंद िस हा, महश नारायण, नंदिकशोर लाल तथा ीक ण सहाय क ारा 1894 ई. म शु िकया
गया। इसी समय मह र साद ारा ‘द िबहारी’ का काशन शु िकया गया। 1912 से 1927 ई. तक ‘द
िबहारी’ दैिनक समाचार-प क प म कािशत होता रहा। ‘द सच लाइट’ का काशन 1918 ई. म सैयद हदर
सैन क ारा शु िकया गया। 1985 ई. म इसे बंद कर इसक जगह ‘िहदु तान टाइ स’ क पटना सं करण क
शु आत क गई। िबहार क थम मु यमं ी यूनुस क ारा 1914 से 1944 ई. तक ‘पटना टाइ स’ का काशन
िकया जाता रहा। ‘द इिडयन नेशन’ का काशन दरभंगा क महाराजा कामे र िसंह क ारा शु िकया गया।
‘टाइ स ऑफ इिडया’ क पटना सं करण का काशन मई 1986 से शु आ। ‘द इिडयन नेशन’ क िहदी
सं करण ‘आयावत’ का काशन दरभंगा से 1941 ई. म शु आ, जबिक ‘द सच लाइट’ का िहदी सं करण
‘ दीप’ नाम से 1947 ई. म शु हआ। 1986 ई. म ‘ दीप’ क थान पर ‘िहदु तान’ का काशन पटना से शु
आ ह। ‘नवभारत टाइ स’ क पटना सं करण क शु आत 1986 ई. म ई, लेिकन 1995 ई. म इसे बंद कर िदया
गया।
समाचार-प /पि काएँ
िहदी दैिनक
समाचार-प का नाम : िबहार बंधु
थापना वष : 1874
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : सव िहतैषी
थापना वष : 1880
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : आयावत
थापना वष : 1941
काशन थल : दरभंगा
समाचार-प का नाम : दीप
थापना वष : 1947
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : नवीन भारत
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : िव िम
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : जनश
थापना वष : 1960
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : आ मकथा
थापना वष : 1970
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : आज
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : बेगूसराय टाइ स
थापना वष : 1981
काशन थल : बेगूसराय
समाचार-प का नाम : पाटिलपु टाइ स
थापना वष : 1985
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : नवभारत टाइ स
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : िहदु तान
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : अमृत वषा
थापना वष : 1987
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : मौय िबहार (सं या)
थापना वष : 1988
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : सं या हरी
थापना वष : 1992
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : दैिनक जागरण
थापना वष : 2000
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : दैिनक भा कर
थापना वष : 2013
काशन थल : पटना
अं ेजी दैिनक
समाचार-प का नाम : सचलाइट
थापना वष : 1918
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : िहदु तान टाइ स
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : टाइ स ऑफ इिडया
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम : इिडयन नेशन
थापना वष : —
काशन थल : पटना
िहदी पि काएँ
पि का का नाम : बालक (मािसक)
थापना वष : 1926
काशन थल : पटना
पि का का नाम : ि य पि का (मािसक)
थापना वष : 1881
काशन थल : पटना
पि का का नाम : ल मी (मािसक)
थापना वष : 1903
काशन थल : पटना
पि का का नाम : युवक (मािसक)
थापना वष : 1926
काशन थल : पटना
पि का का नाम : भूखे (मािसक)
थापना वष : 1933
काशन थल : पटना
पि का का नाम : आरती (मािसक)
थापना वष : 1940
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पा रजात (मािसक)
थापना वष : 1946
काशन थल : पटना
पि का का नाम : यो ा (मािसक)
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवंितका (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पाटल (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : जनमत (मािसक)
थापना वष : 1981
काशन थल : पटना
पि का का नाम : िश ा डाइजे ट
थापना वष : 1984
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवकाश पाि क
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
मुख सािह यकार
सदल िम
िहदी क पहले ग कार, िजनक ग शैली आगे चलकर िहदी म वीकत ई, िबहार क इस महा सािह यकार
का ज म अनुमानतः 1767-1768 ई. म आरा िजले म आ था। इनक रचना म ‘नािसकतोपा यान’ या
‘चं ावती’, ‘रामच र ’, ‘फल ह क िबछाने’, ‘सोनम क थंभ’, ‘च िदिस’, ‘बरते थे’, ‘बाजने लगा’, ‘काँदती ह’,
‘गाँछ ’, आिद मुख ह। सदल िम क ारिभक खड़ी बोली ग लेखक म िवशेष मह व रखती ह। इनक मृ यु
1847 ई. म हो गई।
अिनल कमार मुखज
14 जनवरी, 1916 को बँगलादेश म ज म लेनेवाले अिनल कमार मुखज ने िबहार म देशी रगमंच को
िथएटर मूवमट क प म खड़ा करने का असाधारण यास िकया।
14 जनवरी, 1916 को बँगलादेश म ज म लेनेवाले अिनल कमार मुखज ने िबहार म देशी रगमंच को िथएटर
मूवमट क प म खड़ा करने का असाधारण यास िकया। 16 िदसंबर, 1961 को पहली बार (पालक ) क मंचन
क बाद उनक या ा अबाध गित से आगे बढ़ते चली गई। इसी वष उ ह ने िबहार आट िथएटर क थापना क , जो
बाद क वष म यूने को क जा ना य सं थान क क क प म प रवितत आ। बाद म उ ह ने भारत छोड़ो
आंदोलन म बढ़-चढ़कर भाग िलया। उनका िलखा आ नाटक ‘िव लवी’ ब त लोकि य आ। 1970 ई. म
उ ह ने िबहार ना य कला िश णालय क थापना क । उ ह ने 70 से अिधक नाटक क रचना क । उनक
िस नाटक म ‘िव लवी’, ‘पालक ’, ‘कठघर म कद एक और इितहास’, ‘ ायल ऑफ शेख मुजीबुररहमान’,
‘कठपुतली’, ‘अकला’, ‘कांचन रग’, ‘िचंिदय को झालर’, ‘डथ ऑफ से समेन’, ‘गोर क इतजार म’ आिद
मुख ह। उनका िनधन 28 जून, 1991 को पटना म आ।
अनूप लाल मंडल
लगभग दो दजन उप यास क रचियता अनूप लाल मंडल को िबहार का ेमचंद कहा जाता ह। उनक िस
रचना म ‘अिभयान का पथ’, ‘आवार क दुिनया’, ‘उ र पांडिलिप’, ‘उ र पु ष’, ‘क और प रिध’,
‘ योितमयी’, ‘ ाला’, ‘तूफान और ितनक’, ‘दद क त वीर’, ‘दस बीघा जमीन’, ‘िनवािसता’, ‘र और रग’,
‘बुझने न पाए’, ‘मीमांसा’, ‘ परखा’, ‘वे अभागे’, ‘समाज क वेदी पर’, ‘सिवता’, ‘साक ’ आिद मुख ह।
ाथिमक िव ालय क एक िश क क प म अपना क रयर शु करनेवाले इस महा सािह यकार का ज म
िसतंबर, 1896 म पूिणया िजले क समेली म आ था। इनक ारा िलखा आ सं मरण ‘गरीबी क िदन’ इनक
अपने जीवन क संघष को य करता ह। ‘मीमांसा’ नामक उप यास क आधार पर ‘ब रानी’ िफ म का िनमाण
आ। उनक दो कहािनयाँ ‘मन क गाँठ’ और ‘एक ाण अनेक उ ास’ िस ह। उनका िनधन 22 िसतंबर,
1982 को पैि क गाँव समेली म आ।
अ ण कमल
‘सािह य अकादमी पुर कार’, ‘भारत भूषण अ वाल पुर कार’, ‘सोिवयत भूिम नेह पुर कार’, ‘ ीकांत वमा
मृित पुर कार’, ‘शमशेर स मान’ एवं ‘नागाजुन पुर कार’ से स मािनत िबहार क इस महा रचनाकार का ज म
रोहतास िजले क नासरीगंज म 15 फरवरी, 1954 को आ। इनक किवता सं ह म ‘अपनी कवल धार’, ‘सबूत’,
‘नए इलाक म’, ‘पुतली म संसार’, ‘म वो शंख महाशंख’ आिद मुख ह। इनक ारा िलखी गई अ य रचना म
‘किवता और समय’, ‘गोलमौज’ (आलोचना), ‘कथोपकथन’ (सा ा कार) ब त िस आ।
आरसी साद िसंह
िबहार क महानतम सािह यक िवभूितय म एक कित, जोश और रा ीय सां कितक चेतना से ओत- ोत खर
किव आरसी साद िसंह का ज म सम तीपुर िजले क रोसड़ा खंड थत ऐरोत गाँव म 1911 ई. म आ था।
इनका पूरा नाम रामचं साद िसंह था। 16 वष क उ म इनक एक किवता ‘आम का पेड़’, ‘बालक’ नामक
पि का म छपी थी, िजससे इनको काफ ेरणा िमली। इनक एक किवता ‘जीवन का झरना’ िहदी सािह य म ब त
िस ई। 1938 म इनका एक का य सं ह ‘कलापी’ कािशत आ, िजसम 1930 से 1938 ई. क बीच िलखी
ई इनक सारी किवताएँ शािमल ह। रामचं शु ने ‘िहदी सािह य का इितहास’ म इस का य सं ह का उ ेख
िकया ह। 1942 ई. म इनका का य सं ह ‘आरसी’, दो कहानी सं ह ‘पंचप व’ एवं ‘खोटा िस ा’ कािशत
ए। 1948 से 1951 ई. तक इ ह ने कोशी कॉलेज खगिड़या म िहदी ा यापक क प म काम िकया। मैिथली
सािह य क िलए इ ह ‘सािह य अकादमी पुर कार’ से स मािनत िकया गया। इनक सािह य म उ र-छायावाद क
साथ-साथ योगवाद क झलक िमलती ह। 1996 ई. म ये अपनी अमू य रचना को इस संसार म एक
ेरणा ोत क प म छोड़कर दुिनया से चल बसे।
काशी साद जायसवाल
1924 ई. म अपनी एक रचना ‘िहदू पॉिलटी’ से भारतीय इितहास म ांित पैदा करनेवाले ी काशी साद
जायसवालजी का ज म मूलतः झालदा (प. बंगाल) म 27 नवंबर, 1881 को आ, लेिकन इनक कमभूिम पटना
थी। 1930 ई. म इनक एक और मह वपूण पु तक ‘िह टरी ऑफ इिडया’ कािशत ई। इस पु तक म इ ह ने
पुराण, सािह य, अिभलेख और िस क आधार पर कषाण क अंत एवं गु सा ा य क उदय क बीच नाग और
वाकाटक सा ा य होने क पुि क । बाद क िदन म 1916 ई. म पटना उ यायालय क थापना क बाद
इ ह ने वकालत क पेशे को अपना िलया। ये पुरािलिप एवं ाचीन मु ा क अ छ ाता थे। 1915 ई. म थािपत
िबहार एवं उड़ीसा रसच सोसाइटी क सं थापक म इनका एक नाम ह। पटना सं हालय क वतमान व प क
परखा इ ह ने ही तैयार क थी। 1917 ई. म इ ह ने पटना से ‘पाटिलपु ’ का संपादन िकया। 1934 एवं 1936 ई.
म ये भारतीय मु ा सिमित क दो बार सभापित चुने गए। वे पहले भारतीय थे, िज ह मौय िस क िवषय पर लंदन
क रॉयल एिशयािटक सोसाइटी म या यान क िलए बुलाया गया था।
कमार िवमल
िहदी सािह य म किव, आलोचक, सािह य-िचंतक क प म िस डॉ. कमार िवमल का ज म 12 अ ूबर,
1931 को भागलपुर िजले क कालूचक म आ। इनका यादातर समय डी.जे. कॉलेज, मुंगेर, हर साद दास जैन
कॉलेज, आरा एवं पटना िव िव ालय म अ यापन क काय म यतीत आ। वे यारह वष तक िबहार लोक सेवा
आयोग से जुड़ रह। बाद म नालंदा िव िव ालय क कलपित क प म काम िकया। 1949 ई. म उनक किवता
सं ह ‘अंगार’ कािशत ई। उनक किवता सं ह म ‘ये संपुट सीपी क’ (1972), ‘ए अनंत अनुभव अमृत’
(1975), ‘सजना क वर’ (1986), ‘युग मानव बापू’ (1987), ‘एक रा ह—एक देश ह’ (1988), ‘किवताएँ
कमार िवमल क ’ (1994) और ‘सागर माथा’ (2002) मह वपूण ह। इनक आलोचना ंथ म ‘अ नारी र
िदनकर’, ‘महादेवी वमा : एक मू यांकन’, ‘सािह य िववेक’, ‘का यानुशीलन : आधुिनक-अ याधुिनक’,
‘छायावाद का स दयशा ीय अ ययन’, ‘मू य और मीमांसा’, ‘आधुिनक िहदी का य’, ‘िचंतन, मनन और
िववेचन’, ‘आलोचना अनुशीलन’, ‘महादेवी का का य सौ व’, ‘तीन िशखर कितयाँ’ मुख ह। इनका िनधन 26
नवंबर, 2011 को आ।
कदारनाथ िम भात
िबहार िहदी जग क रा ीय तर क यश वी महाकिव कदारनाथ िम भातजी का ज म 11 िसतंबर, 1907 को
आरा म आ था। 1933 ई. म ये हजारीबाग थत पुिलस िनंग कॉलेज म या याता िनयु ए। इनक मुख
का य सं ह म ‘त गृह’, ‘ककई’, ‘कण’, ‘ वीर’, ‘सगात’, ‘ भास क ण’, ‘ऋतंबरा’ आिद शािमल ह।
ऋतंबरा मूलतः मानवता क मिहमा का महाका य ह। इसक अलावा इ ह ने ‘स यं िशवं सुंदर ’ एवं ‘पिहए क
धुरी’ नामक दो ग सं ह क मा यम से अपने आपको एक कशल िनबंधकार क प म थािपत िकया। उ र
देश सरकार ने इ ह दो का य सं ह ‘बैठो मेर पास’ और ‘सेतुबंध’ क िलए पुर कत िकया, जबिक िबहार
रा भाषा प रष म इ ह ‘िबहारी ंथ लेखाकार पुर कार’ एवं ‘वयोवृ सािह यकार स मान’ से नवाजा गया।
इ ह ने सा ािहक पि का ‘महावीर’ का संपादन भी िकया। इनका िनधन 2 अ ैल, 1984 को पटना म आ।
गोपाल िसंह नेपाली
भारतीय वतं ता सं ाम क दौरान अपने रा ीय गीत से सामा य जनमानस को ‘ वतं ता आंदोलन’ म बढ़-
चढ़कर भाग लेने को े रत करनेवाले महा किव गोपाल िसंह नेपाली जी का ज म 11 अग त, 1911 को बेितया
म आ था। मा 16 वष क अव था से ही इ ह ने का य रचना ारभ कर दी। ‘रािगनी’, ‘प ी’, ‘उमंग’,
‘नीिलमा’, ‘पंचमी’ एवं ‘नवीन’ इनक ारभ क कछ अ ितम रचनाएँ ह। चीनी आ मण क समय इनक ारा
िलखी गई ‘िहमालय ने पुकारा’ एक लोकि य रचना ह। अिखल भारतीय िहदी स मेलन (1931) कलकता म
इनक मुलाकात िशवपूजन सहाय, रामधारी िसंह िदनकर, रामवृ बेनीपुरी, बनारसी दास चतुवदी जैसे महानुभाव से
ई। 17 अ ैल, 1963 को भागलपुर म इनक वाणी सदा क िलए मौन हो गई।
चतुभुज
उ ीस ऐितहािसक एवं सात पौरािणक नाटक क रचियता डॉ. चतुभुज का ज म 15 जनवरी, 1928 को
िबहारशरीफ म आ। 21 वष क उ म इ ह ने अपना पहला नाटक ‘मेघनाथ’ िलखा। इसी वष इनका एक और
नाटक ‘िसराजु ौला’ कािशत आ। इनक अ य नाटक म ‘पाटिलपु का राजकमार’, ‘किलंग िवजय’, ‘भगवान
बु ’, ‘मीर कािसम’, ‘िसकदर पोरस’, ‘मु ारा स’, ‘िशवाजी’, ‘बहादुरशाह’, ‘कसबध’, ‘झाँसी क रानी’,
‘भी म ित ा’, ‘नूरजहाँ’, ‘कण’, ‘वीर अिभम यु’, ‘अरावली का शेर’, ‘ ीक ण’, ‘कवर िसंह’, ‘पीरअली’,
‘रावण’, ‘मोच पर’, ‘बाबू िवरची लाल’, ‘नदी का पानी’ एवं ‘टीपू सुलतान’ शािमल ह। ‘समु का प ी’ तथा
‘राजदशन’ इनक दो िस ऐितहािसक उप यास ह। ‘मीर कािसम’ नाटक क िलए इ ह उ र देश सरकार ारा
पुर कार िदया गया। ‘भगवान बु ’ एवं ‘किलंग िवजय’ नाटक क िलए बौ देश से इ ह श त प िमले।
इसक अलावा तीन समािजक नाटक, एक हा य यं य नाटक, दो एकाक सं ह, दो कहानी सं ह, दो जीविनयाँ
और एक लेख सं ह एक साथ ‘चतुभुज र नावली’ क नाम से कािशत ए। इनका िनधन 2009 ई. म पटना म हो
गया।
जानक ब भ शा ी
स य, शील एवं स दय क महा किव आचाय जानक ब भ शा ी का ज म 25 जनवरी, 1916 को गया
िजले क मैगरा ाम म आ। उनक पहली किवता प-अ प 1939 ई. म कािशत ई। िहदी किवता म िनराला
क परपरा को आगे बढ़ाते ए उ ह ने अपनी लेखनी से भारतीय सं कित क चेतना एवं स दय क खूबसूरत
या या क । इनक मुख रचना म ‘कानन’, ‘अपणा’, ‘लीला कमल’, ‘बसंती’ (सभी कहानी सं ह), ‘एक
िकरण सौ झाँइयाँ’, ‘दो ितनक का घ सला’, ‘अ घोष’, ‘कािलदास’, ‘चाण य’ (सभी उप यास), ‘ मृित क
वातायन’, ‘हस बलाका’, ‘कम े क े ’, ‘नील मोिहत’, ‘रोजनामचा’, ‘िनराला क प ’, ‘एक असािह यक
क डायरी’ (सभी सं मरण), ‘चलंितका’ (लघु कथा सं ह), ‘सुने कौन नगमा’ (गजल सं ह), ‘अजंता क ओर’
(या ा-वृ ांत), ‘िहदी सािह य को िनराला क देन’, ‘मन क बात’, ‘मानस-िचंतन’, ‘सािह य दशन’, ‘ ा य
सािह य’, ‘ यी’ (सभी िनबंध सं ह), ‘काफली’ (सं कत का य सं ह) शािमल ह। 7 अ ैल, 2011 को इनका
िनधन हो गया।
देवक नंदन ख ी
िबहार क महा सािह यकार देवक नंदन ख ी का ज म 18 जून, 1861 को मुज फरपुर िजले क पूसा म आ
था। ‘चं कांता’, ‘नर मोिहनी’, ‘कसुम कमारी’, ‘चं कांता संतित’, ‘भूतनाथ’, ‘वीर वीर’, ‘गु गोदान’,
‘काजल क कोठरी’ आिद उनक ारा रिचत मुख उप यास ह। इनक ारा रिचत ‘चं कांता संतित’ एक
अनुपम, रोचक उप यास ह, िजसक बार म कहा जाता ह िक उसे पढ़ने क िलए ब त सार लोग ने िहदी सीखी थी।
बाद क िदन म इ ह ने बनारस म लहरी ेस क थापना क । इनका िनधन 1913 ई. म आ।
देव नाथ शमा
पटना एवं दरभंगा िव िव ालय क कलपित पद क वष तक शोभा बढ़ानेवाले िहदी सािह य क इस िव ा
का ज म 7 जुलाई, 1981 को गोपालगंज िजले क कतपुरा गाँव म आ। िबहार वतं अकादमी, िबहार िहदी गंरथ
अकादमी, िबहार, अंतर िव िव ालय बोड, िव िव ालय अनुदान आयोग, उ र देश क िहदी सिमित, िबहार
रा भाषा प रष और भारतीय िहदी प रष जैसी सं था से जुड़कर इ ह ने िहदी क सेवा क । इनक िस
रचना म ‘रा भाषा िहदी : सम याएँ और समाधान’ (संदभ ंथ), ‘सािह य क िनबंधावली’, ‘ जभाषा क
िवभूितयाँ’, ‘छायावाद और गितवाद’, ‘िहदी सािह य का वृहद इितहास’, ‘भ काल’, ‘अमर भारती’, ‘उप यास
का िश प’, ‘ रच स क आलोचना िस ांत’ आिद शािमल ह। इनका िनधन 17 जनवरी, 1991 को पटना म आ।
निलन िवलोचन शमा
महा कहानीकार, संपादक, आलोचक एवं किव ी निलन िवलोचन शमा का ज म 18 फरवरी, 1916 को
पटना िसटी भ घाट मुह े म आ। 1942 ई. म जैन कॉलेज आरा म सं कत िवभाग म सं कत क या याता
बने। िसतंबर, 1946 म इनक िनयु पटना कॉलेज क िहदी िवभाग म या याता क प म ई। इनक िस
कहािनय म ‘िवष क दाँत’, ‘ये बीमार लोग’, ‘पहली घंटी’, ‘बरसाने क राधा’, ‘एक चाबुक पीछ’ आिद मुख
ह। इसक अलावा ‘पीिढ़याँ’, ‘दुकान क रौनक’, ‘िब कट और पापड़’, ‘लाल कोठी’, ‘मुखिबर’, ‘पड़ोस क
कोयल’ आिद इनक अ य मुख कहािनयाँ ह। अपनी कित से ये िबहार क ही नह , ब क सम त देश क गौरव
पु ष बन गए।
नागाजुन
वंत भारत क ितिनिध किव एवं आधुिनक किवता को जनवादी वर देनेवाले इस महा सािह यकार का ज म
1911 ई. म दरभंगा िजले क तरौनी ाम म आ। ये वभाव से गितशील, घुम ड़, फ ड़ थे। परपरा से
िव ोह, सामािजक, राजनीितक यव था से िव ोह इनक किवता को ब आयामी बनाता ह। इ ह ने िहदी क
अलावा मैिथली म भी रचनाएँ क । ये मैिथली म ‘या ी’ क नाम से िलखते थे। इनक मैिथली किवता का सं ह
‘प हीन न न गाछ’ को ‘सािह य अकादमी पुर कार’ से स मािनत िकया गया। िहदी सािह य म इनक मुख
कितय म ‘युगधारा’, ‘सतरगे पंख वाली’, ‘ यासी पथराई आँख’, ‘तालाब क मछिलयाँ’, ‘चंदना’, ‘िखचड़ी’,
‘िव लव देखा हमने’, ‘तुमने कहा था’, ‘पुरानी जूितय का कोरस’, ‘हजार-हजार बाह वाली’, ‘पका ह यह
कटहल’, ‘अपने खेत म’, ‘म िमिलटरी का बूढ़ा घोड़ा’ (किवता सं ह), ‘भ मासुर और भूिमजा’ (खंडका य),
‘रितनाथ क चाची’, ‘बाबा बटसर नाथ’, ‘दुःखमोचन’, ‘बलचनमा’, ‘व ण क बेट’, ‘नई पौध’ (उप यास)
शािमल ह। ‘पारो’ (मैिथली उप यास) भी इनक एक अनुपम कित ह।
परश िस हा
जे.पी. आंदोलन म मह वपूण भूिमका िनभानेवाले िबहार क इस महा किव का ज म 13 जनवरी, 1937 को
फतुहाँ अंचल क िसंग रयावाँ गाँव म आ। 1947 ई. म इनक पहली किवता ‘सुखाड़’ कािशत ई। इनक अ य
मुख कितय म ‘जबड़ क छाँव म’, ‘उ र दो य ’, (किवता सं ह), ‘तीन तेरह लोग और नागफनी क फल’
(कहानी सं ह), ‘गांधी नह मरगा’, ‘पु ष छाया’, ‘मुद’, ‘चेहरा-दर-चेहरा’ एवं ‘कट ए लोग’ (नाटक) मुख
ह। ‘अँधेर क िव ’ एवं ‘एक मुिहम यह भी’ नामक दो टली िफ म का भी िनमाण इ ह ने िकया।
पो ार रामावतार अ ण
‘प ी’ अलंकरण से स मािनत इस महापु ष का ज म 24 नवंबर, 1923 को सम तीपुर क पेिठया गाछी
मुह े म आ। इनक पहली कित ‘अ िणमा’ (महाका य) 1941 ई. म कािशत ई। इनक अ य िस
कितय म ‘शकतला क िवदाई’, ‘िव ापित सुर याम’, ‘िव मानव’, ‘कोशो’, ‘कािलदास’, ‘िवदेह आ पाली’,
‘गोहया’, ‘अशोक पु ’, ‘वाणांवरी’, ‘कालदपण’, ‘काल मा स’, ‘कालच ’, ‘भगवान बु क आ मकथा’,
‘गु गोिवंद िसंह क आ मकथा’, ‘नालंदा क आ मकथा’, ‘बोलती रखाएँ’, ‘अ णायन’, ‘एक आ मकथा’ आिद
शािमल ह। इ ह ‘मीरा स मान’, ‘कािलदास स मान’, ‘फादर बु क स मान’, ‘महाकिव यास’, ‘सािह य भूषण
स मान’, ‘िव ासागर स मान’ से नवाजा गया।
फणी र नाथ रणु
िबहार क इस महा आंचिलक उप यासकार का ज म 4 माच, 1921 को अर रया िजले क औराही िहगना गाँव
म आ था। कथािश पी फणी र नाथ रणु क दुिनया एक ऐसी दुिनया ह, जो क चड़ और जंगल से सनी ई ह।
सािह य क दुिनया म िबहार िजन चंद लोग क मा यम से जाना जाता ह, उनम से एक मुख नाम ह—फणी र
नाथ रणु। वह जय काश नारायण क संपूण ांित आंदोलन म भी सहयोगी रह और आपातकाल म जेल क सजा
काटी। भारत सरकार से इनक सािह यक योगदान क िलए इ ह ‘प ी’ क उपािध िमली, लेिकन इ ह ने
अ याचार क िवरोध म उसे लौटा िदया। इनक ारिभक रचना म ‘बटबाबा’, ‘पहलवान क ढोलक’, ‘गो ांता’
मुख ह। उनक ारिभक दस कहािनयाँ कलक ा से कािशत सा ािहक ‘िव िम ’ म छप । 1954 ई. म इनक
िस रचना ‘मैला आँचल’ कािशत ई। इनक अ य िस रचना म ‘परती-प रकथा’ /‘रसि य’, ‘तीसरी
कसम’ (कहानी), ‘दीघतपा’, ‘कलंकमु ’, ‘जुलूस’, ‘पलट बाबू रोड’ (उप यास), ‘ठमरी’, ‘अिगनखेर’,
‘आिदम राि क महक’, ‘एक ावणी’, ‘दोपहर क धूप’, ‘अ छ आदमी’ (कहानी सं ह), ‘ऋण जल-धन
जल’, ‘वन तुलसी गंध’, ‘ ृत-अ ृत पूव’ (सं मरण) ‘नेपाली ांित कथा’ ( रपोताज) आिद मुख ह। 1966 म
इनक कहानी ‘तीसरी कसम’ पर गीतकार शैल ने िफ म बनाई। इनका िनधन 11 अ ैल, 1977 ई. को
पी.एम.सी.एच. म इलाज क दौरान आ।
फादर कािमल बु क
बे जयम देश का अं ेज नाग रक, िज ह िहदी भाषा म उनक योगदान क िलए ‘प भूषण’ से अलंकत िकया
गया हो और िज ह ने अपनी कमभूिम िबहार को ही बनाया था, ऐसे महा सािह यकार फादर कािमल बु क का
ज म 1 िसतंबर, 1909 को बे जयम म आ। 1945 ई. म इ ह ने कलक ा िव िव ालय से सं कत म एम.ए.
तथा 1947 ई. म याग िव िव ालय से िहदी म एम.ए. क उपािध ा क । 1950 ई. म उ ह ने राँची थत संत
जेिवयर कॉलेज म िहदी िवभाग म या याता क प म िश ण काय ारभ िकया। उनक पहली रचना ‘अं ेजी-
िहदी कोश’ 1968 ई. म आई। उनक िस कितय म ‘रामकथा : उ पि और िवकास’, ‘नील प ी’ ( च से
अनुवाद), ‘बाइिबल’ ( यूट टामट का िहदी म अनुवाद), ‘मानस कौमुदी’, ‘ े रत च र ’, ‘पाठ-सं ह’ आिद
शािमल ह। 17 अग त, 1982 को अिखल भारतीय आयुिव ान सं थान (ए स) म इलाज क दौरान िनधन हो गया।
िभखारी ठाकर
सामािजक चेतना क लोकि य किव, गायक और नाटककार िभखारी ठाकर का ज म 1887 ई. म सारण िजले
क कतुबपुर गाँव म आ था। िबना औपचा रक िश ा हण िकए इ ह ने बेिमसाल सािह य क रचना क । इनक
नाटक ‘बेटी िबयोग’, ‘राधे- याम बहार’, ‘िवदेिशया’, ‘भाई-िवरोध’, ‘गंगा- ान’, ‘िवधवा-िवलाप’, ‘बेटी-
बेचवा’, ‘ननद-भौजाई’, ‘किलयुग ेम’, ‘गबर-िघचोर’, ‘पु -वधू’ समाज को नैितकता का पाठ बयाँ करता ह।
उनक का य म ंगार, क णा, भ और हा य का मनोरम िम ण ह। इ ह ‘भोजपुरी का शे सिपयर’ भी कहा
जाता ह।
मधुकर िसंह
2 जनवरी, 1934 को प म बंगाल क िमदनापुर म ज मे मधुकर िसंह क कमभूिम भोजपुर रही। जीवन यापन
क िलए आरा थत ह र साद जैन कल म ढाई-तीन दशक तक अ यापक का काय िकया। उनक मुख
कितय म ‘बाजत अनहद ढोल’, ‘माई’, ‘सीता-राम नम कार’, ‘उ रगाथा’, ‘अजुन िजंदा ह’, ‘जंगली सूअर’,
‘सोनभ क राधा’, ‘ ेमचं ’, ‘मै सम गोक ’, ‘लोककिव िभखारी ठाकर’ आिद मुख ह। उनका कहानी सं ह
‘भाई का ज म’, ‘अ नु कापर’, ‘पहला पाठ’, ‘पूरा स ाटा’, ‘माइकल जै सन क टोपी’ आिद ह। इ ह िबहार
सरकार ारा ‘सव कथाकार स मान’, ‘फणी र नाथ रणु स मान’ एवं ‘नई धारा रचना स मान’ िदया गया।
मोहन लाल महतो ‘िवयोगी’
िबहार क इस कालजयी रचनाकार का ज म 1 नवंबर, 1899 को गया म आ। इनक अमरकितय म
‘आयावत’, ‘िनमाण’, ‘एक तारा’, ‘िनमा य और क पना’ (सभी महाका य) मुख ह। रा ीय भावना से ओत-
ोत महाका य ‘आयावत’ िमता रा छद म िलखा गया। इनका पहला उप यास ‘भाई-बहन’, 1932 ई. म कािशत
आ। ये काटिन ट भी थे। इनक िस काटन ‘माधुरी’, ‘मनोरमा’, ‘सर वती’, ‘सुधा’ म कािशत होते रहते थे।
1952 से 1962 ई. तक ये िबहार िवधान प रष क मनोनीत सद य रह। इनका िनधन 7 फरवरी, 1990 को आ।
रघुवीर नारायण
िस भोजपुरी का य ‘बटोिहया’ क रचियता रघुवीर नारायण का ज म सारण िजले क दिहयावाँ म 30
अ ूबर, 1884 को आ था। 1905 ई. म इ ह ने एक अं ेजी का य ‘ए टल ऑफ िबहार’ क रचना क ।
‘बटोिहया’ क अलावा उ ह एक अ य गीत ‘भारत भवानी’ से भी िस िमली। इनक अ य का य कितय म
‘रघुवीर प पु प’, ‘रघुवीर रस रग’, ‘िनकज कला’ और ‘रघुवीर रस गंगा’ शािमल ह। जनवरी 1955 ई. म छपरा
म इनका िनधन हो गया।
राजा रािधका रमण साद िसंह
सुिव यात कथाकार राजा रािधका रमण साद िसंह का ज म भोजपुर िजले म 10 िसतंबर, 1890 को आ।
इनक िस कितय म ‘राम-रहीम’, ‘पूरब और प म’, ‘चुंबन और चाँटा’, ‘सूरदास’, ‘सं कार’, ‘पु ष और
नारी’, ‘अपनी-अपनी नजर’, ‘माया िमली न राम’, ‘मॉडन और सुंदर कौन’ (उप यास) शािमल ह। इनक
कहािनय म ‘द र नारायण’, ‘देव और दानव’, ‘हवेली और झ पड़ी’, ‘टटा तारा’, ‘कसुमांजिल’ िस ह।
1950 ई. म पटना से इ ह ने ‘नई धारा’ पि का का काशन शु कराया। 24 माच, 1971 ई. को इनका िनधन हो
गया।
रामजी िम मनोहर
इस महा सािह यकार का ज म 1927 ई. म पटना म आ। इ ह ने 1945 ई. म पटना से कािशत ‘आयावत’
क संवाददाता क प म प कार जीवन क शु आत क । इनक मुख रचना म ‘दा तान-ए-पाटिलपु ’, ‘िबहार
म िहदी प का रता का िवकास’, ‘गु गोिवंद िसंह एवं उनक पावन अ ’ तथा ‘गु नानक’ शािमल ह। 29
अ ूबर, 1998 को पटना क राज नगर म इनका िनधन हो गया।
रामधारी िसंह िदनकर
छायावादी किवता क दौर म एक मु का य-लोक का िनमाण करनेवाले रा किव रामधारी िसंह िदनकर का
ज म 11 िसतंबर, 1908 को बेगूसराय िजले क िसम रया ाम म आ था। उनक किवता म किवता को समाज
म जन-जन तक प चाने क मता कट-कटकर भरी ई थी। इनक पहली पु तक ‘ माण-प ’ इनक हाई कल
पास करने क बाद ही कािशत हो गई थी। वे मुज फरपुर क िबहार िव िव ालय क ातको र िहदी िवभाग क
िवभागा य रह थे। इनक अमर कितय म ‘र मरथी’, ‘उवशी’, ‘क े ’, ‘सं कित क चार अ याय’, ‘रणुका’,
‘इदुगीत’, ‘ कार’, ‘सामधेनी’, ‘नीलकसुम’, ‘सीपी और शंख’, ‘परशुराम क ित ा’ एवं ‘हार को ह रनाम’
मुख ह। िदनकरजी क किवता म रा ेम एवं ंगार दोन का अनुपम संयोग था। एक तरफ उनक रचना
‘क े ’ ह तो दूसरी तरफ ‘उवशी’। वे यिद क जगह अगर, ात क थान पर मालूम श द का उपयोग करना
पसंद करते थे। वे तीन बार रा यसभा क सद य रह। इनका िनधन 2 अ ैल, 1972 को हो गया।
रामवृ बेनीपुरी
‘कलम क िसपाही’ रामवृ बेनीपुरी का ज म 1899 ई. म मुज फरपुर िजले क बेनीपुर गाँव म आ था। ये
1930 से 1945 ई. क बीच वतं ता सं ाम म 12 बार जेल गए। इ ह ने िस नाटक ‘अंबपाली’ का लेखन
हजारीबाग स ल जेल म िकया। उनक िस रचना म ‘गे और गुलाब’, ‘माटी क मूरत’, ‘पितत क देश
म’, ‘लालतारा’, ‘िचंता क फल’, ‘कदी क प नी’, ‘आंबपाली’, ‘सीता क माँ’, ‘संघिम ा’, ‘अमर योित’,
‘तथागत’, ‘िसंघल-िवजय’, ‘शकतला’, ‘रामरा य’, ‘ने दान’, ‘गाँव क देवता’, ‘नया समाज’, ‘िवजेता’ आिद
मुख ह। एक संपादक क प म उ ह ने ‘त ण भारत’, ‘युवक’, ‘िकसान िम ’, ‘बालक’, ‘लोक सं ह’,
‘कमवीर’, ‘योगी’, ‘जनता’, ‘िहमालय’, ‘नई धारा’, ‘चु -ू मु ’ू आिद सा ािहक, मािसक तथा अंशकािलक
पि का का सफल संपादन िकया। 1957 ई. म वे िबहार िवधानसभा क िलए चुने गए।
रामशोिभत साद िसंह
एक अ छ उप यासकार, नाटककार, कहानीकार एवं किव होने क साथ-साथ रामशोिभत साद िसंह व तुतः
एक पु तकालय िव ानी क प म िव यात थे। इनका ज म 10 जनवरी, 1936 को सारण िजले क अिखलपुर गाँव
म आ था। 1960 ई. म ये िस हा लाइ ेरी से जुड़। 1974 ई. से 1979 ई. तक इ ह ने मािसक पि का
‘पु तकालय’ का संपादन िकया। इनक मुख रचना म ‘उप यास समालोचना संदभ’, ‘नाटक समालोचना
संदभ’, ‘का य समालोचना संदभ’, ‘िहदी उप यास : ेमचंदो र काल’, ‘रा ीय एकता क तीक, रघुवीर
नारायण’, ‘बटोिहया क अमर गायक’ ‘पु तकालय संगठन एवं शासन’, ‘पु तकालय िव ान क परखा’ आिद
मुख ह।
रामे र िसंह क यप उफ ‘लोहा िसंह’
इनका ज म रोहतास िजले क सेमरा गाँव म 16 अग त, 1927 को आ था। िहदी और भोजपुरी दोन ही भाषा
म इ ह ने रचनाएँ िलख । भोजपुरी भाषा म िलिखत ‘लोहा िसंह’ नाटक इनक िस कित ह। इनका एक और
हा य नाटक ‘तसलवा तोड़ का मोड़’ भी ब त िस आ। इन दोन नाटक का सारण आकाशवाणी पटना
ारा लंबे समय तक िकया गया। इ ह ने ‘कब होई ये गबनमा हमार’ एवं ‘सइयाँ से भइले िमलनवा’ भोजपुरी
िफ म क िलए पटकथा और गीत भी िलखे। 1991 ई. म इ ह ‘प ी’ से स मािनत िकया गया। िहदी म
‘अपराजेय िनराला’, ‘नीलकठ िनराला’ (का य), ‘ वणरखा’ (उप यास) इनक मुख रचना ह। इनका िनधन 20
अ ूबर, 1992 को हो गया।
ल मी नारायण सुधांशु
इनका ज म 15 िदसंबर, 1906 को पूिणया िजले क धमदाहा गाँव म आ। इनका पहला उप यास ‘मातृ ेम’
कािशत आ। 1962 ई. म वह िबहार िवधानसभा क िनिवरोध अ य िनवािचत िकए गए। इनका िनधन 17
अ ैल, 1974 को आ।
िशवपूजन सहाय
सािह य और प का रता क े म िबहार का नाम रोशन करनेवाले महा सािह यकार िशवपूजन सहाय का ज म
9 अग त, 1893 को आ। इ ह ने एक दजन से अिधक प -पि का का संपादन िकया। ये कछ िदन तक छपरा
क राज कॉलेज म िवभागा य थे, बाद म ये सु िस सािह यदेवी सं था क िनदेशक बनाए गए, जहाँ से इनक
सम त रचनाएँ ‘िशवपूजन ंथावली’ क नाम से चार खंड म कािशत ई। इनक मुख रचना म ‘देहाती
दुिनया’, ‘मतवाला माधुरी’, ‘गंगा’, ‘जागरण’, ‘िहमालय’, ‘सािह य’, ‘वही िदन वही लोग’, ‘मेरा जीवन’, ‘ मृित
शेष’, ‘िहदी भाषा और सािह य’ आिद शािमल ह। 21 जनवरी, 1963 को इनका िनधन हो गया।
िव ापित
भारतीय सािह य भ परपरा क मुख तंभ म से एक एवं मैिथली भाषा क सव प र किव क प म िव ापित
जन-जन क िव यात ह। इनका ज म संभवतः 1350 ई. म दरभंगा िजले क िवसफ गाँव म आ था। इनक मुख
रचना म ‘मैिथली भाषा क पदावली’, ‘पु ष परी ा’, ‘भू प र मा’, ‘क ितलता’, ‘क ितपताका’, ‘गोर
िवजय’, ‘मनीमंजरा’ नािटका मुख ह। धमशा क े म इनक मुख रचना म ‘गंगावा यावली’,
‘दानवा यावली’, ‘वष क य’, ‘दुगा भ तरिगणी’, ‘शैवसव वसार’, ‘गयाप ालक’ एवं ‘िवभागसार पुराण’
सं ह मुख ह। ये सभी रचनाएँ सं कत भाषा म रिचत ह।
उदयराज िसंह
इनका ज म 5 नवंबर, 1921 को सूयपुरा, रोहतास म आ। इ ह ने ‘िवकास’ और ‘सौरभ’ नामक पि का का
संपादन िकया। इनक मुख रचना म ‘नवतारा’, ‘अधूरी नारी’, ‘रोिहनी’, ‘भूदानी सोिनया’, ‘कहासा और
आकितयाँ’ आिद मुख ह। इनक मृित म ितवष उदयराज िसंह मृित पुर कार से सािह यकार को स मािनत
िकया गया।
राजकमल चौधरी
13 िदसंबर, 1929 को अपने निनहाल रामपुर हवेली म ज म लेनेवाले इस महा सािह यकार का पैि क ाम
महषी, सहरसा ह। इनक मुख कितय म िहदी म ‘अ न ान’, ‘शहर था शहर नह था’, ‘नदी बहती थी’, ‘ताश
क प का शहर’, ‘मछली मरी ई’ (उप यास), ‘बीस रािनय क बाइ कोप’, ‘एक अनार एक बीमार’ (लघु
उप यास), ‘मु स ’, ‘ककावती’, ‘इस अकाल बेला म’ (किवता सं ह), ‘मछली जाल’, ‘सामुि क एवं
अ य कहािनयाँ’ (कहानी सं ह) आिद शािमल ह। मैिथली म इ ह ने ‘आिद कथा’, ‘पाथरफल’, ‘आंदोलन’
(उप यास), ‘ वरगंधा’, ‘किवता राजकमलक’ (किवता सं ह), ‘एकटा चंपाकली’, ‘िवषधर’, ‘कित
राजकमलक’ (कहानी सं ह) का लेखन िकया।
मैनेजर पांडय
सु िस आलोचक मैनेजर पांडय का ज म 23 िसतंबर, 1941 को गोपालगंज िजले क लोहटी गाँव म आ था।
उनक कािशत पु तक म ‘श द और कम’, ‘सािह य और इितहास- ि ’, ‘सािह य क समाजशा क
भूिमका’, ‘भ आंदोलन और सूरदास का का य’, ‘अनभै साँचा’, ‘आलोचना क सामािजकता’, ‘संकट क
बावजूद’, ‘देश क बात’ आिद मुख ह। इ ह िहदी अकादमी ारा िद ी का ‘सािह यकार स मान’, ‘रा ीय
िदनकर स मान’, ‘रामचं शु शोध सं थान स मान’ आिद से स मािनत िकया जा चुका ह।
रॉिबन शॉ
इनका पूरा नाम रॉिबन शॉ पु प ह। 20 िदसंबर, 1936 को इनका ज म िबहार क मुंगेर िजले म आ। ये एक
कथाकार, उप यासकार, नाटककार एवं पटकथा लेखक क प म यात ए ह। इनक मुख रचना म
‘अ याय को मा’, ‘दु हन बाजार’ (उप यास), ‘अ नकड’, ‘घर कहाँ भाग गया’ (कहानी सं ह), सोने क
कलमवाला हीरामन (सं मरण) शािमल ह। इनक मृ यु 30 अ ूबर, 2014 को िबहार क राजधानी पटना म ई।
रव भात
िबहार क इस महा सािह यकार का ज म 5 अ ैल, 1969 को िबहार क सीतामढ़ी िजले म आ। इनक मुख
रचना म ‘हमसफर’, ‘मत रोना रमजानी चाचा’, ‘ मृित शेष’, ‘तािक बचा रह लोकतं ’, ‘ ेम न हाट िबकाय’,
‘िहदी लॉिगंग अिभ य क नई ांित’, ‘िहदी लॉिगंग का इितहास’ आिद शािमल ह। इ ह ‘संवाद स मान
2009’, ‘सृजन ी स मान 2011’, ‘िहदी सािह य ी स मान 2011’, ‘बाबा नागाजुन ज मशती कथा स मान
2012’, ‘ बलेस िच ाका रता िशखर स मान’ आिद से नवाजा जा चुका ह।
सर वती साद
‘नदी पुकार सागर’, ‘एक थी त ’ जैसी मुख रचना क सृजनकता सर वती साद का ज म िबहार क आरा
िजला म 28 अग त, 1932 को आ। ये वग य महाकिव सुिम ानंदन पंत क मानस-पु ी थ । ‘कादंिबनी’,
‘सा ािहक िहदु तान’, ‘नै सी’, ‘मूढ़ीवाला’, ‘ न क आईने म’ भी इनक ारा िलखी गई मुख रचनाएँ ह। 19
िसतंबर, 2013 को िबहार क यह महा सािह यकार हमार बीच नह रह ।
र म भा
वग य महाकिव सुिम ानंदन पंत क मानस-पु ी ीमती सर वती साद क सुपु ी र म भा का ज म िबहार
क सीतामढ़ी िजले म 13 फरवरी, 1958 को आ। ‘श द का र ता’, ‘अनु रत’, ‘अनमोल संचयन’, ‘अनुगूँज’
आिद इनक ारा िलखी गई ब मू य रचनाएँ ह। इसक अलावा ‘एथस का स याथ ’, ‘राधा-मीरा और ेम’, ‘किव
पंत क साथ कछ दूर’ आिद इनक ारा िलिखत मुख लेख ह।
गंगा नाथ झा
िहदी, अं ेजी और मैिथली भाषा म दाशिनक िवषय पर उ म रचनाएँ िलखनेवाले इस यात लेखक का ज म
1872 ई. िबहार म आ। पूवमीमांसा क भाकर मत पर शोध- बंध िलखकर इलाहाबाद िव िव ालय म इ ह ने
सं कत का अ यापन काय करना ारभ िकया। इसक बाद ये बनारस सं कत कॉलेज क धानाचाय बने। 1923 ई.
म इ ह इलाहाबाद िव िव ालय का उपकलपित बनाया गया। सं कत म ‘िव ान िभ ु का योगसार सं ह’, ‘बेला
महा य ’, ‘भ क ोिलनी’, ‘भावबोिधनी’, ‘ भाकर दीप’, ‘िहदी म याय काश’, ‘वैशेिषक दपण’, ‘किव
रह य’, ‘मैिथली म वेदांत दीिपका’, ‘अं ेजी म पूवमीमांसा ऑफ जैिमनी’, ‘िफलोसॉिफकल िडिस लन’,
‘शंकराचाय ऐंड िहज वक फॉर द अपिल ट ऑफ द क ी’ आिद इनक मुख रचनाएँ ह। 17 नवंबर, 1941 को
इनका देहांत हो गया।
ह रमोहन झा
इनका ज म वैशाली िजले क बािजतपुर गाँव म 1908 ई. म आ। धािमक ढकोसल क िखलाफ इ ह ने अपनी
लेखनी से कड़ा हार िकया ह। उनक रचना म ‘क यादान’, ‘ रागमन’, ‘ ण य देवता’, ‘रगशाला’,
‘बाबाक सं कार’, ‘चचरी एकादशी’, ‘ख र का काक तरग’ और ‘जीवन-या ा’ मुख ह। इनक रचनाएँ िहदी
एवं मैिथली दोन भाषा म मुखता से आई। 1984 ई. म इनक मृ यु हो गई।
जगदीशचं माथुर
िबहार म िहदी रगमंच को ब आयामी आकार देनेवाले इस सां कितक य व का ज म 16 जुलाई, 1917 को
उ र देश क शाहजहाँपुर म आ था। इनक पूणकािलक नाटक म ‘कोणाक’, ‘शारदीया’, ‘पहला राजा’, ‘दशरथ
नंदन और रघुकल रीत’, ‘भोर का तारा’, ‘ओ मेर सपने एवं मेर िश ’ जैसी रचनाएँ शािमल ह। इसक अलावा
इ ह ने आकाशवाणी क महािनदेशक क प म काय करते ए िविवध भारती क िविभ काय म को नई गित दी।
सािह य एवं सािह यकार
.:1
सािह यकार : बाणभ
िस रचनाएँ : कादंबरी, हषच रत
.:2
सािह यकार : िव णु शमा
िस रचनाएँ : पंचतं
.:3
सािह यकार : कौिट य
िस रचनाएँ : अथशा
.:4
सािह यकार : अ घोष
िस रचनाएँ : महायान ो पाद सं ह, बु च रत, व सूची
.:5
सािह यकार : आयभ
िस रचनाएँ : आयभ ीय
.:6
सािह यकार : वा यायन
िस रचनाएँ : कामसू
.:7
सािह यकार : मंडन िम
िस रचनाएँ : भाव िववेक, िविध िववेक
.:8
सािह यकार : िव ापित
िस रचनाएँ : पदावली, क ितलता, क ितपताका, गौ-र ा िवजय, भू-प र मा
.:9
सािह यकार : मु ा दाऊद
िस रचनाएँ : चंदायन
. : 10
सािह यकार : योित र ठाकर
िस रचनाएँ : वणर नाकार, दशनर नाकर
. : 11
सािह यकार : फणी र नाथ रणु
िस रचनाएँ : मैला आँचल, जुलूस, पलट बाबू रोड, दीघतपा
. : 12
सािह यकार : रामधारी िसंह िदनकर
िस रचनाएँ : ाणभंग, उवशी, रणुका, ं गीत, कार, रसवंती, च वाल, धूप-छाँव, क े
. : 13
सािह यकार : बाबा नागाजुन
िस रचनाएँ : बाबा बट रनाथ, हजार-हजार बाँह वाली, पारो, कभीपाक, तुमने कहा था
. : 14
सािह यकार : देवक नंदन ख ी
िस रचनाएँ : चं कांता संतित, भूतनाथ, काजर क कोठरी, नौलखा हार
. : 15
सािह यकार : रा ल सांक यायन
िस रचनाएँ : बु चया, िवनयिपटक, ध मपद, दशन-िद दशन
. : 16
सािह यकार : शाह अजीमाबादी
िस रचनाएँ : न शेपायदार
. : 17
सािह यकार : डॉ. राज साद
िस रचनाएँ : इिडया िडवाइडड, चंपारण म स या ह, बापू क कदम म
. : 18
सािह यकार : कदारनाथ िम ‘ भात’
िस रचनाएँ : ाला, ककयी, ऋतु वंश
. : 19
सािह यकार : िशवसागर िम
िस रचनाएँ : दूब जनम छाई
. : 20
सािह यकार : रामवृ बेनीपुरी
िस रचनाएँ : आ पाली, माटी क मूरत, िचंता क फल, संघिम ा
. : 21
सािह यकार : वाच पित िम
िस रचनाएँ : भा य भामित, िस क टीकाकार
q
11. िबहार क िवभूित
(Personalities of Bihar)
िबहार ने इितहास काल से ही समय-समय पर संपूण िव को येक े म मागदशन िदया ह। यह भूिम ाचीन
काल से ही िवभूितय से धनी रही ह। ाचीन काल क आयभ से लेकर आधुिनक काल क आनंद तक; यहाँ क
मनीिषय ने संपूण िव को अपने ान एवं अनुभव से कािशत िकया ह। यहाँ क िस िवभूित िन न ह—
अनु ह नारायण िसंह
िबहार क वतं ता सं ाम म महती भूिमका िनभानेवाले अनु ह नारायण िसंह ने 1917 ई. म गांधीजी चंपारण
या ा क दौरान वहाँ क िकसान पर हो रह शोषण क िखलाफ गांधीजी क ारा चलाए गए आंदोलन को आगे
बढ़ाया। 1922 ई. म गया म ए रा ीय कां ेस क अिधवेशन म वागत सिमित क सद य बनाए गए। 1928 ई. म
िबहार देश कां ेस कमेटी क अ य िनवािचत ए। 1935 ई. म अिखल भारतीय कां ेस कमेटी क सद य
मनोनीत िकए गए। 1946 एवं 1952 ई. म इ ह ने ीक ण िसंह क सरकार म िव , म, किष आिद िवभाग का
दािय व सँभाला।
अ दुल कयूम अंसारी
िबहार क वतं ता सं ाम म िहदू-मु लम एकता को बनाए रखकर अं ेज को माकल जवाब देनेवाले अ दुल
कयूम अंसारी ने आजादी क बाद लगभग 17 वष तक िबहार म लोक िनमाण मं ी, जल मं ी, वा य मं ी एवं
पथ िनमाण मं ी क प म िबहार क लोक-सेवा क । 1946 ई. म वे िबहार देश कां ेस क अ य बने। सािह य
म गहरी िच रखनेवाली इस महा िवभूित ने 1934 ई. म ‘मसखत’, 1948 ई. म सुहल अजीमाबादी क साथ
िमलकर ‘साथी’ एवं 1952 ई. म मािसक ‘तहजीब’ का काशन िकया। 1 जुलाई, 2005 को उनक ज मशती पर
क सरकार ने एक डाक िटकट जारी िकया।
अली इमाम
बंगाल से िबहार एवं उड़ीसा ांत क गठन म मह वपूण भूिमका अली इमाम ने िनभाई थी। 1910 ई. म गवनर
जनरल क कायकारी प रष क िविध सद य क प म इनका मनोनयन िकया गया। इसी वष इ ह ‘सर’ क
उपािध से स मािनत िकया गया। 1917 ई. म ये पटना हाईकोट क जज मनोनीत िकए गए।
आनंद कमार
िबहार म गरीब एवं ितभाशाली ब को आई.आई.टी. म वेश िदलाने क िलए इ ह ने सुपर 30 नाम से एक
सं थान बनाया। यहाँ पर समाज क अित िन न वग क ब को भी हर वष आई.आई.टी. परी ा क तैयारी कराई
जाती ह। 2004 ई. म 30, 2005 ई. म 26, 2006 ई. म 28, 2007 म तो 30 म से 30 ब ने सफलता ा
क । इनक याित अब देश क अलावा अमे रका, जापान, चीन, जमनी, ांस, िसंगापुर आिद देश तक जा प ची।
आर.पी. शमा
पटना िव िव ालय क टी.पी.एस. कॉलेज म दशनशा क या याता क प म काय ारभ करनेवाले
आर.पी. शमा ने िबहार क िश ा जग क िलए कई नवीनतम सं थान क न व रखी। इ ह ने पटना म नया टोला म
आर.पी.एस. कॉलेज, कदमकआँ म आर.पी.एस. मिहला महािव ालय, बेली रोड म आर.पी.एस. रिजडिशयल
कल, रघुनाथ बािलका उ िव ालय एवं रका देवी बािलका उ िव ालय क थापना क । इ ह ने ‘कालजयी
हनुमान’, ‘अंतया ा’, ‘जीवन का उ कष’, ‘अ ययन और िचंतन’, ‘िश ा, सम या और समाधान’ आिद पु तक
क रचना भी क ।
कपूरी ठाकर
िबहार क राजनीित क चाण य एवं वतं ता सं ाम क अमर सेनानी जननायक कपूरी ठाकर स े अथ म
गरीब क मसीहा थे। 1952 म वे पहली बार िवधायक बने। 1967 ई. म इ ह मंि मंडल म उप-मु यमं ी एवं िव
एवं िश ा िवभाग का मं ी बनाया गया। 22 िदसंबर, 1970 को ये पहली बार मु यमं ी बनाए गए। छह महीने बाद
ही उ ह पद छोड़ना पड़ा। 24 जून, 1977 को इ ह ने मु यमं ी पद क पुनः शपथ ली। 21 अ ैल, 1978 को
इ ह ने मु यमं ी पद से याग-प दे िदया। इनका पूरा जीवन सामािजक याय, मानवािधकार, धमिनरपे ता जैसे
मू य को समेट ए बीता।
िकशोर कणाल
िकशोर कणाल 1972 ई. म भारतीय पुिलस सेवा क िलए चयिनत ए। 30 अ ूबर, 1983 को इ ह ने महावीर
मंिदर का जीण ार काय ारभ कराया। मंिदर क रखरखाव क िलए एक ट बनाया। आज क समय म महावीर
मंिदर ट क ारा महावीर आरो य सं थान, महावीर कसर सं थान, महावीर ने ालय एवं महावीर वा स य
सं थान का सफल संचालन िकया जा रहा ह। इस ट क ारा दुिनया क सबसे बड़ और िवशाल मंिदर का
िनमाण पूव चंपारण िजले म िकया जा रहा ह। िपछले 8 वष म सूबे क अनेक मंिदर एवं मठ को अवैध क जे से
मु कराकर उनका जीण ार िकया।
क ित आजाद
ि कट क े म िबहार क सफल िखलाड़ी क प म क ित आजाद को जाना जाता ह। 1983 ई. क िव कप
क दौरान भारतीय टीम का सद य रहते ए इ ह ने सेमीफाइनल म अपनी बेहतरीन गदबाजी से इ लड पर भारत क
जीत म मह वपूण भूिमका िनभाई। िबहार क पूव मु यमं ी भागवत झा क पु क ित आजाद आज राजनीित म
सि य ह।
क.बी. सहाय
िबहार क तीसर मु यमं ी क प म योगदान देनेवाले ीक ण ब भ सहाय ने भारत क वतं ता सं ाम म
िबहार क ओर से मह वपूण भूिमका िनभाई। अं ेजी िवषय म िबहार-उड़ीसा म थम थान पाने क कारण उनका
चयन आई.सी.एस. क िलए आसानी से हो गया, परतु गांधीजी क आ ान पर उ ह ने वतं ता आंदोलन म शािमल
होने क िलए आई.सी.एस. का पद ठकरा िदया। 1963 से 1967 ई. तक वे रा य क मु यमं ी बने रह। उ ह िबहार
म भूिम-सुधार का जनक माना जाता ह। 1947 ई. म िवधानसभा म ये जम दारी था उ मूलन क िलए िवधेयक
लाए। इ ह क यास से िबहार भूिम सुधार अिधिनयम लागू िकया गया।
खुदा ब श खाँ
िबहार म ऑ रएंटल प लक लाइ ेरी क थापना करने का ेय खुदा ब श खाँ को जाता ह। इनक महा
यास को देखते ए आज यह लाइ ेरी खुदा ब श लाइ ेरी क नाम से जानी जाती ह। यह लाइ ेरी पटना नगर का
गौरव ह और इस शहर क पहचान ह। अभी भी इस पु तकालय म ब त ाचीन समय क पांडिलिप सुरि त रखी
गई ह।
िच गु
िहदी िफ म जग म संगीत िनदशक क प म मश र िच गु ीवा तव ने लगभग तीन दजन िफ म म
संगीत िनदशन िकया। इनक िफ मी जीवन क शु आत 1957 ई. क िहट िफ म ‘भाभी’ से ई। इसक बाद ‘बड़ा
आदमी’, ‘अ लम-च लम’, ‘जबक’, ‘गंगा मइया तोह िपयरी चढ़इबो’, ‘म चुप र गी’ और ‘म शादी करने चला’
आिद िफ म म इनका संगीत ब त मश र आ।
जगजीवन राम
िबहार म दिलत को स मान िदलाने हतु आजीवन यासरत रहनेवाले एवं वतं ता सं ाम म िबहार क तरफ से
सि य भागीदारी िनभानेवाले बाबू जगजीवन राम का ज म 5 अ ैल, 1908 को शाहाबाद िजला क चंदवा गाँव म
आ। 1929 ई. म इ ह ने कलक ा म अिखल भारतीय रिवदास सं थान क थापना क । 1937 ई. म इ ह ने
खेितहर मजदूर सभा क थापना क । 2 िसतंबर, 1946 को क ीय अंत रम मंि मंडल म इ ह ने म मं ी क प
म शपथ ली। 1977 ई. म आपातकाल क घोषणा क समय इ ह ने कां ेस से अपने को दूर कर िलया। नई सरकार
म इ ह उप धानमं ी का पद िदया गया। जीवन क अंितम समय म ये एक बार िफर कांगे्रस म शािमल हो गए।
जगलाल चौधरी
जगलाल चौधरी आजादी क लड़ाई म अ णी यो ा थे। डॉ. होते ए इ ह ने वतं ता क लड़ाई म अपने
आपको पूरी तरह से आ मसा कर िलया। 1932 ई. म ये ‘नमक स या ह’ म शािमल ए। 1937 ई. म ये िबहार
क वा य मं ी बनाए गए। मं ी पद सँभालते ही म िनषेध लागू करने का यास िकया। 1938 ई. म शराबबंदी
िवधेयक पा रत कराया। 1946 ई. म कां ेस मंि मंडल म वा य मं ी बनाया गया। 1951 ई. म राजनीितक
बंिदय को छोड़ने क िनणय से मतभेद होने क कारण इ ह ने मं ी पद याग िदया।
जय काश नारायण
िबहार समेत सम त उ र भारत म राजनीित को नई िदशा देनेवाले िबहार क इस महा िवभूित का ज म सारण
िजले क िसताब िदयारा गाँव म 11 अ ूबर, 1902 को आ। िकशोराव था से ही पहले मा सवादी िवचारधारा और
िफर समाजवाद क तरफ उ मुख हो गए। 1930 ई. म कां ेस क सद यता हण क और इ ह मजदूर-िकसान
िवभाग क िज मेदारी स पी गई। 1932 ई. म कां ेस कायकारी महामं ी बने। आजादी क बाद िवनोबा भावे क साथ
िमलकर ‘भूदान आंदोलन’ से जुड़ और अपना जीवन सव दय क िलए लगा िदया। 1965 ई. म इ ह ‘मैगसेसे’
पुर कार ा आ। 1974 ई. म छा आंदोलन का नेतृ व वीकार करते ए संपूण ांित क घोषणा क । 1975
ई. म आपातकाल क घोषणा क बाद इ ह िगर तार कर िलया गया। इनक जीवनी पर आधा रत पु तक ‘जय
काश’ रामवृ बेनीपुरी ारा कािशत ई। 1999 ई. म इ ह ‘भारतर न’ से नवाजा गया। इ ह ‘जेपी’ एवं
‘लोकनायक’ क नाम से भी जाना जाता ह। 8 अ ूबर, 1979 को देश ने इस महा ांितकारी को सदा क िलए
खो िदया।
दशरथ माँझी
22 वष क लंबे यास से 360 फ ट ऊचाईवाली पहाड़ी को काटकर 30 फ ट चौड़ी, 350 फ ट लंबी सड़क
का िनमाण करनेवाली िबहार क इस महा िवभूित ने अपने बुलंद हौसल से घर, प रवार, िजले, रा य और देश
का नाम पूरी दुिनया म रोशन कर िदया। उनक इस कदम से गाँववाल क शहर से दूरी 50 िकमी. से घटकर िसफ
8 िकमी. रह गई। उनक जीवनी पर आधा रत एक िफ म ‘माँझी द माउटनमैन’, 2015 ई. म िनदशक कतन मेहता
ारा बनाई गई, िजसम नवाजु ीन िस ीक ने दशरथ माँझी का च र िनभाया।
दुखन राम
दुखन राम पेशे से महा ने िचिक सक थे। 1944 ई. म इ ह िचिक सा महािव ालय म ने िवभाग का
िवभागा य बनाया गया। 1945 ई. म इ ह ‘राय साहब’ क उपािध से स मािनत िकया गया। 1953 से 56 ई. क
बीच पटना िचिक सा महािव ालय क ाचाय पद को सुशोिधत िकया। भारत क थम रा पित डॉ. राज साद
एवं पंचम रा पित फख ीन अली अहमद क वे अवैतिनक ने िचिक सक रह। 1962 ई. म उ ह ‘प
िवभूषण’ क उपािध से स मािनत िकया गया। 1988 ई. म इ ह ‘िबहार र न’ क उपािध से िवभूिषत िकया गया।
पवन कमार
14 िसतंबर, 1978 को ज मे पवन कमार आज देश क लोकि य काटिन ट ह। िपछले 22 वष क क रयर म
उनक 15 हजार से यादा काटन प -पि का म कािशत ए। ‘नवभारत टाइ स’ से िनयिमत काटन काशन
कराने से उ ह ब त कामयाबी हािसल ई। उ ह िमलनवाले स मान म ‘शंकर दयाल िसंह स मान’, ‘कलाकित
स मान’, ‘कला ी स मान’, ‘रोटरी अवाड’, ‘सुलभ इटरनेशनल अवाड’ एवं ‘बे ट काटिन ट ऑफ िबहार
अवाड’ शािमल ह।
काश झा
भारतीय िफ म जग म जाने-माने िनदशक क प म काश झा िव यात ह। उनक मह वपूण िफ म म
‘गंगाजल’, ‘अपहरण’, ‘राजनीित’, ‘आर ण’, ‘िहप-िहप र’, ‘दामुल’, ‘कथा माधोपुर क ’, ‘प रणित’, ‘सोनल’
आिद मुख ह। इसक अलावा इ ह ने दूरदशन क मह वपूण धारावािहक ‘मुंगेरी लाल क हसीन सपने’ एवं ‘िव ोह’
का भी िनदशन िकया।
बटक र द
साइमन कमीशन का िवरोध करनेवाले महा वतं ता सेनानी लाला लाजपत राय क मौत क िज मेदार पुिलस
सहायक अधी क जे.पी. सांडस क ह या क िलए स ल एसबली म बम फकने क िलए भगत िसंह क साथ
बटक र द को िनयु िकया गया। 8 अ ैल, 1929 को इन दोन ने स ल एसबली म बम फका। इसक बाद
भारतीय वतं ता सं ाम म लंबे समय तक वे सि य रह। इ ह कई बार जेल क सजा सुनाई गई। इसम स ल
एसबली बम कांड म आजीवन कालापानी क सजा भी शािमल ह।
बाबू कवर िसंह
बाबू वीर कवर िसंह का ज म 23 अ ैल, 1777 को भोजपुर िजले क जगदीशपुर गाँव म आ था। 49 वष क
अव था म उ ह ने जगदीशपुर क जम दारी सँभाली। उ ह ने 1845 ई. से अं ेज सरकार क िवरोध क योजना बनानी
शु कर दी थी। इसम उनक सहयोगी उनक भाई अमर िसंह, भतीजा रथभंजन िसंह, िनशांत िसंह, ह रिकशुन िसंह
एवं जयक ण िसंह मुख प से थे। 1857 ई. म बंगाल म बैरकपुर छावनी म मंगल पांडय ने गोली चलाकर सेना
क एक अिधकारी क ह या कर दी। इसक फल व प उसे फाँसी दे दी गई। इस कारण से सैिनक म िव ोह हो
गया। िबहार म दानापुर छावनी क सैिनक क साथ वीर कवर िसंह का पहले संपक बना आ था। वहाँ क सैिनक
ने वीर कवर िसंह क नेतृ व म िव ोह कर िदया। 75 साल क उ म उ ह ने इस िव ोह का सफल नेतृ व िकया।
िबंदे र पाठक
1960-70 क दशक म एक सि य सामािजक यास ‘कमाऊ शौचालय और कविजंग था’ को ख म करने
क िलए शु िकया गया। यह काय म महा मा गांधी क व छता आंदोलन से जुड़ा आ था। इस ांित से देश क
ामीण े म शू य से पसठ ितशत एवं शहरी े म पं ह से ितरासी ितशत तक व छ शौचालय को बनाने
म सफलता िमली। यह आंदोलन डॉ. िबंदे र पाठक क ारा ‘सुलभ तकनीक आंदोलन’ क नाम से शु िकया
गया था। अब तक इनक ारा भारत म कल 12 लाख सुलभ शौचालय का िनमाण कराया जा चुका ह, जबिक
भारत सरकार ने सुलभ तकनीक को अपनाकर करीब पाँच करोड़ चालीस लाख शौचालय का िनमाण कराया ह।
िब मलाह खाँ
देश क चार िविश नाग रक स मान ‘भारत र न’, ‘पद िवभूषण’ एवं ‘पद ी’ हािसल करनेवाले महा
शहनाई वादक िब मलाह खाँ का ज म 21 माच, 1916 को ब सर िजले क डमराँव नगर म आ था। इनका
असली नाम कम ीन खाँ था। िसफ 18 वष क अव था म ही उनका नाम भारत म मश र संगीत म िलया
जाने लगा। अ ैल 1956 म इ ह ‘संगीत नाटक अकादमी पुर कार’ से स मािनत िकया गया। 1961 ई. म
‘प ी’, 1968 ई. म ‘पद भूषण’, 1980 ई. म ‘प िवभूषण’, 2001 म ‘भारतर न’ स मान से इ ह नवाजा
गया। 15 अग त, 1947 को लाल िकले म आयोिजत वतं ता िदवस समारोह म इ ह शहनाई बजाने का मौका
िमला था। 21 अग त, 2006 को 90 वष क आयु म इनका िनधन हो गया।
बी.पी. मंडल
1978 ई. म त कालीन धानमं ी मोरारजी देशाई ने पाँच सद यीय नाग रक अिधकार आयोग का गठन िकया।
इसका अ य बी.पी. मंडल को बनाया गया। इस आयोग ने 1980 ई. म अपनी रपोट म अ य िपछड़ी जाितय क
िलए सरकारी और िनजी शै िणक सं थान म सीट आरि त करने क अनुशंसा क । 1 फरवरी, 1968 से 22 माच,
1968 तक इ ह िबहार का मु यमं ी रहने का सौभा य िमला।
बी. मुखोपा याय
िचिक सा जग म अपनी ितभा िदखानेवाले डॉ. बी. मुखोपा याय ने थम यास म ही िदसंबर 1948 ई. म
एम.सी.एच. (ऑथ ) अ छ अंक से पास िकया। 1949 से 1961 ई. तक पटना मेिडकल कॉलेज म ऑथ पेिडक
सजन रह। ह ी टी.बी क इलाज क े म इनका योगदान अिव मरणीय ह। इ ह ने 1955 ई. म इिडयन
ऑथ पेिडक एसोिसएसन क थापना क ।
भोला पासवान शा ी
िबहार क पहले दिलत मु यमं ी ी भोला पासवान शा ी को सादगी, िन ा क कारण राजनीित का संत कहा
जाता था। 22 माच, 1968 से 29 जून, 1968 तक, 22 जून, 1969 से 4 जुलाई, 1969 तक एवं 2 जून, 1971
से 9 जनवरी, 1972 तक वे िबहार क मु यमं ी पद पर रह। वे एक महा वतं ता सेनानी थे। वतं ता सं ाम
क दौरान उ ह ने पूिणया से ‘रा संदेश’ नामक एक िहदी सा ािहक का संपादन िकया।
मनोज ितवारी
िबहार क एक ितभा-संप गायक, िफ म अिभनेता, टी.वी. एंकर एवं संगीत िनदशक क प म याित ा
कर मनोज ितवारी ने ब त कम उ म िबहार का नाम रोशन िकया। इनक पहली िफ म भोजपुरी म ‘ससुरा बड़ा
पैसावाला’ था। वतमान म ये िद ी से लोकसभा सद य ह।
मनोज वाजपेयी
भारतीय िफ म जग म ‘राजनीित’, ‘एल.ओ.सी’. ‘कारिगल’, ‘रोड’, ‘िपंजर’, ‘स या’, ‘शूल’ और ‘आर ण’
जैसी सफलतम िफ म क नायक मनोज वाजपेयी िबहार क उभरते ए कलाकार ह। सव थम इ ह रा ीय तर पर
पहचान दूरदशन क धारावािहक ‘ वािभमान’ से िमली। इसक अलावा ‘ ोह काल’, ‘बिडट ीन’, ‘द तक’,
‘जुबैदा’ आिद कला- धान िफ म म भी इ ह ने अपनी ितभा िदखाई।
महश नारायण
पृथक िबहार ांत आंदोलन को ारभ करने का ेय सि दानंद िस हा क साथ महश नारायण को जाता ह।
1906 ई. म इ ह ने सि दानंद िस हा क साथ िमलकर ‘पाट शन ऑफ बंगाल’ और ‘सेपरशन ऑफ िबहार’ नामक
पु तक िलखी। ये अपनी पि का ‘द िबहार टाइ स’ क मा यम से भी िबहार पृथ रण क िलए लेख िलखते रहते
थे।
राज साद
भारत क थम रा पित देशर न डॉ. राज साद का ज म 3 िदसंबर, 1884 को सीवान िजले क जीरादेई नामक
गाँव म आ था। कलक ा िव िव ालय से थम ेणी म थम आनेवाले वे पहले िबहारी थे। कलक ा क िसटी
कॉलेज एवं जी.वी.वी. कॉलेज, मुज फरपुर म उ ह ने अ यापन का काय भी िकया। 1910 ई. म गोपाल क ण
गोखले से िमलकर वे देशसेवा क ओर उ मुख ए। 1916 ई. म पटना हाईकोट क थापना क बाद वहाँ से
वकालत शु क । 1917 ई. म गांधीजी क साथ सि य प से ‘चंपारण स या ह’ म भाग िलया। देश क वंत ता
सं ाम म कई बार जेल गए। 1934 ई. म कां ेस क 48व अिधवेशन म इ ह कां ेस अ य बनाया गया। इनक
अ य ता म ही संिवधान सभा क ारा भारत का संिवधान बनाया गया। 26 जनवरी, 1950, 10 मई, 1952, 13
मई, 1957 को इ ह ने 3 बार रा पित क प म शपथ हण क । 1962 ई. म इ ह ‘भारतर न’ क उपािध दी गई।
28 फरवरी, 1963 को इनका िनधन हो गया।
रामचतुर मिलक
िबहार म शा ीय संगीत क ुपद-गायन को एक नई ऊचाई तक ले जाने म रामचतुर मिलक का मह वपूण
थान ह। ुपद क साथ खयाल, ठमरी, ट पा और िव ापित क पद भी वे बड़ी खूबसूरती से गाते थे। िबहार
रा य संगीत अकादमी ने 1953 ई. म उ ह ‘फलोिशप’ दान क । 1970 ई. म उ ह ‘प ी’ िमली। म य देश
सरकार ने उ ह 1981 ई. म ‘तानसेन पुर कार’ से स मािनत िकया।
िवं यवािसनी देवी
िबहार कोिकला क नाम से िव यात िवं यवािसनी देवी िबहार म लोकगीत को ब त ऊचे तर तक ले जानेवाली
िव यात कलाकार ह। उनक गाियक का पहला सावजिनक दशन 1945 ई. म आ। लड़िकय को पढ़ाने और
संगीत िसखाने क दौरान उ ह ने 1949 ई. म िवं यकला मंिदर क थापना क । 1948 ई. म आकाशवाणी क पटना
क क शु आत होने पर वे 1979 ई. तक आकाशवाणी से जुड़ी रह । उ ह ने कई संगीत ंथ क रचना क ,
िजनम ‘लोकसंगीत सागर’, ‘सोहर करण’, ‘वृहद कोश’, ‘लोक श द सागर’ आिद मुख ह। उ ह ने कछ
िफ म म भी गीत लेखन एवं संगीत िनदशन का काम िकया। 1974 ई. म उ ह ‘प ी’ स मान से स मािनत
िकया गया।
वीरचंद पटल
भारत क वतं ता सं ाम म िबहार क वतं ता सेनािनय म एक मुख नाम वीरचंद पटल का आता ह। ‘नमक
स या ह’ से इ ह ने वतं ता सं ाम म बढ़-चढ़कर िह सा लेना शु कर िदया। 1939 ई. म हाजीपुर थानीय
िनकाय चुनाव म इ ह अ य चुना गया। 1941 ई. म ‘सिवनय अव ा आंदोलन’ म भाग लेने क िलए अ य पद
से इ तीफा दे िदया। इस दौरान वे कई बार जेल गए। 1946 ई. म िबहार क अंत रम सरकार क िश ा िवभाग म
इ ह संसदीय सिचव बनाया गया। 1952 ई. म किष िवभाग क उपमं ी बनाए गए। 1957 ई. म इ ह किष, वा य
और खा मं ी बनाया गया। बाद म िवनोदानंद झा मंि मंडल म इ ह ने िव मं ी क प म शपथ ली।
श ु न िस हा
भारतीय िफ म जग म 1970-80 क दशक म अपनी ितभा से सभी को कायल कर देनेवाले महा अिभनेता
श ु न िस हा का ज म 15 जुलाई, 1946 को पटना म आ। शु आती िदन म उ ह ने िफ म म खलनायक क तौर
पर काम िकया। बाद म उ ह ने नायक, िफर राजनेता बनने तक का सफर तय िकया। ‘िव नाथ’, ‘कालीचरण’,
‘काला प थर’, ‘दो ताना’, ‘खामोश’, ‘आन’, ‘शान’ आिद इनक मुख िफ म ह। अभी वतमान म ये पटना से
लोकसभा सद य ह।
शांित जैन
शांित जैन एक साथ एक अ छी गाियका, कविय ी, लेिखका एवं नारी सश ीकरण क अ ुत िमसाल ह।
भोजपुरी लोकगीत से याित पानेवाली उनक गाियक म दुगा स सती, सुंदरकांड, छठ, िववाह गीत, भजन आिद
मुख प से शािमल ह। इसक अलावा उ ह ने कई भोजपुरी िफ म म गीत क रचना क ह। उ ह ‘रा ीय संगीत
नाटक अकादमी पुर कार’ सिहत अनेक पुर कार से स मािनत िकया जा चुका ह।
कदारनाथ साद
एक कशल एकडिमिशयन, एक महा ा, एक बु शासक एवं िश ाशा ी डॉ. साद का ज म
बहड़वाड़ा (पू. चंपारण) म 1926 ई. म आ था। पटना कॉलेज क ि ंिसपल, अथशा क अ य व पटना
िव िव ालय का कलपित बनना इनक उपल धयाँ थ । ‘ टरटजी ऑफ इड यल िड पसल ऐंड िडस लाइजड
डवलपमट’; ‘ए कस टडी ऑफ िबहार’, ‘इकोनॉमी ऑफ ए बैकवड रीजन इन ए बैकवड इकोनॉमी’, ‘ए कस
टडी ऑफ िबहा रयन रलेशन ट अदर टट ऑफ इिडया’ वा यूम-II आिद पु तक इनक ारा रिचत अमू य
धरोहर ह। डॉ. साद क कछ अ य लोकि य पु तक म ‘इिडयाज रल ॉ ल स’, ‘ले स ऑन माइ ो
इकोनॉिमक योरी’, ‘ ॉ ल स ऑफ इकोनॉिमक डवलपमट इन द थड व ड’, ‘ट ोलॉिजक ाइस अंडर
डवलपमटल लािनंग’ आिद मुख ह।
शारदा िस हा
िबहार क सं कित, सं कार और परपरा क ितमूित शारदा िस हा को िम ी से जुड़ लोक-कलाकार क प म
माना जाता ह। उनक ारा शादी- याह, गौना, छठ आिद क िलए गाए गए लोकगीत िबहार क िवशेष अवसर पर
ज र सुनने को िमलते ह। इसक अलावा उ ह ने कछ भोजपुरी तथा िहदी िफ म म भी गाना गाकर लोग का मन
जीत िलया ह।
शेखर सुमन
हा य- यं य से भरपूर पटकथा म शत ितशत अपनी ितभा िदखानेवाले शेखर सुमन िबहार क मुख कलाकार
म से एक ह। टलीिवजन पर उनक ारा ‘देख भाई देख’, ‘ रपोटर’, ‘एक घंट क ि ल’, ‘टी.वी. टॉक शो’,
‘मूवस ऐंड शेखस’, ‘पोल-खोल’ आिद उनक ारा अिभनीत मुख धारावािहक ह।
ीकांत ठाकर िव ा अलंकार
पं. ीकांत ठाकर िव ा अलंकार भारत क िहदी प का रता े म एक जाना-पहचाना नाम ह। 1926 ई. म
इ ह ने राज साद क सलाह पर िहदी सा ािहक ‘महावीर’ क सहायक संपादक क प म प का रता क
शु आत क । बाद म इ ह ने कलक ा एवं बंबई से कािशत ‘िव िम ’ म संपादन का काय िकया। 1947 ई. म
पटना से कािशत ‘ दीप’ का संपादन शु िकया, िफर वे ‘आयावत’ से जुड़।
ीक ण िसंह
आधुिनक िबहार क िनमाता ीक ण िसंह का ज म 21 अ ूबर, 1887 को नवादा िजले क िहसुआ खंड थत
खनवा गाँव म आ था। 1916 ई. क लखनऊ कां ेस अिधवेशन म इ ह ने सि य प से भाग िलया। ितलक क
नेतृ व म चलाए जा रह ‘होम ल आंदोलन’ म उ ह ने बढ़-चढ़कर भाग िलया। ‘चंपारण स या ह’ म इ ह ने
िकसान क ओर से मुकदमे क पैरवी क । 1929 ई. म सोनपुर मेले म वामी सहजानंद सर वती क साथ िमलकर
इ ह ने िकसान सभा का गठन िकया। 1937 ई. म िबहार चुनाव क बाद इनक नेतृ व म मंि मंडल का गठन आ।
1939 ई. म तीय िव यु म ि टन ारा भारत को शािमल करने क िवरोध म इ ह ने इ तीफा दे िदया। 1946
ई. म ये िफर से मु यमं ी बनाए गए। तब से लेकर जीवन क अंितम ण तक वे मु यमं ी पद पर बने रह। 31
जनवरी, 1961 को इनका िनधन हो गया।
संजय उपा याय
देश क मुख रगकिमय , ना य िश क म पटना क संजय उपा याय का नाम आता ह। उनक ारा िनदिशत
नाटक ‘बकरी’ एवं ‘िवदेिशया’ ब त िस ए। ीराम सटर, नई िद ी का िनदेशक बननेवाले वह पहले
िबहारी थे। उनक चिचत नाटक म ‘जसमा ओड़न’, ‘नल-दयमंती’, ‘खिड़या का घेरा’, ‘ तम-सोहराब’, ‘ ी
पेनी ओपेरा’, ‘मालिवका निम ’, ‘माटी गाड़ी’, ‘कहाँ गए मेर उ ना’, ‘दा तान-ए-ह बा’ आिद मुख ह।
सि दानंद िस हा
बंगाल से िबहार को पृथक कराने म मह वपूण भूिमका िनभानेवाले सि दानंद िस हा का ज म 10 नवंबर, 1871
को आरा म आ था। उ ह ने अपनी बै र टरी क पढ़ाई लंदन से क । उसक बाद वे ि िटश कमेटी ऑफ द इिडयन
नेशनल कां ेस क सि य सद य बन गए। 1909 ई. म भागलपुर म िबहार ांतीय स मेलन का दूसरा अिधवेशन
उनक अ य ता म संप आ, िजसम पृथक िबहार ांत क गठन पर जोर िदया गया। 1924 ई. म उ ह ने अपनी
प नी क याद म ीमती रािधका िस हा इ टी यूट एवं सि दानंद िस हा लाइ ेरी क थापना क । 1936 ई. म उ ह
पटना िव िव ालय का थम गैर-सरकारी वाइस चांसलर िनयु िकया गया।
सर गणेश द
सर गणेश द का ज म 1868 ई. म नालंदा िजले म आ था। 1904 ई. म उ ह ने कलक ा उ यायालय क
थापना क बाद वहाँ से वकालत ारभ क । 1921 ई. म वे िबहार उड़ीसा िवधानप रष क िलए िनवािचत ए।
1923 ई. म मं ी चुने गए। उ ह ने मं ी पद पर रहते ए अपने वेतन का अिधकांश भाग लोक-क याण म दान म दे
िदया। उनक आय का अिधकांश िह सा गरीब और यो य छा क छा वृि म खच होता रहा। उ ह ने पटना
िव िव ालय क िवकास क िलए 4 लाख पए िदए। वतमान म भी उनक योगदान से बने ए कई िश ण सं थान
िबहार म कायरत ह।
िसयाराम ितवारी
िसयाराम ितवारी धु्रपद गायन क सु िस कलाकार थे। ुपद धमार क ताल क ह, अंश, मा , ुत, लघु,
लुत, काक आिद क महा ानी थे। वे संगीत नाटक अकादमी क सलाहकार सिमित क र न सद य, याग संगीत
सिमित क सद य, आकाशवाणी िद ी और पटना क ऑिडशन बोड क आजीवन सद य रह। 1955 ई. म उ ह
रा पित ारा ‘ वणपदक’ दान िकया गया। 1971 ई. म इ ह ‘प ी’ से स मािनत िकया गया। 1998 ई. म
इ ह म य देश सरकार ारा ‘तानसेन पुर कार’ से स मािनत िकया गया।
सी.पी. ठाकर
िबहार म कालाजार से मु क िलए सफल इलाज ढढ़नेवाले सी.पी. ठाकर िबहार क जाने-माने राजनेता एवं
सु िस िचिक सक ह। उनक इस सफलता पर उ ह ‘प ी’ से स मािनत िकया गया। उनक ारा िलखी गई
िस पु तक म ‘डायनेिम स ऑफ डवलपमट’, ‘व ड टरड ऑगनाइजेशन’, ‘िगिलंपसेज ऑफ इिडयन
ट ोलॉजी’, ‘ट ट बुक ऑफ मेिडिसन’, ‘इिडया अंडर अटल िबहारी वाजपेयी’ आिद ह। 1999 से 2004 ई.
तक उ ह ने क म मं ी पद को भी सँभाला।
जगदेव साद
जगदेव साद का ज म 2 फरवरी, 1922 को िबहार क अरवल िजला अंतगत कथा खंड क करहारी गाँव म
आ था। सोशिल ट पाट क नेता उप नाथ वमा क संपक म आकर ये पाट क पि का ‘जनता’ क संपादन से
जुड़ गए। इ ह ने 1955 ई. म हदराबाद से कािशत सा ािहक अं ेजी प ‘िसिटजन’ एवं िहदी सा ािहक ‘उदय’
का संपादन ारभ िकया। 1957 ई. म इ ह ने सासाराम लोकसभा े से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा,
लेिकन इ ह सफलता नह िमली। 1962 ई. म ये कथा िवधानसभा े से चुनाव जीत गए। 1968 ई. म इ ह िबहार
का िसंचाई एवं िबजली मं ी बनाया गया। जनता क माँग पर 8 िसतंबर, 1970 को ये पुनः िसंचाई एवं िबजली मं ी
बने। 1974 ई. म ‘जे.पी. आंदोलन’ म इ ह ने बढ़-चढ़कर भाग िलया। अपने किठन म-बल एवं कला-कौशल से
इ ह ने सदैव समाजवाद को ऊचाई दान करने का काय िकया। इनक मृ यु 5 िसतंबर, 1974 को कथा खंड
प रसर म हो गई।
लिलत नारायण िम
लिलत नारायण िम का ज म 2 फरवरी, 1923 को सहरसा िजला थत बसाउ-प ी म आ था। ये थम,
तीय एवं पाँचव लोकसभा क िलए चुने गए; साथ ही साथ दो बार रा यसभा क िलए चुने गए। क सरकार म
इ ह ने योजना, म एवं िश ण, गृह, िव , र ा उ पादन, िवदेश यापार तथा रल िवभाग क मं ी क प म देश
क सेवा क । यापार मं ी क प म भारत-नेपाल क संबंध को एक नई ऊचाई तक ले जाने का काम इ ह ने
िकया। इस दौरान नेपाल क साथ बाढ़ िनयं ण एवं कोसी योजना म प मी नहर िनमाण हतु भारत-नेपाल समझौता
िकया गया। अशोक पेपर िमल एवं िमिथला िव िव ालय क थापना, िमिथला िच कला को दुिनया क सम
लाने, उ री िबहार क सीमांचल इलाक म रलवे का जाल िबछाने का इनका काय अिव मरणीय ह। रल मं ी रहते
ए िबहार क सम तीपुर म बड़ी रलवे लाइन क उ ाटन क म म 2 जनवरी, 1975 को ए बम िव फोट म
घायल हो जाने क कारण इनक मृ यु 3 जनवरी, 1975 को हो गई।
पीर अली
1857 ई. क वाधीनता सं ाम म िबहार क तरफ से ितिनिध व करनेवाले वतं ता सेनािनय म एक मुख नाम
पीर अली का आता ह। 1828 से 1888 ई. तक चलनेवाले इस आंदोलन का मु य क पटना शहर था। पटना क
िवलायत अली एवं इनायत अली इस आंदोलन क मुख नायक थे। 1857 ई. म इस आंदोलन का नेतृ व पीर अली
ने िकया था। बाद म अंगे्रज क ारा बाँक पुर मैदान म एक पेड़ पर लटकाकर इ ह सरआम फाँसी दे दी गई।
पं. रामानंद ितवारी
3 अ ैल, 1946 को समूचे िबहार क तर पर िसपािहय क एक संगठन ‘िबहार पुिलस मस एसोिसएशन’ क
थापना करनेवाले पं. रामानंद ितवारी वाधीनता सं ाम म िबहार क तरफ से ितिनिध व करनेवाले एक मुख
सेनानी थे। िसपािहय ारा सरकार का िवरोध करनेवाल का अगुआ मानकर अं ेजी सरकार इनक जान क
दु मन बन गई। कदमकआँ म इन पर फाय रग क गई, जो कदमकआँ गोलीकांड क नाम से िस ह। 29 माच,
1947 को इनक गांधीजी क साथ लगभग 18 घंट तक क बातचीत िबहार क मुख घटना म से एक ह। खर
वतं ता सेनानी, समाजसेवी तथा जायज माँग को लेकर हमेशा आंदोलन करनेवाले पं. रामानंद ितवारी क याद म
रा य सरकार ितवष 25 माच को उनक जयंती क अवसर पर गांधी मैदान म उ र-प म कोने पर थत ितमा
थल पर राजक य समारोह आयोिजत करती ह।
सूरज नारायण िसंह
सूरज नारायण िसंह का ज म 17 मई, 1906 को दरभंगा क नरपित नगर ाम म आ था। मा 22 वष क उ
म ये िहदु तान सोशिल ट रप लकन पाट क सि य सद य बन गए। 1938 ई. म वामी सहजानंद सर वती क
नेतृ व म संचािलत ‘बका त आंदोलन’ म सि य योगदान देने क कारण इ ह 27 माह क सजा ई। इस दौरान
हजारीबाग जेल म इ ह ने 20 िदन का अनशन िकया। देवली कप म जे.पी. क साथ 33 िदन का अनशन गांधीजी क
ह त ेप पर टटा। 1942 ई. म दीपावली क अमावस रात (8 नवंबर) म 9:30 बजे रात म जय काश नारायण,
योग शु , गुलाबचं गु ा, रामनंदन िम और शािल ाम िसंह क साथ सूरज नारायण िसंह को स ल जेल क
दीवार फाँदने म मा 6 िमनट लगे थे। 1962 ई. म मधुबनी पूव िवधानसभा े से ये पहली बार िवधायक चुने
गए। 1969 ई. म मई िदवस समारोह म भारत क ितिनिध क प म इ ह ने मा को क या ा क । बँगलादेश मु
संघष क िसलिसले म इ ह ने 1971 एवं 1972 ई. म बँगलादेश क या ा क । 15 अ ैल, 1973 को मजदूर क
िहत क िलए आवाज उठाते ए राँची पुिलस क हाथ बुरी तरह घायल होने पर 21 अ ैल, 1973 को ये शहीद हो
गए।
मंडन भारती
मंडन िम िमिथला क िस दाशिनक एवं कमा रल भ क िश य एवं अनुयायी थे। उनक प नी मंडन
भारती थी। परम िवदुषी भारती शंकराचाय और अपने पित मंडन िम क बीच ए शा ाथ क अ य ता कर
िनणाियका बनी थ और शंकराचाय से वयं शा ाथ कर उ ह परािजत भी िकया था। यह घटना 620-710 ई.पू. क
बीच क मानी जाती ह।
कमा रल भ
आचाय कमा रल भ क गणना िमिथला क महा पंिडत और ािनय म होती ह। इनका काल छठी से नौव
सदी क बीच माना जाता ह। इ ह ने याय, मीमांसा, कम एवं ान से संबंिधत अनेक सू का ितपादन िकया।
इनक ारा धम एवं दशन पर िदए गए िवचार आज भी ासंिगक ह।
उदयनाचाय
उदयनाचाय का ज म िमिथला े क दरभंगा िजले क क रजन गाँव म आ था। ये याय दशन एवं वैशेिषक
दशन क ाचीन परपरा क े एवं अंितम ितिनिध िव ा थे। ितभा एवं िव ा क धनी उदयनाचाय से िश ा
पाने क िलए दूर-दूर से िश ाथ आते थे। इनक ारा रिचत सात ंथ ‘ याय प रिश ’, ‘िकरणबली’,
‘ता पयप रशु ’, ‘आ मत व िववेक’, ‘ यायकसुमांजिल’, ‘ल णावली’ तथा ‘कसुमांजिलका रका’ तीन टीका क
प म एवं चार िनबंध क प म िलखे गए ह।
आयभ
गु काल क िस गिणत , खगोलशा ी एवं दशमलव तथा शू य क आिव कारक आयभ का ज म पटना
िजले म 476 ई. म माना जाता ह। इनको ाकत, अप ंश एवं सं कत भाषा क साथ-साथ वेद , उपिनषद एवं
दाशिनक ंथ का िव ा माना जाता ह। इ ह ने अपने ंथ ‘आयभ ीयम’ म सूय क थर होने और गोलाकार
पृ वी को उसक चार ओर च र लगाने क बात कही ह। सूय हण एवं चं हण क वै ािनक कारण म हण
रा ारा सूय अथवा चं मा क सने से नह , ब क पृ वी व चं मा क पड़नेवाली छाया क कारण होता ह,
इसका ान दुिनया को आयभ से ही िमला। ाचीन सािह यक ोत से इनक नालंदा िव िव ालय क कलपित
रहने क भी जानकारी िमलती ह। वर एवं यंजन क सहायता से बड़ी-बड़ी सं या को सं ेप म िलखने क
िविध इनक ारा ितपािदत क गई। उदाहरण क िलए 432,00,00 को िलखने क िलए उ ह ने र यु ट श द का
योग िकया था। उ ह ने पाई (p) का मान लगभग 3.1416 बताया। पृ वी क संरचना िम ी, जल, अ न एवं
वायु से होने क बात इनक ारा दुिनया को बताई गई। डी.ई. मथ जैसे गिणत क अनुसार आयभ क मृ यु
74 वष क आयु म 550 ई. म ई थी।
पािणिन
याकरण क यात िव ा पािणिन का ज म पािक तान म शालातुला म िसंधु नदी क तट पर 520 ई.पू. को
माना जाता ह। इनक िस रचना ‘अ ा यायी’ से इ ह भाषा जग म याकरण क पुरोधा होने क ित ा
िमली। ‘अ ा यायी’ आठ िवभाग म िवभािजत ह। सं ा, ि या, वर, यंजन, वा य क संरचना, संयु सं ा
आिद क िवषय म इसम बताया गया ह। इसक अलावा श द म यय क लगने से नए श द क रचना जैसे वष से
वािषक, िजसम इक यय लगा ह, क जानकारी भी सव थम दुिनया को इनक ारा िमली। ‘अ ा यायी’ से
मौयकालीन शासन यव था क भी जानकारी िमलती ह।
या व य
महिष या व य िवदेह राजा जनक क समकालीन थे। रामायण, महाभारत एवं अनेक पुराण म उनक संबंध म
िव तार से ामािणक वणन िमलता ह। इ ह ने बा कल मुिन से ऋ वेद, जैिमनी ऋिष से सामवेद, वैशंपायन ऋिष से
यजुवद तथा आ िण ऋिष से अथववेद का अ ययन िकया। इनक िस िश य म एक नाम क व ऋिष का
आता ह, िज ह ने गु क सा य म शु यजुवद पर क वसंगीता एवं क वशाखा का ितपादन िकया।
गु गोिवंद िसंह
गु गोिवंद िसंह िसख पंथ क दसव तथा अंितम गु थे। इनका ज म 22 िदसंबर, 1662 को िबहार क पटना
सािहब म आ था। इ ह ने देश, धम एवं वतं ता क र ा क िलए िसख को संगिठत करक सैिनक प रवेश म
ढाला। िसख क िलए ‘पंच करार’—कश, कघा, कड़ा, कपाण और क छा को इ ह ने अिनवाय कर िदया। उ ह ने
अपने धम, अपनी ज मभूिम एवं वयं क र ा अपने ारा करने का संक प कराया। उनक िदया नारा ‘स ी
अकाल’ आज भी ासंिगक ह। उनक ारा खालसा पंथ क शु आत क गई। इ ह ने अपने बाद िसख सं दाय म
गु परपरा को ख म कर िदया और इसक जगह पर ‘ ंथ सािहब’ को ही िसख का गु मानने क बात कही। 7
अ ूबर, 1908 को इनका देहांत हो गया।
महश नारायण
िबहार क िनमाण म प कार क प म महश नारायण का योगदान अिव मरणीय ह। इनका ज म 1859 ई. म
आ था। इ ह ने अपना क रयर प का रता से शु िकया। ये ‘िबहार िबहा रय क िलए’ क माँग को रा ीय मु ा
बनाकर ‘िबहार टाइ स’ नामक पि का से जुड़, िफर उसका संपादन िकया। बंगाल से िबहार को अलग करने क
माँग को लेकर िस पु तक ‘बंगाल का िवभाजन’ या ‘िबहार का पृथ करण’ इनक एवं सि दानंद िस हा क
ारा संयु प से िलखी गई। 1907 ई. म ब त ही कम उ म इनक मृ यु हो गई।
नंदिकशोर लाल
गया क टकारी क लाल नंदिकशोर लाल का ज म 1866 ई. म आ था। नंदिकशोर लाल टकारी राज क बंधन
क साथ 1894 ई. म ‘िबहार टाइ स’ पि का क धान चारक बने। िबहार को अलग रा य का दजा िमलने क
बाद 1915 ई. म बाँक पुर म िबहार ांतीय कां ेस क स मेलन क अ य ता इ ह ने क थी। इनक मृ यु 1918 ई.
म ई।
परमे र लाल
नंदिकशोर लाल क छोट भाई परमे र लाल का ज म 1874 ई. म आ था। वकालत क िश ा हण करने क
दौरान इनका संपक दादा भाई नौरोजी से आ। उनक साथ इ ह ने पूर लंदन का दौरा िकया। लंदन इिडयन सोसाइटी
क अ य रहते ए दादा भाई नौरोजी ने इ ह उसका उपा य बनाया। भारत वापसी क प ा कां ेस क साथ
िमलकर इ ह ने भारतीय जनमानस क बीच रा ीयता क चार म अपनी मह वपूण भागीदारी दी। इ ह ने िबहारी छा
स मेलन क भी अ य ता क । इनक मृ यु 1919 ई. म हो गई।
क ण सहाय
क ण सहाय का ज म पटना िजले क सोरमपुर गाँव म 1866 ई. म आ था। ारिभक िश ा पटना कॉलेिजएट
कल म ई। वकालत करने क बाद 1919 ई. म इ ह ने पटना क किम नर सर आडले अल को पटना लॉ कॉलेज
क थापना म भरपूर सहयोग िकया। वकालत क साथ-साथ िबहार क पृथ करण म इ ह ने डॉ. सि दानंद
िस हा क साथ कधे से कधा िमलाकर काम िकया। िबहार क पृथ करण क बाद ये 1913 ई. म िबहारो कल
लेिज लेिटव काउिसल क सद य िनवािचत ए। 1919-21 क बीच इ ह ले टनट गवनर क शासक य प रष
का सद य मनोनीत िकया गया। 1921 ई. म इनक अक मा मृ यु हो गई।
मौलाना मजह ल हक
मजह ल हक का ज म 22 िदसंबर, 1866 को पटना िजला क मनेर थाने क बाहपुरा नामक गाँव म आ था।
1888 ई. म इ लड जाकर वकालत क िश ा हण क । वहाँ पर उ ह ने ‘अंजुमन ए इ लािमया’ का गठन िकया।
1891 ई. म वदेश वापस आने क बाद 1893 ई. म वे अवध क मुंिसफ क पद पर चुन िलये गए। 1896 ई. म
इस पद को यागकर वे छपरा नगरपािलका क उपा य चुने गए। 1906 ई. म उ ह ने हसन इमाम क मदद से
ऑल इिडया मु लम लीग नामक पाट क थापना क । माल िमंटो सुधार क तहत 1910 ई. म वे मुसलमान क
िलए आरि त सीट पर क ीय िवधान प रष क सद य चुने गए। 1916 ई. क लखनऊ अिधवेशन म कां ेस और
मु लम लीग क बीच क गठबंधन होने म इनका मह वपूण योगदान रहा। 1917 ई. क महा मा गांधी क ‘चंपारण
स या ह’ म इ ह ने अपना मुख योगदान िदया। उ ह ने िबहार िव ापीठ एवं सदाकत आ म क थापना क ।
इनक मृ यु 1930 ई. म हो गई।
कलावती देवी
‘प ी’ कलावती देवी का ज म अर रया िजले क रानीगंज म 1922 ई. म आ था। अ यंत गरीबी म कड़ी
मेहनत क बदौलत इ ह ने 1968 ई. म रानीगंज म एक बािलका म य िव ालय बनवाया। मिहला को िशि त
बनाने क िलए लोग को जाग क िकया। लड़िकय को कल भेजने क िलए तैयार िकया। कलावती देवी को 3
अ ैल, 1976 को ‘प ी’ का स मान िमला। ‘प ी’ िमलने क बाद 54 वष क उ म वे खुद सा र ई।
इनका िनधन 23 नवंबर, 1988 को हो गया।
नंदलाल बोस
महा मा गांधी ने एक बार कहा था, ‘‘वे सृजना मक कलाकार ह और म नह । भगवान ने मुझे कला का
िववेक िदया ह, िकतु इसे पाियत करने क िलए साधन नह िदए ह, उनको दोन का वरदान ा ह।’’ गांधीजी
का यह व य भारतीय कला क महानायक नंदलाल बोस क िलए था। इनका ज म हवेली खड़गपुर म 3 िदसंबर,
1882 को आ था। जवाहरलाल नेह क इ छा से उ ह भारतीय संिवधान क मूल ित को अलंकत करने का
सुअवसर िमला। उ ह ने यह िविश काय िव प, गौरी, यमुना, पे मल, कपाल िसंह और कला भवन क अ य
छा क सहायता से संपािदत िकया। जीवन क अंितम वष म इ ह ‘डॉ टस ऑफ लेटस,’ ‘द एकदमी ऑफ
फाइन आ स िस वर जुबली मेडल’, ‘देशीको म’, ‘प िवभूषण’, ‘दादा भाई नौरोजी मेमो रयल ाइज’ ा
ए। 16 अ ैल, 1966 को इनक मृ यु हो गई।
ल मीनारायण िसंह
िबहार क सहरसा िजलांतगत पँचगिछया गाँव क यात संगीतकार ल मीनारायण िसंह वयं म एक संगीत
सं थान थे। इनका ज म 1882 ई. म वहाँ क जम दार ि य त नारायण िसंह क यहाँ आ था। इनक िपतामह
नारायण िसंह िमिथलांचल क महा संत ल मीनाथ गोसाई क समकालीन थे। 1928 ई. क लखनऊ संगीत समारोह
म उनको िनणायक मंडल क एकमा सद य क प म आमंि त िकया गया था। इस अवसर पर उ ह ‘संगीत-
मातड’ तथा ‘संगीतिष’ क उपािध से िवभूिषत िकया गया।
अमरनाथ झा
अं ेजी भाषा और सािह य क आिधका रक िव ा डॉ. झा िहदी, मैिथली, सं कत, बँगला तथा उदू भाषा
सािह य क भी ाता थे। इनका ज म 25 फरवरी, 1897 को मधुबनी िजले क स रबस पाही गाँव म आ था।
इलाहाबाद िव िव ालय म वे बी.ए. और एम.ए. क टॉपर रह। बाद म वे वह पर यूटर क पद पर काय करने
लगे। वे मा 37 वष क आयु म कला संकाय क अ य तथा 41 वष क आयु म कलपित बनाए गए। 1953 ई.
