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7-4-2022 7-4-2022

चक्र कर्राना यह तो सहज है बाप िहते हैं मेरे पास आना है इसकलए मुझे याि िरो 07-04-2022 प्रात: मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
मनु िो मरने समय िहा जाता है राम-राम िहो अर्प िुछ भी समझते नहीों श्रीिृ “मीठे बच्चे - इस कलियुग में सब रावण की जंजीर ं में बंधे हुए, जीवन-बंध हैं ,
िहने से भी िहााँ पहुाँ च तो नहीों जाते ले जाने िाला कर्र भी बाप है कििमप किनाश होने उन्हें जीवनमुक्त बनाना है ”
कबर्र तुम िाकपस िैसे जायेंर्े अभी सबिी ियामत िा समय है कर्र अपने -अपने समय
प्रश्न:- कौन सा वसाा आप ब्राह्मण ों के साथ-साथ सभी मनुष्य आत्माओों क भी ममलता है?
पर आयेंर्े यह ाइों र् धारण िरनी है नोर् िरनी है
उत्तर:- जीवनमुक्त बनने का वसाा सभी क ममलता है । तुम ब्रह्मा की औलाद ब्राह्मण बनते
तुमिो मात-कपता िो र्ालो िरना चाकहए म ा िभी किसिो तोंर् नहीों िरती र्ी
ह इसमलए तुम्हें 21 जन् ों के मलए जीवनमुन्तक्त का वसाा ममलता है , बाकी सबक अपने -
िईयोों िी बहुत ररपोर्प आती है , मैनसप नहीों हैं परमकपता परमा ा पढ़ाते हैं , कितना किमार्
अपने धमा में पहले-पहले जीवनमुन्तक्त अथाा त् सुख मिर दु :ख ममलता है । हर एक आधा
चाकहए अৢी चलन िाले पर सभी िा ार रहे र्ा िोई तो बडा तोंर् िरते हैं अपने
समय सुख और आधा समय दु :ख भ गते हैं । बाकी हर एक स्वगा के सुख नहीों भ ग सकते।
आपिो ही चमार् मारते हैं तो पि भ्र हो जायेर्ा र्ाया भी जाता है कह िू लोर्ोों ने अपने
उसके मलए त ब्राह्मण बनना पडे , पाठशाला में मशक्षा लेनी पडे , माया पर मवजयी बनना
आपिो चमार् मारी है ई र जो रा৸ भा৓ िे ता है उनिो सिप ापी िह किया है यह
पडे ।
अपने िो चमार् मारी है तब यह हाल हुआ है शा ोों में किखाया है कि भर्िान िहते हैं
कि मैं सिप ापी हाँ पर ु भर्िान खुि िहते हैं मैं िोई तु ारे जैसा र्ोडे ही हाँ जो अपने गीत:- मुखडा दे ख ले प्राणी......
िो चमार् मारू ों र्ा क्ा मैं िु े कब ी में हाँ ! बाप िहते हैं तुमने मेरी ৕ाकन िी है - यह ओम् शान्ति। यह किसने िहा? अपने किल रूपी िपपण में िे खो कि कितने पाप हैं , कितने
भी डर ामा कर्र भी ऐसे ही होर्ा अৢा! पुਘ हैं अर्ाप त् 5 कििारोों पर कितनी जीत पहनी है ! हम लायि बने हैं श्री नारायण िो
मीठे -मीठे कसिीलधे बৡोों प्रकत मात-कपता बापिािा िा याि- ार और र्ुडमाकनिंर् िरने? क्ोोंकि जीिनमुक्ति िा र्प िे माकलि तो राजा रानी भी बनते हैं , प्रजा भी बनती
रूहानी बाप िी रूहानी बৡोों िो नम े है तो िपपण में अपने िो िे खना है कि मााँ बाप कजतनी सेिा हम िर सिते हैं ! यह कसर्प
तुम ब्रा ण ही जानते हो कि यह िकलयुर् है और सब जीिन-ब में हैं एि भी जीिनमुक्ति
धारणा के लिए मुख्य सार:-
में नहीों है तुम भी जीिनब में र्े अभी जीिनमुक्ति पाने िे कलए बाप पुरुषार्प िराते हैं
1) िोई भी उ ी चलन नहीों चलनी है अৢे र्ुण धारण िरने हैं मात-कपता िो र्ालो
