You are on page 1of 7

विषय ह द

िं ी
प्रश्न
पपत्रनसं.नएवंनशीर्षकन P5: भाषाविज्ञान
इकाईनसं.नएवंनशीर्षकन M25: पारििारिक िर्गीकिण
इकाईनटै गन HND_P5_M25

ननर्ााता सर्ू
प्रमुखनअन्नवर्
ह कन प्रो. गर्गिीश्िि िर््र
कुलपति,नमहातन
मानगां ीनअंिाााटन
रीय हिंनी हंिीनववश्न
ववव्य हिंालय हिं,नव ाषन(महाााटन
र)न442001
ईमहलन:नmisragirishwar@gmail.com
प्रश्पपत्र समन्न
वय हिंकनन डॉ. उर्ाशिंकि उपाध्याय
पूवनष प्रोफहसा,नभार्ानवव्य हिंापीठन
महातन
मानगां ीनअंिाााटन
रीय हिंनी हंिीनववश्न
ववव्य हिंालय हिं,नव ाषन(महाााटन
र)न442001न
ईमहलन:नusupadhyay@gmail.comन न
इकाई लहखक प्रो. ठाकुि दास
पूवनष प्रोफहसा,नकेंद्रीय हिंनी हंिीनसंस्थाप,नआगाा
ईमहलन:नdassthakur@gmail.comन
इकाईनसमीक्षक डॉ. उर्ाशिंकि उपाध्याय
पूवनष प्रोफहसा,नभार्ानवव्य हिंापीठन
महातन
मानगां ीनअंिाााटन
रीय हिंनी हंिीनववश्न
ववव्य हिंालय हिं,नव ाषन(महाााटन
र)न442001न
ईमहलन:नusupadhyay@gmail.comन न
भार्ा संपािकन प्रो. गर्गिीश्िि िर््र
कुलपति,नमहातन
मानगां ीनअंिााार्र्न ीय हिंनी हंिीनववश्न
ववव्य हिंालय हिं,नव ाषन(महाााटन
र)न442001
ईमहलन:नmisragirishwar@gmail.com

पाठ का प्रारूप
1. पाठनकानउद्दहश्य हिं
2. प्रस्िावपा
3. भार्ानपरावाानकीनसंकल्पपा
4. पारावाराकनवगीकाणनकहनआ ाा
5. पारावाराकनवगीकाणनकीनसंी िग् िा
6. आंिराकनपुपाष चपानएवंनिुलपातमकनपुपाष चपा
7. तपटकर्ष

1. पाठ का उद्देश्य
इसनपाठनमें नआपनसीखेंगहनककन–
1. पारावाराकनवगीकाणनसहनक्य हिंानिातपय हिंषनहै ?न
2. पारावाराकनवगीकाणनऔानआकृतिमूलकनवगीकाणनमें नक्य हिंानअंिानहै ?
3. पारावाराकनवगीकाणनककपनआ ााोंनपानककय हिंानजािानहै ?

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण
4. क्य हिंानपारावाराकनवगीकाणनकहनआ ाानपानवैज्ञातपकनतपटकर्षनतपकालहनजानसकिहनहै ?
5. आंिराकनपुपाष चपा एवंनिुलपातमकनपुपाष चपानसहनक्य हिंानिातपय हिंषनहै नऔानउपनिोपोंनमें नक्य हिंानअंिानहै ?

2. प्रस्तािना
भार्ावविोंन कहन ्वााान ववश्वन कीन भार्ाओंन कान मुख्य हिंन रूपन सहन िोन आ ााोंन पान वगीकाणन ककय हिंान गय हिंान है ।न य हिंहन आ ाान हैंन –न
आकृतिनय हिंानाचपानिथानपारावाराकनय हिंानआपुवंशशकनसंबं ।नआकृतिमूलकनवगीकाणनकहनबााह नमें नहमनवपछलीनइकाईनमें नपढ़न
चुकहनहैं।नाचपानितवनय हिंानआकृतिनकहनआ ाानपानककय हिंानगय हिंानवगीकाणनआकृतिमूलकनवगीकाणनकहलािानहै ।नइसनइकाईन
में नहमनपारावाराकनवगीकाणनकहनबााह नमें नपराचचिनहोंगह।
ऐतिहाशसकनभार्ाववज्ञापनकानप्रमुखनववर्य हिंनहै न भार्ाओंन कानपारावाराकनवगीकाण।नइसनववर्य हिंनपानवपछलहन डहढ़-िोनसौनवर्ोंन
सहन कामनककय हिंानजानाहानहै न औानववश्वनकीनभार्ाओंन कोनववशभन्पनभार्ानपरावााोंनमें न वगीकृिनककय हिंानगय हिंानहै ।नपारावाराकन
वगीकाणनपानववचाानकापहनसहनपहलहनहमें नभार्ानपरावाानकीनसंकल्पपानकोनसमझपानहोगा।न

