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Sandeh
Sandeh
घटनाक्रम
1. रामनिहाल अपना सामान बाँधता है तथा रोता है ।
2. उसके हाथों में पत्रों का बंडल है तथा एक चित्र है ।
3. रामनिहाल का कोई परिवार नहीं है । नौकरी करता है तथा इसी सिलसिले में जगह-जगह
घम ू ता है ।
4. काशी में ब्रजकिशोर के यहाँ नौकरी मिली है तथा श्यामा के घर में एक कमरे में रहता है ।
5. रामनिहाल नौकरी व घर छोड़ने को तत्पर है । श्यामा के पछ ू ने पर कहानी सन
ु ाता है ।
6. वह चार-पाँच महीने पहले की घटना सन ु ाता है । एक दिन शाम उसके मालिक ब्रजकिशोर बाबू
ने उससे कहा कि उनके घर उनके कोई संबध ं ी आए हैं। उन्हें बजरे पर बैठाकर सैर कराने ले जाए।
7. रामनिहाल मोहन बाबू व मनोरमा को बजरे पर सैर कराने ले जाता है ।
8. रास्ते में मनोरमा निहाल को बताती है कि उसके पति को पागल बनाया जा रहा है । मोहन
कभी-कभी पागलों जैसी बातें भी करते हैं।
9. मोहन अपनी पत्नी मनोरमा पर संदेह करते हैं कि वह ब्रजकिशोर के साथ मिलकर उसे पागल
सिद्ध कर दे गी जिससे उनकी सारी संपत्ति उन्हें मिल जाए।
10. रामनिहाल मनोरमा के रूप के कारण आकर्षित होते हैं तथा सहानभ ु ति
ू भी रखते हैं।
11. मनोरमा चलते समय निहाल से याचना करती है कि वह विपत्ति में उसकी सहायता करे ।
12. उस दिन के बाद से मनोरमा रामनिहाल को पत्र लिखती रही है जिनका बंडल उसके हाथ में
है ।
13. रामनिहाल को संदेह होता है कि मनोरमा उससे प्रेम करती है । अब उसने रामनिहाल को
बल ु ाया है ।
14. श्यामा रानिहाल के हाथ से चित्र लेती है । यह चित्र श्यामा का है । श्यामा को आश्चर्य होता है
कि रामनिहाल उससे प्रेम करता है ।
15. श्यामा उसके संदेह को दरू करती है कि मनोरमा दश्ु चरित्र नहीं है । निहाल का श्यामा से प्रेम
करना भी बचपना है ।
16. श्यामा निहाल से कहती है कि सामान वहीं रखे और मनोरमा की सहायता कर वापस लौटकर
आए। निहाल उसकी आज्ञा मान लेता है । उसके संदेह दरू हो जाते हैं।
चरित्र चित्रण
रामनिहाल
1. एक अनाथ यव ु क जो नौकरी के कारण भटकता रहता है ।
2. कोमल व भावक ु है । अपनी वर्तमान परिस्थिति से व्याकुल होकर रोता है ।
3. मन में दृढ़ता व साहस की कमी है । मनोरमा के बल ु ाने पर वह घर छोड़कर सदा के लिए जाने
का निश्चय कर लेता है ।
4. भोला भाला है । स्त्रियों के द्वारा थोड़ा भी स्नेह दिखाने पर वह सोचता है कि वे उससे प्रेम
करती हैं। मनोरमा के पत्रों के कारण उसे लगता है कि वह उससे प्रेम करती है ।
5. कायर है । परिस्थिति का सामना करने के बजाय भागने का प्रयत्न करता है ।
6. बिना संरक्षण के नहीं रह सकता। श्यामा के संरक्षण में रहता है । उसकी आज्ञा मानता है ।
श्यामा
1. एक विधवा यव ु ती जिसने अपनी इच्छाओं का दमन कर लिया है ।
2. वह बच्चों से प्यार करती है तथा उनसे अपना मन बहला लेती है ।
3. विवेकशील, गंभीर तथा दृढ़ चरित्र की स्त्री है ।
4. परिस्थितियों को समझकर समझदारी व दृढ़ता से सामना करती हैं।
5. मन में कोई संदेह नहीं है । स्पष्ट विचार हैं। दस ू रो के संदेह भी मिटा दे ती है ।
6. ममता वाली है । रामनिहाल को परिवार जैसा सख ु व संरक्षण दिया अब भी उसे जाने से रोक
लेती है तथा सारे भ्रम दरू कर दे ती है ।
शीर्षक की सार्थकता
यह कहानी संदेहों के जाल से बन
