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आपके कारोबार, नौकरी

और जीवन को नई ऊँचाइय
तक प ँचाने वाला

फ़ॉमूला
अगले 30 दन को अपने जीवन के
सव े दन कै से बनाएँ
आपके कारोबार, नौकरी
और जीवन को नई ऊँचाइय
तक प ँचाने वाला

फ़ॉमूला
अगले 30 दन को अपने जीवन के
सव े दन कै से बनाएँ

टॉम कॉनेलन
अनुवाद : डॉ.सुधीर दीि त

मंजुल पि ल शंग हाउस


मंजुल पि ल शंग हाउस
कॉरपोरे ट एवं संपादक य कायालय
ि तीय तल, उषा ीत कॉ ले स, 42 मालवीय नगर, भोपाल-462 003
ई मेल : manjul@manjulindia.com
वेबसाइट: www.manjulindia.com
िव य एवं िवपणन कायालय
7/32, भू तल, अंसारी रोड, द रयागंज, नई द ली-110 002
िवतरण के
अहमदाबाद, बगलु , भोपाल, कोलकाता, चे ई,
हैदराबाद, मु बई, नई द ली, पुणे

टॉम कॉनेलन ारा िलिखत मूल अं ेजी पु तक


द 1% सॉ यूशन फ़ॉर वक ड लाइफ़ का िह दी अनुवाद

कॉपीराइट © 2011 टॉम कॉनेलन


सवािधकार सुरि त

यह िह दी सं करण 2016 म पहली बार कािशत

ISBN 978-81-8322-700-1

िह दी अनुवाद : डॉ. सुधीर दीि त

मु ण व िज दसाज़ी : थाॅमसन ेस (इं िडया ) िलिमटेड

यह पु तक इस शत पर िव य क जा रही है क काशक क िलिखत पूवानुमित के िबना इसे या इसके कसी भी िह से को न तो पुन: कािशत कया
जा सकता है और न ही कसी भी अ य तरीक़े से, कसी भी प म इसका ावसाियक उपयोग कया जा सकता है। य द कोई ि ऐसा करता है तो
उसके िव कानूनी कारवाई क जाएगी।
िवषय-सूची
1. यह प रवतन का समय है!

2. ेरणा को बढ़ाने वाला िवपरीत तरीक़ा

3. िनजी सफलता क भौितक : वयं को यादा शि शाली कै से बनाएँ

4. अ यास िनपुण य नह बनाता है और इस बारे म या कर

5. 30 दन का फ़ॉमूला, जो आपक ज़ंदगी बदल देगा

6. कस तरह कु छ न करने से आपको यादा करने म मदद िमलती है

7. च पूण आ
लेखक के बारे म
आभार
1

यह प रवतन का समय है !

श◌ा मथा,कोिजसम
के न ने अपना कं यूटर बंद कया और संतुि से कु स पर टक गया। यह एक और शानदार दन
उसने बेहतरीन काम कया था। गिलयारे म देखते ए वह मु कराया और उसने अपनी एक
सहकम को हाथ िहलाकर िवदा दी, जो दरवाज़े क तरफ़ जा रही थी।ऐसे लोग का आस-पास रहना
बेहतरीन था, िजनके साथ वह िमल-जुलकर ब त अ छी तरह काम कर सकता था। उसक नज़र उस पुर कार क
ओर ग , िजसे उसने कु छ समय पहले ही े म कराकर दीवार पर बाक़ पुर कार के नज़दीक टाँगा था। उसने
याद कया क हर पुर कार िमलते समय उसे कतना अ छा लगा था – और उसके साथ िमलने वाले मोशन
तथा स मान भी।
फर उसने अपनी डे क पर अपने प रवार के फ़ोटो देख।े के न का वैवािहक जीवन बेहतरीन था, एक
बेहतरीन मिहला के साथ। वे एक दूसरे से ेम करते थे और िमलकर ब त मज़े करते थे - और जब ज़ंदगी म
मुि कल आती थ , तो वे एक दूसरे को सहारा देते थे। जहाँ तक बेटे और बेटी क बात थी, उन पर के न को सबसे
यादा गव था और उनके आस - पास रहने से हमेशा ख़शी िमलती थी। लगभग हमेशा - आिख़र वे ब े थे, के न ने
मु कराते ए सोचा।
उसने संतुि भरी गहरी साँस ली। वह सौ फ़ सदी ईमानदारी से कह सकता था क वह एक ख़श इं सान था
क वह संसार के िशखर पर था।
ले कन यह हमेशा ऐसा नह था...
छह महीने पहले के न बड़े बुरे हाल म था। पुराने दन क याद आते ही उसके चेहरे क मु कान िमट गई।
वह और उसक प ी यादातर समय एक दूसरे से झगड़ते रहते थे, एक दूसरे के दोष िनकालते रहते थे। ब े भी
उ ंड होते जा रहे थे और िव ोही तेवर दखा रहे थे; कू ल म भी उनका दशन अ छा नह था। अपनी नौकरी म
के न ब त नाख़श था। उसे अपनी नौकरी जोिखम म नज़र आती थी और हर दन कम से कम दो सहक मय से
उसका झगड़ा हो जाता था।
उसे ज़रा भी नह पता था क वह इस बुरे हाल म कै से प च
ँ ा। बस एक दन उसने ख़द को वहाँ पाया। अपने
िम , प रवार वाल और सहक मय को देखने पर उसे अहसास आ क वह अके ला ही नह था; दरअसल ब त
से लोग उतने ही बुरे हाल म थे। उनम से कसी को भी यह नह पता था क वह वहाँ कै से प च
ँ ।े कु छ को तो यह
अहसास भी नह था क वे वहाँ थे। के न ने सोचा क या जीवन का यही मतलब है, या ज़ंदगी ऐसी ही होती
है।
ले कन दल क गहराई म, कसी कोने म अब भी आशा क चंगारी थी क यादा हािसल करना, यादा
बनना संभव है।
अचानक के न के चेहरे पर मु कान लौट आई, जब उसने अपने जीवन के मह वपूण मोड़ को याद कया।

शिनवार क सुबह के न उस सीज़न म अपने बेटे जैक का पहला फ़ु टबॉल मैच देख रहा था। वे लोग उस टीम के
िख़लाफ़ खेल रहे थे, िजसने उ ह िपछले साल काफ़ हराया था, इसिलए उसे यह उ मीद नह थी क जैक क
टीम शानदार जीत हािसल करे गी - ले कन अपने बेटे को खेलते देखने पर उसे हमेशा गव महसूस होता था। वैसे
उस दन वह थोड़ी उधेड़बुन म था और उतने उ साह से समथन नह कर रहा था, िजतना क अमूमन करता था।
नौकरी म उसका स ाह हमेशा िजतना ही मुि कल रहा था और उसके दमाग़ म बार-बार वह क चंताएँ और
सम याएँ घूम रही थ ।
जब मैच थोड़ा आगे बढ़ा, तो अचानक उसे अहसास आ क उसके आस-पास के अिभभावक क
उ साहवधक आवाज़- “ब त ब ढ़या!” “शाबाश!” यादा तेज़, यादा रोमांिचत होती जा रही थ । कोर
बराबरी पर 1% फ़ॉमूला था; गद जैक क टीम के पास थी और यह गोल के क़रीब प च
ँ चुक थी।
के न ने देखा क इस मैच म उसके बेटे क टीम ने गद पर ब त यादा िनयं ण रखा था। कु छ तो था, जो
िपछले साल से अलग लग रहा था। जैक क टीम यादा एका थी और कोच के िनदश का यादा अ छी तरह
पालन कर रही थी। वे लोग यादा एकजुटता से खेल रहे थे, बल टीम भावना से खेल रहे थे। हालाँ क वे अब भी
ब े थे - कई बार तो वे मैदान म इधर से उधर जाते और गद के चार ओर झुंड बनाते अमीबा जैसे लगते थे -
ले कन इस बात से इं कार नह कया जा सकता था क वे पहले से यादा फु त ले थे और पहले से बेहतर खेल रहे
थे।
जैक क टीम म कोई ख़ास बदलाव नह ए थे। उसम अब भी आस-पड़ोस के वही लड़के थे, िजनके साथ
वह कु छ साल से खेल रहा था। बेशक वे सब एक साल बड़े हो गए थे, ले कन दूसरी टीम के लड़के भी एक साल
बड़े हो गए थे। के न ने दूसरी टीम पर िनगाह डाली और देखा क उसम भी कमोबेश वही लड़के खेल रहे थे, जो
िपछले साल थे। दूसरी टीम का कोच अब भी वही था, जो मैदान के िवपरीत छोर पर खड़ा था। बेशक उसके चेहरे
पर हैरानी का भाव था, जो के न ने पहले कभी नह देखा था, ले कन वह िनि त प से वही कोच था।
के न ने याद करने क कोिशश क क या जैक ने उसे बताया था क उनक टीम म कोई नया कोच आया है।
उसे याद नह आया। उसने एक पल के िलए मैदान से दूर देखा; हाँ, िनि त प से यह कोच िजम ही थे, जो
मैदान के बाहर बैठे थे, जहाँ वे हमेशा रहते थे।
फर के न ने दूसरी िनगाह डालने के िलए धीरे से अपना िसर घुमाया। ये िजम ही थे - ले कन कु छ बदले-
बदले लग रहे थे। मैदान म खेलते लड़क क तरह ही वे भी यादा े रत, यादा एका नज़र आ रहे थे। उनके
ि व म ऐसा कु छ था – उनके हाव-भाव म एक ऐसा आ मिव ास नज़र आ रहा था, जो पहले नह दखता
था।
फर अचानक मैच के अलावा हर चीज़ के न के दमाग़ से काफू र हो गई। वह दूसरे अिभभावक के साथ
उछलकर खड़ा हो गया, तािलयाँ बजाने लगा और उ साहवधक आवाज़ िनकालने लगा, जब जैक ने अपनी टीम के
साथी को पास दया, जो सही ि थित म आया...और उसने गोल कर दया।
जैक क टीम ने मैच जीत िलया। मैच ख़ म होने पर के न और बाक़ अिभभावक टीम को बधाई देने लगे।
उ ह ने दूसरी टीम के साहस और यास के िलए उनक शंसा भी क । िवजय के उ लास म काफ़ शोर-शराबे
वाला माहौल था। जूस - बॉ स और कु क ज़ थमाने का दौर शु हो गया। इस दौरान के न क नज़र कोच िजम क
नज़र से िमल । वह उनसे हाथ िमलाने के िलए उनके पास गया।
“कोच, बधाई और ध यवाद। मेरा बेटा जैक तो ब त ब ढ़या खेलने लगा है। बाक़ सभी लड़के भी।
ईमानदारी से क ,ँ तो सुधार आ यजनक है,” के न ने कहा।
कोच िजम ह के से मु कराए और बोले, “लड़के आज यक़ नन ब त ब ढ़या खेल।े उ ह ने जमकर अ यास
कया और अपना सब कु छ झ क दया। मुझे उन पर ब त नाज़ है।”
“मुझे भी नाज़ है!” के न ने कहा। फर वह जैक क ओर मुड़ा, जो उसी समय अपनी टीम के सािथय से पल
भर के िलए अलग आ था। के न ने झुककर उसे गले लगाते ए कहा, “वाह, वाह, आज तो तुमने कमाल ही कर
दया!” इसके बाद जैक तुरंत ही दौड़कर अपनी टीम के सािथय के साथ ज मनाने चला गया।
“आपका रह य या है, कोच?”
“ओह,” िजम ने कहा, “मुझे लग ही रहा था क आप मुझसे ऐसी ही कोई चीज़ पूछने वाले ह। मुझे लग रहा
था क आपके दमाग़ म कोई न कोई उधेड़बुन चल रही है।”
“ऐसा लगता है, जैसे इस साल कोई चीज़ अलग है। म नह जानता क आपने या कया है, ले कन टीम - वे
सभी ब त यादा बेहतर ह।”
िजम ने कहा, “ध यवाद, वे बेहतर दशन कर रहे ह।”
“वैसे िसफ़ यही बात नह है, के न एक पल के िलए ठहरा और फर कोच से नज़र िमलाते ए बोला।
“देिखए, मुझे उ मीद है आप बुरा नह मानगे, ले कन िसफ़ लड़के ही नह - आप भी अलग दखते ह।”
“म िबलकु ल बुरा नह मानूँगा,” िजम ने कहा और अब वे खुलकर मु करा रहे थे। “के न, आपक बात सही
है। म िपछले साल इस व त जैसा था, उससे अब म एक अलग इं सान ।ँ ”
िजम ने मुड़कर भीड़ से थोड़ी दूर एक पेड़ के नीचे रखी बच क ओर इशारा कया और कहा, “आपके पास
बातचीत करने के िलए एक िमनट का समय है, के न? म िपछले सीज़न से एक तरह क या ा पर ँ और म सोचता
ँ क मने रा ते म जो सीखा, उसम आपक िच होगी।”
थोड़ा चकराते ए के न ने िसर िहलाया और कोच के पीछे-पीछे चल दया, जो अपनी टीम के एक लड़के से
ज के अंदाज़ म हाथ टकराने के िलए पल भर के और दूसरे अिभभावक से हाथ िमलाने के िलए भी।
जब वे भीड़ से दूर जाकर बैठ गए, तो िजम ने कहा, “मेरा जीवन ठीक-ठाक चल रहा था। बेहतरीन नह ,
भयंकर नह , बस ठीक-ठाक। ले कन मेरे अंदर यह कचोटने वाला भाव था क म अपनी ज़ंदगी के साथ यादा
कर सकता था।”
“ब को को चंग देने म मुझे हमेशा उपलि ध का बेहतरीन अहसास िमलता है, इसिलए मने मन म सोचा
क म यह शु आत क ँ गा। म इन ब क मदद क ँ गा, ता क वे अपनी मता के अनुसार सव े िखलाड़ी बन
सक।”
“मेरे िहसाब से मुझे पहली बात तो यह सीखनी थी क कौन सी चीज़ है, जो सव े िखलािड़य को बाक़
िखलािड़य से ऊपर उठाती है। मेरे िलए ओ लंिप स उ कृ ता का परम इ तहान ह। ओ लंिपक िखलाड़ी इतने
अ छे होते ह क उ ह देखकर म शीष ित प धय के बीच फ़क़ नह बता सकता - या आप बता सकते ह?”
के न ने कहा, “आप मज़ाक़ तो नह कर रहे ह? वे सब शु आती रे खा पर खड़े होते ह और कु छ सेकंड म ही
दौड़ ख म हो जाती है।”
“मुझे वह रोमांच याद है, जब म टो रनो म आयोिजत 2006 वंटर ओ लंिप स म पु ष क क इं ग
टी.वी.पर देख रहा था, य क यह काँटे क ट र का मामला था, िजम ने आगे कहा। “इसिलए मने पलटकर
प रणाम को देखा। के न, पहले और चौथे थान के बीच का फ़क़ - यानी क वण पदक और कोई पदक नह के
बीच का फ़क़ - िसफ़ 1.08 सेकंड या 0.9 ितशत था।”
हैरानी म के न के मुँह से सीटी क आवाज़ िनकल गई। कोच िजम ने आगे कहा, “देिखए, इससे म सोचने पर
मजबूर हो गया। म ओ लंिपक के उन खेल के प रणाम का िव ेषण करने लगा, िजनम गित, दूरी या वज़न का
व तुपरक पैमाना लागू कया जा सकता था। म देर रात तक गणनाएँ करता रहता था क कौन सी चीज़ है, जो
पदक िवजेता को बाक़ लोग से अलग करती है। ज़ािहर है, इससे मेरी प ी पगला गई, जब तक क मने उसे
वह नह बताया, जो मने सीखा था। वह एक िशि का है, इसिलए वह सोचती थी क वह उ कृ ता को नापने के
बारे म सब कु छ जानती है। देिखए, मने जो खोजा, उससे उसके भी होश उड़ गए।”
के न ने अपनी भ ह उठा और उ मीद म आगे झुक गया।
“के न, चाहे यह तैराक हो, एथले ट स हो – या चाहे जो ित पधा हो - वण पदक जीतने वाले और चौथे
थान पर आने वाले के बीच का औसत अंतर िसफ़ 1 ितशत होता है।”
“कई बार यह थोड़ा यादा होता है। सा ट लेक िसटी म 2002 के वंटर ओ लंिप स म पु ष क 5, 000
मीटर क रले रे स चल रही थी। इसम कनाडा ने 6 िमनट 51 सेकंड म वण पदक जीता, जब क अमे रका 7
िमनट 30 सेकंड के साथ चौथे थान पर आया – लगभग 2.9 ितशत का फ़क़। ले कन या आप जानते ह? दूसरे ,
तीसरे और चौथे थान पर आने वाली सभी टीम रे स म कसी न कसी बंद ु पर िगरी थ । िगरने के बावजूद वण
पदक और कोई पदक नह के बीच का अंतर िसफ़ 2.9 ितशत था।”
“कई बार तो अंतर 1 ितशत से भी कम होता है। 2008 के बी जंग गे स म पु ष क 100 मीटर क
बटर लाई रे स म माइकल फ़े स पीछे चल रहे थे - वे आठ तैराक म सातव थान पर थे – मगर अंितम 50
मीटर म एक उ लेखनीय बात ई : वे अपने और सबसे आगे चल रहे स बया के िमलोरै ड के िवक के बीच के पाँच
तैराक से आगे िनकलने म कामयाब ए।”
के न ने िसर िहलाया; उसे वह ब त तनावपूण और रोमांचक अंितम पल याद था।
“ऐसा नज़र आ रहा था क के िवक ने फ़े स से पहले दीवार छू ली थी। जब फ़े स ने आधे- ोक के साथ
रे स ख़ म क , तो वे भी यही सोच रहे थे क जीत के िवक क ही ई है। ले कन बाद म यह पता चला क उस आधे
ोक ने फ़े स को यादा तेज़ी से दीवार तक प च
ँ ा दया था। वे 50.58 सेकंड म प च
ँ े थे, जब क के िवक 50.59
सेकंड म प च ँ े थे।”
“ज़रा एक िमनट ठहर...” के न ने मन ही मन िहसाब लगाया। “फ़े स ने एक सेकंड के सौव िह से से वण
पदक जीता था?”
“हाँ। इतनी तेज़ी से तो आप पलक भी नह झपका सकते। वण पदक और रजत पदक के बीच का फ़ासला
िसफ़ 0.002 ितशत था। वण पदक को कोई-पदक-नह से अलग करने वाला फ़ासला कतना था?” िजम ने
पूछा। “देिखए, जो तैराक चौथे थान पर आया था, वह फ़े स के 0.15 सेकंड बाद आया था, यानी एक ितशत
का ठीक एक ितहाई।”
के न ने एक और उदाहरण के बारे म सोचा : “ या आपने बी जंग म मिहला क 100 मीटर क बाधा दौड़
देखी थी? म उसे कभी नह भूल पाऊँगा - मेरी नज़र से यह िबलकु ल बराबरी क लग रही थी।”
“मने उसका भी अ ययन कया है,” िजम ने जवाब दया। “आप जानते ह, पहले और सातव थान वाली
धावक के बीच कतना अंतर था? यह एक सेकंड का 18/100 था।”
“इससे हम यह आधारभूत संदशे सीख सकते ह : जब आप औसत िनकालते ह, तो असाधारण और
असाधारण प से असाधारण के बीच का फ़क़ िसफ़ 1 ितशत होता है।”
“एक ितशत...बस इतने क ही ज़ रत होती है?” के न ने पूछा। उसे एक पल के िलए अपने भीतर वह
छोटी चंगारी सुलगती महसूस ई। “यक़ न नह होता क यह इतना शि शाली है,” वह बोला। फर जब उसक
िनगाह क चड़ और घास से सने ब पर गई, तो उसे अपनी मु कराहट रोकनी पड़ी। “कोच, कह ऐसा तो नह
क आप भी ज द ही ओ लंिपक म जाने क योजना बना रहे ह?”
इस कटा से िजम ज़रा भी िवचिलत नह ए। “के न, आप कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाएँगे। म भी
कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाऊँगा। ये ब े भी शायद कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाएँग।े हम लोग
शायद ओ लंिपक िखलाड़ी - या अगले िबल गे स, वेन े क , ओपरा, वाॅरेन बफ़े , बॉबी फ़शर, ले ॉन जे स या
मोज़ाट - बनने नह जा रहे ह। हम जैसे लोग के िलए असल मुददा
् यह है क इस 1 ितशत का हमारे िलए या
मह व है?”
“म जानता था क म चाहे जो कर लूँ, हमारी टीम बाक़ टीम क तुलना म 100 ितशत बेहतर कभी नह
बन सकती। ले कन 1 ितशत? हम सभी सैकड़ चीज़ म 1 ितशत बेहतर तो बन ही सकते ह।”
“आप इस बारे म वाक़ई गंभीर ह, है ना?” के न ने कहा। उसे अचानक कोच क ओ लंिपक आकां ा के
बारे म अपनी िछछोरी ट पणी पर अफ़सोस होने लगा।
“जब मने एक ितशत के फ़ॉमूले का रह य खोज िलया, तो मेरे सामने नई संभावना का एक पूरा संसार
खुल गया। इस बारे म सोच : मने फ़ै सला कया मै इन ब को खेल भावना, टीमवक, सं ेषण, लगन, खेल संबंधी
बुिनयादी यो यता और जीवन संबंधी सभी तरह क यो यता म एक ितशत बेहतर बनने का िश ण दूग ँ ा
- और म सोचता ँ क आज के प रणाम ने सािबत कर दया क यह कारगर था। क पना कर क एक ितशत का
फ़ॉमूला आपके िलए, मेरे िलए, कसी के िलए भी कतना कु छ कर सकता है, बशत वह िसफ़ 1 ितशत बेहतर
बनने का समपण कर दे।”
हम सभी सैकड़ चीज़ म 1 ितशत बेहतर बन सकते ह ।

“म नह जानता, कोच। मुझे तो लगता है क कु छ चीज़ म तो 1 ितशत बेहतर बनने म भी ब त सारा


यास लगता है, ले कन इसके बावजूद आपके पास कोई गारं टी नह होती क आप अ वल ही आएँग,े ” के न ने
कहा। “लोग िसफ़ वण पदक जीतने वाल को ही याद रखते ह, है ना?” उसने आह भरी। “कई बार तो ऐसा
लगता है क अगर आप रकॉड नह तोड़ सकते, तो यादा कड़ी कोिशश करने क कोई ेरणा ही नह होती है।”
“आपके िलए मेरे पास एक और उ कृ खेल िमसाल है, के न,” िजम ने कहा |
“मुझे पता था आपके पास होगी,” के न ने मु कराते ए कहा।
“ठीक है, म यहाँ से 1990 तक पीछे जा रहा ,ँ यूज़ीलड म आयोिजत एक आइरनमैन ित पधा म। इसम
2.4 मील क तैराक , 112 मील क साइकल दौड़ और 26 मील क दौड़ होती है। आप सोचगे क कई
ित प धय के बीच घंट का नह , तो कम से कम कु छ िमनट का तो अंतर होगा।”
“मेरे मामले म तो दन का भी हो सकता है,” के न ने मज़ाक़ कया।
“देिखए, के वल एक सेकंड का अंतर था। फ़नलड के धावक पॉली कवोरो दूसरे थान पर आने वाले
अमे रक धावक के न ला से िसफ़ एक सेकंड आगे रहे। यहाँ सचमुच दलच प बात यह है क ित पधा के ज बे
क वजह से ला अब भी यह मानते ह क यह दूसरा थान उनके खेल क रयर के सबसे यश वी पल म से एक
था।”
“मेरा अनुभव यह है क ित पधा क भावना और यह या ा अ सर जीत-हार क धारणा से बड़ी होती है।
हो सकता है क आप सारे समय न जीत, ले कन अगर आप आज बीते कल से बेहतर करने क कोिशश हमेशा
करते रह, तो आपके पास हर समय िवजेता का दल रह सकता है।”
“मेरा दृढ़ िव ास है क हर कोई महान नह बन सकता, ले कन हर कोई इस समय जहाँ भी है, उससे
बेहतर ज़ र बन सकता है।”
िजम ने के न को एक पल दया, ता क यह बात उसके दमाग़ म घुस जाए, और फर आगे बोले। “ या
आपको ओ लंिपक का आदश वा य याद है?” के न ने अपना िसर िहलाया और कोच ने अपने ख़द के सवाल का
जवाब दया : “यह है क टयस, आि टयस, फ़ो टयस।”

हर कोई महान नह बन सकता, ले कन हर कोई इस समय जहाँ भी है, उससे बेहतर ज़ र बन


सकता है।
“उह, मेरी लै टन ज़रा कमज़ोर है।”
“ यादा तेज़, यादा ऊँचा, यादा शि शाली। ग़ौर कर, यह इसे इस तरह नह कहता है ‘सबसे तेज़, सबसे
ऊँचा, सबसे शि शाली।’ यह कहता है ‘ यादा तेज़, यादा ऊँचा, यादा शि शाली।’ इसका मतलब है हर दन
बेहतर बनने के िलए काम करना।”
के न उठकर खड़ा हो गया और बच के सामने चहलक़दमी करने लगा - वह अब इतना उ ेिजत महसूस कर
रहा था क ि थर बैठने का कोई सवाल ही नह था। उसका दमाग़ दौड़ रहा था क वह इस एक ितशत के
फ़ॉमूले का इ तेमाल अपने जीवन म कन- कन तरीक़ से कर सकता है। वह अचानक का और िजम क ओर
मुड़ा : “ या यह फ़ाॅमूला क रयर पर भी लागू होता है?”
“िबलकु ल होता है। हो सकता है क आप से स ितिनिध ह या माक टंग करते ह या शायद मैनेजर ह -
ठीक है, आप कभी भी कसी अ य से स ितिनिध, माक टंग वाले ि या मैनेजर से 100 ितशत आगे नह
प च
ँ पाएँगे। दरअसल, आप इसक कोिशश म ही हताश हो जाएँगे। ले कन आप ख़द िजस तरह काम करते ह,
उसके सैकड़ पहलु म 1 ितशत बेहतर बन सकते ह। जैसा क हम देख चुके ह, 1 ितशत से ही आपको एक
असं द ध लाभ िमल जाता है।”
“तो आप कह रहे ह क यह कसी भी क रयर के िलए सच है? रीटेल, आईटी, फ़ाइनस-”
“आपके जीवन के हर उस पहलू के िलए भी, िजसे आप बेहतर बनाना चाहते ह। मने देखा है क इसक मदद
से लोग ने अपनी गो फ़ वंग और सै सोफ़ोन वादन को बेहतर बनाया है, वज़न कम कया है, फ़ट ए ह...
यहाँ तक क अपने पा रवा रक जीवन को भी बेहतर बनाया है।” के न क आँख का भाव देखते ए कोच ने धीरे
से जोड़ा, “कम से कम इस मामले म हर ि इससे फ़ायदा उठा सकता है।”
फु टबॉल देखने आए दशक क भीड़ कम होने लगी थी। पा कग म कार के दरवाज़े बंद हो रहे थे और ब
क िच लाहट भी धीमी हो रही थ । “चल, हम अपनी कार तक चलते-चलते इस बारे म कु छ और बात करते ह,”
िजम ने कहा।
चलते समय के न ने पूछा, “ठीक है, तो आपने यह पता लगा िलया क आपको टीम को 1 ितशत बेहतर
बनाने क ज़ रत है - ले कन िनि त प से यह इतना सरल तो नह रहा होगा। आपको यह कै से पता चला क
शु कहाँ करना है?”
“म यह पता लगाने क कोिशश कर रहा था क म या कर सकता ,ँ इस दशा म कै से काम कर सकता ।ँ
इसके बाद एक दन म अपने एक िम से बातचीत कर रहा था। वह शीष थ से स ए ज़ी यू टव है - अगर
ओ लंिपक म बेचने क ित पधा होती, तो वण पदक उसी को िमलता। मने उसे अपना िवचार बताया और
उससे पूछा क म उससे या सीख सकता ,ँ य क वह अपने काम म इतना यादा सफल है।” िजम ने जान-
बूझकर के न से नज़र िमला । “मेरे िम ने मुझसे कहा क िजम, अब समय आ गया है।”
“समय आ गया है?” के न ने सवािलया अंदाज़ म पूछा।
“म आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा ,ँ जो के वल चंद लोग ही जानते ह, य क मुझे यह अहसास हो
रहा है क आपके िलए भी समय आ गया है।”
“मेरे उस िम ने मेरा प रचय लोग के एक अिव सनीय समूह से कराया, िज ह ने उ कृ ता हािसल करने
म अपनी ज़ंदगी लगा दी है। उनसे िमलकर म हैरान रह गया, य क यह पता चला क वे पहले से ही उस
िस ांत के अनुसार जी रहे थे, िजसे मने ओ लंिपक प रणाम के शोध म खोजा था।”

म आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा ँ, जो के वल चंद लोग ही जानते ह, य क मुझे यह


अहसास हो रहा है क आपके िलए भी समय आ गया है।

“उ ह ने ओ लंिपक के रकॉड नह देखे थे, िजनसे पता चलता था क सव े दशन और सामा य दशन
के बीच के वल 1 ितशत का ही अंतर होता है, ले कन उ ह ने इतना समझ िलया था क यह ब त छोटा अंतर
होता है। अपने सहज बोध और अनुभव से वे पहले ही जान चुके थे क सफलता पाने का तरीक़ा यही है क आप
लगातार छोटे, ल यब सुधार करते रह।”
“इसिलए जब मने आकर अपने आँकड़े बताए, तो उ ह ऐसा लगा जैसे पहेली का आिख़री टु कड़ा िमल गया
हो। ज द ही हमने उ कृ ता बनाने क नीित को एक नाम दया : एक ितशत का फ़ॉमूला।”
“अब इस समूह म हम छह लोग ह। म, मेरा िम से स ए ज़ी यू टव, एक शीष भौितकिव ानी, एक
मनोवै ािनक, एक वसाय-मािलक और इससे शायद आपको हैरानी नह होगी, एक पूव ओ लंिपक िखलाड़ी।”
“ चंता न कर, इस समूह म कोई बैठक या गोपनीय र म नह होती ह - आप इसे लब जैसा मान सकते ह।
हम आप जैसे लोग को इसम शािमल करते ह, जो अपने जीवन म प रवतन करने को तैयार ह।”
“म?” के न ने थोड़ी हैरानी से कहा। “देिखए, मुझे ग़लत न समझ। म आभारी ँ क आपने मुझे समय दया,
ले कन मने कभी नह कहा... ” उसके श द हवा म खो गए, जब उसे अहसास आ क कोच ने उसम कु छ ऐसा
देख िलया था, जो उसे भी इस समय तक पता नह था।
“अगर आप अपने जीवन म प रवतन करना चाहते ह , तो म अपने समूह के बाक़ लोग से आ ह क ँ गा
क वे आपको उ कृ ता हािसल करने के अपने रह य बताएँ। यह आसान नह होगा। आपको अपनी कु छ पुरानी
आदत छोड़नी ह गी, काम करने के पुराने तरीक़े बदलने ह गे और अपने तथा दूसर के बारे म अपने कु छ िव ास
भी यागने ह गे। इसके अंत म आप रोमांच और उपलि ध क संतुि क अपे ा कर सकते ह, ले कन म इस कड़वी
गोली पर शकर क चाशनी नह लपेट रहा ँ : रा ते म चुनौितयाँ आएँगी।”
वे ब और अिभभावक के समूह के पास प च ँ गए, जो अब छँटते जा रहे थे। “के न, अभी कोई जवाब न द;
इस बारे म अ छी तरह सोच-िवचार कर ल,” िजम ने कहा और वे एक अ य अिभभावक से बात करने चले गए।
के न ने जैक और उसके सबसे अ छे िम को कार म बैठाया – और कहा क रा ते म बगर क पाट उसक तरफ़ से
रहेगी।
ब े अंदर बैठ गए और के न दरवाज़ा बंद करने ही वाला था क तभी िजम कार के पास आ गए
के न ने ऊपर देखते ए कहा, “ध यवाद कोच, आपने मुझे सोचने के िलए वाक़ई ब त कु छ दे दया है।”
“आपका वागत है। म आपको यह देना चाहता ।ँ ” िजम ने उसे एक िबज़नेस काड थमाया। “अगर आप
िनणय लेते ह क आप तैयार ह, तो मुझे फ़ोन कर द। यक़ न मान, यह वाक़ई बेहतरीन या ा है।”
2

ेरणा को बढ़ाने वाला िवपरीत तरीक़ा

क◌ो चऔरिजमशायदने जबथोड़ाउसेआशं


िबज़नेस काड दया था, उसके बाद तीन स ाह गुज़र चुके थे। आज के न रोमांिचत -
कत भी - महसूस करते ए अपनी कार म बैठा था। ऐसा य न हो, आज वह
एक ितशत समूह के अगले आदमी से िमलने वाला था - िजसके बारे म िजम ने कहा था क अगर
ओ लंिपक म िब क ित पधा हो, तो वण पदक वही जीतेगा।
कोई हैरानी नह क वह काफ़ त रहता था। उससे िमलने क ख़ाितर के न को तीन स ाह तक इं तज़ार
करना पड़ा था। के न चाहता था क यह या यादा ज दी शु हो - उसने सोच-िवचार म यादा समय नह
िलया था। दरअसल, जब िजम ने उसे िबज़नेस काड दया था, उसके अगले ही दन उसने हाँ कर दी थी। फु टबॉल
गेम के बाद रात को उसने अपने पलंग के िसरहाने वाली टेबल पर काड रख दया था। जब वह सोने गया, तब भी
कोच के श द उसके दमाग़ म घूम रहे थे और उसे यादा कु छ प ले नह पड़ रहा था। सुबह वह सामा य से थोड़ा
ज दी उठ गया, जब सूय उग ही रहा था। अब उसे हर चीज़ ब त प दखाई दे रही थी। उसे यक़ न था क वह
कु छ प रवतन करने के िलए तैयार था। अपने जीवन के कई पहलु म 1 ितशत बेहतर बनना? वह यह काम
कर सकता था।
वा तव म, उसे यह करने क एक गहरी ज़ रत महसूस ई। उसे अपने िनणय का मह व वा तव म तभी
समझ आया, जब उसने िबज़नेस काड उठाकर िजम को फ़ोन कया। कोच के न क आवाज़ सुनकर ख़श थे, ले कन
हैरान नह ।

“ वागत है के न, हमारे समूह म आपका आना बेहतरीन है,” उ ह ने कहा। “ले कन शु आत करने से पहले
मुझे आपको तीन सरल ज़मीनी िनयम बताने ह गे। इसके बाद आपको यह िनणय लेना होगा क या आप उनका
पालन करने के िलए तैयार ह।” के न ने सोचा क कसी तरह का कोई पच होगा।
“पहला िनयम : आप जो कर रहे ह, वह आप अपनी प ी के िसवा कसी को भी नह बता सकते,” िजम ने
कहा। “अगर लोग हैरान होते ह क ऑ फ़स के बाहर आप या कर रहे ह, तो आप कोई सामा य बात कह सकते
ह, जैसे आप को चंग ले रहे ह या कसी मा टरमाइं ड या मागदशक समूह के सद य ह, ले कन आपको इससे
यादा कु छ नह कहना है। या आप इसके िलए तैयार ह, के न?”
के न ने सोचा, शायद यह इतना मुि कल नह होगा। “िनि त प से, म इस बात के िलए तैयार ,ँ कोच।”
“दूसरा िनयम : आप यह या िसफ़ तभी शु कर सकते ह, जब आप इसे पूरा करने का वादा कर । हम
आपका यह मौिखक वादा चािहए क एक बार शु करने के बाद आप एक ितशत समूह के सभी छह लोग से
िमलगे और सीखी ई बात को अपने जीवन म उतारगे।”
इस िनयम का वादा करना यादा मुि कल था। िजम को के न क िझझक का अहसास हो गया, इसिलए वे
आगे बोले, “आपके वादे के बदले म आपसे यह वादा कर सकता ँ क इसके बाद आप अपने ल य तक प च
ँ ने म
कामयाब ह गे। म यह वादा भी कर सकता ँ क आपक सफलता आपके ल य के अलावा जीवन के दूसरे े
को भी भािवत करे गी – आपके िम और प रवार, आपके सहकम , आपका समुदाय।”
“िजम, आपका आ मिव ास बड़ा ेरक है, ले कन या आप सचमुच इतना बड़ा वादा कर सकते ह?” के न
संदह
े वादी नज़र नह आना चाहता था, ले कन इतनी बड़ी बात का वादा करने से पहले उसे वे सवाल तो पूछने
ही थे, जो उसके दमाग़ म घुमड़ रहे थे। “य द म उस िमट् टी का न बना आ, तो या होगा? अगर यह मेरे िलए
कारगर न आ, तो या होगा?”
“म आपसे इतना बड़ा वादा इसिलए कर सकता ,ँ य क म जानता ँ क आप जो िवचार, साधन और
तकनीक सीखने वाले ह, वे कारगर ह। म आपसे यह वादा इसिलए कर सकता ,ँ य क ये तकनीक राय पर
नह , बि क ठोस शोध और परी ण पर आधा रत ह, जैसा क आप ख़द देखगे बशत क आप वादा करने का
चुनाव कर,” िजम ने कहा।

म आपसे यह वादा इसिलए कर सकता ँ, य क ये तकनीक राय पर नह , बि क ठोस शोध


और परी ण पर आधा रत ह, जैसा क आप ख़द देखगे, बशत आप वादा करने का चुनाव कर।
के न को यह सुनकर राहत िमली क िजम क आवाज़ से ऐसा नह लग रहा था, जैसे वे उसके सवाल से
िचढ़ रहे ह । िजम उस पर दबाव भी नह डाल रहे थे। कोच क आवाज़ से के न को लगा क उनका िव ास ब त
गहरा था, इसिलए उ ह दबाव डालने क ज़ रत ही महसूस नह हो रही थी।
िजम ने आगे कहा : “म जानता ँ क आप यह काम कर सकते ह, य क मने ब त से दूसरे लोग को देखा
है, िज ह ने इन तकनीक क मदद से बेहतरीन चीज़ क ह।”
के न ने एक गहरी साँस ली, फर साँस छोड़ते ए कहा, “मुझे शािमल मान।”
“आपको शािमल मान िलया,” जवाब आया।
“ले कन ठहर, तीसरा िनयम या है?” के न ने पूछा।
“तीसरा िनयम : या पूरी करने के 180 दन के भीतर कसी समय आपको कम से कम एक ि क
उसी तरह मदद करनी होगी, िजस तरह क आपक मदद क गई थी।”
“यानी एक ितशत समूह के आिख़री ि से िमलने के छह महीन के भीतर मुझे सारी सीखी ई बात
कसी दूसरे को िसखानी ह गी?”
“सही समझे, के न। या आप इसका वादा कर सकते ह?”
के न ने उस होनहार नौजवान के बारे म सोचा, जो ऑ फ़स म उसक टीम म अभी-अभी शािमल आ था।
उसने अपने बेटे-बेटी के बारे म सोचा, जो बड़े होकर वय क बनने वाले थे। अगर वह उ कृ ता हािसल करने क
कुं िजयाँ सीख सके , तो यह ान दूसर तक प च ँ ाना गौरव क बात होगी।
“म कब शु कर सकता ?ँ ” उसने सवाल कया।

िजम ने समूह के बाक़ सद य से बात क और इसके बाद के न को से स ए ज़ी यू टव काल स का फ़ोन नंबर दे


दया। “वे आपको ब त पसंद आएँगे,” िजम ने कहा। “वे यह या ा शु कराने के िलए आदश ि ह; वे सचमुच
आपको शि दान करगे। उनक िवशेष ता ेरणा और ो साहन म है।” फर उ ह ने आगे जोड़ा, “यह इं सान
कु दरत क शि है।”
के न फ़ोन पर काल स क ऊजा से तुरंत भािवत आ। उ ह ने एक िमनट म बेहद लंबी बातचीत कर डाली।
के न को एक ितशत के फ़ॉमूले क बुिनयादी शु आती बात िसखाने के बारे म वे ब त रोमांिचत थे और उनका
रोमांच सं ामक था।
काल स कामकाज के िसलिसले म काफ़ सारी या ाएँ करते थे, ले कन उ ह ने एक-दूसरे से अपने कै लडर
िमलाए, जब तक क उन दोन को अपने शेड्यूल म एक शाम को कु छ घंटे ख़ाली नह िमल गए।
“काल स ने पूछा, या आप गो फ़ खेलते ह?”
दरअसल, के न गो फ़ म फसड् डी था। ऐसा नह था क वह गो फ़ को पसंद नह करता था – यादा बड़ी
बात तो यह थी क गो फ़ उसे पसंद नह करता था। कभी-कभार वह खेलने जाता था, य क गो फ़ कोस पर
ब त सारी नेटव कग यानी मेल-मुलाक़ात होती थी - ले कन उस छोटी सफ़े द गद को छड़ी से मारने म वह कभी
मािहर नह हो पाया था। इसके अलावा, या उसे और काल स को काम क बात नह करनी थ ?
“देिखए, म दरअसल गो फ़ वाला आदमी नह ,ँ काल स।”
“बेहतरीन! तो हम गो फ़ कोस क ाइ वंग रज म िमलगे।”
काल स ने शायद उसक बात ठीक से नह सुनी थी। ले कन के न को उ ह यह बताने का मौक़ा ही नह
िमला, य क काल स इस ावहा रक मुददे
् पर आ गए थे क वे एक दूसरे को पहचानगे कै से।
“म एक लाल बेसबॉल कै प पहनूँगा,” काल स ने कहा। “आप भी लाल कै प पहन लेना। इससे हम एक दूसरे
को तुरंत पहचान लगे।”
“उह, ठीक है,” के न सहमत हो गया।
“इस मुलाक़ात को लेकर म ब त रोमांिचत ,ँ के न। म आपक राह देख़ूँगा! तो िमलते ह,” काल स ने
धड़ाधड़ बोलते ए बात ख़ म कर दी। के न जानता था क अगर वे इं टरनेट पर सच करके एक दूसरे के फ़ोटो खोज
लेते, तो पहचानने का काम यादा आसान होता। मगर जब वह कार म बैठ रहा था और अपने िसर पर कै प पहन
रहा था, तो उसे ख़शी थी क वे इसे इस तरह कर रहे ह। इससे वह भी तैयार महसूस करने लगा थोड़ा घबराया
आ, ले कन तैयार।
जैसे ही वह ाइ वंग रज ( वह इलाक़ा जहाँ गो फ़ िखलाड़ी शॉट मारने का अ यास करते ह ) म दािख़ल
आ, तो लडलाइ स और िवशाल जाली क ओर उड़ने वाली ढेर सारी गो फ़ गद से पल भर के िलए चकरा
गया फर वह इस नतीजे पर प च ँ ा क काल स को दरअसल लाल बेसबॉल कै प क ज़ रत ही नह थी। वहाँ
यादा भीड़ नह थी और के न ने काल स को तुरंत पहचान िलया : वह वही जोशीला इं सान होगा, जो दूसरे िसरे
पर गद को हर ि से यादा तेज़ी से मार रहा था। वह तभी ठहरता था, जब वह अपने कसी शॉट से िवशेष
ख़श होता था और तब वह अपनी मुट्ठी लहराकर िवजयी संकेत करता था।
शॉट के बीच काल स अपनी भ ह प छने के िलए के और तभी उ ह ने के न को देख िलया। उ ह ने अपना
लब नीचे रखा और तेज़-तेज़ चलते ए उसके पास आ गए। उनके चेहरे पर मु कान िखली ई थी। “हाय,”
उ ह ने िव ासपूवक कहते ए हाथ बढ़ाया। “म काल स ँ और आप के न ह गे।” दोन ने हाथ िमलाया। फर
काल स अचानक मुड़े और हाथ िहलाकर के न को अपने पीछे बुलाया। “अब आप कु छ गद को मारना शु कर।
आप अपने लब लाए ह? अ छा, समझा, आप यादा गो फ़ वाले इं सान नह ह।” वे सदाशयता भरी हँसी हँस।े
“कोई द क़त नह है, के न। हमारी क़द-काठी एक जैसी है, इसिलए आप मेरे लब से खेल सकते ह।”
दोन शॉट मारने लगे। इस दौरान वे एक-दूसरे को अपने बारे म बुिनयादी जानकारी - काम-धंधा, कॉलेज,
गृहनगर, प रवार - देते रहे। बात -बात म के न को पता चला क काल स एक बड़ी कं पनी म वैि क िब के
भारी ह, जो गो फ़ का सामान बनाती थी – लब, बैग, बॉल आ द।
तेज़ी से शॉट मारते व त के न को पहले तो अपना शरीर थोड़ा स त और अजीब महसूस आ। उसने
काल स को बताया क वह कु छ महीन से गो फ़ नह खेला है, इसिलए वह उतना अ छा दशन नह कर पा
रहा है। काल स ने हाथ िहलाकर उसक चंताएँ हवा म उड़ा द और शॉट मारते समय उसे कु छ मददगार सुझाव
दए। ऐसा लगता था क के न के शॉट को ज़रा सा भी बेहतर बनाने म मदद करना उ ह सचमुच अ छा लगता
था।
के न लय म आने लगा। अब वह गो फ़ के आकषण को देख सकता था। िनि त प से यह संतुि दायक होता
है, जब लब धड़ाक क आवाज़ के साथ गद से टकराता है। ख़ास तौर पर यह अब यादा संतुि दायक था,
य क पहले के मुक़ाबले अब उसक गद थोड़ी यादा सीधी, थोड़ी यादा दूर तक जा रही थी।
इसके अलावा, काल स क “ब ढ़या शॉट” और “यही तरीक़ा है” जैसी ट पिणय से उसे िनि त प से
ो साहन िमल रहा था।
ले कन वह बेचैन हो रहा था। काल स कु छ ही दन म स मेलन के दौरे पर जा रहे थे और अगर उ ह ने
ज द ही काम क बात नह क , तो के न को लग रहा था क उ ह दूसरा मौक़ा जाने कब िमलेगा।
उसक िनगाह अपनी नोटबुक पर पड़ी, जो बग़ल वाली कु स पर खुली पड़ी थी। कोच िजम ने फु टबॉल मैच
के व त ब त कु छ बताया था। के न ने िजम से फ़ोन पर वही बात दोबारा पूछ , ता क वह उ ह िलख सके । देिखए,
िसफ़ िलखना ही उद्दे य नह था – सबसे ऊपर उसने शीषक िलखा था “यह करना है;” उसका असल उद्दे य
तो सीखी ई बात पर अमल करना था। उसक योजना थी क जब भी वह एक ितशत समूह के कसी ि से
िमलेगा, तो अपनी करना-है सूची म हर बार बंद ु बढ़ा लेगा - हालाँ क उसे शायद अपनी गो फ़ क पकड़ के बारे
म सुझाव शािमल करने क ज़ रत नह है, उसने मु कराते ए िनणय िलया।
काल स ने उसक िनगाह का पीछा करते ए कहा, “म देख रहा ँ क आपको नो स लेने क आदत है, के न।
यह अ छा है, यह अ छा है, क आप इसे गंभीरता से ले रहे ह। वैसे, इसम या िलखा है? बताएँ।”
के न ने ज़ोर से पढ़ा :
“1. असाधारण और असाधारण प से असाधारण के बीच का फ़क़ = 1 ितशत।”
“हाँ। िबलकु ल। आपने और या िलखा है?”
“2. आप हर ि से 100 ितशत बेहतर नह बन सकते, ले कन आप सैकड़ चीज़ म 1
ितशत बेहतर बन सकते ह।”
जब के न ने अपनी सूची के अगले बंद ु पढ़े, तो काल स बुदबुदाए, “हाँ,” या “बोलते रह, म सुन रहा ।ँ ” इस
दौरान वे सारे समय गद जमाते रहे और उ ह ाइ वंग रज के पार मारते रहे।
“3. आप सारे समय नह जीत सकते, ले कत अगर आप आज कसी चीज़ को कल से बेहतर
करते ह, तो आपके पास एक िवजेता का दल हमेशा हो सकता है।”
“4. हर ि महान नह बन सकता, ले कन वह अभी जहाँ ह, उससे बेहतर अव य बन
सकता है।”
“5. सबसे तेज़, सबसे ऊँचा, सबसे शि शाली नह - बि क यादा तेज़, यादा ऊँचा, यादा
शि शाली होने का ल य बनाएँ।”
जब के न इस दुिवधा म था क काल स उसक बात सुन भी रहे थे या नह , तभी वे के न क ओर मुड़े और
चौड़ी मु कान के साथ बोले, “आपने तो सब कु छ आदश तरीक़े से िलखा है! अब आपको मेरी या ज़ रत है?”
उ ह ने अपने हाथ तौिलए से प छे, बैठे और के न को भी बैठने का संकेत कया। के न ने अब तक उ ह इतना
ि थर नह देखा था। काल स के न क ओर मुड़े और उ ह ने पूछा, “आप मानते ह क आपने अभी-अभी जो बंद ु
पढ़े ह, वे उ कृ ता हािसल करने क कुं जी ह, ठीक है?”
“हाँ। हाँ, म मानता ,ँ ” के न ने पुि क , हालाँ क उसे समझ नह आ रहा था क बातचीत कस ओर जा
रही थी।
“ या आप अपने जीवन के उन पहलु को पहचान सकते ह, जहाँ आप 1 ितशत सुधार कर सकते ह?”
के न एक पल के िलए ठहरा। उसने ाइ वंग रज के पार घूरा और नौकरी क गितिविधय के बारे म सोचा।
हाँ, वह िनि त प से कई चीज़ के बारे म सोच सकता था, िज ह वह थोड़ी बेहतर कर सकता था। उनम से
कसी भी एक चीज़ से भारी फ़क़ नह पड़ेगा, ले कन समे कतसुधार ब त भावी होगा। फर उसने अपनी प ी
और ब के साथ अपने संबंध के बारे म सोचा। फर अपने वा य और फ़टनेस के बारे म। वह कई चीज़ के
बारे म सोच सकता था, िज ह वह उसी समय थोड़ी बेहतर करना चाहता था।
आिख़रकार वह बोला, “हाँ, म कई छोटे सुधार के बारे म सोच सकता ,ँ िज ह म हर दन कर सकता ँ
और जो िमलकर एक मह वपूण प रवतन कर सकते ह।”
“तो ठीक है, सम या या है? आप उ ह कर य नह देते?”
इस सवाल पर के न थोड़ा लि त भी आ और िचढ़ भी गया। उसके दमाग़ म कोई अ छा जवाब आ ही
नह रहा था।
“के न, आपको ये चीज़ इसी समय करने से कौन सी बात रोक रही है।”
“ईमानदारी से? म सोचता ँ क मेरे पास कोई सचमुच अ छा कारण नह है,” उसने कहा। उसने अपनी
लाल बेसबॉल कै प उतार दी और अपने पैर क ओर देखने लगा; वह थोड़ा परािजत महसूस कर रहा था। “बात
बस यह है क इन दन मेरे िलए े रत होना मुि कल होता है। चूं क म े रत नह होता ,ँ इसिलए म यादा
काय नह कर पाता ।ँ ”
“इससे आपक ेरणा और कम हो जाती है, य क आप पया काय नह कर पा रहे ह?।”
के न ने झटके से ऊपर देखते ए कहा, “हाँ काल स, आपने िबलकु ल ठीक कहा।” उसने एक पल के िलए
सोचा, धीरे -धीरे अपनी टोपी दोबारा लगाई और आगे कहा, “इसका असर मेरे आस-पास के लोग पर भी नज़र
आता है-वे लोग जो ऑ फ़स म मेरे अधीन ह और मेरे प रवार के सद य। अगर म यादा काय कर सकूं , तो उन
पर अ छा असर होगा। म वे चीज़ करना चाहता ,ँ जो मुझे बेहतर बना सकती ह, ले कन म यह नह जानता क
उ ह करने क अपनी ेरणा को ऊपर कै से उठाऊँ।”
के न को लगा क काल स ने शायद उसक आवाज़ म िछपे शांत आ ह को नह सुना, य क वे अब हँसते-
हँसते दोहरे हो रहे थे। वे अपनी जाँघ पर हाथ भी मार रहे थे। के न ने सोचा क उसे शायद इस बात पर िचढ़ना
चािहए, ले कन शायद इस आदमी क हर गितिविध सं ामक थी, इसिलए ब त ज दी के न का मुँह भी एक
मु कान म िसकु ड़ गया।
काल स ने ख़द को सँभाला, सीधे तनकर बैठे और के न के हाथ से नोटबुक तथा पेन ले िलए।
“आप अपनी ेरणा को ऊपर उठाने के तरीक़े क तलाश कर रहे ह, ता क आप यादा काय कर ल। ठीक
है?”
के न ने िसर िहलाया।
“ठीक है, तो आपने जो कहा, हम उसका रे खािच इस तरह बनाते ह।” काल स ने िलखा :

“आप कह रहे ह, अगर आप यादा े रत ह गे, तो आप यादा काय कर लगे। दूसरे श द म, रे णा म


वृि ” - काल स ने उस श द क ओर संकेत कया और अपनी अँगुली से तीर पर हाथ फे रा - “काय म वृि क
ओर ले जाएगी।”
“िबलकु ल।”
“और यह एकमा तरीक़ा है?”
के न ने काल स के बनाए के च को घूरा। उसके िहसाब से यह काफ़ प था क दूसरा कोई तरीक़ा था ही
नह । उसने िसर िहलाया।
“अब उठ जाएँ, वहाँ जाएँ, एक बॉल को टी पर रख और उस लब को उठाएँ, िजसका इ तेमाल आप पहले
कर रहे थे।”
के न इस बंद ु पर इतना चकरा गया था क काल स से िववाद करना या सवाल करना भी मूखतापूण लग
रहा था; उसने जाकर काल स के बताए अनुसार काम कर दया।
फर काल स ने पूछा, “ठीक है, अब यह बताएँ के न क जब आप पहलेपहल यहाँ आए थे, तो आप शॉट
लगाने के बारे म कै सा महसूस कर रहे थे?”
“काफ़ बुरा,” के न ने जवाब दया। म थोड़ा परे शान था, य क मुझम दरअसल इसक नैस गक ितभा
नह है।”
“अब जब आपने यह काय कई बार कर िलया है और इसम थोड़ा सुधार भी कर िलया है, तो अब आप इस
बारे म कै सा महसूस करते ह?”
“अब? देिखए, अब तो म एक तरह से इसके िलए उ सुक ।ँ अगर और कु छ नह , तो म इस बॉल पर थोड़ी
भड़ास ही िनकाल दूग
ँ ा,” उसने मु कराते ए कहा। उसने लब को लहराया। यह सच था, अब वह सचमुच यह
काय करना चाहता था।
के न के दोबारा बैठने पर काल स बोले, “ या अब आप एक और संभावना पर िवचार करगे? अगर तीर
दूसरी तरफ़ भी जाता हो, तो कै सा रहेगा?” काल स ने रे खािच म दूसरा तीर भी ख च दया।

“अगर आप यादा काय कर, तो इससे संभवतः आपक ेरणा बढ़ जाएगी,” काल स ने कहा। “अगर आप
अपना काय बढ़ा लेते ह, तो आपक ेरणा भी बढ़ जाएगी।”
“गो फ़ वंग क तरह।”
काल स ने ताली बजाई। “गो फ़ वंग क तरह!” अचानक के न समझ गया क िजम ने काल स को ेरणा
िवशेष का िख़ताब य दया था। उनका चेहरा चमक रहा था, जब उ ह ने आगे कहा : “देिखए के न, आप
िबलकु ल सही ह क ेरणा होने पर काय हो जाता है। जब आप े रत होते ह, तो आप बाहर जाकर उस काय को
कर देते ह, िजसके भी बारे म आप े रत होते ह। ब त सारे लोग यह भूल जाते ह क इसका उ टा भी कम से कम
उतना ही सच होता है : ेरणा कसी चीज़ को हािसल करने से िमलती है।”
“म यह सुझाव दे रहा ँ क आप कसी काय को िजतना यादा करते ह, आप उसे करने के िलए उतने ही
यादा े रत होते ह। इसिलए अगर आप यादा काय करगे, तो आपको यादा ेरणा िमलेगी। यह ख़द को पोषण
देने वाला सतत च है!”

आप कसी काय को िजतना यादा करते ह, आप उसे करने के िलए उतने ही यादा े रत होते
ह। इसिलए अगर आप यादा काय करगे, तो आपको यादा ेरणा िमलेगी। यह ख़द को पोषण
देने वाला सतत च है!

