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सी.बी.एस.ई.

पाठ्यक्रम, कक्षा 10, ह द


िं ी कोसस - बी

लघु कथा लेखन – 5 अिंक


SHORT STORY WRITING – 5 MARKS

शैक्षिक वर्ष 2020-21 के लिए संशोधित पाठ्यक्रम


(ACADEMIC YEAR 2020-21 REVISED SYLLABUS)

MADHUBUN, INDIA Dr. AHMED, 09989391942, hindiacadamy@gmail.com


सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम, कक्षा 10, ह द
िं ी कोसस - बी

IV. रचनात्मक लेखन (सज


ृ न) – 26 अिंक

अनच्
ु छे द-6,

औपचारिक पत्र-5,

सच
ू ना-5,

ववज्ञापन-5,

िघु कथा िेखन-5

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लघु कथा लेखन ऑनलाइन शिक्षण योजना
1.
गततववधि
(Activity)
6. 2.
सज
ृ न प्रस्तावना
(Creation) (Introduction)
लघु कथा
लेखन

5.
ONLINE CLASS

3.
अभ्यास-पत्र आत्मीकिण
(Assimilation)
(Work Sheet)
4.
पन
ु िाववृ ि
(Recaptulization)

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सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम, कक्षा 10, ह द
िं ी कोसस - बी

लघु कथा लेखन – अथस व पररभाषा


• िघु कथा का अथष - दो व्यक्ततयों के बीच ककसी
संक्षिप्त लशिाप्रद घटना का आदान-प्रदान होना।
• िघु कथा में एक कहने वािा औि दस
ू िा सन
ु ने वािा
होता है।

• िघु कथा औि कहानी दोनों की प्रकृतत एक होते हुए भी


कथा लशिाप्रद होती है औि कहानी संदेशप्रद।

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सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम, कक्षा 10, ह द
िं ी कोसस - बी

लघु कथा लेखन - मख्


ु य बातें
• शब्दों की सीमा 100 -120 के भीति हो।
• िघु कथा में िोचक कथा हो।
ु ू ि संवाद हो।
• प्रभावी अथवा पात्रानक
• उत्सक
ु ता तथा क्जज्ञासा हो।
• समाक्प्त पि ववचािात्मक प्रश्न हो।
• आिं भ सिि, मध्य भाग गततशीि तथा अंत ववचािोिेजक हो।
• िघु कथा लशिाप्रद हो।
िघु कथा िे खन एक िचनात्मक (सज
ृ नात्मक) अलभव्यक्तत है । सज
ृ नात्मकता
बािक का उच्चतम कौशि है । छात्रों में सुंदि ढं ग से सज
ृ न किने की योग्यता का
ववकास किना चाहहए। Dr. AHMED, 09989391942, hindiacadamy@gmail.com
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िं ी कोसस - बी

लघु कथा लेखन - MODEL QUESTION


• तनम्नलिखखत प्रस्थान बबंद ु के आिाि पि 100 से 120

शब्दों में शीर्षक सहहत एक िघु कथा लिखखए।

एक वपता था। उसके दो पुत्र थे। मिते समय उसने उन्हें एक

गाय दी। भैया ने भाई को गाय के अगिे हहस्से की देखिेख

किने की क्जम्मेदािी दी। खद


ु गाय का वपछिा हहस्सा लिया....
लघु कथा लेखन – MODEL ANSWER
न्याय-अन्याय
एक वपता था। उसके दो पुत्र थे। मिते समय उसने उन्हें एक गाय दी।
भै या ने भाई को गाय के अगिे हहस्से की दे खिे ख किने की क्जम्मे दािी दी।
खुद गाय का वपछिा हहस्सा लिया। भाई गाय को चािा डािता था। भै या बडे
मजे से दूि दह ू जाता था। इस तिह भाई के साथ अन्याय होता िहा। भै या
खुशी-खुशी जीवन बबता िहा था।
इसी तिह कुछ हदन बीत गए। भाई िीिे -िीिे सब कुछ समझ िहा था।
अब वह गाय को चािा नहीं डािता था। इससे गाय भूखी िहती थी। भै या जब
दूि दूहने जाता तो गाय भूख के मािे गस् ु से में माकि उसे मािती। भै या अपने
भाई की चाि समझ गया। उसने अपने भाई से सुिह की। अब दोनों लमिकि
गाय की से वा किते थे। दोनों बिाबि में दूि बााँट िे ते थे। अब उनका जीवन
खुशी-खुशी बीतने िगा।
इस तिह भाई ने अपनी बुद्धि बि से न्याय प्राप्त की।
लशिााः हमें न्याय के साथ िहना चाहहए।
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लघु कथा लेखन (SHORT STORY WRITING) – 5 अिंक


