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भारतीय साक्ष्य अधिधियम 2023

आपराधिक न्याय प्रशासन से सम्बधन्ित तीन मख्ु य धिधि –


1- भारतीय दण्ड संधिता
2- दण्ड प्रधिया संधिता
3- भारतीय साक्ष्य अधिधनयम
को िततमान समाज के अनरू ु प पररिधततत करने , धिज्ञान एिं तकनीक के अद्यतन धिकास को
सधम्मधित करने एिं धडधजटिाईजेशन को िततमान धिधि में शाधमि करने के धिए इन पर
व्यापक धिचार धिमशत धकया गया । माननीय उच्चतम न्यायािय एिं उच्च न्यायािय के
न्यायिीशों सांसदो, धििायकों , प्रशासकों और धिधि धिश्वधिद्याियों तथा समाज के प्रबद्ध ु
िोगों के धिचार आमंधित धकये गये । गिन धिचार धिमशत के बाद भारतीय दण्ड संधिता के
स्थान पर भारतीय न्याय सधं िता 2023 , दण्ड प्रधिया सधं िता के स्थान पर भारतीय नागररक
सरु क्षा संधिता 2023 एिं भारतीय साक्ष्य अधिधनयम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य
अधिधनयम 2023 संसद के दोनों सदनों से पाररत कराया गया धजस पर राष्ट्रपधत मिोदया की
स्िीकृधत धदनांक 25/12/2023 को प्राप्त िुयी । ये तीनों सधं िताये आपराधिक न्याय प्रशासन
की प्रमख ु धिधियााँ िो गई िै । इनके िागू करने की धतधथ अभी घोधित निी की गयी िै । उक्त
संधिताओ ं में यि प्राििान धकया गया िै, धक यि उस धतधथ को िागू िोगी, जो धतधथ के न्र
सरकार शासकीय गजट में अधिसचू ना द्वारा धनयत करे गी ।
भारतीय साक्ष्य अधिधनयम 2023 में धकये गये मह्त्तिपर्ू त पररिततन –
1- िततमान अधिधनयम को अंग्रेजी में Indian Evidence Act तथा धिन्दी में भारतीय
साक्ष्य अधिधनयम किा जाता िै । निीन अधिधनयम BSA को अग्रं ेजी में भारतीय
साक्ष्य अधिधनयम किा जायेगा ।
2- िततमान अधिधनयम IEA की उद्देधशका में साक्ष्य धिधि का समेकन, पररभािा और
सशं ोिन उधलिधखत िै, धजसका उद्देश्य य आपराधियो को दण्ड देना िै जबधक निीन
अधिधनयम BSAकी उद्देधशका में स्पट क धकया गया िै धक धनष्ट्पक्ष धिचारर् को सधु नधित
करने के धिए सामान्य धनयमों और धसद्धान्तों को समेधकत करने ि उपबधन्ित करने के
धिए यि अधि0 िै ।
3- िततमान अधिधनयम IEA में सम्पर्ू त धिधि को 03 भागों और 11 अध्यायों में धिभाधजत
धकया गया िै । भाग-1 तथ्यो की ससु गं धत िारा (1 से 55) भाग -2 सबतू के धििय में
(िारा 56 से िारा 100) भाग – 3 (िारा 101 से 167) साक्ष्य का पेश धकया जाना
और प्रभाि िै । निीन अधिधनयम BSAको 4 भागों और 12 अध्यायों में धिभाधजत
धकया गयािै । भाग – 1 (िारा 1 और िारा 2) प्रारधम्भक , भाग – 2(िारा 3 से िारा
50) तथ्यों के ससु ंगत, भाग-3 सबतू के धििय में (िारा 51 से 103) , भाग – 4 (104
से 170) साक्ष्य का पेश धकया जाना और प्रभाि िै ।
4- िततमान धिधि में क्षेिीय धिस्तार से सम्बधन्ित प्राििान को िटाया गया िै । निीन
अधिधनयम BSAमें यि निी अंधकत धकया गया िै धक इसका क्षेिाधिकार किााँ तक
िोगा, पिू त धिधि IEA मे प्राििान िै धक इस अधिधनयम का धिस्तार सम्पर्ू त भारत पर
