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आयुध अधिनियम /शस्त्र अधिनियम -1959

(धारा 3, 4, 25, 27,30,39)

MANJU
POLICE INSPECTOR

1 MANJU, POLICE INSPECTOR


परिभाषाएं
-धारा 2 -
(ख) गोला बारूद- निम्न शामिल है
•राके ट, बम, ग्रेनेड, या गोला व अन्य शस्त्र
•विस्फोटक सामग्री जैसे गैस, कोई द्रव या अन्य ऐसी वस्तु
जिससे विस्फोट हो सकता है।
•कारतूस
•ऐसी वस्तुएं या पदार्थ जिन्हें के न्द्रीय सरकार ने गोला बारूद का
संघटक घोषित किया है।
2 MANJU, POLICE INSPECTOR
(ग) आयुध - ऐसी वस्तु जो आक्रमण, या प्रतिरक्षा के लिए एक शस्त्र के रूप
में काम में आते है। जो कि तीक्ष्ण धार वाले और मानव जीवन के लिए घातक
होते है। किन्तु घरेलु उपयोग वाली वस्तुएं जैसे लाठी या मामूली छड़ी या शस्त्र
जो खिलौने से भिन्न रूप में होते है, इसके अन्तर्गत नहीं आते है।

(ङ) अग्न्यायुधों से किसी विस्फोटक या अन्य प्रकारों की ऊर्जा की क्रिया से


किसी भी प्रकार के प्रोजेक्ट को चलाने के लिए परिकल्पित या अनुकू लित
किसी भी वर्णन के शस्त्र हैं जो कि निम्न है -

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(I) तोपें, हथगोले, रायट-पिस्तौलें या किसी भी अपायकर द्रव, गैस या अन्य ऐसी चीज को
छोड़ने के लिए परिकल्पित या अनुकू लित किसी भी प्रकार के शस्त्र,
(II) किसी भी ऐसे अग्न्यायुध को चलाने से हुई आवाज या चमक को कम करने के लिए
परिकल्पित या अनुकू लित उसके उपसाधन,
(III) अग्न्यायुधों के भाग और उन्हें विनिर्मित करने के लिए मशीनरी, तथा
(IV) तोपों को चढ़ाने, उनका परिवहन करने और उन्हें काम में लाने के लिए गाड़ियां, मंच आदि
इसके अन्तर्गत आते हैं ;

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धारा 3-अग्न्यायुधों और गोलाबारूद के अर्जन और कब्जे के लिए
अनुज्ञप्ति
1. कोई भी व्यक्ति कोई अग्न्यायुध और गोलाबारूद तब तक न तो अर्जित करेगा, न अपने कब्जे में रखेगा
और न लेकर चलेगा जब तक कि इस अधिनियम और तद््धीन बनाए गये नियमों के उपबंधों के
अनुसार निकाली गई अनुज्ञप्ति इस निमित धारित न करता हो।
परन्तु कोई व्यक्ति स्वयं अनुज्ञप्ति धारित किये बिना किसी अग्न्यायुध या गोलाबारूद को
मरम्मत के लिए या अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के लिए या ऐसी अनुज्ञप्ति के धारक द्वारा उपयोग में लाये
जाने के लिए, उस अनुज्ञप्ति के धारक की उपस्थिति में या उसके लिखित प्राधिकार के अधीन लेकर
वहन कर सके गा।
2. उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, उपधारा(3) में निर्दिष्ट व्यक्ति के सिवाय, कोई व्यक्ति,
किसी समय, दो से अधिक अग्न्यायुध, न तो अर्जित करेगा, न अपने कब्जे में रखेगा या लेकर चलेगा।

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लगातार.......
’’जबकि कोई व्यक्ति, जिसके कब्जे में आयुध (संशोधन) अधिनियम 2019 के प्रारंभ में दो से अधिक
अग्न्यायुध हैं तो वह अपने पास ऐसे अग्न्यायुधो में से कोई दो प्रतिधारित कर सके गा और शेष
अग्न्यायुधों को ऐसे प्रारम्भ से एक वर्ष के भीतर निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के
पास या धारा 21 की उपधारा (1) के प्रयोजनो के लिए विहीत शर्तो के अध्यधीन अनुज्ञप्तिधारी
डीलर के पास अथवा जहॉ ऐसा व्यक्ति संघ के सशस्त्र बलों का सदस्य है, वहॉ उस उपधारा में निर्दिष्ट
किसी यूनिट शस्त्रागार में जमा करायेगा, जिसके पश्चात पूर्वोक्त एक वर्ष की अवधि के अवसान तारीख
से 90 दिन के भीतर उसकी अनुज्ञप्ति को रद्ध कर दिया जायेगाः

