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New Gd-5 L -11 सिंदबाद
New Gd-5 L -11 सिंदबाद
Subject - HINDI
Class -5
सल
ु ेख (1 page)
शब्दार्थ
4 घनजजन = सन
ु सान (desolate )
5.गंब
ु द = इमारत पर अर्ज गोलाकार लशखर जैसे मस्स्जद का गंब
ु द (dome)
7 चंग
ु ल = पकड़ (grasp)
8 कीमती =मल्
ू यवान (precious )
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प्रश्न –उत्तर .
प्र1 जब लसंदबाद की नींद खल
ु ी तो उसने क्या दे खा ?
उ. जब लसंदबाद की नींद खुली तो उसने दे खा कक घनजजन टापू पर वह बबलकुल अकेला है |
प्र4.घनजजन टापू पर अकेला छूट जाने पर लसंदबाद ने अपने –आपको वहााँ से कैसे
घनकाला ?
उ. जब लसंदबाद घनजजन टापू पर अकेला रह गया तो उसने पेड पर चककर दे खा तो
उसे गंब
ु द जैसी सफ़ेद चीज दे खाई दी जो रोक पक्षी का अंडा था | लसंदबाद ने अपने –
आपको पक्षी के पंजो से अच्छी तरह बााँर् ललया और हीरो की िाटी तक जा पहुाँचा |
िाटी में मााँस के टुकडे भी बबखरे पडे थे |वही मााँस के टुकडे लसंदबाद ने अपनी पीठ
पर बााँर् ललए और चट्टान पर जा बैठा | कुछ समय बाद पक्षी वहााँ आया और
लसंदबाद के पीठ पर बंर्े मााँस के टुकडे को अपने पंजो में पकड़ कर चोटी पर ले गया
| पहाड़ी पर उसको कुछ व्यापारी लमले स्जनके साथ लसंदबाद यात्रा पर रवाना हो गया
|
प्र5 इस पाठ से आपको क्या लशक्षा लमलती है ?
उ. इस कहानी से हमें लशक्षा लमलती है की साहस और पररश्रम के बल पर कहठन से
कहठन पररस्स्थघतयों से भी घनकला जा सकता है |
1. ही उत्तर पर ही का ननशान लगाओ –(T.B)
(क) (iii) समद्र
ु ी यात्राओं से
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(ग) (i )पक्षी के पंजे से
(ि) (ii)हीरे (iii) मांस
(क) बग़दाद
(ग) छायादार
(ि) रोक
(ड) सााँपों ,अजगरों
4 . कहानी के आधार पर ददए गए वाक्यों के आगे क्रम िंख्या सलखो
(क) िाटी में चारों ओर हीरे बबखरे हुए थे | (4)
(ख) मााँस के टुकड़ों में ललपटे लसंदबाद को दे खकर व्यापारी अचंभे में
पड गए | (6)
(ग) लसंदबाद एक बहुत ही साहसी और मेहनती व्यस्क्त था | (1)
(ि) उसने हहम्मत करके अपने –आपको एक पक्षी के पंजो से अच्छी तरह बााँर् ललया
| (3)
(ङ) लसंदबाद ने मााँस के बडे –बड़े टुकडे अपनी पीठ पर बााँर् ललए और एक चट्टान
पर जा बैठा | (5)
(च) जब लसंदबाद की नींद खुली तो उसने दे खा कक वह उस घनजजन टापू पर बबलकुल
अकेला है | (2 )
भाषा –ज्ञान
1 ववलोम शब्द सलखो –
साहसी x डरपोक
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अाँर्ेरा x उजाला
चचकना x खुरदरा
दरू x पास
मेहनती x कामचोर /आलसी
साफ़ x गंदा /मैला
2.पन
ु रुक्त शब्द –यग्ु म ढूँ ढकर सलखो |
दरू –दरू , उड़ते – उड़ते , बड़े –बड़े , बेचते – बेचते
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बग़दाद शहर में लसंदबाद अपनी आलीशान कोठी में रहता है | उसके पास बहुत
दौलत थी ,जो उसने समद्रु ी यात्राओं के दौरान कमाई थी | उनहीं में से एक साहस
भरी यात्रा की कहानी हम आपको बता रहे हैं |लसंदबाद एक बहुत ही साहसी और
मेहनती आदमी था | एक बार वह अपने कुछ दोस्तों के साथ जहाज में माल
लदवाकर यात्रा के ललए घनकल पड़ा | रास्ते में आने वाले बंदरगाहों पर माल बेचते –
बेचते वे सभी एक टापू के पास जा पहुाँचे |
8. मान अर्थ रखने वाले शब्दों को पयाथयवाची शब्द कहा िाता है | नीचे कुछ शब्द
व उनके पयाथयवाची शब्द ददए गए हैं | रे खा खीिंचकर शब्दों को पयाथयवाची शब्दों े
समलाओ |
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