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Acadamic year 2022-2023

क ा :- ६ माह :- जुलाई िवषय :- िह ी


पाठ :- ३ पाठ का नाम :- मुझसे कुछ मत िछपाना िशि का: शिच ीवा व,
ेता ितवारी , संगीता ितवारी

बताइए -

१ यह प िकसने, िकसको और कब िलखा ?


उ र १ यह प जहाँ गीर टाटा ने अपने िपता रतनजी दादाभाई टाटा को उस समय िलखा था जब वे उ िश ा
ा करने इं ै गए थे |

२ पापा ने िकस खे ल का क ान बनने को कहा है ?


उ र २ पापा ने हर खेल का क ान बनने और हर खेल म भाग लेने को कहा है |

३ बॉ ंग और नाक का ा सं बंध हो सकता है ?


उ र ३ बॉ ंग और नाक का स ं ध बताते ए कहा गया है िक इस खेल म ितयोगी एक-दू सरे को घूँसे मारते ह |
िजसके कारण यिद गलती से घूँसा नाक पर पड़ जाए तो नाक टू ट भी सकती है |

४ िकस भाषा को सीखने का िवचार छोड़ दे ने की बात कही गई है ?


उ र ४ च भाषा को सीखने का िवचार छोड़ दे ने की बात कही गई है ोंिक वह अं ेज़ी से िबलकुल अलग भाषा
है |

कुछ श ों म-

1. जहाँगीर और उसके िपता का पूरा नाम ा था ?


उ र- जहाँगीर का पूरा नाम जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा और उनके िपता का पूरा नाम रतनजी दादाभाई टाटा
था |

2. िपता ने जहाँगीर का आकलन कैसा बताया है ?


उ र- िपता ने जहाँ गीर का आकलन ‘लोगों के बारे म ज ी िवचार कायम करने वाला कहकर बताया है |

3. सहपािठयों का च र कैसे जाना जा सकता है ?


उ र- खेलकूद म भाग लेकर सहपािठयों का च र जाना जा सकता है |

उ र अिधकतम श ों म-

१ िपता ने पु के िकस आकलन को गलत कहा और ों ?


उ र १ जहाँगीर ने अपने सहपािठयों का आकलन ‘झूठे और ‘लापरवाह कहकर िकया था | िपता ने इसे गलत कहा
था ोंिक जहाँगीर को वहाँ गए एक स ाह भी नही ं आ था और उ ोंने वहाँ के लोगों के बारे म अपनी
धारणा बना ली थी | लोगों के बारे म इतनी ज ी राय कायम करना गलत होता है |

२ पु को सहपािठयों के बीच िकस तरह रहने को कहा जा रहा है ?


उ र २ िपता पु को सहपािठयों से खुले िदल से िमलने-जुलने की सलाह दे ते ए कहते ह िक वे उनके बारे म
पूवा ही न हो | साथ ही वे कहते ह िक उ अपने सहपािठयों के सकारा क पहलुओं को भी जानने की
कोिशश करनी चािहए |

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३ िम ों के िवषय म जहाँ गीर के िपता की ा राय है ?
उ र ३ जहाँ गीर के िपता की राय है िक अगर वे अपने िम ों से खुले िदल से िम ता करने की कोिशश करगे तो
उनम से कुछ लोगों को िबलकुल अलग तरह का पाएँ गे |

४ िपता पु का िम ों बनाना चाहते ह ?


उ र ४ िपता पु का िम इसिलए बनना चाहते ह ोंिक वे नही ं चाहते िक उनका पु उनसे कोई भी बात िछपाए |
वे न िसफ़ एक िपता के तौर पर ब एक िम के तौर पर भी अपने पु को जीवन की अ ी सीख दे ना
चाहते थे | िजसके िलए आव क था िक दोनों म पारदिशता हो अथात कोई भी बात िछपी न रहे |

भाषा मंजूषा-
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1. सं ा श ों को रे खांिकत कर भेद भी िल खए-


i. उनसे िम ता करने की कोिशश करो | भाववाचक सं ा

ii. फुटबॉल तु ारे िलए ठीक रहे गा | वाचक सं ा


iii. प म कुशल- ेम पू छा जाता है | भाववाचक सं ा

iv. तु रसायनशा पर भी ान दे ना चािहए | वाचक सं ा


v. बचपन के िदन ब त मज़ेदार होते ह | भाववाचक सं ा

2. िवलोम श िल खए-

खुशी - दु ख असफल - सफल ार - गु ा

जीवन - मरण खूबसू रत - बदसूरत िम ता - श ु ता

लाभ - हािन ठीक - गलत - परो

उ - िन कम - ादा नकारा क- सकारा क

3. िदए गए वा ो ं म रे खांिकत कारक का भेद िल खए-

क. सभी के ित अ े और िवन बने रहो | संबंध कारक

ख. इं गलड से तु ारा प पाकर बेहद खुश आ | कारण कारक


ग. तु ू ल म गए एक स ाह भी नही ं आ | अिधकरण कारक

घ. सोना तु ारे िलए अ ा है | स दान कारक


ङ. उनम से कुछ को अलग तरह का पाओगे | कम कारक

च. िकसी भी चीज़ के दो पहलू होते ह | संबंध कारक

छ. तुम उनके बारे म पू वा ही न बनो | अिधकरण कारक

ज. खेलकूद के मा म से ब त कुछ सीखने को िमलेगा | संबंध कारक/ कारण कारक

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LR work

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1 एक-एक श म उ र-
क. जहाँगीर को िकसने प िलखा है ? उ र- रतनजी दादाभाई टाटा