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3- उपधारा (2) में अन्तर्विष्ट कोई बात अग्न्यायुधों
के किसी डीलर या लक्ष्य अभ्यास के लिये प्वाइंट
22 बोर राइफल या एयर-राइफल का प्रयोग करने
वाले के न्द्रीय सरकार द्वारा अनुज्ञप्ति या मान्यता प्राप्त
राइफल क्लब या राइफल संगम के किसी सदस्य को
लागू नहीं होगी।

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धारा का सारांष
• इस धारा के अन्तर्गत अग्न्यायुधो(अग्निषस्त्र) और गोलाबारूद को प्राप्त करने के लिए और कब्जे में

रखने के लिए लाइसेंस की आवष्यकता होती हैं। यदि किसी व्यक्ति के पास इस धारा के अन्तर्गत दिये
गये नियमों के मुताबिक 02 से अधिक हथियार हैं तो अधिक हथियारों को निकटतम पुलिस थाने के
अन्तर्गत जमा करायेगा तथा कोई व्यक्ति बिना अनुज्ञप्ति के अग्न्यायुध एवं गोलाबारूद नहीं रखेगा।
लेकिन कोई व्यक्ति लाइसेंस धारक की सहमति से उसके हथियार को नवीनीकरण या मरम्मत के लिए
उस लाइसेंस वाले व्यक्ति की उपस्थिति में या उसके लिखित अधिकार के अधीन लेकर वहन कर
सके गा।

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धारा 4- कतिपय दषाओं में विनिर्दिष्ट वर्णन के आयुधों के अर्जन और कब्जे के
लिए अनुज्ञप्ति

यदि के न्द्रीय सरकार की राय हो कि किसी क्षेत्र में विद्यमान परिस्थितियों को ध्यान में
रखते हुए, लोकहित मंे यह आवष्यक या समीचीन हैं, अग्न्यायुधों से भिन्न आयुधों
का भी अर्जन, कब्जे में रखना या वहन विनियमित किया जाना चाहिये, तो वह
शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निदेष दे सके गी कि अधिसूचना मंे विनिर्दिष्ट
क्षेत्र को यह धारा लागू होगी और तदुपरि कोई भी व्यक्ति ऐसे वर्ग या वर्णन के आयुध
जैसे अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं उस क्षेत्र में जब तक न तो अर्जित करेगा, न
अपने कब्जे मे रखेगा या लेकर चलेगा जब तक कि वह इस अधिनियम और
तद््धीन बनाये गये नियमों के उपबंधों के अनुसार दी गई अनुज्ञप्ति इस निमित
धारित न करता हो।

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धारा का सारांष
यदि अग्न्यायुधों और गोलाबारूद के अलावा अन्य प्रकार के शस्त्र जैसे तलवार,
चाकू , छु री आदि को भी किसी क्षेत्र में राज्य सरकार प्रतिबंधित करना चाहती हैं,
तो शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निर्देष दे सकती हैं कि उस क्षेत्र में
निर्धारित मात्रा से अधिक बड़े हथियार नहीं रख सके गें ना ही उनका वहन या
परिवहन कर सकें गे। जब तक कि उनका लाइसेंस प्राप्त नहीं कर लिया जाये। इस
धारा के अन्तर्गत पजिबंद्ध होने वाले अपराध धारा 4/25 आर्म्स एक्ट, 1959
के अन्तर्गत आते हैं।

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धारा -25 कु छ अपराधों के लिए दण्ड
+1. जो कोई -

(क) धारा 5 के उल्लंघन में किसी भी आयुध या गोला बारूद का विनिर्माण, विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन,
मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा, या उसे विक्रय या अंतरण के लिए अभिदर्षित या प्रस्थापित करेगा
या विक्रय, अन्तरण, संपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिए अपने कब्जे में रखेगा अथवा

(ख) धारा 6 के उल्लंघन में किसी अग्न्यायुध की नाल को छोटी करेगा या नकली अग्न्यायुध को
अग्न्यायुध में संपरिवर्तित करेगा अथवा