के न को अपने भीतर ऊजा क लहर महसूस ई, जब उसे याद आया क उसे सबसे बड़ी ेरणा तब िमली
थी, जब उसने कोई चीज़ हािसल क थी। “मुझे याद है, म तैरना सीख रहा था।यक़ न कर, म तैरना सीखने के
िलए क़तई े रत नह था। िबलकु ल नह था, ले कन हम पानी के पास रहते थे और मेरे माता-िपता जवाब म
नह सुनने को तैयार नह थे।”
“इसिलए मने तैराक सीखी। उ साह से नह । दरअसल, इ छा से भी नह । ले कन फर भी मने सीखी। एक
बार जब मने कु छ बुिनयादी बात सीख ल - जैसे यह त य क म डू बूँगा नह - तो मुझे यह पसंद आने लगी।”
“मने अपने माता-िपता से पूछा क या म इसका और यादा िश ण ले सकता ।ँ कु छ समय बाद म
इतना अ छा तैरने लगा क मुझे तैराक टीम म शािमल कर िलया गया। फर मने अपने ो स आदश बनाए।
तैराक म मने जो ॉ फ़याँ जीत , वे अब भी मेरे पास रखी ह,” उसने याद का आनंद लेते ए कहा। “आपका यही
मतलब है ना, जब आप कहते ह क मेरी ेरणा को बढ़ाने का सबसे अ छा तरीक़ा मेरे काय को बढ़ाना है, है ना?”
“िबलकु ल!”
इस बात क सादगी से के न अवाक् रह गया।
वा तव म, अगर यह इतना ही आसान था, तो यह उसके जीवन और हर कसी के जीवन म पहले से य
नह हो रहा था? काल स के िलए यह कहना एक बात थी क काय ेरणा क ओर ले जाता है-ले कन के न ने
सोचा, काल स तो यही कहगे। वे इतने यादा ऊजावान थे, इतने जोशीले ि व के धनी थे क उनके जीवन म
तो कभी ेरणा क सम या रही ही नह होगी। यह उनसे उतने ही वाभािवक प से फू टती नज़र आती थी, जैसे
क झरने से पानी।
“ले कन काल स, शायद कु छ लोग ह गे - जैसे क िनि त प से आप ह - जो हम बाक़ इं सान से यादा
े रत हो सकते ह गे?”
“के न, मेरी बात का यक़ न कर, हर कोई इस िस ांत से लाभ उठा सकता है।” काल स ने के न से नज़र
िमलाए रख और उनक आवाज़ अचानक थोड़ी धीमी हो गई, जब उ ह ने आगे कहा, “जब म छोटा था और शु
कर रहा था, तो मुझे दरअसल लोग के सामने भाषण देना पसंद नह था। जब भी म बच सकता था, इस काम से
बचने क कोिशश करता था।”
“आप?” के न ने कहा। यह क पना करना मुि कल था क जो आदमी अब हर साल हज़ार लोग के सामने
ा यान देता था, वह कभी ऐसा महसूस कर सकता था।
“जब ऑ फ़स म कोई तुित देनी होती थी, तो म चुपचाप बैठा रहता था और ई र से ाथना करता था
क कोई दूसरा वे छा से हाथ खड़ा कर दे। ले कन एक दन मने नए से स ितिनिधय के छोटे समूह को
िश ण देने के िलए हाथ खड़ा कर दया।”
“यह कै सा रहा?” के न ने पूछा।
“ब त ही शानदार रहा! कसी दूसरे के िलए वह िश ण यादा मायने नह रखता था, ले कन उसे
सफलतापूवक करने से मुझे उपलि ध का जो अहसास िमला, उसने मुझे संसार के िशखर पर प च
ँ ा दया। इससे
म और तुितयाँ देने के िलए े रत आ। मने धीरे -धीरे अपना िव तार कया, और अब मुझे सैकड़ -हज़ार -
लोग के सामने खड़े होने म भी कोई सम या नह आती है।”
“तो आपने देखा, के न, असल सवाल यह है : हम शु कहाँ से करते ह? ”
“जवाब है क आप कोई काय करके शु आत करते ह - चाहे वह कतना भी छोटा य न हो - और एक बार
जब आप उसम सफलता हािसल कर लेते ह, तो आपक ेरणा बढ़ जाती है। फर आप उसे यादा करते ह। इससे
आपक ेरणा और भी बढ़ जाती है। और फर..”

आप कोई काय करके शु आत ेरणा करते ह - चाहे वह कतना भी छोटा य न हो – और एक


बार जब आप उसम सफलता हािसल कर लेते ह, तो आपक ेरणा बढ़ जाती है। फर आप उसे
यादा करते ह। इससे आपक ेरणा और भी बढ़ जाती है। और फर...

“आप और यादा काय करते ह...और इससे आपक रे णा और भी बढ़ जाती है,” के न ने कहा। “यह िजधर
जा रहा है, वह मुझे पसंद है। म पहले से ही देख सकता ँ क यह िस ांत 1 ितशत सुधार करने म मेरी कतनी
मदद कर सकता है।”
काल स ने के न के हाथ पर ताली मारी और कहा, “इसक एक और कुं जी है। म इसे ल य क प ता कहता
।ँ यह ब त मह वपूण है, इसिलए आप इसे िलख सकते ह : इस बारे म प रह क आप या चाहते ह और या
नह चाहते।”
“य द आप ेरणा-काय के आपसी संबंध को समझ लेते ह, तो यह यादा काय करने क आपक ेरणा बढ़ाने
म ब त कारगर होता है - ले कन य द आप इसका इ तेमाल ऐसे काय के िलए े रत होने म करते ह, जो आपके
सकल ल य म योगदान नह देते, तो आप बस अपना समय बबाद करगे।”
“आपके कहने का मतलब यह है क इससे पहले क म े रत होने के िलए अपने काय चुनूँ, मुझे यह
सुिनि त कर लेना चािहए क वे काय मेरे ल य म योगदान देते ह ?”
“हाँ! मान ल, म एक बेहतर से समैन बनना चाहता ।ँ मुझे इस तरह के काय पर यान क त करने क
ज़ रत है, जैसे अपनी से स कॉ स क बेहतर योजना बनाना, िमलने के िलए सही ाहक को चुनना और उनक
ज़ रत का पता लगाना। मुझे अपनी टेिनस स वस का अ यास करने जैसे काय पर यान क त नह करना है।”
“इसके क म दो अवधारणाएँ ह, जो लगती समान ह, ले कन ह ब त अलग : पहली है भावका रता,
यानी सही काय करना। दूसरी है कायकु शलता, यानी काय को सही तरीक़े से करना।”
“सबसे पहले तो आपको यह सुिनि त करना होता है क आप जो कर रहे ह, वह सही काय है - यानी आप
भावकारी बन रहे ह।”

उस काय को अ छी तरह करने म कोई तुक नह है, जो आपको िबलकु ल भी नह करना


चािहए।

“ फर जब आपको यक़ न हो जाए क आप जो सही काय कर रहे ह, तो आपको उसे करने मकायकु शल होना
पड़ता है, यानी उसे सचमुच अ छी तरह करना पड़ता है।कई बार लोग उन काय को करने म सचमुच अ छे होते
ह, जो उ ह िबलकु ल भी नह करने चािहए।”
“तो इसका शीषक यह ह : उस काय को अ छी तरह करने म कोई तुक नह है, जो आपको िबलकु ल भी नह
करना चािहए।”
“ या इसम समझदारी लगती है?”
के न ने कहा, “हाँ” और इसे अपनी नोटबुक म िलख िलया।
“तो म चाहता ँ क आप यह कर,” काल स ने कहा, िजससे के न दोबारा ऊपर देखने लगा। इसे म कह रहा
,ँ िसफ़ इसीिलए इस पर यक़ न न कर। इसे आज़माकर देख और देख क यह सचमुच कारगर होता है या नह ।
या आप बस अपने एक काय को चुन सकते ह, िजसके बारे म आप जानते ह क यह सही है और आप इसे बेहतर
कर सकते ह? याद रख, अभी कोई बड़ी चीज़ नह - यह तो िसफ़ शु आत है।”
‘‘िनि त प से, म एक काय चुन सकता ।ँ ”
“ या आप इसे कल कर सकते ह?”
के न ने एक सेकंड के िलए सोचा। “हाँ, म इसे कल कर सकता ।ँ ”
“ फर अगले दन?”
के न ने कहा, “हाँ।”
“ठीक है, अब 30 दन के बारे म या कहते ह? म आपसे हाल - फ़लहाल बस इतना ही करने को कह रहा
।ँ ”
“आप चाहते ह क एक महीने तक म एक काय क ँ , जो सुधार लाता हो या बेहतर बनाता हो? आप चाहते
ह क म छोटी शु आत क ँ ?”
आप सही समझे।”
के न पहले से ही उस काय के बारे म सोच रहा था, िजसे वह कल से शु करे गा और वह उस िबलकु ल नए
तर क ेरणा क राह देख रहा था, जो इसक वजह से उसके जीवन म आएगी।
दस दन बाद के न ने अपनी ेरणा म वृि पर ग़ौर कया। उसने हर दन अपने चुने ए काय को काफ़ िनरं तरता
से कया था, हालाँ क उसे मानना पड़ा क कसी नई चीज़ को आज़माना अजीब महसूस आ था।
वह इस बारे म ब त हैरान था क काय को पूरा करने से उसे इसे करते रहने क यादा ेरणा िमली थी।
बीच - बीच म वह अपने नो स बाहर िनकालता था और काल स के रे खािच को देखता था। हर बार जब
वह रे खािच को देखता था, तो वह इसक सादगी तथा शि से हैरान रह जाता था। एक काय से शु आत करना
सरल और आ यजनक प से भावी था।

उसने काल स से फ़ोन पर बात क , िज ह ने पहले तो काफ़ चहकती ई बात क , ले कन फर वे ब त शांत


होकर बोले, “आपने अ छी शु आत क है - बस इसी तरह से करते रह। अब आप अगले क़दम के िलए तैयार ह।”
3

िनजी सफलता क भौितक : वयं को यादा शि शाली कै से बनाएँ

क◌े नक कअगली
बे के ठीक बाहर पहािड़य म घुमावदार सड़क पर कार चला रहा था। वह एक ितशत वाले समूह
सद य से िमलने जा रहा था। वह िजतना आगे जाता था, सड़क के दोन ओर उतने ही यादा
लंबे और हरे पेड़ नज़र आते थे। मकान यादा दूर - दूर दख रहे थे।ताज़ी, यादा ठं डी हवा म साँस लेने के
िलए उसने अपनी कार क िखड़क खोल दी। इससे उसका दमाग़ तरोताज़ा हो गया और अगली िशि का उसे
जो बताने वाली थी, उसके िलए वह तैयार हो गया।
पैट िशि का थ - एक कॉलेज म भौितक क ोफ़े सर। पैट ने उसे अपने इं टीट् यूट क वेबसाइट लंक भेज
दी थी। नतीजा यह आ क पैट से िमलने से पहले ही के न उनके ित ायु भय रखने लगा। वे तमाम तरह के
पुर कार जीत चुक थ और कु छ ब त आ यजनक खोज कर चुक थ । उनके नाम पर एक वै ािनक अवधारणा
का भी नामकरण आ था। जब उसने पहाड़ी के ऊपर पैट के घर के सामने कार रोक , तो वहाँ से शहर का सुंदर
नज़ारा दख रहा था। उसके मन म पागलपन भरा िवचार आया क कह मुलाक़ात के अंत म वे उसक परी ा न
लेने लग।
पैट ने िखली मु कान के साथ दरवाज़ा खोला। दो लै ाडोर पूंछ िहलाते ए बाहर िनकले। जब वह चलकर
अंदर आया, तो उसे कॉफ़ क वागत भरी ख़शबू आई। ले कन पैट के िलए को देखकर वह थोड़ा आ यच कत
था और पैट ने इसे तुरंत भाँप िलया।
“आपको इसक उ मीद नह थी?” उ ह ने कहा और वे अब भी मु करा रही थी।
“माफ़ कर, उह... म, उह...” के न ने ऑ फ़स के बाद जी स और टी-शट पहन ली थी; वह जानता था क पैट
उस दन घर से ही ऑ फ़स का काम कर रही थ । अगर वह घर पर काम करता, तो शायद सारे समय जी स ही
पहनता। पैट ने जी स पर कै ज़अल टी - शट पहनी थी, जो अंदर दबी नह थी। अजीब बात यह थी क उ ह ने
ऊँची हील वाले जूते भी पहन रखे थे।
पैट हँस और उसे कचन क ओर ले ग । उनक हील टाइल वाली फ़श पर खटखट क आवाज़ कर रही थी।
वे हँसते ए बोल , “ओह हाँ, इसका कारण म बाद म बताऊँगी!” के न ने कं धे उचकाए और दबी हँसी िनकाली।
उसने सोचा, अगर आप पदाथ, काल और अंत र के रह य सुलझा रहे ह , तो आप जो चाहे वह पहन सकते ह।
पैट ने उसके िलए कॉफ़ उड़ेली। हर अ छे िश क क तरह पैट भी यह पता लगाने के िलए उ सुक थ क
के न ने अपने िपछले स म या सीखा था।
“देिखए, मुझे महसूस आ क ेरणा क कमी मुझे चीज़ हािसल करने से रोक रही थी, ले कन काल स ने
मेरी आँख खोल द और बताया क म इस ि थित को दूसरे तरीक़े से भी देख सकता ,ँ ” के न ने कहा और अपनी
नोटबुक खोलकर पैट को वह रे खािच दखाया, जो काल स ने ख चा था।
पैट ने िसर िहलाकर उसे आगे बोलते रहने के िलए ो सािहत कया, इसिलए उसने ेरणा और काय संबंधी
मु य बंद ु पढ़े :
1. ेरणा बढ़ाने का सबसे अ छा तरीक़ा काय को बढ़ाना है।
2. म कसी काय को िजतना यादा क ँ गा, उसे करने के िलए उतना ही यादा े रत होऊँगा।
3. शु करने का तरीक़ा काय करना है - भले ही यह कोई छोटा काय ही य न हो।
4. मेरे ल य प होने चािहए।
5. मुझे एेसे काय चुनना चािहए, जो मेरे ल य ( भावक रता )हािसल करने म मेरी मदद कर और फर
मुझे उनम िनपुण बनना चािहए ( कायकु शलता)।
पैट के चेहरे पर मु कान आ गई, ले कन उनक आँख म थोड़ा खोया - खोया भाव भी था - के न समझ गया
क उनके “ दमाग़ क ब ी” जल गई थी। पैट ने कहा, “ज़रा इधर आएँ, के न!” वह पैट के पीछे - पीछे गिलयारे म
चल दया। रा ते म पैट ने उसका प रचय अपने दो ब से कराया, जो होमवक करने म त थे।
के न को लग रहा था क वे पैट के ऑ फस क ओर जा रहे ह, इसिलए वह हॉल के अंत म एक बड़े खुले
ले म म ख़द को पाकर हैरान आ। वहाँ िखलौने और िजम के उपकरण िबखरे ए थे। वहाँ एक एयर हॉक
टेबल भी थी।
“एयर हॉक यादा खेली है, के न?” पैट ने पूछा, हालाँ क के न के चेहरे के भाव ने उनके सवाल का पहले ही
जवाब दे दया था।
“आप यह कह सकती ह, के न ने कहा। “आपके ब े वाक़ई खुश क़ मत ह।” वह एक पैडल उठाने से ख़द को
रोक नह पाया।
पक ( एयर हॉक क िड क ) टेबल के बीच म रखी थी।
“आइए, एक पल के िलए क पना कर क वहाँ जो पक रखी है; वह आप ह, पैट ने कहा। “आप ेरणाहीन
महसूस कर रहे ह, कोई काय शु नह कर पाते। आप अटके ए ह, गितहीन ह।”
“ठीक है,” के न ने कहा। उसे मालूम था क यह कै सा महसूस होता है।
“आपके साथ या होगा, के न?”
“देिखए, मुझे लगता है क म अिनि त काल तक वह पर बैठा र ग
ँ ा, कु छ न करते ए, आगे न बढ़ते ए।”
उसक आवाज़ धीमी हो गई थी। “जब तक क...” वह सीधा आ, टेबल पर झुका और अपने पैडल से पक को
मारकर उसे गितमान कर दया।
“हाँ!” पैट ने एक पैडल उठाया और पक को ह का ध ा दया, जब यह टेबल के उनके िसरे पर प च
ँ ी। “अब
आप गित म ह! ”
फर पैट ने एयर जे स चालू कर दए और वे दोन सामा य अंदाज़ म पक को इधर से उधर मारते रहे।
उ ह ने के न से पूछा, “ या आप हैरान ह गे, अगर म आपको बताऊँ क आपने अभी-अभी भौितक के एक
बुिनयादी िनयम को देखा है? सटीकता से कह, तो सर आइज़ैक यूटन का गित का पहला िनयम।”
“ यूटन का पहला िनयम या है?” के न ने कहा। वह जानता था क वे अपने े के िशखर पर थ , इसिलए
उसने मान िलया था क वे उ कृ बनने के बारे म सलाह दगी - ले कन वा तिवक भौितक ?
“एक ितशत के फ़ॉमूले का एक मुख िह सा यह गित का िनयम है, िजसे यूटन ने पहली बार खोजा था,”
पैट ने कहा। के न उनक बात पर पूरा यान दे रहा था, यह सुिनि त करते ए उ ह ने उसे िनयम बता दया :
“जब तक क कसी बाहरी शि ारा काय न कया जाए, ि थर अव था म रखी गई व तु ि थर ही बनी
रहती है और गितमान व तु गितमान ही बनी रहती है।”
“मुझे इसे प करने द। अगर पक ि थर अव था म है, तो यह ि थर अव था म ही बनी रहेगी, जब तक क
कोई शि पक पर काय न करे । दूसरी तरफ़, अगर यह गितमान है, तो यह गितमान ही बनी रहेगी, जब तक क
कोई शि पक पर काय न करे ।” पैट ने िसर िहलाया और के न के “ दमाग़ क बती” जैसे जल उठी।
उसने कहा, “इसीिलए म कई बार ऐसे दौर से गुज़रता ,ँ जब म यादा कु छ नह कर पाता ँ -जब तक क
कोई घटना मुझे गितमान नह कर देती है।”
“िबलकु ल, के न। आप एक जानी-पहचानी लीक म अटक जाते ह, ले कन फर कोई बाहरी प रि थित आती
है - यह अथ व था का प रवतन हो सकता है, कोई बीमारी या आपके पा रवा रक जीवन म कोई प रवतन हो
सकता है। शि चाहे जो हो, यह आपको याशील कर देती है - िजस तरह क आपने पक को मारकर उसे
याशील कर दया।”
के न इस िस ांत के अथ समझने पर यान क त कर रहा था। जब वह सोच - िवचार म खोया था, तो पैट
ने पक को उसके ठीक सामने वाले गोल खाँचे म डाल दया। उसने इसे उठाया, दोबारा खेल म लाया और बोला,
“जब म ख़द को िहलाने के िलए कसी प रि थित का इं तज़ार करता ,ँ तो म अंततः शायद ही कभी वह कर
पाता ,ँ जो म सचमुच करना चाहता ।ँ म तोबस आव यक काय ही करता ,ं जो मुझे करना ही होता है।”
“देिखए, यही तो इसक ख़ूबी है, के न। आप िनज व हॉक पक नह ह, बि क इ छाशि वाले इं सान ह,
इसिलए आपको बैठकर उन प रि थितय का इं तज़ार करने क ज़ रत नह ह, जो आपको स य होने के िलए
िववश कर द।”
“आप वह कर सकते ह, िजसका काल स ने सुझाव दया था: अपने जीवन के कसी एक े ( जो आपके
िलए मह वपूण हो ) को बेहतर बनाने के िलए कोई एक काय कर। चूँ क यूटन का िनयम कारगर है, इसिलए एक
बार जब इसिलए एक आप ख़द को गित म ले आते ह, तो आप गित म ही बने रहगे।”

चूँ क यूटन का िनयम कारगर है, इसिलए एक बार जब आप ख़द को गित म ले आते ह, तो आप


गित म ही बने रहगे।

“ले कन एक पल ठहर, अगर यह। सच होता, तो वह पक अंत म टेबल पर ि थर कै से हो गई?” के न ने पूछा।


“य द कोई गितमान चीज़ गित म ही बनी रहती है, तो पक को तो अब भी टेबल पर चार तरफ़ कू दते रहना
चािहए था।”
“यह बताएँ के न, आप कब मेरे कोस म नाम िलखा रहे ह?” पैट ने जवाब दया और उनक आँख चमक रही
थ । के न उस तरह का िव ाथ था, िजसे िसखाना मज़ेदार था।
उ ह ने एयर जेट का ि वच बंद कर दया और पक को टेबल पर ब त धीमे से रख दया। उ ह ने पक को
धीमे होते देखा और अंत म यह टेबल के बीच म क गई। के न ने थोड़े िवजयी अंदाज़ से पैट क ओर देखा, मानो
कह रहा हो, “देखा!”
“घषण, के न,” ोफ़े सर ने आिख़रकार कहा। “एयर जे स क वजह से घषण कम प था। अब मने उ ह बंद
कर दया है, इसिलए हम देख सकते ह क दरअसल एक शि है, जो पक पर काय कर रही है।”
“बस बात यह है क यह एक अदृ य शि है,” के न ने धीरे से कहा, “और एयर जे स के चलने पर भी थोड़ा
- ब त घषण होता है, इसिलए अगर आप पक को मारना बंद कर देते ह, तो यह क जाती है।”
“सही कहा,” उ ह ने जवाब दया। “एक बार जब कोई शि कसी चीज़ को रोक देती है, तो यूटन हम
बताते ह क िनि यता इसे वहाँ रोके रखती है। िनि यता उ कृ ता क चाह रखने वाले हर ि क श ु है,
य क यह आपको आगे नह बढ़ाती है, बि क गितहीन, िव ाम क अव था म बनाए रखती है। इसीिलए ेरणा
- काय समीकरण के काय वाले िह से से शु करना इतना मह वपूण है।”
“ य क एक पैर को दूसरे पैर के सामने रखकर ही म ख़द को गित म ले आऊँगा,” के न ने कहाऔर अब वह
इसे पूरी तरह समझ गया था।
“हाँ,” पैट सहमत थ और उ ह ने आगे कहा, “एक बार जब आप गित म आ जाते ह, तो आप उस शु आती
िनि यता से उबर चुके ह, जो आपको अपनी जगह पर रोके ए थी। उस बंद ु पर आपने गित क जो शि
बनाई है, वह आपको आगे बढ़ाती रहती है। अगर आप सही दशा म ह, तो आप गित करते रहगे।”
“जब तक क कोई बाहरी शि मुझे रोक न दे,” के न ने कहा।
“हाँ, एक बार फर बाहरी प रि थितयाँ। कई बार आपका उन पर कोई िनयं ण नह होता,” पैट ने कहा,
“ले कन अगर आप हर बार इस िनयम पर लौटते ह, तो आप हमेशा ख़द को गित म ला सकते ह और हर दन 1
ितशत सुधार के अपने ल य क दशा म काय कर सकते ह।”
पैट ने एक बार फर एयर जे स चालू कए, अपना पैडल उठाया और मु करा । “अब थोड़े िवराम का समय
है, आपको नह लगता?”

जब पैट के ब ने होमवक िनबटा िलया, तो वे एयर हॉक पैड स लेने के िलए आ गए और के न बातचीत जारी
रखने के िलए पैट के पीछे - पीछे उनके ऑ फ़स म प चँ गया। दीवार यादातर काँच क थ और पैट क डे क पर
उनके सामने बैठे के न को ऐसा लगा, मानो उनके चार तरफ़ िसफ़ ऊँचे हरे पेड़ और नीला आसमान है।
“मुझे महसूस होता है, जैसे मुझे ढेर सारे सुधार करने चािहए,” उसने कहा। “ले कन काल स ने इस बात पर
ज़ोर दया था क म िसफ़ एक ही छोटे काय को चुन।ूँ म जानता ँ क मने अभी - अभी शु कया है, ले कन फर
भी मने इस बात पर ग़ौर कया है क मेरी प ी, ब े और सहकम मेरे यास क क़ नह करते ह - दरअसल, वे
मेरी ओर कु छ इस तरह देखते ह, मानो म कसी दूसरे ह से आया ।ँ ”
“म सोचता ँ क अगर मने िसफ़ एक छोटा प रवतन ही कया, तो मेरा जीवन कतना सुधर सकता है या
बेहतर बन सकता है। या यह प रवतन वाक़ई मह वपूण होगा?”
“हाँ के न, यह होगा। म इसे प े तौर पर जानती ,ँ ” पैट ने िनि तता के साथ कहा। “म आपको एक कहानी
बताती ।ँ जब मेरे इं टीट् यूट ने मुझे स ाह म कु छ दन घर पर रहकर काम करने क अनुमित दी, तो म होम
ऑ फ़स क संभावना पर उछल पड़ी। यह आदश लग रहा था, य क मुझे आने-जाने म एक-एक घंटे क या ा
करनी पड़ती थी, िजससे म पगला रही थी। मने सोचा, स ाह म कु छ दन घर पर रहकर काम करने का मतलब
होगा कम वधान आएँगे और म यादा उ पादक बन जाऊँगी।”
“देिखए, जो म सोच रही थी, वह नह आ - कम से कम शु म तो नह । दरअसल, म घर म और बाहर भी
तमाम तरह के काम खोजने लगी। म नौकरी संबंधी काम को परे रखने लगी और सोचने लगी क ज़ रत पड़ने
पर म उ ह रात को कर सकती ।ँ ”
“मेरे स ाह का अंत इस तरह आ क मुझे िजतना काम करना होता था, उसका के वल आधा ही कर पाती
थी। फर मुझे रात भर काम करना पड़ता था। मेरा हाल तो मेरे िव ा थय जैसा था, जब उ ह मुझे कोई पेपर
िलखकर देना होता था!” उनके चेहरे पर एक दुखद भाव आया, जब वे आगे बोल , “सच क ,ँ तो इससे मुझे ब त
यादा तनाव हो रहा था।”
“कायाक प इनके प म आया,” उ ह ने कहा और अपने पैर बग़ल म लहराते ए अपनी हील को एक
साथ टकराया। “मेरी बहन ने मुझे ये जूते देते ए कहा क ये मेरे कामकाजी जूते ह। उसने कहा, उ ह पहनने का
मतलब था क म काम शु कर रही ँ और उ ह उतारने का मतलब था क मेरा दन का काम ख़ म हो गया है।
इन जूत ने चम कार कर दया। जब म उ ह पहनती ,ँ तो म काम के िसवा कोई दूसरी चीज़ करना गवारा नह
कर सकती। अब मेरा काम दन म ही िनबट जाता है, अब तो मेरे िव ाथ ही ह, जो रात भर काम करते ह।
दरअसल, अब मेरी उ पादकता तब के मुक़ाबले यादा है, जब म हर दन ऑ फ़स जाती थी।”
“मुझे लगता है क आप कह सकती ह क यह काय म िसफ़ एक छोटा प रवतन था, जो बड़े प रणाम क
ओर ले गया!” के न ने कहा। “आप जानती ह, इससे मुझे मेरे एक किज़न क याद आती है, जो एक बेकरी और
कॉफ़ शॉप चलाता था। उसके टोर के सामने कोई वंडो नह थी, वेश ार भी गहरा था और उसे बाहर
फ़ु टपाथ पर साइन बोड लगाने क अनुमित नह थी। लोग को उसक दुकान दखती ही नह थी। फर एक दन
उसके दमाग़़ म एक ज़बद त िवचार आया। उसने दरवाज़े के ठीक बाहर एक तरफ़ एक छोटी टेबल लगाई। उस
पर उसने कु छ ताज़ा बेक क ई चीज़ और टेबल फ़ै न को भी रखा तथा पंखा चला दया।”
“लोग ककर आस-पास देखने लगे, जब तक क उ ह यह पता नह चला क ख़शबू कहाँ से आ रही थी।
उसक िब एक स ाह म ही दोगुनी हो गई। टेबल उसके गैराज म पहले से ही थी और पंखे का मू य 12 डॉलर
था। वह इसे एक अक मात घटी चीज़ कहता है, िसफ़ खुश क़ मती मानता है, ले कन या यह वैसा ही छोटा
प रवतन है, िजसक तलाश करने क आप सलाह दे रही ह ?”
“हाँ, के न। वा तव म, यह लीवरे ज ( उ ोलन ) का बेहतरीन उदाहरण है। लीवरे ज भौितक का अगला
िनयम है, िजसके बारे म म आपको बताना चाहती ,ँ ” पैट ने कहा और उ सुकता से आगे क ओर झुक । “लीवरे ज
वहार म एक छोटे प रवतन क शि को बढ़ा देता है। इसक बदौलत आप एक छोटा प रवतन करके यादा
बड़ा प रणाम या सुधार देख सकते ह।”
“ फर से यूटन ?” के न ने आगे झुकते ए उ सुकता से पूछा।
“नह , इस बार हम और पीछे जाना होगा - ाचीन यूनानी आकिमडीज़ तक।”
पैट ने डे क से कु छ काग़ज़ हटाए और नीचे पिसल रखकर उसके ऊपर एक लर को संतुिलत कर दया।
फर उ ह ने पास के बुकशे फ़ से एक बड़ी हाडकवर िड शनरी उठाई और के न के सामने रख दी। “अ छा तो अब
आप इस िड शनरी को डे क से उठाएँ - एक अँगुली से।”
वह एक अँगुली से िड शनरी को टेबल से थोड़ा सा उठा पाया, ले कन यह आसान नह था।
उ ह ने िड शनरी उसके हाथ से लेकर लर के एक िसरे पर रख दी। “अब लर के दूसरे िसरे - लीवर - को
एक अँगुली से थकाने क कोिशश कर।”
के न के ब त कम यास से िड शनरी टेबल से पूरी उठ गई।
“आकिमडीज़ ने इसे इस तरह कहा था क मुझे एक पया लंबा और शि शाली लीवर दे द; मुझे एक धुरी
दे द; खड़े रहने क जगह दे द और म संसार को िहला दूग
ँ ा। रोचक बात, है ना ?”