िै । इसका कारर् यि िै धक भारतीय साक्ष्य अधिधनयम 2023 के भारत से परे धडधजटि
रूप से धकये गये अपरािों पर िागू िोने के सम्बन्ि में कोई संशय ना रिे । िारा 3 में दी
गयी भारत की पररभािा को भी िटाया गया िै ।
5- िततमान अधिधनयम में प्राििान िै, धक यि सैन्य न्यायाियों पर िागू निी िोगी । निीन
भारतीय साक्ष्य अधिधनयम 2023 में िारा 1 में प्राििान धकया गया िै धक यि सैन्य
न्यायाियों पर भी िागू िोगी ।
6- निीन अधिधनयम BSA में पिू त में धनरधसत की गयी िारा 2 जो धनरसन से सम्बधन्ित िै,
उसमें पररभािाएं दी गयी िै ।
7- िततमान अधिधनयम IEA की िारा 3 ि िारा 4 में भारतीय साक्ष्य अधिधनयम में प्रयक्तु
शब्द एिं पदों को प्रस्तर िार पररभाधित धकया गया िै ।
8- भारतीय साक्ष्य अधिधनयम 2023 की िारा 2 की उपिारा 1 में िततमान अधिधनयम
IEA की िारा 3 और 4 में प्रस्तर िार दी गयी पररभािाओ ं को सधम्मधित धकया गया िै
। निीन अधिधनयम BSA की िारा 2 में अग्रं ेजी की िर्तमािा के िम में सभी
पररभािाओ ं को रखा गया िै । धनम्न पदों को पररभाधित धकया गया िै –
क- न्यायािय(Court) ख- धनिायक सबतू (conclusive proof) ग-
नासाधबत(disproved) घ-दस्तािेज(Document) ड- साक्ष्य(Evidence) च –
तथ्य(Fact) छ- धििाद्यक तथ्य(Facts in issue) ज- उपिारर्ा कर सके गा(may
presume) झ- साधबत निी िुआ(not proved) ञ- साधबत(proved) ट-
ससु ंगत(relevant) ठ- उपिारर्ा करे गा (shall presume)
9- िारा 2 की उपिारा 2 में यि प्राििान धकया गया िै, धक इस अधिधनयम में प्रयक्त
ु शब्द
और पद जो इसमें पररभाधित निी धकये गये िै उनका ििी अथत िोगा जो सचू ना
प्रौघोधगकी अधि0 2000 ,भारतीय न्याय संधिता और भारतीय नागररक सरु क्षा संधिता
2023 में धदया गया िै । यि िारा इस प्रकार िैैः-
‘इसमें प्रयक्त
ु शब्द और पद जो इस अधिधनयम में पररभाधित निी िै, धकन्तु सचू ना
प्रौघोधगकी अधि0 2000, नागररक सरु क्षा संधिता 2023 और भारतीय न्याय संधिता
2023 में पररभाधित िै का िमशैः ििी अथत िोगा जो उनका उक्त अधिधनयम और
संधिता में िै’ ।
10- दस्तािेज की पररभािा 2(1)(घ) को िततमान धडधजटि यगु के अनरू ु प
पररभाधित धकया गया िै । अब इिेक्ट्राधनक ि धडधजटि अधभिेखों को भी दस्तािेज
की श्रेर्ी में रखा गया िै । उक्त िारा के साथ जडु े 5 दृट कान्तों को यथाित रखा गया िै ।
ये इस प्रकार िै – 1- िेख दस्तािेज 2- मधु रत धशिामधु रत या फोटोधचि दस्तािेज 3-
मानधचि या रे खांक दस्तािेज 4- िातपु ट्ट या धशिा पर उत्कीर्त िेख 5- उपिासांकन
दस्तािेज
11- नया छठा दृट कान्त जोडा गया िै , जो स्पट क करता िै, धक ई-मेि, सितर िाग,
कम््यटू र, िैपटाप या स्माटत फोन, मैसेज, बेबसाईट, अिधस्थधत (िोके शन) साक्ष्य में
इिेक्ट्राधनकी अधभिेख और धडधजटि यधु क्तयों में भंडार धकये गये िायस मेि मैसेज
दस्तािेज िै ।
12- दस्तािेजी साक्ष्य के धिए आिश्य यक निी िै, धक उसे धकसी पदाथत पर संकेतो,
अक्षरों, धचन्िों के माध्यम से अंधकत धकया जाये । कोई भी मैटर जो अक्षरों, अंको,