बाप ने समझाया है - इस समय सब मनु मात्र जीिन-ब में हैं क्ोोंकि है ही िकलयुर्
िरना है
रािण िी जोंजीरोों में बाँधे हुए हैं िकलयुर् है जीिनबोंध सतयुर् है जीिनमुि रामरा৸
2) योर्बल से िाम, क्रोध िे ह े नशे िो भी समा िरना है कनकम बन सबिो रािण
में यर्ा राजा रानी तर्ा प्रजा सब जीिनमुि हैं रािणरा৸ में जीिनबोंध हैं , यर्ा राजा रानी
िी जोंजीरोों से छु डाने िी सेिा िरनी है
तर्ा प्रजा इस समय सब मनु मात्र जीिनबोंध में हैं , तमोप्रधान िु :खी हैं अब सबिो
वरदान:- क्या, क्य ,ं ऐसे और वैसे के सभी प्रश्न ं से पार रहने वािे सदा सतोप्रधान में जाना है सतोप्रधान शुरू होता है सतयुर् में हर एि आ ा िो अपना-
प्रसन्नलित्त भव अपना पार्प बजाना है आ ा अपने -अपने धमप में जब आती है शाक्त धाम से तो पहले -
ज प्रसन्नमित आत्मायें हैं वे स्व के सोंबोंध में वा सवा के सोंबोंध में, प्रकृमत के सोंबोंध में, मकसी पहले जीिनमुि है सतयुर् त्रेता में किसिो जीिनबोंध नहीों िहें र्े क्ोोंकि रािणरा৸ ही
भी समय, मकसी भी बात में सोंकल्प-मात्र भी क्वेश्चन नहीों उठायेंगी। यह ऐसा क् ों वा यह नहीों िकलयुर् में रािणरा৸ है सारी पृ ी पर जीिनबोंध रा৸ है आकि सनातन िे िी-
क्ा ह रहा है , ऐसा भी ह ता है क्ा? प्रसन्नमित आत्मा के सोंकल्प में हर कमा क करते, िे िता धमप िा पहला न र जो है , िह भी जीिनबोंध में है अब जीिनमुि बन रहा है
दे खते, सुनते, स िते यही रहता है मक ज ह रहा है वह मेरे मलए अच्छा है और सदा अच्छा जीिनमुक्ति िा अर्प यह नहीों कि सभी सतयुर् त्रेता में आ जायेंर्े नहीों, रािण िे िु :ख से
ही ह ना है । वे कभी क्ा, क् ,ों ऐसा-वैसा इन प्रश् ों की उलझन में नहीों जाते। छु डाना - उसिो ही जीिनमुक्ति िहा जाता है मनु , मनु िो मुक्ति िा जीिनमुक्ति
िे नहीों सिते मुक्ति अर्ाप त् कनिाप णधाम में सबिो बाप ही ले जाते हैं पहले सब मुक्ति में
स्ल गन:- स्वयों क मेहमान समझकर हर कमा कर त महान और ममहमा य ग्य बन
जायेंर्े कर्र जीिनमुक्ति में न रिार धमप अनुसार आयेंर्े ऐसे नहीों कि सतयुर् में नहीों
जायेंगे।
आते तो जीिनमुि नहीों िहला सिते पहले -पहले जो भी आते हैं अपने धमप में, िो
जीिनमुक्ति में हैं आ ा िो पहले सतोप्रधान बनना है , कर्र सतो रजो में आना है हर
चीज़ नई से पुरानी होती है , पुरानी से कर्र नई बनती है इस समय साधू स आकि सब
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जीिनबोंध में हैं है ही िकलयुर् जब ति बाप न आये उनिो बाबा िहा जाता है , कर्र िह िोई शाक्त र्ोडे ही है अर्र िहााँ शाक्त है कर्र तो िहााँ ही बैठे रहें , कर्र शहर में
महािाल िहो या िोई भी नाम रखो असुल नाम है कशिबाबा बाबा-बाबा िहते ही रहते आिर इतने ैर् आकि क्ोों बनाते हैं िहााँ सतयुर् में तो शाक्त ही शाक्त है भल कपछाडी
हैं र्ॉड र्ािर परमकपता परमा ा िहते हैं बाप समझाते हैं मैं आिर बৡोों िो मुक्ति में जो आते हैं िह समझते हैं यहााँ अशाक्त ही अशाक्त है उ ोों िो तो शाक्त है , िू सरोों