3. भाषा परििाि की सिंकल्पना


भार्ान परावाान सहन िातपय हिंषन ककसीन सामान्य हिंन पूवज
ष न य हिंान प्राक् न भार्ान सहन तपकलीन हुईन िथा आपुवंशशकन संबं न सहन जुडीन हुईन
भार्ाओं सहन है ।नइसनआ ाानपानपारावाराकनवगीकाणनकोनआपुवंशशकनएवंन ऐतिहाशसकनवगीकाणनकीनसंज्ञानभीनिीनजािीन
है ।नववश्वनकीनववशभन्पनभार्ाओंनकानिुलपातमकनपद्धतिनकहनआ ाानपानपारावाराकनवगीकाणनककय हिंानगय हिंानहै निथानववशभन्पन
भार्ान परावााोंन कीन स्थापपान कीन गईन है न जैसहन भााि-य हिंूाोपीय हिंन (भााोपीय हिं)न परावाा,न द्रववडन परावाा,न चीपीन परावाा,न
आस्रह शलय हिंाईन परावाा,न अमाीकीन परावाान आी ि।न भार्ावविोंन पहन ववश्वन कहन 18न प्रमख
ु न भार्ान परावााोंन कान वणषपन ककय हिंान है ,न
जजपमें न सहन भााोपीय हिंन भार्ान परावाान कान महतवन सबसहन ज़्य हिंािानहै ।न इसकहन कईन कााणन हैंन -न जपसंख्य हिंान कीन दृजटटन सहन इसकहन
बोलपहवालहन सवाषच कनहैंन औानबहुिनबडहन भूभागनमें न इसनपरावाानकीनभार्ाएँन बोलीनजािीनहैं।नइसनपरावाानसहन संबद्धनभार्ाएँन
य हिंुाोपनिथानएशशय हिंानकहनकाफीनबडहनभागनमें नबोलीनजािीनहैं।नसाी हजतय हिंकनदृजटटनसहनभीनइपनभार्ाओंनकानसाी हतय हिंनउतकृटटनहै ।न
इसनपरावाानकीनभार्ाओँ नकानसवाषच कनअध्य हिंय हिंपनहुआनहै ।

भााोपीय हिंन भार्ान परावाान कोन 'केंटुम' औान 'शिम' वगोंन कहन रूपन में न जापान जािान है ।न य हिंहन ववभाजपन पजश्चमीन औान पूवीन
भार्ाओंन कहनरूपनमेंन भीनककय हिंानगय हिंानहै ।नपूवीनभार्ाएँन 'केंटुम'नवगष औानपजश्चमीनभार्ाएँन 'शिम' वगषन कहनरूपनमेंन चचजनपिन
कीनगईनहैं।नशिम वगषनकोनभााि-ईाापी, आय हिंषनभार्ानपरावाानकहनरूपनमें नभीनजापानजािानहै । भाािनकीनआय हिंषनभार्ाएँनइसीन
वगषनमें नआिीनहैं।

भार्ाओंनकहनबीचनपारावाराकनसंबं नकोनसांस्कृतिकनसंचाणनकहनरूपनमें नभीनपराभावर्िनककय हिंानजानसकिानहै ।नसभीनभार्ाओंन


में नसमय हिंनकहनसाथनपराविषपनहोिानहै नऔानअच कनसमय हिंनबीिपहनपानअच कनपराविषपनहोिानहै ।नजबनककसीनभार्ानकानकईन
पीी ढ़य हिंोंन िकन सांस्कृतिकन संचाणन होिान ाहिान है न िबन उसमेंन काफीन पराविषपन आन जािान है न औान वहन मूलनभार्ान य हिंान प्राक् न
भार्ान सहन काफीन अलगन होन जािीन है ।न कभी-कभीन िोन उसकानपामन भीन अलगन होन जािान है ।नउिाहाणन कहन शलएन आइबहराय हिंान
प्राय हिं्वीपन में न बोलीन जापहवालीन भााोपीय हिंन परावाान कीन भार्ान लैी टपन कान स्वरूपन बिलकान स्पहतपशन होन गय हिंा।न इसीन प्रकाान
इंग्लैंडनमें नप्राक् -जमैतपकनववकशसिनहोकानएंग्लो-सैक्सपनअथवानअंग्रहजीनबपनगई।न

य हिंी िन हम स्पहतपश, पुिग


ष ाली, इिालवी, ाोमातपय हिंाईन भार्ाओंन कीन िुलपान काें न िो हमन इपन भार्ाओंन में न एकन प्रकाान कीन
"पारावाराकन समापिा"न पािहन हैं।न जमषपन औान फ्ांसीसीन भार्ान कीन िुलपान कािहन समय हिंन य हिंहन "पारावाराकन समापिा"न प्रकटन

