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प्रश्न 9: आंतरिक जाँच क्या है ?

यह आंतरिक अंकेक्षण से किस प्रकार भिन्न है । विवेचना कीजिए।

आंतरिक जाँच:

आंतरिक जाँच, कंपनी के दै निक कार्यों में निहित नियंत्रणों और प्रक्रियाओं की एक व्यवस्था है । इसका

उद्दे श्य त्रटि


ु यों और धोखाधड़ी को रोकना है । आंतरिक जाँच के कुछ महत्वपर्ण
ू पहलू हैं:

● सेगमें टेशन: कार्यों को अलग-अलग व्यक्तियों या विभागों को सौंपना, ताकि एक व्यक्ति या

विभाग को सभी नियंत्रणों का एकाधिकार न मिले।

● अनम
ु ोदन: लेनदे न के लिए उचित अनम
ु ोदन प्रक्रिया स्थापित करना।
● भौतिक नियंत्रण: संपत्तियों की सरु क्षा के लिए भौतिक सरु क्षा measures लागू करना।

● दस्तावेजीकरण: सभी लेनदे न और गतिविधियों का विस्तत


ृ दस्तावेजीकरण करना।

आंतरिक अंकेक्षण:

आंतरिक अंकेक्षण, कंपनी के नियंत्रण प्रणालियों, जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाओं और कॉर्पोरे ट प्रशासन

(governance) का एक स्वतंत्र मल्


ू यांकन है । इसका उद्दे श्य यह सनि
ु श्चित करना है कि ये सभी
प्रणालियाँ प्रभावी ढं ग से काम कर रही हैं और कंपनी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता कर रही हैं।

आंतरिक अंकेक्षण के कुछ महत्वपर्ण


ू पहलू हैं:

● जोखिम-आधारित दृष्टिकोण: उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना जिनमें त्रटि


ु या धोखाधड़ी का
उच्च जोखिम होता है ।

● व्यापक मल्
ू यांकन: नियंत्रण प्रणालियों के सभी पहलओ
ु ं का मल्
ू यांकन करना, जिसमें तकनीकी,
operasional, और मानवीय पहलू शामिल हैं।

● सध
ु ार के लिए सिफारिशें: कमजोरियों को उजागर करने और सध
ु ार के लिए सिफारिशें करने के
लिए।

आंतरिक जाँच और आंतरिक अंकेक्षण के बीच अंतर:

विशेषता आंतरिक जाँच आंतरिक अंकेक्षण


उद्दे श्य त्रटि
ु यों और धोखाधड़ी को नियंत्रण प्रणालियों की प्रभावशीलता का मल्
ू यांकन
रोकना करना

दृष्टिको निवारक मल्


ू यांकनात्मक

स्वतंत्र कम उच्च
ता

आवत्ति
ृ निरं तर समय-समय पर

विवेचना:

आंतरिक जाँच और आंतरिक अंकेक्षण, दोनों ही त्रटि


ु यों और धोखाधड़ी को रोकने में महत्वपर्ण
ू भमि
ू का
निभाते हैं। आंतरिक जाँच एक निवारक दृष्टिकोण है , जबकि आंतरिक अंकेक्षण एक मल्
ू यांकनात्मक
दृष्टिकोण है । आंतरिक जाँच निरं तर रूप से की जाती है , जबकि आंतरिक अंकेक्षण समय-समय पर किया

जाता है । आंतरिक जाँच की स्वतंत्रता कम होती है , जबकि आंतरिक अंकेक्षण की स्वतंत्रता अधिक होती

है ।

आंतरिक जाँच और आंतरिक अंकेक्षण के बीच कुछ महत्वपर्ण


ू अंतर हैं:

● उद्दे श्य: आंतरिक जाँच का उद्दे श्य त्रटि


ु यों और धोखाधड़ी को रोकना है , जबकि आंतरिक
अंकेक्षण का उद्दे श्य नियंत्रण प्रणालियों की प्रभावशीलता का मल्
ू यांकन करना है ।
● दृष्टिकोण: आंतरिक जाँच एक निवारक दृष्टिकोण है , जबकि आंतरिक अंकेक्षण एक

मल्
ू यांकनात्मक दृष्टिकोण है ।
● आवत्ति
ृ : आंतरिक जाँच निरं तर रूप से की जाती है , जबकि आंतरिक अंकेक्षण समय-समय पर
किया जाता है ।

