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1-Iqlrdky Fokku D S Ikapo Sa Fu E D S Fufgrkfkz DH PPKZ DHFT, A
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पुस्तकालय विज्ञान के पााँचिें ननयम का उल्लेख भारतीय पुस्तकालयकार रङ्गनाथन गोपालकृष्णन द्िारा
ककया गया था और इसे "संग्रहलयन ननयम" कहा गया। यह ननयम पुस्तकालय की संग्रहलयन योजना को
विशेष रूप से सुननश्चचत करने के ललए है ।
यह ननयम उदाहरण स्िरूप और पुस्तकालय में उपलब्ध सामग्री के प्रभािी रूप से प्रबंधन की ओर प्रिवृ ि को
ददखाता है । संग्रहलयन ननयम के अनुसार, सामग्री को प्रभािी रूप से प्रबंधधत करने के ललए उपयुक्त स्थानों
तक पहुाँचाना चादहए ताकक उपयोगकतााओं को सही समय पर सही सामग्री उपलब्ध हो सके।
1. प्रभावी उपयोगकताा सेवा: संग्रहलयन ननयम का पालन करने से पुस्तकालय समय पर सही सामग्री प्रदान
करके उपयोगकतााओं को प्रभािी उपयोगकताा सेिा प्रदान कर सकता है ।
2. सामग्री की सही रखरखाव: संग्रहलयन ननयम के अनुसार, सामग्री को सही ढं ग से सुरक्षित रखना और
प्रबंधधत करना चादहए ताकक उसका उपयोग आसानी से हो सके और िह प्रभािी रूप से उपयोगकतााओं तक
पहुाँचा सके।
3. संग्रह की सुरक्षा: यह ननयम संग्रह की सुरिा के महत्िपूणा लसद्धांतों को पुनरािलोकन करता है श्जससे
सामग्री को उच्चतम स्तर पर सुरक्षित रखा जा सके।
4. सही समय पर सही स्र्ाि पर सही सामग्री: यह ननयम सामग्री को सही समय पर सही स्थान पर पहुाँचाने
के ललए संग्रहलय के आंतररक प्रबंधन को सनु नश्चचत करता है श्जससे उपयोगकतााओं को विशेषज्ञता के
दहसाब से सामग्री का प्रयोग करने में सहायता लमलती है ।
सच
ू ना का अधधकार अधधननयम (RTI Act) एक ऐसा कानन
ू है जो भारत सरकार द्िारा सन ् 2005 में पाररत
ककया गया था और इसका मख् ु य उद्दे चय सािाजननक व्यश्क्त को सरकारी इंफॉमेशन की पहुाँच को सनु नश्चचत
करना है । इसके तहत, नागररकों को सरकारी ननणाय, विचारधारा, और सचू ना को मांगने का अधधकार है ।
सच
ू िा का अधधकार अधधनियम का उपयोग पस्
ु तकालयों में :
सच
ू िा का अधधकार अधधनियम पस्
ु तकालयों में सावाजनिक संज्ञाि को बढाता है और उपयोगकतााओं को
अधधक सूचिा और जािकारी का उपयोग करिे में मदद करता है । इसके माध्यम से, पुस्तकालयों को
सावाजनिक समर्ाि बिा रहता है और समद
ृ धध की ददशा में उन्हें सहायता लमलती है ।
3- Ñf"k es a b Z&l alk/kuksa ¼lhb Zvkj,½ d alksfV;e d s mís';ksa vk Sj xfrfof/k;ksa ij laf{kIr esa
ppk Z dhft,A
1. उददे श्य:
संसाधि साझा करिा: CeRA का मुख्य उद्दे चय कृवष विज्ञान और प्रौद्योधगकी िेत्र में ई-स्रोतों के साझा
करने और पहुंचाने को बढािा दे ना है । यह संस्थाएं और अनुसंधानकतााओं को विलभन्न उपयोगकतााओं के
साथ अपने स्रोतों को साझा करने का माध्यम प्रदान करता है ।
शोध और उन्िनत का प्रोत्साहि: CeRA के जररए कृवष विज्ञान और तकनीकी िेत्र के अनस
ु ंधान में शोध और
विकास को बढािा दे ना है । यह उन्नत तकनीकी स्रोतों और डेटाबेसेस का उपयोग करके अनस
ु ंधानकतााओं को
सहायता प्रदान करता है जो नई और उन्नत तकनीकों की खोज में लगे हैं।