ु ी गई है । रामनिहाल को संदेह है कि मनोरमा उससे प्रेम करती
है । दस
ू री ओर वह सोचता है कि उसे श्यामा से प्रेम है । मोहन बाबू को संदेह है कि ब्रजकिशोर व
मनोरमा मिलकर उसके विरुद्ध पडयंत्र कर सिद्ध करना चाह रहे हैं कि वह पागल है । जिससे
उसकी संपत्ति की दे खभाल ब्रजकिशोर कर सके। श्यामा रामनिहाल का संदेह दरू करती है । संदेहो
में लिपटे इस कथानक का यह अच्छा शीर्षक है ।
कठिन शब्दों के अर्थ
Read the extracts given below and answer in Hindi the questions that follow: निम्नलिखित
गद्यांशों को पढ़िये और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिन्दी में लिखिए:-
2. “तभी कायरों की तरह यहाँ से बोरिया-बांधना लेकर भागने की तैयारी कर ली है ।" राम निहाल हतबद् ु धि
अपराधी-सा श्यामा को दे खने लगा।"
संदेह - जयशंकर प्रसाद
i) श्रोता का परिचय दीजिए। [2]
उत्तर = यहाँ श्रोता रामनिहाल है , जो एक महत्वाकांक्षी यव
ु क है । उसकी महत्वाकांक्षा एवं उन्नतिशील विचारधारा
उसे बराबर दौड़ाती। उसका कोई निश्चित ठिकाना न था। वह जिस प्रदे श में भी नौकरी, व्यवसाय आदि के लिए
जाता संतष्ु ट नहीं रहता, यही कारण था कि वह बार-बार अपना व्यवसाय या नौकरी बदलता रहता, फिर भी उसे
कहीं कार्य संतष्टि
ु का अनभु व नहीं होता। परं तु जब से उसे श्यामा के घर आश्रय मिला, तब उसे यह अनभ ु व हुआ
कि अब जाकर उसने घर पाया है ।
ii) 'कायर' शब्द का प्रयोग किसके लिए तथा क्यों किया गया? [2]
उतर = 'कायर' शब्द का प्रयोग रामनिहाल के लिए किया गया है । परिस्थितियों के कारण रामनिहाल के मन में
अनेक भ्रम एवं संदेह उत्पन्न हो गए थे जिसे वह किसी से भी सांझा न कर पाया। श्यामा के विषय में जानते हुए भी
उससे प्रेम करने का लड़कपन कर बैठा, वहीं मनोरमा के विषय में उसे यह भ्रम था कि वह अपने पति से ऊब चक ु ी है
एवं रामनिहाल का साथ चाहती है । रामनिहाल स्वयं निर्मित परिस्थितियों के जाल में इतना फंस गया कि उसे
श्यामा का घर छोड़ने के अलावा कोई और रास्ता उसे नजर नहीं आ रहा था। कमरे में बैठा रामनिहाल एक हाथ में
मनोरमा का पत्र लिए एवं श्यामा का चित्र लिए आँसू बहा रहा था एवं सामान बांधे हुए था। उसी वक्त श्यामा का
वहाँ प्रवेश होता है । उसे जब रामनिहाल का इस तरह परिस्थितियों से डरकर भागने का पता चलता है , तब श्यामा
रामनिहाल को 'कायर' कहती है ।
3. भारत के भिन्न-भिन्न प्रदे शों में , छोटा-मोटा व्यवसाय, नौकरी और पेट पालने की सवि ु धाओं को खोजता हुआ
जब तम्ु हारे घर में आया, तो म झ
ु े विश्वास हु आ कि मैं
न े घर पाया। मैं जब से सं
स ार को जानने लगा, तभी से मैं
गहृ हीन था।
संदेह- जयशंकर प्रसाद
iii) वक्ता, श्रोता को उपर्युक्त बातें क्यों कह रहा है ? कारण सहित लिखिए।
उत्तर = रामनिहाल जब मनोरमा की सहायता के लिए श्यामा के घर से जा रहा था तो दःु ख के कारण रो रहा था और
यह बाह किशोरी ने श्यामा को बताई। तभी श्यामा वहाँ आई और उससे रोने का कारण पछ ू ने लगी तब वह अपने
मन की बात श्यामा को बताने लगा। उसने स्पष्ट कहा कि इतने स्थानों पर भटकने के बाद यहाँ उसे घर में रहने
जैसा अनभ ु व हुआ, अपनापन मिला। अब यहाँ से वह जाना नहीं चाहता, पर जाना पड़ रहा है ।
iv) सामान बाँधते हुए रामनिहाल के हाथों में क्या था? उसने किन वस्तओु ं को अपने उत्तराधिकार का अंश बताया?
