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Arms Act 1959 in Hindi Power Point Presentation
Arms Act 1959 in Hindi Power Point Presentation
MANJU
POLICE INSPECTOR
रखने के लिए लाइसेंस की आवष्यकता होती हैं। यदि किसी व्यक्ति के पास इस धारा के अन्तर्गत दिये
गये नियमों के मुताबिक 02 से अधिक हथियार हैं तो अधिक हथियारों को निकटतम पुलिस थाने के
अन्तर्गत जमा करायेगा तथा कोई व्यक्ति बिना अनुज्ञप्ति के अग्न्यायुध एवं गोलाबारूद नहीं रखेगा।
लेकिन कोई व्यक्ति लाइसेंस धारक की सहमति से उसके हथियार को नवीनीकरण या मरम्मत के लिए
उस लाइसेंस वाले व्यक्ति की उपस्थिति में या उसके लिखित अधिकार के अधीन लेकर वहन कर
सके गा।
यदि के न्द्रीय सरकार की राय हो कि किसी क्षेत्र में विद्यमान परिस्थितियों को ध्यान में
रखते हुए, लोकहित मंे यह आवष्यक या समीचीन हैं, अग्न्यायुधों से भिन्न आयुधों
का भी अर्जन, कब्जे में रखना या वहन विनियमित किया जाना चाहिये, तो वह
शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निदेष दे सके गी कि अधिसूचना मंे विनिर्दिष्ट
क्षेत्र को यह धारा लागू होगी और तदुपरि कोई भी व्यक्ति ऐसे वर्ग या वर्णन के आयुध
जैसे अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं उस क्षेत्र में जब तक न तो अर्जित करेगा, न
अपने कब्जे मे रखेगा या लेकर चलेगा जब तक कि वह इस अधिनियम और
तद््धीन बनाये गये नियमों के उपबंधों के अनुसार दी गई अनुज्ञप्ति इस निमित
धारित न करता हो।
(क) धारा 5 के उल्लंघन में किसी भी आयुध या गोला बारूद का विनिर्माण, विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन,
मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा, या उसे विक्रय या अंतरण के लिए अभिदर्षित या प्रस्थापित करेगा
या विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए अपने कब्जे में रखेगा अथवा
(ख) धारा 6 के उल्लंघन में किसी अग्न्यायुध की नाल को छोटी करेगा या नकली अग्न्यायुध को
अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करेगा अथवा
वर्ष 2019 संषोधन- जिसकी अवधि 7 वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो 14 वर्ष
तक की हो सके गी’’ प्रतिस्थापित किये गये हैं। इसके अलावा यह परन्तुक भी प्रतिस्थापित
किया गया है - ’’परन्तु न्यायालय निर्णय में लेखबद्ध किये जाने वाले पर्याप्त और विशेष
कारणों से 7 वर्ष से कम की अवधि के कारावास का कोई दण्ड अधिरोपित कर सके गा।’’
अग्न्यायुध छीन लेता है, वह ऐसे कारावास से दण्डनीय होगा जिसकी अवधि 10
वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सके गी और
जुर्माने का दायी होंगे ( आयुध (संशोधन) अधिनियम 2019 के द्वारा नयी
जोडी गयी।)
- जो कोई धारा 7 के उल्लंघन में किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोला बारूद
