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One Percent Formula
One Percent Formula
और जीवन को नई ऊँचाइय
तक प ँचाने वाला
फ़ॉमूला
अगले 30 दन को अपने जीवन के
सव े दन कै से बनाएँ
आपके कारोबार, नौकरी
और जीवन को नई ऊँचाइय
तक प ँचाने वाला
फ़ॉमूला
अगले 30 दन को अपने जीवन के
सव े दन कै से बनाएँ
टॉम कॉनेलन
अनुवाद : डॉ.सुधीर दीि त
ISBN 978-81-8322-700-1
यह पु तक इस शत पर िव य क जा रही है क काशक क िलिखत पूवानुमित के िबना इसे या इसके कसी भी िह से को न तो पुन: कािशत कया
जा सकता है और न ही कसी भी अ य तरीक़े से, कसी भी प म इसका ावसाियक उपयोग कया जा सकता है। य द कोई ि ऐसा करता है तो
उसके िव कानूनी कारवाई क जाएगी।
िवषय-सूची
1. यह प रवतन का समय है!
7. च पूण आ
लेखक के बारे म
आभार
1
यह प रवतन का समय है !
श◌ा मथा,कोिजसम
के न ने अपना कं यूटर बंद कया और संतुि से कु स पर टक गया। यह एक और शानदार दन
उसने बेहतरीन काम कया था। गिलयारे म देखते ए वह मु कराया और उसने अपनी एक
सहकम को हाथ िहलाकर िवदा दी, जो दरवाज़े क तरफ़ जा रही थी।ऐसे लोग का आस-पास रहना
बेहतरीन था, िजनके साथ वह िमल-जुलकर ब त अ छी तरह काम कर सकता था। उसक नज़र उस पुर कार क
ओर ग , िजसे उसने कु छ समय पहले ही े म कराकर दीवार पर बाक़ पुर कार के नज़दीक टाँगा था। उसने
याद कया क हर पुर कार िमलते समय उसे कतना अ छा लगा था – और उसके साथ िमलने वाले मोशन
तथा स मान भी।
फर उसने अपनी डे क पर अपने प रवार के फ़ोटो देख।े के न का वैवािहक जीवन बेहतरीन था, एक
बेहतरीन मिहला के साथ। वे एक दूसरे से ेम करते थे और िमलकर ब त मज़े करते थे - और जब ज़ंदगी म
मुि कल आती थ , तो वे एक दूसरे को सहारा देते थे। जहाँ तक बेटे और बेटी क बात थी, उन पर के न को सबसे
यादा गव था और उनके आस - पास रहने से हमेशा ख़शी िमलती थी। लगभग हमेशा - आिख़र वे ब े थे, के न ने
मु कराते ए सोचा।
उसने संतुि भरी गहरी साँस ली। वह सौ फ़ सदी ईमानदारी से कह सकता था क वह एक ख़श इं सान था
क वह संसार के िशखर पर था।
ले कन यह हमेशा ऐसा नह था...
छह महीने पहले के न बड़े बुरे हाल म था। पुराने दन क याद आते ही उसके चेहरे क मु कान िमट गई।
वह और उसक प ी यादातर समय एक दूसरे से झगड़ते रहते थे, एक दूसरे के दोष िनकालते रहते थे। ब े भी
उ ंड होते जा रहे थे और िव ोही तेवर दखा रहे थे; कू ल म भी उनका दशन अ छा नह था। अपनी नौकरी म
के न ब त नाख़श था। उसे अपनी नौकरी जोिखम म नज़र आती थी और हर दन कम से कम दो सहक मय से
उसका झगड़ा हो जाता था।
उसे ज़रा भी नह पता था क वह इस बुरे हाल म कै से प च
ँ ा। बस एक दन उसने ख़द को वहाँ पाया। अपने
िम , प रवार वाल और सहक मय को देखने पर उसे अहसास आ क वह अके ला ही नह था; दरअसल ब त
से लोग उतने ही बुरे हाल म थे। उनम से कसी को भी यह नह पता था क वह वहाँ कै से प च
ँ ।े कु छ को तो यह
अहसास भी नह था क वे वहाँ थे। के न ने सोचा क या जीवन का यही मतलब है, या ज़ंदगी ऐसी ही होती
है।
ले कन दल क गहराई म, कसी कोने म अब भी आशा क चंगारी थी क यादा हािसल करना, यादा
बनना संभव है।
अचानक के न के चेहरे पर मु कान लौट आई, जब उसने अपने जीवन के मह वपूण मोड़ को याद कया।
शिनवार क सुबह के न उस सीज़न म अपने बेटे जैक का पहला फ़ु टबॉल मैच देख रहा था। वे लोग उस टीम के
िख़लाफ़ खेल रहे थे, िजसने उ ह िपछले साल काफ़ हराया था, इसिलए उसे यह उ मीद नह थी क जैक क
टीम शानदार जीत हािसल करे गी - ले कन अपने बेटे को खेलते देखने पर उसे हमेशा गव महसूस होता था। वैसे
उस दन वह थोड़ी उधेड़बुन म था और उतने उ साह से समथन नह कर रहा था, िजतना क अमूमन करता था।
नौकरी म उसका स ाह हमेशा िजतना ही मुि कल रहा था और उसके दमाग़ म बार-बार वह क चंताएँ और
सम याएँ घूम रही थ ।
जब मैच थोड़ा आगे बढ़ा, तो अचानक उसे अहसास आ क उसके आस-पास के अिभभावक क
उ साहवधक आवाज़- “ब त ब ढ़या!” “शाबाश!” यादा तेज़, यादा रोमांिचत होती जा रही थ । कोर
बराबरी पर 1% फ़ॉमूला था; गद जैक क टीम के पास थी और यह गोल के क़रीब प च
ँ चुक थी।
के न ने देखा क इस मैच म उसके बेटे क टीम ने गद पर ब त यादा िनयं ण रखा था। कु छ तो था, जो
िपछले साल से अलग लग रहा था। जैक क टीम यादा एका थी और कोच के िनदश का यादा अ छी तरह
पालन कर रही थी। वे लोग यादा एकजुटता से खेल रहे थे, बल टीम भावना से खेल रहे थे। हालाँ क वे अब भी
ब े थे - कई बार तो वे मैदान म इधर से उधर जाते और गद के चार ओर झुंड बनाते अमीबा जैसे लगते थे -
ले कन इस बात से इं कार नह कया जा सकता था क वे पहले से यादा फु त ले थे और पहले से बेहतर खेल रहे
थे।
जैक क टीम म कोई ख़ास बदलाव नह ए थे। उसम अब भी आस-पड़ोस के वही लड़के थे, िजनके साथ
वह कु छ साल से खेल रहा था। बेशक वे सब एक साल बड़े हो गए थे, ले कन दूसरी टीम के लड़के भी एक साल
बड़े हो गए थे। के न ने दूसरी टीम पर िनगाह डाली और देखा क उसम भी कमोबेश वही लड़के खेल रहे थे, जो
िपछले साल थे। दूसरी टीम का कोच अब भी वही था, जो मैदान के िवपरीत छोर पर खड़ा था। बेशक उसके चेहरे
पर हैरानी का भाव था, जो के न ने पहले कभी नह देखा था, ले कन वह िनि त प से वही कोच था।
के न ने याद करने क कोिशश क क या जैक ने उसे बताया था क उनक टीम म कोई नया कोच आया है।
उसे याद नह आया। उसने एक पल के िलए मैदान से दूर देखा; हाँ, िनि त प से यह कोच िजम ही थे, जो
मैदान के बाहर बैठे थे, जहाँ वे हमेशा रहते थे।
फर के न ने दूसरी िनगाह डालने के िलए धीरे से अपना िसर घुमाया। ये िजम ही थे - ले कन कु छ बदले-
बदले लग रहे थे। मैदान म खेलते लड़क क तरह ही वे भी यादा े रत, यादा एका नज़र आ रहे थे। उनके
ि व म ऐसा कु छ था – उनके हाव-भाव म एक ऐसा आ मिव ास नज़र आ रहा था, जो पहले नह दखता
था।
फर अचानक मैच के अलावा हर चीज़ के न के दमाग़ से काफू र हो गई। वह दूसरे अिभभावक के साथ
उछलकर खड़ा हो गया, तािलयाँ बजाने लगा और उ साहवधक आवाज़ िनकालने लगा, जब जैक ने अपनी टीम के
साथी को पास दया, जो सही ि थित म आया...और उसने गोल कर दया।
जैक क टीम ने मैच जीत िलया। मैच ख़ म होने पर के न और बाक़ अिभभावक टीम को बधाई देने लगे।
उ ह ने दूसरी टीम के साहस और यास के िलए उनक शंसा भी क । िवजय के उ लास म काफ़ शोर-शराबे
वाला माहौल था। जूस - बॉ स और कु क ज़ थमाने का दौर शु हो गया। इस दौरान के न क नज़र कोच िजम क
नज़र से िमल । वह उनसे हाथ िमलाने के िलए उनके पास गया।
“कोच, बधाई और ध यवाद। मेरा बेटा जैक तो ब त ब ढ़या खेलने लगा है। बाक़ सभी लड़के भी।
ईमानदारी से क ,ँ तो सुधार आ यजनक है,” के न ने कहा।
कोच िजम ह के से मु कराए और बोले, “लड़के आज यक़ नन ब त ब ढ़या खेल।े उ ह ने जमकर अ यास
कया और अपना सब कु छ झ क दया। मुझे उन पर ब त नाज़ है।”
“मुझे भी नाज़ है!” के न ने कहा। फर वह जैक क ओर मुड़ा, जो उसी समय अपनी टीम के सािथय से पल
भर के िलए अलग आ था। के न ने झुककर उसे गले लगाते ए कहा, “वाह, वाह, आज तो तुमने कमाल ही कर
दया!” इसके बाद जैक तुरंत ही दौड़कर अपनी टीम के सािथय के साथ ज मनाने चला गया।
“आपका रह य या है, कोच?”
“ओह,” िजम ने कहा, “मुझे लग ही रहा था क आप मुझसे ऐसी ही कोई चीज़ पूछने वाले ह। मुझे लग रहा
था क आपके दमाग़ म कोई न कोई उधेड़बुन चल रही है।”
“ऐसा लगता है, जैसे इस साल कोई चीज़ अलग है। म नह जानता क आपने या कया है, ले कन टीम - वे
सभी ब त यादा बेहतर ह।”
िजम ने कहा, “ध यवाद, वे बेहतर दशन कर रहे ह।”
“वैसे िसफ़ यही बात नह है, के न एक पल के िलए ठहरा और फर कोच से नज़र िमलाते ए बोला।
“देिखए, मुझे उ मीद है आप बुरा नह मानगे, ले कन िसफ़ लड़के ही नह - आप भी अलग दखते ह।”
“म िबलकु ल बुरा नह मानूँगा,” िजम ने कहा और अब वे खुलकर मु करा रहे थे। “के न, आपक बात सही
है। म िपछले साल इस व त जैसा था, उससे अब म एक अलग इं सान ।ँ ”
िजम ने मुड़कर भीड़ से थोड़ी दूर एक पेड़ के नीचे रखी बच क ओर इशारा कया और कहा, “आपके पास
बातचीत करने के िलए एक िमनट का समय है, के न? म िपछले सीज़न से एक तरह क या ा पर ँ और म सोचता
ँ क मने रा ते म जो सीखा, उसम आपक िच होगी।”
थोड़ा चकराते ए के न ने िसर िहलाया और कोच के पीछे-पीछे चल दया, जो अपनी टीम के एक लड़के से
ज के अंदाज़ म हाथ टकराने के िलए पल भर के और दूसरे अिभभावक से हाथ िमलाने के िलए भी।
जब वे भीड़ से दूर जाकर बैठ गए, तो िजम ने कहा, “मेरा जीवन ठीक-ठाक चल रहा था। बेहतरीन नह ,
भयंकर नह , बस ठीक-ठाक। ले कन मेरे अंदर यह कचोटने वाला भाव था क म अपनी ज़ंदगी के साथ यादा
कर सकता था।”
“ब को को चंग देने म मुझे हमेशा उपलि ध का बेहतरीन अहसास िमलता है, इसिलए मने मन म सोचा
क म यह शु आत क ँ गा। म इन ब क मदद क ँ गा, ता क वे अपनी मता के अनुसार सव े िखलाड़ी बन
सक।”
“मेरे िहसाब से मुझे पहली बात तो यह सीखनी थी क कौन सी चीज़ है, जो सव े िखलािड़य को बाक़
िखलािड़य से ऊपर उठाती है। मेरे िलए ओ लंिप स उ कृ ता का परम इ तहान ह। ओ लंिपक िखलाड़ी इतने
अ छे होते ह क उ ह देखकर म शीष ित प धय के बीच फ़क़ नह बता सकता - या आप बता सकते ह?”
के न ने कहा, “आप मज़ाक़ तो नह कर रहे ह? वे सब शु आती रे खा पर खड़े होते ह और कु छ सेकंड म ही
दौड़ ख म हो जाती है।”
“मुझे वह रोमांच याद है, जब म टो रनो म आयोिजत 2006 वंटर ओ लंिप स म पु ष क क इं ग
टी.वी.पर देख रहा था, य क यह काँटे क ट र का मामला था, िजम ने आगे कहा। “इसिलए मने पलटकर
प रणाम को देखा। के न, पहले और चौथे थान के बीच का फ़क़ - यानी क वण पदक और कोई पदक नह के
बीच का फ़क़ - िसफ़ 1.08 सेकंड या 0.9 ितशत था।”
हैरानी म के न के मुँह से सीटी क आवाज़ िनकल गई। कोच िजम ने आगे कहा, “देिखए, इससे म सोचने पर
मजबूर हो गया। म ओ लंिपक के उन खेल के प रणाम का िव ेषण करने लगा, िजनम गित, दूरी या वज़न का
व तुपरक पैमाना लागू कया जा सकता था। म देर रात तक गणनाएँ करता रहता था क कौन सी चीज़ है, जो
पदक िवजेता को बाक़ लोग से अलग करती है। ज़ािहर है, इससे मेरी प ी पगला गई, जब तक क मने उसे
वह नह बताया, जो मने सीखा था। वह एक िशि का है, इसिलए वह सोचती थी क वह उ कृ ता को नापने के
बारे म सब कु छ जानती है। देिखए, मने जो खोजा, उससे उसके भी होश उड़ गए।”
के न ने अपनी भ ह उठा और उ मीद म आगे झुक गया।
“के न, चाहे यह तैराक हो, एथले ट स हो – या चाहे जो ित पधा हो - वण पदक जीतने वाले और चौथे
थान पर आने वाले के बीच का औसत अंतर िसफ़ 1 ितशत होता है।”
“कई बार यह थोड़ा यादा होता है। सा ट लेक िसटी म 2002 के वंटर ओ लंिप स म पु ष क 5, 000
मीटर क रले रे स चल रही थी। इसम कनाडा ने 6 िमनट 51 सेकंड म वण पदक जीता, जब क अमे रका 7
िमनट 30 सेकंड के साथ चौथे थान पर आया – लगभग 2.9 ितशत का फ़क़। ले कन या आप जानते ह? दूसरे ,
तीसरे और चौथे थान पर आने वाली सभी टीम रे स म कसी न कसी बंद ु पर िगरी थ । िगरने के बावजूद वण
पदक और कोई पदक नह के बीच का अंतर िसफ़ 2.9 ितशत था।”
“कई बार तो अंतर 1 ितशत से भी कम होता है। 2008 के बी जंग गे स म पु ष क 100 मीटर क
बटर लाई रे स म माइकल फ़े स पीछे चल रहे थे - वे आठ तैराक म सातव थान पर थे – मगर अंितम 50
मीटर म एक उ लेखनीय बात ई : वे अपने और सबसे आगे चल रहे स बया के िमलोरै ड के िवक के बीच के पाँच
तैराक से आगे िनकलने म कामयाब ए।”
के न ने िसर िहलाया; उसे वह ब त तनावपूण और रोमांचक अंितम पल याद था।
“ऐसा नज़र आ रहा था क के िवक ने फ़े स से पहले दीवार छू ली थी। जब फ़े स ने आधे- ोक के साथ
रे स ख़ म क , तो वे भी यही सोच रहे थे क जीत के िवक क ही ई है। ले कन बाद म यह पता चला क उस आधे
ोक ने फ़े स को यादा तेज़ी से दीवार तक प च
ँ ा दया था। वे 50.58 सेकंड म प च
ँ े थे, जब क के िवक 50.59
सेकंड म प च ँ े थे।”
“ज़रा एक िमनट ठहर...” के न ने मन ही मन िहसाब लगाया। “फ़े स ने एक सेकंड के सौव िह से से वण
पदक जीता था?”
“हाँ। इतनी तेज़ी से तो आप पलक भी नह झपका सकते। वण पदक और रजत पदक के बीच का फ़ासला
िसफ़ 0.002 ितशत था। वण पदक को कोई-पदक-नह से अलग करने वाला फ़ासला कतना था?” िजम ने
पूछा। “देिखए, जो तैराक चौथे थान पर आया था, वह फ़े स के 0.15 सेकंड बाद आया था, यानी एक ितशत
का ठीक एक ितहाई।”
के न ने एक और उदाहरण के बारे म सोचा : “ या आपने बी जंग म मिहला क 100 मीटर क बाधा दौड़
देखी थी? म उसे कभी नह भूल पाऊँगा - मेरी नज़र से यह िबलकु ल बराबरी क लग रही थी।”
“मने उसका भी अ ययन कया है,” िजम ने जवाब दया। “आप जानते ह, पहले और सातव थान वाली
धावक के बीच कतना अंतर था? यह एक सेकंड का 18/100 था।”
“इससे हम यह आधारभूत संदशे सीख सकते ह : जब आप औसत िनकालते ह, तो असाधारण और
असाधारण प से असाधारण के बीच का फ़क़ िसफ़ 1 ितशत होता है।”
“एक ितशत...बस इतने क ही ज़ रत होती है?” के न ने पूछा। उसे एक पल के िलए अपने भीतर वह
छोटी चंगारी सुलगती महसूस ई। “यक़ न नह होता क यह इतना शि शाली है,” वह बोला। फर जब उसक
िनगाह क चड़ और घास से सने ब पर गई, तो उसे अपनी मु कराहट रोकनी पड़ी। “कोच, कह ऐसा तो नह
क आप भी ज द ही ओ लंिपक म जाने क योजना बना रहे ह?”
इस कटा से िजम ज़रा भी िवचिलत नह ए। “के न, आप कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाएँगे। म भी
कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाऊँगा। ये ब े भी शायद कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाएँग।े हम लोग
शायद ओ लंिपक िखलाड़ी - या अगले िबल गे स, वेन े क , ओपरा, वाॅरेन बफ़े , बॉबी फ़शर, ले ॉन जे स या
मोज़ाट - बनने नह जा रहे ह। हम जैसे लोग के िलए असल मुददा
् यह है क इस 1 ितशत का हमारे िलए या
मह व है?”