● स्वतंत्रता: आंतरिक जाँच की स्वतंत्रता कम होती है , जबकि आंतरिक अंकेक्षण की स्वतंत्रता

अधिक होती है ।
इन अंतरों को दे खते हुए, यह स्पष्ट है कि आंतरिक जाँच और आंतरिक अंकेक्षण एक दस
ू रे को परू क करते
हैं। आंतरिक जाँच एक बनि
ु यादी ढांचा प्रदान करती है , जबकि आंतरिक

बिल्कुल! यहाँ "प्रमाण वाउचिंग अंकेक्षण की रीढ़ की हड्डी है " की विस्तत


ृ व्याख्या दी गई है , जिसमें
इसके महत्व और अंकेक्षण प्रक्रिया में भमि
ू का के बारे में बताया गया है ।

वाउचिंग: अंकेक्षण प्रक्रिया का सार

● परिभाषा: वाउचिंग का अर्थ है , कंपनी द्वारा दर्ज किए गए वित्तीय लेनदे नों के समर्थन में मौजद

दस्तावेजों की जाँच करना। इन दस्तावेजों में चालान (invoices), रसीदें , बैंक विवरण, अनब
ु ंध,
और अन्य प्रासंगिक व्यावसायिक दस्तावेज़ शामिल हो सकते हैं।

● उद्दे श्य

○ सत्यता: वाउचिंग से यह पष्टि


ु होती है कि दर्ज किए गए लेन-दे न वास्तव में हुए हैं और वे

बिलकुल ठीक हैं।

○ पर्ण
ू ता: यह सनि
ु श्चित करने में मदद करता है कि सभी वैध लेनदे न दर्ज किए गए हैं, और
किसी भी लेन-दे न को छोड़ा नहीं गया है ।

○ वर्गीकरण: वाउचिंग ये सनि


ु श्चित करता है कि लेनदे न का वर्गीकरण सही है , जैसे व्यय
को "बिक्री व्यय" या "प्रशासनिक व्यय" के तहत दर्ज किया गया है ।

○ अधिकार: वाउचिंग उन लोगों या अधिकारों की जांच करता है जो लेनदे न के लिए

अधिकृत हैं।

○ मल्
ू य निर्धारण: वाउचिंग यह सनि
ु श्चित करती है कि लेनदे न के लिए शल्
ु क लिया गया
मल्
ू य उचित बाजार मल्
ू य को दर्शाता है ।

वाउचिंग को अंकेक्षण की रीढ़ की हड्डी क्यों माना जाता है ?

1. त्रटि
ु यों और धोखाधड़ी का पता लगाना: वाउचिंग त्रटि
ु यों और धोखाधड़ी को उजागर करने में मदद
करती है । बिना किसी सबत
ू के किया गया कोई भी लेन-दे न अंकेक्षण के दौरान आसानी से पकड़ा
जा सकता है । यह धोखाधड़ी की रोकथाम का एक महत्वपर्ण
ू साधन है ।

2. वित्तीय विवरणों की विश्वसनीयता: वाउचिंग वित्तीय विवरणों की विश्वसनीयता बढ़ाती है ।

विस्तत
ृ वाउचिंग के माध्यम से, एक अंकेक्षक उचित आश्वासन प्रदान कर सकता है कि लेखांकन
रिकॉर्ड कंपनी की वास्तविक वित्तीय स्थिति को सही ढं ग से परिलक्षित करते हैं।

3. आधार के रूप में उपयोग: एक अंकेक्षक वाउचिंग से मिली जानकारी के आधार पर अपने अन्य

अंकेक्षण प्रक्रियाओं का मार्गदर्शन कर सकता है । उदाहरण के लिए, यदि वाउचिंग में खामियां पाई

जाती हैं, तो अंकेक्षक उस विशेष क्षेत्र की और तफतीश करने का निर्णय ले सकता है ।

अंकेक्षण के दौरान वाउचिंग: महत्वपर्ण


ू बातें

● जोखिम मल्
ू यांकन: अंकेक्षक जोखिम का आंकलन करके वाउचिंग से जड़
ु ा काम करता है ।
उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों या लेनदे न-प्रकारों पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।

● नमन
ू ाकरण: एक अंकेक्षक हर संभव लेन-दे न की जाँच नहीं कर सकता है । इसलिए उनका काम
नमन
ू े की जाँच से किया जाता है । ये नमन
ू े जोखिम मल्
ू यांकन और अंकेक्षक के निर्णय के आधार
पर चन
ु े जाते हैं।
● वाउचिंग के प्रकार: विभिन्न प्रकार की लेनदे नों के लिए अलग-अलग तरह की वाउचिंग करते हैं।