• िचनात्मकता / कल्पनाशक्तत का उपयोग – 2 अंक

• प्रभावी संवाद / पात्रानक


ु ू ि संवाद - 1 अंक

• क्जज्ञासा / िोचकता / भार्ा की शुद्िता - 1 अंक

• कथात्मकता / तनिंतिता - 1 अंक

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लघु कथा लेखन और क ानी में मख्
ु य अिंतर

लघु कथा क ानी


• िघु कथा कहानी का सं क्षिप्त ूपप है । • कहानी िघु कथा का ववस्तत
ृ ूपप है ।

• िघु कथा सत्य, पौिाखणक, िालमषक • कहानी कल्पना, ववचािोिे जक, मुतत

कथनों पि आिारित होती है । प्रश्न पि आिारित होती है ।

• िघु कथा लशिाप्रद होती हैं। • कहानी मनोिं जनप्रद होती हैं ।

• िघु कथा 120 शब्दों तक सीलमत • कहानी में शब्दों की सं ख्या सीलमत

होती हैं । नहीं है ।

• िघु कथा कहानी का अंग है । • कहानी िघु कथा का ववस्ताि है ।

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लघु कथा लेखन की कुछ पुस्तकें

ववष्णु प्रभाकि – फ़कष, ईश्वि का चेहिा, दोस्ती, िमा आहद।

हरिशंकि पिसाई – चं दे का डि, अनुशासन, ईडन के सेब आहद।

असगि वजाहत – तति, मक्ु श्कि काम, हदल्िी पहुाँचना है आहद।

धचत्रा मुद्गि – रिश्ता, गिीब की मााँ, पत्नी, बयान आहद।

जगदीश कश्यप – अंततम गिीब, आत्मा के जाने के बाद आहद।

ववष्णु नागि – ईश्वि की कहातनयााँ, बच्चे औि गें द आहद।

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फ़कस – ववष्णु प्रभाकर

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चिंदे का डर – ररििंकर परसाई

एक छोटी-सी सलमतत की बैठक बि


ु ाने की योजना चि िही थी। एक सज्जन थे जो

सलमतत के सदस्य थे, पि काम कुछ किते नहीं गडबड पैदा किते थे औि कोिी वाहवाही

चाहते । वे िंबा भार्ण दे ते थे।

वे सलमतत की बैठक में नहीं आवें ऐसा कुछ िोग किना चाहते थे, पि वे तो बबना बि
ु ाए

पहंु चने वािे थे। किि यहां तो उनको तनमंत्रण भेजा ही जाता, तयोंकक वे सदस्य थे।

एक व्यक्तत बोिा, 'एक तिकीब है । सांप मिे न िाठी टूटे । सलमतत की बैठक की सूचना'

नीचे यह लिख हदया जाए कक बैठक में बाढ़-पीड़डतों के लिए िन-संग्रह भी ककया जाएगा।

वे इतने उच्चकोहट के कंजूस हैं कक जहां चंदे वगैिह की आशंका होती है , वे नहीं पहुंचते।'

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ततल – असगर वजा त
एक समय ऐसा आया कक तति में से तेि तनकािना बन्द हो गया। ते िी बडा पिे शान हुआ। उसने
सोचा अगि ऐसा ही होता िहा तो उसका कािोबाि चि चु का। वह ककसान के पास गया। उसने कहा,
‘‘कुछ किो, तति में से तेि नहीं तनकिता।’’
ककसान बोिा, ‘‘कहां से तेि तनकिेगा। हद होती है । सैकडों सािों से तेि तनकाि िहे हो।’’
तेिी ने कहा, ‘‘यह तो अपना िं िा है ।’’
ककसान ने कहा, ‘‘तति होलशयाि हो गये हैं ।’’
तेिी बोिा, ‘‘होलशयाि नहीं, तुम न तो खे त में खाद डािते हो, न ठीक से पानी िगाते हो। मैं चाहे
क्जतना जोि तयों न िगाऊं, तेि ही नहीं तनकिता।’’
ककसान ने कहा, ‘‘न हि है , न बै ि, न खाद है , न पानी। तति पै दा हो जाते हैं , यही बहुत है ।’’
यह सुन कि तेि ी तनिाश नहीं हुआ। वह घि आया। तति का बोिा खोिा औि उसे िूप में डाि हदया।
किि उन्हें कढ़ाव में डािकि खूब गिम किने िगा। उसने ततिों से कहा मैं तुम्हें जिाकि कोयिा कि
दं ग
ू ा।’’ िेककन किि तुिंत उसने ततिों को आग पि से उताि लिया औि उन पि ठं डे पानी के छीं टे
मािे । किि कोल्हू में डािकि पे िना शुूप ककया औि किि तेि तनकिने िगा।