म िबहार लोक सेवा आयोग का अ य बनाया गया। उ ह ने लगभग 2 दजन पु तक का संपादन िकया। िहदी म
‘िवचारधारा’, अं ेजी म ‘ओकजनल एडरसेज’ एवं ‘शे सपी रयन कॉमेडी’ उनक चिचत पु तक ह। उ ह नाग रक
‘अलंकरण प िवभूषण’ से स मािनत िकया गया। 1 जनवरी, 1995 को उनका अवसान हो गया।
आनंदी साद बादल
आनंदी साद बादल का ज म 1939 ई. म पूिणया िजले क ीपुर गाँव म आ था। ारभ से ही इनक िच
ना य अिभनय क साथ-साथ य तैयार करने एवं मेकअप करने म थी। इ ह ने अपने गाँव म िहदी ना य कला
प रष क थापना क । 1959 ई. म लिलत कला क पढ़ाई पूण करने क बाद रा य खादी बोड म इ ह ने
कलाकार क पद पर अपनी सेवा देनी शु क । 1968 ई. तक जलरग, पो टर रग, मा यम एवं ट ा आिद
पारप रक िच शैली म सजना क । नारी जीवन क िविभ प को अपने िच फलक पर इ ह ने मुखता से थान
िदया ह। ‘शांित ेम’, ‘बेटी िवदाई’, ‘ ित ा’, ‘चूरी हा रन’, ‘ कित क या’, ‘भोलापन’ आिद भाव इनक कला म
अकसर शािमल रहते थे। इनक िच म ‘तीन प चार आँख’ काफ लोकि य ई।
पं. इ िकशोर िम ‘म क’
बेितया घराने क िस संगीतकार पंिडत िम का ज म 1 जनवरी, 1956 को बेितया क बाजू छपरा गाँव म
आ था। बेितया घराने क गायन शैली को भारतीय ुपद परपरा म उ थान िदलाने म इनक किठन रयाज एवं
रचना मक ितभा का िवशेष योगदान ह। ुपद गाियक क े म उ ेखनीय योगदान क िलए इ ह ‘ वामी
ह रदास स मान’ (बंबई), ‘चंपारण िवभूित’ (मोितहारी), ‘कला सं कित स मान’ लखनऊ, ‘पं. च र म क
पुर कार’ (िबहार सरकार) से स मािनत िकया गया।
ई र चं गु ा
िबहार का नाम चा ुष कला क े म अंतरा ीय तर पर रोशन करनेवाले महा मूितकार ई र चं गु ा का
ज म 1 जून, 1947 को मधुबनी म आ था। धािमक आ यान, आ था से भरपूर टराकोटा मा यम क इनक
मूितिश प ‘सीता क खोज’ को उ र देश लिलत कलाका रणी ने 1965 ई. म पुर कार िदया। 1967 ई. म इिडयन
एकडिमक ऑफ आट अमृतसर एवं 1969 ई. म भारतीय लिलत कला अकादमी, नई िद ी ने पुर कत िकया।
1974 ई. म इनक ितभा को स मान देते ए ि िटश क िसल ने इ ह कॉमनवे थ कॉलरिशप दान क । िमिथला
जनपद क भावपूण लोक-गाथा क पा को टराकोटा मा यम से िचि त करने क कारण पूरी दुिनया म इ ह
िस िमली।
ई री साद वमा
पटना कलम िच शैली क कशल िच कार ई री साद वमा का ज म 1861 ई. म पटना िसटी म आ था।
इनक मुख रचना म हाथीदाँत पर बनाई गई मुखाकित मुख रहती थी। एक से दो इच क गोल हाथीदाँत पर
बनाई गई ये मुखाकित अंगे्रजी मिहला को िवशेष पसंद थी। ये मूलतः पटना कलम शैली क िच कार थे एवं
िस क, हाथी दाँत तथा कागज क िच ांकन करने म िस ह त थे।
कमकम
महा अिभने ी कमकम का ज म 1940 ई. म शेखपुरा िजला म आ था। िफ म म अपना भिव य बनाने
जेबु सा 1952 ई. म बंबई गई एवं िफ म नगरी म अपने नए नाम कमकम क साथ िस हो गई। इनक पहली
िफ म सोहराब मोदी िनदिशत ‘िमजा गािलब’ थी। इस िफ म म दिशत इनक नृ य ने इनको दूसरी िफ म
‘आरपार’ क मुख गीत म नृ य करने का मौका िदया, िजससे इनक पहचान बननी शु हो गई। इनक सवािधक
उ ेखनीय िफ म ‘िम. ऐंड िमसेज 55’, ‘कागज क फल’, ‘ यासा’, ‘आँख’, ‘गीत’, ‘मदर इिडया’ आिद रह ।
1973 ई. म इनक अंितम िफ म ‘जलते बदन’ दिशत ई।
उप महारथी
‘प ी’ उप महारथी का ज म 1908 ई. म उड़ीसा रा य क पुरी िजले म आ था। 1931 ई. म लिलत कला
म थम ेणी िड लोमा ा कर वे िबहार आए। 1956 ई. म िबहार सरकार ने इ ह सहायक िनदेशक, उ ोग क
पद पर रखा। इस दौरान इनक एक पु तक वेणुिश प कािशत ई। लोकिच शैली और ह तिश प को उ ह ने
एक नई िदशा दान क । जनजातीय कला और लोककला क उ थान म उनक योगदान क िलए भारत सरकार ने
1970 ई. म ‘प ी’ से िवभूिषत िकया। 11 फरवरी, 1981 को इनक मृ यु हो गई।
कमुद शमा
कमुद शमा का ज म 1926 ई. म पटना म आ था। पटना कलम और राजा रिव वमा क िच क अनुकित से
इनक कला या ा ारभ होती ह। इनक पहली िच दशनी 1966 ई. म ीधरानी आट गैलरी, नई िद ी म लगाई
गई। इसक बाद इनक िच दशिनय का दशन िद ी एवं बंबई म हर दो-तीन वष पर िकया जाता रहा। ये
र नावली िव ा मंिदर क ाचाया थ । बाल रगमंच, रिडयो नाटक लेखन, बाल नाटक का िनदशन इ ह ने िकया।
क ण कमार क यप
िमिथला पिटग म देवनागरी यािमतीय आकित क टीकाकार ीक ण कमार क यप देश-िवदेश म इसका
िश ण चलाकर इसक याित िव म बढ़ानेवाल म से एक ह। भारतीय िवकास मंच क बैनर तले इनका
िश ण सं थान दरभंगा, सम तीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी क अलावा इटली, ांस तथा िजनेवा म भी चल रहा ह।
िमिथला िच कला पर इनक पाँच पु तक ‘िमिथला िच िश ा’ भाग-1, भाग-2, भाग-3, ‘िमिथला अ रपन’ एवं
‘आखर’ ब त िस ई। िबहार सरकार ने इनक इ छा का स मान करते ए सौराठ (मधुबनी) म िमिथला पिटग
िव िव ालय क थापना क पहल क ह।
गज नारायण िसंह
‘प ी’ पं. गज नारायण िसंह का ज म 10 िसतंबर, 1939 को िबहार क पावन धरती पर आ। इ ह ने
शा ीय संगीत क परपरा से संबंिधत कई पु तक क रचना क , िजनम ‘स क’, ‘ वरगंगा’, ‘िबहार क संगीत
परपरा’ मुख ह। 2007 म इ ह ‘प ी’ तथा 2008 म ‘िबहार र न’ से स मािनत िकया गया।
जगदंबा देवी
जगदंबा देवी का ज म 25 फरवरी, 1901 को मधुबनी िजले म आ। इनक िच क पहली दशनी दस
जनपथ, नई िद ी म आयोिजत क गई। िमिथला लोक शैली म ाकितक रग क सहायता से लोक िच कला
गढ़ना इनक पहचान का कारण ह। लोक िच कला क िलए 1970 ई. म ह तिश प का रा ीय पुर कार इ ह ा
आ। 1975 ई. म ‘प ी’ से िवभूिषत िकया गया। इनका िनधन 8 जुलाई, 1984 को आ।
जयकांत िम
पेशे से इलाहाबाद िव िव ालय म अं ेजी क अ यापक रहते ए भी जयकांत िम ने मैिथली सािह य क िलए
अपना पूण योगदान िदया। मैिथली भाषा से संबंिधत उनक अं ेजी म 6 मौिलक एवं 3 संपािदत पु तक ह। मैिथली
सािह य क यव थत अ ययन क िलए आधार ंथ ‘ए िह टरी ऑफ मैिथली िलटरचर’ इनक ारा 1950 ई. म
िलखी गई। सािह य अकादमी ने 2000 ई. म इ ह ‘भाषा स मान’ से स मािनत िकया।
यार मोहन सहाय
यार मोहर सहाय का ज म 13 मई, 1927 को मुज फरपुर म आ। पटना म इ ह ने पाटिलपु कला मंिदर
सं था बनाई। उ ह ने िद ी आट िथएटर एवं िलिटल िथएटर ुप जैसे सं थान से जुड़कर अिभनय िकया। रा ीय
ना य िव ालय क अंितम स म िकए गए उनक ारा ना य अिभनय क िलए उ ह ‘िकल कर अवाड’ से
स मािनत िकया गया। इ ह ने भोजपुरी िफ म ‘कब होइह गबनमा हमार’, िहदी िफ मी ‘दामुल’ म काय कर अपनी
पहचान बनाई। धारावािहक म ‘पहला पाट’, ‘मैला आँचल’ इनक ारा अिभनीत मुख धारावािहक ह।
महासुंदरी देवी
िमिथला लोकिच को िव िस बनानेवाल म एक नाम महासुंदरी देवी का ज म 16 अ ैल, 1922 को
मधुबनी िजले म आ। धागे को काले रग म िभगोकर कागज पर खाका बनाना एवं धागा एक बार अँगुिलय क
सीधी पकड़ से कागज पर िगराने से अ ुत कलाकित ज म लेती ह। ये कोहबर लेखन म िनपुण ह। मधुबनी टशन
क दीवार पर, जयंती जनता ए स ेस क िड ब पर, िद ी क रा यसभा प रसर म िमिथला िच शैली का िनमाण
इ ह ने िकया। 1982 ई. म भारत सरकार ने इ ह रा ीय पुर कार से स मािनत िकया। 2007 ई. म िबहार सरकार क
ारा ‘कला िवभूित स मान’, भारत सरकार क ारा 2008 ई. म ‘गु स मान’ तथा 2011 ई. म ‘प ी’
स मान से स मािनत िकया गया।
भावती देवी
लोकनायक जय काश नारायण क अधािगनी क प म सुप रिचत भावती देवी अपने वतं सश य व
से भी धनी ह। शादी क बाद जय काश नारायण क उ िश ा हतु अमे रका जाने क दौरान ये गांधीजी क सा य
म साबरमती आ म आ गई। वतं ता आंदोलन म अिश ा, बाल िववाह एवं परदा था का िवरोध कर नारी समाज
को जा करने का काम इ ह ने क तूरबा गांधी क साथ रहकर िकया। दहज क िखलाफ सि य भागीदारी िनभाते
ए उ ह ने 600 से अिधक शािदयाँ बगैर दहज क करवाई। कसर का रोग होने क कारण उनका देहावसान 15
अ ैल, 1973 को हो गया।
यशोदा देवी
िमिथला लोकिच शैली क यात कलाकार ीमती यशोदा देवी का ज म 2 जनवरी, 1944 को मधुबनी िजले
म आ था। इ ह 1982-83 म ‘रा य पुर कार’, 1983 ई. म ‘िच गु स मान’ तथा 1987 ई. म ‘िव ापित
पुर कार’ िमला। ये िबहार रा य लिलत कला अकादमी क सद य भी रह । िबहार िश ा प रयोजना ारा
आयोिजत मधुबनी पिटग, मिहला िश ण िशिवर म इ ह ने िशि का का काय िकया। 3 नवंबर, 2007 को बीमारी
क अव था म इनक मौत हो गई।
योग िम
डॉ. योग िम िबहार क पावन भूिम वैशाली म ज म लेकर भारतीय इितहास लेखन म रा य क पहचान
बढ़ानेवाले एक अिव मरणीय इितहासकार ह। डॉ. िम पटना िव िव ालय क असाधारण छा , अ तीय
िश क और िविश िवभागा य रह। उनक ारा लगभग 30 पु तक, 50 शोध-प , 27 जीविनयाँ, लगभग 100
रिडयो वाताएँ एवं िविभ प -पि का म लगभग 60 इितहास-िवषयक लेख कािशत िकए गए ह। उनक
मह वपूण पु तक म ‘अशोक’, ‘द िहदूशाहीज ऑफ अफगािन तान ऐंड पंजाब’, ‘यूिनविसटी ऑफ ओदंतपुरी’,
‘िह टरी ऑफ िवदेह’, ‘वैशाली ऐंड इ स रमस’, ‘ ेतपुर क खोज’ आिद मुख ह।
रामशरण शमा
िबहार क इस महा इितहासकार का ज म 26 नवंबर, 1919 को बेगूसराय िजले क बरौनी लैग म आ था।
1958 ई. म ये पटना िव िव ालय म इितहास िवभाग क अ य बने। 1973 ई. म िद ी िव िव ालय म
इितहास क ोफसर और िवभागा य बने। इनक िस रचना म ‘शू का ाचीन इितहास’, ‘िव इितहास
क भूिमका’, ‘ ारिभक भारत का प रचय’, ‘भारत क ाचीन नगर का पतन’, ‘ ाचीन भारत म राजनीितक िवचार
एवं सं थाएँ’, ‘भारतीय सामंतवाद’ आिद मुख ह। इनका इितहास लेखन पुराकथा, पुरात व, नृत व िव ान,
राजनीित िव ान एवं अथशा क अ ुत संयोग से समािहत रहता था। 20 अग त, 2011 को इनका िनधन हो
गया।
डॉ. विश नारायण िसंह
डॉ. विश नारायण िसंह का ज म भोजपुर िजले क बसंतपुर गाँव म आ था। 1962 ई. म इ ह ने नेतरहाट
आवासीय िव ालय से िश ा हण कर मैि क क परी ा म पूर िबहार म थम थान ा िकया। पटना साइस
कॉलेज म पढ़ने क म म वहाँ क ाचाय पी. नग क ारा इनक ितभा को देखते ए 1964 ई. म इनक िलए
एक िवशेष परी ा आयोिजत करवाई गई। इ ह मा 2 वष म गिणत म ातक क िड ी दान क गई। उन िदन
यूिनविसटी ऑफ किलफोिनया क िस गिणत ो. जॉन एल. कली क पटना आने क म म इनक मुलाकात
उनसे ई। इनसे भािवत होकर ो. कली इ ह अमे रका ले गए। 1969 ई. म उ ह ने वहाँ पर पी-एच.डी. ा
क । उनका यह शोध पैसेिफक जनल ऑफ मैथेमेिट स क वॉ यूम 52, सं या 2, वष 1974 म संकिलत ह। इ ह ने
‘अपोलो अिभयान’ क दौरान नासा क िलए भी काम िकया, बाद म भारत आकर उ ह ने इिडयन टिट टकल
इ टी यूट, कलक ा, आई.आई.टी. कानपुर तथा टाटा इ टी यूट ऑफ फडामटल रसच, बंबई क िलए काम
िकया। बाद म ये मनोरोग से िसत हो गए।
िव नाथ साद शाहाबादी
िव नाथ साद शाहाबादी का ज म आरा िजले म 24 जनवरी, 1912 को आ था। 1962 ई. म पहली ेत-
याम भोजपुरी िफ म ‘गंगा मइया तोह िपयरी चढ़इबो’ क िनमाण से उ ह भोजपुरी िसनेमा क जनक क प म
जाना जाता ह। उनक मह वपूण िफ म म ‘सोलहो िसंगार कर दु हिनया’ (भोजपुरी), ‘ ठा न करो’, ‘गंगाधाम’,
‘गीतगंगा’, ‘ससुराल’, ‘तुलसी और घर जमाई’ (सभी िहदी) शािमल ह। 13 जुलाई, 2000 को इनक मृ यु हो गई।
िव बंधु
िव बंधु का ज म 23 नवंबर, 1930 को दानापुर म आ था। उ ह ने िबहार सिहत भारत क संपूण ांत क
लोकनृ य , लोकसं कित, लोकगाथा एवं लोकपरपरा का गहन अ ययन िकया। वे कछ समय तक भारतीय
जन ना य संघ (इ टा), पटना क मु य नतक क प म सि य रह। इ टा क अंतगत उ ह ने भोजपुरी स यता का
िवकास िवषय क 17 गीत पर लोकनृ य का िनदशन िकया। इनक ारा सृिजत नृ य नािटका म ‘मेघ म हार’,
‘अगहन क भोर’, ‘िहरण-िहरणी’, ‘ये भारत क गाँव’, ‘सामा-चकवा’ आिद मुख ह।
शाह अजीमाबादी
उदू शायरी म िबहार क नाम रोशन करनेवाले शाह अजीमाबादी का ज म 1846 ई. म पटना म आ था। उ ह ने
8 वष क उ से ही शायरी करनी शु कर दी थी। उनक शायरी को उदू क कालजयी शायरी क फह र त म
रखा जाता ह। ये गजल लेखन क अलावा उदू क एक खास िवधा मरिसया िनगारी म भी सि य रह। इनक मृ यु
1927 ई. म हो गई।
शोभना नारायण
‘संगीत नाटक एकडमी अवाड’, ‘प ी’, ‘इिदरा ि यदिशनी अवाड’, ‘राजीव मृित पुर कार’ सिहत कई
पुर कार से स मािनत शोभना नारायण िबहार क ितभाशाली कलाकार म से एक ह। 1968 से 1974 ई. क
दौरान उ ह ने िद ी िव िव ालय से भौितकशा से ातक तथा पो ट गे्रजुएशन क िड ी ा क । उसक
बाद वे िसिवल सिवस म आ गई। नृ य क शैली पर उ ह ने दजन िकताब िलख । वे बेहद सफल शासक,
िव यात कथक डांसर, एक आदश प नी एवं एक ेहमयी माँ क प म दुिनया क सामने सदा तुत रही ह।
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12. िश ा, वा य एवं खेल-कद
(Education, Health and Sports)
िश ा एवं िश ण सं थान
मुख सं हालय
वा य
खेल-कद
िबहार रा य खेल ािधकरण
िश ा एवं िश ण सं थान
ाचीन काल से ही िबहार िश ा का मुख क रहा ह। नालंदा िव िव ालय एवं िव मिशला िव िव ालय
यहाँ क मुख ाचीन िश ा क अंतरा ीय क थे। वतमान समय म िबहार 2011 क जनगणना क अनुसार कल
61.8 ितशत सा रता क साथ रा य म अंितम थान पर ह, िजसम पु ष सा रता दर 71.2 ितशत तथा मिहला
सा रता दर 51.5 ितशत ह। 2001 एवं 2011 क बीच िबहार म सा रता दर म 17.9 ितशत क वृ ई,
जबिक इस दौरान पूर देश म यह वृ 10.9 ितशत ई। िबहार म कल 51280 ाथिमक िव ालय, 28563
म य िव ालय एवं 2938 मा यिमक िव ालय ह। वतमान म कल 17 िव िव ालय, 262 अंगीभूत महािव ालय
तथा 217 संब महािव ालय ह।
िवगत 5 वष म िबहार सरकार ारा कल 18457 नए ाथिमक िव ालय खोले गए ह। ाथिमक एवं
मा यिमक िव ालय म िश क का िनयोजन िकया गया ह। िश क क िनयोजन क फल व प वतमान म
ाथिमक िव ालय म छा -िश क अनुपात 58:1 हो गया ह। रा य सरकार क हर ाम पंचायत म एक उ
मा यिमक िव ालय खोलने क योजना ह। अभी तक 1292 ऐसे िव ालय खोले जा चुक ह। वग 1 से 8 तक सभी
छा ा तथा अनुसूिचत जाित, जनजाित क सभी छा को ितवष िनःशु क पा य-पु तक दी जा रही ह। 6 से 14
वष क उ क ब को िश ा से जोड़ने क िलए ‘संक प अिभयान’ क शु आत क गई ह। मु लम ब क
िलए तािलमी मरकज एवं महादिलत ब क िलए उ थान क क शु आत िव ालय से बाहर ब को िश ा से
जोड़ने क िलए क गई ह। मु यमं ी सम िव ालय िवकास योजना क अंतगत 40,000 कमर तथा 20,000 खेल
मैदान का िनमाण िकया गया ह।
BSEDC क मदद से म य िव ालय म क यूटर क यव था क गई ह। िव ालय म मीना मंच का गठन
बािलका सश ीकरण क िलए िकया गया ह। मु यमं ी िबहार दशन योजना क मदद से म य िव ालय क ब
को िबहार घूमने का मौका िमल रहा ह। अ पसं यक समूह क बािलका को सात ड म यावसाियक िश ण
NIOS क सहयोग से नर काय म क अंतगत िदया जा रहा ह। इस योजना म ित बािलका टल िकट खरीदने क
िलए औजार योजना क शु आत क गई ह, िजसम 2500 पए ित बािलका देने का ावधान िकया गया ह।
सीमावत 31 खंड म बािलका िश ा को बढ़ावा देने क िलए ान योित यावसाियक िश ण काय म ारभ
िकया गया ह। मु यमं ी बािलका पोशाक योजना क अंतगत क ा 6 से 8 तक क छा ा को 700 पए तथा
क ा 3 से 5 तक क छा -छा ा को 500 पए ितवष क दर से उपल ध कराया जा रहा ह। मु यमं ी
बािलका एवं बालक साइिकल योजना क अंतगत क ा 9 म अ ययनरत ब को ित िव ाथ 2500 पए क
रािश उपल ध कराई जा रही ह।
हर साल 11 नवंबर को भारत क थम िश ामं ी व. मौलाना अबुल कलाम आजाद क ज मिदन पर िबहार म
िश ा िदवस मनाया जाता ह। नेतरहाट िव ालय क तज पर िसमुलतला (जमुई िजला) म एक आवासीय िव ालय
क थापना क गई ह। चाण य रा ीय िविध िव िव ालय एवं अिखल भारतीय तकनीक िश ा प रष ारा
चं गु बंध सं थान क थापना क गई ह। रा य क सम त इजीिनय रग कॉलेज को आयभ ान
िव िव ालय से जोड़ा गया ह। क सरकार क ारा पटना म आई.आई.टी., ए स क थापना क गई ह।
औपचा रक िश ा क िव तार एवं िवकास हतु 1991 ई. म िबहार िश ा प रयोजना प रष क थापना क गई
ह, इसम यूिनसेफ, क सरकार एवं रा य सरकार मशः 3:2:1 क अनुपात म धन उपल ध कराते ह। रा य म
सेकडरी कल का परी ा संचालन िबहार िव ालय परी ा सिमित तथा इटर तरीय कॉलेज एवं कल क िलए
िबहार इटरमीिडएट िश ा प रष कर रहा ह।
िबहार म सा रता दर को बढ़ाने क िलए वतं ता क पूव से ही यास िकए जा रह ह। सव थम मौलाना
मजह ल हक ने मु त एवं अिनवाय ाथिमक िश ा क वकालत क । 1937 ई. म ीक ण िसंह क नेतृ व म बनी
कां ेस सरकार ारा िनर रता उ मूलन काय म ारभ िकया गया। सा रता दर को बढ़ाने क िलए क सरकार
ारा 2 अ ूबर, 1978 से ौढ़ िश ा काय म (NAEP) ारभ िकया गया, िजसका मु य उ े य 15-35 आयु
वग क य य को सा र बनाना था। िबहार म भी इस काय म को 1978 से ही लागू िकया गया। इस काय म
का उ े य भी ौढ़ िश ा को बढ़ावा देना ह। रा य म 1988 ई. से क क सहयोग से सा रता िमशन ारभ िकया
गया। सव थम इस काय म का ारभ मुज फरपुर से िकया गया था। वतमान समय म यह रा य क सभी िजल म
लागू ह। रा ीय सा रता िमशन (National Literacy Mission) क अंतगत ि तरीय काय म चलाया गया ह,
िजसम कल सा रता अिभयान (TLC), सा रता प ा काय म (PLP) तथा िनरतर िश ा काय म (CEP)
शािमल ह। कल सा रता अिभयान का ारभ 1991 ई. म मधेपुरा से िकया गया था। रा ीय सा रता िमशन क
तज पर ही रा य सरकार ारा मु यमं ी सा रता काय म (MSK) ारभ िकया गया ह, िजसका मु य उ े य
सा र ब को तकनीक िश ण देकर उनम कौशल िवकास करना ह।
िव ालय म मीना मंच का गठन बािलका सश ीकरण क िलए िकया गया ह। मु यमं ी िबहार दशन
योजना क मदद से म य िव ालय क ब को िबहार घूमने का मौका िमल रहा ह।
रा य म कली िश ा को बढ़ावा देने क िलए दूर थ िश ा काय म का िव तार िकया जा रहा ह। इसी उ े य
को पूरा करने क िलए रा य सरकार ने फरवरी, 2011 म िबहार मु िव ालयी एवं िश ण परी ा बोड (BBOSS)
का गठन िकया ह। इसक ारा वैसे छा -छा ाएँ, जो सामािजक-आिथक ि कोण से िपछड़ ह और िव ालय म
नामांकन कराने म असमथ ह, क िलए 12व क ा तक क दूर थ िश ा क मा यम से िश ा उपल ध कराए जा
रह ह। इस बोड क तहत कौशल िवकास से संबंिधत अनेक पा य म चलाए जा रह ह।
येक य तक िश ा क प च हो, इसक िलए 2002 ई. म क सरकार ारा संिवधान म 86वाँ संशोधन
कर िश ा को मौिलक अिधकार म शािमल िकया गया ह। यह अिधकार संिवधान क अनु छद-21 (A) म शािमल
िकया गया ह, िजसक अनुसार रा य को 6 से 14 साल तक क सभी ब को िनःशु क तथा अिनवाय िश ा
उपल ध करानी होगी। अनु छद-45 म जोड़ा गया ह िक रा य को तब तक सभी ब क शु आती देखभाल और
िश ा क यव था करने क िलए यास करना होगा, जब तक वह 6 साल क आयु का नह हो जाता ह। मौिलक
अिधकार म िश ा को शािमल करने क साथ-साथ मौिलक कत य म भी संशोधन करते ए अनु छद-51 (A) म
जोड़ा गया ह िक 6 साल से 14 साल तक क आयु क ब े क माता-िपता या अिभभावक अथवा संर क को
अपने ब े को िश ा िदलाने क िलए अवसर उपल ध कराने का ावधान ह। रा य म सा रता दर म कमी का
एक मुख कारण छीजन दर (Drop out rate) का अिधक होना ह। रा ीय तर पर क ा 1 से 8 क बीच सकल
नामांकन दर (Gross Enrolment Ratio—GER) िबहार म सबसे कम ह। नामांकन दर कम होने क साथ-साथ
छीजन दर भी रा य म अिधक ह। ाथिमक िव ालय म यह 51 ितशत ह, जबिक अिखल भारतीय तर पर मा
29 ितशत ह। छीजन दर कम होने का मुख कारण िव ालय म आधारभूत संरचना क कमी रही ह। य िप
िपछले कछ वष म भौितक सुिवधा , जैसे—भवन िनमाण, बच-ड क आिद क उपल धता पर िवशेष बल िदया
गया ह। दूसरा कारण, ाथिमक िव ालय म शैि क काय क अित र अ य काय क भी अिधकता रहती ह।
येक य तक िश ा क प च हो, इसक िलए 2002 ई. म क सरकार ारा संिवधान म 86वाँ
संशोधन कर िश ा को मौिलक अिधकार म शािमल िकया गया ह। यह अिधकार संिवधान क
अनु छद-21 (A) म शािमल िकया गया ह,
8 िसतंबर, 2009 को क सरकार ारा सा र भारत अिभयान ारभ िकया गया ह। यह मूलतः रा ीय सा रता
िमशन का प रवितत प ह। इस योजना क तहत क सरकार कल यय का 75 ितशत एवं रा य सरकार 25
ितशत यय करती ह। इस योजना का मूल उ े य 15 वष क ऊपर क िनर र को सा र बनाना एवं मिहला
क सा रता को बढ़ाना ह। वतमान समय म सा र भारत अिभयान (MHRD) म सा रता दर बढ़ाने क साथ-साथ
िविधक सा रता, िडिजटल सा रता तथा िव ीय सा रता आिद को भी जोड़ा गया ह। यह देश क 410 िजल म
चलाया जा रहा ह, जहाँ मिहला क सा रता दर 50 ितशत से कम ह। इस अिभयान क तहत 16 वष से
अिधक आयु वग क लोग को सा र बनाया जाता ह। इसक अंतगत अ र ान क साथ-साथ िश ा का अिधकार,
भू्रण ह या रोकने संबंधी कानून, दहज िवरोधी कानून, घरलू िहसा क िखलाफ कानून आिद क भी जानकारी दी
जाती ह। चुनाव आयोग क सहयोग से मतािधकार संबंधी जानका रयाँ दान क जा रही ह। 25 जनवरी, 2011 से
ितवष मतदान िदवस मनाया जाता ह। मतदान िदवस का आधार वा य ‘Proud to be a voter — Ready to Vote’
ह। इस अिभयान क तहत िडिजटल सा रता को बढ़ावा देने क िलए सावजिनक े क कपिनय क सहयोग से
1000 मॉडल क थािपत िकए जा रह ह, िजनम 50 घंट का क यूटर िश ण िदया जा रहा ह। िव ीय सा रता
को भी सा र भारत अिभयान का अंग बनाया गया ह। इसक िलए टट बक ऑफ इिडया क सहयोग से एक
पा य म का िनमाण िकया गया ह, िजसम बिकग, बीमा, पशन योजना आिद से संबंिधत जानका रयाँ दान क
जाती ह। िबहार म सा र भारत अिभयान क शु आत 2010 ई. से भोजपुर, खगिड़या और बेगूसराय िजले से क
गई थी। 2011 ई. म इसे पूर रा य म लागू कर िदया गया ह।
मिहला सा रता को बढ़ाने क िलए िसतंबर, 2009 से ही अ र आँचल योजना ारभ क गई ह। इसक अंतगत
वय क िश ा क क थापना क गई ह। रा य संपोिषत महादिलत, अ पसं यक एवं अित िपछड़ा वग अ र
आँचल योजना सामािजक, शैि क एवं आिथक उ यन क िलए चलाया जा रहा एक िवशेष अिभयान ह। इस
योजना क तहत महादिलत, िपछड़ा वग एवं अ पसं यक ब तय म उ थान क एवं तालीमी मरकज क थापना
क गई ह। इनम टोला सेवक िनयु िकए गए ह।
इन यास क बावजूद ारभ से 2011 ई. क जनगणना तक िबहार देश का सबसे कम सा रता दरवाला रा य
ह।
िव िव ालय
. सं. : 1
िव िव ालय का नाम : पटना िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1917 ई.
. सं. : 2
िव िव ालय का नाम : बी.आर. अंबेडकर िबहार िव िव ालय, मुज फरपुर
थापना वष : 1952 ई.
. सं. : 3
िव िव ालय का नाम : ितलकामाँझी िव िव ालय, भागलपुर
थापना वष : 1960 ई.
. सं. : 4
िव िव ालय का नाम : क.एस.डी.एस. सं कत िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1961 ई.
. सं. : 5
िव िव ालय का नाम : मगध िव िव ालय, बोधगया
थापना वष : 1962 ई.
. सं. : 6
िव िव ालय का नाम : राज किष िव िव ालय, पूसा, सम तीपुर
थापना वष : 1970 ई.
. सं. : 7
िव िव ालय का नाम : लिलत नारायण िमिथला िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1972 ई.
. सं. : 8
िव िव ालय का नाम : नालंदा खुला िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1987 ई.
. सं. : 9
िव िव ालय का नाम : वीर कवर िसंह िव िव ालय, आरा
थापना वष : 1990 ई.
. सं. : 10
िव िव ालय का नाम : भूप नारायण मंडल िव िव ालय, मधेपुरा
थापना वष : 1990 ई.
. सं. : 11
िव िव ालय का नाम : जय काश नारायण िव िव ालय, छपरा
थापना वष : 1990 ई.
. सं. : 12
िव िव ालय का नाम : मौलाना मज ल हक अरबी-फारसी िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1998 ई.
. सं. : 13
िव िव ालय का नाम : िबहार किष िव िव ालय, सबौर
थापना वष : 2004 ई.
. सं. : 14
िव िव ालय का नाम : क ीय िबहार िव िव ालय, गया
थापना वष : 2005 ई.
. सं. : 15
िव िव ालय का नाम : चाण य रा ीय िविध िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2007 ई.
. सं. : 16
िव िव ालय का नाम : आयभ तकनीक िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2009 ई.
. सं. : 17
िव िव ालय का नाम : नालंदा अंतरा ीय िव िव ालय, नालंदा
थापना वष : 2009 ई.
इसक अलावा िबहार म दो डी ड िव िव ालय िबहार योगा भारती, मुंगेर, नव नालंदा महािवहार, नालंदा भी
थत ह। नए थािपत िव िव ालय, जो अभी िनमाणाधीन ह, म िबहार क ीय िव िव ालय, मोितहारी, अलीगढ़
मु लम िव िव ालय क शाखा, िकशनगंज शािमल ह।
मेिडकल कॉलेज
.सं. : 1
मेिडकल कॉलेज का नाम : पटना मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1925 ई.
.सं. : 2
मेिडकल कॉलेज का नाम : मेिडकल कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 1947 ई.
.सं. : 3
मेिडकल कॉलेज का नाम : ए.एन. मगध मेिडकल कॉलेज, गया
थापना वष : 1969 ई.
.सं. : 4
मेिडकल कॉलेज का नाम : नालंदा मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1969 ई.
.सं. : 5
मेिडकल कॉलेज का नाम : एस.क. मेिडकल कॉलेज, मुज फरपुर
थापना वष : 1971 ई.
.सं. : 6
मेिडकल कॉलेज का नाम : जवाहरलाल नेह मेिडकल कॉलेज, भागलपुर
थापना वष : 1971 ई.
.सं. : 7
मेिडकल कॉलेज का नाम : इिदरा गांधी आयुवद सं थान, पटना
थापना वष : 1983 ई.
.सं. : 8
मेिडकल कॉलेज का नाम : जननायक कपूरी ठाकर मेिडकल कॉलेज, मधेपुरा
थापना वष : 2000 ई.
.सं. : 9
मेिडकल कॉलेज का नाम : राजक य िचिक सा महािव ालय, बेितया
थापना वष : 2009 ई.
.सं. : 10
मेिडकल कॉलेज का नाम : अिखल भारतीय िचिक सा िव ान सं थान, पटना
थापना वष : 2012 ई.
इसक अलावा िबहार म दो िनजी मेिडकल कॉलेज माता गुजरी मेमो रयल मेिडकल कॉलेज, िकशनगंज ( थापना
वष 2003 ई.), किटहार मेिडकल कॉलेज, किटहार ( थापना वष 2001 ई.), बु ा डटल कॉलेज, ककड़बाग,
पटना थत ह। िबहार म डटल कॉलेज म पटना डटल कॉलेज, पटना ( थापना वष 1974 ई.) तथा दरभंगा डटल
कॉलेज, दरभंगा ( थापना वष 1990 ई.) शािमल ह। पशु िचिक सा कॉलेज म फक टी ऑफ वेरनरी साइस एवं
एिनमल हसब ी सम तीपुर तथा वेरनरी कॉलेज, पटना शािमल ह। तािवत मेिडकल कॉलेज म राज साद
मेिडकल कॉलेज, सारण का िनमाण जारी ह।
मिहला सा रता को बढ़ाने क िलए िसतंबर, 2009 ई. से ही अ र आँचल योजना ारभ क गई ह।
इसक अंतगत वय क िश ा क क थापना क गई ह।
िबहार म आयुविदक कॉलेज म यत नारायण अ ांग आयुविदक कॉलेज, भागलपुर, राजक य अयो या
िशवकमारी आयुविदक कॉलेज, बेगूसराय, राजक य ित बती-यूनानी िचिक सा महािव ालय, कदमकआँ, पटना,
आयुविदक कॉलेज, मधुबनी, महारानी रामे री आयुविदक कॉलेज, दरभंगा, व मान महावीर आयुिव ान
सं थान, पावापुरी, आयुविदक कॉलेज, मोितहारी, राजक य आयुविदक िचिक सा महािव ालय, कदमकआँ, पटना
शािमल ह।
इजीिनय रग कॉलेज
.सं. : 1
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : फक टी ऑफ ए ीक चर इजीिनय रग, पूसा
थापना वष : 1905 ई.
.सं. : 2
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 3
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबड़ला इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 2006 ई.
.सं. : 4
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : मुज फरपुर इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, मुज फरपुर
थापना वष : 1954 ई.
.सं. : 5
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : भागलपुर कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, सबौर, भागलपुर
थापना वष : 1960 ई.
.सं. : 6
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : लोकनायक जय काश नारायण इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, छपरा
थापना वष : 2012 ई.
.सं. : 7
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, पटना िजसे 2004 ई. म नेशनल इ टी यूट
ऑफ ट ोलॉजी, पटना का दजा िमला
थापना वष : 1886 ई.
.सं. : 8
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार इ टी यूट ऑफ िस क ऐंड ट सटाइल, नाथ नगर, भागलपुर
थापना वष : 1994 ई.
.सं. : 9
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : संजय गांधी इ टी यूट ऑफ डयरी साइस ऐंड ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 1982 ई.
.सं. : 10
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : दरभंगा इजीिनय रग कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 11
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : नालंदा इजीिनय रग कॉलेज, नालंदा
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 12
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : गया इजीिनय रग कॉलेज, गया
थापना वष : 2008 ई.
इसक अलावा िबहार म कछ िनजी इजीिनय रग कॉलेज भी ह, िजनम मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ इजीिनय रग
ऐंड ट ोलॉजी, पटना, आर.पी. शमा इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना, वीमेन इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी,
दरभंगा, िमिलया इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पूिणया शािमल ह।
बंधन सं थान
.सं. : 1
सं थान का नाम : एल.एन. िम ा कॉलेज ऑफ िबजनेस मैनेजमट, मुज फरपुर
थापना वष : 1973 ई.
.सं. : 2
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम ा इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक डवलपमट ऐंड सोशल चज, पटना
थापना वष : 1973 ई.
.सं. : 3
सं थान का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ िबजनेस मैनेजमट, पटना
थापना वष : 1980 ई.
.सं. : 4
सं थान का नाम : चं गु बंध सं थान, पटना
थापना वष : 2008 ई.
.सं. : 5
सं थान का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ मैनेजमट, गया
थापना वष : 2015 ई.
िविध महािव ालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : टी.एन.बी. कॉलेज
थान : भागलपुर
.सं. : 2
सं थान का नाम : एस.क.जे. लॉ कॉलेज
थान : मुज फरपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : ए.एम. कॉलेज
थान : गया
.सं. : 4
सं थान का नाम : महाराजा लॉ कॉलेज
थान : आरा
.सं. : 5
सं थान का नाम : पटना लॉ कॉलेज
थान : पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िवदेह लॉ कॉलेज
थान : मधुबनी
.सं. : 7
सं थान का नाम : लॉ कॉलेज
थान : सम तीपुर
.सं. : 8
सं थान का नाम : िशवानंद मंडल कॉलेज
थान : मधेपुरा
.सं. : 9
सं थान का नाम : एम.एस. कॉलेज
थान : मोितहारी
किष महािव ालय एवं अनुसंधान क
.सं. : 1
सं थान का नाम : ितर त कॉलेज ऑफ ए ीक चर
थान : मुज फरपुर
.सं. : 2
सं थान का नाम : क ीय आलू अनुसंधान क
थान : पटना
.सं. : 3
सं थान का नाम : भारतीय किष अनुसंधान प रष (पूव े ीय मु यालय)
थान : पटना
.सं. : 4
सं थान का नाम : लीची अनुसंधान क
थान : मुसहरी,
.सं. :
सं थान का नाम :
थान : मुज फरपुर
.सं. : 5
सं थान का नाम : दलहन अनुसंधान क
थान : मोकामा
.सं. : 6
सं थान का नाम : म ा अनुसंधान क
थान : बेगूसराय
.सं. : 7
सं थान का नाम : जल बंधन अनुसंधान क
थान : पटना
.सं. : 8
सं थान का नाम : आलू अनुसंधान सं थान
थान : नालंदा
इसक अलावा िबहार म किष यं ीकरण अनुसंधान क , पान अनुसंधान क तथा मखाना अनुसंधान क क
थापना का भी ताव ह।
अ य िश ण सं थाएँ
.सं. : 1
सं थान का नाम : गवनमट कॉलेज ऑफ आट ऐंड ा ट
थान : पटना
.सं. : 2
सं थान का नाम : फक टी ऑफ फाइन आ स ऐंड ा ट
थान : भागलपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : नव नालंदा महािवहार
थान : नालंदा
.सं. : 4
सं थान का नाम : टी.वी. िडमॉ शन ऐंड टरिनंग सटर
थान : पटना
.सं. : 5
सं थान का नाम : राज मेमो रयल रसच इ टी यूट
थान : कदमकआँ, पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िबहार शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 7
सं थान का नाम : क.पी. जायसवाल शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 8
सं थान का नाम : डॉ. ए.एन. िस हा शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 9
सं थान का नाम : िच एवं मूितकला िव ालय
थान : पटना
.सं. : 10
सं थान का नाम : ए.एन. िस हा समाज अ ययन सं थान
थान : पटना
.सं. : 11
सं थान का नाम : मदरसा इ लािमक शमशुल दा
थान : पटना
.सं. : 12
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक ुप ऐंड सोशल चज
थान : पटना
.सं. : 13
सं थान का नाम : म दार िव ापीठ
थान : भागलपुर
.सं. : 14
सं थान का नाम : मूक-बिधर िव ालय
थान : पटना
.सं. : 15
सं थान का नाम : सं कत िव ापीठ
थान : पटना
.सं. : 16
सं थान का नाम : ने हीन छा िव ालय
थान : भागलपुर
.सं. : 17
सं थान का नाम : पटना ने हीन िव ालय
थान : कदमकआँ, पटना
.सं. : 18
सं थान का नाम : जेिवयर फायर से ट अकादमी, एसकपुरी
थान : पटना
.सं. : 19
सं थान का नाम : बािलका िव ापीठ
थान : लखीसराय
.सं. : 20
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
.सं. : 21
सं थान का नाम : दरभंगा रसच इ टी यूट
थान : दरभंगा
.सं. : 22
सं थान का नाम : किष अनुसंधान क
थान : मीठापुर, पटना
.सं. : 23
सं थान का नाम : राजक य संयु खा एवं औषिध योगशाला
थान : पटना
.सं. : 24
सं थान का नाम : फल अनुसंधान सं थान
थान : सबौर
.सं. : 25
सं थान का नाम : स ल यूल रसच इ टी यूट
थान : पटना
.सं. : 26
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
मुख पु तकालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : ीनंदन पु तकालय, छपरा
थापना वष : 1935 ई.
.सं. : 2
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, सहरसा
थापना वष : 1954 ई.
.सं. : 3
सं थान का नाम : भगवान पु तकालय, भागलपुर
थापना वष : 1913 ई.
.सं. : 4
सं थान का नाम : खुदाब श लाइ ेरी (द पटना ओ रएंटल प लक लाइ ेरी), पटना
थापना वष : 1891 ई.
.सं. : 5
सं थान का नाम : प लक लाइ ेरी, पूिणया
थापना वष : 1952 ई.
.सं. : 6
सं थान का नाम : ल मी र प लक लाइ ेरी, दरभंगा
थापना वष : 1919 ई.
.सं. : 7
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, गया
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 8
सं थान का नाम : गोपाल नारायण पु तकालय, पटना
थापना वष : 1912 ई.
.सं. : 9
सं थान का नाम : ेट प लक लाइ ेरी, पटना
थापना वष : 1916 ई.
.सं. : 10
सं थान का नाम : ी शारदा सदन पु तकाल, लालगंज, वैशाली
थापना वष : 1914 ई.
.सं. : 11
सं थान का नाम : महत रामशरण दास पु तकालय, सम तीपुर
थापना वष : 1939 ई.
.सं. : 12
सं थान का नाम : ी िहदी पु तकालय, सोहसराय, नालंदा
थापना वष : 1924 ई.
.सं. : 13
सं थान का नाम : ान िनकतन पु तकालय, सीतामढ़ी
थापना वष : 1946 ई.
.सं. : 14
सं थान का नाम : भावती पु तकालय, पटना
थापना वष : 1973 ई.
.सं. : 15
सं थान का नाम : ीमती रािधका िस हा सं थान व सि दानंद िस हा लाइ ेरी, पटना
थापना वष : 1924 ई.
मुख शै िणक/शोध सं थान
.सं. : 1
सं थान का नाम : िबहार उदू अकादमी, पटना
थापना वष : 1975 ई.
.सं. : 2
सं थान का नाम : कला भवन, पूिणया
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 3
सं थान का नाम : ाकत जैनशा शोध सं थान, वैशाली
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 4
सं थान का नाम : अरिबक ऐंड पिशयन रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 5
सं थान का नाम : िमिथला सं कत िव ापीठ, दरभंगा
थापना वष : 1951 ई.
.सं. : 6
सं थान का नाम : काशी साद जायसवाल रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1950 ई.
.सं. : 7
सं थान का नाम : िबहार रा भाषा प रष , पटना
थापना वष : 1950 ई.
.सं. : 8
सं थान का नाम : मैिथली सािह य प रष
थापना वष : 1939 ई.
.सं. : 9
सं थान का नाम : िबहार िहदी सािह य स मेलन, पटना
थापना वष : 1919 ई.
.सं. : 10
सं थान का नाम : िबहार रसच सोसाइटी, पटना
थापना वष : 1915 ई.
.सं. : 11
सं थान का नाम : रसच इ टी यूट ऑफ ाकत जेनेलॉजी ऐंड एिह शा, वैशाली
थापना वष : 1955 ई.
.सं. : 12
सं थान का नाम : संजय गांधी डयरी ट ोलॉजी सं थान, पटना
थापना वष : 1980 ई.
इसक अलावा रा य म राजक य पॉिलट क, बरौनी, भागलपुर, मढौरा (सारण), दरभंगा, गया, गोपालगंज,
मुज फरपुर, पटना, पूिणया, सहरसा थत ह। राजक य मिहला पॉिलट क, पटना म तथा यू गवनमट
पॉिलट क, पाटिलपु कॉलोनी, पटना म थत ह। रा य म
आई.टी.आई. दीघा (पटना), भागलपुर, नवादा, मुज फरपुर, सारण, मोितहारी, दरभंगा, सुपौल, किटहार, हाजीपुर,
गया, डहरीओनसोन, ब सर, सीतामढ़ी, हथुआ, बेितया, घोघरडीहा, वीरपुर, बेगूसराय, फारिबसगंज म थत ह,
जबिक मिहला आई.टी.आई. सीवान, आरा, दरभंगा, दीघा (पटना), मुज फरपुर, मोितहारी म थत ह।
मुख सं हालय
सं हालय मा सां कितक धरोहर क भंडार नह होते ह, ब क मानिसक पुनिनमाण का काय भी करते ह। ये
एक ऐसे जीवंत क ह, जहाँ से सां कितक मागदशन ा कर, उनका स ा अथ समझकर अपने नए जीवन म
सदुपयोग िकया जा सकता ह। भारत म सं हालय क शु आत 1814 ई. म इिडया यूिजयम, कलक ा क थापना
क साथ ई। िबहार म सं हालय का बीजारोपण 1855 ई. म गया क िड ट स ल प लक लाइ ेरी क
थापना क साथ आ, िजसका उ े य सां कितक धरोहर क संर ण का था। िबहार क मुख सं हालय िन न ह
—
पटना सं हालय
पटना सं हालय क िविधव थापना 1917 ई. म पटना उ यायालय क उ र भाग म क गई। बाबू शरदचं
राय इसक थम सं हालया य िनयु ए। यहाँ पर पुराकाल से आधुिनक काल तक क अवशेष एवं
कलाकितयाँ संगृहीत ह। तर, मृि का, धातु ितमा क साथ ागैितहािसक सामि याँ और मृ ांड, ाचीन
काल से लेकर आधुिनकतम िस , िच कला तथा अ य कला मक सामि य का अकत भंडार यहाँ पर ह।
चं धारी सं हालय
मधुबनी क एक जम दार ी चं धारी िसंह क य गत ब मू य पुरावशेष क सं ह को लेकर िबहार सरकार ने
दरभंगा म 1957 ई. म एक सं हालय क थापना क , िजसका नाम चं धारी सं हालय रखा गया। इस सं हालय
म लगभग 6 हजार पुरावशेष एवं कला सामि याँ ह, िजनम मृ मूित, िस , पिटग क साथ-साथ धातु, का ,
िम ी, हाथीदाँत क व तुए,ँ िविभ कार क मनक, पांडिलिपयाँ, ाचीन श ा , फन चर, ब मू य प थर,
सुवण साम ी, आभूषण, व , वा आिद मुख ह।
गया सं हालय
गया सं हालय क थापना गया िनवासी ी बलदेव साद क य गत सं ह को लेकर 1952 ई. म क गई,
िजसका अिध हण 14 फरवरी, 1970 ई. म पुरात व एवं सं हालय िनदेशालय, िबहार ारा िकया गया। इस
सं हालय म लगभग 500 पुरावशेष एवं कला सामि य का मह वपूण सं ह ह। पालकालीन पुरावशेष अ तीय
ह। पालकालीन तर एवं कां य मूितयाँ तथा अ य कला सामि य क सं ह क कारण गया सं हालय लोकि य
ह।
नारद सं हालय, नवादा
1974 ई. म नवादा क िजलाधीश ी एन.पी. िसंह क स यास से नारद सं हालय क थापना ई। उसी वष
15 अग त को पुरात व एवं सं हालय िनदेशालय, िबहार क ारा इसका अिध हण कर िलया गया। यहाँ पर
पालकालीन तर िश प एवं 18-19व सदी क पांडिलिपयाँ संगृहीत ह।
बाबू कवर िसंह सं हालय, जगदीशपुर
1972 ई. म िबहार सरकार ारा बाबू कवर िसंह क मृित म उ ह क घर म एक सं हालय क थापना क
गई। यहाँ पर कछ िच , द तावेज तथा ला टर से िनिमत मूित संगृहीत ह। ितवष 23 अ ैल को इस सं हालय म
िवजयो सव राजक य समारोह क प म मनाया जाता ह।
भागलपुर सं हालय
1976 ई. म िबहार सरकार ने भागलपुर े क सां कितक संपदा को देखते ए भागलपुर म एक ब ेशीय
सं हालय क थापना क । इस सं हालय म तर िश प, मृ मूितय का सं ह ह।
महाराज ल मी र िसंह सं हालय, दरभंगा
दरभंगा राजदरबार ने िबहार सरकार को लगभग 1600 कला व तु का उपहार देकर महाराजा ल मी र िसंह
क नाम पर सं हालय खोलने का अनुरोध िकया। मई, 1989 म िबहार सरकार ारा इस सं हालय क थापना क
गई। यहाँ पर छोटी-बड़ी साम ी क अित र हाथीदाँत क दुलभ साम ी स मिलत ह।
रामचं शाही सं हालय, मुज फरपुर
मुज फरपुर क ी िवजय कमार शाही क लगभग 16000 पुरावशेष एवं कला साम ी का सं ह कर रा य
सरकार ने 1979 ई. म इनक िपता क नाम पर रामचं शाही सं हालय क थापना क । यहाँ पर कई तरह दुलभ
कला साम ी का सं ह ह।
बेगूसराय सं हालय
1981 ई. म जी.डी. कॉलेज क धानाचाय डॉ. ए. कमार एवं डॉ. पीयूष गु ा क यास से बेगूसराय म एक
सं हालय क थापना क गई। पालकालीन िश प क सं ह क िलए इस सं हालय को जाना जाता ह।
िमिथला लिलत सं हालय, सौराठ (मधुबनी)
िव िव यात मधुबनी िच एवं पांडिलिपय का सं ह करते ए 1981 ई. म इस सं हालय क थापना क
गई। इस सं हालय क थापना का उ े य िमिथला िच कला एवं िमिथला सं कित को िव िव यात करना ह।
इसक अलावा िबहार म छपरा सं हालय, दीप नारायण िसंह सं हालय, वैशाली, गांधी मृित सं हालय,
िभितहरवा, जननायक कपूरी ठाकर सं हालय भी मुख ह। रा य सरकार क ारा थािपत सं हालय क
अित र िबहार म क सरकार क सं हालय भी थत ह। 1917 ई. म आिकयोलॉिजकल यूिजयम, नालंदा क
थापना उ खनन से ा साम ी क संर ण को रखकर क गई। वष 1956 ई. म बोधगया आिकयोलॉिजकल
यूिजयम का िनमाण आ। इन सरकारी सं हालय क अलावा कछ गैर-सरकारी सं हालय िबहार म ह, िज ह
रा य सरकार ारा संर ण ा ह। इनम गांधी सं हालय, पटना, राज मृित सं हालय, सदाकत आ म, पटना,
वामी सहजानंद सर वती सं हालय, जहानाबाद, नागाजुन सं हालय, जहानाबाद मुख ह। िनजी सं हालय म
पटना िसटी का िकला हाउस, पटना का फोक आट यूिजयम, आरा क जैन िस ांत भवन क आट गैलरी आिद
मुख ह।
वा य
वा य मानव िवकास का मुख घटक ह। अतः यह सरकार क ाथिमकता का े ह। आधारभूत वा य
सेवा क िलए इसका ामीण तर पर िवक ीकरण, अ छ वा य संबंधी आधारभूत सुिवधा, औषिध एवं उपकरण,
कशल एवं िशि त िचिक साकम , देखरख एवं रखरखाव पर यान देने क ज रत ह। वा य सेवा क अंतगत
िचिक सा-संबंधी ज रत क साथ-साथ व छ पेयजल, पोषणयु भोजन भी गुणव ापूण जीवन क िलए
आव यक ह। वा य सेवा णाली को दो बड़ वग म बाँटते ह—रोधा मक एवं उपचारा मक। रोधा मक सेवा म
व छ वातावरण, पोषक भोजन, व छता, शौचालय सुिवधा तथा शु पेयजल को शािमल करते ह, जबिक
उपचारा मक सेवा म सभी कार क िचिक सा संबंधी सुिवधा को शािमल करते ह।
िबहार म वा य सुिवधा क े म हाल क वष म अ छी गित ई ह। जीवन याशा म, िवशेषकर
मिहला क जीवन याशा म, सुधार आया ह। नीचे क तािलका म 2006-10 ई. क बीच म एवं 2010-2014
क बीच म जीवन याशा म ई वृ को िबहार एवं भारत क थित को तुलना मक प से दिशत िकया जा
रहा ह।
िबहार एवं भारत क जीवन याशा
ोत : सपल पंजीकरण णाली (SRS) कायालय,
रिज ार जनरल, भारत
वा य सेवा का मापन अनेक संकतक क आधार पर िकया जाता ह, जैसे—अशोिधत ज म दर, िशशु मृ यु
दर, बाल मृ यु दर, पाँच वष क अंदर मृ यु दर, नवजात मृ यु दर, कल उवरता दर, कल जनन दर आिद।
अशोिधत मृ यु दर (CBR) िबहार म 2014 ई. म 25.9 ितशत थी जो भारत क 21.0 ितशत क तुलना म
अिधक ह। िशशु मृ यु दर (IMR) िबहार म 2011 म 44 ित हजार थी जो 2014 म घटकर 42 हो गई, जबिक
इसी अविध म भारत क िशशु मृ यु दर िबहार क बराबर 44 थी, जो 2014 म घटकर 39 हो गई ह। रा य क कल
उवरता दर (TFR) 2011 म 3.6 ितशत थी, जो 2014 म घटकर 3.2 ितशत ई, लेिकन इस अविध म रा ीय
तर पर यह 2.4 ितशत से घटकर 2.3 ितशत हो गई ह। नीचे क तािलका म िबहार एवं भारत क चयिनत
वा य सूचकांक को तुलना मक प से दिशत िकया गया ह।
िबहार एवं भारत का चयिनत व प सूचकांक
ोत : कायालय, रिज ार जनरल, भारत
रा य म आधारभूत वा य सेवा सुिवधा को तीन तर पर िवभािजत िकया गया ह। थम तर पर ाथिमक
वा य क (PHC), उपक तथा अित र ाथिमक वा य क (APHC) क यव था ह। तीय तर पर
रा य तर पर हॉ पटल एवं खंड तर पर सामुदाियक वा य क (CHC) थािपत िकया गया ह, जबिक तृतीय
तर शीष तर पर िवशेषीकत वा य सेवाएँ, िजसम (ICU) आधुिनक जाँच सुिवधाएँ, िवशेष िचिक सक को
स मिलत िकया गया ह।
रा य म 2011 म सरकारी अ पताल म आनेवाले मरीज क औसत सं या 9,317 ितमाह थी, जो 2013 म
बढ़कर 10,476 हो गई। यह वृ 12 ितशत ह, िजसका मु य कारण अ पताल म उ म आधारभूत सुिवधा,
िचिक साकिमय क सं या म वृ , उिचत देखभाल आिद था, लेिकन 2014-15 म मरीज क सं या म कमी
आई ह।
वतमान समय म रा य म 36 िजला अ पताल, 55 अनुमंडल तरीय अ पताल, 70 रफरल अ पताल, 533
ाथिमक वा य क , 9729 उपक तथा 1350 अित र ाथिमक वा य क थािपत ह। िबहार म 2015 ई.
म ित 1 लाख जनसं या पर 11 वा य क क सुिवधा उपल ध ह। रा य क 9 अ पताल को अनुमंडल तरीय
अ पताल तथा 130 ाथिमक वा य क को 30 श यावाले सामुदाियक वा य क म उ िमत िकया गया ह।
रा य म वा य सेवा क आधारभूत संरचना को नीचे क तािलका म दिशत िकया गया ह।
िबहार म वा य संबंधी आधारभूत संरचना
(सं या म)
संरचना
िबहार म संरचना मक ि कोण से ी-कि यन क प से लेकर चतुथ क प तक क च ान पाई जाती ह। ी-
कि यन क प क च ान धारवाड़ संरचना और िवं यन संरचना क प म िबहार क दि णी पठारी भाग म पाई
जाती ह। दि णी पठारी भाग क ाचीनतम च ान बृहद पिजया महा ीप क दि णी भाग ग डवाना लड का अंग
ह। उ री पवतीय देश का िनमाण पवत िनमाणकारी अंितम भू-संचलन अ पाइन म आ ह। भौगिभक ि कोण
से यह समय म यजीव क प (मेसोजोइक) का काल ह। म यवत गंगा का मैदान चतुथ महाक प ( ली टोसीन) म
िनिमत आ ह। इसका िनमाण आज भी जारी ह तथा रा य क सवािधक े फल पर इसी नवीन संरचना का
िव तार ह। इस कार िबहार क उ ावच पर संरचना का यापक भाव ि गोचर होता ह।
भूगभ य संरचना क आधार पर िबहार म चार कार क च ान पाई जाती ह—
1. धारवाड़ च ान,
2. िवं यन च ान,
3. टिशयरी च ान,
4. ाटरनरी च ान।
धारवाड़ च ान
ी-कि यन युगीन धारवाड़ च ान िबहार क दि ण-पूव भाग म मुंगेर िजला क खड़गपुर पहाड़ी, जमुई,
िबहारशरीफ, नवादा, राजगीर, बोधगया आिद े म पाई जाती ह। इन े म पाई जानेवाली पहािड़याँ छोटानागपुर
पठार का ही अंग ह। िहमालय पवत क िनमाण क समय मेसोजोइक काल म इस पर दबाव श का भाव पड़ा,
िजससे कई धँसान (भंरश) घािटय का िनमाण आ। कालांतर म जलोढ़ क िन ेपण से ये पहािड़याँ मु य पठार से
अलग हो गई। धारवाड़ च ानी म म लेट, ाटजाइट और िफलाइट आिद च ान पाई जाती ह। ये मूलतः
आ नेय कार क च ान ह, जो लंबे समय से अ यिधक दाब एवं ताप क भाव क कारण पांत रत हो गई ह।
इन च ान म अ क का िन ेप पाया जाता ह।
ी-कि यन युगीन धारवाड़ च ान िबहार क दि ण-पूव भाग म मुंगेर िजला क खड़गपुर पहाड़ी,
जमुई, िबहारशरीफ, नवादा, राजगीर, बोधगया आिद े म पाई जाती ह।
िवं यन च ान
िवं यन च ान का िनमाण ी-कि यन युग म आ ह। यह च ान िबहार क दि ण-प मी भाग म पाई जाती
ह। इसका िव तार सोन नदी क उ र म रोहतास और कमूर िजले म ह। सोन घाटी म इन च ान क ऊपर जलोढ़
का िन ेप पाया जाता ह। इसम कमूर म और िसमरी म क च ान पाई जाती ह। इन च ान म पायराइट
खिनज पाया जाता ह, िजससे गंधक िनकलता ह। जीवा मयु इन च ान म चूना-प थर, डोलोमाइट, बलुआ-
प थर और ाटजाइट च ान पाई जाती ह। ये च ान लगभग ैितज अव था म ह। च ान म जीवा म क
अिधकता यह मािणत करती ह िक यह अतीत म समु ी िन ेप का े रहा ह। औरगाबाद िजले क नवीनगर े
म ालामुखी संरचना क भी माण पाए जाते ह।
इस मैदान म जलोढ़ क गहराई 100 मीटर से 900 मीटर तथा अिधकतम गहराई 6000 मीटर तक ह।
सवािधक गहर जलोढ़ का िन ेप पटना क आसपास पाया जाता ह।
टिशयरी च ान
टिशयरी च ान िहमालय क दि णी ेणी िशवािलक ेणी म पाई जाती ह। इसक िनमाण का संबंध मेसोजोइक
क प क मायोसीन और लायोसीन भूगिभक काल से ह, जो िहमालय पवत क िनमाण क तीय और तृतीय
उ थान से संबंिधत ह। इस ेणी म बालू प थर तथा बो डर े च ान पाई जाती ह। िनचले भाग म कांगलोमरट
च ान क धानता ह। टिथस सागर क अवसाद से िनिमत होने क कारण इसम पे ोिलयम एवं ाकितक गैस
संिचत ह।
ाटरनरी च ान
ाटरनरी च ान गंगा क मैदानी े म परतदार च ान क प म पाई जाती ह, िजसका िनमाण काय आज भी
जारी ह। गंगा का मैदान टिथस सागर का अवशेष ह, िजसका िनमाण गंगा और उसक सहायक निदय ारा
अवसाद (िन ेप) जमा करने से आ ह।
िहमालय पवत का िनमाण भी टिथस सागर क मलबे पर संपीडन श से आ ह। संपीडन (दबाव) श
ारा िजस समय िहमालय का िनमाण हो रहा था, उसी समय िहमालय क दि ण म एक िवशाल गत का िनमाण
आ। इसी गत म ग डवाना लड क पठारी भाग से तथा िहमालय से िनकलनेवाली निदय क ारा अवसाद का
िन ेपण ारभ आ, िजससे िवशाल गत ने मैदान का व प हण कर िलया।
मैदान का िनमाण जलोढ़, बालू-बजरी-प थर और कांगलोमरट से बनी च ान से आ ह। यह अ यंत मंद
ढालवाला मैदान ह, िजसम जलोढ़ क गहराई सभी जगह पर समान नह ह। इस मैदान म जलोढ़ क गहराई 100
मीटर से 900 मीटर तथा अिधकतम गहराई 6000 मीटर तक ह। सवािधक गहर जलोढ़ का िन ेप पटना क
आसपास पाया जाता ह।
उ ावच (भौितक िवशेषताएँ)
िबहार क उ ावच म अनेक कार क िविवधताएँ पाई जाती ह। िबहार म पवत, पठार और मैदान सभी कार
क भू-आकितयाँ पाई जाती ह। य िप अिधकांश भूभाग मैदानी ह, लेिकन उ र म थत िशवािलक पवत ेणी तथा
दि ण का संक ण पठारी े भूआकितक िविवधता उ प करते ह। िबहार क औसत ऊचाई समु तल से 173
फ ट (53 मीटर) ह। भौितक बनावट और अ ययन क सुिवधा क आधार पर िबहार को तीन भौितक ( ाकितक)
देश म बाँटा गया ह—
1. उ र का िशवािलक पवतीय देश एवं तराई देश उ र का िशवािलक
पवतीय देश
प मी चंपारण क उ री सीमा (उ री-प मी िबहार) पर िहमालय पवत क िशवािलक ेणी का िव तार ह।
िशवािलक ेणी का िव तार 932 वग िकलोमीटर े पर ह। इस पवतीय ेणी क औसत ऊचाई 80 मीटर से 250
मीटर तक ह। िहमालय से िनकलनेवाली निदय ारा इसे अनेक थान पर काट-छाँट िदया गया ह। इस िशवािलक
पवतीय देश को तीन उप-िवभाग म बाँटा गया ह—
(i) रामनगर दून क पहाड़ी,
(ii) हरहा घाटी या दून क घाटी,
(iii) सोमे र ेणी।
उ री गंगा का मैदान
उ री गंगा क मैदान का े फल 56,980 वग िकलोमीटर ह। इस मैदान का िनमाण गंगा और उसक उ री
सहायक निदय —घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा आिद क ारा जमा िकए गए अवसाद से आ ह।
इस मैदान का ढाल उ र-प म से दि ण-पूरब क ओर ह। यह मैदान निदय ारा कई दोआब े म बँटा
आ ह। दो निदय क बीच थत भू-भाग को दोआब े कहा जाता ह। इसम घाघरा-गंडक दोआब, कोसी-गंडक
दोआब, कोसी-महानंदा दोआब मुख ह। उ री गंगा क मैदान का िव तार प मी चंपारण, पूव चंपारण, सीवान,
गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, मुज फरपुर, दरभंगा, पूिणया, सहरसा और भागलपुर िजले म ह। इस मैदान
म निदय ारा प र य एवं िवसपाकार गोखुर झील एवं चौर का िनमाण आ ह। िनमाण ि या क कारण उ री
गंगा मैदान म े ीय िभ ताएँ पाई जाती ह। इस े ीय िभ ता क आधार पर उ री गंगा क मैदान को कई उप-
िवभाग म बाँटा गया ह—
दो निदय क बीच थत भू-भाग को दोआब े कहा जाता ह। इसम घाघरा-गंडक दोआब, कोसी-
गंडक दोआब, कोसी-महानंदा दोआब मुख ह।
(i) उप-तराई े (भाबर े ),
(ii) बाँगर,
(iii) खादर,
(iv) चौर (मन)।
उप-तराई े (भाबर े )
उप-तराई या भाबर े तराई देश क दि ण म प म से पूरब क ओर फला आ ह। यह उ री िबहार क 7
िजल प मी चंपारण, पूव चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अर रया और िकशनगंज म 10 िकलोमीटर चौड़ी
संक ण प ी क प म फला आ ह। इसम ककड़-बालू का िन ेप पाया जाता ह।
बाँगर
बाँगर े पुराना जलोढ़ िन ेप का े ह, जहाँ बाढ़ का पानी ितवष नह प च पाता ह। यह े भाबर े
क दि ण म फला आ ह। इसका िव तार मु यतः िबहार क उ री-प मी मैदानी भाग म पाया जाता ह।
खादर
खादर े नवीन जलोढ़ का िन ेप े ह, जहाँ ितवष बाढ़ का पानी फल जाता ह। ितवष बाढ़ आने से नई
िम ी का िन ेप होता रहता ह, िजससे िम ी क उवरता कायम रहती ह। खादर े का िव तार उ री एवं उ री-
पूव मैदान म प म म गंडक नदी से लेकर पूरब म कोसी नदी तक ह।
चौर (मन)
उ री गंगा क मैदान म ाकितक प से जलम न िन न भू-भाग पाया जाता ह, िजसे चौर या मन कहा जाता ह।
चौर का मुख उदाहरण प मी चंपारण का लखनी चौर, पूव चंपारण का बहादुरपुर एवं सुंदरपुर चौर आिद ह।
चौर अथवा मन मूलतः गोखुर झील ह, िजसका िनमाण निदय क माग प रवतन होने से आ ह। ये मीठ एवं
गहर जल क मुख ोत ह। मुख मन क उदाहरण पूव चंपारण का टट रया मन, माधोपुर मन, प मी चंपारण
का िपपरा मन, िसमरी मन, सरया मन आिद ह।
दि णी गंगा का मैदान
दि णी गंगा क मैदान का िव तार दि ण क सीमांत पठारी देश और गंगा नदी क म य ह। इस मैदान का कल
े फल 33,670 वग िकलोमीटर ह। मैदान का ढाल दि ण से उ र क ओर ह। इस मैदान का िनमाण पठारी
देश से होकर बहनेवाली निदय क िन ेप से आ ह। दि णी मैदान क चौड़ाई प म से पूरब क ओर घटती
जाती ह। पूव भाग म चौड़ाई कम होने का कारण गंगा नदी ारा ाकितक कगार (बाँध) का िनमाण िकया जाना
ह। पटना महानगर ाकितक कगार पर बसा आ नगर ह। ाकितक कगार (बाँध) क ऊचाई आसपास क भू-भाग
से अिधक होने क कारण दि णी िबहार क अिधकांश निदयाँ गंगा नदी म सीधे न िमलकर उसक समानांतर
वािहत होती ह। इस कार क वाह णाली ‘पीनेट वाह णाली’ कहलाती ह। इन निदय म पुनपुन, िकऊल,
फ गु आिद ह। फ गु नदी गंगा म िमलने से पहले ही टाल े म समा हो जाती ह। ये निदयाँ पठारी े से
वािहत होकर आती ह, इसिलए इनक िन ेप म बालू क धानता पाई जाती ह।
ाकितक कगार क दि णी भाग म जलम न िन न भू-भाग पाया जाता ह, िजसे टाल या ज ा े कहा जाता
ह। यह टाल े पटना से मोकामा तक 25 िकलोमीटर क चौड़ाई म फला ह। मुख टाल क उदाहरण बड़िहया
टाल, मोकामा टाल, िसंघोल टाल, मोर टाल आिद ह।
3. दि णी पठारी देश
दि णी पठारी देश छोटानागपुर पठार का सीमांत ह। इस देश म ेनाइट एवं नीस जैसी आ नेय और पांत रत
च ान ब लता से पाई जाती ह। इस पठारी देश का िव तार प म म कमूर से लेकर पूरब म मुंगेर एवं बाँका
तक ह। यह िबहार का ाचीनतम भू-खंड ह, िजसम कमूर या रोहतास का पठार, गया का दि णी भाग, िग रयक
क पहाड़ी, नवादा, बाँका एवं मुंगेर का पहाड़ी े स मिलत ह।
कमूर या रोहतास का पठार
कमूर या रोहतास का पठार िवं य ेणी का पूव भाग ह। इसका िव तार 483 िकलोमीटर क लंबाई म तथा
अिधकतम 80 िकलोमीटर क चौड़ाई म जबलपुर (म य देश) से ारभ होकर रोहतास (िबहार) तक ह। कमूर
पठार क सतह अपरिदत एवं ऊबड़-खाबड़ ह। इस पठारी े क औसत ऊचाई 300-450 मीटर क बीच ह। इस
पठार का सबसे ऊचा भाग रोहतासगढ़ ह, िजसक ऊचाई 495 मीटर ह। यह पठार छोटानागपुर पठार से सोन नदी
ारा अलग होता ह। इस पठार म बलुआ प थर क अिधकता पाई जाती ह।
गया का पहाड़ी े
गया, औरगाबाद एवं नवादा िजले म अनेक पहाड़ी म पाए जाते ह। ये पहािड़याँ मैदानी भाग म िव तृत ह।
इनम जेिठयन, िहडाज क पहाड़ी, ह दया क पहाड़ी मुख ह। गया शहर क आसपास म रामिशला, ेतिशला,
भूतिशला, कटारी, योिन पहािड़याँ थत ह। इसी म म जहानाबाद और गया िजले क सीमा पर बराबर एवं
नागाजुनी क पहािड़याँ थत ह।
राजगीर-िग रयक पहाड़ी े
यह मु य प से नालंदा िजले म थत ह। यह मूलतः गया क पहाड़ी ंखला का ही िव तार ह। इन पहािड़य
म वैभविग र, सोनािग र, िवपुलिग र, र नािग र, उदयिग र तथा पीर क पहाड़ी मुख ह। इन पहािड़य म सबसे ऊची
पहाड़ी वैभविग र ह, िजसक ऊचाई समु तल से 380 मीटर ह। इन पहािड़य म पांत रत च ान ाटजाइट और
लेट क धानता ह।
नवादा-मुंगेर पहाड़ी े
नवादा-मुंगेर पहाड़ी म दि ण म नवादा िजला से ारभ होकर उ र म गंगा नदी तक फला आ ह, इसम
अनेक पहाड़ी ंखला थत ह, िजसम खड़गपुर क पहाड़ी, िग े र क पहाड़ी, सत पहाड़ी, शेखपुरा क
पहाड़ी, चकाई पहाड़ी, बािकया पहाड़ी मुख ह। खड़गपुर क पहाड़ी का िव तार मुंगेर से जमुई तक ह। यह
ि भुजाकार आकित का ह तथा इसम ाटजाइट च ान क धानता ह।
भौगोिलक देश
संरचना एवं उ ावच क िभ ता क आधार पर िबहार को तीन मुख भौितक िवभाग िशवािलक पवतीय देश,
गंगा का मैदान एवं छोटानागपुर सीमांत पठारी देश म िवभ िकया गया ह। ाकितक िविवधता, उ ावच म
असमानता, भूिम क िवषमता, िम ी एवं वन पित क िविवधता िबहार क िव तृत े ीय अ ययन का आधार ह।
िकसी िव तृत े क संपूण जानकारी को सम पता क आधार पर ा कर भौगोिलक देश का िनधारण िकया
जाता ह। इस िदशा म अनेक िव ान ने िबहार को अनेक भौगोिलक देश म बाँटने का यास िकया ह।
भौगोिलक देश वह देश होता ह, जहाँ जलवायु, िम ी, वन पित, भूिम उपयोग ित प, श य ा प, अिधवास
क कार आिद भौितक एवं सामािजक-सां कितक त व म एक पता पाई जाती ह। ाकितक एवं सामािजक-
सां कितक त व क समानता क आधार पर ो. इनायत अहमद एवं ो. राम वेश िसंह ने िबहार को 10
भौगोिलक देश म बाँटा ह—
कमूर पठार क सतह अपरिदत एवं ऊबड़-खाबड़ ह। इस पठारी े क औसत ऊचाई 300-450 मीटर
क बीच ह। इस पठार का सबसे ऊचा भाग रोहतासगढ़ ह, िजसक ऊचाई 495 मीटर ह।
1. तराई देश,
2. घाघरा-गंडक दोआब,
3. गंडक-कोसी दोआब,
4. कोसी-महानंदा दोआब,
5. कमनाशा-सोन दोआब,
6. सोन-िकऊल दोआब,
7. पूरब-म य िबहार का मैदान,
8. गंगा िदयारा े ,
9. कमूर पठार,
10. अ क देश।
तराई देश
यह देश गंगा क उ री मैदान म उ री-प मी एवं उ री-पूव भाग म थत ह। उ र-प म म िशवािलक
क सोमे र ेणी और रामनगर दून क पहािड़य पर 140 सटीमीटर से अिधक वािषक वषा क कारण भूिम किष
यो य नह ह। परपरागत तरीक क साथ-साथ नई तकनीक क ारा किष क जाती ह। उ री-पूव तराई देश
पूिणया, अर रया और िकशनगंज म ह। यह देश िबहार म सबसे अिधक वषावाला े ह। यहाँ 200 सटीमीटर
तक वािषक वषा होती ह। किष क िलए यहाँ अ छी भूिम ह, िजसम धान, जूट एवं ग े क अ छी पैदावार होती
ह। अिधक वषा क कारण यह देश दलदली एवं घने जंगल का े ह। इस देश म ऊबड़-खाबड़ भूिम क
कारण क ण ब तयाँ अिधक पाई जाती ह।
उ री-पूव तराई देश पूिणया, अर रया और िकशनगंज म ह। यह देश िबहार म सबसे अिधक
वषावाला े ह। यहाँ 200 सटीमीटर तक वािषक वषा होती ह।
घाघरा-गंडक दोआब
यह देश 120 सटीमीटर वािषक वषावाला मैदानी े ह। सारण, सीवान और गोपालगंज िजले म िव तृत यह
देश चौरस जलोढ़ मैदान ह। यहाँ धान, म ा, गे , ग ा, ितलहन और दलहन आिद फसल का उ पादन होता
ह। किष क ि से समृ इस देश म किष से जुड़ उ ोग भी ह। ग े का उ पादन अिधक होने से इस देश म
चीनी उ ोग का अिधक िवकास आ ह। चीनी उ ोग का मुख क गोपालगंज, छपरा, सीवान, मीरगंज, महरौरा
आिद ह।
गंडक-कोसी दोआब
इस देश म पूव चंपारण, प मी चंपारण, सीतामढ़ी, िशवहर, दरभंगा, मुज फरपुर, वैशाली, मधुबनी,
बेगूसराय आिद िजले ह। इस देश म उ ोग क अिधकता ह। चीनी उ ोग और फल सं करण उ ोग यहाँ क
मुख उ ोग ह। दरभंगा—आम, मुज फरपुर—लीची और हाजीपुर—कला क बागबानी क िलए िस ह। इस
देश क मु य फसल धान, म ा, ग ा, गे , जौ, दलहन, ितलहन आिद ह। ग ा, तंबाक और लाल िमच यहाँ
क मुख नगदी फसल ह। चीनी उ ोग क क चनपिटया, सुगौली, सम तीपुर, मोितहारी, बगहा आिद ह। बरौनी
इस देश का सबसे िस औ ोिगक नगर ह। यहाँ उवरक कारखाना, तेलशोधक कारखाना और ताप िव ुत क
थत ह। बरौनी एवं मुज फरपुर म दु ध उ ोग का िवकास आ ह।
कोसी-महानंदा दोआब
इस देश म पूिणया, अर रया, िकशनगंज, मधेपुरा, खगिड़या और सहरसा िजले आते ह। यह देश बाढ़ भािवत
े होने क कारण किष, उ ोग और प रवहन आिद क ि से िपछड़ा े ह। यहाँ अ यिधक वषा होती ह,
िजससे कोसी और उसक सहायक निदयाँ ितवष बाढ़ क िवभीिषका लाती ह। य िप यहाँ किष क जाती ह,
लेिकन बाढ़ क संभावना क कारण खेती का भिव य िन त नह होता। सरकार ने कोसी प रयोजना ारा बाढ़
क थित को िनयंि त कराने क यास िकए ह।
कमनाशा-सोन दोआब
इस देश म भोजपुर, रोहतास, कमूर और ब सर िजले आते ह। यह जलवायिवक ि से कम वषावाला े
ह, लेिकन सोन नदी पर बैराज बनाकर यव थत नहर णाली का िवकास िकया गया ह। इस देश म नहर ारा
िसंचाई क अ छी यव था ह। यहाँ अिधकांश ामीण जनसं या ह, जो किष पर आधा रत ह। धान यहाँ क मुख
फसल ह। अ य फसल म गे , दलहन, ितलहन तथा आलू मुख ह। इस देश म किष-आधा रत उ ोग क
अपार संभावनाएँ ह। इस देश म सवािधक िवकास चावल िमल का आ ह।
सोन-िकऊल दोआब
दि ण िबहार क मैदान म थत यह दोआब देश िन न वषा का े ह, जहाँ अ सर सूखे क थित उ प
होती ह। पटना, जहानाबाद, गया, नालंदा, औरगाबाद, अरवल, लखीसराय और नवादा िजले इस देश म आते ह।
अरवल और औरगाबाद म पूव सोन नहर णाली क ारा िसंचाई क यव था ह। धान, गे , चना, मसूर, खेसारी
आिद यहाँ क मुख फसल ह। इस देश म िबहारशरीफ और ओबरा म रशमी व उ ोग, गया क मानपुर म
हथकरघा उ ोग और गलीचा उ ोग का िवकास आ ह। औरगाबाद म सीमट उ ोग एवं खा तेल उ ोग थािपत
िकया गया ह।
पूरब-म य िबहार का मैदान
इस देश म मुंगेर, बाँका और भागलपुर िजले आते ह। इनम से कछ े का िवकास ब त कम आ ह। किष
और उ ोग क मामले म यह े िपछड़ा आ ह। धान, ितलहन और दलहन यहाँ क मुख फसल ह। इस देश
म िसंचाई क समुिचत सुिवधा उपल ध नह ह। चंदन, िकऊल एवं ब आ नदी पर जलाशय का िनमाण कर िसंचाई
सुिवधा का िवकास िकया गया ह। मुंगेर म बंदूक, तंबाक एवं दु ध उ ोग तथा भागलपुर म िस क उ ोग का
िवकास आ ह।
गंगा िदयारा े
यह े ितवष बाढ़ से भािवत रहता ह और बाढ़ क बाद जो भूिम िदखाई देती ह, उसे िदयारा े कहते ह।
यह नवीन जलोढ़ का े ह। यहाँ पर कषक अ थायी अिधवास ( क ण ब तय ) क सहार खेती करते ह। घास-
फस और बाँस से बने घर बाढ़ क आने से पहले ही हटा िलये जाते ह। रबी फसल और स जय क उपज क
िलए यह े िस ह। येक वष बाढ़ म नए िदयारा े का िनमाण होता ह।
कमूर पठार
इसका िव तार दि ण-प म िबहार क कमूर और रोहतास िजले म ह। यह पठार िवं य पवत का अंग ह। यह
पठारी े लगभग 350 मीटर ऊचा ह। इसका े फल 1200 वग िकलोमीटर ह। यहाँ क मु य फसल धान, गे ,
जौ आिद ह। पहाड़ी े होने क कारण यहाँ प थर-आधा रत उ ोग िवकिसत ए ह। कमूर पठार म पायराइ स
एवं फॉ फट पाया जाता ह। पायराइ स आधा रत गंधक उ ोग अमझोर म तथा चूना प थर-आधा रत सीमट उ ोग
बंजारी म थािपत ह।
अ क देश
यह मु य प से झारखंड क कोडरमा िजले क अ क प ी ह, िजसका िव तार िबहार क पठारी देश —
झाझा, जमुई, गया और नवादा क े तक िमलता ह। यहाँ अ क बलथर िम ी म िमि त प म िमलता ह।
लकड़ी, तसर (िस क) और लाह का उ पादन इस े म होता ह। किष म धान, दलहन और ितलहन का उ पादन
होता ह।
इस कार िबहार क सम त धरातलीय प को उपयु दस भाग म बाँटा गया ह। सम पता क आधार पर कछ
े समृ और िवकिसत ह तो कछ े अित िपछड़ ह। भूिम क िभ ता से ऐसा होना वभािवक ह, लेिकन
मानव म और तकनीक से इस अंतर को काफ हद तक कम िकया जा सकता ह।
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14. अपवाह णाली
(Drainage System)
निदयाँ
गरम जलकड
जल पात
झील
आ भूिम े
निदयाँ
अपवाह तं का ता पय वैसे नदी तं से ह, िजसका िनमाण सतही जलधाराएँ, नदी, झील आिद ारा ढाल िवशेष
का अनुसरण करते ए िकया जाता ह। िबहार क अपवाह णाली का आधार गंगा नदी ह। गंगा और उसक
सहायक निदय क वाह ने िबहार क धरातलीय व प को िवकिसत करने म मह वपूण भूिमका िनभाई ह। िबहार
क लगभग 90 ितशत धरातलीय व प का िवकास निदय क अपवाहन क ारा आ ह।
िबहार म औसत वािषक वषा क मा ा 1009 िमलीमीटर (109 सटीमीटर) ह, िजसककारण रा य म साल भर
बहनेवाली निदय का संजाल िबछा आ ह।
वाह तं और उ म क आधार पर िबहार क निदय को दो वग म बाँटा गया ह—
● िहमालय देश क निदयाँ,
● पठारी या ाय ीपीय देश क निदयाँ।
उपयु दोन वग क निदयाँ मु य नदी गंगा म िमल जाती ह। िहमालय देश क निदयाँ, जो िहमालय से
िनकलकर उ री िबहार क मैदान म वािहत होती ह, उ री मैदान म सामानांतर एवं िवसपाकार वाह णाली का
िनमाण करती ह। अपने माग म प रवतन करती ह। ये निदयाँ पूरब से प म क ओर थानांत रत हो रही ह। इस
थानांतरण का मूल कारण पृ वी क घूणन गित ह, िजसक कारण प मी तट पर अपरदन अिधक होता ह। माग
प रवतन क िलए सवािधक िस नदी कोसी ह।
भौगोिलक ि कोण से रा य को सात नदी े म बाँटा गया ह—
1. घाघरा-गंडक,
2. गंडक-बागमती,
3. बागमती-कोसी,
4. कोसी-महानंदा,
5. कमनाशा-सोन,
6. सोन-पुनपुन,
7. पुनपुन-सकरी,
गंगा नदी
गंगा नदी िबहार क म य भाग म प म से पूरब क ओर वािहत होती ह। भारत क सबसे लंबी नदी गंगा क
कल लंबाई 2500 िकलोमीटर ह, िजसम िबहार म 445 िकलोमीटर वािहत होती ह। इस नदी का िबहार म वाह
े 15165 वग िकलोमीटर ह। इसका उ म थल उ राखंड क कदारनाथ चोटी क उ र म थत गंगो री
िहमनद का गोमुख ह। यह नदी उ र देश से िबहार क ब सर िजला म चौसा क पास वेश करती ह। इस े म
गंगा, गंडक, सरयू (घाघरा) और कमनाशा नदी िबहार और उ र देश क सीमा रखा का िनधारण करती ह। इसम
उ र िदशा से (बाएँ तट पर) घाघरा, गंडक, बागमती, बलान, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा और कमला नदी
आकर िमलती ह, जबिक दि ण िदशा से (दाएँ तट पर) सोन, कमनाशा, पुनपुन, िकऊल आिद निदयाँ आकर
िमलती ह। मुख निदय म सव थम िबहार े म गंगा म सोन नदी दानापुर से 10 िकलोमीटर प म म मनेर क
पास आकर िमलती ह। गंगा नदी िबहार एवं झारखंड क साहबगंज िजले क साथ सीमा रखा बनाते ए बंगाल म
वेश करती ह। गंगा अपने या ा म म ब सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, सम तीपुर, बेगूसराय, खगिड़या,
मुंगेर, भागलपुर, किटहार आिद िजल म वािहत होती ह।
घाघरा (सरयू नदी)
मु य प से उ र देश म वािहत होनेवाली घाघरा नदी का उ म थल नेपाल म ना या ह। इसक लंबाई
िबहार म 83 िकलोमीटर ह। यह िबहार और उ र देश क सीमा का िनधारण करती ह। यह नदी सारण िजले म
छपरा क समीप गंगा म िमल जाती ह। इसे ऊपरी भाग म लखनदेई और करनाली क नाम से भी जाना जाता ह।
भारत क सबसे लंबी नदी गंगा क कल लंबाई 2500 िकलोमीटर ह, िजसम िबहार म 445 िकलोमीटर
वािहत होती ह। इस नदी का िबहार म वाह े 15165 वग िकलोमीटर ह।
गंडक
गंडक नदी सात धारा क िमलने से बनी ह। स गंडक , कालीगंडक, नारायणी, शािल ामी, सदानीरा आिद
कई नाम से जानी जानेवाली गंडक नदी क उ पि नेपाल क अ पूणा ेणी क मानंगमोट और कतांग (नेपाल एवं
ित बत क सीमा) क म य से ई ह। इसक िबहार म कल लंबाई 630 िकलोमीटर ह। गंडक नेपाल म अ पूणा
ेणी को काटकर गाज का िनमाण करती ह। यह नदी भैसालोटन (प मी चंपारण) क पास िबहार म वेश करती
ह। प मी चंपारण िजले क वा मीिक नगर म बैराज का िनमाण िकया गया ह। यह नदी सारण और मुज फरपुर
क सीमा िनधा रत करते ए सोनपुर और हाजीपुर क म य से गुजरती ई पटना क सामने गंगा म िमल जाती ह।
इसी संगम पर िव िस ह रहर े का मेला (सोनपुर पशु मेला) येक वष आयोिजत होता ह। इस नदी को
नेपाल म गंडक नारायणी या गंडक नाम से जाना जाता ह।
बूढ़ी गंडक
यह नदी गंडक क समानांतर उसक पूव भाग म वािहत होती ह। बूढ़ी गंडक नदी उ री िबहार क मैदान को 2
भाग म बाँटती ह। िहमालय से िनकलकर उ र िबहार म वािहत होनेवाली उ र िबहार क सबसे लंबी नदी ह।
इसक उ पि सोमे र ेणी क िवशंभरपुर क पास चउतरवा चौर से ई ह। यह उ र िबहार क सबसे तेज
जलधारावाली नदी ह, िजसका बहाव उ र-प म से दि ण-पूव क ओर ह। यह गंडक नदी क प र य धारा
ह, जो मु य नदी क प म म िखसक जाने से वािहत ई ह। बूढ़ी गंडक क तट पर मुज फरपुर, सम तीपुर,
खगिड़या आिद नगर थत ह। बूढ़ी गंडक क अ य सहायक निदय म डडा, पंडई, मसान, कोहरा, बालोर,
िसकटा, ितऊर, ितलावे, धनउती, अंजानकोट आिद ह।
कोसी नदी माग प रवतन क िलए िस ह तथा िपछले 200 वष म 150 िकलोमीटर पूरब से प म
क ओर थानांत रत ई ह। कोसी नदी करसैला क पास गंगा म िमलने से पूव ड टा का िनमाण करती
ह।
बागमती
बूढ़ी गंडक क मुख सहायक नदी बागमती नदी ह। बागमती क उ पि नेपाल म महाभारत ेणी से ई ह। यह
नदी दरभंगा, मुज फरपुर और मधुबनी िजले म वािहत होती ह। बागमती क मुख सहायक निदय म लाल
वकया, मुरगी, लखनदेई, अधबारा, िसपरीधार, कोला और छोटी बागमती आिद ह।
कमला
यह नदी नेपाल क महाभारत ेणी से िनकलकर तराई े से भािवत होती ई िबहार म जयनगर (मधुबनी
िजला) म वेश करती ह। िमिथला े म इसे गंगा क समान पिव माना जाता ह। इसक मुख सहायक निदयाँ—
सोनी, ढोरी और भूतही बलान आिद ह। बलान नदी इसम पीपराघाट क िनकट िमलती ह। कमला नदी िबहार म
120 िकलोमीटर वािहत होती ई कई धारा म िवभ हो जाती ह। इनम से अनेक का नाम कमला ही ह।
इसक एक मुख धारा कोसी से िमलती ह, जबिक एक धारा खगिड़या िजले म बागमती नदी म िमलती ह।
कोसी
कोसी नेपाल म गोसाई थान (स कौिशक ) से िनकलती ह। अतः कोसी का मूल नाम भी कौिशक ह। कोसी
नदी सात धारा क िमलने से बनी ह। इन धारा का नाम इ ावती, सनकोसी, ता कोसी, िल छकोसी, दूधकोसी,
अ णकोसी और तामूरकोसी ह। ि वेणी क पास ये सभी धाराएँ िमलकर कोसी कहलाती ह। कोसी नदी बाढ़ क
िवभीिषका क कारण ‘िबहार का शोक’ कहलाती ह। यह नदी सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूिणया आिद िजल म
वािहत होती ह। कोसी नदी माग प रवतन क िलए िस ह तथा िपछले 200 वष म 150 िकलोमीटर पूरब से
प म क ओर थानांत रत ई ह। कोसी नदी करसैला क पास गंगा म िमलने से पूव ड टा का िनमाण करती ह।
महानंदा
यह उ री िबहार क मैदान म वािहत होनेवाली पूरब क नदी ह। कई थान पर िबहार और बंगाल क साथ
सीमा रखा का िनधारण करती ह। िहमालय से िनकलकर िबहार क पूिणया और किटहार िजले म वािहत होती ई
गंगा म िमल जाती ह।
पठारी देश क निदय म मुख नदी सोन, पुनपुन, फ गु, कमनाशा, उ री कोयल, अजय, हरोहर, चंदन,
बढआ आिद ह।
सोन
िहर यवाह तथा सोनभ क नाम से िस सोन नदी दि ण िबहार क सबसे मुख नदी ह। इसका उ म
थल म य देश म अमरकटक (म य देश) क िनकट ह। सोन क उ म क िनकट से ही नमदा एवं महानदी भी
िनकलती ह, िजससे अरीय वाह णाली का िनमाण होता ह। यह नदी भंरश घाटी से वािहत होती ह। यह नदी
म य देश, उ र देश तथा झारखंड म वािहत होते ए िबहार क रोहतास िजले म वेश करती ह। यह दि ण
िबहार म वािहत होनेवाली गंगा क सबसे लंबी सहायक नदी ह। सोन क कल लंबाई 784 िकलोमीटर ह, िजसम
202 िकलोमीटर िबहार म वािहत होती ह। सोन नदी क मुख सहायक नदी गोपद, रहद, क हर एवं उ री
कोयल ह। सोन नदी पर दि ण-प म िबहार क सबसे मुख िसंचाई योजना िनिमत ह। इस नदी पर थम बाँध
1873-74 म डहरी म बनाया गया था। बाद म इस नदी पर इ पुरी बराज का िनमाण 1968 ई. म िकया गया। आरा
क पास कोईलवर म 1440 मीटर लंबा रल-सह-सड़क पुल 1862 ई. म सोन नदी पर िनिमत िकया गया, जो
वतमान म अ दुल बारी पुल क नाम से िस ह। यह भारत का सबसे लंबा रल पुल ह। 1900 ई. म इस नदी पर
डहरी क पास नेह रल पुल का िनमाण िकया गया ह।
फ गु
यह नदी छोटानागपुर क पठार से कई धारा क प म िनकलती ह। इसक मु य धारा िनरजना कहलाती ह।
बोधगया क पास इसम मोहाने नामक नदी िमलती ह। मोहाने क िमलने क बाद ही इसे फ गु नदी क नाम से जाना
जाता ह। ये सभी निदयाँ मौसमी नदी ह। िनरजना नदी क तट पर ही गौतम बु को ान क ा ई थी। गया म
इस नदी क तट पर िपतृ प का मेला लगता ह, िजसम अपने पूवज का िपंडदान िकया जाता ह। यह नदी
अंतःसिलला या लीलाजन क नाम से भी जानी जाती ह। जहानाबाद िजले म बराबर पहाड़ी क पास यह नदी दो
शाखा म बँट जाती ह। आगे चलकर फ गु नदी अनेक शाखा —भूतही, कर आ, लोकायन, मह वाइन आिद
म िवभ हो जाती ह।
पुनपुन
पुनपुन नदी एक मौसमी नदी ह, जो क कट और बमागधी क नाम से भी जानी जाती ह। यह नदी झारखंड क
पलामू िजले क चौरहा पहाड़ी े से िनकलती ह। यह नदी िबहार क औरगाबाद, अरवल तथा पटना िजले म गंगा
क समानांतर वािहत होती ई फतुहा क पास गंगा नदी म िमल जाती ह। दरधा, यमुना, मादर, िबलारो, रामरखा,
आ ी, धोबा और मोरहर पुनपुन क मुख सहायक निदयाँ ह।
अजय
अजय नदी जमुई िजले क दि ण म 5 िकलोमीटर दूर बटबाड़ से िनकलती ह। यह नदी िबहार से झारखंड म
देवघर िजले म वेश करती ह। इसे अजयावती या अजमती नाम से भी जाना जाता ह। यह नदी पूरब एवं दि ण
िदशा क ओर वािहत होते ए बंगाल म वेश कर गंगा नदी म िमल जाती ह।
िनरजना नदी क तट पर ही गौतम बु को ान क ा ई थी। गया म इस नदी क तट पर िपतृ प
का मेला लगता ह, िजसम अपने पूवज का िपंडदान िकया जाता ह। यह नदी अंतःसिलला या लीलाजन
क नाम से भी जानी जाती ह।
सकरी
सकरी नदी का उ म थल झारखंड म छोटानागपुर पठार का उ री भाग (हजारीबाग पठार) ह। यह नदी िबहार
क गया, पटना, नवादा और मुंगेर िजले म वािहत होती ई गंगा नदी म िमल जाती ह। इस नदी को सुमागधी क
नाम से भी जाना जाता ह।
कमनाशा
कमनाशा का अथ होता ह—कम का नाश करनेवाला। यह नदी िवं याचल क पहािड़य म सारोदाग (कमूर) से
िनकलकर चौसा क पास गंगा नदी म िमल जाती ह। िहदू धािमक मा यता क अनुसार इस नदी को अपिव या
अशुभ माना जाता ह।
चानन नदी
इस नदी को पंचाने भी कहा जाता ह। इसका मूल नाम पंचानन ह, जो अपभंरिशत होकर चानन कहलाने लगा।
यह नदी पाँच धारा क िमलने से िवकिसत ई ह, इसिलए इसे पंचानन कहा जाता ह। इस नदी क मुख धाराएँ
—पैमार, ितलैया, धरांज,े महाने आिद छोटानागपुर पठार से िनकलती ह। ये सारी धाराएँ राजगीर क पहाड़ी क
अवरोध क कारण नालंदा िजला क िग रयक क पास एक होकर आगे वािहत होती ह।
यूल नदी
इसक उ पि हजारीबाग क पठार से ई ह। यह िबहार म जमुई िजला क सतपहाड़ी क पास वेश करती ह।
इसक मुख सहायक निदयाँ बनर, अंजन, हरोहर (हलाहल) आिद ह। लखीसराय िजला क सूयगढ़ा क पास गंगा
नदी म िमल जाती ह।
िबहार क निदय क लंबाई तथा जल हण े तािलका
नदी : गंगा
कल लंबाई (िकमी.) : 2510
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 445
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 15,165
नदी : गंडक
कल लंबाई (िकमी.) : 630
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 260
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 4,188
नदी : घाघरा
कल लंबाई (िकमी.) : 1080
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 83
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 2,995
नदी : बूढ़ी गंडक
कल लंबाई (िकमी.) : 320
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 320
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 9,601
नदी : बागमती
कल लंबाई (िकमी.) : 597
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 394
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 6,500
नदी : कमला
कल लंबाई (िकमी.) : 328
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 120
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 4,488
नदी : कोसी
कल लंबाई (िकमी.) : 720
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 260
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 11,410
नदी : महानंदा
कल लंबाई (िकमी.) : 360
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 376
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 6,150
नदी : सोन
कल लंबाई (िकमी.) : 780
िबहार म लंबाई (िकमी.) : 202
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 15,820
नदी : पुनपुन
कल लंबाई (िकमी.) : 200
िबहार म लंबाई (िकमी.) : -
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : 7,747
नदी : कमनाशा
कल लंबाई (िकमी.) : 192
िबहार म लंबाई (िकमी.) : -
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : -
नदी : फ गु
कल लंबाई (िकमी.) : 235
िबहार म लंबाई (िकमी.) : -
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : -
नदी : अजय
कल लंबाई (िकमी.) : 288
िबहार म लंबाई (िकमी.) : -
िबहार म जल हण े (वग िकमी.) : -
िबहार क निदयाँ—उनक उ म थल एवं संगम/मुहाना
नदी : गंगा
उ म थल : गंगो री िहमनद का गोमुख (उ राखंड)
संगम/मुहाना : बंगाल क खाड़ी
नदी : गंडक
उ म थल : अ पूणा ेणी क मानंगमोट और कतांग क म य से
संगम/मुहाना : गंगा नदी (पटना क पास)
नदी : घाघरा (सरयू)
उ म थल : गुरला मंधाता चोटी क पास नां फा (नेपाल)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (छपरा क पास)
नदी : बूढ़ी गंडक
उ म थल : सोमे र ेणी क िवशंभंरपुर क पास चऊतरवा चौर
संगम/मुहाना : गंगा नदी (खगिड़या क पास)
नदी : बागमती
उ म थल : महाभारत ेणी (नेपाल)
संगम/मुहाना : बूढ़ी गंडक
नदी : कमला
उ म थल : महाभारत ेणी (नेपाल)
संगम/मुहाना : कोसी
नदी : कोसी
उ म थल : गोसाई थान (स कौिशक , नेपाल)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (करसेला क पास)
नदी : महानंदा
उ म थल : महाभारत ेणी (नेपाल)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (मिनहारी, किटहार क पास)
नदी : सोन
उ म थल : अमरकटक चोटी (म य देश)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (दानापुर एवं मनेर क बीच)
नदी : पुनपुन
उ म थल : छोटानागपुर पठार (पलामू)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (फतुहा क पास)
नदी : कमनाशा
उ म थल : सारोदाग (कमूर)
संगम/मुहाना : गंगा नदी
नदी : फ गु
उ म थल : उ री छोटानागपुर पठार (हजारीबाग)
संगम/मुहाना : टाल े
नदी : अजय
उ म थल : बटबाड़ (जमुई)
संगम/मुहाना : गंगा (प म बंगाल)
गरम जलकड
सदावाही एवं मौसमी निदय क अित र िबहार म जल क अ य मुख ोत म गरम जल क सोते (कड),
जल पात, झील आिद ह।
गया, नालंदा और मुंगेर े म गरम जल क अनेक सोते ह। सोते ाकितक जल क वैसे थल को कहा जाता
ह, जहाँ जल भूगभ से वतः बाहर आता ह। यह भूगिभक गरम जल ह, जो भूपपटी से िनकलता ह। इस जल का
तापमान 300 सटी ेड से 700 सटी ेड क बीच रहता ह। गरम जल होने का कारण मृत ालामुखी का मुख तथा
रिडयो ए टव खिनज ह। इस जल म पया मा ा म खिनज, लवण और गंधक आिद पाए जाते ह। िबहार म गरम
जल क मुख क राजगीर तथा मुंगेर े ह। इन जलकड क एक मुख िवशेषता यह ह िक यहाँ क जल का
साल भर तापमान लगभग एक समान रहता ह।
राजगीर म थत मुख गरम जलकड स धारा (सतधरवा), कड, सूयकड, मखदूमकड, नानककड,
गोमुखकड आिद ह। इनम सवािधक गरम जल कड का ह, िजसका तापमान 870 सटी ेड ह, जबिक अ य
जलकड का तापमान 700 सटी ेड रहता ह।
मुंगेर म थत गरम जलकड मूलतः खड़गपुर क पहािड़य म थत ह। यहाँ क मुख जलकड-सीताकड,
रामे रकड, ल मणकड, ऋिषकड, ज मकड, ल मी रकड, भीमबाँध, ंगारऋिषकड, भरारीकड, पंचतरकड
आिद ह। इसम ल मणकड का जल सवािधक गरम (620 सटी ेड) ह।
इसक अित र गया म अ नकड नामक गरम जल का कड पाया जाता ह।
िबहार क मुख जलकड
नाम : कड
थान : राजगीर (िबहार का सबसे गरम जलकड)
नाम : स धारा/सतधरवा
थान : राजगीर
नाम : सूयकड
थान : राजगीर
नाम : मखदूमकड
थान : राजगीर
नाम : नानककड
थान : राजगीर
नाम : गोमुखकड
थान : राजगीर
नाम : ल मणकड
थान : मुंगेर
नाम : सीताकड
थान : मुंगेर
नाम : रामे रकड
थान : मुंगेर
नाम : ऋिषकड
थान : मुंगेर
नाम : ज मकड
थान : मुंगेर
नाम : भीमबाँध
थान : मुंगेर
नाम : ंगारऋिषकड
थान : मुंगेर
नाम : भरारीकड
थान : मुंगेर
नाम : पंचतरकड
थान : मुंगेर
नाम : अ नकड
थान : गया
जल पात
जल पात वैसी भौगोिलक थित को कहते ह, जहाँ नदी पवतीय अथवा पठारी े म ती ढाल क सहार नीचे
उतरती ह। जहाँ कठोर और मुलायम च ान ैितज अव था म रहती ह, वहाँ मुलायम च ान का तेजी से अपरदन
होता ह, जबिक कठोर च ान यथाव रहती ह। उपयु प र थित म जल तेजी से ऊपर से नीचे िगरने लगता ह।
िबहार म जल पात मूलतः सीमांत पठारी े म रोहतास, कमूर, गया, नवादा आिद िजल म पाया जाता ह।
िबहार का सबसे िस जल पात ककोलत जल पात ककोलत पहाड़ी (नवादा) म थत ह। यह नवादा से 16
िकलोमीटर दि ण म थत ह। इसक ऊचाई 47 मीटर (160 फ ट) ह, लेिकन मु य पात क ऊचाई 24 मीटर
(80 फ ट) ह। कोडरमा पठार से उतरनेवाली सात धारा क िमलने से ककोलत जल पात बना ह।
सूखलदरी जल पात का िनमाण कनहर नदी ारा आ ह। यह िबहार और उ र देश क सीमा पर थत ह।
ताराचंडी पहाड़ी, रोहतास म काव नदी पर धुआँकड जल पात थत ह। दुगावती जल पात (खादर कोह) रोहतास
िजले क छानपापर नामक थान पर थत ह। इसक ऊचाई 90 मीटर (300 फ ट) ह। अ य जल पात म भोजपुर
िजले म फलव रया नदी पर िजआरखुंड जल पात मुख ह।
िबहार क मुख जल पात क थित
जल पात का नाम : ककोलत
नदी : कोडरमा पठार से उतरनेवाली धारा
थान/िजला : ककोलत (नवादा)
जल पात का नाम : सुखलदरी
नदी : कनहर
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : धुआँकड (30 मीटर)
नदी : काव, धोबा
थान/िजला : ताराचंडी (रोहतास)
जल पात का नाम : दुगावती (खादर कोह) (80 मीटर)
नदी : दुगावती
थान/िजला : छानपापर (रोहतास)
जल पात का नाम : िजआरखुंड
नदी : फलव रया
थान/िजला : िजआरखुंड (भोजपुर)
जल पात का नाम : तमासीन
नदी : महाने
थान/िजला : -
जल पात का नाम : खुआरी दाह (180 मीटर)
नदी : असाने
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : रािकम कड
नदी : गायघाट
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : ओखारीन कड(90 मीटर)
नदी : गोपथ
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : सुआरा (120 मीटर)
नदी : पूव सुआरा
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : देवदारी (58 मीटर)
नदी : कमनाशा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
जल पात का नाम : तेलहरकड (80 मीटर)
नदी : प म सुआरा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
झील
िबहार क मैदानी भाग म अनेक ाकितक झील पाई जाती ह। उ री िबहार क मैदान म िन न ढाल क कारण
नदी का वेग अ यंत मंद हो जाता ह। इस कारण नदी अपने साथ बहाकर लाए गए अवसाद को ढोने म असमथ
होने लगती ह। फल व प िवसपाकार वाह का िनमाण होने लगता ह। िवसपाकार वाह एवं निदय क ारा माग
प रवतन क कारण गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा आिद निदय ारा गोखुर झील का िनमाण आ ह।
उ री िबहार क मैदान म पाई जानेवाली मु य झील म काँवर झील या कवार ताल, कशे र थान झील, घोघा
झील (घोघा चाप), िसमरी-ब तयारपुर झील, उदयपुर झील आिद मुख ह। झीलनुमा जलम न े को उ र
िबहार म ताल, चौर, मन आिद नाम से भी जाना जाता ह। ये जलम न े आ भूिम (Wetland) कहलाते ह।
मुख झील िन निलिखत ह—
काँवर झील
काँवर झील बेगूसराय क मंझौल गाँव म थत ह। इस झील का े फल 16 वग िकलोमीटर ह। यह एिशया क
सबसे बड़ी गोखुर झील ह, िजसका िनमाण गंडक नदी क िवसपण से आ ह। इस झील म िविश कार क
वन पित पाई जाती ह, िजसम हाइ ा ले रिसलाटा, पोटोमोगटन, वे सने रया, ले लरा स, िनंफसा, िमंफोलो स,
सरपस वेट वे रया आिद मुख ह। इस झील म जाड़ क िदन (नवंबर से जनवरी) म साइबे रयाई े क वासी
प ी आते ह। इस झील क पास शोध-काय क िलए बड बिडग टशन Bird Banding Station क थापना क गई
ह। मुख प ी वै ािनक सलीम अली क अनुसार लगभग 60 जातीय प ी म य एिशया से जाड़ क िदन म यहाँ
आते ह। उनक अनुसार लगभग 106 जाित क प ी यहाँ िनवास करते ह। झील क े फल म लगातार कमी आ
रही ह, जो िचंता का िवषय ह। भारी मा ा म अवसादीकरण तथा यू ोिफकशन अथा ए गी एवं पौधे क मा ा म
वृ होने से जल तर म कमी आ रही ह। ो. अशोक घोष क अनुसार 1980 ई. तक यह झील वासी प ी का
बृहद जनन े था, िजसम अब लगातार कमी आ रही ह।
कशे र थान झील
यह झील दरभंगा क कशे र म थत ह। इस झील का े फल 20 वग िकलोमीटर से 100 वग िकलोमीटर
तक बढ़ता-घटता रहता ह। वषा काल म झील का अ यिधक िव तार हो जाता ह। वषा काल म कमला, करह आिद
निदय क जल- तर म वृ होने से इस झील म जलापूित होती ह। यह झील मछली उ पादन का मुख क ह।
यहाँ भी वासी प ी पेिलकन डालमिटया तथा साइबे रयन न जाड़ क मौसम म वास करते ह। 1972 ई. म इस
झील को प ी अभयार य घोिषत िकया गया ह।
घोघा झील
यह झील किटहार िजले क मिनहारी म ह। इसका े फल लगभग 5 वग िकलोमीटर ह। इस झील क आसपास
कई छोटी-छोटी झील थत ह। झील म जल का ोत मानसूनी वषा क साथ-साथ महानंदा नदी का जल भी ह।
िसमरी-ब तयारपुर झील
सहरसा िजले क िसमरी-ब तयारपुर म थत इस झील का िनमाण कई छोटी-छोटी झील क िमलने से आ ह।
इसम जमुिनया, सरिदया, कमीबी, गोबरा आिद मुख झील ह।
आ भूिम े (Wetlands)
वह भूिम, जहाँ पानी का तल ायः जमीन क सतह पर या जमीन क सतह क पास ह या जहाँ भूिम का भाग
उथले पानी क ारा ढका रहता ह, आ भूिम कहलाता ह। आ भूिम से संबंिधत अंतरा ीय रामसर (ईरान)
स मेलन, जो 1971 ई. म आयोिजत आ था, क अनुसार आ भूिम वह े ह, जो दलदल, दलदली भूप ी,
वन पित पदाथ से ढक भूिम ाकितक या कि म, थायी या अ थायी होती ह। थर या बहते ए, मीठ, खार या
नमक क पानी क े और समु ी पानी क वे े , जो ार म छह मीटर पानी म डब जाते ह अथा पानी से
संतृ भूभाग को आ भूिम कहते ह। इस कार क भूिम या तो साल भर आ रहती ह या मौसम िवशेष म।
उ री िबहार क मैदान म आ भूिम मूल प से मीठ जल क ोत क प म झील, मन, चौर, िदयर आिद क प
म पाई जाती ह। भारत म रा ीय आ भूिम संर ण काय म (NWCP) क तहत 115 आ भूिम (Wetland)
िच त क गई ह। इस काय म क तहत 115 म तीन आ भूिम े िबहार म संरि त िकए गए ह—
1. काँवर, बेगूसराय,
2. बा रला, वैशाली,
3. कशे र थान, दरभंगा।
िबहार रा य िसंचाई आयोग 1971 म रा य क तीन लाख ह टयर से भी अिधक भूिम को आ िन न भूिम क
प म िच त िकया गया ह। आ भूिम पयावरण एवं जैव िविवधता क साथ-साथ आिथक एवं संसाधना मक
मह व भी रखती ह, जैसे—म य पालन, मखाना एवं िसंघाड़ा का उ पादन होता ह। बाढ़ िनयं ण म भी िन नभूिम
चौर, मन, िदयर, झील आिद उपयोगी ह, य िक बाढ़ क समय निदय का अित र जल इनम संगृहीत होता ह।
िबहार क कल आ िन नभूिम का 21 ितशत िनजी वािम व म तथा 79 ितशत सरकारी वािम व म ह।
िबहार रा य म लगभग सम त आ भूिम े ाकितक वन े क बाहर अव थत ह। घनी आबादी क कारण
ऐसे े क िविभ व प पर मानवीय उपयोग का सघनतम दबाव बना रहता ह। इन प र थितय म आ भूिम क
संर ण एवं बंधन हतु सभी संब िवभाग से िविभ अवयव पर ठोस एवं कारगर कारवाई सुिन त करने क
िलए क सरकार क ारा आ भूिम (संर ण एवं बंधन) िनयमावली, 2010 को अव िमत करते ए आ भूिम
(संर ण एवं बंधन) िनयमावली, 2016 को लागू िकया गया ह। िबहार रा य आ भूिम िवकास ािधकरण का
पुनगठन िकया गया ह, िजसक सद य का कायकाल तीन वष का होगा।
रा य आ भूिम ािधकरण क श याँ िन नव ह गी एवं इसक ारा िन नांिकत काय का संपादन िकया
जाएगा—
1. रा य क आ भूिमय क संर ण एवं सतत िवकास हतु नीित िनधारण तथा इस योजनाथ रा य सरकार को
परामश देना।
2. रा य क आ भूिमय क पहचान एवं उ ह अंतरा ीय मह व क आ भूिम (रा ीय जलीय प रतं संर ण
काय म क अंतगत) िच त करने हतु अनुशंसा करना।
3. आ भूिम (संर ण एवं बंधन) िनयम , 2010 अथवा इन िनयम को ित थािपत करनेवाले आ भूिम संबंधी
िनयम क अंतगत ािधकार को िनिद काय का संपादन करना।
4. रा य सरकार ारा िविनिद मापदंड क अनुसरण म िविभ िवभाग क अिधका रता क भीतर
आ भूिमय क पहचान और वग करण संबंधी ेिषत द तावेज क समी ा कर अनुशंसा करना।
5. आ भूिमय क सीमा एवं जल हण े क ब प ीय अिधकार संबंधी िववाद का हल।
6. आ भूिमय क संर ण एवं सतत बंधन हतु अ य रा य, रा ीय और अंतरा ीय सं था से सहयोग।
िबहार क मुख जल िनम न (आ ) भूिम (Wetland) (झील/चौर/मन/गोखुर
झील)
जल िनम न (आ ) भूिम : काँवर झील
थित : मँझौल
िजला : बेगूसराय
जल िनम न (आ ) भूिम : कशे र थान झील
थित : कशे र थान
िजला : दरभंगा
जल िनम न (आ ) भूिम : घोघा चाप झील
थित : मिनहारी
िजला : किटहार
जल िनम न (आ ) भूिम : िसमरी-ब तयारपुर झील
थित : िसमरी-ब तयारपुर
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : उदयपुर झील
थित : उदयपुर
िजला : प मी चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : भुसारा मन
थित : भुसारा
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : पुरा मन
थित : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : कस रया चौर (खेतर)
थित : मोितहारी
िजला : पूव चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : चैता चौर
थित : िपपरी पकरी
िजला : प मी चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : मानसी चौर
थित : फिलया खार
िजला : खगिड़या
जल िनम न (आ ) भूिम : भरथुआ चौर
थित : भरथुआ
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : भ वा चौर
थित : बलुआ बाजार
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : बोरा चौर
थित : खरकता ताल
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : परबा मुरली चौर
थित : कमार गेज
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : मुरादपुर चौर
थित : मुरादपुर
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : ह रया चौर
थित : अक लपुर
िजला : सारण
जल िनम न (आ ) भूिम : राघोपुर
थित : माजीपुर, मैनािलया, पैितया
िजला : वैशाली
q
15. जलवायु एवं िम ी
(Soil and Climate)
जलवायु
वषा का िवतरण
उ र िबहार क मैदान क िम ी
दि ण िबहार क मैदान क िम ी
दि णी सीमांत पठार क िम ी
जलवायु
िबहार उपो ण किटबंध म थत रा य ह। यहाँ क जलवायु पर मानसूनी वायु का भाव पड़ता ह, अतः यह
मानसूनी जलवायु का देश ह। िबहार क जलवायु आ उपो ण जलवायु (Cwa) ह। िकसी थान क जलवायु पर
सवािधक भाव अ ांश का पड़ता ह। अ य कारक म ऊचाई, समु से दूरी, वायु क िदशा, वन, समु ी जलधारा,
वषा क मा ा, पवत क िदशा आिद ह। इन कारक को स मिलत प से Land Reforms कहते ह। इन कारक म
िबहार क जलवायु को भािवत करनेवाले कारक अ ांश, ऊचाई, समु से दूरी और वषा क मा ा आिद ह।
अ ांशीय ि कोण से िबहार कक रखा क उ र म थत ह। अतः संपूण िबहार उपो ण किटबंध म पड़ता ह।
िबहार क पूव भाग अर रया, िकशनगंज, किटहार, पूिणया, सहरसा आिद िजल म अिधक वषा होने क कारण आ
जलवायु पाई जाती ह, जबिक उ री-प मी भाग म गोपालगंज, सीवान, सारण आिद म अ -शु क जलवायु पाई
जाती ह। रा य क उ री भाग म िहमालय क थित का भाव पड़ता ह। बंगाल क खाड़ी क ओर से आनेवाली
वा पयु वायु िहमालय पवत से टकराकर भारी वषा कराती ह। वषा क मा ा पूरब से प म क ओर घटती
जाती ह। मई-जून तथा अ ूबर-नवंबर म बंगाल क खाड़ी से उठनेवाले च वात का भी रा य क जलवायु पर
भाव पड़ता ह। जाड़ क िदन म पछवा िव ोभ क कारण शीतो ण च वातीय वषा का भी भाव रा य पर पड़ता
ह।
य िप िबहार थलब रा य ह, िजस कारण यहाँ क जलवायु पर महा ीपीयता का भाव पड़ना चािहए था,
लेिकन रा य क जलवायु म वष क अिधकांश समय नमी बनी रहती ह। इसिलए िबहार क जलवायु को
महा ीपीय जलवायु न कहकर संशोिधत महा ीपीय जलवायु कहते ह।
िविभ िव ान ने अपने-अपने जलवायु वग करण म िबहार क जलवायु क िलए अलग-अलग संकता र का
योग िकया ह। कोपेन ने अपने जलवायु वग करण म िबहार को (मानसूनी कार एवं शु क जाड़ा), डडले टांप
एवं क यू ने उपो ण जलवायु क सं मण े म, ि वाथा ने (उपो ण किटबंधीय आ )तथा थॉनवेट ने वग म रखा
ह।
िबहार म िविभ जलवायिवक िवशेषता क कारण तीन कार क ऋतुएँ पाई जाती ह—
1. ी म ऋतु (म य माच से म य जून तक),
2. वषा ऋतु (म य जून से म य अ ूबर तक),
3. शीत एवं शरद ऋतु (म य अ ूबर से म य माच तक)।
ी म ऋतु
ी म ऋतु माच क महीने म ारभ होती ह। इस समय सूय क उ रायण होने क कारण तापमान म वृ होने
लगती ह। मई आते-आते तापमान अिधक बढ़ जाता ह। मई का माह सवािधक गरम माह होता ह। रा य का औसत
तापमान ी म ऋतु म 35-45 िड ी सटी ेड रहता ह। तापमान म वृ होने से मैदानी भाग िन नभार का े बन
जाता ह। धूलभरी आँधी तेज गित से चलने लगती ह। इस ऋतु म आ ता म कमी आ जाती ह। हवाएँ शु क एवं
गरम होती ह, िजसक िदशा प म से पूरब क ओर होती ह। इस गरम एवं शु क वायु को ‘लू’ कहते ह। यह
गरम वायु मूलतः पंजाब, राज थान क मैदान क गरम होने से बननेवाले बृहत िन न भारवाले े से वािहत होती
ह। इस मौसम म कभी-कभी बा रश भी होती ह। मई-जून म बंगाल क खाड़ी म च वाती तूफान क उ पि होती
ह, िजससे रा य क पूव भाग म वषा होती ह। इस कार क च वाती तूफान को नाव टर या काल वैशाखी कहते
ह। ी म ऋतु म रा य का सबसे गरम िजला गया रहता ह।
वषा ऋतु
वषा ऋतु िबहार म म य जून से ारभ होकर म य अ ूबर तक रहती ह। ी म ऋतु का अंत होते-होते िबहार क
मैदान म िन न वायुदाब े का िवकास हो जाता ह। यह िन न वायुदाब े मानसूनी गत का काम करने लगता ह
तथा मानसूनी वायु को आकिषत कर वषा कराता ह।
िबहार क पूव भाग अर रया, िकशनगंज, किटहार, पूिणया, सहरसा आिद िजल म अिधक वषा होने क
कारण आ जलवायु पाई जाती ह, जबिक उ री प मी भाग म गोपालगंज, सीवान, सारण आिद म
अ -शु क जलवायु पाई जाती ह।
िबहार म दि ण-प म मानसून अथवा ी मकालीन मानसून से अिधकांश वषा होती ह। िबहार म मानसून का
आगमन 10 जून तक हो जाता ह तथा 15-20 जून तक पूर िबहार म फल जाता ह। मानसून का आगमन सबसे
पहले िबहार क उ र-पूव िह से म िकशनगंज म 10 जून तक होता ह। िकशनगंज िबहार का सवािधक आ (वषा
हण करनेवाला) िजला ह। कवल जून से िसतंबर क बीच पटना म 105 सटीमीटर वषा होती ह। जैसे-जैसे
मानसूनी वायु प म क ओर बढ़ती ह, वषा क मा ा कम होती जाती ह। इस मौसम म वायु म आ ता क मा ा
80-90 ितशत तक रहती ह।
मानसूनी वायु का िहमालय पवतीय े से टकराकर ऊपर उठने क कारण िशवािलक ेणी, तराई देश एवं
उ री मैदान म अिधक वषा होती ह, जबिक दि णी िबहार क मैदान म वषा कम होती ह। मानसूनी वायु क एक
शाखा छोटानागपुर पठार क ओर से वेश करती ह, िजससे सीमांत पठारी े म वषा होती ह।
अ ूबर क म य तक िबहार से मानसून वापस लौटने लगता ह, वायु िवपरीत िदशा म वापस लौटने लगती ह,
िजसे मानसून का लौटना (Retreating of Monsoon) कहते ह। इस समय म य अ ूबर से नवंबर क बीच का
काल, िजसम मानसून क उ पि का मुख कारण जेट ीम वायु िहमालय क दि णी ठडी वायु का व प
हण करने लगती ह। यह शरद ऋतु क थित होती ह।
शीत ऋतु
शीत ऋतु का ारभ नवंबर क ारभ से होता ह। इस ऋतु क मुख िवशेषता—आसमान साफ एवं ठडी वायु
मंद गित से थल से समु क ओर वािहत होने लगती ह अथा ित च वातीय थित उ प होती ह। इस ऋतु
म औसत तापमान 16 िड ी सटी ेड रहता ह, जबिक जनवरी महीने म यूनतम तापमान 4-10 िड ी सटी ेड रहता
ह। इस ऋतु म जनवरी सबसे ठडा महीना होता ह। पछआ िव ोभ से ह क वषा होती ह। जनवरी म ठड बढ़ने से
पाला पड़ने लगता ह, िजससे फसल , िवशेषकर आलू, को हािन प चती ह। जनवरी म तापमान अ यंत कम हो
जाने से शीतलहर चलने लगती ह।
वषा का िवतरण
िबहार म वषा का िवतरण असमान ह। असमान होने का मु य कारण उ ावच म िभ ता एवं समु से बढ़ती
दूरी ह। िबहार म औसत वािषक वषा 100.9 सटीमीटर (1009 िमलीमीटर) होती ह। सवािधक वषा िकशनगंज म
180 सटीमीटर तक होती ह। उ री िबहार क मैदान म 100 सटीमीटर से 200 सटीमीटर तक वषा होती ह। उ री
मैदान म पूरब से प म क ओर वषा क मा ा कम होती जाती ह। पूव र िबहार एवं तराई देश म वषा क
मा ा 200 सटीमीटर से अिधक होती ह।
दि ण िबहार क मैदान म उ र िबहार क तुलना म वषा कम होती ह। दि णी िबहार क नवादा, गया,
औरगाबाद, रोहतास एवं कमूर िजले कम वषा हण करनेवाले िजले ह।
िबहार म औसत वािषक वषा 100.9 सटीमीटर (1009 िमलीमीटर) होती ह। सवािधक वषा िकशनगंज
म 180 सटीमीटर तक होती ह।
ी मकालीन मानसूनी वषा क अित र जाड़ म भी िबहार म वषा होती ह। जनवरी-फरवरी म मैदानी े म
पछआ िव ोभ क कारण वषा होती ह, जो रबी फसल क िलए लाभदायक ह। यह वषा शीतो ण च वात से होती
ह, िजसक उ पि भूम यसागर म होती ह। च वातीय वायु आगे बढ़कर फारस क खाड़ी म नमी हण करती ह
तथा उ री-प मी भारत म वेश कर वषा कराती ह, िजसका भाव िबहार तक पड़ता ह।
िजलावार वािषक िववरण (वषा िमलीमीटर म)
मांक : 1
िजला : पटना
2015 : 534.5
2016 (अ ूबर तक) : 919.2
मांक : 2
िजला : नालंदा
2015 : 671.9
2017 (अ ूबर तक) : 1087.7
मांक : 3
िजला : भोजपुर
2015 : 643
2018 (अ ूबर तक) : 807.3
मांक : 4
िजला : ब सर
2015 : 747.6
2019 (अ ूबर तक) : 941.6
मांक : 5
िजला : रोहतास
2015 : 526.6
2020 (अ ूबर तक) : 1041.1
मांक : 6
िजला : कमूर
2015 : 826
2021 (अ ूबर तक) : 1194.5
मांक : 7
िजला : गया
2015 : 738.3
2022 (अ ूबर तक) : 1185.7
मांक : 8
िजला : जहानाबाद