म संसार को िहला दूँगा ।


“म संसार को िहला दूग
ँ ा,” के न ने दोहराया और लीवर दबाकर िड शनरी को कु छ और बार उठाया।
“आप जो भी काय करते ह , उसम छोटा सा सही प रवतन आपके लगाए यास क तुलना म यादा बड़े
प रणाम देता है। कसी भी े म जो लोग िशखर पर ह, वे उ - लीवरे ज वाले काय के अवसर पहचानने और
उनका इ तेमाल करने म ब त िनपुण होते ह,” पैट ने कहा।
“तो यह दरअसल आपके काय करने के तरीक़े म छोटा सा सही प रवतन करने के बारे म है,” के न ने कहा।
“मेरा मतलब है, ख़ास जूते पहनना कोई बड़ा यास नह है, न ही वह काय जो मेरे किज़न ने कया। ले कन
प रणाम यास क तुलना म ब त यादा बड़े ह।”
“सही कहा, के न। यह 20 / 80 िस ांत है। हो सकता है आपने इसके बारे म सुना हो - कई बार इसे परे टो
िस ांत भी कहा जाता है।”
के न ने िसर िहलाया; उसने िजन कं पिनय म काम कया था, वहाँ िश ण स म उसका इससे पाला पड़
चुका था। पैट ने इसे उलट - पुलट दया था और 80 / 20 के बजाय 20 / 80 िस ांत कह दया था, ले कन यह
समझ म आता था - दन ढल रहा था।
“यह सब अथशा ी परे टो से शु आ, िज ह ने इस बात पर ग़ौर कया क 20 ितशत लोग 80 ितशत
दौलत के वामी होते ह, पैट ने कहा। “बाद म पता चला क यह संबंध हर जगह देखा जा सकता है। औसतन
कसी कं पनी के 20 ितशत ॉड स इसक 80 ितशत आमदनी के िलए िज़ मेदार होते ह, रे तराँ क 80
ितशत आमदनी उनके मे यू के 20 ितशत ंजन से होती है। कॉलेज म तक़रीबन 20 ितशत िव ा थय को
मेरे लगभग 80 ितशत समय क ज़ रत होती है। आप भी शायद 20 / 80 िस ांत को हर दन स य देख सकते
ह।”
के न ने उन सभी 20 / 80 िवभाजन के बारे म सोचा, िज ह वह अपनी नौकरी म देख सकता था।
फर वह बोला, “पैट, म िनि त प से इसे अपने जीवन के सभी पहलु म स य देख सकता ँ - ले कन
शायद आपको पता होना चािहए क इसे दरअसल 80 / 20 िस ांत कहा जाता है।” वह नह चाहता था क
इतनी चतुर मिहला दूसर के सामने ग़लत श दावली का इ तेमाल करके लि त हो। “आम तौर पर इसका
इ तेमाल व तु के मामले म कयाजाता है - जैसे कसी कं पनी के 80 ितशत ॉड स इसक 20 ितशत
िब के िलए िज़ मेदार होते ह, जैसा क आपने अभी - अभी िज़ कया था। ले कन शायद हम इस बारे म बात
कर रहे थे क हम चीज़ करने के अपने तरीक़ को कै से बदल।”
“ओह, हाँ! गंभीरता से, आप मेरी क ा म कब दािख़ला ले रहे ह ?” वे डे क के पीछे से उछल और एक बड़ा
हाइटबोड खोल दया। प प से वे इसके एक िसरे पर कोई सम या सुलझा रही थ - पैट क िलखी बात के न
को श द के बजाय िच िलिप जैसी लग रही थ - इसिलए पैट ने इसे दूसरी तरफ़ कर दया, जो साफ़ था।
“हमारा वहार - य द आप चाह, तो कह सकते ह हमारा काय िनि त प रणाम क ओर ले जाता है।”
उ ह ने रे खािच ख चा:

“20 / 80 िस ांत यहाँ भी लागू होता है। यह कसी वेअरहाउस के ॉड स और ाहक जैसे बाहरी घटक
से परे जाता है। इसका संबंध सीधे आपसे है, के न। हर ि से है। इसका संबंध सीधे आपसे, आपके काय से और
उन काय ारा उ प प रणाम से है।”
“हम जानते ह क अगर हम अपने काय करने के तरीक़े म एक छोटा प रवतन कर द, तो लीवरे ज क शि
के कारण हम यादा बड़े आकार के प रणाम िमल सकते है। सही है ?”
“हाँ,” के न ने कहा और फर पैट ने रे खािच म जोड़ा :

अगर हम अपने काय करने के तरीक़ म एक छोटा प रवतन कर द, तो लीवरे ज क शि के


कारण हम यादा बड़े आकार के प रणाम िमल ह। सकते ह।
“जैसा आप देख सकते ह, आपको प रणाम पर यान क त नह करना चािहए; आपको तो उन वहार
पर यान क त करना चािहए, जो यादा आकार के प रणाम उ प करते ह। आपको ऐसे काय को पहचानने
और शु करने क ज़ रत है, जो यादा बड़े प रणाम उ प कर,” पैट ने कहा। “इसीिलए म इसे 20 / 80
िस ांत कहती ।ँ ”
उ ह ने एक शीषक देकर रे खािच पूरा कया :

“इसे 20 / 80 िस ांत कहने से हमारा यान वहाँ क त होता है, जहाँ इसे सचमुच क त होना चािहए :
हम अपने काय म उन छोटे प रवतन पर यान क त करने क ज़ रत होती है, जो हमारे प रणाम म बड़े
प रवतन उ प कर।”
“20 / 80 िस ांत, के न ने कहा और इसक कठोर परी ा ली। उसे इसक खनक पसंद आई थी और इससे
सचमुच फ़ोकस वह आ गया, जहाँ इसे होना चािहए था। “उस आम उदाहरण के साथ भी, िजसम कसी कं पनी
के 20 ितशत ॉड स 80 ितशत आमदनी के िलए िज़ मेदार होते ह, म देख सकता ँ क इसे 20 / 80
िस ांत मानने से यादा मदद िमलती है। पहले 80 ितशत आमदनी के बारे म सोचने के बजाय पहले उन 20
ितशत ॉड स के बारे म सोचना यादा उपयोगी होता है, जो 80 ितशत आमदनी उ प कर रहे ह।”
उसने कं पिनय के िलए उन बेहतर प रणाम क क पना क , बशत वे उन 20 ितशत ॉड स क
िवशेषता पर, उ ह ख़रीदने वाले ाहक पर यान क त कर और बाज़ार म वैसे ही नए ॉड स लाएँ आ द।
फर के न मु कराया और उसे अहसास आ क 80 / 20 के बजाय 20 / 80 पर यान क त करना भी काय म एक
छोटे प रवतन का उदाहरण था, जो बड़े आकार के प रणाम उ प कर सकता था, य क इसक वजह से आप
काम के उन छोटे प रवतन पर यान क त करने लगते थे, जो उपलि ध म बड़े प रवतन उ प कर सकते थे।
“आपको देखना चािहए क काल स ने लीवरे ज क शि समझने के बाद अपनी कं पनी म या कया,” पैट
ने कहा। “उ ह ने कं पनी के हर ि को एक ितशत का फ़ॉमूला बताया और उन सभी से कहा क वे 1 ितशत
बेहतर बनने के िलए ख़द को सम पत कर।”
“म सोचता ँ क यह ब त ब ढ़या है,” के न ने कहा। “मेरा मतलब है, 1 ितशत सुधार से कौन इं कार कर
सकता है ?”
“िबलकु ल। फर उ ह ने अपने अधीन थ लोग के साथ ब त समय लगाकर वहार के उन छोटे प रवतन
को पहचाना, िजनसे बड़े आकार के प रणाम िमल।”
“उ ह ने जो एक चीज़ क , वह ब त सरल थी। उ ह ने यह सुिनि त कया क हर ि अपने सहक मय
से यादा स मानजनक और सकारा मक वहार करे , य क शोध से पता चलता है क आप एक - दूसरे के साथ
जैसा वहार करते ह, अंततः अपने ाहक के साथ भी वैसा ही वहार करने लगते ह।”
“ फर वे से स िडपाटमट म गए और अपने तीन से स मैनेजर के साथ काम करके उ - लीवरे ज वाले उन
दो - तीन प रवतन को पहचाना, जो से समैन अपनी कायशैली म कर सकते थे। प रवतन करना से समैन के
िलए इतनी बड़ी बात नह थी, ले कन उन प रवतन से कं पनी का मुनाफ़ा काफ़ बेहतर हो गया।”
“काल स कहते ह क प रणाम आ यजनक थे। हो सकता है क प रवतन तुलना मक प से छोटे ह ,
ले कन वे उ - लीवरे ज वाले प रवतन थे, इसिलए उनक कं पनी अब और भी यादा लाभकारी है।”
“कु छ महीन बाद मेरे पास आकर उ ह ने एक रोमांचक खोज के बारे म बताया,” उ ह ने कहा। “प रवतन
का एक साइड इफ़े ट (गौण भाव ) था - एक आ यजनक साइड इफ़े ट।”
“जब आप तालाब के बीच म एक प थर िगराते ह, तो इससे लहर उठकर बाहर क ओर फै लती ह और पूरे
तालाब पर असर डालती ह। यही एक ितशत के फ़ॉमूले के साथ होता है। एक बार जब आप अपने काय करने के
तरीक़े म सही प रवतन शु कर देते ह, तो भाव बाहर क ओर फै लता है और वेश के शु आती बंद ु के आस -
पास सभी संबंध को भािवत करता है।”
“सचमुच ?” के न ने पूछा। “ कस तरह ?”
“काल स के मामले म ज द ही कं पनी का हर ि अपने काम म यादा पूणता से संल हो गया।
कमचारी अपने मैनेजर के पास जाकर उन प रवतन के सुझाव देने लगे, िजनसे यादा आकार के प रणाम िमल
सक।”
“तो, हो यह रहा था क कं पनी म कई लोग ने अपने वहार म कु छ छोटे ले कन लीवरे ज वाले प रवतन
कर िलए थे, िजसके फल व प काफ़ सुधार आ,” के न ने कहा और यह सुिनि त करना चाहा क उसने बात
को सही समझा है। “इससे कोई फ़क़ नह पड़ता था क उ ह ने जो कया था, वह के वल 1 ितशत प रवतन था,
य क यह ऐसा प रवतन था, िजसने यादा बड़े आकार के प रणाम दए। लहर पूरी कं पनी म फै ल ग ।”
“सही कहा, के न। एक बार जब लोग ने प रणाम देख,े तो वे दूसरी नई चीज़ आज़माने के िलए े रत हो
गए। जब वे कारगर रह , तो वे यह काय और यादा करते रहे। वैसे यह गित क़ायम रखने का ऐसा उदाहरण है,
जो असली ज़ंदगी से िलया गया है। इससे हम ेरणा - काय रे खािच पर वापस लौट आते ह, देखा ?” पैट ने कहा
और के न क नोटबुक का प ा पलटा। उ ह ने पिसल उठाई और पूछा, “ या म इसम कु छ जोड़ सकती ँ ?”
“ज़ािहर है,” के न ने कहा।
पैट ने एक श द िलखा, िजससे अब यह इस तरह हो गया:

के न ने बाहर पेड़ के ऊपरी िह स को देखा और पल भर के िलए सोचा क उ - लीवरे ज वाले सही


प रवतन उसके ऑ फ़स म कै सा भाव डाल सकते ह। उसने क पना क क यह कै सा होगा, जब भाव पूरे
ऑ फ़स म लहर क तरह फै लेगा और जब ेरणा - काय च क बदौलत हर ि अपनी नौकरी म यादा
संल ता महसूस करने लगेगा। उसने सपना देखा क गित पूरी या को जारी रखने म कै से मदद करे गी।
उसे हर चीज़ को ज ब करने के िलए पल भर का समय देने के बाद पैट ने आगे कहा, “देिखए के न, म आपको
यह आभास नह देना चाहती क यह एक ऐसी चीज़ है, जो िसफ़ बड़े कॉरपोरे शन के िलए है। म हमेशा अपने
िव ा थय को बताती ँ क भौितक के िनयम हर उस चीज़ पर लागू होते ह, िजसे हम चार ओर देख सकते ह -
और ब त सारी ऐसी चीज़ परभी, िज ह हम नह देख सकते! म यही बात आपसे भी कहना चाहती ।ँ ”
“ये िस ांत आपके जीवन के हर पहलू पर लागू होते ह। वे क रयर, सेहत, फ़टनेस और कसी नई यो यता
को सीखने या कसी पुरानी यो यता को िनखारने पर भी लागू होते ह,” उ ह ने कहा।
“संबंध पर ?” के न ने पूछा।
“एक ितशत का फ़ॉमूला मेरी िनजी ज़ंदगी म वाक़ई मह वपूण रहा है,” पैट ने जवाब दया। “जब
काल स ने मुझे उनके प रणाम के बारे म बताया और मने देखा क लीवरे ज और गित को एक ितशत का
िमलाकर सही तरीक़े से उपयोग करना संल ता म बदल सकता है, तो मुझे एक ऐसी चीज़ का अहसास आ,
िजस पर मुझे गव नह था,” उ ह ने धीरे से कहा।

एक ितशत का फ़ॉमुला मेरी िनजी ज़ंदगी म वाक़ई अहम रहा है।

के न ज दी से िखड़क के बजाय उनक ओर देखने लगे।


“म अपने िववाह म पूरी तरह संल नह थी। म अपने ब के साथ पूरी तरह संल नह थी। म पूरी तरह
से मौजूद नह थी।”
के न अब िसर िहला रहे थे, एक दो ताना संकेत दे रहे थे, ता क वे जान सक क वे िनि त प से अके ली
नह थ ।
“ओह, मेरे भीतर क वै ािनक ऐसी बात क आदी नह है, ले कन देिखए मने दरअसल छोटी चीज़ से शु
कया। वे अब एक तरह से हा या पद लगती ह..”
“पैट, आगे बोल। म शत लगाता ँ क आप िजतना सोचती ह, वे उससे ब त कम हा या पद ह गी और
ब त मददगार भी ह गी।”
“ठीक है, तो सबसे पहले मने िनणय िलया क जब मेरे प रवार वाले मुझसे बात करगे, तो म अपना यान
भटकने नह दूग
ँ ी। सुनते समय म उनसे नज़र िमलाकर उन पर पूरा यान दूग
ँ ी।”
“हर दन म एक चीज़ क ँ गी, जो दखाए क म उनसे ेम करती ँ - एक आ लंगन, एक चुंबन या म तुमसे
यार करती ँ ’ कहना।”
“स ाह म एक दन म कु छ ख़ास क ँ गी, जैसे उनका पसंदीदा भोजन बनाऊँगी या उनका कोई काम
क ँ गी।”
के न एक बार फर दूर मुड़ गया; उसक आँख थोड़ी नम हो गई थ । “पैट, ये करने के िलए बेहतरीन चीज़
ह,” उसने कहा। उसके ि य गीत क एक पंि उसके दमाग़़ म आई : “एक दयालुतापूण श द कभी अनसुना नह
जाता, ले कन अ सर यह अनकहा रह जाता है।” उसने सोचा, यह उन श द को कहना शु करने का समय था।
वा तव म, पैट ने िजन काय कािज़ कया था, वे सभी आसान थे, िज ह वह त काल शु कर सकता था और
उनका ब त बड़ा भाव पड़ेगा।
“घर पर भी लहर भाव नज़र आने लगा - हालाँ क तुरंत नह ,” पैट ने कहा। वे हँसते ए आगे बोल , “म
आपक बात का मतलब समझती ँ क आपको इस तरह देखा जाता है, मानो आप कसी दूसरे ह से आए ह ।
ले कन लंबा समय नह लगा, जब भाव न िसफ़ मेरे ब और पित तक, बि क दो त और प रवार वाल तक
भी फै लने लगा। काफ़ ज दी, मुझे यादा आ लंगन िमल रहे थे, मेरे िलए कभी - कभार मेरा पसंदीदा भोजन
बनाया जा रहा था और म ग़ौर कर रही थी क जब म बोलती थी, तो लोग मेरी बात पर पूरा यान देते थे।”
“आपको यक़ न है क यह िसफ़ ख़याली पुलाव नह है ?”
“ओह हाँ। इसके समथन म वै ािनक माण है,” उ ह ने जवाब दया और के न ने ग़ौर कया क अब वे
दोबारा त य के बारे म बात करने पर ब त सहज लग रही थ ।
“य द आपका कोई मोटा िम है, तो आपके मोटे होने क 57 ितशत यादा संभावना है,” उ ह ने कहा।
“य द आप धू पान करते ह और आपका कोई िम िसगरे ट पीना छोड़ देता है, तो आपके 30 ितशत सफल होने
के यादा अवसर ह, बजाय तब के अगर आपके िम िसगरे ट पीते ह ।”
“यह दरअसल काफ़ रोचक शोध है।” उ ह ने अपनी डे क क दराज़ खोलकर उसम से एक काग़ज़ बाहर
िनकाला। के न ने ग़ौर कया क इसके सबसे ऊपर िलखा था, “कने टेड, िनकोलस टे कस और जे स फ़ाउलर
ारा।”
“ये हारवड और यूसीएलए के ोफ़े सर ारा िलखी पु तक पर मेरे नो स ह, जो उनके दीघकालीन अ ययन
पर आधा रत थी। उ ह ने पाया क जब आप यादा ख़श होते ह, तो इसका एक गहन लहर भाव हो सकता है।
इससे आप ऐसे लोग को भी यादा खुश कर सकते ह, िज ह क भले ही आप नह जानते ह ।”
“आप मज़ाक़ तो नह कर रही ह ?”
“यह सच है। अगर आप ख़श होते ह” - उ ह ने अपने नो स से पढ़ना शु कया - “तो आपके पड़ोसी के
ख़श रहने क संभावना 34 ितशत यादा रहती है।”
“आपके जीवनसाथी के ख़श रहने क संभावना 8 फ़ सदी यादा होती है।”
“एक मील के भीतर रहने वाले भाई - बहन के ख़श रहने क संभावना 14 ितशत यादा होती है।”
“एक मील के भीतर रहने वाले िम के ख़श रहने क संभावना 25 ितशत यादा होती है।”
“आपके िम के िम के ख़श रहने क संभावना 10 ितशत यादा होती है।”
“वाह, िम का िम भी,” के न ने बीच म कहा।
“इं तज़ार कर, आपको यह ब त पसंद आएगा। आपके िम के िम के िम के ख़श रहने क संभावना 5.6
ितशत यादा होती है।”
“ज़ािहर है, यह िसफ़ एक ही दशा म वािहत नह होता है। यानी अगर आपका पड़ोसी ख़श है, तो इससे
वाभािवक प से 34 ितशत संभावना बढ़ जाती है क आप और आपका प रवार ख़श ह गे।”
के न एक साथ हत भ और ख़श दख रहा था। “ये िसफ़ आकिमडीज़ ही नह ह। हमम से हर ि म
दरअसल संसार को िहलाने क शि , नह है या ?”
“एक बार म एक ितशत!” पैट ने आगे जोड़ दया।

हमम से हर ि म दरअसल संसार को िहलाने क शि है, एक बार म एक है ितशत!


4

अ यास िनपुण य नह बनाता है और इस बारे म या कर

क◌े नउ कृने सोचा, कोच िजम ने सही कहा था क यह बेहतरीन या ा रहेगी। उसे यक़ न नह हो रहा था क
ता हािसल करने के ित सम पत होने के बाद वह कतनी अद्भुत जगह पर जा रहा था और
कतने कमाल के लोग से िमल रहा था। आज कै ज़अल पोशाक वाला शु वार था। उसे ऑ फ़स म
सािथय क ित या देखकर ब त अ छा महसूस आ, जब उसने उ ह बताया क उसने अलमारी के िबलकु ल
नीचे से अपने बो टंग शू ढू ँढ़ िनकाले थे और वह शॉट् स पहनकर य आया था : वह ऑ फ़स के बाद नाव चलाने
जा रहा था। उसका दल ज़मीनी िनयम को तोड़ने के िलए ललचा रहा था, ले कन अंततः उसने उस आदमी का
नाम नह बताया, िजसक नाव पर वह सवारी करने वाला था – एक स मािनत वसाय मािलक, जो समय -
समय पर कारोबारी ख़बर क सु ख़य म आते रहते थे।
शाम को जब वह अपनी डे क से उठने लगा, तो के न ने अपनी नोटबुक को देखा। अब इसम पैट से सीखी
बात शािमल हो चुक थ यानी गित और लीवरे ज के िनयम, जो एक ितशत के फ़ॉमूले का आधार ह। के न को
लगा क नोटबुक नाव पर ले जाना मुनािसब नह होगा। उसक सीखी बात क सूची इस तरह थी :
1. काय करने से वह िनि यता दूर होती है, जो आपको उसी जगह रोके रहती है।
2. गित आपको चलायमान रखती है।
3. सही लीवरे ज आपके यास क तुलना म यादा बड़े प रणाम देता है।
4. 20 / 80 िस ांत के कारण आपको अपने काय म छोटे प रवतन क तलाश करनी चािहए, जो
आपके प रणाम म बड़े प रवतन उ प कर द।

5. गित, लीवरे ज वहार और लहर भाव संल ता क ओर ले जाते ह।


हालाँ क वह मानता था क वह कभी - कभार धीमा पड़ जाता था, ले कन िपछले दो स ाह म वह
यादातर वे छोटे प रवतन कर रहा था, जो उसने अपने ऑ फ़स और घर पर करने के िलए चुने थे। इ ा - दु ा
मौक़ पर उसने सोचा क शायद उसे थोड़ा सा लहर भाव दख रहा था, िजसके बारे म पैट ने बात क थी।
जब उसने एक कोरा पेज पलटा, िजसे वह अपने अगले िश ण स के बाद भरने वाला था, तो उसे रोमांच
क गूँज महसूस ई।