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण
पहींन होिी।न ककं िुन अंग्रहजी, डच, स्वीडडशन य हिंान डहतपश,न जमषपन कीन िुलपान कीन जाएन िोन इपन भार्ाओंन कहन बीचन एकन
‘’आपुवंशशकन समापिा"न ी िखाईन िह िीन है ।न य हिंहीन जस्थतिन हमें न ी हंिी,न बांग्ला,न असशमय हिंा,न उडडय हिंा.न मााठी,न गुजाािी,न पंजाबीन
आी िनभार्ाओंन में न भीनशमलिीनहै ।नय हिंी िनइपनभार्ाओंन कीनिल
ु पानकाें न िोनहमें न इपमें न एकनप्रकाानकीनआपव
ु ंशशकनसमापिान
शमलिीन है ,न य हिंहन सभीन भार्ाएँन आय हिंषन भार्ान परावाान सहन संबं न ाखिीन हैं।न ककं िुन य हिंी िन हमन मााठीन य हिंान बांग्लान य हिंान ी हंिीन कीन
िुलपान िहलुगुन य हिंान िशमलन सहन काें न िोन इपमें न समापिान पहींन शमलिीन क्य हिंोंककन य हिंहन भार्ाएँन शभन्पन परावाान कीन भार्ाएँन हैं।न
मााठी,नबांग्लानओानी हंिीनआय हिंषनपरावाानकीनभार्ाएँनहैंनिोनिहलग
ु ुनऔानिशमलनद्रववडनपरावाानकी।

इसनप्रकाानहमनपव
ू ज
ष नभार्ानसहन ववकशसिनवंशजनभार्ाओंन कहनबीचनपरावाराकनय हिंानआपव
ु ंशशकनसंबं नकीनबािनकानसकिहन
हैं।नपारावाराकनरूपनसहन संबंच िनभार्ाओंन कहनबीचनसंबं नगहाानय हिंानसमीपस्थनअथवानिाू स्थनहोनसकिान है ।नसंबद्धिानकीन
मात्रान (डडग्री)न कोन वंश-वक्ष
ृ न कहन रूपन में न प्रिशशषिन ककय हिंान जान सकिान है ।न भार्ान संबं ोंन कोन व्य हिंक्िन कापहन में न वंश-वक्ष
ृ न बहुिन
महतवपूणनष भूशमकानतपभािहनहैं।नननननननननननननननननननन

पारावाराकन वगीकाणन कहन शलएन िल


ु पातमकन पद्धतिन कान सहााान शलय हिंान जािान है ।न िल
ु पातमकन पद्धतिन संबंद्धन भार्ाओंन कीन
िुलपानकापहन कीनएकनपद्धतिनहै ,नजजसकहनअंिगषिनसंबद्धनभार्ाओंन सेंन िुलपातमकनसामग्रीनकहनआ ाानपानभार्ाओंन कहनमूलन
रूपन िकन पहुँचपहन कान प्रय हिंासन ककय हिंान जािान है ।न य हिंहाँन िुलपातमकन सामग्रीन सहन िातपय हिंषन आ ााभूिन शब्िावलीन सहन है ,न जजसकहन
अंिगषिनराश्िह-पािहन कीन शब्िावलीन (मािा,न वपिा,न भाई,न बहपन आी ि),न संख्य हिंावाचकन शब्िन न(एक,न िो,न िीप,न चाान आी ि),न
सवषपामनशब्िोंन(मैं,निुम,नवहनआी ि)निथानआ ााभूिनकिय हिंाओंन(आपा,नजापा,नखापा,नसोपा,नपीपानआी ि)नकोनशलय हिंानजािान
है ,न क्य हिंोंककन इसन प्रकाान कहन शब्िोंन में न पराविषपन अपहक्षाकृिन बहुिन कमन होिहन हैं।न य हिंी िन इपन शब्िोंन में न साम्य हिंन शमलिान है न िोन
पारावाराकन रूपन सहन संबद्धन होपहन कीन संभावपान बढ़न जािीन है ।न इसीन सहन संबंच िन िुलपातमकन पुपाष चपान िथान आंिराकन
पुपाष चपानकहनशसद्धांिनभीनहैं,नजजपपानआगहनचचाषनकीनजाएगी।न

4. पारििारिक िर्गीकिण के आधाि


पारावाराकनवगीकाणनकहनसामान्य हिंिय हिंानचाानआ ाानमापहनजािहनहैं।
1. स्थापनसमीपिा
2. शब्िनसाम्य हिंनय हिंानसमापिा
3. व्य हिंाकाणनसाम्य हिंनय हिंानसमापिा
4. ध्वतपनसाम्य हिंनय हिंानसमापिा