2015 : 591
2023 (अ ूबर तक) : 1006.8
मांक : 9
िजला : अरवल
2015 : 753.9
2024 (अ ूबर तक) : 1236.3
मांक : 10
िजला : नवादा
2015 : 630.1
2025 (अ ूबर तक) : 914.8
मांक : 11
िजला : औरगाबाद
2015 : 949.1
2026 (अ ूबर तक) : 1377.2
मांक : 12
िजला : सारण
2015 : 473.6
2027 (अ ूबर तक) : 626.5
मांक : 13
िजला : सीवान
2015 : 655.9
2028 (अ ूबर तक) : 844.2
मांक : 14
िजला : गोपालगंज
2015 : 714.5
2029 (अ ूबर तक) : 853.7
मांक : 15
िजला : प मी चंपारण
2015 : 910.7
2030 (अ ूबर तक) : 1083.1
मांक : 16
िजला : पूव चंपारण
2015 : 870.9
2031 (अ ूबर तक) : 912.6
मांक : 17
िजला : मुज फरपुर
2015 : 467.9
2032 (अ ूबर तक) : 679.5
मांक : 18
िजला : सीतामढ़ी
2015 : 590.9
2033 (अ ूबर तक) : 746.7
मांक : 19
िजला : िशवहर
2015 : 777.7
2034 (अ ूबर तक) : 965.7
मांक : 20
िजला : वैशाली
2015 : 511.8
2035 (अ ूबर तक) : 711.1
मांक : 21
िजला : दरभंगा
2015 : 841.1
2036 (अ ूबर तक) : 1036.4
मांक : 22
िजला : मधुबनी
2015 : 705.3
2037 (अ ूबर तक) : 1117.1
मांक : 23
िजला : सम तीपुर
2015 : 893.8
2038 (अ ूबर तक) : 1058.6
मांक : 24
िजला : बेगूसराय
2015 : 964.8
2039 (अ ूबर तक) : 937.9
मांक : 25
िजला : मुंगेर
2015 : 822
2040 (अ ूबर तक) : 994.7
मांक : 26
िजला : शेखपुरा
2015 : 794.1
2041 (अ ूबर तक) : 1102.6
मांक : 27
िजला : लखीसराय
2015 : 744.3
2042 (अ ूबर तक) : 1065.5
मांक : 28
िजला : जमुई
2015 : 798.4
2043 (अ ूबर तक) : 1120.5
मांक : 29
िजला : खगिड़या
2015 : 1047
2044 (अ ूबर तक) : 767.2
मांक : 30
िजला : भागलपुर
2015 : 1412
2045 (अ ूबर तक) : 1132.8
मांक : 31
िजला : बाँका
2015 : 719.9
2046 (अ ूबर तक) : 1024.4
मांक : 32
िजला : सहरसा
2015 : 957.5
2047 (अ ूबर तक) : 1349.8
मांक : 33
िजला : सुपौल
2015 : 674.3
2048 (अ ूबर तक) : 1366.9
मांक : 34
िजला : मधेपुरा
2015 : 857.7
2049 (अ ूबर तक) : 1216.6
मांक : 35
िजला : पूिणया
2015 : 822.8
2050 (अ ूबर तक) : 1368.1
मांक : 36
िजला : िकशनगंज
2015 : 1654
2051 (अ ूबर तक) : 2267
मांक : 37
िजला : अर रया
2015 : 1014
2052 (अ ूबर तक) : 1684.4
मांक : 38
िजला : किटहार
2015 : 933.1
2053 (अ ूबर तक) : 973.5
मांक :
िजला : िबहार
2015 : 795.9
2054 (अ ूबर तक) : 1071.6
िम ी
िम ी ठोस भूपटल क ऊपरी असंगिठत पदाथ क परत ह, िजसका िनमाण च ान क टटने-फटने से होता ह।
िम ी म च ानी कण, ूमस, जल, वायु तथा सू म जीवाणु पाए जाते ह। वा तव म िम ी च ान क अप ंश
और उनम होनेवाले भौितक एवं रासायिनक प रवतन का प रणाम ह। िम ी िनमाण म जल, आ ता और तापमान
जैसे जलवायिवक कारक मु य भूिमका िनभाते ह। जलवायु एक ग या मक कारक ह, जो ऋतु रण, ताप और वषा
ारा िम ी िनमाण क ि या को भािवत करता ह।
िबहार रा य क 90 ितशत धरातल पर जलोढ़ िम ी ह, जो गंगा नदी क उ र और दि ण क जलोढ़ मैदान म
निदय ारा लाए गए अवसाद से िनिमत ह। िबहार सरकार क किष अनुसंधान िवभाग क अनुसार िबहार क
िम ी का वग करण िकया गया ह। इस वग करण का आधार मूल च ान, भू-आकित, भौितक एवं रासायिनक
संरचना ह। किष अनुसंधान िवभाग क अनुसार िबहार क िम ी को मु यतः तीन वग म बाँटा गया ह—
1. उ र िबहार क मैदान क िम ी,
2. दि ण िबहार क मैदान क िम ी,
3. दि णी सीमांत पठार क िम ी।
उ र िबहार क मैदान क िम ी
उ र िबहार क मैदान म िशवािलक ेणी (प मी चंपारण का पवतीय भाग) को छोड़कर मु यतः जलोढ़
िम ी पाई जाती ह। इस िम ी का िनमाण िहमालय से िनकलनेवाली गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा और
उसक सहायक निदय ारा आ ह। िशवािलक पवतीय े म वनीय या पवतीय िम ी का िवकास आ ह।
उ र िबहार क मैदान क िम ी को किष अनुसंधान िवभाग क ारा चार उप-वग म बाँटा गया ह—
उप-िहमालय पवतपदीय िम ी
यह िम ी चंपारण क उ री-प मी भाग म सोमे र ेणी क आसपास पाई जाती ह। पवतीय ढाल पर अिधक
वषा क कारण िम ी क परत पतली होती ह। यह काफ उपजाऊ िम ी होती ह। यह िचकनी िम ी ह, िजसका
रग ह का भूरा एवं पीला ह। इस े म वषा अिधक होने एवं िम ी का गठन ह का होने से आ ता (नमी)
अिधक पाई जाती ह। इस िम ी म जैिवक पदाथ ( ूमस) क अिधकता पाई जाती ह। इस िम ी म उपजाई
जानेवाली मुख फसल धान, म ा, जौ आिद ह।
तराई िम ी
उप-िहमालय पवतपदीय िम ी क दि णी भाग म इस िम ी का िव तार 3-8 िकलोमीटर क पतली िम ी क
प म प मी चंपारण से िकशनगंज तक ह। पवतपदीय े म जल क सतत भूिम म रसते रहने से इस िम ी
को पया आ ता िमलती ह। इस िम ी म ककड़ क छोट कण भी पाए जाते ह तथा कई जगह पर दलदली भूिम
का भी िवकास आ ह। इस िम ी का रग ह का भूरा या पीला होता ह। इस िम ी म चूने क पया मा ा पाई
जाती ह। यह िम ी धान, पटसन और ग े क खेती क िलए अनुकल होती ह।
इस िम ी को बलसुंदरी िम ी क नाम से भी जाना जाता ह। यह िम ी ारीय कित क होती ह,
िजसम चूना और पोटाश क अिधकता होती ह।
पुरानी जलोढ़ या बाँगर िम ी
पुरानी जलोढ़ िम ी का िवकास वैसे े म होता ह, जहाँ बाढ़ का पानी ितवष नह प च पाता ह। इस िम ी
का िव तार मु यतः घाघरा-गंडक दोआब और बूढ़ी गंडक क प मी भाग म ह। इस िम ी को बलसुंदरी िम ी
क नाम से भी जाना जाता ह। यह िम ी ारीय कित क होती ह, िजसम चूना और पोटाश क अिधकता होती ह।
इस िम ी म चूने क मा ा 30 ितशत से अिधक होती ह। इसम फॉ फोरस और नाइ ोजन क कमी पाई जाती ह।
यह िम ी ग ा किष क िलए उपयु ह, य िक िम ी का कण मोटा होने क कारण तुलना मक प से नमी
हण करने क मता अिधक होती ह। इस िम ी का रग भूरा एवं सफद होता ह। इस िम ी म ऊपजाई जानेवाली
अ य फसल म ा, ईख, धान, गे और तंबाक ह।
खादर िम ी
निदय ारा ितवष बाढ़ क प ा छोड़ गए अवसाद से िनिमत िम ी को नवीन जलोढ़ िम ी या खादर
िम ी कहा जाता ह। इसम अनेक मह वपूण खिनज त व होते ह। इस िम ी का रग गहरा भूरा होता ह। इसम
चीका ( )े क धानता होती ह। कह -कह बालू भी अिधक मा ा म िमलती ह। इस िम ी का िव तार गंगा
घाटी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी और महानंदा क िनचली घाटी म पाया जाता ह। यह िम ी धान क किष क
िलए उ म होती ह। उ र-पूव िबहार म अिधक वषा होने क कारण इस िम ी म जूट क किष होती ह। इस िम ी
म नाइ ोजन क कमी पाई जाती ह।
दि ण िबहार क मैदान क िम ी
यह िम ी गंगा क दि ण मैदान म पाई जाती ह। इसका िव तार गंगा नदी तथा छोटानागपुर पठार क बीच ह।
दि ण िबहार म जलोढ़ िम ी का िनमाण सोन, पुनपुन, फ गु तथा उनक सहायक निदय क िन ेपण से आ ह।
िम ी क संरचना मक िवशेषता क आधार पर दि णी िबहार क मैदान क िम ी को चार उपवग म बाँटा गया
ह—
कगारी िम ी
यह िम ी निदय क िकनार तटबंध क प म पाई जाती ह। गंगा नदी क दि णी तट, सोन, िकऊल, पुनपुन,
फ गु आिद निदय क िकनार मोटी काँप क प म इस िम ी का िवकास आ ह। यह िम ी चूना- धान िम ी
ह। इसका गठन ह का एवं रग भूरा होता ह। इस िम ी क मुख फसल मकई, जौ, सरस , िमच आिद ह।
टाल िम ी
टाल िन न भूिम का े ह, जो वषा काल म जल- लािवत रहता ह। यह िम ी कगारी िम ी क दि ण ब सर
से भागलपुर तक 8 से 10 िकलोमीटर चौड़ी प ी म फली ई ह। यह भूर रग क मोट कणवाली िम ी ह। यह
िम ी दलहन उ पादन क िलए िस ह।
पुरानी जलोढ़/करल-कवाल िम ी
इस िम ी का िव तार टाल े क दि ण म ब सर, भोजपुर, उ री गया, उ री रोहतास, नालंदा, जहानाबाद,
मुंगेर, पटना आिद म पाया जाता ह। इस िम ी का िव तार े अिधक होने क कारण इसम े ीय िभ ता पाई
जाती ह। इसका रग गहरा भूरा से लेकर पीला तक होता ह। इस िम ी म बालू, िस ट और चीका का िम ण पाया
जाता ह। इस िम ी म ारीय और अ लीय गुण काफ संतुिलत प म पाया जाता ह। यह अ यिधक
उपजाऊिम ी ह। इस िम ी क जल हण मता अिधक होती ह। इस िम ी म उपजाई जानेवाली मुख फसल
धान, गे , बाजरा, अरहर आिद ह।
बलथर िम ी
यह िम ी छोटानागपुर पठार और गंगा क दि ण मैदान क िमलन े म पाई जाती ह। इस िम ी का िव तार
कमूर से भागलपुर तक 5 से 15 िकलोमीटर तक एक संक ण प ी क प म पाया जाता ह। इसे लाल-पीली
िम ी क नाम से भी जाना जाता ह। इस िम ी म ह क ककड़ िमलते ह और इसम लाल रग क अिधकता भी
होती ह। इस िम ी क कित अ लीय होती ह। यह िम ी जल सोखने म स म होती ह। इस िम ी म लोह क
अंश भी पाए जाते ह। अपरदन क अिधकता क कारण इस िम ी म किष क संभावना कम होती ह। इस िम ी म
मु यतः म ा, ार, बाजरा, आलू आिद क फसल उपजाई जाती ह।
दि णी सीमांत पठार क िम ी
दि ण िबहार क सीमांत पठारी े म मु यतः लाल और पीले रग क अविश िम ी पाई जाती ह। सीमांत
पठारी े क िम ी को दो उपवग म बाँटा गया ह—
कमूर पहाड़ क लाल बालूका िम ी
यह िम ी कमूर एवं रोहतास क पठारी े म पाई जाती ह। इस िम ी म बालू क साथ लाल चीका और
लेटराइट क अंश पाए जाते ह। इस े म ाकितक वन पित क अिधकता क कारण इस िम ी म जीवांश अिधक
पाया जाता ह। यह कम उपजाऊ िम ी ह। इस िम ी म उपजाई जानेवाली मु य फसल ार, बाजरा, मकई,
म आ आिद ह।
लाल-पीली िम ी
इस िम ी का िव तार दि ण-पूरब िबहार क जमुई, मुंगेर क खड़गपुर पहाड़ी, बाँका, नवादा, गया और
औरगाबाद क पठारी े म पाया जाता ह। इस िम ी का िनमाण ेनाइट, नीस, िश ट आिद च ान क िवखंडन
से आ ह। च ान म लौह त व क अिधकता क कारण इस िम ी का रग लाल होता ह। इस िम ी म पोषक
त व तथा ूमस क कमी पाई जाती ह। यह अनुपजाऊ िम ी ह। इस िम ी म मु यतः मोट अनाज, दलहन
आिद उपजाए जाते ह।
q
16. वन एवं व य जीव-जंतु
(Forest and Wild Life)
वन
वन नीित
रा य वन िवकास अिधकरण
व य जीव-जंतु एवं संर ण
वन
िबहार मैदानी े फल वाला रा य ह। जनसं या का अिधक भार एवं किष भूिम क दबाव क कारण ाकितक
वन पित पयावरण क अनुकल नह ह। िबहार मानसूनी जलवायु वाला रा य ह। अतः वन पित िनधारण का मुख
कारक वषा क मा ा ह। िशवािलक ेणी एवं कमूर क पहाड़ी े म वन पित को ऊचाई भी भािवत करती ह।
िबहार का कल े फल 94,163 वग िकलोमीटर ह, िजसक 6845 वग िकलोमीटर े फल पर वन ह। यह िबहार
क कल े फल का 7.21 ितशत ह।
वषा क मा ा क आधार पर िबहार क ाकितक वन पित को दो वग म िवभ िकया जा सकता ह—
आ पणपाती वन,
शु क पणपाती वन।
आ पणपाती वन—120 सेमी. से अिधक वािषक वषावाले े म आ पणपाती वन पाया जाता ह। आ
पणपाती वन को दो वग म बाँटते ह—
1. सोमे र एवं दून ेणी क वन—यह वन मु यतः प मी चंपारण म पाया जाता ह। यहाँ वषा क मा ा
160 समी. से अिधक होती ह। उ भूिम और पहाड़ी ढाल पर पाए जानेवाले इस वन क मुख वृ शाल
(Sharea Robusta), शीशम, खैर, सेमल, तून आिद ह। ऊचाई क कारण इन े म सवाना कार क वन पित का
भी िवकास आ ह।
2. तराई े का वन—यह वन तराई े क उ री-प मी तथा उ री-पूव भाग म पाया जाता ह। यह वन
पूिणया, सहरसा, अर रया एवं िकशनगंज िजले म एक संक ण प ी क प म पाया जाता ह। इस वन क मुख
वन पित बाँस, सवई, घास, नरकट, झाड़, हाथी घास आिद ह। इस कार क वन पित िन न दलदली भूिम म पाई
जाती ह। सहरसा तथा पूिणया क उतरी सीमांत े म शाल वन क प ी पाई जाती ह।
शु क पणपाती वन—120 समी. से कम वािषक वषा वाले े म शु क पणपाती वन पाया जाता ह। इसम
झाड़ी, घास तथा छोट-छोट पौधे िवकिसत ए ह। इस कार क वन पित का िवकास िबहार क पूव म यवत भाग
एवं दि णी पठार क प मी भाग म आ ह। इस कार क वन कमूर, रोहतास, गया, औरगाबाद, नवादा, जमुई,
शेखपुरा एवं बाँका िजले क शु क पठारी े म पाए जाते ह। इस वन क मुख वृ शीशम, म आ, खैर, पलाश,
आसन, आँवला, अमलतास, आबनूस आिद ह।
िबहार म वन क सुर ा को यान म रखते ए इसे तीन वग म बाँटा गया ह—
सुरि त वन (Reserve Forest),
आरि त वन (Protected Forest),
अवग कत वन (Unclassified Forest)।
सुरि त वन वह वन ह, िजसम पशु को चराने तथा लकड़ी काटने क अनुमित नह होती ह। इ ह सरकारी
संर ण म रखा जाता ह। आरि त वन वैसे वन को कहते ह, िजसम पशु को चराने एवं सीिमत मा ा म लकड़ी
काटने एवं चुनने क अनुमित सरकार ारा दी जाती ह। अवग कत वन म पशु को चराने तथा लकड़ी काटने क
िलए सरकार ारा कोई ितबंध नह लगाया जाता ह, लेिकन इसक िलए शु क िलया जाता ह।
सुर ा क ि से वन का कार
वन का कार : आरि त वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 693
वन का कार : संरि त वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 5,779
वन का कार : अवग कत वन े
े फल (वग िकलोमीटर म) : 452
वन का कार : कल
े फल (वग िकलोमीटर म) : 6845
िबहार म पाए जानेवाले कल वन का, टट फॉर ट रपोट, 2015 क अनुसार, 3.89 ितशत खुले वन, 3.59
ितशत सामा य वन, 0.26 ितशत अितसघन वन तथा 0.12 ितशत झाड़ीदार वन पाया जाता ह।
िबहार म िजलावार वन क े फल एवं ितशत को नीचे क तािलका म िदया
गया ह—
िजला : अर रया
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,830
कल वन े फल (वग िकमी.) : 157
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.55
िजला : औरगाबाद
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,305
कल वन े फल (वग िकमी.) : 1544
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 4.96
िजला : बाँका
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,019
कल वन े फल (वग िकमी.) : 232
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 7.68
िजला : कमूर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,362
कल वन े फल (वग िकमी.) : 1102
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 32.6
िजला : बेगूसराय
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,918
कल वन े फल (वग िकमी.) : 84
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 4.33
िजला : भागलपुर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,570
कल वन े फल (वग िकमी.) : 64
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 2.49
िजला : भोजपुर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,395
कल वन े फल (वग िकमी.) : 35
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 1.46
िजला : ब सर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,703
कल वन े फल (वग िकमी.) : 10
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.59
िजला : दरभंगा
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,279
कल वन े फल (वग िकमी.) : 134
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.88
िजला : गया
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 4,976
कल वन े फल (वग िकमी.) : 607
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 12.2
िजला : गोपालगंज
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,033
कल वन े फल (वग िकमी.) : 5
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.25
िजला : जमुई
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,123
कल वन े फल (वग िकमी.) : 641
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 20.6
िजला : जहानाबाद
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 931
कल वन े फल (वग िकमी.) : 3
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.32
िजला : किटहार
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,057
कल वन े फल (वग िकमी.) : 61
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 2
िजला : खगिड़या
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,486
कल वन े फल (वग िकमी.) : 21
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 1.41
िजला : िकशनगंज
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,884
कल वन े फल (वग िकमी.) : 101
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.36
िजला : लखीसराय
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,228
कल वन े फल (वग िकमी.) : 201
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 14.8
िजला : मधेपुरा
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,788
कल वन े फल (वग िकमी.) : 51
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 2.85
िजला : मधुबनी
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,501
कल वन े फल (वग िकमी.) : 198
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.66
िजला : मुंगेर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,419
कल वन े फल (वग िकमी.) : 267
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 19.8
िजला : मुज फरपुर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,172
कल वन े फल (वग िकमी.) : 142
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 4.48
िजला : नालंदा
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,368
कल वन े फल (वग िकमी.) : 32
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 1.35
िजला : नवादा
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,494
कल वन े फल (वग िकमी.) : 509
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 20.4
िजला : प मी चंपारण
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 5,228
कल वन े फल (वग िकमी.) : 899
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 17.2
िजला : पटना
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,202
कल वन े फल (वग िकमी.) : 25
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.78
िजला : पूव चंपारण
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,968
कल वन े फल (वग िकमी.) : 156
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 3.93
िजला : पूिणया
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,229
कल वन े फल (वग िकमी.) : 53
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 1.64
िजला : रोहतास
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 3,851
कल वन े फल (वग िकमी.) : 706
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 18.4
िजला : सहरसा
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 1,896
कल वन े फल (वग िकमी.) : 32
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 1.9
िजला : सम तीपुर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,904
कल वन े फल (वग िकमी.) : 156
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.37
िजला : सारण
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,641
कल वन े फल (वग िकमी.) : 53
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 2.01
िजला : शेखपुरा
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 689
कल वन े फल (वग िकमी.) : 1
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.16
िजला : िशवहर
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 443
कल वन े फल (वग िकमी.) : 30
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.24
िजला : सीतामढ़ी
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,294
कल वन े फल (वग िकमी.) : 133
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 6.42
िजला : सीवान
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,219
कल वन े फल (वग िकमी.) : 7
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.32
िजला : सुपौल
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,425
कल वन े फल (वग िकमी.) : 132
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 5.43
िजला : वैशाली
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 2,036
कल वन े फल (वग िकमी.) : 92
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 4.52
िजला : अरवल
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 638
कल वन े फल (वग िकमी.) : 2
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 0.32
िजला : कल
भौगोिलक े (वग िकमी.) : 94,504
कल वन े फल (वग िकमी.) : 7288
ितशत (िजले क भौगोिलक े फल का) : 7.27
ोत : वन िवभाग, िबहार सरकार
वन संपदा
वन से ा होनेवाले उ पाद को वन संपदा कहते ह। िबहार रा य म वन क अनेक कार क मुख एवं गौण
उ पाद ा होते ह। रा य म वन उ पाद क एक ीकरण एवं िवपणन का काय िबहार रा य वन िवकास िनगम
ारा िकया जाता ह।
मु य उ पाद
वन से ा होनेवाले मु य उ पाद म कवल लकिड़य को शािमल िकया जाता ह। िबहार म पाए जानेवाले
मुख वन उ पाद िन निलिखत ह—
शाल—यह मु यतः पहाड़ी ढाल एवं तराई े म पाया जाता ह। यह क मती लकड़ी ह, जो कठोर एवं
िटकाऊहोती ह। इसका उपयोग मकान, फश, फन चर, रल क िड बे एवं पट रय क िनमाण आिद म िकया जाता
ह। शाल क बीज का उपयोग तेल िनकालने म भी िकया जाता ह।
शीशम—यह वृ मु यतः िबहार क दि णी-पूव िह से म पाया जाता ह। इसक लकड़ी िचकनी और धारदार
होती ह। फन चर उ ोग म इसका सवािधक उपयोग िकया जाता ह।
सेमल—सेमल क लकड़ी ह क , मुलायम और सफद होती ह। इसका सवािधक उपयोग पैिकग क िलए पेटी
बनाने म तथा िखलौना िनमाण म िकया जाता ह। सेमल वृ उ री िबहार क तराई े म पाया जाता ह। इसक ई
का उपयोग घरलू एवं िचिक सा े म िकया जाता ह।
तून—तून क वृ िबहार क पहाड़ी ढाल पर पाए जाते ह। इसक लकड़ी मजबूत होने क कारण फन चर, घरलू
सामान, िखलौना उ ोग आिद म उपयोग म लाई जाती ह।
इसक अलावा आम, पीपल, नीम, बरगद, कटहल, बाँस आिद भी मह वपूण वृ ह। आम क वृ सवािधक
उ री िबहार क दरभंगा, भागलपुर आिद िजल म पाए जाते ह। आम क वृ से फल क साथ-साथ घरलू उपयोग
क िलए लकड़ी क ा होती ह। पीपल एवं नीम क उ पाद का उपयोग दवा िनमाण म िकया जाता ह।
गौण उ पाद
िबहार म पाए जानेवाले गौण उ पाद िन निलिखत ह—
1. तसर/मलवरी/रशम—तसर का उ पादन मु य प से भागलपुर िजले म होता ह। भागलपुर िजले म अजुन
क वृ पर पाले जानेवाले रशम क क ड़ से तसर का उ पादन होता ह।
2. तेल उ पादन—कपास, लाह, म आ आिद वृ क बीज से तेल क ा होती ह। इस तेल का उपयोग
दवा क प म िकया जाता ह।
3. लाह उ पादन—लाह का उ पादन लेिसफर ल ा या लाह क क ड़ से होता ह। झारखंड क सीमावत
िजल म लाह उ पादन होता ह। लाह का क ड़ा कसुम या पलास क वृ पर पाला जाता ह। इसका उपयोग चूड़ी
एवं लहठी उ ोग म िकया जाता ह।
अ य गौण उ पाद म कदू का प ा, ग द, टिनन, जड़ी-बूटी, बाँस, सबई घास आिद पाए जाते ह। बाँस का मु य
े तराई देश म पूिणया, िकशनगंज, अर रया आिद िजले ह। सबई घास का उ पादन भागलपुर िजले म होता ह।
सबई घास का उपयोग र सी बनाने म िकया जाता ह।
वन उ पाद पर आधा रत उ ोग
वन उ पाद पर आधा रत रा य म अनेक उ ोग िवकिसत ए ह। इनम सवािधक मा ा म लकड़ी चीरने (आरा
िमल) का उ ोग ह। अ य मुख उ ोग इस कार ह—
उ ोग : िसजीन ग एवं ग ा उ ोग
क : सम तीपुर, दरभंगा
उ ोग : पलाईवुड उ ोग
क : हाजीपुर, बेितया, पटना, मुज फरपुर
उ ोग : क था उ ोग
क : बेितया
उ ोग : रशम उ ोग
क : भागलपुर
वन नीित
वतं भारत क थम वन नीित 1952 ई. म बनी थी। 1952 से 1980 क दशक आते-आते भारत म वन का
इतना िवनाश आ िक रा ीय तर पर एक नई वन नीित बनाना अिनवाय हो गया। पूव क नीितय का उ े य
कवल राज व सं ह करना था। 1980 क दशक तक पयावरणीय सम या का भाव प प से िदखाई देने
लगा। इस समय तक यह महसूस िकया जाने लगा िक वन का संर ण राज व सं ह क अित र अ य काय क
िलए भी आव यक ह, जैसे—मृदा और जल संर ण क िलए, जो प रतं को सुरि त रखने म सहायक होते ह।
इनम थानीय िनवािसय क िलए वन से ा व तु और सेवा क उपयोग क यव था भी होनी चािहए। इ ह
सारी बात को यान म रखते ए 1988 ई. म नई वन नीित क घोषणा क गई।
िबहार क कल भौगोिलक े फल का मा 7.21 ितशत िह सा वन ह। इस ि से िबहार पूरी तरह से
पयावरणीय असंतुलन क अव था म ह।
रा ीय वन नीित, 1988 क अनुसार, िकसी देश क कल े फल क 33.33 ितशत िह से पर वन होना
चािहए। िबहार मूलतः मैदानी रा य ह, अतः रा ीय वन नीित क अनुसार िबहार क कल े फल का 22 ितशत
िह से पर वन होना पयावरण क सुर ा क िलए अिनवाय ह। िबहार क कल भौगोिलक े फल का मा 7.21
ितशत िह सा वन ह। इस ि से िबहार पूरी तरह से पयावरणीय असंतुलन क अव था म ह। अतः वन िव तार
क उ े य को यान म रखते ए सरकार ारा अनेक काय िकए जा रह ह।
वािनक काय म
वािनक काय म क तहत िन न उ े य िनधा रत िकए गए ह—
1. बंजर भूिम पर वन िवकास हतु 1000 वग िकलोमीटर भूिम को िच त िकया गया ह।
2. कल परती भूिम क एक-ितहाई भाग पर वन िवकास करना ह।
3. सरकारी एवं िनजी सं था क खाली पड़ी भूिम पर वृ ारोपण करना ह।
4. सावजिनक थल , पथ आिद क िकनार वृ ारोपण करना ह।
5. सामािजक वािनक पर बल देना ह।
ह रयाली िमशन
ह रयाली िमशन किष िवकास योजना का एक घटक ह। इसका उ े य रा य क 7.21 ितशत वना छािदत े
को 2017 ई. तक बढ़ाकर 15 ितशत करना ह अथा 2012-17 ई. क बीच 4.60 लाख ह टयर भूिम पर
वृ ारोपण करना ह। ह रयाली िमशन क मुख उ े य िन न ह—
1. 2017 ई. तक रा य क कल भौगोिलक े फल क 15 ितशत िह से तक वन े का िवकास करना ह।
2. जलछाजन िवकास क अंतगत 2000 वग िकलोमीटर वन े म मृदा एवं नमी संर ण काय, िजसम 1000
वग िकलोमीटर अवक (कट ए) वन े म वृ ारोपण ारा पुनवासन काय िकया जाना ह।
3. किष वािनक ारा िकसान क आय म वृ करना ह।
4. गरीबी रखा से नीचे जीवन-यापन करनेवाले प रवार को लगाए गए वृ का प ा देकर जीिवकोपाजन क
साधन उपल ध कराना तथा गरीबी उ मूलन म सहायता करना ह।
5. रा य म वनो पाद क उपल धता म वृ कर घरलू आव यकता क पूित म सहायता िकया जाना ह।
6. वनो पाद आधा रत उ ोग को क े माल क आपूित सु ढ कर िव ता रत िकया जाना एवं रा य क
औ ोिगक करण को बढ़ावा देना ह।
7. रा य म पा र थितक य संतुलन थािपत करते ए जलवायु प रवतन क नकारा मक भाव को कम करना
ह।
8. तटबंध , नहर एवं सड़क क िकनार तथा किष अनुपयोगी जमीन पर िवशेष प से वृ ारोपण करना ह।
किष (अ य जाित) वािनक योजना
ह रयाली िमशन को सफल बनाने क िलए िकसान क सहयोग से किष वािनक काय म संचािलत िकया जा
रहा ह। इसक अंतगत आगामी 5 वष म 3.6 करोड़ पॉऌपलर क वृ एवं 2.4 करोड़ अ य जाितय क वृ
अथा कल 6 करोड़ वृ लगाने का उ े य िनधा रत िकया गया ह। इस योजना म शािमल िकसान को बरसात क
मौसम म िनःशु क पौधा उपल ध कराया जाता ह। पौध क देखभाल क िलए िकसान को ो साहन रािश भी दी
जाती ह। ो साहन रािश क प म िकसान को थम वष ित वृ 15 पए, तीय वष ित वृ 10 पए तथा
तृतीय वष ित वृ 10 पए दान िकया जाता ह। इस योजना म वृ ारोपण 2 मीटर × 2 मीटर या 3 मीटर × 3
मीटर क दूरी पर िकया जाता ह।
किष वािनक (पॉऌपलर ई.टी.पी.) योजना
‘किष वािनक योजना’ (पॉऌपलर ई.टी.पी.) ह रयाली िमशन, पयावरण एवं वन िवभाग, िबहार ारा उ िमय /
िकसान /जमीन मािलक ारा अपनी जमीन पर पॉऌपलर पौधा रोपण क िलए ह।
उ े य—
िकसान क खेत म पॉऌपलर वृ ारोपण को बढ़ावा देना।
रोजगार क अवसर उपल ध कराना।
रा य क िकसान क आिथक सु ढीकरण।
वनो पाद आधा रत उ ोग को क े माल उपल ध कराकर औ ोिगक करण को बढ़ावा देना।
उपल धता
इस योजना म शािमल होनेवाले उ मी/कषक /लाभुक को पयावरण एवं वन िवभाग क थानीय पौधशाला
से पॉऌपलर क पौधे िनःशु क उपल ध कराए जाते ह। पॉऌपलर रोपण हतु यूनतम 10 फ ट ऊचाई एवं 2.5 इच
गोलाई क पौध को रोपण क िलए उपल ध कराया जाता ह।
योजना म िदए जानेवाले लाभ
लाभुक को पॉऌपलर ई.टी.पी. रोपण एवं पौध क देखभाल क तकनीक जानकारी िश ण म दी जाती ह।
मु यमं ी िनजी पौधशाला योजनांतगत ‘पॉऌपलर पौधशाला’ योजना
मु यमं ी िनजी पौधाशाला योजनांतगत पॉऌपलर पौधशाला थापना योजना ह रयाली िमशन ारा उ िमय /
िकसान /जमीन मािलक ारा अपनी जमीन पर पॉऌपलर पौधशाला थािपत करने क िलए चलाई जा रही ह। इस
योजना म शािमल होनेवाले लाभुक /कषक को िनःशु क पॉऌपलर क किटग उपल ध कराई जाती ह। इससे
पॉऌपलर क पौधे तैयार होते ह, िजसे िवभाग ारा पूव िनधा रत दर पर वापस खरीद िलया जाता ह।
योजना का उ े य
कम समय म अिधक से अिधक पौधा तैयार करना।
िकसान क खेत म पॉऌपलर वृ ारोपण को बढ़ावा देना।
ामीण को रोजगार क अवसर उपल ध कराना।
इस योजना म शािमल होनेवाले उ मी/कषक /लाभुक को िवभाग क थानीय कायालय ारा थािपत
पॉऌपलर पौधशाला से पॉऌपलर किटग िनःशु क उपल ध कराई जाती ह। लाभुक को 10000 (दस हजार) किटग
ित एकड़ क िहसाब से उपल ध कराई जाती ह।
ह रयाली िमशन क तहत पौध क उ रजीिवता क आधार पर िनधा रत रािश कल 3 िक त म दी जाती ह। थम
िक त 20 ितशत क माच महीने म दी जाती ह। तीय िक त 30 ितशत क अ ूबर महीने म दी जाती ह।
तृतीय िक त 50 ितशत क िदसंबर महीने म दी जाती ह। वतमान िव ीय वष म यह रािश 13-15 पए ित पौधा
िनधा रत क गई ह।
किष वािनक योजना क तहत आगामी 5 वष म कल 360.9 लाख पॉऌपलर पौध का रोपण िकया जाएगा।
मु यमं ी िनजी पौधशाला (अ य जाितय क िलए) योजना
वन क बाहर वृ आवरण को बढ़ाने क उ े य से बड़ पैमाने पर वृ ारोपण क आव यकता ह। रा य म किष
वािनक क िलए बड़ पैमाने पर पौध क ज रत होगी, िजसक िलए पौध क आपूित िनजी पौधशाला से भी करने
का ावधान िकया गया ह। कषक को पौधशाला थापना क िलए आव यक सहयोग िदया जाता ह। इसम अलग-
अलग जाितय क पौधे तैयार होते ह।
इस योजना का उ े य अिधक-से-अिधक वृ ारोपण क िलए उ गुणव ा क पौधे तैयार करना और ामीण
को रोजगार क अवसर उपल ध कराना ह।
वृ सर ण योजना
ाकितक वन क बाहर अव थत पथ तट, नहर तट तथा बाँध क तटबंध इ यािद पर रोिपत वृ क ामीण
क सहभािगता से सुर ा सुिन त करने हतु वृ संर ण योजना लागू िकए जाने का िनणय सरकार ारा िलया
गया ह। इस योजना क अंतगत वृ ारोपण थल से िनकट क ामीण म से गरीबी रखा क नीचे क प रवार को 20
वृ क इकाई बनाकर आवंिटत करने का िनणय िलया गया ह।
ामीण े म अिधसूिचत वन भूिम क अित र पथ तट, नद तट, नदी तटबंध सिहत सरकारी भूिम पर वष
2005-06 एवं उसक बाद िकए गए सभी वृ ारोपण पर यह योजना लागू ह।
पयावरण एवं वन िवभाग क पहल पर भारतीय वािनक अनुसंधान एवं िश ा प रष (ICFRE)
ारा हल ानी, पंतनगर एवं झाँसी म िनःशु क िश ण िदया जाता ह।
सामा यतः 20 वृ क एक इकाई वृ पाल (चयिनत लाभुक ) को 30 वष क अविध क िलए दी जाएगी,
लेिकन िनधा रत सं या क इ छक यो य आवेदन क नह रहने पर एक से अिधक (अिधकतम 4) इकाई को
आवंिटत िकया जाएगा।
30 वष क अविध क समा पर वृ क िवदोहन क प ा उपल ध ा का (लकड़ी) पर वृ पाल का
पूण अिधकार होगा। इसक पूव वृ क फल-फल, टहनी, चारा इ यािद का उपभोग करने का पूण अिधकार होगा
तािक वृ क ित न हो। समय पर िवदोहन क प ा उसी भूिम पर वृ पाल ारा पुनः वृ ारोपण िकया जाएगा
तथा सामा य प र थित म उसी लाभुक को अगले 30 वष क िलए भी इकाई का आवंटन िकया जाएगा।
मु यमं ी छा वृ ारोपण योजना
िव ालय म पयावरण संर ण काय म को लोकि य बनाने क उ े य से रा य म अव थत सभी मा यता ा
सरकारी एवं गैर-सरकारी िव ालय म क ा 6 म अ ययनरत छा -छा ाएँ इस योजना म शािमल िकए जाते ह।
मृदा एवं जल संर ण योजना
रा य म मृदा एवं जल संर ण क काय िकए जा रह ह। इस योजना क तहत िविभ संरचनाएँ बनाकर पहाड़
पर मृदा का रण होने से बचाव तथा पहाड़ क ढाल पर जल का संचयन िकया जाता ह। इस योजना म नालंदा,
मुंगेर, गया, बेितया, बाँका, जमुई, कमूर, औरगाबाद एवं रोहतास वन मंडल को शािमल िकया गया ह।
ह रयाली िमशन क तहत रा य म वािनक शोध, जैसे—बीज सं हण, उपचार, अ छ वृ क पहचान, िटसू
क चर लैब क थापना, डम शन लॉट िनमाण, मृदा जाँच, िविभ ए ो ाइमेिटक े क िलए उपयु वृ
जाित का चयन, जलवायु प रवतन को देखते ए िवभागीय काय म एवं वािनक करण काय क चिलत
ि या म प रवतन आिद िवषय पर शोध-काय िकए जाने क योजना ह। इसक िलए रा य सरकार ारा
आई.सी.एफ.आर.ई. क साथ अनुबंध कर किष वािनक क जाितय , जैसे—पॉऌपलर, शीशम, सैिल स, मेिलया,
यूकिल टस इ यािद क ऊपर शोध काय िकया जा रहा ह।
पयावरण एवं वन िवभाग क पहल पर भारतीय वािनक अनुसंधान एवं िश ा प रष (ICFRE) ारा ह ानी,
पंतनगर एवं झाँसी म िनःशु क िश ण िदया जाता ह। िकसान को पौधशाला एवं किष वािनक क अंतगत लगाए
जानेवाले िविभ जाितय क पौध का मानक से संबंिधत िश ण िदया जाता ह।
हर प रसर, हरा प रसर योजना
इस योजना म रा य क सभी िजल क िविभ कार क प रसर, जैसे— कल, कॉलेज, धािमक सं थान ,
कायालय , ब , सिमितय एवं अ य सरकारी एवं गैर-सरकारी प रसर को शािमल िकया गया ह। एक सं था या
प रसर को यूनतम 50, अिधकतम 1000 पौधे िनःशु क उपल ध कराए जाते ह। िवत रत या रोिपत पौध पर
चयिनत सं था का ही संपूण अिधकार होता ह।
रा य वन िवकास अिभकरण
रा ीय वन नीित, 1988 क अनुसार पयावरण संतुलन, मृदा अपरदन, बाढ़ िनयं ण क िलए रा य म वन का
िव तार करना ह। ामीण लोग ारा िविभ आव यकता क पूित करने क कारण वन े म हो रह स को
बचाने तथा वन संसाधन क वृ करने क योजना ह। वन िवकास एवं िनयोजन क उ े य से भारत सरकार
ारा अपनी िनिध से सभी योजना का काया वयन संयु वन बंधन क अंतगत ाम वन बंधन एवं सुर ा
सिमित ारा िकया जाएगा। सरकार ारा रा य क ाकितक वन का आम लोग क सहभािगता से संयु वन
बंधन यव था ारा वािनक िवकास, सुर ा एवं संवधन का िनणय िलया गया ह। इसक िलए सोसाइटी
रिज शन ऐ ट क तहत रा य म 10 वन वािनक िवकास अिभकरण का गठन िकया गया ह। वन िवकास
अिभकरण ारा ाम तरीय संयु वन बंधन सिमितय एवं इको संरि त े क िलए िवकास सिमितय का
रिज शन िकया गया ह। वतमान म रा य वन िवकास अिभकरण क तहत िन निलिखत काय म एवं योजना
को ि या वत िकया जा रहा ह—
1. रा ीय वनीकरण योजना (National Afforestation Programme—NAP) इस योजना क तहत
पयावरण वन एवं जलवायु प रवतन मं ालय, भारत सरकार क रा ीय वनीकरण एवं पा र थितक िवकास बोड
ारा शत ितशत धन उपल ध कराया जाता ह।
2. ीन इिडया िमशन (NAP)—इस योजना म रा य क चार चयिनत े क िवकास क िलए ब आयामी
Perspective Plan तैयार िकया गया ह। ये चार े ह—
अघौरा, कमूर,
धरहरा, मुंगेर,
बाँका, बाँका,
इमामगंज, गया।
3. तसर खा वृ ारोपण काय म—िबहार सरकार क उ ोग िवभाग ारा मु यमं ी तसर िवकास
प रयोजना क तहत तसर खा वृ ारोपण काय म संचािलत िकया जा रहा ह। इस योजना क तहत आगामी 5 वष
म 5100 लाख पए क खच से 8030 ह टयर वन े म तसर खा पौधे का वृ ारोपण िकया जाना ह।
िबहार सरकार क पयावरण एवं वन िवभाग क चार- सार एवं जनसंपक भाग ारा ितवष 11 मह वपूण
वन िदवस क आयोजन का िनणय िलया गया ह। ये वन िदवस िन निलिखत ह—
.:1
मुख फसल
समतल उपजाऊ जलोढ़ मैदान पया जल संसाधन एवं किष क अनुकल जलवायिवक दशा क कारण िबहार
किष क िलए उपयु े ह। िभ -िभ जलवायु े म अलग-अलग कार क पाई जानेवाले िम य क
कारण अनेक कार क फसल का उ पादन िकया जाता ह। रा य म खा ा फसल , जैसे—अनाज और दलहन
क अित र ितलहन, रशेदार फसल, ग ा, फल-स जी आिद का भी उ पादन िकया जाता ह। किष े म
सं थागत सुधार जैसे भूिम सुधार काय एवं संरचना मक सुधार, िजसम िसंचाई सुिवधा का िव तार, उ त बीज का
योग, रासायिनक उवरक का योग, किष यं ीकरण आिद शािमल ह, क कारण फसल का िवसरण आ ह एवं
उ पादन म िविवधता आई ह।
रा य म खा ा फसल , जैसे—अनाज और दलहन क अित र ितलहन, रशेदार फसल, ग ा, फल-
स जी आिद का भी उ पादन िकया जाता ह।
रा य क िवभाजन क बाद खिनज संसाधन एवं उस पर आधा रत उ ोग झारखंड म चले जाने से िबहार का
जीिवकोपाजन का मुख साधन किष उ पाद एवं पशुपालन ह। किष काय क िलए उ री िबहार का मैदान एवं गंगा
का दि णी मैदानी भाग अनुकल ह। िबहार सघन किष का े ह तथा जनसं या दबाव क कारण जीवनयापन म
किष क धानता ह।
रा य म मोट तौर पर 3 कार क फसल उगाई जाती ह—
1. खरीफ,
2. रबी,
3. जायद।
खरीफ
खरीफ फसल क अंतगत मु यतः दो कार क फसल—भदई तथा अगहनी उगाई जाती ह। मुख खरीफ
फसल धान, म ा, ार, बाजरा एवं दलहनी फसल अरहर, मूँग आिद ह। खरीफ फसल क बुआई जून-जुलाई
म होती ह और कटाई अ ूबर-नवंबर म होती ह। खरीफ फसल क अंतगत कछ वािषक फसल भी उगाई जाती ह,
जैसे—ग ा, जूट आिद।
रबी
रबी क अंतगत मुख फसल गे , जौ, चना, मटर, सरस , आलू आिद ह। रबी क बुआई अ ूबर-नवंबर म
तथा कटाई माच-अ ैल म होती ह। इसक अंतगत तंबाक, फल, स जी जैसी नकदी फसल भी उगाई जाती ह।
जायद
जायद फसल िनयिमत िसंचाई वाले े म माच-जून क बीच म उगाई जाती ह। इसम मकई, ार, हरा चारा,
म आ आिद उगाए जाते ह।
उपयु खरीफ, रबी एवं जायद क फसल को नीचे क तािलका म दिशत िकया गया ह—
फसल क कार
फसल कार : खरीफ (i) भदई (ii) अगहनी
बोने का समय : जून-जुलाई, जून, जुलाई
काटने का समय : अ ूबर-नवंबर, अग त, नवंबर
मुख फसल : चावल, म ा, ार, बाजरा, अरहर, मूँग, धान, म ा, ार, बाजरा, जूट, धान, ग ा, स जी
फसल कार : रबी
बोने का समय : अ ूबर-नवंबर
काटने का समय : माच-अ ैल
मुख फसल : जौ, चना, मटर, सरस , आलू, मसूर, खेसारी
फसल कार : जायद
बोने का समय : अ ैल
काटने का समय : जून
मुख फसल : म ा, ार, स जी, हरा चारा, म आ
मुख फसल
िबहार क किष मानसून-आधा रत ह। िसंचाई साधन का जल संसाधन क मता क अनुपात म िवकास नह
आ ह। िबहार मैदानी रा य ह, जनसं या बसाव अिधक ह। अतः अ यिधक जनसं या क दबाव क कारण गहन
जीवन िनवाह किष का िवकास आ ह। रा य क मुख फसल चावल एवं दूसरी मुख फसल गे ह। इसक
अित र म ा, ार, बाजरा, दलहन एवं ितलहन का उ पादन िकया जाता ह। नकदी फसल म ग ा, आलू,
तंबाक, जूट, लाल िमच आिद िबहार क मुख फसल ह।
खा ा फसल (अनाज)
धान
िबहार क मुख फसल धान ह, जो सवािधक े फल पर बोई जाती ह। धान उ ण एवं आ जलवायु क
फसल ह। धान क आव यक सभी भौगोिलक दशाएँ िबहार म उपल ध ह, जो इस कार ह—
यूनतम तापमान 160 सटी ेड, अिधकतम 270 सटी ेड तथा औसत तापमान 240 से सयस,
औसत वषा 100 सटीमीटर से 200 सटीमीटर,
जलोढ़ एवं दोमट िम ी,
अिधक मा ा म म क उपल धता।
िबहार क उ री-प मी भाग म चावल क दो तथा पूव भाग म तीन फसल तक उगाई जाती ह। 80 ितशत से
अिधक भाग म अगहनी धान बोया जाता ह, जबिक लगभग 3 ितशत भाग म गरमा धान उगाया जाता ह। पूिणया,
पूव तथा प मी चंपारण म बोरो धान उगाया जाता ह। बोरो धान नवंबर-िदसंबर म बोया जाता ह तथा जनवरी-
फरवरी म काटा जाता ह। िबहार म चावल उ पादन करनेवाले मुख िजले रोहतास, औरगाबाद, प मी चंपारण,
मधुबनी, मुज फरपुर, पूव चंपारण, सीतामढ़ी, दरभंगा, किटहार, पूिणया, पटना, गया, जहानाबाद, अरवल,
भोजपुर, कमूर आिद ह। धान क मुख िक म भात, साकत, सीता, कनक, आई.आर.36, वणा सब-1 आिद
िबहार म उगाई जाती ह। धान म लगनेवाले मुख क ट तना छदक, मधुआ क ट, साँढ़ा क ट, बभनी क ट आिद ह।
सवािधक उ पादन करनेवाला िजला रोहतास ह। 2015-16 म उ पादन क आधार पर पहले तीन िजले रोहतास,
औरगाबाद और बाँका ह, जबिक उ पादकता क आधार पर थम तीन िजले लखीसराय, शेखपुरा और रोहतास ह।
गे
िबहार क दूसरी मुख खा ा फसल ह। िबहार म शीतकालीन गे का उ पादन होता ह। िबहार म शीतकाल
शु क होता ह, अतः इसक िलए िसंचाई क आव यकता पड़ती ह। गे क िलए उपयु भौगोिलक दशाएँ इस
कार ह—
जलोढ़ दोमट िम ी,
तापमान 140 सटी ेड से 180 सटी ेड,
वषा 50 सटीमीटर से 100 सटीमीटर।
गे रबी फसल ह, जो नवंबर-िदसंबर से बोई जाती ह और माच-अ ैल म काटी जाती ह। गे का उ पादन
करनेवाले मुख िजले रोहतास, भभुआ, गया, दरभंगा, भोजपुर, सीवान, सारण, औरगाबाद आिद ह। सवािधक गे
उ पादन करनेवाला िजला रोहतास ह। 2015-16 म गे उ पादन म थम तीन िजले रोहतास, सीतामढ़ी और ब सर
ह जबिक उ पादकता क आधार पर थम तीन िजले पूिणया, सीतामढ़ी और भागलपुर ह। िबहार क कल किष भूिम
क 29 ितशत भाग पर गे क खेती क जाती ह। यह िबहार क लगभग 22 लाख ह टयर े पर बोया जाता ह।
गे उ पादन म िबहार का थान देश म सातवाँ ह। गे क मुख िक म सी. 306, क. 9107, पी.बी.ड यू. 343,
एच.डी. 2824 आिद िबहार म बोई जाती ह। गे म लगनेवाले मुख क ट एवं रोग दीमक (Odontotermes
Obesus) मा (लाही), भूरा हरदा, पीला हरदा, झुलसा रोग, किलका रोग, अकड़ी रोग आिद ह।
गे उ पादन म िबहार का थान देश म सातवाँ ह। गे क मुख िक म सी. 306, क. 9107,
पी.बी.ड यू. 343, एच.डी.
2824 आिद िबहार म बोई जाती ह।
म ा
िबहार म म ा चावल और गे क बाद तीसर मुख खा फसल ह। म क खेती िबहार म खरीफ, रबी एवं
गरमी सभी मौसम म क जाती ह। म ा क िलए उपयु भौगोिलक प र थितयाँ इस कार ह—
तापमान 180 से सयस से 270 से सयस,
वषा क मा ा 60 सटीमीटर से 110 सटीमीटर,
भारी दोमट एवं बलुई दोमट िम ी।
इसक बुआई जून-जुलाई म क जाती ह तथा िसतंबर-अ ूबर म काटा जाता ह। मुख उ पादक े किटहार,
मधेपुरा, खगिड़या, सारण, मुज फरपुर, चंपारण, दरभंगा, सहरसा आिद ह। 2015-16 ई. म किटहार सबसे बड़ा
उ पादक िजला ह। दूसर और तीसर थान पर मशः भागलपुर और अर रया िजला ह। उ पादकता क ि से
थम तीन िजले किटहार, भागलपुर और दरभंगा ह।
म ा क बीज को 3-5 सटीमीटर िम ी क अंदर बोया जाता ह तथा 5-6 बार िसंचाई क आव यकता होती ह।
म ा क साथ कई े म िमि त किष क जाती ह, िजसम रबी क मौसम म म ा क साथ आलू या मूली या
मटर तथा खरीफ क मौसम म म ा क साथ उड़द या लोिबया या अरहर क खेती क जाती ह। वतमान समय म
‘ ािलटी ोटीन म ा’ क बीज श मान तैयार िकया गया ह। ािलटी ोटीन म ा म उ मा ा म लाइिसन
और ी टोफन होता ह। म ा म लगनेवाला क ट एवं रोग कजरा क ट, धड़ छदक, भु ा िछ क, प लांछन
(झुलसा), हरदा ( नेज) आिद ह।
जौ
जौ रबी फसल ह, जो मु य प से अिसंिचत े म बोया जाता ह। जौ क खेती कम वषा तथा उ ण जलवायु
क े म क जाती ह। मुख उ पादक िजले प मी चंपारण, भभुआ, औरगाबाद, मुज फरपुर, मुंगेर, भोजपुर,
सारण, दरभंगा, पूिणया, गया आिद ह। जौ क खेती िमि त फसल क प म गे , चना, सरस आिद क साथ क
जाती ह। जौ क मुख िक म र ना, क.125, आजाद, योित आिद ह।
पटना सबसे अिधक उ पादन करनेवाला िजला ह। अ य दलहनी फसल क तरह चना अपनी जड़ म
बननेवाली गाँठ म रहनेवाले बै टी रया क ारा नाइ ोजन का थरीकरण कर िम ी क उवरा श
को बढ़ाता ह।
म आ (रागी)
यह शु क जलवायु क फसल ह। म आ (रागी), ार और बाजरा क तरह मोट अनाज क ेणी म आता ह।
कोसी क बाढ़ भािवत े म यह फसल बलुई िम ी म उगाई जाती ह। रागी क उ पादन म िबहार भारत म थम
थान पर ह। सबसे बड़ा उ पादक िजला दरभंगा ह। इसक अित र सुपौल, सारण, सहरसा, सीवान, मधेपुरा और
गोपालगंज िजले म उ पादन िकया जाता ह।
खा ा फसल (दलहन)
िबहार म उगाई जानेवाली मुख दलहनी फसल चना, अरहर, खेसारी, मसूर, मूँग, उड़द आिद ह।
चना
चना िबहार क मुख दलहनी रबी फसल ह। इसक िलए कवाल एवं जलोढ़ िम ी उपयु होती ह। चने का
उ पादन पटना, औरगाबाद, नालंदा, भोजपुर, गया, लखीसराय, भागलपुर, रोहतास, जहानाबाद आिद िजल म
िकया जाता ह। पटना सबसे अिधक उ पादन करनेवाला िजला ह। अ य दलहनी फसल क तरह चना अपनी जड़
म बननेवाली गाँठ म रहनेवाले बै टी रया क ारा नाइ ोजन का थरीकरण कर िम ी क उवरा श को
बढ़ाता ह। चने क मुख िक म राज चना, पूसा 256, आर.ए.यू. 52, बी.आर. 72 आिद ह। रा य म चने क
साथ राई, सरस , तीसी क िमि त किष भी क जाती ह। चने म लगनेवाला मुख क ट एवं रोग फली छदक क ट,
कजरा क ट, सेमीलूपर, उखड़ा रोग, टमिफिलयम लाइट आिद ह।
अरहर
अरहर को, िजसे िबहार म तुअर भी कहा जाता ह, यह खरीफ फसल क साथ बोई जाती ह, लेिकन रबी फसल
क साथ काटी जाती ह। यह िबहार क मुख दलहन फसल ह। इसका सवािधक उ पादन करनेवाला िजला मशः
गया, औरगाबाद और भभुआ ह। अरहर क अंतगत सवािधक े फलवाला िजला मशः भभुआ, गया और पूव
चंपारण ह। यह िबहार क लगभग सभी िजल म उगाई जाती ह।
खेसारी
यह िबहार म बोई जानेवाली मुख दलहनी रबी फसल ह, लेिकन यह िन न कोिट क दलहन फसल ह। इसका
उ पादन करनेवाला सबसे बड़ा िजला मशः पटना, औरगाबाद और जहानाबाद ह। खेसारी क अंतगत सवािधक
े फल औरगाबाद, पटना और जहानाबाद म ह। इसक उ पादन क िलए कवाल एवं दोमट िम ी अिधक उपयु
होती ह।
मसूर
मसूर िबहार क मुख दलहनी रबी फसल ह। इसका सवािधक उ पादन करनेवाला िजला मशः पटना, भभुआ
आिद ह। इसक अित र गया, जहानाबाद म भी उगाई जाती ह।
मूँग
मूँग दलहनी फसल ह, िजसे गे क कटाई क बाद बोया जाता ह। रा य क कई िह स म खरीफ फसल क
समय जून-जुलाई म भी बोया जाता ह। इसक मुख उ पादक िजले मुज फरपुर, सहरसा, दरभंगा, सुपौल, किटहार,
िकशनगंज आिद ह।
िबहार म 2014-15 म सवािधक दलहन उ पादन करनेवाले िजले मशः पटना, औरगाबाद और नालंदा ह,
जबिक उ पादकता क आधार पर थम तीन िजले कमूर, पटना और दरभंगा ह।
ितलहन
सरस एवं राई
सरस एवं राई िबहार क मुख ितलहनी फसल ह। इसक तेल का उपयोग मु य प से भोजन म िकया जाता
ह। यह िबहार क मैदानी े म उगाई जाती ह। सरस क अंतगत सवािधक े फल वाले िजले मशः सम तीपुर,
बेगूसराय, प मी चंपारण ह। सवािधक उ पादन करनेवाले िजले बेगूसराय, प मी चंपारण, पटना, सम तीपुर,
मुज फरपुर, खगिड़या आिद ह।
ितल
िबहार म काले एवं सफद रग क ितल का उ पादन होता ह। ितल क तेल का योग भोजन म, स दय साधन
साम ी म तथा औषिध क प म िकया जाता ह। ितल का सवािधक उ पादन करनेवाला िजला सुपौल ह तथा
सुपौल म सवािधक े फल पर ितल क खेती भी क जाती ह। अ य उ पादक िजले सम तीपुर, भभुआ, नवादा,
िकशनगंज आिद ह।
अरडी
यह ितलहनी फसल ह, लेिकन इसक तेल का उपयोग भोजन क प म नह िकया जाता ह। इसका उपयोग आग
जलाने, साबुन उ ोग और िचकनाई ( ेहक) क िलए िकया जाता ह। यह रा य क सभी िजल म उ पािदत िकया
जाता ह। इसक पौधे मु य फसल क खेत क िकनार लगा िदए जाते ह। इसक िलए समतल या ऊची-नीची कसी
भी भूिम उपयु होती ह।
ग े का उ पादन मु य प से उ र िबहार क मैदान म िकया जाता ह। ग ा का उ पादन अिधक वषा
एवं िसंचाई वाले े म िकया जाता ह।
नकदी फसल
रा य म िकसान क आिथक थित को सु ढ करने म नकदी फसल का िवशेष मह व ह। ये फसल ायः
खेत से ही िब कर दी जाती ह, िजससे कषक को सीधे लाभ प चता ह। इन यावसाियक फसल म मुख
फसल िन निलिखत ह—
ग ा
यह रा य क मुख नकदी फसल ह। िबहार क मुख चीनी उ ोग का आधार ग ा ह। ग े का उ पादन मु य
प से उ र िबहार क मैदान म िकया जाता ह। ग ा का उ पादन अिधक वषा एवं िसंचाई वाले े म िकया
जाता ह। ग े क उ पादन क िलए आदश भौगोिलक प र थितयाँ रा य म उपल ध ह, जो इस कार ह—
चूनायु दोमट िम ी,
औसत तापमान 260 सटी ेड,
औसत वषा 140 सटीमीटर।
िबहार म मुख उ पादक े पूव एवं प मी चंपारण, सारण, मुज फरपुर, दरभंगा, पटना, मुंगेर, पूिणया
आिद िजले ह। ग े क खेती गंडक, कोसी दोआब े म 10 ितशत किष े फल पर क जाती ह। रा य क
सकल 76 लाख ह टयर किष भूिम म से 3 लाख ह टयर (60 ितशत) पर ग े क खेती क जाती ह। 2015-16
म 181.75 लाख टन ग े का उ पादन आ था। ग ा उ पादकता दर इस अविध म 68.97 टन ित ह टयर थी।
रा य क चार मुख िजल का ग े क अंतगत े , उ पादन एवं उ पादकता को नीचे क तािलका म दिशत
िकया गया ह।
ग े का े फल, उ पादन तथा उ पादकता वष 2015-16
जूट
जूट का उ पादन अिधक वषा, अिधक ताप एवं उपजाऊ जलोढ़ िम ी वाले े म िकया जाता ह। इसक खेती
उ री-पूव बाढ़ क मैदान म क जाती ह। इसे काटने क बाद जल क नीचे कछ समय तक दबाकर रखा जाता ह।
उसक बाद तने से छाल उतार िदया जाता ह, जो बाद म रशे का प हण कर लेता ह। िबहार म पूिणया एवं
किटहार सबसे बड़ उ पादक िजले ह। इसक अित र सहरसा, मुज फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, िकशनगंज आिद
िजल म उ पादन िकया जाता ह। जूट का उपयोग पैिकग उ ोग, कपड़ा, टाट, र सी आिद क िनमाण म िकया
जाता ह। िबहार, प म बंगाल क बाद भारत का दूसरा जूट उ पादक रा य ह।
तंबाक
देश म िबहार तंबाक उ पादन करनेवाला छठा बड़ा रा य ह। रा य म तंबाक का उ पादन मु य प से गंडक
नदी क घाटी म िकया जाता ह। मुख उ पादक िजले वैशाली, सीतामढ़ी, बेगूसराय, पूिणया और सम तीपुर ह।
पूिणया म विजिनया िक म का तंबाक भी उपजाया जाता ह।
िमच
यह रा य क मुख नकदी फसल ह, जो अगहनी फसल क ेणी म आती ह। य िप यह सभी मौसम म उगाई
जाती ह। इसक उ पादन क िलए जलोढ़ िम ी सबसे उपयु िम ी ह। मुख उ पादक े दरभंगा, सम तीपुर,
वैशाली आिद ह।
चाय
चाय का उ पादन उ र-पूव िबहार म िकशनगंज एवं पूिणया म िकया जाता ह। इस े म सवािधक वषा होने
एवं ढलवाँ भूिम होने क कारण चाय उ पादन क िलए उपयु भौगोिलक थित ह।
मे ता
यह रशेदार फसल भी जूट क भाँित ह। िबहार क मैदानी भाग म इस फसल का उ पादन िकया जाता ह। इसक
खेती क िलए अिधक वषावाले े उपयु ह। उपजाऊभूिम म पैदा होनेवाली यह फसल पूिणया, सहरसा, पटना
और दरभंगा आिद िजल म उ पािदत क जाती ह।
किष नवाचार
िबहार म िपछले कछ दशक म संरचना मक सुिवधा , जैसे—िसंचाई सुिवधा, उ त बीज, रासायिनक उवरक
का अिधक योग, किष यं ीकरण आिद क कारण फसल का िवसरण आ ह एवं उ पादन म िविवधता आई ह।
2015-16 म रा य म 51.95 लाख टन रासायिनक उवरक का योग आ। उ त बीज, खा एवं पानी को ह रत
ांित तकनीक कहा जाता ह। नीचे क तािलका म रा य म उवरक उपयोग को दिशत िकया गया ह।
उवरक खपत वष 2015-16 (हजार टन म)
उवरक का कार—यू रया
खरीफ—954.2
रबी—1403.9
कल—2358.1
उवरक का कार—डी.ए.पी.
खरीफ—186.4
रबी—356.4
कल—542.8
उवरक का कार—एस.एस.पी.
खरीफ—47.6
रबी—26.2
कल—73.7
उवरक का कार—एम.ओ.पी.
खरीफ—48.3
रबी—105.5
कल—153.7
उवरक का कार—अमोिनयम स फट
खरीफ—2.6
रबी—15.8
कल—18.4
उवरक का कार—कॉ ले स
खरीफ—150.3
रबी—201.6
कल—351.8
उवरक का कार—एन (N)
खरीफ—499.8
रबी—749.9
कल—1249.8
उवरक का कार—पी (P)
खरीफ—128.1
रबी—212.8
कल—340.9
उवरक का कार—क (K)
खरीफ—35.4
रबी—70.7
कल—106.2
उवरक का कार—कल
खरीफ—2052.6
रबी—3142.7
कल—5195.3
उवरक का कार—उवरक खपत (िकलो ाम ित ह टयर म)
खरीफ—160.4
रबी—240.2
कल—201.1
ोत : किष िवभाग, िबहार सरकार
किष क े म िकए जा रह नए-नए योग एवं शोध क कारण भी उ त बीज एवं नई किष तकनीक का
िवकास हो रहा ह, िजसक कारण भी खा ा क साथ-साथ अिधक आयवाली फसल क उ पादन म वृ हो रही
ह। सरकार ने किष रोड मैप-II म अपनी तकनीक से उ त िक म क अिधक उपज देनेवाले बीज क िवकास पर
बल िदया ह। इस बीज को िकसान तक प चाने क िलए ‘िकसान िवकास िशिवर’ तथा ‘किष सलाहकार’ जैसी
किष सार सेवा का उपयोग िकया जा रहा ह। इसम आिटिमिसया अ ुआ, ढचा, हबल एवं औषधीय पौधे,
जैिवक खेती, मधु उ पादन, म य पालन आिद मु य ह। िकसान म जाग कता उ प होने से फसल च एवं
वै ािनक किष को अपनाया जा रहा ह। बाँका, सारण, सीवान एवं जमुई म आिटिमिसया अ ुआ क नसरी थािपत
क गई ह। यह एक औषधीय पौधा ह, िजसका उपयोग मले रया क दवा बनाने म िकया जाता ह। यह मूल प से
चीन का पौधा ह।
भारत म लीची क कल उ पादन का आधा से अिधक िबहार म होता ह। लीची बागबानी फसल ह,
िजसक िलए आ जलवायु उपयु होती ह।
रा य म जैिवक खेती को बढ़ावा देने क िलए एवं रासायिनक खाद क उपयोग को सीिमत करने क िलए ढचा
क खेती को ो सािहत िकया जा रहा ह। ढचा का पौधा हरी खाद का मुख ोत ह। इससे िनिमत हरी खाद
अिधक मा ा म काबिनक अ ल पैदा करती ह, िजससे ऊसर, लवणीय व ारीय भूिम क गुणव ा एवं उ पादकता
म वृ होती ह। धान क खेती क िलए ढचा से बनी हरी खाद अिधक उपयोगी होती ह, य िक इससे चावल म
िवटािमन-ए एवं ोटीन क मा ा म वृ होती ह। ढचा क बुआई गे क बाद क जाती ह, जो 50-55 िदन म
तैयार हो जाता ह। ढचा क फसल को िम ी क अंदर दबा िदया जाता ह, जो हरी खाद का प हण कर लेती ह।
रा य म औषधीय किष को बढ़ावा देने क िलए National Mission on Medicinal Plant Year 2008-09 से
ितवष मनाया जाता ह। इसक अंतगत औषधीय पौध क उ पादन एवं उपयोग पर बल िदया जाता ह। औषधीय
पौध म मथा, खस, तुलसी, पुदीना, जामारोसा, कलमेध, सपगंधा, सताऌवर, बुच, ज ोपा आिद क किष क जा
रही ह। ाकितक किष को ो साहन हतु िबहार म किष रोड मैप-2 म िवशेष यव था क गई ह। इसक अंतगत
बम क पो ट उ पादन को माँग-आधा रत बना िदया गया ह, िजसम 1000 टन वािषक उ पादन करनेवाली
यावसाियक इकाई क िलए 50 ितशत स सडी का ावधान ह।
फल उ पादन
िबहार क किष जलवायु संबंधी थितयाँ एवं जलोढ़ िम ी फल क उ पादन क िलए उपयु ह। िबहार म
उ प होनेवाले मुख फल म लीची, आम, कला, अम द, नीबू, अन ास, पपीता, आँवला आिद ह। 2015-16
म फल क अंतगत कल े फल 2.85 लाख ह टयर था तथा कल उ पादन 40.62 लाख टन आ।
भारत म लीची क कल उ पादन का आधा से अिधक िबहार म होता ह। लीची बागबानी फसल ह, िजसक िलए
आ जलवायु उपयु होती ह। िबहार म लीची का उ पादन मु य प से उ री िबहार क मैदान म मुज फरपुर,
वैशाली, चंपारण, सम तीपुर, भागलपुर म िकया जाता ह। 2015-16 म रा य क करीब 32,000 ह टयर े म
लीची क बागान ह। इसक उ पादकता दर 8.2 टन ित ह टयर ह। लीची म चीनी क मा ा 10-15 ितशत और
ोटीन क मा ा 1.1 ितशत होती ह। लीची क मुख िक म देशी, अल बेदाना, शाही, मंदराजी (चायना), कसवा
आिद ह। इसम शाही लीची सवािधक िस ह।
आम क उ पादन म िबहार म दरभंगा, सम तीपुर, पूव चंपारण मुख उ पादक िजले ह। िबहार म आम क
अंतगत 2015-16 म लगभग 1 लाख 49 हजार ह टयर े ह। आम क मुख जाित मालदह, आ पाली, र ना,
मंजीरा, लँगड़ा, दशहरी, सुकल, सीिपया, शहद गुलाब, बांबे, जदालू आिद ह। 2014-15 तथा 2015-16 म िबहार
म मुख फल क उ पादन को नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
िबहार म फल उ पादन (हजार टन म)
मांक—1
फल—आम
2014-15—1272
2015-16—1465
मांक—2
फल—अम द
2014-15—370
2015-16—370
मांक—3
फल—कला
2014-15—1527
2015-16—1535
मांक—4
फल—लीची
2014-15—198
2015-16—198
मांक—5
फल—अन ास
2014-15—116
2015-16—116
मांक—6
फल—पपीता
2014-15—43
2015-16—53
मांक—7
फल—आँवला
2014-15—15
2015-16—13
ोत : िबहार सरकार आिथक सव ण, 2016-17
स जी उ पादन
स जी क उ पादन म भारत म िबहार का थान थम ह। निदय ारा िनिमत जलोढ़ मैदान स जी उ पादन क
िलए अनुकल ह। वष 2015-16 म िबहार म कल स जी का उ पादन 142.84 लाख टन आ था। स जय म
आलू, याज, टमाटर, गोभी, बगन आिद मुख स जी ह।
आलू क खेती रबी मौसम म शरद ऋतु म क जाती ह। यह अ ूबर से लेकर िदसंबर तक बोया जाता ह।
िबहार म आलू क मुख िक म राज आलू-3, कफरी योित, कफरी बादशाह, कफरी पोखराज, कफरी सतलज,
कफरी बहार आिद बोई जाती ह। आलू रा य क मुख स जी फसल ह। दोमट, बलुई िम ी इसक िलए उपयु
ह। सवािधक उ पादन करनेवाला िजला नालंदा ह। दूसर और तीसर थान पर पटना और सारण ह। याज क
उ पादन म नालंदा, पटना और किटहार अ णी िजले ह। गोभी का उ पादन वैशाली, मुज फरपुर, नालंदा,
सम तीपुर आिद िजल म िकया जाता ह। नीचे क तािलका म 2015-16 म िबहार म उ पािदत मुख स जय क
उ पादन को दशाया गया ह—
िबहार म स जी उ पादन (हजार टन म)
मांक :1
स जी :आलू
2014-15 :6345.55
2015-16 :6345.52
मांक :2
स जी : याज
2014-15 :1247.31
2015-16 :1247.34
मांक :3
स जी :टमाटर
2014-15 :1046.44
2015-16 :1001.01
मांक :4
स जी :गोभी
2014-15 :1003.55
2015-16 :1003.9
मांक :5
स जी :बंदगोभी
2014-15 :695.33
2015-16 :719.81
मांक :6
स जी :बगन
2014-15 :1141.57
2015-16 :1138.05
ोत : िबहार सरकार, आिथक सव ण 2015-16
भूिम सुधार
भूिम सुधार किष िवकास का मुख कारक ह। भूिम सुधार काय म क सफलता पर ही किष क अ य आगत
(Input), जैसे—िसंचाई, उवरक, क टनाशक, मशीनीकरण आिद क योग क सफलता िनभर करती ह। िबहार
भूिम सुधार अिधिनयम बनानेवाला देश का थम रा य ह। रा य म भूिम िवतरण म असमानता िबहार क किष क
मु य सम या ह। िबहार क 80 ितशत से अिधक जोत इकाइयाँ 1 ह टयर से कम क ह। रा य क अिधकांश
कषक सीमांत कषक क ेणी म या भूिमहीन िमक क प ह। िबहार म भूिम सुधार काय म का इितहास काफ
पुराना ह। लॉड कानवािलस ने 1793 ई. म िबहार-बंगाल े म थायी बंदोब त क तहत जम दारी यव था लागू
क । कानवािलस ारा लागू यव था म अ थायी भूिम बंधन और कछ भूिम पर पूणतः सरकारी िनयं ण थािपत
िकया गया, िजसे खासमहल भी कहा जाता था। 1938 ई. म िबहार म किष आयकर कानून लागू िकया गया।
वतं ता क बाद िबहार म भूिम िवतरण क असमानता को दूर करने क िलए कई अिधिनयम एवं कानून बनाए गए
ह, िजसम िन निलिखत मुख ह—
भूिम सुधार अिधिनयम, 1950, िजसम जम दारी उ मूलन एवं िबचौिलए क समा संबंधी कानून बनाया गया।
1953 ई. म िबहार क सम त भूिम पर सरकारी वािम व थािपत िकया गया।
बटाईदारी अिधिनयम, 1957 लागू िकया गया। इसे रयासत का तकारी अिधिनयम भी कहा जाता ह, िजसम 1
एकड़ से कम वािम व वाले िकसान को बटाईदारीवाली भूिम पर थायी बटाईदारी अिधकार देने का कानून बनाया
गया।
1961 म भूिम हदबंदी अिधिनयम लागू िकया गया, िजसम भूिम क अिधकतम सीमा िनधा रत क गई। इस
अिधिनयम क अंतगत एक य क पास अिधकतम नहर िसंिचत भूिम का 20 एकड़ या अिसंिचत भूिम का 60
एकड़ तक जमीन रखने क यव था क गई। इस अिधिनयम म 1973, 1976 एवं 1982 ई. म संशोधन िकया
गया।
1986 ई. म का तकारी अिधिनयम लागू िकया गया ह।
इन कानून क सही ि या वयन नह होने क कारण आज भी भूिम िवतरण म असमानता कायम ह, िजससे किष
उ पादन पर िवपरीत असर पड़ा ह। 2006 ई. म रा य सरकार ारा भूिम सुधार आयोग का गठन डी. बं ोपा याय
क अ य ता म िकया गया, िजसका काय भूिम क सीमा िनधा रत करना तथा ामीण े म बंदोब ती यव था
को लागू करने पर िवचार-िवमश करना था। इस आयोग ने 2006-07 म भूदान से संबंिधत अपना ितवेदन सरकार
को स पा। रा य म भूिम रकॉड का अ तन न होना भी एक बड़ी सम या ह, य िप भू रकॉड को िडिजटलाइजेशन
करने का पायलट ोजे ट मुज फरपुर िजले क मुसहरी सिकल म ारभ िकया गया ह। नेशनल इफॉमशन सटर
(NIC) क सहयोग से सभी िजल म भूिम रकॉड को क यूटरीकत िकया जा रहा ह।
िबहार क भूिम सुधार काय पर 1885 ई. क िबहार का तकारी अिधिनयम क बटाईदारी यव था का भी भाव
पड़ा ह। 1885 ई. म यह यव था क गई थी िक अगर कोई बटाईदार िकसी जमीन को 12 साल से लगातार जोत
रहा ह, तब उस जमीन पर बटाईदार का अिधभोगािधकार होगा। 1970 ई. म िबहार सरकार ारा बटाईदार कानून
म संशोधन िकया गया, िजसक अनुसार कोई बटाईदार का उस जमीन पर कोई हक नह होगा, िजसका भू वामी 5
एकड़ िसंिचत या 10 एकड़ अिसंिचत जमीन का अिधभोगािधकार रखता हो या भू वामी अंधा, कोढ़ी, लकवा त,
पागल, िवधवा या सैिनक म से कोई एक हो।
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18. िसंचाई क साधन
(Sources of Irrigation)
िसंचाई क मुख साधन
कोसी प रयोजना
गंडक प रयोजना
सोन प रयोजना
व रत िसंचाई लाभ काय म
इ धनुषी ांित
पूव े क िलए आई.सी.ए.आर. अनुसंधान प रसर, पटना
िबहार क किष मानूसन-आधा रत किष ह। मानसूनी वषा क मुख िवशेषता इसक अिन तता एवं िवतरण म
असमानता ह। रा य म औसत वािषक वषा 1009 िमलीमीटर होती ह, लेिकन इस वषा का अिधकांश भाग (लगभग
85 ितशत) दि ण-प म मानसून से जून-िसतंबर क बीच म ही हो जाता ह। रा य म वषा क मा ा 990-1220
िममी. क बीच होती ह। इस तरह रा य म लंबी अविध तक शु क मौसम बना रहता ह। शु क मौसम होने क कारण
फसल एवं अ य किष संबंधी गितिविधय क िलए िसंचाई क आव यकता पड़ती ह। वषा क मा ा और िवतरण
म िभ ता क कारण रा य क कछ िह स म बाढ़ तथा कछ िह स म सूखे क थित उ प हो जाती ह। जल
संसाधन क पया उपल धता क बावजूद िसंचाई काय हतु जल का उिचत उपयोग नह हो पाता ह।
िसंचाई किषमूलक अथ यव था को आधारभूत संरचना उपल ध कराती ह। यह किष क उ पादकता बढ़ाने क
िलए अ यंत मह वपूण साधन ह। किष क अ य आगत (Input), जैसे—उवरक, उ त बीज, यं ीकरण,
क टनाशक का योग आिद तथा किष उ पादन को बढ़ानेवाली नई और आधुिनक तकनीक क सफलता भी
िसंचाई साधन क िवकास पर िनभर करती ह। िबहार म किष िवकास क िलए मानसून क अिन तता क कारण
िसंचाई क साधन का िव तार अ यंत आव यक ह। रा य म चुर मा ा म जल संसाधन उपल ध ह, लेिकन वषा
का िवतरण असमान होने और जल संसाधन क समुिचत उपयोग क िलए क़ि म िसंचाई क आव यकता पड़ती
ह। िबहार म िसंचाई क अपया उपल धता और जल संसाधन क अकशल उपयोग क कारण किष िपछड़ी
अव था म रही ह। अतः वतमान समय म िसंचाई सुिवधा क िवकास क िदशा म सरकार ारा सकारा मक
यास िकया गया ह, िजससे िसंचाई क साधन का तेजी से िव तार आ ह।
िबहार म िसंचाई क कल अनुमािनत मता 117.54 लाख ह टयर ह। इसम बृहद एवं म यम िसंचाई मता
53.53 लाख ह टयर, जबिक लघु िसंचाई क मता 64.01 लाख ह टयर ह। वतमान म मा 67.46 लाख
ह टयर क िसंचाई मता िवकिसत क जा सक ह, जो कल अनुमािनत मता 117.54 लाख ह टयर का मा
57.4 ितशत ह। इसम भी कल सृिजत मता 67.46 लाख ह टयर म से मा 57.63 लाख ह टयर का ही
उपयोग िकया जा रहा ह, जो कल अनुमािनत िसंचाई मता का मा 49.0 ितशत ह। नीचे क तािलका म िबहार
क कल िसंचाई मता, सृिजत मता एवं यु मता को दशाया गया ह—
िसंचाई मता, सृिजत मता एवं यु मता ( े फल लाख ह टयर म)
िसंचाई मता का कार : बृहद एवं म यम िसंचाई
कल अनुमािनत मता : 53.53
सृिजत मता (2007-15) : 29.25
उपयोग म लाई गई मता : 19.42
िसंचाई मता का कार : लघु िसंचाई
कल अनुमािनत मता : 64.01
सृिजत मता (2007-15) : 38.21
उपयोग म लाई गई मता : 38.21
िसंचाई मता का कार : कल
कल अनुमािनत मता : 117.54
सृिजत मता (2007-15) : 67.46
उपयोग म लाई गई मता : 57.63
ोत : लघु जल संसाधन िवभाग और जल संसाधन िवभाग, िबहार सरकार
रा य सरकार ने 2017-22 क अविध क दौरान 59.51 लाख ह टयर अित र िसंचाई मता सृिजत करने क
योजना बनाई ह। रा य म लघु िसंचाई क अनुमािनत मता लगभग 64.01 लाख ह टयर ह, िजसम 15.44 लाख
ह टयर भूतल िसंचाई मता और 48.57 लाख ह टयर भूजल िसंचाई मता ह। िबहार म लघु िसंचाई ोत से
िसंिचत े को नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
( े फल ह टयर म)
ोत : भूतल नहर
2012-13 : 36315
2013-14 : 26086
2014-15 : 9310
ोत : तालाब (आहर-पइन सिहत)
2012-13 : 59407
2013-14 : 41591
2014-15 : 10930
ोत : नलकप (िनजी और सरकारी)
2012-13 : 161962
2013-14 : 64251
2014-15 : 16610
ोत : अ य ोत
2012-13 : 24220
2013-14 : 9627
2014-15 : 2564
ोत : कल
2012-13 : 281904
2013-14 : 141555
2014-15 : 38418
ोत : लघु जल संसाधन िवभाग, िबहार सरकार
किष-आधा रत उ ोग
िबहार म किष-आधा रत मुख उ ोग म चीनी उ ोग, चावल िमल उ ोग, व उ ोग, फड ोसेिसंग उ ोग,
दाल िमल उ ोग, जूट एवं उस पर आधा रत उ ोग ह।
चीनी उ ोग
चीनी उ ोग िबहार का सबसे मुख उ ोग रहा ह। यह अशु क े माल पर आधा रत अथा वजन स उ ोग
ह। िबहार म 100 टन ग े से लगभग 10 टन चीनी का उ पादन होता ह। चीनी उ ोग का क ा माल ग ा िबहार
म उ री-प मी भाग एवं उ री गंगा क मैदान म अिधक मा ा म उगाया जाता ह। उ री िबहार क मैदानी े म
उपजाऊ जलोढ़ मैदान, िसंचाई क सुिवधा एवं अनुकल जलवायु ग ा उ पादन क िलए आदश भौगोिलक थित
पैदा करती ह। रा य म लगभग 3 लाख ह टयर े फल पर ग े क खेती होती ह, जो कल किष े फल का 6
ितशत ह। िबहार म 2014-15 म 29 चीनी िमल ह, िजसम 19 िमल बंद ह। ये सभी िमल िनजी े म ह। 2015-
16 म 515 लाख टन ईख क पेराई ई और 50 लाख टन चीनी का उ पादन आ। िबहार रा य चीनी िनगम क
अंतगत दो चीनी िमल ह िज ह 2011 ई. म HPCL को लीज क आधार पर िदया गया ह।
िबहार म थम चीनी िमल क थापना डच कपनी ारा 1841 ई. म करने का यास िकया गया था, लेिकन
असफल रहा। अतः थम सफल चीनी िमल क थापना 1903 ई. म मढ़ौरा (सारण) म ई थी। चीनी उ ोग क
मुख क मढ़ौरा, चनपिटया, सुगौली, सकरी, िबहटा, गेरौल, मोतीपुर, वारसलीगंज आिद ह। वतं ता क समय
1947 ई. म िबहार का देश म चीनी उ पादन म तीय थान था। िबहार भारत का 22.7 ितशत चीनी उ पादन
करता था, जो वतमान म घटकर मा 2 ितशत हो गया ह। वतं ता क समय देश म कल 66 चीनी िमल
इकाइयाँ थ , िजसम 33 िबहार म थ , जबिक वतमान म देश म 386 चीनी िमल इकाई ह, िजसम िबहार म मा
29 ह। इसम भी अिधकांश बीमार अव था म ह। 1974 ई. म बीमार चीनी उ ोग क इकाइय क िवकास क
िलए िबहार रा य चीनी िनगम क थापना सरकारी कपनी क प म क गई थी। 1976 ई. म 7 बीमार चीनी
िमल का रा ीयकरण िकया गया, िजसम बनमंखी, गोरौल, रयाम, वारसलीगंज, सम तीपुर एवं गुरा थ । पुनः
1977 ई. म लोहट तथा सकरी, 1979 ई. म यू सीवान तथा 1980 ई. म मोतीपुर चीनी िमल का रा ीयकरण
िकया गया।
िबहार म चीनी उ ोग का भौगोिलक िवतरण
उ री-प मी िबहार
यह कोसी नदी क प म म थत उ री गंगा का मैदान ह, िजसम प मी चंपारण, सीवान, सारण,
गोपालगंज, वैशाली, दरभंगा, सम तीपुर िजले स मिलत ह। इस े म चीनी िमल क 21 इकाइयाँ थािपत ह।
दि णी-प मी िबहार
इसम रोहतास, भोजपुर, गया, नवादा व पटना िजले शािमल ह। इनम चीनी िमल क 8 इकाइयाँ थािपत ह।
िबहार म चीनी िमल थािपत होने क मुख कारक िन निलिखत ह—
उ ण आ जलवायु, जो ग ा किष क िलए अनुकल ह।
100 सटीमीटर से अिधक वषा एवं नहर व नलकप से िसंचाई क सुिवधा।
बाढ़ से नवीकत उपजाऊजलोढ़ मैदान का िनमाण।
रा य म ग ा का एकमा मुख नकदी फसल होना।
िव तृत बाजार एवं सघन म क उपल धता।
सड़क एवं रलमाग ारा देश क अ य भाग से जुड़ा होना।
िबहार क चीनी उ ोग क मुख सम याएँ
िबहार, जो वतं ता क समय देश का दूसरा बड़ा चीनी उ पादक रा य था, वतमान समय म मा 3 लाख टन
उ पादन कर रहा ह। अिधकांश चीनी िमल इकाइयाँ णाव था म ह। िबहार क चीनी उ ोग क मुख सम याएँ
िन निलिखत ह—
अिधकांश इकाइयाँ पुरानी ह िजनक कल-पुज िघस गए ह, िजससे लागत ऊची होती ह और िन न गुणव ा का
चीनी उ पादन होता ह। अतः माँग कम होती ह, िजसक कारण लाभ और बचत कम होती ह।
पूँजी क कमी ह। िबहार म िन न बचत दर, िन न पूँजी िनमाण दर एवं ऊचे याज दर आिद क कारण पूँजी क
सम या उ प होती ह। आधारभूत संरचना, जैसे—िबजली, सड़क, रल वैगन संचार आिद क कमी ह।
िन न गुणव ा वाले ग े का उ पादन, िजससे चीनी क ा कम होती ह।
ितकल सरकारी नीितयाँ, जैसे—चीनी िवपणन पर ैत मू य णाली लागू ह, िजसक कारण 1967 ई. से चीनी
िमल को 30-60 ितशत चीनी सरकार को िन न मू य पर सावजिनक िवतरण णाली म देनी पड़ती ह।
ग े का उ यूनतम समथन मू य होने क कारण चीनी िमल इकाइय को घाटा हो रहा ह।
ितकल लाइसस नीित।
चीनी-गुड़ इकाइय म ित पधा ह। कटीर गुड़ उ ोग को स ते ग े और िमक आपूित व उ नकदी लाभ क
कारण 40 ितशत ईख क खपत गुड़ िनमाण म हो रही ह, िजसक कारण चीनी उ ोग को घाटा हो रहा ह।
िबहार म चीनी उ ोग िवकास हतु िन न यास करने क ज रत ह—
उ त जाित क ग ा क खेती को ो सािहत करना ह।
मशीन एवं कल-पुज क आधुिनक करण क आव यकता ह।
कषक क सहकारी इकाई पर बल देना होगा।
िकसान को नकद भुगतान करने क आव यकता ह।
ामीण े म ग ा उ पादन एवं चीनी िमल दोन क िलए आधारभूत संरचना क िवकास क आव यकता ह।
चीनी उ ोग पर आधा रत अ य उ ोग, जैसे—कागज, इथाइल अ कोहल, औषिध आिद को बढ़ावा देने क
ज रत ह।
चीनी उ ोग क िवकास क िलए सरकार ारा भी कई काय िकए जा रह ह, जैसे—िबहार रा य चीनी िनगम
पर से ितबंध हटाकर िनजीकरण क ि या शु क गई ह। 15 बंद पड़ी िमल तथा 2 िड टीलरी इकाइय का
िनजी लागत ारा पुनिनमाण िकया जा रहा ह। रा य म िनवेश ो साहन बोड का गठन िकया गया ह, िजसम 37
चीनी िमल क िनमाण एवं पुन थापन से संबंिधत ताव पास िकए गए ह। इन 37 इकाइय म 27 नई चीनी
िमल, 8 पुरानी चीनी िमल एवं 2 इथेनॉल उ पादक इकाई का िनमाण िकया जाना ह।
रा य म चीनी िमल ारा उ पादन (2015-16)
चीनी िमल का नाम : बगहा
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 74.91
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 7.44
चीनी क ा ( ितशत म) : 9.9
चीनी िमल का नाम : ह रनगर
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 115.08
उ पािदत चीनी (लाख क ंटल ल) : 11.51
चीनी क ा ( ितशत म) : 10
चीनी िमल का नाम : नरकिटयागंज
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 75.84
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 7.58
चीनी क ा ( ितशत म) : 10
चीनी िमल का नाम : मझौिलया
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 42.2
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 4.03
चीनी क ा ( ितशत म) : 9.5
चीनी िमल का नाम : सासामुसा
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 12.8
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 1.16
चीनी क ा ( ितशत म) : 9.1
चीनी िमल का नाम : गोपालगंज
पेरा गया ग ा (लाख ंटल ल म) : 33.03
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 3.3
चीनी क ा ( ितशत म) : 10
चीनी िमल का नाम : िसधविलया
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 45.84
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 4.3
चीनी क ा ( ितशत म) : 9.4
चीनी िमल का नाम : रीगा
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 36.45
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 3.4
चीनी क ा ( ितशत म) : 9.3
चीनी िमल का नाम : हसनपुर
पेरा गया ग ा (लाख ंटल म) : 31.13
उ पािदत चीनी (लाख ंटल) : 3.19
चीनी क ा ( ितशत म) : 10
ोत : ग ा िवभाग, िबहार सरकार
कपड़ा उ ोग
िबहार म कपड़ा उ ोग क अंतगत मु य प से हथकरघा, िस क और जूट मुख उ ोग ह। रा य म सूती व
का िवकास ब त कम आ ह, िजसका कारण सूती व उ ोग क क े माल कपास का उ पादन नह होना ह।
िबहार म मु य प से हथकरघा े का िवकास आ ह। हथकरघा े म 1.32 लाख से अिधक बुनकर काय
कर रह ह। रा य म 1089 ाथिमक बुनकर सहयोग सिमितयाँ कायरत ह, िजसक अंतगत 15 हजार हथकरघा
कायरत ह। रा य म 2 िवपणन संगठन शीष संगठन क प म कायरत ह—
1. िबहार हथकरघा सहकारी संघ,
2. िबहार रा य ऊन एवं भेड़ संघ।
इसक अंतगत छह े ीय हथकरघा संघ नालंदा, सीतामढ़ी, सीवान, मधुबनी, पूिणया और भागलपुर म थत ह।
आई.एल. ऐंड एफ.एस. ारा रा य म िकए गए सव ण क अनुसार 54 ितशत बुनकर क पास अपने हथकरघे
थे और 46 ितशत क पास भाड़ पर िलये गए हथकरघे थे। लगभग 62 ितशत बुनकर क आय का मुख ोत
बुनाई से ा आय ह। रा य म हथकरघा बुनकर को िश ण देने और उनम मता वृ करने क िलए सरकार
ारा 8 सं थान थािपत िकए गए ह। ये सं थान चाकद (गया), अमरपुर (बाँका), ओबरा (औरगाबाद), पटना
शहर (पटना), बरान (भागलपुर), काको (जहानाबाद), झ गानगर (नालंदा) और पूिणया शहर (पूिणया) म थत
ह। वतमान समय म हथकरघा उ ोग अनेक कार क सम या से जूझ रहा ह, जैसे—
क े माल क कमी।
नई तकनीक ारा िश ण का अभाव।
मू य िनधारण का तािकक नह होना।
ऋण सुिवधा का उपल ध नह होना।
िवपणन क सम या।
सरकार ारा हथकरघा उ ोग को बढ़ावा देने क िलए कई यास िकए गए ह। मु यमं ी समेिकत हथकरघा
िवकास योजना नामक एक योजना 2012-13 म आरभ क गई ह। इस योजना क तहत नए करघे खरीदने क िलए
बुनकर को 15,000 पए, माल खरीदने क िलए 5,000 पए तथा वक शेड बनाने क िलए 40,000 पए ित
बुनकर उपल ध कराए जाते ह।
रा य म भागलपुर, गया और बाँका िजल म 14,000 पावरलूम कायरत ह। इन पावरलूम इकाइय से टपल
चादर और सजावटी कपड़ आिद का उ पादन होता ह। भारत सरकार क व मं ालय ारा भागलपुर क
नाथनगर म एक िश ण क थािपत िकया गया ह, िजसम ितवष 120 पावरलूम बुनकर को िश ण िदया
जाता ह।
िबहार म हथकरघा क संक णवाले िजले
िजला : भागलपुर
उ पादन : सजावटी कपड़, टपल चादर, िनयात यो य रशमी और सूती कपड़
िजला : बाँका
उ पादन : तसर रशम, िनयात यो य रशमी कपड़
िजला : गया
उ पादन : रशमी और सूती कपड़
िजला : नालंदा
उ पादन : सजावटी पद, िब तर क खोल, आंत रक स ा सामि याँ और सजावटी कपड़
िजला : नवादा
उ पादन : तसर रशम और मिहला क पोशाक क सामान
िजला : दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी
उ पादन : सूती कपड़ क महीन थान, धोती, कपड़
िजला : औरगाबाद, रोहतास
उ पादन : ऊनी कबल, ऊनी कालीन और सािड़याँ
िजला : भभुआ
उ पादन : ऊनी कालीन, बनारसी सािड़याँ
िजला : पटना, सीवान
उ पादन : सूती कपड़, सजावटी कपड़
िजला : पूिणया, किटहार
उ पादन : जूट क थैले, जूट िमि त सामि याँ, आंत रक स ा सामि याँ
ोत : उ ोग िवभाग, िबहार सरकार
रशम उ ोग
िबहार म रशम उ पादन का मुख े भागलपुर और उसक आसपास का े ह। रा य म भागलपुर िस क
व उ पादन का मह वपूण क ह। िबहार म व िवकास क िलए 11 मलबरी, 6 तसर एवं 1 क टर क क
थापना क गई ह। पूर रा य म रशम उ ोग को ो सािहत करने क िलए 4 ादेिशक कायालय भागलपुर,
मुज फरपुर, गया और दरभंगा िजल म थािपत िकए गए ह। भागलपुर म िबहार िस क एवं व इ टी यूट
थािपत िकया जा रहा ह। 2012-13 ई. म रा य सरकार ने ामीण े म रशम उ पादन म वृ एवं रोजगार म
वृ क िलए मु यमं ी तसर िवकास योजना आरभ क ह। इस योजना क अंतगत बाँका, मुंगेर, नवादा, कमूर,
जमुई और गया म तथा उ री िबहार क जल जमाव वाले े म अजुन और आसन क पेड़ लगाने क योजना ह।
अजुन और तसर क पेड़ रशम क ड़ापालन क िलए उपयु होते ह। इसक िलए सरकार ने बारहव पंचवष य
योजना म 170.90 करोड़ पए का ावधान िकया ह। मु यमं ी तसर िवकास योजना क अंतगत िन निलिखत
काय म शािमल ह—
10,200 ह टयर म तसर क ट क पालन हतु पौधारोपण, रशम िम क नेतृ व म 408 वयं सहायता समूह का
गठन।
रशम धागा उ पादन क िलए 55 वयं सहायता समूह का गठन।
कॉकन बक क थापना।
2016-17 तक क िलए मु यमं ी कोसी मलबरी योजना ारभ क गई ह, िजसम सहरसा, सुपौल, मधेपुरा,
अर रया, िकशनगंज, किटहार और पूिणया िजले म मलबरी िवकास क िलए 118.04 करोड़ पए का ावधान
िकया गया ह। इस योजना क तहत उ पािदत धाग का ांड नाम ‘कोिशक ’ रखा गया ह।
िबहार म रशम उ पादन (2015-16)
रशम का कार : मलबरी
वृ ारोपण (ह टयर म) : 136
कल काकन उ पादन : 202.56 (टन)
क ा रशम (टन म) : 22.55
रशम का कार : तसर
वृ ारोपण (ह टयर म) : 2325
कल काकन उ पादन : 466.00 (लाख)
क ा रशम (टन म) : 42
रशम का कार : अंडी
वृ ारोपण (ह टयर म) : 161
कल काकन उ पादन : 9.50 (टन)
क ा रशम (टन म) : 7.6
ोत : उ ोग िवभाग, रशम उ पादन, िबहार सरकार
रशम उ पादन को बढ़ावा देने एवं िश ण हतु िबहार रशम एवं व सं थान क थापना 1922 ई. म नाथनगर,
भागलपुर म क गई थी। इस सं थान म क यूटर-आधा रत िडजाइन (CAD) क एक इकाई थािपत क जा रही ह।
िकशनगंज और भागलपुर म मलबरी रीिलंग क थािपत ह, िजनम मलबरी रशम क रीिलंग और कताई का
िश ण िदया जाता ह।
वतमान म रा य म जूट क तीन उ ोग कायरत ह। ये कारखाने किटहार, पूिणया तथा दरभंगा म थािपत
ह।
सूती व
िबहार म कपड़ का उ पादन और िनयात ाचीन काल से होता रहा ह, लेिकन इसका व प िवकि त एवं
असंगिठत रहा ह। संगिठत े म डमराव एवं फलवारीशरीफ म दो कारखाने थािपत थे, लेिकन वतमान समय म
बंद ह। 1970 ई. म िबहार रा य ट सटाइल िनगम क थापना क गई थी, िजसका उ े य िनजी इकाइय का
रा ीयकरण करना था। िबहार म सूती व उ ोग हथकरघा उ ोग क प म मु य प से थािपत ह। भागलपुर
और गया सूती कपड़ क उ पादन का मुख क ह। गया शहर का मानपुर सूती व उ ोग का मुख क ह जहाँ
लगभग 1000 पावरलूम थािपत ह। यहाँ चादर, गमछा, धोती, साड़ी आिद का उ पादन होता ह।
जूट उ ोग
जूट िबहार का मुख किष-आधा रत उ ोग ह, जो रशेदार फसल पटसन पर आधा रत ह। जूट का उ पादन
िबहार क पूव र िजल —पूिणया, किटहार, िकशनगंज, अर रया आिद म होता ह। वतं ता क समय िबहार म
किटहार, सम तीपुर और पूिणया म जूट फ टरी थािपत थी, लेिकन देश िवभाजन क बाद जूट उ पादक अिधकांश
े बँगलादेश म चले जाने क कारण तथा कारखान क आधुिनक करण एवं पूंजी क अभाव क कारण जूट उ ोग
णाव था म चला गया। कि म रश क माँग बढ़ने से भी जूट उ ोग क थित दयनीय हो गई, लेिकन वतमान
समय म जूट एवं उससे िनिमत व तु क माँग बढ़ने क कारण इस उ ोग क िवकास पर बल िदया जा रहा ह।
वतमान म रा य म जूट क तीन उ ोग कायरत ह। ये कारखाने किटहार, पूिणया तथा दरभंगा म थािपत ह।
वतमान समय म जूट उ ोग को बढ़ावा देने क िलए सावजिनक एवं िनजी साझेदारी क तहत पूिणया क मरगा म
जूट पाक क थापना क जा रही ह।
खिनज आधा रत उ ोग
सीमट उ ोग
िबहार क दि णी-प मी भाग म कमूर क पहाड़ी े म चूना प थर क उपल धता क कारण सीमट उ ोग क
िवकास क असीम संभावना ह। क े माल क उपल धता क कारण ही रोहतास क बंजारी एवं डालिमया नगर म
सीमट उ ोग क थापना क गई ह। बंजारी म 1937 ई. म क याणपुर सीमट िलिमटड (KC) क थापना क गई
थी। औरगाबाद म ीसीमट क थापना क गई ह। वतमान समय म डालिमया नगर कारखाना बंद ह। डालिमया
नगर कारखाना बंद होने का मूल कारण िव ीय एवं बंधक य सम या ह। भभुआ म इको सीमट क थापना क
गई ह। क े माल क उपल धता क बाद भी इस े म सीमट उ ोग का िवकास नह होने का कारण ऊजा क
कमी ह।
वतं ता क समय 1947 ई. म िबहार का देश म चीनी उ पादन म तीय थान था। िबहार भारत का
22.7 ितशत चीनी उ पादन करता था, जो वतमान म घटकर मा 2 ितशत हो गया ह।
शर उ ोग
दि णी िबहार का पहाड़ी-पठारी सीमांत े ेनाइट, नीस, िस ट आिद च ान म धनी ह। इस पर आधा रत
कमूर, रोहतास, औरगाबाद, गया, नवादा, जमुई, मुंगेर आिद िजल म शर उ ोग (प थर काटने का उ ोग) बृहत
पैमाने पर िवकिसत आ ह।
रासायिनक उ ोग
िबहार म खिनज पदाथ क कमी क बावजूद बरौनी एक खिनज-आधा रत औ ोिगक संकल क प म
िवकिसत आ ह। बरौनी म तेल शोधक कारखाना, ताप ऊजा संयं , उवरक कारखाना एवं उस पर आधा रत कई
छोट-छोट औ ोिगक क िवकिसत ए ह। बरौनी तेल शोधक कारखाने क थापना सोिवयत संघ एवं रोमािनया क
सहयोग से जुलाई, 1964 म क गई थी। इस कारखाने क थापना लागत 49.4 करोड़ पए थी। इस कारखाने क
ारिभक उ पादन मता 1 िमिलयन मीि क टन ितवष थी जो 1969 ई. म बढ़कर 3 िमिलयन मीि क टन ितवष
हो गई थी। यहाँ असम, नाइजी रया, इराक एवं मलेिशया से क ा तेल आता ह। बरौनी ह दया एवं पारा ीप
बंदरगाह से तेल पाइपलाइन ारा जुड़ा आ ह। बरौनी ताप िव ुत क क थापना 1962 ई. म क गई थी,
िजसक उ पादन मता 320 मेगावाट ह। बरौनी म नाइ ोजन उवरक-आधा रत िहदु तान फिटलाइजर इड ीज का
कारखाना थािपत ह। यहाँ क े माल क प म नाफ था एवं िज सम का उपयोग कर अमोिनयम स फट तथा
सुपर फॉ फट का उ पादन िकया जाता ह। रोहतास िजले क अमझोर नामक थान पर पायराइ स-आधा रत
पायराइ स फॉ फट ऐंड किमकल िलिमटड (PPCL) का कारखाना थािपत ह। इस कारखाने म पायराइट से गंधक
एवं फॉ फट उवरक का िनमाण िकया जाता ह। िबहार इनसे टसाइड िलिमटड क थापना 27 फरवरी, 1982 को
रा य सरकार क सावजिनक उप म क प म पूिणया म क गई थी। इस कपनी ारा आधारभूत रसायन का
उ पादन िकया जाता था, जो वतमान म णाव था म ह।
जमालपुर लोकोमोिटव वकशॉप क थापना 8 फरवरी, 1862 ई. को क गई थी। यह भारत का थम
पूण सुिवधा आधा रत वकशॉप था, जो ई ट इिडयन रलवे कपनी क अधीन थािपत िकया गया था।
रल कारखाना
िबहार म मोकामा (पटना) एवं जमालपुर (मुंगेर) म पहले से रलवे से संबंिधत उ ोग थािपत ह। मोकामा म
भारत वैगन ऐंड इजीिनय रग कपनी िलिमटड तथा जमालपुर म रलवे वकशॉप थािपत ह। भारत वैगन एवं
इजीिनय रग कपनी िलिमटड (BWEL) भारत सरकार का सावजिनक उप म ह। यह ISO 9001:2008 मािणत
कपनी ह। 2008 ई. तक यह उप म भारी उ ोग एवं सावजिनक िवभाग क अंतगत था। 13 अग त, 2008 से इस
पर रल मं ालय का िनयं ण ह। भारत वैगन एवं इजीिनय रग कपनी िलिमटड क थापना िदसंबर, 1978 म दो
बीमार िनजी कपनी आथर बटलर कपनी िलिमटड, मुज फरपुर तथा ि टािनया इजीिनय रग कपनी िलिमटड,
मोकामा को िमलाकर िकया गया ह। 1983-84 ई. म मुज फरपुर क बेला थत एल.पी.जी. िसलडर का िनमाण
करनेवाली कपनी को इसम िमला िदया गया। 1986 ई. से भारी उ ोग िवभाग क तहत कायरत भारत भारी उ ोग
िनगम िलिमटड, कलक ा ारा स सडी दी जाती ह। मुज फरपुर और मोकामा म थािपत इसक इकाई ारा
रल वैगन का िनमाण िकया जाता ह।
जमालपुर लोकोमोिटव वकशॉप क थापना 8 फरवरी, 1862 को क गई थी। यह भारत का थम पूण सुिवधा
आधा रत वकशॉप था, जो ई ट इिडयन रलवे कपनी क अधीन थािपत िकया गया था।
मुंगेर म तंबाक-आधा रत ITC का िसगरट कारखाना थािपत ह। मुंगेर म भारत क सबसे पुरानी
टोबैको िविनमाण इकाई क थापना 1905 ई. म राज इटर ाइजेज ारा क गई थी, िजसका बाद म
इिडयन टोबैको कपनी ारा अिध हण कर िलया गया।
राजगीर, नालंदा थत आयुध कारखाने क िनमाण क वीकित 2001 ई. म िमली थी। राजगीर आयुध कारखाना
अ याधुिनक िक म का BMCS (Bi-Modular Charge System) का िनमाण करनेवाला एिशया का पहला आधुिनक
कारखाना ह। BMCS तोप क गोले क मारक मता को बढ़ाता ह। बोफोस तोप म इसका योग िकया जा रहा ह।
हरनौत (नालंदा), बेला (सारण), मढ़ौरा (सारण) तथा मधेपुरा म रलवे क नए कारखाने थािपत िकए जा रह ह।
बेला (सारण िजले का द रयापुर खंड) म रल पिहया कारखाना क थापना 2004 ई. म क गई ह। इसका
मु यालय नई िद ी म ह। इस कारखाने से उ पादन 2014 ई. से ारभ आ ह। मधेपुरा म ांस क कपनी
ए सटोम एस.ए. एवं भारतीय रलवे क संयु उप म क प म िव ुत रल इजन कारखाना थािपत िकया जा रहा
ह। इस कारखाने म 11 वष क अविध म 800 उ मतावाले इजन का उ पादन िकया जाएगा। हरनौत (नालंदा)
म करज रपेयर रल वकशॉप क थापना 2003 ई. म क गई ह। सारण िजला क मढ़ौरा म डीजल इजन कारखाना
थािपत िकया जा रहा ह।
शीशा उ ोग
दि णी िबहार एवं झारखंड क पठारी े से शीशा उ पादन क िलए ा क े माल, जैसे—बालू, िसिलका,
चूना प थर, सोिडयम स फट, पोटिशयम काब नेट, बे रयम ऑ साइड क आधार पर िबहार म शीशा उ ोग का
िवकास आ ह। शीशा उ ोग क मुख क पटना, दरभंगा और भागलपुर ह।
िसगरट एवं बीड़ी उ ोग
िसगरट एवं बीड़ी क िनमाण क िलए रा य म पया मा ा म क ा पदाथ उपल ध ह। उ री िबहार क मैदान म
तंबाक का उ पादन होता ह। उ पािदत व तु क िलए िबहार वयं एक बड़ा बाजार ह। इस उ ोग का िवकास
बेगूसराय, जमुई, िबहारशरीफ, आरा, ब सर, दरभंगा आिद म आ ह। मुंगेर म तंबाक-आधा रत ITC का िसगरट
कारखाना थािपत ह। मुंगेर म भारत क सबसे पुरानी टोबैको िविनमाण इकाई क थापना 1905 ई. म राज
इटर ाइजेज ारा क गई थी, िजसका बाद म इिडयन टोबैको कपनी ारा अिध हण कर िलया गया। इिडयन
टोबैको कपनी िनजी े क 1910 ई. म थािपत उपभो ा व तु बनानेवाली कपनी ह, िजसका मु यालय
कलक ा म ह।
इिडयन टोबैको कपनी ारा मुंगेर डयरी लांट क थापना क गई ह, िजसका उ पाद 2015-16 से बाजार म
उपल ध हो रहा ह। मुंगेर म थािपत दु ध सं करण क क मता दो लाख लीटर ितिदन ह।
वन-आधा रत उ ोग
िबहार म वन संसाधन क कमी ह, िफर भी ा वन संसाधन क आधार पर अनेक म यम एवं छोट उ ोग
िवकिसत ए ह। इनम लकड़ी चीरने का आरा उ ोग, कागज एवं ग ा िनमाण, क था िनमाण, बाँस एवं बत पर
आधा रत उ ोग का िवकास आ ह।
आरा िमल का िवकास िबहार क उ री भाग म, िवशेषकर तराई े म, आ ह। पूव चंपारण, प मी
चंपारण, अर रया, िकशनगंज और भागलपुर तथा दि ण िबहार म गया, नवादा, रोहतास आिद िजल म आरा िमल
का िवकास आ ह। वन क स होने एवं पयावरण संतुलन बनाए रखने क कारण आरा िमल को सरकार ारा
ितबंिधत करने क नीित बनाई गई ह, िजससे इनक सं या म कमी आ रही ह। बाँस उ र िबहार क तराई देश
एवं गया क उ री भाग म पाई जानेवाली मुख वन पित ह। इसक लकड़ी मजबूत होती ह। अतः इस पर लकड़ी-
आधा रत लघु एवं कटीर उ ोग का िवकास आ ह। बाँस को गरीब क लकड़ी कहा जाता ह।
रा य म कागज उ ोग का मुख क ा माल बाँस एवं सबई घास उपल ध ह। अतः इस पर आधा रत कछ
कारखान का िवकास रा य म आ ह। रा य क दि णी-प मी भाग म कमूर पहाड़ी े म वन क अिधकता
क कारण रोहतास क डालिमया नगर म कागज उ ोग क थापना िनजी े म क गई थी, लेिकन वतमान समय
म िव ीय एवं बंधन क सम या क कारण बंद ह। इसक अित र कागज का कारखाना ठाकर पेपर िमल,
सम तीपुर म एवं अशोक पेपर िमल, दरभंगा म थािपत िकया गया।
कागज क इन कारखान को िबहार वन िवकास िनगम ारा क े माल क आपूित क जाती थी, लेिकन समय
पर क ा माल न िमलने, िमक- बंधन सम या, िव ीय सम या, मशीन क आधुिनक करण क सम या आिद क
कारण ये कारखाने वतमान समय म बंद ह। िशवािलक पवतीय े म खैर वृ क अिधकता क कारण क था का
उ पादन िकया जाता ह। क था-आधा रत औ ोिगक इकाई बेितया एवं गया म थािपत ह।
खा सं करण उ ोग
िबहार किष-आधा रत अथ यव था वाला रा य ह। अतः खा सं करण उ ोग क रा य म िवकास क असीम
संभावना ह। वष 2015-16 म रा य म 399 खा सं करण उ ोग थािपत थे, िजसम से 266 उ ोग (66.7
ितशत) चालू अव था म थे। खा सं करण उ ोग मु य प से चावल, गे , म ा, दु ध उ पाद, खा तेल,
मखाना एवं फल-आधा रत ह। इन इकाइय म 45000 लोग को रोजगार ा हो रहा ह।
नीचे क तािलका म रा य क खा सं करण उ ोग को दिशत िकया गया ह—
िबहार म खा सं करण उ ोग क िववरणी (वष 2015-16)
ोत : उ ोग िवभाग, खा सं करण िनदेशालय, िबहार सरकार
मखाने क खेती रा य म यावसाियक तर पर उ री िबहार क दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी आिद िजल म आ
भूिम (जलम न े ) म क जाती ह। मखाना ोटीन एवं काब हाइ ट का मह वपूण ोत ह। दरभंगा म मखाना
शोध सं थान थािपत ह। रा य म मुज फरपुर एवं वैशाली म लीची-आधा रत, वैशाली म कला-आधा रत, दरभंगा
एवं भागलपुर म आम-आधा रत, रोहतास एवं कमूर म अम द-आधा रत खा सं करण उ ोग क िवकास क
असीम संभावना ह। इस िदशा म रा य खा सं करण िनदेशालय ारा अनेक योजनाएँ भी चलाई जा रही ह, जो
इस कार ह—
1. समेिकत िवकास प रयोजना—इस प रयोजना क ारा 40 ितशत तक स सडी सरकार ारा दी जाती
ह।
2. फड पाक योजना— इसक तहत 30 ितशत तक स सडी दान क जाती ह, िजसक अिधकतम सीमा
50 करोड़ पए तक िनधा रत ह। ब सर म एक फड पाक थािपत िकया जा रहा ह।
3. चावल िमल क िलए आधुिनक करण योजना—भारत सरकार रा ीय खा सं करण िमशन क
अंतगत थािपत चावल िमल क आधुिनक करण क िलए 25 ितशत स सडी देती ह।
4. शीतगृह योजना—इस योजना क तहत 5-10 हजार टन मतावाले शीतगृह को 30 ितशत स सडी तथा
10 हजार टन से अिधक मतावाले शीतगृह को 35 ितशत स सडी दी जाती ह। स सडी रािश 5 करोड़ पए
तक िनधा रत ह।
चाय उ ोग
वतमान समय म लगभग 50 हजार एकड़ भूिम पर िबहार म चाय क खेती हो रही ह। चाय का सवािधक
उ पादन िकशनंगज िजले म होता ह। िकशनगंज का पोिठया, ठाकरगंज और िकशनगंज मुख चाय उ पाद े ह।
िबहार म ितवष 40 हजार टन से अिधक चाय उपजाई जाती ह। िकशनगंज म 7 चाय सं करण क थािपत ह।
क े माल क अिधकता क कारण और अिधक क थािपत करने क संभावना ह।
चमड़ा उ ोग
िबहार म भारत का 8 ितशत गाय-बैल, 12.1 ितशत बकरी, 4.2 ितशत भस और 1.9 ितशत भेड़ पाई
जाती ह। क ीय चम अनुसंधान सं थान (CLRI) चे ई क अनुसार िबहार म पशु से 26.4 लाख खाल और
50.9 लाख चमड़ का वािषक उ पादन होता ह। रा य म खाल एवं चमड़ क मुख क पटना, आरा,
औरगाबाद, मुंगेर, मुज फरपुर, किटहार क पवई और पूिणया म थत ह।
छठी आिथक गणना, 2013
छठी आिथक गणना 2013 म क गई थी तथा इसका काशन 2016 ई. म िकया गया। इस गणना क अनुसार
रा य म 17.7 लाख आिथक इकाइयाँ थािपत ह, जो 2005 क पाँचव आिथक गणना क तुलना म 39.4 ितशत
वृ दर को दशाती ह। नीचे क तािलका म 2005 एवं 2013 क आिथक गणना को तुलना मक ि से तुत
िकया गया ह।
रा ीय राजमाग सं या : 28 A
िबहार से गुजरनेवाले थान : पीपराकोठी-सगौली-र सौल
िबहार म कल लंबाई : 68
कल लंबाई : 68
.सं. : 5
रा ीय राजमाग सं या : 28 B
िबहार से गुजरनेवाले थान : छपरा-बेितया-बगहा
िबहार म कल लंबाई : 121
कल लंबाई : 121
.सं. : 6
रा ीय राजमाग सं या : 30
िबहार से गुजरनेवाले थान : मोहिनया-आरा-पटना-ब तयारपुर
िबहार म कल लंबाई : 230
कल लंबाई : 230
.सं. : 7
रा ीय राजमाग सं या : 30 A
िबहार से गुजरनेवाले थान : फतुहा-चंडी-बाढ़
िबहार म कल लंबाई : 65
कल लंबाई : 65
.सं. : 8
रा ीय राजमाग सं या : 31
िबहार से गुजरनेवाले थान : नवादा-िबहारशरीफ-मोकामा-बरौनी-बेगूसराय-खगिड़या-पूिणया-िकशनगंज
िबहार म कल लंबाई : 393
कल लंबाई : 1125
.सं. : 9
रा ीय राजमाग सं या : 57
िबहार से गुजरनेवाले थान : मुज फरपुर-दरभंगा-फारिबसगंज-अर रया
िबहार म कल लंबाई : 310
कल लंबाई : 310
.सं. : 10
रा ीय राजमाग सं या : 57A
िबहार से गुजरनेवाले थान : फारिबसगंज-जोगबनी
िबहार म कल लंबाई : 15
कल लंबाई : 15
.सं. : 11
रा ीय राजमाग सं या : 77
िबहार से गुजरनेवाले थान : हाजीपुर-मुज फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा
िबहार म कल लंबाई : 142
कल लंबाई : 142
.सं. : 12
रा ीय राजमाग सं या : 80
िबहार से गुजरनेवाले थान : मोकामा-मुंगेर-भागलपुर
िबहार म कल लंबाई : 200
कल लंबाई : 310
.सं. : 13
रा ीय राजमाग सं या : 81
िबहार से गुजरनेवाले थान : किटहार-कोढ़ा
िबहार म कल लंबाई : 45
कल लंबाई : 100
.सं. : 14
रा ीय राजमाग सं या : 82
िबहार से गुजरनेवाले थान : गया-िबहारशरीफ-मोकामा
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
.सं. : 15
रा ीय राजमाग सं या : 83
िबहार से गुजरनेवाले थान : पटना-जहानाबाद-गया-डोभी
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
.सं. : 16
रा ीय राजमाग सं या : 84
िबहार से गुजरनेवाले थान : आरा-ब सर
िबहार म कल लंबाई : 60
कल लंबाई : 60
.सं. : 17
रा ीय राजमाग सं या : 85
िबहार से गुजरनेवाले थान : छपरा-सीवान-गोपालगंज
िबहार म कल लंबाई : 95
कल लंबाई : 95
.सं. : 18
रा ीय राजमाग सं या : 98
िबहार से गुजरनेवाले थान : पटना-औरगाबाद-अंबा
िबहार म कल लंबाई : 156
कल लंबाई : 207
.सं. : 19
रा ीय राजमाग सं या : 101
िबहार से गुजरनेवाले थान : छपरा-बिनयापुर-मुह मदपुर
िबहार म कल लंबाई : 60
कल लंबाई : 60
.सं. : 20
रा ीय राजमाग सं या : 102
िबहार से गुजरनेवाले थान : छपरा-रवाघाट-मुज फरपुर
िबहार म कल लंबाई : 80
कल लंबाई : 80
.सं. : 21
रा ीय राजमाग सं या : 103
िबहार से गुजरनेवाले थान : हाजीपुर-ज दाहा-मुसरीघरारी
िबहार म कल लंबाई : 55
कल लंबाई : 55
.सं. : 22
रा ीय राजमाग सं या : 104
िबहार से गुजरनेवाले थान : जयनगर-िशवहर-सीतामढ़ी-सुरसंड
िबहार म कल लंबाई : 160
कल लंबाई : 160
.सं. : 23
रा ीय राजमाग सं या : 105
िबहार से गुजरनेवाले थान : दरभंगा- सी-जयनगर
िबहार म कल लंबाई : 66
कल लंबाई : 66
.सं. : 24
रा ीय राजमाग सं या : 106
िबहार से गुजरनेवाले थान : वीरपुर-मधेपुरा-िकशनगंज
िबहार म कल लंबाई : 130
कल लंबाई : 130
.सं. : 25
रा ीय राजमाग सं या : 107
िबहार से गुजरनेवाले थान : महशकट-िसमरी ब तयारपुर-सहरसा-मधेपुरा-बनमंखी-पूिणया
िबहार म कल लंबाई : 145
कल लंबाई : 145
.सं. : 26
रा ीय राजमाग सं या : 110
िबहार से गुजरनेवाले थान : अरवल-जहानाबाद-एकगरसराय-िबहारशरीफ
िबहार म कल लंबाई : 89
कल लंबाई : 89
रा य म रा ीय उ पथ देश क कल लंबाई का 4.9 ितशत ह, जबिक रा य देश क कल जनसं या का 8.6
ितशत ह। 2015 म रा य म रा य पथ क कल लंबाई 4253 िकलोमीटर ह, िजसम 65 ितशत रा य पथ दो
लेनवाले, 20 ितशत एक लेनवाले और 15 ितशत म यवत लेनवाले ह। रा य उ पथ रा य क राजधानी,
िजला मु यालय एवं बड़ नगर -महानगर को जोड़ने का काय करती ह। 2015 म िजला पथ क कल लंबाई
10,634 िकलोमीटर थी। िजला पथ रा य पथ और रा ीय उ पथ को जोड़ने का काय करते ह, साथ ही िजल
क बीच माग दान करने का भी काय करता ह।
िबहार म रा ीय उ पथ, रा य पथ एवं िजला पथ क लंबाई को नीचे क तािलका म दिशत िकया गया ह—
िबहार म सड़क क लंबाई (2015)
सड़क का कार : रा ीय उ पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 4595
सड़क का कार : रा य पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 4253
सड़क का कार : मु य िजला पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 10634
सड़क का कार : ामीण पथ
सड़क क लंबाई (िकलोमीटर म) : 50596
ोत : पथ िनमाण िवभाग, िबहार सरकार
ामीण पथ गाँव क बीच एवं गाँव से खंड मु यालय को जोड़नेवाली सड़क होती ह। ये पथ रा ीय उ पथ,
रा य उ पथ और मु य िजला पथ से गाँव को जोड़ते ह। रा य म 2014-15 तक 50596.23 िकलोमीटर
ामीण पथ का िनमाण िकया जा चुका ह। रा य म ामीण पथ का िनमाण 8 मुख योजना क तहत िकया जा
रहा ह, िजसम 4 योजनाएँ वतमान म बंद हो चुक ह। इन योजना का िववरण आगे क तािलका म िदया गया ह
—
ामीण पथ िनमाण क योजनाएँ
योजना का नाम : मु यमं ी ाम सड़क योजना
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 6706.18
योजना का नाम : आपक सरकार आपक ार योजना
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 738.06
योजना का नाम : यूनतम आव यकता काय म
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 4397.98
योजना का नाम : अनुसूिचत जाित महादिलत योजना हतु िवशेष घटक योजना
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 760.42
योजना का नाम : नाबाड (RIDF) योजना
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 2604.66
योजना का नाम : सीमा े िवकास काय म
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 66.27
योजना का नाम : धानमं ी ामीण सड़क योजना
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 33540.8
योजना का नाम : मु यमं ी ाम संपक योजना
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 7187.86
योजना का नाम : योग
सड़क िनमाण (िकलोमीटर म) : 50596.23
ोत : ामीण काय िवभाग, िबहार सरकार
उपयु ामीण पथ िनमाण योजना म सवािधक लंबाई धानमं ी ाम सड़क योजना क 33540.8
िकलोमीटर ह, जो संपूण ामीण पथ का 66.3 ितशत िह सा ह। रा य म धानमं ी ाम सड़क योजना क अंतगत
11 िजल क 250 से अिधक जनसं या वाले सभी गाँव एवं टोल को सड़क से जोड़ना ह, शेष 27 िजल म
2013-14 ई. म मु यमं ी ाम सड़क योजना शु क गई थी।
वतमान समय म िबहार म रा य पथ का िवकास रा ीय सम िवकास योजना क तहत िकया जा रहा ह। रा य
सरकार और क सरकार क समझौते क तहत रा य उ पथ क िवकास क िलए दो अिभकरण ारा काय म
को लागू िकया जा रहा ह। ये अिभकरण क ीय लोक िनमाण िवभाग और इरकॉन इटरनेशनल ह। रा ीय सम
िवकास योजना का ि या वयन 33 िजल म क ीय लोक िनमाण िवभाग ारा तथा 5 िजल म इरकॉन ारा
िकया जा रहा ह। रा य म िबहार रा य उ पथ प रयोजना-2 क तहत एिशयाई िवकास बक ारा 9 प रयोजनाएँ
चलाई जा रही ह, िजसम 7 पूरी हो चुक ह।
िजला पथ क िनमाण एवं मर मतीकरण क िलए िव ीय यव था रा य योजना, नाबाड, क ीय सड़क कोष,
वामपंथी अितवाद भािवत े कोष, भारत-नेपाल सीमा पथ िवकास काय म आिद क ारा िकया जाता ह।
एिशयाई िवकास बक ारा सहायता ा प रयोजनाएँ िन निलिखत ह—
रा य उ पथ सं या : 68
प रयोजना : िशवगंज-बैदराबाद
लंबाई (िकलोमीटर म) : 82.25
रा य उ पथ सं या : 69
प रयोजना : डम रया-रानी तालाब
लंबाई (िकलोमीटर म) : 152.8
रा य उ पथ सं या : 70
प रयोजना : गया-रजौली
लंबाई (िकलोमीटर म) : 58.23
रा य उ पथ सं या : 71
प रयोजना : जहानाबाद-इ लामपुर
लंबाई (िकलोमीटर म) : 85.2
रा य उ पथ सं या : 73
प रयोजना : सीवान-शीतलपुर
लंबाई (िकलोमीटर म) : 88
रा य उ पथ सं या : 74
प रयोजना : हाजीपुर-कस रया-अरराज
लंबाई (िकलोमीटर म) : 87.06
रा य उ पथ सं या : 75
प रयोजना : दरभंगा-कमतौल-मधुवापुर
लंबाई (िकलोमीटर म) : 46.75
रा य उ पथ सं या : 76
प रयोजना : अर रया-सुपौल-भपिटयाही
लंबाई (िकलोमीटर म) : 121
रा य उ पथ सं या : 77
प रयोजना : करसैला-रानीगंज-फारिबसगंज
लंबाई (िकलोमीटर म) : 102.93
रा य उ पथ सं या : ……..
