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Lecture No - 01 G.H.
Lecture No - 01 G.H.
सं
कृत का अथ
(Meaning of Culture)
सं
कृत का अंज
ेी पां
तरण क चर (Culture) लै
टन भाषा
बना हैजसका अथ है
'Colere'से सीखना।
एक समु
दाय केलोग जो कु
छ ान, वहार सीखते
ह, उसको बनाए
रखना पसं
द करते
ह, सर केसाथ जो वहार करते
ह, वह सब
कु
छ सं
कृत कहलाती है
।
साधारण भाषा म सं
कृत का अथ एक समाज केउ म व सु
द
ंर
वचार , कृ
तय तथा वहार के
तौर तरीक सेलया जाता है
।
(Definitions of Culture)
स अंज
ेी क व मै
यूआना ड केश द म - " सं
कृत
मधु
रता और काश के त ( अ य त े
म ) है
।"
टॉयलर के
श द म , "सं
कृत वह ज टल सम ता ( Complex
whole ) हैजसम ान , व ास , कला , नै
तकता , कानू
न,
था तथा ऐसी ही अ य मता और आदत का समावे
श
होता हैज ह मानव , समाज केसदस्
य होने
केनातेा त
करता है
।"
ल टन केअनु
सार - "सं
कृत एक समु
दाय केलोग का
स पू
ण ान , कोण और आदत व वहार होती है
।"
सं
कृत के
तव
(Elements of Culture)
1. ऑगबन ( Ogburn ) - केअनु
सार , ये
क सं
कृत केदो भाग
होते
ह :-
2 . ला परे
( Lapiere ) केअनु
सार , ये
क सं
कृत केतीन भाग
होते
ह-
(iii) सं
गठन - स ब ध , सं
था और सं
गठन के तमान ।
सं
कृत के
घटक
(Components of Culture)
व ास ,
कोण ,
आदश ,
मू
य,
PREPARED BY MR. SANT RAM
सम या को हल करने
केतरीको के
साधन ,
अ ल खत या ल खत इ तहास या लोकगाथा ,
री त - रवाज ,
धा मक व ास व री त - रवाज ,
अथ व था ,
कसी तर क ौ ो गक ,
भाषा या बोली ,
नै
तकता / आचार सं
हता ,
पु
र कार / द ड ◌ान क व था ,
वहार करने
क सामा य शै
ली ,
सामा जक व तु
एँ
,
कृ
ष क व तु
एँ
,
उ ोग क व तु
एँ
।
सं
कृत क वशे
षताएँ
(Characteristics of Culture)
स पू
ण पयावरण का वह भाग जो मानव ारा बनाया गया है
,
सं
कृत है
, शे
ष भाग कृ
त है
।
सं
कृत एक पीढ़ सेसरी पीढ़ को ह ता त रत क जाती है
।
सं
कृत एक मनु
य से
अ धक होती है
और एक शरीर से
अ धक
होती है
, अथात्
संकृ
त को कोई मनु
य नह बनाता । यह ब त
- से
- मनु
य केबनाने
सेबनती है
तथा एक से
ऊंची
होती है
।
अपने
भौगो लक पयावरण केबदलने
सेएक समू
ह क सं
कृत
भी कु
छ बदल सकती है
।
PREPARED BY MR. SANT RAM
मानव क मू
ल वृयाँ
जैसे
- भू
ख , न द , यौन या क
इ छा , यास आ द को कै
सेस तु
ए कया जाए । सं
कृत उनके
वशे
ष व मा य तरीको , ढं
ग को बतलाती है
।
ये
क सं
कृत म मानव जीवन क मख घटना या चरण के
लए कै
सा वशे
ष आयोजन । वहार कया जाना चा हए , यह
ता वत या सु
झाया गया होता है
, जै
से
- अ य , यु
वाव था पाने
पर , मृ
युहोने
पर कै
सा आयोजन कया जाए ।
ये
क सं
कृत म यु
वा पीढ़ को सामा जक बनाने
केलए
समाजीकरण क या होती है
।
एक समय म एक सं
कृत इन तीन अव था म सेकसी एक
अव था म हो सकती है
:-
आदशवाद सं
कृत (Idealistic Culture)
वचार - धान सं
कृत (Ideational Culture)
इ य धान सं
कृत (Sensate Culture)