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नई शिक्षा नीति को कैसे अपनाएंगे विश्वविद्यालय?

Prof. Sachin Kumar Srivastava


Professor
Woxsen University, Hyderabad
&
Dr. Khushboo Agnihotri
Assistant Professor
Amity University, UP

नई शिक्षा नीति के जवाब में विश्वविद्यालयों को महत्वपर्ण


ू अनक
ु ू लन से गज
ु रना पड़ता है । यह सध
ु ार बहु-
विषयक शिक्षा, उद्योग प्रासंगिकता और अनस
ु ंधान-संचालित शिक्षा को बढ़ावा दे ने पर जोर दे ता है । नतीजतन,
विश्वविद्यालयों को नीति के उद्देश्यों के साथ संरेखित करने के लिए अपने कार्यक्रमों और दृष्टिकोणों को
पुनर्गठित करने की आवश्यकता होगी।

सबसे पहले, विश्वविद्यालयों को अंतःविषय शिक्षा को शामिल करने के लिए अपने पाठ्यक्रम को संशोधित
करने की आवश्यकता होगी। पारं परिक अनुशासनात्मक सीमाएं धुंधली हो जाएंगी क्योंकि छात्रों को अध्ययन के
कई क्षेत्रों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है । इसके लिए विश्वविद्यालयों को लचीली शैक्षणिक
संरचना बनाने की आवश्यकता होगी जो छात्रों को विविध प्रकार के पाठ्यक्रमों और विषयों में से चुनने की
अनुमति दें ।

दस
ू रे , उद्योग साझेदारी और व्यावहारिक सीखने के अनुभवों पर अधिक बल दिया जाएगा। विश्वविद्यालयों को
छात्रों को इंटर्नशिप, अप्रें टिसशिप और वास्तविक दनि
ु या की परियोजनाएं प्रदान करने के लिए उद्योगों और
संगठनों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह की पहल छात्रों को व्यावहारिक अनुभव हासिल
करने, रोजगार योग्य कौशल विकसित करने और शिक्षा जगत और पेशेवर दनि
ु या के बीच की खाई को पाटने में
सक्षम बनाएगी।

साथ ही नई शिक्षा नीति में शोध की अहम भूमिका होगी। विश्वविद्यालयों से अनुसंधान परियोजनाओं को
पाठ्यक्रम में एकीकृत करके अनस
ु ंधान-संचालित शिक्षा को बढ़ावा दे ने की अपेक्षा की जाएगी। यह छात्रों को
महत्वपर्ण
ू सोच, समस्या समाधान और नवाचार में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित करे गा।

इसके अलावा, विश्वविद्यालयों को नीति के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए उन्नत बनि
ु यादी ढांचे और
प्रौद्योगिकी में निवेश करने की आवश्यकता होगी। इसमें अधिक इंटरै क्टिव और प्रौद्योगिकी-संचालित सीखने
के माहौल को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और डिजिटल संसाधनों को अपग्रेड
करना शामिल हो सकता है ।
अंत में , नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढं ग से लागू करने के लिए शिक्षकों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस
करने के लिए संकाय विकास कार्यक्रम आवश्यक होंगे। विश्वविद्यालयों को संकाय सदस्यों के लिए प्रशिक्षण
और व्यावसायिक विकास के अवसरों में निवेश करने की आवश्यकता होगी ताकि उनकी शिक्षण पद्धतियों,
अनुसंधान क्षमताओं और उद्योग संलग्नता कौशल को बढ़ाया जा सके।

अंत में , विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के साथ संरेखित करने के लिए अपने कार्यक्रमों, पाठ्यक्रम,
साझेदारी, बुनियादी ढांचे और संकाय विकास रणनीतियों को अनुकूलित करने की आवश्यकता होगी। इन
अनुकूलन का उद्देश्य एक गतिशील और उद्योग-प्रासंगिक शिक्षण वातावरण बनाना है जो छात्रों को भविष्य की
चन
ु ौतियों के लिए तैयार करता है ।

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