जीिनमुक्ति िोनोों ही िे ता हाँ पहले -पहले जो भी आयेंर्े जरूर सुख में आयेंर्े, कर्र पीछे िो अशाक्त में समझते हैं यह बातें बडी समझने िी हैं जीिनमुक्ति कमलती सबिो है
िु :ख में आना है मुक्ति िे बाि जीिनमुक्ति आती है कर्र पीछे है जीिनबोंध पहले -पहले 21 ज तुम रा৸ िरते हो तो िू सरे िे री से आते हैं , िह ऊपर शाक्त में रहते हैं िोई
जरूर सुख में आना है बाप सभी िो सुख िा िसाप िे ते हैं कर्र िोई िा एि ज भी सतयुर् में अर्िा त्रेता में पीछे आते हैं तो भी हैं तो शाक्त धाम में ना िहााँ िोई िु :ख नहीों
सुख िा होर्ा आया र्ोडा सुख पाया और मरा उनिा डरामा में इतना ही पार्प है िृक्त है कर्र न रिार आयेंर्े, कहसाब-किताब भी है ना
तो मनु ोों िी होती ही रहती है अब ति आते ही रहते हैं जा ी रहने िाले तो नहीों हैं मनु समझते हैं कि साइ बडी तीखी है , हम िहते हैं हमारी साइले सबसे तीखी
किनाश सामने खडा है जो नये आयेंर्े कर्र भल िकलयुर् में आयें पर ु आते ही िु :ख नहीों है बाबा िी याि से ही ताित कमलती है िह साइों स िी ताित से ऊपर च मा में जाने
भोर्ेंर्े जरूर उनिा िहााँ अৢा ही मान होर्ा मुक्तिधाम से हमेशा पहले जीिनमुक्ति िा पुरुषार्प िरते हैं , तुम तो एि सेिेਔ में सूयप चाों ि से भी ऊपर चले जाते हो मूलितन,
में जाना होता है माया िे ब न से मुि हो पहले सुख में उतरें र्े, कर्र िु :ख में आयेंर्े सूक्ष्मितन से ऊपर तो िुछ है नहीों सू यप चाों ि से मूलितन, सूक्ष्मितन बहुत िू र है किसिो
इस समय सब जडजडीभूत अि र्ा िो पाये हुए हैं अपना सुख और िु :ख िा पार्प बजाए मालूम नहीों पड सिता यह हैं सब कडर्े ल िी बातें सूयपिोंशी राजा रानी बनने िी तििीर
सब मुक्ति और जीिनमुक्तिधाम में आयेंर्े मुक्ति है ही िाया जायेंर्े कर्र आयेंर्े जरूर नहीों है तो िुछ समझ नहीों सिते हैं , न किसिो समझा सिते हैं िोई ऐसे िह न सिें
सारी िु कनया िे मनु मात्र जो कजस-कजस धमप में आये हैं िह कर्र ऐसे ही आयेंर्े जनि कि मुक्ति जीिनमुक्ति िा ৯ान मेरे में हैं (जनि िा कमसाल) सभी िो जेल में डाल किया
िो भी जीिनमुक्ति कमली ना ऐसे नहीों कि राजाई इस समय नहीों है िह भी कपछाडी में इस समय रािण ने सबिो जेल में डाल किया है राम आिर सबिो छु डाते हैं बाप ारा
आिर ৯ान लेंर्े जरूर जीिनमुक्ति तो तुम सबिो कमलती है पर ु न रिार पुरुषार्प तुम कनकम बने हो सबिो रािण िे च े से छु डािर जीिनमुि बनाने िे कलए तु ारा
अनुसार और जो सब धमप हैं उनिे कलए कर्र िहें र्े न रिार पुरुषार्प अनुसार और धमप नाम बाला है कशि शक्ति सेना तु ारा नाम इस डरामा में कपछाडी िो बहुत ऊोंचा होना है
अनुसार जो भी िे िी िे िता धमप िाले और-और धमो में चले र्ये हैं िह सब कनिल आयेंर्े जब से बाप आया है तो माताओों िा मतपबा िु कनया में भी बहुत ऊोंचा हुआ है पहले किलायत
सबिो िाकपस आना है पहले ब्रा ण बनना है यूाँ ब्र ा िी औलाि तो सब हैं पर ु ब्रा ण में माताओों िा मतपबा बहुत र्ा िहााँ बৡी पैिा होती तो बहुत खुशी मनाते हैं , यहााँ बৡी