प रयोजना : योग
लंबाई (िकलोमीटर म) : 824.22
ोत : पथ िनमाण िवभाग, िबहार सरकार
रा य म सड़क िवकास क िलए चलाई जा रही योजना म वामपंथी अितवाद भािवत े पथ िवकास
योजना क अंतगत उ वाद भािवत िजल —अरवल, औरगाबाद, गया, जमुई और जहानाबाद म 41 सड़क
प रयोजना का िनमाण िकया जा रहा ह, िजनक कल लंबाई 674.3 िकलोमीटर ह, िजसम 71.8 िकलोमीटर
रा ीय उ पथ, 68.1 िकलोमीटर रा य उ पथ और 534.4 िकलोमीटर मु य िजला पथ ह।
रा य म आिथक वृ दर को बढ़ाने क िलए सड़क नेटवक िव तार क आव यकता पर बल िदया गया ह।
इसक िलए पथ ि 2020 तैयार िकया गया ह। पथ ि 2020 क मु य उ े य ह—
पटना से सबसे दूर थ िजल क बीच 5 घंट म प चने क िलए पथ संपक सुिन त करना।
सभी रा य उ पथ को दो लेनवाली सड़क म बदलना।
एक लेनवाले मु य िजला पथ को म यवत लेनवाले पथ म बदलना।
सँकर, पुराने और पाइल पुल क जगह चौड़ आर.सी.सी. पुल का िनमाण करना।
रा ीय उ पथ क साथ सभी रा य उ पथ का संपक सुिन त करना।
यावसाियक क एवं पयटन क को पथ संपक सुिन त करना।
रा य म 2016 से 2020 क बीच िन न पथ प रयोजना एवं पुल प रयोजना को पूरा करने क काय-योजना
बनाई गई ह।
मु य पथ प रयोजनाएँ—
1. नूरसराय-िसलाव पथ,
2. अनीसाबाद-औरगाबाद-ह रहरगंज सड़क (NH 98),
3. डहरी-नासरीगंज-िव मगंज-िदनारा पथ (SH 15),
4. दरभंगा-सम तीपुर-सोभन ाम पथ (SH 50, NH 57),
5. िदघवारा-भे डी-अमनौर-तरया-पानापुर-सेमारी मंिदर (SH 104)।
मुख पुल प रयोजनाएँ—
1. गंगा नदी पर आरा और छपरा को जोड़नेवाला चार लेन पुल।
2. गंगा नदी पर दीघा और सोनपुर को जोड़नेवाला रल-सह-सड़क पुल।
3. गंडौल (सहरसा) और िबरौल (दरभंगा) क बीच पुल।
4. फ गु नदी पर गया और मानपुर क बीच पुल।
5. गंडक नदी पर बेितया और गोपालगंज क बीच पुल।
6. गंगा नदी पर क ी दरगाह और िबदुपुर क बीच जोड़नेवाला छह लेन पुल।
7. गंगा नदी पर सु तानगंज (भागलपुर) और अगुवानीघाट (खगिड़या) क बीच पुल।
8. गंगा नदी पर ब तयारपुर और ताजपुर क बीच चार लेन पुल।
9. सोन नदी पर दाऊदनगर (औरगाबाद) और नासरीगंज (रोहतास) क बीच पुल।
10. गंडक नदी पर िबशुनपुर (गोपालगंज) और चिकया-कस रया-सतारघाट (पूव चंपारण) रोड पुल।
11. कोसी नदी पर सहरसा म बलुआहा घाट पुल।
उपयु सड़क एवं पुल प रयोजना म 2018 ई. तक ब तयारपुर-ताजपुर पुल, 2019 ई. तक सु तानगंज-
अगुवानीघाट पुल और 2020 ई. तक क ी दरगाह-िबदुपुर पुल का काय पूरा करने क योजना ह।
क ी दरगाह-िबदुपुर पुल—देश क सबसे लंबे सड़क-पुल का िनमाण िकया जा रहा ह। इसक लंबाई 9.76
िकलोमीटर होगा। इस पुल का िनमाण काय दि ण को रया क कपनी डबू एवं भारत क ब रा ीय कपनी लासन
ऐंड ट ो ारा करवाया जा रहा ह। इस प रयोजना क कल लागत 5000 करोड़ पया ह, िजसम 3000 करोड़
पया मनीला थत एिशयन िवकास बक (ADB) ारा तथा 2000 करोड़ पया रा य सरकार ारा उपल ध
कराया जाएगा।
मु यमं ी सेतु िनमाण योजना क तहत रा य सरकार सुदूर ामीण े को साल भर सड़क संपक उपल ध
कराने क िलए काय कर रही ह। 2015-16 तक 70 ऐसी योजना का िनमाण िकया गया ह। इस योजना क तहत
25 लाख पए तक क योजना का ि या वयन िजला तर पर िजलािधकारी क मा यम से िकया जाता ह,
जबिक 25 लाख से ऊपर क योजना का ि या वयन िबहार रा य पुल िनगम िलिमटड क मा यम से होता ह।
क ी दरगाह-िबदुपुरपुल—देश क सबसे लंबे सड़क-पुल का िनमाण िकया जा रहा ह। इसक लंबाई
9.76 िकलोमीटर होगा। इस पुल का िनमाण काय दि ण को रया क कपनी डबू एवं भारत क
ब रा ीय कपनी लासन ए ड ट ो ारा करवाया जा रहा ह।
िबहार रा य पुल िनमाण िनगम िलिमटड (BRPNN) पथ िनमाण िवभाग क अंतगत प लक िलिमटड कपनी क
प म काय करता ह। इसक थापना 11 जून, 1975 को भारतीय कपनी अिधिनयम, 1956 क तहत एक सरकारी
कपनी क प म क गई ह। इस िनगम का मु य उ े य ह—
पुल एवं सड़क का िनमाण।
पुल का रखरखाव एवं मर मत।
टॉल सं हण।
इस कपनी क कल शेयर पूँजी 500 लाख पए क ह। यह िनगम 25 लाख पए से अिधक क लागत क पुल
का िनमाण करता ह।
पथ प रवहन
िबहार जैसे िवकासशील रा य म पथ प रवहन अ य प रवहन साधन क तुलना म अिधक उपयोगी मा यम ह।
रा य म पया बस सुिवधा उपल ध कराने क िलए 1959 ई. म िबहार रा य पथ प रवहन िनगम क थापना क
गई थी। इस िनगम ारा िव ीय थित सु ढ करने क िलए 2009-10 ई. से सावजिनक-िनजी साझेदारी
(पी.पी.पी. मोड) योजना ारभ क गई ह।
रल प रवहन
िबहार का अिधकांश भूभाग मैदानी ह। अतः रल प रवहन क िवकास क िलए अनकल ह। अिधक जनसं या
घन व होने क कारण भी रल िबहार म प रवहन का मुख साधन ह। िबहार क सभी बड़ शहर रलमाग से जुड़ ए
ह। भारत म 3 कार क रल लाइन का िवकास आ ह, जो इस कार ह—
गेज का नाम : ॉड गेज
पट रय क बीच दूरी : 1.67 मीटर
गेज का नाम : मीटर गेज
पट रय क बीच दूरी : 1.0 मीटर
गेज का नाम : नैरो गेज
पट रय क बीच दूरी : 0.76 एवं 0.61 मीटर
2015 म िबहार म रल पटरी क कल लंबाई 3598 िकलोमीटर ह, जबिक भारत म रलवे लाइन क कल लंबाई
66,030 िकलोमीटर ह। िबहार म कल रलवे लाइन म ॉड गेज का िह सा 84 ितशत ह, जबिक पूर भारत म 87
ितशत से कछ कम ह। िबहार म रलमाग का घन व ित एक हजार वग िकलोमीटर पर 38 ह, जबिक भारत का
घन व 20 ह। िबहार म ित हजार जनसं या पर रलमाग क लंबाई 0.04 िकलोमीटर ह। अिखल भारतीय तर पर
ित हजार जनसं या रल घन व म गुजरात पहले थान पर ह, जहाँ 0.09 ित हजार ह। भारत म रल घन व ित
हजार जनसं या पर 0.05 ह। नीचे क तािलका म रलमाग क लंबाई एवं रल घन व को दिशत िकया गया ह।
भारत क मुख रा य म रलमाग नेटवक
रा य का नाम : िबहार
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3598
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 38
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.04
रा य का नाम : गुजरात
लंबाई (िकलोमीटर म) : 5257
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 27
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.09
रा य का नाम : आंध देश
लंबाई (िकलोमीटर म) : 2459
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 31
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.08
रा य का नाम : म य देश
लंबाई (िकलोमीटर म) : 4954
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 16
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.07
रा य का नाम : राज थान
लंबाई (िकलोमीटर म) : 5822
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 17
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.08
रा य का नाम : पंजाब
लंबाई (िकलोमीटर म) : 2155
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 43
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.08
रा य का नाम : तिमलनाड
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3943
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 30
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : कनाटक
लंबाई (िकलोमीटर म) : 3090
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 16
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : छ ीसगढ़
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1187
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 9
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : ह रयाणा
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1553
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 35
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : झारखंड
लंबाई (िकलोमीटर म) : 2040
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 26
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.06
रा य का नाम : करल
लंबाई (िकलोमीटर म) : 1050
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 27
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.03
रा य का नाम : महारा
लंबाई (िकलोमीटर म) : 5602
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 18
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
रा य का नाम : प म बंगाल
लंबाई (िकलोमीटर म) : 4000
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 45
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.04
रा य का नाम : भारत
लंबाई (िकलोमीटर म) : 64600
रल घन व ( ित हजार वग िकलोमीटर) : 20
रल घन व ( ित हजार जनसं या) : 0.05
ोत : अिधसंरचना सां यक , 2014 भारत सरकार
पूर भारत को शासिनक ि कोण से 16 रलवे जोन म बाँटा गया ह। िबहार म एक मा रलवे जोन म य-पूव
रलवे का मु यालय हाजीपुर म थत ह। इस जोन का गठन 2002 ई. म िकया गया था। इसक अित र िबहार म
चार रल मंडल ह।
िबहार म थत रल मंडल िन निलिखत ह—
सोनपुर मंडल, म य-पूव रलवे, हाजीपुर,
दानापुर मंडल म य-पूव रलवे, हाजीपुर,
सम तीपुर मंडल म य-पूव रलवे, हाजीपुर,
किटहार मंडल, उ र-पूव सीमांत रलवे, गौहाटी।
इसक अित र पूव र रलवे कलकता क मालदा िडवीजन क अंतगत िबहार का भागलपुर, जमालपुर का े
आता ह। उ री-पूव रलवे गोरखपुर क अंतगत वाराणसी रल मंडल म िबहार का छपरा, सीवान, गोपालगंज आिद
े स मिलत ह।
सोनपुर रल मंडल का गठन 5 नवंबर, 1951 को पूव-म य रलवे क अधीन आ था। 8 िसतंबर, 1996 से यह
पूव-म य रलवे, हाजीपुर क अधीन कायरत ह। इसक अंतगत मुज फरपुर, हाजीपुर, बरौनी, खगिड़या आिद मुख
रलवे टशन आते ह। दानापुर रलवे मंडल का गठन 1925 ई. म आ था। यह 1952 से 2002 ई. तक पूव रलवे
कलक ा क अधीन था। 1952 ई. क पहले यह ई ट इिडयन रलवे कपनी क िनयं ण म था। 1 अ ूबर, 2002 क
बाद यह पूव-म य रलवे हाजीपुर क अधीन कायरत ह। दानापुर मंडल क अंतगत पटना, ब सर, आरा, मोकामा,
जमुई, यूल, झाझा आिद मुख रलवे टशन स मिलत ह। सम तीपुर मंडल का गठन 1969 ई. म आ था। यह
पूव-म य रलवे क अंतगत ह, इसक अंतगत मुख रलवे टशन दरभंगा, सम तीपुर, सगौली, बापू धाम मोितहारी,
मधुबनी, नरकिटयागंज, सीतामढ़ी, सहरसा आिद ह। किटहार िडवीजन का गठन 15 जनवरी, 1958 को आ था।
यह उ र-पूव सीमांत रलवे क िनयं ण म ह। इसक अंतगत मुख रलवे टशन यू जलपाईगुड़ी (प. बंगाल)
जोगबनी, किटहार, िकशनगंज, पूिणया आिद थत ह।
िबहार से गुजरनेवाला कलक ा-मुगलसराय रलमाग, िजसका िनमाण 1860-62 ई. म आ था, पटना होते ए
जाता ह। यह िबहार क थम रल लाइन ह। िबहार क रलवे लाइन चार जोन म थत ह—
1. म य-पूव रलवे, हाजीपुर।
2. उ र-पूव सीमांत रलवे, गौहाटी।
3. पूव र रलवे, कलक ा।
4. उ री-पूव रलवे, गोरखपुर।
उ र-पूव सीमांत रलवे म पूिणया े , पूव र रलवे क अंतगत भागलपुर का े , उ री-पूव रलवे क अंतगत
छपरा े थत ह, जबिक िबहार क अिधकांश रल लाइन क लंबाई म य-पूव रलवे, हाजीपुर क अंतगत आती
ह।
वायु प रवहन
देश क अ य रा य क तुलना म िबहार म वायु प रवहन का िवकास कम आ ह, िजसका कारण आिथक
िपछड़ापन, उ ोगीकरण एवं नगरीकरण का कम िवकास होना ह। य िप रा य म पटना, गया म रा ीय तर का
हवाई अ ा थािपत ह। बोधगया म अंतरा ीय हवाई अ का िनमाण िकया गया ह। बोधगया से ीलंका एवं
बकॉक क िलए हवाई सुिवधा उपल ध ह। रा य क राजधानी पटना से काठमांड, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद,
लखनऊ, राँची तथा िद ी क िलए िवमान सेवा उपल ध ह। पटना म िनिमत हवाई अ का नाम जय काश
नारायण हवाई अ ा ह। मुज फरपुर, जोगबनी, र सौल, भागलपुर और िबहटा म भी हवाई अ ा िनिमत िकया
गया ह। िबहार म वायुमाग सेवा उपल ध करानेवाली मुख सेवाएँ जेट एयरवेज, इिडगो, इिडयन एयरलाइ स आिद
ह। 2014-15 म िबहार से 11054 वायुयान का आवागमन आ, जबिक याि य क सं या 12 लाख थी। इस
अविध म माल ढलाई 5198 टन ई।
2016 ई. म पटना से िविभ शहर क िलए 20 जोड़ी हवाई उड़ान क आवाजाही ई, िजसे माच, 2017 से
बढ़ाकर 32 िकया जाएगा। इनम इिडगो, जेट एयरवेज, एयर एिशया और एयर इिडया क लाइट शािमल ह।
वतमान म सवािधक लाइट इिडगो क ह। एयर एिशया मलेिशया क िवमानन कपनी ह। िबहार म थत मुख
हवाई अ िन निलिखत ह—
.सं. : 1
नाम : जय काश नारायण अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : पटना
कार : अंतरा ीय
.सं. : 2
नाम : गया अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : गया
कार : अंतरा ीय
.सं. : 3
नाम : भागलपुर हवाई अ ा
थान : भागलपुर
कार : घरलू
.सं. : 4
नाम : दरभंगा हवाई अ ा
थान : दरभंगा
कार : र ा
.सं. : 5
नाम : जोगबनी हवाई अ ा
थान : जोगबनी
कार : घरलू
.सं. : 6
नाम : चूनापुर हवाई अ ा
थान : पूिणया
कार : र ा
जल प रवहन
जल प रवहन यातायात का सबसे स ता एवं दूषणमु प रवहन साधन ह। यह भारी व तु क प रवहन क
िलए सबसे उपयु साधन ह। िबहार म जल प रवहन क िलए गंगा, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी,
सोन आिद निदयाँ उपल ध ह। गंगा नदी पर रा ीय जलमाग सं या-1, जो इलाहाबाद से ह दया तक ह, िबहार से
होकर गुजरता ह। इसक थापना अ ूबर, 1986 म ई थी। लंबाई 1620 िकलोमीटर ह तथा इस पर एक थायी
टिमनल पटना म भी थािपत ह, जबिक लोिटग टिमनल भागलपुर म ह। गंगा नदी पर पटना क गायघाट म े ीय
कायालय थािपत ह। भारतीय अंतरदेशीय जलमाग प रवहन क थापना 27 अ ूबर, 1986 ई. को क गई थी,
िजसका मु यालय नोएडा (उ र देश) म ह। यह जलमाग एवं भूतल प रवहन मं ालय, भारत सरकार क अंतगत
काय करता ह। इसका े ीय कायालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोि म थत ह।
कोसी, गंडक और सोन निदय से िनकाली गई नहर को नौकाग य बनाया गया ह। ब सर नहर तथा आरा नहर
भी नौकाग य ह। िबहार म घाघरा म 100 िकलोमीटर, कोसी म 200 िकलोमीटर, गंडक म 240 िकलोमीटर तथा
सोन म 195 िकलोमीटर म नौकायन का काय िकया जाता ह।
र ु माग
िबहार म र ु माग का िनमाण कवल राजगीर म िकया गया ह। यह बौ पयटन थल ह, जहाँ शांित तूप पर
जाने क िलए इसका िनमाण िकया गया ह।
संचार यव था
रा य म संचार क मुख साधन दूरसंचार एवं डाक णाली ह। भारत दूरसंचार क े म चीन क बाद िव का
दूसरा बड़ा देश बन गया ह। िबहार म 2014-15 म टलीफोन कने शन क सं या 661.69 लाख हो गई ह। िबहार
म लगभग 96 ितशत टलीफोन कने शन िनजी े क कपिनय ारा संचािलत ह। िबहार म संचार क े म
अनेक कपिनयाँ मोबाइल सेवा उपल ध करा रही ह, िजसम बी.एस.एन.एल., टलीनॉर, रलायंस िजओ, एयरटल
भारती, रलायंस, वोडाफोन, टाटा इिडकॉम, आइिडया, एयरसेल इ यािद ह। इन कपिनय म िदसंबर, 2016 तक
सवािधक उपभो ा एयटल क 3,01,02,995 ह। इसक बाद आइिडया क 1 करोड़ 20 लाख तथा टलीनॉर क 1
करोड़ 1 लाख उपभो ा ह। िदसंबर, 2016 तक िबहार म 8,22,56,864 उपभो ा मोबाइल सेवा जुड़ ह। िबहार
म ित 100 य पर टलीफोन क सं या अथा दूरभाष घन व 2015 ई. म 51.17 ह, लेिकन इस घन व म
शहरी और ामीण े म काफ असमानता ह। शहरी दूरभाष घन व म िबहार देश म आं देश, कनाटक, करल
और उड़ीसा क बाद 5व थान पर ह।
डाक णाली
डाक संचार णाली भारत क सबसे सश संचार णाली ह। भारत म िव का सबसे बड़ा डाक नेटवक ह।
भारत म डाकघर क कल सं या—1.55 लाख ह, िजसम 89.6 ितशत (1.39 लाख) डाकघर ामीण े म
थत ह। 2014 ई. तक िबहार प र े (Circle) म 9064 डाकघर मौजूद थे, िजसम 8591 (95 ितशत) ामीण
े म और 473 (5 ितशत) शहरी े म थत था। य िप रा ीय तर पर ामीण े म डाकघर क सं या
क मामले म िबहार पीछ ह, य िक देश क 6.2 ितशत ामीण डाकघर िबहार म ह, जबिक 11.1 ितशत ामीण
जनसं या िबहार म रहती ह। नवंबर, 2015 तक िबहार क 31 मु य डाकघर और 99 उप-डाकघर म कोर बिकग
णाली शु क गई ह।
ऊजा
अथ यव था क िवकास क िलए ऊजा े का िवकिसत होना अित आव यक ह। िबहार म आिथक िवकास म
तेजी लाने, रोजगार बढ़ाने, गरीबी दूर करने और अथ यव था का िवकास ती करने म ऊजा े अभी तक बाधक
बना रहा ह। िबहार म िबजली क उपल धता को उसक माँग क प रपे्र य म समझा जा सकता ह। िबहार म
िबजली क खपत ित य 2014-15 म 203 िकलोवाट घंटा ह। रा य सरकार ने 2018-19 तक सभी ामीण
और शहरी प रवार को िबजली का कने शन एवं 24 घंटा िबजली उपल ध कराने क िलए एक ि प तैयार
िकया ह, िजसम िव ुत े क सभी घटक उ पादन, संचरण और िवतरण को शािमल िकया गया ह। िबहार म
अबाध िबजली आपूित और उपभो ा क िशकायत क िनवारण क िलए एक ‘24 × 7 यूल कॉल सटर’ क
थापना क गई ह।
िबहार म ित 100 य पर टलीफोन क सं या अथा दूरभाष घन व 2015 ई. म 51.17 ह, लेिकन
इस घन व म शहरी और ामीण े म काफ असमानता ह।
दीनदयाल उपा याय ाम योित योजना क सरकार ारा िदसंबर, 2014 ई. म शु क गई ह। इस
योजना म पूव से चल रही राजीव गांधी ामीण िव ुतीकरण योजना को समािहत कर िदया गया ह।
िबहार म 2015 तक िबजली क उपल ध मता 3704.63 मेगावाट थी। सरकार ने 2018-19 तक 6521.30
मेगावाट अित र मता बढ़ाने क िलए काय-योजना तैयार क ह, िजसम ऊजा क सभी ोत क िवकास पर बल
िदया गया ह। 2018-19 तक अित र सृिजत मता म से 312 मेगावाट अपारप रक ऊजा ोत से और 6209.30
मेगावाट पारप रक ोत से उ प िकया जाएगा। इस तरह 2018-19 तक िबहार म िबजली उ पादन क कल
मता 10226 मेगावाट होगी, िजसम 9828 मेगावाट पारप रक ोत से और 398 मेगावाट अपारप रक ोत से
उपल ध होगी। 2018-19 तक अित र उ पादन मता िवकिसत होने क बावजूद रा य म अिधकतम माँग म जो
2015-16 म 15.02 ितशत ह, 2018-19 म 7.76 ितशत क कमी बनी रहगी।
िव ुत े म िबहार का सं थागत ढाँचा
िबहार म िव ुत उ पादन, संचरण, िवतरण और अ य गितिविधय क बंधन क िलए अ ैल, 1958 म िबहार
रा य िव ुत बोड का गठन िव ुत (आपूित)अिधिनयम, 1948 क अनु छद-5 क तहत िकया गया था। िव ुत
यव था म सुधार लाने क िलए नई िबहार रा य िव ुत सुधार अंतरण योजना, 2012 क तहत नवंबर, 2012 म
िबहार रा य िव ुत बोड को कोड 5 कपिनय म बाँट िदया गया ह, जो िन न ह—
1. िबहार रा य िव ुत (हो डग) कपनी िलिमटड (BSPHCL),
2. िबहार रा य िव ुत उ पादन कपनी िलिमटड (BSPGCL),
3. िबहार रा य िव ुत संचरण कपनी िलिमटड (BSPTCL),
4. दि ण िबहार िव ुत िवतरण कपनी िलिमटड (NBPDCL),
5. उ र िबहार िव ुत िवतरण कपनी िलिमटड (SBPDCL)।
BSPHCL को अ य चार कपिनय क शेयर का दािय व स पा गया ह तथा इसे पूववत िबहार रा य िव ुत बोड
क प रसंपि य का वािम व िदया गया ह। यह मु यतः एक िनवेश कपनी क प म काय करती ह। यह अ य
कपिनय क गितिविधय का सम वय और िववाद का िनपटारा करने का काय करती ह।
BSPGCL कपनी िव ुत उ पादन म लगी सहायक कपिनय क बीच सम वय का काय करती ह। सम वय एवं
सुझाव क भूिमका म उ पादन क क िनमाण, संचालन और रखरखाव तथा संबंिधत सुिवधा से संबंिधत सार
मामले शािमल होते ह।
BSPTCL यह कपनी िव ुत संचरण क िलए जवाबदेह ह और इसे पूववत िबहार रा य िव ुत-बोड क
संचरण-िवषयक प रसंपि य का वािम व िदया गया ह।
NBPDCL और SBPDCL दोन कपिनयाँ राजीव गांधी ामीण िव ुतीकरण योजना, िविश िपछड़ा े
अनुदान िनिध, पुनगिठत व रत िव ुत िवकास एवं सुधार काय म, रा य योजना और एिशयाई िवकास बक ारा
िव पोिषत योजना क तहत सभी उपभो ा को िबजली का िवतरण और ामीण िव ुतीकरण योजना क
ि या वयन का काम करती ह।
रा य म िव ुतीकरण काय म
िव ुत िवतरण एवं आपूित को बढ़ाने क िलए रा य म क सरकार क तीन मह वपूण योजनाएँ ह—
1. समेिकत िव ुत िवकास योजना,
2. दीनदयाल उपा याय ाम योित योजना,
3. िवशेष योजना (िपछड़ा े अनुदान िनिध)।
समेिकत िव ुत िवकास योजना िदसंबर, 2014 म शु िकया गया ह, िजसम बारहव पंचवष य योजना म शु
क गई पुनगिठत व रत िव ुत िवकास एवं सुधार काय म को स मिलत कर िदया गया ह।
दीनदयाल उपा याय ाम योित योजना क सरकार ारा िदसंबर, 2014 म शु क गई ह। इस योजना म पूव
से चल रही राजीव गांधी ामीण िव ुतीकरण योजना को समािहत कर िदया गया ह। इस योजना क तहत रा य क
सभी 38 िजल म िव ुतीकरण का काय िकया जा रहा ह।
रा य म िव ुत उ पादन एवं िवतरण म सुधार क िलए ‘सबक िलए 24 घंट िबजली’ नामक द तावेज जारी िकया
गया ह। रा य म माच, 2015 तक िबजली क कल उ पादन मता 3704.63 मेगावाट थी, िजसम ताप िव ुत का
िह सा 83.6 ितशत था। नीचे क तािलका म रा य म िविभ ोत से उ प िव ुत को दशाया गया ह।
िव ुत उ पादन क ोत, माच, 2015
ोत : ताप िव ुत (कोयला आधा रत)
उ पादन ( ितशत म) : 83.6
उ पादन (मेगावाट म) : 3094.1
ोत : जल िव ुत
उ पादन ( ितशत म) : 14.12
उ पादन (मेगावाट म) : 524.53
ोत : नवीकरणीय ोत
उ पादन ( ितशत म) : 2.3
उ पादन (मेगावाट म) : 86
ोत : कल
उ पादन ( ितशत म) : 100
उ पादन (मेगावाट म) : 3704.63
िबहार म सावजिनक एवं िनजी दोन े म िव ुत उ पादन िकया जाता ह। रा य म क एवं रा य दोन क
िव ुत उ पादन इकाइय से िव ुत उपल ध होती ह, िजसे नीचे क तािलका म दशाया गया ह—
िव ुत उ पादन मता, माच, 2015
वािम व या िनजी े : रा य
ताप िव ुत (कोयला) (मेगावाट) : 220
जल िव ुत (मेगावाट) : 55
नवीकरणीय (मेगावाट) : 0
जल िव ुत (मेगावाट) : ……
नवीकरणीय (मेगावाट) :
िलंगानुपात
िकसी देश अथवा रा य म ित हजार पु ष पर मिहला क सं या क अनुपात को िलंगानुपात कहते ह। 1901
से 2011 तक क जनगणना म िलंगानुपात म प रवतन होता रहा ह। 1901 म िबहार म िलंगानुपात 1061, 1911 म
1051 तथा 1921 म 1020 था। 1921 ई. तक य क सं या पु ष क तुलना म अिधक थी, लेिकन 1931 ई.
म यह घटकर 995 हो गई। 1971 ई. क बाद थित म िगरावट होने लगी तथा 2011 ई. म िबहार म िलंगानुपात
916 ह, जो रा ीय औसत 940 से कम ह। िलंगानुपात कम होने का मुख कारण ूण ह या, सामािजक-धािमक
अंधिव ास, अिश ा आिद ह। हालाँिक वतमान समय म ूण ह या पर ितबंध, बाल-िववाह पर ितबंध तथा
दहज िवरोधी अ य कानून बनाए गए ह। िबहार म सवािधक िलंगानुपात वाला िजला गोपालगंज (1015) ह, जबिक
सबसे कम िलंगानुपात वाला िजला मुंगेर (879) ह।
ामीण एवं नगरीय े म िलंगानुपात म असमानता पाई जाती ह। िबहार म ामीण े म िलंगानुपात 927 तथा
नगरीय े म 869 ह। भारत म ामीण े म िलंगानुपात 946 जबिक नगरीय े म िलंगानुपात 900 ह।
अिधक एवं कम िलंगानुपात वाले िजले
िजला—गोपालगंज
अिधक िलंगानुपात —1015
िजला—मुंगेर
कम िलंगानुपात—876
िजला—सीवान
अिधक िलंगानुपात —984
िजला—भागलपुर
कम िलंगानुपात—879
िजला—सारण
अिधक िलंगानुपात —949
िजला—खगिड़या
कम िलंगानुपात—883
िजला—िकशनगंज
अिधक िलंगानुपात —946
िजला—िशवहर
कम िलंगानुपात—890
ोत : जनगणना, 2011
सा रता
भारत सरकार क जनगणना िवभाग क अनुसार 7 वष से अिधक आयु वग का य , जो िकसी एक भाषा को
पढ़ना, िलखना और समझना जानता हो, को सा र कहते ह। 1971 क जनगणना तक सात वष क थान पर चार
वष िनधा रत थे। 2011 क जनगणना क अनुसार िबहार क सा रता दर 63.82 ितशत ह, जबिक रा ीय औसत
74.04 ितशत ह। िबहार म पु ष सा रता दर 73.39 ितशत तथा मिहला सा रता दर 53.33 ितशत ह। िबहार
म सवािधक सा रता दर वाला िजला रोहतास (75.59 ितशत) ह, जबिक सबसे कम सा रता दर पूिणयाँ म
52.49 ितशत ह। रा य म ामीण सा रता दर 61.83 ितशत एवं नगरीय सा रता दर 78.75 ितशत ह। नीचे
क तािलका म अिधक सा रता एवं कम सा रता वाले िजल को दशाया गया ह—
अिधक एवं कम सा रता वाले िजले
िजला : रोहतास
अिधक सा रता : 75.59
िजला : पूिणया
कम सा रता : 52.49
िजला : मुंगेर
अिधक सा रता : 73.3
िजला : सीतामढ़ी
कम सा रता : 53.53
िजला : भोजपुर
अिधक सा रता : 72.79
िजला : किटहार
कम सा रता : 53.56
िजला : औरगाबाद
अिधक सा रता : 72.77
िजला : मधेपुरा
कम सा रता : 53.78
िजला : पटना
अिधक सा रता : 72.47
िजला : सहरसा
कम सा रता : 54.57
ोत : जनगणना, 2011
आयु संरचना
िबहार म 0 से 14 वष क आयु वग क ब क सं या का ितशत 13.24 ह। 2011 क जनगणना क अनुसार
6 वष से कम उ क ब क सं या 17.90 ितशत ह, जो रा ीय औसत 13.12 ितशत से अिधक ह। 0 से 6
वष क आयु वग क जनसं या म बालक का िह सा 17.74 ितशत एवं बािलका का िह सा 18.07 ितशत
ह। 0 से 6 वष क आयु वग म 2001 म िलंगानुपात 942 था, जो 2011 म घटकर 935 हो गया ह। इस वग ेणी
म सवािधक िलंगानुपात 971 िकशनगंज म, जबिक सबसे कम िलंगानुपात 904 वैशाली म ह। 0 से 6 आयु वग म
सवािधक जनसं या वाले िजले खगिड़या (21.33 ितशत), िकशनगंज और अर रया ह। इस आयु वग म बालक
क सवािधक सं या खगिड़या िजले म 20.63 ितशत तथा सबसे कम जनसं या पटना िजले म 15.63 ितशत ह।
बािलका क सवािधक सं या सुपौल िजले म 23.4 ितशत, जबिक सबसे कम जनसं या पटना िजले म 15.75
ितशत ह।
0 से 6 वष क आयु वग म ामीण जनसं या का ितशत 18.55, जबिक नगरीय जनसं या का ितशत 14.35
ितशत ह। इस आयु वग म सवािधक ामीण जनसं या वाला िजला खगिड़या ह, जबिक सवािधक नगरीय
जनसं या वाला िजला िशवहर ह।
अनुसूिचत जाित एवं जनजाित क जनसं या
िबहार म अनुसूिचत जाित क सं या 14.56 ितशत ह। सवािधक अनुसूिचत जाित क जनसं या वाला िजला
गया (29.6 ितशत) ह, जबिक सबसे कम जनसं या िकशनगंज म 6.6 ितशत ह। अनुसूिचत जनजाित म
िलंगानुपात 923 ह तथा सा रता दर 28.5 ितशत ह। अनुसूिचत जाित म सवािधक िलंगानुपात वाला िजला
सीवान, जबिक यूनतम िलंगानुपात वाला िजला भागलपुर ह। सा रता क ि से मुंगेर म सा रता दर सवािधक
42.6 ितशत ह, जबिक सबसे कम िशवहर म 16.9 ितशत ह।
2011 क जनगणना क अनुसार िबहार म अनुसूिचत जनजाित क जनसं या 0.9 ितशत ह। सवािधक
अनुसूिचत जनजाित वाला िजला किटहार 5.9 ितशत ह। जमुई म 4.8 ितशत, बाँका म 4.7 ितशत, पूिणया म
4.4 ितशत जनजाितयाँ िनवास करती ह। िशवहर, दरभंगा, खगिड़या, शेखपुरा एवं नालंदा िजले म अनुसूिचत
जनजाित नह पाई जाती ह। अनुसूिचत जनजाितय का िलंगानुपात रा य म 929 ह तथा सा रता दर 28.2 ितशत
ह। सवािधक िलंगानुपात वाला िजला गोपालगंज (1063) ह तथा सबसे कम िलंगानुपात वाला िजला पटना (726)
ह। सवािधक सा रता दर बेगूसराय म 78.6 ितशत ह, जबिक सबसे कम सा रता दर लखीसराय म 12.9
ितशत ह।
धािमक संरचना
िबहार म अनेक धािमक समूह पाए जाते ह, िजनम िहदू, मु लम, ईसाई, िसख, जैन और बौ मुख ह। िबहार
क कल जनसं या का 83.2 ितशत िहदू, 16.5 ितशत मु लम, 0.1 ितशत ईसाई जनसं या पाई जाती ह।
जनसं या संबंधी सम या एवं समाधान
2011 क जनगणना क अनुसार िबहार क कल जनसं या 104099452 ह, जो देश क कल जनसं या का
8.58 ितशत ह। जनसं या घन व 1106 ह, जो देश म सवािधक ह। वािषक वृ दर 2.57 ितशत और
दशक य वृ दर 25.07 ितशत ह। जनसं या म ती वृ दर का कारण मृ यु दर पर वा य सुिवधा एवं
खा ा उ पादन म वृ क कारण िनयं ण थािपत होना ह, जबिक ज म दर पर िनयं ण थािपत नह हो सका
ह। ज म दर और मृ यु दर म अंतर क कारण वृ दर ती ह। ती वृ दर एवं बढ़ती जनसं या क कारण
अनेक कार क सम याएँ उ प ई ह, जैसे—
भोजन क सम या,
कपोषण क सम या,
गरीबी एवं बेरोजगारी क सम या,
पयावरणीय पतन क सम या,
िन न जीवन तर,
ित य िन न आय,
िन न उ पादकता।
जनसं या नीित
भारत क साथ-साथ िबहार क िलए भी जनसं या वृ एक गंभीर सम या ह। जनसं या को िनयंि त करने क
िलए अनेक आयोग का गठन, काय म एवं नीितय को लागू िकया गया ह। 1948 ई. म प रवार िनयोजन
काय म को लागू िकया गया ह। 1978 ई. म रा ीय जनसं या आयोग का गठन िकया गया। 1984 ई. म
वािमनाथन सिमित का गठन िकया गया। उपरो नीितय एवं काय म ारा जनसं या को िनयंि त करने का
यास िकया गया। 1999 ई. म रा ीय जनसं या नीित क घोषणा क गई। इस नीित म िन निलिखत उ े य
िनधा रत िकए गए ह—
2045 ई. तक जनसं या को थरता दान करना ह।
वा य एवं प रवार क याण काय म क गुणव ा म सुधार लाना ह।
जनसं या िनयं ण संबंधी काय म म मिहला क अिधक से अिधक भागीदारी सुिन त करना ह।
रा ीय जनसं या नीित क आलोक म िबहार म जनसं या को िनयंि त करने क िलए अनेक काय िकए जा रह
ह, जैसे—2045 ई. तक जनसं या को थर करने क िलए कल जनन दर (TFR) को 2.1 क तर पर करना ह।
प रवार िनयोजन काय म उपाय , जैसे—बं याकरण, गभिनरोधक साधन क आपूित एवं उनका चार, आिथक
सहायता, ामीण वा य सेवा को अिधक भावशाली बनाना आिद पर िवशेष बल िदया गया ह।
जनसं या संबंधी मुख सूचकांक
संकतक—जनसं या
िबहार 2001—82,998,509
2011—10,40,99,452
भारत 2011—1,21,05,69,573
संकतक—पु ष
िबहार 2002—43,243,795
2011—5,42,71,857
भारत 2012—62,31,21,843
संकतक—मिहला
िबहार 2003—39,754,714
2011—4,98,21,295
भारत 2013—58,74,47,730
संकतक— ामीण
िबहार 2004—74,316,709
2011—9,23,41,436
भारत 2014—83,34,63,448
संकतक—नगरीय
िबहार 2005—8,681,800
2011—1,17,58,016
भारत 2015—37,71,06,125
संकतक—घन व
िबहार 2006—881
2011—1102
भारत 2016—382
संकतक—सा रता
िबहार 2007—47
2011—61.8
भारत 2017—74.04
संकतक—पु ष सा रता
िबहार 2008—59.68
2011—71.2
भारत 2018—82.14
संकतक—मिहला सा रता
िबहार 2009—33.12
2011—51.5
भारत 2019—65.46
संकतक—िलंगानुपात
िबहार 2010—919
2011—916
भारत 2020—940
संकतक—जनसं या (0-6 वष)
िबहार 2011—16,806,063
2011—1,91,33,964
भारत 2021—16,44,78,150
संकतक—िलंगानुपात (0-6 वष)
िबहार 2012—942
2011—933
भारत 2022—914
ोत : जनगणना िवभाग, भारत सरकार
सरकार का यास
ाचीन मह व क थल नालंदा महािवहार को यूने को क िव िवरासत सूची म शािमल िकया गया ह। कई
सं हालय का िनमाण रा य क पुराता वक मह व क चीज को दिशत करने क िलए िकया जा रहा ह। मुंगेर
सं हालय म आम य य क िलए चार दशकदीघा को खोला गया ह। भागलपुर म एक नए सं हालय का िनमाण
िकया जा रहा ह, जबिक पटना क सं हालय म तीन नई दीघा को दशक क िलए खोला गया ह। रा य सरकार ने
सं हालय पाक क अवधारणा क तहत जननायक कपूरी ठाकर मृित सं हालय पटना म तथा बोधगया थत
पुराता वक थल ताराडीह म पाक बनाने क योजना बनाई ह। इसी तरह नालंदा क राजगीर म िफ म उ ोग को
ो सािहत करने क िलए िफ म िसटी क थापना क ि या को आगे बढ़ाया जा रहा ह। पटना म बु मृित
पाक का िनमाण िकया गया ह तथा वैशाली म बु मृित तूप-सह-स यक दशन सं हालय क थापना क
वीकित दान क ह। इसक िलए 152.37 करोड़ पए वीकत िकए गए ह। रा य म लगभग 15 थल को
पुराता वक मह व क थल क प म िच त िकया गया ह, िजसम िन न थल शािमल ह—
थल : जमालु ीन चक
िजले का नाम : पटना
थल : अ धाना
िजले का नाम : नालंदा
थल : एकसारा
िजले का नाम : नालंदा
थल : प तान नवटोली
िजले का नाम : मधुबनी
थल : लो रकडीह
िजले का नाम : दरभंगा
थल : राज प रसर
िजले का नाम : दरभंगा
थल : राजनगर
िजले का नाम : मधुबनी
थल : भौरगगढ़ही
िजले का नाम : मधुबनी
थल : कालीमंिदर
िजले का नाम : गया
थल : उमगा
िजले का नाम : औरगाबाद
थल : चक
िजले का नाम : दरभंगा
थल : महशीया
िजले का नाम : सीतामढ़ी
रा य क मुख पयटन थल
नालंदा
िव क ाचीन ान क म से नालंदा राजधानी पटना से लगभग 90 िकलोमीटर क दूरी पर थत ह। यहाँ का
नालंदा िव िव ालय बौ िश ा का िव यात क था। इस िव िव ालय क थापना गु वंश क स ा
कमारगु ारा क गई थी। यह बौ धम का सबसे यात और दशनीय िवहार रहा ह। वतमान म चीन क
सहयोग से इसका जीण ार िकया जा रहा ह। सड़क, रल और वायुमाग से जुड़ इस ऐितहािसक पयटन थल को
देखने देश-िवदेश से लाख या ी िबहार आते ह।
बड़ी दरगाह, नालंदा
नालंदा िजले म थत पीर पहाड़ी पर हजरत मिलक और शेख मखदूमशाह शफदीन क बड़ी दरगाह ह। इसी क
साथ हजरत बद ीन क छोटी दरगाह और जामा म जद भी देश-िवदेश क ालु क आ था का क ह।
िबहारशरीफ
िबहारशरीफ वतमान समय म नालंदा िजले का मु यालय ह। यहाँ मखदूम साहब का दरगाह थत ह, जहाँ
ितवष उस (मेला) लगता ह। िबहारशरीफ म मिलक इ ाहीम बयाँ का मकबरा भी थत ह।
राजगीर (राजगृह)
राजगीर नालंदा िजले म थत ऐितहािसक थल ह। यह पाँच पहािड़य क बीच थत ह। मगध सा ा य क
हयक वंश क राजधानी क प म िबंिबसार एवं अजातश ु ने इसे थािपत िकया था। राजगृह से ही भारत क सबसे
ाचीन थाप य कला का माण िमलता ह। महा मा बु क मृ यु क बाद राजगृह क स पण गुफा म थम
बौ संगीित का आयोजन िकया गया था। राजगृह क र निग र पहाड़ी पर ही जापान सरकार ारा िव का
सबसे ऊचा िव शांित तूप का िनमाण करवाया गया ह। शांित तूप पर प चने क िलए र ु माग का िनमाण
िकया गया ह। राजगृह म जीिवका मण, सोन भंडार, आ वन, वेनुवन, मिनआर मठ, मखदूम साहब का जरा
एवं गरम जल क अनेक कड थत ह। वेनुवन को िबंिबसार ने महा मा बु को उपहार म िदया था। रा य पयटन
िवभाग ारा ितवष राजगीर महो सव का आयोजन िकया जाता ह।
मखदूम कड, राजगीर
राजगीर म मखदूम कड मुसलमान का अ यंत पिव धािमक थल ह। यहाँ संत मखदूम शाह शेख शफदीन का
िनवास थान ह। यहाँ गरम जल का कड ह, जो ाकितक झरने से बना ह। यहाँ क मखदूम कड म ान करने
और खुदा क इबादत करने देश-िवदेश से मुसलमान आते ह।
िव शांित तूप, राजगीर
स 1969 ई. म भारत और जापान क सहयोग से बु क िश ा क सार क िलए राजगीर म र नािग र
पवत िशखर पर भ य एवं िवशाल िव शांित तूप का िनमाण कराया गया ह। इस तूप क वािषको सव पर देश-
िवदेश से बौ ालु बडी सं या म आते ह और भगवान बु क िश ा को हण करते ह।
कड ाम वैशाली
भगवान महावीर का यह ज म थान जैन धमावलंिबय क पिव थान क प म जाना जाता ह। यह पिव थान
पटना से उ र लगभग 54 िकलामीटर दूर वैशाली िजले म थत ह।
पावापुरी, नालंदा
भगवान महावीर ने इसी थान पर 468 ई. पूव म िनवाण ा िकया था। महावीर क िनवाण थल पर एक
तालाब का िनमाण िकया गया ह, जो कमल क आकार का ह, िजसक बीच म जैन मारक बना आ ह। यह जल
मंिदर क नाम से िस ह। इसका ाचीन नाम अपपुरी था। यह थान पटना से लगभग 92 िकमी. नालंदा िजले
म थत ह।
गया
धािमक पयटन थल म गया का थान अ यंत मह वपूण ह। यहाँ िपतृप म भ य और िवशाल मेला लगता ह,
िजसम देश-िवदेश क िहदू तीथया ी अपने िपतर का तपण करने आते ह। ऌफ गु नदी क िकनार बसे इस यात
धम-पयटन क म िव णुपद मंिदर िहदु का पू य तीथ ह। इस मंिदर का नव-िनमाण इदौर क महारानी
अिह याबाई हो कर क ारा कराया गया ह। पौरािणक मा यता क अनुसार भगवान ीिव णु क पाँव क िनशान
यहाँ पर ह। यह मंिदर 30 मीटर ऊचा ह, िजसम 8 खंभे ह। इन खंभ पर चाँदी क परत चढ़ाई गई ह। मंिदर क
गभगृह म भगवान िव णु क 40 सटीमीटर लंबे पाँव क िनशान ह। गया क आस-पास और भी कई पयटन थल ह।
योिन पहाड़ी तथा रामिशला पहाड़ी पर चढ़कर शहर का सुंदर य देखने हजार या ी आते ह। मंगलागौरी
मंिदर भी िहदु का मुख श पीठ मंिदर ह। गया रल, सड़क और वायुमाग से जुड़ा आ ह।
चोवार का िशवमंिदर, गया
गया से लगभग 25 िकलोमीटर पूव टनक पा खंड म चोवार नामक थान पर भगवान िशव का एक िस
मंिदर ह। इस गाँव म खुदाई से ाचीन अ धातु क मूितयाँ एवं चाँदी क िस िमले ह।
योिन पहाड़ी
गया िजले म थत योिन पहाड़ी पर िवशाल बरगद क पेड़ क नीचे भगवान िशव का एक मंिदर थत ह,
िजस पर प चने क िलए 440 सीिढ़य को पार करना पड़ता ह। दंतकथा क अनुसार पहले फ गु नदी इसी पर
बहती थी, लेिकन देवी सीता क ाप क भाव से अब यह नदी पहाड़ी क नीचे से बहती ह। इसी पहाड़ी पर माँ
गौरी का एक मंिदर भी थत ह।
यहाँ िव म िस भारत का सबसे ऊचा िव शांित तूप (125 मीटर) पयटन का मुख क ह।
बोधगया
बोधगया म भगवान बु को सव ान क ा ई थी। गया से 12 िकलोमीटर दि ण म फ गु नदी
(िनरजना) क तट पर बसा बोधगया िव भर क बौ धमावलंिबय का मुख तीथ थल ह। यहाँ दशनीय
ित बती मठ ह, जहाँ बौ च िनरतर चलता रहता ह। यह पर ीलंका, जापान, थाईलड, चीन और बमा ारा
बनाए गए भ य मंिदर ह, जो िमि त वा तुकला का दशन कराते ह। बोधगया म ही महाबोिध मंिदर क बगल म
चबूतर क आकार का व ासन थत ह, िजस पर बैठकर भगवान बु ने अंतरसाधना क थी। िबहार म यहाँ
सबसे अिधक िवदेशी पयटक आते ह।
महाबोिध मंिदर, बोधगया
यह िस मंिदर गया शहर से 14 िकलामीटर दूर बोधगया म थत ह। इस थान पर तीसरी सदी पूव स ा
अशोक ने तूप का िनमाण करवाया था, िजसे बाद म कषाण शासक िव क ने भ य एवं िवशाल मंिदर का प
िदया। इस मंिदर म बु क एक ब त बड़ी मूित थािपत ह। यह मूित प ासन क मु ा म ह।
बोिधवृ , बोधगया
महाबोिध मंिदर क प रसर म एक िवशाल पीपल का वृ ह, जो मंिदर क िपछले िह से म थत ह। कहा जाता
ह बु को इसी वृ क नीचे ान ा आ था। वतमान म जो बोिधवृ ह वह उस बोिधवृ क पाँचव पीढ़ी ह।
मौय शासक अशोक क रानी ित यरि ता एवं शैव उपासक गौड़ का शासक शशांक ारा महाबोिध वृ को न
कर िदया गया था, जो आज भी पण-प िवत ह।
सूय मंिदर, औरगाबाद
औरगाबाद शहर क समीप 500 वष पुराना यह मंिदर वा तुशैली क िलए िस ह। 100 फ ट ऊचा यह मंिदर
अ य सूय मंिदर क अपे ा प मो मुखी ह। इस मंिदर का िनमाण उमगा क चं वंशी राजा भैरव िसंह ने कराया
था। छठ पव पर ालु भगवान को अ य देने दूर-दूर से आते ह।
वैशाली
ाचीन काल से राजनीित का क रहा वैशाली का इितहास वैभवपूण रहा ह। वैशाली का कड ाम भगवान
महावीर क ज म थली होने क कारण अ यंत िस धािमक थल ह। यही वैशाली ढाई हजार वष पूव िव क
थम गणतं क नगरी बनी थी। िल छवी शासक ने यहाँ गणतं क थापना क थी। महा स ा अशोक ने यहाँ
िसंह- तंभ क थापना क थी। यहाँ िव म िस भारत का सबसे ऊचा िव शांित तूप (125 मीटर) पयटन
का मुख क ह। ाचीन तालाब , बावन पोखर मंिदर, बौ तूप, ह र कटोरा मंिदर, अशोक क लाट और
भगवान बु क अनेक वचन थल से वैशाली का पयटन मह व बढ़ जाता ह।
चौमुखी महादेव मंिदर, वैशाली
पटना से 54 िकलोमीटर दूर यह मंिदर वैशाली िजले म थत ह। यहाँ एक ाचीन िशविलंग थािपत ह। इस
मंिदर क चार ओर दरवाजे ह, इसिलए इसे चौमुखी महादेव मंिदर कहा जाता ह।
ह रहर े मंिदर, सोनपुर, सारण
गंडक नदी तट पर थत पटना शहर से उ र म लगभग 36 िकलोमीटर दूर यह मंिदर अ यंत ाचीन ह।
पौरािणक मा यता क अनुसार पीिड़त गज क पुकार सुनकर भगवान िव णु ने ाह का िसर च से काट िदया
था। यहाँ हजार क सं या म ालु आते ह। काितक माह का िस सोनपुर का मेला इसी े म लगता ह।
नेपाली मंिदर, हाजीपुर
गंगा और गंडक निदय क पिव संगम थल पर थत यह मंिदर कला क ि से उ क नमूना ह। इसक
का तंभ क छटा देखते ही बनती ह, िजनम अनेक देवता क आकितयाँ उ क ण ह।
चेचर
ते पुर, कोिट ाम, कशप व, िवशालानगरी आिद नाम भी चेचर का रहा ह। यह हाजीपुर से 14 िकलोमीटर
क दूरी पर थत पाषाणकालीन थल ह। इसक खोज 1978 ई. म डॉ. योग िम ने क थी।
पटना
पटना, जो ाचीन काल म पाटिलपु , पु पपुर, म यकाल म अजीमाबाद आिद नाम से िस रहा ह, वतमान
समय म िबहार रा य क राजधानी ह। पाटिलपु क थापना पाटली नामक ाम म हयक वंश क शासक
अजातश ु क पु उदयन ारा क गई थी। यूनानी या ी मेगा थनीज ने अपनी पु तक ‘इिडका’ म पाटिलपु को
पोिलबो ा कहा ह। म यकाल क अफगान शासक शेरशाह सूरी ने पाटिलपु का नामकरण पटना िकया। पटना
सािहब म दसव एवं अंितम िसख गु गोिवंद िसंह का ज म 1666 ई. म आ था, जहाँ वतमान म ीहर मंिदर
सािहब गु ारा थािपत ह। पटना क अ य ऐितहािसक एवं दशनीय थल म ाचीन पाटिलपु क अवशेष
क हरार म थत ह। क हरार से मौयकालीन राज ासाद क अवशेष िमले ह। इस राज ासाद का िनमाण उ र देश
क चुनार े से मँगाए गए लाल बलुआ प थर से आ था। इसम लकड़ी क 80 खंभे बने ए थे। क हरार से 3
िकलोमीटर प म म मौयकाल म िनिमत अगमकआँ ह, िजसक बार म कहा जाता ह िक अशोक ने शासक बनने
से पूव अपने 99 भाइय क ह या कर उ ह कएँ म डाल िदया था। इसी थान पर शीतला देवी का मंिदर ह। पटना
थत धवलपुरा म शेरशाह ारा िनिमत म जद, शैफ खान ारा िनिमत म जद और मदरसे क अवशेष ा ए
ह। पटना िसटी म पादरी क हवेली थत ह। यह रोमन कथोिलक कला का माण ह, िजसका िनमाण 1751 ई. म
कपुिचन फादस ारा करवाया गया था।
अशोक राजपथ पर खुदाब श लाइ ेरी थत ह। यह राजपूत और मुगलकालीन थाप य कला का उदाहरण ह।
पु तकालय म मु य भवन क अित र एक कजन वाचनालय ह। इस पु तकालय क थापना 1891 ई. म
खुदाब श ारा क गई थी। अशोक राजपथ पर ही प थर क म जद थत ह, िजसका िनमाण 1621 ई. म
जहाँगीर क पु परवेज शाह ारा करवाया गया था। यहाँ अरबी, फारसी, उदू एवं अ य भाषा से संबंिधत
पांडिलिप, पु तक, म यकालीन िच कला एवं करानशरीफ क ित सुरि त ह। पटना म ही सिचवालय प रसर म
शहीद मारक थत ह, िजसम 1942 ई. क ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ म शहीद ए 7 ांितका रय का मारक बना
आ ह। पटना सं हालय क थापना 1917 ई. म क गई। यह मुगल एवं राजपूत थाप य कला का उदाहरण ह।
इसम िस यि णी क मूित एवं अनेक पालकालीन अ धातु क मूितयाँ संगृहीत ह।
पटना क ऐितहािसक गांधी मैदान क पास गोलघर थत ह, िजसका िनमाण अ भंडार क प म वारन ह ट ज
क समय म 1786 ई. म क टन जॉन गा टन ारा करवाया गया था। यह गोलघर 125 मीटर क प रिध म 29
मीटर ऊचा बना आ ह। पटना म थत अ य दशनीय थल म गांधी मैदान म िनिमत महा मा गांधी क 40 फ ट
क कां य क ितमा, संजय गांधी उ ान, पीर अली पाक, पटनदेवी मंिदर, क ी दरगाह, काली मंिदर, बु मृित
पाक, इको पाक, तारामंडल, ीक ण िव ान क , छ ूबाग कोठी, कारिगल चौक, कमलदह आिद मुख ह।
अशोक राजपथ पर गंगा क तट पर थत पटना कॉलेज क थापना 1853 ई. म क गई थी। इस भवन का
िनमाण डच ई ट इिडया कपनी ारा गोदाम क प म िकया गया था। यह िबहार का ाचीनतम और भारत का
5वाँ सबसे पुराना कॉलेज ह।
पटना िजले म पटना से 30 िकलोमीटर क दूरी पर थत मनेर िफरदौसी सूफ िसलिसला से संबंिधत थल ह।
यहाँ सूफ संत पीर हजरत शफ ीन शाह मखदूम यािहया मनेरी क दरगाह थत ह। इनका मकबरा बड़ी दरगाह
क नाम से िस ह। इनक मकबर क िनकट ही शाह दौलत का भी मकबरा िनिमत ह, जो छोटी दरगाह क नाम
से जाना जाता ह। शाह दौलत यािहया मनेरी क िश य थे।
पटना म रामभ हनुमान क दो ाचीन मंिदर ह। पटना जं शन से सट एक ाचीन मंिदर का पुनिनमाण दशक
पूव आ ह। यहाँ हजार हनुमान भ ितिदन पूजा-अचना करने आते ह। दूसरा मंिदर पटना सािहब रलवे टशन
क नजदीक बेगमपुर क ‘जला’ े म थत ह। यह मंिदर 16व शता दी म िनिमत आ ह, िजसे ‘ज े का
महावीर मंिदर’ क नाम से िस िमली। शीतला माता मंिदर, गुलजारबाग टशन क पास ाचीन कआँ क पीछ
थत ह। नवरा क िदन म यहाँ पर हजार क सं या म ालु शीतला माँ क पूजा-अचना करने आते ह।
पटना क ऐितहािसक गांधी मैदान क पास गोलघर थत ह, िजसका िनमाण अ भंडार क प म वारन
ह ट ज क समय म 1786 ई. म क टन जॉन गा टन ारा करवाया गया था।
चैत य महा भु मंिदर पटना िसटी म गायघाट े म थत ह। यह मंिदर लगभग 400 वष पुराना ह। यहाँ पर
भ पूजा करने क साथ-साथ दुलभ सािह यक ंथ, कितयाँ, पांडिलिपयाँ एवं असं य ऐितहािसक मह व क िच
से प रिचत होते ह। पटना िसटी म अशोक राजपथ से सटा म छरह ा गली म माँ दुगा का एक ाचीन मंिदर
अ पूणा मंिदर क नाम से िस ह।
काली थान मंिदर माता काली को समिपत ह, जो चौक े क मंगल तालाब क िनकट पटना म थत ह। यह
मंिदर अ यंत ाचीन ह।
बड़ी पटनदेवी मंिदर, पटना
51 श पीठ म से एक माँ दुगा का िस मंिदर पटना िसटी म महाराजगंज े म थत ह। यहाँ पर साल
भर ालु अपने ा सुमन अिपत करने क िलए आते रहते ह।
छोटी पटनदेवी मंिदर, पटना
माता भगवती दुगा को समिपत यह मंिदर पटना िसटी का अ यंत ाचीन मंिदर ह। यहाँ बड़ी सं या म
ालुजन पूजा-अचना करते ह।
िशव मंिदर, बैकठपुर
भगवान िशव को समिपत यह ाचीन मंिदर बैकठपुर (पटना) म गंगा तट पर थत ह। इस मंिदर का िनमाण
राजा मान िसंह ारा कराया गया था। िशवराि क िदन यहाँ िवशाल मेला आयोिजत होता ह।
िबड़ला मंिदर, पटना
भारत क िति त राजबलदेव दास जी िबड़ला ारा िनमाण िकया आ यह मंिदर पटना क गांधी मैदान से
लगभग एक िकलोमीटर दूरी पर स जीबाग े म थत ह। इसका िनमाण 1942 ई. म िकया गया।
प थर क म जद, पटना
पटना क सु तानगंज े म इस म जद का िनमाण मुगल स ा जहाँगीर क पु शहजादा परवेज ने कराया था।
इसे ‘संगी म जद’ भी कहा जाता ह। मुगल वा तुकला का यह एक उ क नमूना ह। पटना म ही हाजीगंज े म
शेरशाह सूरी क शासन काल म बनी एक म जद ह, िजसम हजरत मुह मद शहशाह सूफ क क ह।
उमानाथ का मंिदर
पटना िजले क बाढ़ म थत भगवान िशव का आठ सौ साल पुराना एक िस मंिदर ह, जो उमानाथ क नाम
से िस ह।
खानकाह, फलवारीशरीफ
13व शता दी म हजरत मखदूमशाह ारा थािपत यह थान इ लाम धम का एक मह वपूण क रहा ह।
यहाँ पैगंबर मुह मद क याद म उस शरीफ रबीउल-अ वल क महीने म मनाया जाता ह, िजसका आयोजन तीन
िदन तक होता ह। देश-िवदेश से इ लाम धम क अनुयायी यहाँ आते ह और पैगंबर मुह मद क पिव बाल का
दशन करते ह।
इमामबाड़ा, पटना िसटी
बुलंदीबाग क िनकट िनिमत इमामबाड़ा मु लम धमानुयाियय का पिव थल ह। इसक अलावा गुनसर झील क
पास शाह अरजानी का भ य मकबरा भी ह।
त त ी हरिमंदर सािहब, पटना
त त ी हरिमंदर सािहब, पटना शहर म थत िसख आ था से जुड़ा एक ऐितहािसक दशनीय थल ह। यह
िसख क दसव गु गोिवंद िसंह का ज म थल ह। गु गोिवंद िसंह का ज म 26 िदसंबर, 1666 को आ था। यहाँ
गु गोिवंद िसंहजी से संबंिधत बचपन का पगुरा, लोह क चार तीर, तलवार, पादुका एवं अनेक व तुएँ सुरि त रखी
गई ह। यह थान िसख धमावलंिबय क िलए आ था का क ह। गु गोिवंद िसंह क ज मिदवस पर ितवष पटना
सािहब म काश पव मनाया जाता ह।
गु ारा गायघाट, पटना
यह थान पटना जं शन से 8 िकलोमीटर क दूरी पर थत ह। गायघाट क आलमगंज मुह े म थत यह
िसख का िस तीथ ह। इस थान पर स 1509 ई. म गु नानकजी ठहर थे। स 1666 ई. म िसख क गु
तेगबहादुर भी प रवार सिहत यहाँ ठहर थे।
गु ारा हाँ ी सािहब, दानापुर
दानापुर म थत यह गु ारा भ यता और धािमकता का अ ुत संगम ह। गु गोिवंद िसंह पटना से पंजाब जाने
क दौरान यहाँ पर कछ समय क िलए ठहर थे।
गु का बाग, पटना
यह पटना क हरिमंदर सािहब से 3 िकलोमीटर दूर पूव िदशा म पटना-फतुहा माग पर थत ह। यहाँ गु
तेगबहादुर बंगाल से लौटते समय अपने पु गोिवंद िसंह से िमले थे।
गु ारा गोिवंद घाट, पटना िसटी
इस थान का संबंध गु गोिवंद िसंहजी से रहा ह। यह हरिमंदर सािहब से लगभग 200 मीटर हटकर गंगा नदी क
िकनार थत ह।
कमलदह, पटना
यहाँ जैन धम का ाचीन और िस मंिदर ह, जो गुलजारबाग रलवे टशन क िनकट कमलदह नामक थान
पर थत ह, जहाँ जैन धमावलंिबय क भीड़ देखते ही बनती ह।
सट जोसेफ चच, बाँक पुर
यह चच अपनी उ क कलाकितय क िलए िस ह, जो बाँक पुर, पटना म थत ह। ि समस क अवसर
पर यहाँ इसाई धमावलंिबय क भीड़ का उ साह देखते ही बनता ह।
भागलपुर
िबहार क िस क नगरी क नाम से िस भागलपुर तसर रशम क िलए िस ह। ाचीन िव मिशला
िव िव ालय भागलपुर िजले म ही थत था, िजसका पुनिनमाण करवाया जा रहा ह। ाचीन अंग महाजनपद क
राजधानी भागलपुर म ही थी। यहाँ गंगा नदी क िकनार सु तानगंज म अजगैबीनाथ का मंिदर थत ह।
मंदारिग र, भागलपुर
माता भगवती दुगा क ितमा ेनाइट च ान से िनिमत ह, जो मंदारिग र, भागलपुर म थत ह। यह मंिदर
लगभग 800 फ ट क ऊचाई पर थत ह। इस पवत का पौरािणक मह व ह तथा ऐसी मा यता ह िक समु मंथन
क समय मंदारिग र पवत का इ तेमाल िकया गया था।
अजगैबीनाथ का मंिदर
भगवान िशव का यह ाचीन मंिदर सु तानगंज म गंगा नदी क तट पर थत ह। सावन माह म बड़ी सं या म
लोग यहाँ पूजा-अचना करने आते ह।
चंपा
ाचीन अंग महाजनपद क राजधानी चंपा बु कालीन 6 बड़ नगर म शािमल थी। इसका िनमाण महागोिवंद ने
करवाया था। इस नगर का नाम चंपा पृथुला क पु चंप क नाम पर पड़ा ह। महाजातक कथा क अनुसार
महा मा बु कई बार चंपा आए थे। चीनी या ी फािहयान तथा ेनसांग ने भी चंपा क या ा क थी।
मुंगेर
गंगा नदी क तट पर थत मुंगेर ाचीन समय म अंग महाजनपद का क था। आधुिनक युग क ारभ म बंगाल
क नवाब मीर कािसम ने राजधानी क प म इसे िवकिसत िकया था।
िबहार योगा भारती, गंगा दशन िव योगपीठ प रसर मुंगेर म थत ह। यह थान पहले कण चौरा क
नाम से जाना जाता था। यहाँ गु कल णाली पर आधा रत योग क िश ा दान क जाती ह।
िबहार योगा भारती, गंगा दशन िव योगपीठ प रसर मुंगेर म थत ह। यह थान पहले कण चौरा क नाम से
जाना जाता था। यहाँ गु कल णाली पर आधा रत योग क िश ा दान क जाती ह। इस तरह क योग सं था क
थापना सव थम वामी िशवानंद सर वती ने ऋिषकश योगा वेदांता फॉर ट अकादमी क नाम से क थी। इ ह से
े रत होकर 1963 ई. म मुंगेर म वामी स यानंद सर वती ने िबहार कल ऑफ योगा क थापना क । बाद म
1994 ई. म िनरजनानंद सर वती ने िबहार योगा भारती क थापना गंगादशन िव योगपीठ क प रसर म क ।
चंिडका देवी मंिदर, मुंगेर
मुंगेर िजले म गंगा तट पर थत माँ चंिडका देवी का मंिदर एक िस श पीठ ह। इस थल पर माँ सती क
दाई आँख िगरी थी। यहाँ मु य मंिदर म सोने क गढ़ी आँख थािपत ह।
ंग ऋिष
रामायणकालीन ंग मुिन क नाम पर थत मुंगेर िजले से 32 िकलोमीटर दि ण-प म म थत पहाड़ ह, जहाँ
िशवराि क िदन मेला लगता ह। ि िटश गवनर ाइव क िखलाफ 1766 ई. म अं ेज सैिनक ने इसी े म
िव ोह िकया था, िजसे ेत िव ोह (White Mutiny) कहते ह।
भुलनी धाम, रोहतास
यह मंिदर रोहतास िजले क िव मगंज क िनकट भुलनी नामक गाँव म थत ह। यह माता पावती क ाचीन
मंिदर क िनकट ह, जहाँ ितवष अ ैल एवं अ ूबर माह म बड़ा भ य तथा िवशाल मेला लगता ह।
गु धाम, रोहतास
रोहतास म थत इस मंिदर म ाकितक प से बना आ एक िशविलंग ह, िजसक पूजा गु े र नाथ क प
म क जाती ह। बसंत पंचमी और िशवराि क िदन यहाँ िवशाल एवं भ य मेले का आयोजन िकया जाता ह।
माँ ताराचंडी
सासाराम से 6 िकलोमीटर क दूरी पर कमूर पहाड़ी क गुफा म ताराचंडी माँ का मंिदर ह। यह भी माँ दुगा क
51 श पीठ म से एक ह।
सासाराम
सासाराम िस अफगान शासक शेरशाह सूरी एवं उसक िपता हसन खान सूरी क मकबर क िलए िस ह।
यह मकबरा एक तालाब क म य अ कोणीय शैली (अफगान शैली) का सव े उदाहरण ह।
मुंड री मंिदर, कमूर
कमूर िजले म भभुआ क समीप भगवान खंड म एक पहाड़ी पर माता मुंड री देवी का अित ाचीन मंिदर ह।
इस मंिदर म भगवान िशव क पूजा-अचना क जाती ह।
िग रजा थान, मधुबनी
यह ाचीन मंिदर मधुबनी िजले म फलुहर नामक थान पर थत ह। यहाँ कवारी क याएँ माता पावती से अ छा
वर माँगने क िलए पूजा करने आती ह।
सोमनाथ मंिदर
मधुबनी िजले म थत इस मंिदर म हर वष एक बड़ा मेला लगता ह। यहाँ पर मैिथल ा ण क िववाह संबंधी
काय होते ह।
िछ म तका मंिदर, उ ैठ
मधुबनी िजले म उ ठै नामक थान पर माँ दुगा का िस एवं ाचीन मंिदर ह। इस मंिदर म महाकिव
कािलदास माँ काली क पूजा-अचना करते थे।
राम-जानक मंिदर, सीतामढ़ी
पुरानी कथा क अनुसार िबहार क इसी धरती पर िमिथला नरश जनक को ऋिष-मुिनय ने हले ी य कर
अपने हाथ से हल चलाने का परामश िदया। हल चलाने पर हल क िसराउर से फट ए घड़ से एक बािलका पी
रनक ा ई। हल क िसराउर से उ प होने क कारण बािलका का नाम सीता पड़ा। भूिम पु ी सीता क नाम
पर सीतामढ़ी िजले का नामकरण आ। कालांतर म यहाँ पर राम-जानक का भ य मंिदर थािपत िकया गया। आज
यह मंिदर सैकड़ राम भ क आ था का मुख क ह।
अिहरौली मंिदर, ब सर
ब सर िजले म िजला मु यालय से 5 िकलोमीटर उ र-पूव यह मंिदर थत ह। इसका नामकरण गौतम ऋिष क
प नी अह या पर िकया गया ह। यहाँ ितवष मकर-सं ांित क िदन िखचड़ी मेले का आयोजन िकया जाता ह।
ब सर
ब सर िबहार और उ र देश क सीमा पर थत ह। यह े कई ऐितहािसक यु का थल रहा ह। यहाँ से
पाषाणकाल क उपकरण िमले ह। ब सर िजले म ही थत चौसा क िनकट 1539 ई. म यु म शेरशाह ने मायूँ
को परािजत िकया था। 1764 ई. म मीर कािसम और ई ट इिडया कपनी क बीच ब सर का यु आ था।
उ तारा मंिदर, सहरसा
सहरसा शहर से 16 िकलोमीटर दूर प म म मिहषी नामक थान पर ाचीन उ तारा मंिदर थत ह। ऐसा माना
जाता ह िक इसी थान पर 8व शता दी म आिदशंकराचाय ने कांड िव ा मंडन िम को शा ाथ म परािजत
िकया था। इसक बाद मंडन िम क दूसरी प नी भारती देवी ने शंकराचाय को परा त िकया। इसी थान पर
िस तारा पीठ ह, जहाँ सती का वाम ने िगरा था।
किपले र थान
सुपौल िजला म कोसी नदी क एक शाखा खेरदहरा क िकनार ब आरी एवं जगतपुर गाँव क बीच यह एक
टीला पर थत थान ह, जहाँ िशव मंिदर थत ह।
िसंह र थान, मधेपुरा
ऐसी मा यता ह िक यह िशव मंिदर ंगी ऋिष ारा थािपत िकया गया था, जो मधेपुरा से 8 िकलोमीटर उ र
िदशा म थत ह। यह करीब दो सौ वष पुराना मंिदर ह।
अरराज का िशव मंिदर, मोितहारी
भगवान िशव को समिपत यह ाचीन मंिदर मोितहारी िजला मु यालय क दि ण-प मी भाग म थत ह। यहाँ
सावन माह म बड़ी सं या म ालु भगवान क दशन क िलए आते ह।
कस रया
कस रया पूव चंपारण म थत ह। यहाँ से खुदाई म भगवान बु का तूप िमला ह। कस रया म थािपत बौ
तूप क ऊचाई 1042 फ ट ह। इसे राजा बेन का देवरा भी कहा जाता ह। इस थल क या ा चीनी या ी फािहयान
ने क थी।
रामपुरवा
प मी चंपारण म थत रामपुरवा से अशोककालीन तंभ लेख िमला ह, िजसक शीष पर िसंह और वृष क
आकितयाँ बनी ई ह। इस थान क खोज सव थम ाइल ने 1899 ई. म क थी।
थावे, गोपालगंज
थावे नामक गाँव क िनकट एक ाचीन मंिदर ह, जो माता दुगा को समिपत ह। इसक एक िस पीठ क प म
भी मा यता ा ह। चै माह म यहाँ बड़ा मेला लगता ह, िजसम लोग बड़ी सं या म भाग लेते ह।
अंिबका मंिदर, आमी
छपरा िजले म आमी नामक थान पर माँ अंिबका भवानी का एक भ य एवं ाचीन मंिदर अव थत ह। ऐसी
मा यता ह िक सती क आ मदाह क बाद जब भगवान िव णु ने अपने च से सती क अंग को काटा था तो एक
अंग यहाँ भी िगरा था। अतः इसे श पीठ कहा जाता ह।
कशे र थान, सम तीपुर
भगवान िशव का एक ब त पुराना एवं भ य मंिदर कशे र थान, सम तीपुर म थत ह। िशवराि क िदन यहाँ
पर भ य मेला लगता ह।
अह या थान, दरभंगा
दरभंगा िजला सदर अनुमंडल क अंतगत अिहयारी गाँव अह या थान क नाम से िव यात ह। कहा जाता ह िक
ऋिष िव ािम क आ ा से इसी थान पर राम ने अह या का उ ार िकया था। यहाँ पर एक ऐितहािसक मंिदर
थत ह। इस थान पर ितवष दो बार बृहत मेला लगता ह।
देकलु धाम, दरभंगा
दरभंगा िजले क िबरोल खंड म थत भगवान िशव का िवशाल मंिदर ह। यहाँ ितवष िशवराि क अवसर पर
एक भ य मेला लगता ह।
कोट र नाथ का िशवमंिदर, जहानाबाद
यह अित ाचीन िशव मंिदर मोरहर नदी क िकनार मेन गाँव म थत ह। यहाँ िशवराि म ब त बड़ा मेला
लगता ह।
चामुंडा मंिदर, नवादा
नवादा-रोह-कौआकोल माग पर पो गाँव म थत चामुंडा मंिदर िस श पीठ ह। मा यता ह िक देवी सती
का िसर यह कटकर िगरा था। ‘माक डय पुराण’ क अनुसार चंड-मुंड क वध क बाद ही देवी दुगा चामुंडा क
नाम से िस ई।
धीमे र थान, पूिणया
पूिणया से प म बनमनखी खंड क धीमे र थान म िछ म तका देवी का एक ाचीन मंिदर थत ह। ऐसी
मा यता ह िक यहाँ माता सती का दय िगरा था।
नवलखा मंिदर, बेगूसराय
बेगूसराय थत िव णुपुर म रामजानक ठाकरवाड़ी क नाम से िस यह मंिदर 1953 ई. म महत महावीर
दासजी क ारा बनाया गया था। इस मंिदर क िनमाण म लगभग दस वष का समय लगा और नौ लाख पए का
खच आया, इसिलए इसका नाम नवलखा मंिदर पड़ गया।
भारतीय पुरात व सव ण क ारा िबहार म सुरि त घोिषत मारक
.:1
सुरि त मारक : पातालपुरी गुफा
ाम/ थल : पथरघ ा पहाड़ी
िजला : भागलपुर
.:2
सुरि त मारक : िशलामूित समूह
ाम/ थल : पथरघ ा पहाड़ी
िजला : भागलपुर
.:3
सुरि त मारक : िव मिशला महािवहार क अवशेष
ाम/ थल : अंितचक, ओ रयप
िजला : भागलपुर
.:4
सुरि त मारक : िशला मंिदर
ाम/ थल : कहलगाँव, िव मिशला महािवहार से सटा
िजला : भागलपुर
.:5
सुरि त मारक : अशोककालीन तर तंभ
ाम/ थल : लौ रया अरराज
िजला : पूव चंपारण
.:6
सुरि त मारक : अशोककालीन िसंह शीषयु तर तंभ
ाम/ थल : लौ रया नंदनगढ़
िजला : प मी चंपारण
.:7
सुरि त मारक : अशोककालीन दो तर तंभ क अवशेष
ाम/ थल : रामपुरवा
िजला : प मी चंपारण
.:8
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान थल पर का टीला
ाम/ थल : मरिहया
िजला : प मी चंपारण
.:9
सुरि त मारक : बौ तूप
ाम/ थल : ताजपुर (कस रया)
िजला : पूव चंपारण
. : 10
सुरि त मारक : िकले क अवशेष, तालाब और अवशेष
ाम/ थल : सागरडीह
िजला : पूव चंपारण
. : 11
सुरि त मारक : िकले क अवशेष
ाम/ थल : चान क गढ़
िजला : प मी चंपारण
. : 12
सुरि त मारक : िकले क अवशेष एवं तूप
ाम/ थल : मरिहया
िजला : प मी चंपारण
. : 13
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान टीला
ाम/ थल : लौ रया नंदनगढ़
िजला : प मी चंपारण
. : 14
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान टीला
ाम/ थल : पकरी
िजला : प मी चंपारण
. : 15
सुरि त मारक : ाचीन गढ़ अथवा िकले का अवशेष
ाम/ थल : बिलराजगढ़
िजला : मधुबनी
. : 16
सुरि त मारक : शोभानाथ पहाड़ी का ाचीन टीला
ाम/ थल : हसरा, जगदीशपुर
िजला : गया
. : 17
सुरि त मारक : ाचीन बौ मूित समूह
ाम/ थल : घेजन
िजला : जहानाबाद
. : 18
सुरि त मारक : ाचीन बौ एवं अ य मूितय का समूह
ाम/ थल : गुनेरी गाँव
िजला : गया
. : 19
सुरि त मारक : स गुफा समूह
ाम/ थल : बराबर-नागाजुनी पहाड़ी
िजला : जहानाबाद
. : 20
सुरि त मारक : शमशेर खाँ क मजार
ाम/ थल : शमशेर नगर
िजला : औरगाबाद
. : 21
सुरि त मारक : ाचीन गढ़
ाम/ थल : किकहार
िजला : गया
. : 22
सुरि त मारक : राजा िवशाल का गढ़
ाम/ थल : बसाढ़
िजला : वैशाली
. : 23
सुरि त मारक : जामा म जद
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : वैशाली
. : 24
सुरि त मारक : पुराता वक थल
ाम/ थल : क हरार
िजला : पटना
. : 25
सुरि त मारक : पुराता वक थल
ाम/ थल : बुलंदीबाग
िजला : पटना
. : 26
सुरि त मारक : उ खिनत पुराता वक थल ( तूप सिहत)
ाम/ थल : हरपुर बसंत
िजला : वैशाली
. : 27
सुरि त मारक : छोटी पहाड़ी का टीला
ाम/ थल : छोटी पहाड़ी
िजला : पटना
. : 28
सुरि त मारक : पाँच टीले का समूह
ाम/ थल : पहाड़ीडीह
िजला : पटना
. : 29
सुरि त मारक : मूितय का समूह
ाम/ थल : दितयाना
िजला : पटना
. : 30
सुरि त मारक : िकले क दीवार
ाम/ थल : राजगृह
िजला : नालंदा
. : 31
सुरि त मारक : राजगृह क सभी पुराता वक थल मारक एवं मूितयाँ
ाम/ थल : राजगृह
िजला : नालंदा
. : 32
सुरि त मारक : उ खिनत अवशेष
ाम/ थल : नालंदा गाँव
िजला : नालंदा
. : 33
सुरि त मारक : मिलक इ ाहीम बयाँ का मजार
ाम/ थल : िबहारशरीफ
िजला : नालंदा
. : 34
सुरि त मारक : बु मूित
ाम/ थल : जगदीशपुर
िजला : नालंदा
. : 35
सुरि त मारक : मखदूम शाह दौलत मनेरी एवं इ ाहीम खान क मजार
ाम/ थल : मनेर
िजला : पटना
. : 36
सुरि त मारक : ाचीन लकड़ी क बनी मौयकालीन दीवार क अवशेष
ाम/ थल : संदलपुर
िजला : पटना
. : 37
सुरि त मारक : मीर अशरफ िनिमत जु मा म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
. : 38
सुरि त मारक : ाचीन अवशेष
ाम/ थल : घोर कटोरा
िजला : नालंदा
. : 39
सुरि त मारक : ाचीन तालाब
ाम/ थल : मनेर
िजला : पटना
. : 40
सुरि त मारक : ाचीन नगर, ाचीन भ नावशेष एवं अ य सभी ाचीन थल
ाम/ थल : माँझी
िजला : सारण
. : 41
सुरि त मारक : हसन शाह क मजार
ाम/ थल : सासाराम नगर
िजला : रोहतास
. : 42
सुरि त मारक : शेरशाह सूरी क मजार
ाम/ थल : सासाराम नगर
िजला : रोहतास
. : 43
सुरि त मारक : अशोक का िशलालेख
ाम/ थल : आिशकपुर चंदन पीर पहाड़ी
िजला : रोहतास
. : 44
सुरि त मारक : ाचीन गढ़
ाम/ थल : रोहतास पहाड़ी
िजला : रोहतास
. : 45
सुरि त मारक : ब तयार खाँ क मजार
ाम/ थल : मिलक सराय (चैनपुर)
िजला : भभुआ
. : 46
सुरि त मारक : मुंड री का ाचीन मंिदर
ाम/ थल : पवरा (रामगढ़)
िजला : भभुआ
. : 47
सुरि त मारक : अशोक तंभ और तूप
ाम/ थल : को आ
िजला : मुज फरपुर
. : 48
सुरि त मारक : िशव मंिदर
ाम/ थल : क च
िजला : गया
. : 49
सुरि त मारक : एका म तंभ
ाम/ थल : लाट
िजला : जहानाबाद
. : 50
सुरि त मारक : नागरी िलिप म िलखा िशला-अिभलेख
ाम/ थल : सासाराम नगर क ताराचंडी मंिदर क िनकट
िजला : रोहतास
. : 51
सुरि त मारक : ाचीन टीला
ाम/ थल : ब सर नगर
िजला : ब सर
. : 52
सुरि त मारक : ाचीन भ नावशेष एवं मूितयाँ
ाम/ थल : िखजरसराय क िनकट कौआडोल
िजला : जहानाबाद
. : 53
सुरि त मारक : डॉ. राज साद का पैतृक घर
ाम/ थल : जीरादेई
िजला : सीवान
पुरात व िनदेशालय, िबहार सरकार ार सुरि त घोिषत मारक
.:1
सुरि त मारक : गोलघर
ाम/ थल : पटना
िजला : पटना
.:2
सुरि त मारक : अगमकआँ
ाम/ थल : गुलजारबाग
िजला : पटना
.:3
सुरि त मारक : बेगू हजाम क म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:4
सुरि त मारक : जैन मंिदर
ाम/ थल : कमलदह, गुलजारबाग
िजला : पटना
.:5
सुरि त मारक : दो खी ितमा
ाम/ थल : ककड़बाग
िजला : पटना
.:6
सुरि त मारक : छोटी पटनदेवी
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:7
सुरि त मारक : शेरगढ़ िकला
ाम/ थल : स जी बाजार, सासाराम
िजला : रोहतास
.:8
सुरि त मारक : अलावल खाँ का मकबरा
ाम/ थल : सासाराम
िजला : रोहतास
.:9
सुरि त मारक : सूय मंिदर
ाम/ थल : महवारा, मिहषी
िजला : सहरसा
. : 10
सुरि त मारक : कटरा गढ़
ाम/ थल : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
. : 11
सुरि त मारक : नेपाली मंिदर
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : वैशाली
. : 12
सुरि त मारक : खेरी (पुराता वक थल)
ाम/ थल : शाहकड
िजला : भागलपुर
. : 13
सुरि त मारक : जलालगढ़ िकला
ाम/ थल : कसबा
िजला : पूिणया
. : 14
सुरि त मारक : आरा हाउस
ाम/ थल : आरा
िजला : भोजपुर
. : 15
सुरि त मारक : चौसागढ़
ाम/ थल : नरवतपुर
िजला : ब सर
. : 16
सुरि त मारक : दाऊद खाँ का िकला
ाम/ थल : दाऊदनगर
िजला : औरगाबाद
. : 17
सुरि त मारक : रामिशला पवत
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 18
सुरि त मारक : िव णुपद मंिदर
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 19
सुरि त मारक : ेतिशला पवत
ाम/ थल : बहादुर िवगहा
िजला : गया
. : 20
सुरि त मारक : योिन पहाड़ी
ाम/ थल : गया
िजला : गया
. : 21
सुरि त मारक : हजारीमल पुरानी धमशाला
ाम/ थल : बेितया
िजला : बेितया
q
23. आपदा बंधन
(Disaster Management)
बाढ़
सूखा
भूकप
च वात
अ य आपदाएँ
आपदा बंधन संबंिधत काय
रा ीय आपदा बंधन अिधिनयम, 2005
रा य आपदा बंधन ािधकरण
िबहार आपदा जोिखम यूनीकरण रोडमैप, 2015-30
ऐसी दुघटनाएँ, जो अचानक घिटत ह और िजनसे जान-माल क यापक हािन हो, उसे आपदा कहते ह। आपदा
का ता पय ाकितक अथवा मानवज य कारण से आनेवाली िकसी ऐसी िवपि , दुघटना, अिन और गंभीर घटना
से ह, जो भािवत समुदाय को यापक हािन प चाती ह। भौगोिलक एवं ाकितक थितय क कारण िबहार
ब आपदा भािवत रा य ह।
ाकितक आपदा म बाढ़, सूखा, भूकप, सूनामी, ालामुखी िव फोट, च वात, आँधी तूफान आिद मुख ह,
जबिक मानवजिनत आपदा म यु , वन क कटाई, पा र थितक असंतुलन, दूषण आिद मुख ह। ाकितक
आपदा एक वाभािवक प रणाम ह, जो मनु य को भािवत करता ह, जैसे— ालामुखी िव फोट, भूकप, बाढ़,
सूखा आिद। मानवीय कारण से िनिमत आपदा लापरवाही, भूल या यव था क असफलता से उ प होती ह।
मानव-िनिमत आपदा को तकनीक या सामािजक आपदा भी कहते ह।
आपदाएँ गित म बाधा डालती ह एवं िवकास संबंधी काय को न करती ह। इसिलए आपदा क घिटत होने
पर ही कारवाई करने क बजाय उनक कशल बंधन क ओर अिधक बल िदया जा रहा ह। भारत एवं िबहार रा य
म अलग-अलग ती तावाली अनेक ाकितक और मानवज य आपदाएँ आती रहती ह। भारत म लगभग 58.6
ितशत भू-भाग सामा य से लेकर अिधक ती ता वाला भूकप संभािवत े ह, 12 ितशत भू-भाग (40 िमिलयन
ह टयर) बाढ़ भािवत तथा 7,516 िकलोमीटर तटीय े म से लगभग 5,700 िकलोमीटर े च वात एवं
सूनामी संभािवत े ह। 68 ितशत किष यो य े सूखा संभािवत े ह। मानव-जिनत आपदा म रासायिनक,
जैिवक और नािभक य िविकरण आपदा क संभावना बनी रहती ह। वतमान म आपदा जोिखम क ती ता का
संबंध जनसं या वृ , शहरीकरण और औ ोिगक करण, उ जोिखम े म िवकास, पयावरण असंतुलन और
जलवायु प रवतन से भी ह।
िबहार म अनेक कार क आपदाएँ पाई जाती ह। ये आपदाएँ ाकितक और मानवजिनत दोन कार क ह।
िबहार म िविभ कार क आपदा का मुख कारण भौगोिलक, भू-आकित एवं मानवीय ि या-कलाप ह।
संपूण िबहार िकसी न िकसी आपदा से िसत ह। भूकप क भाव क ि कोण से संपूण रा य भािवत ह। 70
ितशत से अिधक े बाढ़ भािवत ह, जबिक 30 ितशत से अिधक भूभाग सूखा भािवत ह। आग क सम या
और च वात का भी भाव रा य क कई िह स पर पड़ता ह। िबहार म मुख ाकितक आपदा म िन निलिखत
शािमल ह—
बाढ़,
सूखा,
भूकप,
च वात।
बाढ़
अपनी भौगोिलक थित क कारण िबहार देश क सवािधक बाढ़ भािवत रा य म एक ह। उ र िबहार क संपूण
े तथा दि ण िबहार का आंिशक े बाढ़ भािवत े ह। नदी का जल जब खतर क िनशान से ऊपर होता ह
या कि म कारण से एक बड़ा भू- े जल लािवत हो जाता ह तो उसे बाढ़ क थित कहते ह। िबहार एक ऐसा
रा य ह, जहाँ बाढ़ और सूखे क सम या एक ही समय आती ह। उ र िबहार क एक भाग म बाढ़ आती ह तो
दि ण िबहार म सूखा रहता ह। गंडक और बूढ़ी गंडक क बीच क े म मानसूनी अिन तता क कारण सूखे
क थित रहती ह। रा ीय बाढ़ आयोग (1986) क अनुसार िबहार म 65.5 लाख ह टयर े (रा य क कल
भौगोिलक े फल का 37 ितशत और अिवभािजत िबहार क 46 िजले म से 39 िजले) बाढ़ भािवत थे। किष
मं ालय, भारत सरकार क 1986 ई. क रपोट क अनुसार रा य का 20 लाख ह टयर े सूखा त था, जो
रा य क े फल का करीब 12 ितशत ह। रा ीय बाढ़ आयोग (National Flood Commission) 2006 क
अनुसार भारत म 400 िमिलयन ह टयर भूिम बाढ़ भािवत ह, िजसम 16.5 ितशत े िबहार का ह। िबहार
सरकार जल ितवेदन (1993-94) क अनुसार उ र िबहार का 76 ितशत े बाढ़ भािवत ह, िजसका 25
ितशत भाग कवल कोसी नदी ारा भािवत ह। वष 2013 ई. म रा य म बाढ़ से 20 िजले क 126 खंड
भािवत ए, िजससे 69 लाख आबादी भािवत ई। इस कार िबहार का करीब 50 ितशत भौगोिलक े बाढ़
और सूखे क सम या से भािवत होता ह। वतमान समय म रा य क 38 म से 28 िजले बाढ़ भािवत ह। इन 28
िजल म 15 िजले अित बाढ़ िसत े म आते ह, जबिक 13 िजले सामा य भािवत िजल क ेणी म शािमल ह।
नीचे क तािलका म िबहार सरकार क आपदा बंधन िवभाग क अनुसार रा य क बाढ़ भािवत िजल को दशाया
गया ह—
रा ीय बाढ़ आयोग (National Flood Commission) 2006 क अनुसार भारत म 400
िमिलयन ह टयर भूिम बाढ़ भािवत ह, िजसम 16.5 ितशत े
िबहार का ह।
बाढ़ भािवत िजले
ोत : आपदा बंधन िवभाग, िबहार सरकार, 2015
िबहार म बाढ़ क िवभीिषका ायः 4-6 स ाह (डढ़ माह) क बीच होती ह। भारत म असम क बाद िबहार देश
का दूसरा सबसे लंबी अविध तक बाढ़ िसत रहनेवाला रा य ह। बाढ़ क थित का मूल कारण मानसून क
अिन तता ह। मानसूनी वषा 60 ितशत तक कम या यादा हो सकती ह अथा मानसून क िवचलन दर 60
ितशत तक ह। इस कार औसत से अिधक वषा होने पर बाढ़ क थित उ प हो जाती ह। मानसूनी
अिन तता क अित र बाढ़ क िलए उ रदायी कारक िन निलिखत ह—
1. वन का िवनाश बाढ़ का मुख कारण ह। यह पठारी िबहार म तथा िहमालय पवतीय देश क जल हण
े म बाढ़ का सबसे बड़ा कारण िहमालय े म वन क कटाई ह। िबहार क अिधकांश निदयाँ िहमालय से
िनकलती ह।
2. िहमालय पवतीय देश म भारी वषा क कारण निदय म वाभािवक प से बाढ़ क थित उ प होती ह।
3. मैदानी िबहार क थलाकित भी बाढ़ का कारण ह। अित समतल भूिम म नदी का जल तेजी से बाहर क
ओर फलता ह, िजससे बाढ़ क थित उ प होती ह।
4. िन न ढाल पर निदय क अपवाह क कारण तलीय िन ेप होता ह, िजससे बाढ़ क थित उ प होती ह।
िवसप का िनमाण करनेवाली नदी बाढ़ क िवभीिषका को गंभीर बना देती ह।
5. नदी घाटी प रयोजना का दोषपूण ि या वयन होने क कारण बाढ़ क थित उ प होती ह। नेशनल
लड कमीशन, 1954 क अनुसार िबहार म 25 लाख ह टयर बाढ़ त े था, जो 1986 म बढ़कर लगभग
65.5 लाख ह टयर हो गया। गंडक और कोसी प रयोजना से ब त सारी िन न भूिम जल लािवत हो जाती ह।
िबहार म औसतन 4-6 लाख ह टयर खरीफ फसल और 2.4 से 3.6 लाख ह टयर रबी फसल नदी घाटी
प रयोजना क दोषपूण काया वयन से भािवत होती ह। कोसी बांध क िनमाण से 1.82 लाख ह टयर उपजाऊ
भूिम थायी प से जल लािवत हो गई।
6. कोसी को िबहार का शोक माना जाता ह, लेिकन कोसी क अलावा अनेक निदयाँ िछपे प म आक मक
बाढ़ लाकर शोक का संदेश देती ह। दि ण िबहार क निदय म आक मक बाढ़ आती रहती ह। वन क अंधाधुंध
कटाई और अ यिधक पशुचारण क कारण दि ण िबहार म वषा जल का सामा य वाह 7 ितशत क जगह 13-
14 ितशत निदय म होता ह।
7. उ र िबहार और दि ण िबहार क मैदान म जलाशय से अचानक जल छोड़ने से बाढ़ आती ह। यह जल
मु यतः नहर म छोड़ा जाता ह। नहर म िस ट जमा होने से उनका तल ऊपर हो गया ह। इस कारण अिधक जल
छोड़ने पर वे िकनार क े को जल लािवत कर देती ह। चानन क सहायक मोरहनी नदी का जल छोड़ने से
बाँका, जमुई और भागलपुर िजले म 1995-96 म आक मक बाढ़ आ गई थी।
8. कमजोर बाँध क टटने और उसम दरार पड़ने से नदी का पानी आक मक प से बाढ़ लाकर भयंकर
बरबादी करता ह।
9. दि ण-पूव िबहार क मैदान म अनेक एनीकट (छोट बाँध) ह, जो बालू भर जाने से िब कल नजर नह
आते। प रणामतः बाढ़ का पानी तेजी से पूर े को जल लािवत करता ह।
10. नगरीकरण क कारण भी ाकितक जल ोत का े तालाब, नहर, नाले िसकड़ते जा रह ह, िजससे वषा
का जल नगर म बाढ़ क थित उ प कर देता ह।
बचाव क िदशा म काय
वतं ता क बाद बाढ़ से बचाव हतु ब ेशीय नदी-घाटी प रयोजना को ाथिमकता दी गई ह। थम 3
पंचवष य योजना म ब ेशीय नदी-घाटी प रयोजना को ाथिमकता दी गई। चौथी पंचवष य योजना से तटबंध
िनमाण को ाथिमकता िमली। छठी पंचवष य योजना से जल िनकासी क यव था क गई ह। इसी योजना म ब ती
बचाने का काय म चलाया गया। इस काय म म नदी िकनार क भूिम को ऊचा िकया गया। छठी पंचवष य
योजना म बाढ़ िनयं ण पर खच ई रािश का 80 ितशत पुराने तटबंध क रखरखाव पर खच ई, शेष 20 ितशत
से नए काय म लागू िकए गए। 3600 िकलोमीटर तटबंध बनाया गया ह जो 1954 म मा 160 िकलोमीटर था।
भारत म 7 बाढ़ सूचना सारण क ह, िजसम पटना भी एक ह। सभी निदय म खतर क िनशान लगाए गए ह। देश
म 100 क पर बाढ़ सूचना क थािपत करने क योजना सरकार ारा बनाई गई ह। इन काय म से लगभग
20 लाख ह टयर भूिम बाढ़मु घोिषत क गई ह। बाढ़ भािवत िजल म बाढ़ सुर ा िकट उपल ध कराई गई ह।
NDRF ारा बाढ़ िसत िजल म 200 सुरि त थान िवकिसत िकए जा रह ह। बाढ़ भािवत 10 िजल म
इमरजसी मैनेजर क पद सृिजत िकए गए ह।
िबहार म बाढ़ रोकने क िलए अनेक तटबंध का िनमाण िकया गया ह, िजसम कछ मह वपूण तटबंध इस कार
ह—
(i) गंगा क िकनार कोइलवर-ब सर तटबंध,
(ii) खगिड़या िजले म बदलाघाट-नगरपाड़ा तटबंध,
(iii) ितनमुहानी-करसेला-खगिड़या तटबंध कोसी नदी पर,
(iv) दरभंगा िजले का भूतही बलान तटबंध,
(v) वैशाली िजले म हाजीपुर-बाजीपुर तटबंध।
लोकायु
लोकायु भारत म रा य ारा गिठत ाचाररोधी एक सं था ह। इसका गठन किडनेिवयन देश म चिलत
ब समैन (Ombudsman) क तज पर िकया गया था। िबहार म सव थम लोकायु यायमूित ीधर वासुदेवा
सोहनी बने, िजनका कायकाल 28 मई, 1971 ई. से 27 मई, 1978 तक रहा। अभी तक िबहार म कल सात
लोकायु ए ह। भारत क रा पित क ारा लोकपाल एवं लोकायु िवधेयक, 2013 पर 1 जनवरी, 2014 को
ह ता र िकए गए, िजसक अनुसार लोकायु क िन न मुख काय ह—
1. कशासन क वजह से याय एवं परशानी से संबंिधत नाग रक क िशकायत क जाँच करना।
2. सरकारी कमचारी क िखलाफ पद का दु पयोग, ाचार या ईमानदारी म कमी क आरोप क जाँच करना।
िशकायत एवं ाचार उ मूलन क संबंध म इस कार क अित र काय क जानकारी रा यपाल क ारा
िनिद अिधसूचना से दी जा सकती ह।
3. ाचार िवरोधी एजिसय , अिधका रय और ताव क जाँच का पयवे ण करना।
4. रा यपाल क इ छा से िकसी भी कायवाही क जाँच करना।
लोकायु को उनक काय क दशन पर वािषक समेिकत रपोट रा यपाल क सम तुत करनी होती ह।
मु यमं ी, मं ी, िवधानसभा या िवधानप रष सद य एवं रा य सरकार क अिधकारी क िखलाफ जाँच करने से पूव
रा य सरकार से अनुमित आव यक ह। लोकायु का कायकाल 5 वष का होता ह।
िबहार क लोकायु का िववरण
.सं. : 1
नाम : यायमूित ीधर वासुदेवा सोहनी
कायकाल : 28.05.1971 से 27.05.1978
.सं. : 2
नाम : यायमूित यामनंदन साद िसंह
कायकाल : 08.06.1978 से 07.06.1983
.सं. : 3
नाम : यायमूित ि वेणी सहाय िम
कायकाल : 18.01.1986 से 17.01.1991
.सं. : 4
नाम : यायमूित सैयद सरवार अली
कायकाल : 07.02.1991 से 06.02.1996
.सं. : 5
नाम : यायमूित नवदे र पांडय
कायकाल : 08.06.2001 से 07.06.2006
.सं. : 6
नाम : यायमूित रामनंदन साद
कायकाल : 25.07.2006 से 24.08.2011
.सं. : 7
नाम : यायमूित सी.एम. साद
कायकाल : 25.08.2011 से 24.08.2016
.सं. : 8
नाम : यायमूित याम िकशोर शमा
कायकाल : 14.02.2017 से ------
मुख आयोग
रा य िनवाचन आयोग
भारतीय संिवधान क अनु छद 243 (ट) म विणत रा य िनवाचन आयोग रा य म पंचायत क चुनाव का सफल
संचालन कराने हतु एक संवैधािनक सं था ह। इसक अंतगत एक रा य िनवाचन आयु होता ह, िजनक िनयु
रा यपाल करते ह। पंचायत क िनवाचन हतु िनवाचक नामावली तैयार कराना, चुनाव का सफल संचालन, िनदशन
एवं िनयं ण का अिधकार रा य िनवाचन आयोग को ा ह। उ यायालय क यायाधीश को पद से हटाने हतु
सार ावधान रा य िनवाचन आयु को उनक पद से पद युत करने म लागू होते ह।
िबहार मानवािधकार आयोग
रा य म मानव अिधकार क संर ण हतु मानवािधकार आयोग क थापना 3 जनवरी, 2000 को क गई थी। 26
जून, 2008 को इसका पुनगठन िकया गया। ज मू-क मीर उ यायालय एवं राज थान उ यायालय क पूव
यायाधीश यायमूित ी एस.एन. झा िबहार मानवािधकार आयोग क थम अ य िनयु िकए गए थे। इस
आयोग को मानवािधकार संर ण अिधिनयम, 1993 क आलोक म अिधकार एवं श याँ ा ह। इसक
वाय ता अ य बात क अलावा अ य तथा सद य क िनयु क प ित म, उनक िन त कायकाल एवं
अिधिनयम क धारा-23 म उपबंिधत िविधक गारटी तथा धारा-33 म विणत िव ीय वतं ता म ह। भारत क िकसी
उ यायालय क पूव यायाधीश को ही आयोग क अ य पद पर िनयु िकया जा सकता ह।
िबहार म सव थम लोकायु यायमूित ीधर वासुदेवा सोहनी बने, िजनका कायकाल 28 मई,1971 ई.
