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पदबंध

पदबंध श#द दो श#द& के मेल से बना है - पद और बंध, िजसम: पद उन श#द& को


कहते ह=, जो >याकर@णक Bनयम& म: बँधकर वाEय म: Fयोग Hकए जाते ह=। इसका अथN
है Hक वाEय म: FयE
ु त हर श#द पद कहलाता है और बंध का अथN होता है - समह

यानी Rप
ु ।
ू ’ का अथN दे ता है Hकंतु >याकर@णक
इस Fकार शाि#दक अथN म: तो पदबंध ‘पद-समह
UिVट से हम हर पदसमह
ू को पदबंध नहXं कह सकते, पदबंध केवल उन पदसमह
ू & को
कहा जाता है , जो वाEय म: आकर Hकसी एक >याकर@णक कोZट यानी सं[ा, सवNनाम,
\वशेषण, H^या, H^या\वशेषण (अ>यय पद) का कायN करता है ।
जैसे-मेरे घर के सामने खड़ा पेड़ बहुत लंबा-चौड़ा और छायादार है ।
अगर इस वाEय को दे खा जाए तो इसम: जहाँ पहले पदसमह ू म: पेड़ से पहले का भाग
भी पेड़ यानी सं[ापद से जड़
ु ा है और उसके साथ जड़
ु कर सं[ा जैसा कायN कर रहा है ,
वहXं दस
ू रा पदसमह

बहुत लंबा-चौड़ा और छायादार म: छायादार से पहले का भाग भी
इस \वशेषण पद से जड़ ु ा है और उसके साथ जड़ ु कर \वशेषण जैसा कायN कर रहा
है ।अत: रे खांHकत दोन& पदसमह
ू वाEय म: आकर ^मश: सं[ा और \वशेषण का कायN
कर रहे ह=। अत: ये पदसमह
ू पदबंध ह=।
अब समझ आया!
वह पदसमह
ू , जो वाEय म: आकर Hकसी एक >याकर@णक कोZट यानी सं[ा, सवNनाम,
\वशेषण, H^या, H^या\वशेषण (अ>यय पद) का कायN करता है , उसे पदबंध कहते ह=।
यह भी रख5 6यान
हर पदसमह
ू पदबंध नह;ं हो सकता
• पदबंध के iलए यह आवjयक है Hक पदसमह
ू के सभी पद आपस म: एक-दस
ू रे से
परू X तरह जड़ु े हुए ह&।
सय ू kदय के समय आकाश पर छाई हnकo लालX बहुत मनभावन लगती है ।
Zदया गया पदसमह ू पदबंध नहXं है Eय&Hक सय
ू kदय के समय वाEयांश अपने शीषNपद
आकाश से जड़
ु ा हुआ नहXं है , जबHक
आकाश पर छाई हnकo लाल; यह पदसमह ू अपने शीषNपद से जड़
ु ा है ।अत: यह पदबंध
है ।
अब इस वाCय को दे Dखए-
हnकo लालX से भरा सय
ू kदय का आकाश मनभावन लगता है ।


इसम: शीषNपद और उससे पहले आया पदसमह
ू परू X तरह आपस म: जड़
ु े हुए ह=।अत:
रे खांHकत पदसमह
ू पदबंध है ।
एक पद कभी पदबंध नह;ं होता
pयान रख: Hक एक पद कभी पदबंध नहXं होता।वाEय म: FयE
ु त कोई श#द केवल पद
होता है , पदबंध के iलए एक से अqधक पद& का होना आवjयक होता है ।
जैसे- खटखट सन
ु कर GचIड़या डर गई।(पद)
खटखट सन
ु कर नील;, नMह; GचIड़या डरकर उड़ती चल; गई।(पदबंध)
पदबंध के भेद
वाEय म: FयE
ु त पदबंध सं[ा, सवNनाम, \वशेषण, H^या, H^या\वशेषण (अ>यय पद)
आZद का कायN करते ह=। इसी आधार पर पदबंध के पाँच भेद होते ह=-
(क) सं[ा पदबंध
(ख) सवNनाम पदबंध
(ग) \वशेषण पदबंध
(घ) H^या पदबंध
(ड.) H^या\वशेषण (अ>यय पद) पदबंध

1-संQा पदबंध- Hकसी वाEय म: जब एक से अqधक पद iमलकर सं[ा का कायN


करते ह=, तो उनसे बने पदबंध को ‘सं[ा पदबंध’ कहते ह= ।
सरल पहचान
सं[ा पदबंध के शीषN म: सं[ा पद होता है , अtय सभी पद उसपर आquत होते
ह=। जैसे-
खेत म: लहलहाती फ़सल बहुत संदु र लगती है ।।
इस वाEय म: रे खांHकत पदसमह
ू म: शीषN यानी अंBतम पद फ़सल सं[ा ह=। अत: खेत
म: लहलहाती फ़सल पदसमह
ू सं[ा पदबंध होगा।
अtय उदाहरण
• मेरे घर के सामने वाला मकान अभी कुछ Zदन पहले ख़ालX हुआ है ।[शीषN पद-
मकान (सं[ा)]
• इस कोठ{ कo बनावट और साज-सTजा बहुत आकषNक है ।
[शीषN पद- साज-स|जा (सं[ा)]