1. स्थान सर्ीपतान-नआमनिौानपानएकनपरावाानसहन संबद्धनभार्ाएँन स्थापनकीनदृजटटनसहन एकनिस


ू ाह न कहनसमीपनहोिीन
हैं।नइससहन उपनभार्ाओंन कीनएकनपरावाानसहन संबद्धनहोपहन कीनसंभावपानबढ़नजािीनहै ।नभाािीय हिंनभार्ाओंन मेंन ी हंिी,न
पंजाबी,नबांग्ला,नगुजाािीनआी िनऐसीनभार्ाएँन हैंन जोनएकनपरावाानमें न आिीनहैं।नइपमें न स्थापनसमीपिानपाईनजािीन
है ।नपां िुन स्थापनसमीपिानपारावाराकनवगीकाणनकानएकमात्रनआ ाानपहींन बपनसकिी।नकुछनभार्ाएँन एकनिस
ू ाह न
कहन समीपन होकान भीन एकन परावाान में न सजम्मशलिनपहींन होिीं,न जैसहन िहलग
ु ,ु न मााठी,न कन्पडन स्थापन कीन दृजटटन सहन
समीपनहैंन ककं िुन शभन्पनपरावाानकीनभार्ाएँन हैंन जबककनजमषप,नअंग्रहजी,नफ्ेंच,नसंस्कृिनआी िनस्थापनकहनआ ाानपान
िाू नहोकानभीनएकनपरावाान–नभााोपीय हिंनपरावाानमें न आिीनहैं।नइसनप्रकाानस्थापनसमीपिानपारावाराकनसमापिान
य हिंानवगीकाणनकीन्य हिंोिकनिोनहै नककं िुनतपणाषय हिंकनपहींनहै ।

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण
2. शब्द सर्ानता -नइसकहनअंिगषिनभार्ाओंन में न आ ााभूिनशब्िावलीनसंबं ीनसमापिानकोनशलय हिंानजािानहै ।नइसमें न
शब्िनकीनआकृतिनकहनसाथ-साथनअथषन पानभीनववचाानककय हिंानजािानहै ।नय हिंी िनएकाच कनशब्िोंनमें न शब्िनसमापिान
शमलिीनहै निोनय हिंहनपारावाराकनदृजटटनसहन संबंद्धनहोपहन कीनओानसंकहिनिह िीनहै ।नशब्िनसमापिानकहनशलएनआ ााभि
ू न
शब्िावलीनपानहीनववचाानककय हिंानजािानहै ।न

इसीनआ ाानपानसंस्कृि,नफाासी,नग्रीक,नलैी टप,नजमषप, अंग्रहजीनऔानी हंिीनकहनकुछनआ ााभूिनशब्िोंनमें न पारावाराकन


समापिानी िखाईनपडिीनहै ।नइसीनआ ाानपानइपनभार्ाओंनकोनभााोपीय हिंनपरावाानकहनअंिगषिनाखानगय हिंानहै ।
सिंस्कृत फािसी ग्रीक लैहिन जर्ान अिंग्रेजी ह द
िं ी
मािनृ नन मािाननन Mater नMater न MutterनननMotherननन मािानन
ननननन वपिनृ नन वपिाननन Pater Pater Vater Fatherनननन वपिा
भ्रािनृ नन बबाािान Fraterन Fraterननन Bruder नBrotherननन भ्रािानननननननननन
नननन सप्िनन हफ़्ि Hepta Septem न Sieben नSevenननन सािनननन

शब्िनसाम्य हिंनकहनसंबं नमें न काफीनसिकषिानबािपहन कीनआवश्य हिंकिानहोिीनहै ।नकईनबाानआगिनशब्िोंनकहनकााणनभीनशब्िन


साम्य हिंन होन सकिान है ।न जैसहन ी हंिीन िथान चीपीन भार्ान में न चाय हिंन शब्िन कहन आ ाान पान िोपोंन कोन एकन परावाान सहन संबद्धन पहींन
मापानजानसकिा।नी हंिीनिथानिुकीनभार्ानमें न सैंकडोंनशब्िनअाबीनभार्ानसहन आगिनशब्िनहैं,नइसकहनआ ाानपानी हंिीनऔान
िक
ु ीनकोनएकनपरावाानकहनअंिगषिनपहींनाखानजानसकिा।न