(ग) 1988 के अधिनियम सं. 42 द्वारा (दिनांक 27.05.1988 से) विलोपित।

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लगातार.......
(घ) धारा 11 के उल्लंघन में किसी भी वर्ग या वर्णन के आयुध या गोलाबारूद्ध को भारत
लायेगा या भारत के बाहर ले जायेगा। वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम
नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक बढ़ाई जा सके गी, दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी
भागी होगा। सजा- पांच साल से कम नही होगी जो दस साल तक हो सके गी।

वर्ष 2019 संषोधन- जिसकी अवधि 7 वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो 14 वर्ष
तक की हो सके गी’’ प्रतिस्थापित किये गये हैं। इसके अलावा यह परन्तुक भी प्रतिस्थापित
किया गया है - ’’परन्तु न्यायालय निर्णय में लेखबद्ध किये जाने वाले पर्याप्त और विशेष
कारणों से 7 वर्ष से कम की अवधि के कारावास का कोई दण्ड अधिरोपित कर सके गा।’’

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धारा 25 1(कख) - जो कोई बल का प्रयोग करके पुलिस या सशस्त्र बलों से

अग्न्यायुध छीन लेता है, वह ऐसे कारावास से दण्डनीय होगा जिसकी अवधि 10
वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सके गी और
जुर्माने का दायी होंगे ( आयुध (संशोधन) अधिनियम 2019 के द्वारा नयी
जोडी गयी।)

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मूल अधिनियम की धारा 25(1क क)

 - जो कोई धारा 7 के उल्लंघन में किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोला बारूद

का विनिर्माण, विक्रय, अन्तरण, समपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि करेगा या


उन्हें विक्रय या अन्तरण के लिये अभिदर्शित या प्रतिस्थापित करेगा या उन्हें विक्रय
अन्तरण समपरिवर्तन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि के लिये अपने कब्जे में रखेगा, वह
कारावास से जिसकी अवधि ’’सात वर्ष’’ से कम की नहीं होगी लेकिन जो आजीवन
कारावास तक की हो सके गी, दण्डनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
संषोधन 2019- सात वर्ष के स्थान पर 10 वर्ष

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 धारा 25-1ककक& जो कोई, कोई आयुध या गोलाबारूद्ध धारा 24-क के अधीन जारी

की गई अधिसूचना के उल्लंघन में अपने कब्जे में रखता हैं या धारा 24ख के अधीन जारी
की गई अधिसूचना के उल्लंघन में वहन करता हैं या अन्यथा अपने कब्जे मंे रखता हैं, वह
कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक की हो
सकती हैं, दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
 (धारा 24 क- उपद्रवग्रस्त क्षेत्र आदि मे अधिसूचित आयुधों के कब्जे का प्रतिषेध आदि)

 धारा 24 ख- उपद्रवग्रस्त क्षेत्रों मे लोक स्थानों मे या होकर आदि मे अधिसूचित आयुधों के

वहन का प्रतिषेध आदि

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लगातार.......

1ख. जो कोई-

(क) धारा 03 के उल्ंलघन में कोई अग्नायुध या गोला बारूद अर्जित करेगा, अपने कब्जें में रखेगा या

वहन करेगा या

(ख) धारा 4 के अधीन अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किसी भी स्थान में ऐसे वर्ग या वर्णन के जैसा उस

अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया गया हो, कोई भी आयुध उस धारा के उल्लंघन में अर्जित करेगा अपने

कब्जे में रखेगा या वहन करेगा या (अग्नेयुध से अतिरिक्त आयुध जो राज्य सरकार द्वारा निषेध किये गये

हो जैसे धारदार हथियार)

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(ग) किसी भी ऐसे अग्न्यायुध को बेचेगा या अन्तरित करेगा जिस पर निर्माता का नाम, विनिर्माता संख्यांक

या अन्य पहचान-चिह््न ऐसे मुद्राकिं त या अन्यथा दर्षित नहीं हैं, जैसा कि धारा 8 की उपधारा (2) द्वारा

अपेक्षित हैं या उस धारा की उपधारा (1) के उल्लंघन में कोई भी कार्य करेगा

स्पष्टीकरण-  

(धारा 8 (1) - किसी अग्नायुध पर अंकित कोई नाम संख्या अन्य पहचान चिन्ह को ना तो मिटायेगा

हटायेगा परिवर्तित करेगा ना कू टरचित करेगा।

धारा 8 (2)- कोई व्यक्ति ऐस किसी आग्नेयुध का विक्रय, अन्तरण नही करेगा जिस पर निर्माता का

नाम , विनिर्माता संख्यांक या अन्य कोई पहचान चिन्ह दर्षित ना हो।)

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लगातार.......