“म जानता था क म चाहे जो कर लूँ, हमारी टीम बाक़ टीम क तुलना म 100 ितशत बेहतर कभी नह
बन सकती। ले कन 1 ितशत? हम सभी सैकड़ चीज़ म 1 ितशत बेहतर तो बन ही सकते ह।”
“आप इस बारे म वाक़ई गंभीर ह, है ना?” के न ने कहा। उसे अचानक कोच क ओ लंिपक आकां ा के
बारे म अपनी िछछोरी ट पणी पर अफ़सोस होने लगा।
“जब मने एक ितशत के फ़ॉमूले का रह य खोज िलया, तो मेरे सामने नई संभावना का एक पूरा संसार
खुल गया। इस बारे म सोच : मने फ़ै सला कया मै इन ब को खेल भावना, टीमवक, सं ेषण, लगन, खेल संबंधी
बुिनयादी यो यता और जीवन संबंधी सभी तरह क यो यता म एक ितशत बेहतर बनने का िश ण दूग ँ ा
- और म सोचता ँ क आज के प रणाम ने सािबत कर दया क यह कारगर था। क पना कर क एक ितशत का
फ़ॉमूला आपके िलए, मेरे िलए, कसी के िलए भी कतना कु छ कर सकता है, बशत वह िसफ़ 1 ितशत बेहतर
बनने का समपण कर दे।”
हम सभी सैकड़ चीज़ म 1 ितशत बेहतर बन सकते ह ।
“उ ह ने ओ लंिपक के रकॉड नह देखे थे, िजनसे पता चलता था क सव े दशन और सामा य दशन
के बीच के वल 1 ितशत का ही अंतर होता है, ले कन उ ह ने इतना समझ िलया था क यह ब त छोटा अंतर
होता है। अपने सहज बोध और अनुभव से वे पहले ही जान चुके थे क सफलता पाने का तरीक़ा यही है क आप
लगातार छोटे, ल यब सुधार करते रह।”
“इसिलए जब मने आकर अपने आँकड़े बताए, तो उ ह ऐसा लगा जैसे पहेली का आिख़री टु कड़ा िमल गया
हो। ज द ही हमने उ कृ ता बनाने क नीित को एक नाम दया : एक ितशत का फ़ॉमूला।”
“अब इस समूह म हम छह लोग ह। म, मेरा िम से स ए ज़ी यू टव, एक शीष भौितकिव ानी, एक
मनोवै ािनक, एक वसाय-मािलक और इससे शायद आपको हैरानी नह होगी, एक पूव ओ लंिपक िखलाड़ी।”
“ चंता न कर, इस समूह म कोई बैठक या गोपनीय र म नह होती ह - आप इसे लब जैसा मान सकते ह।
हम आप जैसे लोग को इसम शािमल करते ह, जो अपने जीवन म प रवतन करने को तैयार ह।”
“म?” के न ने थोड़ी हैरानी से कहा। “देिखए, मुझे ग़लत न समझ। म आभारी ँ क आपने मुझे समय दया,
ले कन मने कभी नह कहा... ” उसके श द हवा म खो गए, जब उसे अहसास आ क कोच ने उसम कु छ ऐसा
देख िलया था, जो उसे भी इस समय तक पता नह था।
“अगर आप अपने जीवन म प रवतन करना चाहते ह , तो म अपने समूह के बाक़ लोग से आ ह क ँ गा
क वे आपको उ कृ ता हािसल करने के अपने रह य बताएँ। यह आसान नह होगा। आपको अपनी कु छ पुरानी
आदत छोड़नी ह गी, काम करने के पुराने तरीक़े बदलने ह गे और अपने तथा दूसर के बारे म अपने कु छ िव ास
भी यागने ह गे। इसके अंत म आप रोमांच और उपलि ध क संतुि क अपे ा कर सकते ह, ले कन म इस कड़वी
गोली पर शकर क चाशनी नह लपेट रहा ँ : रा ते म चुनौितयाँ आएँगी।”
वे ब और अिभभावक के समूह के पास प च ँ गए, जो अब छँटते जा रहे थे। “के न, अभी कोई जवाब न द;
इस बारे म अ छी तरह सोच-िवचार कर ल,” िजम ने कहा और वे एक अ य अिभभावक से बात करने चले गए।
के न ने जैक और उसके सबसे अ छे िम को कार म बैठाया – और कहा क रा ते म बगर क पाट उसक तरफ़ से
रहेगी।
ब े अंदर बैठ गए और के न दरवाज़ा बंद करने ही वाला था क तभी िजम कार के पास आ गए
के न ने ऊपर देखते ए कहा, “ध यवाद कोच, आपने मुझे सोचने के िलए वाक़ई ब त कु छ दे दया है।”
“आपका वागत है। म आपको यह देना चाहता ।ँ ” िजम ने उसे एक िबज़नेस काड थमाया। “अगर आप
िनणय लेते ह क आप तैयार ह, तो मुझे फ़ोन कर द। यक़ न मान, यह वाक़ई बेहतरीन या ा है।”
2
“ वागत है के न, हमारे समूह म आपका आना बेहतरीन है,” उ ह ने कहा। “ले कन शु आत करने से पहले
मुझे आपको तीन सरल ज़मीनी िनयम बताने ह गे। इसके बाद आपको यह िनणय लेना होगा क या आप उनका
पालन करने के िलए तैयार ह।” के न ने सोचा क कसी तरह का कोई पच होगा।
“पहला िनयम : आप जो कर रहे ह, वह आप अपनी प ी के िसवा कसी को भी नह बता सकते,” िजम ने
कहा। “अगर लोग हैरान होते ह क ऑ फ़स के बाहर आप या कर रहे ह, तो आप कोई सामा य बात कह सकते
ह, जैसे आप को चंग ले रहे ह या कसी मा टरमाइं ड या मागदशक समूह के सद य ह, ले कन आपको इससे
यादा कु छ नह कहना है। या आप इसके िलए तैयार ह, के न?”
के न ने सोचा, शायद यह इतना मुि कल नह होगा। “िनि त प से, म इस बात के िलए तैयार ,ँ कोच।”
“दूसरा िनयम : आप यह या िसफ़ तभी शु कर सकते ह, जब आप इसे पूरा करने का वादा कर । हम
आपका यह मौिखक वादा चािहए क एक बार शु करने के बाद आप एक ितशत समूह के सभी छह लोग से
िमलगे और सीखी ई बात को अपने जीवन म उतारगे।”
इस िनयम का वादा करना यादा मुि कल था। िजम को के न क िझझक का अहसास हो गया, इसिलए वे
आगे बोले, “आपके वादे के बदले म आपसे यह वादा कर सकता ँ क इसके बाद आप अपने ल य तक प च
ँ ने म
कामयाब ह गे। म यह वादा भी कर सकता ँ क आपक सफलता आपके ल य के अलावा जीवन के दूसरे े
को भी भािवत करे गी – आपके िम और प रवार, आपके सहकम , आपका समुदाय।”
“िजम, आपका आ मिव ास बड़ा ेरक है, ले कन या आप सचमुच इतना बड़ा वादा कर सकते ह?” के न
संदह
े वादी नज़र नह आना चाहता था, ले कन इतनी बड़ी बात का वादा करने से पहले उसे वे सवाल तो पूछने
ही थे, जो उसके दमाग़ म घुमड़ रहे थे। “य द म उस िमट् टी का न बना आ, तो या होगा? अगर यह मेरे िलए
कारगर न आ, तो या होगा?”
“म आपसे इतना बड़ा वादा इसिलए कर सकता ,ँ य क म जानता ँ क आप जो िवचार, साधन और
तकनीक सीखने वाले ह, वे कारगर ह। म आपसे यह वादा इसिलए कर सकता ,ँ य क ये तकनीक राय पर
नह , बि क ठोस शोध और परी ण पर आधा रत ह, जैसा क आप ख़द देखगे बशत क आप वादा करने का
चुनाव कर,” िजम ने कहा।
“अगर आप यादा काय कर, तो इससे संभवतः आपक ेरणा बढ़ जाएगी,” काल स ने कहा। “अगर आप
अपना काय बढ़ा लेते ह, तो आपक ेरणा भी बढ़ जाएगी।”
“गो फ़ वंग क तरह।”
काल स ने ताली बजाई। “गो फ़ वंग क तरह!” अचानक के न समझ गया क िजम ने काल स को ेरणा
िवशेष का िख़ताब य दया था। उनका चेहरा चमक रहा था, जब उ ह ने आगे कहा : “देिखए के न, आप
िबलकु ल सही ह क ेरणा होने पर काय हो जाता है। जब आप े रत होते ह, तो आप बाहर जाकर उस काय को
कर देते ह, िजसके भी बारे म आप े रत होते ह। ब त सारे लोग यह भूल जाते ह क इसका उ टा भी कम से कम
उतना ही सच होता है : ेरणा कसी चीज़ को हािसल करने से िमलती है।”
“म यह सुझाव दे रहा ँ क आप कसी काय को िजतना यादा करते ह, आप उसे करने के िलए उतने ही
यादा े रत होते ह। इसिलए अगर आप यादा काय करगे, तो आपको यादा ेरणा िमलेगी। यह ख़द को पोषण
देने वाला सतत च है!”
आप कसी काय को िजतना यादा करते ह, आप उसे करने के िलए उतने ही यादा े रत होते
ह। इसिलए अगर आप यादा काय करगे, तो आपको यादा ेरणा िमलेगी। यह ख़द को पोषण
देने वाला सतत च है!
के न को अपने भीतर ऊजा क लहर महसूस ई, जब उसे याद आया क उसे सबसे बड़ी ेरणा तब िमली
थी, जब उसने कोई चीज़ हािसल क थी। “मुझे याद है, म तैरना सीख रहा था।यक़ न कर, म तैरना सीखने के
िलए क़तई े रत नह था। िबलकु ल नह था, ले कन हम पानी के पास रहते थे और मेरे माता-िपता जवाब म
नह सुनने को तैयार नह थे।”
“इसिलए मने तैराक सीखी। उ साह से नह । दरअसल, इ छा से भी नह । ले कन फर भी मने सीखी। एक
बार जब मने कु छ बुिनयादी बात सीख ल - जैसे यह त य क म डू बूँगा नह - तो मुझे यह पसंद आने लगी।”
“मने अपने माता-िपता से पूछा क या म इसका और यादा िश ण ले सकता ।ँ कु छ समय बाद म
इतना अ छा तैरने लगा क मुझे तैराक टीम म शािमल कर िलया गया। फर मने अपने ो स आदश बनाए।
तैराक म मने जो ॉ फ़याँ जीत , वे अब भी मेरे पास रखी ह,” उसने याद का आनंद लेते ए कहा। “आपका यही
मतलब है ना, जब आप कहते ह क मेरी ेरणा को बढ़ाने का सबसे अ छा तरीक़ा मेरे काय को बढ़ाना है, है ना?”
“िबलकु ल!”
इस बात क सादगी से के न अवाक् रह गया।
वा तव म, अगर यह इतना ही आसान था, तो यह उसके जीवन और हर कसी के जीवन म पहले से य
नह हो रहा था? काल स के िलए यह कहना एक बात थी क काय ेरणा क ओर ले जाता है-ले कन के न ने
सोचा, काल स तो यही कहगे। वे इतने यादा ऊजावान थे, इतने जोशीले ि व के धनी थे क उनके जीवन म
तो कभी ेरणा क सम या रही ही नह होगी। यह उनसे उतने ही वाभािवक प से फू टती नज़र आती थी, जैसे
क झरने से पानी।
“ले कन काल स, शायद कु छ लोग ह गे - जैसे क िनि त प से आप ह - जो हम बाक़ इं सान से यादा
े रत हो सकते ह गे?”
“के न, मेरी बात का यक़ न कर, हर कोई इस िस ांत से लाभ उठा सकता है।” काल स ने के न से नज़र
िमलाए रख और उनक आवाज़ अचानक थोड़ी धीमी हो गई, जब उ ह ने आगे कहा, “जब म छोटा था और शु
कर रहा था, तो मुझे दरअसल लोग के सामने भाषण देना पसंद नह था। जब भी म बच सकता था, इस काम से
बचने क कोिशश करता था।”
“आप?” के न ने कहा। यह क पना करना मुि कल था क जो आदमी अब हर साल हज़ार लोग के सामने
ा यान देता था, वह कभी ऐसा महसूस कर सकता था।
“जब ऑ फ़स म कोई तुित देनी होती थी, तो म चुपचाप बैठा रहता था और ई र से ाथना करता था
क कोई दूसरा वे छा से हाथ खड़ा कर दे। ले कन एक दन मने नए से स ितिनिधय के छोटे समूह को
िश ण देने के िलए हाथ खड़ा कर दया।”
“यह कै सा रहा?” के न ने पूछा।
“ब त ही शानदार रहा! कसी दूसरे के िलए वह िश ण यादा मायने नह रखता था, ले कन उसे
सफलतापूवक करने से मुझे उपलि ध का जो अहसास िमला, उसने मुझे संसार के िशखर पर प च
ँ ा दया। इससे
म और तुितयाँ देने के िलए े रत आ। मने धीरे -धीरे अपना िव तार कया, और अब मुझे सैकड़ -हज़ार -
लोग के सामने खड़े होने म भी कोई सम या नह आती है।”
“तो आपने देखा, के न, असल सवाल यह है : हम शु कहाँ से करते ह? ”
“जवाब है क आप कोई काय करके शु आत करते ह - चाहे वह कतना भी छोटा य न हो - और एक बार
जब आप उसम सफलता हािसल कर लेते ह, तो आपक ेरणा बढ़ जाती है। फर आप उसे यादा करते ह। इससे
आपक ेरणा और भी बढ़ जाती है। और फर..”
“आप और यादा काय करते ह...और इससे आपक रे णा और भी बढ़ जाती है,” के न ने कहा। “यह िजधर
जा रहा है, वह मुझे पसंद है। म पहले से ही देख सकता ँ क यह िस ांत 1 ितशत सुधार करने म मेरी कतनी
मदद कर सकता है।”
काल स ने के न के हाथ पर ताली मारी और कहा, “इसक एक और कुं जी है। म इसे ल य क प ता कहता
।ँ यह ब त मह वपूण है, इसिलए आप इसे िलख सकते ह : इस बारे म प रह क आप या चाहते ह और या
नह चाहते।”
“य द आप ेरणा-काय के आपसी संबंध को समझ लेते ह, तो यह यादा काय करने क आपक ेरणा बढ़ाने
म ब त कारगर होता है - ले कन य द आप इसका इ तेमाल ऐसे काय के िलए े रत होने म करते ह, जो आपके
सकल ल य म योगदान नह देते, तो आप बस अपना समय बबाद करगे।”
“आपके कहने का मतलब यह है क इससे पहले क म े रत होने के िलए अपने काय चुनूँ, मुझे यह
सुिनि त कर लेना चािहए क वे काय मेरे ल य म योगदान देते ह ?”
“हाँ! मान ल, म एक बेहतर से समैन बनना चाहता ।ँ मुझे इस तरह के काय पर यान क त करने क
ज़ रत है, जैसे अपनी से स कॉ स क बेहतर योजना बनाना, िमलने के िलए सही ाहक को चुनना और उनक
ज़ रत का पता लगाना। मुझे अपनी टेिनस स वस का अ यास करने जैसे काय पर यान क त नह करना है।”
“इसके क म दो अवधारणाएँ ह, जो लगती समान ह, ले कन ह ब त अलग : पहली है भावका रता,
यानी सही काय करना। दूसरी है कायकु शलता, यानी काय को सही तरीक़े से करना।”
“सबसे पहले तो आपको यह सुिनि त करना होता है क आप जो कर रहे ह, वह सही काय है - यानी आप
भावकारी बन रहे ह।”
“ फर जब आपको यक़ न हो जाए क आप जो सही काय कर रहे ह, तो आपको उसे करने मकायकु शल होना
पड़ता है, यानी उसे सचमुच अ छी तरह करना पड़ता है।कई बार लोग उन काय को करने म सचमुच अ छे होते
ह, जो उ ह िबलकु ल भी नह करने चािहए।”
“तो इसका शीषक यह ह : उस काय को अ छी तरह करने म कोई तुक नह है, जो आपको िबलकु ल भी नह
करना चािहए।”
“ या इसम समझदारी लगती है?”
के न ने कहा, “हाँ” और इसे अपनी नोटबुक म िलख िलया।
“तो म चाहता ँ क आप यह कर,” काल स ने कहा, िजससे के न दोबारा ऊपर देखने लगा। इसे म कह रहा
,ँ िसफ़ इसीिलए इस पर यक़ न न कर। इसे आज़माकर देख और देख क यह सचमुच कारगर होता है या नह ।
या आप बस अपने एक काय को चुन सकते ह, िजसके बारे म आप जानते ह क यह सही है और आप इसे बेहतर
कर सकते ह? याद रख, अभी कोई बड़ी चीज़ नह - यह तो िसफ़ शु आत है।”
‘‘िनि त प से, म एक काय चुन सकता ।ँ ”
“ या आप इसे कल कर सकते ह?”
के न ने एक सेकंड के िलए सोचा। “हाँ, म इसे कल कर सकता ।ँ ”
“ फर अगले दन?”
के न ने कहा, “हाँ।”
“ठीक है, अब 30 दन के बारे म या कहते ह? म आपसे हाल - फ़लहाल बस इतना ही करने को कह रहा
।ँ ”
“आप चाहते ह क एक महीने तक म एक काय क ँ , जो सुधार लाता हो या बेहतर बनाता हो? आप चाहते
ह क म छोटी शु आत क ँ ?”