धचन्िों द्वारा या अन्यथा ररकाडत धकया गया िै , िि भी दस्तािेज की पररधि में आयेगा ।
इससे स्पट क िै, धक मोबाईि पर की गयी िीधडयों ररकाधडिंग भी दस्तािेजी साक्ष्य िै ।
13- नये अधि0 की िारा 2 (ई) में साक्ष्य को पररभाधित धकया गया िै । इसमें इिेक्ट्राधनक
माध्यम से धकये गये कथन को भी मौधखक साक्ष्य माना गया िै । साक्ष्य से अधभप्रेत िै,
और उसके अन्तगतत आते िै-
1- सभी कथन धजसके अन्तगतत इिेक्ट्राधनकी रूप से धदए गए कथन सधम्मधित िै, धजसे
न्यायािय जांचािीन तथ्य के धिियों के सम्बन्ि में अपने समक्ष साधक्षयों द्वारा धकये
जाने की अनज्ञु ा देता िै, या अपेक्षा करता िै और ऐसे कथन मौधखक साक्ष्य कििाते
िै ।
2- न्यायािय के धिरीक्षर् के धिए पेश धकये गये सभी दस्तािेज, धजसके अन्तगतत
इिेक्ट्राधनक या धडधजटि अधभिेख भी िै और ऐसे दस्तािेज, दस्तािेजी साक्ष्य
कििाते िै ।
14- िततमान अधिधनयम की कई िाराओ ं में यि स्पट कीकरर् सधम्मधित था धक इस
िारा में प्रयक्त
ु पद का ििी अथत िोगा जो सचू ना प्रौघोधगकी अधि0 2000 में िै । निीन
अधिधनयम BSAकी िारा 2 (2) में स्पट कतैः प्राििान धकया गया िै धक उक्त अधिधनयम
की पररभािा, भारतीय साक्ष्य अधिधनयम 2023 में पररभाधित ना धकये गये शब्द और
पदों पर िागू िोगी । अतैः इस सम्बन्ि में उन िाराओ ं के साथ धदये गये स्पट कीकरर्ों को
िटा धदया गया िै।
15- भारतीय नागररक सरु क्षा सधं िता 2023 की िारा 530 में िादी एिं साधक्षयों को पररधक्षत
करने के धिए इिेक्ट्राधनक तरीके को मान्यता दी गयी िै ।
16- िततमान अधिधनयम IEAमें माि इिेक्ट्राधनक ररकाडत को दस्तािेजी साक्ष्य माना जाता
था, धडधजटि ररकाडत का स्पट क उलिेख साक्ष्य की पररभािा में निी धदया गया था ।
17- निीन अधि0 में कुि 170 िारायें िै जबधक िततमान अधिधनयम IEAमें कुि 167
िारायें िै।
18- िततमान अधिधनयम IEAकी 5 िाराओ ं को धनरधसत धकया गया िै, एक नई िारा को
जोडा गया िै ।
19- धिधटश कािीन शब्दाििी एिं अप्रयक्त ु शब्दाििी को िटाया गया िै ।

स्वीकृधत से सम्बधधित प्राविाि –


िततमान अधि0 IEA की िारा 17 में स्िीकृधत को पररभाधित धकया गया िै, इस िारा के
अनसु ार स्िीकृधत िि मौधखक या दस्तािेजी इिेक्ट्राधनक रूप मे अन्तधितट क कथन िै, जो
धकसी धििाद्यक तथ्य या ससु ंगत तथ्य के बारे में कोई अनमु ान इधं गत करता िै, और जो
ऐसे व्यधक्तयों में से धकसी के द्वारा और ऐसी पररधस्थधतयों में धकया गया िै, जो एतधस्मन
पिात िधर्तत िै-
िारा 18 में स्िीकृत कायतिािी की पक्षकार या उसके अधभकतात द्वारा धकया जाना िधर्तत
िै ।
िारा 19 में उन व्यधक्तयों की स्िीकृधतयााँ, धजनकी धस्थधत िाद के पक्षकारों के धिरूद्ध
साधबत की जानी चाधिए, उधलिधखत िै ।
िारा 20 में िाद के पक्षकार द्वारा अधभव्यक्त रूप से धनधदतट क व्यधक्तयों द्वारा की गयी
स्िीकृधतयों का उलिेख िै ।
िारा 21 में स्िीकृधतयों का उन्िें करने िािे व्यधक्तयों के धिरूद्ध , उनके द्वारा या उनकी
ओर से साधबत धकया जाना िधर्तत िै ।