कईन बाान ववशभन्पन परावााोंन कीन भार्ाओंन मेंन भीन आंशशकन समापिान शमलिीन है ,न जैसहन संस्कृिन में न जाल्म: शब्िन (तपिष य हिंी,न
अतय हिंाचााी),न अाबीन में न जाशलमन (जुल्मन य हिंान अतय हिंाचाान कापहवाला),न भोजपुाीन में न तपय हिंाह न (समीप)न िथान अंग्रहजीन में न तपय हिंान
आी िनशब्िोंनमें न आकजस्मकनसाम्य हिंनकोनइपनभार्ाओंन में न पारावाराकनय हिंानऐतिहाशसकनसमापिानकानआ ाानपहींन मापानजान
सकिा।नन

अपुकाणमूलकन शब्िोंन में न अक्सान शब्िाथषन समापिान शमलिीन है न –न जैसहन ी हंिीन में न म्य हिंाउँ ,न चीपीन में न म्य हिंाउँ न ककं िुन इसहन
परावाराकनसमापिानकानआ ाानपहींनमापानजानसकिा।

3. व्याकिण सर्ानता –नइसकहनअंिगषिनपिनाचपानऔानवाक्य हिंनाचपानमें नसमापिानपानववचाानककय हिंानजािानहै ।नय हिंहन


पारावाराकन संबं ोंन कान पुटटन आ ाान होिान है ।न प्रतय हिंकन भार्ान कीन पिन ाचपान औान वाक्य हिंन ाचपान बहुिन हिन िकन
स्विंत्रनहोिीनहैं।नइपमें नबहुिनकमनपराविषपनहोिानहै ।न

इसनस्िानपानकिय हिंानशब्िों,नउपकीन ािुओं,नप्रतय हिंय हिंोंनकहनजुडपहन कहनस्वरूप,नप्रतय हिंय हिंन ािुन कहनआी ि,नमध्य हिंनय हिंानअंिनमें न कहाँन
लगिहनहैंनिथानवाक्य हिंनकीनाचपानककसनप्रकाानसहनहोिीनहै न–नइपनमद्द
ु ोंनपानववचाानककय हिंानजािानहै ।न

4. ध्िनन सर्ानतान–नय हिंी िनवववहच्य हिंनभार्ाओंन कीनप्रय हिंुक्िनध्वतपय हिंोंनमें न समापिानहोिीनहै न िोनउपमें न पारावाराकनसंबं न
होपहन कीनसंभावपानबढ़नजािीनहै।नककसीनभार्ानकीनध्वतपय हिंोंनमेंन ववकासिमनमेंन पराविषपनहोिहन ाहिहन हैं।नउिाहाणन
कहन िौान पान संस्कृिन कीन ऋ,न र्,न ज्ञ,न ऐ,न औन आी िन कान मल
ू न रूपन मेंन उच्चााणन आजन पहींन शमलिा।न संस्कृि,न

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण
फाासी,नरूसी,नफ़्रेंच,नजमषप,नअंग्रहजीनआी िनभार्ाएँन भााोपीय हिंनपरावाानकीनभार्ाएँन हैं।नसंस्कृिनमें न जनध्वतपनपहींन
थीनजबककनअन्य हिंनभार्ाओंनमें नय हिंहनध्वतपनहै ।नसंस्कृिनमें नटवगषनध्वतपय हिंाँनथीं,नककं िुनअन्य हिंनभााोपीय हिंनभार्ाओंनमेंनय हिंहन
ध्वतपय हिंाँन पहींन है ।न संस्कृिन में न ड,न ढ़न ध्वतपय हिंाँन पहींन है न ककं िन
ु उससहन ववकशसिन भाािीय हिंन आय हिंषन भार्ाओंन में न य हिंहन
ध्वतपय हिंाँन शमलिीन हैं।न कईन बाान वविह शीन भार्ाओंन कहन संपकषन कहन साथन वविह शोंन ध्वतपय हिंाँन आन जािीन है ,न जैसहन अाबी-
फाासीनकहनसंपकषनसहनी हंिीनमें नक,नख़,नग़,नफ,नजनआी िनध्वतपय हिंाँनभीनआनगईं।नकफानवविह शीनशब्िोंनकोनआतमसािन
कापहनमें नमूलनअाबी-फाासीनध्वतपय हिंोंनमें नपराविषपनहोनगय हिंा।
अथषन कीन जस्थतिन भीन ध्वतपन य हिंान शब्िन समापिान कीन िाहन अतपजश्चिन होिीन है ,न अथषन पराविषपन भीन भार्ान कीन सामान्य हिंन
ववशहर्िान है ।न जैसहन संस्कृिन मेंन ‘’मग
ृ ’’न शब्िन कान अथषन ‘’कोईन भीन पशु’’न था,न ककं िन
ु बािन मेंन य हिंहन ‘’पशुन ववशहर्’’न कहन रूपन में न
ववकशसिनहोनगय हिंा।नफाासीनमेंन ‘’मग
ृ ’’नशब्िनकहनसाथनिोनपराविषपनघी टिनहुएन–नएकनध्वतपनपराविषपनजजससहन य हिंहन‘’मग
ृ ’’न
सहन ‘’मुग’ष ’नहोनगय हिंानऔानिस
ू ाानअथषन पराविषपनजजससहन य हिंहनपशुन सहन पक्षीनकहनअथषन में न परावतिषिनहोनगय हिंा।नइसनप्रकाानय हिंहन
शसद्धनहोिानहै नककनअथषनभीनजस्थानाहपहवालीनवस्िुनपहींनहै ।