(घ) ऐसा व्यक्ति होते हुए जिसे धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (क) का उपखण्ड (ii) या उपखण्ड

(iii) लागू होता हैं, किसी भी अग्न्यायुध या गोलाबारूद को उस धारा के उल्लंघन मंे अर्जित करेगा,

अपने कब्जे में रखेगा या वहन करेगा

स्पष्टीकरण-

(धारा 9 (1कii)-  -ऐसा कोई व्यक्ति जिसे ऐसे अपराध जिसमे हिंसा या नैतिक अवचार के मामले मे

दोषसिद्ध किया जाकर कारावास से दण्डित किया गया हो जिसके दण्डादेष के समाप्त होने के पांच साल

की अवधि मे इस अधिनियम मे कोई अपराध किया हो।

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(धारा 9 (1कiii)- ऐसा कोई व्यक्ति जिसे द0प0स0 के
अध्याय 8 के अधीन परिषांति व सदाचार बनाये रखने के लिये
बन्धपत्र निष्पादित करने के आदेष दिया गया हो जो उस बन्धपत्र
की अवधि के दौरान अग्नायुध या गोला बारूद प्राप्त नही करेगा?
कब्जे मे नही रखेगा या वहन कर सके गा।

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लगातार.......

(ड़) धारा 9 की उपधारा (1) के खण्ड (ख) के उल्ल्ंाघन में किसी भी अग्न्यायुध

या गोलाबारूद का विक्रय ,अन्तरण, संपरिर्वतन, मरम्मत, परख या परिसिद्धि


करेगा। 

स्पष्टीकरण-
कोई व्यक्ति किसी अग्नायुध या गोलाबारूदका विक्रय या अन्तरण या उसके

संपरिवर्तन या मरम्मत या जांच या परिसिद्धि के लिये ऐसे व्यक्ति को नही करेगा


जिसके बारे मे वह जानता है कि(i) वह धारा 9(1क) के अधीन प्रतिषिद्ध है या
(ii) विकृ त चित्त हो
20 MANJU, POLICE INSPECTOR
लगातार......
(च) धारा 10 के उल्लंघन में किसी भी वर्ग या वर्णन के आयुध या गोलाबारूद को बिना लाईसेंस के
भारत में लाएगा या भारत के बाहर ले जायेगा।  
(छ) धारा 12 के उल्लंघन में किसी भी आयुध या गोलाबारूद का परिवहन करेगा जिनके बारे मे भारत
सरकार द्वारा भारत या उसके किसी भाग से परिवहन के बारे मे लाईसेंस जारी ना कर दिया गया हो।
(ज) आयुध या गोलाबारूद को धारा 3 की उपधारा (2) या धारा 21 की उपधारा (1) द्वारा अपेक्षित
रूप में निक्षिप्त करने में असफल रहेगा।
स्पष्टीकरण-
धारा 3(2) - मे लाईसेन्स से दो ज्यादा हथियार को कब्जे मे रखने का निषेध है
धारा 21- मे लाईसेन्स की मियाद समाप्त होने के बाद लाईसेन्सी हथियार को या धारा 4 के
अधीन अधिसूचना निकाले जाने के बाद उसका कब्जा अविधिपूर्ण हो गया हो को अपने कब्जे मे
बनाये रखना है
 

21 MANJU, POLICE INSPECTOR


लगातार..........

(झ) आयुध या गोलाबारूद का विनिर्माता या व्यापारी होते हुए धारा 44 के अधीन बनाये गये नियमों द्वारा
अपेक्षित किये जाने पर अभिलेख या लेखा रखने में या उनमें ऐसी सब प्रविष्टियां करने में जैसी ऐसे नियमों द्वारा
अपेक्षित हो, असफल रहेगा या उनमें मिथ्या प्रविष्टि साषय करेगा या ऐसे अभिलेख या लेखाओं का निरीक्षण या
उनमें से प्रविष्टियों की प्रतिलिपियां बनाना रोके गा या बाधित करेगा या जिस किसी भी परिसर या अन्य स्थान में
अग्न्यायुध या गोलाबारूद विनिर्मित किये जाते हो या रखा जाता हो, उसमें प्रवेष रोके गा या बाधित करेगा या
ऐसे आयुध या गोलाबारूद को प्रदर्षित करने में साषय असफल रहेगा या उन्हैं छिपायेगा या वह स्थान जहां
वह विनिर्मित किया जाता हैं, बताने के लिए इंकार करेगा, वह कारावास से,

