2nd अलिस्वीकृति (Acknowledgement) 3rd Page रवीींद्र नाथ र्ै गोर का चित्र,जन्म,मत्ृ यु और उनकी प्रमख ु रिनाएँ 4th Page जीवनी 5th Page काबुिीवािा या आत्मत्राण का सार अपनी उत्तरपस्ु स्िका के कुछ श्रेष्ठ कायों की छायाप्रति सींिग्न करें I
श्रवण-वािन मूलयाींकन
श्रवण-वािन मूलयाींकन हे िु तनर्ाटररि प्रकरण
1. मेरे सपनों का िारि 2. राष्र के प्रति ववद्याचथटयों के किटव्य 3. दे श प्रेम 4. मेरी माँ