आप सही समझे।”
के न पहले से ही उस काय के बारे म सोच रहा था, िजसे वह कल से शु करे गा और वह उस िबलकु ल नए
तर क ेरणा क राह देख रहा था, जो इसक वजह से उसके जीवन म आएगी।
दस दन बाद के न ने अपनी ेरणा म वृि पर ग़ौर कया। उसने हर दन अपने चुने ए काय को काफ़ िनरं तरता
से कया था, हालाँ क उसे मानना पड़ा क कसी नई चीज़ को आज़माना अजीब महसूस आ था।
वह इस बारे म ब त हैरान था क काय को पूरा करने से उसे इसे करते रहने क यादा ेरणा िमली थी।
बीच - बीच म वह अपने नो स बाहर िनकालता था और काल स के रे खािच को देखता था। हर बार जब
वह रे खािच को देखता था, तो वह इसक सादगी तथा शि से हैरान रह जाता था। एक काय से शु आत करना
सरल और आ यजनक प से भावी था।
क◌े नक कअगली
बे के ठीक बाहर पहािड़य म घुमावदार सड़क पर कार चला रहा था। वह एक ितशत वाले समूह
सद य से िमलने जा रहा था। वह िजतना आगे जाता था, सड़क के दोन ओर उतने ही यादा
लंबे और हरे पेड़ नज़र आते थे। मकान यादा दूर - दूर दख रहे थे।ताज़ी, यादा ठं डी हवा म साँस लेने के
िलए उसने अपनी कार क िखड़क खोल दी। इससे उसका दमाग़ तरोताज़ा हो गया और अगली िशि का उसे
जो बताने वाली थी, उसके िलए वह तैयार हो गया।
पैट िशि का थ - एक कॉलेज म भौितक क ोफ़े सर। पैट ने उसे अपने इं टीट् यूट क वेबसाइट लंक भेज
दी थी। नतीजा यह आ क पैट से िमलने से पहले ही के न उनके ित ायु भय रखने लगा। वे तमाम तरह के
पुर कार जीत चुक थ और कु छ ब त आ यजनक खोज कर चुक थ । उनके नाम पर एक वै ािनक अवधारणा
का भी नामकरण आ था। जब उसने पहाड़ी के ऊपर पैट के घर के सामने कार रोक , तो वहाँ से शहर का सुंदर
नज़ारा दख रहा था। उसके मन म पागलपन भरा िवचार आया क कह मुलाक़ात के अंत म वे उसक परी ा न
लेने लग।
पैट ने िखली मु कान के साथ दरवाज़ा खोला। दो लै ाडोर पूंछ िहलाते ए बाहर िनकले। जब वह चलकर
अंदर आया, तो उसे कॉफ़ क वागत भरी ख़शबू आई। ले कन पैट के िलए को देखकर वह थोड़ा आ यच कत
था और पैट ने इसे तुरंत भाँप िलया।
“आपको इसक उ मीद नह थी?” उ ह ने कहा और वे अब भी मु करा रही थी।
“माफ़ कर, उह... म, उह...” के न ने ऑ फ़स के बाद जी स और टी-शट पहन ली थी; वह जानता था क पैट
उस दन घर से ही ऑ फ़स का काम कर रही थ । अगर वह घर पर काम करता, तो शायद सारे समय जी स ही
पहनता। पैट ने जी स पर कै ज़अल टी - शट पहनी थी, जो अंदर दबी नह थी। अजीब बात यह थी क उ ह ने
ऊँची हील वाले जूते भी पहन रखे थे।
पैट हँस और उसे कचन क ओर ले ग । उनक हील टाइल वाली फ़श पर खटखट क आवाज़ कर रही थी।
वे हँसते ए बोल , “ओह हाँ, इसका कारण म बाद म बताऊँगी!” के न ने कं धे उचकाए और दबी हँसी िनकाली।
उसने सोचा, अगर आप पदाथ, काल और अंत र के रह य सुलझा रहे ह , तो आप जो चाहे वह पहन सकते ह।
पैट ने उसके िलए कॉफ़ उड़ेली। हर अ छे िश क क तरह पैट भी यह पता लगाने के िलए उ सुक थ क
के न ने अपने िपछले स म या सीखा था।
“देिखए, मुझे महसूस आ क ेरणा क कमी मुझे चीज़ हािसल करने से रोक रही थी, ले कन काल स ने
मेरी आँख खोल द और बताया क म इस ि थित को दूसरे तरीक़े से भी देख सकता ,ँ ” के न ने कहा और अपनी
नोटबुक खोलकर पैट को वह रे खािच दखाया, जो काल स ने ख चा था।
पैट ने िसर िहलाकर उसे आगे बोलते रहने के िलए ो सािहत कया, इसिलए उसने ेरणा और काय संबंधी
मु य बंद ु पढ़े :
1. ेरणा बढ़ाने का सबसे अ छा तरीक़ा काय को बढ़ाना है।
2. म कसी काय को िजतना यादा क ँ गा, उसे करने के िलए उतना ही यादा े रत होऊँगा।
3. शु करने का तरीक़ा काय करना है - भले ही यह कोई छोटा काय ही य न हो।
4. मेरे ल य प होने चािहए।
5. मुझे एेसे काय चुनना चािहए, जो मेरे ल य ( भावक रता )हािसल करने म मेरी मदद कर और फर
मुझे उनम िनपुण बनना चािहए ( कायकु शलता)।
पैट के चेहरे पर मु कान आ गई, ले कन उनक आँख म थोड़ा खोया - खोया भाव भी था - के न समझ गया
क उनके “ दमाग़ क ब ी” जल गई थी। पैट ने कहा, “ज़रा इधर आएँ, के न!” वह पैट के पीछे - पीछे गिलयारे म
चल दया। रा ते म पैट ने उसका प रचय अपने दो ब से कराया, जो होमवक करने म त थे।
के न को लग रहा था क वे पैट के ऑ फस क ओर जा रहे ह, इसिलए वह हॉल के अंत म एक बड़े खुले
ले म म ख़द को पाकर हैरान आ। वहाँ िखलौने और िजम के उपकरण िबखरे ए थे। वहाँ एक एयर हॉक
टेबल भी थी।
“एयर हॉक यादा खेली है, के न?” पैट ने पूछा, हालाँ क के न के चेहरे के भाव ने उनके सवाल का पहले ही
जवाब दे दया था।
“आप यह कह सकती ह, के न ने कहा। “आपके ब े वाक़ई खुश क़ मत ह।” वह एक पैडल उठाने से ख़द को
रोक नह पाया।
पक ( एयर हॉक क िड क ) टेबल के बीच म रखी थी।
“आइए, एक पल के िलए क पना कर क वहाँ जो पक रखी है; वह आप ह, पैट ने कहा। “आप ेरणाहीन
महसूस कर रहे ह, कोई काय शु नह कर पाते। आप अटके ए ह, गितहीन ह।”
“ठीक है,” के न ने कहा। उसे मालूम था क यह कै सा महसूस होता है।
“आपके साथ या होगा, के न?”
“देिखए, मुझे लगता है क म अिनि त काल तक वह पर बैठा र ग
ँ ा, कु छ न करते ए, आगे न बढ़ते ए।”
उसक आवाज़ धीमी हो गई थी। “जब तक क...” वह सीधा आ, टेबल पर झुका और अपने पैडल से पक को
मारकर उसे गितमान कर दया।
“हाँ!” पैट ने एक पैडल उठाया और पक को ह का ध ा दया, जब यह टेबल के उनके िसरे पर प च
ँ ी। “अब
आप गित म ह! ”
फर पैट ने एयर जे स चालू कर दए और वे दोन सामा य अंदाज़ म पक को इधर से उधर मारते रहे।
उ ह ने के न से पूछा, “ या आप हैरान ह गे, अगर म आपको बताऊँ क आपने अभी-अभी भौितक के एक
बुिनयादी िनयम को देखा है? सटीकता से कह, तो सर आइज़ैक यूटन का गित का पहला िनयम।”
“ यूटन का पहला िनयम या है?” के न ने कहा। वह जानता था क वे अपने े के िशखर पर थ , इसिलए
उसने मान िलया था क वे उ कृ बनने के बारे म सलाह दगी - ले कन वा तिवक भौितक ?
“एक ितशत के फ़ॉमूले का एक मुख िह सा यह गित का िनयम है, िजसे यूटन ने पहली बार खोजा था,”
पैट ने कहा। के न उनक बात पर पूरा यान दे रहा था, यह सुिनि त करते ए उ ह ने उसे िनयम बता दया :
“जब तक क कसी बाहरी शि ारा काय न कया जाए, ि थर अव था म रखी गई व तु ि थर ही बनी
रहती है और गितमान व तु गितमान ही बनी रहती है।”
“मुझे इसे प करने द। अगर पक ि थर अव था म है, तो यह ि थर अव था म ही बनी रहेगी, जब तक क
कोई शि पक पर काय न करे । दूसरी तरफ़, अगर यह गितमान है, तो यह गितमान ही बनी रहेगी, जब तक क
कोई शि पक पर काय न करे ।” पैट ने िसर िहलाया और के न के “ दमाग़ क बती” जैसे जल उठी।
उसने कहा, “इसीिलए म कई बार ऐसे दौर से गुज़रता ,ँ जब म यादा कु छ नह कर पाता ँ -जब तक क
कोई घटना मुझे गितमान नह कर देती है।”
“िबलकु ल, के न। आप एक जानी-पहचानी लीक म अटक जाते ह, ले कन फर कोई बाहरी प रि थित आती
है - यह अथ व था का प रवतन हो सकता है, कोई बीमारी या आपके पा रवा रक जीवन म कोई प रवतन हो
सकता है। शि चाहे जो हो, यह आपको याशील कर देती है - िजस तरह क आपने पक को मारकर उसे
याशील कर दया।”
के न इस िस ांत के अथ समझने पर यान क त कर रहा था। जब वह सोच - िवचार म खोया था, तो पैट
ने पक को उसके ठीक सामने वाले गोल खाँचे म डाल दया। उसने इसे उठाया, दोबारा खेल म लाया और बोला,
“जब म ख़द को िहलाने के िलए कसी प रि थित का इं तज़ार करता ,ँ तो म अंततः शायद ही कभी वह कर
पाता ,ँ जो म सचमुच करना चाहता ।ँ म तोबस आव यक काय ही करता ,ं जो मुझे करना ही होता है।”
“देिखए, यही तो इसक ख़ूबी है, के न। आप िनज व हॉक पक नह ह, बि क इ छाशि वाले इं सान ह,
इसिलए आपको बैठकर उन प रि थितय का इं तज़ार करने क ज़ रत नह ह, जो आपको स य होने के िलए
िववश कर द।”
“आप वह कर सकते ह, िजसका काल स ने सुझाव दया था: अपने जीवन के कसी एक े ( जो आपके
िलए मह वपूण हो ) को बेहतर बनाने के िलए कोई एक काय कर। चूँ क यूटन का िनयम कारगर है, इसिलए एक
बार जब इसिलए एक आप ख़द को गित म ले आते ह, तो आप गित म ही बने रहगे।”
जब पैट के ब ने होमवक िनबटा िलया, तो वे एयर हॉक पैड स लेने के िलए आ गए और के न बातचीत जारी
रखने के िलए पैट के पीछे - पीछे उनके ऑ फ़स म प चँ गया। दीवार यादातर काँच क थ और पैट क डे क पर
उनके सामने बैठे के न को ऐसा लगा, मानो उनके चार तरफ़ िसफ़ ऊँचे हरे पेड़ और नीला आसमान है।
“मुझे महसूस होता है, जैसे मुझे ढेर सारे सुधार करने चािहए,” उसने कहा। “ले कन काल स ने इस बात पर
ज़ोर दया था क म िसफ़ एक ही छोटे काय को चुन।ूँ म जानता ँ क मने अभी - अभी शु कया है, ले कन फर
भी मने इस बात पर ग़ौर कया है क मेरी प ी, ब े और सहकम मेरे यास क क़ नह करते ह - दरअसल, वे
मेरी ओर कु छ इस तरह देखते ह, मानो म कसी दूसरे ह से आया ।ँ ”
“म सोचता ँ क अगर मने िसफ़ एक छोटा प रवतन ही कया, तो मेरा जीवन कतना सुधर सकता है या
बेहतर बन सकता है। या यह प रवतन वाक़ई मह वपूण होगा?”
“हाँ के न, यह होगा। म इसे प े तौर पर जानती ,ँ ” पैट ने िनि तता के साथ कहा। “म आपको एक कहानी
बताती ।ँ जब मेरे इं टीट् यूट ने मुझे स ाह म कु छ दन घर पर रहकर काम करने क अनुमित दी, तो म होम
ऑ फ़स क संभावना पर उछल पड़ी। यह आदश लग रहा था, य क मुझे आने-जाने म एक-एक घंटे क या ा
करनी पड़ती थी, िजससे म पगला रही थी। मने सोचा, स ाह म कु छ दन घर पर रहकर काम करने का मतलब
होगा कम वधान आएँगे और म यादा उ पादक बन जाऊँगी।”
“देिखए, जो म सोच रही थी, वह नह आ - कम से कम शु म तो नह । दरअसल, म घर म और बाहर भी
तमाम तरह के काम खोजने लगी। म नौकरी संबंधी काम को परे रखने लगी और सोचने लगी क ज़ रत पड़ने
पर म उ ह रात को कर सकती ।ँ ”
“मेरे स ाह का अंत इस तरह आ क मुझे िजतना काम करना होता था, उसका के वल आधा ही कर पाती
थी। फर मुझे रात भर काम करना पड़ता था। मेरा हाल तो मेरे िव ा थय जैसा था, जब उ ह मुझे कोई पेपर
िलखकर देना होता था!” उनके चेहरे पर एक दुखद भाव आया, जब वे आगे बोल , “सच क ,ँ तो इससे मुझे ब त
यादा तनाव हो रहा था।”
“कायाक प इनके प म आया,” उ ह ने कहा और अपने पैर बग़ल म लहराते ए अपनी हील को एक
साथ टकराया। “मेरी बहन ने मुझे ये जूते देते ए कहा क ये मेरे कामकाजी जूते ह। उसने कहा, उ ह पहनने का
मतलब था क म काम शु कर रही ँ और उ ह उतारने का मतलब था क मेरा दन का काम ख़ म हो गया है।
इन जूत ने चम कार कर दया। जब म उ ह पहनती ,ँ तो म काम के िसवा कोई दूसरी चीज़ करना गवारा नह
कर सकती। अब मेरा काम दन म ही िनबट जाता है, अब तो मेरे िव ाथ ही ह, जो रात भर काम करते ह।
दरअसल, अब मेरी उ पादकता तब के मुक़ाबले यादा है, जब म हर दन ऑ फ़स जाती थी।”
“मुझे लगता है क आप कह सकती ह क यह काय म िसफ़ एक छोटा प रवतन था, जो बड़े प रणाम क
ओर ले गया!” के न ने कहा। “आप जानती ह, इससे मुझे मेरे एक किज़न क याद आती है, जो एक बेकरी और
कॉफ़ शॉप चलाता था। उसके टोर के सामने कोई वंडो नह थी, वेश ार भी गहरा था और उसे बाहर
फ़ु टपाथ पर साइन बोड लगाने क अनुमित नह थी। लोग को उसक दुकान दखती ही नह थी। फर एक दन
उसके दमाग़़ म एक ज़बद त िवचार आया। उसने दरवाज़े के ठीक बाहर एक तरफ़ एक छोटी टेबल लगाई। उस
पर उसने कु छ ताज़ा बेक क ई चीज़ और टेबल फ़ै न को भी रखा तथा पंखा चला दया।”
“लोग ककर आस-पास देखने लगे, जब तक क उ ह यह पता नह चला क ख़शबू कहाँ से आ रही थी।
उसक िब एक स ाह म ही दोगुनी हो गई। टेबल उसके गैराज म पहले से ही थी और पंखे का मू य 12 डॉलर
था। वह इसे एक अक मात घटी चीज़ कहता है, िसफ़ खुश क़ मती मानता है, ले कन या यह वैसा ही छोटा
प रवतन है, िजसक तलाश करने क आप सलाह दे रही ह ?”
“हाँ, के न। वा तव म, यह लीवरे ज ( उ ोलन ) का बेहतरीन उदाहरण है। लीवरे ज भौितक का अगला
िनयम है, िजसके बारे म म आपको बताना चाहती ,ँ ” पैट ने कहा और उ सुकता से आगे क ओर झुक । “लीवरे ज
वहार म एक छोटे प रवतन क शि को बढ़ा देता है। इसक बदौलत आप एक छोटा प रवतन करके यादा
बड़ा प रणाम या सुधार देख सकते ह।”
“ फर से यूटन ?” के न ने आगे झुकते ए उ सुकता से पूछा।
“नह , इस बार हम और पीछे जाना होगा - ाचीन यूनानी आकिमडीज़ तक।”
पैट ने डे क से कु छ काग़ज़ हटाए और नीचे पिसल रखकर उसके ऊपर एक लर को संतुिलत कर दया।
फर उ ह ने पास के बुकशे फ़ से एक बड़ी हाडकवर िड शनरी उठाई और के न के सामने रख दी। “अ छा तो अब
आप इस िड शनरी को डे क से उठाएँ - एक अँगुली से।”
वह एक अँगुली से िड शनरी को टेबल से थोड़ा सा उठा पाया, ले कन यह आसान नह था।
उ ह ने िड शनरी उसके हाथ से लेकर लर के एक िसरे पर रख दी। “अब लर के दूसरे िसरे - लीवर - को
एक अँगुली से थकाने क कोिशश कर।”
के न के ब त कम यास से िड शनरी टेबल से पूरी उठ गई।
“आकिमडीज़ ने इसे इस तरह कहा था क मुझे एक पया लंबा और शि शाली लीवर दे द; मुझे एक धुरी
दे द; खड़े रहने क जगह दे द और म संसार को िहला दूग
ँ ा। रोचक बात, है ना ?”
“20 / 80 िस ांत यहाँ भी लागू होता है। यह कसी वेअरहाउस के ॉड स और ाहक जैसे बाहरी घटक
से परे जाता है। इसका संबंध सीधे आपसे है, के न। हर ि से है। इसका संबंध सीधे आपसे, आपके काय से और
उन काय ारा उ प प रणाम से है।”
“हम जानते ह क अगर हम अपने काय करने के तरीक़े म एक छोटा प रवतन कर द, तो लीवरे ज क शि
के कारण हम यादा बड़े आकार के प रणाम िमल सकते है। सही है ?”
“हाँ,” के न ने कहा और फर पैट ने रे खािच म जोड़ा :
“इसे 20 / 80 िस ांत कहने से हमारा यान वहाँ क त होता है, जहाँ इसे सचमुच क त होना चािहए :
हम अपने काय म उन छोटे प रवतन पर यान क त करने क ज़ रत होती है, जो हमारे प रणाम म बड़े
प रवतन उ प कर।”
“20 / 80 िस ांत, के न ने कहा और इसक कठोर परी ा ली। उसे इसक खनक पसंद आई थी और इससे
सचमुच फ़ोकस वह आ गया, जहाँ इसे होना चािहए था। “उस आम उदाहरण के साथ भी, िजसम कसी कं पनी
के 20 ितशत ॉड स 80 ितशत आमदनी के िलए िज़ मेदार होते ह, म देख सकता ँ क इसे 20 / 80
िस ांत मानने से यादा मदद िमलती है। पहले 80 ितशत आमदनी के बारे म सोचने के बजाय पहले उन 20
ितशत ॉड स के बारे म सोचना यादा उपयोगी होता है, जो 80 ितशत आमदनी उ प कर रहे ह।”
उसने कं पिनय के िलए उन बेहतर प रणाम क क पना क , बशत वे उन 20 ितशत ॉड स क
िवशेषता पर, उ ह ख़रीदने वाले ाहक पर यान क त कर और बाज़ार म वैसे ही नए ॉड स लाएँ आ द।
फर के न मु कराया और उसे अहसास आ क 80 / 20 के बजाय 20 / 80 पर यान क त करना भी काय म एक
छोटे प रवतन का उदाहरण था, जो बड़े आकार के प रणाम उ प कर सकता था, य क इसक वजह से आप
काम के उन छोटे प रवतन पर यान क त करने लगते थे, जो उपलि ध म बड़े प रवतन उ प कर सकते थे।
“आपको देखना चािहए क काल स ने लीवरे ज क शि समझने के बाद अपनी कं पनी म या कया,” पैट
ने कहा। “उ ह ने कं पनी के हर ि को एक ितशत का फ़ॉमूला बताया और उन सभी से कहा क वे 1 ितशत
बेहतर बनने के िलए ख़द को सम पत कर।”
“म सोचता ँ क यह ब त ब ढ़या है,” के न ने कहा। “मेरा मतलब है, 1 ितशत सुधार से कौन इं कार कर
सकता है ?”