सजा...........
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सजा - जिसकी अवधि एक वर्ष से कम नहीं होगी किन्तु जो तीन वर्ष तक की हो सके गी,
दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
परन्तु न्यायालय निर्णय मे अभिलिखित किसी यथोचित और विषेष कारणों
से एक वर्ष से कम अवधि के लिए कारावास का दण्ड अधिरोपित कर सके गा।

वर्ष 2019 संषोधन- एक वर्ष के स्थान पर शब्द ’’दो वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु
जो पाँच वर्ष तक की हो सके गी’’ प्रतिस्थापित किये गये हैं।
न्यायालय निर्णय में शब्द ’’एक वर्ष’’ के स्थान पर ’’दो वर्ष’’ प्रतिस्थापित किया गया
है।

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लगातार...........

2. जो कोई ऐसा व्यक्ति होते हुए, जिसे धारा 9 की उपधारा(1) के खण्ड(क) का उपखण्ड (i) लागू होता
हैं (अर्थात जिसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण ना की हो ) उस धारा के उल्लंघन में कोई अग्न्यायुध या
गोलाबारूद अर्जित करेगा या अपने कब्जे में रखेगा या वहन करेगा

सजा - 1 वर्ष तक की अवधि के कारावास या जुर्माने से या दोनों से, दण्डनीय होगा।

3. जो कोई, किसी अग्न्यायुध, गोलाबारूद या अन्य आयुधों का

(i) अधिकारिता रखने वाले जिला मजिस्ट्रेट या निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को

उस अग्न्यायुध, गोलाबारूद या अन्य आयुधों की आषयित बिक्री या अन्य अन्तरण की सूचना दिये बिना
या

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(ii) ऐसे जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को ऐसी सूचना
देने की तारीख से 45 दिनों की कालावधि के अवसान के पूर्व।
धारा 5 की उपधारा (2) के परन्तुक के खण्ड(क) या खण्ड (ख) के
उपबन्धों के उल्लंघन में विक्रय या अन्तरण करता हैं, वह छः मास तक की अवधि
के हो सकने वाले कारावास से या पांच हजार रूपयों तक की रकम के जुर्माने से या
दोनों से दण्डनीय होगा।

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स्पष्टीकरण-
धारा 5(2) कोई व्यक्ति को जिसे अग्नायुध अपने कब्जे या उपयोग के लिये लाईसेन्स

प्राप्त है और वह उस अग्नायुध को अन्य किसी व्यक्ति जो ऐसे अग्नायुध या गोलाबारूद


को रखने का हकदार है को विक्रय या अन्तरण कर सकता है परन्तु उसे इस अनतरण
की सूचना जिला मजिस्ट्रेट व निकटतम पुलिस स्टेषन को लिखित मे देना होगा व 45
दिन की अवधि गुजर जाने के पष्चात ही आग्नेयुध या गोला बारूद का अन्तरण या
विक्रय कर सके गा अन्यथा वह इस धारा के अधीन दोषी होगा

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लगातार.........

4. जो कोई अनुज्ञप्ति में विनिर्दिष्ट शर्तों में फे रफार करने के प्रयोजन से धारा 17 की उपधारा
(1) के अधीन अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित होने पर वैसा करने में असफल रहेगा या
अनुज्ञप्ति के निलम्बन या प्रतिसंहरण पर उस धारा की उपधारा (10) के अधीन समुचित
प्राधिकारी को अनुज्ञप्ति अभ्यर्पित करने में असफल रहेगा,

सजा-
वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सके गी, या जुर्माने से, जिसकी रकम
पांच सौ रूपए तक हो सके गी, या दोनों से दण्डनीय होगा।

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5. जो कोई अपना नाम और पता देने के लिए धारा 19 के अधीन अपेक्षित होने
पर, ऐसा नाम और पता देने से इन्कार करेगा या ऐसा नाम या पता देगा जो
तत्पष्चात्् मिथ्या निकले,
सजा-
वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेे गी, या जुर्माने से,
जिसकी रकम दो सौ रूपए तक हो सके गी, या दोनों से दण्डनीय होगा।