िारा 22 में यि उलिेख धकया गया िै, धक दस्तािेजों की अन्तितस्तु के बारे में मौधखक
स्िीकृधतयााँ कब ससु ंगत िोती िै।
िारा 22 क में यि बताया गया िै धक कब इिेक्ट्राधनकी अधभिेखों के अन्तितस्तु के बारे
में मौधखक स्िीकृधतयााँ ससु गं त िै ।
िारा 23 में यि उलिेख धकया गया िै, धक धसधिि मामिों में स्िीकृधतयााँ कब ससु ंगत
िोती िै ।
िारा 31 में उलिेख िै धक स्िीकृधतयााँ धनिायक सबतू निी िै, धकन्तु धिििं कर सकती
िै ।
निीन अधिधनयम BSA मे स्िीकृधत की अििारर्ा में कोई पररिततन निी धकया गया िै ।
सारे प्राििान यथाित रखे गये िै । इस अधिधनयम की िारा 22 ए को धनरधसत धकया
गया िै ।
िारा 23 के स्पट कीकरर् में िततमान में अप्रासधं गक िो चक ु े बैररस्टर रीडर अटानी िकीि
शब्द को िटा कर के अधििक्ता शब्द रखा गया िै ।
निीन अधिधनयम में स्िीकृधत से सम्बधन्ित िाराओ ं में बदिाि धकया गया िै । िारा 17
के स्थान पर िारा 15, िारा 18 के स्थान पर िारा 16, िारा 19 के स्थान पर िारा 17,
िारा 20 के स्थान पर िारा 18, िारा 21 के स्थान पर िारा 19, िारा 22 के स्थान पर
िारा 20 , िारा 23 के स्थान पर िारा 21, िारा 31 के स्थान पर िारा 25 को
प्रधतस्थाधपत धकया गया िै ।
सस्ं वीकृधत से सम्बधधित प्राविाि
वततमाि साक्ष्य अधिधियम IEA में संस्िीकृधत को पररभाधित निी धकया गया िै,
पकािा नारायर् स्िामी बनाम एम्परर के मामिे में धप्रिीकाउधन्सि ने यि मत व्यक्त
धकया था धक संस्िीकृधत शब्द से, धजस रूप में से साक्ष्य अधि0 में प्रयक्त
ु धकया गया िै,
यि अथत निी िगाया जा सकता धक यि धकसी अधभयक्त ु द्वारा धकया गया ऐसा कथन
धजससे यि अनमु ान िगाया जा सके धक उसने अपराि धकया िै । संस्िीकृत में या तो
सीिे सीिे अपराि की अथिा कम से कम सारतैः उन सब तथ्यों की स्िीकृत िोना
चाधिए धजससे धमिकर अपराि गधठत िोता िै । गंभीर रूप से दोिारोपर् करने िािे
तथ्य की स्िीकृधत भी अपने आप में स्िीकृत निी िै ।
उच्चतम न्यायािय ने पिधिन्दर कौर बनाम पंजाब राज्य के मामिे में इसे
अनमु ोधदत धकया और यि अब धनिातररत धकया धक धकसी अधभयक्त ु व्यधक्त द्वारा धकया
गया कथन के िि तभी संस्िीकृत िै जब कथन मे स्ियं अपने द्वारा अपराि का धकया
जाना अथिा अपराि का गठन करने िािे तथ्यों को , स्िीकार धकया जाता िै ।
1-िततमान अधिधनयम IEAकी िारा 24 से िारा 29 तक में संस्िीकृधत से सम्बधन्ित
प्राििान समाधिट क था । निीन अधिधनयम BSAकी िारा 22 एिं िारा 23 में सस्ं िीकृधत से
सम्बधन्ित प्राििान शाधमि धकये गये िै, इस प्रकार िारा 24,25,26,27,28,29 इन 6
िाराओ ं की धििय िस्तु को 2 िाराओ ं में समाधित धकया गया िै ।
2- िततमान अधिधनयम IEAकी िारा 24,28 और 29 में माि उत्प्रेरर्ा , िमकी ि िचन से
करायी गयी सस्ं िीकृधत का िर्तन िै । निीन अधिधनयम BSAमें उत्प्रेरर्, िमकी ि िचन के
साथ प्रपीडन को भी शाधमि धकया गया िै ।
4-निीन अधिधनयम BSAकी िारा 22 के प्रथम प्रस्तर में िततमान अधिधनयम IEAकी िारा