इसनप्रकाानहमनिह खिहन हैंन ककनध्वतपनसमापिानभीनपारावाराकनसंबं नकानपुटटनआ ाानपहींन है ।नसबसहन ववश्वसपीय हिंनआ ाान
व्य हिंाकाणनसमापिानहोिीनहै ,निस
ू ाह नआ ाानउसहनपुटटनकापहनमें नसहाय हिंकनहोनसकिहनहैं।

5. पारििारिक िर्गीकिण की सिंहदग्धता


भार्ाओंनकहनपारावाराकनवगीकाणनकीनसंी िग् िानकहनकईनकााणनशमलिहनहैं।
1. सामग्रीनकीनकमीनकहनकााणनककसीनतपजश्चिनतपटकर्षन पानपहींन पहुँचानजाननसकिा।नसामग्रीनकीनकमीनकानमुख्य हिंन
कााणनय हिंहनहै न ककनववश्वनकीनकईनभार्ाएँन लुप्िनहोनचुकीनहैं।नकुछनभार्ाओंन कहनकुछनहीनशब्िनबचनपाएनहैं।नअि:
अपण
ू नष सामग्रीनकहनआ ाानपानसहीनतपटकर्षनपहीनतपकालहनजानसकिह।
अच कांशनभार्ाओंनमें ,नअशलखखिनहोपहनकहनकााण,नपय हिंाषप्िनसामग्रीनपहींनशमलनपािी।
2. भार्ाओंन कहनइतिहासनमें न समकाशलकिानकानअभावनभीनकी ठपाईनउतपन्पनकािानहै ।नजोनप्राचीपनभार्ाएँन ज्ञािनहैंन
उपमें न ऐतिहाशसकन दृजटटन सहन हजााोंन वर्ोंन कान अंिान शमलिान है ।न पाश्चातय हिंन वव्वापोंन कहन अपुसाान सबसहन प्राचीपन
भार्ानसुमहाीन4000नवर्षन ईसापव
ू नष कीनमापीनजािीनहै ।नशमस्रीन2,800नवर्षन ईसापूव,ष नभााोपीय हिंन2000नवर्षन ईसापूव,ष न
चीपीन1500नवर्षन ईसापव
ू ,ष नद्रववडन500नवर्षन ईसापव
ू ,ष नग्रीकन800नवर्षन ईसापव
ू ,ष निक
ु ीन800नवर्षन ईसापव
ू नष आी िनकीन
मापीन जािीन हैं।न भााोपीय हिंन परावाान में न भीन भााि-इाापीन कान समय हिंन 2000न सहन 1500न वर्षन ईसापूव,ष न ी हतिीन कान
1850नवर्षन ईसापूव,ष नइटै शलय हिंपनकान700नवर्षन ईसापूव,ष नस्लाववकनकान900नवर्षन ईसापूव,ष नबाजल्टकनकान1500नवर्षन
ईसापूवनष मापान जािान है ।न इसन प्रकाान काल-भहिन कहन कााणन भीन भार्ाओंन कहन पारावाराकन संबं ोंन कहन अन्वहर्णन मेंन
काफीनकी ठपाईनहोिीनहै ।
3. संसाान कीन सभीन भार्ाओंन कान समापन रूपन सहन अध्य हिंय हिंपन भीन पहींन होन पाय हिंान है ।न कुछन भार्ाओंन कान अध्य हिंय हिंपन
संिोर्प्रिनहै निोनकुछनकानबबल्कुलनपहीं।नभार्ानपरावााोंनकीनसंख्य हिंानकहनसंबं नमें नभीनएकरूपिानपहींनहै ।न

इसनप्रकाानस्पटटनहै नककनप्रामाखणकनसामग्रीनकीनकमी,नऐतिहाशसकनसमकाशलकिानकानअभावनिथानअध्य हिंय हिंपनकीनअपूणि


