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अपठित गद्यांश
अपठित गद्यांश
का
प्रस्तत
ु ीकरण
अपठित का अर्थ
अपठित का अर्थ होता है ‘जो पढ़ा नहीं गया हो’।
यह किसी पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं लिया जाता है।
यह कला, विज्ञान, राजनीति, साहित्य या अर्थशास्त्र, किसी भी विषय का हो
सकता है।
इनसे सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं।
इससे छात्रों का मानसिक व्यायाम होता है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है।
इससे छात्रों की व्यक्तिगत योग्यता व अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है।
अपठित गद्यांश से सम्बन्धित प्रश्नों को हल करने के पूर्व की सावधानियां-
में जितना पूछा जाए केवल उतना
नोंशगद्यांश
केपढ़ते उत्तर
द्यांश
दित्तर सरलकेचाहिए, कावकम-से-कम
समय
प्रश्नों मुख्य
संक्षिप्त
केकज़्यादा
शीर्ष उत्तर
पूछावया
दिए
लिखना गए
दों मेंअनावश्यक
देने गद्यांश
उससे
चाहिए, साथको हीं
तों
एतेथा
द्यांश को
जतोसमय शीर्षरेखांकित
होने कचाहिए।
भाषानहीं एकदम
गद्यांश
होनाअपनी कर
के चाहिए।
शुरु
या नअंत
त,
षासरल सेमेंउत्तर
उत्तर
मेंदेना
सेपढ़ना
मेंहोनी
हीं
प्रसंग
छिपा
उत्तर छाँटने
चाहिए।
के अनुसार
देनारहता
चाहिए। है।होना
चाहिए।
चाहिए।
चाहिए।
चाहिए।
उदाहरण
स्वार्थ और परमार्थ मानव की दो प्रवृत्तियां हैं| हम अधिकतर कार्य अपने
लिए करते हैं | ‘पर’ के लिए सर्वस्व बलिदान करना ही सच्ची मानवता है |
यही धर्म है, यही पुण्य है | इसे ही परोपकार कहते हैं | प्रकृ ति हमें निरंतर
परोपकार का संदेश देती है | नदी दूसरों के लिए बहती है| वृक्ष जीवों को
छाया तथा फल देने के लिए ही धूप,आंधी, बर्षा और तूफानों में अपना
सबकु छ बलिदान कर देते हैं|
प्रश्न उत्तर
प्रश्न उत्तर