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ररश्ता – चचत्रा मद्
ु गल
िगभग बाईस हदनों तक ‘कॉमा’ में िहने के बाद जेब उसे होश आया था तो क्जस जीवनदातयनी को उसने अपने किीब, बहुत तनकट पाया था, वे थीं मािथा मम्मी।

अस्पताि के अन्य मिीजों के लिए लसस्टि मािथा। वह पन


ू ा जा िहा था......खंडािा घाट की चढ़ाई पि अचानक वह दघ
ु टष ाग्रस्त हो गया। जख्मी अवस्था में नौ घंटे

तक पडे िहने के बाद एक यात्री ने अपनी गाडी से उसे स स


ु ान अस्पताि में दाखखि किवाया.....पिू े चाि महीने बाद वह अस्पताि से ड़डस्चाजष ककया गया। चिते

समय वह मािथा मम्मी से लिपटकि बच्चे की तिह िोया। उन्होंने उसके माथे पि ममत्व के स ैकडों चंब
ु न टााँक हदए। ‘गॉड ब्िे स यू माय चाइल्ड....’ डॉ0 कोठािी से

उसने कहा भी था, ‘‘डॉ0 साहब! आज अगि इस अस्पताि से म ैं क्जंदा िौट िहा हूाँ तो आपकी दवाइयों औि इंजेतशनों के बि पि नहीं , मािथा मम्मी के प्याि के

बि पि।’’

उस िोज वे उसे गे ट तक छोडने आई थीं औि जब तक उसकी गाडी अस्पताि के गे ट से बाहि नहीं हो गई, वे अपिक खडी ववदाई में हाथ हहिाती िही थीं....

वही मािथा मम्मी....आज जब अिसे बाद वह उनसे वाडष में लमिने पहुाँचा तो उन्हें दे खकि खश
ु ी से पगिा उठा। वे एक मिीज के पिंग से सटी उसकी किाई थामे

िडकनों का अंदाजा िगा िही थी। उन्होंने मिीज की किाई हौिे से बबस्ति पि हटकाई कक उसने उन्हें अचानक पीछे से बाजओ
ु ं में उठा लिया।

‘‘अिे ,अिे , तया किता है तम


ु ....इड़डयट....छोडो मेिे को! ये अस्पताि है ना।’’

वह सकपका उठा। उन्हें िशष पि खडा किते हुए उसने अचिज से मािथा मम्मी को दे खा। ‘‘म ैं आपका बेटा अशोक, मम्मी? पहचाना नहीं आपने म झ
ु े....!’’

‘‘पे चाना, पे चाना....पन अभी मेिे को टाइम नई.....ड़डयट


ू ी पि ऐसा नई आने का लमिने कू। अब्बी जाओ तम
ु ...दे खता नई पे शेन्ट तकिीि में हय....’’उन्होंने उसे

तततत स्वि में खझडका।

वह उनके अनपे क्षित व्यवहाि से स्तब्ि हो उठा, ततिलमिाया–खखलसयाया सा िौिन म ड


ु ने िगा कक तभी उसी मिीज की प्राणिे वा किाह स न
ु कि िणांश को हठठक

गया। मिीज के पपड़डयाये होंठ पीडा से बबिबबिाते बुनबुदा िहे थे, ‘‘मााँ....ओ....मााँ....हा....आ....’’

‘‘माय चाइल्ड, आॅय अंम ववद यू। हैव पे शन्स...हैव पे शन्स...’’ उसकी मािथा मम्मी अत्यन्त स्नेहहि स्वि में उस मिीज का सीना सहिा िही थी....’’

वह म ुडा औि तेजी से वाडष से बाहि हो गया।

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सी.बी.एस.ई. पाठ्यक्रम, कक्षा 10, ह द
िं ी कोसस - बी

लघु कथा लेखन का सिंक्षक्षप्त इतत ास


• िघु कथा का प्रवेश भाित में अंग्रेजी से हुआ।
• हहंदी में सवषप्रथम िघु कथा िचना सन ् 1945 में
प्रकालशत हुई।
• सवषप्रथम िघु कथा की प्रकालशत पुस्तक का
नाम सहदयााँ बीतीं है।
• वतषमान में इस वविा की िोकवप्रयता सबसे अधिक है।

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अपनी प्रततपक्ु ष्ट व सच
ू नाएाँ ई-मेि पि
भेजने की कृपा किें ।
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