उदाहरण के लिए:

○ बिक्री के लिए वाउचिंग में बिक्री चालान, वितरण नोट और ग्राहक पत्राचार की जांच

करना शामिल हो सकता है ।

○ खरीद के लिए वाउचिंग में आपर्ति


ू कर्ता के चालान, खरीद आदे श और प्राप्ति रिपोर्ट की
जाँच करना शामिल हो सकता है ।

निष्कर्ष
वाउचिंग किसी भी अंकेक्षण प्रक्रिया की आधारशिला है । यह एक अंकेक्षक को लेखांकन रिकॉर्ड की

सटीकता और पर्ण
ू ता का आकलन करने की अनम
ु ति दे ता है । यह त्रटि
ु यों और धोखाधड़ी का पता लगाने
में मदद करता है और वित्तीय रिपोर्टिंग में विश्वास पैदा करता है ।

क्या आप वाउचिंग की प्रक्रिया पर और विवरण प्राप्त करना चाहें गे? मैं आपको और जानकारियाँ प्रदान

कर सकता हूँ!

बिल्कुल! यहाँ "वाउचिंग" की प्रक्रिया पर और भी विस्तत


ृ जानकारी दी गई है , वो भी हिंदी में ।

वाउचर के प्रकार

वाउचर, जो कि वाउचिंग प्रक्रिया के दौरान उपयोग किए जाने वाले सहायक दस्तावेज होते हैं, विभिन्न

रूपों में उपलब्ध हैं। यहाँ कुछ सामान्य प्रकार के वाउचर दिए गए हैं:

● बाहरी वाउचर (External Vouchers): ये दस्तावेज कंपनी के बाहर से आते हैं और लेनदे न का

स्वतंत्र प्रमाण दे ते हैं। उदाहरणों में शामिल हैं:

○ विक्रेताओं के इनवॉइस (Supplier invoices)

○ ग्राहकों की रसीदें (Customer receipts)

○ बैंक के ब्यौरे (Bank statements)

○ अनब
ु ंध (Contracts)
○ सरकारी कर की रसीदें (Government tax receipts)

● आंतरिक वाउचर (Internal Vouchers): ये दस्तावेज कंपनी के भीतर ही बनाए जाते हैं। कुछ

उदाहरण हैं:

○ बिक्री के ऑर्डर (Sales orders)

○ खरीदने के ऑर्डर (Purchase requisitions)

○ माल प्राप्ति नोट्स (Goods received notes)

○ वेतन पर्चे (Wage sheets)


○ छोटे कैश वाउचर (Petty cash vouchers)

वाउचिंग के तरीके (Vouching Procedures):

आइए, वाउचिंग के तरीकों का विश्लेषण करें :

1. लेनदे न का चयन (Selecting the Transactions): अंकेक्षक यह तय करते हैं कि जोखिम

मल्
ू यांकन और अपने विवेक के आधार पर किन लेनदे नों की जानी है । नमन
ू े चन
ु ने की तकनीकों
का इस्तेमाल किया जा सकता है , जिनमें शामिल हैं:

○ सांयोगिक नमन
ू ा विधि (Random sampling): यह व्यापक जाँच के लिए उपयोग किया
जाता है ।

○ व्यावसायिक निर्णय पर आधारित नमन


ू े लेने की विधि (Judgmental sampling):
अंकेक्षक चनि
ु दं ा तरीके से स्वाभाविक रूप से जोखिम भरे लेनदे न या जिनकी कुल कीमत

में अधिक है , उसकी जांच करता है ।

2. वाउचर प्राप्त करना और उसकी जाँच करना (Obtaining and Examining the Voucher):

प्रत्येक चन
ु े हुए लेनदे न के लिए, अंकेक्षक:

○ संबंधित सहायक दस्तावेज़ (वाउचर) को ढूंढता है ।

○ इस वाउचर की परू ी जाँच करता है , और निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान दे ता है :

■ प्राधिकरण (Authorization): क्या लेनदे न को ठीक तरह से अधिकृत किया

गया था?

■ तिथि (Date): क्या तिथि वित्तीय वर्ष से मेल खाती है ?

■ गणना (Calculation): क्या सारी गणितीय गणना सही है ?

