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एक थी मनू

श्री वृंदावन लाल वमार् (०९ जनवरी, १८८९ - २३ फरवरी, १९६९) िहं दी
नाटककार तथा उपन्यासकार थे। िहन्दी उपन्यास के िवकास में उनका
योगदान महत्त्वपूणर् है। उन्होंने एक तरफ प्रेमचंद की सामािजक परंपरा
को आगे बढ़ाया है तो दस ू री तरफ िहन्दी में ऐितहािसक उपन्यास की
धारा को उत्कषर् तक पहुँ चाया है। इितहास, कला, पुरातत्व,
मनोिवज्ञान, मूितर् कला और िचत्रकला में भी इनकी िवशेष रुिच रही।
'अपनी कहानी' में आपने अपने संघषर्मय जीवन की गाथा कही है।
मनू
मनु का जन्म काशी के मिणकिणर् का घाट पर हुआ था, इसिलए
उनका बचपन का नाम मिणकिणर् का रखा गया।
िपता−मोरोपंत तांबे
माता−भागीरथीबाई
मनू ने पेशवा बाजीराव के संरक्षण में युद्ध कला सीखी।
डॉ॰ चेतना पाण्डेय
एक थी मनू
श्री वृंदावन लाल वमार्
प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1 तीन घुड़सवार कौन-कौन थे ?
उत्तर- 1 तीन घुड़सवार एक बािलका अौर दो बालक थे।
प्रश्न- 2 नाना को चोट कैसे लगी ?
उत्तर- 2 बड़ा बालक नाना घुड़सवारी में कुछ आगे िनकला था
िक मनू अपने घोड़े को एड़ लगाते हुए यह कहकर आगे
िनकल गई िक देखूँ तुम कैसे आगे िनकलते हो।मनू से घोड़ा
आगे बढ़ाने के प्रयास में नाना का घोड़ा ठोकर खा गया अौर
वह धड़ाम से नीचे जा िगरा । एक सूखी लकड़ी के टु कड़े से
उसका िसर िभड़ गया अौर खून बहने लगा।
प्रश्न-3 खाली घोड़ा घर पहुँ चने पर सबने क्या सोचा ?
उत्तर-3 खाली घोड़ा घर पहुँ चने पर सबने सोचा िक अवश्य कोई
दुघर्टना हो गई है।
प्रश्न-4 वृद्ध कौन थे अौर नाना से उनका क्या संबंध था ?
उत्तर-4 वृद्ध पेशवा बाजीराव िद्वतीय थे उनका नाना से िपता-पुत्र
का संबंध था।
प्रश्न-5 मनू कैसी लडक़ी थी ? पाठ के आधार पर िलखें।
उत्तर-5 मनू िनभीर्क, साहसी, िज़द्दी अौर वीरांगना थीं ।
प्रश्न-6 मनू बड़ी होकर क्या बनी अौर उसकी कही कौन-सी
बात सच हुई ?
उत्तर- 6 मनू बड़ी होकर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई बनी अौर
उसकी कही बात सच हुई िक मेरे भाग्य में एक नहीं दस हाथी
िलखें हैं।

उपयुर्क्त प्रश्नोत्तर एफ. सी. में िलखें।

डॉ॰ चेतना पाण्डेय

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