की गई अधिसूचना के उल्लंघन में अपने कब्जे में रखता हैं या धारा 24ख के अधीन जारी
की गई अधिसूचना के उल्लंघन में वहन करता हैं या अन्यथा अपने कब्जे मंे रखता हैं, वह
कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक की हो
सकती हैं, दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
(धारा 24 क- उपद्रवग्रस्त क्षेत्र आदि मे अधिसूचित आयुधों के कब्जे का प्रतिषेध आदि)
1ख. जो कोई-
(क) धारा 03 के उल्ंलघन में कोई अग्नायुध या गोला बारूद अर्जित करेगा, अपने कब्जें में रखेगा या
वहन करेगा या
(ख) धारा 4 के अधीन अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किसी भी स्थान में ऐसे वर्ग या वर्णन के जैसा उस
अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया गया हो, कोई भी आयुध उस धारा के उल्लंघन में अर्जित करेगा अपने
कब्जे में रखेगा या वहन करेगा या (अग्नेयुध से अतिरिक्त आयुध जो राज्य सरकार द्वारा निषेध किये गये
या अन्य पहचान-चिह््न ऐसे मुद्राकिं त या अन्यथा दर्षित नहीं हैं, जैसा कि धारा 8 की उपधारा (2) द्वारा
अपेक्षित हैं या उस धारा की उपधारा (1) के उल्लंघन में कोई भी कार्य करेगा
स्पष्टीकरण-
(धारा 8 (1) - किसी अग्नायुध पर अंकित कोई नाम संख्या अन्य पहचान चिन्ह को ना तो मिटायेगा
धारा 8 (2)- कोई व्यक्ति ऐस किसी आग्नेयुध का विक्रय, अन्तरण नही करेगा जिस पर निर्माता का
(घ) ऐसा व्यक्ति होते हुए जिसे धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (क) का उपखण्ड (ii) या उपखण्ड
(iii) लागू होता हैं, किसी भी अग्न्यायुध या गोलाबारूद को उस धारा के उल्लंघन मंे अर्जित करेगा,
स्पष्टीकरण-
(धारा 9 (1कii)- -ऐसा कोई व्यक्ति जिसे ऐसे अपराध जिसमे हिंसा या नैतिक अवचार के मामले मे
दोषसिद्ध किया जाकर कारावास से दण्डित किया गया हो जिसके दण्डादेष के समाप्त होने के पांच साल
(ड़) धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (ख) के उल्ल्ंाघन में किसी भी अग्न्यायुध
स्पष्टीकरण-
कोई व्यक्ति किसी अग्नायुध या गोलाबारूदका विक्रय या अन्तरण या उसके
(झ) आयुध या गोलाबारूद का विनिर्माता या व्यापारी होते हुए धारा 44 के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा
अपेक्षित किये जाने पर अभिलेख या लेखा रखने में या उनमें ऐसी सब प्रविष्टियां करने में जैसी ऐसे नियमों द्वारा
अपेक्षित हो, असफल रहेगा या उनमें मिथ्या प्रविष्टि साषय करेगा या ऐसे अभिलेख या लेखाओं का निरीक्षण या
उनमें से प्रविष्टियों की प्रतिलिपियां बनाना रोके गा या बाधित करेगा या जिस किसी भी परिसर या अन्य स्थान में
अग्न्यायुध या गोलाबारूद विनिर्मित किये जाते हो या रखा जाता हो, उसमें प्रवेष रोके गा या बाधित करेगा या
ऐसे आयुध या गोलाबारूद को प्रदर्षित करने में साषय असफल रहेगा या उन्हैं छिपायेगा या वह स्थान जहां
वह विनिर्मित किया जाता हैं, बताने के लिए इंकार करेगा, वह कारावास से,
सजा...........
