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नमस्कार दोस्तों, पऩछऱे सप्ताह

के सॊस्करण में आऩको केस


जी हाॉ, पऩछऱे सप्ताह आऩने
स्टडी आधाररत प्रश्नों को हऱ
जो उदाहरण ददए उससे हमें
करने के लऱए कुछ अभ्यास
बहुत कुछ सीखने में मदद
ददया गया था। क्या आऩने उन्हें
लमऱी। ऱेककन, क्या आऩ हमें
अऩनी ऩरीऺाओॊ के लऱए
ऐसे प्रश्नों ऩर कुछ और
उऩयोगी ऩाया????
उदाहरण दे सकते हैं?

आज के सॊस्करण में हम
“ननयॊत्रण और समन्वय”
पवषय से कुछ केस स्टडी
आधाररत प्रश्नों का अभ्यास
करें गे।
ऩहऱे आऩको यह गदययांश ऩढ़नय होगय :-
यदद गगऱहरी में शरीर अलिकल्ऩ तॊत्रत्रका कोलशकाओॊ द्वारा केवऱ
पवद्यत ु आवेग ऩर आगित होगा तो आगामी किया को करने के लऱए
प्रलशक्षऺत ऊतकों का ऩररसर सीलमत होगा । दस ू री ओर,यदद रासायननक
सॊकेत िी िेजा जाता तो यह शरीर की सिी कोलशकाओॊ को ऩहुॊचता
और आवश्यक ऩररवनतित ऩररसर बड़ा हो जाता। अगधवक् ृ क ग्रॊगथ से
स्रापवत एड्रीनऱीन हामोन द्वारा मनष्ु य सदहत अनेक जॊतओ ु ॊ में यह
ककया जाता है ।
ऊऩर दी गई जयनकयरी के आधयर ऩर ननम्न प्रश्नों के उत्तर दो:-
(i) एड्रेनाऱाईन हामोन का ऱक्ष्य अॊग कौन सा है ?
(ii)थायरॉयड ग्रॊगथ द्वारा कौन सा हामोन स्रापवत होता है ?
(iii)थायरोक्क्सन हामोन का क्या कायि है ?
(iv)अॊडाशय से ननकऱने वाऱे हामोन का नाम बताएॊ?
एक और उदाहरण,
आऩको ऩहऱे ये गदययांश ऩढ़नय है :-
मटर के ऩौधे की तरह कुछ ऩादऩ दस ू रे ऩादऩ या बाड़ ऩर प्रतान की सहायता से ऊऩर
चढ़ते हैं। ये प्रतान, स्ऩशि के लऱए सॊवेदनशीऱ है । जब ये ककसी सहारे के सम्ऩकि में आते हैं
तो प्रतान का वह िाग जो वस्तु के सम्ऩकि में है , उतनी तीव्रता से वपृ ि नहीॊ करता
है ,क्जतना प्रतान का वह िाग, जो वस्तु से दरू रहता है । इस कारण प्रतान वस्तु को चारों
ओर से जकड़ ऱेता है । आमतौर ऩर ऩादऩ धीरे से एक ननक्श्चत ददशा में गनत करके
उद्दीऩन के प्रनत अनकु िया करते हैं, क्योंकक यह वपृ ि ददशात्मक है । इससे ऐसा ऱगता है कक
ऩादऩ गनत कर रहा है ।
ऊऩर दी गई जयनकयरी के आधयर ऩर ननम्न प्रश्नों के उत्तर दो:-
I. ऩौधे ककतने प्रकार अनुवतिन प्रदलशित करते हैं? उन्हे नाम दो।
II. छुई-मुई का ऩौधा ककस अनुवतिन का उदाहरण है ?
III. रसायनानुवतिन का एक उदाहरण दीक्जए?
IV. ऩौधों के उस हामोन का नाम बताइए जो कोलशका पविाजन को बढ़ावा दे ता है ?
मुझे आशा है कक आऩ ऊऩर ददए
गए प्रश्नों के उत्तर दे ने में
सऺम होंगे, अगऱे सप्ताह कुछ हयां, दी गई जयनकयरी से
और ददऱचस्ऩ पवषयों के साथ उत्तर ढां ढ़ने में बडय मज़य
लमऱते हैं.. आयय। बहुत-बहुत धन्यवयद।

आऩका सदा
स्वागत है !

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