बॉब प प से गपशप म यक़ न नह करते थे। जब वे लोग बंदरगाह म बँधी दूसरी नाव के बीच से होते ए
घाट से बाहर िनकल रहे थे, तो उ ह ने के न को आव यक िनदश देने के अलावा कु छ नह कहा। के न ने सोचा, इस
वसायी और नािवक म शांत आ मिव ास कू ट - कू ट कर भरा है। वह शत लगाने को तैयार था क जब बॉब
कु छ कहते ह गे, तो लोग िनि त प से सुनते ह गे।
एक बार जब वे ज़मीन और दूसरी नाव के रा ते से दूर प च
ँ गए, तो उ ह ने पाल उठा दी। पल भर वे
दो ताना ख़ामोशी म वहाँ बैठे रहे। उनक िनगाह समु के िव तार और सामने के आसमान पर थी, जब नाव
पानी को काटती ई आगे बढ़ी।
फर बॉब ने इशारा करते ए के न से कहा, “हम उस तरफ़ जा रहे ह।” यह एक छोटा टापू था - समु के
ऊपर िनकला एक तरह का चट् टानी टु कड़ा। के न क हथेिलय म थोड़ा पसीना आ गया, जब उसे अहसास आ
क ठीक उसी दशा से एक तेज़ हवा बह रही थी, यानी उ ह हवा के िखलाफ़ नाव चलानी होगी। बॉब ने पूछा,
“आपको याद है क टैक कै से कया जाता है यानी हवा के िख़लाफ़ नाव कै से चलाई जाती है?”
के न ने थोड़ी अिनि तता से िसर िहलाया। वह जानता था क जब आप हवा के िख़लाफ़ नाव चला रहे ह ,
तो आपको इस तरह य करना होता है, ता क हवा पहले एक तरफ़ से और फर दूसरी तरफ़ से पाल म भर जाए।
इस तरह आप आड़ी - ितरछी नाव चलाते ए अपनी मंिज़ल तक प च ँ ते ह। ब त साल से उसने यह काम नह
कया था, ले कन उसने सोचा, कु छ समय म यह उसे याद आ जाएगा।
बॉब ने के न को दखाया क यह काम सफलतापूवक कै से कया जाता है। वे पहले नाव को एक दशा म,
फर दूसरी दशा म ले गए, ले कन हमेशा टापू क ओर लगभग 40 ितशत का कोण क़ायम रखा। फर वे गित
बढ़ाने लगे और हर बार यादा ज दी दशा बदलने लगे। बॉब नाव घुमाते जा रहे थे, िजस वजह से संतुलन बनाने
के िलए के न को इधर से उधर कू दना पड़ रहा था। उसे ऐसा लगा, मानो वह एक बार फर हाई कू ल फु टबॉल
अ यास म प च ँ गया हो और एक दन म दो अ यास कर रहा हो। बराबरी करने के िलए उसे कठोरता से यान
क त करना पड़ा, िसफ़ एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ उछलने म ही नह , बि क सामने वाली ितकोनी पाल क
रि सयाँ ढीली करने म भी – फर वह उ ह िवपरीत िसरे पर ख च रहा था, जब क बॉब मु य पाल को सँभाल रहे
थे।
भ ह से पसीना प छने के िलए उसे एक पल का समय देने के बाद बॉब ने पतवार फे रने वाली मु ठया का
िनयं ण के न को थमा दया और कहा, “अब यह काम आप कर।” के न का मुँह सूख गया और उसके चेहरे पर
नमक न पानी पड़ने लगा, जब वह नाव को हवा के िख़लाफ़ ले जाने लगा या यह उसक क पना थी या वाक़ई
हवा अचानक यादा तेज़ हो गई थी?
कु छ समय तक उसी दशा म चलने के बाद के न ने दशा बदलने का फ़ै सला कया। उसने पतवार को
सावधानी से धकाया - कु छ यादा ही सावधानी से और प प से पया दूर नह , य क नाव को मोड़ पूरा
करने के िलए जो गित चािहए थी, वह नह िमल पाई। हवा तेज़ी से सीधे उन पर पड़ी। के न च कत था क इस
पल भी उसके दमाग़ म इतनी प ता थी क वह पैट और उसक कही बात के बारे म सोच सके जो क कोई
गितमान व तु गित म ही बनी रहती है, जब तक क उस पर कसी बाहरी शि ारा काय न कया जाए...
पाल भरने के बजाय िसफ़ फड़फड़ाती रही और नाव क गई। के न के िलए यह श मदगी क बात थी क
हवा शायद नाव को पीछे क ओर धके ल रही थी। बॉब के चेहरे पर िशकन तक नह आई और उ ह ने बस इतना
ही कहा क वह पतवार फे रने वाली मु ठया को पूरे रा ते थामे रहे, जब तक क नाव पीछे जाना बंद न हो जाए
और एक दशा म ह क ितरछी न चलने लगे। ज द ही हवा पाल म भर रही थी और वे एक बार फर से सही
दशा म जा रहे थे।
“यह नाव चलाने क सबसे बुिनयादी यो यता म से एक है, िजसम आपको मािहर बनना होता है। - अपने
आस - पास क ि थितय पर यान देना और ित या म उनके अनु प इस तरह ढलना, ता क आप हमेशा आगे
बढ़ते रह,” बॉब ने कहा। थोड़ा ठहरने के बाद उ ह ने आगे जोड़ दया, “जीवन क तरह ही।”
चट् टानी टापू क ओर इशारा करते ए उ ह ने आगे कहा : “मान ल, वह आपका ल य है। आपको यह
समझ लेना चािहए क अगर आपको िसफ़ ितरोध ही िमल रहा है, तो शायद आपको थोड़े अलग कोण से अपने
ल य क ओर जाना चािहए। अपने ल य को जान ल, फर सही दशा पर यान क त कर, जो आपको उसक
ओर ले जाती हो।”
“के न, इसका मतलब यह भी है क आपको ि टय रं ग हील पर सोना नह है।”
“जी सर,” उसने जवाब दया।
“क पना कर, अगर आप अपने यान को अपनी दशा और अपने ल य से भटकने द, तो या होगा,” बॉब ने
कहा। “क पना कर, अगर आप इसे िसफ़ 1 ितशत ही भटकने द।”
“म टापू पर प च
ँ ने के बजाय उसके पास से गुज़र जाऊँगा ; यह काफ़ छोटा है।”
“सही कहा, के न। फर इसक ओर दोबारा लौटने म आपका समय बबाद होगा। या आप उस चट् टान से भी
टकरा सकते ह, जो पि म दशा म पानी के नीचे है,” बॉब ने जवाब दया। “ज़ािहर है, आप टापू से यादा नह
भटक सकते, य क यह क़रीबी ल य है, है ना?”
“िनि त प से।”
“ले कन मान लेते ह क आपके सामने कोई लंबी अविध का ल य है। मान ल, म आपसे कहता ँ क आप
हम नाव से इं लड ले चल।”
“तब तो मुझे कु छ फ़ोन करने ह गे - मेरे पास कु छ चीज़ ह, जो मुझे अपने शेड्यूल से हटानी ह गी,” के न ने
हँसते ए कहा।
बॉब मु कराए और बोले, “हाँ, हम िनि त प से यादा लंबी समु ी या ा करनी होगी - य द
प रि थितयाँ अ छी रह , तब भी शायद 30 - 40 दन लग जाएँग।े अगर आप इतनी दूरी म औसतन िसफ़ 1
ितशत ही भटक - यह मानते ए क आप िबना दशा बदले सबसे छोटे माग पर चलते ह, जो आप कसी तरह
नह कर सकते - तब भी आप अंततः या तो ांस प चँ जाएँगे या फर आयरलड, जो इस बात पर िनभर करे गा
क आप दा तरफ़ 1 ितशत भटके थे या बा तरफ़ 1 ितशत भटके थे।”
के न ने कहा, “यह बस 40 दन आगे का ल य है और ल य से भटकाव िसफ़ 1 ितशत ही है। मेरे कु छ ल य
उससे कह यादा दूरगामी ह और म दशा से इससे यादा भटक सकता ।ँ ” उसने इस बारे म सोचा क वह पाँच
साल म कहाँ प च ँ ना चाहता था। उसने उस समय के बारे म सोचा, जब उसके ब े कॉलेज के िलए तैयार ह गे।
उस बारे म भी, जब वह रटायर होने के िलए तैयार होगा...
“एक ितशत मायने रखता है, के न। यह मायने रखता है।”
के न ने सोचा, बॉब म लीडर का असं द ध आभामंडल था। उनके सफ़े द बाल ब त छोटे थे और उनका डील -
डौल तथा वचा पैदाइशी नािवक जैसी थी।
“बॉब आप नौकायन म इतने अ छे कै से बन गए? या कोई रह य है? आप नैस गक ितभा के धनी दखते
ह।”
“मज़ाक़ कर रहे ह?” बॉब ने कहा। “जहाँ म पैदा आ था, वहाँ बस खेत ही खेत थे। समु क बात तो रहने
ही द, हमने शायद ही कभी ि व मंग पू स देखे थे। कशोराव था म मेरा एक किज़न झील के पास रहने लगा और
उसने एक पाल नौका ख़रीदी। हर ग मय म म वहाँ जाता था और ज दी ही म नौकायन का दीवाना हो गया।”
“ले कन म नैस गक ितभा का धनी क़तई नह था। मने घाट से नाव िनकालने या पाल उठाने म कई
ग़लितयाँ क । म नाव उलटा देता था। मने ज़मीन म नाव टकरा दी। वैसे म अ यास करता रहा। मने अपने से पाँच
- छह साल छोटे ब के साथ ारं िभक नौकायन िश ण िलया। मने लास के पहले और बाद म अ यास कया।
मने अ यास म एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा घंटा लगाया, जब तक क म ित पधा के लायक़ नह
होगया और अंततः मेरी ख़द क नाव नह हो गई, िजससे म रे स करता था। हम - इसे रे स म दौड़ाने के िलए छह
लोग क ज़ रत होती थी - स ाह के दौरान अ यास करते थे और रे स के बाद सवाल पूछकर िव ेषण करते थे।”
बॉब के न का सारा यान ख चने के िलए ठहरे और फर उ ह ने कहा, “एक अ यंत मह वपूण चीज़ है, जो
आपको एक ितशत के फ़ॉमूले के बारे म जान लेना चािहए। ‘ वाभािवक’ जैसी कोई चीज़ नह है।”
“उन सफल लोग के बारे म भूल जाएँ, िजनम कसी चीज़ क वाभािवक नैस गक ितभा होती है। यह
बकवास है। सब कु छ अ यास का मामला है।” बॉब ने फर के न से पूछा, “ या कोई ऐसी चीज़ है, िजसम आप
सचमुच अ छे होना चाहते ह?”
“िनि त प से,” के न ने कहा। उसे महान नािवक बनने क उतनी यादा परवाह नह थी, ले कन क रयर,
संबंध , पा रवा रक जीवन और वा य तथा फ़टनेस के बारे म ब त सी चीज़ थ , िजनम वह सचमुच अ छा
बनना चाहता था।
“देिखए, अगर आप कसी चीज़ म अ छे बनना चाहते ह, तो मुझे परवाह नह है क कोई दूसरा या कहता
है, ले कन यह सब अ यास के बारे म है। अ यास कर, अ यास कर, अ यास कर। दरअसल, सव े लोग म
सव े बनने के िलए आपको 10,000 घंट का अ यास करना होगा।”
के न ने उनक ओर भावशू य अंदाज़ म देखा। यह आँकड़ा वे कहाँ से उठा लाए थे?
“यह कई अलग - अलग अ ययन म सािबत कया जा चुका है,” बॉब ने आगे कहा। “य द आप कसी भी
चीज़ - वसाय, गिणत, िव ान, संगीत, सािह य, शतरं ज, ताश, चाहे जो हो – म उ कृ तर पर प च
ँ ना
चाहते ह, तो इसके िलए 10,000 घंट के सुिनयोिजत अ यास क ज़ रत होती है।”
“ले कन यह ब त लंबा समय है। अगर आप हर स ाह 20 घंटे अ यास कर - तब भी इसका मतलब 10
साल होता है।”
‘ओ - ओह।”
“उन लोग के बारे म या, जो अिव सनीय ितभा के साथ पैदा होते ह? जैसे... जैसे कोई ितभाशाली
िपयानो वादक?”
“के न, दरअसल मेरी नाितन भी एक शीष थ शा ीय संगीतकार है। वह वायिलन वादक है। मने देखा है क
वह कतने घंटे रयाज़ करती है। कसी ने तो यह अ ययन भी कया था क उस जैसे लोग अ यास म कतना
समय लगाते ह : एंडस ए रकसन नामक एक मनोवै ािनक ने कु छ अ य िवशेष के साथ िमलकर एक उ कृ
संगीत कू ल म वायिलनवादक का अ ययन कया। उसने उ ह तीन ेिणय म िवभािजत कर दया : एक वे
िजनका टार बनना तय था, दूसरे वे जो सचमुच अ छे थे और पेशेवर वादन कर सकते थे और तीसरे वे जो अ छे
तो थे, ले कन बेहतरीन नह थे और जो संभवत : आगे चलकर वायिलन िश क बनगे।”
“एकमा फ़क़ जो उ ह िमला? संगीतकार ारा कए गए अ यास के घंट क सं या। जो िश क बनने
लायक़ थे - उ ह ने 4,000 घंटे लगाए। जो सचमुच अ छे थे और पेशेवर वादन कर सकते थे - 8,000 घंटे। सबसे
ऊपर, ितभाशाली एकल वादक?” उ ह ने कहा और जवाब के िलए के न क ओर देखा।
“मुझे अंदाज़ा लगाने द... 10,000 घंटे।” दोन ि एक साथ मु कराने लगे।
“वै ािनक को नैस गक ितभा का धनी एक भी ऐसा ि नह िमला - जो इतने अ यास के िबना िशखर
पर िसफ़ इसिलए प च ँ ा हो, य क उसम नैस गक ितभा थी,” बॉब ने जोड़ा। “आप जानते ह, बेहतरीन बात
या है? उ ह एक भी ऐसा दुखी ि नह िमला, जो पूरे दल से अ यास कर रहा था, ले कन कह नह प च ँ
पाया था।”
“सीखने वाली बात यह है : य द आप अ यास म समय और यास लगाते ह, तो आपको सुधार दखेगा।
य द आप सुधार देखना चाहते ह, तो आपको अ यास करना होगा।”
“बॉब, म यह सोचे िबना नह रह सकता, या यह कारोबार म भी सही होता है? कु छ लोग म सही क़दम
उठाने का सहज बोध होता है। मेरा मतलब है, देख तो सही क िबल गे स ने कतना कु छ कर दया है, िजसके
कोई क़रीब भी नह प चँ पाया है।”
“ठीक है, िबल गे स को ही देख ल,” बॉब ने जवाब दया। “मै कम लैडवेल ने अपनी पु तक आउटलायस म
उनके बारे म िलखा है। उ ह ने बताया है क िबल हाई कू ल म िजम से ग़ायब हो जाते थे। यही नह , ो ा मंग
सीखने के िलए वे आधी रात को युिनव सटी के कं यूटर से समय चुराने भी जाते थे। इसीिलए उनके माता - िपता
हमेशा हैरान रहते थे क सुबह उ ह उठाना इतना मुि कल य होता था! ले कन जब तक उ ह ने हारवड क
पढ़ाई छोड़ी, तब तक वे 10,000 घंट से यादा क ो ा मंग का अ यास कर चुके थे। उ ह ने संसार के लगभग
हर अ य ि से यादा अ यास कर िलया था।”
के न को पूरी तरह िव ास नह आ था। िनि त प से, कु छ लोग तो महान बनने के िलए ही पैदा होते ह।
“शीष थ िखलािड़य के बारे म या कहगे? मेरा मतलब है, वेन ेट क को देख। वह आदमी ऐसी चीज़ देख
सकता था, िज ह कोई दूसरा नह देख सकता था। मुझे याद है, वे बफ़ पर पूरी तेज़ी से दौड़ते थे और अपनी टीम
के साथी को पीछे क तरफ़ पक का पास दे सकते थे, जो उ ह दखाई ही नह देता था।” के न ने अचरज म िसर
िहलाया, जब उसने ेट क के दाँव को बार - बार अपने दमाग़ म देखा और सोचने क कोिशश क क ेट क
ने ये जादुई कारनामे कै से कए। “वे ख़द भी इसका कारण नह जानते थे! उ ह ने कहा था क उनके अंदर एक
‘भावना’ रहती थी क बाक़ िखलाड़ी बफ़ पर कहाँ थे, इसिलए वे िबना देखे ही पास दे सकते थे। वे वहाँ नह
जाते थे, जहाँ पक थी; वे तो वहाँ जाते थे, जहाँ पक प च
ँ ने वाली थी।”
बॉब ने कहा, “ऐसा लग सकता है क उनके पास छठी इं य थी, ले कन इन चीज़ का अ ययन करने वाले
खेल वै ािनक कहते ह क ऐसी बात नह थी। दरअसल, उनका मि त क उनके आस - पास के सारे संकेत क
ोसे संग कसी दूसरे से यादा अ छी तरह कर लेता था। इस बारे म सोच। आपको या लगता है, उ ह ने इस
खेल म कतने घंट का अ यास कया होगा? उन हज़ार घंट से शु कर, जो उ ह ने अपने घर के पीछे घरे लू बफ़
के मैदान पर दूसरे ब के साथ िबताए? फर अपनी टीम के सािथय के साथ हज़ार घंटे का अ यास कया।”
“म एक पूव कॉलेज िखलाड़ी को जानता ,ँ िजसका यान इस बात पर गया क जब भी उसके िवरोधी कोई
दाँव बनाने वाले होते थे, तो बफ़ पर उनके के स क आवाज़ बदल जाती थ । इस ान से उसे उनके दाँव को
िवफल करने का दूसर से यादा समय िमल जाता था। य द मेरा िम यह भाँप सकता था, तो ज़रा सोच क
े क शायद अपने पीछे बफ़ पर के स क आवाज़ सुनकर ही सटीकता से जान जाते थे क पास कहाँ देना है –
हालाँ क वे चेतन प से इस बारे म सोच भी नह रहे थे।”
“वै ािनक ने एक वीिडयो - गेम िश ण तैयार कया है, जो ेट क जैसे हॉक िखलािड़य को मैदान क
बेहतर अनुभूित करा सके । वे उ ह अपने आस - पास के िखलािड़य क जानकारी को यादा अ छी तरह भाँपने
का िश ण देते ह। य द अ यास ऐसी असाधारण यो यता िवकिसत करने म आपक मदद कर सकता है, तो उन
सारी दूसरी यो यता के बारे म सोच, जो आप अ यास से िवकिसत कर सकते ह।”
के न ने सोचा क वह इस ान का उपयोग भिव य म कर सकता है और इससे फ़ायदा उठा सकता है। फर
उ ह ने कहा, “आगे चलो!” बॉब क मदद से वह नाव चलाने म थोड़ा यादा आरामदेह महसूस करने लगा था।
ले कन वह शांत हो गया, जब उसने उस छोटे चट् टानी टापू को घूरा, िजसके वे क़रीब प च
ँ रहे थे।
वह अपने दमाग़ म िहसाब लगा रहा था और इससे उस बात क पुि ई, जो उसने पहले सोचा था : उसने
कामकाज म 10,000 घंट से यादा लगाए थे, ले कन उसे महसूस होता था क वह अपने क रयर म महारत
हािसल नह कर पाया है। वह एक तरह के मैदानी इलाक़े म प च
ँ गया था, जहाँ से वह ऊपर नह जा पा रहा
था।
उसने संबंध क़ायम रखने तथा अिभभावक बनने म भी 10,000 घंट से यादा लगाए थे। ले कन इसके
बावजूद कई बार संघष य होता था?
“बॉब, म अपने कामकाज म हर स ाह 45 - 50 घंटे लगाता ।ँ यानी साल म कम से कम 2, 200 घंटे। म
वहाँ पाँच साल से ,ँ यानी मने कम से कम 11,000 घंटे लगाए ह। आपके िहसाब से तो अब तक मुझे सीईओ बन
जाना चािहए था! मने कु छ लोग को देखा है, िजनके पास 30 - 40 साल का अनुभव तो होता है, ले कन वे अपने
कामकाज म उतने िनपुण नह होते ह। ऐसा य है?” हालाँ क इस सबके कारण वह परे शान हो रहा था, ले कन
के न ने अपनी बात एक ह के - फु के , मज़ा क़या लहज़े म कहने क कोिशश क ।
बॉब ने 100 ितशत गंभीर लहज़े म जवाब दया, “म पहले आपके दूसरे का उ र दूग
ँ ा। 30 साल के
अनुभव वाले ब त से लोग के पास दरअसल 30 साल का अनुभव नह होता।”
“उनके पास तो एक साल का अनुभव होता है, िजसे 30 बार दोहराया गया है। कारण यह है क उ ह ने
कभी िवकास या िव तार ही नह कया है।”
“अब आपके पहले पर लौटते ह : आप सोच रहे ह क अगर आप 10,000 घंटे से यादा लगा चुके ह, तो
इसके बावजूद आप िशखर पर य नह प च ँ ?े देिखए, यह अ यास के घंट क मा ा का ही मामला नह है। यह
उन घंट क गुणव ा के बारे म भी है। एंडस ए रकसन इसे सुिवचा रत अ यास कहते ह।”

30 साल के अनुभव वाले ब त से लोग के पास दरसल 30 साल का अनुभव नह होता। उनके
पास तो एक साल का अनुभव होता है, िजसे 30 बार दोहराया गया है।
“सुिवचा रत अ यास ख़ास तौर पर दशन को बेहतर बनाने के िलए कया जाता है। इसे दोहराया जा
सकता है | इसके साथ सृजना मक फ़ डबैक भी ज़ री होता है,” बॉब ने कहा, मानो वे एक के बाद एक बंद ु बता
रहे ह । “यह आनंददायक नह होता। यह मुि कल होता है। कई बार तो ब त मुि कल होता है।”
“देिखए, म भी अपने काम को ‘ आनंददायक ’ तो नह क ग ँ ा,” के न ने थोड़े र ा मक अंदाज़ म जवाब
दया। अब उसने एक ह के - फु के अंदाज़ क कोिशश छोड़ दी थी।
बॉब ने एक तुि कारक हाथ उठाते ए कहा, “के न, मुझे शक नह है क आप अपने क रयर म यास और
कड़ी मेहनत करते ह। वाक़ई मुझे कोई शक नह है।”
“ले कन मान लेते ह क आपका ल य अपने काम म देश म सव े बनना है और आप महसूस करते ह क
आप गित नह कर रहे ह। तो आपको ख़द से कु छ सवाल पूछने क ज़ रत है।”
के न ने एक बार िसर िहलाया। “बताएँ।”
“बचपन म या आपने कभी कोई वा यं बजाया था, के न?”
“हाँ। िपयानो।”
“आपने हर दन कतनी देर अ यास कया था?”
“मंगलवार से शु वार तक तीस िमनट और हर सोमवार एक सबक़।”
“आपने हर दन सुिवचा रत अ यास म कतना समय गुज़ारा?”
के न ने िपयानो बजाने म िबताई दोपहर के बारे म सोचा, जब वह िखड़क के बाहर नज़र चुराता था और
सोचता रहता था क काश वह दूसरे ब के साथ फ़ु टबॉल खेल रहा होता। “स ी? ज़रा भी नह ... या हर
सोमवार को 30 िमनट, अगर आप सबक़ को िगन।”
“अब कु छ साल आगे चलते ह।”
“म नह सोचता क यह जहाँ जा रहा है, वह मुझे पसंद है,” के न दाँत भ चने वाले अंदाज़ म मु कराया।
“शायद नह । ले कन म सोचता ँ जहाँ यह आपको अंततः ले जाएगा, वह आपको पसंद आएगा,” बॉब ने
जवाब दया। “अब आप उन घंट को न िगन, जो आप शासक य काम म िबताते ह, रपो टग और दूसरी चीज़
पर िबताते ह, िजनम आपके पद क ख़ास यो यता क आव यकता नह होती। अब बताएँ क आप अपनी ख़ास
यो यता को द शत करने म कतना समय िबताते ह?”
यह सोचते समय के न ने हैरानी म सीटी बजाई, “शायद 18 से 20 घंटे।”
“आप अपने पद क यो यता के सुिवचा रत अ यास म कतना समय लगाते ह?”
कामकाज म हमेशा इतने सारे वधान रहते थे - के न ने ख़द को िवचार के उस िसलिसले से दूर कया,
य क वह िसफ़ बहाने बना रहा था। दरअसल, उसने कभी कामकाज म ऐसे काय करने का क त यास नह
कया था, िजनका ल य ख़ास तौर पर उसके दशन को बेहतर बनाना हो, िज ह दोहराया जा सकता हो, िजनम
सृजना मक फ़ डबैक पाना शािमलहो और जो चुनौतीपूण ह । उसने अपना िसर िहलाया। “शायद एक महीने म
एक घंटा।”
“ऐसा इसिलए है, य क यादातर लोग क तरह आप काम कर रहे ह, सुिवचा रत अ यास नह कर रहे
ह।”
के न को एक पल के िलए ऐसा महसूस आ, मानो वह न द म चल रहा था और बॉब ने उसे अभी - अभी
िहलाकर जगाया था।
“शायद इससे भी अहम बात, जब आपके क रयर के ल य क बात आती है, तो आप कतना समय उस
अगले पद क यो यता के सुिवचा रत अ यास म िबताते ह, िजस पर आप प च
ँ ना चाहते ह?”
के न एक पल ख़ामोश रहा, फर बोला, “देिखए, अगर हम सीईओ क बात कर रहे ह, तो मेरे ख़याल से
इसका मतलब होगा नेतृ व यो यताएँ, रणनीितकरण, बड़ी त वीर वाले व देखना...” उसके श द अटक गए,
जब उसे अहसास आ क उसने अपना पूरा यान हाथ के काम पर क त कया था और भावी यो यताएँ
िवकिसत करने के बारे म शायद ही कभी सोचा था। वा तव म, उसने उनम से कसी भी चीज़ के सुिवचा रत
अ यास म ब त कम समय िबताया था, िजनम वह अ छा होना चाहता था, अपने क रयर म या अपने घर म।
बॉब ने धीरे से पूछा, “ या मुझे आगे बोलना चािहए?”
“यह पया से यादा है,” के न ने कहा। उसने पानी के पार देखा और अपनी वचा पर नमक क चुभन
महसूस क । “ये सुनने म ददनाक थे, ले कन िबलकु ल सही िनशाने पर लगे। आपने मेरी आँख खोल द ।”
फर एक नई वा तिवकता उस पर हावी ई। के न ने पूछा, “ले कन मुझे अ यास करने के िलए इतना सारा
समय िमलेगा कै से ; मेरे पास तो पहले ही ब त काम है?”
“हाल - फ़लहाल आप यादातर लोग जैसे ह, जो िसर झुकाकर काम करते रहते ह, दन गुज़ारते ह,
सुिवच रत अ यास के िलए यादा समय नह िनकालते ह - ठीक है?” बॉब ने कहा।
“उ - उह।” यह एक िन प आकलन था।
“देिखए, आप िजस एक चीज़ म उ कृ बनना चाहते ह, उसका अ यास करने के िलए अगर आप एक दन
म बस एक घंटे द, तो या होगा? या आप िसफ़ एक घंटे का समय दे सकते ह?”
के न क पहली ित या यह थी क यह असंभव था, ले कन फर उसने उन िमनट को जोड़ा, जो वह हर
दन ऐसी फ़जूल चीज़ पर ख़च करता था, जो उसे दरअसल कह नह ले जाती थ ।
“आप जानते ह, म शायद काफ़ िन द्दे यता से नेट स फ़ग म हर दन कम से कम एक घंटा िबताता ँ या
टी. वी. के सामने पड़ा रहता ,ँ ” उसने आिख़रकार जवाब दया।
“इसके बजाय अगर आप हर दन एक चीज़ का सुिवचा रत अ यास कर, तो आप या सोचते ह आपको
कतना लाभ होगा? आपको या लगता है, आप काफ़ ज दी सुधार देखगे?”
“आपने शोध के बारे म जो बताया है, उससे हाँ। जब आप इसे इस तरह से कहते ह - एक दन म बस एक
घंटा - तो यह करने लायक़ है।”
“यह यह ख़ म नह होता,” बॉब ने जवाब दया। “सुिवचा रत अ यास के अवसर पहले ही आपक नाक के
ठीक नीचे ह - आपने तो बस उन पर अब तक ग़ौर नह कया है। वा तव म, आपका पूरा जीवन अ यास का
अवसर है। कुं जी है करने को अ यास करने म बदलना। यह िनयिमत प से पीछे हटकर कु छ िमनट तक अपने
दशन क समी ा करने का मामला है।”
“ठहरकर िनयिमत समी ा कर। आप हर घंटे बाद, हर कु छ घंट बाद, हर कु छ दन बाद क सकते ह - जो
भी आपके िहसाब से सबसे कारगर हो। मह वपूण तो यह है क आप यह आकलन कर क आपने कतना अ छा
कया और आप वैसा ही काय करते समय अगली बारसुधार कै से कर सकते ह।”
“जैसा कोई कोच कसी िखलाड़ी के साथ करता है,” के न ने कहा।
“सही है, य क याद रहे, सृजना मक फ़ डबैक सुिवचा रत अ यास का अ याव यक िह सा है,” बॉब ने
कहा। “वह फ़ डबैक आप ख़द को दे सकते ह। या फर आप अपने बॉस या कसी िव सनीय ि से पूछ सकते
ह क वह दो - तीन चीज़ ऐसी बताए, जो आपने अ छी क और दो - तीन ऐसी चीज़ बताए, िज ह आप यादा
अ छी तरह कर सकते थे।”
“यह सरल लगता है। अगर म यह करता ,ँ तो या इससे सचमुच फ़क़ पड़ेगा?”
“यह कभी वैसा तो नह होगा, िजस तरह मेरी नाितन हर स ाह 20 घंटे वायिलन का अ यास करती है या
ेट क अपना सारा समय बफ़ पर िबताते ह - ले कन यह ब त भावी होगा, के न।”
“इस बारे म सोच : य द आप अपना फोकस इस तरह बदल रहे ह, ता क आप हर दन का काय करते समय
भी अ यास कर रहे ह, तो आपके वही काय आपक यो यता को बेहतर बनाने का तरीक़ा बन जाते ह। टक।” -
उ ह ने अपनी तजनी से हवा म मु ा बनाई - “वे िनि त प से दोहराए जा सकते ह। टक। आप ख़द को
सृजना मक फ़ डबैक दे सकते ह या ऑ फ़स के कसी िव सनीय ि से मागदशन ले सकते ह। टक। अंत म,
आपने ख़द कहा था क कामकाज आपको आनंददायक नह लगता है, इसिलए यह भी सही है।”
“वा तव म, म सुझाव देता ँ क आप दरअसल यादा क ठन काय करने क पहल वे छा से वयं कर।
चूँ क य द आप कोई पया चुनौतीपूण चीज़ चुनते ह, तो यह सीखने और िव तार करने का मौक़ा है।”
अब बात के न क समझ म आ गई। “म आपका मतलब समझ सकता ,ँ ” उसने कहा। “जब हम दशा
बदलने लगे, तो मने ग़ौर कया था क आपने अव था म गित बढ़ाई थी, धीरे - धीरे मुझ पर यादा दबाव
डाला था। दरअसल, म महसूस करता ँ क मेरे िहसाब से म िजतना करने म स म था, म उसके पार प च
ँ गया
था।”
“ िमक तनाव।”
के न ने सोचा, हर चीज़ के िलए एक नाम नज़र आता है।
“1 से 10 तक के पैमाने पर कोई काय करने के तनाव के बारे म सोच,” बॉब ने कहा। “जब हमने पानी के
पार दशा बदलना शु कया था, तो आपका तनाव तर शायद 2 और 4 के बीच था। इसे ेच लेवल ( िव तार
तर ) कहा जाता है, जहाँ आपको अपने आरामदेह दायरे के बस थोड़ा सा बाहर थकाया जाता है। जब आप इसके
आदी हो गए, तो यह आपका नया तर 1 बन गया, य क अब उसम कोई असली तनाव नह था। या यह
कहना यायसंगत होगा?”
“िबलकु ल, के न ने कहा |
“ फर मने गित बढ़ा दी, आपको एक बार फर से 2 और 4 के बीच कह पर धका दया, ठीक है?”
“हाँ, मने इस बारे म इस तरह नह सोचा था, ले कन हाँ, आपने यही कया था।”
“ फर जब मने आपको पतवार फे रने वाली मु टया थमाई, तो आप उस तनाव को कस तर पर रखगे?”
“ओह, कम से कम पाँच। शायद 6 या 7 भी,” के न ने वीकार कया।
“मुझे ऐसी ही उ मीद थी,” बॉब ने िसर िहलाते ए कहा। इसे ेन लेवल ( अ यिधक दबाव का तर ) कहा
जाता है। ख़द को तनाव के उस तर पर धकाना आपके िलए अ छा है, बशत आपके पास सही समथनहो - एक
कोच, एक सहकम , प रवार का कोई सद य, एक मागदशक, एक चतुर िम हो, जो आपको बेलाग स ाई बता
दे।”
“या एक ब त अ छा नािवक हो, िजसके पास कम से कम 10,000 घंटे का अनुभव हो,” के न ने कहा और
अपनी शंसा को मु कराकर कया।
बॉब ने वीकारोि म िसर झुकाया और बोले, " ले कन सावधान रह, अगर आप ख़द को उस तर के ऊपर
जाने के िलए िववश करते ह, तो आप टू टने के बंद ु पर प च
ँ जाते ह। ख़द को चरम सीमा पर चुनौती दगे, तो
आपके पास चाहे िजतना समथन हो, आप उस तनाव को नह झेल पाएँगे।”