से 27 मई, 1978 ई. तक रहा। अभी तक िबहार म कल सात लोकायु ए ह।
रा य म मानवािधकार का उ ंघन, पुिलस उ पीड़न, अिभर ा (Custodial) मृ यु, मुठभेड़ म मृ यु, पुिलस,
अ य पदािधकारी या लोक सेवक ारा य य को परशान करने संबंिधत मामल म आयोग सं ान लेता ह।
इसक अलावा अ य िसिवल, राजनैितक, शै िणक तथा सां कितक अिधकार , िजनम रमांड होम या कारागार क
दशा, मजदूर वग क दशा, दहज मृ यु या दहज क माँग, बला कार, ह या, लिगक ताड़ना, मिहला पर
अ याचार एवं अ ित ा, बाल मजदूर और बँधुआ मजदूर, बाल िववाह, समुिचत शै िणक सुिवधा से वंिचत
करना, गरीबी उ मूलन तथा सामािजक सुर ा संबंधी काय म, समुिचत व छता क दशाएँ आिद मामल म
आयोग उिचत िदशा-िनदश दे सकता ह। रा य म वैसे कानून, िजसम मानवािधकार क हनन क कोई वृि सामने
आती हो, उस पर आयोग अपना िवचार देता ह।
रा य मिहला आयोग
रा य म मिहला क अिधकार क संर ण एवं उनक क याण एवं रा य सरकार क सम त काय म क
िनगरानी हतु रा य मिहला आयोग का गठन िकया गया ह। मिहला अिधकार हतु ानवधन कराने क िलए िजला
तर पर िविभ तरीक क कायशाला का आयोजन आयोग करता ह। रा य मिहला आयोग म एक अ य क
अित र सात गैर-सरकारी मिहला का मनोनयन उनक यो यता क अनुसार रा य सरकार क ारा िकया जाता
ह। सात सद य म एक अनुसूिचत जाित, एक अनुसूिचत जनजाित, एक अ पसं यक समुदाय, एक िपछड़ी जाित,
एक िविध एवं िवधान का अनुभव रखनेवाली, एक िकसी वयंसेवी सं था का अनुभव रखनेवाली एवं एक समाज
क याण क े म अनुभवी मिहला का मनोनयन िकए जाने का ावधान ह। रा य मिहला आयोग का कायकाल
रा य सरकार क ारा िनधा रत या अिधकतम 3 वष का होता ह। इसक मुख काय िन न ह—
1. िव मान िविधय क अधीन मिहला क िलए सुर ा से संबंिधत सभी त य का अ वेषण एवं जाँच करना।
2. मिहला क सुर ा क िलए आयोग क काम-काज का एक वािषक ितवेदन रा य सरकार क पास पेश
करना।
3. रा य म मिहला क थित म सुधार हतु सुर ा क द तापूण काया वयन हतु ितवेदन म अनुशंसा करना।
4. रा य म मिहला क िव हो रह अ याचार और मिहला से संबंिधत िविधय क उ ंघन क सभी
मामल को समुिचत ािधका रय क सम लाना।
5. मिहला को अिधकार से वंिचत करने एवं उनक संर ण, समानता तथा िवकास क उ े य को ा करने
हतु उपबंध करने क िलए अिधिनयिमत क गई िविधय क ि या वयन िवषय पर िशकायत क जाँच करना या
व ेरणा से यान देना।
िबहार लोक सेवा आयोग
भारत संघ क िलए संघीय लोक सेवा आयोग एवं रा य क िलए रा य लोक सेवा आयोग क गठन करने का
ावधान संिवधान क अनु छद 315 म िकया गया ह। िबहार लोक सेवा आयोग 1 अ ैल, 1949 को अपने काय प
म आया। इसक सद य का कायकाल 6 वष या अिधकतम 62 वष क उ (जो पहले हो) होता ह। आयोग क
अ य एवं सद य क िनयु मंि प रष क सलाह पर रा यपाल क ारा क जाती ह। िबहार लोक सेवा
आयोग क थम अ य राजधारी िस हा थे।
िबहार कमचारी चयन आयोग
िबहार रा य क अिधिनयम सं या-7/2002 क ारा वेतनमान 6500 से 10500 (पंचम वेतन आयोग) क नीचे
क वग 3 क अराजपि त पद पर िनयु क िलए िबहार कमचारी चयन आयोग का गठन िकया गया ह। इसक
गठन क साथ ही िव ालय सेवा बोड का इसम िवलय कर िदया गया। इसम अ य एवं दो सद य का पद सृिजत
ह। भारतीय शासिनक सेवा क सिचव तरीय अिधकारी अ य क प म तथा वग-1 क िविभ पदािधका रय
का सद य क प म रा य सरकार मनोनयन करती ह।
q
25. शासिनक यव था
(Administrative System)
मंडलीय शासन
िजला शासन
अनुमंडल शासन
खंड शासन
िजल क िववरणी
िबहार रा य का 1912 ई. म उदय होने क बाद रा य म शासन क वतं यव था थािपत क गई। 1936 म
उड़ीसा तथा 2000 म झारखंड िवभाजन क प ा वतमान िबहार क शासिनक परखा नए प म सामने आई
ह। वतमान म िबहार सिचवालय म कल 44 िवभाग ह। इन सभी िवभाग का काय रा यपाल ारा संपािदत होता
ह। मं ी अपने िवभाग का धान होता ह। वह अपनी सहायता क िलए एक सरकारी और एक गैर-सरकारी सिचव
रख सकता ह। उसक अ य सहायक म िनजी सहायक एवं टकक आिद होते ह। सिचव क अित र उसक
सहायक म िवशेष सिचव, अित र सिचव, संयु सिचव, उप-सिचव, अपर सिचव एवं िनबंधक होते ह।
िवभाग म पद वृ िव िवभाग क सहमित से होती ह।
इन सभी िवभाग क काय क अ ययन एवं िनरी ण आिद क िलए रा य म मु यमं ी क सहायता क िलए
सिचवालय होता ह। सामा यतः मु यमं ी सिचवालय म भारतीय शासिनक सेवा क व र पदािधकारी को मुख
बनाया जाता ह, िजसक अधीन थ सहायक उप सिचव, अपर सिचव एवं अ य सिचव होते ह। सिचवालय क मु य
सिचव को लोक सेवा का अ य कहा जाता ह। वह सभी िवभाग क बीच सहयोग और सम वय सुिन त
करने का क िबंदु होता ह। मंि प रष का मु य सलाहकार होने क नाते मु य सिचव सरकारी तं का धान कहा
जाता ह। यही मु य सिचव अ य िवभाग क सिचव क संलेख सूिचयाँ मु यमं ी को पेश करता ह और जनसंपक
अिधकारी क मुख भूिमका म क व अ य रा य क सरकार क साथ अपने रा य क सरकार क वाता का सेतु
बनता ह।
मु यमं ी और मंि प रष को सिचवीय सहायता देना, रा यपाल और मु यमं ी से वांिछत सूचना को ा
कर अिधकत प से अ सा रत करना, िवभागीय नीितय क ताव और ि या वयन म परामश देना, अ यंत
आव यक अ यादेश का ा प तैयार करना, रा यपाल क संदेश और अिभभाषण को तैयार करना, िवभागीय
मंि य क ताव पर िनणय संबंधी कारवाई करना, िव िवभाग क परामश से िवभागीय बजट तैयार करना, िव
संकट क समय आनेवाले सुझाव एवं समाधान पर परामश देना, वेतन, िनयु और पदो ित क िनयम बनाना,
थानांतरण एवं पद थापन आिद क बार म कारवाई करना, िवभागीय ि या-कलाप क वािषक रपोट बनाना आिद
सिचवालय का मु य काय ह। इसक अलावा सरकारी राज व वसूली को सुिन त करना, िवभागीय काय क
सुचा ि या वयन क िलए नीित व अनुदेश बनाना, िश ण क िलए पदािधका रय का चयन और िश ण नीित
तय करना, आव यकतानुसार िविभ आयोग का गठन करना, क व रा य ारा िवभाग को दी जानेवाली रािश
का सामियक एवं समुिचत उपयोग सुिन त करना भी सिचवालय का मु य काय ह।
िबहार म वतमान (2016) म कल 38 िजले ह। िजले म शासन का मुख िजलािधकारी होता ह। इसे
िविभ पद प म अपना कायभार सँभालना होता ह।
रा य का शासन चलाने क िलए शासिनक यव था को पाँच तर पर वग कत िकया गया ह, जो रा य म
सरकारी नीितय , िनयम और काय म का ि या वयन करता ह। पाँच तर पर वग कत शासिनक यव था म
मंडलीय शासन, िजला शासन, अनुमंडल शासन, खंड तरीय शासन एवं ाम पंचायत तरीय शासन
स मिलत ह।
मंडलीय शासन
रा य म नौ मंडल ह, िजनक मुख मंडलीय आयु होते ह। ये आयु भारतीय शासिनक सेवा क वरीय
और अनुभवी अिधकारी होते ह। आयु क काय म िजलािधका रय क िविध-िवकास काय म पयवे क क
भूिमका और यायालय क काय आिद होते ह। आयु क सहायक अपर िजला दंडािधकारी तर क सिचव क
अलावा एक उप-िनदेशक (खा ), उप-िनदेशक (पंचायती राज) और अपर िजला दंडािधकारी ( लाइग ॉड)
क प म होते ह।
िजला शासन
िबहार म वतमान (2016) म कल 38 िजले ह। िजले म शासन का मुख िजलािधकारी होता ह। इसे िविभ
पद प म अपना कायभार सँभालना होता ह।
भू-राज व वसूली, कनाल एवं अ य शु क क वसूली, िविभ राजक य ऋण क वसूली, रा ीय िवपदा
का मू यांकन और उनम सहायता काय, टांप ऐ ट का भावी ि या वयन, सामा य एवं िवशेष भूिम अजन का
काय, जम दारी बॉ स का भुगतान, भू-अिभलेख का समुिचत रखरखाव, भूिम पंजीकरण का काय, सां यक
संबंधी रकॉड रखना कले टर क प म िजलािधकारी का मुख काय ह।
रा य सरकार क आदेश का ि या वयन करना, िजला कोषागार का बंध करना, शासिनक पदािधका रय को
िश ण देना, च र माण-प एवं नाग रकता संबंधी माण-प िनगत करना, अनुसूिचत जाित, जनजाित, िपछड़
वग , सैिनक और भूिमहीन क िलए भूिम-बंदोब त संबंधी काय करना, िजला समाहरणालय म दंडािधका रय क
ितिनयु करना, कमचा रय एवं पदािधका रय क पशन संबंधी मामल का िन पादन करना, िजला तरीय
सिमितय क अ य ता और िनयिमत बैठक का आयोजन करना, क अथवा रा य क मंि य क िजले म आगमन
पर सुर ा बंध करना, िजला तर क सभी अिधका रय पर बजट िनयं ण रखना, रा पित, धानमं ी, उपरा पित
क िजला मण दौर पर सुर ा बंध करना िजलािधकारी क प म मुख काय ह। सामा य नाग रक क िशकायत
सुनकर आव यक कारवाई करना, िजले म िश ा क गुणव ा बनाए रखने क िलए िश ा पदािधका रय का
पयवे ण करना, िजले म मूलभूत सुिवधा का आपूित संबंधी पयवे ण करना, अनुमंडल/ खंड/ ा य तर क
पदािधका रय पर िनयं ण, पयवे ण और उ ह अवकाश देने संबंधी काय करना आिद भी िजलािधकारी क अ य
मुख काय ह।
पव, योहार और िवशेष य क सुर ा म दंडािधकारी क तैनाती करना, अनुसूिचत जाित, जनजाित, िपछड़
वग को माण-प देना, अशांित, िहसा और दंग क थित म सेना का भािवत े म लैग माच कराना,
िबगड़ती याय- यव था क िनयं ण क िलए आव यक कदम उठाना, क यू लगाना आिद, अधीन थ कायपालक
दंडािधका रय क ितिनयु करना, जेल का औचक अथवा पूव िनरी ण करना, बंिदय को यवहार क आधार
पर ेणी देना अथवा पेरोल पर छोड़ना, अपराध क वािषक रपोट रा य सरकार को स पना, िजला अंतगत सभी
थान का वािषक िनरी ण करना, आपदा, दुघटना, उ वादी गितिविधय म पीिड़त को मुआवजा देना, िजला तर
क िविभ चुनाव को शांितपूवक संप कराना, िजले म मनोरजन सं था से मनोरजन कर लागू करक वसूलना,
िजले क मतदाता सूची को अ तन कराना, संसदीय/िवधानसभा े का पुनस मन कराना, जनगणना संबंधी काय
पूण कराना आिद िजलािधकारी का दंडािधकारी क प म मुख काय ह।
पुिलस िवभाग क पुिलस अधी क से, वन िवभाग क वन पदािधकारी से, िश ा िवभाग क िजला िश ा
पदािधकारी से, सहकारी िवभाग क सहायक िनबंधक से, किष िवभाग क िजला किष पदािधकारी से, खनन िवभाग
क सहायक खनन पदािधकारी से, िचिक सा िवभाग क िसिवल सजन से, िनबंधन िवभाग क सहायक िनबंधक से,
उ ोग िवभाग क िजला उ ोग पदािधकारी से, उ पाद िवभाग क अधी क से, आपूित िवभाग क िजला आपूित
पदािधकारी से सम वयन करना िजलािधकारी का मुख दािय व ह।
इस कार िजलािधकारी िजले का मुख होता ह, जो अपनी पूण मता और अिधकार क साथ िजले क
नाग रक और रा य सरकार क बीच सुिवधा-सेतु का काय करता ह।
अनुमंडल शासन
िबहार म वतमान (2016) म 102 अनुमंडल ह। िजला शासन क बाद े ीय शासन म अनुमंडल शासन
आता ह, िजसका मुख अनुमंडल पदािधकारी (एस.डी.एम.) होता ह। यह पद भारतीय शासिनक सेवा क
पदािधकारी अथवा रा य शासिनक सेवा क पदािधकारी को स पा जाता ह। िबहार क अनुमंडल शासन म दोन
कार क पदािधकारी ह। ये पदािधकारी भी अपने े म िजलािधकारी क भाँित ही कई भूिमका का िनवाह करते
ह। राज व, िविध और याय संबंधी काय म इनक मुख भूिमका होती ह। इसक साथ ही ये िवकास संबंधी
योजना का पयवे ण और ि या वयन करने का काय भी करते ह।
िबहार म वतमान (2016) म 102 अनुमंडल ह। िजला शासन क बाद े ीय शासन म अनुमंडल
शासन आता ह, िजसका मुख अनुमंडल पदािधकारी (एस.डी.एम.) होता ह।
ये पदािधकारी किष और भूिम संबंधी राज व वसूलने और अंचलािधका रय क आदेश क िव अपील सुनने
का काय करते ह। अपने अधीन थ ितिनयु य का काय करते ह। े म कानून- यव था बनाए रखने हतु
पुिलस पर िनयं ण और आदेश जारी करते ह। े म श आवेदन पर अनुशंसा क साथ श का वािषक
िनरी ण भी करते ह, साथ ही े म आनेवाले िजला/रा य/क क िवशेष य य क सुर ा का बंध करते ह।
खंड शासन
िबहार म वतमान (2016) म 534 खंड ह। िजला शासन क दूसरी सीढ़ी खंड शासन ह, िजसम
अंचलािधकारी, खंड िवकास अिधकारी, खंड किष पदािधकारी, पशुपालन पदािधकारी, खंड आपूित
पदािधकारी, खंड क याण पदािधकारी आिद पदनािमत पदािधकारी स मिलत होते ह। इनम अंचलािधकारी और
खंड िवकास अिधकारी क पद और काय मुख होते ह।
अंचलािधकारी एवं उसक काय
अंचलािधकारी का पद रा य शासिनक सेवा अथवा अ य सेवा से ो त ए पदािधकारी को िदया जाता ह।
भू-राज व, भू-अिभलेख, िविध यव था का संधारण करना, चुनाव, जनगणना, किष सां यक , आय माण-प ,
जाित माण-प , आवासीय माण-प जारी करना, पव- योहार म शांित- यव था, सौहाद बनाने और िविश
य य क सुर ा का बंधन करना, रा य म आिदवािसय क भूिम-संबंधी अिधकार क सुर ा करना, समाज
क याण क सभी काय का संपादन करना, आपदा, दुघटना, दंगा-पीिड़त लोग क मुआवजे का आकलन और
मुआवजा देने का काय करना आिद अंचल क अंतगत आनेवाले ामीण े म इसक मुख काय ह।
खंड िवकास अिधकारी एवं उसक काय
यह रा य शासिनक सेवा क पदािधकारी अथवा रा य किष सेवा क अिधका रय को स पा जानेवाला पद ह।
यह अिधकारी खंड क सभी िवभाग क अिधका रय क बीच सहयोगी और सम वयक क भूिमका िनभाता ह। क
सरकार क योजना का ि या वयन करना, ामीण े म वरोजगार संबंधी आवेदन क अनुशंसा करना एवं
ामीण े म िवकास योजना को ि या वत करना इसक मुख काय ह।
िबहार क मंडल, िजले एवं अनुमंडल
मंडल : 1. पटना
िजला : 1. पटना
अनुमंडल : 1. पटना सदर, 2. दानापुर, 3. बाढ़, 4. पटना िसटी, 5. मसौढ़ी, 6. पालीगंज
मंडल : 1. पटना
िजला : 2. नालंदा
अनुमंडल : 1. िबहारशरीफ सदर, 2. िहलसा, 3. राजगीर
मंडल : 1. पटना
िजला : 3. रोहतास
अनुमंडल : 1. सासाराम सदर, 2. िव मगंज, 3. डहरी
मंडल : 1. पटना
िजला : 4. भभुआ (कमूर)
अनुमंडल : 1. भभुआ सदर, 2. मोहिनया
मंडल : 1. पटना
िजला : 5. भोजपुर (आरा)
अनुमंडल : 1. आरा सदर, 2. जगदीशपुर, 3. पीरो
मंडल : 1. पटना
िजला : 6. ब सर
अनुमंडल : 1. ब सर सदर, 2. डमराँव
मंडल : 2. मगध
िजला : 1. गया
अनुमंडल : 1. गया सदर, 2. शेरघाटी, 3. टकारी, 4. नीमचक, 5. बथानी
मंडल : 2. मगध
िजला : 2. जहानाबाद
अनुमंडल : 1. जहानाबाद सदर
मंडल : 2. मगध
िजला : 3. अरवल
अनुमंडल : 1. अरवल सदर
मंडल : 2. मगध
िजला : 4. नवादा
अनुमंडल : 1. नवादा सदर, 2. रजौली
मंडल : 2. मगध
िजला : 5. औरगाबाद
अनुमंडल : 1. औरगाबाद सदर, 2. दाऊदनगर
मंडल : 3. सारण (छपरा)
िजला : 1. सारण (छपरा)
अनुमंडल : 1. छपरा सदर, 2. मढ़ौरा, 3. सोनपुर
मंडल : 3. सारण (छपरा)
िजला : 2. सीवान
अनुमंडल : 1. सीवान सदर, 2. महाराजगंज
मंडल : 3. सारण (छपरा)
िजला : 3. गोपालगंज
अनुमंडल : 1. गोपालगंज सदर, 2. हथुआ
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 1. मुज फरपुर
अनुमंडल : 1. मुज फरपुर पूव, 2. मुज फरपुर प म
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 2. सीतामढ़ी
अनुमंडल : 1. सीतामढ़ी सदर, 2. पुपरी, 3. बेलसंड
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 3. िशवहर
अनुमंडल : 1. िशवहर सदर
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 4. प. चंपारण (बेितया)
अनुमंडल : 1. बेितया, 2. बगहा, 3. नरकिटयागंज
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 5. पू. चंपारण
अनुमंडल : 1. मोितहारी सदर, 2. अरराज, 3. चिकया, 4. पकड़ीदयाल, 5. र सौल, 6. िसकहरना
मंडल : 4. ितर त (मुज फरपुर)
िजला : 6. वैशाली
अनुमंडल : 1. हाजीपुर, 2. म आ, 3. महनार
मंडल : 5. दरभंगा
िजला : 1. दरभंगा
अनुमंडल : 1. दरभंगा सदर, 2. बेनीपुर, 3. िबरौल
मंडल : 5. दरभंगा
िजला : 2. मधुबनी
अनुमंडल : 1. मधुबनी सदर, 2. जयनगर, 3. बेनीप ी, 4. झंझारपुर, 5. फलपरास
मंडल : 5. दरभंगा
िजला : 3. सम तीपुर
अनुमंडल : 1. सम तीपुर सदर, 2. दलिसंहसराय, 3. पटोरी 4. रोसड़ा
मंडल : 6. कोसी (सहरसा)
िजला : 1. सहरसा
अनुमंडल : 1. सहरसा, 2. िसमरी ब तयारपुर
मंडल : 6. कोसी (सहरसा)
िजला : 2. सुपौल
अनुमंडल : 1. वीरपुर, 2. िनमल , 3. सुपौल, 4. ि वेणीगंज
मंडल : 6. कोसी (सहरसा)
िजला : 3. मधेपुरा
अनुमंडल : 1. मधेपुरा, 2. उदािकशुनगंज
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 1. पूिणया
अनुमंडल : 1. पूिणया सदर, 2. बनमनखी, 3. वायसी, 4. धमदाहा
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 2. अर रया
अनुमंडल : 1. अर रया सदर, 2. फारिबसगंज
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 3. िकशनगंज
अनुमंडल : 1. िकशनगंज
मंडल : 7. पूिणया
िजला : 4. किटहार
अनुमंडल : 1. किटहार सदर, 2. बारसोई, 3. मिनहारी
मंडल : 8. भागलपुर
िजला : 1. भागलपुर
अनुमंडल : 1. भागलपुर सदर, 2. कहलगाँव, 3. नवगिछया
मंडल : 8. भागलपुर
िजला : 2. बाँका
अनुमंडल : 1. बाँका सदर
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 1. मुंगेर
अनुमंडल : 1. मुंगेर, 2. हवेली खड़गपुर, 3. तारापुर
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 2. लखीसराय
अनुमंडल : 1. लखीसराय
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 3. जमुई
अनुमंडल : 1. जमुई
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 4. खगिड़या
अनुमंडल : 1. खगिड़या, 2. गोगरी
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 5. शेखपुरा
अनुमंडल : 1. शेखपुरा
मंडल : 9. मुंगेर
िजला : 6. बेगूसराय
अनुमंडल : 1. बेगूसराय, 2. तेघड़ा, 3. बिलया 4. मँझौली 5. बखड़ी
िजल क िववरणी
इस कार रा य म कल िमलाकर 9 मंडल एवं 38 िजले ह। इनका वणन िन न कार ह—
पटना
पटना रा य क राजधानी ह, िजसक जनंस या 57,72,804 ह और इसका े फल 3,202 वग िकलोमीटर ह।
इस िजले क सीमावत िजल म वैशाली, सम तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, नालंदा, जहानाबाद ह। पटना मंडल
का मु यालय भी पटना म ही ह। बाढ़, दानापुर, मसौढ़ी, पालीगंज, पटना िसटी एवं पटना सदर इसक अनुमंडल ह।
इस िजले म कल पु ष जनसं या 30,51,117 एवं मिहला जनसं या 27,21,687 िनवास करती ह। िजले का
जनसं या घन व 1,803 य ितवग िकलोमीटर ह। यहाँ का िलंगानुपात 892 मिहलाएँ ित हजार पु ष ह। िजले
क सा रता दर 72.47 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता दर 80.23 ितशत एवं मिहला सा रता दर 63.72
ितशत ह। इस िजले म खंड क कल सं या 22 ह। यहाँ पर चीनी उ ोग, जूता उ ोग एवं िब कट उ ोग का
िवकास मुखता से आ ह। िजले क मुख फसल म धान, गे , चना, मसूर, सरस , मटर, आलू, याज व
स जयाँ ह।
नालंदा
नालंदा िजला पटना मंडल का एक मुख िजला ह, िजसका मु यालय िबहार शरीफ म ह। इस िजले का गठन
1972 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2,367 वग िकलोमीटर ह। पटना, जहानाबाद, गया और
नवादा इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म खंड क कल सं या 19 ह। िजले क कल जनसं या 28,72,523
ह, िजसम पु ष क जनसं या 14,95,577 एवं मिहला क जनसं या 13,76,946 ह। इस िजले का जनसं या
घन व 1,220 य ित वग िकलोमीटर ह। यहाँ का लिगक अनुपात 921/1000 ह। िजले क कल सा रता दर
66.41 ितशत ह, िजसम पु ष क सा रता दर 77.71 ितशत ह और मिहला क सा रता दर 54.76 ितशत
ह। इस िजले म फ गु और मोहनी नदी बहती ह। किष उ पादन म धान, आलू, याज आिद मुख ह। उ ोग म
हथकरघा उ ोग मुख ह।
रोहतास
पटना मंडल म थत इस िजले का े फल 3851 वग िकलोमीटर ह। इसका मु यालय सासाराम ह। इस
िजले का गठन 1972 ई. म िकया गया। इस िजले क सीमावत िजल म ब सर, भोजपुर, अरवल, कमूर,
औरगाबाद ह। इस िजले क तीन अनुमंडल सासाराम, िव मगंज और डहरी ह। इसका िजला मु यालय सासाराम
ह। यहाँ पर 19 खंड ह। इस िजले क कल आबादी 29,62,593 ह। इसम 15,47,856 पु ष और 14,14,737
मिहलाएँ ह। िजले का जनसं या घन व 763 य ितवग िकलोमीटर ह। इस िजले का िलंगानुपात 914/1000
ह। यहाँ क सा रता दर 73.37 ितशत ह। सोन और काव निदय से िसंिचत यह िजला किष क े म अ णी ह।
धान और गे क उ पादन म रा य म इस िजले का मुख थान ह। यहाँ क उ ोग-धंध म सीमट उ ोग, गंधक
उ ोग, कागज उ ोग मुख ह। सासाराम म शेरशाह सूरी का मकबरा वा तुशैली का एक अ ुत उदाहरण ह।
भभुआ (कमूर)
पटना मंडल म अव थत यह िजला एक पठारी िजला ह। इस िजले का गठन 1991 ई. म िकया गया। इस
िजले का े फल 3,362 वग िकलोमीटर ह। रोहतास और ब सर िजल क सीमा से लगे इस िजले क
अ चं ाकार सीमा उ र देश से जुड़ी ई ह। इस िजले म दो अनुमंडल भभुआ और मोहिनया ह। 11 खंड वाले
इस िजले क कल जनसं या 16,26,900 ह, िजसम 8,47,784 पु ष और 7,79,116 मिहलाएँ ह। इस िजले का
जनसं या घन व 488 ह। यहाँ का लिगक अनुपात 919 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। यहाँ क सा रता दर 69.34
ितशत ह, िजसम पु ष सा रता दर 85.29 ितशत और मिहला सा रता 59.56 ितशत ह। पठार से िनकली
कमनाशा और दुगावती निदय से िसंिचत इस िजले क े म धान, म ा, गे और ग े क फसल पैदा क
जाती ह।
भोजपुर (आरा)
पटना मंडल क इस िजले का गठन 1992 ई. म िकया गया। इसका मु यालय आरा ह। इस िजले का े फल
2395 वग िकलोमीटर तथा इसक जनसं या 27,20,155 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1136 ह। इस िजले का
िलंगानुपात 900 मिहला ित 1000 पु ष ह। इस िजले क सा रता दर 72.79 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता दर
81.74 एवं मिहला सा रता दर 58.03 ितशत ह। पटना, अरवल, रोहतास, ब सर एवं सारण इस िजले क
सीमावत िजले ह।
ब सर
ब सर िजले का गठन 11 माच, 1991 को िकया गया। इस िजले का े फल 1703 वग िकलोमीटर एवं
जनसं या 17,07,643 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1003 ह। इस िजले का िलंगानुपात 922 मिहलाएँ ित 1000
पु ष ह। यहाँ क कल सा रता दर 71.77 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 80.72 ितशत तथा मिहला सा रता
दर 58.63 ितशत ह। इस िजले क सीमा से भोजपुर, रोहतास, कमूर िजले क सीमा लगती ह। यहाँ पर धान, गे ,
म ा एवं ग े का उ पादन ब तायत से िकया जाता ह। इस िजले म सोन, गंगा, कमनाशा निदय का वाह ह।
यहाँ व उ ोग, दरी उ ोग और कबल उ ोग आिद मुख उ ोग ह।
गया
बौ धम क तीथ और िहदू धम क आ था वाले इस िजले का गठन 1865 ई. म िकया गया। इस िजले का
कल े फल 4976 वग िकलोमीटर एवं इसक जनसं या 43,79,383 ह। इसक सीमावत िजले नवादा, नालंदा,
जहानाबाद एवं औरगाबाद ह। इस िजले क खंड क कल सं या 26 ह। यहाँ का जनसं या घन व 880 ह। यहाँ
पर ित 1000 पु ष पर 936 मिहला का अनुपात ह। इस िजले क सा रता दर 66.35 ितशत ह, जबिक पु ष
दर 80.11 ितशत व मिहला सा रता दर 59.71 ितशत ह। यहाँ पर फ गु नदी वािहत होती ह। धान, गे , आलू
एवं मसूर यहाँ क खा फसल ह। उ ोग-धंध म यहाँ पर चीनी उ ोग मुख ह।
जहानाबाद
मगध मंडल क इस िजले का गठन 1986 ई. म िकया गया ह। यहाँ का कल े फल 931 वग िकलोमीटर
एवं जनसं या 11,24,176 ह। कल जनसं या घन व 1206 ह। यहाँ का मिहला-पु ष िलंगानुपात 918 मिहला ित
1000 पु ष ह। इस िजले क सा रता दर 68.27 ितशत ह, जबिक पु ष सा रता दर 77.60 एवं मिहला सा रता
दर 55.01 ितशत ह। पटना, नालंदा, रोहतास एवं भोजपुर इस िजले क पड़ोसी िजले ह। धान, गे , दलहन,
ितलहन, ग ा, म ा यहाँ क मुख फसल ह। फ गु, दरधा, यमुिनया निदयाँ इस िजले से वािहत होती ह।
अरवल
अरवल िजले का गठन 1999 ई. म आ। इस िजले का े फल 638 वग िकलोमीटर एवं जनसं या 6,99,563
ह। यहाँ का जनसं या घन व 1099 ह। इस िजले का िलंगानुपात 927 ह। पु ष सा रता दर 79.06 ितशत,
मिहला सा रता दर 54.86 ितशत ह। जहानाबाद, गया, नवादा, पटना िजले इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म
खंड क कल सं या 5 ह। धान, गे , दलहन, ितलहन, म ा यहाँ क मुख फसल ह। फ गु नदी इस िजले से
होकर वािहत होती ह।
नवादा
नवादा िजले का े फल 2494 वग िकलोमीटर एवं इसक कल जनसं या 22,16,653 ह। इसम पु ष
जनसं या 11,45,123 एवं मिहला जनसं या 10,71,530 ह। यहाँ का जनसं या घन व 889 ह। यहाँ का
िलंगानुपात 921 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। इस िजले क कल सा रता दर 61.63 ितशत, िजसम पु ष
सा रता दर 69.98 ितशत एवं मिहला सा रता दर 48.86 ितशत ह। गया, नालंदा, शेखपुरा एवं जमुई इसक
सीमावत िजले ह। इस िजले म सकरी नदी वािहत होती ह। धान, गे , आलू, मसूर यहाँ क मुख फसल ह।
बीड़ी उ ोग यहाँ का मुख उ ोग ह।
औरगाबाद
औरगाबाद िजले का गठन मगध मंडल म 1973 ई. म िकया गया। यहाँ का कल े फल 3305 वग
िकलोमीटर तथा कल जनसं या 25,11,243 ह, िजसम पु ष क जनसं या 13,10,867 एवं मिहला क
जनसं या 12,00,376 ह। यहाँ का जनंस या घन व 760 ह। इस िजले का िलंगानुपात 916 ह। यहाँ क सा रता
दर 72.77 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 80.11 ितशत एवं मिहला सा रता दर 59.71 ितशत ह। गया,
जहानाबाद, अरवल एवं रोहतास यहाँ क सीमावत िजले ह। इस िजले म कल 11 खंड ह। धान, गे , मसूर यहाँ
क मुख फसल ह। कारपेट एवं लकट उ ोग यहाँ का मुख उ ोग ह। इस िजले से ओरगा और मोरहर निदयाँ
बहती ह।
सारण (छपरा)
सारण िजला को छपरा क नाम से भी जाना जाता ह। सारण मंडल का मु यालय इसी िजले म ह। इस िजले का
कल े फल 2641 वग िकलोमीटर एवं जनसं या 39,43,098 ह। इस िजले क कल पु ष जनसं या
20,23,476 एवं कल मिहला जनसं या 19,19,622 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1493 ह। इस िजले का
िलंगानुपात 949 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। यहाँ क सा रता दर 68.57 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर
77.03 ितशत एवं मिहला सा रता दर 54.42 ितशत ह। मुज फरपुर, वैशाली, पटना, भोजपुर, सीवान,
गोपालगंज एवं पूव चंपारण िजले क सीमा सारण िजले क सीमा से लगती ह। इस िजले क खंड क कल
सं या 20 ह। धान, गे , ग ा यहाँ क मुख फसल ह। गंगा, घाघरा एवं गंडक इस िजले से होकर वािहत
होनेवाली निदयाँ ह।
सीवान
1972 ई. म गिठत सारण मंडल क इस िजले का कल े फल 2219 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या
33,18,176 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1495 ह। यहाँ का िलंगानुपात 984 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह। सारण
एवं गोपालगंज इस िजले क सीमावत िजले ह। इस िजले म कल खंड क सं या 19 ह। यहाँ क कल सा रता
दर 71.59 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 80.23 ितशत एवं मिहला सा रता दर 58.66 ितशत ह। चीनी
िमल, पीतल एवं हथकरघा उ ोग यहाँ क मुख उ ोग ह। दाहा एवं झरही यहाँ क दो मुख निदयाँ ह। धान, गे
एवं ग ा इस िजले क मुख फसल ह।
गोपालगंज
सारण मंडल म गोपालगंज िजले का गठन 1973 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2033 वग
िकलोमीटर तथा जनसं या 25,58,037 ह। यहाँ पर कल पु ष जनसं या 12,69,677 एवं मिहला जनसं या
12,88,307 ह। इस िजले का लिगक अनुपात 1015 मिहला ित 1000 पु ष ह। यहाँ का जनसं या घन व 1298
ह। सीवान, सारण, पूव चंपारण एवं प. चंपारण इस िजले क पड़ोसी िजले ह। गोपालगंज िजले म कल 14 खंड
ह। धान, गे , म ा यहाँ क मुख फसल ह। खा , तेल िमल एवं चीनी िमल यहाँ क मुख उ ोग ह। यहाँ क
कल सा रता दर 67.04 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 76.51 ितशत एवं मिहला सा रता दर 54.81
ितशत ह।
मुज फरपुर
मुज फरपुर िजले का गठन 1875 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 3172 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 47,78,610 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1506 एवं िलंगानुपात 898 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
सीतामढ़ी, दरभंगा, सम तीपुर, वैशाली, सारण एवं पूव चंपारण इसक सीमावत िजले ह। यहाँ पर खंड क कल
सं या 16 ह। धान, गे , म ा, लीची, आम यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले क सा रता दर 65.68
ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.28 ितशत तथा मिहला सा रता दर 54.67 ितशत ह। चीनी िमल, थमल
पावर टशन, दवा उ ोग, वैगन फ टरी क उ ोग-धंधे इस िजले म अव थत ह। बागमती, बूढ़ी गंडक इस िजले
से भािवत होनेवाली मुख निदयाँ ह।
सीतामढ़ी
सीता क ज म थली सीतामढ़ी धािमक ि से िबहार म ा और आ था का मुख थान रखनेवाला एक
िजला ह। यहाँ का कल े फल 2294 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 34,19,622 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1491 एवं िलंगानुपात 899 मिहलाएँ ित 1,000 पु ष ह। िशवहर, पू. चंपारण, मुज फरपुर, दरभंगा,
मधुबनी इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , ितलहन, ईख और तंबाक यहाँ क मुख फसल ह। इस िजले क
सा रता दर 52.04 ितशत, िजसम पु ष सा रता दर 53.53 ितशत एवं मिहला सा रता दर 42.41 ितशत ह।
चीनी िमल एवं चावल एवं तेल िमल, िड टलरी लांट क उ ोग इस िजले म अव थत ह।
िशवहर
िशवहर िजले का गठन 1994 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 443 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 6,56,916 ह। यहाँ का जनसं या का घन व 1880 ह। यहाँ का िलंगानुपात 890 मिहलाएँ ित 1000
पु ष ह। सीतामढ़ी, मुज फरपुर एवं पूव चंपारण इसक सीमावत िजले ह। यहाँ पर खंड क कल सं या 5 ह।
धान, गे , ग ा यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले क सा रता दर 56.00 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता
दर 61.31 ितशत तथा मिहला सा रता दर 45.26 ितशत ह।
प मी चंपारण
िबहार का सवािधक े फल वाला िजला प मी चंपारण का कल े फल 5228 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 39,22,780 ह। इस िजले का िजला मु यालय बेितया ह। यहाँ का जनसं या घन व 753 ह। गोपालगंज
एवं पूव चंपारण इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , ग ा यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर
गंडक नदी वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 58.06 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 65.59 ितशत
तथा मिहला सा रता दर 44.69 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 906 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
पूव चंपारण
पूव चंपारण का कल े फल 3968 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 50,82,868 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1281 ह। गोपालगंज, प मी चंपारण, सारण, मुज फरपुर, िशवहर एवं सीतामढ़ी इसक सीमावत िजले ह।
धान, जूट, ग ा यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर गंडक एवं िशकरहना नदी वािहत होती ह।
यहाँ पर चीनी िमल एवं बटन उ ोग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर 58.26 ितशत ह, िजनम
पु ष सा रता दर 65.34 ितशत तथा मिहला सा रता दर 45.12 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 901
मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
वैशाली
वैशाली िजले का गठन 1972 ई. म िकया गया। इसका मु यालय हाजीपुर ह। वैशाली का कल े फल 2036
वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 34,95,249 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1717 ह। पटना, सम तीपुर, सारण
एवं मुज फरपुर इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म खंड क कल सं या 16 ह। धान, म ा, मसूर, गे ,
कला यहाँ क मु य किष फसले ह। इस िजले से होकर गंगा और गंडक नदी वािहत होती ह। यहाँ पर चीनी
िमल, गुल एवं जदा उ ोग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर 68.56 ितशत ह, िजनम पु ष
सा रता दर 75.41 ितशत तथा मिहला सा रता दर 56.73 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 892 मिहलाएँ
ित 1000 पु ष ह।
दरभंगा
दरभगा िजले का गठन 1875 ई. म िकया गया। इसका मु यालय दरभंगा ह। इस िजले का कल े फल 2279
वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 39,21,971 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1721 ह। सीतामढ़ी, सम तीपुर,
खगिड़या, सहरसा, मधुबनी एवं मुज फरपुर इसक सीमावत िजले ह। इस िजले म खंड क कल सं या 18 ह।
धान, मखाना यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर कमला और बलान नदी वािहत होती ह। यहाँ पर
चीनी िमल, कागज िमल, हथकरघा उ ोग, जूट एवं बीड़ी उ ोग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर
58.26 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 66.83 ितशत तथा मिहला सा रता दर 45.24 ितशत ह। इस िजले
का िलंगानुपात 910 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
मधुबनी
मधुबनी का कल े फल 3501 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 44,76,044 ह। यहाँ का जनसं या घन व
1279 ह। सीतामढ़ी, दरभंगा, सहरसा एवं सुपौल इसक सीमावत िजले ह। धान एवं मखाना यहाँ क मु य किष
फसल ह। इस िजले से कमला, भूतही और बलान निदयाँ वािहत होती ह। यहाँ पर चीनी िमल, खादी उ ोग, सूत
करघा उ ोग, िमिथला पिटग क कारखाने थत ह। इस िजले क सा रता दर 60.90 ितशत ह, िजसम पु ष
सा रता दर 70.14 ितशत तथा मिहला सा रता दर 46.16 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 925 मिहलाएँ
ित 1000 पु ष ह।
सम तीपुर
सम तीपुर का कल े फल 2904 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 42,54,762 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1465 ह। पटना, वैशाली, मुज फरपुर, दरभंगा, खगिड़या एवं बेगूसराय इसक सीमावत िजले ह। धान,
म ा, िमच एवं तंबाक यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से बूढ़ी गंडक, कोसी और बलान नदी वािहत
होती ह। यहाँ पर चीनी िमल, कागज उ ोग, जूट, सूत करघा उ ोग एवं िमिथला पिटग क कारखाने थत ह। इस
िजले क सा रता दर 63.81 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.25 ितशत तथा मिहला सा रता दर 51.51
ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 909 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
सहरसा
सहरसा िजले का गठन 1954 ई. म िकया गया। कोसी मंडल का मु यालय सहरसा िजले म थत ह। इस
िजले का कल े फल 1896 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 18,97,102 ह। यहाँ का जनसं या घन व
1125 ह। मधेपुरा, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा एवं खगिड़या इसक सीमावत िजले ह। धान, म ा, जूट एवं मखाना
यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से कोसी नदी वािहत होती ह। यहाँ पर जूट एवं बीड़ी क कारखाने थत
ह। इस िजले क सा रता दर 54.57 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 63.56 ितशत तथा मिहला सा रता दर
41.68 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 906 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
सुपौल
सुपौल िजले का गठन 1991 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2425 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 22,28,397 ह। यहाँ का जनसं या घन व 898 ह। मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा एवं अर रया इसक
सीमावत िजले ह। धान, म ा, गे एवं कला यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर कोसी नदी
वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 59.65 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 69.62 ितशत तथा
मिहला सा रता दर 44.74 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 925 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
मधेपुरा
सुपौल िजले का गठन 1981 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1788 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 19,94,618 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1116 ह। सहरसा, सुपौल, पूिणया, मधेपुरा एवं अर रया इसक
सीमावत िजले ह। धान एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से कोसी और कोरनी निदयाँ वािहत
होती ह। इस िजले क सा रता दर 53.76 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 61.77 ितशत तथा मिहला
सा रता दर 41.74 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 914 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
पूिणया
इस िजले का कल े फल 3229 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 32,73,127 ह। यहाँ का जनसं या
घन व 1014 ह। भागलपुर, किटहार, िकशनगंज, सुपौल, मधेपुरा एवं अर रया इसक सीमावत िजले ह। धान, गे
एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह। इस िजले से कोसी और
महानंदा निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 52.49 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता दर 59.6
ितशत तथा मिहला सा रता दर 42.34 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 6 ह। इस िजले का िलंगानुपात
920 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
अर रया
अर रया िजले का गठन 1990 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 2830 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 28,06,200 ह। यहाँ का जनसं या घन व 992 ह। पूिणया, िकशनगंज, सुपौल एवं मधेपुरा इसक
सीमावत िजले ह। धान, म ा एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह।
इस िजले से होकर कोसी, सुलरा, काली और कोली निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 55.10
ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 62.30 ितशत तथा मिहला सा रता दर 43.93 ितशत ह। इस िजले म
खंड क सं या 9 ह। इस िजले का िलंगानुपात 921 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
िकशनगंज
िकशनगंज िजले का गठन 1990 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1884 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 16,90,948 ह। यहाँ का जनसं या का घन व 898 ह। पूिणया, अर रया एवं किटहार इसक सीमावत
िजले ह। धान, गे , म ा एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह। इस
िजले से होकर महानंदा नदी वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 57.04 ितशत ह, िजसम पु ष सा रता
दर 63.66 ितशत तथा मिहला सा रता दर 46.76 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 7 ह। इस िजले का
िलंगानुपात 946 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
किटहार
किटहार िजले का गठन 1973 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 3,057 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 30,16,149 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1004 ह। िकशनगंज, पूिणया एवं भागलपुर इसक सीमावत
िजले ह। धान एवं जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ कागज िमल एवं जूट उ ोग का कारखाना अव थत ह।
इस िजले से होकर गंगा और महानंदा निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 53.56 ितशत ह, िजसम
पु ष सा रता दर 59.36 ितशत तथा मिहला सा रता दर 44.39 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 16
ह। इस िजले का िलंगानुपात 916 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
भागलपुर
इस िजले का कल े फल 2,570 वग िकलोमीटर एवं कल जनसं या 32,32,226 ह। यहाँ क जनसं या का
घन व 1180 ह। बाँका, मुंगेर, खगिड़या, मधेपुरा, पूिणया एवं किटहार इसक सीमावत िजले ह। धान, गे एवं
मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ रशम, थमल पावर, चीनी उ ोग, शराब उ ोग, सूती व उ ोग का
कारखाना अव थत ह। इस िजले से गंगा और कोसी निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 64.96
ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 70.30 ितशत तथा मिहला सा रता दर 54.89 ितशत ह। इस िजले म
खंड क सं या 16 ह। इस िजले का िलंगानुपात 879 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
बाँका
बाँका िजले का गठन 1991 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 3,019 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 20,29,339 ह। यहाँ का जनसं या घन व 672 ह। भागलपुर, मुंगेर एवं जमुई इसक सीमावत िजले ह।
ग ा, धान, गे यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ चीनी उ ोग का कारखाना अव थत ह। इस िजले से होकर
चानन, बेलहरनी, ब आ, ओरहनी और छीर निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 60.12 ितशत ह,
िजनम पु ष सा रता दर 67.62 ितशत तथा मिहला सा रता दर 47.66 ितशत ह। इस िजले म खंड क
सं या 11 ह। इस िजले का िलंगानुपात 907 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
मुंगेर
मुंगेर िजले का गठन 1832 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1,419 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 13,59,054 ह। यहाँ का जनसं या घन व 959 ह। खगिड़या, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, बाँका एवं
भागलपुर इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ बंदूक उ ोग का कारखाना
अव थत ह। इस िजले से होकर गंगा, मोहानी, हरोहर और िकऊल निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता
दर 73.30 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 77.74 ितशत तथा मिहला सा रता दर 62.08 ितशत ह। इस
िजले म खंड क सं या 09 ह। इस िजले का िलंगानुपात 879 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
लखीसराय
लखीसराय िजले का गठन 1994 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1,228 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 10,00,717 ह। यहाँ का जनसं या घन व 815 ह। पटना, बेगूसराय, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा एवं नालंदा
इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। यहाँ बालू उ खनन बड़ पैमाने पर िकया
जाता ह। इस िजले से होकर गंगा और िकऊल नदी वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 64.95 ितशत ह,
िजनम पु ष सा रता दर 71.26 ितशत तथा मिहला सा रता दर 52.57 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 900
मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
जमुई
जमुई िजले का गठन 1991 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 3,123 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 17,56,078 ह। यहाँ का जनसं या घन व 567 ह। नवादा, शेखपुरा, लखीसराय एवं मुंगेर इसक
सीमावत िजले ह। धान, गे , मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से होकर अजय नदी वािहत होती ह।
इस िजले क सा रता दर 62.16 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.24 ितशत तथा मिहला सा रता दर
47.28 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 921 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
खगिड़या
खगिड़या िजले का गठन 1980 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1,486 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 16,57,599 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1115 ह। सम तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, मधेपुरा,
सहरसा एवं दरभंगा इसक सीमावत िजले ह। धान, गे , म ा, जूट यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले से
गंगा, कोसी, गंडक एवं बागमती निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क सा रता दर 60.87 ितशत ह, िजनम पु ष
सा रता दर 65.25 ितशत तथा मिहला सा रता दर 49.56 ितशत ह। इस िजले म खंड क सं या 07 ह। इस
िजले का िलंगानुपात 883 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
शेखपुरा
शेखपुरा िजले का गठन 1994 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 689 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 6,34,927 ह। यहाँ का जनसं या घन व 922 ह। लखीसराय, जमुई, नालंदा एवं नवादा इसक सीमावत
िजले ह। धान, गे , मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले क सा रता दर 65.96 ितशत ह, िजनम पु ष
सा रता दर 73.56 ितशत तथा मिहला सा रता दर 53.40 ितशत ह। इस िजले का िलंगानुपात 926 मिहलाएँ
ित 1000 पु ष ह।
बेगूसराय
बेगूसराय िजले का गठन 1972 ई. म िकया गया। इस िजले का कल े फल 1,918 वग िकलोमीटर एवं कल
जनसं या 29,54,367 ह। यहाँ का जनसं या घन व 1540 ह। पटना, सम तीपुर, खगिड़या, मुंगेर एवं लखीसराय
इसक सीमावत िजले ह। गे , म ा, िमच, अरहर, मसूर यहाँ क मु य किष फसल ह। इस िजले म तेलशोधक,
ताप िव ुत, खाद का कारखाना अव थत ह। इस िजले से गंगा, गंडक निदयाँ वािहत होती ह। इस िजले क
सा रता दर 66.23 ितशत ह, िजनम पु ष सा रता दर 71.58 ितशत तथा मिहला सा रता दर 55.21 ितशत
ह। इस िजले म खंड क सं या 18 ह। इस िजले का िलंगानुपात 894 मिहलाएँ ित 1000 पु ष ह।
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26. यायपािलका
(Judiciary)
उ यायालय का े ािधकार
अधीन थ यायालय
भारत क संिवधान क अनु छद 214 से येक रा य म एक उ यायालय क यव था क गई ह, परतु दो या
दो से अिधक रा य क िलए एक ही उ यायालय, या एक बड़ी जनसं यावाले िकसी रा य क िलए एक से
यादा उ यायालय क यव था करना भारतीय संस का िवशेषािधकार ह। रा य म यायापािलका क शीष पर
उ यायालय ह। इसक नीचे िजला एवं सेशन यायाधीश का यायालय, नगर िसिवल और सेशन यायालय,
मु य याियक मिज ट, मु य महानगर मिज ट, मुंिसफ और अ य मिज ट आते ह। रा य का उ यायालय
एक मु य यायाधीश एवं अ य यायाधीश से िमलकर बनता ह, िजनक िनयु रा पित क ारा समय-समय
पर क जाती ह। देश म यायाधीश क कल सं या क आधार पर सबसे यादा यायाधीश क सं या वाला
इलाहाबाद उ यायालय ( वीकत पद 160) ह। िबहार म उ यायालय म इस समय यायाधीश क सं या
मु य यायाधीश सिहत 30 ह। इसक थापना 3 फरवरी, 1916 को पटना म क गई।
यो यताएँ
उ यायालय म यायाधीश क िनयु क िलए िन निलिखत यो यताएँ िनधा रत क गई ह—
1. वह भारत का नाग रक हो।
2. कम-से-कम दस वष तक भारत म याियक पद पर रह चुका हो।
3. िकसी रा य क उ यायालय म या एक से अिधक रा य क उ यायालय म कम-से-कम दस वष तक
अिधव ा क प म सेवा दे चुका हो।
उ यायालय क यायाधीश 62 वष क उ तक अपने पद पर बने रहते ह। वयं ारा याग-प देने या
संस क दोन सदन म कदाचार अथवा असमथता क आरोप पर महािभयोग लाकर एवं उसे दोन सदन म अलग-
अलग उप थत सद य क दो-ितहाई ब मत से और कल सद य क ब मत से पा रत करने पर या रा पित ारा
िकसी अ य रा य क उ यायालय म थानांतरण िकए जाने पर या सव यायालय म यायाधीश क प म
िनयु होने पर उ यायालय क यायाधीश का पद र हो सकता ह। उ यायालय क यायाधीश क वेतन
तथा भ े रा य क संिचत िनिध से िदए जाते ह। इ ह रा यपाल क सम पद एवं गोपनीयता क शपथ लेनी पड़ती
ह।
उ यायालय का े ािधकार
अधीन थ यायालय क संबंध म िविभ उपबंध संिवधान क अनु छद 233 से 236 तक उ िखत ह।
रा य क येक िजला म एक िजला अदालत होती ह।
संिवधान क अनु छद 226 क अनुसार मौिलक अिधकार से संबंिधत कोई भी मामला सीधे उ यायालय म
लाया जा सकता ह। मौिलक अिधकार को लागू करवाने क िलए उ यायालय को िन निलिखत पाँच कार क
लेख जारी करने का अिधकार ह— (क) बंदी य ीकरण आदेश, (ख) परमादेश लेख, (ग) ितषेध लेख, (घ)
अिधकार पृ छा लेख, (ड.) उ ेषन लेख।
तलाक, वसीयत, जल, सेना िवभाग, यायालय का अपमान, कपनी कानून आिद से संबंिधत अिभयोग भी उ
यायालय क आरिभक अिधकार े म आते ह।
अधीन थ यायालय क िनणय क िव दीवानी मुकदम म उ यायालय अपील सुन सकता ह, िजसम
5000 या उससे अिधक रकम या संपि का न हो।
अधीन थ यायालय क िनणय क िव फौजदारी मुकदम क अपील उ यायालय सुन सकता ह, िजसम
अपराधी को चार वष अथवा इससे अिधक समय क िलए कद क सजा दी गई ह।
िजला एवं सेशन जज क ारा ह या क मुकदमे म मृ यु दंड क सजा उ यायालय क बगैर पुि क मा य
नह होती।
संिवधान क या या से संबंिधत िकसी मामले म उ यायालय म अपील क जा सकती ह।
सव यायालय क तरह उ यायालय को भी कानून संबंधी याियक पुनरावलोकन का अिधकार ा ह।
संस तथा रा य िवधानमंडल ारा बनाए गए िकसी ऐसे कानून को उ यायालय असंवैधािनक घोिषत कर
सकता ह, जो संिवधान क िकसी अनु छद क िव हो, लेिकन उ यायालय क िकसी ऐसे िनणय क िव
सव यायालय म अपील क जा सकती ह।
उ यायालय क िनणय क िव सव यायालय म अपील क जा सकती ह, लेिकन इसक िलए संबंिधत
उ यायालय क आ ा आव यक ह, परतु सव यायालय िकसी भी उ यायालय क िदए गए आदेश क
िव वे छा से अपील ले सकता ह।
उ यायालय अपने अधीन थ यायालय क कारवाई का िववरण माँग सकता ह। िकसी अधीन थ यायालय
से िकसी दूसर अधीन थ यायालय म िकसी मुकदमे को थानांत रत कर सकता ह। अधीन थ यायालय क
कमचा रय क वेतन, भ े तथा सेवा से संबंिधत िनयम िनधा रत कर सकता ह। अधीन थ यायालय म कमचा रय
क िनयु कर सकता ह।
अधीन थ यायालय
उ यायालय क अधीन कई ेणी क यायालय होते ह, उ ह अधीन थ यायालय क ेणी म रखा जाता ह।
अधीन थ यायालय क संबंध म िविभ उपबंध संिवधान क अनु छद 233 से 236 तक उ िखत ह। रा य क
येक िजले म एक िजला अदालत होती ह। संबंिधत िजले क अपील संबंधी े ािधकार उस िजला अदालत क
होते ह। अित र िजला अदालत, कोट, मुंिसफ मिज टरट अदालत, तीय ेणी िवशेष याियक मिज टरट
अदालत, रलवे क िलए िवशेष याियक मिज टरट अदालत आिद िजला अदालत क अधीन काम करती ह। िजला
अदालत मु यतः अधीन थ यायालय से आई अपील का िनपटारा करती ह। अधीन थ यायालय म एक िजला
यायाधीश का यायालय और दूसरा मुंिसफ यायाधीश का यायालय होता ह। िजला यायाधीश क यायालय म
अित र यायाधीश, संयु यायाधीश और सहायक यायाधीश क अदालत स मिलत होती ह। अधीन थ
यायालय क दूसर ेणी क यायालय मुंिसफ यायाधीश या दीवानी यायाधीश क नाम से जाने जाते ह, िजनक
थापना िजला तर पर क जाती ह। िजला यायाधीश क िनयु रा य क रा यपाल संबंिधत उ यायालय क
परामश से करते ह। िजला यायाधीश क िनयु क िलए संबंिधत य को क या रा य क याियक सेवा म
होना या कम-से-कम सात वष का अिधव ा का अनुभव रखना अिनवाय ह।
मु य यायाधीश क सूची
.-1
मु य यायाधीश : यायमूित डिवड ऐजरा रयूबेन
कब से : 01.06.1052
कब तक : 02.09.1953
.-2
मु य यायाधीश : यायमूित सर सैयद जाफर इमाम
कब से : 03.09.1953
कब तक : 10.01.1955
.-3
मु य यायाधीश : यायमूित सुधांशु कमार दास
कब से : 10.01.1955
कब तक : 30.04.1956
.-4
मु य यायाधीश : यायमूित िव ानाथीयर रामा वामी
कब से : 30.04.1956
कब तक : 04.01.1965
.-5
मु य यायाधीश : यायमूित रामा वामी ल मी नरिसंहन
कब से : 04.01.1965
कब तक : 02.08.1968
.-6
मु य यायाधीश : यायमूित सतीश चं िम
कब से : 09.11.1968
कब तक : 05.09.1970
.-7
मु य यायाधीश : यायमूित उ ल नारायण िस हा
कब से : 05.09.1970
कब तक : 29.09.1972
.-8
मु य यायाधीश : यायमूित नंदलाल ऊटवािलया
कब से : 29.09.1972
कब तक : 03.10.1974
.-9
मु य यायाधीश : यायमूित याम नंदन साद िसंह
कब से : 03.10.1974
कब तक : 01.05.1976
. - 10
मु य यायाधीश : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह
कब से : 19.07.1976
कब तक : 12.03.1983
. - 11
मु य यायाधीश : यायमूित सुरजीत िसंह संधावािलया
कब से : 29.11.1983
कब तक : 27.07.1987
. - 12
मु य यायाधीश : यायमूित भगवती साद झा
कब से : 02.01.1988
कब तक : 01.05.1988
. - 13
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार सेन
कब से : 01.05.1988
कब तक : 01.05.1989
. - 14
मु य यायाधीश : यायमूित सुशील कमार झा
कब से : 19.10.1989
कब तक : 23.10.1989
. - 15
मु य यायाधीश : यायमूित गंगाधर गणेश सोनी
कब से : 24.10.1989
कब तक : 17.12.1990
. - 16
मु य यायाधीश : यायमूित िवमल चं साद
कब से : 18.03.1991
कब तक : 21.10.1994
. - 17
मु य यायाधीश : यायमूित क ण वामी सुंदर प रपूणन
कब से : 24.10.1994
कब तक : 11.06.1994
. - 18
मु य यायाधीश : यायमूित क. वकट वामी
कब से : 19.09.1994
कब तक : 06.03.1995
. - 19
मु य यायाधीश : यायमूित गोिवंद व भ पटनायक
कब से : 19.05.1995
कब तक : 11.09.1995
. - 20
मु य यायाधीश : यायमूित देव ताप बाधवा
कब से : 29.09.1995
कब तक : 21.03.1997
. - 21
मु य यायाधीश : यायमूित बृजमोहन लाल
कब से : 09.07.1997
कब तक : 06.10.1999
. - 22
मु य यायाधीश : यायमूित रिव व प धवन
कब से : 25.01.2000
कब तक : 22.07.2004
. - 23
मु य यायाधीश : यायमूित जे.एन. भ
कब से : 18.07.2005
कब तक : 16.10.2007
. - 24
मु य यायाधीश : यायमूित राजेश वािलया
कब से : 05.01.2008
कब तक : 30.03.2008
. - 25
मु य यायाधीश : यायमूित राज मल लोढ़ा
कब से : 13.05.2008
कब तक : िदसंबर, 2008
. - 26
मु य यायाधीश : यायमूित जे.वी. कोशी
कब से : माच, 2009
कब तक : 13.05.2009
. - 27
मु य यायाधीश : यायमूित फ कमार िम ा
कब से : 12.08.2009
कब तक : 17.09.2009
. - 28
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार िम ा
कब से : 23.12.2009
कब तक : 24.05.2010
. - 29
मु य यायाधीश : यायमूित रखा एम. दोिशत
कब से : 21.06.2010
कब तक : 12.12.2014
. - 30
मु य यायाधीश : यायमूित िलंगाला नरिस हा र ी
कब से : 02.01.2015
कब तक : 01.08.2015
. - 31
मु य यायाधीश : यायमूित इकबाल अहमद अंसारी
कब से : 03.08.2015
कब तक : 29.10.2016
. - 32
मु य यायाधीश : यायमूित हमंत गु ा
कब से : 29.10.2016
कब तक : ------
q
27. थानीय वशासन
(Local Government)
ाम पंचायत
पंचायत सिमित
िजला प रष
नगरीय वशासन
ामीण तर पर वशासन
भारत म पंचायती राज णाली का ारभ 1957 म क सरकार ारा गिठत बलवंत राय मेहता सिमित क
अनुशंसा क आधार पर राज थान क नागौर िजले म 2 अ ूबर, 1959 को ि तरीय यव था क प म आ
था। ि तरीय यव था म ाम तर पर ाम पंचायत, खंड तर पर पंचायत सिमित तथा िजला तर पर िजला
प रष क यव था का ावधान िकया गया। 1978 म पंचायती राज से संबंिधत अशोक मेहता सिमित ने इस
णाली का मू यांकन करक अपना ितवेदन िदया। सिमित क सबसे मह वपूण िसफा रश पंचायत को तरीय
बनाने क थी। 1985 म योजना आयोग ने जी.वी.क.राव क अ य ता म एक सिमित गिठत क , िजसका उ े य
गरीबी उ मूलन और ामीण िवकास हतु काय म का पुनरावलोकन करना था। इस आयोग ने पंचायत णाली म
सुधार कर उसे सश बनाने क सुझाव िदए। एक वष बाद 1986 म डॉ. ल मीम िसंघवी क अ य ता म एक
सिमित बनी, िजसने पंचायत णाली को पुनज िवत करने क िसफा रश क । 1988 म संसदीय परामश सिमित क
एक उप-सिमित ने, िजसक अ य पी.क. थुंगन थे, पंचायत को संवैधािनक दजा िदए जाने क िसफा रश क ।
िबहार सरकार ने सव थम िबहार पंचायत सिमित तथा िजला प रष अिधिनयम, 1961 पा रत िकया, िजसको 17
फरवरी, 1962 को कानून का दजा दे िदया गया। इस अिधिनयम से ामीण े म थानीय िनकाय क िलए तीन
इकाई ाम पंचायत, पंचायत सिमित और िजला प रष का िनमाण िकया गया। इस अिधिनयम से वष 1952,
1955, 1958, 1965, 1972 एवं 1978 म पंचायत चुनाव कराए गए, लेिकन िविधक समथन क अभाव म ऐसी
िनवािचत ाम पंचायत वाय ता क ि से िवफल रह ।
वतमान पंचायती राज यव था संिवधान क 73व संशोधन क ारा 11व अनुसूची को जोड़कर लागू क गई ह।
इस संशोधन क ारा ि तरीय पंचायती राज यव था को अपनाया गया ह, िजसम ाम पंचायत, पंचायत सिमित
एवं िजला प रष का तर शािमल ह।
ाम पंचायत
भारतीय संस ारा 73वाँ संिवधान संशोधन िवधेयक, 1992 क पा रत िकए जाने पर िबहार सरकार ने
वष 2006 म िबहार रा य पंचायती राज अिधिनयम लागू िकया।
ाम पंचायत शासन क सबसे छोटी इकाई ह। भारतीय संस ारा 73वाँ संिवधान संशोधन िवधेयक, 1992
क पा रत िकए जाने पर िबहार सरकार ने वष 2006 म िबहार रा य पंचायती राज अिधिनयम लागू िकया। इस
यव था से िबहार म ि तरीय पंचायती राज यव था लागू हो गई। िबहार म ाम पंचायत क छह अंग— ाम
सभा, कायका रणी सिमित, मुिखया, ाम सेवक, ाम र ा दल एवं ाम कचहरी होते ह। येक पंचायत अपने
थम अिधवेशन से पाँच वष तक क अविध तक काय करती ह। यिद पंचायत पहले िवघिटत कर दी गई ह तो
िवघटन क तारीख से छह माह क भीतर िनवाचन करा लेने का ावधान ह। समय-पूव िवघिटत पंचायत जब
पुनगिठत क जाती ह तो वह अविश अविध क िलए ही गिठत क जाती ह। यिद अविश अविध छह माह से
कम हो तो िनवाचन कराना अप रहाय नह ह। संिवधान क अनु छद 243(च) से रा य िवधानमंडल क िलए
िनवािचत होने क अहता रखनेवाले सभी य पंचायत का सद य होने क िलए यो यताधारी ह गे, लेिकन उनक
यूनतम उ 21 वष होनी चािहए। संिवधान क अनु छद 243 (घ) से हर ाम पंचायत म अनुसूिचत जाितय एवं
जनजाितय क िलए उनक जनसं या क अनुपात म आर ण देने का ावधान ह। ाम पंचायत क सभी कोिटय
म एकल पद सिहत सभी पद पर सरकार ारा मिहला क िलए 50 ितशत आर ण क यव था क गई ह।
वतमान (वष 2016) म कल पंचायत एवं कल ाम कचह रय क सं या 8398 ह।
ाम पंचायत क िवधाियका ाम सभा होती ह। गाँव म रहनेवाले सभी 18 वष या उससे यादा उ क नाग रक
इसक सद य होते ह। इसक वष म कम-से-कम दो बैठक अिनवाय प से होनी ज री ह। ाम पंचायत क
शासन से संबंिधत काय क वीकित, वािषक बजट, लेखा-जोखा क वीकित, कर संबंधी ताव पर िवचार
करना आिद इसक मुख काय ह।
येक ाम पंचायत म कायका रणी सिमित होती ह, िजसका धान मुिखया होता ह। मुिखया क अलावा
कायका रणी सिमित म आठ सद य होते ह। मुिखया ाम पंचायत क कायपािलका का धान होता ह। वह
कायका रणी सिमित क बैठक बुलाता ह तथा उसक अ य ता करता ह। ामीण तर क सरकारी कमचा रय पर
िनयं ण, कायका रणी सिमित क सुझाव पर जुमाना लगाना एवं कछ े म नए कर लगाना आिद मुिखया क
मु य काय ह। मुिखया का चुनाव ाम सभा क मतदाता क ारा पंचायत चुनाव म य ितिनिध व णाली
क आधार पर िकया जाता ह। कायका रणी सिमित क सद य अपने म से एक सद य को उप-मुिखया क प म
नािमत करते ह। मुिखया क अनुप थित म उसक काय का संपादन उप-मुिखया ारा िकया जाता ह, लेिकन उप-
मुिखया छह महीने से अिधक मुिखया क प म लगातार काय नह कर सकता।
येक ाम पंचायत का एक कायालय होता ह, िजसम एक सरकारी कमचारी पंचायत सेवक क प म काय
करता ह। पंचायत सिचव ाम पंचायत क मुिखया क सिचव क प म काय का संचालन करता ह।
ाम पंचायत क यायपािलका को ाम कचहरी क नाम से जाना जाता ह। थानीय वशासन क सं था म
ाम पंचायत ही एक सं था ह, िजसको याय करने क श ा ह। ाम पंचायत क काय क िन पादन क
िलए पंच सिहत सरपंच चुनाव क मा यम से चुने जाते ह। इनका कायकाल भी पाँच वष का होता ह। मुिखया एवं
कायका रणी सिमित का कोई भी सद य ाम कचहरी का सद य नह बन सकता।
आिथक िवकास और सामािजक याय क योजनाएँ तैयार करना एवं उनका ि या वयन, 11व अनुसूची से िदए
गए िवषय , जैसे—भूिम सुधार, लघु िसंचाई, पशुपालन, म यपालन, िश ा, मिहला एवं बाल िवकास से संबंिधत
योजना को बनाना एवं उनका ि या वयन ाम पंचायत का मुख काय ह। संिवधान क 11व अनुसूची म रा य
िवधानमंडल एवं पंचायत क बीच श का िवभाजन उसी कार िकया गया ह जैसे संिवधान क सातव अनुसूची
म संघ और रा य िवधानमंडल क बीच ह। रा य िविध ारा िकसी पंचायत को कर, शु क, पथकर आिद का
उद हण करने, उनका सं ह करने और उ ह िविनयोिजत करने क िलए ािधकत कर सकता ह। रा य सरकार
ारा संगृहीत कर, शु क आिद भी पंचायत को िदए जा सकते ह। रा य क संिचत िनिध म से पंचायत को
सहायता अनुदान भी िदया जा सकता ह।
रा य सरकार येक पाँच वष बाद पंचायत क िव ीय थित का िनरी ण करने क िलए एक िव आयोग का
गठन करती ह, जो पंचायत िव आयोग क नाम से जाना जाता ह। रा य क ारा उ ृहीत कर का रा य एवं
पंचायत क बीच िवतरण, कौन से कर शु क, पथकर आिद पंचायत को समुिनदेिशत िकए जाएँग,े का िनधारण,
पंचायत क िलए सहायता अनुदान, पंचायत क िव ीय थित सुधारने क िलए कोई िनदश से संबंिधत सुझाव
पंचायत िव आयोग रा य सरकार को देता ह।
पंचायत सिमित
संिवधान क 11व अनुसूची म रा य िवधानमंडल एवं पंचायत क बीच श का िवभाजन उसी कार
िकया गया ह जैसे संिवधान क सातव अनुसूची म संघ और रा य िवधानमंडल क बीच ह।
पंचायत सिमित खंड तर पर थानीय वशासन क इकाई ह। इसक चार मुख अंग पंचायत सिमित, मुख
एवं उप मुख, थायी सिमित तथा खंड िवकास पदािधकारी होते ह। पंचायत सिमित क सद य का चुनाव
पंचायत चुनाव क दौरान ही िकया जाता ह। येक पाँच हजार क आबादी पर पंचायत सिमित क एक सद य
का िनवाचन िकया जाता ह। इसक अलावा उस खंड क ाम पंचायत क मुिखया, वह खंड िजस िवधानसभा
े म ह, उसक िवधायक, िजस लोकसभा े म ह, उसक सांसद भी पंचायत सिमित क सद य होते ह।
सिमित म भी अबादी क अनुपात म अनुसूिचत जाित, जनजाित तथा िपछड़ी जाित क िलए आर ण क यव था
ह। इसक अलावा येक ेणी का 50 ितशत उसी ेणी क मिहला क िलए भी आरि त होता ह। चुने ए
सद य अपने म एक मुख तथा उप- मुख का िनवाचन पाँच वष क िलए करते ह। येक खंड म रा य
सरकार रा य लोक सेवा आयोग क अनुशंसा पर एक खंड िवकास पदािधकारी क िनयु करती ह। वह
पंचायत सिमित का कायपालक पदािधकारी तथा सिचव होता ह। पंचायत सिमित क अंतगत िविभ िवषय पर
तीन सिमितय क गठन क यव था ह। वतमान म कल पंचायत सिमितय क सं या 534 ह।
पंचायत सिमित को रा य सरकार या थानीय ािधकार या िजला प रष से ा अनुदान, सरकार क पूवानुमित
से िलया गया ऋण या सिमित क ारा एकि त पथ कर या िविभ कार क कर से आय ा होती ह। सभी
ाम पंचायत क वािषक योजना पर िवचार तथा उसे िजला प रष म तुत करना, सिमित का वािषक बजट
बनाना, सरकार या िजला प रष क ारा िदए गए काय का िन पादन, ाकितक आपदा क समय राहत का
काय करना आिद पंचायत सिमित क मु य काय ह।
िजला प रष
पंचायती राज णाली क िजले म सव सं था िजला प रष होती ह। इसक अंतगत िजले क सभी पंचायत
सिमितयाँ आती ह। िजला प रष क चार मुख अंग होते ह—िजला प रष , अ य और उपा य , थायी
सिमितयाँ तथा िजला िवकास पदािधकारी। िजला प रष म िजले क सभी पंचायत सिमितय क मुख, संबंिधत
िवधानसभा और लोकसभा क सद य, िजनका िनवाचन े उस िजले म पूणतः या अंशतः हो, रा य िवधानप रष
और रा यसभा क वे सभी सद य, जो उस िजले क रहनेवाले ह एवं ित पचास हजार क आबादी पर एक
सद य, जो िनवािचत होते ह, सद य होते ह। येक िजला प रष का एक अ य एवं उपा य होता ह, िजनका
िनवाचन िजला प रष क सद य अपने सद य क बीच से पाँच वष क िलए करते ह। वतमान (2016) म सभी
38 िजल क िलए कल 38 िजला प रष काय कर रही ह।
इसम रा य सरकार क ारा उस े क अनुसूिचत जाितय , अनुसूिचत जनजाितय एवं िपछड़ वग क
िलए थान आरि त करने का ावधान ह। आरि त थान येक अलग-अलग चुनाव म मवार बदलते
रहते ह।
िजला प रष अ य रा य सरकार और संबंिधत िजले क बीच िवकास से संबंिधत काय क कड़ी क प म
काय करता ह। येक वष िजला प रष क सिचव क काय का ितवेदन िजलािधकारी क पास भेजना, खंड एवं
पंचायत सिमितय क काय क िनगरानी करना भी अ य का मह वपूण काय ह। िजला िवकास आयु िजला
प रष का सिचव होता ह। सिचव िजला प रष का मुख परामशदाता तथा सभी सिमितय क बीच सम वय
थािपत करनेवाला पदािधकारी होता ह।
ामीण हाट और बाजार का अिध हण एवं उनका र ण, पंचायत सिमित या ाम पंचायत को अनुदान दान
करना, संकट क समय राहत हतु उपाय करना, िजला तर पर तैयार क गई िवकास योजना का सम वयन, एक
खंड से अिधक म होनेवाली प रयोजना का काया वयन आिद िजला प रष क मुख काय ह। सरकार ारा
िनधा रत दर से घाट कर, िबजली शु क, नाव व सवारी पंजीयन पर शु क, तीथ थान एवं मेल म सफाई
यव था पर शु क, मेला आिद क िलए लगाया गया शु क, जल शु क, सरकार क ारा ा अनुदान आिद क
ारा िजला प रष अपने काय क िन पादन हतु धन इक ा करती ह।
नगरीय वशासन
भारत म संिवधान क 74व संशोधन क ारा भाग 8(क) को थािपत करते ए नगरीय भारत क िलए थानीय
वाय शासन क सं थाएँ यव थािपत क गई ह। इसक पहले नगरपािलका सिमितयाँ और नगर िनगम अ त व
म थे। अनु छद 243(थ) क अनुसार तीन कार क नगरपािलकाएँ हो सकती ह—
1. ामीण तर से नगरीय े म सं मणशील े क िलए नगर पंचायत।
2. छोट नगरीय े क िलए नगर प रष ।
3. बड़ नगरीय े क िलए नगर िनगम।
इसक अलावा कोई ऐसा नगर े , िजसे रा य सरकार ारा औ ोिगक नगर थािपत करने का ल य हो या
औ ोिगक नगर घोिषत िकया जा चुका हो, क िलए एक नगरीय वाय शासन क थापना क जा सकती ह।
नगरपािलका म िनवािचत पाषद क सं या उस शहरी े क जनसं या क आधार पर िनधा रत वाड क
अनुसार होती ह। िविभ ेणी क नगरपािलका म सभी पाषद संस एवं रा य िवधानमंडल क ितिनिधय क
िलए सुरि त थान को छोड़कर, उस नगरपािलका े क मतदाता ारा य िनवाचन क ारा चुने जाते
ह। इसम रा य सरकार क ारा उस े क अनुसूिचत जाितय , अनुसूिचत जनजाितय एवं िपछड़ वग क िलए
थान आरि त करने का ावधान ह। आरि त थान येक अलग-अलग चुनाव म मवार बदलते रहते ह।
चुनाव क बाद गिठत नगरपािलका िकसी कारण पहले भंग न क गई हो तो अगले पाँच वष तक यह काय करती
रहती ह।
येक नगरपािलका को उस नगर े क जनसं या क आधार पर वाड म िवभािजत िकया जाता ह। नगर
िनगम क िलए 10 लाख से ऊपर जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम वाड पाषद क सं या 75 एवं यूनतम
67, 5 लाख से ऊपर तथा 10 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 67 एवं यूनतम 57, 2 लाख
से 5 लाख तक जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 57 एवं यूनतम 45 पाषद का िनधारण िकया गया ह।
नगर प रष क िलए 1.5 लाख से ऊपर तथा 2 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए वाड पाषद क सं या
45 एवं यूनतम 42, 1 लाख से ऊपर 1.5 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 42 एवं यूनतम
37, 40 हजार से ऊपर और 1 लाख से नीचे जनसं या वाले नगर क िलए अिधकतम 37 एवं यूनतम 25 वाड
पाषद का िनधारण िकया गया ह। नगर पंचायत े क िलए अिधकतम 25 एवं यूनतम 10 वाड पाषद का
ावधान ह।
नगरपािलका क वाड पाषद बनने क िलए िन न यो यताएँ िनधा रत ह—
कोई भी य , जो भारत का नाग रक हो।
यूनतम 21 वष क उ का हो।
रा य िवधानसभा क िनवाचन क िलए यो य हो।
नगरपािलका क कर का बकाया उस पर न हो।
दो या दो से कम संतान ह ।
वतमान म कल नगर िनगम क सं या 12 ह, िजसम भागलपुर, दरभंगा, गया, नालंदा, मुंगेर, किटहार,
भोजपुर, बेगूसराय, मुज फरपुर, पटना, पूिणया एवं छपरा नगर िनगम शािमल ह।
वतमान म कल नगर िनगम क सं या 12 ह, िजसम भागलपुर, दरभंगा, गया, नालंदा, मुंगेर, किटहार, भोजपुर,
बेगूसराय, मुज फरपुर, पटना, पूिणया एवं छपरा नगर िनगम शािमल ह। नगर िनगम, थायी सिमित, महापौर एवं
उप-महापौर तथा नगर आयु , नगर िनगम क चार अंग ह। रा य म रा य िनवाचन आयोग ने िबहार नगर पािलका
अिधिनयम 2007 क धारा 29 क ावधान क तहत दजन भर नगर िनगम क अ य पद म आर ण तय कर
इसक अिधसूचना जारी कर दी ह। इसक अनुसार मिहला क िलए 5 पद आरि त िकए गए ह। इनम पटना,
आरा, िबहारशरीफ, भागलपुर (िपछड़ा वग) तथा दरभंगा नगर िनगम शािमल ह। वह 5 नगर िनगम —मुंगेर,
बेगूसराय, पूिणया, किटहार एवं छपरा म मु य पाषद पद को अनारि त रखा गया ह। मुज फरपुर नगर िनगम को
िपछड़ा वग तथा गया नगर िनगम को अनुसूिचत जाित क िलए आरि त िकया गया ह। महापौर एवं उप-महापौर
तथा सात अ य पाषद को िमलाकर नगर िनगम क कोई थायी सिमित बनती ह। नगर आयु महापौर क धान
सिचव का काय करते ह। नगर आयु भारतीय शासिनक सेवा या िबहार शासिनक सेवा क कोई अिधकारी
बनते ह। इसक अलावा नगर िनगम म नगर िव एवं लेखा िनयं क, महालेखाकार क वरीय लेखा या िबहार िव
सेवा या िबहार लेखा सेवा से कोई अिधकारी, नगर आंत रक अंक क; मु य नगर अिभयंता, मु य नगर वा य
पदािधकारी, नगर वा तुिव , नगर िविध पदािधकारी, नगर सिचव, तीन अपर नगर आयु आिद पदािधकारी काम
करते ह। पटना नगर िनगम क थापना 1952 ई. म ई थी। वतमान म पटना नगर िनगम म वाड क सं या 67
ह।
वतमान म िबहार क कल नगर प रषद क सं या 42 तथा कल नगर पंचायत क सं या 86 ह। नगर िनगम क
पाषद होने क िलए सभी यो यताएँ नगर प रष एवं नगर पंचायत क पाषद क िलए भी ज री ह। नगर प रष ,
थायी सिमित, नगर सभापित एवं नगर कायपालक पदािधकारी, नगर प रष क अंग ह। नगर पंचायत, थायी
सिमित, नगर अ य एवं नगर कायपालक पदािधकारी नगर पंचायत क िविभ अंग ह। नगर सभापित, नगर उप-
सभापित एवं पाँच पाषद को िमलाकर थायी सिमित का गठन िकया जाता ह। नगर अ य , नगर उपा य और
तीन अ य पाषद को िमलाकर नगर पंचायत म एक थायी सिमित का गठन िकया जाता ह।
नगर िनगम, नगर प रष एवं नगर पंचायत क चुनाव क बाद होनेवाली पहली बैठक म पाषद क ारा अपने म
से मु य पाषद एवं उप-मु य पाषद का चुनाव िकया जाता ह। मु य पाषद अपने पद से मंडलीय आयु क
नािमत आवेदन क ज रए याग-प दे सकता ह। पाषद क कल सं या क कम-से-कम एक-ितहाई सद य क
िलिखत अनुरोध पर पाषद क पूण सं या क ब मत से मु य पाषद एवं उप-मु य पाषद को पद से हटाया जा
सकता ह। नगर कायपालक पदािधकारी, नगर िव पदािधकारी, नगर अिभयंता, नगर वा य पदािधकारी, नगर
सिचव, नगरपािलका आंत रक अंक क आिद नगर प रष एवं नगर पंचायत क पदािधकारी होते ह। नगर िनगम क
मु य पाषद को महापौर तथा उप-मु य पाषद को उप-महापौर क नाम से जाना जाता ह। नगर प रष क मु य
पाषद को नगर सभापित एवं उप-मु य पाषद को नगर उप-सभापित क नाम से जाना जाता ह। नगर पंचायत क
मु य पाषद को नगर अ य एवं उप-मु य पाषद को नगर उपा य क नाम से जाना जाता ह। नगर कायपालक
पदािधकारी नगर सभापित तथा नगर अ य क मु य सिचव का काय करते ह।
नगर म जल आपूित, जल िनकासी, ठोस अपिश , गंदी ब ती उ यन, सड़क , फटपाथ , पुल आिद का
िनमाण एवं संर ण, वृ ारोपण, प रवहन णाली, बाजार, पयावरण को दूषण मु करने का उपाय करना
आिद नगरपािलका क मुख काय ह। इसक अलावा रा य सरकार या क सरकार क ारा िच त काय भी
नगर पािलका क काय-सूची म रहते ह।
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28. मुख आिथक संकतक
(Main Economic Indicators)
जनसां यक (Demographic Profile)
रा य घरलू उ पाद (State Domestic Product)
िबहार म आिथक संरचना (Bihar Economic Structure)
िबहार म े ीय िवषमता (Regional Disparity in Bihar)
िबहार राजकोषीय नीित (Bihar Fiscal Policy)
वतमान दशक म िबहार क अथ यव था का िवकासमूलक दशन िनरतर जारी ह। वष 2005-06 से 2014-15
क बीच रा य क अथ यव था का िवकास 10.5 ितशत क वािषक दर से आ, जो देश क सभी मुख रा य
क बीच लगभग सवािधक ह। िवकास संबंधी यह दशन रा ीय अथ यव था क िन न वृ दर क पृ भूिम म
और भी अिधक सराहनीय ह। िबहार रा य ने अपने अिधक िवकासमूलक यय क ज रए रा ीय अथ यव था को
नुकसान प चानेवाले बृह आिथक अवरोध से रा य क अथ यव था को नुकसान प चाने से बचा िलया ह। रा य
सरकार ने न कवल अपनी आिथक वृ दर को अिधक रखा, ब क अपने समावेशी िवकास क ल य को भी
पूरा करने म सफल रही ह। यह आिथक वृ दर किष े म उ वृ दर एवं जनसं या क िनचले पायदान
को लाभ प चानेवाले अनेक क याणकारी काय म क कारण संभव ई ह।
2011-12 से 2015-16 क बीच रा य सकल घरलू उ पाद क दर 7.6 ितशत ा ई, जो रा ीय
अथ यव था क आिथक वृ दर 6.8 ितशत क तुलना म अिधक ह। इस उ वृ दर क कारण
गरीबी उ मूलन पर सकारा मक भाव पड़ा ह।
रा य सरकार ारा बड़ पैमाने पर िकया जानेवाला िवकासमूलक यय िवकासमूलक दशन का धान कारण
रहा ह, परतु इस िवकासमूलक दशन को ा करने क समय इस बात को सुिन त िकया गया ह िक िव ीय
बंधन क िस ांत से कोई समझौता न िकया जाए। इसक िलए िबहार सरकार ने अपने उ े य म राज व
अिधशेष को बनाए रखना, सकल राजकोषीय घाट को िनधा रत सीमा क भीतर रखना तथा अपने बकाया ऋण को
िन त तर पर रखने को मुखता से थान िदया ह। वष 2016-17 म भी िव ीय अनुशासन को बनाए रखा गया,
िजससे िनकट भिव य म अपने िवकासमूलक उ े य को पूरा िकया जा सक। 2011-12 को क ीय सां यक
संगठन ारा रा य सकल घरलू उ पाद क िलए आधार वष क प म अपनाया गया ह। रा य सरकार ने भी
2011-12 को अपने रा य क सकल घरलू उ पाद क गणना म अपनाया ह और इस आधार पर क गई गणना क
अनुसार वष 2011-12 से 2015-16 क बीच रा य सकल घरलू उ पाद क दर 7.6 ितशत ा ई, जो रा ीय
अथ यव था क आिथक वृ दर 6.8 ितशत क तुलना म अिधक ह। इस उ वृ दर क कारण गरीबी
उ मूलन पर सकारा मक भाव पड़ा ह। 2004-05 म गरीबी का तर 54.4 ितशत था, वह घटकर 2011-12 म
33.7 ितशत हो गया। गरीबी क गणना क अगले च म इसम और कमी होने क संभावना ह। रा य सरकार
अपना यान सात िन य क मा यम से िबहार क िवकास पर कि त कर रही ह। युवा का िवकास, मिहला
का सश ीकरण, सभी को िबजली, पानी, सड़क, शौचालय तथा उ तर क तकनीक िश ा; ये सरकार क
िन य ह।
वतमान समय म िबहार क अथ यव था का अवलोकन करने पर िन निलिखत आिथक संकतक ा होते ह—
जनसां यक
(Demographic Profile)
िकसी भी े क जनसां यक य आँकड़ उस े क वतमान दशा और िदशा का वणन करते ह। यह वणन
उसक वतमान और भिव य क आशा और अपे ा को ज म देता ह। वष 2011 क जनगणना क अनुसार
िबहार क जनसं या 10.41 करोड़ ह, जो पूर देश क जनसं या का 8.6 ितशत ह। िबहार क जनसं या संबंधी
आँकड़ को देखने पर यह बात प होती ह िक देश क तुलना म िबहार क जनंस या से संबंधी आँकड़ काफ
िभ ह। िबहार म 2001 से 2011 क बीच जनसं या क दशक य वृ दर 25.1 ितशत थी, जबिक संपूण देश
क दशक य वृ दर 17.6 ितशत थी।
इस जनसं या वृ को देखकर यह कहा जा सकता ह िक िबहार जनसां यक सं मण क दौर से गुजर रहा
ह। यह जनसां यक सं मण देश क अ य रा य म पहले ही ा कर िलया गया ह। जनसं या घन व देश क
अ य रा य क जनसं या घन व क तुलना म काफ अिधक ह। जहाँ िबहार का जनसं या घन व 1106 य
ितवग िकलोमीटर ह, वह भारत का जनसं या घन व मा 382 य ितवग िकलोमीटर ह। यह जनसं या
घन व का अिधक होना इस बात को कट करता ह िक िबहार पर जनसं या का ऐसा बृहत दबाव ह, जो िवकास
एवं क याण पर बृहत मा ा म भाव डालता ह। िबहार म शहरीकरण क दर मा 11.3 ितशत ह, जो देश क
औसत 31.2 ितशत क तुलना म काफ कम ह। इससे भी यादा िचंता क बात यह ह िक 2001 से 2011 क
बीच िबहार म शहरीकरण क तर म वृ मा 0.8 ितशत ई, जबिक इसी समय म पूर देश म शहरीकरण क
वृ दर 3.4 ितशत थी।
भारत और िबहार क जनसां यक िववरणी 2001 और 2011 क
जनसां यक सूचक - जनसं या (करोड़)
िबहार : 2001 - 8.29
िबहार : 2011 - 10.41
भारत : 2001 - 102.87
भारत : 2011 - 121.06
जनसां यक सूचक - िलंगानुपात (मिहला ित हजार पु ष)
िबहार : 2001 - 919
िबहार : 2011 - 918
भारत : 2001 - 933
भारत : 2011 - 943
जनसां यक सूचक - बाल िलंगानुपात
िबहार : 2001 - 942
िबहार : 2011 - 935
भारत : 2001 - 927
भारत : 2011 - 919
जनसां यक सूचक - घन व ( य ित वग िकमी.)
िबहार : 2001 - 880
िबहार : 2011 - 1106
भारत : 2001 - 325
भारत : 2011 - 382
जनसां यक सूचक - शहरीकरण ( ितशत)
िबहार : 2001 - 10.5
िबहार : 2011 - 11.3
भारत : 2001 - 27.8
भारत : 2011 - 31.2
जनसां यक सूचक - दशक य वृ दर ( ितशत)
िबहार : 2001 - 28.6
िबहार : 2011 - 25.1
भारत : 2001 - 21.5
भारत : 2011 - 17.6
ोत : जनगणना, 2001 तथा 2011
जनसं या क दशक य वृ दर म िबहार क िविभ िजल क बीच काफ अंतर ह। जहाँ कछ िजले अ छा
दशन कर रह ह, वह कछ िजल क थित अ छी नह ह। िबहार म िलंगानुपात 918 ह, जबिक रा ीय तर पर
935 ह। िबहार रा य क िलए यह उ साहवधक ह िक बाल िलंगानुपात म जहाँ रा ीय औसत 919 ह, वह िबहार
का बाल िलंगानुपात 942 ह। यह इस बात को दशाता ह िक भिव य म िलंगानुपात क आँकड़ म सुधार होगा।
िविभ िजल क बीच िलंगानुपात म काफ अंतर ह। जहाँ गोपालगंज म िलंगानुपात 1021 ह, वह मुंगेर म सबसे
कम 876 ह। रा य क 38 म से 10 िजल म जनसं या घन व 1400 य ितवग िकलोमीटर से अिधक ह, जो
अ यिधक जनसं या दबाव को दिशत करता ह।
रा य घरलू उ पाद
(State Domestic Product)
िबहार रा य घरलू उ पाद क अनुमान सकल रा य घरलू उ पाद और िनवल रा य घरलू उ पाद; दोन क िलए
अलग-अलग तैयार िकए जाते ह। दोन का अनुमान थर क मत तथा वतमान क मत पर अनुमािनत िकया जाता ह।
2011-12 से लेकर 2014-16 तक क िलए सकल रा य घरलू उ पाद और िनवल रा य घरलू उ पाद क अनुमान
क गणना क गई ह। सकल रा य घरलू उ पाद म िविभ े म ाथिमक, तीयक एवं तृतीयक े क
िविभ व तु क योगदान क आधार पर गणना क गई ह, जो िन न ह—
सकल रा य घरलू उ पाद म ाथिमक े क वृ दर
सापेि क गरीबी को मापने क िलए दो िविधयाँ ह—लारज व िविध तथा िगनी गुणांक। 1905 ई. म
मै स ओ लारज ने लारज व िविध का ितपादन िकया, जबिक िगनी गुणांक को 1912 म इटिलयन
सां यक िव कोरडो िगनी ने ितपािदत िकया ह।
िबहार क गरीबी को दो प म देखा जा सकता ह—सापे गरीबी (Relative Poverty) तथा िनरपे गरीबी
(Absolute Poverty)। सापे गरीबी यह प करती ह िक िविभ आय वग क बीच िकतनी िवषमता ह। इसक
अंतगत जनसं या क िविभ आय वग क बीच आय संबंधी अनुमान िलये जाते ह तथा जनसं या क िनचले 5
ितशत तथा 10 ितशत आय समूह क तुलना ऊपरी 5 से 10 ितशत आय सूमह से क जाती ह। इससे ा
प रणाम सापेि क गरीबी को कट करता ह। सापेि क गरीबी को मापने क िलए दो िविधयाँ ह—लारज व िविध
तथा िगनी गुणांक। 1905 ई. म मै स ओ लारज ने लारज व िविध का ितपादन िकया, जबिक िगनी गुणांक को
1912 म इटिलयन सां यक िव कोरडो िगनी ने ितपािदत िकया ह। सापे गरीबी क अवधारणा रा य म चिलत
आय िवषमता को कट करती ह। लारज व िजतना ही िनरपे समता रखा क पास होगा, आय क िवषमता
उतनी ही कम होगी। िनरपे समता रखा मानक रखा ह। िगनी गुणांक आय क िवतरण क िवषमता क माप क
सबसे चिलत िविध ह, जो आय क येक यु म क बीच आय अंतर (income difference) क माप करती ह। यह
वा तिवक लारज व तथा िनरपे समता रखा क बीच का े फल तथा िनरपे समता रखा क नीचे क संपूण
े क बीच अनुपात दिशत करता ह। रा य म िनरपे गरीबी का मापन भी िकया जाता ह। िनधनता क माप क
िलए िनरपे ितमान का सव थम योग F.A.O. (Food Agriculture Organization) क थम महािनदेशक आर.
वायड ने 1945 ई. म िकया। इसक अंतगत एक िन त मापदंड क आधार पर तय करते ह िक िकतने लोग इस
मापदंड क नीचे ह। मापदंड क नीचे क लोग को गरीब कहा जाता ह। इस िविध को हड काउट िविध (Head
count method) या िसर गणना िविध कहा जाता ह। इसम उन िसर को िगना जाता ह, जो गरीबी रखा से नीचे ह।
िनधनता रखा को प रभािषत करने म हम सामा तया दो बात देखते ह—
(i) िकसी य क िलए पोषाहार क यूनतम तर का िनधारण, तथा
(ii) यूनतम पोषाहार क लागत का िनधारण, जो वा तव म िकया जानेवाला आव यक यूनतम उपभोग यय
होगा एवं िजससे कम यय करनेवाला य गरीब कहलाता ह।
भारत म गरीबी रखा क िनधारण तथा गरीबी क अनुपात क संबंध म योजना आयोग क माप तथा ि कोण को
ही वीकार करते ह। िबहार म हर दूसरा आदमी गरीबी रखा क नीचे ह। दो-ितहाई से अिधक जनसं या को व छ
पौि क आहार तथा व छ पेयजल उपल ध नह ह। जो गरीबी रखा से ऊपर भी ह, उनक ऊपर हमेशा यह खतरा
मँडराता रहता ह िक यिद ाकितक आपदा या अ य िवकट प र थितयाँ उ प ई तो वे भी गरीबी रखा क नीचे
जा सकते ह। 1990 ई. क उपरांत किष क यापार शत म सुधार, किष िवकास दर म वृ तथा किष व तु क
मू य म वृ होने से किष क यावसाियक लाभदायकता तो ज र बढ़ी, परतु साथ ही साथ कमजोर वग क
उपभोग तर म िगरावट क थित भी देखी गई ह।
िबहार म गरीबी का भाव सभी े म देखा जा सकता ह, चाह वह ित य सकल घरलू उ पाद हो या ित
य उपभोग क अव था हो। सामािजक े म अ प वजन क नवजात ब ,े िशशु मृ यु दर, सा रता, िलंगभेद
आधा रत िवतरण रा य म गंभीर आिथक असमानता तथा गरीबी क दशा क ओर इशारा करते ह। बढ़ती ई
जनसं या, िन न आिथक िवकास दर, िन न रोजगार क अवसर तथा िन न रा य सकल घरलू उ पाद, िन न उ पाद
क अवसर तथा िन न तर क ाकितक संसाधन ने रा य म गरीबी क रखा को बढ़ाया ह। िबहार म 1983-84 ई.
म 62.5 ितशत लोग गरीबी रखा क नीचे थे। 25 वष क िवकास क बाद भी 2004-05 म रा य क 41.4 ितशत
लोग गरीबी रखा क नीचे ह, जबिक रा ीय औसत 27.5 ितशत का ह।
भारत म िनधनता रखा क िनधारण का पहला आिधका रक यास योजना आयोग ारा जुलाई 1962 म िकया
गया। योजना आयोग ने गरीबी रखा क िनधारण तथा जीवन िनवाह क यूनतम तर क संबंध म एक कायदल का
गठन िकया। पाँचव योजना क दौरान 1977 म योजना आयोग ने यूनतम आव यकता तथा भावपूण माँग क
पूवानुमान क िलए एक कायदल गिठत िकया। इस कायदल ारा गरीबी िनदशांक तैयार िकया गया। इस
कायदल ने 1958 क भारतीय िचिक सा शोध प रष क यूनतम पोषाहार आव यकता रपोट क आधार पर
ामीण े क िलए ित य ितिदन 2435 कलोरी (लगभग 2400) या 20 पया ितमाह आय तथा शहरी
े क िलए 2095 कलोरी (लगभग 2100 कलोरी) या 25 पया ितमाह आय क सं तुित क । कायदल का
यह यूनतम कलोरी ि कोण जनसं या क आयु संरचना, लिगक संरचना, म काय का वभाव तथा इिडयन
क िसल ऑफ मेिडकल रसच क सं तुित पर आधा रत ह। गरीबी क माप क इस णाली को भोजन ऊजा
णाली (Food Entry Method) कहते ह।
सातव िव आयोग ने िव ता रत गरीबी रखा (Augmented Poverty Line) क धारणा ितपािदत क , िजसम
उ ह ने ित य मािसक िनजी यय तथा िश ा शासन आिद पर मािसक सावजिनक यय को एक साथ जोड़
िदया। योजना आयोग ने देश म िनधनता क माप क िलए 1989 म ो. डी.टी. लकड़ावाला क अ य ता म एक
िवशेष दल का गठन िकया। 9व पंचवष य योजना म िनधनता क माप क िलए सिमित क सुझाव को आधार
माना गया। इस िवशेष दल क अनुसार येक रा य म मू य तर क आधार पर अलग-अलग िनधनता रखा का
िनधारण िकया गया ह। सिमित क अनुसार, ‘‘ येक रा य म िनधनता रखा िभ -िभ होगी। इस कार इसक
अनुसार इस समय 35 गरीबी रखाएँ ह, जो शु म 28 थ ।’’ इस िवशेष दल ने येक रा य म ामीण व
शहरी िनधनता क िलए अलग-अलग मू य सूचकांक क बात क , जो इस कार ह—
(क ) ामीण े म िनधनता रखा—इसक िलए लकड़ावाला िवशेष दल ने किष िमक क िलए
उपभो ा मू य सूचकांक (CPI for Agricuture workers) का सुझाव िदया ह।
(ख) शहरी े म िनधनता रखा—लकड़ावाला सिमित ने औ ोिगक िमक क उपभो ा मू य सूचकांक
(CPI for Industrial workers) और शहरी िभ कमचा रय क िलए उपभो ा मू य सूचकांक का सुझाव िदया
ह।
गरीबी क ब आयामीय ि कोण म िविभ चर को िलया जाता ह, जो न कवल जीवन क अ त व को
भािवत करते ह या जो कवल जीवन िनवाह क आव यकता क संतुि से होते ह। इनम उन चर को भी
लेते ह, जो जीवन क गुणव ा (Quality of life) को भािवत करते ह। ‘सुरश तदुलकर’ कमेटी क अनुसार,
गरीबी रखा का िनधारण उपभोग म लाए जा रह खा ा क अलावा 6 बुिनयादी आव यकता —िश ा,
वा य, बुिनयादी संरचना, व छ वातावरण तथा मिहला क काम तथा लाभ तक प च क आधार पर होगा।
इसक आधार पर क सरकार ने यह िनणय िलया ह िक अब गरीबी का िनधारण आधारभूत आव यकता क
वंचन (deprivation) क आधार पर होगा।
गरीबी रखा िभ रा य म क मत म अंतर क कारण अलग-अलग होती ह। योजना आयोग ारा गिठत
तदुलकर सिमित क अवधारणा पर आधा रत गरीबी रखा का िनधारण िबहार तथा अिखल भारतीय तर पर वष
2004 तथा 2011-12 म िकया गया ह। तदुलकर सिमित ने ामीण े क िलए 816 पए ित य तथा
शहरी े क िलए 1 हजार पए ित य ित माह िनधा रत िकया। इस कार यिद 5 य य का प रवार
माना जाए तो ामीण े क िलए उपभोग यय 4080 पए ित माह ित प रवार तथा शहरी े क िलए 5
हजार पए ित माह ित प रवार िनधा रत होगा। योजना आयोग ारा सी. रगराजन क अ य ता म एक
िवशेष सिमित गिठत क गई, िजसने जुलाई, 2013 म एक अनुमान तुत िकया, जो एन.एस.एस. क 68व
च से ा पा रवा रक उपयोग यय सव 2011-12 क आँकड़ पर आधा रत ह। इसक अनुसार नई गरीबी
रखा शहरी े म 33.33 पया तथा ामीण े म 27.20 पया ित य ितिदन मशः से य होगी।
अिखल भारतीय तर पर अनुमोिदत गरीबी 21.82 ितशत ह। इसम ामीण े म 25.70 ितशत तथा शहरी
े म 13.70 ितशत ह, जबिक 2004-05 म अिखल भारतीय तर पर 37.2 ितशत थी।
िबहार म गरीबी
सतत तथा समावेशी िवकास ा करने क िलए अथ यव था क वाहक को चािहए िक गरीबी क दु च पर
काबू पाया जाए। िबहार और भारत क िलए तदुलकर सिमित ारा िकए गए अनुमान क आधार पर वष 2004-05
म िबहार म 54.4 ितशत संयु गरीबी थी, िजसक तहत ामीण े म 55.7 ितशत तथा शहरी े म 43.7
ितशत गरीबी थी। वह भारत म ामीण गरीबी 42 ितशत तथा शहरी गरीबी 25.5 ितशत थी और भारत म
संयु गरीबी 37.2 ितशत थी। 2004-05 म िबहार म गरीबी भारत क अपे ा काफ अिधक ह। िबहार म 2011-
12 का गरीबी अनुपात ामीण प रवार क िलए 34.1 ितशत और शहरी े क िलए 31.2 ितशत ह, िजसम
सम गरीबी अनुपात 33.7 ितशत ह। 2004-05 और 2011-12 क बीच िबहार म गरीबी अनुपात म 20.7
ितशत क कमी ई, जबिक संपूण भारत क तर पर 15.3 ितशत क कमी ई ह। िबहार और भारत, दोन म
शहरी गरीबी क अपे ा ामीण गरीबी म तेजी से कमी ई ह, परतु जहाँ ामीण गरीबी म िबहार म 21.6 ितशत
क िगरावट दज क गई, वह शहरी े म 12.5 ितशत क िगरावट दज क गई।
अिखल भारतीय तथा िबहार म गरीबी अनुपात म अंतर
िबहार और भारत, दोन म शहरी गरीबी क अपे ा ामीण गरीबी म तेजी से कमी ई ह। हालाँिक देश क
जनसं या म िबहार का 8.6 ितशत िह सा ह, लेिकन गरीबी से त आबादी म इसका िह सा काफ अिधक
13.3 ितशत ह। योजना आयोग ारा गिठत तदुलकर सिमित क आधार पर िबहार सरकार ने गरीबी रखा क
गणना क , इसक अनुसार ामीण े क िलए ित य ितमाह 778 पए तथा शहरी े क िलए 923 पए
ित य ितमाह िनधा रत िकया गया। इस कार 5 य य क प रवार क िलए ामीण े म उपभोग यय
ित प रवार 3890 पए तथा शहरी े क िलए 4615 पए ित माह िनधा रत िकया गया ह।
अिखल भारतीय तथा िबहार म गरीबी रखा
q
30. बेरोजगारी
(Unemployment)
बेरोजगारी क कार
बेरोजगारी का आधार
िकसी भी अथ यव था म चाह वह िवकिसत हो या िवकासशील, रोजगार क सम या एक मूलभूत आिथक
सम या ह। बेरोजगारी या रोजगार क कमी का व प इन अथ य था म अलग-अलग होता ह। बेरोजगारी श द
का उ ेख होते ही जॉन मेनाड क स नामक अथशा ी का उ ेख आव यक हो जाता ह। उ ह ने 1930 क
िव मंदी म गंभीर बेरोजगारी से त िवकिसत अथ यव था को बाहर िनकलने क िलए अपने िस ांत का
ितपादन िकया था। क स ने 1936 म कािशत अपनी पु तक ‘जेनरल योरी ऑफ ए पलायमट इटर ट ऐंड मनी’
म रोजगार िस ांत का ितपादन िकया। िवकिसत देश म पाई जानेवाली बेरोजगारी क सम या माँगज य होती ह,
परतु िवकासशील देश जैसे भारत म पाई जानेवाली बेरोजगारी क सम या पूितज य होती ह। बेरोजगारी क सम या
से ता पय यह ह िक रोजगार क अभाव म कोई य , जो बाजार म चिलत मजदूरी पर काय करने क िलए तैयार
ह, लेिकन रोजगार नह िमल पाता ह। वे सभी लोग जो काम चाहते ह, उ ह यिद चालू बराबर मजदूरी पर काम
िमल जाए तो अथ यव था पूण रोजगार क थित म होगी। 8 घंट ितिदन काम क साथ 273 िदन को हम टडड
वष (Standerd Year) कहते ह। इस धारणा का योग सबसे पहले छठी योजना म रोजगार नापने क िलए िकया
गया। इस धारणा क अनुसार यिद कोई य ितिदन 8 घंट काय क साथ 273 िदन तक रोजगार म ह, तो उसे
हम पूण रोजगार म कहगे।
बेरोजगारी क कार
िवकिसत देश म दो कार क बेरोजगारी पाई जाती ह—
च य बेरोजगारी
ऐसी बेरोजगारी, जो सम माँग म कमी तथा िन य उ पादन मता क कारण हो और माँग म वृ क साथ
समा हो जाए, इसे हम च य बेरोजगारी कहते ह।
घषणजिनत बेरोजगारी
िकसी य क एक रोजगार से दूसर रोजगार म जाने क थित म अगर दोन रोजगार क बीच बेरोजगारी क
थित रहती ह, तो ऐसी अ थायी वभाववाली बेरोजगारी को घषणजिनत बेरोजगारी कहा जाता ह।
िवकासशील तथा अ पिवकिसत देश म बेरोजगारी संरचना मक (Structural) होती ह। यह सम माँग क कमी
क कारण नह होती ह। इन देश म पाई जानेवाली बेरोजगारी को हम दो प म बाँट सकते ह।
शहरी बेरोजगारी दो कार क ह—
औ ोिगक िमक म पाई जानेवाली बेरोजगारी
औ ोिगक िमक म पाई जानेवाली बेरोजगारी मु य प से औ ोिगक े क िवकास क कम दर क कारण
ह।
िशि त बेरोजगारी
िशि त बेरोजगारी यादातर शहरी े म पाई जाती ह। इसका मु य कारण दोषपूण िश ा णाली ह, िजसका
यावसाियक पहलू कमजोर माँग और आव यकता क अनुसार िश ा का न होना ह तथा दूसरी ओर रोजगार सृजन
क अवसर म िन न वृ ह।
ामीण बेरोजगारी दो कार क ह—
मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment)
यह बेरोजगारी मु य प से किष े म पाई जाती ह। किष काय म खेत क जुताई, बुआई, कटाई आिद काय
क समय रोजगार ा होता ह, परतु शेष समय रोजगार नह ा होता ह अथा वष क कछ महीने रोजगार तो
िमलता ह, परतु शेष महीने बेरोजगारी रहती ह। इस कार क बेरोजगारी को मौसमी बेरोजगारी कहते ह।
छ बेरोजगारी (Disguised Unemployment)
8 घंट ितिदन काम क साथ 273 िदन को हम टडड वष (Standerd Year) कहते ह। इस धारणा
का योग सबसे पहले छठी योजना म रोजगार नापने क िलए िकया गया। इस धारणा क अनुसार यिद
कोई य ितिदन 8 घंट काय क साथ 273 िदन तक रोजगार म ह, तो उसे हम पूण रोजगार म
कहगे।
यह बेरोजगारी भी ामीण े म मु य प से पाई जाती ह। किष म उ पादन क इ तम तर को ा करने
क िलए िजतने लोग क आव यकता होती ह, उससे अिधक लोग किष काय म लगे ए ह। ऐसे लोग को यिद
किष काय से हटा िदया जाए तो किष उ पादन पर कोई भाव नह पड़ता ह। ऐसे लोग को छ बेरोजगार
कहते ह। ऐसे िमक का सीमांत उ पादन शू य होता ह। भारतीय किष तथा िबहार क किष म यह सबसे िविच
गंभीर सम या ह। छ बेरोजगारी क धारणा का उ ेख सव थम ीमती जॉन रािबंसन ने 1936 म िकया।
इसका योग मंदी क समय अिधक उ पादक काय से कम उ पादक काय क ओर िमक क च य ह तांतरण
क िलए िकया। रगनर न स ने इसे ‘अ य बचत संभावना’ तथा पूँजी िनमाण क प म देखा, य िक यिद ऐसे
िमक को किष े से िनकालकर अ य िनमाण काय म लगाया जाए, जैसे—सड़क, पुल, औ ोिगक े
आिद, तो िबना कल उ पादन म िकसी कमी क पूँजी टॉक म वृ क जा सकगी। ी अम य सेन ने इसे
मानवीय म घंट क आिध य क प म प रभािषत िकया ह। वक ल तथा नंद ने वेन गु स मॉडल म इस म
अितरक क उ पादक योग पर िवचार िकया ह। शु ज तथा क रहारा इस धारणा क मुख आलोचक ह।
बेरोजगारी का आधार
हम िकन प र थितय क आधार पर कहगे िक कोई य बेरोजगार ह? ो. राजक ण ने बेरोजगारी को
प रभािषत करने क िलए चार कसौिटय का िनधारण िकया ह—
समय क आधार पर
यिद कोई य िकसी वष म इ तम पूण रोजगारीय घंट या िदन से कम काय करता ह।
आय क आधार पर
यिद कोई य यूनतम तर से कम आय ा करता ह।
इ छकता क आधार पर
यिद कोई य वतमान काय से अिधक काय करने क िलए इ छक ह।
िन पादन क आधार पर (Perfomance Criterion)
यिद िकसी िमक को काय से बाहर करने पर भी कल उ पादन पर भाव नह पड़ तो उसे िन पादन
क आधार पर बेरोजगारी कहते ह।
योजना आयोग ने भगवती आयोग का गठन 1973 म िकया, िजसने बेरोजगारी क माप क िलए 3
धारणा का ितपादन िकया, जो िन न ह—
(i) सामा य थित (Usual Status)—सामा य थित क अनुसार यिद िकसी य को 183 िदन तक काय
नह िमलता ह तो उसे सामा य थित बेरोजगारी कहगे। सामा य बेरोजगारी दर को ‘ ॉिनक बेरोजगारी’ दर कहते
ह।
(ii) चालू सा ािहक थित (Current Weekly Status)—चालू सा ािहक थित बेरोजगारी से ता पय ह
िक िकसी य को समी ा िदन क ठीक पूव क स ाह या 7 िदन म िकसी य क काय थित दिशत
करना, यिद िकसी ने समी ा स ाह म 1 घंटा भी काय नह िकया हो तो उसे चालू सा ािहक थित क बेरोजगारी
कहगे।
(iii) चालू दैिनक थित (Current Daily Status)—यह िकसी य क समी ा िदन क पूव क 7 िदन म
येक िदन क काय थित दिशत करता ह। यिद कोई य एक िदन म 1 घंटा से कम काय करता ह तो उसे
चालू दैिनक थित बेरोजगारी कहगे। यिद उसने 1 घंट से अिधक पर 4 घंट से कम काय िकया तो उसे आधे िदन
का कायरत मानगे।
जहाँ सामा य थित बेरोजगारी दर तथा सा ािहक थित बेरोजगारी दर, य दर (Personal rate) ह, वह
चालू दैिनक टटस समय दर दिशत करता ह। 11व पंचवष य योजना म चालू दैिनक थित को ही देश म
रोजगार तथा बेरोजगारी क अनुमान क िलए योग म लाया गया ह।
भारत म बेरोजगारी क कमी कभी भी आिथक नीितय क क म नह आई ह। आिथक िनयोजन क ारभ से ही
बेरोजगारी क सम या िव मान थी, परतु थम चार पंचवष य योजना म रोजगार को िवकास क ल य क प म
नह रखा गया और यह माना गया िक आिथक वृ क साथ रोजगार वतः सृिजत हो जाएगा। 1956 ई. म
बेरोजगार क सं या 50 लाख थी, जो 1973-74 ई. म बढ़कर 1 करोड़ हो गई। बेरोजगारी क सम या ने एक
िवकराल प हण कर िलया, िजसक प रणाम व प पाँचव योजना म रोजगारपरक कायनीित को वीकार िकया
गया। इस सम या क समाधान क िलए छठी योजना म IRDP, NREP, TRYSEM, RLEGP जैसे अनेक काय म
चलाए गए। छठी योजना क बाद सभी योजना म ‘गरीबी तथा रोजगार’ को िवशेष मह व िदया गया। यारहव
योजना म 2006 ई. को िन त रोजगार क ा क िलए महा मा गांधी रा ीय ामीण गारटी ऐ ट लागू िकया
गया।
भारत म बेरोजगारी क कमी कभी भी आिथक नीितय क क म नह आई ह। आिथक िनयोजन क
ारभ से ही बेरोजगारी क सम या िव मान थी, परतु थम चार पंचवष य योजना म रोजगार को
िवकास क ल य क प म नह रखा गया।
11व पंचवष य योजना म बेरोजगारी को दूर करने क िलए म- धान िविनमाण एवं सेवा े क रोजगार क
उ संभा यता वाले े क प म पहचान क गई तथा कौशल िवकास पर रोजगार सृजन म बाधक होने क
कारण, िवशेष बल िदया गया। 12व पंचवष य योजना म यह उ मीद क गई िक योजनाविध म 50 िमिलयन
अित र रोजगार सृजन िकया जाएगा, जो कौशल िवकास पर आधा रत होगा। इन सब यास क बावजूद िचंता
का कारण यह ह िक रोजगार क वािषक िवकास दर 1999-2000 से 2004-05 क अविध क 2.8 ितशत क
मुकाबले वष 2004-05 से 2011-12 क अविध म 0.5 ितशत रह गई ह।
भारत म बेरोजगारी क दर ( ितशत) म
सामा य थित (US) 1999-2000 : 2.2
2004-05 : 2.3
2009-10 : 2
2011-12 : 2.2
चालू दैिनक थित (CDS) 1999-2000 : 7.3
2004-05 : 8.2
2009-10 : 6.6
2011-12 : 5.6
बाद म रोजगार क ा को एक कानूनी अिधकार का दजा देने क िलए महा मा गांधी रा ीय ामीण
गारटी ऐ ट लागू िकया गया।
संगिठत े , स मिलत प से सावजिनक एवं िनजी े म रोजगार म वृ 2010-11 म 1.0 ितशत क
वृ क तुलना म 2011-12 म 2.0 ितशत क वृ ई। िनजी े क िलए वािषक वृ दर 2010 से 2011
म 5.6 ितशत क तुलना म 2011-12 म 0.4 ितशत क मामूली वृ दज क गई। संगिठत े म रोजगार म
मिहला का िह सा तीन वष क िलए 20 ितशत था। सां यक और काय म काया वयन मं ालय ने तदनु प
टाइप यूज सव क िलए गितिविधय का रा ीय वग करण (NCATUS) का परी ण करने क िलए वष 2013 म
िबहार और गुजरात म ायोिगक टाइम यूज सव (TUS) करवाया ह। सभी रा य म ायोिगक टाइम यूज सव
करवाए जाने का िनणय इस योग क िन कष क आधार पर िलया जाएगा। रोजगार क ि से मिहला-पु ष
कि त नीितयाँ तैयार करने क िलए तथा मिहला एवं पु ष क काय को प ता से दशाने क िलए टाइम यूज
सव एक मह वपूण सां यक य साधन ह।
15-29 साल क उ वग म बेरोजगारी का रा ीय औसत 13 ितशत ह, जबिक िबहार म यह 17 ितशत ह।
वष 2013 क अंत तक िबहार म िसफ 3345 उ ोग थे, जो देश भर क कल उ ोग का मा 1.5 ितशत ह,
जबिक िबहार क पड़ोसी रा य उ र देश म यह 7 ितशत ह। िबहार सरकार ने रा य क यो य और कशल
बेरोजगार नौजवान को िवदेश म भी रोजगार ा करने क िलए मदद करने क उ े य से िबहार रा य
समु पारीय िनयोजन यूरो का गठन िकया ह।
िबहार क बेरोजगारी क सम या मु यतः छ बेरोजगारी ह, िजसे दूर करने का एकमा उपाय यह ह
िक गैर-किष े को िवकिसत िकया जाए एवं किष उ ोग, दु ध उ पादन, म यपालन आिद किष से
संबंिधत मह वपूण े का पया प से िवकास िकया जाए।
िबहार क बेरोजगारी क सम या मु यतः छ बेरोजगारी ह, िजसे दूर करने का एकमा उपाय यह ह िक
गैर-किष े को िवकिसत िकया जाए एवं किष उ ोग, दु ध उ पादन, म यपालन आिद किष से संबंिधत
मह वपूण े का पया प से िवकास िकया जाए। घरलू उ ोग को भी इसी तरह ो सािहत िकया जाए, तािक
अिधक-से-अिधक ामीण लोग को रोजगार उपल ध कराया जा सक। गरीबी उ मूलन काय म को इनसे जोड़कर
गरीबी एवं बेरोजगारी जैसी सम या का िनराकरण िकया जा सकता ह।
िबहार रा य क सामािजक-आिथक िवकास क रणनीित का मु य प किष िवकास एवं इससे जुड़ उ ोग क
िवकास पर कि त होना चािहए। िजस रा य क 80 ितशत जनसं या लगभग ामीण े म रहती ह, वहाँ किष
पर आधा रत उ ोग को िवकिसत िकया जाना आव यक होगा। िबहार रा य क आिथक बदहाली तथा बेरोजगारी
क िवकट थित का कारण मानव-िनिमत ह। िबहार िवभाजन क बाद ज रत ह िक एक नए प रवेश क , िवकास
क नई िदशा क एवं वै ािनक सोच क , जो बेरोजगारी जैसी सम या को दूर कर सक एवं जनसं या क
सामािजक-आिथक थित म सुधार लाया जा सक।
q
31. क एवं रा य ायोिजत योजनाएँ
(Central and State Sponsored
Schemes)
क - ायोिजत योजनाएँ
रा य- ायोिजत योजनाएँ
क ायोिजत योजनाएँ
िबहार रा य ामीण जीिवका िमशन (जीिवका)
िबहार रा य म ामीण जीिवका िमशन क शु आत अ ैल 2013 से ई ह। क क ामीण िवकास मं ालय ने
वण जयंती ाम वरोजगार योजना का पुनगठन करक रा ीय ामीण जीिवका िमशन क शु आत क ह। यह
योजना ामीण गरीबी उ मूलन क िलए एक मुख योजना ह। इसका ल य बेहतर सेवा क उपल धता और
वरोजगार क अवसर क िलए ऋण ा करने म मिहला को स म बनाने क िलए एवं वयं सहायता समूह
और उनक संघ क िनमाण क ज रए ामीण गरीब क जीिवका थित म सुधार लाकर उनका सामािजक, आिथक
सश ीकरण करना ह। िबहार रा य ामीण जीिवका ो साहन सिमित रा ीय ामीण जीिवका िमशन क सम ढाँचे
क तहत काम कर रही ह और जीिवका योजना का ि या वयन कर रही ह। अ ूबर 2016-17 तक जीिवका क
ारा 7098 लाख प रवार क बीच 5.57 लाख वयं सहायता समूह का गठन िकया गया ह। 32,431 ामीण
संगठन का िनमाण तथा 365 संकल का संगठन िवकिसत िकया गया ह। अ ूबर 2016 तक 3.03 लाख वयं
सहायता समूह को बक से जोड़ िदया गया और बक क मा यम से 2113 करोड़ पए का कल ऋण उपल ध
कराया गया ह।
जीिवका क गित
मद - गिठत वयं सहायता समूह क सं या
2011-12 : 55704
2012-13 : 91785
2013-14 : 157157
2014-15 : 365150
2015-16 : 470220
2016-17 अ ूबर तक : 557337
मद - ामीण संगठन क सं या
2011-12 : 3476
2012-13 : 5069
2013-14 : 7452
2014-15 : 14363
2015-16 : 31229
2016-17 अ ूबर तक : 32431
मद - बक क साथ ऋण-संपिकत वयं सहायता समूह क सं या
2011-12 : 25621
2012-13 : 55624
2013-14 : 64812
2014-15 : 121181
2015-16 : 221261
2016-17 अ ूबर तक : 303078
मद - बक ऋण (करोड़ .)