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आयुध संषोधन अधिनियम, 2019
आयुध (संशोधन) अधिनियम 2019 के द्वारा मूल अधिनियम की धारा 25 की
उपधारा 5 के बाद निम्न उप धाराएँ इस अधिनियम में प्रतिस्थापित की गई हैः-
धारा 25(6)- यदि किसी संगठित अपराध संघ का कोई सदस्य या उसकी ओर से

कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अध्याय 2 के किसी उपबंध के उल्लंघन मे कोई


आयुध या गोला बारूद अपने कब्जे मे रखता है या लेकर चलता है, तो वह ऐसे
कारावास से, जिसकी अवधि ’’दस वर्ष’’ से कम की नहीं होगी, किन्तु जो
’’आजीवन कारावास’’ तक की हो सके गी, दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी दायी
होगा।

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आयुध संषोधन अधिनियम, 2019

धारा 25(7)-जो कोई, किसी संगठित अपराध संघ के किसी सदस्य की ओर से या


कोई व्यक्ति उसकी ओर से,-
(i) धारा 5 के उल्लंघन में किसी आयुध या गोला बारूद का विनिर्माण करता
है, उसे अभिप्राप्त करता है, उपाप्त करता है, उसका विक्रय करता है, अन्तरण करता
है, समपरिवर्तित करता है, मरम्मत करता है, परख करता है या उसे परिसिद्ध करता
हे या अभिदर्शित करता है या विक्रय या अंतरण, समपरिवर्तन, मरम्मत, परख या
परिसिद्धि के लिये प्रस्थापित करता है, या
(ii) धारा 6 के उल्लंघन में किसी अग्न्यायुध की बैरल को छोटा करता है या
किसी नकली अग्न्यायुध को अग्न्यायुध में समपरिवर्तित करता है या आयुध नियम
2016 में उल्लिखित किसी प्रवर्ग के अग्न्यायुध को किसी अन्य प्रवर्ग के अग्न्यायुध में
संपरिवर्तित करता है, या
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आयुध संषोधन अधिनियम, 2019
(iii) धारा 11 के उल्लंघन में किसी वर्ग या भांति के किसी भी आयुध या गोला बारूद को
भारत में लाता है या भारत से बाहर ले जाता है, तो वह ऐसे कारावास से जिसकी अवधि
’’दस वर्ष’’ से कम नहीं होगी,किं तु जो आजीवन कारावास तक की हो सके गी, दण्डनीय
होगा और जुर्माने का दायी होगा।
स्पष्टीकरण-उपधारा (6) और उपधारा (7) के प्रयोजनांे के लिय-
(क) ’’संगठित अपराध’’ से किसी व्यक्ति द्वारा अके ले या सामुहिक रूप से, किसी
संगठित अपराध संघ के सदस्य के रूप में या ऐसे संघ की ओर से हिंसा या हिंसा की
धमकी या अभित्रास या प्रपीडन या अन्य विधि-विरूद्ध साधनों का प्रयोग करके , धनीय
फायदे प्राप्त करने या स्वयं के लिये या किसी व्यक्ति के असम्यक् आर्थिक या अन्य लाभ
प्राप्त करने के उद्देश्य से, कोई भी निरन्तर विधि-विरूद्ध क्रियाकलाप अभिप्रेत है,
(ख) ’’संगठित अपराध सघ्ंा’’ से दो या अधिक व्यक्तियांे का ऐसा समूह अभिप्रेत है,
जो किसी संघ या गैंग के रूप में अके ले या सामूहिक रूप से किसी संगठित अपराध के
31 क्रियाकलापों में लिप्तINSPECTOR
MANJU, POLICE होते हैं।
आयुध संषोधन अधिनियम, 2019

धारा 25(8)- जो कोई धारा 3, 5, 6, 7 और धारा 11 के उल्लंघन में अग्न्यायुध और


गोला बारूद के अवैध व्यापार में सम्मिलित है या उसमें सहायता करता है, तो वह ऐसे
कारावास से जिसकी अवधि ’’दस वर्ष’’से कम की नहीं होगी, किन्तु जो ’’आजीवन
कारावास’’ तक की हो सके गी, दण्डनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
स्पष्टीकरण-
इस उपधारा के प्रयोजनांे के लिये- ’’अवैध व्यापार’’ से भारत के राज्य क्षेत्र में,
उससे या उसके भीतर अग्न्यायुध या गोलाबारूद का आयात, निर्यात, अर्जन, विक्रय,
परिदान, संचलन या अन्तरण अभिप्रेत है, यदि अग्न्यायुध या गोला बारूद इस
अधिनियम के उपबंधों के अनुसार चिन्हित नही है या जिनका इस अधिनियम के
उल्लंघन मंे दुर्व्यापार किया गया है, जिसके अन्तर्गत तस्करी किये गये, विदेश में बने
अग्न्यायुध या प्रतिषिद्ध आयुध और प्रतिषिद्ध गोला बारूद भी हैं।