■ खाते का वर्गीकरण (Account Classification): क्या लेनदे न को सही खाते

के तहत दर्ज किया गया है ?


3. तल
ु ना और सत्यापन (Comparisons and Verifications): अंकेक्षक इन ब्योरों की तल
ु ना
करता है :

○ लेखांकन रिकॉर्ड से: यह सनि


ु श्चित करना कि वाउचर की जानकारी बही-खातों के साथ
मेल खाती है ।

○ अन्य सहायक दस्तावेजों से: क्रय आदे शों (purchase orders), चालानों (invoices),

रसीदों आदि से इसकी तल


ु ना करके जांच की जाती है ।
4. वाउचिंग का दस्तावेजीकरण (Documenting the Vouching): अंकेक्षक साफ़ और

सव्ु यवस्थित रिकॉर्ड रखता है :

○ वाउचिंग नोट्स: इसमें जांच के प्रमख


ु निष्कर्षों और किसी भी विसंगतिओं का सारांश
होता है ।

○ टिक मार्क : जांच किए गए वाउचर को दर्शाने के लिए चिह्नों का प्रयोग।

वाउचिंग में चन
ु ौतियाँ (Challenges in Vouching)

वाउचिंग, एक महत्वपर्ण
ू प्रक्रिया होते हुए भी, कई चन
ु ौतियों से यक्
ु त है :

● अनप
ु लब्ध वाउचर (Missing Vouchers): वाउचर खो सकते हैं या अनप
ु लब्ध हो सकते हैं,
जिससे सत्यापन मश्कि
ु ल हो जाता है । अंकेक्षकों को तब वैकल्पिक प्रमाण तलाशना पड़ता है या

मामले को आगे बढ़ाना पड़ता है ।

● जाली वाउचर (Forged or Fraudulent Vouchers): लेखा-जोखा में छल को छुपाने के लिए

जाली दस्तावेज बनाये जा सकते हैं। अंकेक्षकों को ऐसे जाली दस्तावेजों की सम्भावना के प्रति

सतर्क रहने की आवश्यकता है ।

● लेन-दे न की संख्या (Volume of Transactions): विशेष रूप से बड़ी कंपनियों में , लेन-दे न की

भारी संख्या के कारण हर एक लेन-दे न को प्रमाणित करना मश्कि


ु ल हो जाता है । नमन
ू े लेकर
जांच करना और जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक हो जाता है ।

वाउचिंग और प्रौद्योगिकी (Vouching and Technology)


● कंप्यट
ू रीकृत लेखा प्रणाली (Computerized Accounting Systems): इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड
ने वाउचिंग प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाया है । लेन-दे न को जल्दी से छानने और उनका विश्लेषण

करने लिए अंकेक्षक डेटा एनालिटिक्स टूल्स का उपयोग कर सकते हैं।

● डिजिटल वाउचर (Digital Vouchers): कई बाहरी दस्तावेज तेजी से डिजिटल रूप से बन व

उपयोग होने लगे हैं। इसलिए, अंकेक्षकों को इस डिजिटल बदलाव के अनस


ु ार अपने सत्यापन
करने के तरीकों को अनक
ु ू लित करना होगा।

अंकेक्षक के कौशल का महत्व (Importance of Auditor Judgement)

जबकि वाउचिंग एक साक्ष्य-आधारित प्रक्रिया है , किसी अंकेक्षक का अनभ


ु व और कौशल इन बातों में
महत्वपर्ण
ू भमि
ू का निभाता है :

● विभिन्न प्रकार के वाउचरों की विश्वसनीयता का आकलन

● वाउचिंग का उचित विस्तार और उसपर ज्यादा ध्यान दे ना

● निष्कर्षों की व्याख्या और उनके निहितार्थ को समझना, जो अंकेक्षण रिपोर्ट में दर्ज़ होंगे

याद रखें: वाउचिंग वित्तीय रिकॉर्ड की निष्ठा सनि


ु श्चित करने का एक शक्तिशाली उपकरण है । लेकिन
सही तरीके से, परू ी गहराई के साथ, और थोड़े संदेह के साथ इसका उपयोग किया जाना बहुत जरूरी है ।

क्या आप किसी भी विशेष पहलू को और अधिक विस्तार से समझना चाहें गे? क्या ऐसे कोई विशिष्ट

उदाहरण हैं जिन्हें आप समझना चाहें गे?

