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01-Dec-21

THE VILLAGERS ACADEMY


RAS MAINS (Question – Answer) SERIES

समाजशा , बंधन , लेखांकन एवं अंके ण

.भारत म जाित की सं रण(Hierachy) व था को समझाइए?(50 श )

उ र- भारत म जाितयों के म असमान थित िव मान ह। समाज म उ ता और


िन ता के आधार पर आरोही अथवा अवरोही मब ता पर आधा रत जातीय सं रण
व था है ।

जाित की उ ता और िन ता का िनधारण समाज म उसकी धािमक ित ा, वसाय,खान-


पान,पिव ता और अपिव ता आिद से परं परागत प म िनधा रत की गई है ।

जाित की ज आधा रत इस जीवनपयत सद ता को समाजशा यों ने दत- थित


कहा है । सद ता ज आधा रत होने के कारण यह सं रण थर तथा अप रवतनशील
है ।

.'जाित,वग, वसाय'-पु क के ले खक का नाम िल खये (15 श )

उ र- 'जाित,वग, वसाय'- पु क के लेखक गोिव सदािशव घुय ह।

.दोहरा ले खा णाली को समझाइए?(15 श )

उ र- लेखां कन म बहीखाता की प ित के प म दोहरा लेखा णाली या दोहरी खतान


णाली के अं तगत िकसी खाते की िवि के सं गत िकसी दू सरे खाते म एक िवपरीत िवि
आव क होती है ।

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01-Dec-21
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RAS MAINS (Question – Answer) SERIES

समाजशा , बंधन , लेखांकन एवं अंके ण

.िवपणन की आधु िनक अवधारणा का मह समझाइए?(50श )

उ र- आधुिनक या सामािजकीय िवपणन अवधारणा समाजमूलक िवपणन धारणा है िक


िकसी भी वसाियक संगठन को सामािजक एवं नै ितक प ों पर भी बल दे ना आव क है ।

िवपणन की आधुिनक अवधारणा ेक वसाियक सं था को बाजार आव कताओं,


ाहकों की इ ाओं के साथ सामािजक दािय को पू रा करने को िनदिशत करती है ।

अतः है िक िवतरण की आधुिनक अवधारणा या सामािजकीय िवपणन अवधारणा


ाहक सं तुि के साथ ही दीघकालीन समाज क ाण पर भी कि त है । यह ' ाहक धान
िवपणन अवधारणा' म एक सु धार है ।

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