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आयुध संषोधन अधिनियम, 2019

धारा 25(9)-जो कोई उतावलेपन या उपेक्षा से कोई अनुष्ठानिक गोलाबारी (श्रवल


पितपदह) का उपयोेग करेगा, जिससे मानव जीवन या किन्ही ंअन्य की वैयक्तिक
सुरक्षा संकटापन हो जाये, वह कारावास से जिसकी अवधि ’’दो वर्ष’’ तक की हो
सके गी या जुर्माने से जो एक लाख रूपये तक का हो सके गा या दोनों से दण्डनीय
होगा।
स्पष्टीकरण-
इस उपधारा के प्रयोजनों के लिये ’’अनुष्ठानिक गोलाबारी’’ से जन
सभाआंे धार्मिक स्थानांे, विवाह समारोहों या अन्य उत्सवों में गोलाबारी करने
के लिये अग्न्यायुध का प्रयोग करना अभिप्रेत है।

33 MANJU, POLICE INSPECTOR


धारा 27- आयुधों (आर्म्स) आदि के प्रयोग हेतु दण्ड -

(1) जो कोई धारा 5 के उल्लंघन में किन्हीं आयुधों या गोलाबारूद को उपयोग में
लाएगा, वह कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो
सात वर्ष तक की हो सके गी, दण्डनीय होगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

(2) जो कोई धारा 7 के विरूद्ध को निषिद्ध आयुध या गोला बारूद प्रयोग करता हैं,
कारावास के दण्ड का भागी बनाया जा सकता हैं। जो 7 वर्ष से कम अवधि का नहीं
होगा, परन्तु आजीवन कारावास तक बढाया जा सकता हैं और जुर्माने के लिए भी
उत्तरदायी बनाया जा सकता हैं।

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(3) जो कोई किन्हीं प्रतिषिद्ध आयुधों या प्रतिषिद्ध गोला-बारूद को प्रयोग में
लाएगा या धारा 7 के उल्लंघन में कोई कार्य करेगा और ऐसे प्रयोग या कार्य के
परिणामस्वरूप किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं तो,
सजा- मृत्यु दण्ड
2019 संषोधन -मूल अधिनियम की धारा 27 की उपधारा 3 में वर्णित शब्दों
’’मुत्यु दण्ड से दण्डनीय होगा’’ के स्थान पर शब्द ’’मृत्यु दण्ड अथवा आजीवन
कारावास से दण्डनीय होगा’’ प्रतिस्थापित किये गये हैं।

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धारा का सारांष -

जो कोई धारा 3, 5 व 7 के सम्ब्ंाध में उल्लंघन करते हुए


अग्न्यायुध या गोलाबारूद को उपयोग में लायेगा वह इस धारा के
तहत दण्डित किया जायेगा। इस धारा के तहत दण्डित करने के लिए
हथियार का उपयोग में लिया जाना आवष्यक हैं।

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धारा- 30 अनुज्ञप्ति या नियम के उल्लघंन के लिए दण्ड

जो कोई अनुज्ञप्ति की किसी शर्त का या इस अधिनियम के किसी


उपबन्ध का या तद्धीन बनाये गए किसी नियम का उल्लघंन करेगा,
जिसके लिए इस अधिनियम के अन्यत्र कोई दण्ड उपबन्धित नहीं हैं, वह
कारावास से, जिसकी अवधि 6 माह तक की हो सके गी, या जुर्माने से,
जो 2,000/- रूपये तक हो सके गा, दोनों से दण्डनीय होगा।

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धारा- 39. कतिपय मामलों में जिला मजिस्टेªट की पूर्व
मंजूरी आवष्यक

किसी व्यक्ति के विरूद्ध धारा 3 के अधीन किसी अपराध के बारे में


कोई भी अभियोजन जिला मजिस्टेªट की पूर्व मंजूरी के बिना संस्थित
नहीं किया जाएगा।

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शस्त्र अधिनियम के अन्तर्गत अनुसंधान के दौरान की जाने वाली
कार्यवाही