2011-12 : 123
2012-13 : 278
2013-14 : 379
2014-15 : 659
2015-16 : 1300
2016-17 अ ूबर तक : 2113
ोत : जीिवका, िबहार सरकार
िबहार म वयं सहायता समूह क गितिविधयाँ िविभ े म ह। इन गितिविधय म धान क खेती करनेवाले
िकसान, गे सघनीकरण णाली अपनानेवाले िकसान, स जी क खेती करनेवाले, िकचन-गाडन म, पुदीना क तेल
उ पादन म, मुग पालन, दूध उ पादन, गैर-किष काय, कौशल िश ण इ यािद े स मिलत ह। इन गितिविधय
तथा कौशल िश ण क कारण प रणाम व प 1.28 लाख युवा को िविभ कौशल क ा क िलए
िशि त िकया गया ह, िजसम 93.2 हजार लोग वरोजगार या सवैतिनक रोजगार पाने म भी सफल रह ह। इन
वयं सहायता समूह क एक अ य गितिविध खा सुर ा ह त ेप या वा य जोिखम ह त ेप म भाग लेना ह।
वे सामुदाियक वा य एवं पोषण देखरख क ज रत पूरी करनेवाले अ पूणा क भी चलाते ह।
महा मा गांधी रा ीय ामीण िनयोजन गारटी योजना (मनरगा)
आधार मजदूरी का पुनरी ण येक 5 वष म होगा। इस योजना क समानांतर कोई दूसरी योजना नह ह,
जो रोजगार पाने को कानूनी अिधकार क प म थािपत करते ह। यह एक माँग- े रत योजना ह।
रा ीय ामीण रोजगार गांरटी ऐ ट (NREGA) नरगा िसतंबर, 2005 म संस से पा रत िकया गया तथा 2
फरवरी, 2006 को आं देश क बंदापाली से इसक शु आत क गई। 2 अ ूबर, 2009 को इसका नाम
प रवितत करक महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारटी योजना कर िदया गया, साथ ही येक वष 2 फरवरी
को रोजगार िदवस क प म घोिषत कर िदया गया। शु म यह योजना देश क 200 िजल म लागू क गई, िजसे
2007-08 क बजट म 330 िजल म कर िदया गया। वतमान म यह देश क सभी 687 िजल म लागू ह। यह
योजना रोजगार सृजन करनेवाली पहली योजना ह, साथ ही संस क ारा पा रत ऐ ट ारा ामीण जनसं या को
रोजगार ा करने क गारटी क साथ कानूनन अिधकार दान करती ह। इस योजना क तहत येक ामीण
प रवार क कम-से-कम एक ौढ़ सद य को कम-से-कम 100 िदन का गारटीड रोजगार दान िकया जाएगा,
िजसम कम-से-कम एक-ितहाई याँ ह गी। इसक तहत िदया गया रोजगार अकशल शारी रक म रोजगार होगा,
िजसक िलए वैधािनक यूनतम मजदूरी देय होगी तथा िजसका भुगतान काय िकए जाने क 07 िदन क भीतर देय
होगी, यिद कोई िमक रोजगार क िलए आवेदन देता ह तो उसे आवेदन क 15 िदन क भीतर रोजगार दान करना
अिनवाय होगा। यह रोजगार िमक क िनवास से 5 िकलोमीटर क अंदर दान िकया जाएगा अ यथा 5 िकलोमीटर
क दायर से यिद बाहर रोजगार दान िकया जाता ह तो िमक को 10 ितशत अित र मजदूरी दी जाएगी। यिद
इस समय-सीमा क भीतर िमक को रोजगार नह ा होता ह तो िमक को बेरोजगारी भ ा देय होगा, जो
यूनतम वैधािनक मजदूरी क एक-ितहाई से कम नह होगा। ाम पंचायत इस योजना क ि या वयन इकाई ह तथा
प रवार लाभ ा कता इकाई ह। मह देव कमेटी क ारा तािवत यूनतम मजदूरी अिधिनयम म िनधा रत
मजदूरी आधार क प म ली जाएगी, िजसे उपभो ा मू य सूचकांक (CPI), ामीण मु ा फ ित सूचकांक क
संदभ म वािषक प से पुनरीि त िकया जाएगा। आधार मजदूरी का पुनरी ण येक 5 वष म होगा। इस योजना
क समानांतर कोई दूसरी योजना नह ह, जो रोजगार पाने को कानूनी अिधकार क प म थािपत करती ह। यह
एक माँग- े रत योजना ह।
िबहार म मनरगा योजना ामीण िवकास क िलए मील का प थर ह। यह ामीण े म असमान भूिम िवतरण
क कारण रोजगार संबंधी असुर ा क सम या पर गंभीर चोट करती ह। यह योजना ामीण समाज क लाभ क
िलहाज से सामुदाियक प रसंपि य क िनमाण क िलए भी िवकिसत क गई ह। इससे आपदाजिनत वास म कमी
आने क और ामीण अथ यव था पर इसका ब गुणक भाव होने क आशा ह। जीिवका संबंधी सुर ा और
सामािजक संर ा पर अपने भाव क कारण मनरगा समावेशी िवकास का एक सश मा यम बन गया ह।
िबहार म मनरगा का दशन
वष - जारी जॉब काड क सं या (लाख)
2011-12 : 133.82
2012-13 : 133.49
2013-14 : 131.87
2014-15 : 131.22
2015-16 : 131.6
वष - रोजगार पानेवाले प रवार क सं या (लाख/ ितशत)
2011-12 : 26.8
2012-13 : 24.66
2013-14 : 20.59
2014-15 : 10.36
2015-16 : 15.1
वष -
2011-12 : -20.1
2012-13 : -18.5
2013-14 : -15.6
2014-15 : -7.9
2015-16 : -11.5
वष - 100 िदन रोजगार पानेवाले प रवार क सं या
2011-12 : 1.38
2012-13 : 1.57
2013-14 : 1.23
2014-15 : 0.31
2015-16 : 0.6
वष -
2011-12 : -5.1
2012-13 : -6.3
2013-14 : -6
2014-15 : -3
2015-16 : -4
वष - रोजगार सृजन (लाख य -िदवस)
2011-12 : 866.38
2012-13 : 965.41
2013-14 : 862.21
2014-15 : 352.73
2015-16 : 683.7
वष - कल सृिजत रोजगार म मिहला का ितशत िह सा
2011-12 : 28.2
2012-13 : 29.9
2013-14 : 35
2014-15 : 37.3
2015-16 : 40.8
वष - ित प रवार औसत रोजगार ( य -िदवस)
2011-12 : 32.3
2012-13 : 39.2
2013-14 : 41.9
2014-15 : 34.1
2015-16 : 45.2
वष - पूर ए काय क सं या
2011-12 : 54589
2012-13 : 64846
2013-14 : 104832
2014-15 : 114425
2015-16 : 196647
वष - धनरािश का उपयोग ( ितशत)
2011-12 : 65
2012-13 : 82.9
2013-14 : 81.8
2014-15 : 74.4
2015-16 : 99.9
वष - खुले खात क सं या (लाख)
2011-12 : 107.55
2012-13 : 110.7
2013-14 : 110.98
2014-15 : 49.3
2015-16 : 34.2
ोत : ामीण िवकास िवभाग, िबहार सरकार
िबहार म जॉब काड क सं या क बात कर तो इसम 2011-12 से 2015-16 क बीच क अविध म काफ
वृ ई ह। वष 2015-16 म इसक सं या 131.6 लाख थी, लेिकन इस अविध म रोजगार पानेवाल क सं या
साल-दर-साल घटती जा रही ह। जहाँ 2011-12 म रोजगार क सं या 26.8 लाख थी, वह 2015-16 म घटकर
15.1 लाख हो गई। मिहला िमक क लाभ क िहसाब से 2011-12 से 2015-16 क बीच कल रोजगार म
मिहला का िह सा 25 ितशत से अिधक रहा ह। वष 2015-16 म इनका ितशत 40.8 ितशत रहा, जो इन
सभी वष म सबसे उ तर पर था।
मनरगा क ारा िविभ े म मह वपूण काय िकए गए, जैसे—जल संर ण, सूखा अवरोधन, सू म िसंचाई
संबंधी काय, िसंचाई सुिवधा का ावधान, पारप रक जल िनकाय का जीणा ार, भूिम िवकास, बाढ़ िनयं ण एवं
बाढ़ से बचाव, ामीण संपक पथ एवं अ य गितिविधय से संबंिधत काय।
िबहार म मनरगा क ारा िकए गए काय
िव ीय वष 2015-16 म सूखा अवरोधन पर िवशेष बल िदया गया। कल मनरगा काय का 53.4 ितशत सूखा
अवरोध पर िकया गया। उसक बाद ामीण संपक पथ क िनमाण पर खच िकया गया। कल यय का 24.4 ितशत
ामीण संपक पथ क िनमाण पर खच िकया गया।
वष 2015-16 म सवािधक 6.12 लाख जॉब काड पूव चंपारण म जारी िकए गए। उसक बाद 5.94
लाख मुज फरपुर म तथा वैशाली एवं गया म 5.36 लाख जॉब काड जारी िकए गए।
मनरगा क दशन म िविभ िजल म काफ अंतर ह। वष 2015-16 म सवािधक 6.12 लाख जॉब काड पूव
चंपारण म जारी िकए गए। उसक बाद 5.94 लाख मुज फरपुर म तथा वैशाली एवं गया म 5.36 लाख जॉब काड
जारी िकए गए। वह िशवहर म 0.84 लाख, अरवल म 0.97 लाख जॉब काड और शेखपुरा म 0.98 लाख जॉब
काड जारी िकए गए। जॉब काड पानेवाले प रवार म अनुसूिचत जाित क प रवार का िह सा 12 ितशत था।
रोजगार माँगनेवाले प रवार का ितशत िशवहर म सबसे अिधक 36.9 ितशत था। उसक बाद जमुई म 26.7
ितशत। सबसे कम रोजगार माँगनेवाले प रवार का ितशत मुज फरपुर म 6.6 ितशत था। रोजगार माँगनेवाल
का 100 िदन को रोजगार उपल ध कराने क मामले म 12.0 ितशत क साथ जहानाबाद पहले थान पर था।
उसक बाद ब सर 8.7 ितशत और मुंगेर 5.8 ितशत था। वष 2015-16 म मिहला क सवािधक भागीदारी
बेगूसराय (53.8), गया (53.6) और खगिड़या (53.5) म ई, िजनम से येक म 50 ितशत से अिधक
मिहला क भागीदारी ई। वह 30 ितशत से कम मिहला क भागीदारी सारण (21.2 ितशत), रोहतास
(25.2 ितशत) और सीवान (26.4 ितशत) म ई। वष 2015-16 म सृिजत कल रोजगार क मामले म भी िजल
क बीच भारी अंतर ह। वष 2015-16 म धनरािश क उपयोग क मामले म सव म िजला जमुई (98.13 ितशत),
नवादा (98.1 ितशत), शेखपुरा (90.0 ितशत) तथा मधेपुरा (96.0 ितशत) ह।
धानमं ी आवास योजना
इस योजना क शु आत 1985-86 म क गई तथा 1999-2000 म इसका पुनगठन िकया गया। यह एक
क - ायोिजत योजना ह।
नवंबर, 2016 को इिदरा आवास योजना का नाम बदलकर धानमं ी आवास योजना कर िदया गया। इिदरा
आवास योजना 1985-86 से ामीण िवकास मं ालय का लैगिशप काय म था। धानमं ी आवास योजना का
िनमाण इस ल य क साथ िकया गया ह िक वष 2022 तक ामीण े क सभी य य को आवास क सुिवधा
उपल ध कराई जाए। यह िवशेषकर अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित एवं बँधुआ म से मु य य क
िलए ह। इस योजना क तहत कल वीकत रािश का 3 ितशत िद यांग क िलए आरि त िकया गया ह। इिदरा
आवास योजना ामीण े म गरीब क िलए मु त म मकान क सुिवधा उपल ध कराने क िलए शु क गई थी।
इस योजना क शु आत 1985-86 म क गई तथा 1999-2000 म इसका पुनगठन िकया गया। यह एक क -
ायोिजत योजना ह। इस योजना क तहत योजना रािश अ ैल, 2010 से मैदानी े क िलए 35,000 पए से
बढ़ाकर 70,000 पए कर दी गई, िजसे पुनगिठत धानमं ी आवास योजना म बढ़ाकर 1,20,000 पए कर िदया
गया ह तथा पवतीय े क िलए 38,500 से बढ़ाकर 75,000 पए कर िदया गया था, िजसे अब 1,30,000 पए
कर िदया गया ह। इस योजना यय का संचालन क एवं रा य क बीच 60:40 क तहत िकया जा रहा ह। जीवन
क गुणव ा क िलए आ य नाग रक क एक बुिनयादी ज रत ह। िकसी गृहिवहीन य क िसर क ऊपर छत
उपल ध हो जाना उसक िलए अिनवाय संपि बन जाता ह और उसक शारी रक और मानिसक थित म
गुणा मक प रवतन लाता ह। अतः आवास संबंधी ज रत; िवशेषकर ामीण गरीब क आव यकता पूरी करना
सरकार क गरीबी िनवारण संबंधी यास का एक मह वपूण घटक ह।
िबहार म धानमं ी आवास योजना क गित
(आँकड़ लाख म)
2. सूफ सिकट—मनेरशरीफ (पटना), खानकाह मुजीिवया (पटना), िम न घाट (पटना), हाजीपुर करबला (वैशाली),
हसनपुर (नालंदा), बीबी कमाल सािहब (जहानाबाद), बड़ी दरगाह (नालंदा), छोटी दरगाह (नालंदा)।
3. जैन सिकट—वैशाली, राजगीर (नालंदा), पावापुरी (नालंदा), नाथनगर (भागलपुर), मंदार िहल (बाँका), चंपानगर
(भागलपुर) कदल ाम (नालंदा), समोसारण (नालंदा) एवं लछौर (जमुई)।
4. रामायण सिकट—वा मीिक नगर (प मी चंपारण), ेतिशला (गया), अह या थान (दरभंगा), सीतामढ़ी काको
(जहानाबाद), सीताकड (सीतामढ़ी), िसंह र (सहरसा), रामिशला (गया), ब सर, िग े र (जमुई)।
5. श सिकट—मुंड री थान (कमूर), चंडी थान (मुंगेर), उ तारा थान (मिहषी, सहरसा), आिम (सारण), थावे
(गोपालगंज), ताराचंडी थान (रोहतास), बखोरापुर (भोजपुर), यामाकली (दरभंगा), भगवती थान (नयानगर, मधेपुरा),
बड़ी पटनदेवी (पटना), छोटी पटनदेवी (पटना), म यगंधा र काली टपल (सहरसा), उ ैठ (मधुबनी)।
6. िसख सिकट—पटना सािहब (पटना िसटी, पटना), बाललीला साहब (पटना), गु तेगबहादुर गु ारा (गया घाट,
पटना), गु नानक कड (राजगीर नालंदा), आरा, किटहार, गया एवं सासाराम, भागलपुर, गु का बाग (पटना िसटी, पटना),
गु ारा प संगत (मुंगेर), गु ारा िहदी साहब (दानापुर पटना)।
7. गांधी सिकट—मोितहारी (पूवचंपारण), बेितया (प मी चंपारण), िभितहरवा आ म (प मी चंपारण), वृंदावन
(प मी चंपारण), सदाकत आ म (पटना), गांधी सं हालय (पटना)।
8. िशव सिकट—गु धाम (कमूर), बैजूधाम (गया), कोट र धाम (गया), िसं े र धाम (मधेपुरा), कशे र थान
(दरभंगा), िसंह र थान (जहानाबाद), अजगैबीनाथ (सु तानगंज, भागलपुर), अशोकधाम (लखीसराय), गरीबनाथ
(मुज फरपुर), मह नाथ (सारण), े रनाथ (ब सर)।
9. मंदार एवं अंग सिकट—मुंगेर, भागलपुर एवं बाँका।
पयटन े : पा र थितक
हमार साम रक लाभ : संभावना यो य पयटन थल तािवत करने हतु व यजीव अभयार य को एक कत कर
पा र थितक पयटन को ो सािहत िकया जा सकता ह। िच त पयटन थल म से कछ ह—राजगीर (नालंदा),
भीमबाँध अभयार य (मुंगेर), कमूर अभयार य (कमूर), गौतमबु अभयार य (गया), नकटीधाम (जमुई),
गोगािवल अभयार य (भागलपुर), काँवर झील (बेगूसराय), घोड़ाकटोरा झील (नालंदा), काकोलत झरना (नवादा),
तेलहार झरना (रोहतास), गगेिटक डा फन अभयार य (भागलपुर) एवं वा मीिक नेशनल पाक (प मी चंपारण)।
पयटन े : और व य जीवन
हमार साम रक लाभ :
पयटन े : गंगा आधा रत
हमार साम रक लाभ : पटना, भागलपुर इ यािद क िकनार ऐितहािसक थल को जलमाग क सहार िवकिसत
करने क िलए गंगा एक अ तीय पयटक उ पाद हो सकती ह।
डॉ फन को देखना रा य क िलए एक दूसरा अ तीय पयटक उ म ह, िजसे सु ढ िकया जा सकता ह।
पयटन े : साहिसक
हमार साम रक लाभ : िविभ कार क जलीय, जैसे—रीवर रा टग, पारासेिलंग इ यािद को अिधक आिथक
अवसर क प म िवकिसत िकया जा सकता ह।
पयटन े : मेला एवं महो सव
हमार साम रक लाभ : िबहार क पास अ तीय घटनाएँ—मेला और महो सव ह, जैसे—सोनपुर मेला, छठ पव,
सौराठ सभा, राजगीर महो सव और बौ महो सव। समुिचत सुिवधा क िवकास क उपरांत घरलू क साथ-साथ
अंतरा ीय पयटक को आकिषत करने क मता रखते ह।
पयटन े : िसनेमा
हमार साम रक लाभ : िबहार क पयटन थल पर िफ म शूिटग को िसंगल िवंडो यरस क मा यम से
आव यक ो साहन क साथ ासंिगक सरकारी अिधसूचना क तहत बढ़ावा िदया जाना चािहए।
पयटन े : यंजन-आधा रत
हमार साम रक लाभ : रा य क पाक िवरासत को दिशत करने क िलए िबहार क यंजन को बढ़ावा िदया जा
सकता ह।
फड फ टवल क आयोजन क मा यम से रा य क अ तीय यंजन, जैसे—खाजा, लाई, बेल ामी, ितलकट,
िल ी-चोखा, स ू और मखाना क उ पाद आिथक अवसर उ प करने क संभावना रखते ह।
वतमान म िच त उ पाद एवं सिकट िविभ कार क आधारभूत संरचना एवं सेवा से संबंिधत िनवेश क िलए
अछते पड़ ह। इन िच त सिकट क अित र रा य म ब त से भौगोिलक े ह, िज ह पयटन क ि कोण से
भिव य म िवकिसत िकया जा सकता ह। पयटन े म िविभ कार क िनवेश क अवसर उपल ध ह, जैसे—
प रवहन े म पयटन थल पर ट सी प रचालन, ल जरी कार एवं कोच बस का प रचालन, ट र ट सिकट पर
एयर ट सी एवं हलीकॉ टर सेवा, िवशेष पयटन टरन, नौका आिद। आवासन े म होटल, मोटल, रसोट गे ट
हाउस।
(i) लघु यं िविनमाण े —िबहार क अथ यव था का मु य आधार किष ह, परतु किष क उ लागत
और फसल क उ पादकता का िन न तर एक सतत सम या बनी रही ह। िसंचाई सुिवधाएँ उपल ध कराने क
साथ-साथ उ उपज देनेवाले बीज का उपयोग, क टनाशक का उपयोग, उवरक एवं खेती क बेहतर तकनीक
का उपयोग, आधुिनक किष संयं किष क उ पादन को बढ़ाने म एक मह वपूण भूिमका िनभाते ह। सव म तर
क यं का योग कर कम लागत पर किष को लाभकारी बनाना एवं उसक ित लोग म िदलच पी पैदा करना
अिनवाय ह।
वतमान समय म किष म यं का योग काफ बढ़ा ह। िबहार म किष रोड मैप क तहत किष यांि क करण
एक अिभ िह सा ह। रा य सरकार पावर टीलस, टर, ओसावन मशीन, पावर थे्रसर पर क संपोिषत
योजनांतगत अित र ो साहन देता ह। िव ुतीकरण म ई वृ क फल व प किष यं पंप क उपयोग म वृ
ई ह। रा य म किष यं का बाजार उ वृ दर क साथ हो रहा ह। इसी क म ेनजर रा य सरकार ने
औ ोिगक िनवेश ो साहन नीित म िबहार सरकार ारा किष से जुड़ लघु संयं िनमाण को ाथिमकता क े म
रखा ह।
(iv) सूचना ौ ोिगक , सूचना ौ ोिगक -आधा रत सेवाएँ तथा इले कल और इले ॉिनक
हाडवेयर िविनमाण े —वतमान वै क प र य म सूचना तकनीक और सूचना तकनीक-आधा रत सेवा,
उ ोग हाडवेयर का े िव म सबसे तेजी से वृ करनेवाला उ ोग ह। इसक वष 2020 तक लगभग 2.4
ि िलयन यू.एस.डी. तक प चने क उ मीद ह। सूचना ौ ोिगक या सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवा का
मह व कवल अपने तक सीिमत नह ह, ब क ये सभी उ ोग का अंग हो गए ह। यह किष, िश ा, िचिक सा
सेवा, ऊजा, दूरसंचार, ामीण िवकास े म भी वृ को ो सािहत करगा। यह अनेक उ म तथा टाटअप क
िलए असीम संभावना रखता ह। रा य म िशि त युवा, स ते िमक क उपल धता इस े म िनवेश क िलए
लाभ द ह। रा य सरकार ारा िबहटा (पटना) तथा राजगीर म सूचना ौ ोिगक पाक क थापना करने का
िनणय िलया गया ह।
सूचना ौ ोिगक , सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवाएँ तथा इले कल और इले ॉिनक हाडवेयर िविनमाण े
क ाथिमकता े —
रा य सरकार ारा इस े म िच त िनवेश क िलए ाथिमकता क े िन नव ह—
े : सूचना ौ ोिगक तथा सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवाएँ
िनवेश क अवसर :
• सूचना ौ ोिगक उ पाद, सॉ टवेयर तथा सेवाएँ।
• सूचना ौ ोिगक , सॉ टवेयर तथा सेवाएँ।
• सूचना ौ ोिगक आधा रत सेवाएँ, बक ऑिफस, ऑपरशन, िबजनेस ोसेिसंग आउट सोस (बी.पी.ओ.)/
नॉलेज ोसेस आउट सोिसग (क.पी.ओ.), कॉल सटर, िडिजटल कटट डवलेपमट एनीमेशन इ यािद।
े : इले ॉिनक हाडवेयर िविनमाण
िनवेश क अवसर :
• क यूटस
• क यूटर बा तथा अ य ऑिफस उपकरण
• सवर और टोरज िडवाइस
• नेटविकग
• ऑटोमोिटव इले ॉिन स
• मेिडकल इले ॉिन स
• इड यल इले ॉिन स
े : अ य इले ॉिन स िविनमाण
िनवेश क अवसर :
• मोबाइल, डी.टी.एच. टलीिवजन, रिडयो एवं क यूमर इले ॉिन स
े : िव ुत उपकरण
िनवेश क अवसर :
• मोटस, पंप, फन, उपभो ा व तुएँ यू.पी.एस. इ यािद
(v) ट सटाइल े —ट सटाइल े सकल घरलू उ पाद म मह वपूण योगदान देता ह। इस े का
योगदान औ ोिगक उ पादन म 14 ितशत, सकल घरलू उ पाद म 4 ितशत तथा देश क िनयात आय म 13
ितशत ह। कपड़ा उ ोग भारतवष म रोजगार सृजन क सबसे बड़ ोत म से एक ह। यह य तौर पर 4.5
करोड़ लोग को रोजगार देता ह। िबहार म घरलू व उ ोग और दूसर मू य संवधन ि याकलाप क िलए चुर
संभावनाएँ ह। िबहार म व उ ोग म िस क मह वपूण उ पाद ह। िबहार का भागलपुर िजला िस क धाग क
िविनमाण का क रहा ह। भागलपुर का तसर िस क िबहार का एक िविश उ पाद ह, िजसम लाभकारी मू य
दाता क संभावना ह। वष 2014-15 म िबहार म लगभग 60 टन िस क का उ पादन आ ह। रा य म जूट दूसरा
फाइबर उ पाद ह। वष 2014-15 म िबहार म लगभग 1420 हजार टन जूट का उ पादन आ। िबहार म 14000
पावरलूम मु य प से भागलपुर, गया और बाँका िजले म अव थत ह। इनक मु य उ पाद सूती चादर, बेडशीट
इ यािद ह। व मं ालय ारा संचािलत एक िश ण क नाथनगर, भागलपुर म ह, जहाँ येक वष 120
पावरलूम बुनकर को िश ण िदया जाता ह। िबहार म करीब 1 लाख बुनकर ह, िजनक जीिवका का साधन धाग
एवं व िनमाण से जुड़ा आ ह।
े : रशा उ पादन/ पिनंग बुनाई/िनिटग/ सं करण
िनवेश क अवसर :
(a) सूती/जूट/िस क/ कला एवं अ य ाकितक रशा उ पादन
(b) मानव िनिमत धाग एवं िफलामट का उ पादन
(c) यान पिनंग
(d) पावरलूम एवं बुनाई
(e) यान एवं कपड़ा सं करण
े : पोशाक एवं घरलू ट सटाइल का उ पादन
िनवेश क अवसर :
(a) बुनी ई पोशाक का िनमाण
(b) होिजयरी आइटम का िनमाण
(c) साड़ी
िवमान प न ािधकरण
पटना हवाई अ क िव तारीकरण हतु 11.37 एकड़ भूिम भारतीय िवमानप न ािधकरण, पटना को बदलने
क आधार पर थानांतरण का िनणय िलया गया ह। िबहार सै य हवाई अ ा से िवमान क संयु प रचालन एवं
िसिवल ए ेव क िनमाण हतु भारतीय िवमानप न ािधकरण को िनःशु क स पने का िनणय िलया गया ह।
खान एवं भूत व िवभाग
वष 2017-18 म मोईनुलहक टिडयम राज नगर, पटना म अ याधुिनक अंतरा ीय तर का टिडयम
िनमाण तथा राजगीर म अंतरा ीय तर का टट पो स अकादमी तथा ि कट टिडयम िनमाण करने
क योजना ह।
खिनज प रवहन हतु इ-चालान लागू करने क िलए एन.आई.सी ारा सॉ टवेयर तैयार िकया गया ह एवं ायल
बेिसस पर येक िजले म एक बालूघाट िच त कर इसे लागू िकया गया ह। ईट-भ से ा राज व पर
भावकारी िनयं ण बनाए रखने हतु Geo-Maping Application का योग करते ए मोबाइल एप िवकिसत िकया
गया ह। िबहार रा य क 5 िजल —गया, नवादा, शेखपुरा, औरगाबाद एवं बाँका म कल 42 प थर खनन प क
लोक नीलामी क मा यम से बंदोब ती क गई ह।
प रवहन िवभाग
रा य क सभी िजल क िजले प रवहन कायालय-सह-प रवहन सुिवधा क का भवन का िनमाण िकया जा रहा
ह। औरगाबाद िजले म एक आधुिनक चालक िश ण-सह-शोध सं थान का िनमाण काय चल रहा ह। रा य म
ओवर लोिडग पर अंकश लगाने क उ े य से पटना, िबहटा तथा फतुहा म क यूटराइज वे-ि ज का अिध ापन
िकया गया ह। मथुरा म धमकाँटा का अिध ापन ि याधीन ह। ‘वे-ि ज’ क ि याशील होने से ओवर लोिडग पर
अंकश लगेगा।
म िनषेध, उ पाद एवं िनबंधन िवभाग
म िनषेध नीित क काया वयन क फल व प रा य म आपरािधक घटना —ह या म 28.3 ितशत,
बला कार म 10.17 ितशत, मिहला उ पीड़न म 2.3 ितशत एवं दिलत उ पीड़न म 14.8 ितशत क
कमी आई ह।
रा य म 1 अ ैल, 2016 से देशी शराब, मसालेदार देशी शराब का िविनमाण, खरीद-िब और उपभोग पर
ितबंध लगा िदया गया ह। त प ा रा य सरकार क शराबबंदी नीित को बृहत प देते ए 5 अ ैल, 2016
से िवदेशी शराब का थोक एवं खुदरा यापार तथा उपभोग पर भी ितबंध लगा िदया गया ह। म िनषेध नीित क
काया वयन क फल व प रा य म आपरािधक घटना —ह या म 28.3 ितशत, बला कार म 10.17 ितशत,
मिहला उ पीड़न म 2.3 ितशत एवं दिलत उ पीड़न म 14.8 ितशत क कमी आई ह। अवैध शराब क खरीद-
िब एवं उपयोग को रोकने क िलए 2 अ ूबर, 2016 को िबहार म िनषेध और उ पाद अिधिनयम, 2016 को
लागू िकया गया। सरकारी तर पर िश ा िवभाग ारा जाग कता पैदा करने क िलए 21 जनवरी, 2017 को
ऐितहािसक मानव ंखला बनाई गई। आम नाग रक क सहायता हतु रा य क सभी िनबंधन कायालय म ‘मे
आई ह प यू बूथ’ थािपत िकए गए। िव िवभाग क सहायता से आर.बी.आई. क ारा उपल ध कराए गए
बेव पोटल इ-कबेर क मा यम से िवलेख िनबंधन क रािश सीधे सरकार क खाते म जमा करने का ायल
दानापुर िनबंधन कायालय म िकया गया।
वािण य कर िवभाग
रा य क सुपौल िजले क यवसाियय को सुिवधा दान कराने क उ े य से सुपौल म वािण य कर का नया
अंचल कायालय थािपत िकया गया ह। भामाशाह स मान योजना क तहत रा य क िति त एवं सवािधक
करदाता यवसाियय को स मािनत िकया जाना ह। रा य क िनबंिधत यवसाियय क िलए दुघटना, मृ यु अनुदान
योजना, 2014 लागू ह, िजसक अधीन िनबंिधत यवसाियय क दुघटना म मृ यु होने क थित म उनक वैध
आि त को 2 लाख पए का अनुदान िदया जाना ह।
िनवाचन िवभाग
भारत िनवाचन आयोग ारा ‘इिथकल वोिटग’ क िलए आम जनता म जाग कता पैदा करने हतु िवशेष यास
िकए जा रह ह। भारत िनवाचन आयोग क पयवे ण, िनयं ण एवं िनदशन म रा य तर पर, िजला तर पर एवं
मतदान क तर पर स म रा ीय मतदाता िदवस 25 जनवरी, 2017 को मनाया गया।
ग ा उ ोग िवभाग
िबहार रा य चीनी िनगम क 15 बंद इकाइय एवं 2 िड टल रय क पुनज वन हतु िकए गए काय क अंतगत
लौ रया एवं सुगौली म नई िमल थािपत ई ह। िबहटा म ाई पोट का िनमाण आ ह। सम तीपुर म जूट एवं खा
सं करण उ ोग क थापना, रयाम म चीनी िमल क थापना तथा सकरी म खा सं करण उ ोग िड टलरी
एवं डयरी उ ोग क थापना का माग श त आ ह।
िवभागवार योजना यय क रािश एवं कल यय क ितशत क िवतरण का
िववरण
.:1
िवभाग का नाम : िश ा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1421788.77
कल यय का ितशत : 17.93
.:2
िवभाग का नाम : ामीण िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 972546.55
कल यय का ितशत : 12.26
.:3
िवभाग का नाम : ामीण काय िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 851686.31
कल यय का ितशत : 10.74
.:4
िवभाग का नाम : ऊजा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 679559.53
कल यय का ितशत : 8.57
.:5
िवभाग का नाम : पथ िनमाण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 570339
कल यय का ितशत : 7.19
.:6
िवभाग का नाम : समाज क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 489901.04
कल यय का ितशत : 6.18
.:7
िवभाग का नाम : वा य िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 356741.64
कल यय का ितशत : 4.5
.:8
िवभाग का नाम : जल संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 283417.43
कल यय का ितशत : 3.57
.:9
िवभाग का नाम : नगर िवकास एवं आवास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 273461.06
कल यय का ितशत : 3.45
. : 10
िवभाग का नाम : पंचायती राज िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 258921
कल यय का ितशत : 3.26
. : 11
िवभाग का नाम : किष िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 234281.57
कल यय का ितशत : 2.95
. : 12
िवभाग का नाम : योजना एवं िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 211045.7
कल यय का ितशत : 2.66
. : 13
िवभाग का नाम : लोक वा य अिभयं ण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 200989.33
कल यय का ितशत : 2.53
. : 14
िवभाग का नाम : खा एवं उपभो ा संर ण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 162163.36
कल यय का ितशत : 2.04
. : 15
िवभाग का नाम : िपछड़ा वग एवं अितिपछड़ा वग क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 158008.64
कल यय का ितशत : 1.99
. : 16
िवभाग का नाम : अनुसूिचत जाित एवं अनुसूिचत जनजाित क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 152563.85
कल यय का ितशत : 1.92
. : 17
िवभाग का नाम : िव ान एवं ावैिधक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 88866.81
कल यय का ितशत : 1.12
. : 18
िवभाग का नाम : उ ोग िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 77187.8
कल यय का ितशत : 0.97
. : 19
िवभाग का नाम : म संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 58117.67
कल यय का ितशत : 0.73
. : 20
िवभाग का नाम : गृह िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 52979.27
कल यय का ितशत : 0.67
. : 21
िवभाग का नाम : सहका रता िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 49670.19
कल यय का ितशत : 0.63
. : 22
िवभाग का नाम : लघु जल संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 39530.14
कल यय का ितशत : 0.5
. : 23
िवभाग का नाम : अ पसं यक क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 37324.55
कल यय का ितशत : 0.47
. : 24
िवभाग का नाम : कला, सं कित एवं युवा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 34096.35
कल यय का ितशत : 0.43
. : 25
िवभाग का नाम : पशु एवं म य िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 30494.81
कल यय का ितशत : 0.38
. : 26
िवभाग का नाम : िविध िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 27500
कल यय का ितशत : 0.35
. : 27
िवभाग का नाम : भवन िनमाण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 24843.52
कल यय का ितशत : 0.31
. : 28
िवभाग का नाम : िवमानप न ािधकरण
योजना यय क रािश (लाख . म) : 22771.14
कल यय का ितशत : 0.29
. : 29
िवभाग का नाम : सूचना ौ ोिगक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 22529.02
कल यय का ितशत : 0.28
. : 30
िवभाग का नाम : पयावरण एवं वन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 17846.38
कल यय का ितशत : 0.23
. : 31
िवभाग का नाम : राज व एवं भूिम सुधार िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 15666.05
कल यय का ितशत : 0.2
. : 32
िवभाग का नाम : सामा य शासन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 11852.52
कल यय का ितशत : 0.15
. : 33
िवभाग का नाम : ग ा उ ोग िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 10184.27
कल यय का ितशत : 0.13
. : 34
िवभाग का नाम : सूचना एवं जनसंपक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 9012.29
कल यय का ितशत : 0.11
. : 35
िवभाग का नाम : पयटन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 9101.21
कल यय का ितशत : 0.11
. : 36
िवभाग का नाम : िव िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 7000
कल यय का ितशत : 0.09
. : 37
िवभाग का नाम : आपदा बंधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 5125.5
कल यय का ितशत : 0.06
. : 38
िवभाग का नाम : प रवहन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1487.17
कल यय का ितशत : 0.02
. : 39
िवभाग का नाम : म िनषेध, उ पाद एवं िनबंधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 461.79
कल यय का ितशत : 0.01
. : 40
िवभाग का नाम : वािण य कर िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 603.77
कल यय का ितशत : 0.01
कल योग : योजना यय क रािश (लाख . म) : 7931667
कल यय का ितशत : 100
सेवा से संबंिधत आय- यय 2017-18 एक ि म (रािश करोड़ पए म)
q
36. रा य िवभाजन का भाव
(Effect of State Partition)
िबहार का वतमान राजनैितक व प कई चरण से गुजरते ए 15 नवंबर, 2000 को नए प म अ त व म
आया। 1 अ ैल, 1912 को बंगाल पे्रिसडसी से अलग होकर िबहार एवं उड़ीसा नामक ांत गिठत ए। 1 अ ैल,
1936 को िबहार से ओिडशा को अलग िकया गया। वतं ता क समय िबहार को ‘ए’ ेणी क रा य का दजा
ा आ। 1953 ई. म फजल अली क अ य ता म रा य पुनगठन आयोग का गठन िकया गया, िजसने 1956
ई. म अपनी रपोट दी। इस रपोट क आधार पर िबहार क राजनैितक सीमा का पुनगठन िकया गया। िबहार क
मानभूम, पु िलया, पूिणया एवं िकशनगंज का कछ भाग प म बंगाल म स मिलत कर िदया गया। पुनः 15
नवंबर, 2000 को िबहार को िवभािजत कर झारखंड नामक नए रा य का गठन िकया गया।
झारखंड को िबहार से िवभािजत करने क िलए लंबे समय से आंदोलन चल रहा था, य िप 1989-90 म क
सरकार ने 4 रा य —उड़ीसा, बंगाल, िबहार तथा म य देश क जनजातीय इलाक को िमलाकर रा य बनाने क
िलए िवचार करने हतु ‘झारखंड मामल पर सिमित’ का गठन िकया था, िजसने यह कहते ए िक इससे े वाद
एवं अलगाववाद को बल िमलेगा तथा े ीय िवकास म असंतुलन को बढ़ावा िमलेगा, झारखंड िनमाण क माँग
को नकार िदया था। अतः जनजातीय जनसं या को यान म रखते ए ही अंततः 1995 ई. म ‘झारखंड वशासी
े प रष ’ का गठन िकया गया। अंततः 15 नवंबर, 2000 को िबहार से झारखंड को पृथक कर िदया गया।
िबहार िवभाजन क भाव को समझने क िलए िवभाजन क पूव क थित पर यान देना आव यक ह।
अिवभािजत िबहार का े फल 1,73,476 वग िकलोमीटर था। िवभाजन क बाद िबहार का े फल 94,163 वग
िकलोमीटर रह गया, जो कल े फल का 54 ितशत भाग ह, जबिक कल जनसं या का 75 ितशत (8.2
करोड़) िबहार क पास रह गया। िबहार क 56 िजल म से 18 िजल को िमलाकर झारखंड का िनमाण िकया गया।
अिवभािजत िबहार क 324 िवधानसभा सीट म से 243 िबहार म रह गई एवं 81 सीट झारखंड म चली गई।
लोकसभा क 54 सीट म 40 सीट एवं िवधानप रष क 96 सीट म से 75 सीट िबहार म रह । चूँिक झारखंड म
िवधानप रष क यव था नह ह, अतः जब तक शेष िवधान पाषद क कायाविध समा नह हो गई, तब तक
उन पाषद का दािय व िबहार पर ही रखा गया।
िवभाजन का भाव सवािधक आिथक े पर पड़ा। रा य क बड़ औ ोिगक क जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद
आिद झारखंड म चले गए। खिनज संसाधन, िजसक िलए िबहार देश म सबसे धनी रा य म एक था, िवभाजन क
बाद मुख खनन े धनबाद, हजारीबाग, पलामू, पूव िसंहभूम, प मी िसंहभूम आिद झारखंड म चले गए।
रा य क कल वन े का 23,605 वग िकलोमीटर वन े झारखंड म चला गया। इस कार मुख संसाधन,
खिनज एवं वन तथा बड़ औ ोिगक क क झारखंड म चले जाने से िबहार मूलतः किष- धान रा य बनकर रह
गया ह।
मा एक मुख औ ोिगक क बरौनी, जहाँ तेलशोधन उ ोग, ताप ऊजा क एवं रासायिनक उवरक उ ोग
थािपत ह, िबहार म रह गया। उ ोग क नाम पर िबहार म चीनी उ ोग, िजसम अिधकांशतः बीमार अथवा बंद ह
तथा डालिमयानगर जैसे कागज एवं सीमट क बंद कारखाने ही रह गए ह। ऊजा क े म जनसं या क अनुपात
म ऊजा उ पादन का ब त कम िह सा िबहार को िमला। अिवभािजत िबहार म थािपत कल िव ुत िनमाण मता
का 64 ितशत झारखंड को, जबिक मा 36 ितशत िबहार को िमला। िबहार म िवभाजन क समय बरौनी एवं
काँटी ताप िव ुत संयं जो ण अव था म थे, िबहार क िह से म आए थे। रा य िवभाजन क बाद कल वन
संसाधन का मा 21 ितशत िबहार क पास तथा कल खिनज संपदा का 6 ितशत िबहार क िह से म िमला ह।
िवभाजन क पूव िबहार म नगरीकरण का तर 13.14 ितशत था, वह िवभाजन क बाद घटकर 10.76 ितशत रह
गया ह। िवभाजन क बाद रा य का अिधकांश िह सा बाढ़ भािवत अथवा सूखा भािवत े क प म ह, िजसक
कारण रा य क आय का अिधकांश िह सा बाढ़ भािवत े म राहत काय म खच हो जाता ह।
रा य क िवभाजन का भाव प रसंपि य क बँटवार एवं राज व िवभाजन पर भी पड़ा ह। इसक कारण शेष
िबहार पर िव ीय संकट क थित उ प ई। झारखंड िबहार रा य क कल राज व म िवभाजन क पूव 37.76
ितशत का योगदान देता था। क ीय कर म रा य क कल क ीय कर का झारखंड े का िह सा 48.36 ितशत
था। इस तरह संसाधन क कमी िबहार म प प से िदखाई देती ह। िवभाजन क बाद झारखंड े का िवकास
शेष िबहार क तुलना म अिधक आ ह, जबिक शेष िबहार म इसक गित धीमी रही ह। 1990-91 म जहाँ
अिवभािजत िबहार का GSDP 26,71,661 लाख पए था तथा ित य आय 3119 पए थी, िजसम झारखंड
े म पड़नेवाले भाग का GSDP 10,47,824 लाख पए एवं ित य आय 4,827 पए तथा शेष िबहार े
म पड़नेवाले भाग का GSDP 16,23,837 लाख पए एवं ित य आय 2539 पए रह गई। यह आँकड़ा
े फल एवं जनसं या क अनुपात क ि कोण से असंतुलन क थित को प करता ह।
िवभाजन क बाद िबहार को एक गंभीर संकट प रसंपि य क बँटवार से संबंिधत झेलना पड़ा ह। संयु िबहार
का िबहार रा य िव ुत िनगम, िबहार रा य औ ोिगक िवकास िनगम, बड़ औ ोिगक क , बड़ उ ोग पर
आधा रत छोट-छोट उ ोग एवं अ य लोक सं था क अिधकांश इकाइयाँ झारखंड े म थत होने से
प रसंपि य क बँटवार म शेष िबहार को भारी नुकसान उठाना पड़ा ह।
िवभाजन क कारण रा य क सामािजक संरचना पर भी गंभीर भाव पड़ा। िवभाजन क पूव रा य म जनजातीय
े क ब लता थी। अनुसूिचत जनजाितय क िलए अनेक कार क योजनाएँ क ारा संचािलत होती थ ,
िजससे रा य को अिधक राज व क ा होती थी। िवभाजन क प ा अिधकतर जनजातीय े झारखंड म
चले जाने क कारण राज व भी झारखंड क िह से म चला गया, िजसका भाव िबहार क अथ यव था पर य
प से पड़ा। िवभाजन क प ा गरीबी रखा से नीचे जीवनयापन करनेवाले अिधकतर प रवार क सं या िबहार
म रह गई, िजससे आिथक बोझ म वृ ई एवं िवकास काय भािवत आ।
q
37. िवशेष रा य क दज क माँग एवं िवशेष पैकज,
2015
(Demand of Special Status and
Special Package)
िबहार मूलतः किष अथ यव था- धान रा य ह। यहाँ क 80 ितशत आबादी किष एवं किष सहवत े पर
आि त ह। संसाधन क घोर कमी क कारण यह रा य भारत क सबसे कम िवकिसत रा य क ेणी म ह। रा य
म आधारभूत संरचना, यथा—ऊजा क कमी, प रवहन एवं संचार यव था का कम िवकिसत होना तथा िनर रता,
गरीबी, बेरोजगारी आिद रा य क िवकास क मुख बाधक त व ह। रा य म खिनज एवं वन संसाधन क कमी ह।
2000 ई. क बाद से इसका अिधकांश िह सा झारखंड े म चला गया, जबिक जनसं या का अिधकांश िह सा
(75 ितशत) िबहार म रह गया ह। िबहार म य िप जल एवं भूिम संसाधन क अिधकता ह, लेिकन भारी वषा एवं
अनेक निदय क ती वाह क कारण बाढ़ क थित डढ़ से दो माह तक बनी रहती ह।
इन प र थितय म िबहार क िवकास क िलए अिधक-से-अिधक क ीय सहायता क आव यकता ह। रा य को
िवशेष ेणी का दजा िदए जाने क माँग लगातार िबहार ारा क जाती रही ह। इसक िलए िबहार सरकार िबहार
िवधानसभा से 4 अ ैल, 2006 को सवस मित से िवशेष ेणी क रा य का दजा संबंधी ताव पा रत कर क
सरकार को भेज चुक ह, िजसम क से यह माँग क गई ह िक िजन िपछड़पन क आधार पर देश क अ य 11
रा य को िवशेष रा य का दजा दान िकया गया ह, उ ह आधार पर िबहार को भी यह दजा दान िकया जाए।
य िप िवशेष रा य क दज क िलए संिवधान म अलग से ावधान नह ह, लेिकन योजना आयोग (वतमान म
नीित आयोग) ने देश क सीमावत रा य, पवतीय-पठारी रा य, जनजातीय जनसं यावाले रा य अथवा आिथक
ि कोण से िपछड़ रा य म िवकास क गित को ती करने क िलए िवशेष रा य क ावधान का मानदंड िनधा रत
िकया ह। इसी ावधान क तहत िवशेष रा य का दजा दान िकया जाता ह। िवशेष रा य का दजा देने का िनणय
योजना आयोग क अनुषंगी सं था रा ीय िवकास प रष (NDC) ारा िनधा रत मानदंड क आधार पर देने का
िनणय िलया जाता ह। य िप िवशेष दज क रा य क िलए कोई संवैधािनक मानदंड िनधा रत नह ह, िफर भी क
सरकार ारा पटना उ यायालय म दायर एक शपथ-प म 4 आधार का उ ेख िकया गया ह, जो िन न ह—
• भौगोिलक िवलगाव वाले े ।
• अग यता वाले े ।
• संसाधन क कमी वाले े ।
• आधारभूत संरचना क कमी वाले े ।
िवशेष ेणी क रा य का दजा ा रा य को गाडिगल-मुखज फॉमूले क तहत क सरकार ारा िवशेष
सहायता दान क जाती ह। सामा य ेणी क रा य को क ीय सहायता का 70 ितशत ऋण क प म एवं 30
ितशत अनुदान रािश क प म दान क जाती ह, जबिक िवशेष ेणी क रा य को क ीय सहायता का 90
ितशत अनुदान क प म तथा 10 ितशत ऋण क प म सहायता दान क जाती ह।
वतमान म देश म 11 रा य को िवशेष ेणी क रा य का दजा ा ह। िबहार आिथक ि कोण से काफ
िपछड़ा रा य ह। आधारभूत संरचना म ऊजा क कमी तथा ऊजा उ पादन इकाइय को कोल िलंकज क सम या
ह, ाकितक आपदा बाढ़ क गंभीर सम या ह। गरीबी एवं बेरोजगारी क उ दर, उ वाद क सम या, शैि क
तर म स आिद िबहार को िवशेष ेणी क रा य क दज क िलए उपयु आधार दान करते ह। अतः िबहार को
िपछड़पन से बाहर िनकालने क िलए िवशेष रा य का दजा देना अिनवाय हो जाता ह, य िक संसाधन क कमी
एवं बाढ़ जैसी ाकितक आपदा से िनपटते ए िवकास क गित को ती करना तभी संभव ह, जब िवशेष
सहायता क ारा उपल ध कराई जाए।
िवशेष ेणी क रा य क दज क संदभ म योजना आयोग एवं क सरकार ारा िनधा रत मानदंड म िपछड़पन
को आधार नह बनाया गया ह। िपछड़पन का पया आधार नह होने क कारण ही क सरकार ारा िबहार क
िवशेष रा य क दजा को हमेशा नकारा जाता रहा ह, लेिकन िबहार एवं अ य िपछड़ रा य ारा िवशेष रा य क
दज क माँग को लगातार उठाए जाने क कारण धानमं ी क पूव आिथक सलाहकार रघुराम राजन क अ य ता
म िपछड़पन को िवशेष रा य क दज का मानदंड िनधा रत करने क िलए सिमित का गठन मई 2013 म िकया गया
था, िजसने अपना ितवेदन 26 िसतंबर, 2013 को स पा। इस सिमित म िबहार क अथशा ी शैवाल गु ा भी
शािमल थे। इस सिमित क िसफा रश म ब आयामी गरीबी सूचकांक (MPI) का िनमाण कर रा य क िपछड़पन
मापने का आधार बनाने क बात कही गई ह। ब आयामी गरीबी सूचकांक िनमाण म िन न घटक को शािमल करने
क बात सिमित ारा कही गई ह—
• ित य मािसक उपभोग खच।
• िश ा का तर।
• वा य (िशशु मृ यु दर शािमल)।
• घरलू सुिवधाएँ (पेयजल, शौचालय)।
• गरीबी का तर।
• मिहला सा रता।
• अनुसूिचत जाित और जनजाित का जनसं या म ितशत।
• नगरीकरण क दर।
• िव ीय समावेशन तथा प रवहन संपक सुिवधा।
ब आयामी गरीबी सूचकांक का िनमाण UNDP एवं ऑ सफोड पावट तथा ूमन डवलपमट इिनिशएिटव
(OPHI) ारा संयु प से 2010 ई. म िकया गया ह। इसम 100 िवकासशील देश को स मिलत कर
सूचकांक का िनमाण िकया गया ह, िजसम वा य, िश ा एवं जीवन तर को शािमल िकया गया ह, िजसम िन न
संकतक शािमल ह—
आयाम (Dimension) : वा य
संकतक (Indicators) : (i) बाल मृ यु दर (ii) पोषण
आयाम (Dimension) : िश ा
संकतक (Indicators) : (i) िव ालय म अ ययन का वष (ii) िव ालय म उप थित
आयाम (Dimension) : जीवन तर
संकतक (Indicators) : (i) भोजन बनाने म ईधन उपयोग (ii) शौचालय (iii) जल (iv) िव ुत (v) घर क थित
(vi) संपि
ब आयामी गरीबी सूचकांक क िनधारण क िलए िन न सू का योग िकया जाता ह—
MPI = H x A
य हाँ H से ता पय ब आयामी गरीबी सूचकांक क तहत रहनेवाले लोग का ितशत तथा A का ता पय
ब आयामी सूचकांक क बाहर रहनेवाले औसत गरीबी ती ता से ह।
MPI क आधार पर भारत क रा य को तीन ेिणय म िवभािजत िकया गया ह। वैसे रा य, िजनका सूचकांक
0.6 या उससे अिधक ह, उ ह यूनतम िवकिसत रा य क ेणी म रखा गया ह तथा कहा गया ह िक ऐसे रा य को
ही िवशेष रा य क ेणी का दजा िमलना चािहए। िबहार इसी ेणी म ह, य िक िबहार का सूचकांक 12.04 ह।
0.4 से 0.6 क बीच थत रा य को कम िवकिसत तथा 0.4 से कम सूचकांक वाले रा य को सापेि क प से
िवकिसत रा य क ेणी म रखा गया ह। इस सूचकांक क आधार पर भारत का सबसे िवकिसत रा य गोवा ह,
िजसका सूचकांक 0.3 ह। रघुराम राजन सिमित ने अपने ितवेदन म यह सुझाव िदया ह िक इस सूचकांक को ित
5 वष पर अ तन िकया जाए एवं ित 10 वष पर इसक सूचकांक तथा MPI िनधारण सू को पुनःिनधा रत िकया
जाए। इस ितवेदन क अनुसार सभी रा य को क ीय िव सहायता क 0.3 ितशत रािश थर आवंटन क प
म देने क बात कही गई ह। नीचे क तािलका म राजन सिमित, योजना आयोग, िव आयोग एवं िवकास सूचकांक
क आधार पर िबहार एवं देश क अ य रा य का तुलना मक अ ययन तुत िकया गया ह—
रा य क बीच आवंटन ितशत क तुलना
रा य : आं देश
िवकास सूचकांक : 0.52
राजन सिमित : 6.85
योजना आयोग : 7.34
िव आयोग : 6.61
रा य : अ णाचल देश
िवकास सूचकांक : 0.73
राजन सिमित : 0.97
योजना आयोग : 1.56
िव आयोग : 0.5
रा य : असम
िवकास सूचकांक : 0.71
राजन सिमित : 3.05
योजना आयोग : 4.93
िव आयोग : 3.31
रा य : िबहार
िवकास सूचकांक : 0.76
राजन सिमित : 12.04
योजना आयोग : 7.42
िव आयोग : 10.06
रा य : छ ीसगढ़
िवकास सूचकांक : 0.75
राजन सिमित : 3.7
योजना आयोग : 3.14
िव आयोग : 2.43
रा य : गोवा
िवकास सूचकांक : 0.05
राजन सिमित : 0.3
योजना आयोग : 0.15
िव आयोग : 0.23
रा य : गुजरात
िवकास सूचकांक : 0.49
राजन सिमित : 3.69
योजना आयोग : 3.05
िव आयोग : 3.12
रा य : ह रयाणा
िवकास सूचकांक : 0.4
राजन सिमित : 1.33
योजना आयोग : 1.36
िव आयोग : 1.11
रा य : िहमाचल देश
िवकास सूचकांक : 0.4
राजन सिमित : 0.67
योजना आयोग : 2.04
िव आयोग : 1.54
रा य : ज मू और क मीर
िवकास सूचकांक : 0.5
राजन सिमित : 1.83
योजना आयोग : 4.92
िव आयोग : 2.51
रा य : झारखंड
िवकास सूचकांक : 0.75
राजन सिमित : 3.38
योजना आयोग : 2.96
िव आयोग : 2.77
रा य : कनाटक
िवकास सूचकांक : 0.45
राजन सिमित : 3.73
योजना आयोग : 4.13
िव आयोग : 4.39
रा य : करल
िवकास सूचकांक : 0.09
राजन सिमित : 0.38
योजना आयोग : 1.95
िव आयोग : 2.45
रा य : म य देश
िवकास सूचकांक : 0.76
राजन सिमित : 9.56
योजना आयोग : 6.91
िव आयोग : 6.72
रा य : महारा
िवकास सूचकांक : 0.35
राजन सिमित : 3.94
योजना आयोग : 6.64
िव आयोग : 5.28
रा य : मिणपुर
िवकास सूचकांक : 0.57
राजन सिमित : 0.5
योजना आयोग : 1.39
िव आयोग : 0.8
रा य : मेघालय
िवकास सूचकांक : 0.69
राजन सिमित : 0.65
योजना आयोग : 1.11
िव आयोग : 0.51
रा य : िमजोरम
िवकास सूचकांक : 0.49
राजन सिमित : 0.4
योजना आयोग : 1.09
िव आयोग : 0.5
रा य : नागालड
िवकास सूचकांक : 0.55
राजन सिमित : 0.45
योजना आयोग : 0.13
िव आयोग : 0.84
रा य : ओिडशा
िवकास सूचकांक : 0.8
राजन सिमित : 6.53
योजना आयोग : 4.62
िव आयोग : 4.83
रा य : पंजाब
िवकास सूचकांक : 0.35
राजन सिमित : 1.07
योजना आयोग : 1.26
िव आयोग : 1.45
रा य : राज थान
िवकास सूचकांक : 0.63
राजन सिमित : 8.42
योजना आयोग : 4.79
िव आयोग : 5.84
रा य : िस म
िवकास सूचकांक : 0.43
राजन सिमित : 0.35
योजना आयोग : 0.67
िव आयोग : 0.35
रा य : तिमलनाड
िवकास सूचकांक : 0.34
राजन सिमित : 2.51
योजना आयोग : 4.46
िव आयोग : 5.01
रा य : ि पुरा
िवकास सूचकांक : 0.47
राजन सिमित : 0.52
योजना आयोग : 1.78
िव आयोग : 0.81
रा य : उ र देश
िवकास सूचकांक : 0.64
राजन सिमित : 16.41
योजना आयोग : 10.09
िव आयोग : 18.16
रा य : उ राखंड
िवकास सूचकांक : 0.38
राजन सिमित : 0.79
योजना आयोग : 1.9
िव आयोग : 1.15
रा य : प म बंगाल
िवकास सूचकांक : 0.55
राजन सिमित : 5.5
योजना आयोग : 6.93
िव आयोग : 6.72
रा य :
िवकास सूचकांक : कल
राजन सिमित : 100
योजना आयोग : 100
िव आयोग : 100
Source : Committee for Evolving a Composite Development Index of
Status report, PRS
िवशेष पैकज, 2015
िबहार म असीिमत मता ह और यह पूर देश को मजबूती दान कर सकता ह। भारत पूण प से तभी िवकिसत
होगा, जब भारत क पूव भाग का िवकास होगा। इसिलए िबहार का िवकास क सरकार क एजड क प म
शािमल ह। िवकिसत रा य क ेणी म िबहार को थािपत करने क िलए क सरकार ने एक यापक पैकज को
वीकित दी। इस पैकज म यह यान रखा गया ह िक सहायता क सार ोत िबहार को आनेवाले वष म वावलंबी
बनाने म मदद कर। समाज को वावलंबी बनाने क िलए उसक युवा पीढ़ी का वावलंबन होना अितआव यक ह,
साथ ही साथ समाज क वतमान क पालनकता क आय को बढ़ाना भी आनेवाली पीढ़ी को वावलंबी बनाने म
मदद करता ह। इस पूर पैकज म युवा वग को अपने पैर पर खड़ा करना और िकसान, जो िक वतमान िबहार क
पालनकता ह, क आय को बढ़ाने का मु य िबंदु बनाया गया ह। िवशेष पैकज, 2015 म िकसान क िहत को
सव प र रखते ए यह घोषणा क गई ह िक किष मं ालय को अब किष और िकसान क याण मं ालय क नाम से
जाना जाएगा। यह िकसान क िहत को सव प र रखते ए िलया गया एक मह वपूण िनणय ह। मनु य और उ पाद
का आवागमन जहाँ सरल तरीक से हो, िवकास पहले उसी े का होता ह। पैकज म रा ीय राजमाग क िवकास,
मह वपूण निदय पर पुल का काम तथा रलवे ओवरि ज क िनमाण क िलए 54,713 करोड़ पए का ावधान
िकया गया ह। इसक अंतगत महा मा गांधी सेतु क समानांतर गंगा नदी पर एक नए पुल का िनमाण, कोसी और
सोन नदी क ऊपर पुल का िनमाण, धािमक पयटन से जुड़ े म सड़क का िनमाण और रलवे ओवरि ज का
िनमाण शािमल ह।
भंडारण और यातायात सुिवधा क अभाव क कारण िकसान अपने उ पाद को कम दाम पर बेचने क िलए मजबूर
हो जाते ह। इस पैकज म अनाज भंडारण मता म िवकास क िलए 814 करोड़ पए का ावधान िकया गया ह।
ामीण सड़क क िवकास क िलए धानमं ी ाम सड़क योजना क अंतगत 22,500 िकलोमीटर सड़क क िनमाण
हतु 13,820 करोड़ पए का ावधान िकया गया ह।
रलवे क िवकास क िलए 8109 करोड़ पए क लागत पर 676 िकलोमीटर का दोहरीकरण/ितहरीकरण क
यव था िकए जाने का ावधान ह तथा 761 करोड़ पए क लागत पर 574 िकलोमीटर क िव ुतीकरण का
ावधान िकया गया ह। इस तरह रलवे क े म कल 8870 करोड़ पए का ावधान इस पैकज म ह। मोकामा म
गंगा नदी क ऊपर रल व रोड पुल क िनमाण क िलए ारिभक काय आरभ कर िदया गया ह।
िवशेष पैकज, 2015 म िकसान क िहत को सवाप र रखते ए यह घोषणा क गई ह िक किष मं ालय
को अब किष और िकसान क याण मं ालय क नाम से जाना जाएगा।
पारादीप-ह दया-दुगापुर पाइपलाइन क िव तार म िबहार क िलए 1,800 करोड़ पए का ावधान ह।
मुज फरपुर म 110 करोड़ पए क लागत से एक नए एल.पी.जी. लांट क थापना क जाएगी।
िबहार रा य म िविभ े को वायुमाग से देश और िवदेश म संपक हतु पटना म नए एयरपोट तथा गया,
पूिणया और र सौल क एयरपोट क िवकास क िलए 2700 करोड़ पए क रािश का ावधान िकया गया ह।
िडिजटल िबहार काय म क अंतगत मोबाइल फोन क उ म सुिवधा क िलए 1 हजार नए बी.टी.एस. टावस को
थािपत करने का ावधान ह। इससे दूर-दराज क े म मोबाइल फोन क सुिवधा म मदद िमलेगी। रा य म
इले ॉिनक मै यूफ र टर क थापना क िलए 150 करोड़ पए क स सडी का ावधान िकया गया ह।
दरभंगा और भागलपुर म सॉ टवेयर ट ोलॉजी पाक क दो क क थापना का ावधान ह। दो नए नेशनल
इ टी यूट ऑफ इले ॉिन स ऐंड इ फॉरमेशन ट ोलॉजी क , मुज फरपुर और ब सर म थािपत करने का
ावधान ह। इसक साथ-साथ पटना क वतमान क क िवकास का भी ावधान ह।
िबहार क िकसान क जिटल सम या उनक उ पादकता का कम होना ह। नए अनुसंधान और िवकास तथा लैब
फाम को बढ़ावा देने क िलए राज किष िव िव ालय, पूसा को क ीय िव िव ालय म प रवितत करने का
ावधान ह। म यपालन, जल बंधन, खेती क यं ीकरण और गुणव ावाले बीज क उ पादन क ारा िकसान
क आय को बढ़ाने क िलए 1800 करोड़ पए का ावधान िकया गया ह। एक कत किष पर शोध क िलए रा ीय
सं था का ावधान ह।
युवा वग को उ म िश ा और कौशल िवकास करने क िलए ‘ धानमं ी कौशल िवकास योजना’ क अंतगत 1
लाख युवक-युवितय क िश ण का ावधान िकया गया ह। िबहार रा य म बड़ कल िव िव ालय क
थापना का भी ावधान ह, िजसक कल लागत 1250 करोड़ पए क होगी। िश ा क े म भागलपुर क िनकट
ऐितहािसक िव मिशला िव िव ालय क जगह एक नए क ीय िव िव ालय क थापना क िलए 500 करोड़
पए का ावधान ह, साथ ही साथ बोधगया म एक नए इिडयन इ टी यूट ऑफ मैनेजमट (IIM) क थापना का
ावधान ह। पटना, गया और भागलपुर म 3 िचिक सा महािव ालय को बेहतर बनाने क िलए 600 करोड़ पए
का ावधान िकया गया ह।
इस पैकज म ऊजा क उ पादन, ांसिमशन और िवतरण क यव था पर काफ बल िदया गया ह। ब सर म
1300 मेगावाट क नए िव ुत उ पादन क का ताव ह। इसक साथ-साथ गाँव-गाँव म िबजली प चाने क
यव था क िलए दीनदयाल उपा याय ाम िव ुत योजना म रा य क िलए 5,880 करोड़ पए का ावधान िकया
गया ह। इस योजना का उ े य खेत म पया और घर म िनरतर िबजली देने का ह। हर गाँव म दो अलग-अलग
लाइन क यव था क जाएगी। इटी ेटड पावर डवलपमट क म क अंतगत शहर म िनरतर िबजली देने का
ावधान िकया गया ह। इस क म क अंतगत 250 करोड़ पए का ावधान रा य क िलए िकया गया ह।
िबहार रा य म गैस क आपूित क िलए जगदीशपुर-ह दया लाइन क िलए 2,300 करोड़ पए क लागत से
617 िकलोमीटर क पाइपलाइन बनाने का ावधान िकया गया ह। पारादीप-ह दया-दुगापुर पाइपलाइन क िव तार
म िबहार क िलए 1,800 करोड़ पए का ावधान ह। मुज फरपुर म 110 करोड़ पए क लागत से एक नए
एल.पी.जी. लांट क थापना क जाएगी। िबहार रा य म थत बरौनी रफाइनरी क उ पादन मता को 12,000
करोड़ पए क लागत से 6 िमिलयन टन से 9 िमिलयन टन तक बढ़ाने का ावधान इस पैकज म ह तथा बरौनी
म ही एक पे ोकिमकल लांट क थापना का ावधान ह। र सौल से नेपाल म अमलेसगंज तक पे ोल-डीजल
पाइपलाइन का िनमाण िकया जाएगा। िबहार क युवा वग को रोजगार क नए अवसर दान करने क िलए पयटन
क े म 600 करोड़ पए क लागत से वैशाली, बोधगया, चंपारण, िव मिशला, सु तानगंज, पटना इ यािद
जगह पर ह रटज ट र ट सिकल क िवकास का ावधान िकया गया ह।
रा य म युवा वग को अिधक-से-अिधक रोजगार दान करने क िलए औ ोिगक यूिन स क थापना हो, यह
सरकार का ल य ह। इस ल य को हािसल करने क िलए आयकर अिधिनयम म संशोधन कर िबहार क िपछड़
े म नए उ ोग थािपत करने हतु लांट और मशीनरी क लागत म 15 ितशत क रािश क बराबर ट स म
अित र कटौती का ावधान िकया गया ह। यह कटौती 1 अ ैल, 2015 से 31 माच, 2020 तक क अविध क
बीच ए िनवेश पर लागू होगी। इसक साथ ही नए लांट और मशीनरी म िनवेश को ो सािहत करने क िलए 1
अ ैल, 2015 से 31 माच, 2020 तक क अविध तक िपछड़ े म िनवेश क 15 ितशत रािश Depreciation
Allowance क तौर पर पहले वष म दी जाएगी। िबहार म लगभग 1 लाख 25 हजार करोड़ पए से िविभ
प रयोजनाएँ लागू करने का ावधान ह, िजसक अंतगत बाँका म 4000 मेगावाट का एक अ ा मेगा पावर लांट
िनजी े क भागीदारी क साथ 20 हजार करोड़ पए क लागत पर तािवत ह।
q
38. न सलवाद
(Naxalism)
न सलवाद एक िवचारधारा ह, िजसक अनुसार समाज क शोिषत एवं वंिचत वग अपने अिधकार क माँग को
लेकर उ एवं िहसक गितिविधय को संचािलत करने लगते ह। यह िवचारधारा मा स, लेिनन और माओ- से-तुंग
जैसे सा यवािदय क िवचार से े रत ह। ‘न सलवादी आंदोलन’ क शु आत भारत म प म बंगाल क
िसलीगुड़ी थत न सलबाड़ी गाँव से चा मजूमदार क नेतृ व म 1967 ई. म ई। पाँच सौ वग िकलोमीटर म
फला प म बंगाल का न सलबाड़ी इलाका 3 पुिलस थान —न सलबाड़ी, खाड़ीबड़ी और फाँसीदेवा क अधीन
था। यहाँ क आबादी म यादातर आिदवासी थे, जो संथाल, उराँव, मुंडा और राजवंशी समुदाय से आते थे। चा
मजूमदार ने िसलीगुड़ी क एक जम दार प रवार से संबंिधत होने क बावजूद 1937-38 ई. म बीड़ी मजदूर को
संगिठत करने म अपना योगदान िदया। बाद म सी.पी.आई. म स मिलत होकर 1967 ई. म का सा याल क साथ
स ा क िखलाफ एक सश आंदोलन क शु आत क । मजूमदार चीन क क युिन ट नेता माओ- से-तुंग क उस
िवचार से भािवत थे, िजसक अनुसार भारतीय मजदूर और िकसान क दुदशा क िलए सरकारी नीित िज मेदार ह,
िजसक वजह से उ वग का शासन तं एवं किष तं पर क जा हो गया ह तथा िजसे कवल सश ांित से ही
समा िकया जा सकता ह।
रा य क 38 िजल म 15 से अिधक िजले जमुई, कमूर, मोितहारी, सीतामढ़ी, मुंगेर, जहानाबाद, नवादा,
भोजपुर, औरगाबाद, मुज फरपुर, वैशाली, िशवहर, गया एवं रोहतास इसक चपेट म ह।
1970-80 क दशक से िबहार इस सम या से भािवत रहा ह। सव थम िबहार म वैचा रक तर पर फलाव शु
आ। िकसान-मजदूर समिथत सा यवादी िवचारधारावाली राजनैितक पािटय को चुनाव म अिधक मत ा होने
लगे। इससे इनक िवचारधारा का भाव भूिमहीन, िकसान एवं मजदूर पर पड़ा। इनक समथक क सं या म
वृ होने लगी। ये भूिमहीन िकसान-मजदूर संगिठत होने लगे, िजससे वग संघष क थित उ प होने लगी। इसी
का लाभ उठाकर न सलवाद जैसा अितवादी िवचार इस े म फलने लगा। रा य क 38 िजल म 15 से अिधक
िजले जमुई, कमूर, मोितहारी, सीतामढ़ी, मुंगेर, जहानाबाद, नवादा, भोजपुर, औरगाबाद, मुज फरपुर, वैशाली,
िशवहर, गया एवं रोहतास इसक चपेट म ह। िबहार म न सलवाद आगे चलकर जातीय संघष क नए प म
अवत रत हो गया। 1980 से लेकर 2010 तक िबहार म िविभ सामूिहक नरसंहार क घटनाएँ घिटत ई। सामूिहक
नरसंहार क पहली घटना पूिणया िजले क पसपुर गाँव म घटी, जहाँ भूपितय ने 14 आिदवािसय क ह या कर
दी। 1979 ई. म पटना क बेलछी म 11 दिलत क िनमम ह या कर दी गई। 1980 ई. म पारसिबगहा म 11 तथा
िपपरा म 14 लोग मार गए। 1985 ई. म नरसंहार क 3 घटनाएँ कथी िबगहा म 11, बॉडी म 15, ल मीपुर म 12
लोग क सामूिहक ह या कर दी गई। 1986 ई. म अरवल म 22, कसारा म 11, गैनी म 12, दरिमयाँ म 11 लोग
इसक चपेट म आ गए। 1987 ई. म औरगाबाद क दलेलचक बगेरा म एक जाित िवशेष क 54 य य क ह या
कर दी गई। 1988 ई. म जहानाबाद क मोनही नगवाँ म 21 तथा टमूहा खगड़ी म 11 लोग मार गए। 1989 ई. म
धनवार िबहटा म 21 तथा रोहतास िजला क कसरी म 10 लोग क ह या कर दी गई। 1991 ई. म मलव रया म
14, तीस खोख म 14, दवसिहयारा म 15 लोग सामूिहक नरसंहार क िशकार बने। 1992 ई. म गया क बारा म
34, 1996 ई. म नरकिटया म 19 तथा भोजपुर क बथानी टोला म 22 लोग क मौत हो गई। 1997 ई. हबसपुर म
10, दानापुर म 10, जहानाबाद क अमकोदर म 10 तथा पटना क जलपुरा म 11 य य क सामूिहक ह या कर
दी गई।
1 िदसंबर, 1997 को जहानाबाद क ल मणपुर बाथे म 62 दिलत क ह या कर दी गई, िजसम मरनेवाले
अिधकांशतः मिहला एवं ब े थे। 10 जनवरी, 1998 को वामपंथी उ वािदय ारा बाथे ह याकांड का बदला
रामपुर चौसा म 9 रणवीर सेना समथक क ह या से िलया गया। 1999 ई. म जहानाबाद क शंकर िबगहा म 23
दिलत क ह या कर दी गई। इसी साल जहानाबाद क सेनारी गाँव म एम.सी.सी. क ारा 38 लोग क ह या कर
दी गई।
सामूिहक नरसंहार क इन घटना क कारण जाित-आधा रत अनेक सश िनजी सेना क गठन क ि या
को बल िमला, िजसक पीछ अपनी जाित क सुर ा क साथ-साथ वच व थािपत करना भी मुख उ े य था।
वामपंथी संगठन , िज ह ने न सलवादी आंदोलन को रा य म फलाने का काय िकया, म माओवादी क युिन ट
सटर, भारतीय क युिन ट पाट (मा सवादी लेिननवादी) िलबरशन, भारतीय क युिन ट पाट (एम.एल.), पाट
यूिनटी, एम.सी.सी. समिथत लाल सेना, पाट यूिनटी समिथत लाल ाड मुख ह। आं देश क पीपु सवार
गु्रप से संबंिधत माओवादी क युिन ट सटर का भी भाव े चंपारण, जहानाबाद, गया, औरगाबाद िजल म ह।
भारतीय क युिन ट पाट िलबरशन का मु य भाव े भोजपुर, जहानाबाद, रोहतास, नालंदा, औरगाबाद तथा
सीवान िजले क ामीण े म ह। भारतीय क युिन ट पाट (एम.एल.) गया, जहानाबाद, औरगाबाद एवं रोहतास
िजले क ामीण े म भाव रखती ह। इन वामपंथी संगठन क भाव े म वृ को कम करने क िलए रा य
म भू वािमय ारा अलग-अलग नाम क िनजी सेना का गठन िकया गया। इनम रणवीर सेना 1994 ई. म
समृ िकसान ारा, सनलाइट सेना 1989 ई. म मु लम एवं राजपूत भू वािमय ारा, लौ रक सेना 1985 ई.
म यादव भू वािमय ारा, िष सेना 1981 ई. म भूिमहार जाित ारा, भूिम सेना 1979 ई. म म यम कषक
ारा, कवर सेना 1978 ई. राजपूत समृ कषक ारा गिठत क गई।
िबहार म उ वाद क मुख कारण म भूिम का असमान िवतरण, भूिम पर जनसं या का अ यिधक दबाव,
भूिमहीन िमक को कम मजदूरी, िबहार क गाँव का अपे ाकत कम िवकिसत होना आिद शािमल ह। रा य म 80
ितशत से अिधक जनसं या किष पर िनभर करती ह। यहाँ पर छोट एवं सीमांत िकसान क सं या 90 ितशत से
यादा ह। इन कषक क पास औसतन एक एकड़ से भी कम क जोत ह। रा य म भूिमहीन िमक को सरकार
ारा िनधा रत यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी िमलना यहाँ पर न सलवादी संगठन क भाव े म वृ होने
का एक मुख कारण ह। रा य म ‘भूदान आंदोलन’ से ा भूिम या तो बंजर ह या बड़ भू वािमय ारा पुनः
क जे म ले ली गई ह। रा य क यादातर गैर-मज आ जमीन पर भू वािमय का क जा ह।
इसक अलावा िवगत कछ वष म न सली संगठन क ारा भािवत े क सरकारी भवन , जैसे— कल ,
सामुदाियक भवन , रलवे टशन एवं रल लाइन को िनशाना बनाया जा रहा ह। कमूर-रोहतास े म ‘पीपु स
िलबरशन गु र ा आम ’ नामक माओवादी संगठन सि य ह। सरकार क ारा इस सम या क समाधान क िलए
‘कबाइन फोस फॉर रजुलेट ए शन फोस’ (कोबरा) का गठन िकया गया, िजसका उ े य ामीण को सुर ा देने
क साथ-साथ इ ह समाज क मु यधारा से जोड़ना रहा ह।
रा य म उ वाद से िनपटने क िलए सरकार क ारा कई मह वपूण कदम उठाए गए ह। येक िजले म एक
हिथयारबंद द ते का गठन क रसपांस टीम क नाम से आ ह। पुिलस बल म सुधार, भूिम सुधार आयोग का
गठन, सैप क थापना आिद यास इसक भाव को कम करने म कारगर सािबत आ ह। येक िजले म एक
मॉडल थाना बनाने का िनणय िलया गया ह। न सल- भािवत इलाक म समेिकत एवं व रत िवकास हतु रा य
सरकार ने ‘आपक सरकार आपक ार’ काय म का शुभारभ 21 जनवरी, 2006 को जहानाबाद िजले से िकया
ह। सरकार क ारा यह काय म 8 िजल क 25 खंड क 65 पंचायत म लागू ह। इन े म सरकार क
तरफ से बड़ सां कितक काय म का आयोजन िकया जाता ह। संगिठत अपराध एवं न सलवाद क िव
भावकारी कारवाई करने हतु माच, 2006 म सैप ( पेशल ऑ जीलरी पुिलस) का गठन िकया गया। वतमान म
कल कायरत सैप बल क सं या लगभग 6500 ह। सभी 38 िजल म मिहला पुिलस थाना क थापना क गई ह।
‘आपक सरकार आपक ार’ काय म का शुभारभ 21 जनवरी, 2006 को जहानाबाद िजले से िकया
ह। सरकार क ारा यह काय म 8 िजल क 25 खंड क 65 पंचायत म लागू ह।
एक कत काय योजना क तहत वामपंथ उ वाद भािवत 11 िजल , यथा—अरवल, औरगाबाद, गया, जमुई,
जहानाबाद, नवादा, रोहतास, मुंगेर, कमूर, प. चंपारण एवं सीतामढ़ी िजल म यादा तेजी से योजना को पूण
करने पर यान िदया जा रहा ह। वामपंथ उ वाद से मुकाबला करने क िलए िवशेष आधारभूत संरचना योजनांतगत
िवशेष कायबल क उ यन हतु इन े म पुिलस भवन क िनमाण हतु िबहार पुिलस भवन िनमाण िनगम को
अिधकत िकया गया ह। िनगम को उपल ध रािश से िवशेष बल क िश ण क , आवास, बैरक, वाच टॉवर,
हलीपैड, मैगजीन म एवं मोचा इ यािद काय संपािदत िकए जा रह ह।
न सल सम या क समाधान हतु रा य म यापक एवं समेिकत योजना बनाने क िदशा म पेशल टा क फोस
(एस.टी.एफ.) का गठन 2000 ई. म िकया गया ह। इसक आकार म िव तार एवं मता म वृ से उ वािदय
एवं संगिठत आपरािधक िगरोह क िव अिभयान ती आ ह। वतमान म इसक कल 33 चीता इकाइयाँ
कायरत ह। िवशेष काय बल क अंतगत कल 11 बम िनरोधक द ते कायरत ह। इनम 09 द ते िबहार सै य पुिलस
क िविभ वािहिनय म तथा िवशेष शाखा म पद थािपत िकए गए ह। पटना िजला बल एवं रल िजला बल
पटना म एक-एक बम िनरोधक द ता उपल ध कराया गया ह। इनक उ यन हतु िवशेष आधारभूत संरचना योजना
क अंतगत एस.टी.एफ. िश ण िव ालय का िनमाण बोधगया म िकया जा रहा ह।
िबहार पुिलस क ान-द ता उ मण का ताव रा य सरकार ारा अनुमोिदत िकया गया ह। इसक अंतगत
रा य क सभी रल िजल सिहत पुिलस िजल म ान-द ता (Dog Squad) गिठत िकया जाएगा, िजसम दो कर,
दो ीफर एवं आठ हडलर ान ह गे। इसक अित र े ीय पुिलस महािनरी क एवं पुिलस महािनदेशक क
तर पर भी सुरि त ान-द ते का ावधान िकया गया ह। ान-द त क िलए येक िजले म भवन िनमाण क
वीकित दी गई ह।
रा य क उ वाद भािवत िजल क युवक-युवितय को कौशल िश ण देकर रोजगार का अवसर उपल ध
कराने एवं आ मिनभर बनाने क उ े य से वामपंथी उ वाद भािवत 34 िजल म ‘कौशल िवकास’ शु िकया
गया ह। इसक तहत जमुई, औरगाबाद, अरवल, गया, रोहतास एवं जहानाबाद म एक-एक औ ोिगक िश ण
सं थान एवं दो-दो कौशल िवकास क क थापना क गई ह।
रा य म वामपंथी उ वािदय क यपण-सह-पुनवासन योजना क संबंध म नई नीित का िनधारण िकया गया ह।
उ तरीय वामपंथी उ वािदय क आ मसमपण करने पर ता कािलक सहायता क प म 250000 पए एवं
म यम/िन न तरीय वामपंथी उ वािदय क आ मसमपण करने पर 150000 पए का ावधान िकया गया ह। इसक
साथ ही उ वािदय ारा यिपत हिथयार , िव फोटक क िलए अलग से िविभ ो साहन रािश क यव था क
गई ह। आ मसमिपत उ वािदय क िच क अनुसार रोजगारो मुखी िश ण क दौरान उ वािदय को 4000 पए
देय मािसक भ ा (अिधकतम 36 माह तक) का ावधान रखा गया ह। इस योजना क अंतगत कल 270
आ मसमिपत उ वािदय क पुनवासन हतु 1.4 करोड़ पए का भुगतान कर िदया गया ह। उ वादी/आतंकवादी/
जातीय िहसा इ यािद म मार गए आि त को मुआवजा रािश पूव िनधा रत एक लाख पए से बढ़ाकर िसतंबर,
2014 से 5 लाख पए का िनधारण िकया गया ह। उ वादी िहसा या िहसक गितिविधय म मार जानेवाले गृह र क
क आि त को 10 लाख पए क िवशेष सहायता योजना क अंतगत अनु ह अनुदान का ावधान िकया गया ह।
रा य सरकार क समेिकत यास से रा य म न सली एवं उ वादी घटना म उ रो र कमी आई ह। वष 2016
म कल 393 न सली िगर तार िकए गए ह, इनसे कल 133 हिथयार, 2672 कारतूस, 37,486 डटोनेटर, 81
बा दी सुरग एवं 4,34,600 लेवी क रकम बरामद क गई। एन.सी.आर.बी. ारा वष 2015 क कािशत
आँकड़ क अनुसार भा.द.िव. क तहत दज सं ेय अपराध क औसत दर (अपराध क सं या ित एक लाख क
जनसं या पर) 234.2 ह। िबहार रा य क अपराध दर 171.6 ह। क सरकार एवं पड़ोसी रा य क साथ समेिकत
प से यास करते ए िबहार म न सलवादी वारदात म कमी लाई गई ह।
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39. िबहार म आिथक िपछड़पन एवं िवकास क
संभावनाएँ
(Economic Backwardness of Bihar
and Possibilities of Development)
िबहार म आिथक िपछड़ापन
िबहार म आिथक िवप ता मश तथा ाकितक संसाधन क कम अनुपात म उपयोग ारा समझी जा
सकती ह। ऐसी प र थित तकनीक म िवकास क अभाव तथा कछ अवरोधक त व क कारण होती ह, जो
अथ यव था म फत श य को उभरने म कावट बनते ह। िबहार रा य िन न आय वाली िवकासशील
अथ यव था ह, िजसक जनसं या का एक ब त बड़ा भाग दीनता (Destitution) क अव था म रह रहा ह। िबहार
म िनधनता का रोग ती होने क साथ िचर थायी भी ह। इसक साथ ही रा य म अ यु ाकितक संसाधन
िव मान ह। िनधनता का कारण उ पादन और सामािजक संगठन क पुराने और चिलत तरीक का यवहार ह।
अथ यव था का आधारभूत ल ण इसका ाथिमक उ पादनशील (Primary Producing) होना ह अथा कायकारी
जनसं या (Working Population) का एक ब त बड़ा भाग किष म लगा रहता ह और राजक य आय म किष क
योगदान का अंश ब त बड़ा ह, साथ ही ज म और मृ यु क ऊची दर रा य क मु य सम या ह। ज म दर एवं
मृ यु दर उ होने क कारण जनसं या क वृ अपे ाकत कम होती ह, िकतु वा य सुिवधा और उ म
सफाई यव था क सार एवं िनरोधा मक तथा उपचारा मक औषिधय क योग क कारण जनसं या कम होने
लगती ह। िबहार म म चुर त व (Abundant Factors) होता ह, प रणामतः सम त कायकारी जनसं या को
लाभकर रोजगार िदलाना ब त किठन ह। रा य क बेरोजगारी का व प संरचना मक (Structural) ह। रा य क
अथ यव था म पूँजी क कमी ह, िजसक कारण कल म श का उपयोग करने हतु पया उ ोग क थापना
नह हो पाती ह।
किष े म उ पादन म संल न िमक क सं या वा तिवक आव यकता से ब त अिधक ह। इस कार िनवाह
े अथा किष म म का सीमांत उ पादन नग य, शू य अथवा नकारा मक ह। अतः किष म अ य अथवा गु
बेरोजगारी (Disguised Unemployment) िव मान ह। मानव संसाधन क थित रा य म िन न तर क ह। उ
तर क मानव संसाधन क िलए आव यक ह िक वा य, िश ा, सामािजक सुर ा, सामािजक सेवा और
समाज क याण पर िकया गया यय उ होना चािहए। इन सभी कारण पर िवचार करने क उपरांत रा य क
िपछड़पन क िन निलिखत कारण कट होते ह—
1. िन न ित य आय—िकसी भी अथ यव था क िवकिसत होने क प रचायक उस रा य क ित य
आय होती ह। उ ित य आय, जहाँ िवकिसत अथ यव था क प रचायक ह, वह िन न ित य आय
उसक िपछड़पन को कट करती ह। िबहार रा य क ित य आय अ य रा य क तुलना म काफ िन न ह।
थर क मत वष 2011-12 क आधार पर वष 2015-16 म ित य आय 26,801 पए ह, जबिक अ य
रा य, जैसे—झारखंड क ित य आय 54,140 पए, म य देश क ित य आय 47,820 पए,
उड़ीसा क ित य आय 55,116 पए ह, जबिक भारत क ित य आय 77,435 पए ह। इस आधार
पर कहा जा सकता ह िक िन न ित य आय क मामले म िबहार अपने पड़ोसी रा य क तुलना म काफ नीचे
ह और भारत क तुलना म उसक ित य आय लगभग एक-ितहाई ह।
2. यावसाियक ढाँचे का ाथिमक उ पादनशील होना—िपछड़ी अथ यव था का आधारभूत ल ण इसका
ाथिमक उ पादनशील होना होता ह एवं उ पादन क ढाँचे म क े माल तथा खा उ पादन का धान होना होता
ह। िबहार क कायकारी जनसं या का एक ब त बड़ा भाग किष म लगा रहता ह और रा य क सकल घरलू
उ पाद म किष क योगदान का अंश ब त बड़ा होता ह। रा य क सकल घरलू उ पाद म किष े का योगदान
18.3 ितशत ह, जबिक िबहार क कायकारी जनसं या का 76 ितशत किष काय म लगा आ ह। किष े म
जनसं या का अ यिधक होना उसक िपछड़पन का प रचायक ह।
3. किष े का बदहाल होना—िबहार किष धान रा य ह। यह िबहार क अथ यव था को गितशीलता एवं
रोजगार दान करता ह, परतु िबहार क किष िपछड़ी ई ह। भूिम सुधार क न होने तथा ह रत ांित क भाव से
अछता रहने क कारण िबहार म उ पादन का तर किष े म िन न तर का ह। िबहार म अिधकांश िकसान छोट
या सीमांत कषक क ेणी म आते ह। कल भूिम क 21 ितशत जोत यो य भूिम कवल 2 ितशत य य क
पास ह। िबहार म ित ह टयर उ पादकता 2779 िकलो ाम ह, वह पंजाब म 3484 िकलो ाम ह। रा य म कल
जोत क मा 49 ितशत भूिम ही िसंिचत ह, िजसक कारण िबहार क किष िपछड़ी अव था म ह, य िक िसंचाई
किष का मह वपूण साधन ह।
4. बाढ़ क सम या—िबहार क कल भूिम का 73.06 ितशत अथा दो-ितहाई भाग बाढ़ से िसत ह। िबहार म
बाढ़ नेपाल से िनकलनेवाली निदय क कारण आती ह। येक वष कम या अिधक मा ा म बाढ़ आने क कारण
िविभ कार क आिथक एवं सामािजक सम याएँ उ प होती ह। फसल, मकान, मवेशी, सड़क का ित त
होना सामा य थित ह। िबहार क कल 28 िजले बाढ़ से भािवत ह और 2.5 लाख ह टयर भूिम जल जमाव क
सम या से भािवत ह। देश क कल बाढ़- भािवत े का 17.2 ितशत िह सा िबहार म ह। भारत म ई बाढ़ से
ित का लगभग 12 ितशत िबहार म होता ह। कल जनसं या, जो बाढ़ से भािवत होती ह, का 21 ितशत
िह सा िबहार म िनवास करती ह। िबहार क आिथक िपछड़पन क कारण पर िवचार करते ए ‘नोबेल पुर कार’
िवजेता अथशा ी अम य सेन ने कहा िक बां लादेश म बाढ़ से आए बेरोजगारी एवं यश म स ही बां लादेश
क द र ता एवं अकाल क आधारभूत कारण ह, ठीक उसी कार िबहार क आिथक िपछड़पन का मुख कारण
बाढ़ से आई बेरोजगारी, आिथक ित एवं बदहाली ह।
5. ऊजा का अभाव—ऊजा आिथक िवकास का आधार ह। िजस रा य म ऊजा का उ पादन एवं उपभोग उ
होगा, वह रा य उसी तर म िवकिसत होगा। किष हो या उ ोग, िकसी भी े का िवकास ऊजा क िबना संभव
नह ह। िबहार म िबजली उ पादन क थािपत मता यून ह। माच, 2015 तक िबहार म िव ुत उ पादन क कल
मा ा 3704.63 मेगावाट थी, जो अ य रा य क तुलना म काफ कम ह।
6. औ ोिगक िपछड़ापन—िबहार रा य औ ोिगक ि से िपछड़ा आ रा य ह। वतं ता क समय िबहार
औ ोिगक प से अ य रा य क तुलना म काफ आगे था, लेिकन सरकार क नीितय क अभाव एवं सरकारी
काय- णाली क कारण िबहार औ ोिगक प से िपछड़ा रा य बन गया। िबहार क िवभाजन क बाद सभी मुख
उ ोग झारखंड म चले गए और िबहार औ ोिगक ि से िपछड़ा रा य बन गया। िबहार म उपल ध उ ोग या तो
बंद हो गए या बंद होने क थित म ह। रा य म कल चीनी िमल क सं या 28 ह, िजसम 11 चीनी िमल ही
चालू थित म ह। िबहार रा य क 7 िजल म एक भी उ ोग थािपत नह ह।
7. िन न तर क आधारभूत संरचना—यिद किष और उ ोग को अथ यव था क काया समझा जाता ह तो
प रवहन और संचार उसक नस ह, जो य य एवं व तु क गितिविध म सहायता करती ह। प रवहन णाली
व तु एवं सेवा क बाजार का िव तार करती ह। इसक प रणाम व प बड़ पैमाने का उ पादन म-िवभाजन
ारा संभव हो सकता ह। प रवहन िवकास से दूर-दराज क इलाक और संसाधन उ पादन क िलए खुल जाते ह।
िकसी े म किष, वन और खिनज संसाधन अिधक मा ा म उपल ध हो सकते ह, परतु उसका िवकास तब तक
नह हो सकता, जब तक वे सुदूर और प च क बाहर रहगे। िपछड़ े को अिधक िवकिसत े क साथ
जोड़कर प रवहन णाली संसाधन का बेहतर और पूण योग करने म सहायता देती ह। प रवहन सुिवधा क
िव तार से य तः औ ोिगक करण म सहायता िमलती ह। िबहार म प रवहन सुिवधा क थित िन न तर क
ह। सड़क, रल एवं वायु यातायात क सुिवधा िपछड़ी अव था म ह। िबहार म रा ीय उ पथ क लंबाई 4595
िकलोमीटर ह, जबिक रा य पथ क लंबाई 4253 िकलोमीटर ह, जो अ य रा य क तुलना म काफ कम ह।
िबहार रा य म रलवे माग क कल लंबाई 3598 िकलोमीटर ह, जो अ य रा य क तुलना म िन न ह। िबहार म
रल घन व ित हजार वग िकलोमीटर पर मा 38 ह, जबिक पंजाब म 43 ह। ित हजार जनसं या क आधार पर
रल घन व िबहार म मा 0.04 िकलोमीटर ह, वह पंजाब म 0.08 िकलोमीटर ह।
8. िव ीय सं था का कम होना—िबहार म िव ीय सं था का िवकास अ य रा य क तुलना म नह हो
पाया ह। िबहार क िवभाजन क बाद साख वाह म और िगरावट हो गई। िबहार म े ीय ामीण बक क कल
2,092 शाखाएँ ह तथा िबहार म रा य एवं िजला क ीय सहकारी बक क कल शाखाएँ 324 ह। िबहार म ऋण-
जमा अनुपात 41.7 ितशत ह, जो अ य रा य क तुलना म काफ कम ह। िबहार म वािण यक बक क कल
शाखा 6661 ह, जो देश क कल शाखा का 5.2 ितशत ह, जबिक उ र देश म 12.1 ितशत ह। िव ीय
सं था का िन न तर होने क कारण उ ोग एवं किष काय क िलए ऋण क उपल धता नह हो पाती ह और
यह िबहार क िपछड़पन का मुख कारण ह।
9. िन न आिथक िवकास दर—िबहार म किष एवं उ ोग क बदहाली का असर उसक आिथक िवकास पर
पड़ा ह। िबहार क िवभाजन क बाद उ ोग झारखंड म चले गए, िजसक प रणाम व प िबहार लगभग उ ोगिवहीन
हो गया। ऐसी थित म िबहार को अपने आिथक िवकास को बनाए रखने क िलए आव यक था िक वह किष े
पर फोकस कर, परतु सरकार क िविभ नीितय एवं काय का भाव किष पर नकारा मक पड़ा। वतमान दशक
म सरकार क ारा किष पर यान देने एवं अ य नीितय क कारण आिथक िवकास म तेजी से वृ ई ह।
सकल रा य घरलू उ पाद म म यकािलक वृ दर 7.6 ितशत ई, जबिक रा ीय अथ यव था म यह वृ दर
6.8 ितशत ई। वष 2015-16 म िबहार का सकल रा य घरलू उ पाद 2011-12 क थर मू य पर 3.27 लाख
करोड़ पए और वतमान मू य पर 4.14 लाख करोड़ पए ह।
इस कार िबहार क अथ यव था क िपछड़पन क मूलभूत कारण पर िवचार करने क बाद यह मानना तकसंगत
नह ह िक िबहार म िवकास क संभावनाएँ नह ह। िबहार क िपछड़पन को दूर िकया जा सकता ह, य िक िवकास
क सभी संभावनाएँ मौजूद ह। इस िपछड़पन को दूर करने क िलए सरकार क ारा सम िवकास िकया जा रहा
ह। किष े म बदहाली को दूर करने क िलए इ धनुष ांित एवं औ ोिगक िपछड़पन को दूर करने क िलए
िबहार औ ोिगक ो साहन नीित, 2016 क घोषणा क गई ह। आधारभूत संरचना पर िवशेष बल िदया जा रहा ह।
ऊजा े म आ मिनभरता ा करने क िलए िनजी एवं सरकारी े म िविभ िबजली प रयोजना पर तेजी से
काय िकया जा रहा ह। सात िन य क मा यम से िबहार रा य म समावेशी िवकास को ो सािहत िकया जा रहा ह।
िबहार े फल एवं जनसं या क ि कोण से देश का मह वपूण रा य ह। िबहार का े फल 94,163 वग
िकलोमीटर ह, जो देश क कल े फल का 2.86 ितशत ह तथा जनसं या 10,31,04,637 ह, यह देश का
तीसरा सबसे सवािधक जनसं या वाला रा य ह। उवर भूिम, सदाबाही नदी एवं मानव संसाधन क चुरता क
बावजूद इन संसाधन का अनुकलतम उपयोग न होने क कारण िबहार आिथक ि कोण से देश क िपछड़ रा य
म शािमल ह। य िप रा य क अथ यव था को गित दान करनेवाले मुख ाकितक संसाधन खिनज क
अनुपल धता ह। रा य िवभाजन क बाद से थित और दयनीय हो गई। आय क साधन का अभाव एवं पूँजी िनमाण
क दर िन न होने से िबहार देश क अ य रा य क तुलना म और िपछड़ता चला गया ह तथा िबहार बीमा रा य
क ेणी म शािमल हो गया ह। ऐसा इसिलए माना गया िक िबहार म न कवल ित य आय कम ह, ब क
इसक आिथक समृ और िवकास क दर भी ब त धीमी रही ह। 1990-91 से 2002-03 तक अ य बीमा
रा य म अगर आिथक वृ दर ब त धीमी थी तो िबहार म यह नकारा मक थी। िबहार म इस समय जी.डी.पी.