ष ान
भार्ाओंनकहनबीचनसंबं -स्थापपनमें नसमस्य हिंानपैिानकािहनहैं।

6. आिंतरिक पुनिा चना एििं तुलनात्र्क पुनिा चना


आंिराकनपुपाष चपानएकनपद्धतिनहै न जजसकहनमाध्य हिंमनसहन ककसीनभार्ानकहनविषमापनरूपोंनकहनआ ाानपानउसकहनप्राचीपनरूपोंन
कीनपुपाष चपानकीनजानसकिीनहै ।नआंिराकनपुपाष चपानमें न एकनहीनभार्ानकहनववशभन्पनरूपोंन(पराविों)नकीनिुलपानकीनजािीन

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण
है ,नइसमें न य हिंहनमापकानचलानजािानहै न ककनय हिंहन पराविषन एकनमल
ू नरूपनसहन ववकशसिनहुएनहैं।नविषमापनसंरूवपमोंनकोनभीनएकन
रूवपमनसहनववकशसिनमापानजािानहै ।नआंिराकनपुपाष चपानकीनआ ााभूिन ााणानय हिंहनहै नककनववशभन्पनपरावहशोंनमें निोनय हिंानिोन
सहनअच कनसाथषकनरूपोंनकानसंबं नप्राचीपनरूपनसहनसंबंद्धनहोनसकिानहै ।न
िुलपातमकन पुपाष चपान में न ववशभन्पन भार्ाओंन में न उपलब् न समापाथीन शब्िोंन कीन िुलपान काकहन उसन कहन प्राक् न रूपन कोन
पुपाष चचिनककय हिंानजािानहै ।नइसकहनअंिगषिनय हिंहनमापकानचलानजािानहै न ककनय हिंहन भार्ाएँन ककसीनएकनपूवज
ष नय हिंानप्राक् न भार्ानसहन
ववकशसिनहुईनहै ।न

जजसनप्रकाानिल
ु पातमकनपप
ु ाष चपान्वााानपप
ु ाष चचिनभार्ानकोनप्राक् -उपसगषन ्वााान्य हिंोतििनककय हिंानजािानहै ,नउसीनप्रकाान
आंिराकनपुपाष चपान्वााानपुपाष चचिनभार्ानरूपनकोनपूव-ष उपसगषन ्वााानप्रकटनककय हिंानजािानहै न –नजैसहन प्राक् -भााोपीय हिंनभार्ान
य हिंानप्राक् -आय हिंषनभार्ा।नइसीनप्रकाानप्राक् -आय हिंषनभार्ानकहनपूवनष रूपनकोनपूव-ष प्राक् -आय हिंषनभार्ानकहानजािानहै ।नन

आंिराकन पुपाष चपान कोन िुलपातमकन पुपाष चपान ्वााान पुपाष चचिन प्राक् न भार्ाओंन पानभीन लागनू ककय हिंान जान सकिान है ।न िस
ू ाीन
ओानककसीनभार्ानकहनपप
ु ाष चचिनरूपनकहनबािनिल
ु पातमकनपप
ु ाष चपानलागन
ू कीनजानसकिीनहै ।नपां िन
ु इसमें न साव ापीनबािपहन
कीनआवश्य हिंकिानहोिीनहै न क्य हिंोंककनिुलपातमकनपुपाष चपानलागून कापहन सहन पहलहन आंिराकनपुपाष चपानलागून कापहन सहन भार्ानकहन
पूवनष रूपोंनसहन संबंच िनमहतवपूणनष साक्ष्य हिंनशमटनसकिहन हैंन औानइसनप्रकाानपुपाष चचिनप्राक् न भार्ानकीनपराशुद्धिानसंी िग् नहोन
सकिीनहै ।न

िल
ु पातमकनपप
ु ाष चपानकहनआ ाानपानकईनभाािीय हिंनआय हिंषनभार्ाओंनकहनअध्य हिंय हिंपनककएनगएनहैं।नइपमें निह वीनप्रसन्पनपट्टपाय हिंकन
कानउडडय हिंा-असशमय हिंा-बंगाली-ी हंिी,नठाकुानिासनकानकश्मीाी-लहं िा-पंजाबी-ी हंिीनिथानपूवीनी हंिीनिथानबबहााीनभार्ाओंन कान
संबं पाकन अध्य हिंय हिंपन प्रमुखन हैं।न इपन अध्य हिंय हिंपोंन कहन तपटकर्ोंन कोन वंशवक्ष
ृ ोंन कहन आ ाान पान प्रस्िुिन ककय हिंान जािान है ।न पीचहन
विषमापनकश्मीाी-लहं िा-पंजाबी-ी हंिीनकीनिुलपातमकनपुपाष चपानकहनआ ाानपानइपनभार्ाओंन कहनपुपाष चचिनप्राक् -रूपनसहनइपन
कहनववकास-िमनकोनवंशवक्ष
ृ न्वााानिशाषय हिंानगय हिंानहै ।न