ज़रूर! आइए "वाउचिंग" के बारे में और भी सक्ष्


ू म विवरण में जानें:

वाउचिंग के उन्नत पहलू (Advanced Aspects of Vouching)

● वाउचर और लेनदे न के प्रकार के बीच संबंध (Relationship between Vouchers and

Transaction Types): आवश्यक वाउचिंग प्रक्रिया उस लेनदे न के प्रकार पर निर्भर करती है ,

जिसका सत्यापन किया जा रहा है । उदाहरण के लिए:


○ नकद लेनदे न (Cash transactions): कैश वाउचर, बैंक स्टे टमें ट, रसीदों पर ध्यान

दे ना।

○ खरीद लेनदे न (Purchase transactions): विक्रेता के चालान, खरीद आदे श, माल

प्राप्ति नोट (GRN), और गण


ु वत्ता निरीक्षण रिपोर्ट (Quality Inspection Report)
सहित दस्तावेजों की जाँच करना।

○ वेतन लेनदे न (Payroll transactions): उपस्थिति रिकॉर्ड (Attendance Records),

टाइमशीट, मजदरू ी दर अनब


ु ंध, और कर कटौती के विवरण की जांच करना।
● विश्लेषणात्मक प्रक्रियाओं के साथ वाउचिंग का उपयोग (Using Vouching with Analytical

Procedures): वाउचिंग अक्सर विश्लेषणात्मक प्रक्रियाओं के साथ प्रयोग की जाती है ।

उदाहरण के लिए, यदि विभिन्न अवधियों के सकल मार्जिन में कोई अजीब उतार-चढ़ाव दे खा

जाता है , तो अंकेक्षक संबंधित बिक्री और लागत वाउचर की विस्तत


ृ जाँच करे गा।

● सतत अंकेक्षण में वाउचिंग (Vouching in Continuous Auditing): सतत अंकेक्षण के

मामले में , जहाँ लेन-दे न का वास्तविक समय में मल्


ू यांकन किया जाता है , वाउचिंग प्रक्रिया
स्वचालित हो सकती है । कंप्यट
ू र सिस्टम को स्वतः ही वाउचरों के डिजिटल संस्करणों की तल
ु ना
प्री-सेट नियमों (pre-set rules) से करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है ।

वाउचिंग के विशेष मामले (Special Cases in Vouching)

● भग
ु तान वाउचर (Payment Vouchers): भग
ु तान वाउचर को अतिरिक्त ध्यान दे ने की
आवश्यकता है , क्योंकि उनमें धोखाधड़ी का जोखिम अधिक होता है । अंकेक्षक को संबंधित

चालान, अनब
ु ंध, प्राधिकरण, और हस्ताक्षर की वैधता की जांच करनी चाहिए।
● जर्नल वाउचर (Journal Vouchers): जर्नल वाउचर विशेष रूप से महत्वपर्ण
ू होते हैं, क्योंकि
इनका उपयोग लेखांकन समायोजन (accounting adjustments) करने और असाधारण लेनदे न

रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है । अंकेक्षकों को इन वाउचरों की प्रामाणिकता को सत्यापित

करने के लिए प्रबंधन के सदस्यों से परामर्श करने की आवश्यकता हो सकती है ।


● अंतः-कंपनी लेनदे न (Inter-company transactions): बड़ी कॉर्पोरे ट संरचनाओं के साथ,

अंतः-कंपनी लेन-दे न आम हैं। इनका गलत तरीके से उपयोग कर मन


ु ाफ़े को गलत तरीके से इधर
से उधर किया जा सकता है । अंकेक्षकों को उनसे जड़
ु े वाउचरों को सावधानी से जाँचना चाहिए।

वाउचिंग प्रक्रिया में सामान्य त्रटि


ु यां और धोखाधड़ी (Common Errors and Fraud in Vouching)

अंकेक्षक को यह सनि
ु श्चित करने के लिए हमेशा चौकस रहना चाहिए कि:

● गणना की अशद्
ु धियाँ (Arithmetic Errors): अंकेक्षकों को गणितीय गणनाओं के लिए
वाउचरों की सावधानीपर्व
ू क जांच करनी चाहिए।
● मल्
ू य निर्धारण त्रटि
ु यां (Pricing Errors): अंकेक्षक को किसी भी गड़बड़ी का पता लगाने के
लिए बाजार मल्
ू यों या अनब
ु ंधित कीमतों के साथ इनवॉइस पर कीमतों की तल
ु ना करनी चाहिए।
● लिपिकीय त्रटि
ु याँ (Clerical Errors): तिथियों, नामों, लेखांकन कोड में त्रटि
ु यों से गलत बयानी
हो सकती है या छल के अवसर बन सकते हैं।