22 MANJU, POLICE INSPECTOR
सजा - जिसकी अवधि एक वर्ष से कम नहीं होगी किन्तु जो तीन वर्ष तक की हो सके गी,
दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
परन्तु न्यायालय निर्णय मे अभिलिखित किसी यथोचित और विषेष कारणों
से एक वर्ष से कम अवधि के लिए कारावास का दण्ड अधिरोपित कर सके गा।
वर्ष 2019 संषोधन- एक वर्ष के स्थान पर शब्द ’’दो वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु
जो पाँच वर्ष तक की हो सके गी’’ प्रतिस्थापित किये गये हैं।
न्यायालय निर्णय में शब्द ’’एक वर्ष’’ के स्थान पर ’’दो वर्ष’’ प्रतिस्थापित किया गया
है।
2. जो कोई ऐसा व्यक्ति होते हुए, जिसे धारा 9 की उपधारा(1) के खण्ड(क) का उपखण्ड (i) लागू होता
हैं (अर्थात जिसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण ना की हो ) उस धारा के उल्लंघन में कोई अग्न्यायुध या
गोलाबारूद अर्जित करेगा या अपने कब्जे में रखेगा या वहन करेगा
(i) अधिकारिता रखने वाले जिला मजिस्ट्रेट या निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को
उस अग्न्यायुध, गोलाबारूद या अन्य आयुधों की आषयित बिक्री या अन्य अन्तरण की सूचना दिये बिना
या
4. जो कोई अनुज्ञप्ति में विनिर्दिष्ट शर्तों में फे रफार करने के प्रयोजन से धारा 17 की उपधारा
(1) के अधीन अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित होने पर वैसा करने में असफल रहेगा या
अनुज्ञप्ति के निलम्बन या प्रतिसंहरण पर उस धारा की उपधारा (10) के अधीन समुचित
प्राधिकारी को अनुज्ञप्ति अभ्यर्पित करने में असफल रहेगा,
सजा-
वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सके गी, या जुर्माने से, जिसकी रकम
पांच सौ रूपए तक हो सके गी, या दोनों से दण्डनीय होगा।
(1) जो कोई धारा 5 के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोलाबारूद को उपयोग में
लाएगा, वह कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो
सात वर्ष तक की हो सके गी, दण्डनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
(2) जो कोई धारा 7 के विरूद्ध को निषिद्ध आयुध या गोला बारूद प्रयोग करता हैं,
कारावास के दण्ड का भागी बनाया जा सकता हैं। जो 7 वर्ष से कम अवधि का नहीं
होगा, परन्तु आजीवन कारावास तक बढाया जा सकता हैं और जुर्माने के लिए भी
उत्तरदायी बनाया जा सकता हैं।
1. शस्त्र अधिनियम 1959 की समस्त कार्यवाही इसी एक्ट के तहत की जाती हैं। सभी अपराध संज्ञेय और
अजमानतीय हैं।
2. इस एक्ट के तहत जब्ती किसी विषेष सूचना के तहत की जाती हैं या आकस्मिक तलाषी के दौरान की
जाती हैं, उन परिस्थितियों का फर्द में एवं रोजनामचा आम में उल्ल्ेाख किया जाना आवष्यक हैं।
3. रोजनामचा आम में दर्ज आमद-रवानगी रपट की प्रमाणित प्रति प्राप्त कर अनुसंधान पत्रावली में शामिल
करना चाहिए।
4. आयुध अधिनियम में कार्यवाही करते समय नियमानुसार स्वतंत्र गवाह रखने चाहिए।
6. बरामद आग्नेय अस्त्र, अन्य धारदार हथियार आदि को शीलबन्द किया जाना चाहिये। मुल्जिम को
जरिये फर्द गिरफ्तार करना चाहिये। जप्त आग्नेय सषस्त्र की आर्मोरर से जांच करवाई जाकर रिपोर्ट
प्राप्त कर अनुसंधान पत्रावली का भाग बनाना चाहिये एवं आर्मोरर को साक्ष्य सूची मे रखा जाना
चाहिये।
7. जब्त आग्नेय अस्त्र व गोला बारूद को मय फर्द जब्ती के मालखाना में जमा करवा कर मालखाना
रजिस्टर में उक्त का इन्द्राज कराना चाहिए और प्रभारी मालखाना को साक्ष्य सूची में रखना चाहिए।
11. यदि हथियारो व गोला बारूद के परिवहन में वाहन का प्रयोग किया जाता हैं, तो उसको
जब्त किया जाना चाहिए।
12. हथियार कहां से प्राप्त किया, कहां ले जाया जा रहा हैं, किसको दिया जायेगा आदि-आदि
का उल्ल्ेाख व विस्तृत तफ्तीष की जानी चाहिए और निर्माता से उपयोग मे लेने वाले तक
की पूरी चेन को जोड कर अनुसंधान किया जाना चाहिये।
13. शस्त्र अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत की जाने वाली कार्यवाही में जिला
मजिस्टेªट/राज्य सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिके षन की प्रति अनुसंधान पत्रावली में
लगाई जानी चाहिए।