1. शस्त्र अधिनियम 1959 की समस्त कार्यवाही इसी एक्ट के तहत की जाती हैं। सभी अपराध संज्ञेय और
अजमानतीय हैं।

2. इस एक्ट के तहत जब्ती किसी विषेष सूचना के तहत की जाती हैं या आकस्मिक तलाषी के दौरान की
जाती हैं, उन परिस्थितियों का फर्द में एवं रोजनामचा आम में उल्ल्ेाख किया जाना आवष्यक हैं।

3. रोजनामचा आम में दर्ज आमद-रवानगी रपट की प्रमाणित प्रति प्राप्त कर अनुसंधान पत्रावली में शामिल
करना चाहिए।

4. आयुध अधिनियम में कार्यवाही करते समय नियमानुसार स्वतंत्र गवाह रखने चाहिए।

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लगातार..............
5. इस एक्ट के तहत जब्त हथियार व आग्नेय अस्त्र व गोला बारूद का पूर्ण विवरण (हथियार
की लम्बाई, बोर, मॉडल, आकृ ति, फल आदि) फर्द में अंकित किया जाना चाहिए तथा
सम्भव हो तो बरामद हथियार का चित्र सादे पेपर पर(फर्द खाका) एवं फोटोग्राफी करवाई
जाकर पत्रावली पर लिया जाना चाहिए।

6. बरामद आग्नेय अस्त्र, अन्य धारदार हथियार आदि को शीलबन्द किया जाना चाहिये। मुल्जिम को
जरिये फर्द गिरफ्तार करना चाहिये। जप्त आग्नेय सषस्त्र की आर्मोरर से जांच करवाई जाकर रिपोर्ट
प्राप्त कर अनुसंधान पत्रावली का भाग बनाना चाहिये एवं आर्मोरर को साक्ष्य सूची मे रखा जाना
चाहिये।

7. जब्त आग्नेय अस्त्र व गोला बारूद को मय फर्द जब्ती के मालखाना में जमा करवा कर मालखाना
रजिस्टर में उक्त का इन्द्राज कराना चाहिए और प्रभारी मालखाना को साक्ष्य सूची में रखना चाहिए।

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8. आयुध अधिनियम की कार्यवाही करते समय उपयोग में ली गई सील
मोहर की नमूना सील को अनुसंधान पत्रावली में शामिल करना चाहिए।
9. अपराध मे आग्नेस्त्र का प्रयोग किया गया है तो उसकी एफएसएल से
परीक्षण करवाया जाकर रिपोर्ट प्राप्त की जानी चाहिये।
10. हथियार व गोला बारूद किस परिस्थिति में किस जगह जब्त किया
उसका नजरी नक्षा बनाया जाना चाहिए

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लगातार....

11. यदि हथियारो व गोला बारूद के परिवहन में वाहन का प्रयोग किया जाता हैं, तो उसको
जब्त किया जाना चाहिए।

12. हथियार कहां से प्राप्त किया, कहां ले जाया जा रहा हैं, किसको दिया जायेगा आदि-आदि
का उल्ल्ेाख व विस्तृत तफ्तीष की जानी चाहिए और निर्माता से उपयोग मे लेने वाले तक
की पूरी चेन को जोड कर अनुसंधान किया जाना चाहिये।

13. शस्त्र अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत की जाने वाली कार्यवाही में जिला
मजिस्टेªट/राज्य सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिके षन की प्रति अनुसंधान पत्रावली में
लगाई जानी चाहिए।

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14. शस्त्र अधिनियम की धारा 3 के अपराधों में न्यायालय मे चालान पेष करने से
पूर्व जिला मजिस्टेªट से धारा 39 के तहत अभियोजन स्वीकृ ति प्राप्त की जानी
चाहिए व अभियोजन स्वीकृ ति प्रदान करने वाले को साक्ष्य सूची मे रखा जाना
चाहिये।
15. अभियुक्त का विस्तृत पूछताछ नोट तैयार किया जाना चाहिए।
16.अनुसंधान की विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। उच्चाधिकारियों
को भेजी जानी चाहिए।

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17. अनुसंधान पूर्ण करने पर सहायक लोक अभियोजक से राय ली
जानी चाहिए।
18. अनुसंधान पूर्ण होने पर चार्टषीट न्यायालय में पेष की जानी
चाहिए।

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