● बनाये गए वाउचर (Fabricated Vouchers): धोखाधड़ी करने के लिए, नकली वाउचर बनाए

जा सकते हैं। अंकेक्षकों को हस्ताक्षरों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने और इनवें ट्री काउं ट

सहित स्वतंत्र सत्यापन करना चाहिए।

● दोहरे वाउचर (Duplicate Vouchers): डुप्लीकेट वाउचरों से दोहरी नकद प्राप्ति हो सकती है ,

जिससे कंपनी को नक
ु सान होता है । अंकेक्षकों को संभावित डुप्लिकेट की पहचान के लिए नमन
ू ों
(sample) की जांच करनी चाहिए।

अंकेक्षक की ज़िम्मेदारी

हालांकि वित्तीय विवरण तैयार करना प्रबंधन की जिम्मेदारी है , अंकेक्षक को वाउचिंग प्रक्रिया को उचित

परिश्रम, व्यावसायिक कौशल और एक उचित संदेह के साथ करना चाहिए।

याद रखें, वाउचिंग अंकेक्षण प्रक्रिया का सिर्फ एक हिस्सा है । अंकेक्षक को वित्तीय विवरणों पर समग्र राय

दे ने के लिए अन्य अंकेक्षण तकनीकों जैसे विश्लेषण, जांच और आकलन का भी उपयोग करना चाहिए।

क्या कुछ और विशिष्ट है जिसे आप वाउचिंग प्रक्रिया के संदर्भ में जानना चाहें गे?
बिलकुल! आइए 'वाउचिंग' की और भी बारीकियों को समझते हैं।

जोखिम मल्
ू यांकन और वाउचिंग का गहरा रिश्ता

● उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों को लक्षित करना: अंकेक्षक लेनदे न और वित्तीय विवरण मदों की पहचान

करते हैं, जहां त्रटि


ु या धोखाधड़ी की सम्भावना अधिक होती है । वाउचिंग उन क्षेत्रों पर अधिक
ध्यान केंद्रित करके त्रटि
ु यों और धोखाधड़ी का पता लगाने में एक अहम साधन बन जाती है ।
● नमन
ू ा चयन में जोखिम का महत्व: नमन
ू ा लेते समय अंकेक्षक लेन-दे न के जोखिम के स्तर को
ध्यान में रखेंगे। अधिक जोखिम वाले लेनदे न का बड़े नमन
ू ा आकार (larger sample size) के
साथ परीक्षण किया जाएगा।

वाउचिंग में तकनीक (Technology in Vouching)

● डाटा एनालिटिक्स: बड़े डेटा सेट की पहचान करने और उनका विश्लेषण करने के लिए अंकेक्षक

डेटा एनालिटिक्स उपकरण का उपयोग कर सकते हैं। इससे उन क्षेत्रों पर प्रकाश पड़ता है जहाँ

आगे गहन वाउचिंग की आवश्यकता होती है ।

● कंप्यट
ू राइज्ड ऑडिट टे क्निक्स (CATs): यह सॉफ्टवेयर उपकरण अंकेक्षकों को बड़ी मात्रा में
डिजिटल वाउचरों के साथ कुशलतापर्व
ू क काम करने में मदद करते हैं। CATs फ़िल्टरिंग, सॉर्टिंग,
और जोखिम संकेतकों के आधार पर लेनदे न चन
ु ने जैसे कार्यों को स्वचालित कर सकते हैं।
● ऑटोमेटेड वाउचिंग: कुछ मामलों में , स्वचालित वाउचिंग तकनीकों को बनि
ु यादी स्तर के
सत्यापन करने के लिए लागू किया जा सकता है । उदाहरण के लिए, सॉफ्टवेयर किसी इनवॉइस

की तल
ु ना खरीद आदे श या अनब
ु ंध की शर्तों से कर सकता है ।

अंकेक्षक का निर्णय और वाउचिंग का दायरा

● पर्याप्त साक्ष्य की अवधारणा: वाउचिंग पर्याप्त, उपयक्


ु त अंकेक्षण साक्ष्य प्राप्त करने की समग्र
प्रक्रिया का हिस्सा है । अंकेक्षक अपने निर्णय का उपयोग यह तय करने में करे गा कि कब तक