2- सवUनाम पदबंध- Hकसी वाEय म: जब एक से अqधक पद एक साथ iमलकर


सवNनाम का कायN करते ह=, तो उनसे बने पदबंध को ‘सवNनाम पदबंध’ कहते ह=।


सरल पहचान
सवUनाम पदबंध के शीषN म: सवNनाम पद होता है । जैसे -
H^केट मैच दे खने के शौक़oन आप Hकसी भी दाम पर Zटकट खरXद सकते ह=।
इस वाEय म: रे खांHकत पदसमह
ू म: शीषN यानी अंBतम पद आप सवNनाम ह=।
अत: H^केट मैच दे खने के शौक़oन आप पदसमह
ू ‘सवNनाम पदबंध‘ होगा।
अtय उदाहरण
• सदै व गल
ु ाब कo तरह मस
ु काने वाले तम
ु इतने उदास Eय& Zदख रहे हो।[शीषN
पद- तम
ु (सवNनाम)]
• वाद-\ववाद FBतयोqगता म: Fथम ~थान पाने वाला वह हर \वषय म: बहुत अ•छा है ।
[शीषN पद- वह (सवNनाम)]

3- Wवशेषण पदबंध- Hकसी वाEय म: जब एक से अqधक पद iमलकर Hकसी सं[ा या


सवNनाम कo \वशेषता Fकट करते ह=, तब उस पदसमह
ू को ‘\वशेषण पदबंध’ कहते ह=।
सरल पहचान
• \वशेषण पदबंध के शीषN म: \वशेषण पद होता है । जैसे-
मौiलक, कला€मक और Zदय[पश\ रचना Hकसी का भी मन मोह सकती है । [शीषN
पद- Zदय[पश\ (\वशेषण)]
• सं[ा व सवNनाम पदबंध म: शीषNपद से पीछे का भाग यानी आquत पदसमह
ू भी
\वशेषण पदबंध होता है ।जैसे -
एवरे ~ट सZहत कई Fमख
ु पवNत चोZटय& पर चढ़ने वाले अजन
ुN वाजपेयी को उसकo Uढ़
इ•छाशिEत ने सफलता के शीषN पर पहुँचाया है । [शीषN पद- वाले अजन
ुN वाजपेयी
यानी सं[ा से पहले आया है ।]
अtय उदाहरण
]म^ट; से बने बतNन ~वा~ƒय के iलए अ•छे होते ह=।
[शीषN पद- बने बतNन यानी सं[ा से पहले आया है ।]
कोयल कo तरह सरु Xला गाने वाले तम
ु आज अ•छा Eय& नहXं गा सके। [शीषN
पद- वाले तम
ु यानी सवNनाम से पहले आया है ।]

4. `aया पदबंध- Hकसी वाEय म: जब एक से अqधक H^यापद iमलकर एक इकाई के


„प म: H^या का कायN करते ह= , तब उनसे बना पदबंध ‘H^या पदबंध’ कहलाता है ।
सरल पहचान
इस पदबंध का शीषNपद H^या होता है ।जैसे -


•वह सामान लेकर आ गया होगा।
अMय उदाहरण
• नीलX qच…ड़या उड़ती चलX जा रहX थी।
• आज अpयापक जी दे र तक पढ़ाते चले गए।

5- `aयाWवशेषण पदबंध- Hकसी वाEय म: आया पदसमह


ू जब अ>यय
\वशेषकर H^या\वशेषण के „प म: FयE
ु त होता है , तब उसे ‘H^या\वशेषण पदबंध’
कहते ह=।
सरल पहचान
इसम: पदबंध H^या\वशेषण का कायN करता है , अqधकांशत: H^या म: कैसा/ कैसी/ कैसे/
कब लगाने पर उ‡र के „प म: Fाˆत होता है ।शीषNपद अ>यय होता है । जैसे -
•प€थर तेज़ गBत से ढलान पर लढ़ ु कता हुआ नीचे आया।
कैसे नीचे आया? तेज़ गBत से ढलान पर लढ़ ु कता हुआ
• रोहन सब ु ह से लेकर शाम तक पढ़ता रहता है ।
कब तक पढ़ता रहता है ? सब
ु ह से लेकर शाम तक
• सभी ज़ोर से qचnलाते हुए भाग रहे थे।
कैसे भाग रहे थे? ज़ोर से qचnलाते हुए
• \पछले वषN कd अपेeा यह वषN अqधक उलटफेर से भरा हुआ है ।
(शीषN पद- ‘कo अपेŒा’ संबंधबोधक यानी अ>यय है )
• हम: परू े मनोयोग से एकाRता के साथ वEता को सन
ु ना चाZहए।
(शीषN पद- ‘के साथ’ संबंधबोधक यानी अ>यय है )
डॉ. Wवनोद ‘iसन
ू ’

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