म िगरावट दज क जा रही थी।
िपछड़पन को दूर करने क िलए सरकार क ारा सम िवकास िकया जा रहा ह। किष े म बदहाली
को दूर करने क िलए इ धनुष ांित एवं औ ोिगक िपछड़पन को दूर करने क िलए िबहार औ ोिगक
ो साहन नीित, 2016 क घोषणा क गई ह।
खिनज एवं वन संसाधन क अभाव क बावजूद िबहार म जल संसाधन, िम ी संसाधन एवं मानव संसाधन क
अकत उपल धता िबहार को देश का सवािधक संभावना वाला रा य बनाता ह। िबहार म िव क सबसे उवर
समतल गंगा का जलोढ़ मैदान उपल ध ह, िजस पर सदाबाही निदय का जाल किष िवकास क िलए सबसे
अनुकलतम भौगोिलक प र थित उ प करता ह। िकसी भी संसाधन का अनुकलतम उपयोग कर िवकास क गित
को ती करने का काय मानव संसाधन ारा संभव होता ह तथा िबहार इस ि कोण से भी धनी रा य ह।
इन संभावना क बावजूद आधारभूत संरचना का िवकास न होना रा य क िवकास म सबसे बड़ा बाधक रहा
ह। रा य क गित म बाधा उ प करनेवाले कई कारक ह, िजसम सुधार लाने क ज रत ह। रा य को अपने
संसाधन क आधार पर सतत िवकास क अवधारणा को अपनाकर िवकास क रणनीित तय करनी होगी। इसक
िलए भौगोिलक प र थितय एवं संसाधन को यान म रखते ए े ीय िवकास क रणनीित अपनानी होगी। रा य
म सामंतवादी एवं सामािजक संरचना को यान म रखते ए िवकास पर बल देना होगा। आिथक िपछड़पन को दूर
करने क नीितय का िनमाण एवं उनका ि या वयन करने म े ीय असमानता को यान म रखना होगा। इसक
िलए िवकास क सू म ि कोण अथा सू म तरीय िनयोजन पर बल देना होगा।
रा य म गरीबी एक मुख सम या ह, िजसको दूर करने क िलए अनेक िवकासा मक योजनाएँ लागू क
गई ह। ज रत ह इन योजना का िनरतर मू यांकन एवं िनगरानी करने क ।
रा य सरकार िबहार आिथक िपछड़पन, गरीबी, बेरोजगारी, अिश ा को दूर कर लोग क जीवन तर को ऊपर
उठाने क िलए वतमान समय म अनेक तरह क यास कर रही ह। इसक िलए सरकार ने े ीय संसाधन क
आधार पर िवकास क रणनीित अपनाई ह। शासिनक सुधार एवं िविध- यव था म सुधार लाकर रा य क िवकास
क िलए सबसे आव यक शत पूँजी िनवेश को बढ़ावा देने क िलए अनेक तरह क कदम उठा रही ह। इसक तहत
इ- शासन, ाचार एवं अपराध पर िनयं ण क िलए फा ट क कोट, एस.टी.एफ. एवं सैफ का गठन िकया ह।
औ ोिगक िवकास एवं िनवेश ो साहन हतु वष 2016 म नई नीित का िनमाण िकया गया ह, िजसक ारा िबहार
म िनवेशक क अनुकल वातावरण बनाने का यास िकया गया ह। किष िवकास एवं किष े म नवाचार पर बल
िदया जा रहा ह। रा य क एक मुख सामािजक सम या भूिम िववाद ह, िजसक कारण ही न सलवाद एवं वग
संघष क थित 1980 से 2000 क दशक तक रा य म गंभीर प धारण िकए ए रही, िजसक कारण िबहार म
िवकास क अवधारणा अव रही।
2010 क दशक से सरकार ारा उठाए गए अनेक कदम क कारण थित म प रवतन आ ह। 2004-05 से
2009-10 क बीच आिथक वृ दर न कवल ती ई ह, ब क देश म सबसे तेज गित से बढ़नेवाले रा य क
वृ दर क ेणी म आते ए 11 ितशत तक प च गई ह। य िप सा रता दर, ित य आय, बाल मृ यु
दर, गरीबी दर आिद म रा य अभी भी िपछले पायदान पर कायम ह। शैि क ि से िबहार भारत म 35व थान
पर ह। सरकार ने रा य को िवकास क पटरी पर लौटाने क िलए सं थागत े म सुधार क पहल क ह। िविध-
यव था एवं शासिनक तं म सुधार पर बल िदया गया ह। नीित िनधारण काय म ि या वयन एवं मू यांकन म
पारदिशता पर बल देने क ज रत ह। वष 2005 म रा य क शासन को सुधारने क िलए रा य शासिनक सुधार
आयोग का गठन िकया गया ह, िजसने िवभाग क सं या कम करने क िसफा रश क ह, िजसक आधार पर ही
इसक सं या 47 से घटाकर 44 कर दी गई ह।
रा य म इ- शासन पर बल िदया गया ह तथा सूचना िव ान ौ ोिगक -आधा रत शासिनक यव था को सु ढ
िकया जा रहा ह। इसक िलए सरकार ने 2007 ई. म सूचना तकनीक िवभाग को एक नोडल एजसी क प म
थािपत िकया ह। रा य म संचार यव था को बढ़ावा देने क िलए लोक िनजी भागीदारी क तहत िबहार टट वाइड
ए रया नेटवक ोजे ट क थापना क गई ह, िजससे सभी िजल एवं खंड कायालय को जोड़ा गया ह। येक
पंचायत एवं य तक इ- शासन क प च हो, इसक िलए वसुधा क क थापना क गई ह। 2005 ई. म
भारतीय ाचार अ ययन म िबहार को 20 रा य म सबसे नीचे थान िमला अथा िबहार म ाचार ने एक
संगिठत उ ोग का प हण कर िलया था। अतः इससे िनपटने क िलए सरकार ारा अनेक काय िकए गए ह।
इसम 2009 ई. म पेशल कोट ऐ ट पा रत िकया गया। इस ऐ ट क तहत आय से अिधक संपि रखनेवाले
य य पर कारवाई कर उनक संपि को ज त िकया गया ह। 2011 ई. से िवधायक थानीय े िवकास फड
का दु पयोग होने क कारण उसे बंद कर उसक थान पर मु यमं ी े ीय िवकास काय म ारभ िकया गया ह।
आम लोग क शासन तक प च हो एवं आसानी से िनयत समय-सीमा पर सेवा उपल ध हो सक, इसक िलए
सेवा का अिधकार अिधिनयम, 2011 को लागू िकया गया ह।
रा य म गरीबी एक मुख सम या ह, िजसको दूर करने क िलए अनेक िवकासा मक योजनाएँ लागू क गई ह।
ज रत ह इन योजना का िनरतर मू यांकन एवं िनगरानी करने क । इसक िलए रा य म आम लोग को यान म
रखते ए शासिनक यव था क िवक ीकरण क ि या को मजबूत िकया गया ह।
िव ीय बंधन म अिनयिमतता रा य क िवकास म मुख बाधक रही ह। रा य म अिधकतर पूँजी िनवेश क ीय
मदद अथवा प रयोजना-आधा रत िनवेश क प म आ ह, िजसक कारण रा य अपनी ाथिमकताएँ तय करने म
असमथ रहा ह। िबहार म खिनज संसाधन क कमी ह, जबिक किष िवकास क असीम संभावना ह। अतः रा य क
िवकास क ाथिमकता म किष को मह व देते ए नीित बनाने क ज रत ह। िबहार फल एवं स जी का मुख
उ पादक रा य ह। फल म आम, कला, लीची, मखाना, पपीता, अम द रा य क मुख उ पाद ह। फल पर
आधा रत खा सं करण उ ोग क थापना कर उनक मू यवधन म वृ क जा सकती ह, िजससे न कवल
ित य आय म वृ होगी, ब क लोग क जीवन तर म सुधार होगा तथा रोजगार क अवसर बढ़गे। आम
एवं मखाना पर आधा रत उ ोग दरभंगा म, लीची पर आधा रत उ ोग मुज फरपुर म एवं कला पर आधा रत उ ोग
हाजीपुर म थािपत करने क ज रत ह। इसी तरह थानीय संसाधन , जैसे—प थर तोड़ने एवं उससे संबंिधत लघु
एवं कटीर उ ोग क थापना दि णी िबहार क रोहतास, औरगाबाद, गया, नवादा, जमुई आिद िजल म क जा
सकती ह। उ र िबहार म बड़ी-बड़ी जलम न भूिम (आ भूिम) थत ह, िजसका िवकास म यपालन और जल
किष क साथ-साथ पयटक को आकिषत करने क िलए िकया जा सकता ह, िजससे न कवल रा य क आय म
वृ होगी, ब क थानीय लोग को रोजगार भी ा ह गे।
िबहार म मानव संसाधन क अिधकता ह। इसका कौशल-वधन कर रोजगारपरक बनाने क ज रत ह। इसक
िलए िबहार को िश ा हब क प म िवकिसत करने क ज रत ह। रा य म तकनीक सं थान क कमी क कारण
ित वष हजार क सं या म छा दूसर रा य म जाकर िश ा हण करते ह एवं करोड़ क रािश उन रा य म
खच करते ह। अतः रा य क अंदर ही गुणव ापूण उ तकनीक एवं यावसाियक शै िणक सं थान को बढ़ाकर
न कवल इस भारी रािश क बा वाह को रोका जा सकता ह, ब क दूसर रा य क छा को भी िश ण क
िलए आकिषत िकया जा सकता ह।
रा य म पयटन उ ोग क िवकास क असीम संभावना ह। रा य ऐितहािसक, सां कितक, धािमक एवं ाकितक
पयटक थल म धनी ह। इन पयटक थल को आधारभूत सुिवधा अथा उ िक म क सड़क, िव ुत एवं अ य
भौितक तथा मनोरजन क सुिवधाएँ उपल ध कराकर और पयटक सिकट िवकिसत कर रा य म पयटन को एक
उ ोग क प म थािपत करने क ज रत ह। रा य म बौ धम से संबंिधत थान को जोड़कर बौ सिकट,
जैन से संबंिधत थान को जोड़कर जैन सिकट आिद क िवकास का काय िकया जा रहा ह। रा य म अनेक
अंतरा ीय तर क पयटन थल, जैसे—बोधगया, राजगीर, वैशाली, वा मीिक नगर आिद थत ह।
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40. सुशासन एवं सात िन य
(Good Governance and Seven
Nishchaya)
वतं ता क बाद से िबहार देश क ती गित से आिथक िवकास करनेवाले रा य म शािमल था। किष िवकास
और औ ोिगक िवकास दर म िबहार अ णी रा य म से एक था। पहले चार पंचवष य योजनाकाल म िबहार म
बड़-बड़ उ ोग क थापना ई। िसंचाई क िलए नहर णाली का िवकास िकया गया, िजसक कारण किष
उ पादकता म वृ ई। दि ण िबहार म खिनज-आधा रत उ ोग क थापना क साथ-साथ उ र िबहार म किष-
आधा रत मु यतः चीनी उ ोग एवं जूट उ ोग का िवकास आ, लेिकन 1980 क दशक क बाद से िवकास क
गित अव होती चली गई। राजनैितक इ छाश का अभाव, ाचार, अपराध म वृ , राजनीित का
अपराधीकरण जैसी नकारा मक वृि य क िवकिसत होने से किष और उ ोग क िवकास पर िवपरीत असर पड़ने
लगा। रा य देश क सबसे िपछड़ रा य क ेणी म िगना जाने लगा। वष 1990 से वष 2000 क दशक तक आते-
आते थित और भयावह हो गई तथा िबहार भारत क बीमा (BIMARU) रा य म शािमल हो गया।
िवकास को अव करती अिन तता क थित म 2005 ई. म रा य म स ा प रवतन आ एवं नई सरकार
सता ढ़ ई और िबहार क िवकास क संभावना पुनः जा होने लगी। नई सरकार ने रा य को अपराधमु एवं
ाचार मु बनाने का संक प िलया तथा सुशासन का नारा िदया। रा य म िविध यव था को सु ढ कर
सुशासन का रा य थािपत करने क िलए आव यक था िक रा य क लंत सम या पर िनयं ण थािपत िकया
जाए। इसक िलए ाचार पर िनयं ण करना, अपराध पर िनयं ण करना, न सलवाद क सम या को दूर करना,
जातीय िव ेष को दूर करना, राजनीित को अपराधीकरण से मु करना आिद आव यक माना गया।
उपयु बात को ही यान म रखते ए सरकार ने रा य को िवकास क पटरी पर लाने क िलए िन न यास िकए
ह—
• िविध यव था म सुधार।
• न सलवाद एवं उससे संबंिधत जातीय तनाव को दूर करने का यास।
• शैि क वातावरण म सुधार।
• िन न वग क क याण संबंधी योजना को धरातल पर उतारना।
• राजनीित से अपराधीकरण को दूर करने का यास।
• मिहला सश ीकरण पर बल।
• रा य म सूचना का अिधकार।
• रा य म लोक सेवा अिधकार कानून को लागू करना।
• लोक िशकायत िनवारण अिधिनयम को लागू करना।
• भूिम सुधार काय म को लागू करना।
• वा य सेवा म सुधार।
• म िनषेध लागू करना।
• सात िन य।
िविध यव था म सुधार हतु पुिलस बल का आधुिनक करण िकया जा रहा ह। इसक िलए STF ( पेशल टा क
फोस) एवं SAF ( पेशल ऑ जुिलयरी फोस) का गठन िकया गया ह। अपरािधय पर मुकदमा चलाकर व रत दंड
क यव था क िलए फा ट क अदालत क यव था क गई ह। फा ट क अदालत का गठन वष 2000 ई. म
क सरकार ारा 5 वष क िलए िकया गया था, िजसक अविध बढ़ाकर 2011 ई. तक कर दी गई, लेिकन
िबहार, िहमाचल देश और महारा जैसे रा य ने अपने संसाधन क आधार पर फा ट क कोट को जारी रखा
ह। माच, 2015 तक िबहार म 179 फा ट क कोट कायरत थे, जो देश क िकसी भी अ य रा य क तुलना म
सवािधक ह। राजधानी पुिलस ने जनता से सीधे संपक थािपत करने क िलए ‘पुिलस-प लक संवाद काय म’
तथा ‘डायल पावर’ नामक योजना क शु आत क ह। िबहार देश का थम रा य ह, जहाँ कारा यव था क
सु ढीकरण एवं उ यन क उ े य से पूणतः क यूटरीकत Prision Enterprise Resource and Planning System
िवकिसत िकया गया ह। रा य म बढ़ते साइबर अपराध को िनयंि त करने क उ े य से साइबर ाइम एवं सोशल
मीिडया लैब का गठन िकया गया ह।
STF ( पेशल टा क फोस) का गठन िबहार सरकार ारा 2003 ई. म िकया गया ह, यह रा य म अपराध
िनयं ण का मुख अंग बन चुक ह। 2003 ई. म पेशल टा क फोस का 15 ॉड का गठन िकया गया था,
िजसक सं या वतमान म 25 ह। 2005 ई. म SAF का गठन सेवािनवृ सैिनक को शािमल कर िकया गया।
इसका गठन मु य प से न सली एवं आपरािधक त व को िनयंि त करने िलए िकया गया ह, िजसम काफ हद
तक सफलता भी िमली ह। रा य क सभी 38 िजल म मिहला पुिलस थान क थापना क जा चुक ह। अनुसूिचत
जाित क मिहला क िलए वािभमान पुिलस बटािलयन क गठन हतु ताव पा रत िकया गया ह।
न सलवाद क सम या का ारभ प म बंगाल क न सलवाड़ी नामक थान से 1960 क दशक म आ।
िबहार म इसका िव तार 1980 ई. क दशक म तेज गित से आ। न सलवाद क कारण सामािजक तनाव चरम पर
प च गया तथा अनेक जातीय नरसंहार क घटनाएँ घट , िजससे रा य क िवकास क सभी योजनाएँ लगभग बंद
सी हो गई। न सल भािवत िजल म कानून- यव था म सुधार एवं िवकास क योजना को ती ता से लागू कर
इसे िनयंि त करने का यास िकया गया ह।
राजधानी पुिलस ने जनता से सीधे संपक थािपत करने क िलए ‘पुिलस-प लक संवाद काय म’ तथा
‘डायल पावर’ नामक योजना क शु आत क ह।
शैि क वातावरण म सुधार क िलए सं थागत एवं संरचना मक सुधार का यास िकया गया ह। इसम िव ालय
भवन का िनमाण, िश क िनयु , साइिकल योजना, पोशाक योजना आिद का ि या वयन िकया गया ह, िजससे
िपछले दशक म सा रता क साथ-साथ गुणव ापूण िश ा पर बल िदया गया ह। लोग को व-िश ा मॉ यू स क
मा यम से क यूटर तथा इटरनेट िसखाने क उ े य से वष 2015 म िडिजटल सा रता क िलए ‘िदशा’ नामक
मोबाइल ए लीकशन ारभ क गई ह। मिहला को सा र बनाने क िलए ‘अ र आँचल योजना’ रा य म चलाई
जा रही ह। रा य सरकार ारा ाथिमक िश ा क मु यधारा से ब को जोड़ने क उ े य से िव ालय चलो
क , यास क , मकतब-मदरसा नवाचारी क , तालीमी मरकज क , उ थान क , उ ेरण क आिद संचािलत
िकए जा रह ह। येक मंडल म एक इजीिनय रग कॉलेज, सभी िजल म पॉिलट क कॉलेज तथा सभी
अनुमंडल म ITI सं थान थािपत करने का िनणय िलया गया ह।
िन न वग क क याण संबंधी योजना को लागू कर धरातल पर उतारने का यास िकया जा रहा ह। महादिलत
योजना क ारा समाज क सबसे दबे-कचले वग को ऊपर उठाकर िवकास क मु यधारा से जोड़ने का काय
िकया गया ह। िबहार महादिलत िवकास िमशन ारा अनेक योजनाएँ ारभ क गई ह। इनम दशरथ माँझी कौशल
िवकास योजना का उ े य महादिलत युवक एवं युवितय को िनःशु क यावसाियक िश ण देकर उनक िलए
रोजगार सुिन त करना ह, िजससे उनका आिथक एवं शैि क िवकास हो सक। महादिलत िवकास क िलए लागू
सभी योजना को भावी ढग से ि या वत करने क िलए पंचायत एवं वाड तर पर एक-एक िवकास िम का
चयन िकया जाता ह, िजसम 52 ितशत महादिलत वग क मिहला क िलए थान सुरि त ह। अ य योजना
म मु यमं ी महादिलत पोशाक योजना, महादिलत शौचालय िनमाण योजना, मु यमं ी महादिलत रिडयो योजना,
सामुदाियक भवन एवं कॉल सटर क थापना योजना, महादिलत आवास-भूिम योजना, महादिलत जलापूित योजना
को लागू िकया गया ह। इन योजना क मा यम से समाज क सबसे िपछले पायदान पर खड़ य को आिथक,
सामािजक एवं शैि क ि कोण से िवकास क मु य धारा म जोड़ना ह। इससे इनक आिथक थित म सुधार
होगा और जीवन तर ऊपर उठ सकगा।
रा य क कल आबादी का 48 ितशत जनसं या मिहला क ह। रा य क िवकास क एक अिनवाय
शत मिहला सश ीकरण ह।
रा य क कल आबादी का 48 ितशत जनसं या मिहला क ह। रा य क िवकास क एक अिनवाय शत
मिहला सश ीकरण ह। मिहला सश ीकरण क िदशा म सरकार ारा अनेक यास िकए गए ह। 2011 ई. क
जनगणना क अनुसार रा य का िलंगानुपात 918 ह। रा य का आिथक, सामािजक एवं समावेशी िवकास मिहला
सश ीकरण क िबना संभव नह ह। इस िदशा म मु यमं ी नारी सुर ा योजना, मिहला वयं सहायता समूह का
गठन, अ र आँचल योजना, मु यमं ी बािलका साइिकल योजना, मु यमं ी क या सुर ा योजना, जननी सुर ा
योजना आिद मह वपूण काय सरकार ारा िकया गया ह। सरकार ने मिहला को िवकास क मु यधारा म
शािमल करने क िलए िबहार िदवस क अवसर पर िबहार रा य मिहला सश ीकरण नीित, 2015 को लागू िकया
ह। अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित एवं अ यंत िपछड़ वग क मिहला क िलए रा य म ‘ नर योजना’
चलाई जा रही ह।
सरकार ने पंचायत तर पर चुनाव म मिहला क िलए 50 ितशत आर ण का ावधान िकया ह। 1 अ ैल,
2016 से रा य सरकार क सभी कार क नौक रय म 35 ितशत सीट आरि त क गई ह। मिहला को
आिथक ि कोण से वावलंबी बनाने क िलए वयं सहायता समूह का गठन िकया गया ह। घरलू िहसा कानून का
पालन हो तथा मिहला को घरलू िहसा से बचाया जाए, इसक िलए मिहला ह पलाइन नंबर क यव था क गई
ह। मु यमं ी क या सुर ा योजना का मु य उ े य बािलका भू्रण ह या, जो सामािजक और कानूनी अपराध ह,
को रोकना तथा बािलका ूण ह या पर िनयं ण थािपत कर िलंगानुपात को संतुिलत करना ह।
रा य शासन को पारदश बनाने एवं सबक प च शासन तक हो, इसक िलए सूचना का अिधकार, लोक सेवा
अिधकार, लोक िशकायत िनवारण अिधिनयम आिद को लागू िकया गया ह। सूचना का अिधकार कानून को िबहार
सरकार ारा 2006 ई. से लागू िकया गया ह। इस कानून क तहत 29 जनवरी, 2007 से टलीफोन क मा यम से
भी सूचना माँगने का अिधकार दान िकया गया ह, िजसे ‘जानकारी कॉल सटर’ कहा गया ह। िबहार लोक सेवा
का अिधकार अिधिनयम, 2011 म यह यव था क गई ह िक आम जनता को लोक सेवक समय-सीमा क अंदर
सेवा उपल ध कराएँ। लोक सेवा का अिधकार अिधिनयम, 2011 म िनयत समय-सीमा म सेवा ा करने का
अिधकार आम जनता को िदया गया ह। इसक अंतगत मूल प से ज म माण-प , जाित माण-प , आय
माण-प आिद को आसानी से उपल ध कराना अिधिनयम का उ े य ह।
िबहार म 5 जून, 2016 से लोक िशकायत िनवारण अिधिनयम को लागू िकया गया ह। इस अिधिनयम क तहत
आम लोग क िशकायत को दूर करने क िलए भावशाली यव था क गई ह। इसम िशकायत िनवारण अिधकारी
क यव था क गई ह, िजसक पास कोई भी य सरकारी काय से संबंिधत अपनी िशकायत िलिखत, टलीफोन
अथवा इले ॉिनक मा यम से कर सकता ह। िशकायतकता क आवेदन वीकार होने क 60 िदन क अंदर
िशकायत पर कारवाई करना अिनवाय ह।
िबहार म म िनषेध
िबहार सरकार ारा रा य म शराबबंदी का ऐितहािसक फसला िलया गया ह, िजसक चतुिदक सराहना हो रही
ह। इस काय म से समाज म एक नए वातावरण का िनमाण आ ह, जो आनेवाले िदन म शैि क, सामािजक एवं
आिथक िवकास का नया ार खोलने म सहायक िस होगा। मु यमं ी नीितश कमार ने सरकार गठन क उपरांत
इस िदशा म नई पहल ारभ क और शपथ (20 नवंबर, 2015) लेने क महज 6 िदन बाद ही 26 नवंबर, 2015
को म िनषेध िदवस पर उ ह ने शराबबंदी का ऐलान िकया। 30 माच, 2016 को िबहार िवधानमंडल म सवस मित
से शराबबंदी िवधेयक पास आ। 1 अ ैल, 2016 से देशी शराब क बंदी और 5 अ ैल, 2016 से रा य म देशी-
िवदेशी शराब सिहत पूण शराबबंदी लागू हो गई। 5 अ ैल, 2016 से िबहार म देशी-िवदेशी शराब क थोक एवं
खुदरा यापार तथा उपयोग पर पूण ितबंध लगा िदया गया। म िनषेध से संबंिधत कानून 1991 ई. म भी पा रत
िकया गया था, जो कवल ताड़ी क योग से जुड़ा आ था।
िबहार म पूण शराबबंदी लागू करने तथा उसक सफल ि या वयन हतु कड़ कानूनी ावधान भी िकए गए ह।
िमलावटी शराब पीने से िकसी क यिद मृ यु होती ह तो वैसी शराब बनाने अथवा बेचनेवाले को मृ युदंड िमलेगा
तथा गंभीर ित अथवा अपंग होने क थित म उ कद क सजा का ावधान ह। इसक अलावा अवैध शराब
यापार, खरीद-िब , प रवहन इ यािद करने पर, औ ोिगक उपयोग वाली प रट को िपलाने पर, नकली अथवा
देशी शराब को िवदेशी बताकर िपलाने पर यूनतम 10 वष और अिधकतम उ कद क साथ 1 लाख पए से 10
लाख पए तक जुमाना हो सकता ह।
सावजिनक थल पर शराब पीने अथवा पीकर हगामा करने, शराब दुकान अथवा अपने प रसर/घर म ही
शरािबय का जमावड़ा लगाकर ड़दंग करने पर 5 साल तथा अिधकतम 10 साल क सजा सिहत आिथक दंड
अिधरोिपत होगा। होिमयोपैथी, आयुविदक अथवा अं ेजी दवा क दुकान पर शराब पीने/िपलाने क थित म
पीनेवाले पर आिथक दंड सिहत 5-7 साल क सजा एवं िपलानेवाले पर आिथक दंड सिहत 8-10 साल क सजा
ि या वत होगी। ब को शराब िपलाने पर िपलानेवाले को 7-10 साल क सजा और आिथक दंड लगाने क
यव था ह। मिहला एवं ब को शराब यवसाय म लगाने पर 5-7 साल क सजा सिहत 10 लाख पए
जुमाना लगाया जाएगा।
िबहार म पूण शराबबंदी लागू करने तथा उसक सफल ि या वयन हतु कड़ कानूनी ावधान भी िकए
गए ह। िमलावटी शराब पीने से िकसी क यिद मृ यु होती ह तो वैसी शराब बनाने अथवा बेचनेवाले को
मृ युदंड िमलेगा तथा गंभीर ित अथवा अपंग होने क थित म उ कद क सजा का ावधान ह।
उ ेखनीय ह िक अवैध शराब यवसाय म िल सामान एवं संपि , यथा—घर, दुकान एवं प रसर को भी
सील कर ज त कर िलया जाना कानूनी ावधान म ह। इस पर लोग को पता होना चािहए िक सरकार ने जनता क
िहत म जहरीली शराब से होनेवाली मृ यु पर तुरत संबंिधत समाहता ारा 4 लाख पया भुगतान का ावधान
मरनेवाले क प रवार हतु िकया ह तथा गंभीर प से घायल हो जाने पर 20 हजार पए िदए जाने का ावधान ह।
सात िन य
माच, 2015 म ‘िबहार िदवस’ क अवसर पर रा य सरकार ने सात िन य का िनणय िलया ह। वष 2015-20
क काल म सुशासन क काय म को िवकासा मक एवं लोक क याणकारी बनाने क िलए िबहार सरकार सात
िन य को ि या वत कर रही ह। ये सात िन य िन निलिखत ह—
1. आिथक हल एवं युवा का बल—युवा पीढ़ी को आ मिनभर बनाने, रोजगारपरक एवं कशल बनाने क
िलए यह िन य लागू िकया गया ह। इस िन य क तहत टडट िडट काड योजना, मु यमं ी िन य वयं
सहायता योजना भ ा, कशल युवा काय म 2 अ ूबर, 2016 से ारभ िकया गया ह।
2. आरि त रोजगार मिहला का अिधकार—यह काय-योजना मिहला सश ीकरण को बढ़ावा देने क िलए
लागू क गई ह। इसक तहत 20 जनवरी, 2016 से सरकारी नौक रय म मिहला क िलए 35 ितशत आर ण
क यव था क गई ह।
3. हर घर िबजली—15 नवंबर, 2016 से सभी घर को 24×7 िबजली उपल ध कराने का काय म शु िकया
गया ह तथा िदसंबर, 2020 तक इस ल य को पूरा करने का िनणय िलया गया ह।
4. हर घर नल का जल—सभी नाग रक को व छ पेयजल उपल ध कराने क िलए 27 िसतंबर, 2016 से
मु यमं ी ामीण पेयजल िन य योजना, मु यमं ी ामीण पेयजल (गुणव ा भािवत े ) िन य योजना,
मु यमं ी ामीण पेयजल (गैर-गुणव ा भािवत े ) िन य योजना एवं मु यमं ी शहरी पेयजल िन य योजना
शु क गई ह।
5. घर तक प गली-नािलयाँ—इस योजना क तहत रा य क सभी सड़किवहीन गाँव एवं टोल को प
सड़क से जोड़ने क योजना ह, साथ ही गाँव एवं शहर म गली-नाली का िनमाण िकया जाना ह। इसक िलए 28
अ ूबर, 2016 से ामीण टोला संपक िन य योजना, मु यमं ी ामीण गली-नाली प करण िन य योजना
तथा मु यमं ी शहरी गली-नाली प करण िन य योजना ारभ क गई ह।
6. शौचालय िनमाण घर का िनमाण—इस योजना क तहत हर घर म शौचालय क यव था क जा रही ह,
िजससे िबहार को व थ और व छ बनाया जा सक एवं खुले म शौच से मु िकया जा सक। 27 िसतंबर, 2016
से इस उ े य क पूित क िलए लोिहया व छ िबहार अिभयान एवं शौचालय िनमाण (शहरी े ) योजना ारभ
क गई ह।
7. अवसर बढ़, आगे पढ़—रा य म यावसाियक एवं तकनीक िश ा को बढ़ावा देने िलए इस िन य क
अंतगत अनेक योजना का काया वयन िकया जा रहा ह। इसक िलए येक िजले म जी.एन.एम. कल, पैरा
मेिडकल कॉलेज, पॉिलट क कॉलेज, मिहला औ ोिगक िश ण सं थान, अिभयं ण महािव ालय क थापना
क जाएगी। सभी अनुमंडल म ए.एन.एम. कल तथा सरकारी औ ोिगक िश ण सं थान क थापना क
जाएगी। सभी मेिडकल कॉलेज म निसग कल एवं रा य म पाँच नए मेिडकल कॉलेज क थापना क जाएगी।
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41. िबहार िदवस
(Bihar Diwas)
िबहार थापना िदवस अथवा िबहार िदवस ितवष 22 माच को मनाया जाता ह। िबहार िदवस मनाने क परपरा
2010 ई. से ारभ क गई, जब िबहार क मु यमं ी नीतीश कमार ने पहली बार पटना थत ऐितहािसक गांधी
मैदान म 22 माच, 2010 को थम िबहार िदवस का शुभारभ िकया। इसक बाद से ितवष िबहार िदवस मनाया
जाता ह। 22 माच को ही िबहार िदवस मनाने का मु य कारण यह ह िक 22 माच, 1912 को ि िटश सरकार
ारा बंगाल को िबहार से अलग करने का गजट कािशत िकया गया तथा 1 अ ैल, 1912 को बंगाल से िबहार
को अलग कर िदया गया। बंगाल से िबहार को अलग करने क घोषणा 12 िदसंबर, 1911 को गई थी, िजस िदन
भारत क राजधानी कलक ा से थानांत रत कर िद ी बनाई गई थी। नवगिठत िबहार ांत क थम रा यपाल सर
चा स टवट बेले को एवं उप-रा यपाल क.सी.एस.आई. को िनयु िकया गया था। स य स िस हा रा य क
थम भारतीय रा यपाल िनयु ए थे।
िबहार िदवस क अवसर पर रा य सरकार ने राजक य अवकाश क घोषणा क ह। वतमान समय म भारत क
कई शहर क साथ-साथ िवदेश म भी िबहार िदवस का आयोजन िकया जाता ह। 22 माच, 2016 को यू.एस.ए.,
ि टन, ऑ टरिलया, कनाडा, बहरीन, कतर, ि िनदाद ऐंड टोबैगो, मॉरीशस तथा यू.ए.ई. म िबहार िदवस मनाया
गया। इस काय म का आयोजन रा य क बाहर एवं दूसर देश म िबहार फाउडशन नामक सं था ारा िकया
जाता ह। िबहार फाउडशन रा य सरकार का िसंगल िवंडो िस टम ह, जो आ वासी िबहा रय को रा य क िवकास
क िलए िनवेश करने हतु ो सािहत करने का काय करता ह।
सातव िबहार िदवस क अवसर पर मु यमं ी ने मिहला सश ीकरण पर जोर देते ए कहा िक नारी
सश ीकरण से ही हमारा समाज मजबूत होगा। नारी म जो बड़ी श और ऊजा ह, उसका इ तेमाल समाज एवं
रा य क िवकास क िलए होना चािहए और इसक िलए सरकार ढ संक पत ह। रा य सरकार ारा कली
छा ा को पोशाक एवं साइिकल दी जा रही ह। पंचायत एवं नगर िनकाय क चुनाव म मिहला को 50 फ सदी
आर ण िदया गया। ऐसा करनेवाला िबहार पहला रा य बना। िश क िनयोजन म भी मिहला को 50 फ सदी
आर ण, मिहला िसपाही व सब-इ पे टर क िनयु म 35 फ सदी आर ण िदया जा रहा ह। मिहला को
सा र बनाने क िलए ‘अ र आँचल’ योजना चलाई जा रही ह। मिहला क वयं सहायता समूह ‘जीिवका’ क
थापना क गई ह। इसक मा यम से 10 लाख वयं सहायता समूह बनाने का ल य ह। इसम 1.10 करोड़
मिहलाएँ तथा उनका प रवार जुड़ जाएगा। साइिकल योजना क कारण 9व क ा म पढ़नेवाली लड़िकय क सं या
म 3 गुना वृ ई ह और वे भिव य क सपन क उड़ान भरने लगी ह।
22 माच को ही िबहार िदवस मनाने का मु य कारण यह ह िक 22 माच, 1912 ई. को ि िटश सरकार
ारा बंगाल को िबहार से अलग करने का गजट कािशत िकया गया तथा 1 अ ैल, 1912 ई. को
बंगाल से िबहार को अलग कर िदया गया।
मु यमं ी ने अपने भाषण क दौरान कहा िक 2011 म ई जनगणना क अनुसार मिहला सा रता दर बेहतर ई
ह। सा रता दर म वृ िबहार म सवािधक रही ह। 2021 तक िबहार सा रता दर म शीष पाँच रा य म शािमल
होना चाहता ह। इसक िलए अनेक योजनाएँ चल रही ह और आगे भी जारी रहगी। उ ह ने कहा िक िबहार का
इितहास गौरवशाली ह। िबहार िदवस का संक प िबहार म स ावना थािपत करना ह, तािक हमारा िबहार गौरव
क उ िशखर पर प चे। इसक िलए सुशासन क साथ ‘सात िन य काय म’ रा य म भावशाली तरीक से
संचािलत िकया जा रहा ह। सरकार का उ े य ह— याय क साथ, सबका िवकास।
गांधी मैदान म िबहार िदवस क अवसर पर मनोरजन क साथ-साथ ानवधन से संबंिधत अनेक गितिविधयाँ
संचािलत क गई। पयटन िनगम ारा यंजन मेला का आयोजन था, तो िबहार लिलत कला अकादमी क ओर से
िच कला दशनी। आपदा बंधन िवभाग आग, भूकप, बाढ़, च वात तथा अ य आपदा क जानकारी सुलभ
करा रहा था। इसक अलावा उ त खेती क तरीक, आधुिनक किष यं पर िकसान को िदए जानेवाले अनुदान क
जानकारी सिहत छोट-बड़ ब क िलए ज, बाल संस , माशल आट, कराट, िच कारी, ा ट तथा वा य
बीमा योजना, आधार काड, िस एवं बाँस कला, मिहला वयं सहायता समूह, मधुबनी पिटग एवं िबहार क
धरोहर क संबंध म नई-नई जानकारी क साथ-साथ िव ुत कपनी ारा आम जन क सुिवधा हतु जानकारी देने
क भी यव था सु ढ थी। सूचना जनसंपक िवभाग क िवकासा मक िच दशनी बढ़ते एवं बदलते िबहार क
त वीर पेश कर रही थी, वह अिभलेखागार उ ोग एवं अ य िवभाग क दशिनयाँ मानु म से िवकासगाथा का
गायन कर रही थ । कह िल ी-चोखा क यव था तो कह अ य िबहारी यंजन क । िद ी से लेकर िवदेश
तक िबहार िदवस और अवसर िवशेष पर िबहारी यंजन क धूम रही।
िबहार सरकार अपने विणम अतीत से लोग को जा करने क िलए 22 माच, 2010 से ितवष िबहार िदवस
का आयोजन करती आ रही ह। इसका उ े य िबहार क लोग म वािभमान को जा करना ह। इससे सं कित,
परपरा एवं अपने महापु ष क ित स मान एवं कत ता क भाव जगगे। िबहार िवदेहराज जनक, िव ािम ,
चाण य और चं गु क धरती रहा ह। महान िव ान , दाशिनक , िचंतक और सािह यकार का संबंध िबहार से
रहा ह। ऐितहािसक, सां कितक एवं राजनीितक ि से यह भूिम अ यंत वैभवशाली रही ह। मौय वंश क महान
शासक स ा अशोक का सा ा य अफगािन तान तक फला था तथा शेरशाह शूरी भी िबहार क थे। यह भगवा
बु , भगवा महावीर तथा गु गोिवंद िसंह क पिव धरती ह। यहाँ सूफ संत क वाणी भी गूँजी। 3 ाचीन
िव िव ालय म नालंदा और िव मिशला िबहार म ही थे। िबहार क गाथा क िजतनी शंसा क जाए, वह कम
होगी।
िबहार िदवस मनाए जाने का मु य उ े य ह— िबहा रय क बीच भावना मक लगाव को िवकिसत करना तथा
िबहार रा ीयता को मजबूती दान करना। इस आयोजन क ारा ाचीन िबहार क ऐितहािसक समृ तथा रा य
क संसाधन एवं िवकास क प र थितय को आकषक प म दुिनया क सामने तुत करना, िजससे रा य क
नकारा मक छिव को दूर िकया जा सक। इसक मा यम से रा य एवं देश क बाहर रह रह िबहारी उ ोगपितय ,
आ वासी िबहा रय एवं अ य उ ोगपितय म िबहार क ित आकषण पैदा करना, तािक रा य म अिधक-से-
अिधक पूँजी िनवेश िकया जा सक।
‘िबहार िदवस’ क आयोजन से िबहारी स यता-सं कित एवं गौरवगाथा क चचा से हमारी नई पीढ़ी िशि त एवं
सुसं कत होगी। काल म म िबहार का नाम और इसक सां कितक खुशबू सात समंदर पार प चेगी और िबहार
का सवागीण िवकास संभव होगा।
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42. समसामियक
(Current Affairs)
350वाँ काशो सव
काशो सव िसख क दसव और अंितम गु ी गु गोिवंद िसंह क ज म िदवस पर येक वष आयोिजत िकया
जाता ह। इनका ज म 26 िदसंबर, 1666 को पटना सािहब म आ था। त त ी ह रमंिदरजी पटना सािहब म 10व
तथा अंितम िसख गु गु गोिवंद िसंह क 350व काश गु पव (ज मो सव) का आयोजन 31 िदसंबर, 2016 से 5
जनवरी, 2017 तक िकया गया। इस काश उ सव म देश-िवदेश से बड़ी सं या म ालु ने भाग िलया।
350व काशो सव क अवसर पर पटना को िमनी पंजाब का प िदया गया था। गांधी मैदान म बने पंडाल को
अमृतसर क वण मंिदर क आकित दान क गई थी। रा य सरकार ने इस महो सव क िलए तीन िदन का
राजक य अवकाश घोिषत िकया था। इस समारोह म देश-िवदेश क लाख ालु ने भाग िलया। अमे रका, ेट
ि टन, ऑ िलया, जमनी, कनाडा आिद देश से भी हजार क सं या म ालु काशो सव म प चे। समारोह
म देश क धानमं ी ी नर मोदी, िबहार क मु यमं ी ी नीतीश कमार, पंजाब क मु यमं ी ी काश िसंह
बादल तथा अनेक ग यमा य लोग ने भाग िलया। काय म का सीधा सारण ऑल इिडया रिडयो एवं दूरदशन क
मा यम से लगभग 32 देश म एक साथ िकया गया। पटना क अलावा लखनऊ, जालंधर, कोलकाता, भोपाल तथा
अ य टशन से भी इसका सारण िकया गया।
अमे रका, ेट ि टन, ऑ िलया, जमनी, कनाडा आिद देश से भी हजार क सं या म ालु
काशो सव म प चे। समारोह म देश क धानमं ी ी नर मोदी, िबहार क मु यमं ी ी नीतीश
कमार, पंजाब क मु यमं ी ी काश िसंह बादल तथा अनेक ग यमा य लोग ने भाग िलया।
गांधी मैदान म भ गीत एवं क तन क आयोजन क साथ लंगर क भी यव था बड़ पैमाने पर क गई। गु
महाराज क जीवनी एवं उन पर आधा रत क तन का आयोजन िकया गया। पटना सािहब को सतरगी रोशिनय से
सजाया गया। देश-िवदेश से प चे ालु क ठहरने क िलए गांधी मैदान, बाईपास एवं कगन घाट म अ थायी
टट िसटी का िनमाण िकया गया था। इन तीन टट िसटी क सुर ा क िलए लगभग 9000 जवान क तैनाती क गई
थी। काशो सव म आनेवाले ालु क िलए 26 िदसंबर से 15 जनवरी तक पटना घाट से पटना जं शन क
बीच 7 पेशल न चलाई गई। ालु क सुर ा एवं सुिवधा क िलए पटना सािहब टशन क पास अ थायी
थाने का िनमाण िकया गया था। ालु क सुर ा व सहयोग क िलए अकाल त त बंधन सिमित ने लोग क
अनेक सिमितयाँ गिठत क थ । िनगरानी क िलए 85 वाचटावर, CCTV एवं वीिडयो ाफ क यव था क गई थी।
रा य सरकार ने सुर ा क मह व को यान म रखकर लगभग 1200 दंडािधका रय , 1300 पुिलस पदािधका रय
एवं 13000 जवान क िनयु क थी।
काशो सव म आनेवाले ालु को िकसी कार क कोई परशानी न हो, इसक िलए िविभ थल पर 70
ह प-ड क काम कर रह थे। वा य सुर ा को यान म रखकर तैनात पुिलसकिमय को हडह ड माइक,
वायनाकलर, गनलाइट से लैस िकया गया था तथा एन.डी.आर.एफ. एवं एस.डी.आर.एफ. क तैनाती क गई
थी। काशो सव को आकषक एवं यादगार बनाने क िलए आए ए ालु को मनोरजन क साथ िबहार क
सं कित से भी प रिचत कराया गया।
अंतरा ीय बौ स मेलन
6 अ ूबर, 2016 को 36 देश क बौ धमावलंिबय ने बोधगया क महाबोिध मंिदर प रसर म इटरनेशनल
बौ कॉन ेव क समापन स पर दुिनया को शांित का संदेश िदया। महाबोिध वृ क नीचे बौ धमावलंिबय
ने इसक िलए सामूिहक साधना क । बौ स मेलन क शु आत 3 अ ूबर, 2016 को सारनाथ म, 4 अ ूबर,
2016 को वाराणसी म तथा 5 अ ूबर, 2016 को राजगीर म ई।
नव नालंदा महािवहार
मानव संसाधन िवकास मं ालय ारा 13 नवंबर, 2006 को नव नालंदा महािवहार को मािनत िव िव ालय
का दजा िदया गया। इस सं थान क थापना का उ े य इसे ाचीन नालंदा िवहार क तरह उ अ ययन क क
प म िवकिसत करना ह। 17 जुलाई, 2016 को सं कित मं ालय क अंतगत नव नालंदा महािवहार को लेकर
िन निलिखत कदम उठाए गए ह—
1. पाली ि िपटक क 41 खंड का िफर से मु ण।
2. मा टर जुआन जग क अवशेष को जुआन जग मृित प रसर म लाना।
3. चालू शैि क स म ऑन-लाइन वेश आवेदन।
4. शोध पि का का काशन।
5. नव नालंदा महािवहार क शैि क कलडर का संकलन।
6. नव नालंदा महािवहार म भाषा योगशाला क थापना।
7. नव नालंदा महािवहार क सभी तीन प रसर म सौर णाली क थापना।
12व इटरनेशनल ि िपटक पूजा का शुभारभ
रा य क रा यपाल रामनाथ कोिवंद ने महाबोिध वृ क नीचे 12व इटरनेशनल ि िपटक पूजा का शुभारभ दीप
िलत कर िकया। इस पूजा स मेलन म 13 देश क ालु ने भाग िलया। भगवा बु क उपदेश का
संकलन ि िपटक म ह। बोधगया म इसे संरि त करने क िलए िवगत 12 वष से इस कार क पूजा का आयोजन
िकया जा रहा ह।
नालंदा िव िव ालय िव धरोहर म शािमल
यूने को ने ाचीन नालंदा िव िव ालय क अवशेष को व ड ह रटज साइट म शािमल कर िलया ह। नालंदा का
अवशेष िबहार क दूसरी और देश क 33व धरोहर ह, िजसे व ड ह रटज साइट का दजा िदया गया ह। गया क
महाबोिध मंिदर को पहले ही इसम शािमल कर िलया गया ह।
लोक िशकायत िनवारण कानून, 2015
5 जून, 2016 को रा य म िबहार लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015 लागू िकया गया। आम
जनता क सम या एवं िशकायत का समाधान रा य सरकार क सव ाथिमकता म ह। िशकायत क
सुनवाई एवं िनवारण का अवसर दान करने क ठोस, पारदश एवं जवाबदेह यव था कायम करने क उ े य से
गुड गवनस क िदशा म एक बड़ा कदम उठाते ए िबहार सरकार ने संपूण ांित िदवस एवं िव पयावरण िदवस
को यह कानून लागू िकया। जनता को उनक िशकायत क सुनवाई एवं उसक िनवारण क अवसर का कानूनी
अिधकार ा हो गया ह। िकसी िशकायत पर क गई कारवाई अथवा पा रत िनणय क सूचना भी ा करने का
उ ह वैधािनक अिधकार इस अिधिनयम ारा ा आ ह। िबहार देश का ऐसा पहला रा य ह, जहाँ आम लोग
को उनक प रवाद पर सुनवाई क साथ-साथ इसक िनवारण का भी कानूनी अिधकार दान िकया गया ह। रा य म
चलाई जा रही िकसी योजना, काय म या सेवा क संबंध म कोई लाभ या प रतोष माँगने हतु प रवाद दायर करने
का अिधकार ा हो गया ह। ऐसी िकसी योजना, काय म या सेवा का फायदा प चाने म िवफल रहने पर अथवा
िवलंब होने पर भी प रवाद दायर िकया जा सकता ह। रा य सरकार इस अिधिनयम को काया वत करने क िलए
वतं शासिनक ढाँचा िवकिसत करने हतु रा य क सभी 101 अनुमंडल , सभी 38 िजला मु यालय क साथ
सभी 44 िवभाग क िलए लोक िशकायत िनवारण पदािधका रय का पद सृिजत िकया ह और इन पर िबहार
शासिनक सेवा क अनुभवी अिधका रय क तैनाती भी कर दी गई ह। प रवाद ा करने क िलए सभी िवभाग,
िजला एवं अनुमंडल म लोक िशकायत ा क बनाए गए ह। िशकायत क ा क िलए सूचना भवन म
रा य लोक िशकायत ा क का भी िनमाण िकया गया ह। इसक अित र कोई भी य डाक ारा ऑन-
लाइन वेब पोटल http//lokshikayat.bihar.gov.in अथवा इ-मेल infolokshikayat-bih@gov.in से भी प रवाद
दज करा सकता ह। प रवाद दज कराने तथा दज कराए गए प रवाद पर कारवाई क थित जानने क िलए टॉल
नंबरवाले कॉल सटर 1800 3456284 पर कॉल क जा सकती ह।
पटना मे ो रल सेवा
महानगरीय यव था म सावजिनक आवागमन हतु मे ो रल सेवा क भूिमका मह वपूण ह। मंि मंडल ने ताव
क आलोक म पटना मे ो रल सेवा पर काय करने क वीकित दान क ह। इस पर लगभग 16960 करोड़ पए
क लागत आएगी तथा एस.पी.वी. मॉडल म योजना का काया वयन होगा। योजना काया वयन हतु ताव JICA
एवं ADB को भेजने हतु सै ांितक एवं शासिनक वीकित दी गई ह।
पटना मे ो रल सेवा तदनुसार ई ट-वे ट कॉ रडोर म 1A एवं 1B क योजना ह। 1A क तहत मे ो का िव तार
दानापुर से मीठापुर तक वाया बेली रोड एवं पटना रलवे टशन होगा। 1B अथा दीघा िलंक मे ो कॉ रडोर दीघा
घाट से पटना उ यायालय/िवकास भवन तक िव तृत होगा। ई ट-वे ट कॉ रडोर क कल लंबाई 16.9
िकलोमीटर होगी, िजसम 14 टशन ह गे।
5 जून, 2016 को रा य म िबहार लोक िशकायत िनवारण अिधकार अिधिनयम, 2015 लागू िकया गया।
आम जनता क सम या एवं िशकायत का समाधान रा य सरकार क सव ाथिमकता म ह।
ताव क मुतािबक नॉथ-साउथ मे ो कॉ रडोर क तहत कॉ रडोर-II, कॉ रडोर-III तथा कॉ रडोर-IV होगा।
कॉ रडोर-II म पटना रलवे टशन से नया अंतरा यीय बस टड वाया गांधी मैदान, पी.एम.सी.एच., राज नगर
रलवे टशन तक मे ो रल होगी। कॉ रडोर-III मीठापुर बाईपास चौक से दीदारगंज तथा कॉ रडोर-IV मीठापुर
बाईपास चौक से फलवारीशरीफ/ए स तक िव तृत होगा। इसक कल लंबाई 14.02 िकलोमीटर होगी, िजसम कल
12 टशन ह गे।
िबहार म बाल म टरिकग िस टम
िबहार क मु यमं ी नीतीश कमार ने बाल म से मु कराए गए ब क उिचत पुनवास हतु 12 जून, 2016
को बाल म टरिकग िस टम (CLTS) का उ ाटन िकया। इसक तहत मु यमं ी राहत कोष से ब म
आ मिव ास पैदा करने क उ े य से उनक खाते म सहायता क प म 25 हजार पए दान िकए जाएँगे।
ईज ऑफ डइग िबजनेस रिकग म िबहार शीष पर
औ ोिगक नीित एवं संवधन िवभाग (DIPP) ने यापार सुधार एवं ए शन लान क आधार पर जून, 2016 म
भारत क िविभ रा य क िलए ईज ऑफ डइग िबजनेस रिकग जारी िकया, िजसम िबहार शीष पर रहा। वष
2015 म िबहार का थान छठा था।
िबहार म डायर ट बेिनिफट ांसफर िस टम लागू
समाज क याण िवभाग क सामािजक सुर ा एवं िनःश ता िनदेशालय ारा आयोिजत काय म म रा य क
समाज क याण मं ी ने 27 अ ूबर, 2016 से डायर ट बेिनिफट ांसफर (DBT) िस टम का उ ाटन िकया
गया। इससे िवधवा, िद यांग एवं वृ ा पशन तथा आँगनबाड़ी सेिवका-सहाियका एवं वा य िवभाग क
ए.एन.एम. क मानदेय का भुगतान सीधे बक खाते से होगा।
िबहार िवधानसभा चुनाव, 2015
• 16व िबहार िवधानसभा क िलए सभी 243 सीट पर आम चुनाव पाँच चरण म अ ूबर-नवंबर 2015 म संप
आ, िजसम 56.8 ितशत मतदान आ।
• चुनाव म महागठबंधन [जनता दल (यू), रा ीय जनता दल एवं कां ेस] को 178 सीट पर जीत हािसल ई,
िजसम जनता दल (यू) को 71, रा ीय जनता दल को 80 तथा कां ेस को 27 सीट पर जीत िमली।
• रा ीय जनतांि क गठबंधन (NDA)को 58 सीट पर िवजय ा ई, िजसम भारतीय जनता पाट को 53,
लोक जनश पाट को 02, रा ीय लोक समता पाट को 02 तथा िहदु तानी अवामी मोचा को 01 सीट पर जीत
हािसल ई।
• राजधानी पटना क गांधी मैदान म िदनांक 20.11.2015 को महागठबंधन क नेता ी नीतीश कमार ने 5व बार
िबहार क मु यमं ी पद क शपथ ली। रा य क रा यपाल ी रामनाथ कोिवंद ने ी नीितश कमार को 35व
मु यमं ी क प म पद और गोपनीयता क शपथ िदलाई।
िबंदे र पाठक व छ रल िमशन क ांड एंबेसेडर िनयु
रल मं ालय ारा 2 नवंबर, 2016 को सुलभ इटरनेशनल क सं थापक डॉ. िबंदे र पाठक को व छ रल
िमशन का ांड एंबेसेडर िनयु िकया गया ह। सुलभ इटरनेशनल ने देश क िविभ रलवे टशन को साफ-सुथरा
रखने म मह वपूण भूिमका िनभाई ह। यह एक भारतीय सं था ह, जो मानव अिधकार, पयावरण, व छता, ऊजा
क गैर-पारप रक ोत , कचरा बंधन आिद म योगदान दे रही ह।
िमशन इ धनुष काय म, 2015
यह एक रा ीय वा य काय म ह, िजसका शुभारभ िबहार म वष 2015 म िकया गया। इस िमशन क थम
चरण म रा य क वैसे िजल को िच त िकया गया ह, िजनम देश क कल टीकारिहत या आंिशक प से
ितरि त ब म से 50 ितशत ब े रहते ह। इसम िबहार क 14 िजले अर रया, िकशनगंज, किटहार, सहरसा,
दरभंगा, सम तीपुर, मुज फरपुर, सीतामढ़ी, बेितया, पटना, गया, जमुई एवं बेगूसराय आते ह। इस काय म म सात
बीमा रय —य मा, पोिलयो, गलघ ट, काली खाँसी, टटनस, हपेटाइिटस-बी एवं खसरा से बचाव क टीक िदए जाते
ह। अिभयान क दौरान 0-2 वष क ब े एवं गभवती मिहला का टीकाकरण िकया जाता ह। वतमान समय म
िबहार क संपूण टीकाकरण का ितशत 69.9 ह, जो रा ीय औसत से अिधक ह।
यायमूित राज मेनन ने पटना उ यायालय क मु य यायाधीश पद क शपथ
ली
यायमूित राज मेनन ने 15 माच, 2017 को पटना उ यायालय क मु य यायाधीश पद क शपथ ली। उ ह
रा यपाल रामनाथ कोिवंद ने पद और गोपनीयता क शपथ िदलाई।
संतोष यादव और शिश सुमन बने चुनाव आयोग क टट आईकॉन
चुनाव आयोग ने मिहला पवतारोही संतोष यादव व संगीतकार शिश सुमन को िबहार िवधानसभा चुनाव, 2015 म
मतदाता जाग कता क िलए टट आईकॉन बनाया। िविदत ह िक संतोष िव क पहली मिहला पवतारोही ह,
िज ह ने दो बार एवर ट (वष 1992 एवं वष 1993 ई. म) पर चढ़ने म सफलता हािसल क ह। वष 2000 म उ ह
‘प ी’ से स मािनत िकया गया ह। संतोष यादव ह रयाणा क मूल िनवासी ह तथा उनका िववाह िबहार क मुंगेर
िजले म आ ह। शिश सुमन गया क मूल िनवासी ह और िफ म जगत म संगीतकार ह।
िबहार पंचायत चुनाव म यािशय क िलए उनक घर शौचालय का होना
अिनवाय
िबहार रा य चुनाव आयोग क मुख अशोक कमार चौहान ने 4 जनवरी, 2016 को पंचायत चुनाव, 2016 को
यान म रखते ए घोषणा क िक येक पंचायत चुनाव क याशी क घर म शौचालय का होना अिनवाय होगा।
सोनपुर रलवे टशन देश का पहला ह पीनेस जं शन बना
18 अ ूबर, 2016 को सोनपुर क मंडल रल बंधक मनोज कमार अ वाल ने सोनपुर रलवे टशन को देश का
पहला ह पीनेस जं शन घोिषत िकया ह।
ऑपरशन सफाया
िबहार एवं झारखंड पुिलस व क ीय सुर ा बल ने संयु प से न सिलय क िखलाफ सीमावत िजल क
जंगल व पहािड़य म ॉइट ऑपरशन शु करने क तैयारी क ह। इस कारवाई का नाम ‘ऑपरशन सफाया’
िदया गया ह।
नीरा ो साहन योजना
मु यमं ी नीितश कमार ने 5 अ ैल, 2016 से देश म पूण शराबबंदी लागू कर दी ह। इसक साथ ही वष 1991
क अिधसूचना को लागू िकए जाने क साथ ताड़ क उ पाद नीरा को ो सािहत करने का िनणय िलया ह।
‘िदशा’ मोबाइल एप
दूरसंचार मं ी ी रिवशंकर साद ने 10 अग त, 2015 को िबहार म िडिजटल सा रता क िलए ‘िदशा’ नाम से
मोबाइल ए लकशन आरभ क ह। इस एप का उ े य लोग को व-िश ा मॉ यू स क मा यम से क यूटर एवं
इटरनेट िसखाना ह।
नेशनल लीडरिशप अवाड
िस गिणत आनंद कमार को ल मीपत-िसंघािनया-आई.आई.एम., लखनऊ नेशनल लीडरिशप अवाड से
स मािनत िकया गया ह। 16 जुलाई, 2016 को नई िद ी म संप िवशेष काय म म आनंद कमार को यह
पुर कार क ीय िव मं ी अ ण जेटली ने िदया। यह स मान पूव म िव ो क मुख अजीम ेमजी, इ फोिसस क
मुख डॉ. एन.आर. नारायण मूित, टाटा समूह क रतन टाटा एवं राजीव बजाज को िमल चुका ह।
िबहार कला पुर कार
18 अ ूबर, 2016 को िबहार कला िदवस क अवसर पर िबहार क मु यमं ी ने वष 2015-16 एवं वष 2016-
17 क िलए िबहार रा य कला पुर कार दान िकया। यह पुर कार िबहार क कला एवं सं कित िवभाग ारा दान
िकया जाता ह। इसक अंतगत िदए जानेवाले पुर कार िन निलिखत ह—
• राधामोहन पुर कार—शैल कमार एवं िवनोद कमार।
• युवा पुर कार—इ देव भारती एवं मोह मद सुलेमान।
• रा ीय स मान— ेम कमार म क (इलाहाबाद), िवमान सुंदरम (िद ी), सी.एल. दास (पटना) तथा
िह मत शाह।
• लाइफटाइम एचीवमट पुर कार —डॉ. शंकर साद (पटना), जयनारायण िसंह (पटना), नाग मोिहनी
(पटना) एवं बाबा दाय (पूिणया)।
पटना पायर स ने जयपुर िलंग पथस को हराकर दूसरी बार ो-कब ी ॉफ
जीती
पटना पायर स ने 31 जुलाई, 2016 को जयपुर िपंक पथस को हराकर दूसरी बार ो-कब ी िखताब जीता।
हदराबाद क गाचीबो ी इडोर टिडयम म खेले गए फाइनल मैच म पटना पायर स ने जयपुर िपंक पथस को 37-
29 अंक से परािजत िकया। पटना क टीम को 1 करोड़ पए िमले, जबिक जयपुर को 50 लाख पए का पुर कार
दान िकया गया।
क. वीरामिण पुर कार, 2015
िबहार िवधान प रष क एने सी भवन म मु यमं ी ी नीतीश कमार को सामािजक याय क िलए िदए जानेवाले
‘क. वीरामिण पुर कार’, 2015 से स मािनत िकया गया। अमे रका क पे रयार इटरनेशनल सं था ारा सामािजक
याय क े म उ क काय करने क िलए ‘वीरामिण पुर कार’ िदया जाता ह।
प रवार िनयोजन म िबहार को रा ीय पुर कार
नई िद ी म वा य एवं प रवार क याण मं ालय क प रवार िनयोजन शाखा ारा दो िदवसीय रा ीय
सिमित म िबहार को बं याकरण क े म वष 2015 का रा ीय पुर कार दान िकया गया। आदश दंपती योजना
क तहत बड़ी सं या म युगल को प रवार िनयोजन क ित े रत करने क िलए जहानाबाद िजले क काको
ाथिमक वा य क क आशा कायकता मंजू कमारी और बड़ी सं या म मिहला को सव क बाद कॉपर-टी
लगाने क िलए े रत करने हतु बेगूसराय िजले क भगवा ाथिमक वा य क क आशा कायकता सिवता
कमारी को पुर कत िकया गया। रा य वा य सिमित क मुतािबक रा ीय सिमित म प रवार िनयोजन अिभयान क
नए लोगन ‘िज मेदारी िनभाओ, लान बनाओ’ को मंजूर िकया गया।
रा य एवं रा य क मु यमं ी को ा होनेवाले मुख पुर कार
रा य एवं रा य क मु यमं ी को िवगत कछ वष से उ क दशन हतु अनेक कार क पुर कार ा ए ह।
वष 2007 म िबहार क मु यमं ी को सी.एन.एन., आई.बी.एन. और एच.टी. मीिडया ारा सव े मु यमं ी
का पुर कार िदया गया। वष 2008 म भी सी.एन.एन. एवं आई.बी.एन. ारा राजनीित क े म ‘इिडयन ऑफ द
ईयर, 2008’, वष 2007-08 क िलए उ क लोक शासन का धानमं ी पुर कार मु यमं ी को दान िकया
गया ह। िबहार को रा य क िनबंधन, उ पाद एवं म िनषेध िवभाग म लागू ‘ कोर इ-रिज टरशन इन िबहार
प रयोजना’ हतु पुर कार ा आ। एन.डी.टी.वी. ारा वष 2009 म राजनीित क े म मु यमं ी को ‘इिडयन
ऑफ द ईयर, 2009’ का पुर कार िदया गया तथा वष 2009 म ही ‘पोिलयो उ मूलन चिपयनिशप पुर कार,
2009’ ा आ। वष 2009 म भारत सरकार ारा पयावरण एवं वन क े म भी रा य को ‘इिदरा ि यदिशनी
वृ िम ’ पुर कार से नवाजा गया। रा य म ‘जानकारी कॉल सटर’ क थापना क िलए इटरनेशनल कॉन ेव
ऑन िडिजटल इन ूजन, 2009 म ‘इ-गवनस’ का पुर कार िदया गया।
िनरतर पुर कार ा करने क ंखला म िबहार ने फॉ स इिडया म माटर, बो डर, ांगर, बे्रवर, टफर,
वाइजर एवं बेटर पसन ऑफ िद ईयर का भी स मान अपने खाते म डाला ह। इसक अलावा ‘ वामी िववेकानंद
नेशनल अवाड 2010’ सिहत देश क रा पित ी णब मुखज से किष क े म ए िवकास और उ पादन म
बढ़ोतरी हतु दो पुर कार ा िकए ह।
रव कमार िस हा, प ी पुर कार, 2016 से स मािनत
व य ाणी संर ण क े म उ ेखनीय योगदान हतु िबहार क यात व य ाणी संर क ी रव कमार
िस हा को वष 2016 क ‘प ी’ पुर कार से स मािनत िकया गया।
एिशया पेिसिफक न अवाड
10व ‘एिशया पेिसिफक न अवाड’ म सव े अिभनेता पुर कार हतु मनोज वाजपेयी का चयन िकया गया।
हसल मेहता ारा िनदिशत िफ म ‘अलीगढ़’ म उनक ोफसर ‘िसरास’ क भूिमका क िलए उ ह यह पुर कार
दान िकया गया। इससे पूव भी वष 2012 म उ ह ने अनुराग क यप क िफ म ‘ग स ऑफ वासेपुर’ क िलए भी
नामांकन ा िकया था।
मैिथली सािह य अकादमी पुर कार, 2016
सािह यकार याम द रहर को उनक कथा-सं ह ‘बड़क काक एट हॉटमेल डॉट कॉम’ क िलए ‘मैिथली
सािह य अकादमी पुर कार’ दान िकया गया ह। यह कथा सं ह वष 2013 म कािशत आ था तथा इसम 18
कहािनयाँ ह। ी याम द रहर का वष 2006 म ‘सरस म भूत’, वष 2013 म ‘गंगा नहाना बाक ह’, वष 2014 म
‘घु र आउ मा या’ एवं वष 2016 म ‘ मा करब ह महाकिव’ नामक किवता-सं ह कािशत आ। वष 2004 म
उ ह ने धमवीर भारती क ‘कनुि या’ का मैिथली म अनुवाद िकया। िबहार पुिलस सेवा क अिधकारी रह ी द रहर
मधुबनी िजला क बेनीप ी अनुमंडल क बरहा गाँव क मूल िनवासी ह। हजारीबाग से िडिवजनल कमांडट क पद
से रटायर ए द रहर याम चं झा क नाम से भी जाने जाते ह।
अय
• 10 अ ैल, 2016 को िबहार क मु यमं ी नीतीश कमार को जनता दल (यू) का पहली बार अ य चुना गया
ह।
• जनवरी 2016 म क ीय दूषण िनयं ण बोड (CPCB) ने भारत क 24 शहर क िलए रा ीय वायु गुणव ा
सू ची (AQI) जारी क ह। इस सूची म वाराणसी (उ र देश) थम, मुज फरपुर (िबहार) तीय, फरीदाबाद
(ह रयाणा) तीसर तथा पटना (िबहार) चौथे थान पर ह।
• पुनास गाँव सम तीपुर क िनवासी िशंजनी कमार को कशलेस ांसजे शन क मुख कपनी पेटीएम क CEO
क िज मेदारी स पी गई ह।
• अंतरा ीय नालंदा िव िव ालय क कलपित डॉ. गोपा सबरवाल क इ तीफ क प ा सीिनयर डीन डॉ.
पंकज मोहन को कलपित का भार िदया गया ह।
• िवदेशी मु ा से जुड़ आँकड़ को साझा करने हतु िवदेश यापार महािनदेशालय ने (DGFT) और सरकार क
वािण य कर िवभाग ने एम.ओ.यू. पर ह ता र िकए ह।
• गित मैदान, नई िद ी म चल रह 36व अंतरा ीय यापार मेले क समापन पर पुर कार समारोह म िबहार
पवेिलयन को व छ भारत अिभयान क ेणी म ‘ वण पुर कार’ दान िकया गया।
• िबहार उ यायालय ने 28 जुलाई, 2016 को सासाराम संसदीय े से िनवािचत सांसद छदी पासवान क
लोकसभा सद यता समा कर दी ह। पासवान पर शपथ-प म जानकारी िछपाने का आरोप ह। उ ह ने लोकसभा
क पूव अ य मीरा कमार को हराकर इस सीट पर जीत दज क थी।
• क ीय किबनेट क िनयु सिमित ारा 7 नवंबर, 2016 को एस.क. िस हा को खुिफया यूरो (IB)एजसी क
िवशेष िनदेशक क पद पर िनयु िकया गया ह। ी िस हा भारतीय पुिलस सेवा क 1983 बैच क िबहार कडर क
अिधकारी ह।
• 64व रा ीय मिहला कब ी का शुभारभ पाटिलपु खेल प रसर म 27 नवंबर, 2016 को आ।
• 14 जून, 2016 को सावजिनक े क िव ुत उपकरण िनमा ी कपनी भारत हवी इले क स िलिमटड
(BHEL) ने िबहार क मुज फरपुर म 195 मेगावाट क एक थमल पावर यूिनट क थापना क ह।
• िदसंबर, 2016 म नॉव क ओ लो म आयोिजत होनेवाले ‘नोबेल शांित पुर कार’ समारोह म शरद सागर को
आमंि त िकया गया। ी सागर िबहार क सीवान क जीरादेई क मूल िनवासी एवं सामािजक कायकता ह।
• इ तांबुल स क दौरान सव थम 15 जुलाई, 2016 को यूने को क िव िवरासत सूची म िव क 9 नए
थल स मिलत िकए गए ह, िजसम िबहार रा य थत ऐितहािसक नालंदा महािवहार क पुराता वक थल को
शािमल िकया गया ह।
• मधेपुरा म 800 इले क लोकोमोिटव (रल इजन) क उ पादन हतु ांस क ए टॉम (Alstom) और भारतीय
रलवे क बीच संयु उप म पर शेयर हो डग करार 25 जनवरी, 2016 को ांस क रा पित ांकोइज आलांदे
क भारत-या ा क दौरान िकया गया।
• 24 जून, 2016 को एिशयाई िवकास बक (ADB) ने िबहार म 9.8 िकलोमीटर लंबाई वाले भारत क सबसे लंबे
नदी-पुल क िनमाण क िलए 500 िमिलयन डॉलर क ऋण को मंजूरी दान क ह। यह पुल देश क उ री एवं
दि णी भाग क साथ ही नेपाल को भी मह वपूण प रवहन िलंक दान करगा।
• 25 अ ूबर, 2016 को रा य क पयावरण एवं वन मं ी तेज ताप यादव ने मु यालय अर य भवन म देश क
पहले इ-फोर ट मंडी पोटल क शु आत क ।
• रा यसभा क पूव सद य तथा िबहार, प म बंगाल, राज थान व ह रयाणा क पूव रा यपाल डॉ. अखलाकर
रहमान िकदवई का 24 अग त, 2016 को नई िद ी म िनधन हो गया।
• असम तथा ज मू-क मीर क पूव रा यपाल ले टनट जनरल एस.क. िस हा का 17 नवंबर, 2016 को नई
िद ी म िनधन हो गया। ी िस हा पटना क नौबतपुर थत खजूरी ाम क िनवासी थे। उ ह वीरता क िलए ‘परम
िविश सेवा पदक’ से भी स मािनत िकया जा चुका ह।
• 1 अ ैल, 2016 से रा य म देशी तथा मसालेदार शराब पर ितबंध लगाया गया। 5 अ ैल, 2016 से िबहार म
रा य सरकार ने पूण शराबबंदी लागू कर दी ह। गुजरात, नागालड तथा िमजोरम क बाद िबहार पूण शराबबंदी लागू
करनेवाला देश का चौथा रा य ह।
• 12 माच, 2016 को पटना उ यायालय ने अपनी थापना क 100 वष पूर िकए।
• 20 जनवरी, 2016 को िबहार म आरि त एवं गैर-आरि त दोन वग म मिहला को सरकारी नौकरी म 35
ितशत आर ण देने क घोषणा रा य सरकार ने क ह।
• अ ूबर, 2016 म भारत क महापंजीयक ारा वष 2010-14 क दौरान ितदश पंजीकरण णाली क तहत
िकए गए सव ण क आधार पर रा य तरीय जीवन याशा संबंधी रपोट जारी क गई ह। रपोट क अनुसार जहाँ
भारत म ज म पर जीवन याशा 67.9 वष ह, वह िबहार म यह 68.1 वष ह।
• धानमं ी ारा 24 अ ूबर, 2016 को उ र देश क वाराणसी से ारभ क गई ‘ऊजा गंगा गैस पाइपलाइन
प रयोजना’ क तहत पटना शहर को गैस आपूित क जाएगी, साथ ही इस प रयोजना से बरौनी उवरक संयं को भी
गैस क आपूित क जाएगी।
• धानमं ी ारा 25 जून, 2015 को ारभ क गई ‘ माट िसटी योजना’ क तहत मई 2016 म कािशत सूची
अंतगत िबहार क भागलपुर, िबहारशरीफ एवं मुज फरपुर शहर को इस योजना क अंतगत स मिलत िकया गया ह।
• ‘ माट गंगा िसटी योजना’ क शु आत 13 अग त, 2016 को क गई ह। यह योजना क ीय जल संसाधन, नदी
िवकास एवं गंगा संर ण िवभाग तथा क ीय शहरी िवकास िवभाग क संयु योजना ह। यह योजना देश क 10
शहर म ारभ क गई ह। इस योजना क तहत पटना शहर को स मिलत िकया गया ह।
• 1 िसतंबर, 2016 को क सरकार ने िबहार म गंगा नदी म िस ट (गाद) का अ ययन करने हतु गंगा बाढ़
िनयं ण आयोग क सद य ए.क. िस हा क अ य ता म एक सिमित का गठन िकया ह।
• 1 अ ूबर, 2016 को िबहार सरकार क वा य िवभाग ने तंबाक और िनकोिटनयु पान मसाला तथा गुटखा
क िब रोकने क िलए आदेश जारी िकया ह।
• िबहार िवधानसभा ारा 16 अग त, 2016 को जी.एस.टी. संिवधान संशोधन िवधेयक को पा रत िकया गया।
असम क बाद जी.एस.टी. पर 122व संिवधान संशोधन िवधेयक क पुि करनेवाला िबहार देश का दूसरा रा य ह।
• 11 जून, 2016 को बापूधाम मोितहारी से नई िद ी क बीच चंपारण स या ह ए स ेस सेवा ारभ क गई ह।
इस टरन सेवा को महा मा गांधी क चंपारण स या ह क 100 वष पूर होने क उपल य म ारभ िकया गया ह।
• 11 जून, 2016 को क सरकार ने पयटन मं ालय क ‘ वदेश दशन योजना’ क तहत ‘रामायण एवं क ण
प र मा माग’ को मंजूरी दान क । रामायण प र मा माग (सिकट) म 6 रा य क कल 11 पयटन थल को
शािमल िकया गया ह, िजनम िबहार क सीतामढ़ी, ब सर तथा दरभंगा शािमल ह।
• 13 जुलाई, 2016 को क ीय मंि मंडल ारा बरौनी थत िहदु तान फिटलाइजस कॉरपोरशन िलिमटड क
पुन ार क वीकित दी गई ह।
• आिथक मामल क किबनेट सिमित ने 3 अग त, 2016 को 13 मौजूदा सरकारी मेिडकल कॉलेज क उ यन
हतु मंजूरी दान क ह। यह मंजूरी धानमं ी वा य सुर ा योजना क तहत दी गई ह। उ यन काय म म
मौजूदा िवभाग व सुपर पेशिलटी लॉक/ ामा सटर आिद को मजबूत बनाना ह। येक मेिडकल कॉलेज क िलए
उ यन क लागत 200 करोड़ पए िनधा रत क गई ह, िजसम क सरकार क 120 करोड़ पए तथा रा य
सरकार क 80 करोड़ पए स मिलत ह गे। इस काय को अगले 36 महीन म पूरा िकया जाएगा। उ यन क
दौरान िकए जानेवाले बदलाव क िलए सभी िहतधारक से भी परामश िलया जाएगा। गवनमट मेिडकल कॉलेज,
भागलपुर तथा गवनमट मेिडकल कॉलेज, गया को उ यन क मंजूरी दान क गई ह।
• िबहार िदवस (22 माच) क अवसर पर िबहार रा य मिहला सश ीकरण नीित, 2015 का सू ण मु यमं ी
ारा िकया गया।
• पंचायत क बाद नगर िनकाय क चुनाव म 50 ितशत, िश क िनयोजन म 50 ितशत, िसपाही एवं सब-
इ पे टर क िनयु म 35 ितशत मिहला को आर ण िदया गया ह।
• मिहला को सा र बनाने क िलए ‘अ र आँचल योजना’ चलाई जा रही ह।
• बाढ़ म 660 × 3 मेगावाट क इकाई थािपत करने का िनणय िलया गया ह। माच, 1999 म त कालीन
धानमं ी ी अटल िबहारी वाजपेयी ने इस योजना का िशला यास िकया था।
• काँटी म एन.टी.पी.सी. क साथ काँटी िव ुत तापघर का िव तारीकरण एवं शु ीकरण िकया जा रहा ह।
• रा य सरकार ने बरौनी म 500 मेगावाट क नई तापीय िव ुत प रयोजना ारभ क ह। इसी कार नवीनगर म
660 × 3 मेगावाट क नई इकाई थािपत क जा रही ह।
• िनजी े म चौसा, पीरपती तथा कजरा म 1320 × 2 मेगावाट क तापीय िव ुत प रयोजना भारत सरकार क
ारा थािपत क जा रही ह।
• रा य सरकार ने ांसफॉमर बदलने क नीित अपनाई ह। इसक तहत ामीण े म 72 घंट और शहरी े म
24 घंट क अंदर ांसफॉमर बदलने का ावधान ह।
• खेल-कद को बढ़ावा देने क िलए मुरारका कॉलेज, सु तानगंज म टिडयम का िनमाण कराए जाने का ताव
ह।
• एन.डी.आर.एफ. क एक बटािलयन िबहार म थािपत करने क वीकित दी गई ह, साथ ही साथ िबहटा म
एस.डी.आर.एफ. बटािलयन भी थािपत क जाएगी।
• वतमान म िबहार का ह रत आवरण 13 ितशत ह, उसे 15 ितशत करने का ल य रखा गया ह। इसक िलए
रा य सरकार ने अगले 5 वष म 25 करोड़ पेड़ लगाने का ल य रखा ह।
• पटना उ यायालय ने अपनी थापना क शता दी समारोह का आयोजन वष 2016 म िकया। इसक
आधारिशला 1 िदसंबर, 1913 को वायसराय लॉड होिडग क ारा रखी गई थी। इसक िनमाण का ठका मािटन
ऐंड ब स कपनी का था। 1 माच, 1916 को पटना उ यायालय ने नए भवन म िविधव प से काय करना
ारभ िकया था। अं ेज सी. राइट क देखरख म बना यह भवन अं ेजी क गोिथक और भारतीय वा तुकला क
िमसाल ह।
• बाबू वीर कवर िसंह िवजय िदवस क अवसर पर मु यमं ी ने सबौर खंड क अंतगत जीरो माइल चौक
भागलपुर म बाबू वीर कवर िसंह क अ ारोही ितमा का अनावरण िकया। इस अ धातु क मूित को वािलयर
क मूितकार भात राय ने तैयार िकया ह।
• िबहारशरीफ म ट ापैक लांट का िनमाण कराया गया ह, िजसक मा यम से दु ध को छह माह तक बचाकर रखा
जा सकता ह। िबहारशरीफ (4 लाख लीटर) तथा डहरी ओन सोन (1 लाख लीटर) म डयरी लांट थािपत िकया
गया ह।
• वतमान समय म रा य म कॉ फड क अंतगत 8 दु ध संघ एवं 5 अ य इकाइयाँ कायरत ह, िजनम 3 डयरी एवं
1 पशु आहार कारखाना झारखंड रा य म अव थत ह।
• िबहारशरीफ डयरी ोजे ट कॉ फड क आधुिनक इकाई ह तथा यहाँ से सुधा क नए उ पाद डयरी हाइटनर,
ट ापैक एवं इले टर दूध का उ पादन िकया जाता ह।
• पटना एवं मुज फरपुर थत पशु आहार कारखाना ‘सुधा पशु आहार’ का िनमाण कर दु ध सिमितय को पशु
आहार क आपूित क जाती ह।
• िकशनगंज म अन ास क खेती बड़ पैमाने पर क जा रही ह। इसको देखते ए यहाँ ए ीक चर कॉलेज
थािपत िकया जा रहा ह।
• मु यमं ी ने घोषणा क ह िक चंपारण म एक रा ीय तर का ग ा अनुसंधान सं थान खोला जाएगा।
• 33 ितशत या उससे अिधक फसल क बरबादी क थित म रा य सरकार ारा कषक को अनुदान क
यव था क गई ह।
• रा य सरकार ने िव बक क सहायता से पंचायत भवन क िनमाण क िलए िबहार पंचायत सु ढीकरण
प रयोजना ारभ क ह।
• किष यं िनमाता इकाइय को औ ोिगक ो साहन नीित, 2011 क अनुसार पूव उ पादन सुिवधा क अंतगत
टांप यूटी एवं पंजीकरण म छट/ ितपूित, भूिम संप रवतन शु क म छट एवं उ पादन प ा सुिवधा/छट क
अंतगत प रयोजना ितवेदन ो साहन, भूखंड शेड पर दी जानेवाली सुिवधाएँ, तकनीक जानकारी शु क पर
सहायता, क टव पावर जेनरशन/डीजल जेनरिटग सेट पर अनुदान, िव ुत उ पादन क मद म Monthly Minimum
Charge / Demand / Billing Charge म छट, वैट एवं वेश कर क ितपूित, क ीय िब कर, िव ुत शु क क
ितपूित से संबंिधत ो साहन देय होगा।
• सवण आयोग का गठन सेवािनवृ यायाधीश ी नरशचं ि वेदी क अ य ता म िकया गया ह। आयोग ारा
रा य क उ जाितय म शै िणक एवं आिथक प से कमजोर वग क सव ण हतु एिशयन डवलपमट रसच
इ टी यूट (आ ी) नामक सं था का चयन करते ए सव ण का काय स पा गया ह।
• रा य सरकार ारा यह िनणय िलया गया ह िक सवण जाितय क प रवार से आनेवाले छा , िजनक
पा रवा रक आय 1.5 लाख पए या उससे कम ह और िज ह ने िबहार िव ालय परी ा सिमित क ारा आयोिजत
मैि क क परी ा म थम ेणी म उ ीण क ह, वैसे छा को मु यमं ी िव ाथ ो साहन योजना क अंतगत 10
हजार पए क ो साहन रािश दी जाएगी।
• िबजली उपभो ा क सुिवधा क िलए साउथ िबहार पावर िड ी यूशन कपनी ने पटना समेत 17 िजल म
ऑन-लाइन िबजली कने शन देने क शु आत क ह।
• किष फ डर क िनमाण क िलए पटना िजले का पायलट ोजे ट क प म चयन िकया गया ह। पटना िजले क
नौबतपुर खंड से इसक शु आत क गई ह।
• रा य सरकार ने दूसरी ह रत ांित क दौरान खेती क िलए िनबाध िबजली उपल ध कराए जाने को लेकर अलग
से किष फ डर क िनमाण का काम ारभ करने क योजना बनाई ह। इन फ डर का ट ो-इकोनॉिमक तरीक से
िनमाण होगा, िजससे किष भू-भाग म िबजली क िनबाध आपूित क जा सकगी।
• रा य सरकार ने मु य सिचव क अ य ता म पयटन िवकास क िलए काया वयन सिमित का गठन िकया ह,
िजसम पयटन प रयोजना को ि या वत करने क िलए अंतिवभागीय सम वय पर बल िदया जाएगा।
• ारभ म रा य म वयं सहायता समूह का गठन मिहला िवकास िनगम क ारा या रा य तर पर
डी.आर.डी.ए. क मा यम से िकया जाता था, लेिकन वतमान समय म व ड बक क सहायता से इसका गठन
िकया जा रहा ह, िजसे ‘जीिवका’ क नाम से जाना जाता ह।
• नाग रक को िनयम अनुसार समय-सीमा म उ रदािय व पारदिशता क साथ लोक सेवा को उपल ध कराने क
उ े य से 15 अग त, 2011 से िबहार लोक सेवा का अिधिनयम, 2011 लागू िकया गया।
• ‘आपक सरकार आपक ार’ काय म क अंतगत आठ िजल क 25 खंड क 65 पंचायत म यह काय म
थम चरण म लागू िकया गया ह।
• गृह र ा वािहनी सेवा क समूह-ग एवं घ क पद पर सीधी िनयु म गृह र क क िलए 50 ितशत पद
आरि त िकए गए ह।
• ‘जे.पी. सेनानी स मान योजना’ क अंतगत पशन म बढ़ोतरी क गई ह तथा जे.पी. सेनानी क मृ यु क बाद पित/
प नी को पशन देने का िनणय िलया गया ह।
• देश म पहली बार आदश क ीय कारा बेऊर, पटना म ई.आर.पी. णाली क शु आत क गई ह, साथ ही साथ
िबहार रा य क 55 कारा म काय को पूणतः क यूटरीकत करने हतु कारा ई.आर.पी. णाली िवकिसत क गई
ह।
• रा य क 38 िजल एवं 57 अनुमंडल म अ नशमन क थािपत िकए गए ह। सभी थान को िम ट ट ोलॉजी
क एक-एक अ नशामक वाहन उपल ध कराने हतु चरणब प से कारवाई क जा रही ह।
• ितवष 4 जुलाई को ‘िव ालय सुर ा जाग कता िदवस’ क प म मनाने तथा उसी िदन रा य क सभी
िव ालय म ितवष मॉक ि ल का आयोजन करने का िनणय िलया गया ह।
• वष 2005 म जहाँ रा य क िशशु मु यु दर 61 एवं मातृ व मृ यु दर 312 थी, वह घटकर वतमान म यह मशः
42 एवं 208 हो गई ह।
• वष 2005 म 18.6 ितशत िनयिमत टीकाकरण का आ छादन बढ़कर वतमान म 78 ितशत हो गया, जो
रा ीय औसत से अिधक ह।
• वष 2005 म रा य म कल जनन दर 4.3 थी, जो घटकर वतमान म 3.4 हो गई ह।
• वा य िवभाग ारा दो नए काय म ‘नई पीढ़ी वा य गारटी काय म’ तथा ‘रा ीय बाल वा य
काय म’ ारभ िकए गए ह। इनक मा यम से वा य जाँच िशिवर का आयोजन िकया जाएगा।
• रा य सरकार ारा ाथिमक िश ा क मु यधारा से ब को जोड़ने क उ े य से िव ालय चलो क ,
यास क , मकतब मदरसा नवाचारी क , तालीमी मरकज क , उ थान क तथा उ रण क संचािलत िकए जा
रह ह।
• मु यमं ी पोशाक योजना क अंतगत वग-1 से 8 तक क बालक-बािलका को िनःशु क पोशाक उपल ध
कराई जा रही ह।
• िपछड़ा वग तथा सामा य वग म 1.5 लाख पए से कम आयवाले प रवार क सभी छा -छा ा को छा वृि
देने का काय म संचािलत िकया जा रहा ह।
• मु यमं ी िकशोरी वा य काय म क अंतगत 8-12 वग तक क नामांिकत छा ा को ित छा ा 150 पए
क रािश सैिनटरी नैपिकन य करने हतु उपल ध कराई जाती ह।
• अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित, िपछड़ा एवं अ यंत िपछड़ा वग क मिहला क िलए ‘ नर योजना’
चलाई जा रही ह।
• येक मंडल म एक इजीिनय रग कॉलेज, िजले म पॉलीट क और सभी अनुमंडल म आई.टी.आई. सं थान
थािपत करने का िनणय िलया गया ह।
• रा य क 9 मंडल म से 6 मंडल म सरकारी े म कल-7 अिभयं ण महािव ालय थािपत एवं संचािलत
ह। मुंगेर मंडल क बेगूसराय एवं मुंगेर, पूिणया मंडल क किटहार, ितर त मंडल क सीतामढ़ी एवं पटना
मंडल क रोहतास िजले म अिभयं ण महािव ालय क थापना हतु कारवाई क जा रही ह।
• पटना म साइस िसटी क थापना तथा दरभंगा म तारामंडल-सह-िव ान सं हालय क थापना क वीकित
दान क गई ह।
• रा य क 28 िजले, जहाँ पॉलीट क सं थान नह ह, म नए पॉलीट क सं थान क थापना हतु सै ांितक
वीकित दान क गई ह।
• रा य क सभी काय िवभाग, योजना एवं िवकास िवभाग क अंतगत थानीय े अिभयं ण संगठन, िनगम,
उप म, ािधकरण, प रष एवं िनकाय क अधीन वैसे काय , िजसक ा िलत रािश 15 लाख पए या उससे
कम ह, से संबंिधत अंचल तर पर वषवार कल काय का 50 ितशत काय अनुसूिचत जाित, अनुसूिचत जनजाित,
िपछड़ा वग, अ यंत िपछड़ा वग एवं िपछड़ वग क मिहला क संवेदक क िलए आरि त करने का िनणय िलया
गया ह।
• सरकार ारा उ क काय करनेवाले नगर िनकाय को ो सािहत करने क योजन से ‘मु यमं ी आदश नगर
िनकाय ो साहन योजना’ लागू क गई ह। योजनांतगत ितवष एक नगर िनगम, दो नगर प रषद एवं दो नगर
पंचायत को पुर कत करने क योजना ह। पुर कार क यह रािश मशः 5 करोड़, 3 करोड़ तथा 1 करोड़ होगी।
• पटना म अ याधुिनक एवं िव तरीय ‘बु मृित पाक’ का िनमाण िकया जा रहा ह। इस पाक म यान क ,
पु तकालय, लेजर-शो आिद क थापना क जा रही ह।
• रा यकिमय एवं सेवािनवृ किमय को 7व वेतन आयोग क अनुशंसा का लाभ देने क िलए रा य सरकार ने
पूव मु य सिचव जी.एस. कग क अ य ता म रा य वेतन आयोग का गठन िकया ह। यह आयोग रा य सरकार
को तीन माह म रपोट स पेगा।
• रा य म रा ीय डॉ फन रसच सटर क थापना का काय ारभ िकया गया ह। िव मिशला गंगा डॉ फन
आ यणी हतु बंध योजना का िनमाण िकया जा रहा ह।
• दिलत को आवासीय भूिम उपल ध कराने हतु िबहार महादिलत िवकास योजना क ारा भूिम य कर अथवा
सरकारी भूिम आवंिटत क जाती ह।
• रा य म सभी सव मानिच का िडिजटलाइजेशन िकया जा चुका ह। िबहार सव ण कायालय गुलजारबाग से
रा य क सभी िजल क राज व मानिच क ऑन-लाइन आपूित का काय ारभ िकया गया ह।
• जुलाई, 2012 से माह क येक 5व सोमवार को ‘उ मी पंचायत’ आयोिजत क जा रही ह।
• रा य से लिगक असमानता, संरचना मक एवं सं थागत बाधा को दूर करने तथा सामािजक, आिथक,
राजनीितक, शै िणक एवं वा य संबंधी संसाधन तक मिहला क यायसंगत प च सुिन त करने हतु माच,
2015 से ‘िबहार रा य मिहला सश ीकरण नीित, 2015’ लागू क गई ह।
• रा य क सभी 38 िजल म मिहला पुिलस थाना क थापना क जा चुक ह। अनुसूिचत जनजाित मिहला क
िलए वािभमान पुिलस बटािलयन क गठन हतु ताव पा रत िकया गया ह।
• मु यमं ी बािलका साइिकल योजना क शु आत वष 2007 म क गई ह।
• ‘जननी बाल सुर ा योजना’ क तहत सं थागत सव म वृ ई ह। वष 2006-07 म सरकारी अ पताल म
सव हतु मा 4 ितशत मिहलाएँ आया करती थ , जो वतमान म बढ़कर 55 ितशत हो गया ह।
• रा य क 38 िजल म मिहला ह पलाइन क थापना क गई ह।
• ब क क याण से संबंिधत रा य क एक मुख योजना ‘परव रश’ संचािलत क जा रही ह।
• मु यमं ी क या सुर ा योजना वष 2007-08 से ारभ क गई ह।
• युवक-युवितय म कौशल िवकास हतु ‘दशरथ माँझी कौशल िवकास योजना’ वष 2011-12 से ारभ ई ह।
• िवकलांगजन क क याणाथ वष 2011-12 से ‘सबल योजना’ शु क गई ह।
• ‘वृ जन नीित’ को वष 2012 म लागू िकया गया ह। माता-िपता एवं व र नाग रक क िहत क र ा क िलए
सभी िजल म ‘भरण-पोषण ािधकार’ का गठन िकया गया ह।
• रा ीय खा सुर ा अिधिनयम, 2013 रा य म 1 फरवरी, 2014 से लागू ह।
• अंतरा ीय तर क िबहार सं हालय क थापना बेली रोड पटना म क गई ह।
• रा य सरकार ारा प कार क क याणाथ ‘िबहार रा य प कार बीमा योजना’ संचािलत क जा रही ह।
• चाँपाकल क खराबी या जलापूित योजना बािधत होने क थित म ‘नीर-िनमल सेवा’ क अंतगत िशकायत कर
लाभ उठाया जा सकता ह। इसका टॉल नंबर—1800-1231121 ह।
• रा य सरकार िनवािचत पंचायत जन ितिनिधय क पद पर रहते ए कोई भी आपरािधक या ाकितक आपदा या
िहसा मक घटना या दुघटना म मृ यु होती ह, तो उनक प रजन को सरकार 5 लाख पए क रािश अनु ह अनुदान
क प म देगी।
• क सरकार क तज पर रा य सरकार ने भी येक वष 21 अ ैल को िसिवल सेवा िदवस मनाने का िनणय
िलया ह।
• मु यमं ी नीितश कमार ने पाटिलपु पो स कॉ ले स म पाटिलपु आट क चर एवं पो स फाउडशन ारा
आयोिजत िबहार कप क िवजेता टीम ज मू-क मीर बक को पुर कत िकया। मु यमं ी ारा िवजेता टीम को
िबहार कप क ॉफ क साथ-साथ 1 लाख पए का चेक पा रतोिषक क प म िदया गया। उप-िवजेता टीम
आम िशलांग को उप-िवजेता ॉफ एवं 50 हजार पए का चेक िबहार िवधानसभा अ य ी िवजय कमार
चौधरी ारा दान िकया गया।
• िपछड़ा वग एवं अित िपछड़ा वग क याण िवभाग क अंतगत िव ीय वष 2016-17 से रा य योजनांतगत
पूिणया, सहरसा, मुंगेर, मधुबनी, वैशाली (हाजीपुर), पूव चंपारण एवं प मी चंपारण म एक-एक नए ाक
िश ण क क संचालन हतु तथा िव ीय वष 2015-16 से संचािलत पटना, मुज फरपुर, गया, सारण, दरभंगा,
भागलपुर, भोजपुर एवं मधेपुरा म येक ाक परी ा इ लािमया हॉल पटना व फ टट सं या 2146 क पुनिनमाण
हतु 3518 लाख पए क योजना को शासिनक वीकित दी गई ह।
• नगर िवकास एवं आवास िवभाग क अंतगत पटना िजलांतगत फतुहा नगर पंचायत को नगरप रष घोिषत करने
क वीकित दान क गई ह।
• म संसाधन मं ी िवजय काश ने दीघा आई.टी.आई. म अं ेजी संवाद िश ण व कौशल िवकास क का
उ ाटन िकया। इस क से रा य क ितभािगय को अं ेजी ान व उसक योग से कौशल िवकास को बढ़ावा
िमलेगा।
• रा य सरकार ने रबी फसल क िसंचाई क िलए िकसान को ित लीटर डीजल पर 30 पए का अनुदान देने
का फसला िकया ह। 1 एकड़ फसल क िसंचाई क िलए 10 लीटर तक डीजल पर अनुदान िकसान ले सकते ह।
• बाँक पुर जेल प रसर म िनिमत ‘बु मृित पाक’ का उ ाटन वष 2013 म बौ गु पावन दलाईलामा ने
िकया।
• नालंदा िजले क सुभाष उ िव ालय, इ लामपुर क ांगण म ए.एन.एम. कल थािपत िकया गया ह।
• राजगीर क रमणीक एवं ाकितक स दय से प रपूण थल घोड़ा कटोरा झील का स दय करण वन एवं पयावरण
तथा पयटन िवभाग ारा िकया गया ह।
• सूचना ौ ोिगक िवभाग ारा क यूटर क ान को शहरी एवं ामीण े क िशि त युवक को रोजगारो मुखी
सूचना ौ ोिगक -आधा रत यवसाय एवं उ ोग जग क उपयोगी पा य म म िशि त कर माणक सिटिफकट
देने तथा आम लोग म सूचना ौ ोिगक क ित जाग कता उ प करने क उ े य से वष 2012 म ‘िबहार
नॉलेज सोसाइटी’ (बी.क.एस.) का गठन िकया गया ह।
• िबहटा म रा ीय इले ॉिनक एवं सूचना ौ ोिगक सं थान क थापना क जा रही ह।
• ान िसटी प रयोजना क अंतगत रा य म िबयाडा क ारा िबहटा म उपल ध कराए गए थल पर मेगा
इड यल पाक को थािपत िकए जाने क योजना क वीकित रा य सरकार ारा दान क गई ह।
• िबहार सरकार ने रा य म पंचायती राज यव था क अंतगत पहली बार मिहला क िलए वष 2008 म जडर
बजट पेश िकया।
• वष 2013 म रा ीय तर पर UNO म अपनी बात रखने क िलए 11 ब का चयन आ था, िजनम िबहार
क पूनम एवं नािजया आफरीन का भी चयन आ था।
• पटना क राज नगर म मोईनुलहक टिडयम क नजदीक 15 एकड़ भूिम म आधुिनक साइस िसटी बनाने का
िनणय िलया गया ह।
• 1500 साल पहले खलोगशा ी आयभ ने खगोल, तारगना टॉप से ह क बार म दुिनया को जानकारी दी थी।
• गरीबी रखा से नीचे या पीले काडधारी मरीज व दुघटना क थित म वा य सं थान तक मु त एंबुलस सेवा
क िलए ‘एडवांस लाइफ सपोट एंबुलस सेवा’ का शुभारभ वष 2013 म िकया गया।
• रा य वा य सिमित िबहार (SHSB), िबहार िश ा प रयोजना प रष , पटना (BEPC) तथा अंतरा ीय सं था
िडवम िद व ड (Deworm the World) क ारा 30 अग त, 2010 को एक समझौता ापन पर संयु ह ता र
िकए गए, िजसम पूर रा य म 6-14 वष क सभी ब को िव ालय वा य क अंतगत किम से मु करने हतु
एलबडाजोल दवा दान िकए जाने का ावधान िकया गया ह।
• रा ीय खा सुर ा अिधिनयम, 2013 को लागू करनेवाला िबहार देश का पहला रा य ह। यहाँ 1 फरवरी,
2014 से थम चरण म रा य क 4 िजल , यथा—पटना, नालंदा, गोपालगंज एवं पूिणया क एक-एक पंचायत म
खा सुर ा लागू क गई।
• नालंदा डयरी प रसर िबहारशरीफ म िबहार क थम पूणतः वचािलत डयरी एवं थम ट ा पैक लांट नालंदा
डयरी का उ ाटन वष 2014 म िकया गया।
• ‘रा य वा य सिमित िबहार’ भारत का पहला ISO 9001:2008 मािणत NRHM सं थान ह।
• ‘आपक सरकार, आपक ार काय म’ 21 जनवरी, 2006 को िसक रया पंचायत, जहानाबाद से ारभ िकया
गया।
• अमे रका क िस अथशा ी एवं नोबेल पुर कार िवजेता जोसेफ ई. टगिल ज ने िसक रया पंचायत का
मण कर िसक रया मॉडल क काफ शंसा क एवं उ वाद उ मूलन तथा िवकास क रोशनी गाँव-गाँव तक
फलाने म इसे काफ भावकारी बताया।
• रा यपाल ने िबहार रा य सूचना आयोग क सूचना आयु क प म ी िवजय कमार वमा को वष 2014 म
पद क शपथ िदलाई।
• िबहार मंि प रष ारा िलये गए एक अहम फसले क तहत ‘िबहार रा य प कार बीमा योजना, 2014’ क
व प/संरचना और इसक अंतिनिहत शत क संबंध म सूचना एवं जनसंपक िवभाग क ताव को वीकित दी
गई ह।
• हाजीपुर, सीतामढ़ी, सम तीपुर एवं डहरी ओनसोन म दूध पाउडर लांट थािपत िकया गया ह, जबिक इन िजल
क अित र दरभंगा, भागलपुर, पूिणया, सहरसा, गया तथा बरौनी म डयरी लांट थािपत िकया गया ह।
• खगिड़या एवं िबिहया (आरा) म पशु आहार लांट थािपत िकया गया ह।
• िबहार देश का थम रा य ह, जहाँ कारा यव था क सु ढीकरण एवं उ यन क उ े य से पूणतः
क यूटरीकत Prision Enterprise Resource and Planning System िवकिसत िकया गया ह।
• प मी चंपारण िजलांतगत बगहा-रतवल घाट-धनहा पथ पर प च पथ सिहत उ तरीय आर.सी.सी. पुल का
उ ाटन िकया गया ह। इस पुल का नाम गौतम बु सेतु रखा गया ह।
• िजन पंचायत क सभी घर म शौचालय का िनमाण पूण हो जाएगा, उसे रा य सरकार ारा ‘िनमल पंचायत’
घोिषत िकया जाएगा तथा उस पंचायत को इनाम क प म 5 लाख पए क रािश दान क जाएगी। इसी कार
िजन खंड क शत ितशत पंचायत म शौचालय िनमाण हो जाएगा, उ ह भी ‘िनमल खंड’ घोिषत करते ए 25
लाख पए का इनाम िदया जाएगा।
• वतमान म िबहार मानवािधकार आयोग क नए अ य ज टस िबलाल न क ह।
• क ीय िनवाचन आयोग ने 16व लोकसभा िनवाचन, 2014 से लोकसभा चुनाव म उतरनेवाले उ मीदवार क
िलए जमानत क रािश बढ़ा दी ह। नामांकन करने क िलए सामा य उ मीदवार को 25 हजार पए तथा अनुसूिचत
जाित एवं अनुसूिचत जनजाित क उ मीदवार को 12 हजार 500 पए जमानत क प म िनधा रत िकए गए ह।
• 26 िसतंबर, 2013 को एक ऐितहािसक फसला देते ए सव यायालय ने मतदाता को नकारा मक वोट
डालने का अिधकार दान िकया। Peoples Union for Civil Liberties ने 2004 म सव यायालय म अपील
दायर कर कहा था िक जो मतदाता ई.वी.एम. म सूचीब िकसी को वोट नह देना चाहते, उ ह नकारा मक वोट
का अिधकार होना चािहए। यह अिधकार िमलने क साथ भारत िव का ऐसा 14वाँ देश बन गया ह, जहाँ
नकारा मक मतदान का अिधकार मतदाता को दान िकया गया ह।
• रा य सरकार ने रबी फसल क िसंचाई क िलए िकसान को डीजल पर अनुदान देने क घोषणा क ह। 1
लीटर डीजल पर 30 पए का अनुदान िकसान को िमलेगा। 1 एकड़ फसल क िसंचाई क िलए 10 लीटर तक
डीजल पर अनुदान िकसान ले सकते ह। यह अनुदान िकसान अिधकतम तीन बार ा कर सकते ह।
• रा य सरकार ारा एक से अिधक जगह पर खेत म पटसन क िलए िकसान को ीपेड िसम िदए जाने क
घोषणा क गई ह।
• राजधानी पुिलस ने जनता से सीधे जुड़ने क कवायद म दूसरा साथक कदम उठाया ह। ‘पुिलस-प लक संवाद
काय म’ क बाद ‘डायल पावर’ नामक योजना क शु आत क गई ह। इसक तहत शहर म िच त थान पर
डायल-100 (पुिलस क ोल म) क पेशल बूथ लगाए जाएँगे, िजससे आपात थित म पुिलस से संपक करने म
लोग को स िलयत होगी।
• वष 2005 क िवधानसभा िनवाचन एवं सरकार क गठन क प ा ‘ याय क साथ िवकास’ पर आधा रत साझा
काय म क संक प को दोहराते ए आगामी 5 वष म िबहार को देश क िवकिसत रा य क ेणी म लाने क
िनिम रा य सरकार ने ‘सुशासन क काय म 2015-20’ तैयार कर इसे संपूण रा य म लागू करने का िनणय
िलया ह।
• भागलपुर, मुज फरपुर एवं िबहारशरीफ का देश क 100 माट िसिटय म चयन िकया गया ह।
• मंि प रष ने अपनी बैठक म िनणय िलया ह िक पटना महानगर मा टर लान, 2031 क अनुसार, पटना लगभग
1150 वग िकलोमीटर म िव ता रत होगा और इसम दानापुर, खगौल, शैयदपुर, फलवारीशरीफ, िबहटा तथा फतुहा
शािमल ह गे।
• िपछड़ा वग एवं अित िपछड़ा वग क याण िवभाग क अंतगत िव ीय वष 2016-17 से रा य योजनांतगत
पूिणया, सहरसा, मुंगेर, मधुबनी, वैशाली, पूव चंपारण एवं प मी चंपारण म एक-एक नए ाक िश ण क क
संचालन हतु वीकित दान क गई ह। िव ीय वष 2015-16 से संचािलत पटना, मुज फरपुर, गया, सारण,
दरभंगा, भागलपुर, भोजपुर एवं मधेपुरा म येक ाक परी ा इ लािमया हॉल पटना व फ टट क योजना क
शासिनक वीकित दी गई थी।
• नगर िवकास एवं आवास िवभाग क अंतगत पटना िजलांतगत फतुहा नगर पंचायत को नगर प रष घोिषत करने
क वीकित दी गई ह।
• भारतीय रल ने मालगािड़य पर सामान लदे क को ले जाने और सड़क पर भीड़-भाड़ कम करने क िलए ‘रो-
रो (रोल-ऑन-रोल-ऑफ) सेवा’ क शु आत िबहार क दीघा रल ि ज पर क गई ह।
• िबहार किबनेट ने िबहार म सभी तर क याियक सेवा म 50 ितशत पद को अ यंत िपछड़ा वग, अनुसूिचत
जाित एवं अनुसूिचत जनजाित क लोग क िलए आरि त िकया ह।
• िबहार क ईशान िकशन को बां लादेश म होनेवाले आई.सी.सी. अंडर-19 िव कप क िलए भारतीय जूिनयर
टीम का क ान बनाया गया था। िवकटक पर और बाएँ हाथ क ब ेबाज ईशान नवादा िजले क रहनेवाले ह और
वतमान म झारखंड से खेलते ह।
• देश म साइबर अपराध क बढ़ते चरण को देखते ए रा य क आिथक अपराध इकाई को इस िदशा म सचे
एवं संविधत करने क उ े य से मु यालय एवं िजला तर पर ‘साइबर ाइम एवं सोशल मीिडया लैब’ का गठन
िकया गया ह।
• रा य म 21 अ ैल, 2016 को ‘ थम िसिवल सेवा िदवस’ का आयोजन िकया गया।
• DFID सं पोिषत Grow Bihar Project क तहत िवकास, संसाधन, संभावना एवं प रसंपि य क िनमाण पर
तकनीक सहायता दान करने हतु DFID ारा रा य सरकार क साथ िमलकर Grow Bihar Project ारभ िकया
गया ह। इस प रयोजना क अंतगत उ ोग िवभाग, िव िवभाग, वािण य कर िवभाग, सामा य शासन िवभाग, म
संसाधन िवभाग एवं अ पसं यक क याण िवभाग को शािमल िकया गया ह।
• मौसम आधा रत फसल बीमा योजना क अप रहायता को यान म रखकर सभी खंड म वचािलत मौसम क
(AWS) थािपत करने क वीकित दान क गई ह। इसक तहत 38 िजल एवं 12 अनुमंडल म कल 50 AWS
(Automatic Weather Station) थािपत िकए जाएँग।े
• िबहार रा य िव िव ालय अिधिनयम, 1976 म संशोधन करते ए दो नए िव िव ालय पूिणया िव िव ालय
एवं पाटिलपु िव िव ालय खोलने का िनणय िलया गया ह। पूिणया िव िव ालय म पूिणया मंडल क चार
िजल यथा—पूिणया, किटहार, िकशनगंज एवं अर रया क सभी महािव ालय शािमल ह गे तथा पाटिलपु
िव िव ालय म मगध िव िव ालय क अंतगत पटना एवं नालंदा िजले क सभी महािव ालय शािमल ह गे।
• वधमान आयुिव ान सं थान पावापुरी, नालंदा म State of the Art िचिक सा महािव ालय का िनमाण कराया
गया ह।
• िबहार रा य क निसगकम ीमती पु पा कमारी, ए.एन.एम. रफरल अ पताल रानीगंज, अर रया को उनक
उ क एवं सराहनीय काय क िलए रा पित ारा 12 मई, 2016 को रा पित भवन, नई िद ी म ‘National
Florence Nightingle Nurses Award’, 2016 से स मािनत िकया गया।
• वष 2015-16 म मिहला बं याकरण क े म उ क दशन क िलए िबहार को रा ीय तर पर थम
पुर कार से स मािनत िकया गया।
• ाकितक िचिक सा को बढ़ावा देने हतु रा य सरकार ने ‘तपोवधन ाकितक िचिक सा क , भागलपुर’ को उ
तरीय ाकितक िचिक सा क क प म िवकिसत करने का िनणय िलया ह।
• नमािम गंगे योजना (NGRBA) क तहत रा य क गंगा नदी तट पर अव थत शहर ब सर, पटना, हाजीपुर,
बेगूसराय एवं मुंगेर म िविभ योजनाएँ काया वत क जा रही ह।
• राजक य नालंदा म एक सूचना ौ ोिगक शहर (I.T. City), िनमाण का िनणय िलया गया ह।
• रा य सरकार ारा मुंगेर म ‘वािणक महािव ालय’ क थापना क वीकित दान क गई ह।
• ‘आ मा’ (ATMA—Agriculture Technology Management Agency) योजनांतगत खंड, िजला एवं रा य
तर पर किष एवं किष से संब े , यथा—उ ान, पशुपालन, म यपालन, डयरी आिद म उ क काय एवं
उपल धय क िलए िकसान को ो सािहत करने हतु िकसान पुर कार योजना क वीकित दान क गई ह।
• किष िव ान क , हरनौत (नालंदा) को वष 2016 क िलए भारतीय किष अनुसंधान प रष , नई िद ी का
सव े किष िव ान क स मान (जोनल) ा आ ह।
• किष िव ान क , माँझी (सारण) को भारतीय किष अनुसंधान प रष , नई िद ी, जोन-II क ‘सव म किष
िव ान क पुर कार’ से स मािनत िकया गया ह।
• वतमान समय म िबहार मीठा जल मछली उ पादन म देश म चौथे थान पर ह।
• िवभागीय योजना एवं सार तं क मा यम से वतमान म िबहार म कल 117 म य बीज हचरी थािपत ह। इनम
101 म य बीज हचरी ि याशील ह।
• म य िश ण को बढ़ावा देने हतु पटना म रा य तरीय िश ण क , मीठापुर (पटना) म थािपत िकया गया
ह।
• पहली बार रा ीय म यजीवी सहकारी संघ मयािदत, नई िद ी का े ीय कायालय पटना म खोला गया ह,
तािक बीमा दावे का यथाशी भुगतान, म य िश ण काय आिद िकया जा सक।
• रा य म एक पृथक पशु िव ान िव िव ालय क थापना हतु ‘िबहार पशु िव ान िव िव ालय िवधेयक,
2016’ को वीकित दान क गई ह।
• िबहार म वनर ी एवं वनपाल क िश ण हतु गया िजले म जापान क सं था JICA क सहयोग से रा य
वािणक िश ण सं थान क थापना क गई ह।
• बोधगया क पास िपपरघ ी म 23 ह टयर े म एक जैव-िविवधता उ ान ‘बु वािटका’ का िवकास िकया
जा रहा ह।
• नालंदा खँडहर क समीप मणी थान क पास भारतीय पुरात व सव ण शाखा ारा िकए जा रह उ खनन म
भगवा बु क करीब डढ़ फ ट ऊची ितमा िमली ह। उ खनन म गु काल एवं पालकाल क अवशेष िमले ह।
• िबहार क दरभंगा िनवासी भावना कठ को भारतीय वायुसेना म थम मिहला फाइटर पायलट क प म िनयु
िकया गया ह। इनक अलावा म य देश क सतना िजले क अवनी चतुवदी तथा राज थान क झुनझुनू िजले क
मोहना िसंह को भी शािमल िकया गया ह।
q
43. सां यक उप थापन
(Statistical Presentation)
सकल रा य घरलू उ पाद म ाथिमक े क वृ दर
जीिवका क गित
मद : गिठत वयं सहायता समूह क सं या
2011-12 : 55704
2012-13 : 91785
2013-14 : 157157
2014-15 : 365150
2015-16 : 470220
2016-17 अ ूबर तक : 557337
मद : ामीण संगठन क सं या
2011-12 : 3476
2012-13 : 5069
2013-14 : 7452
2014-15 : 14363
2015-16 : 31229
2016-17 अ ूबर तक : 32431
मद : बक क साथ ऋण -संपिकत वयं सहायता समूह क सं या
2011-12 : 25621
2012-13 : 55624
2013-14 : 64812
2014-15 : 121181
2015-16 : 221261
2016-17 अ ूबर तक : 303078
मद : बक ऋण (करोड़ .)
2011-12 : 123
2012-13 : 278
2013-14 : 379
2014-15 : 659
2015-16 : 1300
2016-17 अ ूबर तक : 2113
ोत : जीिवका, िबहार सरकार
ोत : रा य तर बकस सिमित
िबहार म े ीय ामीण बक क सं या
ह थकयर े
कल : मेिडकल कॉलेज एवं हॉ पटल
आव यकता : 40
वतमान थित (कायरत) : 9
कम : 31
कल : िजला अ पताल
आव यकता : 38
वतमान थित (कायरत) : 36
कम : 2
कल : अनुमंडलीय अ पताल
आव यकता : 212
वतमान थित (कायरत) : 44
कम : 168
कल : रफरल हॉ पटल
आव यकता : 70
वतमान थित (कायरत) : 57
कम : 13
कल : सामुदाियक ह थ सटर
आव यकता : 838
वतमान थित (कायरत) : 0
कम : 838
कल : ाथिमक वा य क
आव यकता : 3,314
वतमान थित (कायरत) : 533
कम : 2,781
कल : अित र ाथिमक वा य क
आव यकता : 2,787
वतमान थित (कायरत) : 1,350
कम : 1,437
कल : उप- वा य क
आव यकता : 20,997
वतमान थित (कायरत) : 9,729
कम : 11,268
राजकोषीय एवं िव ीय दशन सूचक
सूचक : (क) सु थरता (Sustainability)
2011-12 : —
2012-13 : —
2013-14 : —
2014-15 : —
2015-16 : —
2016-17 BE : —
सूचक : वतमान राज व शेष (करोड़ .)
2011-12 : 9987
2012-13 : 14128
2013-14 : 16242
2014-15 : 15484
2015-16 : 26027
2016-17 BE : 26984
सूचक : याज अनुपात (ऌ ितशत)
2011-12 : 9.13
2012-13 : 8.67
2013-14 : 9.26
2014-15 : 9.82
2015-16 : 8.57
2016-17 BE : 8.67
सूचक : सकल रा य घरलू उ पाद क मुकाबले रा य क अपनी कर ा क उ फ ता
2011-12 : 1.3
2012-13 : 2
2013-14 : 1.9
2014-15 : 0.2
2015-16 : 2.1
2016-17 BE : 1.2
सूचक : सकल रा य घरलू उ पाद क मुकाबले रा य क अपनी करतर ा क उ फ ता
2011-12 : -0.5
2012-13 : 1.9
2013-14 : 2.9
2014-15 : 0
2015-16 : 3.8
2016-17 BE : 0.6
सूचक : बकाया ऋण म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 7.8
2012-13 : 12.7
2013-14 : 11.8
2014-15 : 16
2015-16 : 19.1
2016-17 BE : 19.3
सूचक : कल राज व ा म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 15.2
2012-13 : 16.1
2013-14 : 15.7
2014-15 : 13.8
2015-16 : 22.6
2016-17 BE : 29.6
सूचक : रा य क अपनी राज व ा म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 24.4
2012-13 : 28.8
2013-14 : 23.7
2014-15 : 3.7
2015-16 : 23.9
2016-17 BE : 16.1
सूचक : सकल रा य घरलू उ पाद म वृ (ऌ ितशत)
2011-12 : 21.4
2012-13 : 14.3
2013-14 : 12.3
2014-15 : 17.9
2015-16 : 10.6
2016-17 BE : 14
सूचक : (ख) लचीलापन (Fiexibility)
2011-12 : —
2012-13 : —
2013-14 : —
2014-15 : —
2015-16 : —
2016-17 BE : —
सूचक : पूँजीगत अदायगी/पूँजीगत ऋण हण (ऌ ितशत)
2011-12 : 72.9
2012-13 : 54
2013-14 : 39.6
2014-15 : 28.6
2015-16 : 25.8
2016-17 BE : 21.9
सूचक : कल का ा /सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 16.4
2012-13 : 17.1
2013-14 : 17.3
2014-15 : 15.4
2015-16 : 18
2016-17 BE : 18.7
सूचक : पूँजीगत प र यय/पूँजीगत ा (ऌ ितशत)
2011-12 : 133.1
2012-13 : 100.1
2013-14 : 141.1
2014-15 : 117.8
2015-16 : 130.2
2016-17 BE : 141.5
सूचक : रा य क अपनी कर ा /सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 5.1
2012-13 : 5.8
2013-14 : 6.3
2014-15 : 5.5
2015-16 : 6.2
2016-17 BE : 6.3
सूचक : रा य क अपनी करतर ा /सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 0.4
2012-13 : 0.4
2013-14 : 0.5
2014-15 : 0.4
2015-16 : 0.5
2016-17 BE : 0.5
सूचक : बकाया ऋण/सकल रा य घरलू उ पाद (ऌ ितशत)
2011-12 : 20.63
2012-13 : 20.35
2013-14 : 20.27
2014-15 : 19.94
2015-16 : 21.48
2016-17 BE : 22.49
सूचक : (ग) सुभे ता (Vulnerability)
2011-12 : —
2012-13 : —
2013-14 : —
2014-15 : —
2015-16 : —
2016-17 BE : —
सूचक : राज व घाटा (करोड़ .)
2011-12 : -4820
2012-13 : -5101
2013-14 : -6441
2014-15 : -5847
2015-16 : -12507
2016-17 BE : -14649
सूचक : राजकोषीय घाटा (करोड़ .)
2011-12 : 5915
2012-13 : 6545
2013-14 : 8352
2014-15 : 11179
2015-16 : 12062
2016-17 BE : 16014
सूचक : ाथिमक घाटा (करोड़ .)
2011-12 : 1611
2012-13 : 2117
2013-14 : 2893
2014-15 : 5050
2015-16 : 4964
2016-17 BE : 7835
सूचक : ाथिमक घाटा/राजकोषीय घाटा (ऌ ितशत)
2011-12 : 27.2
2012-13 : 32.3
2013-14 : 34.6
2014-15 : 45.2
2015-16 : 41.2
2016-17 BE : 48.9
सूचक : राज व घाटा/राजकोषीय घाटा (ऌ ितशत)
2011-12 : -81.5
2012-13 : -77.9
2013-14 : -77.1
2014-15 : -52.3
2015-16 : -103.7
2016-17 BE : -91.5
िवभागवार योजना यय क रािश एवं कल यय क ितशत क िवतरण का
िववरण
िवभाग का नाम : िश ा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1421788.77
कल यय का ितशत : 17.93
िवभाग का नाम : ामीण िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 972546.55
कल यय का ितशत : 12.26
िवभाग का नाम : ामीण काय िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 851686.31
कल यय का ितशत : 10.74
िवभाग का नाम : ऊजा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 679559.53
कल यय का ितशत : 8.57
िवभाग का नाम : पथ िनमाण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 570339
कल यय का ितशत : 7.19
िवभाग का नाम : समाज क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 489901.04
कल यय का ितशत : 6.18
िवभाग का नाम : वा य िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 356741.64
कल यय का ितशत : 4.5
िवभाग का नाम : जल संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 283417.43
कल यय का ितशत : 3.57
िवभाग का नाम : नगर िवकास एवं आवास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 273461.06
कल यय का ितशत : 3.45
िवभाग का नाम : पंचायती राज िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 258921
कल यय का ितशत : 3.26
िवभाग का नाम : किष िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 234281.57
कल यय का ितशत : 2.95
िवभाग का नाम : योजना एवं िवकास िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 211045.7
कल यय का ितशत : 2.66
िवभाग का नाम : लोक वा य अिभयं ण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 200989.33
कल यय का ितशत : 2.53
िवभाग का नाम : खा एवं उपभो ा संर ण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 162163.36
कल यय का ितशत : 2.04
िवभाग का नाम : िपछड़ा वग एवं अितिपछड़ा वग क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 158008.64
कल यय का ितशत : 1.99
िवभाग का नाम : अनुसूिचत जाित एवं अनुसूिचत जनजाित क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 152563.85
कल यय का ितशत : 1.92
िवभाग का नाम : िव ान एवं ावैिधक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 88866.81
कल यय का ितशत : 1.12
िवभाग का नाम : उ ोग िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 77187.8
कल यय का ितशत : 0.97
िवभाग का नाम : म संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 58117.67
कल यय का ितशत : 0.73
िवभाग का नाम : गृह िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 52979.27
कल यय का ितशत : 0.67
िवभाग का नाम : सहका रता िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 49670.19
कल यय का ितशत : 0.63
िवभाग का नाम : लघु जल संसाधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 39530.14
कल यय का ितशत : 0.5
िवभाग का नाम : अ पसं यक क याण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 37324.55
कल यय का ितशत : 0.47
िवभाग का नाम : कला, सं कित एवं युवा िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 34096.35
कल यय का ितशत : 0.43
िवभाग का नाम : पशु एवं म य िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 30494.81
कल यय का ितशत : 0.38
िवभाग का नाम : िविध िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 27500
कल यय का ितशत : 0.35
िवभाग का नाम : भवन िनमाण िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 24843.52
कल यय का ितशत : 0.31
िवभाग का नाम : मंि मंडल सिचवालय िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 22771.14
कल यय का ितशत : 0.29
िवभाग का नाम : सूचना ौ ोिगक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 22529.02
कल यय का ितशत : 0.28
िवभाग का नाम : पयावरण एवं वन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 17846.38
कल यय का ितशत : 0.23
िवभाग का नाम : राज व एवं भूिम सुधार िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 15666.05
कल यय का ितशत : 0.2
िवभाग का नाम : सामा य शासन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 11852.52
कल यय का ितशत : 0.15
िवभाग का नाम : ग ा उ ोग िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 10184.27
कल यय का ितशत : 0.13
िवभाग का नाम : सूचना एवं जनसंपक िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 9012.29
कल यय का ितशत : 0.11
िवभाग का नाम : पयटन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 9101.21
कल यय का ितशत : 0.11
िवभाग का नाम : िव िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 7000
कल यय का ितशत : 0.09
िवभाग का नाम : आपदा बंधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 5125.5
कल यय का ितशत : 0.06
िवभाग का नाम : प रवहन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 1487.17
कल यय का ितशत : 0.02
िवभाग का नाम : म िनषेध, उ पाद एवं िनबंधन िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 461.79
कल यय का ितशत : 0.01
िवभाग का नाम : वािण य कर िवभाग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 603.77
कल यय का ितशत : 0.01
िवभाग का नाम : कल योग
योजना यय क रािश (लाख . म) : 7931667
कल यय का ितशत : 100
सेवा से संबंिधत आय- यय 2017-2018 एक ि म (रािश करोड़ पए म)
नाम : आरा
जनसं या (2001) : 203380
वाड : 45
नाम : गया
जनसं या (2001) : 389192
वाड : 53
नाम : भागलपुर
जनसं या (2001) : 340767
वाड : 51
नाम : दरभंगा
जनसं या (2001) : 267348
वाड : 48
नाम : बेगूसराय
जनसं या (2001) : 93741
वाड : 36
नाम : मुंगेर
जनसं या (2001) : 188050
वाड : 45
नाम : पूिणया
जनसं या (2001) : 171687
वाड : 43
नाम : किटहार
जनसं या (2001) : 190873
वाड : 60
नाम : छपरा
जनसं या (2001) : 212955
वाड : 44
ज म पर जीवन याशा
रा य/भारत : िबहार
2006-10 (पु ष) : 65.5
2006-10 (मिहला) : 66.2
2006-10 (कल) : 65.8
2010-14 (पु ष) : 67.8
2010-14 (मिहला) : 68.4
2010-14 (कल) : 68.1
रा य/भारत : भारत
2006-10 (पु ष) : 64.6
2006-10 (मिहला) : 67.7
2006-10 (कल) : 66.1
2010-14 (पु ष) : 66.4
2010-14 (मिहला) : 69.6
2010-14 (कल) : 67.9
ोत : सपल पंजीकरण णाली (SRS) कायालय, रिज ार जनरल, भारत
सारणी-I
निदय क िकनार अव थत िबहार क मुख नगर
नगर—नदी
पटना—गंगा
मुज फरपुर—बूढ़ी गंडक
छपरा—गंगा
हाजीपुर—गंडक
सम तीपुर—बूढ़ी गंडक
गया—फ गु
भागलपुर—गंगा
दरभंगा—बागमती
खगिड़या—बूढ़ी गंडक
जहानाबाद—दरधा
बेितया—बूढ़ी गंडक
सारणी-II
िबहार क निदयाँ—उनक उ म थल एवं संगम/मुहाना
नदी : गंगा
उ म थल : गंगो री िहमनद का गोमुख (उ राखंड)
संगम/मुहाना : बंगाल क खाड़ी
नदी : गंडक
उ म थल : अ पूणा ेणी क मानंगमोट और कतांग क म य से
संगम/मुहाना : गंगा नदी (पटना क पास)
नदी : घाघरा (सरयू)
उ म थल : गुरला मंधाता चोटी क पास ना फा (नेपाल)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (छपरा क पास)
नदी : बूढ़ी गंडक
उ म थल : सोमे र ेणी क िवशंभरपुर क पास चऊतरवा चौर
संगम/मुहाना : गंगा नदी (खगिड़या क पास)
नदी : बागमती
उ म थल : महाभारत ेणी (नेपाल)
संगम/मुहाना : बूढ़ी गंडक
नदी : कमला
उ म थल : महाभारत ेणी (नेपाल)
संगम/मुहाना : कोसी
नदी : कोसी
उ म थल : गोसाई थान (स कौिशक , नेपाल)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (करसेला क पास)
नदी : महानंदा
उ म थल : महाभारत ेणी (नेपाल)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (मिनहारी, किटहार क पास)
नदी : सोन
उ म थल : अमरकटक चोटी (म य देश)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (दानापुर एवं मनेर क बीच)
नदी : पुनपुन
उ म थल : छोटानागपुर पठार (पलामू)
संगम/मुहाना : गंगा नदी (फतुहा क पास)
नदी : कमनाशा
उ म थल : सारोदाग (कमूर)
संगम/मुहाना : गंगा नदी
नदी : फ गु
उ म थल : उ री छोटानागपुर पठार (हजारीबाग)
संगम/मुहाना : टाल े
नदी : अजय
उ म थल : बटबाड़ (जमुई)
संगम/मुहाना : गंगा (प म बंगाल)
सारणी-III
िबहार क मुख जलकड
नाम— थान
कड—राजगीर (िबहार का सबसे गरम जलकड)
स धारा/सतधरवा—राजगीर
सूयकड—राजगीर
मखदूमकड—राजगीर
नानककड—राजगीर
गोमुखकड—राजगीर
ल मणकड—मुंगेर
सीताकड—मुंगेर
रामे रकड—मुंगेर
ऋिषकड—मुंगेर
ज मकड—मुंगेर
भीमबाँध—मुंगेर
गं ारऋिषकड—मुंगेर
भरारीकड—मुंगेर
पंचतरकड—मुंगेर
अ नकड—गया
सारणी-IV
िबहार क मुख जल पात क थित
जल पात का नाम : ककोलत
नदी : कोडरमा पठार से उतरनेवाली धारा
थान/िजला : ककोलत (नवादा)
जल पात का नाम : सुखलदरी
नदी : कनहर
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : धुआँकड (30 मीटर)
नदी : काव, धोबा
थान/िजला : ताराचंडी (रोहतास)
जल पात का नाम : दुगावती (खादर कोह) (80 मीटर)
नदी : दुगावती
थान/िजला : छानपापर (रोहतास)
जल पात का नाम : िजआरखुंड
नदी : फलव रया
थान/िजला : िजआरखुंड (भोजपुर)
जल पात का नाम : तमासीन
नदी : महाने
थान/िजला : —
जल पात का नाम : खुआरी दाह (180 मीटर)
नदी : असाने
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : रािकमकड
नदी : गायघाट
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : ओखारीनकड (90 मीटर)
नदी : गोपथ
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : सुआरा (120 मीटर)
नदी : पूव सुआरा
थान/िजला : रोहतास
जल पात का नाम : देवदारी (58 मीटर)
नदी : कमनाशा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
जल पात का नाम : तेलहरकड (80 मीटर)
नदी : प म सुआरा
थान/िजला : रोहतास पठार (रोहतास)
सारणी-V
िबहार क मुख जल िनम न (आ ) भूिम (Wetland) (झील/चौर/मन/
गोखुर झील)
जल िनम न (आ ) भूिम : काँवर झील
थित : मँझौल
िजला : बेगूसराय
जल िनम न (आ ) भूिम : कशे र थान झील
थित : कशे र थान
िजला : दरभंगा
जल िनम न (आ ) भूिम : घोघा चाप झील
थित : मिनहारी
िजला : किटहार
जल िनम न (आ ) भूिम : िसमरी-ब तयारपुर झील
थित : िसमरी-ब तयारपुर
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : उदयपुर झील
थित : उदयपुर
िजला : प मी चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : भुसारा मन
थित : भुसारा
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : पुरा मन
थित : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : कस रया चौर (खेतर)
थित : मोितहारी
िजला : पूव चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : चैता चौर
थित : िपपरी पकरी
िजला : प मी चंपारण
जल िनम न (आ ) भूिम : मानसी चौर
थित : फिलया खार
िजला : खगिड़या
जल िनम न (आ ) भूिम : भरथुआ चौर
थित : भरथुआ
िजला : मुज फरपुर
जल िनम न (आ ) भूिम : भ वा चौर
थित : बलुआ बाजार
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : बोरा चौर
थित : खरकता ताल
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : परबा मुरली चौर
थित : कमार गेज
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : मुरादपुर चौर
थित : मुरादपुर
िजला : सहरसा
जल िनम न (आ ) भूिम : ह रया चौर
थित : अक लपुर
िजला : सारण
जल िनम न (आ ) भूिम : राघोपुर
थित : माजीपुर, मैनािलया, पैितया
िजला : वैशाली
सारणी-VI
पयावरण संबंधी िदवस
मांक : 1
मह वपूण िदवस : िव आ भूिम (Wetland) िदवस
ितिथ : 2 फरवरी
मांक : 2
मह वपूण िदवस : िव वािनक िदवस
ितिथ : 21 माच
मांक : 3
मह वपूण िदवस : िव वासी प ी िदवस
ितिथ : तीय स ाह (मई)
मांक : 4
मह वपूण िदवस : िव जैव िविवधता िदवस
ितिथ : 22 मई
मांक : 5
मह वपूण िदवस : िव पयावरण िदवस
ितिथ : 5 जून
मांक : 6
मह वपूण िदवस : वन महो सव
ितिथ : जुलाई-िसतंबर
मांक : 7
मह वपूण िदवस : िबहार पृ वी िदवस
ितिथ : 9 अग त
मांक : 8
मह वपूण िदवस : िव ओजोन िदवस
ितिथ : 16 िसतंबर
मांक : 9
मह वपूण िदवस : व य ाणी स ाह
ितिथ : 02-09 अ ूबर
मांक : 10
मह वपूण िदवस : िव पशु क याण िदवस
ितिथ : 4 अ ूबर
मांक : 11
मह वपूण िदवस : डॉ फन िदवस
ितिथ : 5 अ ूबर
सारणी-VII
िबहार क मुख खिनज
खिनज— थान
पायराइट—अमझोर एवं बंजारी (रोहतास)
बॉ साइट—खड़गपुर (मुंगेर), बंजारी (रोहतास)
िटन—देवराज एवं ककखंड (गया)
ेफाइट—िसमुलत ा (जमुई)
अ क—गया, नवादा, जमुई, बाँका
सेलखड़ी—गया, मुंगेर, नवादा
चीनीिम ी—मुंगेर, भागलपुर
ेनाइट, ए बे टस—मुंगेर
डोलोमाइट—रोहतास
लेट, िसिलका—मुंगेर
यूरिनयम—गया, नवादा
शोरा—सारण, गोपालगंज, सीवान, वैशाली, मुज फरपुर
सोना—मुंगेर
फायर — े भागलपुर
बे रयल—नवादा
पे ोिलयम—प मी चंपारण, सहरसा, पूिणया, िकशनगंज
सारणी-VIII
िबहार म हवाई राजमाग
.सं. : 1
नाम : जय काश नारायण अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : पटना
कार : अंतरा ीय
.सं. : 2
नाम : गया अंतरा ीय हवाई अ ा
थान : गया
कार : अंतरा ीय
.सं. : 3
नाम : भागलपुर हवाई अ ा
थान : भागलपुर
कार : घरलू
.सं. : 4
नाम : दरभंगा हवाई अ ा
थान : दरभंगा
कार : र ा
.सं. : 5
नाम : जोगबनी हवाई अ ा
थान : जोगबनी
कार : घरलू
.सं. : 6
नाम : चूनापुर हवाई अ ा
थान : पूिणया
कार : र ा
सारणी-IX
बाढ़ भािवत िजले
सारणी-X
भूकप भािवत जोन क अंतगत स मिलत िजले
जोन : जोन-V
भूकप क ती ता (MSK) : IX
िजले का नाम : पूिणया, अर रया, िकशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, मधुबनी, िशवहर
जोन : जोन-IV
भूकप क ती ता (MSK) : VIII
िजले का नाम : प मी चंपारण, पूव चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, मुज फरपुर, वैशाली, सम तीपुर,
बेगूसराय, खगिड़या, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, किटहार, पटना, नालंदा
जोन : जोन-III
भूकप क ती ता (MSK) : VII
िजले का नाम : गया, औरगाबाद, रोहतास, कमूर, ब सर, भोजपुर, जहानाबाद, अरवल, नवादा तथा जमुई और
बाँका का दि णी भाग आंिशक प से
सारणी-XI
िबहार क मुख भूकप
.सं. : 1
वष : 26 अग त, 1838
भािवत े : िबहार, नेपाल
.सं. : 2
वष : 15 जनवरी, 1934
भािवत े : नेपाल, िबहार, (पूिणया, चंपारण, मुंगेर, मधुबनी, दरभंगा, अर रया, िकशनगंज)
.सं. : 3
वष : 25 अ ैल, 2015
भािवत े : िबहार, नेपाल
.सं. : 4
वष : 5 िदसंबर, 2015
भािवत े : िबहार, नेपाल
सारणी-XII
वन उ पाद पर आधा रत उ ोग
उ ोग—क
िसजीन ग एवं ग ा उ ोग—सम तीपुर, दरभंगा
लाईवुड उ ोग—हाजीपुर, बेितया, पटना, मुज फरपुर
क था उ ोग—बेितया
रशम उ ोग—भागलपुर
सारणी-XIII
फसल ित प जोन
फसल ित प जोन : जोन-I
फसल : धान-गे , धान-राई, धान-आलू, धान-म ा, म ा-गे , म ा-आलू, म ा-राई, धान-मसूर, धान-
अलसी (तीसी)
मुख िजले : प मी चंपारण, पूव चंपारण, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, िशवहर, मुज फरपुर, वैशाली, मधुबनी,
दरभंगा, सम तीपुर, गोपालगंज, बेगूसराय
फसल ित प जोन : जोन-II
फसल : जूट-गे , जूट-आलू, जूट-उड़द, जूट-सरस , धान-गे -मूँग, धान-तो रया
मुख िजले : पूिणया, किटहार, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, खगिड़या, अर रया, िकशनगंज
फसल ित प जोन : जोन-III
फसल : धान-गे , धान-चना, धान-मसूर, धान-राई
मुख िजले : शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, भागलपुर, बाँका, रोहतास, भोजपुर, ब सर, भभुआ, अरवल,
पटना, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, औरगाबाद, गया
सारणी-XIV
फसल क कार
सारणी-XV
िबहार क मुख फसल तथा उ पादन े
फसल—उ पादन े
चावल—रोहतास, प मी चंपारण, पूव चंपारण, अरवल, ब सर
गे —रोहतास, गया, दरभंगा
म ा—सारण, मुज फरपुर, खगिड़या, बेगूसराय, मुंगेर
जौ—प मी चंपारण, सहरसा, पूिणया
म आ/रागी—सहरसा, मुज फरपुर, सारण
बाजरा—पटना, मुंगेर, गया
तीसी—पटना, भोजपुर, गया
राई, सरस —पटना, मुज फरपुर, दरभंगा
ितल—प मी चंपारण, शाहाबाद
अरहर—दरभंगा, मुज फरपुर, मुंगेर
चना—भोजपुर, ब सर
मसूर—पटना, चंपारण, गया
खेसारी—पटना, गया, भोजपुर
ग ा—चंपारण, सारण, मुज फरपुर
जूट—पूिणया, किटहार
तंबाक—दरभंगा, मुज फरपुर, मुंगेर, सम तीपुर, सहरसा
आलू—पटना, नालंदा, सारण, सम तीपुर
सारणी-XVI
फसल उ पादन म िबहार का भारत म थान
फसल— थान
धान—चौथा
गे —छठा
तंबाक—तीसरा
जूट—दूसरा
ितलहन—सातवाँ
लीची— थम
आम— थम
जौ—दूसरा
म आ— थम
शहद— थम
मखाना— थम
म ा—तीसरा
सारणी-XVII
िबहार क मुख िसंचाई प रयोजनाएँ
सारणी-XVIII
िबहार म नदी अंतसबंधन योजना
निदय का नाम : बूढ़ी गंडक-नून-वाया-गंगा
लाभ ा करनेवाले िजले : सम तीपुर, बेगूसराय, खगिड़या
उपल ध : 1.26 लाख ह टयर िसंचाई मता का सृजन
निदय का नाम : सकरी-नाटा नदी
लाभ ा करनेवाले िजले : नवादा, नालंदा, शेखपुरा
उपल ध : 68 हजार ह टयर िसंचाई मता का सृजन
निदय का नाम : कोसी-मेची
लाभ ा करनेवाले िजले : अर रया, सहरसा, सुपौल, िकशनगंज, पूिणया
उपल ध : 2.11 लाख ह टयर िसंचाई मता का सृजन
प रिश -II
सारणी-I
बौ संगीित
संगीित : थम
वष : 483 ई.पू.
