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प्रगति विद्यापीठ

ह द
िं ी – अभ्यास कायय 1

अपहठि गद्यािंश

कक्षा 8

निम्िलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर ठिए गए प्रश्िों कय समुचित उत्तर िीजिए –

गुरुकुि में पढ़िे वयिे छयत्रों की पढ़यई पूरी होिे पर 1 ठिि गुरुिी िे सभी छयत्रों को मैियि में इकट्िय होिे के लिए
कहय। सभी लशष्् मैियि में आकर िडे हो गए। गुरु िी िे उिसे कहय, प्रप्र् लशष््ों मैं ियहतय हूूँ कक ्हयूँ से ियिे से
पहिे सब एक बयधय िौड में भयग िें । इस िौड में आपको एक अूँधेरी सुरांग से गुिरिय होगय। सभी लशष्् सुरांग से
गुिरे िहयूँ िगह-िगह िुकीिे पत्थर पडे थे । िौड पूरी होिे पर गुरुिी िे कहय, कुछ लशष््ों िे िौड िल्िी पूरी कर
िी और कुछ िे बहुत अचधक सम् िगय ठि्य,भिय ऐसय क््ों ? कुछ लशष््ों िे िवयब ठि्य कक रयस्ते में िुकीिे
पत्थर थे जिन्हें हम िुिकर िेब में रिते िय रहे थे तयकक पीछे आिे वयिों को पीडय िय हो। गुरुिी िे उि सभी लशष््ों
को बुिय्य जिन्होंिे पत्थर िुिे थे और बोले जिन्हें तुम पत्थर समझ रहे थे, वे वयस्तव में बहुमूल्् हीरे हैं जिन्हें
मैंिे सुरांग में डयिय थय। ्े हीरे तुम सब कय उपहयर है क््ोंकक तुमिे िस
ू रों की पीडय को समझय। ्ह िौड जिांिगी की
सच्ियई को बतयती है कक सच्िय प्रविेतय वही है िो इस िौडती िनु ि्य में िस
ू रों कय भिय करते हुए आगे बढ़तय है।

प्रश्ि (1) गरु


ु िी िे लशष््ों को कहयूँ और क््ों बि
ु य्य थय?

प्रश्ि (2) लशष््ों को सरु ां ग में ककस कठिियई कय सयमिय करिय पडय?

प्रश्ि (3) गुरु िी िे लशष््ों को क््य ठि्य और क््ों ?

प्रश्ि (4) ्ह िौड जिांिगी की कौि - सी सच्ियई बतयती है ?

प्रश्ि (5) सच्िय प्रविेतय कौि होतय है ?

प्रश्ि (6) सुरांग एवां उपहयर शब्ि पर वयक्् बियइए -

प्रश्ि (7) गुरु तथय पत्थर शब्ि की प्या्वयिी लिखिए-

प्रश्ि (8) अांधेरय एवां सत्् शब्ि कय प्रविोम लिखिए-

प्रश्ि (9) बहुमूल्् तथय बयधय शब्ि कय अथा लिखिए |

प्रश्ि (10) उप्ुाक्त कहयिी कय उचित शीर्ाक लिखिए ।

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