“िबलकु ल। फर उ ह ने अपने अधीन थ लोग के साथ ब त समय लगाकर वहार के उन छोटे प रवतन
को पहचाना, िजनसे बड़े आकार के प रणाम िमल।”
“उ ह ने जो एक चीज़ क , वह ब त सरल थी। उ ह ने यह सुिनि त कया क हर ि अपने सहक मय
से यादा स मानजनक और सकारा मक वहार करे , य क शोध से पता चलता है क आप एक - दूसरे के साथ
जैसा वहार करते ह, अंततः अपने ाहक के साथ भी वैसा ही वहार करने लगते ह।”
“ फर वे से स िडपाटमट म गए और अपने तीन से स मैनेजर के साथ काम करके उ - लीवरे ज वाले उन
दो - तीन प रवतन को पहचाना, जो से समैन अपनी कायशैली म कर सकते थे। प रवतन करना से समैन के
िलए इतनी बड़ी बात नह थी, ले कन उन प रवतन से कं पनी का मुनाफ़ा काफ़ बेहतर हो गया।”
“काल स कहते ह क प रणाम आ यजनक थे। हो सकता है क प रवतन तुलना मक प से छोटे ह ,
ले कन वे उ - लीवरे ज वाले प रवतन थे, इसिलए उनक कं पनी अब और भी यादा लाभकारी है।”
“कु छ महीन बाद मेरे पास आकर उ ह ने एक रोमांचक खोज के बारे म बताया,” उ ह ने कहा। “प रवतन
का एक साइड इफ़े ट (गौण भाव ) था - एक आ यजनक साइड इफ़े ट।”
“जब आप तालाब के बीच म एक प थर िगराते ह, तो इससे लहर उठकर बाहर क ओर फै लती ह और पूरे
तालाब पर असर डालती ह। यही एक ितशत के फ़ॉमूले के साथ होता है। एक बार जब आप अपने काय करने के
तरीक़े म सही प रवतन शु कर देते ह, तो भाव बाहर क ओर फै लता है और वेश के शु आती बंद ु के आस -
पास सभी संबंध को भािवत करता है।”
“सचमुच ?” के न ने पूछा। “ कस तरह ?”
“काल स के मामले म ज द ही कं पनी का हर ि अपने काम म यादा पूणता से संल हो गया।
कमचारी अपने मैनेजर के पास जाकर उन प रवतन के सुझाव देने लगे, िजनसे यादा आकार के प रणाम िमल
सक।”
“तो, हो यह रहा था क कं पनी म कई लोग ने अपने वहार म कु छ छोटे ले कन लीवरे ज वाले प रवतन
कर िलए थे, िजसके फल व प काफ़ सुधार आ,” के न ने कहा और यह सुिनि त करना चाहा क उसने बात
को सही समझा है। “इससे कोई फ़क़ नह पड़ता था क उ ह ने जो कया था, वह के वल 1 ितशत प रवतन था,
य क यह ऐसा प रवतन था, िजसने यादा बड़े आकार के प रणाम दए। लहर पूरी कं पनी म फै ल ग ।”
“सही कहा, के न। एक बार जब लोग ने प रणाम देख,े तो वे दूसरी नई चीज़ आज़माने के िलए े रत हो
गए। जब वे कारगर रह , तो वे यह काय और यादा करते रहे। वैसे यह गित क़ायम रखने का ऐसा उदाहरण है,
जो असली ज़ंदगी से िलया गया है। इससे हम ेरणा - काय रे खािच पर वापस लौट आते ह, देखा ?” पैट ने कहा
और के न क नोटबुक का प ा पलटा। उ ह ने पिसल उठाई और पूछा, “ या म इसम कु छ जोड़ सकती ँ ?”
“ज़ािहर है,” के न ने कहा।
पैट ने एक श द िलखा, िजससे अब यह इस तरह हो गया:
क◌े नउ कृने सोचा, कोच िजम ने सही कहा था क यह बेहतरीन या ा रहेगी। उसे यक़ न नह हो रहा था क
ता हािसल करने के ित सम पत होने के बाद वह कतनी अद्भुत जगह पर जा रहा था और
कतने कमाल के लोग से िमल रहा था। आज कै ज़अल पोशाक वाला शु वार था। उसे ऑ फ़स म
सािथय क ित या देखकर ब त अ छा महसूस आ, जब उसने उ ह बताया क उसने अलमारी के िबलकु ल
नीचे से अपने बो टंग शू ढू ँढ़ िनकाले थे और वह शॉट् स पहनकर य आया था : वह ऑ फ़स के बाद नाव चलाने
जा रहा था। उसका दल ज़मीनी िनयम को तोड़ने के िलए ललचा रहा था, ले कन अंततः उसने उस आदमी का
नाम नह बताया, िजसक नाव पर वह सवारी करने वाला था – एक स मािनत वसाय मािलक, जो समय -
समय पर कारोबारी ख़बर क सु ख़य म आते रहते थे।
शाम को जब वह अपनी डे क से उठने लगा, तो के न ने अपनी नोटबुक को देखा। अब इसम पैट से सीखी
बात शािमल हो चुक थ यानी गित और लीवरे ज के िनयम, जो एक ितशत के फ़ॉमूले का आधार ह। के न को
लगा क नोटबुक नाव पर ले जाना मुनािसब नह होगा। उसक सीखी बात क सूची इस तरह थी :
1. काय करने से वह िनि यता दूर होती है, जो आपको उसी जगह रोके रहती है।
2. गित आपको चलायमान रखती है।
3. सही लीवरे ज आपके यास क तुलना म यादा बड़े प रणाम देता है।
4. 20 / 80 िस ांत के कारण आपको अपने काय म छोटे प रवतन क तलाश करनी चािहए, जो
आपके प रणाम म बड़े प रवतन उ प कर द।
बॉब प प से गपशप म यक़ न नह करते थे। जब वे लोग बंदरगाह म बँधी दूसरी नाव के बीच से होते ए
घाट से बाहर िनकल रहे थे, तो उ ह ने के न को आव यक िनदश देने के अलावा कु छ नह कहा। के न ने सोचा, इस
वसायी और नािवक म शांत आ मिव ास कू ट - कू ट कर भरा है। वह शत लगाने को तैयार था क जब बॉब
कु छ कहते ह गे, तो लोग िनि त प से सुनते ह गे।
एक बार जब वे ज़मीन और दूसरी नाव के रा ते से दूर प च
ँ गए, तो उ ह ने पाल उठा दी। पल भर वे
दो ताना ख़ामोशी म वहाँ बैठे रहे। उनक िनगाह समु के िव तार और सामने के आसमान पर थी, जब नाव
पानी को काटती ई आगे बढ़ी।
फर बॉब ने इशारा करते ए के न से कहा, “हम उस तरफ़ जा रहे ह।” यह एक छोटा टापू था - समु के
ऊपर िनकला एक तरह का चट् टानी टु कड़ा। के न क हथेिलय म थोड़ा पसीना आ गया, जब उसे अहसास आ
क ठीक उसी दशा से एक तेज़ हवा बह रही थी, यानी उ ह हवा के िखलाफ़ नाव चलानी होगी। बॉब ने पूछा,
“आपको याद है क टैक कै से कया जाता है यानी हवा के िख़लाफ़ नाव कै से चलाई जाती है?”
के न ने थोड़ी अिनि तता से िसर िहलाया। वह जानता था क जब आप हवा के िख़लाफ़ नाव चला रहे ह ,
तो आपको इस तरह य करना होता है, ता क हवा पहले एक तरफ़ से और फर दूसरी तरफ़ से पाल म भर जाए।
इस तरह आप आड़ी - ितरछी नाव चलाते ए अपनी मंिज़ल तक प च ँ ते ह। ब त साल से उसने यह काम नह
कया था, ले कन उसने सोचा, कु छ समय म यह उसे याद आ जाएगा।
बॉब ने के न को दखाया क यह काम सफलतापूवक कै से कया जाता है। वे पहले नाव को एक दशा म,
फर दूसरी दशा म ले गए, ले कन हमेशा टापू क ओर लगभग 40 ितशत का कोण क़ायम रखा। फर वे गित
बढ़ाने लगे और हर बार यादा ज दी दशा बदलने लगे। बॉब नाव घुमाते जा रहे थे, िजस वजह से संतुलन बनाने
के िलए के न को इधर से उधर कू दना पड़ रहा था। उसे ऐसा लगा, मानो वह एक बार फर हाई कू ल फु टबॉल
अ यास म प च ँ गया हो और एक दन म दो अ यास कर रहा हो। बराबरी करने के िलए उसे कठोरता से यान
क त करना पड़ा, िसफ़ एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ उछलने म ही नह , बि क सामने वाली ितकोनी पाल क
रि सयाँ ढीली करने म भी – फर वह उ ह िवपरीत िसरे पर ख च रहा था, जब क बॉब मु य पाल को सँभाल रहे
थे।
भ ह से पसीना प छने के िलए उसे एक पल का समय देने के बाद बॉब ने पतवार फे रने वाली मु ठया का
िनयं ण के न को थमा दया और कहा, “अब यह काम आप कर।” के न का मुँह सूख गया और उसके चेहरे पर
नमक न पानी पड़ने लगा, जब वह नाव को हवा के िख़लाफ़ ले जाने लगा या यह उसक क पना थी या वाक़ई
हवा अचानक यादा तेज़ हो गई थी?
कु छ समय तक उसी दशा म चलने के बाद के न ने दशा बदलने का फ़ै सला कया। उसने पतवार को
सावधानी से धकाया - कु छ यादा ही सावधानी से और प प से पया दूर नह , य क नाव को मोड़ पूरा
करने के िलए जो गित चािहए थी, वह नह िमल पाई। हवा तेज़ी से सीधे उन पर पड़ी। के न च कत था क इस
पल भी उसके दमाग़ म इतनी प ता थी क वह पैट और उसक कही बात के बारे म सोच सके जो क कोई
गितमान व तु गित म ही बनी रहती है, जब तक क उस पर कसी बाहरी शि ारा काय न कया जाए...
पाल भरने के बजाय िसफ़ फड़फड़ाती रही और नाव क गई। के न के िलए यह श मदगी क बात थी क
हवा शायद नाव को पीछे क ओर धके ल रही थी। बॉब के चेहरे पर िशकन तक नह आई और उ ह ने बस इतना
ही कहा क वह पतवार फे रने वाली मु ठया को पूरे रा ते थामे रहे, जब तक क नाव पीछे जाना बंद न हो जाए
और एक दशा म ह क ितरछी न चलने लगे। ज द ही हवा पाल म भर रही थी और वे एक बार फर से सही
दशा म जा रहे थे।
“यह नाव चलाने क सबसे बुिनयादी यो यता म से एक है, िजसम आपको मािहर बनना होता है। - अपने
आस - पास क ि थितय पर यान देना और ित या म उनके अनु प इस तरह ढलना, ता क आप हमेशा आगे
बढ़ते रह,” बॉब ने कहा। थोड़ा ठहरने के बाद उ ह ने आगे जोड़ दया, “जीवन क तरह ही।”
चट् टानी टापू क ओर इशारा करते ए उ ह ने आगे कहा : “मान ल, वह आपका ल य है। आपको यह
समझ लेना चािहए क अगर आपको िसफ़ ितरोध ही िमल रहा है, तो शायद आपको थोड़े अलग कोण से अपने
ल य क ओर जाना चािहए। अपने ल य को जान ल, फर सही दशा पर यान क त कर, जो आपको उसक
ओर ले जाती हो।”
“के न, इसका मतलब यह भी है क आपको ि टय रं ग हील पर सोना नह है।”
“जी सर,” उसने जवाब दया।
“क पना कर, अगर आप अपने यान को अपनी दशा और अपने ल य से भटकने द, तो या होगा,” बॉब ने
कहा। “क पना कर, अगर आप इसे िसफ़ 1 ितशत ही भटकने द।”
“म टापू पर प च
ँ ने के बजाय उसके पास से गुज़र जाऊँगा ; यह काफ़ छोटा है।”
“सही कहा, के न। फर इसक ओर दोबारा लौटने म आपका समय बबाद होगा। या आप उस चट् टान से भी
टकरा सकते ह, जो पि म दशा म पानी के नीचे है,” बॉब ने जवाब दया। “ज़ािहर है, आप टापू से यादा नह
भटक सकते, य क यह क़रीबी ल य है, है ना?”
“िनि त प से।”
“ले कन मान लेते ह क आपके सामने कोई लंबी अविध का ल य है। मान ल, म आपसे कहता ँ क आप
हम नाव से इं लड ले चल।”
“तब तो मुझे कु छ फ़ोन करने ह गे - मेरे पास कु छ चीज़ ह, जो मुझे अपने शेड्यूल से हटानी ह गी,” के न ने
हँसते ए कहा।
बॉब मु कराए और बोले, “हाँ, हम िनि त प से यादा लंबी समु ी या ा करनी होगी - य द
प रि थितयाँ अ छी रह , तब भी शायद 30 - 40 दन लग जाएँग।े अगर आप इतनी दूरी म औसतन िसफ़ 1
ितशत ही भटक - यह मानते ए क आप िबना दशा बदले सबसे छोटे माग पर चलते ह, जो आप कसी तरह
नह कर सकते - तब भी आप अंततः या तो ांस प चँ जाएँगे या फर आयरलड, जो इस बात पर िनभर करे गा
क आप दा तरफ़ 1 ितशत भटके थे या बा तरफ़ 1 ितशत भटके थे।”
के न ने कहा, “यह बस 40 दन आगे का ल य है और ल य से भटकाव िसफ़ 1 ितशत ही है। मेरे कु छ ल य
उससे कह यादा दूरगामी ह और म दशा से इससे यादा भटक सकता ।ँ ” उसने इस बारे म सोचा क वह पाँच
साल म कहाँ प च ँ ना चाहता था। उसने उस समय के बारे म सोचा, जब उसके ब े कॉलेज के िलए तैयार ह गे।
उस बारे म भी, जब वह रटायर होने के िलए तैयार होगा...
“एक ितशत मायने रखता है, के न। यह मायने रखता है।”
के न ने सोचा, बॉब म लीडर का असं द ध आभामंडल था। उनके सफ़े द बाल ब त छोटे थे और उनका डील -
डौल तथा वचा पैदाइशी नािवक जैसी थी।
“बॉब आप नौकायन म इतने अ छे कै से बन गए? या कोई रह य है? आप नैस गक ितभा के धनी दखते
ह।”
“मज़ाक़ कर रहे ह?” बॉब ने कहा। “जहाँ म पैदा आ था, वहाँ बस खेत ही खेत थे। समु क बात तो रहने
ही द, हमने शायद ही कभी ि व मंग पू स देखे थे। कशोराव था म मेरा एक किज़न झील के पास रहने लगा और
उसने एक पाल नौका ख़रीदी। हर ग मय म म वहाँ जाता था और ज दी ही म नौकायन का दीवाना हो गया।”
“ले कन म नैस गक ितभा का धनी क़तई नह था। मने घाट से नाव िनकालने या पाल उठाने म कई
ग़लितयाँ क । म नाव उलटा देता था। मने ज़मीन म नाव टकरा दी। वैसे म अ यास करता रहा। मने अपने से पाँच
- छह साल छोटे ब के साथ ारं िभक नौकायन िश ण िलया। मने लास के पहले और बाद म अ यास कया।
मने अ यास म एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा घंटा लगाया, जब तक क म ित पधा के लायक़ नह
होगया और अंततः मेरी ख़द क नाव नह हो गई, िजससे म रे स करता था। हम - इसे रे स म दौड़ाने के िलए छह
लोग क ज़ रत होती थी - स ाह के दौरान अ यास करते थे और रे स के बाद सवाल पूछकर िव ेषण करते थे।”
बॉब के न का सारा यान ख चने के िलए ठहरे और फर उ ह ने कहा, “एक अ यंत मह वपूण चीज़ है, जो
आपको एक ितशत के फ़ॉमूले के बारे म जान लेना चािहए। ‘ वाभािवक’ जैसी कोई चीज़ नह है।”
“उन सफल लोग के बारे म भूल जाएँ, िजनम कसी चीज़ क वाभािवक नैस गक ितभा होती है। यह
बकवास है। सब कु छ अ यास का मामला है।” बॉब ने फर के न से पूछा, “ या कोई ऐसी चीज़ है, िजसम आप
सचमुच अ छे होना चाहते ह?”
“िनि त प से,” के न ने कहा। उसे महान नािवक बनने क उतनी यादा परवाह नह थी, ले कन क रयर,
संबंध , पा रवा रक जीवन और वा य तथा फ़टनेस के बारे म ब त सी चीज़ थ , िजनम वह सचमुच अ छा
बनना चाहता था।
“देिखए, अगर आप कसी चीज़ म अ छे बनना चाहते ह, तो मुझे परवाह नह है क कोई दूसरा या कहता
है, ले कन यह सब अ यास के बारे म है। अ यास कर, अ यास कर, अ यास कर। दरअसल, सव े लोग म
सव े बनने के िलए आपको 10,000 घंट का अ यास करना होगा।”
के न ने उनक ओर भावशू य अंदाज़ म देखा। यह आँकड़ा वे कहाँ से उठा लाए थे?
“यह कई अलग - अलग अ ययन म सािबत कया जा चुका है,” बॉब ने आगे कहा। “य द आप कसी भी
चीज़ - वसाय, गिणत, िव ान, संगीत, सािह य, शतरं ज, ताश, चाहे जो हो – म उ कृ तर पर प च
ँ ना
चाहते ह, तो इसके िलए 10,000 घंट के सुिनयोिजत अ यास क ज़ रत होती है।”
“ले कन यह ब त लंबा समय है। अगर आप हर स ाह 20 घंटे अ यास कर - तब भी इसका मतलब 10
साल होता है।”
‘ओ - ओह।”
“उन लोग के बारे म या, जो अिव सनीय ितभा के साथ पैदा होते ह? जैसे... जैसे कोई ितभाशाली
िपयानो वादक?”