ख. अं ेजों के ित जहाँ गीर को कैसा होना चािहए ? उ र- खुले िदल वाला

ग. जहाँ गीर ने िकस ितयोिगता म भाग िलया ? उ र- तैराकी

घ. गिणत के साथ-साथ जहाँगीर को िकन िवषयों का ान रखना चािहए ? उ र- रसायन-शा

२ एक-एक वा म उ र-

क. जहाँगीर के िपताजी को ा आशा है ?


उ र- जहाँगीर के िपताजी को यह आशा है िक उ यह याद होगा िक उनके छा जीवन के आखरी 12 महीने बचे
है |

ख. सभी लड़कों का आकलन जहाँ गीर ने िकस तरह िकया ?


उ र- सभी लड़कों का आकलन जहाँ गीर ने झूठे और लापरवाह कहकर िकया |

ग. लेखक ने अपने पु को ा भरोसा िदलाया है ?


उ र- लेखक ने अपने पु को भरोसा िदलाया है िक अगर वह लोगों से िम ता करे गा तो उनम से कुछ लोगों को
िबलकुल अलग तरह का पाएगा |

घ. जहाँ गीर िकस खेल का अ ास कर रहे थे ?


उ र- जहाँगीर बॉ ं ग का अ ास कर रहे थे |

४ दो-तीन वा म उ र-

क. िपता के प म रतनजी ने जहाँ गीर को ा सुझाव िदया ह ?


उ र- िपता के प रतनजी ने जहाँ गीर को सुझाव िदया िक उ अं ेज़ी लड़कों से खुले िदल से िम ता करनी
चािहए | उनके बारे म पूवा ही बनकर राय कायम नही ं करनी चािहए ब उनके च र के सकारा क
पहलुओं को दे खने का यास करना चािहए | साथ ही उ ोंने यह भी कहा िक उ खेलकूद म भाग लेना
चािहए िजससे उ अं ेज़ी लड़कों के च र के हर पहलू की जानकारी िमलेगी |

ख. प के दू सरे अंितम अनु े द म रतनजी ने जहाँगीर को ा िलखा है ?


उ र- रतनजी ने जहाँगीर को िलखा िक उ खे लकूद म भाग लेकर हर िकसी का क ान बनना चािहए | साथ ही
उ खु शी भी ई िक जहाँ गीर ने तै राकी म भाग िलया और बॉ ंग का अ ास कर रहे ह | उ ोंने जहाँ गीर
को रसायन-शा पर अिधक ान दे ने को कहा और च न सीखने की सलाह दी | अंत म उ ोंने जहाँगीर
से कहा िक वे उनसे कुछ न िछपाए |

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1. िन िल खत कारकों की िवभ याँ िल खए |

क. कता कारक- ने
ख. कम कारक- को

ग. अपादान कारक- से ( अलग होने के िलए )


घ. अिधकरण कारक- म, पर

ङ. सं बंध कारक- का, के, की, रा, रे , री

2. िन िल खत श ो ं के िवलोम श िल खए |
क. उ - शीत ख. ेत - ाम

ग. पू व - पि म घ. - उ र

3. िन िल खत वा ों म सं ा श पहचानकर, उसके भेद िल खए |

क. अन ा ितवष गायन ितयोिगता म सहभागी होती है | उ र- अन ा – वाचक सं ा

ख. सुं दरता भी को भािवत करती है | उ र- – भाववाचक सं ा


ग. मनु एक सामािजक ाणी है | उ र- मनु – जाितवाचक सं ा

घ. शैशव काल म हर ब ा दू सरों पर आि त होता है | उ र- ब ा – जाितवाचक सं ा


ङ. कमल भारत का रा ीय फूल है | उ र- भारत – वाचक सं ा

च. महा ा गाँ धी रा िपता के प म जाने जाते ह | उ र- महा ा गाँधी – वाचक सं ा

4. रे खां िकत श ों के वचन बदिलए और आव क सु धार के साथ िन िल खत वा ों को िफर से िल खए |

क. पु क मनु का स ा साथी है | उ र- पु क

ख. कमरे अने क सजावटी व ुओ ं से भरे पड़े थे | उ र- कमरा


ग. बे टी घर की ल ी के प म जानी जाती है | उ र- बेटा

घ. इलाज के िलए उपयु दवाईयाँ नही ं थी ं | उ र- दवाई


ङ. पु राणो ं के अनुसार गोह ा पाप है | उ र- गोह ाएँ

(Note- वा म सु धार छा यं करगे )

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Principal ma’am Coordinator HOD

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