साझागी और सामूदहकता: CeRA का उद्दे चय साझागी और सामूदहकता को बढािा दे ना है , श्जससे विलभन्न
संगठनों और संस्थाओं को एक साथ काम करने का एक मंच प्रदान ककया जा सके।
2. गनतववधधयााँ:
ई-स्रोतों का संग्रहण और प्रबंधि: CeRA सदस्य संस्थाओं के बीच विलभन्न ई-स्रोतों का संग्रहण और प्रबंधन
करता है , श्जससे उपयोगकतााओं को एक एकल स्थान से विलभन्न स्रोतों का लाभ लमलता है ।
संस्र्ािों को समद
ृ धध में सहायता: CeRA उपयोगकतााओं को स्रोतों तक पहुाँचाने के साथ-साथ संस्थानों को
उनके अनुसंधान कायों में सहायता प्रदान करता है , श्जससे उन्हें समद्
ृ धध में मदद होती है ।
वैज्ञानिकों और अिुसंधािकतााओं के ललए प्रलशक्षण: CeRA द्िारा विलभन्न प्रलशिण कायाक्रमों का आयोजन
ककया जाता है श्जससे िैज्ञाननकों और अनुसंधानकतााओं को नए और उन्नत स्रोतों का सही तरीके से उपयोग
करना लसखने में मदद लमलती है ।
सच
ू िा प्रदाि करिा: CeRA सदस्य संस्थाओं को नई और महत्िपण
ू ा सच
ू नाओं और ररसचा पेपसा का
अधधग्रहण करने में सहायक होता है , जो उन्हें अपने िेत्र में निीनतम और उच्चतम गण
ु ििा की जानकारी
प्रदान करता है ।
संक्षेप में , कृवष ई-स्रोतों के ललए संघ (CeRA) के उददे श्य और गनतववधधयााँ ववलभन्ि संस्र्ाओं और
अिुसंधािकतााओं को एक सार् लािे और उन्हें ई-स्रोतों के सही तरीके से उपयोग करिे में सहायक होते हैं।
इसके माध्यम से उन्हें िई तकिीकों और ववज्ञाि में िवीितम उपयोग की स्स्र्नत लमलती है ।
4- i qLrdky; fo/kk;u dks ifjHkkf"kr dhft,A i qLrdky; fo/kk;u d s fofHkUu ?kVdksa dh ppk Z
dhft,A
1. संचालि निदे लशकाएाँ: यह घटक पुस्तकालय के संचालन को संबंधधत ननयमों और ददशाननदे शों के माध्यम से
ननयंत्रत्रत करता है । इसमें स्थानीय, राष्रीय, और अंतरराष्रीय स्तर पर संचालन के ललए ननदे लशत
गाइडलाइन्स शालमल हो सकती हैं।
2. सुरक्षा और संरक्षण: पुस्तकालय की सुरिा और संरिण के ललए विशेष ननदे श और ननयम इस घटक का
दहस्सा होते हैं। इसमें उपयोगकतााओं की जानकारी की सुरिा, सामग्री की सुरिा, और पुस्तकालय के संपवि
की रिा के ललए ननदे श शालमल हो सकते हैं।
3. सचु िा पहुंच और उपयोग: इस घटक में पस्
ु तकालय से संबंधधत सभी सच ु नाओं और संसाधनों के प्रबंधन के
ललए ननयम और ननदे श शालमल होते हैं। यह सनु नश्चचत करता है कक सचु ना सही से काया करती है और
लोगों को सही स्रोतों तक पहुाँचाई जा सकती है ।
4. उपयोगकताा अधधकार और कताव्य: इसमें पुस्तकालय के उपयोगकतााओं के अधधकार और कताव्यों को स्पष्ट
रूप से पररभावषत करने के ललए ननयम और ननदे श होते हैं। इसका उद्दे चय उपयोगकतााओं को सही और
नैनतक तरीके से पुस्तकालय का उपयोग करने के ललए है ।
5. ववधानयका का पुिरावलोकि और संशोधि: इस घटक में विधानयका को पुनरािलोकन और संशोधन की
प्रकक्रया को स्पष्ट रूप से वििरणणत ककया जाता है , ताकक यह सुननश्चचत हो सके कक िह समय-समय पर
नए आिचयकताओं और पररितानों के साथ समथान कर सकती है ।
राष्रीय पुस्तकालय राष्रीय राजमागा और शहरी ववकास संगठि (RRRLF) के उददे श्य और काया:
1. उददे श्य:
पुस्तकालय सुधार: RRRLF का मुख्य उद्दे चय भारतीय पुस्तकालयों को सुधारना और उन्हें आधनु नक