“के न, दरअसल मेरी नाितन भी एक शीष थ शा ीय संगीतकार है। वह वायिलन वादक है। मने देखा है क
वह कतने घंटे रयाज़ करती है। कसी ने तो यह अ ययन भी कया था क उस जैसे लोग अ यास म कतना
समय लगाते ह : एंडस ए रकसन नामक एक मनोवै ािनक ने कु छ अ य िवशेष के साथ िमलकर एक उ कृ
संगीत कू ल म वायिलनवादक का अ ययन कया। उसने उ ह तीन ेिणय म िवभािजत कर दया : एक वे
िजनका टार बनना तय था, दूसरे वे जो सचमुच अ छे थे और पेशेवर वादन कर सकते थे और तीसरे वे जो अ छे
तो थे, ले कन बेहतरीन नह थे और जो संभवत : आगे चलकर वायिलन िश क बनगे।”
“एकमा फ़क़ जो उ ह िमला? संगीतकार ारा कए गए अ यास के घंट क सं या। जो िश क बनने
लायक़ थे - उ ह ने 4,000 घंटे लगाए। जो सचमुच अ छे थे और पेशेवर वादन कर सकते थे - 8,000 घंटे। सबसे
ऊपर, ितभाशाली एकल वादक?” उ ह ने कहा और जवाब के िलए के न क ओर देखा।
“मुझे अंदाज़ा लगाने द... 10,000 घंटे।” दोन ि एक साथ मु कराने लगे।
“वै ािनक को नैस गक ितभा का धनी एक भी ऐसा ि नह िमला - जो इतने अ यास के िबना िशखर
पर िसफ़ इसिलए प च ँ ा हो, य क उसम नैस गक ितभा थी,” बॉब ने जोड़ा। “आप जानते ह, बेहतरीन बात
या है? उ ह एक भी ऐसा दुखी ि नह िमला, जो पूरे दल से अ यास कर रहा था, ले कन कह नह प च ँ
पाया था।”
“सीखने वाली बात यह है : य द आप अ यास म समय और यास लगाते ह, तो आपको सुधार दखेगा।
य द आप सुधार देखना चाहते ह, तो आपको अ यास करना होगा।”
“बॉब, म यह सोचे िबना नह रह सकता, या यह कारोबार म भी सही होता है? कु छ लोग म सही क़दम
उठाने का सहज बोध होता है। मेरा मतलब है, देख तो सही क िबल गे स ने कतना कु छ कर दया है, िजसके
कोई क़रीब भी नह प चँ पाया है।”
“ठीक है, िबल गे स को ही देख ल,” बॉब ने जवाब दया। “मै कम लैडवेल ने अपनी पु तक आउटलायस म
उनके बारे म िलखा है। उ ह ने बताया है क िबल हाई कू ल म िजम से ग़ायब हो जाते थे। यही नह , ो ा मंग
सीखने के िलए वे आधी रात को युिनव सटी के कं यूटर से समय चुराने भी जाते थे। इसीिलए उनके माता - िपता
हमेशा हैरान रहते थे क सुबह उ ह उठाना इतना मुि कल य होता था! ले कन जब तक उ ह ने हारवड क
पढ़ाई छोड़ी, तब तक वे 10,000 घंट से यादा क ो ा मंग का अ यास कर चुके थे। उ ह ने संसार के लगभग
हर अ य ि से यादा अ यास कर िलया था।”
के न को पूरी तरह िव ास नह आ था। िनि त प से, कु छ लोग तो महान बनने के िलए ही पैदा होते ह।
“शीष थ िखलािड़य के बारे म या कहगे? मेरा मतलब है, वेन ेट क को देख। वह आदमी ऐसी चीज़ देख
सकता था, िज ह कोई दूसरा नह देख सकता था। मुझे याद है, वे बफ़ पर पूरी तेज़ी से दौड़ते थे और अपनी टीम
के साथी को पीछे क तरफ़ पक का पास दे सकते थे, जो उ ह दखाई ही नह देता था।” के न ने अचरज म िसर
िहलाया, जब उसने ेट क के दाँव को बार - बार अपने दमाग़ म देखा और सोचने क कोिशश क क ेट क
ने ये जादुई कारनामे कै से कए। “वे ख़द भी इसका कारण नह जानते थे! उ ह ने कहा था क उनके अंदर एक
‘भावना’ रहती थी क बाक़ िखलाड़ी बफ़ पर कहाँ थे, इसिलए वे िबना देखे ही पास दे सकते थे। वे वहाँ नह
जाते थे, जहाँ पक थी; वे तो वहाँ जाते थे, जहाँ पक प च
ँ ने वाली थी।”
बॉब ने कहा, “ऐसा लग सकता है क उनके पास छठी इं य थी, ले कन इन चीज़ का अ ययन करने वाले
खेल वै ािनक कहते ह क ऐसी बात नह थी। दरअसल, उनका मि त क उनके आस - पास के सारे संकेत क
ोसे संग कसी दूसरे से यादा अ छी तरह कर लेता था। इस बारे म सोच। आपको या लगता है, उ ह ने इस
खेल म कतने घंट का अ यास कया होगा? उन हज़ार घंट से शु कर, जो उ ह ने अपने घर के पीछे घरे लू बफ़
के मैदान पर दूसरे ब के साथ िबताए? फर अपनी टीम के सािथय के साथ हज़ार घंटे का अ यास कया।”
“म एक पूव कॉलेज िखलाड़ी को जानता ,ँ िजसका यान इस बात पर गया क जब भी उसके िवरोधी कोई
दाँव बनाने वाले होते थे, तो बफ़ पर उनके के स क आवाज़ बदल जाती थ । इस ान से उसे उनके दाँव को
िवफल करने का दूसर से यादा समय िमल जाता था। य द मेरा िम यह भाँप सकता था, तो ज़रा सोच क
े क शायद अपने पीछे बफ़ पर के स क आवाज़ सुनकर ही सटीकता से जान जाते थे क पास कहाँ देना है –
हालाँ क वे चेतन प से इस बारे म सोच भी नह रहे थे।”
“वै ािनक ने एक वीिडयो - गेम िश ण तैयार कया है, जो ेट क जैसे हॉक िखलािड़य को मैदान क
बेहतर अनुभूित करा सके । वे उ ह अपने आस - पास के िखलािड़य क जानकारी को यादा अ छी तरह भाँपने
का िश ण देते ह। य द अ यास ऐसी असाधारण यो यता िवकिसत करने म आपक मदद कर सकता है, तो उन
सारी दूसरी यो यता के बारे म सोच, जो आप अ यास से िवकिसत कर सकते ह।”
के न ने सोचा क वह इस ान का उपयोग भिव य म कर सकता है और इससे फ़ायदा उठा सकता है। फर
उ ह ने कहा, “आगे चलो!” बॉब क मदद से वह नाव चलाने म थोड़ा यादा आरामदेह महसूस करने लगा था।
ले कन वह शांत हो गया, जब उसने उस छोटे चट् टानी टापू को घूरा, िजसके वे क़रीब प च
ँ रहे थे।
वह अपने दमाग़ म िहसाब लगा रहा था और इससे उस बात क पुि ई, जो उसने पहले सोचा था : उसने
कामकाज म 10,000 घंट से यादा लगाए थे, ले कन उसे महसूस होता था क वह अपने क रयर म महारत
हािसल नह कर पाया है। वह एक तरह के मैदानी इलाक़े म प च
ँ गया था, जहाँ से वह ऊपर नह जा पा रहा
था।
उसने संबंध क़ायम रखने तथा अिभभावक बनने म भी 10,000 घंट से यादा लगाए थे। ले कन इसके
बावजूद कई बार संघष य होता था?
“बॉब, म अपने कामकाज म हर स ाह 45 - 50 घंटे लगाता ।ँ यानी साल म कम से कम 2, 200 घंटे। म
वहाँ पाँच साल से ,ँ यानी मने कम से कम 11,000 घंटे लगाए ह। आपके िहसाब से तो अब तक मुझे सीईओ बन
जाना चािहए था! मने कु छ लोग को देखा है, िजनके पास 30 - 40 साल का अनुभव तो होता है, ले कन वे अपने
कामकाज म उतने िनपुण नह होते ह। ऐसा य है?” हालाँ क इस सबके कारण वह परे शान हो रहा था, ले कन
के न ने अपनी बात एक ह के - फु के , मज़ा क़या लहज़े म कहने क कोिशश क ।
बॉब ने 100 ितशत गंभीर लहज़े म जवाब दया, “म पहले आपके दूसरे का उ र दूग
ँ ा। 30 साल के
अनुभव वाले ब त से लोग के पास दरअसल 30 साल का अनुभव नह होता।”
“उनके पास तो एक साल का अनुभव होता है, िजसे 30 बार दोहराया गया है। कारण यह है क उ ह ने
कभी िवकास या िव तार ही नह कया है।”
“अब आपके पहले पर लौटते ह : आप सोच रहे ह क अगर आप 10,000 घंटे से यादा लगा चुके ह, तो
इसके बावजूद आप िशखर पर य नह प च ँ ?े देिखए, यह अ यास के घंट क मा ा का ही मामला नह है। यह
उन घंट क गुणव ा के बारे म भी है। एंडस ए रकसन इसे सुिवचा रत अ यास कहते ह।”
30 साल के अनुभव वाले ब त से लोग के पास दरसल 30 साल का अनुभव नह होता। उनके
पास तो एक साल का अनुभव होता है, िजसे 30 बार दोहराया गया है।
“सुिवचा रत अ यास ख़ास तौर पर दशन को बेहतर बनाने के िलए कया जाता है। इसे दोहराया जा
सकता है | इसके साथ सृजना मक फ़ डबैक भी ज़ री होता है,” बॉब ने कहा, मानो वे एक के बाद एक बंद ु बता
रहे ह । “यह आनंददायक नह होता। यह मुि कल होता है। कई बार तो ब त मुि कल होता है।”
“देिखए, म भी अपने काम को ‘ आनंददायक ’ तो नह क ग ँ ा,” के न ने थोड़े र ा मक अंदाज़ म जवाब
दया। अब उसने एक ह के - फु के अंदाज़ क कोिशश छोड़ दी थी।
बॉब ने एक तुि कारक हाथ उठाते ए कहा, “के न, मुझे शक नह है क आप अपने क रयर म यास और
कड़ी मेहनत करते ह। वाक़ई मुझे कोई शक नह है।”
“ले कन मान लेते ह क आपका ल य अपने काम म देश म सव े बनना है और आप महसूस करते ह क
आप गित नह कर रहे ह। तो आपको ख़द से कु छ सवाल पूछने क ज़ रत है।”
के न ने एक बार िसर िहलाया। “बताएँ।”
“बचपन म या आपने कभी कोई वा यं बजाया था, के न?”
“हाँ। िपयानो।”
“आपने हर दन कतनी देर अ यास कया था?”
“मंगलवार से शु वार तक तीस िमनट और हर सोमवार एक सबक़।”
“आपने हर दन सुिवचा रत अ यास म कतना समय गुज़ारा?”
के न ने िपयानो बजाने म िबताई दोपहर के बारे म सोचा, जब वह िखड़क के बाहर नज़र चुराता था और
सोचता रहता था क काश वह दूसरे ब के साथ फ़ु टबॉल खेल रहा होता। “स ी? ज़रा भी नह ... या हर
सोमवार को 30 िमनट, अगर आप सबक़ को िगन।”
“अब कु छ साल आगे चलते ह।”
“म नह सोचता क यह जहाँ जा रहा है, वह मुझे पसंद है,” के न दाँत भ चने वाले अंदाज़ म मु कराया।
“शायद नह । ले कन म सोचता ँ जहाँ यह आपको अंततः ले जाएगा, वह आपको पसंद आएगा,” बॉब ने
जवाब दया। “अब आप उन घंट को न िगन, जो आप शासक य काम म िबताते ह, रपो टग और दूसरी चीज़
पर िबताते ह, िजनम आपके पद क ख़ास यो यता क आव यकता नह होती। अब बताएँ क आप अपनी ख़ास
यो यता को द शत करने म कतना समय िबताते ह?”
यह सोचते समय के न ने हैरानी म सीटी बजाई, “शायद 18 से 20 घंटे।”
“आप अपने पद क यो यता के सुिवचा रत अ यास म कतना समय लगाते ह?”
कामकाज म हमेशा इतने सारे वधान रहते थे - के न ने ख़द को िवचार के उस िसलिसले से दूर कया,
य क वह िसफ़ बहाने बना रहा था। दरअसल, उसने कभी कामकाज म ऐसे काय करने का क त यास नह
कया था, िजनका ल य ख़ास तौर पर उसके दशन को बेहतर बनाना हो, िज ह दोहराया जा सकता हो, िजनम
सृजना मक फ़ डबैक पाना शािमलहो और जो चुनौतीपूण ह । उसने अपना िसर िहलाया। “शायद एक महीने म
एक घंटा।”
“ऐसा इसिलए है, य क यादातर लोग क तरह आप काम कर रहे ह, सुिवचा रत अ यास नह कर रहे
ह।”
के न को एक पल के िलए ऐसा महसूस आ, मानो वह न द म चल रहा था और बॉब ने उसे अभी - अभी
िहलाकर जगाया था।
“शायद इससे भी अहम बात, जब आपके क रयर के ल य क बात आती है, तो आप कतना समय उस
अगले पद क यो यता के सुिवचा रत अ यास म िबताते ह, िजस पर आप प च
ँ ना चाहते ह?”
के न एक पल ख़ामोश रहा, फर बोला, “देिखए, अगर हम सीईओ क बात कर रहे ह, तो मेरे ख़याल से
इसका मतलब होगा नेतृ व यो यताएँ, रणनीितकरण, बड़ी त वीर वाले व देखना...” उसके श द अटक गए,
जब उसे अहसास आ क उसने अपना पूरा यान हाथ के काम पर क त कया था और भावी यो यताएँ
िवकिसत करने के बारे म शायद ही कभी सोचा था। वा तव म, उसने उनम से कसी भी चीज़ के सुिवचा रत
अ यास म ब त कम समय िबताया था, िजनम वह अ छा होना चाहता था, अपने क रयर म या अपने घर म।
बॉब ने धीरे से पूछा, “ या मुझे आगे बोलना चािहए?”
“यह पया से यादा है,” के न ने कहा। उसने पानी के पार देखा और अपनी वचा पर नमक क चुभन
महसूस क । “ये सुनने म ददनाक थे, ले कन िबलकु ल सही िनशाने पर लगे। आपने मेरी आँख खोल द ।”
फर एक नई वा तिवकता उस पर हावी ई। के न ने पूछा, “ले कन मुझे अ यास करने के िलए इतना सारा
समय िमलेगा कै से ; मेरे पास तो पहले ही ब त काम है?”
“हाल - फ़लहाल आप यादातर लोग जैसे ह, जो िसर झुकाकर काम करते रहते ह, दन गुज़ारते ह,
सुिवच रत अ यास के िलए यादा समय नह िनकालते ह - ठीक है?” बॉब ने कहा।
“उ - उह।” यह एक िन प आकलन था।
“देिखए, आप िजस एक चीज़ म उ कृ बनना चाहते ह, उसका अ यास करने के िलए अगर आप एक दन
म बस एक घंटे द, तो या होगा? या आप िसफ़ एक घंटे का समय दे सकते ह?”
के न क पहली ित या यह थी क यह असंभव था, ले कन फर उसने उन िमनट को जोड़ा, जो वह हर
दन ऐसी फ़जूल चीज़ पर ख़च करता था, जो उसे दरअसल कह नह ले जाती थ ।
“आप जानते ह, म शायद काफ़ िन द्दे यता से नेट स फ़ग म हर दन कम से कम एक घंटा िबताता ँ या
टी. वी. के सामने पड़ा रहता ,ँ ” उसने आिख़रकार जवाब दया।
“इसके बजाय अगर आप हर दन एक चीज़ का सुिवचा रत अ यास कर, तो आप या सोचते ह आपको
कतना लाभ होगा? आपको या लगता है, आप काफ़ ज दी सुधार देखगे?”
“आपने शोध के बारे म जो बताया है, उससे हाँ। जब आप इसे इस तरह से कहते ह - एक दन म बस एक
घंटा - तो यह करने लायक़ है।”
“यह यह ख़ म नह होता,” बॉब ने जवाब दया। “सुिवचा रत अ यास के अवसर पहले ही आपक नाक के
ठीक नीचे ह - आपने तो बस उन पर अब तक ग़ौर नह कया है। वा तव म, आपका पूरा जीवन अ यास का
अवसर है। कुं जी है करने को अ यास करने म बदलना। यह िनयिमत प से पीछे हटकर कु छ िमनट तक अपने
दशन क समी ा करने का मामला है।”
“ठहरकर िनयिमत समी ा कर। आप हर घंटे बाद, हर कु छ घंट बाद, हर कु छ दन बाद क सकते ह - जो
भी आपके िहसाब से सबसे कारगर हो। मह वपूण तो यह है क आप यह आकलन कर क आपने कतना अ छा
कया और आप वैसा ही काय करते समय अगली बारसुधार कै से कर सकते ह।”
“जैसा कोई कोच कसी िखलाड़ी के साथ करता है,” के न ने कहा।
“सही है, य क याद रहे, सृजना मक फ़ डबैक सुिवचा रत अ यास का अ याव यक िह सा है,” बॉब ने
कहा। “वह फ़ डबैक आप ख़द को दे सकते ह। या फर आप अपने बॉस या कसी िव सनीय ि से पूछ सकते
ह क वह दो - तीन चीज़ ऐसी बताए, जो आपने अ छी क और दो - तीन ऐसी चीज़ बताए, िज ह आप यादा
अ छी तरह कर सकते थे।”
“यह सरल लगता है। अगर म यह करता ,ँ तो या इससे सचमुच फ़क़ पड़ेगा?”
“यह कभी वैसा तो नह होगा, िजस तरह मेरी नाितन हर स ाह 20 घंटे वायिलन का अ यास करती है या
ेट क अपना सारा समय बफ़ पर िबताते ह - ले कन यह ब त भावी होगा, के न।”
“इस बारे म सोच : य द आप अपना फोकस इस तरह बदल रहे ह, ता क आप हर दन का काय करते समय
भी अ यास कर रहे ह, तो आपके वही काय आपक यो यता को बेहतर बनाने का तरीक़ा बन जाते ह। टक।” -
उ ह ने अपनी तजनी से हवा म मु ा बनाई - “वे िनि त प से दोहराए जा सकते ह। टक। आप ख़द को
सृजना मक फ़ डबैक दे सकते ह या ऑ फ़स के कसी िव सनीय ि से मागदशन ले सकते ह। टक। अंत म,
आपने ख़द कहा था क कामकाज आपको आनंददायक नह लगता है, इसिलए यह भी सही है।”
“वा तव म, म सुझाव देता ँ क आप दरअसल यादा क ठन काय करने क पहल वे छा से वयं कर।
चूँ क य द आप कोई पया चुनौतीपूण चीज़ चुनते ह, तो यह सीखने और िव तार करने का मौक़ा है।”
अब बात के न क समझ म आ गई। “म आपका मतलब समझ सकता ,ँ ” उसने कहा। “जब हम दशा
बदलने लगे, तो मने ग़ौर कया था क आपने अव था म गित बढ़ाई थी, धीरे - धीरे मुझ पर यादा दबाव
डाला था। दरअसल, म महसूस करता ँ क मेरे िहसाब से म िजतना करने म स म था, म उसके पार प च
ँ गया
था।”
“ िमक तनाव।”
के न ने सोचा, हर चीज़ के िलए एक नाम नज़र आता है।
“1 से 10 तक के पैमाने पर कोई काय करने के तनाव के बारे म सोच,” बॉब ने कहा। “जब हमने पानी के
पार दशा बदलना शु कया था, तो आपका तनाव तर शायद 2 और 4 के बीच था। इसे ेच लेवल ( िव तार
तर ) कहा जाता है, जहाँ आपको अपने आरामदेह दायरे के बस थोड़ा सा बाहर थकाया जाता है। जब आप इसके
आदी हो गए, तो यह आपका नया तर 1 बन गया, य क अब उसम कोई असली तनाव नह था। या यह
कहना यायसंगत होगा?”
“िबलकु ल, के न ने कहा |
“ फर मने गित बढ़ा दी, आपको एक बार फर से 2 और 4 के बीच कह पर धका दया, ठीक है?”
“हाँ, मने इस बारे म इस तरह नह सोचा था, ले कन हाँ, आपने यही कया था।”
“ फर जब मने आपको पतवार फे रने वाली मु टया थमाई, तो आप उस तनाव को कस तर पर रखगे?”
