Professional Documents
Culture Documents
Le- 8. वे दिन भी क्या दिन थे WB
Le- 8. वे दिन भी क्या दिन थे WB
- आइज़क असीमोव
(i) कुम्मी ने दकस दिन की डायिी में कागज़ी पुस्तक का उल्लेख दकया है ? [ घ ]
(क) मशीन में (ख) दडब्बे में (ग) कमिे में - (घ) लेटि बॉक्स में
(iv) पढाने वाली मशीन में दकस ववषय की चक्की की गनत तीव्र थी? [ ग ]
2 सही कथन के सामने सही (✔) तथा गलत कथन के सामने गलत (X) का ननशान लगाइए।
(ii) पुिाने ज़माने में एक आयु के सभी बच्चे अलग-अलग बैठकि नशक्षा ग्रहर् किते थे। [ X ]
बातें, प्रश्न, अंक, िफ्ताि, कोस, मशीन, अक्षि, ववषय, कहाननयााँ, भवन, जगह
(iii) मशीन के पिे पि चलते हुए - अक्षि एवं अंक आने शुरू हो गए थे।
(iv) बच्चे एक ववशेष भवन में जाते थे, णजसे स्कूल कहते थे।
4. गद्ांश को पढकि पूछे गए प्रश्नों के उत्ति नलणखए।
कुम्मी को याि आया दक एक बाि जब उससे भूगोल में िोज़ वहीं गलनतयााँ होने लगी थीं, तो उसकी मां ने
मुहल्ले के अध्यक्ष को बताया था। तब एक आिमी आया था औि उसने उस मशीन के पुजे-पुजे अलग कि
दिए थे। तब उसने मन-ही-मन यह मनाया था दक वह आिमी इस बोि किने वाले अध्यापक को पुन: जोड़
न पाए, तो उसे हमेशा के नलए छुट्टी नमल जाए। लेदकन उस आिमी ने मशीन को दिि से जोड़कि उसकी
मााँ को बताया था, "लगता है मशीन की भूगोल की चक्की कुछ तेज़ िफ़्ताि पि थी, सो आपकी लड़की के
नलए उसे समझना कदठन हो गया था। मैंने अब उसकी गनत कुछ धीमी कि िी है , सो आशा है अब ठीक
िहे गा।"
(i) कुम्मी के भूगोल में गलनतयााँ किने की बात दकसे बताई गई थी?
ज) कुम्मी के भूगोल में गलनतयााँ किने की बात मुहल्ले के अध्यक्ष को बताया था।
(ii) अपने मशीनी नशक्षक के अलग-अलग दकए गए पुतों को िे खकि कुम्मी ने मन-ही-मन क्या सोचा?
ज) वह आिमी इस बोि किने वाले अध्यापक को पुन: जोड़ न पाए, तो उसे हमेशा के नलए छुट्टी नमल
जाए।
ज) भूगोल की चक्की कुछ तेज़ िफ़्ताि पि थी, इसनलए भूगोल में बाि-बाि गलनतयााँ कि िही थी |
ज) गद्ांश में मशीन की भूगोल के ठीक िहने की आशा की जा िही है औि क्योंदक भूगोल में िोज़ वहीं
गलनतयााँ होने लगी थीं |
सावबत किता है ?
ज) रोनहत टेिीनिजि पर किखाई जािे िािी पुस्तकों को श्रेष्ठ कहते हुए बताया कक िे हमेशा िई-की िई रहती हैं और शब्िों
का आकार बििा सकते हैं |
िीघा उत्तिीय प्रश्न
2. ननम्ननलणखत वाक्यों में दक्रया शब्िों को िे खांदकत किके उनके काल नलणखए।
पाठ के आस-पास
1. कल्पना कीणजए दक आज से पचास वषा बाि आप चााँि पि जाकि िहने लगेंगे। तब आप पृथ्वी पि वबताए
गए अपने पुिाने दिनों को दकस प्रकाि याि किें गे? अपनी डायिी में नलणखए।