के न को काल स और पैट क सलाह याद आ गई क छोटी शु आत करनी चािहए। अब उनक सलाह और भी


यादा मह वपूण लगने लगी थी। वे चट् टानी टापू के िबलकु ल करीब प च
ँ गए थे। के न को इस पर एक छोटा सा
ढाँचा दखा, मौसम क मार खाई एक छोटी इमारत, जहाँ से सारा नज़ारा दख सकता था। वहाँ दो पुरानी झूलने
वाली कु सयाँ, एक जालीदार झूला और एक जाली थी। क़रीब ही कु छ और टापू थे, िजन पर सुंदर बगीच और
ि व मंग पूल वाले बड़े घर बने थे। अगर बॉब चट् टान के इस अजीब ढेर के बजाय उनम से कसी घर क ओर
जाते, तो इसम यादा समझदारी होती। ले कन उ ह ने नाव को घाट पर ले जाकर लकड़ी क एक छोटी जेटी से
बाँध दया। फर वे दोन नाव से उतर गए और चट् टान पर चढ़ते ए इमारत क ओर बढ़ने लगे।
के न सीखने और बेहतर बनने के उन अवसर के बारे म सोचने लगा, जो उसने अतीत म खोए थे। अब उसने
उन सभी लोग के बारे म सोचा, िज ह ने ऐसे अवसर को जकड़ िलया था। कई लोग उसके मुक़ाबले कई काश
वष आगे थे और इससे उसे हताशा होने लगी थी।
बॉब धीमे हो गए। अब वे दोन आजू - बाजू चल रहे थे। बॉब के श द से ऐसा लगा, मानो वे जानते थे क
के न उस व त या सोच रहा था, या महसूस कर रहा था।
“आप जानते ह के न, म सारे समय अपनी तुलना दूसरे लोग से कया करता था। ले कन अंत म मुझे
अहसास आ क यह ब त उपयोगी नह था, य क हमेशा कोई न कोई मुझसे बेहतर होता था।” के न के हाव -
भाव से उसक हैरानी साफ़ दख रही थी क इतना शि शाली, इतना स मािनत ि कभी इस तरह भी
महसूस कर सकता था।
बॉब ने आगे कहा : “जब मने अपनी तुलना खुद से करना शु कया, तब कह जाकर म आिख़रकार इसे
सचमुच ‘समझ’ पाया और सचमुच हािसल करना शु कर पाया। शायद आपको भी अपनी तुलना खुद से करना
यादा उपयोगी लगेगा। सबसे यादा मायने यही रखता है क आप अपने वतमान व प से 1 ितशत बेहतर
बन जाएँ।”

अपनी तुलना ख़द से करना यादा उपयोगी होता है। सबसे यादा मायने यही रखता है क
आप अपने वतमान व प से 1 ितशत बेहतर बन जाएँ।

के न को चट् टान पर पैर क पकड़ बनाने के िलए नीचे देखना पड़ा। बॉब ने कहा, “आप यह या ा वहाँ से
शु नह कर सकते, जहाँ कोई दूसरा आपके आगे खड़ा है। आप वहाँ से शु नह कर सकते, जहाँ आप सोचते ह
क वे भिव य म प च
ँ गे। आप या ा वहाँ से भी शु नह कर सकते, जहाँ आप प च ँ ना चाहते ह।” बॉब ने उस
ओर इशारा कया, जहाँ वे जा रहे थे और फर अपने पैर के नीचे क चट् टान को देखते ए कहा, “आपको तो यह
या ा वह से शु करनी पड़ती है, जहाँ आप इस व त ह।”
“आप आने वाले कल के बारे म सोच सकते ह और शायद भिव य के सपने भी देख सकते ह - ले कन वतमान
म अपना सव े करना ही िनयम है।”
“सकारा मक सोच क शि के बारे म या? या आप सोचते ह क यह मह वपूण है?” के न ने पूछा।
“आशा अ छी चीज़ है, ले कन य द आप काय नह करते ह, तो यह ख़ास तौर पर उपयोगी रणनीित नह
है,” बॉब ने जवाब दया। “हमम से ब त यादा लोग सकारा मक िवचार सोचते ह, ले कन कसी ऐसी योजना
पर अमल नह करते ह, जो हम सपने साकार करने क दशा म ले जाने वाले काय करने के िलए िववश कर दे।
आप िसफ़ इ छा नह कर सकते - आपको काय करना होता है।”
“आइए आपको एक उदाहरण देता ,ँ ” बॉब ने आगे कहा, जब वे शीष पर प च ँ े और अपनी कु सयाँ शेड म
ले गए, जहाँ से वे पानी के पार देखने लगे। नज़ारा इतना सुंदर था क चढ़ाई चढ़ना साथक लग रहा था। “मने
एक बार कॉिलन पॉवेल का ा यान सुना था। उ ह ने एक िबलकु ल नए सेकंड लेि टनट क कहानी बताई, जो
ब त मह वाकां ी था और जनरल बनना चाहता था। एक रात को नए लेि टनट ने ऑ फ़सस लब के बार म
एक जनरल को देखा। वह उनके पास जाकर बोला क माफ़ कर सर, ले कन कोई जनरल कै से बनता है?”
“बेटा, तु ह कु े क तरह काम करना पड़ता है,” जनरल ने जवाब दया। “तुमम नैितक और शारी रक
साहस होना चािहए। ऐसे दन हो सकते ह, जब तुम बुरी तरह थके हो, ले कन तु हारी थकान कभी दखनी नह
चािहए। ऐसे समय होते ह, जब तु ह डर लगेगा, ले कन तु हारा डर कभी नज़र नह आना चािहए। तु ह हमेशा
लीडर होना पड़ता है।”
लेि टनट इस सलाह से ब त रोमांिचत हो गया। “ध यवाद, सर,” उसने कहा। “तो इस तरह म जनरल बन
सकता ?ँ ”
“नह ,” जनरल ने कहा। “इस तरह तो तुम फ़ ट लेि टनट बनते हो। फर तुम इसे बार - बार दोहराते
रहोगे, तो अंततः जनरल बन जाओगे।”
“तो आपके ल य तक प च ँ ने क कुं जी यह जानना है क आप कहाँ जाना चाहते ह और वहाँ प च
ँ ने के िलए
आपको कौन से काय करने क ज़ रत है – और फर लगन व यास आपको वहाँ प च ँ ा दगे।”
“हाँ के न, यही बात है।” बॉब ने अपने छोटे बाल पर हाथ फे रा और आह भरी। “उस व त यह कहानी
सुनना मेरे िलए ब त मायने रखता था, य क म दरअसल काफ़ उतावला था। म जवाब क तलाश कर रहा
था।”
“यह बरस पहले क बात है, जब तुम छोटे ब े थे,” बॉब ने के न को देखने के बाद कहा। “मने एक वसाय
खड़ा कर िलया था, उसे तेज़ी से फै ला भी िलया था - ज द ही म ऐसा इं सान बन गया, िजससे लोग अपनी तुलना
करते थे।”
“ फर मेरा वसाय आ थक भँवर म फँ स गया। मुझे इस बात पर गव था क म हमेशा अपने वडर का
भुगतान 30 दन म कर देता था, ले कन जब मने बहीख़ाते देख,े तो मुझे अहसास आ क अब म ऐसा नह कर
सकता था। के न, मेरी नेट वथ अचानक ब त यादा नकारा मक इलाक़े म प च ँ गई थी। मेरा पहला िववाह
िबखर रहा था। मेरे ब े मुझसे बातनह करते थे। फर एक डरावना तूफ़ान आया और उसने मेरी नाव तबाह कर
दी। म हार मानने क कगार पर था। पूरे जीवन म म कभी इतना िनराश नह रहा था।”

आपको तो यह या ा वह से शु करनी पड़ती है, जहाँ आप इस व त ह। वतमान म अपना


सव े करना ही िनयम है।

“पॉवेल ने वतमान म अपना सव े करने क अव यकता पर ज़ोर दया था। यह सचमुच मेरे दमाग़ म बैठ
गया और म जानता था क मुझे ठीक यही करने क ज़ रत थी। मने अपने सभी वडर से संपक कया और बताया
क म धीरे -धीरे उन सभी का भुगतान कर दूग
ँ ा। मने एक ठोस योजना बनाई, के वल अपने वसाय को पुनः खड़ा
करने क ही नह , बि क दीघकाल म इसे एक िबलकु ल नए तर पर प च ँ ाने क भी,” बॉब ने कहा।
“म यह नह कह रहा ँ क यह िमठाई खाने िजतना आसान काम था। ऐसे दन थे जब म ाथना करता था
क मेरे कसी कज़दार का धीरज जवाब दे जाए और वह मुझे दवािलएपन क ओर धका दे, ता क म इतनी कड़ी
मेहनत से छु टकारा पा सकूँ । ले कन म हर दन अपने िब तर से उठा और कड़ी मेहनत करता रहा।”
“के न, इससे कोई फ़क़ नह पड़ता क आप कौन ह, कई बार इसका मतलब कड़ी मेहनत ही होता है। जब म
यह सब झेल रहा था, तो म अपने एक िम से बात करता था, िजसके पास खोने के िलए मुझसे ब त यादा था –
और उसने खो भी दया। उसने अपना जेट गँवा दया और एनएफ़एलटीम म अपनी िह सेदारी भी गँवा दी।
रयल इ टेट म मंदी के कारण उसक संपि य का मू य एक महीने म दस लाख डॉलर क दर से कम होता जा
रहा था, िजसक तुलना म मेरे कज़ िच लर जैसे लगते थे।”
“म अपने लड के प गाडनर साले से भी बात करता था, िजसका कारोबार मंदा चल रहा था। वह इसिलए
तनाव म था, य क वह अपनी कार क क़ त चुकाने के िलए जूझ रहा था, जो हर महीने लगभग 400 डॉलर
थ ।”
“ या आप जानते ह? डॉलर क मा ा मह वपूण नह थी। हम सभी दबाव महसूस कर रहे थे और हम सभी
को एक ही चीज़ करनी थी : सबसे पहले बैठ जाएँ और सटीकता से पता लगाएँ क हम कहाँ ह। मुझे वाक़ई यह
जाँच करनी पड़ी क म कहाँ था और कं पनी कहाँ थी। इसके िलए त य का िनमम आकलन करने क ज़ रत थी,
िजसे मने कु छ समय तकसुिवधाजनक ढंग से नज़रअंदाज़ कया था। म आ म - संतु और अित - िव ासी बन
गया था। मुझे सटीकता से यह पता लगाना था क हर चीज़ कहाँ खड़ी है। इसके बाद मुझे एक योजना बनानी थी
और अपना िसर नीचे झुकाकर हर दन कड़ी मेहनत करनी थी, जब तक क म वह हािसल न कर लूँ, जो म
हािसल करने िनकला था।”
“मुि कल रहा होगा,” के न ने कहा। “ या यह वह सबसे मुि कल चीज़ है, जो आपने क है?”
“नह , सबसे मुि कल चीज़ मने आज तक यह क है क एक िम से मदद माँगी - रयल इ टेट मंदी वाले
िम से नह , बि क एक दूसरे िम से। मने हमेशा चीज़ ख़द क थ । म आ मिनभर क़ म का था। मुझे यक़ न था
क म हर चीज़ अके ले ही सुलझा सकता ।ँ ज़ािहर है, यह सही नह िनकला। मने सलाह माँगी और यह कारगर
रहा, य क इसने मेरे वसाय का िनमम आकलन करने और एक योजना बनाने म मेरी मदद क , ता क म उस
झमेले से बाहर िनकल सकूं , िजसम म फँ सा आ था।”

सबसे मुि कल चीज़ मने आज तक यह क है क मने कसी से मदद माँगी।


“ज़ािहर है, जब मने मदद माँगी, तो मुझे लग रहा था क कोई आकर मुझे मुसीबत से बाहर िनकाल लेगा –
ऐसा कु छ नह आ। फर मुझे ब त ज दी यह अहसास हो गया क जब आप ऐसे झमेले के बीच म होते ह, तो
बाहरी मदद खोजना तो समझदारी का काम है, ले कन आप दूसर पर िनभर नह रह सकते क वे आपके िलए
हर चीज़ कर द। कोई मदद नह करता है - सब कु छ आपको ही करना होता है।”
बॉब ने छोटे टापू पर चार ओर देखा। “म दन यहाँ ब त आता था - सोचने के िलए, बनाने के िलए, काय
क तैयारी करने के और दैिनक कड़ी मेहनत से अवकाश लेने के िलए।”

कोई मदद नह करता है - सब कु छ आपको ही करना होता है।

“वे सारी योजनाएँ जो आपने बना , वह सारी कड़ी मेहनत जो आपने क , सुिवचा रत अ यास के घंटे...
उ ह ने ही आपको वह सफलता दलाई जो आज आपके पास है,” के न ने धीरे से कहा।
बॉब ने मौन सहमित म िसर िहलाया और सीधे के न को देखने लगे। उनका संदश
े प था : आप भी यह कर
सकते ह।
5

30 दन का फ़ॉमूला, जो आपक ज़ंदगी बदल देगा

क◌े नबताया,
एक ितशत वाले समूह क अगली सद य से िमलने प च
ँ ा। उसने जब रसे शिन ट को अपना नाम
तो उसके मन म यह लोभन आया क वह क जाए और कहे, “अचानक कोई मामला आ गया
है, मुझे जाना होगा।” ले कन फर उसने कोच िजम क चढ़ी यो रय के बारे म सोचा और वह चुपचाप
वे टंग म म बैठ गया।
नाव या ा के बाद लगभग एक महीना बीत गया था। के न इस या से तभी से असंतु महसूस कर रहा
था, जब से उसे पता चला था क कसी चीज़ म सचमुच बेहतरीन होने के िलए उसे कतने सारे घंट के अ यास
क ज़ रत है। के न आभारी था क बॉब ने उसे अपना समय दया। उसे लगता था क उ ह ने जो कहा था, वह
सब सच था, ले कन फर भी उसके मन म एक अ स ता थी। िनि त प से कोच िजम ने कहा था क रा ते म
चुनौितयाँ आएँगी - ले कन 10, 000 घंट क चुनौितयाँ ? वह भी िसफ़ 1 ितशत बेहतर बनने के िलए ? अब तक
प रवतन के उसके यास के प रणाम उतार - चढ़ाव भरे रहे थे और एक बार फर वह अपने समपण पर सवाल
करने लगा।
एक ितशत वाले समूह क अगली सद य स थ । वे एक मनोवै ािनक थ , जो एक त लीिनक
चलाती थ । इस लीिनक का उद्दे य लोग क सीखने क मता को अिधकतम करना था – “एक तरह का
मानिसक िजम” जैसा फ़ु टबॉल कोच ने कहा था। के न को प ा नह पता था क वह यहाँ या कर रहा है, ले कन
उसने सोचा क यह अपॉइं टमट वह अवसर हो सकता है, जहाँ वह इस पूरी या से औपचा रक प से बाहर
िनकल सकता है। आिख़र, ऐसा तो था नह क उसने कसी अनुबंध पर ह ता र कए ह , उसने ख़द से कहा।
के न ब त से लोग को जानता था, जो ठीक उसी जैसे थे और वे अ छी तरह जीवन जी रहे थे। उ ह
प रवतन और सुधार क कसी बड़ी योजना पर जाने क ज़ रत महसूस नह होती थी। के न ने िनणय िलया क
वह भी उनक तरह ही रहने क कोिशश करे गा : वह प रि थितय को सव े समझेगा और अपनी िनयामत
िगनेगा ; हर साल वह नववष के संक प बनाएगा, ता क अपने उन पहलु पर काम करे िजनम उसे सुधार क
ज़ रत महसूस होती थी।
उसने कोच िजम को यही योजना बताई थी, जब आिख़रकार अपने बेटे के फ़ु टबॉल मैच म िजम से उसका
आमना - सामना आ। के न कोिशश कर रहा था क मैच के बाद वह तेज़ी से अपने बेटे को कार तक ले आए, जैसा
क वह कु छ स ाह से करता आ रहा था, ले कन िजम इस बार नह चूकने वाले थे। के न के पा कग लॉट म प च
ँ ने
से पहले ही िजम उसके क़रीब आ गए। िजम ने बताया क उनके पास स का फ़ोन आया था, जो इस बात पर
हैरान हो रही थ क के न ने अब तक फ़ोन य नह कया।
तब के न का सामना फ़ु टबॉल कोच क चढ़ी यो रय से आ। िजम ने के न को ज़मीनी िनयम के बारे म
कया वादा याद दलाया। उ ह ने के न को एक ितशत के फ़ॉमूले के बारे म उसक शु आती ऊजा और उ साह
क याद दलाई। अंत म, के न एक ितशत वाले समूह क अगली सद य से िमलने को तैयार हो गया।
उसने बॉब के साथ नाव या ा के तुरंत बाद नो स िलख िलए थे, ले कन उ ह देखा नह था। अब उसने सारी
नसीहत को वि थत करने के बारे म सोचा। इसिलए उसने अपनी नोटबुक खोलकर देखा क उसने या सीखा
था:
1. सव े म सव े बनने के िलए 10, 000 घंट के सुिवचा रत अ यास क ज़ रत होती है।
2. जो भी ि सुिवचा रत अ यास म समय िबताता है, उसका दशन बेहतर होता है।
3. दैिनक काम को सुिवचा रत अ यास म इस तरह बदल:
ए) यह आकलन कर क आप कसी काय को कतनी अ छी तरह करते ह और अगली बार कै से
बेहतर बना सकते ह
बी) सृजना मक फ़ डबैक ल
सी) ऐसे ल य बनाएँ, जो चुनौतीपूण ह और दूसर क मदद से हािसल कए जा सकते ह ।
4. अपनी तुलना दूसर के बजाय ख़द से कर।
5. आगे क योजना बनाएँ और ल य तय कर, ले कन वतमान म अपना सव े कर ।

के न को उ मीद थी क स इस बात पर िनराश, यहाँ तक क नाराज़ भी ह गी क उसने उस या पर सवाल


कया, िजसके ित वे ख़द सम पत थ । उसे सुखद हैरानी ई, जब स ने उसे एक आरामदेह कु स और एक कप
चाय दी - और दो ताना अंदाज़ म उसक बात सुन । उ ह ने उसे बताया क कोच िजम ने उ ह मोटे तौर पर बता
दया था क के न कै सा महसूस करता है और अब वे उसके ख़द के श द म सब कु छ सुनना चाहती थ । उ ह ने उसे
अपने सामने बैठाया ; वे तनावमु दख रही थ और उस पर पूरा यान दे रही थ ।
“ स, म देख सकता ँ क एक ितशत का फ़ॉमूला आपके और समूह के दूसरे लोग के िलए कारगर रहा है
- ले कन मेरे पास अ यास करने के िलए हज़ार घंटे ह ही नह ,” उसने कहा। “अगर मेरे पास 10, 000 घंटे ह
भी, तो भी इसम या तुक है, अगर इससे मुझे के वल 1 ितशत का ही लाभ िमले ?”
“ऐसा लगता है क यह यादा मददगार रहेगा, अगर आप सुधार क इस या को कम समय के संदभ म
देख,” उ ह ने शु कया। “काल स ने मुझे बताया है क आप कभी - कभार गो फ़ खेलते ह, ठीक है ?”
“शायद महीने म एक बार,” के न ने जवाब दया।
“ठीक है, ि टश या यू. एस. ओपन या मा टस जीतने लायक़ िनपुण होने म आपको गो फ़ कोस पर कम से
कम 10, 000 घंट के सुिवचा रत अ यास क ज़ रत होगी - सहमत ह ?”
“हाँ, बॉब के साथ मुलाक़ात के बाद मने थोड़ा - ब त पढ़ा था और म देख सकता ँ क यह लगभग
मािणत हो चुका है,” के न ने जवाब दया।
“म अ छी तरह समझती ँ क इतने लंबे अ यास क संभावना ही हतो सािहत कर देती है,” स ने कहा।
“ले कन मान लेते ह क आप िनयिमत िश ण लेने लगते ह, ख़द को स ाह म कम से कम एक बार गो फ़ का
एक राउं ड खेलने के ित सम पत करते ह और हर दन बस एक घंटे तक अपनी वंग का अ यास करते ह,
िश ण वीिडयो देखते ह या िश ण पु तक पढ़ते ह।”
“म शत लगाती ँ क पहले स ाह के बाद आप अभी क तुलना म अपनी यो यता म कम से कम 1 ितशत
सुधार देखगे।”
“हाँ, म सोचता ँ क यह सही लगता है। म समझता ँ क 1 ितशत सुधार कु छ नह से बेहतर है - ले कन
देिखए, अगर मुझे िसफ़ 1 ितशत सुधार ही िमल रहा है, तो उसके िलए इतना सारा अ यास करने क या तुक
है।”
“के न, शायद आपको इसे एक यादा लंबे लस से देखना चािहए। आइए, मान लेते ह क आप अपनी नई
दनचया को क़ायम रखते ह और आप अगले स ाह 1 ितशत और सुधार कर लेते ह।” वे ठहर और के न को यह
िवचार ज ब करने का समय दया, फर आगे बोल , “वह दूसरे स ाह का 1 ितशत का सुधार आपक यो यता
के मूल तर पर ही सुधार नह होगा। आप पहले ही 1 ितशत बेहतर बन गए थे, इसिलए अब आप अपने सुधार
को भी सुधार रहे ह गे, है ना ?”
“आपका मतलब है, मेरे बक अकाउं ट म च वृि याज क तरह ?”
स मु करा । “हाँ, आप इसे इस तरह देख सकते ह। िजस तरह आप अपने याज पर याज कमाकर
अपनी बचत क शि बढ़ा सकते ह, उसी तरह सुधार म भी तेज़ी से बढ़ने वाला भाव होता है। अपनी
यो यता के बक म सुिवचा रत अ यास क रािश जमा करते जाएँगे, तो आपको लगातार, बढ़ता सुधार
दखेगा। तीन या छह महीने बाद आप शु आत क तुलना म िसफ़ 1 ितशत ही बेहतर नह ह गे। आप उससे
ब त आगे प च ँ गए ह गे,” स ने कहा। “अगर आप सुिवचा रत अ यास को अपने जीवन का एक िह सा बना
लेते ह, तो इस च वृि सुधार का कोई अंत नह है, के न।”
“यह एक आकषक संभावना है,” उसने जवाब दया, “ले कन मुझे अब भी प ा नह है क यह मनचाहे
प रणाम पाने का सबसे आसान या सबसे तेज़ तरीक़ा है।”
“तो या आपके दमाग़ म कोई दूसरी रणनीित है ?”
“हाँ, दरअसल है। म अपने नववष के संक प पहले ही िलख चुका ,ँ ” के न ने कहा और अपने नोटपैड म एक
सूची खोल दी, ता क स उसे देख ल। “ये वे प रवतन ह, जो म पहली जनवरी से करने जा रहा ।ँ ये मेरे
क रयर, मेरे पा रवा रक जीवन, मेरी सेहत और मेरी फ़टनेस को बेहतर बना दगे। यह रणनीित मुझे तुरंत
प रणाम देगी और फर अगले साल म संक प का दूसरा समूह बनाऊँगा, जब तक क यह काम पूरा नह हो
जाता।”
के न ने सोचा था क मनोवै ािनक उसक योजना से भािवत ह गी, ले कन उ ह ने तट थ हाव - भाव से
उसे देखा; उनका िसर एक तरफ़ को झुका था।
“के न, अ छे इराद के िलए म आपक शंसा करती ,ँ ” वे बोल । “यह बड़ी अ छी बात है क आप बेहतर
इं सान बनने के िलए इतने यादा सम पत ह - अपने िलए, अपने प रवार, अपने िम और सहक मय के िलए।
ले कन इस नीित को चुनने से पहले या आप उस शोध के बारे म सुनना चाहगे, जो नववष के संक प क
भावका रता के बारे म कया गया है ?”
के न ने जवाब दया, “ इससे सचमुच मदद िमलेगी, ध यवाद।”
“नववष के संक प शायद ही कभी काम करते ह,” उ ह ने कहा।
“िमसाल के तौर पर, इं लड म एक युिनव सटी ोफ़े सर रचड वाइज़मैन नामक वै ािनक ने नववष का
संक प लेने वाले लोग पर शोध कया था। के न, उन लोग म से 88 ितशत अपने संक प को क़ायम रखने म
नाकाम रहे।”
“इसका मतलब है क अपनी सूची के संक प को क़ायम रखने क आपक संभावना लगभग दस म से एक
है।”
“ओह,” उसने कहा। अगर वह सटो रया होता, तो इतनी कम संभावना पर कभी दाँव नह लगाता।
“इसका यह मतलब नह है क बेहतर बनना असंभव है या मुझे बेहतर बनने क आपक मता पर संदह

है,” स ने उसे आ त कया। “इसका मतलब तो बस यह है क नववष के संक प बजववष के संक प थायी
सुधार करने के सबसे कम भावी तरीक़ शायद ही कभी म से एक ह।”

नववष के संक प शायद ही कभी कारगर होते ह। 88 ितशत लोग अपने नववष के संक प को
कायम रखने म नाकाम रहते ह।

“बात िसफ़ यही नह है क वे भावी नह ह,” उ ह ने आगे कहा। “वे मनोवै ािनक दृि से हािनकारक भी
हो सकते ह।”
के न ने जवाब दया, “बेहतर इं सान बनने संक प जैसी सकारा मक चीज़ हािनकारक कै से सकती है?”
“ यादातर लोग हर साल िजस तरह के संक प लेते ह, वे आम तौर पर इन ेिणय म आते ह – वज़न,
फ़टनेस, क रयर, संबंध, पैसा,” स ने जवाब दया। “मुि कल यह है क ये ल य अ सर ब त ापक होते ह
और इन सभी को एक साथ तथा एकदम हािसल करना लगभग नामुम कन होता है। ले कन संक प तय करते
समय हम ख़द से ठीक यही करने को कहते ह। या आप सोचते ह क आपक सूची के संक प का वणन इस तरह
कया जा सकता है ?”
के न ने एक बार फर अपनी सूची देखी और उसे कहना पड़ा, “हाँ।” उसने उन बड़े प रवतन का संक प
िलया था, जो उसके जीवन म आमूलचूल सुधार ले आएँगे - या कम से कम उसने यही सोचा था। वह बोला,
“आपके कहने का मतलब यह है क नववष के संक प का असफल होना लगभग तय होता है।”
“हाँ, के न। जब हम कोई ल य हािसल करने म नाकाम रहते ह, तो हमारे आ म - िनयं ण का अहसास खो
जाता है। मुझे यक़ न है क आपक जान - पहचान के कई लोग यह कहते ह गे क 1 जनवरी के बाद वे कभी
चॉकलेट नह खाएँगे या िसगरे ट नह िपएँग।े वे एक पाउं ड वज़न कम कर लेते ह या एक स ाह तक िसगरे ट नह
पीते ह और फर अचानक ऐसा होता है क उनका वज़न पहले से यादा बढ़ जाता है या फर वे दोगुनी तेज़ी से
िसगरे ट पीने लगते ह।”
“हमारे यादातर संक प म हमारे आ मस मान का कोई पहलू शािमल होता है, इसिलए यह भी कम हो
जाता है। हम हताश और िनराश बन सकते ह - शायद नाउ मीद भी। म इसी नुक़सान क बात कर रही ।ँ ”
के न ने झुककर सामने क कॉफ़ टेबल से भड़क ले रं ग क ेस बॉल उठा ली। वह दोबारा बैठ गया और
मनोवै ािनक क कही बात पर िवचार करते समय उसे बार - बार दबाने लगा।
“बदलना इतना मुि कल य होता है ?” उसने पूछा। “शायद यह सब दमाग़ म होता है और जो लोग
अपने संक प क़ायम रखने म नाकाम रहे, उनम बस पया अनुशासन नह था। यह भी तो हो सकता है क उनम
इतनी इ छाशि नह रही हो ?”
“यही बात है, के न। यह अिधकतर दमाग़ म होता है और आपने एक मुख कारण पर रोशनी डाली है,
िजस वजह से संक प आम तौर पर नाकाम होते ह : इ छाशि क िव ापी कमी।”