“ओह, कम से कम पाँच। शायद 6 या 7 भी,” के न ने वीकार कया।
“मुझे ऐसी ही उ मीद थी,” बॉब ने िसर िहलाते ए कहा। इसे ेन लेवल ( अ यिधक दबाव का तर ) कहा
जाता है। ख़द को तनाव के उस तर पर धकाना आपके िलए अ छा है, बशत आपके पास सही समथनहो - एक
कोच, एक सहकम , प रवार का कोई सद य, एक मागदशक, एक चतुर िम हो, जो आपको बेलाग स ाई बता
दे।”
“या एक ब त अ छा नािवक हो, िजसके पास कम से कम 10,000 घंटे का अनुभव हो,” के न ने कहा और
अपनी शंसा को मु कराकर कया।
बॉब ने वीकारोि म िसर झुकाया और बोले, " ले कन सावधान रह, अगर आप ख़द को उस तर के ऊपर
जाने के िलए िववश करते ह, तो आप टू टने के बंद ु पर प च
ँ जाते ह। ख़द को चरम सीमा पर चुनौती दगे, तो
आपके पास चाहे िजतना समथन हो, आप उस तनाव को नह झेल पाएँगे।”
अपनी तुलना ख़द से करना यादा उपयोगी होता है। सबसे यादा मायने यही रखता है क
आप अपने वतमान व प से 1 ितशत बेहतर बन जाएँ।
के न को चट् टान पर पैर क पकड़ बनाने के िलए नीचे देखना पड़ा। बॉब ने कहा, “आप यह या ा वहाँ से
शु नह कर सकते, जहाँ कोई दूसरा आपके आगे खड़ा है। आप वहाँ से शु नह कर सकते, जहाँ आप सोचते ह
क वे भिव य म प च
ँ गे। आप या ा वहाँ से भी शु नह कर सकते, जहाँ आप प च ँ ना चाहते ह।” बॉब ने उस
ओर इशारा कया, जहाँ वे जा रहे थे और फर अपने पैर के नीचे क चट् टान को देखते ए कहा, “आपको तो यह
या ा वह से शु करनी पड़ती है, जहाँ आप इस व त ह।”
“आप आने वाले कल के बारे म सोच सकते ह और शायद भिव य के सपने भी देख सकते ह - ले कन वतमान
म अपना सव े करना ही िनयम है।”
“सकारा मक सोच क शि के बारे म या? या आप सोचते ह क यह मह वपूण है?” के न ने पूछा।
“आशा अ छी चीज़ है, ले कन य द आप काय नह करते ह, तो यह ख़ास तौर पर उपयोगी रणनीित नह
है,” बॉब ने जवाब दया। “हमम से ब त यादा लोग सकारा मक िवचार सोचते ह, ले कन कसी ऐसी योजना
पर अमल नह करते ह, जो हम सपने साकार करने क दशा म ले जाने वाले काय करने के िलए िववश कर दे।
आप िसफ़ इ छा नह कर सकते - आपको काय करना होता है।”
“आइए आपको एक उदाहरण देता ,ँ ” बॉब ने आगे कहा, जब वे शीष पर प च ँ े और अपनी कु सयाँ शेड म
ले गए, जहाँ से वे पानी के पार देखने लगे। नज़ारा इतना सुंदर था क चढ़ाई चढ़ना साथक लग रहा था। “मने
एक बार कॉिलन पॉवेल का ा यान सुना था। उ ह ने एक िबलकु ल नए सेकंड लेि टनट क कहानी बताई, जो
ब त मह वाकां ी था और जनरल बनना चाहता था। एक रात को नए लेि टनट ने ऑ फ़सस लब के बार म
एक जनरल को देखा। वह उनके पास जाकर बोला क माफ़ कर सर, ले कन कोई जनरल कै से बनता है?”
“बेटा, तु ह कु े क तरह काम करना पड़ता है,” जनरल ने जवाब दया। “तुमम नैितक और शारी रक
साहस होना चािहए। ऐसे दन हो सकते ह, जब तुम बुरी तरह थके हो, ले कन तु हारी थकान कभी दखनी नह
चािहए। ऐसे समय होते ह, जब तु ह डर लगेगा, ले कन तु हारा डर कभी नज़र नह आना चािहए। तु ह हमेशा
लीडर होना पड़ता है।”
लेि टनट इस सलाह से ब त रोमांिचत हो गया। “ध यवाद, सर,” उसने कहा। “तो इस तरह म जनरल बन
सकता ?ँ ”
“नह ,” जनरल ने कहा। “इस तरह तो तुम फ़ ट लेि टनट बनते हो। फर तुम इसे बार - बार दोहराते
रहोगे, तो अंततः जनरल बन जाओगे।”
“तो आपके ल य तक प च ँ ने क कुं जी यह जानना है क आप कहाँ जाना चाहते ह और वहाँ प च
ँ ने के िलए
आपको कौन से काय करने क ज़ रत है – और फर लगन व यास आपको वहाँ प च ँ ा दगे।”
“हाँ के न, यही बात है।” बॉब ने अपने छोटे बाल पर हाथ फे रा और आह भरी। “उस व त यह कहानी
सुनना मेरे िलए ब त मायने रखता था, य क म दरअसल काफ़ उतावला था। म जवाब क तलाश कर रहा
था।”
“यह बरस पहले क बात है, जब तुम छोटे ब े थे,” बॉब ने के न को देखने के बाद कहा। “मने एक वसाय
खड़ा कर िलया था, उसे तेज़ी से फै ला भी िलया था - ज द ही म ऐसा इं सान बन गया, िजससे लोग अपनी तुलना
करते थे।”
“ फर मेरा वसाय आ थक भँवर म फँ स गया। मुझे इस बात पर गव था क म हमेशा अपने वडर का
भुगतान 30 दन म कर देता था, ले कन जब मने बहीख़ाते देख,े तो मुझे अहसास आ क अब म ऐसा नह कर
सकता था। के न, मेरी नेट वथ अचानक ब त यादा नकारा मक इलाक़े म प च ँ गई थी। मेरा पहला िववाह
िबखर रहा था। मेरे ब े मुझसे बातनह करते थे। फर एक डरावना तूफ़ान आया और उसने मेरी नाव तबाह कर
दी। म हार मानने क कगार पर था। पूरे जीवन म म कभी इतना िनराश नह रहा था।”
“पॉवेल ने वतमान म अपना सव े करने क अव यकता पर ज़ोर दया था। यह सचमुच मेरे दमाग़ म बैठ
गया और म जानता था क मुझे ठीक यही करने क ज़ रत थी। मने अपने सभी वडर से संपक कया और बताया
क म धीरे -धीरे उन सभी का भुगतान कर दूग
ँ ा। मने एक ठोस योजना बनाई, के वल अपने वसाय को पुनः खड़ा
करने क ही नह , बि क दीघकाल म इसे एक िबलकु ल नए तर पर प च ँ ाने क भी,” बॉब ने कहा।
“म यह नह कह रहा ँ क यह िमठाई खाने िजतना आसान काम था। ऐसे दन थे जब म ाथना करता था
क मेरे कसी कज़दार का धीरज जवाब दे जाए और वह मुझे दवािलएपन क ओर धका दे, ता क म इतनी कड़ी
मेहनत से छु टकारा पा सकूँ । ले कन म हर दन अपने िब तर से उठा और कड़ी मेहनत करता रहा।”
“के न, इससे कोई फ़क़ नह पड़ता क आप कौन ह, कई बार इसका मतलब कड़ी मेहनत ही होता है। जब म
यह सब झेल रहा था, तो म अपने एक िम से बात करता था, िजसके पास खोने के िलए मुझसे ब त यादा था –
और उसने खो भी दया। उसने अपना जेट गँवा दया और एनएफ़एलटीम म अपनी िह सेदारी भी गँवा दी।
रयल इ टेट म मंदी के कारण उसक संपि य का मू य एक महीने म दस लाख डॉलर क दर से कम होता जा
रहा था, िजसक तुलना म मेरे कज़ िच लर जैसे लगते थे।”
“म अपने लड के प गाडनर साले से भी बात करता था, िजसका कारोबार मंदा चल रहा था। वह इसिलए
तनाव म था, य क वह अपनी कार क क़ त चुकाने के िलए जूझ रहा था, जो हर महीने लगभग 400 डॉलर
थ ।”
“ या आप जानते ह? डॉलर क मा ा मह वपूण नह थी। हम सभी दबाव महसूस कर रहे थे और हम सभी
को एक ही चीज़ करनी थी : सबसे पहले बैठ जाएँ और सटीकता से पता लगाएँ क हम कहाँ ह। मुझे वाक़ई यह
जाँच करनी पड़ी क म कहाँ था और कं पनी कहाँ थी। इसके िलए त य का िनमम आकलन करने क ज़ रत थी,
िजसे मने कु छ समय तकसुिवधाजनक ढंग से नज़रअंदाज़ कया था। म आ म - संतु और अित - िव ासी बन
गया था। मुझे सटीकता से यह पता लगाना था क हर चीज़ कहाँ खड़ी है। इसके बाद मुझे एक योजना बनानी थी
और अपना िसर नीचे झुकाकर हर दन कड़ी मेहनत करनी थी, जब तक क म वह हािसल न कर लूँ, जो म
हािसल करने िनकला था।”
“मुि कल रहा होगा,” के न ने कहा। “ या यह वह सबसे मुि कल चीज़ है, जो आपने क है?”
“नह , सबसे मुि कल चीज़ मने आज तक यह क है क एक िम से मदद माँगी - रयल इ टेट मंदी वाले
िम से नह , बि क एक दूसरे िम से। मने हमेशा चीज़ ख़द क थ । म आ मिनभर क़ म का था। मुझे यक़ न था
क म हर चीज़ अके ले ही सुलझा सकता ।ँ ज़ािहर है, यह सही नह िनकला। मने सलाह माँगी और यह कारगर
रहा, य क इसने मेरे वसाय का िनमम आकलन करने और एक योजना बनाने म मेरी मदद क , ता क म उस
झमेले से बाहर िनकल सकूं , िजसम म फँ सा आ था।”
“वे सारी योजनाएँ जो आपने बना , वह सारी कड़ी मेहनत जो आपने क , सुिवचा रत अ यास के घंटे...
उ ह ने ही आपको वह सफलता दलाई जो आज आपके पास है,” के न ने धीरे से कहा।
बॉब ने मौन सहमित म िसर िहलाया और सीधे के न को देखने लगे। उनका संदश
े प था : आप भी यह कर
सकते ह।
5
क◌े नबताया,
एक ितशत वाले समूह क अगली सद य से िमलने प च
ँ ा। उसने जब रसे शिन ट को अपना नाम
तो उसके मन म यह लोभन आया क वह क जाए और कहे, “अचानक कोई मामला आ गया
है, मुझे जाना होगा।” ले कन फर उसने कोच िजम क चढ़ी यो रय के बारे म सोचा और वह चुपचाप
वे टंग म म बैठ गया।
नाव या ा के बाद लगभग एक महीना बीत गया था। के न इस या से तभी से असंतु महसूस कर रहा
था, जब से उसे पता चला था क कसी चीज़ म सचमुच बेहतरीन होने के िलए उसे कतने सारे घंट के अ यास
क ज़ रत है। के न आभारी था क बॉब ने उसे अपना समय दया। उसे लगता था क उ ह ने जो कहा था, वह
सब सच था, ले कन फर भी उसके मन म एक अ स ता थी। िनि त प से कोच िजम ने कहा था क रा ते म
चुनौितयाँ आएँगी - ले कन 10, 000 घंट क चुनौितयाँ ? वह भी िसफ़ 1 ितशत बेहतर बनने के िलए ? अब तक
प रवतन के उसके यास के प रणाम उतार - चढ़ाव भरे रहे थे और एक बार फर वह अपने समपण पर सवाल
करने लगा।
एक ितशत वाले समूह क अगली सद य स थ । वे एक मनोवै ािनक थ , जो एक त लीिनक
चलाती थ । इस लीिनक का उद्दे य लोग क सीखने क मता को अिधकतम करना था – “एक तरह का
मानिसक िजम” जैसा फ़ु टबॉल कोच ने कहा था। के न को प ा नह पता था क वह यहाँ या कर रहा है, ले कन
उसने सोचा क यह अपॉइं टमट वह अवसर हो सकता है, जहाँ वह इस पूरी या से औपचा रक प से बाहर
िनकल सकता है। आिख़र, ऐसा तो था नह क उसने कसी अनुबंध पर ह ता र कए ह , उसने ख़द से कहा।
के न ब त से लोग को जानता था, जो ठीक उसी जैसे थे और वे अ छी तरह जीवन जी रहे थे। उ ह
प रवतन और सुधार क कसी बड़ी योजना पर जाने क ज़ रत महसूस नह होती थी। के न ने िनणय िलया क
वह भी उनक तरह ही रहने क कोिशश करे गा : वह प रि थितय को सव े समझेगा और अपनी िनयामत
िगनेगा ; हर साल वह नववष के संक प बनाएगा, ता क अपने उन पहलु पर काम करे िजनम उसे सुधार क
ज़ रत महसूस होती थी।
उसने कोच िजम को यही योजना बताई थी, जब आिख़रकार अपने बेटे के फ़ु टबॉल मैच म िजम से उसका
आमना - सामना आ। के न कोिशश कर रहा था क मैच के बाद वह तेज़ी से अपने बेटे को कार तक ले आए, जैसा
क वह कु छ स ाह से करता आ रहा था, ले कन िजम इस बार नह चूकने वाले थे। के न के पा कग लॉट म प च
ँ ने
से पहले ही िजम उसके क़रीब आ गए। िजम ने बताया क उनके पास स का फ़ोन आया था, जो इस बात पर
हैरान हो रही थ क के न ने अब तक फ़ोन य नह कया।
तब के न का सामना फ़ु टबॉल कोच क चढ़ी यो रय से आ। िजम ने के न को ज़मीनी िनयम के बारे म
कया वादा याद दलाया। उ ह ने के न को एक ितशत के फ़ॉमूले के बारे म उसक शु आती ऊजा और उ साह
क याद दलाई। अंत म, के न एक ितशत वाले समूह क अगली सद य से िमलने को तैयार हो गया।
उसने बॉब के साथ नाव या ा के तुरंत बाद नो स िलख िलए थे, ले कन उ ह देखा नह था। अब उसने सारी
नसीहत को वि थत करने के बारे म सोचा। इसिलए उसने अपनी नोटबुक खोलकर देखा क उसने या सीखा
था:
1. सव े म सव े बनने के िलए 10, 000 घंट के सुिवचा रत अ यास क ज़ रत होती है।
2. जो भी ि सुिवचा रत अ यास म समय िबताता है, उसका दशन बेहतर होता है।
3. दैिनक काम को सुिवचा रत अ यास म इस तरह बदल:
ए) यह आकलन कर क आप कसी काय को कतनी अ छी तरह करते ह और अगली बार कै से
बेहतर बना सकते ह
बी) सृजना मक फ़ डबैक ल
सी) ऐसे ल य बनाएँ, जो चुनौतीपूण ह और दूसर क मदद से हािसल कए जा सकते ह ।
4. अपनी तुलना दूसर के बजाय ख़द से कर।
5. आगे क योजना बनाएँ और ल य तय कर, ले कन वतमान म अपना सव े कर ।
नववष के संक प शायद ही कभी कारगर होते ह। 88 ितशत लोग अपने नववष के संक प को
कायम रखने म नाकाम रहते ह।
“बात िसफ़ यही नह है क वे भावी नह ह,” उ ह ने आगे कहा। “वे मनोवै ािनक दृि से हािनकारक भी
हो सकते ह।”
के न ने जवाब दया, “बेहतर इं सान बनने संक प जैसी सकारा मक चीज़ हािनकारक कै से सकती है?”
“ यादातर लोग हर साल िजस तरह के संक प लेते ह, वे आम तौर पर इन ेिणय म आते ह – वज़न,
फ़टनेस, क रयर, संबंध, पैसा,” स ने जवाब दया। “मुि कल यह है क ये ल य अ सर ब त ापक होते ह
और इन सभी को एक साथ तथा एकदम हािसल करना लगभग नामुम कन होता है। ले कन संक प तय करते
समय हम ख़द से ठीक यही करने को कहते ह। या आप सोचते ह क आपक सूची के संक प का वणन इस तरह
कया जा सकता है ?”
के न ने एक बार फर अपनी सूची देखी और उसे कहना पड़ा, “हाँ।” उसने उन बड़े प रवतन का संक प
िलया था, जो उसके जीवन म आमूलचूल सुधार ले आएँगे - या कम से कम उसने यही सोचा था। वह बोला,
“आपके कहने का मतलब यह है क नववष के संक प का असफल होना लगभग तय होता है।”
“हाँ, के न। जब हम कोई ल य हािसल करने म नाकाम रहते ह, तो हमारे आ म - िनयं ण का अहसास खो
जाता है। मुझे यक़ न है क आपक जान - पहचान के कई लोग यह कहते ह गे क 1 जनवरी के बाद वे कभी
चॉकलेट नह खाएँगे या िसगरे ट नह िपएँग।े वे एक पाउं ड वज़न कम कर लेते ह या एक स ाह तक िसगरे ट नह
पीते ह और फर अचानक ऐसा होता है क उनका वज़न पहले से यादा बढ़ जाता है या फर वे दोगुनी तेज़ी से
िसगरे ट पीने लगते ह।”
“हमारे यादातर संक प म हमारे आ मस मान का कोई पहलू शािमल होता है, इसिलए यह भी कम हो
जाता है। हम हताश और िनराश बन सकते ह - शायद नाउ मीद भी। म इसी नुक़सान क बात कर रही ।ँ ”
के न ने झुककर सामने क कॉफ़ टेबल से भड़क ले रं ग क ेस बॉल उठा ली। वह दोबारा बैठ गया और
मनोवै ािनक क कही बात पर िवचार करते समय उसे बार - बार दबाने लगा।
“बदलना इतना मुि कल य होता है ?” उसने पूछा। “शायद यह सब दमाग़ म होता है और जो लोग
अपने संक प क़ायम रखने म नाकाम रहे, उनम बस पया अनुशासन नह था। यह भी तो हो सकता है क उनम
इतनी इ छाशि नह रही हो ?”
“यही बात है, के न। यह अिधकतर दमाग़ म होता है और आपने एक मुख कारण पर रोशनी डाली है,
िजस वजह से संक प आम तौर पर नाकाम होते ह : इ छाशि क िव ापी कमी।”
जनवरी के पहले स ाह के अंत तक संक प लेने वाले के वल 75 ितशत लोग ही अपने संक प
पर टके रहते ह। इसका मतलब है क चार म से एक म इतनी इ छाशि भी नह होती क
वह अपने संक प पर सात दन भी टक पाएँ।
“जनवरी के पहले स ाह के अंत तक संक प लेने वाले के वल 75 ितशत लोग ही अपने संक प पर टके
रहते ह। इसका मतलब है क चार म से एक म इतनी इ छाशि भी नह होती क वह अपने संक प पर सात
दन भी टक पाएँ। जैसे-जैसे स ाह गुज़रते जाते ह, लोग क इ छाशि जवाब देने लगती है। वा तव म, जो
लोग के वल इ छाशि पर ही िनभर होते ह, वे थायी प रवतन करने म सबसे कम सफल होते ह।”
“ले कन अगर म सचमुच इसका मन बना लूँ, तो या होगा ?”