तकनीकीन, सुविधाओं, और सामधग्रयों से संपन्न करना है ।
पुस्तकालय सेवाओं को सुधारिा: RRRLF का उद्दे चय पुस्तकालय सेिाओं को बेहतर बनाना है ताकक लोगों को
विलभन्न स्रोतों और सुविधाओं का उपयोग करने में सुविधा हो।
पस्
ु तकालय ववकास का समर्ाि: यह संगठन पस्
ु तकालयों के विकास को प्रोत्सादहत करने के ललए उपयक्
ु त
साधन प्रदान करता है , ताकक िे अधधक संगदठत, अद्यनतत और लोगों को सेिाएं प्रदान करने में सिम हों।
ववलभन्ि लोगों के ललए सुलभ पहुाँच: RRRLF का मुख्य उद्दे चय है कक पुस्तकालय सेिाएं विलभन्न समुदायों
और लोगों के ललए सुलभ हों, ताकक सभी िगों के लोग इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें।
2. काया:
सुधारात्मक योजिाएं चलािा: RRRLF पुस्तकालयों को सुधारने के ललए विलभन्न योजनाओं का संचालन करता
है , श्जसमें आधनु नक सुविधाएं, कंप्यूटरीकृत प्रबंधन, और अन्य सुधारात्मक उपाय शालमल होते हैं।
उन्ित सुववधाएं प्रदाि करिा: RRRLF पुस्तकालयों को उन्नत सुविधाएं प्रदान करने में मदद करता है , जैसे
कक आधनु नक तकनीक, डडश्जटलीकृत सामग्री, और इंटरनेट का पहुाँच।
लशक्षा और प्रलशक्षण कायाक्रम: RRRLF विलभन्न पुस्तकालयों के कमाचाररयों के ललए लशिा और प्रलशिण
कायाक्रमों का आयोजन करता है ताकक िे नई तकनीकों और प्रबंधन के िेत्र में निीनतम ज्ञान प्राप्त कर
सकें।
ग्रांर्ालय से संबंधधत संगठिों का समर्ाि: RRRLF विलभन्न पस्
ु तकालयों के साथ सहयोग और संबंध स्थावपत
करके उन्हें संगदठत और सदृ
ु ढ बनाने में मदद करता है ।
गण
ु वत्ता से भरपरू सवु वधाएं प्रदाि करिा: RRRLF ने नई तकनीक, सवु िधाएं, और सामधग्रयों का प्रदान करके
पुस्तकालयों को गुणििा से भरपूर सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखा है ।
संक्षेप में , राष्रीय पुस्तकालय राष्रीय राजमागा और शहरी ववकास संगठि (RRRLF) का मुख्य उददे श्य
भारतीय पुस्तकालयों को सुधारिा और उन्हें आधनु िक तकिीकीि, सुववधाओं, और सामधग्रयों से संपन्ि
करिा है ताकक लोगों को अधधक सुववधा हो।
6- vkb Z,y, d s mís';ksa dh O;k[;k dhft,A
1. जागरूकता बढािा: ILA का प्रमुख उद्दे चय लोगों को पुस्तकालय और सूचना सािरता के महत्ि के प्रनत
जागरूक करना है । यह सुननश्चचत करना है कक लोग सूचना स्रोतों का सही और सकारात्मक तरीके से
उपयोग करने के ललए योजना बना सकते हैं।
4. सूचिा स्रोतों का सही उपयोग: ILA के उद्दे चयों में से एक है सूचना स्रोतों का सही और सुरक्षित तरीके से
उपयोग करने का उत्सादहत करना। यह लशिा और प्रलशिण के माध्यम से लोगों को सािधानीपूिक
ा सूचना
स्रोतों का इस्तेमाल करने की कला लसखाता है ।
5. ववदयाधर्ायों को समर्ाि प्रदाि करिा: ILA का एक महत्िपूणा उद्दे चय विद्याधथायों को सूचना सािरता और
अनुसंधान िमताओं में समथान प्रदान करना है । इसके माध्यम से, विद्याथी बेहतर सूचना प्राश्प्त और उसका
प्रभािी उपयोग करने के ललए योजना बना सकते हैं।
ILA के उपरान्त, लोग अपने सूचना संसाधनों को अधधक सकारात्मक और सही तरीके से प्रबंधधत करने के
ललए सिम होते हैं, जो समद्
ृ धध, सामाश्जक जागरूकता, और लशिा में सुधार का माध्यम बनता है ।