जनवरी के पहले स ाह के अंत तक संक प लेने वाले के वल 75 ितशत लोग ही अपने संक प
पर टके रहते ह। इसका मतलब है क चार म से एक म इतनी इ छाशि भी नह होती क
वह अपने संक प पर सात दन भी टक पाएँ।

“जनवरी के पहले स ाह के अंत तक संक प लेने वाले के वल 75 ितशत लोग ही अपने संक प पर टके
रहते ह। इसका मतलब है क चार म से एक म इतनी इ छाशि भी नह होती क वह अपने संक प पर सात
दन भी टक पाएँ। जैसे-जैसे स ाह गुज़रते जाते ह, लोग क इ छाशि जवाब देने लगती है। वा तव म, जो
लोग के वल इ छाशि पर ही िनभर होते ह, वे थायी प रवतन करने म सबसे कम सफल होते ह।”
“ले कन अगर म सचमुच इसका मन बना लूँ, तो या होगा ?”
“मु ी भर लोग अपने संक प से िचपके रहते ह - ले कन उनक सफलता का कारण शायद ही कभी यह
होता है क वे इस बारे म अपना मन बना लेते ह,” उ ह ने कहा और अपने पास वाले शे फ़ से इं सानी मि त क
का एक मॉडल उठा िलया।
उ ह ने इसे ऊपर उठाया, ऊपरी सामने वाले िह से क ओर इशारा कया और बोल , “आपक इ छाशि
के िलए सबसे यादा िज़ मेदार मि त क का िह सा यहाँ रहता है, आपके माथे के ठीक पीछे। यह ब त सारे काम
करता है : यह आपको एका रखता है, आपक अ पकालीन मृित को सँभालता है और ज टल सम या को
सुलझाता है। इससे अचानक कसी पुरानी आदत को बदलने क इ छाशि माँगना अ सर इस पर कु छ यादा
ही बोझ लादने जैसा हो जाता है।”
“ऐसा आंिशक तौर पर इसिलए होता है, य क मि त क के पुर कार और ेरणा तं पर काम करने वाले
मानिसक रसायन, जो गहराई म होते ह” - अब उ ह ने नीचे क तरफ़ इशारा कया - “आदत बनाने का ब त
अ छा काम कर देते ह। आप अचेतन प से चीज़ को हर बार एक ही तरीक़े से करते ह। आप जो भी करते ह, हर
उस चीज़ के बारे म चेतन िनणय लेना ब त थकाने वाला काम होगा। अगर यक़ न न हो, तो ज़रा सोचकर देख
क आप कस तरह से श करते ह।”
के न ने अपने दमाग़ म उन गितिविधय को याद कया और उसे अहसास आ क वह उसी जगह से
शु आत करता था और हर बार वही म दोहराता था।
स ने मॉडल को वापस शे फ़ पर रख दया। “अब हम एक छोटा अ यास करते ह,” उ ह ने कहा। “अपनी
बाँह अपने ठीक सामने रख और अपने हाथ को इकट् ठे जकड़ ल, आपक अँगुिलयाँ आपस म गुँथी होनी चािहए।”
के न ने वही कया, जो स ने कहा था।
“म देखती ँ क आपका एक अँगूठा ऊपर है,” उ ह ने कहा।
के न ने देखते ए कहा, “हाँ, यह है।”
“अब अपने हाथ खोल द और उ ह इस तरह दोबारा बाँधे, ता क दूसरा अँगूठा ऊपर रहे।”
जब उसने ऐसा कर दया, तो उ ह ने पूछा, “यह कै सा महसूस होता है ?”
“अजीब,”, के न ने कहा “मुझे कभी अहसास ही नह आ था क म अपने हाथ को इकट् ठे लाने के एक
तरीक़े को अपने आप यादा पसंद करता ।ँ अब जब मने इसे अलग तरीक़े से कर दया है, तो यह असहज और...
अजीब महसूस होता है।”
“आप अपने हाथ ढीले छोड़ सकते ह, के न,” स ने कहा। “अब म चाहती ँ क आप उन समय के बारे म
सोच, जब आपने वह प रवतन करने क कोिशश क थी, जो काल स ने आपको एक महीने तक करने के िलए
ो सािहत कया था। जब आपने उसक कोिशश क थी, तब आपको कै सा महसूस आ था ?”
“दरअसल, मुझे तब काफ़ कु छ वैसा ही महसूस आ था, जैसा अभी महसूस आ था। चीज़ को करने का
नया तरीक़ा मुझे वाभािवक नह लगा था,” उसने वीकार कया। “मने हमेशा सोचा था क अपने ित स ा
रहना मह वपूण है और जब मने काम करने का नया तरीक़ा आज़माया, तो मुझे लगा जैसे म कोई दूसरा इं सान
बन गया ।ँ म असहज महसूस कर रहा था।”
“यह अ छी बात है, के न,” उ ह ने कहा।
वह हैरान दखने लगा।
“के न, म जानती ँ क हमारा मि त क कस तरह बना है। अगर कसी चीज़ को करने के नए तरीक़े से आप
असहज महसूस नह करते, तो मुझे आपक मानिसक सेहत के बारे म चंता होती। सवाल यह है : या आप उस
असहजता के बावजूद काम करते रहे ? या आपने इसके बाद भी उस प रवतन को कम से कम एक महीने तक
क़ायम रखा ?”
थोड़ी श मदगी से के न ने जवाब दया, “चूँ क इससे म और कु छ दूसरे लोग असहज महसूस करते थे,
इसिलए म बीच म दन छोड़ने लगा। मने िजतने यादा दन छोड़े, दोबारा शु करना उतना ही मुि कल हो
गया।”
“यानी आप कमोबेश अपनी पुरानी आदत पर लौट आए ?”
“हाँ, शायद यह कहना जायज़ होगा। यादातर मामल म चीज़ वापस उनके पुराने तर पर वाभािवक
प से ि थर हो गई ह।”
“ या यह कु छ हद तक आपके घर के तापमान जैसा था, जो थोड़ा इधर - उधर तो हो सकता है, ले कन
हमेशा थम टेट ारा तय बंद ु पर लौट आता है ?” स ने पूछा। के न ने िसर िहलाया और स ने आगे कहा,
“हम भी ऐसा ही करते ह, के न। हमम एक िनि त तय बंद ु पर लौटने क आसान वृि होती है, िजसके हम
आदी हो चुके ह - एक ऐसा बंद ु जहाँ हम आरामदेह होते ह।”
“कई बार इससे लड़ने क कोिशश बेतुक नज़र आती है,” के न ने कहा। “शायद मेरे िलए सबसे समझदारी
भरी बात यह होगी क म उन सभी चीज़ म बेहतर बनने क कोिशश छोड़ दू,ँ िज ह बदलना मुि कल है। य द
मुझे कसी चीज़ का अ यास करने म घंट िबताना ही है, तो शायद मुझे उसी जीवन के साथ ख़श रहने का
अ यास करना चािहए, जो मेरे पास इस व त है।”
“ या आपको इस बारे म यक़ न है, के न ?” स ने पूछा। “आप यहाँ नववष के संक प से लैस होकर आए
थे, यह त य मेरे िलए दरअसल एक मह वपूण संकेत था। शोध बताता है क आप िजतने कम ख़श होते ह, आपके
नववष के संक प तय करने क उतनी ही यादा संभावना होती है।”
वे एक पल के िलए ख़ामोश रह । उ ह ने के न को वह भाव याद करने का समय दया, जो उसने या क
ठीक शु आत म महसूस कया था, जब वह जागा था और उसे अहसास आ था क वह सचमुच अपने जीवन म
प रवतन करना चाहता था और उसे इसक ज़ रत थी।
“हमम चीज़ को कु छ यादा ही लंबे समय तक पकड़े रखने क वृि रहती है,” स ने आगे कहा।
“हमारी आ म - छिव के पुराने द क़यानूसी सं करण, पुरानी चोट और ष
े , सफल होने और प रवतन करने क
हमारी क़ािबिलयत के बारे म सीिमत करने वाले िव ास।”
के न ने अपने जीवन के कई उदाहरण के बारे म सोचा।
फर स ने पूछा, “ या आपने देखा है क जब कोई कसी िशशु को उसक माँ क गोद से लेता है, तो या
होता है ?”
“ओह, मेरे दोन ब े ऐसे दौर से गुज़रे , जब बेबीिसटर को थमाने पर वे रोने लगते थे - मेरा मतलब है,
सचमुच रोने लगते थे,” के न ने याद कया।
“ या आप हैरान ह गे, अगर म आपको बताऊँ क हमम से यादातर लोग अब भी उस दहशतज़दा िशशु
ित या को महसूस करते ह ? हो सकता है क आप सचमुच कसी ब े क तरह हाथ - पैर न मार और चीख़ -
पुकार न कर, ले कन प रवतन होने पर मन म अ सर यही होता है - भले ही वह प रवतन आप ख़द कर रहे ह ।”
“लात मारने और रोने क यह ित या िशशु के प म उपयोगी हो सकती है, ले कन अब उसे छोड़ने का
समय आ गया है,” स ने कहा।
कई बार के न प रवतन के िख़लाफ़ जूझा था, यहाँ तक क सकारा मक प रवतन के िख़लाफ़ भी। उसने
सोचा, अगर यह ितरोध छू ट जाए, तो कतनी राहत क बात होगी। उसने पूछा, “ले कन अगर इ छाशि
इतनी यादा िव सनीय नह है और हमारा मि त क इस तरह बना है, ता क हम अचेतन प से चीज़ को हर
बार एक ही तरीक़े से कर, तो या म सचमुच बदल सकता ँ ?”
स ने के न को संकेत कया क वह ेस बॉल उनक ओर उछाले। “अ छी ख़बर यह है क आपके मि त क
का आकार भी दोबारा बदल सकता है, ठीक इस ेस बॉल क तरह,” उ ह ने इसे दबाते ए कहा। “ऐसा
यूरो लाि टिसटी ( तंि का सुन यता ) क वजह से होता है। आपका मि त क इस संदभ म लाि टक यानी
लचीला है क आप इसे ढाल सकते ह।” स ने बॉल के न क ओर वापस उछाल दी। “जब भी आप कोई नई चीज़
सीखते या करते ह, तो आपका मि त क नए संयोजन या कने शन बना देता है। आप इसे जो नए काम देते ह,
उनसे िनबटने के िलए यह शारी रक प से बदल जाता है। आप प रवतन करने क कुं जी यह है क आप उन नए
संयोजन को बढ़ावा देने का आदश तरीक़ा जान ल।”

जब भी आप कोई नई चीज़ सीखते या करते ह, तो आपका मि त क नए संयोजन या कने शन


बना देता है।

“म आपसे रा ता दखाने क उ मीद कर रहा ,ँ ” के न ने मु कराते ए कहा।


“यह आ यजनक प से आसान है,” उ ह ने पलटकर मु कराते ए कहा। “एक आदत चुन ल - कसी चीज़
को करने का तरीक़ा - िजसे आप बदलना चाहते ह । छोटे और िनि त प रवतन का ल य बनाएँ। य द आप ब त
बड़े या मुि कल प रवतन का ल य बनाते ह, तो यह जोिखम रहता है क आप अंत म नाकाम या हतो सािहत हो
जाएँगे, जैसा क नववष के उन बड़े संक प के साथ होता है, िजनके बारे म हमने बात क थी।”
“एक बार जब म अपना मनचाहा प रवतन चुन लूँ, उसके बाद मुझे या करना चािहए ?”
“काय करने के उस तरीक़े को 30 दन तक हर दन अपनाएँ। 30 दन के अंत म यह एक आदत बन
जाएगा, जो वचािलत होगी।”
“वाक़ई ?”
“यह सही है, के न। उसके बाद इसम उतने यादा चेतन यास क ज़ रत नह होगी। इसके बाद आप कोई
दूसरा छोटा प रवतन करने क ओर बढ़ सकते ह, एक महीने तक हर दन उसका अ यास कर सकते ह, फर
अगले प रवतन क ओर बढ़ सकते ह। हर साल आप अपने जीने और काय करने के कम से कम 12 पहलु को
थायी प से बदल सकते ह, के न। जब तक आप ख़द को और अपने जीवन को बेहतर बनाना चाह, तब तक आप
इस या को जारी रख सकते ह।”
“30 दन क यह जादुई सं या कहाँ से आई ?”
“मै सवेल मा ज़ नाम के ि ने, जो लेखक, महान चंतक और लाि टक सजन थे, इस बात पर ग़ौर
कया क लाि टक सजरी कराने वाले रोिगय को भावना मक दृि से इस प रवतन का आदी होने म औसतन
21 दन लगते ह।”

कसी नई चीज़ का आदी होने और नए संयोजन बनाने म आपके मि त क को यूनतम 21 दन


का समय लगता है।
“उ ह ने यह भी पाया क कसी नई चीज़ का आदी होने और नए संयोजन बनाने म मि त क को यूनतम
21 दन का समय लगता है। इसिलए कसी सकारा मक आदत को डालने या कसी नकारा मक आदत को छोड़ने
के िलए कम से कम 21 दन के यूनतम यास क ज़ रत होती है।”
“मेरे अनुभव म, 30 दन के संदभ म सोचना यादा मददगार है, य क इसे अपने कै लडर म फ़ट करना
और इसक िनगरानी करना यादा आसान होता है। इससे आपको यह मौक़ा िमलता है क आप िसफ़ यूनतम 21
दन तक ही वह काय न कर, बि क नए वहार को कु छ दन यादा करके अपने दैिनक जीवन म सचमुच
मज़बूत बना ल।”
“पैट क श दावली म कह, तो आप बाहरी शि डाल रहे ह, जो आपको आपक िनि यता से बाहर
िनकालती है और नई आदत पर क त रखती है, जब तक क यह आपके काय करने का आदतन तरीक़ा नह बन
जाती।”
“ या आपने इसे लोग के िलए कारगर होते देखा है ?” के न ने पूछा।
“मेरे लीिनक म आने वाले लोग के िलए यह हमेशा कारगर होता है। मने इसे एक ितशत समूह के सभी
सद य के िलए कारगर होते देखा है। वा तव म, मेरे पास एक प रवतन का बेहतरीन उदाहरण है, जो मने हाल
ही म कया है। कु छ समय पहले आपको मेरी डे क पर मनोिव ान के जन स का िवशाल ढेर दखता। वे न िसफ़
गंदे और अ वि थत दखते थे, बि क म उनम शािमल नवीनतम शोध क जानकारी से भी वंिचत थी। म एक
स ाह गुज़र जाने देती थी, फर दूसरा स ाह और अचानक ढेर इतना बड़ा हो जाता था क उसे कम करने क
िह मत ही नह होती थी।”
“मने एक नई आदत डालने के िलए ख़द को एक महीने का समय दया : म आने वाली नई पि का को
तुरंत पढ़ लेती थी, जब क हर रात म पुराने ढेर म से एक पि का उठाकर घर ले जाती थी, उसे पढ़ती थी,
मनपसंद लेख को िनकालकर फ़ाइल म लगा लेती थी और इसके बाद पि का को फक देती थी। शु वार को म
वीकएंड के हर दन के िलए कु छ अित र पि काएँ ले जाती थी। दो महीन बाद ढेर ग़ायब हो गया। अब
लगभग छह महीने गुज़र चुके ह, ले कन वह ढेर दोबारा नज़र नह आया।”
“एक तरह से, एक ितशत के फ़ॉमूले का यह िह सा वुडी एलन के महान उ रण क तरह है, ‘ जीवन का
न बे ितशत िह सा तो बस कमर कसना है। ’ आप बस अपना एक पैर दूसरे के सामने रखते ह और ब त ज दी
ही आप वहाँ प च ँ जाते ह, जहाँ आप प चँ ना चाहते थे। यह एक बार म टम पेपर के एक - दो पेज िलखने या
पि का के ढेर म से एक - दो पि काएँ पढ़ने के बारे म है - यह लगातार उन चीज़ को करने के बारे है, िजनके म
बारे म आप जानते ह क वे आपको वहाँ ले जाएँगी, जहाँ आप प च ँ ना चाहते ह। जो भी कसी भी चीज़ म सफल
आ है, उसने यही कया है।”

“जीवन का न बे ितशत िह सा तो बस कमर कसना है।” – वुडी एलन


के न ने एक बार फर अपने नववष के संक प क सूची उठाई। “तो या आप यह कह रही ह क म इन बड़े
संक प को यादा छोटे, यादा आसानी से होने वाले प रवतन म बाँट दू।ँ फर म 30 दन तक एक - एक करके
हर आदत से मुक़ाबला क ँ , तभी म थायी सुधार कर पाऊँगा ?”
“िबलकु ल, के न। अगर आप नववष के संक प बनाने पर ज़ोर ही देना चाहते ह, तो यह संक प ल क आप
जनवरी म अपने िनजी या पेशेवर जीवन के कसी पहलू को कम से कम एक ितशत सुधारगे। फर इस काम म
अपनी मदद के िलए योजना बनाएँ और जनवरी के हर दन इसका अ यास कर। इससे आप उस आदत क एक
मज़बूत न व डाल लगे और आप इस िसलिसले को आगे बढ़ा सकते ह।”
“ या उन पहले 30 दन को पार करने के िलए आपके पास कोई सुझाव ह ?”
“नई आदत को क़ायम रखने के िलए रा ते म ख़द को पुर कार अव य द। अपने िम का समथन पाने के
िलए उ ह अपने ल य के बारे म बताएँ। इस बात पर यान क त कर क जब आप सफल होते ह, तो यह कतना
बेहतरीन होगा। इस बात पर यान न द क अगर आप असफल हो गए, तो या होगा। अपनी नई आदत को िलख
ल और अपनी गित क डायरी रख। अगर आपके पास दो आदत ह , िज ह आप बदलना चाहते ह और वे दोन
क़रीबी प से जुड़ी ह - जैसे वज़न कम करना और यादा ायाम करना - तो यह बेहतर हो सकता है क आप
उन दोन को एक ही साथ ल। अ यथा आपक सफलता क यादा संभावना तब रहती है, जब आप एक समय म
एक ही आदत को बदलते ह।”
स ने के न को एक पल दया, ता क वह इन सुझाव को अपनी नोटबुक म िलख ले।

“मेरी पि का का ढेर बस एक उदाहरण है,” स ने आगे कहा। “आप िजस तरह से काय करते ह, उसम से
कसी को भी 1 ितशत बदलने का संक प ले सकते ह - िजसम आपके सोचने और महसूस करने का तरीक़ा भी
शािमल है।”
के न ने अपनी नोटबुक से ऊपर देखा ; वह थोड़ा हत भ था। “ले कन म कै से सोचता और महसूस करता ,ँ
इसक योजना म पहले से नह बनाता ।ँ म तो बस ित या करता ।ँ म इस पर कै से िनयं ण कर सकता ँ या
इसे कै से बदल सकता ँ ?” उसने पूछा।
“सबसे प आदत जो हमम होती ह, वे ह हमारे काय,” स ने जवाब दया। “कु छ सकारा मक होते ह -
मान ल क हर सुबह आप आदतन अपने दाँत पर श करते ह और इसके बाद 20 िमनट तक योग करते ह। दूसरी
ओर, आपके कु छ आदतन काय नकारा मक हो सकते ह - जैसे आप श करने के बाद िसगरे ट पीने लगते ह।”
के न िसगरे ट नह पीता था, ले कन वह कई नकारा मक चीज़ के बारे म सोच सकता था, जो वह आदतन
करता था।
“इस दौरान, सारे समय आपके दमाग़ के भीतर एक तरह क र नंग कम ी चल रही होती है, जो उन
मानिसक आदत का प रणाम होती है, जो कसी भी अ य आदत िजतनी ही शि शाली होती ह।”
“एक बार फर, मानिसक आदत सकारा मक या नकारा मक हो सकती ह,” स ने आगे कहा। “जब आप
श करते ह, तो शायद आप अपने आगे के दन के बारे म आ मिव ास या उद्दे य के अहसास के साथ सोचते ह
- या फर आप चंता या बो रयत के साथ सोचते ह।”
“आप यह कह रही ह क ख़द के या कसी ि थित के बारे म सोचने और महसूस करने के कई अलग - अलग
तरीक़े होते ह, ले कन म सारे समय आदतन उसी तरह सोचने और महसूस करने म क़ै द हो जाता ।ँ ”
“सही कहा,” उ ह ने कहा। “के न, या कभी कसी बॉस ने आप पर िच लाया है या आपक आलोचना क है
?”
के न ने िसर िहलाया - और मु कराया, जब स ने कहा, “ देिखए, इससे सािबत होता है क आप सामा य
ह !”
“हम इस अनुभव को एि टवे टंग ( उद्दीपक या स य करने वाली ) घटना कहते ह।” उ ह ने एक बड़े
नोटपैड पर ये श द िलख दए। “ इससे आपको कै सा महसूस आ ?”
“नाराज़, अ े रत और दुखी, ज़ािहर है,” उसने कहा।
“आइए हम इन भावना को प रणाम कहते ह,” स ने कहा और उन श द को उसी नोटपैड पर िलख
िलया।

“मने ग़ौर कया था क आपने ‘ ज़ािहर है ’ कहा। या आप कसी दूसरे तरीक़े से ित या कर सकते थे,
या आपके पास कोई दूसरा िवक प था ?”
“देिखए, मुझे लगता है क म इ तीफ़ा दे सकता था,” उसने कहा।
“ठीक है, अब म आपको एक पाट - टाइम नौकरी के बारे म बताती ,ँ जो मने कॉलेज म दो िम के साथ
क थी। हम रसच म अपने ोफ़े सर क मदद कर रहे थे।”
“वे िवकट इं सान थे, िजनका गु सा मश र था। एक दन वे अंदर आए और वालामुखी क तरह फट पड़े -
चीख़ते- िच लाते रहे क वे हमारे काम और उ पादकता के तर से िनराश थे।”
“जैसे ही उनका िच लाना ख़ म आ, मेरी सहेली संडी रोने लगी और काम छोड़कर चली गई। उसने हम
बाद म बताया क उसके िलए यह प था क उसे अ म माना जाता था और वह ोफ़े सर का स मान दोबारा
कभी हािसल नह कर सकती थी। संडी ने मुख िवषय भी बदल िलया, हालाँ क उसका असली ल य हमेशा
मनोवै ािनक बनना था।”
“मेरा िम िबल - देिखए, उसने सोचा क ोफ़े सर का मूड उस दन ख़राब था। िबल ने अपना िसर झुकाया
और हमेशा क तरह काम करता रहा, मानो कु छ आ ही न हो।”
के न ने पूछा, “ आपने या कया, स ?”
“पहले तो म सदमे म थी और नाराज़ थी,” उ ह ने जवाब दया। “ख़द को सँभालने के िलए म बाहर टहलने
गई। ोफ़े सर ने जो कहा था, मने उसके बारे म सोचा। कु छ बात सही नह थ - ले कन कु छ ऐसी बात भी थ ,
िजनम वे सही हो सकते थे। म योगशाला लौटी और काम करने के कु छ नए तरीक़े आज़माने लगी। मेरे नवाचार
रं ग लाए और शोध सहायक क छोटी सी नौकरी मेरे क रयर क सीढ़ी बन गई।”
“आप सभी ने एक ही उद्दीपक घटना का अनुभव कया - ले कन तीन ब त अलग प रणाम ए,” के न ने
कहा।
“यह सही है। हमम से यादातर लोग सोचते ह क उद्दीपक घटना प रणाम उ प करती है : आपका बॉस
आप पर िच लाता है, इसिलए आप नाराज़ और िख महसूस करते ह, ” स ने कहा। “ले कन यह उद्दीपक
घटना नह है, जो प रणाम क ओर ले जाती है। यह तो उस उद्दीपक घटना के बारे म आपके िव ास ह, जो एक
ख़ास तरीक़े से आपको महसूस कराते ह या आपसे काम कराते ह।” फर उ ह ने अपने रे खािच म कु छ जोड़ा,
िजससे यह इस तरह दखने लगा :
“जब आप पैदा ए थे, तब आपके पास कोई िव ास या राय नह थी,” उ ह ने कहा। “आपने धीरे - धीरे
उ ह इकट् ठा कया - अपने प रवार के सद य से, कू ल के ब से, अपने अनुभव आ द से। हो सकता है क
आपके िव ास मेरे िम या मुझसे या कसी दूसरे से ब त अलग ह । आप अचेतन प से उन िव ास क
छलनी से ही घटना का अथ िनकालते ह।”
“ स, या आप मुझे बता सकती ह क एक ितशत के फ़ॉमूले से इसका संबंध कै से है ?”
“चूँ क आपके िव ास के कारण ही आप एक ख़ास तरह से महसूस करते ह और काय करते ह, इसिलए
आपके िव ास म यह शि है क वे आपके ल य हािसल करने म आपक मदद कर । या फर आपक गित को
रोकने म, स ने जवाब दया। “लगातार सुधार करने और उस सबसे मह वपूण 1 ितशत को हािसल करने के
िलए आपको पीछे हटकर अपने िव ास पर नज़र डालने क ज़ रत है और अगर वे आपके िलए काम नह कर
रहे ह, तो उ ह बदलने क ज़ रत भी है।”
“ या आप सचमुच अपने िव ास को बदल सकते ह ?” के न ने पूछा।
“आप िनि त प से कर सकते ह। मनु य एकमा क पनाशील जाित है। यह आपके िख़लाफ़ काम कर
सकता है - िमसाल के तौर पर, हमारे ोफ़े सर के गु से के बाद िस डी क दुखद ा या को देख। या आप अपनी
क पना से अपने िलए काम करा सकते ह। कुं जी है अभी तक क शि ।”

कुं जी है अभी तक क शि ।

स ने के न को इसे िलखने के िलए एक पल दया और फर उससे पूछा, “ या आप मुझे अपने कसी सपने
या ल य के बारे म बता सकते ह, िजसे आपने हािसल न कया हो ?”
उसने कई के बारे म सोचा और फर यह कहने का िनणय िलया : “म िमिलयनेअर नह ।ँ ”
“जब आप यह कहते ह, तो आप कै सा महसूस करते ह ?”
“ख़द से थोड़ा िनराश।”
“ठीक है, अब इस वा य म अभी तक जोड़ने क कोिशश कर।”
“म अभी तक िमिलयनेअर नह ।ँ ”
के न के चेहरे पर एक मु कान िथरकने लगी। “ स, यह अद्भुत है। अभी तक जोड़ने से मेरा नज़ रया तुरंत
बदल गया। इससे म यादा सकारा मक महसूस करने लगा, मानो मुझे कोिशश करते रहना चािहए। म इसे अपने
शरीर म भी महसूस कर सकता ँ - म ऊजा और वा य का सैलाब महसूस करता ।ँ ”
“मुझे हैरानी नह है, के न, य क मि त क और शरीर के बीच संबंध होता है। अगर आप अपने मि त क को
बदल लेते ह, तो आप अपने शरीर को भी बदल सकते ह,” स ने कहा। “एक अ ययन म, िजन लोग ने तीन
स ाह तक हर दन 20 िमनट तक बा के टबॉल के ो का अ यास कया, उनम 24 ितशत सुधार आ। इसम
कु छ भी अद्भुत नह है - ले कन िजन लोग ने सचमुच ो नह कया, बि क हर दन 20 िमनट तक यह
मानिसक िच देखा क वे ो कर रहे ह, उनम भी लगभग उतना ही सुधार आ - 23 ितशत।”
“आपका मतलब है, सकारा मक सोच जैसा ?” के न ने पूछा।
“नह ,” स ने कहा और अपना िसर ज़ोर से िहलाया। “उ ह ने िसफ़ ‘अ छे िवचार’ ही नह सोचे। उ ह ने
तो अपने मन म यह त वीर देखी क वे गद पकड़ रहे ह, ो क लाइन तक जा रहे ह, बॉल को दो बार ज़मीन
पर उछाल रहे ह, ख़द को सही जगह पर रख रहे ह, शॉट मार रहे ह और बॉल को जाली म िगरते देख रहे ह।
रोचक बात यह है क इस शोध से हम यह पता चला क जब आप ऐसे मानिसक िच ण से गुज़रते ह, तो उस
काय म सि मिलत मांसपेशी समूह उसी म से स य होता है, जैसा क उसे सचमुच करने पर होता।”
“य द मि त क शरीर को बदलता है, तो िनि त प से शरीर भी मि त क को बदल सकता होगा,” के न
को अहसास आ।
“बेहतरीन बात है। इसका मतलब है क आप अपने नज़ रये को यादा सकारा मक, यादा मददगार बनाने
के िलए कु छ शारी रक तकनीक का इ तेमाल भी कर सकते ह। मेरे पास एक अ यास है, िजसका इ तेमाल आप
चाह तो इसी समय कर सकते ह।”