सब नहीों बनेंर्े जो ब्रा ण बनते हैं उ ोों िे कलए 21ज जीिनमुि िहा जाता है राज- पैिा होती है तो खकर्या उ ा िर िे ते हैं बर्प डे भी नहीों मनाते िैसे ि ाओों िा ि ै या
र् ी पर बैठते हैं तो राजयोर् सीखना पडे यह पाठशाला है पाठशाला में कशक्षा लेनी पडे र्ाया हुआ है िा ि में तुम सब ि ायें हो तु ारा यह नया ज है बािी पढ़ाई में
िायिे भी बहुत हैं , एि बार लশ कमल र्या कर्र किलायत में भी रहिर पढ़ सिते हैं न रिार हैं आ ा छोर्ी बडी नहीों होती है शरीर छोर्ा बडा होता है िोई झर् समझ
बरोबर हम कशिबाबा िे बৡे हैं बाप से िसाप जरूर लेना है पत्र भी कलखते हैं , बाबा रािण जाते हैं , किसिी तििीर में नहीों है तो समझ नहीों सिते हैं जीिनमुक्ति और जीिनबोंध
िा भूत सताता है िभी िाम िा, िभी क्रोध िा ह ा नशा आ जाता है बाप िहते हैं यह िोनोों इस र्ूलितन िी ही बात है सतयुर् से लेिर जीिनमुि होते हैं कर्र जीिनबोंध
इन पर किजय पानी है यह तु ारी लडाई है ही योर्बल िी तुम याि िरें र्े , माया तु ारा होते हैं ापर में अभी सुख िो सब भूल र्ये हैं , िु :ख में पडे हैं ऐसा िोई है नहीों जो िहे
बुक्त योर् तोड िे र्ी तो बाबा ने समझाया है , जीिनमुक्ति सबिो कमलनी है इसिा मतलब कि हमने 21 ज सुख कलया र्ा अब रािण रा৸ होने िे िारण मूत पलीती हो र्ये हैं
यह नहीों कि सब र्प में आयें र्े सभी चाहते हैं हमिो मुक्ति चाकहए समझो जो कपछाडी िहााँ रािण रा৸ ही नहीों तो मूत पलीती िैसे हो सिते हैं र्ाया भी जाता है योर्बल,
में आते हैं पार्प बजाने तो बािी इतना समय मुक्ति में होोंर्े ना कितनी शाक्त कमल जाती भोर्बल िहााँ योर्बल से बৡे पैिा होते हैं तुम रसम िो जानते हो िू सरोों िी तो बात
है 4500 िषप अर्िा पौने 5 हजार िषप शाक्त में रहते हैं कर्र उनिा पार्प ही ऐसा है हम ही नहीों अमेररिन आकि िी रसम ररिाज िह जानें हम अपनी रसम ररिाज िो जान र्ये
कर्र सुख और शाक्त िोनोों में रहते हैं ऐसे नहीों कि मनु चाहें बस हमिो उन जैसी ही हैं हम सतयुर् िे रहने िाले हैं िहााँ हमारी रसम ररिाज भी नई होर्ी, उस पर चलेंर्े
शाक्त चाकहए िहााँ बैठे ही रहें िहने से नहीों कमल सिती अनाकि डरामा बना हुआ है जैसे ि पहले तुम चले र्े जो हुआ होर्ा िही अब होर्ा बৡे ान में जािर रसम-
इसमें र्िप नहीों पड सिता है शाक्त िे शौिीन तो बहुत हैं तु ारे सुख से भी उ ोों िो ररिाज िे खिर आते हैं पर ु कर्र भी ऊोंच पि पाने िा पुरुषार्प िरना है कज ोोंने िहााँ
शाक्त ৸ािा कमलती है तुमिो कर्र सुख और शाक्त िोनोों कमलते हैं यहााँ सुख है - िी रसम-ररिाज बताई, िह सब अभी हैं नहीों तो इनसे िुछ र्ायिा तो होता ही नहीों है
अ िाल िा शाक्त तो यहााँ होती नहीों िु :खधाम है ना बािी जोंर्ल में जािर बैठ जाना, तो सारा मिार है पढाई पर योर् और ৯ान, योर् अर्ाप त् बाप िो याि िरना ৯ान अर्ाप त्
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