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रहीम के दोहे - पुस्तिका कार्य - उत्तर कुंजी - कक्षा -7
रहीम के दोहे - पुस्तिका कार्य - उत्तर कुंजी - कक्षा -7
अर्थ:- रहीम इस दोहे में कहते हैं कि जब हमारे पास सम्पत्ति होती है तो बहुत लोग अलग-अलग तरीके
से हमारे सगे बनते हैं और स्वयं को हमारा मित्र कहते हैं | परं तु जो व्यक्ति मुसीबत में हमारी सहायता
कर, हमारे काम आए, वही हमारा सच्चा मित्र होता है ।
अर्थ:- रहीम दास जी ने इस दोहे में सच्चे प्रेम के बारे में बताया है । उनके अनुसार, जब नदी में मछली
पकड़ने के लिए जाल डालकर बाहर निकाला जाता है , तो जल तो उसी समय बाहर निकल जाता है । उसे
मछली से कोई प्रेम नहीं होता। मगर, मछली पानी के प्रेम को भूल नहीं पाती है और उसी के वियोग में
प्राण त्याग दे ती है ।
अर्थ:- इस दोहे में रहीम दास जी ने कहा है कि जिस प्रकार क्वार (बारिश और सर्दी के बीच के समय में )
के बादल केवल गरजते हैं, बरसते नहीं हैं । उसी प्रकार, कंगाल होने के बाद अमीर व्यक्ति अपने पिछले
समय की बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं, जिनका कोई मूल्य नहीं होता है ।
अर्थ:- रहीम जी ने अपने इस दोहे में मनुष्य के शरीर की सहनशीलता के बारे में बताया है । वे कहते हैं
कि मनुष्य के शरीर की सहनशक्ति बिल्कुल इस धरती के समान ही है । जिस तरह धरती सर्दी, गर्मी,
बरसात आदि सभी मौसम झेल लेती है , ठीक उसी तरह मनष्ु य को भी जीवन के सख
ु -दख
ु रूपी हर मौसम
को सहन करने की शक्ति रखनी चाहिए ।
पुस्तिका कार्य
मानसिक मानचित्र :-
पर्यायवाची शब्द :-
जल :- नीर , पानी
ृ :- पेड़ , तरु
वक्ष
शब्दार्थ :-
1. सगे – अपने
2. संपति - धन दौलत
3. बिपति-मुसीबत
4. साँचे-सच्चा
5. बहि-बहना
6. तजि- त्यागना
7. मीनन- मछली
8. मोह- प्रेम
9. नीर-पानी
12. पर काज- दस
ू रे के काम
13. हित-भलाई
17. निर्धन-गरीब
18. पाछिली-पिछली
23. दे ह- शरीर
प्रश्नोत्तर :-
1. रहीम के दोहों के आधार पर बताइए कि सच्चे मित्र की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उ. कठिन समय में जो मित्र हमारी सहायता करता है और बिना किसी स्वार्थ के हमसे दोस्ती करता है
बरसात आदि सभी मौसम झेल लेती है , ठीक उसी तरह हमारा शरीर भी जीवन के सुख – दख
ु रूपी हर
4. रहीम के दोहों की कौन-सी सीख आपको अच्छी लगी जिसका आप अपने जीवन में अनुकरण करना
चाहें गे?