ननननप्राक् न–नकश्मीाी-लहं िा-पंजाबी-शसं ी


नननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननन

ननननननन नन
नननननननननननननननननन
ननननननननननननननननननननकश्मीाीननननननननननप्राक् नलहं िा-पंजाबी-शसं ी
ननननननन

नननननननननननननननननननन लहं िा-शसं ीनननननननननननननननननपंजाबीनननननननननननननननन

नननननननननलहं िानननननननननननननननशसं ी

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण
(आ ुतपकन कश्मीाी,न लहं िा,न पंजाबीन औान शसं ीन कहन शब्िोंन में न ध्वतपन समापिान कहन अपुसाान िुलपातमकन पुपाष चपान कहन
शसद्धांिन कहन आ ाान पान प्राक् –कश्मीाी-लहं िा-पंजाबी-शसं ीन कीन पुपाष चपान कीन गईन है न औान उपमें न हुएन ध्वतपन पराविषपोंन कहन
आ ाानपानभार्ाओंनकानववकासनी िखाय हिंानगय हिंानहै ।नसबसहनपहलहन्ववतवोंनकहनसालीकाणनकहनआ ाानपानकश्मीाीनप्राक् -भाय़ान
सहन अलगनहोिीनहै ।नकफानअंि:स्फोटीनध्वतपय हिंोंनकहनववकासनकहनकााणनलहं िा-शसं ीनवगषन प्राक् न लहं िा-पंजाबी-शसं ीनसहन अलगन
होन जािान है ।न पंजाबीन में न अंि:स्फोटीन ध्वतपय हिंाँन पहींन शमलिीं। इसन प्रकाान विषमापन भार्ाओंन सहन िुलपातमकन पुपाष चपान कहन
शसद्धांिनकहनआ ाानपानभार्ाओंन कहनप्राक् -रूपनकीनपुपाष चपानकीनजािीनहैन औानप्राक् न भार्ानसहन ववकशसिनआ ुतपकनभार्ाओंन
कोनवंशवक्ष
ृ नकहनआ ानपानी िखाय हिंानजािानहै ।)1

7. ननष्कषा
इसनइकाईनमें नहमपहनपारावाराकनवगीकाणनिथानउसकहनआ ााोंनकहनबााह नमेंनचचाषनकी।नसाथनहीनपारावाराकनवगीकाणनिथान
आकृतिमूलकन वगीकाणन कहन अंिान कोन भीन समझा।न ववगिन डहढ़-िोन सौन वर्ोंन में न ववश्वन कीन अपहकन भार्ाओंन कान अध्य हिंय हिंपन
ककय हिंान गय हिंान है न औान उन्हें न आपुवंशशकन शसद्धांिोंन अथवान िुलपातमकन पद्धतिन कहन आ ाान पान ववशभन्पन भार्ान परावााोंन में न
वगीकृिन ककय हिंान गय हिंान है ।न न पारावाराकन वगीकाणन कहन आ ााोंन कीन चचाषन कािहन हुएन हमपहन िह खान कीन स्थाप-समीपिा,न
व्य हिंाकाखणकन साम्य हिं,न शब्िन साम्य हिंन िथान ध्वतपन साम्य हिंन कहन आ ााोंन मेंन सहन कोईन भीन आ ाान असंी िग् न रूपन सहन ववश्वसपीय हिंन
पहींनहै ,नइसनशलएनपारावाराकनवगीकाणनकीनववश्वसपीय हिंिानकोनसंिहहनकीनदृजटटनसहनिह खानजािानहै ।न

इकाईनकहनअंिनमें न हमपहन िुलपातमकनिथानआंिराकनपुपाष चपानपद्धतिय हिंोंनकहनबााह न में न पढ़ा।नआंिराकनपुपाष चपानमें न एकनहीन


भार्ानकहनववशभन्पनसंबद्धनरूपोंनकीनिल
ु पानकाकहनउसकहनपव
ू नष रूपनकीनपप
ु ाष चपानकीनजािीनहै न जबककनिल
ु पातमकनपप
ु ाष चपान
कहन अंिगषिन ववशभन्पन संबद्धन भार्ाओंन कहन संबद्धन रूपोंन कीन िल
ु पाकान पूवज
ष न य हिंान प्राक् न रूपन कीन पुपाष चपान कीन जािीन है ।न
िुलपातमकनपुपाष चपानकहनआ ाानपानभार्ा-संबं ोंनकीनव्य हिंाख्य हिंानभीनकीनजािीनहै ।ननननन

……………………………………………………..

1.(Thakur Dass:A Controlled Comparative Reconstruction of Kashmiri-Lahnda-Punjabi –Sindhi)नननननननन

HND : ह द
िं ी P5: भाषाविज्ञान
M25: पारििारिक िर्गीकिण

You might also like