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सतत और व्यापक मूल्यांकन द्वारा अजय कुमार अनुरागी
सतत और व्यापक मूल्यांकन द्वारा अजय कुमार अनुरागी
SUBMITTED BY: T
AJAY KUMAR ANURAGI
(TRANIE, DEM SIEMAT, PRAYAGRAJ)
2021
-शैि क मू यांकन या है? सतत और ापक मू यांकन का अथ प करते ए
इसके गुण व दोश बताइए
’’छा के वहार म िव ालय ारा लाए गए प रवतन के िवशय म माण के संकलन और उसक
ा या करने क या ही मू यांकन है।’’ - िलन व ह ा
1. िश ण उ े य
2. अिधगम याएँ
3. वहार प रवतन।
िश ण उ े य
मू ां कन
ि या
य न हो, इन बात पर कह कोई यान नह दया जाता आर न ही इसका कह कोई थान होता
“The Zone of Proximal Development has been defined as the distance between
Vygotsky)
http://www.simplypsychology.org/zone-f-ProximalDevelopment.html
िव ेशण का िव तृत िववरण होगा। इसम व-मू यांकन, सहपाठी मू यांकन, ोजे ट काय और
खोज आधा रत अ ययन, ज, रोल ले, समूह काय, पोटफोिलयो आ द िश क मू यांकन सिहत
शािमल होगा।
360-िड ी, ब -आयामी काड
1. 21व सदी को ान क सदी कहा गया है। अतः नवाचारी सम या िनवारण क मता
3. ONE SIZE FITS ALL अथात् एक ही पैमाना सब के िलए लागू होता है के थान पर ब तरीय
े डंग से ब के िलए िविभ कार के िन मत कए जा सकगे।
4. परी ा के भय व मानिसक तनाव को ख म कया जा सके ।
आकलन है। िजसके ारा िविभ िविधय एवं उपकरण के मा यम से ब का आकलन कया जाता
है।
1. सतत् (Continuous)-
सतत् के साथ आकलन श द जुड़ा है। सतत् आकलन एवं क ा िश ण या दोन साथ-साथ चलने
वाली या है। इसे हम पृथक-पृथक प म नह देख सकते। यह िश ण अिधगम या का
समे कत भाग है। इसम ब े का आकलन सतत् एवं िनयिमत प से कया जाता है ,जो पूरे वष
औपचा रक एवं अनौपचा रक प से चलता रहता है। इसम न िसफ िवषय आधा रत बि क
सहशैि क याकलाप का भी सतत् आकलन कया जाता है, िजससे ब के वहार म वांिछत
प रवतन के साथ-साथ यह भी ात होता है क ब े ने या सीखा एवं कहाँ उसके साथ काय करने
होता है तथा वांिछत प रवतन लाने के िलए पया समय क आव यकता होती है। ापक आकलन,
सुझाव एवं िन कष :
सतत एवं ापक मू यांकन िव ा थय के आकलन का एक अ छा तरीका है ले कन इसका या वन
अ छे से नह हो पा रहा ह और इसके िलए सरकार को स त कदम उठाने क आव यकता है,तथा
िनरं तर िनगरानी बनाए रखने क ज रत है | लेिलन सतत एवं ापक मू यांकन का मु य उ े य
यह है क जो छा शेि क व था म भावी प से भाग लेने म असमथ है, उनके ऊपर दवाव कम
करना | हाँला क , णाली को वा तिवक िश ा क अलावा प रयोजनाय और गितिविधय पर
अिधक यान देने के िलए भी आलोचना क गयी ह | आलोचक का यह भी कहना है क छा के
मानिसक तर म कोई सुधार नह आया है, बि क परी ाय म कमी आई ह | छा का गितिविधय
म भाग लेना आव यक बना दया गया है,भले ही पा म को पूरा नह कया गया हो | अत:
सीसीई के काया वन के साथ – साथ िव ालय को उनके िश ण समय और सीसीई काम के समय
आवं टत करने के िलए एक उिचत काय म दान कया जाना चािहए | सतत एवं ापक मू यांकन
के लाभ ा करने के िलए स त िनरी ण कया जाना चािहए |
स दभ :
1.ncert.nic.in/pdf/announcement/CCE-hindi.pdf