“मु ी भर लोग अपने संक प से िचपके रहते ह - ले कन उनक सफलता का कारण शायद ही कभी यह
होता है क वे इस बारे म अपना मन बना लेते ह,” उ ह ने कहा और अपने पास वाले शे फ़ से इं सानी मि त क
का एक मॉडल उठा िलया।
उ ह ने इसे ऊपर उठाया, ऊपरी सामने वाले िह से क ओर इशारा कया और बोल , “आपक इ छाशि
के िलए सबसे यादा िज़ मेदार मि त क का िह सा यहाँ रहता है, आपके माथे के ठीक पीछे। यह ब त सारे काम
करता है : यह आपको एका रखता है, आपक अ पकालीन मृित को सँभालता है और ज टल सम या को
सुलझाता है। इससे अचानक कसी पुरानी आदत को बदलने क इ छाशि माँगना अ सर इस पर कु छ यादा
ही बोझ लादने जैसा हो जाता है।”
“ऐसा आंिशक तौर पर इसिलए होता है, य क मि त क के पुर कार और ेरणा तं पर काम करने वाले
मानिसक रसायन, जो गहराई म होते ह” - अब उ ह ने नीचे क तरफ़ इशारा कया - “आदत बनाने का ब त
अ छा काम कर देते ह। आप अचेतन प से चीज़ को हर बार एक ही तरीक़े से करते ह। आप जो भी करते ह, हर
उस चीज़ के बारे म चेतन िनणय लेना ब त थकाने वाला काम होगा। अगर यक़ न न हो, तो ज़रा सोचकर देख
क आप कस तरह से श करते ह।”
के न ने अपने दमाग़ म उन गितिविधय को याद कया और उसे अहसास आ क वह उसी जगह से
शु आत करता था और हर बार वही म दोहराता था।
स ने मॉडल को वापस शे फ़ पर रख दया। “अब हम एक छोटा अ यास करते ह,” उ ह ने कहा। “अपनी
बाँह अपने ठीक सामने रख और अपने हाथ को इकट् ठे जकड़ ल, आपक अँगुिलयाँ आपस म गुँथी होनी चािहए।”
के न ने वही कया, जो स ने कहा था।
“म देखती ँ क आपका एक अँगूठा ऊपर है,” उ ह ने कहा।
के न ने देखते ए कहा, “हाँ, यह है।”
“अब अपने हाथ खोल द और उ ह इस तरह दोबारा बाँधे, ता क दूसरा अँगूठा ऊपर रहे।”
जब उसने ऐसा कर दया, तो उ ह ने पूछा, “यह कै सा महसूस होता है ?”
“अजीब,”, के न ने कहा “मुझे कभी अहसास ही नह आ था क म अपने हाथ को इकट् ठे लाने के एक
तरीक़े को अपने आप यादा पसंद करता ।ँ अब जब मने इसे अलग तरीक़े से कर दया है, तो यह असहज और...
अजीब महसूस होता है।”
“आप अपने हाथ ढीले छोड़ सकते ह, के न,” स ने कहा। “अब म चाहती ँ क आप उन समय के बारे म
सोच, जब आपने वह प रवतन करने क कोिशश क थी, जो काल स ने आपको एक महीने तक करने के िलए
ो सािहत कया था। जब आपने उसक कोिशश क थी, तब आपको कै सा महसूस आ था ?”
“दरअसल, मुझे तब काफ़ कु छ वैसा ही महसूस आ था, जैसा अभी महसूस आ था। चीज़ को करने का
नया तरीक़ा मुझे वाभािवक नह लगा था,” उसने वीकार कया। “मने हमेशा सोचा था क अपने ित स ा
रहना मह वपूण है और जब मने काम करने का नया तरीक़ा आज़माया, तो मुझे लगा जैसे म कोई दूसरा इं सान
बन गया ।ँ म असहज महसूस कर रहा था।”
“यह अ छी बात है, के न,” उ ह ने कहा।
वह हैरान दखने लगा।
“के न, म जानती ँ क हमारा मि त क कस तरह बना है। अगर कसी चीज़ को करने के नए तरीक़े से आप
असहज महसूस नह करते, तो मुझे आपक मानिसक सेहत के बारे म चंता होती। सवाल यह है : या आप उस
असहजता के बावजूद काम करते रहे ? या आपने इसके बाद भी उस प रवतन को कम से कम एक महीने तक
क़ायम रखा ?”
थोड़ी श मदगी से के न ने जवाब दया, “चूँ क इससे म और कु छ दूसरे लोग असहज महसूस करते थे,
इसिलए म बीच म दन छोड़ने लगा। मने िजतने यादा दन छोड़े, दोबारा शु करना उतना ही मुि कल हो
गया।”
“यानी आप कमोबेश अपनी पुरानी आदत पर लौट आए ?”
“हाँ, शायद यह कहना जायज़ होगा। यादातर मामल म चीज़ वापस उनके पुराने तर पर वाभािवक
प से ि थर हो गई ह।”
“ या यह कु छ हद तक आपके घर के तापमान जैसा था, जो थोड़ा इधर - उधर तो हो सकता है, ले कन
हमेशा थम टेट ारा तय बंद ु पर लौट आता है ?” स ने पूछा। के न ने िसर िहलाया और स ने आगे कहा,
“हम भी ऐसा ही करते ह, के न। हमम एक िनि त तय बंद ु पर लौटने क आसान वृि होती है, िजसके हम
आदी हो चुके ह - एक ऐसा बंद ु जहाँ हम आरामदेह होते ह।”
“कई बार इससे लड़ने क कोिशश बेतुक नज़र आती है,” के न ने कहा। “शायद मेरे िलए सबसे समझदारी
भरी बात यह होगी क म उन सभी चीज़ म बेहतर बनने क कोिशश छोड़ दू,ँ िज ह बदलना मुि कल है। य द
मुझे कसी चीज़ का अ यास करने म घंट िबताना ही है, तो शायद मुझे उसी जीवन के साथ ख़श रहने का
अ यास करना चािहए, जो मेरे पास इस व त है।”
“ या आपको इस बारे म यक़ न है, के न ?” स ने पूछा। “आप यहाँ नववष के संक प से लैस होकर आए
थे, यह त य मेरे िलए दरअसल एक मह वपूण संकेत था। शोध बताता है क आप िजतने कम ख़श होते ह, आपके
नववष के संक प तय करने क उतनी ही यादा संभावना होती है।”
वे एक पल के िलए ख़ामोश रह । उ ह ने के न को वह भाव याद करने का समय दया, जो उसने या क
ठीक शु आत म महसूस कया था, जब वह जागा था और उसे अहसास आ था क वह सचमुच अपने जीवन म
प रवतन करना चाहता था और उसे इसक ज़ रत थी।
“हमम चीज़ को कु छ यादा ही लंबे समय तक पकड़े रखने क वृि रहती है,” स ने आगे कहा।
“हमारी आ म - छिव के पुराने द क़यानूसी सं करण, पुरानी चोट और ष
े , सफल होने और प रवतन करने क
हमारी क़ािबिलयत के बारे म सीिमत करने वाले िव ास।”
के न ने अपने जीवन के कई उदाहरण के बारे म सोचा।
फर स ने पूछा, “ या आपने देखा है क जब कोई कसी िशशु को उसक माँ क गोद से लेता है, तो या
होता है ?”
“ओह, मेरे दोन ब े ऐसे दौर से गुज़रे , जब बेबीिसटर को थमाने पर वे रोने लगते थे - मेरा मतलब है,
सचमुच रोने लगते थे,” के न ने याद कया।
“ या आप हैरान ह गे, अगर म आपको बताऊँ क हमम से यादातर लोग अब भी उस दहशतज़दा िशशु
ित या को महसूस करते ह ? हो सकता है क आप सचमुच कसी ब े क तरह हाथ - पैर न मार और चीख़ -
पुकार न कर, ले कन प रवतन होने पर मन म अ सर यही होता है - भले ही वह प रवतन आप ख़द कर रहे ह ।”
“लात मारने और रोने क यह ित या िशशु के प म उपयोगी हो सकती है, ले कन अब उसे छोड़ने का
समय आ गया है,” स ने कहा।
कई बार के न प रवतन के िख़लाफ़ जूझा था, यहाँ तक क सकारा मक प रवतन के िख़लाफ़ भी। उसने
सोचा, अगर यह ितरोध छू ट जाए, तो कतनी राहत क बात होगी। उसने पूछा, “ले कन अगर इ छाशि
इतनी यादा िव सनीय नह है और हमारा मि त क इस तरह बना है, ता क हम अचेतन प से चीज़ को हर
बार एक ही तरीक़े से कर, तो या म सचमुच बदल सकता ँ ?”
स ने के न को संकेत कया क वह ेस बॉल उनक ओर उछाले। “अ छी ख़बर यह है क आपके मि त क
का आकार भी दोबारा बदल सकता है, ठीक इस ेस बॉल क तरह,” उ ह ने इसे दबाते ए कहा। “ऐसा
यूरो लाि टिसटी ( तंि का सुन यता ) क वजह से होता है। आपका मि त क इस संदभ म लाि टक यानी
लचीला है क आप इसे ढाल सकते ह।” स ने बॉल के न क ओर वापस उछाल दी। “जब भी आप कोई नई चीज़
सीखते या करते ह, तो आपका मि त क नए संयोजन या कने शन बना देता है। आप इसे जो नए काम देते ह,
उनसे िनबटने के िलए यह शारी रक प से बदल जाता है। आप प रवतन करने क कुं जी यह है क आप उन नए
संयोजन को बढ़ावा देने का आदश तरीक़ा जान ल।”
“मेरी पि का का ढेर बस एक उदाहरण है,” स ने आगे कहा। “आप िजस तरह से काय करते ह, उसम से
कसी को भी 1 ितशत बदलने का संक प ले सकते ह - िजसम आपके सोचने और महसूस करने का तरीक़ा भी
शािमल है।”
के न ने अपनी नोटबुक से ऊपर देखा ; वह थोड़ा हत भ था। “ले कन म कै से सोचता और महसूस करता ,ँ
इसक योजना म पहले से नह बनाता ।ँ म तो बस ित या करता ।ँ म इस पर कै से िनयं ण कर सकता ँ या
इसे कै से बदल सकता ँ ?” उसने पूछा।
“सबसे प आदत जो हमम होती ह, वे ह हमारे काय,” स ने जवाब दया। “कु छ सकारा मक होते ह -
मान ल क हर सुबह आप आदतन अपने दाँत पर श करते ह और इसके बाद 20 िमनट तक योग करते ह। दूसरी
ओर, आपके कु छ आदतन काय नकारा मक हो सकते ह - जैसे आप श करने के बाद िसगरे ट पीने लगते ह।”
के न िसगरे ट नह पीता था, ले कन वह कई नकारा मक चीज़ के बारे म सोच सकता था, जो वह आदतन
करता था।
“इस दौरान, सारे समय आपके दमाग़ के भीतर एक तरह क र नंग कम ी चल रही होती है, जो उन
मानिसक आदत का प रणाम होती है, जो कसी भी अ य आदत िजतनी ही शि शाली होती ह।”
“एक बार फर, मानिसक आदत सकारा मक या नकारा मक हो सकती ह,” स ने आगे कहा। “जब आप
श करते ह, तो शायद आप अपने आगे के दन के बारे म आ मिव ास या उद्दे य के अहसास के साथ सोचते ह
- या फर आप चंता या बो रयत के साथ सोचते ह।”
“आप यह कह रही ह क ख़द के या कसी ि थित के बारे म सोचने और महसूस करने के कई अलग - अलग
तरीक़े होते ह, ले कन म सारे समय आदतन उसी तरह सोचने और महसूस करने म क़ै द हो जाता ।ँ ”
“सही कहा,” उ ह ने कहा। “के न, या कभी कसी बॉस ने आप पर िच लाया है या आपक आलोचना क है
?”
के न ने िसर िहलाया - और मु कराया, जब स ने कहा, “ देिखए, इससे सािबत होता है क आप सामा य
ह !”
“हम इस अनुभव को एि टवे टंग ( उद्दीपक या स य करने वाली ) घटना कहते ह।” उ ह ने एक बड़े
नोटपैड पर ये श द िलख दए। “ इससे आपको कै सा महसूस आ ?”
“नाराज़, अ े रत और दुखी, ज़ािहर है,” उसने कहा।
“आइए हम इन भावना को प रणाम कहते ह,” स ने कहा और उन श द को उसी नोटपैड पर िलख
िलया।
“मने ग़ौर कया था क आपने ‘ ज़ािहर है ’ कहा। या आप कसी दूसरे तरीक़े से ित या कर सकते थे,
या आपके पास कोई दूसरा िवक प था ?”
“देिखए, मुझे लगता है क म इ तीफ़ा दे सकता था,” उसने कहा।
“ठीक है, अब म आपको एक पाट - टाइम नौकरी के बारे म बताती ,ँ जो मने कॉलेज म दो िम के साथ
क थी। हम रसच म अपने ोफ़े सर क मदद कर रहे थे।”
“वे िवकट इं सान थे, िजनका गु सा मश र था। एक दन वे अंदर आए और वालामुखी क तरह फट पड़े -
चीख़ते- िच लाते रहे क वे हमारे काम और उ पादकता के तर से िनराश थे।”
“जैसे ही उनका िच लाना ख़ म आ, मेरी सहेली संडी रोने लगी और काम छोड़कर चली गई। उसने हम
बाद म बताया क उसके िलए यह प था क उसे अ म माना जाता था और वह ोफ़े सर का स मान दोबारा
कभी हािसल नह कर सकती थी। संडी ने मुख िवषय भी बदल िलया, हालाँ क उसका असली ल य हमेशा
मनोवै ािनक बनना था।”
“मेरा िम िबल - देिखए, उसने सोचा क ोफ़े सर का मूड उस दन ख़राब था। िबल ने अपना िसर झुकाया
और हमेशा क तरह काम करता रहा, मानो कु छ आ ही न हो।”
के न ने पूछा, “ आपने या कया, स ?”
“पहले तो म सदमे म थी और नाराज़ थी,” उ ह ने जवाब दया। “ख़द को सँभालने के िलए म बाहर टहलने
गई। ोफ़े सर ने जो कहा था, मने उसके बारे म सोचा। कु छ बात सही नह थ - ले कन कु छ ऐसी बात भी थ ,
िजनम वे सही हो सकते थे। म योगशाला लौटी और काम करने के कु छ नए तरीक़े आज़माने लगी। मेरे नवाचार
रं ग लाए और शोध सहायक क छोटी सी नौकरी मेरे क रयर क सीढ़ी बन गई।”
“आप सभी ने एक ही उद्दीपक घटना का अनुभव कया - ले कन तीन ब त अलग प रणाम ए,” के न ने
कहा।
“यह सही है। हमम से यादातर लोग सोचते ह क उद्दीपक घटना प रणाम उ प करती है : आपका बॉस
आप पर िच लाता है, इसिलए आप नाराज़ और िख महसूस करते ह, ” स ने कहा। “ले कन यह उद्दीपक
घटना नह है, जो प रणाम क ओर ले जाती है। यह तो उस उद्दीपक घटना के बारे म आपके िव ास ह, जो एक
ख़ास तरीक़े से आपको महसूस कराते ह या आपसे काम कराते ह।” फर उ ह ने अपने रे खािच म कु छ जोड़ा,
िजससे यह इस तरह दखने लगा :
“जब आप पैदा ए थे, तब आपके पास कोई िव ास या राय नह थी,” उ ह ने कहा। “आपने धीरे - धीरे
उ ह इकट् ठा कया - अपने प रवार के सद य से, कू ल के ब से, अपने अनुभव आ द से। हो सकता है क
आपके िव ास मेरे िम या मुझसे या कसी दूसरे से ब त अलग ह । आप अचेतन प से उन िव ास क
छलनी से ही घटना का अथ िनकालते ह।”
“ स, या आप मुझे बता सकती ह क एक ितशत के फ़ॉमूले से इसका संबंध कै से है ?”
“चूँ क आपके िव ास के कारण ही आप एक ख़ास तरह से महसूस करते ह और काय करते ह, इसिलए
आपके िव ास म यह शि है क वे आपके ल य हािसल करने म आपक मदद कर । या फर आपक गित को
रोकने म, स ने जवाब दया। “लगातार सुधार करने और उस सबसे मह वपूण 1 ितशत को हािसल करने के
िलए आपको पीछे हटकर अपने िव ास पर नज़र डालने क ज़ रत है और अगर वे आपके िलए काम नह कर
रहे ह, तो उ ह बदलने क ज़ रत भी है।”
“ या आप सचमुच अपने िव ास को बदल सकते ह ?” के न ने पूछा।
“आप िनि त प से कर सकते ह। मनु य एकमा क पनाशील जाित है। यह आपके िख़लाफ़ काम कर
सकता है - िमसाल के तौर पर, हमारे ोफ़े सर के गु से के बाद िस डी क दुखद ा या को देख। या आप अपनी
क पना से अपने िलए काम करा सकते ह। कुं जी है अभी तक क शि ।”
कुं जी है अभी तक क शि ।
स ने के न को इसे िलखने के िलए एक पल दया और फर उससे पूछा, “ या आप मुझे अपने कसी सपने
या ल य के बारे म बता सकते ह, िजसे आपने हािसल न कया हो ?”
उसने कई के बारे म सोचा और फर यह कहने का िनणय िलया : “म िमिलयनेअर नह ।ँ ”
“जब आप यह कहते ह, तो आप कै सा महसूस करते ह ?”