उत्तर = सामान बाँधते हुए रामनिहाल के हाथों में कागज़ों का एक बंडल तथा एक बड़ा-सा लिफाफा था। वास्तव में
उस बंडल में सहायता माँगने के लिए मनोरमा के लिखे पत्र थे व लिफाफे में श्यामा का चित्र था उत्तराधिकार के रूप
में एक संदक
ू और थोड़ा-सा समान था।
5. "मैं चतरु था, इतना चतरु जितना मनष्ु य को न होना चाहिए, क्योंकि मझ
ु े विश्वास हो गया है कि मनष्ु य अधिक
चतरु बनकर अपने को अभागा बना लेता है और भगवान की दया से वंचित हो जाता है ।"
'संदेह' - जयशंकर प्रसाद
i) उपरोक्त कथन का वक्ता और श्रोता कौन है ? वक्ता ने स्वयं को ज़रूरत से अधिक चतरु क्यों कहा ? [2]
उत्तर = उपरोक्त कथन के वक्ता का नाम रामनिहाल और श्रोता का नाम श्यामा है ।
वक्ता रामनिहाल ने स्वयं को ज़रूरत से अधिक चतरु इसलिए कहा क्योंकि उनका मानना था कि संसार में सख ु
प्राप्ति के लिए नौकरी, व्यवसाय तथा उत्तराधिकार में अधिक धन प्राप्त होना चाहिए । वक्ता रामनिहाल ने श्यामा
से कहा कि वह तो यही समझता था कि एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब वह अपने परिश्रम से सब कुछ प्राप्त कर
लेगा। उसके बाद फिर किसी तरह की कोई कमी नहीं रहे गी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि अधिक पाने की चाह
में जो कुछ उसके पास था भी उसे भी वह प्राप्त नहीं कर सका।
ii) रामनिहाल के अनस ु ार उसे किस बात का विश्वास हो गया और क्यों ? [2]
उत्तर = रामनिहाल के अनस ु ार उसे इस बात का विश्वास हो गया कि मनष्ु य अधिक चतरु बनकर अपने आपको
अभागा बना लेता है और भगवान की दया से वंचित हो जाता है । उसे ऐसा विश्वास इसलिए हो गया क्योंकि वह
अपनी सोच परिश्रम के बाद भी निराश था । उसे लग रहा था कि लाख कोशिश करके संपन्नता के पीछे
भागते-भागते सारा जीवन बिता दिया फिर भी उसे सख ु -शांति नहीं मिल सकी। रामनिहाल को लगता है कि जब से
वह संसार को जानने लगा तभी से वह गह ृ हीन हो गया अर्थात संसार को समझने के चक्कर में पड़कर वह जीवन
की वास्तविकता से दरू हो गया।
iii) 'मनष्ु य अधिक चतरु बनकर अपने आपको अभागा बना लेता है ।' कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। [3]
उत्तर = प्रस्तत
ु अवतरण में यह उल्लेख किया गया है कि कुछ लोग रामनिहाल की तरह परू े जीवन इस भ्रम में रहते
हैं कि वे जैसा चाहें गे वैसा करते रहें गे। ऐसे लोग इस बात में विश्वास करते हैं कि जीवन में कुछ भी अपने परिश्रम से
प्राप्त किया जा सकता है । वे जीवन भर कार्यों में इतने व्यस्त रहते हैं कि अपने घर परिवार से अधिक महत्त्व
धनार्जन को दे ते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि किसी दिन ऐसा ज़रूर होगा जब उनके जीवन का संघर्ष समाप्त हो
जाएगा और वे सख ु ी जीवन व्यतीत करें गे। उदाहरण के लिए रामनिहाल यही मानकर संतष्ु ट था कि उसके पास
उत्तराधिकार में प्राप्त धन एवं अच्छी-खासी गह ृ स्थी है । इन सबके सहारे वह उन्नतशील विचारों से प्रेरित होकर
महत्वाकांक्षी होता गया परिणामत: उसे सौभाग्य प्राप्ति के स्थान पर दख ु ही दख ु प्राप्त हुआ।
ii) वक्ता ने किसके समक्ष अपने उद्गार प्रकट किए हैं? श्रोता ने अपने मनोविनोद के लिए क्या साधन जट ु ाया
था? स्पष्ट कीजिए ? [2]
उत्तर = वक्ता ने रामनिहाल के समक्ष अपने उद्गार प्रकट किया। वक्ता (श्यामा) के अनस ु ार श्रोता (रामनिहाल) ने
मनोविनोद के लिए यह साधन जट ु ाया था कि मनोरमा तो रामनिहाल से प्रेम करती थी जबकि रामनिहाल स्वयं
श्यामा से प्रेम करते थे।
इसका आशय यह हुआ कि वक्ता की स्थिति स्पष्ट नहीं है । वह भ्रम एवं संबध ं ों में अनिश्चय की स्थिति में है ।
iii) कायर व्यक्तियों का स्वभाव किस प्रकार का हो सकता है ? वक्ता ने श्रोता को कायर क्यों कहा है ? [3]
उत्तर = प्रस्तत
ु अवतरण से पता चलता है कि कायरों के स्वभाव में अस्थायी प्रेम होता है । वे किसी के प्रति परू ी
तरह समर्पित हों ऐसा संभव नहीं है । उनकी कथनी और वास्तविक सोच में समन्वय नहीं होता। ऐसे लोग दस ू रों को
अँधेरे में रखते हैं तथा दिखावे के लिए आत्म-प्रदर्शन करते हैं। कहानी के संदेश में समझें तो मनोरमा तो रामनिहाल
से प्यार करती है जबकि रामनिहाल, श्यामा से प्यार करता है । यह दोहरा चरित्र है । ऐसे मख ु ौटे वाले कायर ही होते
हैं।