थान : राजगृह क स पण गुफा
अ य : महाक यप
शासक : अजातश ु
मुख काय : सुत एवं िवनय िपटक का संकलन
संगीित : तीय
वष : 383 ई.पू.
थान : वैशाली
अ य : सवकामी
शासक : कालाशोक
मुख काय : थिवर एवं महासांिघक म िवभाजन
संगीित : तृतीय
वष : 249 ई.पू.
थान : पाटिलपु
अ य : मौगिलपु ित य
शासक : अशोक
मुख काय : अिभध मिपटक का संकलन
संगीित : चतुथ
वष : 95 ई.
थान : कडलवन (क मीर)
अ य : वसुिम उपा य -अ घोष
शासक : किन क
मुख काय : हीनयान एवं महायान म िवभाजन
सारणी-II
मुख बौ ंथ
बौ सािह य : जातक कथाएँ
लेखक : —
िववरण : इसक सं या 549 ह। इसम बु क पुनज म क कहानी ह।
बौ सािह य : िमिलंदप हो (भाषा-पाली)
लेखक : नागसेन
िववरण : बै यन शासक िमनांडर एवं बौ आचाय नागसेन का वा ालाप ह।
बौ सािह य : िवशु मग
लेखक : बु घोष
िववरण : बौ धम का दाशिनक िनचोड़ ह।
बौ सािह य : िनदान काठा
लेखक : बु घोष
िववरण : यह पाली भाषा म गौतम बु क एकमा जीवनी ह।
बौ सािह य : अ कथाएँ
लेखक : —
िववरण : ि िपटक पर िलखा गया भा य।
बौ सािह य : अिभध मकोष
लेखक : वसुबंधु
िववरण : —
बौ सािह य : सुदभ पुंड रक
लेखक : वसुबंधु
िववरण : —
बौ सािह य : ा पारिमता
लेखक : नागाजुन
िववरण : इसम शू यवाद का िस ांत िदया गया ह।
बौ सािह य : अकतोमाया
लेखक : नागाजुन
िववरण : —
बौ सािह य : लिलत िव तार
लेखक : वसुिम
िववरण : इसे लाइट ऑफ एिशया कहते ह।
बौ सािह य : िवभाषा सू
लेखक : वसुिम
िववरण : —
बौ सािह य : स दरानंद
लेखक : अ घोष
िववरण : इसम बु क सौतेले भाई स दरानंद क बौ धम हण करने का वणन ह।
बौ सािह य : बु चर
लेखक : अ घोष
िववरण : इसे बौ धम का महाका य कहते ह।
बौ सािह य : दीपवंश
लेखक : —
िववरण : ीलंका का इितहास ह।
बौ सािह य : महावंश
लेखक : भदंत महानामा
िववरण : —
बौ सािह य : िद यावदान
लेखक : —
िववरण : नेपाली सािह य, िजसक दो भाग अशोकावदान और कणलावदान ह।
सारणी-III
जैन संगीित
संगीित : थम
वष : 322-298 ई.पू.
थान : पाटिलपु
अ य : थूलभ
शासक : चं गु मौय
मुख काय : 12 अंग का संकलन तथा ेतांबर और िदगंबर दो सं दाय म िवभाजन
संगीित : तीय
वष : 512 ई.
थान : व भी
अ य : देवािध -मा वण
शासक : —
मुख काय : जैन धम क िस ांत को अंितम प से िलिपब िकया गया।
सारणी-IV
बु कालीन (छठी सदी ई.पू.) 16 महाजनपद
मांक : 1
महाजनपद : काशी
राजधानी : वाराणसी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 2
महाजनपद : कोसल
राजधानी : अयो या एवं ाव ती
वतमान थित : उ र देश
मांक : 3
महाजनपद : अंग
राजधानी : चंपा
वतमान थित : िबहार
मांक : 4
महाजनपद : मगध
राजधानी : राजगृह या िग र ज
वतमान थित : िबहार
मांक : 5
महाजनपद : व
राजधानी : वैशाली
वतमान थित : िबहार
मांक : 6
महाजनपद : म
राजधानी : उ री म —कशीनगर, दि णी म —पावापुरी
वतमान थित : उ र देश एवं िबहार
मांक : 7
महाजनपद : चेिद
राजधानी : श मती
वतमान थित : पंजाब
मांक : 8
महाजनपद : व स
राजधानी : कौशांबी
वतमान थित : उ र देश
मांक : 9
महाजनपद : पु
राजधानी : इ थ
वतमान थित : ह रयाणा
मांक : 10
महाजनपद : पांचाल
राजधानी : उ री पांचाल—अिह छ , दि णी पांचाल—का प य
वतमान थित : पंजाब
मांक : 11
महाजनपद : म य
राजधानी : िवराट नगर
वतमान थित : राज थान
मांक : 12
महाजनपद : शूरसेन
राजधानी : मथुरा
वतमान थित : प मी उ र देश
मांक : 13
महाजनपद : अ मक
राजधानी : पाटन/पोतन
वतमान थित : आं देश
मांक : 14
महाजनपद : अवंित
राजधानी : उ री अवंित—उ ैन, दि णी अवंित—मिह मती
वतमान थित : म य देश
मांक : 15
महाजनपद : गांधार
राजधानी : त िशला
वतमान थित : अफगािन तान
मांक : 16
महाजनपद : कबोज
राजधानी : हाटक
वतमान थित : अफगािन तान
सारणी-V
अशोककालीन मौय ांत
मांक : 1
ांत : उ रापथ
राजधानी : त िशला
राजधानी क अव थित : अफगािन तान
मांक : 2
ांत : दि णापथ
राजधानी : वणिग र
राजधानी क अव थित : कनाटक
मांक : 3
ांत : अवंित
राजधानी : उ ैन
राजधानी क अव थित : म य देश
मांक : 4
ांत : किलंग
राजधानी : तोसली
राजधानी क अव थित : उड़ीसा
मांक : 5
ांत : ाची/पूव रा य
राजधानी : पाटिलपु
राजधानी क अव थित : िबहार
सारणी-VI
भारतीय पुरात व सव ण क ारा िबहार म सुरि त घोिषत मारक
.:1
सुरि त मारक : पातालपुरी गुफा
ाम/ थल : प थरघ ा पहाड़ी
िजला : भागलपुर
.:2
सुरि त मारक : िशलामूित समूह
ाम/ थल : प थरघ ा पहाड़ी
िजला : भागलपुर
.:3
सुरि त मारक : िव मिशला महािवहार क अवशेष
ाम/ थल : अंितचक, ओ रयप
िजला : भागलपुर
.:4
सुरि त मारक : िशला मंिदर
ाम/ थल : कहलगाँव, िव मिशला महािवहार से सटा
िजला : भागलपुर
.:5
सुरि त मारक : अशोककालीन तर तंभ
ाम/ थल : लौ रया अरराज
िजला : पूव चंपारण
.:6
सुरि त मारक : अशोककालीन िसंह शीषयु तर तंभ
ाम/ थल : लौ रया नंदनगढ़
िजला : प मी चंपारण
.:7
सुरि त मारक : अशोककालीन दो तर तंभ क अवशेष
ाम/ थल : रामपुरवा
िजला : प मी चंपारण
.:8
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान थल पर का टीला
ाम/ थल : मरिहया
िजला : प मी चंपारण
.:9
सुरि त मारक : बौ तूप
ाम/ थल : ताजपुर (कस रया)
िजला : पूव चंपारण
. : 10
सुरि त मारक : िकले क अवशेष, तालाब और अवशेष
ाम/ थल : सागरडीह
िजला : पूव चंपारण
. : 11
सुरि त मारक : िकले क अवशेष
ाम/ थल : चान क गढ़
िजला : प मी चंपारण
. : 12
सुरि त मारक : िकले क अवशेष एवं तूप
ाम/ थल : मरिहया
िजला : प मी चंपारण
. : 13
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान टीला
ाम/ थल : लौ रया नंदनगढ़
िजला : प मी चंपारण
. : 14
सुरि त मारक : वैिदक शवाधान टीला
ाम/ थल : पकरी
िजला : प मी चंपारण
. : 15
सुरि त मारक : ाचीनगढ़ अथवा िकले का अवशेष
ाम/ थल : बिलराजगढ़
िजला : मधुबनी
. : 16
सुरि त मारक : शोभानाथ पहाड़ी का ाचीन टीला
ाम/ थल : हसरा, जगदीशपुर
िजला : गया
. : 17
सुरि त मारक : ाचीन बौ मूित समूह
ाम/ थल : घेजन
िजला : जहानाबाद
. : 18
सुरि त मारक : ाचीन बौ एवं अ य मूितय का समूह
ाम/ थल : गुनेरी गाँव
िजला : गया
. : 19
सुरि त मारक : स गुफा समूह
ाम/ थल : बराबर-नागाजुनी पहाड़ी
िजला : जहानाबाद
. : 20
सुरि त मारक : शमशेर खाँ का मजार
ाम/ थल : शमशेर नगर
िजला : औरगाबाद
. : 21
सुरि त मारक : ाचीन गढ़
ाम/ थल : कक हार
िजला : गया
. : 22
सुरि त मारक : राजा िवशाल का गढ़
ाम/ थल : बसाढ़
िजला : वैशाली
. : 23
सुरि त मारक : जामा म जद
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : पटना
. : 24
सुरि त मारक : पुराता वक थल
ाम/ थल : क हरार
िजला : पटना
. : 25
सुरि त मारक : पुराता वक थल
ाम/ थल : बुलंदीबाग
िजला : पटना
. : 26
सुरि त मारक : उ खिनत पुराता वक थल ( तूप सिहत)
ाम/ थल : हरपुर बसंत
िजला : वैशाली
. : 27
सुरि त मारक : छोटी पहाड़ी का टीला
ाम/ थल : छोटी पहाड़ी
िजला : पटना
. : 28
सुरि त मारक : पाँच टीले का समूह
ाम/ थल : पहाड़ी डीह
िजला : पटना
. : 29
सुरि त मारक : मूितय का समूह
ाम/ थल : दितयाना
िजला : पटना
. : 30
सुरि त मारक : िकले क दीवार
ाम/ थल : राजगृह
िजला : नालंदा
. : 31
सुरि त मारक : राजगृह क सभी पुराता वक थल, मारक एवं मूितयाँ
ाम/ थल : राजगृह
िजला : नालंदा
. : 32
सुरि त मारक : उ खिनत अवशेष
ाम/ थल : नालंदा गाँव
िजला : नालंदा
. : 33
सुरि त मारक : मिलक इ ाहीम बया का मजार
ाम/ थल : िबहारशरीफ
िजला : नालंदा
. : 34
सुरि त मारक : बु मूित
ाम/ थल : जगदीशपुर
िजला : नालंदा
. : 35
सुरि त मारक : मखदूम शाह दौलत मनेरी एवं इ ाहीम खान क मजार
ाम/ थल : मनेर
िजला : पटना
. : 36
सुरि त मारक : ाचीन लकड़ी क बनी मौयकालीन दीवार क अवशेष
ाम/ थल : संदलपुर
िजला : पटना
. : 37
सुरि त मारक : मीर अशरफ िनिमत जामा म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
. : 38
सुरि त मारक : ाचीन अवशेष
ाम/ थल : घोर कटोरा
िजला : नालंदा
. : 39
सुरि त मारक : ाचीन तालाब
ाम/ थल : मनेर
िजला : पटना
. : 40
सुरि त मारक : ाचीन नगर, ाचीन भ नावशेष एवं अ य सभी ाचीन थल
ाम/ थल : माँझी
िजला : सारण
. : 41
सुरि त मारक : हसन शाह क मजार
ाम/ थल : सासाराम नगर
िजला : रोहतास
. : 42
सुरि त मारक : शेरशाह सूरी क मजार
ाम/ थल : सासाराम नगर
िजला : रोहतास
. : 43
सुरि त मारक : अशोक का िशलालेख
ाम/ थल : च दन शहीद पहाड़ी
िजला : रोहतास
. : 44
सुरि त मारक : ाचीन गढ़
ाम/ थल : रोहतास पहाड़ी
िजला : रोहतास
. : 45
सुरि त मारक : ब तयार खाँ क मजार
ाम/ थल : मिलक सराय (चैनपुर)
िजला : भभुआ
. : 46
सुरि त मारक : मुंड री का ाचीन मंिदर
ाम/ थल : पवरा (रामगढ़)
िजला : भभुआ
. : 47
सुरि त मारक : अशोक तंभ और तूप
ाम/ थल : को आ
िजला : मुज फरपुर
. : 48
सुरि त मारक : िशव मंिदर
ाम/ थल : क च
िजला : गया
. : 49
सुरि त मारक : एका म तंभ
ाम/ थल : लाट
िजला : जहानाबाद
. : 50
सुरि त मारक : नागरी िलिप म िलखा िशला-अिभलेख
ाम/ थल : सासाराम नगर क ताराचंडी मंिदर क िनकट
िजला : रोहतास
. : 51
सुरि त मारक : ाचीन टीला
ाम/ थल : ब सर नगर
िजला : ब सर
. : 52
सुरि त मारक : ाचीन भ नावशेष एवं मूितयाँ
ाम/ थल : िखजर सराय क िनकट कौआडोल
िजला : जहानाबाद
. : 53
सुरि त मारक : डॉ. राज साद का पैतृक घर
ाम/ थल : जीरादेई
िजला : सीवान
सारणी-VII
पुरात व िनदेशालय, िबहार सरकार ारा सुरि त घोिषत मारक
.:1
सुरि त मारक : गोलघर
ाम/ थल : पटना
िजला : पटना
.:2
सुरि त मारक : अगमकआँ
ाम/ थल : गुलजारबाग
िजला : पटना
.:3
सुरि त मारक : बेगू हजाम क म जद
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:4
सुरि त मारक : जैन मंिदर
ाम/ थल : कमलदह, गुलजारबाग
िजला : पटना
.:5
सुरि त मारक : दो खी ितमा
ाम/ थल : ककड़बाग
िजला : पटना
.:6
सुरि त मारक : छोटी पटनदेवी
ाम/ थल : पटना िसटी
िजला : पटना
.:7
सुरि त मारक : शेरगढ़ िकला
ाम/ थल : स जी बाजार, सासाराम
िजला : रोहतास
.:8
सुरि त मारक : अलावल खाँ का मकबरा
ाम/ थल : सासाराम
िजला : रोहतास
.:9
सुरि त मारक : सूय मंिदर कदाहा
ाम/ थल : महवारा, मिहषी
िजला : सहरसा
. : 10
सुरि त मारक : कटरागढ़
ाम/ थल : मुज फरपुर
िजला : मुज फरपुर
. : 11
सुरि त मारक : नेपाली मंिदर
ाम/ थल : हाजीपुर
िजला : वैशाली
. : 12
सुरि त मारक : खेरी (पुराता वक थल)
ाम/ थल : शाहकड
िजला : भागलपुर
. : 13
सुरि त मारक : जलालगढ़ िकला
ाम/ थल : कसबा
िजला : पूिणया
. : 14
सुरि त मारक : आरा हाउस
ाम/ थल : आरा
िजला : भोजपुर
. : 15
सुरि त मारक : चौसागढ़
ाम/ थल : नरवतपुर
िजला : ब सर
. : 16
सुरि त मारक : दाऊद खाँ का िकला
ाम/ थल : दाऊदनगर
िजला : औरगाबाद
. : 17
सुरि त मारक : रामिशला पवत
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 18
सुरि त मारक : िव णुपद मंिदर
ाम/ थल : गया नगर
िजला : गया
. : 19
सुरि त मारक : ेतिशला पवत
ाम/ थल : बहादुर िबगहा, पहाड़ ंखला
िजला : गया
. : 20
सुरि त मारक : योिन पहाड़ी
ाम/ थल : गया
िजला : गया
. : 21
सुरि त मारक : हजारीमल पुरानी धमशाला
ाम/ थल : बेितया
िजला : बेितया
सारणी-VIII
िबहार क नवीनतम िच त पुराता वक थल
थल : जमालु ीन चक
िजले का नाम : पटना
थल : अ धाना
िजले का नाम : नालंदा
थल : एकसारा
िजले का नाम : नालंदा
थल : प तान नवटोली
िजले का नाम : मधुबनी
थल : लो रकडीह
िजले का नाम : दरभंगा
थल : राज प रसर
िजले का नाम : दरभंगा
थल : राजनगर
िजले का नाम : मधुबनी
थल : भौरगगढ़ही
िजले का नाम : मधुबनी
थल : कालीमंिदर
िजले का नाम : गया
थल : उमगा
िजले का नाम : औरगाबाद
थल : चक
िजले का नाम : दरभंगा
थल : महशीया
िजले का नाम : सीतामढ़ी
प रिश -III
सारणी-I
िबहार क मु यमं ी
वतं ता से पहले िबहार क मु यमं ी
.:1
मु यमं ी : मोह मद यूनुस
कब से : 01.04.1937
कब तक : 19.07.1937
.:2
मु यमं ी : ी क ण िसंह
कब से : 20.07.1937
कब तक : 31.10.1939
.:3
मु यमं ी : ी क ण िसंह
कब से : 02.04.1946
कब तक : 28.04.1952
सारणी-II
वतं ता क बाद िबहार क मु यमं ी
.:1
मु यमं ी : ी क ण िसंह
कब से : 24.04.1952
कब तक : 31.01.1961
.:2
मु यमं ी : दीप नारायण िसंह (कायवाहक)
कब से : 01.02.1961
कब तक : 18.02.1961
.:3
मु यमं ी : िबनोदानंद झा
कब से : 18.02.1961
कब तक : 02.10.1963
.:4
मु यमं ी : क ण ब भ सहाय
कब से : 02.10.1963
कब तक : 05.03.1967
.:5
मु यमं ी : महामाया साद िस हा
कब से : 05.03.1967
कब तक : 28.01.1968
.:6
मु यमं ी : सतीश साद िसंह (कायवाहक)
कब से : 28.01.1968
कब तक : 01.02.1968
.:7
मु यमं ी : िबंदे री साद मंडल
कब से : 01.02.1968
कब तक : 22.03.1968
.:8
मु यमं ी : भोला पासवान शा ी
कब से : 22.03.1968
कब तक : 29.06.1968
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 29.06.1968
कब तक : 26.01.1969
.:9
मु यमं ी : सरदार ह रहर िसंह
कब से : 26.02.1969
कब तक : 22.06.1969
. : 10
मु यमं ी : भोला पासवान शा ी
कब से : 22.06.1969
कब तक : 04.07.1969
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 04.07.1969
कब तक : 16.02.1970
. : 11
मु यमं ी : दारोगा साद राय
कब से : 16.02.1970
कब तक : 22.12.1970
. : 12
मु यमं ी : कपूरी ठाकर
कब से : 22.12.1970
कब तक : 02.06.1971
. : 13
मु यमं ी : भोला पासवान शा ी
कब से : 02.06.1971
कब तक : 09.01.1972
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 09.01.1972
कब तक : 19.03.1972
. : 14
मु यमं ी : कदार पांडय
कब से : 19.03.1972
कब तक : 02.07.1973
. : 15
मु यमं ी : अ दुल गफर
कब से : 02.07.1973
कब तक : 11.04.1975
. : 16
मु यमं ी : डॉ. जग ाथ िम
कब से : 11.04.1975
कब तक : 30.04.1977
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 30.04.1977
कब तक : 24.06.1977
. : 17
मु यमं ी : कपूरी ठाकर
कब से : 24.06.1977
कब तक : 21.04.1979
. : 18
मु यमं ी : राम सुंदर दास
कब से : 21.04.1979
कब तक : 17.02.1980
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 17.02.1980
कब तक : 08.06.1980
. : 19
मु यमं ी : डॉ. जग ाथ िम
कब से : 08.06.1980
कब तक : 14.08.1983
. : 20
मु यमं ी : चं शेखर िसंह
कब से : 14.08.1983
कब तक : 12.03.1985
. : 21
मु यमं ी : िबंदे री दुबे
कब से : 12.03.1985
कब तक : 13.02.1988
. : 22
मु यमं ी : भागवत झा आजाद
कब से : 14.02.1988
कब तक : 10.03.1989
. : 23
मु यमं ी : स य नारायण िसंह
कब से : 11.03.1989
कब तक : 06.12.1989
. : 24
मु यमं ी : डॉ. जग ाथ िम
कब से : 06.12.1989
कब तक : 10.03.1990
. : 25
मु यमं ी : लालू साद
कब से : 10.03.1990
कब तक : 31.03.1995
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 31.03.1995
कब तक : 04.04.1995
. : 26
मु यमं ी : लालू साद
कब से : 04.04.1995
कब तक : 25.07.1997
. : 27
मु यमं ी : राबड़ी देवी
कब से : 25.07.1997
कब तक : 12.02.1999
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 12.02.1999
कब तक : 09.03.1999
. : 28
मु यमं ी : राबड़ी देवी
कब से : 09.03.1999
कब तक : 03.03.2000
. : 29
मु यमं ी : नीतीश कमार
कब से : 03.03.2000
कब तक : 11.03.2000
. : 30
मु यमं ी : राबड़ी देवी
कब से : 11.03.2000
कब तक : 06.03.2005
.:—
मु यमं ी : रा पित शासन
कब से : 07.03.2005
कब तक : 24.11.2005
. : 31
मु यमं ी : नीतीश कमार
कब से : 24.11.2005
कब तक : 19.05.2014
. : 32
मु यमं ी : जीतन राम माँझी
कब से : 20.05.2014
कब तक : 22.02.2015
. : 33
मु यमं ी : नीतीश कमार
कब से : 22.02.2015
कब तक : अब तक
सारणी-III
िबहार क रा यपाल
.:1
रा यपाल : जयराम दास दौलतराम
कब से : 15.08.1947
कब तक : 11.01.1948
.:2
रा यपाल : माधव ीह र अणे
कब से : 12.01.1948
कब तक : 14.06.1952
.:3
रा यपाल : रगनाथ रामचं िदवाकर
कब से : 15.06.1952
कब तक : 05.07.1957
.:4
रा यपाल : डॉ. जािकर सैन
कब से : 06.07.1957
कब तक : 11.05.1962
.:5
रा यपाल : मधभूसी अनंतशयन आयंगर
कब से : 12.05.1962
कब तक : 06.12.1967
.:6
रा यपाल : िन यानंद कानूनगो
कब से : 07.12.1967
कब तक : 20.01.1971
.:7
रा यपाल : यायमूित उ ल नारायण िस हा (कायवाहक)
कब से : 21.01.1971
कब तक : 31.01.1971
.:8
रा यपाल : देवकांत ब आ
कब से : 01.02.1971
कब तक : 04.02.1975
.:9
रा यपाल : रामचं धोिडबा भंडार
कब से : 04.02.1975
कब तक : 15.06.1976
. : 10
रा यपाल : जग ाथ कौशल
कब से : 16.06.1976
कब तक : 27.05.1978
. : 11
रा यपाल : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह (कायवाहक)
कब से : 27.05.1978
कब तक : 26.06.1978
. : 12
रा यपाल : जग ाथ कौशल
कब से : 26.06.1978
कब तक : 31.01.1979
. : 13
रा यपाल : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह (कायवाहक)
कब से : 31.01.1979
कब तक : 09.09.1979
. : 14
रा यपाल : डॉ. अखलाक-उर-रहमान िकदवई
कब से : 10.09.1979
कब तक : 15.03.1985
. : 15
रा यपाल : पडकांित वकट सुबैया
कब से : 15.03.1985
कब तक : 25.02.1988
. : 16
रा यपाल : गोिवंद नारायण िसंह
कब से : 26.02.1988
कब तक : 23.01.1989
. : 17
रा यपाल : यायमूित दीपक कमार सेन (कायवाहक)
कब से : 24.01.1989
कब तक : 28.01.1989
. : 18
रा यपाल : आर.डी. धान (कायवाहक)
कब से : 29.01.1989
कब तक : 02.03.1989
. : 19
रा यपाल : जग ाथ पहािड़या
कब से : 03.03.1989
कब तक : 21.09.1989
. : 20
रा यपाल : टी.बी. राजे र (कायवाहक)
कब से : 22.09.1989
कब तक : 05.02.1990
. : 21
रा यपाल : मो. यूनुस सलीम
कब से : 06.02.1990
कब तक : 13.02.1991
. : 22
रा यपाल : बी. स यनारायण र ी
कब से : 14.02.1991
कब तक : 19.03.1991
. : 23
रा यपाल : मो. शफ करशी
कब से : 19.03.1991
कब तक : 15.07.1993
. : 24
रा यपाल : डॉ. अखलाक-उर-रहमान िकदवई
कब से : 15.07.1993
कब तक : 21.04.1998
. : 25
रा यपाल : सुंदर िसंह भंडारी
कब से : 22.04.1998
कब तक : 13.03.1999
. : 26
रा यपाल : यायमूित बृजमोहन लाल (कायवाहक)
कब से : 13.03.1999
कब तक : 03.10.1999
. : 27
रा यपाल : सूरजभान
कब से : 03.10.1999
कब तक : 18.11.1999
. : 28
रा यपाल : िवनोद चं पांडय
कब से : 19.11.1999
कब तक : 12.06.2003
. : 29
रा यपाल : एम. रामाजोइस
कब से : 12.06.2003
कब तक : 05.11.2004
. : 30
रा यपाल : बूटा िसंह
कब से : 05.11.2004
कब तक : 26.01.2006
. : 31
रा यपाल : गोपाल क ण गांधी (कायवाहक)
कब से : 27.01.2006
कब तक : 21.06.2006
. : 32
रा यपाल : रामक ण सूयभान गवई
कब से : 22.06.2006
कब तक : 10.07.2008
. : 33
रा यपाल : रघुनंदन लाल भािटया
कब से : 10.07.2008
कब तक : 28.06.2009
. : 34
रा यपाल : देवानंद कवर
कब से : 29.06.2009
कब तक : 21.03.2013
. : 35
रा यपाल : डी.वाई. पािटल
कब से : 22.03.2013
कब तक : 26.11.2014
. : 36
रा यपाल : कसरी नाथ ि पाठी
कब से : 27.11.2014
कब तक : 15.08.2015
. : 37
रा यपाल : रामनाथ गोिवंद
कब से : 16.08.2015
कब तक : अब तक
सारणी-IV
पटना उ यायालय क मु य यायाधीश
.:1
मु य यायाधीश : यायमूित सर एडवड मैनड चपस चैिमयर
कब से : 01.03.1916
कब तक : 30.10.1917
.:2
मु य यायाधीश : यायमूित सर थॉमस फि क डॉ सन िमलर
कब से : 31.10.1917
कब तक : 31.03.1928
.:3
मु य यायाधीश : यायमूित सर काटनी टरल
कब से : 31.03.1928
कब तक : 06.05.1938
.:4
मु य यायाधीश : यायमूित सर ऑथर वर ह रस
कब से : 10.10.1938
कब तक : 19.01.1943
.:5
मु य यायाधीश : यायमूित सर सैयद फजल अली
कब से : 19.01.1943
कब तक : 14.10.1946
.:6
मु य यायाधीश : यायमूित सर फोड मौनमोहन अ वाल
कब से : 09.01.1948
कब तक : 24.01.1950
.:7
मु य यायाधीश : यायमूित सर हबट रबटन मेरिडथ
कब से : 25.01.1950
कब तक : 08.04.1950
.:8
मु य यायाधीश : यायमूित पं. ल मीकांत झा
कब से : 08.04.1950
कब तक : 01.06.1952
.:9
मु य यायाधीश : यायमूित डिवड ऐजरा रयूबेन
कब से : 01.06.1952
कब तक : 02.09.1953
. : 10
मु य यायाधीश : यायमूित सर सैयद जफर इमाम
कब से : 03.09.1953
कब तक : 10.01.1955
. : 11
मु य यायाधीश : यायमूित सुधांशु कमार दास
कब से : 10.01.1955
कब तक : 30.04.1956
. : 12
मु य यायाधीश : यायमूित िव ानाथीयर रामा वामी
कब से : 30.04.1956
कब तक : 04.01.1965
. : 13
मु य यायाधीश : यायमूित रामा वामी ल मी नरिसंहन
कब से : 04.08.1965
कब तक : 02.08.1968
. : 14
मु य यायाधीश : यायमूित सतीश चं िम
कब से : 09.11.1968
कब तक : 05.09.1970
. : 15
मु य यायाधीश : यायमूित उ ल नारायण िस हा
कब से : 05.09.1970
कब तक : 29.09.1972
. : 16
मु य यायाधीश : यायमूित नंदलाल उटवािलया
कब से : 29.09.1972
कब तक : 03.10.1974
. : 17
मु य यायाधीश : यायमूित याम नंदन साद िसंह
कब से : 03.10.1974
कब तक : 01.05.1976
. : 18
मु य यायाधीश : यायमूित क ण व भ नारायण िसंह
कब से : 19.07.1976
कब तक : 12.03.1983
. : 19
मु य यायाधीश : यायमूित सुरजीत िसंह संधवािलया
कब से : 29.11.1983
कब तक : 27.07.1987
. : 20
मु य यायाधीश : यायमूित भगवती साद झा
कब से : 02.01.1988
कब तक : 01.05.1988
. : 21
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार सेन
कब से : 01.05.1988
कब तक : 01.05.1989
. : 22
मु य यायाधीश : यायमूित सुशील कमार झा
कब से : 19.10.1989
कब तक : 23.10.1989
. : 23
मु य यायाधीश : यायमूित गंगाधर गणेश सोनी
कब से : 24.10.1989
कब तक : 17.12.1990
. : 24
मु य यायाधीश : यायमूित िवमल चं साद
कब से : 18.03.1991
कब तक : 21.10.1994
. : 25
मु य यायाधीश : यायमूित क ण वामी सुंदर प रपूणन
कब से : 24.01.1994
कब तक : 11.06.1994
. : 28
मु य यायाधीश : यायमूित क. वकट वामी
कब से : 19.09.1994
कब तक : 06.03.1995
. : 27
मु य यायाधीश : यायमूित गोिवंद व भ पटनायक
कब से : 19.05.1995
कब तक : 11.08.1995
. : 28
मु य यायाधीश : यायमूित देव ताप बाघवा
कब से : 29.09.1995
कब तक : 21.03.1997
. : 29
मु य यायाधीश : यायमूित बृजमोहन लाल
कब से : 09.07.1997
कब तक : 06.10.1999
. : 30
मु य यायाधीश : यायमूित रिव व प धवन
कब से : 25.01.2000
कब तक : 22.07.2004
. : 31
मु य यायाधीश : यायमूित जे.एन. भ
कब से : 18.07.2005
कब तक : 16.10.2007
. : 32
मु य यायाधीश : यायमूित राजेश वािलया
कब से : 05.01.2008
कब तक : 30.03.2008
. : 33
मु य यायाधीश : यायमूित राज मल लोढ़ा
कब से : 13.05.2008
कब तक : िदसंबर, 2008
. : 34
मु य यायाधीश : यायमूित जे.वी. कोशी
कब से : माच, 2009
कब तक : 13.05.2009
. : 35
मु य यायाधीश : यायमूित फ कमार िम ा
कब से : 12.08.2009
कब तक : 17.09.2009
. : 36
मु य यायाधीश : यायमूित दीपक कमार िम ा
कब से : 23.12.2009
कब तक : 24.05.2010
. : 37
मु य यायाधीश : यायमूित रखा एम. दोिशत
कब से : 21.06.2010
कब तक : 12.12.2014
. : 38
मु य यायाधीश : यायमूित िलंगाला नरिसंहा र ी
कब से : 02.01.2015
कब तक : 01.08.2015
. : 39
मु य यायाधीश : यायमूित इकबाल अहमद अंसारी
कब से : 03.08.2015
कब तक : 29.10.2016
. : 40
मु य यायाधीश : यायमूित हमंत गु ा (कायवाहक)
कब से : 29.10.2016
कब तक : 14.04.2017
. : 41
मु य यायाधीश : यायमूित राज मेनन
कब से : 15.04.2017
कब तक : —
सारणी-V
िबहार क लोकायु
.सं. : 1
नाम : यायमूित ीधरवासुदेवा सोहनी
कायकाल : 28.05.1971 से 27.05.1978
.सं. : 2
नाम : यायमूित यामनंदन साद िसंह
कायकाल : 08.06.1978 से 07.06.1983
.सं. : 3
नाम : यायमूित ि वेणी सहाय िम
कायकाल : 18.01.1986 से 17.01.1991
.सं. : 4
नाम : यायमूित सैयद सरवर अली
कायकाल : 07.02.1991 से 06.02.1996
.सं. : 5
नाम : यायमूित नवदे र पांडय
कायकाल : 08.06.2001 से 07.06.2006
.सं. : 6
नाम : यायमूित रामनंदन साद
कायकाल : 25.07.2006 से 24.08.2011
.सं. : 7
नाम : यायमूित सी.एम. साद
कायकाल : 25.08.2011 से 24.08.2016
सारणी-VI
िबहार से रा यसभा सद य क नाम
.:1
सद य का नाम : ी अली अनवर अंसारी
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
.:2
सद य का नाम : ी राम जेठ मलानी
दल का नाम : रा ीय जनता दल
.:3
सद य का नाम : ी रामनाथ ठाकर
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
.:4
सद य का नाम : डॉ. सी.पी. ठाकर
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
.:5
सद य का नाम : ी धम धान
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
.:6
सद य का नाम : ीमती कहकशाँ परवीन
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
.:7
सद य का नाम : ी रिवशंकर साद
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
.:8
सद य का नाम : ीमती मीशा भारती
दल का नाम : रा ीय जनता दल
.:9
सद य का नाम : डॉ. मह साद
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
. : 10
सद य का नाम : ी शरद यादव
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
. : 11
सद य का नाम : ी आर.क. िस हा
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
. : 12
सद य का नाम : ी गोपाल नारायण िसंह
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
. : 13
सद य का नाम : ी विश नारायण िसंह
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
. : 14
सद य का नाम : ी रामचं साद िसंह
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
. : 15
सद य का नाम : ी ह रवंश
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
. : 16
सद य का नाम : डॉ. अिनल कमार साहनी
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
सारणी-VII
16व लोकसभा म िबहार से लोकसभा सद य क िववरणी
.:1
सद य का नाम : ी ता रक अनवर
दल का नाम : रा वादी कां ेस पाट
िनवाचन े का नाम : किटहार
.:2
सद य का नाम : ी क ित आजाद
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : दरभंगा
.:3
सद य का नाम : डॉ. अ ण कमार
दल का नाम : रा ीय लोक समता पाट
िनवाचन े का नाम : जहानाबाद
.:4
सद य का नाम : ी कौशल कमार
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
िनवाचन े का नाम : नालंदा
.:5
सद य का नाम : ी संतोष कमार
दल का नाम : जनता दल (यूनाइटड)
िनवाचन े का नाम : पूिणया
.:6
सद य का नाम : ी शैलेश कमार
दल का नाम : रा ीय जनता दल
िनवाचन े का नाम : भागलपुर
.:7
सद य का नाम : ी उप कशवाहा
दल का नाम : रा ीय लोक समता पाट
िनवाचन े का नाम : काराकाट
.:8
सद य का नाम : ी चौधरी महबूब अली कसर
दल का नाम : लोक जनश पाट
िनवाचन े का नाम : खगिड़या
.:9
सद य का नाम : ी वीर कमार चौधरी
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : झंझारपुर
. : 10
सद य का नाम : ी अ नी कमार चौबे
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : ब सर
. : 11
सद य का नाम : डॉ. संजय जायसवाल
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : प मी चंपारण
. : 12
सद य का नाम : ी तसलीमु ीन
दल का नाम : रा ीय जनता दल
िनवाचन े का नाम : अर रया
. : 13
सद य का नाम : ी सतीश चं दुबे
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : वा मीिक नगर
. : 14
सद य का नाम : ीमती रमा देवी
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : िशवहर
. : 15
सद य का नाम : ीमती वीणा देवी
दल का नाम : लोक जनश पाट
िनवाचन े का नाम : मुंगेर
. : 16
सद य का नाम : ी अजय िनषाद
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : मुज फरपुर
. : 17
सद य का नाम : ी िचराग पासवान
दल का नाम : लोक जनश पाट
िनवाचन े का नाम : जमुई
. : 18
सद य का नाम : ी रामचं पासवान
दल का नाम : लोक जनश पाट
िनवाचन े का नाम : सम तीपुर
. : 19
सद य का नाम : ी रामिवलास पासवान
दल का नाम : लोक जनश पाट
िनवाचन े का नाम : हाजीपुर
. : 20
सद य का नाम : ी ह र माँझी
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : गया
. : 21
सद य का नाम : ी ओम काश यादव
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : सीवान
. : 22
सद य का नाम : ी जय काश नारायण यादव
दल का नाम : रा ीय जनता दल
िनवाचन े का नाम : बाँका
. : 23
सद य का नाम : ी कमदेव नारायण यादव
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : मधुबनी
. : 24
सद य का नाम : ी रामकपाल यादव
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : पाटिलपु
. : 25
सद य का नाम : ीमती रजीत रजन
दल का नाम : भारतीय रा ीय कां ेस
िनवाचन े का नाम : सुपौल
. : 26
सद य का नाम : ी राजेश रजन (प पू यादव)
दल का नाम : रा ीय जनता दल
िनवाचन े का नाम : मधेपुरा
. : 27
सद य का नाम : ी राजीव ताप डी
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : सारण
. : 28
सद य का नाम : ी छदी पासवान
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : सासाराम
. : 29
सद य का नाम : ी जनक राम
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : गोपालगंज
. : 30
सद य का नाम : ी िन यानंद राय
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : उिजयारपुर
. : 31
सद य का नाम : ी कशवाहा राम कमार शमा
दल का नाम : रा ीय लोक समता पाट
िनवाचन े का नाम : सीतामढ़ी
. : 32
सद य का नाम : ी जनादन िसंह िस ीवाल
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : महाराजगंज
. : 33
सद य का नाम : ी श ु न िस हा
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : पटना सािहब
. : 34
सद य का नाम : ी िग रराज िसंह
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : नवादा
. : 35
सद य का नाम : डॉ. भोला िसंह
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : बेगूसराय
. : 36
सद य का नाम : ी राजकमार िसंह
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : आरा
. : 37
सद य का नाम : ी राधामोहन िसंह
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : पूव चंपारण
. : 38
सद य का नाम : ी सुशील कमार िसंह
दल का नाम : भारतीय जनता पाट
िनवाचन े का नाम : औरगाबाद
. : 39
सद य का नाम : ी रामिकशोर िसंह
दल का नाम : लोक जनश पाट
िनवाचन े का नाम : वैशाली
. : 40
सद य का नाम : ी मोह मद असरा ल हक
दल का नाम : भारतीय रा ीय कां ेस
िनवाचन े का नाम : िकशनगंज
सारणी-VIII
िबहार िवधानसभा क सद य, 2015
.सं. : 1
े / िवधानसभा सं या : अिगआँव (अ.जा.)195
िवधायक/ दल : भुनाथ साद (जदयू)
.सं. : 2
े / िवधानसभा सं या : अतरी 233
िवधायक/ दल : कती देवी (राजद)
.सं. : 3
े / िवधानसभा सं या : अमनौर 120
िवधायक/ दल : श ु न ितवारी (भाजपा)
.सं. : 4
े / िवधानसभा सं या : अमरपुर 159
िवधायक/ दल : जनादन माँझी (जदयू)
.सं. : 5
े / िवधानसभा सं या : अमौर 56
िवधायक/ दल : अ दुल जलील म तान (कां ेस)
.सं. : 6
े / िवधानसभा सं या : अर रया 49
िवधायक/ दल : ओबैदुर रहमान (कां ेस)
.सं. : 7
े / िवधानसभा सं या : अरवल 214
िवधायक/ दल : रव िसंह (राजद)
.सं. : 8
े / िवधानसभा सं या : अलीनगर 81
िवधायक/ दल : अ दुल बारी िस ीक (राजद)
.सं. : 9
े / िवधानसभा सं या : अलौली (अ.जा.)148
िवधायक/ दल : चंदन कमार (राजद)
.सं. : 10
े / िवधानसभा सं या : अ थावाँ 171
िवधायक/ दल : िजत कमार (जदयू)
.सं. : 11
े / िवधानसभा सं या : आरा 194
िवधायक/ दल : मोह मद नवाज आलम (राजद)
.सं. : 12
े / िवधानसभा सं या : आलमनगर 70
िवधायक/ दल : नर नारायण यादव (जदयू)
.सं. : 13
े / िवधानसभा सं या : इमामगंज (अ.जा.) 227
िवधायक/ दल : जीतन राम माँझी (िहअमो)
.सं. : 14
े / िवधानसभा सं या : इ लामपुर 174
िवधायक/ दल : चं सेन साद (जदयू)
.सं. : 15
े / िवधानसभा सं या : उिजयारपुर 134
िवधायक/ दल : आलोक कमार मेहता (राजद)
.सं. : 16
े / िवधानसभा सं या : एकमा 113
िवधायक/ दल : मनोरजन िसंह (जदयू)
.सं. : 17
े / िवधानसभा सं या : ओबरा 220
िवधायक/ दल : वीर कमार िस हा (राजद)
.सं. : 18
े / िवधानसभा सं या : औरगाबाद 223
िवधायक/ दल : आनंद शंकर िसंह (कां ेस)
.सं. : 19
े / िवधानसभा सं या : औराई 89
िवधायक/ दल : सुर कमार (राजद)
.सं. : 20
े / िवधानसभा सं या : कचायकोट 102
िवधायक/ दल : अमर कमार पांडय (जदयू)
.सं. : 21
े / िवधानसभा सं या : किटहार 63
िवधायक/ दल : तारािकशोर साद (भाजपा)
.सं. : 22
े / िवधानसभा सं या : कटो रया (अ.ज.जा.)162
िवधायक/ दल : वीटी सीमा ह म (राजद)
.सं. : 23
े / िवधानसभा सं या : कढ़नी 93
िवधायक/ दल : कदार . गु ा (भाजपा)
.सं. : 24
े / िवधानसभा सं या : कदवा 64
िवधायक/ दल : शक ल अहमद खाँ (कां ेस)
.सं. : 25
े / िवधानसभा सं या : क हरार 183
िवधायक/ दल : अ ण कमार िस हा (भाजपा)
.सं. : 26
े / िवधानसभा सं या : करगहर 209
िवधायक/ दल : बिश िसंह (जदयू)
.सं. : 27
े / िवधानसभा सं या : कथा 215
िवधायक/ दल : स यदेव िसंह (जदयू)
.सं. : 28
े / िवधानसभा सं या : क याणपुर 16
िवधायक/ दल : सच साद िसंह (भाजपा)
.सं. : 29
े / िवधानसभा सं या : क याणपुर (अ.जा.) 131
िवधायक/ दल : मह र हजारी (जदयू)
.सं. : 30
े / िवधानसभा सं या : कवटी 86
िवधायक/ दल : फराज फातमी (राजद)
.सं. : 31
े / िवधानसभा सं या : कशे र थान (अ.जा.) 78
िवधायक/ दल : शिश भूषण हजारी (जदयू)
.सं. : 32
े / िवधानसभा सं या : कसबा 58
िवधायक/ दल : मो. आफाक आलम (कां ेस)
.सं. : 33
े / िवधानसभा सं या : कस रया 15
िवधायक/ दल : डॉ. राजेश कमार (राजद)
.सं. : 34
े / िवधानसभा सं या : कहलगाँव 155
िवधायक/ दल : सदानंद िसंह (कां ेस)
.सं. : 35
े / िवधानसभा सं या : काराकाट 213
िवधायक/ दल : संजय कमार िसंह (राजद)
.सं. : 36
े / िवधानसभा सं या : काँटी 95
िवधायक/ दल : अशोक कमार चौधरी (सदातपुर) (िनदलीय)
.सं. : 37
े / िवधानसभा सं या : िकशनगंज 54
िवधायक/ दल : डॉ. मुह मद जावेद (कां ेस)
.सं. : 38
े / िवधानसभा सं या : कटबा (अ.जा.)222
िवधायक/ दल : राजेश कमार (कां ेस)
.सं. : 39
े / िवधानसभा सं या : कोचाधामन 55
िवधायक/ दल : मुजािहद आलम (जदयू)
.सं. : 40
े / िवधानसभा सं या : कोढ़ा (अ.जा.) 69
िवधायक/ दल : पूनम कमारी उफ पूनम पासवान (कां ेस)
.सं. : 41
े / िवधानसभा सं या : खगिड़या 149
िवधायक/ दल : पूनम देवी यादव (जदयू)
.सं. : 42
े / िवधानसभा सं या : खजौली 33
िवधायक/ दल : सीताराम यादव (राजद)
.सं. : 43
े / िवधानसभा सं या : गरखा (अ.जा.) 119
िवधायक/ दल : मुने र चौधरी (राजद)
.सं. : 44
े / िवधानसभा सं या : गया टाउन 230
िवधायक/ दल : ेम कमार (भाजपा)
.सं. : 45
े / िवधानसभा सं या : गायघाट 88
िवधायक/ दल : मह र साद यादव (राजद)
.सं. : 46
े / िवधानसभा सं या : गु आ 225
िवधायक/ दल : राजीव नंदन (भाजपा)
.सं. : 47
े / िवधानसभा सं या : गोपालगंज 101
िवधायक/ दल : सुभाष िसंह (भाजपा)
.सं. : 48
े / िवधानसभा सं या : गोपालपुर 153
िवधायक/ दल : नर कमार नीरज (जदयू)
.सं. : 49
े / िवधानसभा सं या : गोरयाकोठी 111
िवधायक/ दल : स यदेव साद िसंह (राजद)
.सं. : 50
े / िवधानसभा सं या : गोिबंदपुर 238
िवधायक/ दल : पूिणमा यादव (कां ेस)
.सं. : 51
े / िवधानसभा सं या : गोिवंदगंज 14
िवधायक/ दल : राजू ितवारी (लोजपा)
.सं. : 52
े / िवधानसभा सं या : गोह 219
िवधायक/ दल : मनोज कमार (भाजपा)
.सं. : 53
े / िवधानसभा सं या : गौड़ाबौराम 79
िवधायक/ दल : मदन सहनी (जदयू)
.सं. : 54
े / िवधानसभा सं या : घोसी 217
िवधायक/ दल : क णनंदन साद वमा (जदयू)
.सं. : 55
े / िवधानसभा सं या : चकाई 243
िवधायक/ दल : सािव ी देवी (राजद)
.सं. : 56
े / िवधानसभा सं या : चनपिटया 7
िवधायक/ दल : काश राय (भाजपा)
.सं. : 57
े / िवधानसभा सं या : चेनारी (अ.जा.) 207
िवधायक/ दल : ललन पासवान (रालोसपा)
.सं. : 58
े / िवधानसभा सं या : चे रया ब रयारपुर 141
िवधायक/ दल : कमारी मंजू वमा (जदयू)
.सं. : 59
े / िवधानसभा सं या : िचरया 20
िवधायक/ दल : लाल बाबू . गु ा (भाजपा)
.सं. : 60
े / िवधानसभा सं या : चैनपुर 206
िवधायक/ दल : वृज िकशोर िवंद (भाजपा)
.सं. : 61
े / िवधानसभा सं या : छपरा 118
िवधायक/ दल : डॉ. सी.एन. गु ा (भाजपा)
.सं. : 62
े / िवधानसभा सं या : छातापुर 45
िवधायक/ दल : नीरज कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 63
े / िवधानसभा सं या : जगदीशपुर 197
िवधायक/ दल : राम िवशुन िसंह (राजद)
.सं. : 64
े / िवधानसभा सं या : जमुई 241
िवधायक/ दल : िवजय काश (राजद)
.सं. : 65
े / िवधानसभा सं या : जमालपुर 166
िवधायक/ दल : शैलेश कमार (जदयू)
.सं. : 66
े / िवधानसभा सं या : जहानाबाद 216
िवधायक/ दल : मुि का िसंह यादव (राजद)
.सं. : 67
े / िवधानसभा सं या : जाले 87
िवधायक/ दल : िजवेश कमार (भाजपा)
.सं. : 68
े / िवधानसभा सं या : जीरादेई 106
िवधायक/ दल : रमेश िसंह कशवाहा (जदयू)
.सं. : 69
े / िवधानसभा सं या : जोक हाट 50
िवधायक/ दल : सरफराज आलम (जदयू)
.सं. : 70
े / िवधानसभा सं या : झंझारपुर 38
िवधायक/ दल : गुलाब यादव (राजद)
.सं. : 71
े / िवधानसभा सं या : झाझा 242
िवधायक/ दल : रव यादव (भाजपा)
.सं. : 72
े / िवधानसभा सं या : िटकारी 231
िवधायक/ दल : अभय कमार िस हा (जदयू)
.सं. : 73
े / िवधानसभा सं या : ठाकरगंज 53
िवधायक/ दल : नौशाद आलम (तातपौआ) (जदयू)
.सं. : 74
े / िवधानसभा सं या : डमराँव 201
िवधायक/ दल : ददन यादव (जदयू)
.सं. : 75
े / िवधानसभा सं या : िडहरी 212
िवधायक/ दल : मोह मद इिलयास सैन (राजद)
.सं. : 76
े / िवधानसभा सं या : ढाका 21
िवधायक/ दल : फसल रहमान (राजद)
.सं. : 77
े / िवधानसभा सं या : तरारी 196
िवधायक/ दल : गीता पांड (लोजपा)
.सं. : 78
े / िवधानसभा सं या : तरया 116
िवधायक/ दल : मुि का साद राय (राजद)
.सं. : 79
े / िवधानसभा सं या : ि वेणीगंज (अ.जा.) 44
िवधायक/ दल : वीणा भारती (जदयू)
.सं. : 80
े / िवधानसभा सं या : तारापुर 164
िवधायक/ दल : मेवालाल चौधरी (जदयू)
.सं. : 81
े / िवधानसभा सं या : तेघड़ा 143
िवधायक/ दल : बीर कमार (राजद)
.सं. : 82
े / िवधानसभा सं या : दरभंगा 83
िवधायक/ दल : संजय सरावगी (भाजपा)
.सं. : 83
े / िवधानसभा सं या : दरभंगा ामीण 82
िवधायक/ दल : लिलत कमार यादव (राजद)
.सं. : 84
े / िवधानसभा सं या : दर दा 109
िवधायक/ दल : किवता िसंह (जदयू)
.सं. : 85
े / िवधानसभा सं या : दरौली (अ.जा.) 107
िवधायक/ दल : स यदेव राम (माले)
.सं. : 86
े / िवधानसभा सं या : दानापुर 186
िवधायक/ दल : आशा देवी (भाजपा)
.सं. : 87
े / िवधानसभा सं या : िदनारा 210
िवधायक/ दल : जय कमार िसंह (जदयू)
.सं. : 88
े / िवधानसभा सं या : दीघा 181
िवधायक/ दल : संजीव चौरिसया (भाजपा)
.सं. : 89
े / िवधानसभा सं या : धमदाहा 61
िवधायक/ दल : लेशी िसंह (जदयू)
.सं. : 90
े / िवधानसभा सं या : धोरया (अ.जा.) 160
िवधायक/ दल : मनीष कमार (जदयू)
.सं. : 91
े / िवधानसभा सं या : नरकिटया 12
िवधायक/ दल : शमीम अहमद (राजद)
.सं. : 92
े / िवधानसभा सं या : नरकिटयागंज 3
िवधायक/ दल : िवनय वमा (कां ेस)
.सं. : 93
े / िवधानसभा सं या : नरपतगंज 46
िवधायक/ दल : अिनल कमार यादव (राजद)
.सं. : 94
े / िवधानसभा सं या : नवादा 237
िवधायक/ दल : राजब भ साद (राजद)
.सं. : 95
े / िवधानसभा सं या : नवीनगर 221
िवधायक/ दल : वीर कमार िसंह (जदयू)
.सं. : 96
े / िवधानसभा सं या : नाथनगर 158
िवधायक/ दल : अजय कमार मंडल (जदयू)
.सं. : 97
े / िवधानसभा सं या : नालंदा 176
िवधायक/ दल : वण कमार (जदयू)
.सं. : 98
े / िवधानसभा सं या : िनमली 41
िवधायक/ दल : अिन साद यादव (जदयू)
.सं. : 99
े / िवधानसभा सं या : नोखा 211
िवधायक/ दल : अिनता देवी (राजद)
.सं. : 100
े / िवधानसभा सं या : नौतन 6
िवधायक/ दल : नारायण साद (भाजपा)
.सं. : 101
े / िवधानसभा सं या : ाणपुर 66
िवधायक/ दल : िवनोद कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 102
े / िवधानसभा सं या : पटना सािहब 184
िवधायक/ दल : नंद िकशोर यादव (भाजपा)
.सं. : 103
े / िवधानसभा सं या : परब ा 151
िवधायक/ दल : रामानंद साद िसंह (जदयू)
.सं. : 104
े / िवधानसभा सं या : परसा 121
िवधायक/ दल : चंि का राय (राजद)
.सं. : 105
े / िवधानसभा सं या : प रहार 25
िवधायक/ दल : गाय ी देवी (भाजपा)
.सं. : 106
े / िवधानसभा सं या : पूिणया 62
िवधायक/ दल : िवजय कमार खेमका (भाजपा)
.सं. : 107
े / िवधानसभा सं या : पातेपुर (अ.जा.) 130
िवधायक/ दल : ेमा चौधरी (राजद)
.सं. : 108
े / िवधानसभा सं या : पा 97
िवधायक/ दल : अशोक कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 109
े / िवधानसभा सं या : पालीगंज 190
िवधायक/ दल : जय वधन यादव उफ ब ा यादव (राजद)
.सं. : 110
े / िवधानसभा सं या : िपपरा 17
िवधायक/ दल : यामबाबू साद यादव (भाजपा)
.सं. : 111
े / िवधानसभा सं या : िपपरा 42
िवधायक/ दल : यदुवंश कमार यादव (राजद)
.सं. : 112
े / िवधानसभा सं या : पीरपती (अ.जा.) 154
िवधायक/ दल : राम िवलास पासवान (राजद)
.सं. : 113
े / िवधानसभा सं या : फतुहा 185
िवधायक/ दल : डॉ. रामानंद यादव (राजद)
.सं. : 114
े / िवधानसभा सं या : फारिबसगंज 48
िवधायक/ दल : िव ा सागर कशरी (भाजपा)
.सं. : 115
े / िवधानसभा सं या : फलपरास 39
िवधायक/ दल : गुलजार देवी (जदयू)
.सं. : 116
े / िवधानसभा सं या : फलवारी (अ.जा.) 188
िवधायक/ दल : याम रजक (जदयू)
.सं. : 117
े / िवधानसभा सं या : बैकठपुर 99
िवधायक/ दल : िमिथलेश ितवारी (भाजपा)
.सं. : 118
े / िवधानसभा सं या : ब सर 200
िवधायक/ दल : संजय कमार ितवारी उफ मु ा ितवारी (कां ेस)
.सं. : 119
े / िवधानसभा सं या : ब तयारपुर 180
िवधायक/ दल : रणिवजय िसंह (भाजपा)
.सं. : 120
े / िवधानसभा सं या : बखरी (अ.जा.) 147
िवधायक/ दल : उप पासवान (राजद)
.सं. : 121
े / िवधानसभा सं या : बेगूसराय 146
िवधायक/ दल : अिमता भूषण (कां ेस)
.सं. : 122
े / िवधानसभा सं या : बगहा 4
िवधायक/ दल : राघव शरण पांडय (भाजपा)
.सं. : 123
े / िवधानसभा सं या : बछवाड़ा 142
िवधायक/ दल : रामदेव राय (कां ेस)
.सं. : 124
े / िवधानसभा सं या : बड़हरा 193
िवधायक/ दल : सरोज यादव (राजद)
.सं. : 125
े / िवधानसभा सं या : बड़ह रया 110
िवधायक/ दल : याम बहादुर िसंह (जदयू)
.सं. : 126
े / िवधानसभा सं या : बेितया 8
िवधायक/ दल : मदन मोहन ितवारी (कां ेस)
.सं. : 127
े / िवधानसभा सं या : बथनाहा (अ.जा.) 24
िवधायक/ दल : िदनकर राम (भाजपा)
.सं. : 128
े / िवधानसभा सं या : बनमनखी (अ.जा.) 59
िवधायक/ दल : क ण कमार ऋिष (भाजपा)
.सं. : 129
े / िवधानसभा सं या : बिनयापुर 115
िवधायक/ दल : कदार नाथ िसंह (राजद)
.सं. : 130
े / िवधानसभा सं या : बेनीप ी 32
िवधायक/ दल : भावना झा (कां ेस)
.सं. : 131
े / िवधानसभा सं या : बेनीपुर 80
िवधायक/ दल : सुनील चौधरी (जदयू)
.सं. : 132
े / िवधानसभा सं या : बरबीघा 170
िवधायक/ दल : सुदशन कमार (कां ेस)
.सं. : 133
े / िवधानसभा सं या : ब राज 96
िवधायक/ दल : नंद कमार राय (राजद)
.सं. : 134
े / िवधानसभा सं या : पुर 199
िवधायक/ दल : शंभु नाथ यादव (राजद)
.सं. : 135
े / िवधानसभा सं या : बरारी 68
िवधायक/ दल : नीरज कमार (राजद)
.सं. : 136
े / िवधानसभा सं या : बरौली 100
िवधायक/ दल : मो. नेमातु ाह (राजद)
.सं. : 137
े / िवधानसभा सं या : बलरामपुर 65
िवधायक/ दल : महबूब आलम (माले)
.सं. : 138
े / िवधानसभा सं या : बेलसंड 30
िवधायक/ दल : सुनीता िसंह चौहान (जदयू)
.सं. : 139
े / िवधानसभा सं या : बेलहर 163
िवधायक/ दल : िग रधारी यादव (जदयू)
.सं. : 140
े / िवधानसभा सं या : बेलागंज 232
िवधायक/ दल : सुर साद यादव (राजद)
.सं. : 141
े / िवधानसभा सं या : बहादुरगंज 52
िवधायक/ दल : मो. तौसीफ आलम (कां ेस)
.सं. : 142
े / िवधानसभा सं या : बहादुरपुर 85
िवधायक/ दल : भोला यादव (राजद)
.सं. : 143
े / िवधानसभा सं या : बाँका 161
िवधायक/ दल : राम नारायण मंडल (भाजपा)
.सं. : 144
े / िवधानसभा सं या : बाँक पुर 182
िवधायक/ दल : िनितन नवीन (भाजपा)
.सं. : 145
े / िवधानसभा सं या : बाजप ी 27
िवधायक/ दल : डॉ. रजु गीता (जदयू)
.सं. : 146
े / िवधानसभा सं या : बाढ़ 179
िवधायक/ दल : ान कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 147
े / िवधानसभा सं या : बाबूबरही 34
िवधायक/ दल : किपल देब कामत (जदयू)
.सं. : 148
े / िवधानसभा सं या : बायसी 57
िवधायक/ दल : अ दुस सु हान (राजद)
.सं. : 149
े / िवधानसभा सं या : बाराच ी (अ.जा.) 228
िवधायक/ दल : समता देवी (राजद)
.सं. : 150
े / िवधानसभा सं या : िब म 191
िवधायक/ दल : िस ाथ (कां ेस)
.सं. : 151
े / िवधानसभा सं या : िब फ 35
िवधायक/ दल : फयाज अहमद (राजद)
.सं. : 152
े / िवधानसभा सं या : िबहपुर 152
िवधायक/ दल : वषा रानी (राजद)
.सं. : 153
े / िवधानसभा सं या : िबहारशरीफ 172
िवधायक/ दल : डॉ. सुनील कमार (भाजपा)
.सं. : 154
े / िवधानसभा सं या : िबहारीगंज 71
िवधायक/ दल : िनरजन कमार मेहता (जदयू)
.सं. : 155
े / िवधानसभा सं या : बेलदौर 150
िवधायक/ दल : प ा लाल िसंह पटल (जदयू)
.सं. : 156
े / िवधानसभा सं या : बोचहाँ (अ.जा.) 91
िवधायक/ दल : बेबी कमारी (िनदलीय)
.सं. : 157
े / िवधानसभा सं या : बोधगया (अ.जा.) 229
िवधायक/ दल : कमार सवजीत (राजद)
.सं. : 158
े / िवधानसभा सं या : भभुआ 205
िवधायक/ दल : आनंद भूषण पांडय (भाजपा)
.सं. : 159
े / िवधानसभा सं या : भागलपुर 156
िवधायक/ दल : अजीत शमा (कां ेस)
.सं. : 160
े / िवधानसभा सं या : भोर (अ.जा.) 103
िवधायक/ दल : अिनल कमार (कां ेस)
.सं. : 161
े / िवधानसभा सं या : मखदूमपुर (अ.जा.) 218
िवधायक/ दल : सूबेदार दास (राजद)
.सं. : 162
े / िवधानसभा सं या : मुंगेर 165
िवधायक/ दल : िवजय कमार िवजय (राजद)
.सं. : 163
े / िवधानसभा सं या : मुज फरपुर 94
िवधायक/ दल : सुरश कमार शमा (भाजपा)
.सं. : 164
े / िवधानसभा सं या : मिटहानी 144
िवधायक/ दल : नर कमार िसंह उफ बोगो िसंह (जदयू)
.सं. : 165
े / िवधानसभा सं या : मधेपुरा 73
िवधायक/ दल : चं शेखर (राजद)
.सं. : 166
े / िवधानसभा सं या : मधुबन 18
िवधायक/ दल : राणा रणधीर (भाजपा)
.सं. : 167
े / िवधानसभा सं या : मधुबनी 36
िवधायक/ दल : समीर कमार महासेठ (राजद)
.सं. : 168
े / िवधानसभा सं या : मढ़ौरा 117
िवधायक/ दल : िजत कमार राय (राजद)
.सं. : 169
े / िवधानसभा सं या : मनेर 187
िवधायक/ दल : भाई वीर (राजद)
.सं. : 170
े / िवधानसभा सं या : मिनहारी (अ.ज.जा.) 67
िवधायक/ दल : मनोहर साद िसंह (कां ेस)
.सं. : 171
े / िवधानसभा सं या : मसौढ़ी (अ.जा) 189
िवधायक/ दल : रखा देवी ( ाम—पभेड़ा) (राजद)
.सं. : 172
े / िवधानसभा सं या : महनार 129
िवधायक/ दल : उमेश िसंह कशवाहा (जदयू)
.सं. : 173
े / िवधानसभा सं या : महाराजगंज 112
िवधायक/ दल : हम नारायण साह (जदयू)
.सं. : 174
े / िवधानसभा सं या : म आ 126
िवधायक/ दल : तेज ताप यादव (राजद)
.सं. : 175
े / िवधानसभा सं या : मिहषी 77
िवधायक/ दल : डॉ. अ दुल गफर (राजद)
.सं. : 176
े / िवधानसभा सं या : माँझी 114
िवधायक/ दल : िवजय शंकर दुबे (कां ेस)
.सं. : 177
े / िवधानसभा सं या : मीनापुर 90
िवधायक/ दल : राजीव कमार उफ मु ा यादव (राजद)
.सं. : 178
े / िवधानसभा सं या : मोकामा 178
िवधायक/ दल : अनंत कमार िसंह (िनदलीय)
.सं. : 179
े / िवधानसभा सं या : मोितहारी 19
िवधायक/ दल : मोद कमार (भाजपा)
.सं. : 180
े / िवधानसभा सं या : मोरवा 135
िवधायक/ दल : िव ा सागर िसंह िनषाद (जदयू)
.सं. : 181
े / िवधानसभा सं या : मोहिनया (अ.जा.) 204
िवधायक/ दल : िनरजन राम (भाजपा)
.सं. : 182
े / िवधानसभा सं या : मोिहउ ीननगर 137
िवधायक/ दल : अजय यादव (राजद)
.सं. : 183
े / िवधानसभा सं या : र सौल 10
िवधायक/ दल : अजय कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 184
े / िवधानसभा सं या : रघुनाथपुर 108
िवधायक/ दल : ह रशंकर यादव (राजद)
.सं. : 185
े / िवधानसभा सं या : रजौली (अ.जा.) 235
िवधायक/ दल : काश वीर (राजद)
.सं. : 186
े / िवधानसभा सं या : रफ गंज 224
िवधायक/ दल : अशोक कमार िसंह (जदयू)
.सं. : 187
े / िवधानसभा सं या : ीसदपुर 29
िवधायक/ दल : मंिगता देवी (राजद)
.सं. : 188
े / िवधानसभा सं या : पौली 60
िवधायक/ दल : बीमा भारती (जदयू)
.सं. : 189
े / िवधानसभा सं या : राघोपुर 128
िवधायक/ दल : तेज वी साद यादव (राजद)
.सं. : 190
े / िवधानसभा सं या : राजगीर (अ.जा.) 173
िवधायक/ दल : रिव योित कमार (जदयू)
.सं. : 191
े / िवधानसभा सं या : राजनगर (अ.जा.) 37
िवधायक/ दल : राम ीत पासवान (भाजपा)
.सं. : 192
े / िवधानसभा सं या : राजपुर (अ.जा.) 202
िवधायक/ दल : संतोष कमार िनराला (जदयू)
.सं. : 193
े / िवधानसभा सं या : राजापाकार (अ.जा.) 127
िवधायक/ दल : िशवचं राम (राजद)
.सं. : 194
े / िवधानसभा सं या : रामगढ़ 203
िवधायक/ दल : अशोक कमार िसंह (भाजपा)
.सं. : 195
े / िवधानसभा सं या : रामनगर (अ.जा.) 2
िवधायक/ दल : भागीरथी देवी (भाजपा)
.सं. : 196
े / िवधानसभा सं या : रानीगंज (अ.जा.) 47
िवधायक/ दल : अचिमत ऋिषदेव (जदयू)
.सं. : 197
े / िवधानसभा सं या : रीगा 23
िवधायक/ दल : अिमत कमार (कां ेस)
.सं. : 198
े / िवधानसभा सं या : रोसड़ा (अ.जा.) 139
िवधायक/ दल : डॉ. अशोक कमार (कां ेस)
.सं. : 199
े / िवधानसभा सं या : लखीसराय 168
िवधायक/ दल : िवजय कमार िस हा (भाजपा)
.सं. : 200
े / िवधानसभा सं या : लालगंज 124
िवधायक/ दल : राज कमार साह (लोजपा)
.सं. : 201
े / िवधानसभा सं या : लौकहा 40
िवधायक/ दल : ल मे र राय (जदयू)
.सं. : 202
े / िवधानसभा सं या : लौ रया 5
िवधायक/ दल : िवनय िबहारी (भाजपा)
.सं. : 203
े / िवधानसभा सं या : वजीरगंज 234
िवधायक/ दल : अवधेश कमार िसंह (कां ेस)
.सं. : 204
े / िवधानसभा सं या : वैशाली 125
िवधायक/ दल : राज िकशोर िसंह (जदयू)
.सं. : 205
े / िवधानसभा सं या : वा रसलीगंज 239
िवधायक/ दल : अ णा देवी (भाजपा)
.सं. : 206
े / िवधानसभा सं या : वा रसनगर 132
िवधायक/ दल : अशोक कमार (जदयू)
.सं. : 207
े / िवधानसभा सं या : वा मीिकनगर 1
िवधायक/ दल : धीर ताप िसंह उफ रक िसंह (िनदलीय)
.सं. : 208
े / िवधानसभा सं या : िवभूितपुर 138
िवधायक/ दल : राम बालक िसंह (जदयू)
.सं. : 209
े / िवधानसभा सं या : शेखपुरा 169
िवधायक/ दल : रणधीर कमार सोनी (जदयू)
.सं. : 210
े / िवधानसभा सं या : शेरघाटी 226
िवधायक/ दल : िवनोद साद यादव (जदयू)
.सं. : 211
े / िवधानसभा सं या : शाहपुर 198
िवधायक/ दल : रा ल ितवारी (राजद)
.सं. : 212
े / िवधानसभा सं या : िशवहर 22
िवधायक/ दल : शफदीन (जदयू)
.सं. : 213
े / िवधानसभा सं या : सकरा (अ.जा.) 92
िवधायक/ दल : लाल बाबू राम (राजद)
.सं. : 214
े / िवधानसभा सं या : सुगौली 11
िवधायक/ दल : रामचं सहनी (भाजपा)
.सं. : 215
े / िवधानसभा सं या : संदेश 192
िवधायक/ दल : अ ण कमार (राजद)
.सं. : 216
े / िवधानसभा सं या : सुपौल 43
िवधायक/ दल : िबज साद यादव (जदयू)
.सं. : 217
े / िवधानसभा सं या : सम तीपुर 133
िवधायक/ दल : अखत ल इ लाम शाहीन (राजद)
.सं. : 218
े / िवधानसभा सं या : सरायरजन 136
िवधायक/ दल : िवजय कमार चौधरी (जदयू)
.सं. : 219
े / िवधानसभा सं या : सु तानगंज 157
िवधायक/ दल : सुबोध राय (जदयू)
.सं. : 220
े / िवधानसभा सं या : सहरसा 75
िवधायक/ दल : अ ण कमार (राजद)
.सं. : 221
े / िवधानसभा सं या : सासाराम 208
िवधायक/ दल : अशोक कमार (राजद)
.सं. : 222
े / िवधानसभा सं या : साहबगंज 98
िवधायक/ दल : रामिवचार राय (राजद)
.सं. : 223
े / िवधानसभा सं या : साहबपुर कमाल 145
िवधायक/ दल : ीनारायण यादव (राजद)
.सं. : 224
े / िवधानसभा सं या : िसकटा 9
िवधायक/ दल : खुश द उफ िफरोज अहमद (जदयू)
.सं. : 225
े / िवधानसभा सं या : िसकटी 51
िवधायक/ दल : िवजय कमार मंडल (भाजपा)
.सं. : 226
े / िवधानसभा सं या : िसकदरा (अ.जा.) 240
िवधायक/ दल : सुधीर कमार उफ बंटी चौधरी (कां ेस)
.सं. : 227
े / िवधानसभा सं या : िसमरी ब तयारपुर 76
िवधायक/ दल : िदनेश चं यादव (जदयू)
.सं. : 228
े / िवधानसभा सं या : सीवान 105
िवधायक/ दल : यासदेव साद (भाजपा)
.सं. : 229
े / िवधानसभा सं या : िसंह र (अ.जा.) 72
िवधायक/ दल : रमेश ऋिषदेव (जदयू)
.सं. : 230
े / िवधानसभा सं या : सीतामढ़ी 28
िवधायक/ दल : सुनील कमार (राजद)
.सं. : 231
े / िवधानसभा सं या : सुरसंड 26
िवधायक/ दल : सैयद अबू दौजाना (राजद)
.सं. : 232
े / िवधानसभा सं या : सूयगढ़ा 167
िवधायक/ दल : हलाद यादव (राजद)
.सं. : 233
े / िवधानसभा सं या : सोनपुर 122
िवधायक/ दल : डॉ. रामानुज साद (राजद)
.सं. : 234
े / िवधानसभा सं या : सोनवषा (अ.जा.) 74
िवधायक/ दल : र नेश सादा (जदयू)
.सं. : 235
े / िवधानसभा सं या : हथुआ 104
िवधायक/ दल : रामसेवक िसंह (जदयू)
.सं. : 236
े / िवधानसभा सं या : हरनौत 177
िवधायक/ दल : ह रनारायण िसंह (जदयू)
.सं. : 237
े / िवधानसभा सं या : हरलाखी 31
िवधायक/ दल : बसंत कमार (रालोसपा)
.सं. : 238
े / िवधानसभा सं या : हरिस (अ.जा.) 13
िवधायक/ दल : राज कमार (राजद)
.सं. : 239
े / िवधानसभा सं या : हसनपुर 140
िवधायक/ दल : राज कमार राय (जदयू)
.सं. : 240
े / िवधानसभा सं या : हाजीपुर 123
िवधायक/ दल : अवधेश िसंह (भाजपा)
.सं. : 241
े / िवधानसभा सं या : हायाघाट 84
िवधायक/ दल : अमर नाथ गामी (जदयू)
.सं. : 242
े / िवधानसभा सं या : िहलसा 175
िवधायक/ दल : अि मुनी उफ श िसंह यादव (राजद)
.सं. : 243
े / िवधानसभा सं या : िहसुआ 236
िवधायक/ दल : अिनल िसंह (भाजपा)
सारणी-IX
िबहार िवधानप रष क सद य क नाम
.:1
सद य का नाम : ी आिद य नारायण पांडय
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन गोपालगंज
.:2
सद य का नाम : ी अजुन साहनी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
.:3
सद य का नाम : ी अशोक चौधरी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
.:4
सद य का नाम : ी अशोक कमार अ वाल
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन किटहार
.:5
सद य का नाम : ी अवधेश नारायण िसंह
िनवाचक े का नाम : ातक े गया
.:6
सद य का नाम : ी चंदे र साद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
.:7
सद य का नाम : ी चंदे र साद िस हा
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
.:8
सद य का नाम : ी देवेशचं ठाकर
िनवाचक े का नाम : ातक े ितर त
.:9
सद य का नाम : ी िदलीप कमार चौधरी
िनवाचक े का नाम : ातक े दरभंगा
. : 10
सद य का नाम : ी िदलीप कमार जायसवाल
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन े अर रया, पूिणया, िकशनगंज
. : 11
सद य का नाम : ी िदलीप राय
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन सीतामढ़ी, िशवहर
. : 12
सद य का नाम : ी िदनेश साद िसंह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन े मुज फरपुर
. : 13
सद य का नाम : ी गुलाम रसूल
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 14
सद य का नाम : ी ह रनारायण चौधरी
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन े सम तीपुर
. : 15
सद य का नाम : ी हा न रसीद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 16
सद य का नाम : ी हीरा साद िवंद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 17
सद य का नाम : ी जावेद इकबाल अंसारी
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 18
सद य का नाम : ी कदारनाथ पांडय
िनवाचक े का नाम : िश क े सारण
. : 19
सद य का नाम : ी क ण कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 20
सद य का नाम : ी लाल बाबू साद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 21
सद य का नाम : ी ललन कमार सराफ
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 22
सद य का नाम : ी मदन मोहन झा
िनवाचक े का नाम : िश क े दरभंगा
. : 23
सद य का नाम : ी मंगल पांडय
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 24
सद य का नाम : ी मनोज यादव
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन भागलपुर, बाँका
. : 25
सद य का नाम : ीमती मनोरमा देवी
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन जहानाबाद, अरवल
. : 26
सद य का नाम : डॉ. एन.क. यादव
िनवाचक े का नाम : ातक े कोशी
. : 27
सद य का नाम : ो. नवल िकशोर यादव
िनवाचक े का नाम : ातक े पटना
. : 28
सद य का नाम : ी नीरज कमार
िनवाचक े का नाम : ातक े पटना
. : 29
सद य का नाम : ी नीतीश कमार
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 30
सद य का नाम : ीमती नूतन िसंह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन सहरसा, मधेपुरा, सुपौल
. : 31
सद य का नाम : ी शांत कमार शाही
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 32
सद य का नाम : ी मोह मद कमार आलम
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 33
सद य का नाम : ीमती राबड़ी देवी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 34
सद य का नाम : ी राधाचरण शाह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन भोजपुर
. : 35
सद य का नाम : ी रजन कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन औरगाबाद
. : 36
सद य का नाम : ी राजेश कमार
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन पूव चंपारण
. : 37
सद य का नाम : ी राजेश राम
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन प मी चंपारण
. : 38
सद य का नाम : ी राजिकशोर िसंह कशवाहा
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 39
सद य का नाम : ी राजीव रजन िसंह
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 40
सद य का नाम : ी रजनीश कमार
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन बेगूसराय, खगिड़या
. : 41
सद य का नाम : ी रामचं भारती
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 42
सद य का नाम : ी राम लखन राम रमन
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 43
सद य का नाम : डॉ. रामबचन राय
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 44
सद य का नाम : ी राणा गंगे र िसंह
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 45
सद य का नाम : ी रणवीर नंदन
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 46
सद य का नाम : ी रणिवजय कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 47
सद य का नाम : ी रीतलाल राय
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन पटना
. : 48
सद य का नाम : ीमती रीना देवी
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन नालंदा
. : 49
सद य का नाम : ी सि दानंद राय
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन सारण
. : 50
सद य का नाम : ी सलवान रागीब
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन नवादा
. : 51
सद य का नाम : ी संजय कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 52
सद य का नाम : ो. संजय कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : िश क िनवाचन े ितर त
. : 53
सद य का नाम : ी संजय साद
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन मुंगेर, जमुई, लखीसराय और शेखपुरा
. : 54
सद य का नाम : ी संजय काश
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 55
सद य का नाम : ी संजय िसंह
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 56
सद य का नाम : ी संजीव कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : िश क िनवाचन े सहरसा
. : 57
सद य का नाम : ी संजीव याम िसंह
िनवाचक े का नाम : िश क िनवाचन े गया
. : 58
सद य का नाम : ी संतोष कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन रोहतास और कमूर
. : 59
सद य का नाम : ी सतीश कमार
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 60
सद य का नाम : ी स य नारायण िसंह
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 61
सद य का नाम : ी स यादव
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 62
सद य का नाम : ी सोने लाल मेहता
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 63
सद य का नाम : ी सुबोध कमार
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन वैशाली
. : 64
सद य का नाम : ी सुमन कमार
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन मधुबनी
. : 65
सद य का नाम : ी सुनील कमार िसंह
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन दरभंगा
. : 66
सद य का नाम : ी सूरज नंदन साद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 67
सद य का नाम : ी सुशील कमार मोदी
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 68
सद य का नाम : तनवीर अ तर
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 69
सद य का नाम : ी टजी पांडय
िनवाचक े का नाम : थानीय वशासन सीवान
. : 70
सद य का नाम : ी उप साद
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 71
सद य का नाम : ी िवजय कमार िम ा
िनवाचक े का नाम : नोिमनेटड
. : 72
सद य का नाम : ी िवनोद कमार झा
िनवाचक े का नाम : िवधानसभा
. : 73
सद य का नाम : ी वीर नारायण यादव
िनवाचक े का नाम : ातक े सारण
सारणी-X
िबहार क मंडल, िजले एवं अनुमंडल
प रिश -IV
सारणी-I
समाचार-प
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : िबहारबंधु
थापना वष : 1874
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : सव िहतैषी
थापना वष : 1880
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : आयावत
थापना वष : 1941
काशन थल : दरभंगा
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : दीप
थापना वष : 1947
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : नवीन भारत
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : िव िम
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : जनश
थापना वष : 1960
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : आ मकथा
थापना वष : 1970
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : आज
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : बेगूसराय टाइ स
थापना वष : 1981
काशन थल : बेगूसराय
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : पाटिलपु टाइ स
थापना वष : 1985
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : नवभारत टाइ स
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : िहदु तान
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : अमृत वषा
थापना वष : 1987
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : मौय िबहार (सं या)
थापना वष : 1988
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : सं या हरी
थापना वष : 1992
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : दैिनक जागरण
थापना वष : 2000
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (िहदी दैिनक) : दैिनक भा कर
थापना वष : 2013
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (अं ेजी दैिनक) : सचलाइट
थापना वष : 1918
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (अं ेजी दैिनक) : िहदु तान टाइ स
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (अं ेजी दैिनक) : टाइ स ऑफ इिडया
थापना वष : 1986
काशन थल : पटना
समाचार-प का नाम (अं ेजी दैिनक) : इिडयन नेशन
थापना वष : —
काशन थल : पटना
सारणी-II
िहदी पि काएँ
पि का का नाम : बालक (मािसक)
थापना वष : 1926
काशन थल : पटना
पि का का नाम : ि य पि का (मािसक)
थापना वष : 1881
काशन थल : पटना
पि का का नाम : ल मी (मािसक)
थापना वष : 1903
काशन थल : पटना
पि का का नाम : युवक (मािसक)
थापना वष : 1926
काशन थल : पटना
पि का का नाम : भूखे (मािसक)
थापना वष : 1933
काशन थल : पटना
पि का का नाम : आरती (मािसक)
थापना वष : 1940
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पा रजात (मािसक)
थापना वष : 1946
काशन थल : पटना
पि का का नाम : यो ा (मािसक)
थापना वष : 1948
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवंितका (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : पाटल (मािसक)
थापना वष : 1952
काशन थल : पटना
पि का का नाम : जनमत (मािसक)
थापना वष : 1981
काशन थल : पटना
पि का का नाम : िश ा डाइजे ट
थापना वष : 1984
काशन थल : पटना
पि का का नाम : अवकाश पाि क
थापना वष : 1979
काशन थल : पटना
सारणी-III
सािह य एवं सािह यकार
.सं. : 1
सािह यकार : बाणभ
रचनाएँ : कादंबरी, हषच रत
.सं. : 2
सािह यकार : िव णु शमा
रचनाएँ : पंचतं
.सं. : 3
सािह यकार : कौिट य
रचनाएँ : अथशा
.सं. : 4
सािह यकार : अ घोष
रचनाएँ : महायान ो पाद सं ह, बु च रत, व सूची
.सं. : 5
सािह यकार : आयभ
रचनाएँ : आयभ ीय
.सं. : 6
सािह यकार : वा यायन
रचनाएँ : कामसू
.सं. : 7
सािह यकार : मंडन िम ा
रचनाएँ : भाव िववेक, िविध िववेक
.सं. : 8
सािह यकार : िव ापित
रचनाएँ : पदावली, क ितलता, क ितपताका, गौ-र ा िवजय, भू-प र मा
.सं. : 9
सािह यकार : मु ा दाऊद
रचनाएँ : चंदायन
.सं. : 10
सािह यकार : योित र ठाकर
रचनाएँ : वण र नाकार, दशन र नाकर
.सं. : 11
सािह यकार : फणी र नाथ रणु
रचनाएँ : मैला आँचल, जुलूस, पलट बाबू रोड, दीघतपा
.सं. : 12
सािह यकार : रामधारी िसंह िदनकर
रचनाएँ : ाणभंग, उवशी, रणुका, ं गीत, कार, रसवंती, च वाल, धूप-छाँव, क े
.सं. : 13
सािह यकार : बाबा नागाजुन
रचनाएँ : बाबा बटसरनाथ, हजार-हजार बाँह वाली, पारो, कभीपाक, तुमने कहा था
.सं. : 14
सािह यकार : देवक नंदन ख ी
रचनाएँ : चं कांता संतित, भूतनाथ, काजर क कोठरी, नौलखाहार
.सं. : 15
सािह यकार : रा ल सांक यायन
रचनाएँ : बु चया, िवनयिपटक, ध मपद, दशन-िद दशन
.सं. : 16
सािह यकार : शाह अजीमाबादी
रचनाएँ : न शेपायदार
.सं. : 17
सािह यकार : डॉ. राज साद
रचनाएँ : इिडया िडवाइडड, चंपारण म स या ह, बापू क कदम म
.सं. : 18
सािह यकार : कदारनाथ िम ‘ भात’
रचनाएँ : ाला, ककयी, ऋतु वंश
.सं. : 19
सािह यकार : िशवसागर िम
रचनाएँ : दूब जनम छाई
.सं. : 20
सािह यकार : रामवृ बेनीपुरी
रचनाएँ : आ पाली, माटी क मूरत, िचंता क फल, संघिम ा
.सं. : 21
सािह यकार : वाच पित िम ा
रचनाएँ : भा य भामित, िस क टीकाकार
सारणी-IV
िबहार क िव िव ालय
.सं. : 1
िव िव ालय का नाम : पटना िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1917
.सं. : 2
िव िव ालय का नाम : बी.आर. अंबेडकर िबहार िव िव ालय, मुज फरपुर
थापना वष : 1952
.सं. : 3
िव िव ालय का नाम : ितलकामाँझी िव िव ालय, भागलपुर
थापना वष : 1960
.सं. : 4
िव िव ालय का नाम : क.एस.डी.एस. सं कत िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1961
.सं. : 5
िव िव ालय का नाम : मगध िव िव ालय, बोधगया
थापना वष : 1962
.सं. : 6
िव िव ालय का नाम : राज किष िव िव ालय, पूसा, सम तीपुर
थापना वष : 1970
.सं. : 7
िव िव ालय का नाम : लिलत नारायण िमिथला िव िव ालय, दरभंगा
थापना वष : 1972
.सं. : 8
िव िव ालय का नाम : नालंदा खुला िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1987
.सं. : 9
िव िव ालय का नाम : वीर कवर िसंह िव िव ालय, आरा
थापना वष : 1990
.सं. : 10
िव िव ालय का नाम : भूप नारायण मंडल िव िव ालय, मधेपुरा
थापना वष : 1990
.सं. : 11
िव िव ालय का नाम : जय काश नारायण िव िव ालय, छपरा
थापना वष : 1990
.सं. : 12
िव िव ालय का नाम : मौलाना मज ल हक अरबी-फारसी िव िव ालय, पटना
थापना वष : 1998
.सं. : 13
िव िव ालय का नाम : िबहार किष िव िव ालय, सबौर
थापना वष : 2004
.सं. : 14
िव िव ालय का नाम : क ीय िबहार िव िव ालय, गया
थापना वष : 2005
.सं. : 15
िव िव ालय का नाम : चाण य रा ीय िविध िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2007
.सं. : 16
िव िव ालय का नाम : आयभ तकनीक िव िव ालय, पटना
थापना वष : 2009
.सं. : 17
िव िव ालय का नाम : नालंदा अंतरा ीय िव िव ालय, नालंदा
थापना वष : 2009
सारणी-V
िबहार क िचिक सा महािव ालय
.सं. : 1
मेिडकल कॉलेज का नाम : पटना मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1925
.सं. : 2
मेिडकल कॉलेज का नाम : मेिडकल कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 1947
.सं. : 3
मेिडकल कॉलेज का नाम : ए.एन. मगध मेिडकल कॉलेज, गया
थापना वष : 1969
.सं. : 4
मेिडकल कॉलेज का नाम : नालंदा मेिडकल कॉलेज, पटना
थापना वष : 1969
.सं. : 5
मेिडकल कॉलेज का नाम : एस.क. मेिडकल कॉलेज, मुज फरपुर
थापना वष : 1971
.सं. : 6
मेिडकल कॉलेज का नाम : जवाहरलाल नेह मेिडकल कॉलेज, भागलपुर
थापना वष : 1971
.सं. : 7
मेिडकल कॉलेज का नाम : इिदरा गांधी आयुवद सं थान, पटना
थापना वष : 1983
.सं. : 8
मेिडकल कॉलेज का नाम : जननायक कपूरी ठाकर मेिडकल कॉलेज, मधेपुरा
थापना वष : 2000
.सं. : 9
मेिडकल कॉलेज का नाम : राजक य िचिक सा महािव ालय, बेितया
थापना वष : 2009
.सं. : 10
मेिडकल कॉलेज का नाम : अिखल भारतीय िचिक सा िव ान सं थान, पटना
थापना वष : 2012
सारणी-VI
िबहार क इजीिनय रग कॉलेज
.सं. : 1
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : फक टी ऑफ ए ीक चर इजीिनय रग, पूसा
थापना वष : 1902
.सं. : 2
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 2008
.सं. : 3
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबड़ला इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 2006
.सं. : 4
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : मुज फरपुर इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, मुज फरपुर
थापना वष : 1954
.सं. : 5
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : भागलपुर कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, सबौर, भागलपुर
थापना वष : 1960
.सं. : 6
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : लोकनायक जय काश नारायण इ टी यूट ऑफ ट ोलॉजी, छपरा
थापना वष : 2012
.सं. : 7
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार कॉलेज ऑफ इजीिनय रग, पटना िजसे 2004 ई. म नेशनल इ टी यूट
ऑफ ट ोलॉजी, पटना का दजा िमला
थापना वष : 1886
.सं. : 8
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : िबहार इ टी यूट ऑफ िस क ऐंड ट सटाइल, नाथ नगर भागलपुर
थापना वष : 1994
.सं. : 9
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : संजय गांधी इ टी यूट ऑफ डयरी सांइस ऐंड ट ोलॉजी, पटना
थापना वष : 1982
.सं. : 10
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : दरभंगा इजीिनय रग कॉलेज, दरभंगा
थापना वष : 2008
.सं. : 11
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : नालंदा इजीिनय रग कॉलेज, नालंदा
थापना वष : 2008
.सं. : 12
इजीिनय रग कॉलेज का नाम : गया इजीिनय रग कॉलेज, गया
थापना वष : 2008
सारणी-VII
िबहार क बंधन सं थान
.सं. : 1
सं थान का नाम : एल.एन. िम ा कॉलेज ऑफ िबजनेस मैनेजमट, मुज फरपुर
थापना वष : 1973
.सं. : 2
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम ा इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक डवलपमट ऐंड सोशल चज, पटना
थापना वष : 1973
.सं. : 3
सं थान का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ िबजनेस मैनेजमट, पटना
थापना वष : 1980
.सं. : 4
सं थान का नाम : चं गु बंध सं थान, पटना
थापना वष : 2008
.सं. : 5
सं थान का नाम : इिडयन इ टी यूट ऑफ मैनेजमट, गया
थापना वष : 2015
सारणी-VIII
िबहार क िविध महािव ालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : टी.एन.बी. कॉलेज
थान : भागलपुर
.सं. : 2
सं थान का नाम : एस.क.जे. लॉ कॉलेज
थान : मुज फरपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : ए.एम. कॉलेज
थान : गया
.सं. : 4
सं थान का नाम : महाराजा लॉ कॉलेज
थान : आरा
.सं. : 5
सं थान का नाम : पटना लॉ कॉलेज
थान : पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िवदेह लॉ कॉलेज
थान : मधुबनी
.सं. : 7
सं थान का नाम : लॉ कॉलेज
थान : सम तीपुर
.सं. : 8
सं थान का नाम : िशवानंद मंडल कॉलेज
थान : मधेपुरा
.सं. : 9
सं थान का नाम : एम.एस. कॉलेज
थान : मोितहारी
सारणी-IX
किष महािव ालय एवं अनुसंधान क
.सं. : 1
सं थान का नाम : ितर त कॉलेज ऑफ ए ीक चर
थान : मुज फरपुर
.सं. : 2
सं थान का नाम : क ीय आलू अनुसंधान क
थान : पटना
.सं. : 3
सं थान का नाम : भारतीय किष अनुसंधान प रष (पूव े ीय मु यालय)
थान : पटना
.सं. : 4
सं थान का नाम : लीची अनुसंधान क
थान : मुसहरी, मुज फरपुर
.सं. : 5
सं थान का नाम : दलहन अनुसंधान क
थान : मोकामा
.सं. : 6
सं थान का नाम : म ा अनुसंधान क
थान : बेगूसराय
.सं. : 7
सं थान का नाम : जल बंधन अनुसंधान क
थान : पटना
.सं. : 8
सं थान का नाम : आलू अनुसंधान सं थान
थान : नालंदा
सारणी-X
िबहार क अ य िश ण सं थाएँ
.सं. : 1
सं थान का नाम : गवमट कॉलेज ऑफ आट ऐंड ा ट
थान : पटना
.सं. : 2
सं थान का नाम : फक टी ऑफ फाइन आ स ऐंड ा ट
थान : भागलपुर
.सं. : 3
सं थान का नाम : नव नालंदा महािवहार
थान : नालंदा
.सं. : 4
सं थान का नाम : टी.वी. िडम शन ऐंड टरिनंग सटर
थान : पटना
.सं. : 5
सं थान का नाम : राज मेमो रयल रसच इ टी यूट
थान : अगमकआँ, पटना
.सं. : 6
सं थान का नाम : िबहार शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 7
सं थान का नाम : क.पी. जायसवाल शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 8
सं थान का नाम : डॉ. ए.एन. िस हा शोध सं थान
थान : पटना
.सं. : 9
सं थान का नाम : िच एवं मूितकला िव ालय
थान : पटना
.सं. : 10
सं थान का नाम : ए.एन. िस हा समाज अ ययन सं थान
थान : पटना
.सं. : 11
सं थान का नाम : मदरसा इ लािमक शमशुल दा
थान : पटना
.सं. : 12
सं थान का नाम : लिलत नारायण िम इ टी यूट ऑफ इकोनॉिमक ुप ऐंड सोसल चज
थान : पटना
.सं. : 13
सं थान का नाम : मंदार िव ापीठ
थान : भागलपुर
.सं. : 14
सं थान का नाम : मूक-बिधर िव ालय
थान : पटना
.सं. : 15
सं थान का नाम : सं कत िव ापीठ
थान : पटना
.सं. : 16
सं थान का नाम : ने हीन छा िव ालय
थान : भागलपुर
.सं. : 17
सं थान का नाम : पटना ने हीन िव ालय
थान : कदमकआँ, पटना
.सं. : 18
सं थान का नाम : जेिवयर फायर से ट अकादमी, एसकपुरी
थान : पटना
.सं. : 19
सं थान का नाम : बािलका िव ापीठ
थान : लखीसराय
.सं. : 20
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
.सं. : 21
सं थान का नाम : दरभंगा रसच इ टी यूट
थान : दरभंगा
.सं. : 22
सं थान का नाम : किष अनुसंधान क
थान : मीठापुर, पटना
.सं. : 23
सं थान का नाम : राजक य संयु खा एवं औषिध योगशाला
थान : पटना
.सं. : 24
सं थान का नाम : फल अनुसंधान सं थान
थान : सबौर
.सं. : 25
सं थान का नाम : स ल यूल रसच इ टी यूट
थान : पटना
.सं. : 26
सं थान का नाम : भारतीय नृ यकला मंिदर
थान : पटना
सारणी-XI
मुख पु तकालय
.सं. : 1
सं थान का नाम : ीनंदन पु तकालय, छपरा
थापना वष : 1935
.सं. : 2
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, सहरसा
थापना वष : 1954
.सं. : 3
सं थान का नाम : भगवान पु तकालय, भागलपुर
थापना वष : 1913
.सं. : 4
सं थान का नाम : खुदाब स लाइ ेरी (द पटना ओ रएंटल प लक लाइ ेरी), पटना
थापना वष : 1938
.सं. : 5
सं थान का नाम : प लक लाइ ेरी, पूिणया
थापना वष : 1952
.सं. : 6
सं थान का नाम : ल मी र प लक लाइ ेरी, दरभंगा
थापना वष : 1919
.सं. : 7
सं थान का नाम : मंडलीय पु तकालय, गया
थापना वष : 1955
.सं. : 8
सं थान का नाम : गोपाल नारायण पु तकालय, पटना
थापना वष : 1912
.सं. : 9
सं थान का नाम : ेट प लक लाइ ेरी, पटना
थापना वष : 1916
.सं. : 10
सं थान का नाम : ी शारदा सदन पु तकालय, लालगंज, वैशाली
थापना वष : 1914
.सं. : 11
सं थान का नाम : महत रामशरण दास पु तकालय, सम तीपुर
थापना वष : 1939
.सं. : 12
सं थान का नाम : ी िहदी पु तकालय, सोहसराय, नालंदा
थापना वष : 1924
.सं. : 13
सं थान का नाम : ान िनकतन पु तकालय, सीतामढ़ी
थापना वष : 1946
.सं. : 14
सं थान का नाम : भावती पु तकालय, पटना
थापना वष : 1973
.सं. : 15
सं थान का नाम : ीमती रािधका िस हा सं थान व सि दानंद िस हा लाइ ेरी, पटना
थापना वष : 1924
सारणी-XII
मुख शै िणक/शोध सं थान
.सं. : 1
सं थान का नाम : िबहार उदू अकादमी, पटना
थापना वष : 1975
.सं. : 2
सं थान का नाम : कला भवन, पूिणया
थापना वष : 1955
.सं. : 3
सं थान का नाम : ाकत जैन शा शोध सं थान, वैशाली
थापना वष : 1955
.सं. : 4
सं थान का नाम : अरिबक ऐंड परिसयन रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1955
.सं. : 5
सं थान का नाम : िमिथला सं कत िव ापीठ, दरभंगा
थापना वष : 1951
.सं. : 6
सं थान का नाम : काशी साद जायसवाल रसच इ टी यूट, पटना
थापना वष : 1950
.सं. : 7
सं थान का नाम : िबहार रा भाषा प रष , पटना
थापना वष : 1950
.सं. : 8
सं थान का नाम : मैिथली सािह य प रष
थापना वष : 1939
.सं. : 9
सं थान का नाम : िबहार िहदी सािह य स मेलन, पटना
थापना वष : 1919
.सं. : 10
सं थान का नाम : िबहार रसच सोसाइटी, पटना
थापना वष : 1915
.सं. : 11
सं थान का नाम : रसच इ टी यूट ऑफ ाकत जेनेलॉजी ऐंड एिह शा, वैशाली
थापना वष : 1955
.सं. : 12
सं थान का नाम : संजय गांधी डयरी ट ोलॉजी सं थान, पटना
थापना वष : 1980
प रिश -V
सारणी-I
खेल टिडयम
.सं. : 1
खेल टिडयम : राज टिडयम
थान : छपरा
.सं. : 2
खेल टिडयम : सिचवालय इडोर टिडयम
थान : पटना
.सं. : 3
खेल टिडयम : संजय गांधी िमनी टिडयम
थान : पटना
.सं. : 4
खेल टिडयम : हाजीपुर टिडयम
थान : हाजीपुर
.सं. : 5
खेल टिडयम : खुदीराम बोस टिडयम
थान : मुज फरपुर
.सं. : 6
खेल टिडयम : सु यम टिडयम
थान : गया
.सं. : 7
खेल टिडयम : वीर कवर िसंह पुिलस टिडयम
थान : आरा
.सं. : 8
खेल टिडयम : मोईनुल हक टिडयम
थान : पटना
.सं. : 9
खेल टिडयम : जगजीवन राम टिडयम
थान : खगौल
.सं. : 10
खेल टिडयम : इिदरा गांधी टिडयम
थान : पूिणया
.सं. : 11
खेल टिडयम : िमिथलेश टिडयम
थान : पटना
.सं. : 12
खेल टिडयम : रलवे टिडयम
थान : हाजीपुर
.सं. : 13
खेल टिडयम : डाक-तार मनोरजन एवं इडोर टिडयम
थान : पटना
सारणी-II
खेल ॉफ
.सं. : 1
खेल : हॉक
संबंिधत ॉफ : कजंस कप, जयपाल िसंह कप
.सं. : 2
खेल : फटबॉल
संबंिधत ॉफ : मोईनुल हक ॉफ , गवनर गो ड कप, रिव नेहा ॉफ , अनु ह नारायण सी ड, रिव मेहता ॉफ ,
रप लक शी ड, ेिसडट कप,
.सं. : 3
खेल : ि कट
संबंिधत ॉफ : हमंत ॉफ , रधीर वमा शी ड
सारणी-III
मुख िखलाड़ी
.सं. : 1
खेल : ि कट
संबंिधत िखलाड़ी : सबा करीम, क ित आजाद, ितलक राज, सु त बनज , रमेश स सेना, शेखर िस हा, ह र
िकडवानी, कशव साद, अिवनाश, राकश शु ा, दलजीत िसंह, बलदेव गोसाई, रधीर िसंह
.सं. : 2
खेल : फटबॉल
संबंिधत िखलाड़ी : बदरी साद, पी.क. बनज , िवधानचं िम , अवधेश कमार िस हा, सुबोध काजीवाल,
श ु न राय, िवजय कमार, चं शेखर आजाद, मेवालाल, याम सुंदर, रिव रजन, ललन दुबे, रामे र लाल, अ दुल
समद, अ दुल लतीफ, चंदेशर साद
.सं. : 3
खेल : हॉक
संबंिधत िखलाड़ी : एल.क. िमंज, जे स करकटा, हलेन सोया, यासमनी सांगा, गोपाल मगरा, जयपाल िसंह, रािश
दुलारी, अमला गुड़ीया, अमृत लकड़ा, पु पा टोपनो, सुवार सांगा, अनमोल काइड, एस. डगडग, सुशीला टोपनो,
ि यंका कमारी, िव ासी
.सं. : 4
खेल : िनशानेबाजी
संबंिधत िखलाड़ी : जगरनाथ िम , जगरनाथ िसंह, क.क. झा, णव िस हा, शेखर भगत, एस.क. राय चौधरी
.सं. : 5
खेल : शतरज
संबंिधत िखलाड़ी : अंजना झा, योग साद ीवा तव, बी.क. ीवा तव, बा गीज कोसी, िवशाल शरीन,
प पुरमाणी, िद यदु ब आ, संजीव कमार, दोलन चंपा बोस
.सं. : 6
खेल : टिनस
संबंिधत िखलाड़ी : िदनेश मोहन, चं भूषण, बीमुड, नीशेसेन, सुर कमार, खोसू सेन, शै य कमार उपा याय
.सं. : 7
खेल : बैडिमंटन
संबंिधत िखलाड़ी : अली अकबर, सरोिजनी, कावेरी घोष, िचतरजन िस हा, बागु चटज , राज कमार िम , मोहन
अ जा
.सं. : 8
खेल : बेस बॉल
संबंिधत िखलाड़ी : सुनील िसंह, अजय ितवारी, सुधांशु शेखर, मतापाल, एहसान अहमद
.सं. : 9
खेल : ताइ ांडो
संबंिधत िखलाड़ी : स यजीत शा , शािलनी ीवा तव
.सं. : 10
खेल : िबिलय स
संबंिधत िखलाड़ी : कमार आधानंद िस हा, कमार तारानंद िस हा, कमार यामानंद िस हा
.सं. : 11
खेल : करम
संबंिधत िखलाड़ी : र म कमारी, रजन काश
.सं. : 12
खेल : कराट
संबंिधत िखलाड़ी : नंद दी साद, िपंक ीवा तव
.सं. : 13
खेल : एथलेिट स
संबंिधत िखलाड़ी : सरोज लकड़ा, जगराज िसंह, सिम ा सवैया, िशवनाथ िसंह, जमील अंसारी, पु पा ए ा,
अरिवंद प ा, ओमपाल िसंह अजमेर िसंह, इकबाल िसंह बलिवं िसंह, बहादुर िसंह, मस क न, अिमताभ राय,
िशवनाथ िसंह
.सं. : 14
खेल : सॉ टबॉल
संबंिधत िखलाड़ी : ाची शमा
.सं. : 15
खेल : तीरदाजी
संबंिधत िखलाड़ी : रािजंदर गुइयाँ, पूिणमा महतो, िनमल कमार िसंह
.सं. : 16
खेल : पोलवॉ ट
संबंिधत िखलाड़ी : सुंदर िसंह तानवर
.सं. : 17
खेल : बा कटबॉल
संबंिधत िखलाड़ी : राजेश ीवा तव, सुनील कमार पांडा
.सं. : 18
खेल : भारो ोलन
संबंिधत िखलाड़ी : बुधवा उराँव, इ जीत िसंह, रतन कमार बसाक
.सं. : 19
खेल : टबल टिनस
संबंिधत िखलाड़ी : संजीव शंकर
प रिश -VI
सारणी-I
िबहार क अपे ाकत आिथक प से समृ और िपछड़ िजले
मापदंड : ित य सकल िजला घरलू उ पाद
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, मुंगेर, बेगूसराय
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : िशवहर, सुपौल, मधेपुरा
मापदंड : पे ोल
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, मुज फरपुर, पूव चंपारण
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : िशवहर, अरवल, शेखपुरा
मापदंड : डीजल
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, पूव चंपारण, मुज फरपुर
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : िशवहर, अरवल, शेखपुरा
मापदंड : एल.पी.जी.
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, मुज फरपुर, पूव चंपारण
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : शेखपुरा, िशवहर, अरवल
मापदंड : लघु बचत
आिथक प से सव तीन िजले : पटना, सारण, नालंदा
आिथक प से िपछड़ तीन िजले : प मी चंपारण, सीतामढ़ी, अर रया
सारणी-II
िबहार म हथकरघा क संक ण वाले िजले
िजला—उ पादक
भागलपुर—रशमी, सूती, सजावटी कपड़, टपल चादर, िनयात यो य रशमी और सूती कपड़
बाँका—तसर रशम, िनयात यो य रशमी कपड़
गया—रशमी और सूती कपड़
नालंदा—सजावटी परदे, िब तर क खोल, आंत रक स ा सामि याँ और सजावटी कपड़
नवादा— तसर रशम और मिहला क पोशाक क सामान
दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी—सूती कपड़ क महीन थान, धोती, कपड़
औरगाबाद, रोहतास—ऊनी कबल, ऊनी कालीन और सािड़याँ
भभुआ—ऊनी कालीन, बनारसी सािड़याँ
पटना, सीवान—सूती कपड़, सजावटी कपड़
पूिणया, किटहार—जूट क थैले, जूट िमि त सामि याँ, आंत रक स ा सामि याँ
सारणी-III
िबहार क मुख उ ोग एवं उ पादन
उ ोग : सूती व
थान : भागलपुर, गया, औरगाबाद, डमराँव, ब सर, फतुहा, फलवारीशरीफ, सीवान, मुंगेर
उ पादन : लुंगी, चादर, गमछा
उ ोग : कालीन
थान : ओबरा, दाऊदनगर
उ पादन : कालीन
उ ोग : रशमी व
थान : भागलपुर, गया, वैशाली
उ पादन : रशमी व
उ ोग : ऊनी व
थान : हाजीपुर
उ पादन : ऊनी व
उ ोग : तंबाक
थान : मुंगेर
उ पादन : िसगरट
उ ोग : बीड़ी
थान : िबहारशरीफ, ब सर, मुंगेर, मुज फरपुर, दरभंगा, पूिणया
उ पादन : बीड़ी
उ ोग : कागज
थान : डालिमया नगर, सम तीपुर, बगहा, बेगूसराय, पटना
उ पादन : कागज
उ ोग : सीमट
थान : बंजारी, जपला, डालिमयानगर, क याणपुर, िबहटा
उ पादन : सीमट
उ ोग : इजीिनय रग
थान : मुज फरपुर, मोकामा, जमालपुर
उ पादन : रलवे वैगन
उ ोग : उवरक
थान : बरौनी, अमझोर
उ पादन : उवरक
उ ोग : तेलशोधन कारखाना
थान : बरौनी
उ पादन : पे ोल एवं संबंिधत उ पाद
उ ोग : क टनाशक
थान : पूिणया
उ पादन : क टनाशक
उ ोग : ला टक
थान : हाजीपुर
उ पादन : पॉली ला ट
उ ोग : रासायिनक
थान : बरौनी, फतुहा
उ पादन : किमक स
उ ोग : बतन
थान : सीवान, िबहटा
उ पादन : बतन
उ ोग : िदयासलाई
थान : किटहार
उ पादन : िदयासलाई
उ ोग : कबल
थान : गया, पूिणया, औरगाबाद, मुंगेर
उ पादन : कबल
उ ोग : बंदूक
थान : मुंगेर
उ पादन : बंदूक
उ ोग : शीशा
थान : पटना
उ पादन : शीशा
उ ोग : लाईवुड
थान : हाजीपुर
उ पादन : लाईवुड
उ ोग : चमड़ा
थान : मोकामा, दीघा, गया
उ पादन : चमड़ा
उ ोग : खा सं करण
थान : हाजीपुर, उदयिकशुनगंज, बेगूसराय, शीतलपुर
उ पादन : सं क रत एवं िड बाबंद खा पदाथ
सारणी-IV
िबहार म क सरकार ारा िनयंि त सावजिनक उप म
थान—उ ोग का नाम
बरौनी—फिटलाइजर कॉरपोरशन ऑफ इिडया िलिमटड
बरौनी—इिडयन ऑयल कॉरपोरशन िलिमटड
मोकामा—भारत वैगन ऐंड इजीिनय रग कपनी िलिमटड
बेला, छपरा—रल पिहया कारखाना
मढ़ौरा, छपरा—डीजल एवं इले क इजन कारखाना (िनमाणाधीन)
मधेपुरा—रलवे िव ुत इजन कारखाना (िनमाणाधीन)
हरनौत—करज रपेयर रल वकशॉप
सारणी-V
क /रा य ायोिजत योजनाएँ
काय म—वष
लघु उ ोग िवकास संगठन (SIDO)—1954
सघन किष िजला काय म (IADP)—1960-61
सघन किष े ीय काय म (IAAP)—1964-65
ामीण िव ुतीकरण िनगम—1969
िवभेदीकरण याज दर योजना—1972
कमान े िवकास काय म—1974-75
बीस सू ीय काय म—1975
म भूिम िवकास काय म—1977-78
काम क बदले अनाज काय म—1977-78
ामीण युवा का वरोजगार हतु िश ण काय म (TRYSEM)—15 अग त, 1979
सम वत ामीण िवकास काय म (IRDP)—2 अ ूबर, 1980
रा ीय ा य रोजगार काय म (NREP)—1980
ामीण े म मिहला एवं बाल िवकास काय म (DWCRA)—1982
ामीण भूिमहीन रोजगार गारटी काय म (RLEGP)—15 अग त, 1983
लोक काय म एवं ामीण ौ ोिगक िवकास प रष (CAPART)—1 िसतंबर, 1986
शहरी िनधन हतु वरोजगार काय म (SEPUP)—1986
नेह रोजगार योजना (NRY)—अ ूबर, 1989
जवाहर रोजगार योजना (JRY)—अ ैल, 1989
रोजगार आ ासन योजना—2 अ ूबर, 1993
धानमं ी रोजगार योजना (PMRY)—2 अ ूबर, 1993
रा ीय मातृ व लाभ योजना—1995
वृ ाव था पशन योजना—1995
संगम योजना —1996
क तूरबा गांधी िश ा योजना—15 अग त, 1997
गंगा क याण योजना (GKY)—1997-98
वण जयंती शहरी रोजगार योजना (SJSRY)—1 िदसंबर, 1997
जवाहर ाम समृ योजना—1 अ ैल, 1999
अ पूणा योजना—19 माच, 1999
वणजयंती ाम वरोजगार योजना (NRY)—1999
जन ी बीमा योजना—10 अग त, 2000
धानमं ी ामोदय योजना—2000
अं योदय योजना—2000
आ य बीमा योजना—जून, 2001
संपूण ामीण रोजगार योजना (SGRY)—25 िदसंबर, 2001
वा मीिक अंबेडकर आवास योजना—िदसंबर, 2001
सव िश ा अिभयान —2000-01
खा ा बक योजना—2001
मिहला वयंिस योजना—12 जुलाई, 2001
वजल धारा योजना—25 िदसंबर, 2002
िनमल भारत योजना—15 अग त, 2002
धानमं ी ाम सड़क योजना—25 िदसंबर, 2000
जनर ा बीमा योजना—2002-03
जय काश नारायण रोजगार गारटी योजना—2002-03
ामीण े म शहरी सुिवधा क उपल धता काय म (PURA)—15 अग त, 2003
जवाहरलाल नेह नेशनल अरबन रनुअल िमशन—3 िदसंबर, 2005
रा ीय ामीण वा य अिभयान —12 अ ैल, 2005
भारत िनमाण योजना—16 िदसंबर, 2005
आम आदमी बीमा योजना—2 अ ूबर, 2007
रा ीय वा य बीमा योजना—1 अ ूबर, 2007
सबला योजना—19 नवंबर, 2010
वावलंबन—27 िसतंबर, 2010
राजीव गांधी क म फॉर ऐडोलेसट ग स—1 अ ैल, 2010
मिहला किष सश ीकरण योजना—1 अ ैल, 2010
नेशनल रल लाइवली ड िमशन—2009-10
राजीव आवास योजना (RAY)—2009-10
धानमं ी आदश ाम योजना—2009-10
मिहला िकसान सश ीकरण योजना—2010-11
महा मा गांधी नेशनल रल ए लायमट गारटी ो ाम (मनरगा)—2006
िमशन इ धनुष—25 िदसंबर, 2014
अंतरा ीय योग िदवस—21 जून, 2014
व छ भारत िमशन—2 अ ूबर, 2014
पहल—15 नवंबर, 2016
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ काय म (BBBP)—22 जनवरी, 2015
धानमं ी जनधन योजना (PMJDY)—28 अग त, 2014
रा ीय वा य िमशन (NHM)—2013
नई मंिजल—2014-15
धानमं ी वा य सुर ा योजना (PMSSY)—माच, 2006
नई रोशनी—2014-15
मातृ व सहयोग योजना (MSY)—2014
जनबंधु क याण योजना—2014-15
इ-वीसा—2014-15
यामा साद मुखज अरबन िमशन—2014-15
दीनदयाल उपा याय ाम योित योजना—2014-15
व र पशन बीमा योजना—15 अग त, 2014
इ ा र इनवे टमट फड (InvlTs)—2014-15
बैकवड रीजन ांट फड (BRGF) धानमं ी सुर ा बीमा योजना—9 मई, 2015
अटल पशन योजना—9 मई, 2015
धानमं ी जीवन योित बीमा योजना—9 मई, 2015
टड-अप इिडया—5 अ ैल, 2016
ाम उदय से भारत उदय अिभयान—14 अ ैल, 2016
धानमं ी आवास योजना ( ामीण)—25 अ ैल, 2016
धानमं ी उ ला योजना—1 मई, 2016
रा ीय िकशोर वा य काय म—2014
सांसद आदश ाम योजना—11 अ ूबर, 2014
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