24 की धििय िस्तु को सधम्मधित धकया गया िै ।
5- निीन अधिधनयम BSAकी िारा 22 के धद्वतीय प्रस्तर में िततमान अधिधनयम IEAकी
िारा 28 से सम्बधन्ित प्राििान को परन्तक ु के रूप में शाधमि धकया गया िै ।
7- इस प्रकार, पधु िस से इतर व्यधक्तयों से की गयी संस्िीकृधत से सम्बधन्ित सम्पर्ू त धिधि को
एक िी िारा 22 में प्रधिट क धकया गया िै ।
6- निीन अधिधनयम BSAकी िारा 22 के ततृ ीय प्रस्तर में िततमान अधिधनयम IEAकी
िारा 29 से सम्बधन्ित प्राििान को परन्तक ु के रूप में शाधमि धकया गया िै ।
निीन अधिधनयम BSAकी िारा 22 इस प्रकार िै धक अधभयक्त ु व्यधक्त द्वारा की गयी
संस्िीकृधत दाधण्डक कायतिािी में धिसगं त िोती िै, यि उसके धकये जाने के बारे में न्यायािय
को प्रतीत िोता िो धक अधभयक्त ु व्यधक्त के धिरूद्ध आरोप के बारे में िि ऐसी उत्प्रेरर्ा,
िमकी, प्रपीडन या िचन द्वारा करायी गयी िै । जो प्राधिकारिान व्यधक्त की ओर से धदया
गया िै, और जो न्यायािय की राय इसके धिए पयातप्त िो धक िि अधभयक्त ु व्यधक्त को यि
अनमु ान करने के धिए उसे यधु क्तयक्त
ु प्रतीत िोने िािे आिार देती िै धक उसके करने से िि
अपने धिरूद्ध कायतिाधियों के बारे में ऐधिक फायदा उठायेगा या ऐधिक रूप से की गयी
धकसी बरु ाई का पररिजतन कर िेगा ।
परन्तु यधद स्िीकृधत ऐसे धकसी उत्प्रेरर्ा, िमकी , प्रपीडन या िचन से काररत िुआ िै, पर्ू ततैः
दरू िो जाने पिात की गयी िै, तो िि ससु ंगत िै
परन्तु यि ऐसी सस्ं िीकृधत अन्यथा ससु गं त िै तो िि के िि इसधिए धक िि गप्तु रखने के
िचन के अिीन या उसे अधभप्राप्त करने के प्रयोजनाथत अधभयक्त ु व्यधक्त से की गई प्रिंचना
के पररर्ामस्िरूप या उस समय जबधक यि मत था, की गई थी या इसधिए की गई थी धक
िि ऐसे प्रश्नों के चािे उनका रूप कै सा िी क्ट्यो न रिा िो, उतर में की गई थी, धजनका उतर
देना उसके धिए आिश्य यक निी था, या के िि इसधिए धक उसे यि चेतािनी निी दी गई थी,
धक िि ऐसी सस्ं िीकृधत करने के धिए आबद्ध निी था और धक उसके धिरूद्ध उसका साक्ष्य
धदया जा सके गा, धिसंगत निी िो जाती ।
8- निीन अधिधनयम BSAकी िारा 23 में पधु िस से की गयी संस्िीकृधत या पधु िस
अधभरक्षा में की गयी सस्ं िीकृधत धिियक प्राििान रखे गये िै ।
9- निीन अधिधनयम BSAकी िारा 23 की उपिारा 1 में िततमान अधिधनयम IEAकी िारा
25 के कन्टेट को रखा गया िै ।
10- इसकी दसू री उपिारा में िततमान अधिधनयम IEAकी िारा 26 से सम्बधन्ित प्राििान
को सधम्मधित धकया गया िै।
3- िततमान अधिधनयम IEAकी िारा 26 के साथ स्पट कीकरर् जोडा गया था, जो मधजस्रेट
शब्द को स्पट क करता था । निीन अधि0 में मधजस्रेट से सम्बधन्ित स्पट कीकरर् को धनरधसत
कर धदया गया िै ।
निीन अधिधनयम की िारा 23 इस प्रकार िै पधु िस अधिकारी से की गई संस्िीकृधत –
िारा 1- धकसी पधु िस अधिकारी से की गयी कोई भी संस्िीकृधत धकसी अपराि के अधभयक्त

व्यधक्त के धिरूद्ध साधबत न की जायेगी ।
2 कोई भी संस्िीकृधत जो धकसी व्यधक्त ने उस समय की िो जब िि पधु िस अधिकारी की