“ख़द से थोड़ा िनराश।”
“ठीक है, अब इस वा य म अभी तक जोड़ने क कोिशश कर।”
“म अभी तक िमिलयनेअर नह ।ँ ”
के न के चेहरे पर एक मु कान िथरकने लगी। “ स, यह अद्भुत है। अभी तक जोड़ने से मेरा नज़ रया तुरंत
बदल गया। इससे म यादा सकारा मक महसूस करने लगा, मानो मुझे कोिशश करते रहना चािहए। म इसे अपने
शरीर म भी महसूस कर सकता ँ - म ऊजा और वा य का सैलाब महसूस करता ।ँ ”
“मुझे हैरानी नह है, के न, य क मि त क और शरीर के बीच संबंध होता है। अगर आप अपने मि त क को
बदल लेते ह, तो आप अपने शरीर को भी बदल सकते ह,” स ने कहा। “एक अ ययन म, िजन लोग ने तीन
स ाह तक हर दन 20 िमनट तक बा के टबॉल के ो का अ यास कया, उनम 24 ितशत सुधार आ। इसम
कु छ भी अद्भुत नह है - ले कन िजन लोग ने सचमुच ो नह कया, बि क हर दन 20 िमनट तक यह
मानिसक िच देखा क वे ो कर रहे ह, उनम भी लगभग उतना ही सुधार आ - 23 ितशत।”
“आपका मतलब है, सकारा मक सोच जैसा ?” के न ने पूछा।
“नह ,” स ने कहा और अपना िसर ज़ोर से िहलाया। “उ ह ने िसफ़ ‘अ छे िवचार’ ही नह सोचे। उ ह ने
तो अपने मन म यह त वीर देखी क वे गद पकड़ रहे ह, ो क लाइन तक जा रहे ह, बॉल को दो बार ज़मीन
पर उछाल रहे ह, ख़द को सही जगह पर रख रहे ह, शॉट मार रहे ह और बॉल को जाली म िगरते देख रहे ह।
रोचक बात यह है क इस शोध से हम यह पता चला क जब आप ऐसे मानिसक िच ण से गुज़रते ह, तो उस
काय म सि मिलत मांसपेशी समूह उसी म से स य होता है, जैसा क उसे सचमुच करने पर होता।”
“य द मि त क शरीर को बदलता है, तो िनि त प से शरीर भी मि त क को बदल सकता होगा,” के न
को अहसास आ।
“बेहतरीन बात है। इसका मतलब है क आप अपने नज़ रये को यादा सकारा मक, यादा मददगार बनाने
के िलए कु छ शारी रक तकनीक का इ तेमाल भी कर सकते ह। मेरे पास एक अ यास है, िजसका इ तेमाल आप
चाह तो इसी समय कर सकते ह।”
च पूण आ
जब के न प च
ँ ा, तो काल स घर के बाहरी इलाक़े म उ साह से िजरह कर रहे थे। एक - दूसरे को देखते ही वे दोन
लगातार हँसने लगे। “ओह !” समानता पर आ य करते ए काल स िच लाए। उ ह ने भी इस मौक़े पर
अपनी लाल बेसबॉल कै प पहन रखी थी और उनके चेहरे के भाव से काफ़ प था क वे के न को हैरान करना
चाहते थे।
“देखा, महान लोग एक जैसा सोचते ह, ठीक है ?” के न ने कहा।
काल स टॉ ग नीचे रखकर आगे आए और के न से हाथ िमलाया।
“ वागत है, के न। आपसे िमलकर सचमुच अ छा लगा । ख़शी है क आप या म जुटे रहे,” उ ह ने कहा।
फर के न के कं धे पर ह का सा मु ा मारते ए उ ह ने आगे जोड़ा, “म जानता था क ऐसा ही होगा।”
एक ितशत समूह के यादातर लोग बड़ी िडनर टेबल पर बैठे थे। कोच िजम उससे हाथ िमलाने के िलए
खड़े ए। बॉब भी खड़े होकर बोले, “के न, म जानता था क आप यह या ा पूरी कर लगे।” स और पैट ने आकर
के न को गले लगाया। उन दोन ने ट पणी क क के न ब त अ छा दख रहा था।
उसने उ ह ध यवाद दया, चार ओर देखा और पूछा क जेफ़ कहाँ है। ठीक उसी समय ाइएथलीट जेफ़
वहाँ आ गए - काल स, बॉब, िजम, स और पैट ने तािलय , सी टय और हष विन के साथ उनका वागत
कया। शोरगुल क आवाज़ के बीच िजम ने के न को बताया क अ ामैराथन के बाद वे लोग जेफ़ को पहली बार
देख रहे थे, िजसके िलए वे इतने महीन से िश ण ले रहे थे – और जो उ ह ने िपछले स ाहांत पर जीत ली थी।
के न ने हष विन म अपनी आवाज़ भी जोड़ दी और एक बार फर से सभी ने हाथ िमलाए तथा गले िमले।
अितिथ बैठ गए और जेफ़ से रे स के बारे म पूछने लगे, जब क काल स ने ि ल करने का काम पूरा कया और
भोजन के बतन टेबल पर लाने लगे। जब जेफ़ ने अपनी जीत क कहानी पूरी क , तो इसके बाद बातचीत के
बजाय खाने का दौर शु हो गया। “काल स, आपने यह एक बार फर कर दया है,” बॉब ने कहा। “ओह, यह तो
लाजवाब है” कोच िजम ने कहा। पैट बस “वाहहहहह” ही कह पाई।
काल स आदश िडनर मेज़बान थे और बार - बार उठकर देख रहे थे क हर एक का पानी का िगलास पूरा
भरा तो है। वे मेहमान क ओर अित र सलाद और ेड रोल क ले स भी बढ़ाते जा रहे थे। धीरे - धीरे
बातचीत एक बार फर शु हो गई और के न मं मु ध होकर सुनने लगा। ये असाधारण लोग एक दूसरे को ताज़ा
जानकारी दे रहे थे क उनके जीवन म इस व त या चल रहा था। उ ह ने मज़ाक़ कया और एक दूसरे को छेड़ा,
जब उ ह ने उन सफलता के बारे म बताया, जो उ ह हाल म िमली थ । उ ह ने अपनी वतमान तथा भावी
गितिविधय के बारे म बताया। जब कसी ने अपनी चुनौितयाँ बता , तो सभी ने अपने समथन का वादा कया।
जब खाने क गित धीमी हो गई और पहले एक, फर दूसरा, फर तीसरा संतुि क साँस लेने लगा तथा पसरने
लगा, तो के न को अहसास आ क वही अके ला ऐसा था, िजसने अब तक अपने जीवन म ई घटना क
जानकारी नह दी थी।
काल स एक बार फर से जाँच करने के िलए उठे क अितिथय को कसी चीज़ क कमी तो नह है, ले कन
सभी ने हाथ लहराकर उ ह दोबारा बैठा दया। उनम से यादातर टेबल के दूसरे िसरे पर बैठे बॉब क ओर देख
रहे थे, िजनके चेहरे का भाव ब त गंभीर हो गया था। “देिवयो और स नो, म सोचता ँ क अब समय आ गया
है।” अब सभी गंभीर दख रहे थे - काल स और के न को छोड़कर, जो हैरान थे।
तब बॉब और बाक़ लोग ने टेबल के नीचे हाथ डाला और हर एक ने एक लाल कै प िनकाली। जब उन सभी
ने अपनी कै प पहन ली, तो हर ि हँसने लगा।
“मुझे आप लोग पर यक़ न नह हो रहा है।” काल स ने कहा और यह बात सचमुच उनके दल को छू गई
थी। “म जानता ँ क आपम से दो को हाल ही म कै प िमली है, जब आपने यह या शु क थी” - उ ह ने िसर
िहलाकर के न और िजम क ओर इशारा कया – “ले कन आप बाक़ लोग जो मुझसे पहले से यहाँ थे, आपने ख़ास
तौर पर उनका इं तज़ाम कया होगा। आप सव े ह।” सभी ने काल स क बात पर जय विन क , हर एक ने
उ ह उनक िम ता के अलावा इस बात के िलए ध यवाद दया क उ ह ने कतना बेहतरीन उ सव आयोिजत
कया।
उसके बाद क ख़ामोशी म के न ने अपना गला साफ़ कया और बोला - वह अचानक अपनी उ मीद से
यादा भावना मक महसूस करने लगा – “म आपको ख़ास तौर पर ध यवाद देना चाहता ,ँ काल स। कोच िजम
ने िबलकु ल सही कहा था क एक ितशत के फ़ॉमूले के बारे म मुझे िसखाना शु करने के िलए आप बेहतरीन
ि ह।”
“िजम, ज़ािहर है यह आप ही थे, िज ह ने पहली बार मेरी आँख खोल और इसके िलए म हमेशा कृ त
र गँ ा। असाधारण और असाधारण प से असाधारण के बीच िसफ़ 1 ितशत का फ़क़ होता है, इस जानकारी ने
मेरे िलए संभावना के संसार का ताला खोल दया। आपने मुझे दखाया क हालाँ क म कभी कसी ख़ास ि
क तरह ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाऊँगा” - यहाँ उसने िवशेष प से जेफ़ क ओर देखा और हर कोई दबी
हँसी हँसने लगा - “ले कन य द म बीते ए कल के मुक़ाबले आज बेहतर करने का समपण क ँ , तो मेरे पास एक
िवजेता का दय रह सकता है। म बाक़ लोग से 100 ितशत बेहतर तो नह बन सकता, ले कन म सौ चीज़ म
1 ितशत बेहतर ज़ र बन सकता ।ँ यह ताक़त वाली बात है,” के न ने कहा और चार तरफ़ लोग ने िसर
िहलाकर सहमित जताई।
“वैसे िजम जब आपको फ़ु टबॉल कोच के प म अपने सीज़न क जानकारी दे रहे थे, तो उ ह ने काफ़
िवन ता दखाई थी। म आपको यह बताना चा ग ँ ा क उनक फु टबॉल टीम अब इतनी यादा बेहतर हो गई है
क अगले स ाह जैक और उसके साथी फ़ाइनल खेलने जा रहे ह।” हर एक ने तािलयाँ बजा । “इससे यादा
मह वपूण बात, जैक और दूसरे लड़के एक ितशत क मानिसकता सीख रहे ह। वे जीवन के हर े म दशन को
िनरं तर बेहतर करने वाली यो यताएँ और नज़ रये सीख रहे ह, चाहे वे कसी भी क रयर माग का अनुसरण करने
का चुनाव कर।”
उसने सीधे पैट क ओर देखा और कहा, “मुझे अफ़सोस है, मने यह सोचा था क आपने िस ांत का नाम
ग़लत बताया। मुझे पता होना चािहए था क आप इसम िवशेष ह गी !”
“ओह, तो उ ह ने आपक भी टाँग ख ची थी ?” स ने कहा और पैट को ह के से कोहनी मारी, जो उनके
बग़ल म बैठी थ । बॉब ने अपनी आँख गोल - गोल घुमा । िजम ने एक पल के िलए बेसबॉल कै प का नक़ाब अपनी
आँख पर ख चा और िसर िहलाया।
“ठीक है, मुझे लगता है क म नाम के प रवतन के बारे म शु म ही बता सकती थी,” पैट ने मु कराते ए
कहा, “ले कन तब मज़ा कहाँ आता ?”
“वाह, ब ढ़या था,” के न ने कहा। वह उठकर खड़ा आ और टेबल पर झुक गया। फर उसने तथा पैट ने एक
दूसरे क हथेली पर ताली मारी।
के न ने ख़द को यादा गंभीर होता महसूस कया, जब उसने इस या म अपनी अगली अव था के बारे म
सोचा। उसने टेबल के िसरे क ओर देखकर कहा, “बॉब, आपके ित मेरी सबसे गहरी कृ त ता है - ले कन यह
सुनना मुि कल था क उ कृ ता का कोई शॉटकट नह है।”
टेबल पर चार ओर देखते ए के न इस नतीजे पर प च
ँ ा क वह एकमा ि नह था, जो यह पता
चलने पर थोड़ा अिभभूत हो गया था क कसी े म सचमुच असाधारण बनने के िलए 10,000 घंट के
सुिवचा रत अ यास क ज़ रत होती है।
साल म दो - तीन बार के न और उसके कु छ ब त पुराने िम िमलते थे, ता क एक - दूसरे के जीवन के बारे म जान
सक और आराम कर सक। इस रात वे टी. वी. पर एक फु टबॉल मैच देखने के िलए डेिवड के घर गए थे।
जब वे िपछली बार एक - दूसरे से िमले थे, तब से जीवन डेव के िलए आसान नह रहा था। उसका िववाह
टू ट गया था और अब उसके पास सुरि त नौकरी नह थी, बि क वह अनुबंध के पद पर काम कर रहा था। दूसरे
लोग ने डेव को बताया क यह कतना बेहतरीन था क ऐसे हाल म भी सकारा मक और आशावादी नज़ रया
रख रहा था।
ले कन के न को लगा क आशावाद के नीचे वह अपने िम म कु छ और देख सकता था। उसक आँख के भाव
देखकर के न को अहसास आ क डेव एक मह वपूण मोड़ पर था, प रि थितय से असंतु था और कसी नए
रा ते क तलाश कर रहा था।
मैच ख़ म होने पर बाक़ लोग चले गए। के न वह का रहा। जब उनके िम क कार क आवाज़ ख़ म हो
ग , तो डेव ने कहा, “के न, तु हारा जीवन इस समय बेहतरीन नज़र आता है, इसीिलए तुम इतने अ छे दख रहे
हो।”
“ध यवाद डेव, म सचमुच अ छा महसूस करता ,ँ ” के न ने कहा।
“ले कन ऐसा तो है नह क हर चीज़ अपने आप तु हारे चाहे अनुसार हो रही है, है ना ? तु हारे बारे म कु छ
तो अलग है। मेहरबानी करके मुझे ग़लत मत समझना। तुम अब भी पुराने तुम हो, मेरे कॉलेज के दो त के न -
ले कन तुम पहले से यादा आ मिव ासी, यादा सकारा मक, यादा मानिसक प से ि थर हो। ऐसा या आ,
िजससे यह चम कार हो गया ?”
“म वाक़ई ख़श ँ क तुमने यह बात पूछी, डेव,” के न ने कहा। “म एक या ा पर ।ँ म कु छ ब त असाधारण
लोग से िमला ँ और मने अपना जीवन जीने के कु छ सचमुच भावी तरीक़े सीखे ह, िजनसे म हर दन बेहतर
और बेहतर दशन कर सकता ।ँ प रणाम अिव सनीय रहे ह।”
डेव अब सामने वाले सोफ़े पर आगे क ओर झुका था और के न ने उसके चेहरे पर वैसी ही चमक देखी, जो
कोच िजम ने शायद उसक आँख म उसके बेटे के फ़ु टबॉल मैच वाले दन देखी थी।
“कॉफ़ िमलेगी ?” के न ने पूछा। “मुझे लगता है क तुम यादा सुनने के िलए तैयार हो, और म सोचता ँ
क म जो कहने वाला ,ँ उसम तु हारी िच होगी।”
लेखक के बारे म
जब मै रयट, फ़े डे स और नीमेन माकस जैसी कं पिनयाँ अपने दशन को एक नए तर पर प च
ँ ाना चाहती ह, तो
वे एक ही ि क ओर मुड़ती ह- टॉम कॉनेलन । इसके पीछे पु ता कारण भी ह । वे ईमानदार और यथाथवादी
ह । हर साल वे दजन मी टं स म मुख व ा क भूिमका िनभाते ह ।
िमिशगन िबज़नेस कू ल के पूव ो ाम डायरे टर टॉम आपके स मेलन म गहराई और ापकता लाते ह ।
कं पनी सं थापक और पूव सीईओ होने के नाते वे अनुभव से जानते ह क कसी कं पनी का िव तार करने के िलए
कन चीज़ क ज़ रत होती है । टॉम ने वा य सुिवधा े म एक सेवा कं पनी शु क और इसम 300
अ पताल तथा अिधकतर फ़ॉ यून 500 कं पिनय क सेवा कर रहे 1, 200 िनदशक का नेटवक बना िलया । इन
ो ा स म 10 लाख से यादा ितभागी शािमल ए और दो अलग - अलग सजन जनरल क रपोट् स कं पनी के
ो ाम क गुणव ा का उ लेख करती ह ।टॉम जानते ह क वसाय क असली दुिनया म रहना कै सा होता है,
य क वे वहाँ रह चुके ह ।
टॉम ब त से लेख और दस पु तक के बे टसे लंग लेखक ह । वे चार बंधन और मानव संसाधन पि का
के संपादक य संचालक भी रहे ह । टॉम अपनी तुितय म ठोस साम ी और जोशीली व ृ व शैली लाते ह । वे
ोता का यान जकड़ लेते ह और इसे शु से अंत तक क़ायम रखते ह ।
से लंग पॉवर पि का ने उ ह सात “कठोर और खरी बात” बोलने वाले मु य व ा म से एक नामां कत
कया ।
चूँ क उनके ा यान कारगर िवचार से भरे होते ह, इसिलए टॉम के ा यान सुनकर जाने वाले हर
ि के पास ावहा रक कै से - कर िवचार होते ह, िजन पर वे त काल अमल कर सकते ह ।
टॉम के शेड्यूल और उपल धता संबंधी जानकारी के िलए 734-428-1580 पर फ़ोन कर,
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प ाचार कर ।
आभार
हर लेखक कहता है, “म यह काम अके ले नह कर सकता था,” और हर लेखक, िजसका दमाग़ सही जगह पर है,
सचमुच ऐसा ही सोचता है, य क यहाँ हम उन लोग को ध यवाद देने का अवसर िमलता है, िज ह ने हमारी
पु तक म योगदान दया । मेरे िलए यह हमेशा एक मुि कल काम होता है, य क इतने सारे लोग होते ह क मुझे
हमेशा चंता होती है क कह कसी का नाम छू ट न जाए ।
तो यह रहा ।
वेतलाना इवानोवा, एम.डी., पीएच.डी., क त कािलदास, एम.डी., एन.डी., पॉला नोआक, एल.एम.,
सी.टी. और डेिवड रीफ़ ाइडर, एम. डी. - इन सभी ने संपूणा मक िच क सा के ित अपनी ठोस नीित के ज़ रये
इस पु तक को अपने दय से उजाि वत कया । आपम से येक को ध यवाद ।
मेरी ो ाम मैनेजर कै रन रे िवल ने मेरे ऑ फ़स को सुचा प से चलाए रखा, इस त य के बावजूद क जब
म िलख रहा होता ,ँ तो मुझे सही दशा म चलाए रखना िबि लय के झुंड को कसी दशा म ले जाने के समान
होता है । आपको ध यवाद, कै रन ।
कोडी कै नेडी और यसी डॉड ने लगभग हर श द के िलए समथन और मागदशन दान कया । जब भी मुझे
कसी वा यांश या श द पर उनके मागदशन क ज़ रत पड़ी, वे लगभग कसी भी दन कसी भी समय उपल ध
रहे । कोडी और यसी, आपको ध यवाद !
मेरी उ कृ संपादक वैनेसा िमकॉन ने इस पु तक के श द को िवकिसत करने, संपा दत करने, इकट् ठा करने
और ले - आउट करने का बेहतरीन काम कया । उ ह ने मेरे भीतर ऐसे श द खोज िलए, जो म जानता भी नह
था क मेरे अंदर िछपे थे । कसी भी तरह क कमी मेरी िज़ मेदारी है और प ता उनका काम है । आपको
ध यवाद, वैनेसा ।
1106 िडज़ाइन क िमशेल डी फ़िल पो ने आवरण - प पर बेहतरीन काम कया । िमशेल और उनक पूरी
टीम को िवशेष ध यवाद । आपको ध यवाद, िमशेल ।
एमी कॉिल स मैक ेगर और बेथनी ाउन का पु तक उ ोग संबंधी गहन अनुभव और माक टंग ान
अमू य सािबत आ । उ ह और द कै डस ुप क पूरी टीम को इस पु तक म कई योगदान देने के िलए ध यवाद ।
एमी और बेथनी, आपको ध यवाद ।
और अंत म, मेरी धैयवान प ी पैम डॉड को ध यवाद, िज ह ने इस पु तक को एक कृ त करने क िज़ मेदारी
उठाई । उ ह मेरा ध यवाद, ेम और शंसा । आपको ध यवाद, पैम ।
डॉ. सुधीर दीि त टाइम मैनेजमट, सफलता के सू , 101 मश र ां स और अमीर के पाँच िनयम सिहत सात
लोकि य पु तक के लेखक ह, िजनम से कु छ के मराठी व गुजराती भाषा म अनुवाद हो चुके ह । इसके अलावा
उ ह ने हैरी पॉटर सीरीज़, िचकन सूप सीरीज़ तथा िम स ड बून सीरीज़ सिहत 150 से भी अिधक अंतरा ीय
बे टसेलस का हंदी अनुवाद कया है, िजनम रॉ डा बन, डेल कारनेगी, नॉमन िव से ट पील, टीफ़न कवी, रॉबट
कयोसाक , जोसेफ़ मफ़ , ायन ेसी आ द बे टसे लंग लेखक शािमल ह । उ ह ने मश र भारतीय के ट
िखलाड़ी सिचन तदुलकर क आ मकथा का हंदी अनुवाद भी कया है ।
िह दी सािह य और अँ ेजी सािह य म ातक क उपािध ा करने वाले डॉ. दीि त अँ ेजी सािह य म
एम. ए. तथा पीएच. डी. भी ह । उनक सािहि यक अिभ िच क शु आत हंदी जासूसी उप यास से ई, िजसके
बाद उ ह ने अँ ेजी के सभी उपल ध जासूसी उप यास पढ़े । कॉलेज के दन म डेल कारनेगी क पु तक का उन
पर गहरा भाव पड़ा । कॉलेज क िश ा पूरी करने के बाद डॉ. दीि त ने दैिनक भा कर, नई दुिनया, ेस
जनल, ॉिनकल, नैशनल मेल आ द समाचार प म कला, नाटक एवं फ़ म समी क के प म शौ कया
प का रता क । उ ह म. . फ़ म िवकास िनगम ारा फ़ म समी ा के िलए पुर कृ त भी कया गया । चेतन
भगत और डैन ाउन उनके ि य लेखक ह । डॉ. दीि त को पाठक sdixit123@gmail.com पर फ़ डबैक दान
कर सकते ह ।