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NOTES (2021-22)

Subject - HINDI
Class -5

पाठ -11 स दिं बाद

सल
ु ेख (1 page)

शब्दार्थ

1 .आललशान = भव्य (magnificent )

2 बंदरगाह = जहााँ समद्र


ु ी जहाज खड़े होते हैं ( harbour )

3 टापू = भलू म का वह हहस्सा जो चारों ओर पानी से घिरा हो ( island)

4 घनजजन = सन
ु सान (desolate )

5.गंब
ु द = इमारत पर अर्ज गोलाकार लशखर जैसे मस्स्जद का गंब
ु द (dome)

6 ववशालकाय = बड़ा (huge)

7 चंग
ु ल = पकड़ (grasp)

8 कीमती =मल्
ू यवान (precious )

9. व्यापारी = व्यापार करने वाला (bussinessman )

10 अचंभे = है रानी (surprised)

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प्रश्न –उत्तर .
प्र1 जब लसंदबाद की नींद खल
ु ी तो उसने क्या दे खा ?
उ. जब लसंदबाद की नींद खुली तो उसने दे खा कक घनजजन टापू पर वह बबलकुल अकेला है |

प्र2 सफेद गंब


ु द जैसी चीज क्या थी ?
उ. सफ़ेद गंब
ु द जैसी चीज रोक पक्षी का अंडा था |

प्र3 लसंदबाद को पक्षी कहााँ ले गया ?


उ. लसंदबाद को पक्षी हीरों की िाटी में ले गया |

प्र4.घनजजन टापू पर अकेला छूट जाने पर लसंदबाद ने अपने –आपको वहााँ से कैसे
घनकाला ?
उ. जब लसंदबाद घनजजन टापू पर अकेला रह गया तो उसने पेड पर चककर दे खा तो
उसे गंब
ु द जैसी सफ़ेद चीज दे खाई दी जो रोक पक्षी का अंडा था | लसंदबाद ने अपने –
आपको पक्षी के पंजो से अच्छी तरह बााँर् ललया और हीरो की िाटी तक जा पहुाँचा |
िाटी में मााँस के टुकडे भी बबखरे पडे थे |वही मााँस के टुकडे लसंदबाद ने अपनी पीठ
पर बााँर् ललए और चट्टान पर जा बैठा | कुछ समय बाद पक्षी वहााँ आया और
लसंदबाद के पीठ पर बंर्े मााँस के टुकडे को अपने पंजो में पकड़ कर चोटी पर ले गया
| पहाड़ी पर उसको कुछ व्यापारी लमले स्जनके साथ लसंदबाद यात्रा पर रवाना हो गया
|
प्र5 इस पाठ से आपको क्या लशक्षा लमलती है ?
उ. इस कहानी से हमें लशक्षा लमलती है की साहस और पररश्रम के बल पर कहठन से
कहठन पररस्स्थघतयों से भी घनकला जा सकता है |
1. ही उत्तर पर ही का ननशान लगाओ –(T.B)
(क) (iii) समद्र
ु ी यात्राओं से

(ख) (iii) सफ़ेद गंब


ु द

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(ग) (i )पक्षी के पंजे से
(ि) (ii)हीरे (iii) मांस

3.ररक्त स्र्ान भरो –

(क) बग़दाद

(ख) साहसी ,मेहनती

(ग) छायादार
(ि) रोक
(ड) सााँपों ,अजगरों
4 . कहानी के आधार पर ददए गए वाक्यों के आगे क्रम िंख्या सलखो
(क) िाटी में चारों ओर हीरे बबखरे हुए थे | (4)
(ख) मााँस के टुकड़ों में ललपटे लसंदबाद को दे खकर व्यापारी अचंभे में
पड गए | (6)
(ग) लसंदबाद एक बहुत ही साहसी और मेहनती व्यस्क्त था | (1)
(ि) उसने हहम्मत करके अपने –आपको एक पक्षी के पंजो से अच्छी तरह बााँर् ललया
| (3)
(ङ) लसंदबाद ने मााँस के बडे –बड़े टुकडे अपनी पीठ पर बााँर् ललए और एक चट्टान
पर जा बैठा | (5)
(च) जब लसंदबाद की नींद खुली तो उसने दे खा कक वह उस घनजजन टापू पर बबलकुल
अकेला है | (2 )

भाषा –ज्ञान
1 ववलोम शब्द सलखो –
साहसी x डरपोक

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अाँर्ेरा x उजाला
चचकना x खुरदरा
दरू x पास
मेहनती x कामचोर /आलसी
साफ़ x गंदा /मैला
2.पन
ु रुक्त शब्द –यग्ु म ढूँ ढकर सलखो |
दरू –दरू , उड़ते – उड़ते , बड़े –बड़े , बेचते – बेचते

3. ननम्नसलखखत वाक्यों में े क्रक्रया –पद छािंटकर सलखो –


(क) वे सभी एक टापू के पास जा पहुाँचे | (जा पहुाँचे )
(ख) लसंदबाद एक पेड के नीचे ही गहरी नींद में सो गया | (सो गया )
(ग) उसके अपने –आपको पक्षी के पंजे से अच्छी तरह बााँर् ललया |(बााँर् ललया )
(ि) वह पक्षी एक अजगर को चोंच में पकड़कर आकाश में उड़ गया |(उड़ गया )

4. ननम्नसलखखत वाक्यों के ामने काल सलखो –


(क) बग़दाद शहर में लसंदबाद अपनी आलीशान कोठी में रहता था | भत
ू काल
(ख) एक साहस भरी यात्रा की कहानी हम आपको बता रहे हैं | वतजमान काल
(ग) लसंदबाद एक बहुत ही साहसी और मेहनती आदमी था | भत
ू कल
(ि) कुछ हीरे उसमे चचपक जाएाँ | भववष्य काल
5. शब्दों को उनके ही अर्ों के ार् समलाओ |
शब्द अर्थ
ववशालकाय बड़ा
अचंभे है रानी
चंग
ु ल पकड़
गंब
ु द इमारत पर अर्ज गोलाकार लशखर
घनजजन – सन
ु सान
7. िंज्ञा के स्र्ान पर जि शब्द का प्रयोग करते हैं ,उ े वथनाम कहते हैं |
ननम्नसलखखत गदयािंश में वथनाम शब्दों पर घेरा लगाओ –

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बग़दाद शहर में लसंदबाद अपनी आलीशान कोठी में रहता है | उसके पास बहुत
दौलत थी ,जो उसने समद्रु ी यात्राओं के दौरान कमाई थी | उनहीं में से एक साहस
भरी यात्रा की कहानी हम आपको बता रहे हैं |लसंदबाद एक बहुत ही साहसी और
मेहनती आदमी था | एक बार वह अपने कुछ दोस्तों के साथ जहाज में माल
लदवाकर यात्रा के ललए घनकल पड़ा | रास्ते में आने वाले बंदरगाहों पर माल बेचते –
बेचते वे सभी एक टापू के पास जा पहुाँचे |

8. मान अर्थ रखने वाले शब्दों को पयाथयवाची शब्द कहा िाता है | नीचे कुछ शब्द
व उनके पयाथयवाची शब्द ददए गए हैं | रे खा खीिंचकर शब्दों को पयाथयवाची शब्दों े
समलाओ |

दोस्त – लमत्र , सखा , सहचर


पेड – वक्ष
ृ , तरु , पादप
अूँधेरा – तम , अंर्कार , घतलमर
पत्र्र – पाहन , पाषाण ,प्रस्तर
आकाश –गगन , आसमान , अंबर

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