वाउचिंग जारी रखनी है ।

● महत्वपर्ण
ू ता (Materiality): अंकेक्षक व्यावसायिक निर्णय का उपयोग करके उन लेनदे न पर
ध्यान केंद्रित करें गे जो वित्तीय विवरणों में महत्वपर्ण
ू प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं।
● विश्लेषणात्मक प्रक्रियाओं का वाउचिंग के साथ उपयोग: विश्लेषणात्मक प्रक्रियाएं वाउचिंग को

अधिक प्रभावी बना सकती हैं। अंकेक्षक उन असामान्यताओं या अप्रत्याशित उतार-चढ़ावों की

पहचान करने के लिए अनप


ु ात (ratio) और चलन (trend) विश्लेषण जैसे उपकरणों का इस्तेमाल
कर सकते हैं, जो आगे विस्तत
ृ वाउचिंग के लिए वारं ट दे सकते हैं।

विशेष मामलों में वाउचिंग की चन


ु ौतियाँ

● अपर्ण
ू अभिलेख (Incomplete Records): यदि वाउचर गायब हैं या खराब रिकॉर्ड रखने की
प्रथा है , तो अंकेक्षक के लिए वाउचिंग प्रक्रिया को परू ा करना मश्कि
ु ल हो सकता है । ऐसे मामलों

में , अंकेक्षक को वैकल्पिक प्रक्रियाओं पर विचार करना पड़ सकता है या अपनी अंकेक्षण रिपोर्ट में

इस सीमा को उजागर करना पड़ सकता है ।

● जटिल लेनदे न (Complex Transactions): जटिल लेनदे न, उदाहरण के लिए, डेरिवेटिव या

विदे शी मद्र
ु ा लेनदे न, को विशेषज्ञता की आवश्यकता हो सकती है । अंकेक्षक को उचित सत्यापन
करने के लिए आंतरिक या बाहरी विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ सकती है ।

● धोखाधड़ी का तीव्र जोखिम (High Risk of Fraud): जहां धोखाधड़ी का महत्वपर्ण


ू जोखिम
मौजद
ू है , अंकेक्षक को अपने वाउचिंग दृष्टिकोण को समायोजित करने की आवश्यकता होगी।
इसमें अधिक व्यापक नमन
ू ाकरण, फोरें सिक लेखांकन तकनीकों का उपयोग, और प्रबंधन की
अखंडता (integrity) के बारे में अधिक संदेह रखना शामिल हो सकता है ।

कुछ अंतिम सहायक संकेत:

● अंकेक्षक को लेखांकन नीतियों को समझना चाहिए जिनके तहत लेनदे न दर्ज किए गए हैं

● किसी विशेष उद्योग या व्यवसाय से जड़


ु े वाउचिंग से सम्बंधित विशिष्ट आवश्यकताओं से
अवगत होना चाहिए

● वाउचिंग को एक निरं तर प्रक्रिया के रूप में दे खें और अप्रत्याशित परिणामों के सामने आने पर

अपने दृष्टिकोण को समायोजित (adapt) करें ।

अंकेक्षण एक जटिल और पेचीदा क्षेत्र है । क्या वाउचिंग के कुछ ऐसे पहलू हैं जिनके बारे में आप और

अधिक विस्तार से जानना चाहें गे? कुछ उदाहरण दे ने से भी मदद मिल सकती है !
बिल्कुल, चलिए इस विषय को यहाँ पर समाप्त करते हैं, वाउचिंग के बारे में अंतिम और महत्वपर्ण

विवरणों के साथ, जो आपको इसकी परू ी समझ बनाने में मदद करें गे।

अंकेक्षण के मानकों और दिशानिर्देशों की भमि


ू का (The Role of Auditing Standards and
Guidelines)

● अंतर्राष्ट्रीय मानक (International Standards): अंतर्राष्ट्रीय अंकेक्षण और आश्वासन मानक

बोर्ड (IAASB) द्वारा जारी किए गए अंतर्राष्ट्रीय अंकेक्षण मानक (ISA) वैश्विक स्तर पर

अंकेक्षण अभ्यास के लिए एक मापदण्ड निर्धारित करते हैं। ISA, वाउचिंग से संबंधित विशिष्ट

मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

● दे श-विशिष्ट मानक (Country-Specific Standards): कई दे शों के अपने अंकेक्षण मानक