अधभरक्षा में िो, उसके धिरूद्ध साधबत न की जाएगी जब तक धक िि मधजस्रेट की साक्षात
उपधस्थधत में न की गई िो,
परन्तु जब धकसी तथ्य के बारे में यि अधभसाक्ष्य धदया जाता िै धक धकसी अपराि के अधभयक्त ु
व्यधक्त से, जो पधु िस अधिकारी की अधभरक्षा में िो , प्राप्त जानकारी के पररर्ामस्िरूप उसका
पता चिा िै तब ऐसी जानकारी में से , उतनी चािे िि सस्ं िीकृधत की कोधट में आती िो या
निी, धजतना पता चिे िुए तथ्य से स्पट कतया सम्बधन्ित िै, साधबत की जा सके गी ।
11- निीन अधिधनयम BSAकी िारा 23 के ततृ ीय प्रस्तर में िारा 27 से सम्बधन्ित
प्राििान को परन्तक
ु के रूप में सधम्मधित धकया गया िै ।
स्िीकृधत एिं संस्िीकृधत में अन्तर-
1- सस्ं िीकृधत के बारे में सभी प्राििान स्िीकृधत शीितक में धदये गये िै, इससे स्पट क िै धक
स्िीकृधत शब्द अधिक व्यापक िै । इसमें सस्ं िीकृधत भी सधम्मधित िै । स्िीकृधत जाधत िै और
संस्िीकृधत उसकी शाखा । अतैः समस्त संस्िीकृधतयााँ स्िीकृधत िै, धकन्तु समस्त स्िीकृधत
संस्िीकृधतयां निी िै ।
2 संस्िीकृत िि कथन िै, जो अधभयक्तु व्यधक्त द्वारा धकया जाता िै, धजसमें स्पट कतया अपने
अपराि को स्िीकार करता िै, या अपराि गधठत करने िािे तथ्यों को सारतैः स्िीकार करता
िै, जबधक स्िीकृत िि कथन िै, जो धििाद्यक या ससु ंगत तथ्य के बारे मे कोई अनमु ान इधं गत
करता िै ।
3- संस्िीकृत अपराि के दोिी िोने की स्िीकृधत िै, अतैः यि सदैि उसके करने िािे के
धिरूद्ध िोती िै । जबधक स्िीकृधत का प्रयोग िारा 21 में उपबधन्ित अपिादो के
अन्तगतत स्िीकृत कतात अपने पक्ष में कर सकता िै ।
4- संस्िीकृत के िि आपराधिक मामिों में िी की जाती िै, जबधक स्िीकृधत धसधिि ि
आपराधिक दोनों मामिों में की जाती िै ।
5- यधद दो या दो से अधिक व्यधक्त एक िी मामिे में सि अधभयक्त ु िो तो एक की
संस्िीकृत दस् रे के धिरूद्ध धिचार में िी जा सकती िै, जबधक धदिानी मामिे में एक
की स्िीकृधत दसू रे के धिरूद्ध साक्ष्य निी िोती ।
6- यधद संस्िीकृत स्िेच्छा पिू तक की गयी िै, तो िि न्यायािय द्वारा स्िीकार की गई
बातों के सन्दभत में धनिायक रूप से प्रधतगिृ ीत की जा सकती िै, जबधक स्िीकृधत
स्िीकार की गई बातो का धनिायक सबतू निी िै, इसका खण्डन धकया जा सकता िै,
जब तक धक यि धििंि के रूप में पररिधततत न िो ।
7- गप्तु रखने के िचन के आिार पर धसधिि मामिों मे की गई संस्िीकृधत ग्राह्य निी
िोती जबधक िारा 29 के अनसु ार गप्तु रखने के िचन के आिार पर प्राप्त की गई
संस्िीकृधत ग्राह्य िोती िै ।
8- संस्िीकृधत उसी व्यधक्त द्वारा की जा सकती िै, धजस पर धकसी अपराि का अधभयोग
िो, जबधक स्िीकृधत पक्षकार ि उसके अधिकतात द्वारा की जा सकती िै ।
9- स्िीकृधत धकसी प्राधिकारिान व्यधक्त के प्रधत की जा सकती िै, जबधक संस्िीकृधत
प्राधिकारिान व्यधक्त से प्रभाि में आकर की गई िै, तो अग्राय िोगी ।

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