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मांगलिक दोष परिहार

creativehelper February 05, 2014 Hindi Articles

जन्मकुं डली में यदि मंगल पहले, चौथे, सातवें और बारहवें घर में हो तो उसकी दृष्टि सातवें घर
पर पड़ती है | इसमें आठवें घर को भी शामिल किया जाता है क्योंकि आठवां घर यदि पाप ग्रह से
पीड़ित हो तो दाम्पत्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है | इस तरह मंगल की इन पांच स्थानों में स्थिति
मांगलिक योग बनाती है परन्तु यदि इन्ही स्थानों में शनि भी हो तो मंगल की इस ग्रह स्थिति
का वैवाहिक जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता | इसी को परिहार बोलते हैं |

मांगलिक योग कई तरह का होता है | मांगलिक योग के प्रतिशत का आंकलन किया जा सकता है
| परन्तु आज समय किसके पास है | आंशिक मांगलिक और प्रबल मांगलिक या ठे ठ मांगलिक में
फर्क होता है | यदि प्रबल मांगलिक व्यक्ति का विवाह आंशिक मांगलिक व्यक्ति से हो जाए तो
रिश्तों में कडवाहट उम्र भर बनी रहती है और अधिकतर मामलों में तलाक भी नहीं हो पाता | ऐसे
में सवाल उठता है कि क्या किया जाए | इस अवस्था में भी परिहार की आवश्यकता पड़ती है |

कई बार अमांगलिक व्यक्ति का विवाह मांगलिक से कर दिया जाता है फिर भी दाम्पत्य जीवन
मधुर बना रहता है | क्या यह सब अपवाद हैं ? मैं समझता हूँ कि अपवाद तभी तक अपवाद
रहता है जब तक उसके तकनीकी कारणों की समझ हमारे अन्दर न हो | अमिताभ बच्चन
मांगलिक हैं और जया बच्चन बिलकु ल भी मांगलिक नहीं हैं | परन्तु इस जोड़ी के मधुर दाम्पत्य
जीवन को अपवाद नहीं कहा जा सकता क्योंकि जया बच्चन जी की कुं डली में उनके पति के
मांगलिक योग का परिहार मौजूद है |

इस तरह ज्योतिष में परिहार को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है | यदि परिहार है तो मांगलिक का
विवाह अमांगलिक से हो सकता है | इस सम्बन्ध में प्रस्तुत हैं कु छ ऐसे उदाहरण जिनसे सिद्ध
होता है कि मांगलिक दोष परिहार वास्तव में दाम्पत्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है |
कुं डली १. – अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्य राय बच्चन

चित्र से स्पष्ट है कि ऐश्वर्य मांगलिक हैं परन्तु उनका मंगल दोष मेष राशि के मंगल में बहुत
कम हो जाता है | यह परिहार इन्हें मंगल के कु प्रभाव से मुक्त करने के लिए काफी है | दूसरी
ओर उनके पति की कुं डली में बुध शुक्र नवम भाव में और गुरु चन्द्र द्वादश भाव में एक साथ
बैठे हैं | इस तरह चारो शुभ ग्रह मिलकर एक दुसरे से कें द्र में होकर यह राजयोग बना रहे हैं |
यह एक राजयोग इनके कुं डली के कई दोषों का परिहार करने में सक्षम है |
कुं डली २. – अक्षय कु मार और ट्विंकल खन्ना

अक्षय कु मार के जन्म लग्न में मंगल है परन्तु वृश्चिक राशि में मंगल स्वराशी का होता है |
परिहार के एक नियम में यह भी एक नियम है कि लग्न में बैठा ग्रह यदि लग्नेश हो तो वह
व्यक्ति को हमेशा शुभ फल ही प्रदान करता है | इसके बाद गुरु की शुभ दृष्टि ने मंगल को और
भी शुभ बना दिया है | फलस्वरूप यह मांगलिक दोष इन दोनों के दाम्पत्य में कोई रुकावट नहीं
है |
कुं डली ३. – मिथुन चक्रवर्ती और गीता बाली

मिथुन जन्म लग्न, चन्द्र लग्न और सूर्य लग्न तीनों से मांगलिक हैं | ऐसे में के तु का साथ होने
से मांगलिक योग में थोडा और इजाफा हो जाता है | परन्तु मांगलिक परिहार के एक नियम ने
इनके मांगलिक दोष का परिहार कर दिया | सातवें घर का स्वामी होकर बृहस्पति नौवें घर में है
| कु म्भ राशि के गुरु में बहुत शक्ति होती है इसलिए परिहार का यह एक अन्य उदाहरण है |
गीता बाली की कुं डली में भी परिहार मौजूद है | सातवें घर में शुक्र बुध ने इनके जीवन में
दाम्पत्य का सुख दिया |

मांगलिक दोष परिहार में मंगल की राशि, गुरु की स्थिति, शुक्र का बल और सातवें घर के स्वामी
ग्रह की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है | सार यह है कि सातवें घर का सम्बन्ध
योगकारक ग्रहों से हो तो विवाह एक वरदान की तरह सिद्ध होता है फिर चाहे मांगलिक दोष हो
या न हो |

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