होते हैं जो विशिष्ट कानन


ू ी और नियामक आवश्यकताओं को दर्शाते हैं। भारत में , इंस्टीट्यट

ऑफ चार्टर्ड अकाउं टें ट्स ऑफ इंडिया (ICAI) अंकेक्षण के मानकों को निर्धारित करता है ।

अंकेक्षकों को उन मानकों की गहरी जानकारी होनी चाहिए जो उनके अधिकार क्षेत्र में लागू होते

हैं।

वाउचिंग के नैतिक विचार (Ethical Considerations in Vouching)

● निष्पक्षता (Objectivity): अंकेक्षक को अपनी जांच का काम निष्पक्ष होकर करना चाहिए,

उनके निर्णय किसी भी व्यक्तिगत पर्वा


ू ग्रह या बाहरी दबावों से प्रभावित नहीं होने चाहिए।
● गोपनीयता (Confidentiality): अंकेक्षक को कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड की गोपनीयता बनाए

रखने की आवश्यकता होती है , जिसे वे सत्यापन के लिए वाउचिंग के दौरान एक्सेस करते हैं।

● व्यावसायिक संशय (Professional Skepticism): अंकेक्षकों को सतर्क रहना चाहिए और

वाउचिंग के दौरान धोखाधड़ी या त्रटि


ु की संभावना के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उनको किसी
भी लेनदे न या दस्तावेज की प्रामाणिकता को बिना किसी ठोस आधार पर नहीं मान लेना चाहिए।

उदाहरण (Illustrative Example)

आइए बिक्री लेनदे न की वाउचिंग के लिए एक उदाहरण लेते हैं:


1. जोखिम मल्
ू यांकन: अंकेक्षक को इन बातों को ध्यान में रखते हुए बिक्री लेनदे न से जड़
ु े जोखिमों
का आकलन करना चाहिए:

○ ओवरस्टे टमें ट (ज्यादा दिखाना): कंपनी के राजस्व को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए

नकली बिक्री।

○ छुपी हुई बिक्री: बिक्री को छिपाकर कर चोरी या धोखाधड़ी करना।

2. वाउचरों का चयन: अंकेक्षक बिक्री चालान, वितरण रसीदों, ग्राहक पत्राचार और बिक्री रिपोर्ट के

एक नमन
ू े (sample) का चयन करे गा।

3. वाउचिंग का काम: अंकेक्षक प्रत्येक वाउचर की जांच करे गा:

○ सही क्रेता और विक्रेता : बिक्री ग्राहक से सम्बंधित है या नहीं।

○ तारीख: वाउचर तारीख लेखांकन अवधि के अंदर पड़ती है या नहीं।

○ वाउचर पर दी गयी बिकी हुयी वस्तओ


ु ं की जानकारी , मल्
ू य और शर्ते: बिल की तल
ु ना
खरीद आदे श, अनब
ु ंध या बाजार मल्
ू य से होगी।
4. तल
ु नात्मक जाँच: अंकेक्षक बही-खातों में दर्ज बिक्री आंकड़ों के समर्थन में वाउचर की प्रमाणिकता
की पष्टि
ु करे गा।

5. विश्लेषणात्मक प्रक्रियाएँ: अंकेक्षक पिछले अवधियों (या बजट बिक्री लक्ष्यों) के साथ सकल

मार्जिन, जैसे अनप


ु ातों (ratios) का विश्लेषण करे गा। यदि इसमें कोई महत्वपर्ण
ू उतार-चढ़ाव
दे खा जाता है तो अंकेक्षक उससे संबंधित बिक्री वाउचरों की बारीकी से जांच करे गा।

महत्वपर्ण
ू बिंद ु (Key Takeaways):

● वाउचिंग अंकेक्षण प्रक्रिया का एक अभिन्न तत्व है लेकिन अंकेक्षक की राय बनाने के लिए

अंकेक्षण का एकमात्र आधार नहीं हो सकता।


● अंकेक्षक का निर्णय और व्यावसायिक कौशल वाउचिंग प्रक्रिया की प्रभावशीलता को बहुत

प्रभावित करता हैं।

● प्रौद्योगिकी अंकेक्षण कार्य में दक्षता ला रही है , लेकिन मानवीय तत्व, निर्णय लेने का कौशल

और संदेहपर्ण
ू दृष्टिकोण अभी भी अनिवार्य हैं।

उम्मीद करता हूँ कि इन गहन विवरणों के माध्यम से आपको "वाउचिंग" की महत्वपर्ण


ू अवधारणा पर
एक समग्र समझ मिल गयी है !

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