शरीर मि त क को बदल सकता है, और मि त क शरीर को बदल सकता है।

“हाँ, हाँ, ज़ र।”


“सबसे पहले, अपने बे ट बकल क ओर नीचे देख।” के न ने ऐसा ही कया और स ने अपनी घड़ी देखी।
10 सेकंड बीतने पर स ने के न से पूछा क उसे कै सा महसूस हो रहा था; उसका िसर अब भी नीचे लटका आ
था।
“म थका - थका महसूस करता ।ँ स ाह मुि कल रहा है। सच क ,ँ तो म थोड़ा नीरस महसूस कर रहा ,ँ ”
उसने कहा।
“ठीक है, अपनी ठु ड्डी और सीने को ऊपर उठाएँ।” उसने ऐसा ही कया और उ ह ने पूछा, “अब आप कै सा
महसूस करते ह ?”
“वाह, म उसी तरह महसूस करता ,ँ जैसा मने तब महसूस कया था, जब मने अभी तक जोड़ा था – यादा
ह का, यादा सकारा मक। कम थका आ।”
“जब भी आप कसी चीज़ के बारे म अपनी कोिशश को लेकर हताश महसूस कर रहे ह , तो इस ायाम
और अभी तक क शि का इ तेमाल करने क कोिशश कर।”
के न अब समझ गया क कोच िजम ने उससे इस या से िचपके रहने का वादा य िलया था। अब जब
वह उन बाधा से िनबट चुका था, िजनके बारे म िजम ने उसे चेतावनी दी थी, तो वह यादा शि शाली,
यादा ऊजावान महसूस करने लगा।
“ स, आपको ध यवाद, म इन िस ांत पर अमल करने क कोिशश कर रहा ,ँ ता क म हर दन 1
ितशत सुधार कर सकूँ ,” उसने कहा। “ले कन मने उस पहले प रवतन म नाकामी हािसल क , िजसे करने का
मने वादा कया था। या यह एक सम या है?”
“दरअसल, यह सम या के बजाय एक अ छा संकेत हो सकता है, के न। शोध से पता चलता है क जो लोग
बदलने म सफल ए, वे शु आत म फसले थे। अंतर यह है क उ ह ने उस फसलने को तबाही नह , बि क ऐसी
चीज़ के प म देखा, िजसने उनके समपण को मज़बूत कया। फसलने को िगरने म न बदलने द।”

फसलने को िगरने म न बदलने द।

पहले ही के न एक आदत को 1 ितशत बदलने का ल य बना रहा था और यह योजना बना रहा था क वह


कल इसे कै से शु करे गा।
6

कस तरह कु छ न करने से आपको यादा करने म मदद िमलती है

द◌ो सऔराहउसेसे इसके


के न ने अपने जीवन म एक काय करने का जो नया तरीक़ा चुना था, वह उससे िचपका आ था
बारे म अ छा महसूस आ। ऐसा कई बार आ था, जब यह उसे कड़ी मेहनत जैसा लगा,
ले कन अब जब उसने ठान िलया था क वह एक भी दन नह चूकेगा, तो उसक नई आदत यादा
आरामदेह महसूस हो रही थी। वह िजतना यादा आरामदेह और आ मिव ासी बना, उसके आस - पास के लोग
क ित या भी उतनी ही यादा सकारा मक होने लगी।
के न अपनी समय - सारणी म हर दन कु छ िमनट अलग रख देता था, ता क वह स के साथ अपने स क
काय - सूची को पढ़ ले। उसने पाया क ख़द को इन ल य क याद दलाने से उसे अपनी नई आदत क़ायम रखने
म मदद िमली थी। अब जब वह एक ितशत वाले समूह के अंितम सद य का इं तज़ार करते ए एक बच पर बैठा,
तो उसने वह सूची दोबारा पढ़ी।
जो करना है
1. 30 दन तक हर दन अपनी आदत का अ यास करगे, तो यह वचािलत बन जाएगी।
2. यही दूसरी आदत के साथ भी कर, एक बार म एक।
3. जाग क रह क िव ास ही यह तय करते ह क आप घटना क ित या म कै सा महसूस और
काय करते ह:
4. अपने ल य हािसल करने के िलए अपने नकारा मक िव ास को नए िसरे से ढाल।
5. फसलने को िगरने म न बदलने द।

आिख़री बंद ु पर वह मु कराया। इस बात से इं कार नह कया जा सकता था क यह अ छी सलाह थी –


और अब तो और भी यादा लग रही थी, जब वह एक खड़े और ऊबड़ - खाबड़ दखने वाले पहाड़ के पदे म बैठा
आ था। शायद जेफ़ को यह पहाड़ी लगेगी ; आिख़र जेफ़ पूव ओ लंिपक ाइएथलीट थे, जो उस व त
अ ामैराथन का िश ण ले रहे थे। पहाड़ क ओर देखते ए उसने मन ही मन एक ितशत समूह के सद य के
साथ ए स को याद कया। इस पर के न रोमांिचत महसूस करने लगा क ज द ही वह एक ितशत के फ़ॉमूले
क अंितम कुं जी सीखेगा। वह जानता था क इसम िजतने भी अित र यास क ज़ रत हो, वह उसके िलए
तैयार था।
जब जेफ़ आए, तो वे पा कग से नह आए, जैसी के न को उ मीद थी। वे एक पहाड़ी पगडंडी से धीरे - धीरे दौड़ते
ए आए। उनके कं ध पर एक बैकपैक था। पसीना बह रहा था - ले कन वे मु करा रहे थे। दोन ने हाथ िमलाए
और अपना प रचय दया।
“टहलना कै सा रहेगा ?” जेफ़ ने पूछा। “मुझे ठं डा होना होगा।”
“बेहतरीन, ” के न ने कहा और अपना बैकपैक कं ध पर टाँगकर पहाड़ी पगडंडी पर जेफ़ के साथ - साथ
ऊपर चलने लगा। वे एक ितशत फ़ॉमूले म के न क गित और जेफ़ क िश ण योजना के बारे म बात कर रहे
थे।
जेफ़ ने कहा, “ म यहाँ उतनी यादा बार नह आता ,ँ ले कन यह िश ण क मेरी ि य जगह है, ” और
के न समझ सकता था क य । पहाड़ खड़ा था और यहाँ शारी रक प से मेहनत भरी ब त अ छी कसरत हो
सकती थी। के न ने अपनी िनगाह दृढ़ता से सामने जमाए रखी - चलते ए, हमेशा ऊपर धकाते ए – अब उसे
पसीना आने लगा था। अब वह सचमुच लय म आ गया था। उसे इतना अ छा लग रहा था क वह जेफ़ क
बराबरी पर चल रहा है। वह सोचने लगा क शायद इसी चुनौती क वजह से जेफ़ उसे वहाँ लाए ह गे।
ले कन एक िनि त ऊँचाई पर प च ँ ने के बाद जेफ़ क गए और के न से बोले, “ या आपको समझ आ रहा
है क मने यहाँ िमलने का सुझाव य दया था ? ” और उनके दा ओर के नज़ारे क ओर संकेत कया। के न ने
इस बात पर ग़ौर नह कया था क वह पगडंडी उ ह पहाड़ के दूसरी तरफ़ ले गई थी। अब उनके नीचे एक गहरी
नीली झील थी, जो पेड़ से िघरी थी। ऊपर एक बाज उड़ रहा था। “ वाह, ” के न ने कहा। वह हैरान दख रहा
था।
“मेरा अंदाज़ा है क आप हमेशा त रहने वाले इं सान ह, ” जेफ़ ने कहा।
“सही कहा, जेफ़, ” के न बोला और जेफ़ को उसक आवाज़ म गव क खनक सुनाई दी। “मेरे पास ब त सी
िज़ मेदा रयाँ ह, इसिलए फ़ु रसत से बैठना या आराम करना बबादी जैसा महसूस होता है। ”
“म भी ऐसा ही था, ” जेफ़ ने जवाब दया, एक गहरी साँस ली और बड़े प ी को पास से िनकलते देखा।
“ऐसे ही थे ?” के न ने कहा। “ले कन िनि त प से आप तो सबसे त इं सान म से एक ह गे! आपको
देखकर तो ऐसा लगता है क आपको ब त सा िश ण लेना पड़ता है और आपका एक प रवार है और बॉब ने
कहा था क आप अपना कारोबार भी चलाते ह।”
जेफ़ खुलकर मु कराया और के न को अहसास आ क वे कतने शांत और क त दख रहे थे। शायद उ ह
ब त सी मदद िमली थी। या शायद वे उन लोग म से एक थे, जो रात को के वल चार घंटे ही सोते ह और जब के न
जैसे सामा य इं सान सो रहे होते ह, तब अपने काम िनबटा लेते ह...
“ या म आपको एक कहानी बता सकता ँ ? ” जेफ़ ने पूछा और अपना हाथ के न के कं धे पर रख दया। तब
के न ने जेफ़ क मु कान म कु छ और देखा - उस क़ म क समझ, जो िसफ़ अनुभव से िमलती है।
“िबलकु ल, ज़ र सुनाएँ, ” के न ने कहा और वे दोन एक बार फर पगडंडी पर चलने लगे।
जेफ़ ने के न को बताया, वे मा यिमक कू ल के समय से ही ओ लंिपक िखलाड़ी बनना चाहते थे। उ ह ने
अिव सनीय समपण दखाया और ऐसे याग कए, िजनके बारे म कू ल के यादातर ब े तो सपने म भी नह
सोच सकते थे। वे हर दन िश ण लेते थे और फर स ाहांत पर उनके माता - िपता उनके छोटे क बे से घंट
कार चलाकर वहाँ ले जाते थे, जहाँ वे एक उ कृ कोच से िश ण ले सक। बाद म, उ ह ित पधा करने म स म
बनाने के िलए उनके माता - िपता ने अपने पूरे स ाहांत क आ ित दे दी। कॉलेज म जेफ़ ने कभी पाट बाज़ी नह
क । उनके िलए तो बस िश ण और ित पधा का कठोर समपण था। 22 साल क उ म उ ह ने अपना सपना
हािसल कर िलया : ओ लंिपक म ित पधा करना। वे चौथे थान पर आए, िजससे वे अगले ओ लंिपक म िवजेता
मंच पर प च ँ ने के िलए और भी यादा े रत ए।
“कु छ सेकंड क वजह से म एक मेडल से दूर रह गया। फ़क़ एक ितशत का लगभग दसवाँ िह सा ही था।
मने सोचा क उस खाई को पाटने का एकमा तरीक़ा सीधे िश ण शु कर देना था – पहले से भी यादा
कठोर, ” जेफ़ ने कहा। “कई कोच थे, िज ह ने मुझे बताया क मुझे आराम के िलए यादा समय देना चािहए,
ले कन मेरा िवचार यह था क य द म िश ण नह ले रहा ,ँ तो कोई दूसरा ले रहा है। ”
के न उनक बात का मतलब समझ गया। वह कभी ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाएगा, ले कन वह खुद भी
कई बार सोचता था क अगर वह एक पल के िलए भी काम छोड़कर चैन से बैठा, तो दूसरे उससे आगे िनकल
जाएँगे।
“ब त ज दी, म यहाँ - वहाँ अपने समय से एक सेकंड के अंश बचा रहा था, ” जेफ़ ने आगे कहा। “म
उ ेिजत महसूस कर रहा था। िनि त प से मेरे सारे जोड़ चीख़ रहे थे और मेरा एक घुटना तो सारे समय काफ़
दुखता रहता था, ले कन मने उसे नज़रअंदाज़ करना सीख िलया। जब तक क म हवाई म आयरनमैन व ड
चिपयनिश स म िह सा लेने के िलए नह गया।”
जेफ़ ने कहा, “ ाइएथलॉ स म आप कसी बड़ी दौड़ से लगभग एक महीने पहले अपने िश ण को घटा देते
ह। मुझे इससे स त नफ़रत थी, ले कन मने इसके िलए ख़द को िववश कया। वैसे यह काफ़ नह रहा। मुझे इस
बात का अहसास नह आ था, ले कन नुक़सान पहले ही हो चुका था। ”
उ ह ने आगे कहा, “म यादातर रे स म सबसे आगे रहा, ले कन अंितम िह से म दौड़ते समय मेरा घुटना
आिख़रकार जवाब दे गया। अचानक ऐसा लगा, जैसे वहाँ कसी ने चाकू घुसा दया हो। मने जैसे - तैसे दौड़ तो
पूरी कर ली, ले कन म लाइन पार करने वाले सबसे आिख़री धावक म से रहा होऊँगा।”
“मेरे इतने सारे ऑपरे शन ए क मुझे उनक िगनती ही याद नह है। मने पुनवास म घंट गुज़ारे , ता क उस
तरह चल सकूँ , िजस तरह पहले चला करता था। म नीचे क ओर जाने वाले च म फँ स गया। यह िसफ़ शारी रक
चोट ही नह थी; यह एक मनोवै ािनक हार भी थी। मुझे महसूस हो रहा था क अगर म ओ लंिपक म नह जा
पाया, तो मेरी पूरी ज़ंदगी ख़ म हो जाएगी। मने ज दी ही उ मीद छोड़ दी और ख़द को ढीला छोड़ दया। कसी
भी तरह का ायाम करना छोड़ दया। जो भी दल चाहा, खाने लगा, ” जेफ़ ने कहा। उ ह ने इशारा कया क
उ ह पहाड़ के उस तरफ़ खुदी कु छ सी ढ़य से उतरना है और वे झील क तरफ़ उतरने लगे।”
जेफ़ ने आगे कहा, “मने ख़द को कोसा, य क मुझे चेतावनी दी गई थी क मेरे शरीर को दोबारा व थ
होने के िलए िश ण स के बीच आराम क ज़ रत थी। म ओ लंिपक का आदश वा य भूल गया था :
क टयस, आि टयस, फ़ो टयस - यादा तेज़, यादा ऊँचे, यादा शि शाली। मने सबसे तेज़, सबसे ऊँचा, सबसे
शि शाली बनने क कोिशश क थी - और हर दन, क़दम दर क़दम बेहतर बनने क मेहनत करने के बजाय म
तुरंत ही ऐसा बनना चाहता था। म उन लोग क तरह था, िज ह आप िच लाते सुनते ह क म धैय चाहता ँ ! म
इसे तुरंत चाहता ँ !”
के न ने पूछा, “आप पटरी पर कै से लौटे ?”
जेफ़ ने जवाब दया, “मेरे डैडी को चंता हो रही थी क अगर म िब तर से नह उठ पाया, तो मेरा या
होगा। इसिलए वे मुझसे बातचीत करने के िलए अपने एक सहकम को ले आए।”
उस आदमी ने जेफ़ को एक ितशत के फ़ॉमूले से प रिचत कराया। अंतत : जेफ़ ने एक - एक करके यादा
व थ आदत डाल , िजनम आराम क अविध तय करना शािमल था। उ ह ने दोबारा कॉलेज जाकर एक िबज़नेस
िड ी ली और यादा छोटी ाइएथलॉ स ित पधा के िलए िश ण लेने लगे। इस तरह उ ह ने धीरे - धीरे
ऊपर का रा ता बनाया।
“म सचमुच कड़ी मेहनत करता था, ले कन म अपने शरीर को वा य लाभ का समय भी देता था। धीरे -
धीरे मने अपने दशन को बेहतर होते देखा – ाइएथलॉ स म, अ ययन म, संबंध म, कामकाज म, हर े म।”
के न और जेफ़ तलहटी तक प च ँ गए थे। अब झील ठीक सामने थी। उतरने के दबाव क वजह से के न के पैर
क मांसपेिशयाँ कँ पकँ पा रही थ और जल रही थ । दोन ने अपनी - अपनी पानी क बोतल से पानी िपया।
नज़दीक ही एक छोटा झरना था, जो एक धारा के ज़ रये झील म पानी प च ँ ाता था। उ ह पगडंडी पर कभी
- कभार कोई पदया ी या धावक िमला था, ले कन फर भी के न को यह उ मीद नह थी क वहाँ झरने म उसे
लगभग छह लोग डू बे दखगे; उनके चार तरफ़ भाप उठ रही थी। अब वह समझ गया क जेफ़ ने उससे य कहा
था क वह तैरने वाले शॉट् स पहने और एक तौिलया व बदलने के कपड़े लेकर आए। के न और जेफ़ चलकर वहाँ
गए, दूसरे धावक और पदयाि य का अिभवादन कया, अपना सामान कोने पर रखा और पानी म उतर गए -
के न ख़श आ क यह सुखद प से गम था।
जेफ़ ने कहा, “जब मने शौ कया ाइएथलॉ स शु कए, तो म जानता था क मुझे िश ण और आराम के
बीच पहले से यादा चतुर संतुलन बनाने क ज़ रत थी, इसिलए म इसे सीखने के िलए ओ लंिपक िश ण क
गया। वहाँ के कोच ने मुझे बताया क उनक िश ण दनचया बस यह जानने के बारे म है क कब मेहनत क
जाए और कब आराम कया जाए। वहाँ एक िवशेष एथलीट रकवरी सटर भी है। आप जानते ह, कई िखलािड़य
के िलए उस क के सबसे ि य िह स म से एक या है ? गम पानी वाला बाथ टब।”
“ ह, या पता य है ?” के न ने मु कराते ए कहा। अब वह महसूस कर सकता था क गम पानी म उसके
पैर क मांसपेिशय का – और उसके दमाग़ का भी - तनाव िपघल रहा था।
“िखलाड़ी लगभग हर दन रकवरी सटर जाते ह। कु छ िविधयाँ हॉट टब से यादा आधुिनक ह, जैसे कं ेशन
सू स,” जेफ़ ने कहा। के न के चेहरे पर सवािलया भाव देखकर उ ह ने प कया, “दबाव डालने के िलए सूट के
आ तीन और पैर से हवा भरी जाती है। इससे कसी िश ण स के तुरंत बाद ख़ून का वाह बना रहता है।”
“एक ए ा मसाज बेड होता है, जो उ दाब वाली पानी क धारा को शरीर पर ऊपर - नीचे चलाता है,”
उ ह ने आगे कहा। “ वा यवधक ना ते भी ह, य क वा य लाभ सही पोषण पर िनभर करता है। आपको
िश ण स पूरा करने के 20 िमनट के भीतर अपने शरीर म इले ोलाइ स और ोटीन क ज़ रत होती है।
एक ाई सॉना और एक टीम म है। मसाज थेरेिप स, यान, योगा लासेस।”
“सचमुच ?” के न ने कहा। “यह तो कसी पा जैसा लगता है।” वह यह सोचे िबना नह रह पाया क या
आराम करना खेल म ही नह , कसी भी चीज़ म उ कृ बनने का सबसे अ छा तरीक़ा था।
“यह िवलािसता जैसा लग सकता है के न, ले कन सारा शोध दशाता है क शीष 1 ितशत लोग वा य
लाभ के समय को हमेशा अपने दन म थान देते ह,” जेफ़ ने जवाब दया। “युसेन बो ट एक बेहतरीन िमसाल ह।
2008 के ओ लंिप स म उ ह ने 100 मीटर क दौड़ 9.69 सेकंड म पूरी क और िव क तमान तोड़ दया।”
“मने वह दौड़ देखी थी,” के न ने कहा। “वे अिव सनीय थे।”
“सचमुच अिव सनीय बात यह है क उसके तीन साल पहले वे 9.75 सेकंड के अवरोध को नह तोड़ पा रहे
थे। उ ह गित का मह वपूण रह य तब िमला, जब उनके िश क को अहसास आ क उ ह वा य लाभ के
िलए पया समय नह िमल पा रहा था। बो ट चंितत थे क दनचया म आराम क अविध बढ़ाने से उनक गित
कम हो जाएगी, ले कन आ उ टा : उनका समय 0. 6 ितशत बेहतर हो गया, ” जेफ़ ने कहा। “इस सुधार ने -
जो 1 ितशत से भी कम था - उ ह एक असाधारण धावक से संसार का सबसे तेज़ धावक बना दया।”
“म देख सकता ँ क िश ण के दद और थकान से भरा िखलाड़ी अपना सव े दशन नह दे सकता,
ले कन या यह बात मुझे जैसे ि पर भी लागू होती है?” के न ने कहा। “मेरा नज़ रया है : म िजतने यादा
घंटे काम म िबताता ,ँ म उतना ही यादा काम करता ।ँ बात ख़ म।”
“दबाव म होने पर यादातर लोग आराम करना, ायाम करना और सही तरीक़े से खाना छोड़ देते ह। वे
कम सोते ह और यादा लंबे घंटे काम करते ह,” जेफ़ ने कहा। “ले कन यह बड़ी भारी ग़लती है। एक बात तो यह
है क जो लोग हर दन 10 से 12 घंटे काम करते ह, उ ह दय रोग या हाट अटैक होने क आशंका उन लोग से
56 ितशत यादा होती है, जो 10 घंटे से कम काम करते ह। दुखद बात यह है क एक िनि त बंद ु से परे ,
यादा समय तक काम करना दरअसल हािनकारक बन जाता है।”
“यह मेरे बॉस को बताने क कोिशश कर,” के न ने एक शु क मु कान के साथ कहा।
“यह एक बेहतरीन िवचार है, के न !” जेफ़ ने जवाब दया। “जब मने देखा क वा य लाभ को अपनी
दनचया म शािमल करने से मुझे जीवन के सभी पहलु म कतने लाभ िमल रहे ह, तो मने शोध का अ ययन
कया।”
“मने सीखा क शीष 1 ितशत लोग को अलग करने वाली चीज़ यह है क वे दन भर एका यास और
िनयोिजत वा य लाभ क अविधय का च चलाते ह। यह सब काम और आराम के सही संतुलन के बारे म है।”
के न ने पूछा, “यह संतुलन कै सा होता है ? ”
“ कसी भी े म सव े ि एका िच होकर एक समय म 90 िमनट से यादा काम नह करते ह।
ऐसे दो स के बीच म आराम के अवकाश होते ह। वे दन म छोटी झपक लेते ह, रात को कम से कम आठ घंटे
क अ छी न द लेते ह और िनयिमत वैकेशन लेते ह,” जेफ़ ने कहा।
के न ने पल भर के िलए क पना क वह शारी रक और मानिसक प से कै सा महसूस करे गा, अगर उसका
जीवन एका यास और िनयोिजत वा य लाभ क इस लय पर चले ।

शीष 1 ितशत लोग को अलग करने वाली चीज़ यह है क वे दन भर एका यास और


िनयोिजत वा य लाभ क अविधय का च चलाते ह।
जेफ़ ने पूछा, " या बॉब ने आपको ितभाशाली वायिलनवादक के अ ययन के बारे म बताया है ?”
के न ने कहा, “ िनि त प से, जहाँ उ ह ने उ ह तीन समूह म िवभािजत कया और यह पाया क सफलता
इस बात पर िनभर करती थी क वे कतने घंटे अ यास करते थे - शीष तर पर प च ँ ने के िलए कम से कम 10,
000 घंटे।”
“देिखए, इस उदाहरण से आप देख सकते ह क काम और आराम के ित लयब नीित अपनाने से आपको
1 ितशत लाभ कै से िमल सकता है,” जेफ़ ने कहा। “देिखए, उनक सफलता इस बात पर भी िनभर करती थी क
वे कतना आराम करते थे और कतनी बार करते थे। बेहतरीन दशन करने वाल क एक दैिनक दनचया थी,
िजसम वे एक बार म 90िमनट तक अ यास करते थे, िजसके बीच म कोई वधान नह होता था, ले कन 90
िमनट के दो स के बीच म अंतराल ज़ र रहता था। सबसे कम सफल समूह म वायिलन वादक क तो अ यास
और आराम क कोई दनचया ही नह रहती थी।”
“ऊपर वाले दो समूह के लोग रात म औसतन 8. 6 घंटे सोए, जब क सबसे नीचे वाले समूह के लोग
औसतन 7.8 घंटे सोए। शीष दो समूह ने लगभग तीन घंटे ित स ाह झपक ली, जब क िनचले समूह ने स ाह
म एक घंटे से भी कम झपक ली।”
“ या आप मज़ाक़ कर रहे ह ?” के न ने कहा। “म तो यह मानता था क बेहतरीन दशन करने वाले वे
िचड़िचड़े लोग ह गे, िज ह रात म िसफ़ तीन - चार घंट क न द क ज़ रत होती है।”
“यह काफ़ हद तक एक शहरी िमथक है, के न। एक िन ा िवशेष ने कहा है क िजन लोग को पाँच घंटे से
कम न द क ज़ रत होती है, उनका ितशत लगभग शू य है। दरअसल 95 ितशत लोग को सामा य ढंग से
काम करने के िलए कम से कम सात - आठ घंटे क न द क ज़ रत होती है। जो लोग सोचते ह क वे इससे कम म
काम चला सकते ह, उनम से यादातर खु़द को धोखा दे रहे ह,” जेफ़ ने कहा। “वे शायद अगले दन कै फ़ न और
शकर क ख़राक लेकर काम चलाने क कोिशश कर रहे ह - ले कन चाहे जो हो, अगर पया न द नह िमलती है,
तो आपका दशन िगर जाता है।”
“ओह। मुझे तो हर रात को अमूमन छह या साढ़े छह घंटे क न द ही िमल पाती है, ” के न ने कहा।
“औसत यही है - ले कन आप िजस 1 ितशत सुधार के बारे म सुन रहे ह, उसे हािसल करने के िलए बेहतर
होगा क आप महान लोग का अनुसरण कर,” जेफ़ ने कहा। “एक ितशत समूह के बाक़ सद य और म हर रात
आठ घंट क न द का ल य बनाते ह, य क हम उन उ कृ दशक जैसे बनना चाहते ह ; बेहतर दशन के एक
और दन के िलए पूरी तरह तैयार।”
“न द म ऐसा या है, जो दशन को इतना यादा बेहतर बनाता है ?”
“देिखए, जवाब म म एक सवाल पूछना चा ग ँ ा,” जेफ़ ने कहा। “अगर आप सुधार के माग पर बने रहना
चाहते ह, तो अ यास करना और सीखना अ यंत मह वपूण है, है ना ?”
“हाँ, एक ितशत के फ़ॉमूले से तो म यही समझता ,ँ ” के न ने जवाब दया।
“देिखए, न द म आप अपनी मृितय को वि थत और संग ठत करते ह, ता क आप एक ितशत वाले जो
सुिवचा रत अ यास करते ह, उसका उपयोग कर सक। इसीिलए आपको रात को अ छी न द क आदत डालने क
ज़ रत होती है। आप अपनी रचना मकता, सम याएँ सुलझाने और दीघकालीन दृि कोण रखने क यो यता म
भी वृि देखगे।”
“पया न द न हो, तो आप बुरी मनोदशा, अधीरता, एका ता म कमी और ग़लितय म वृि देखगे - ज़रा
सोच अ पताल म कतनी सारी दुघटनाएँ होती ह, जब डॉ टर और नस ब त लंबी िश ट म काम करते ह। तब
आपको कम सजगता और दशन म िगरावट दखाई देती है,” जेफ़ ने कहा।
के न ने अब कु छ चुनौतीपूण ि थितय को एक नई रोशनी म देखा, िजनका सामना उसने अपने कामकाज
और घर पर कया था। शायद दो घंटे यादा न द क बदौलत वह उनसे यादा अ छी तरह िनबट सकता था।
उसने कहा, “जब म लगातार कु छ रात को देर तक जागता ,ँ तो कई बार दन पूरा करना भी एक सम या
लगती है।”
जेफ़ ने जवाब दया, “ऐसा इसिलए है, य क आपके पास इ तेमाल करने के िलए पया शारी रक और
मानिसक संसाधन नह होते ह, इसिलए आपको अपनी ि थित बरक़रार रखने के िलए भी अंततः यादा कठोरता
से काम करना होता है। आप िनि त प से एका होने, सीखने और बेहतर बनने क ि थित म नह होते ह।”
के न ने कहा, “शायद यादा ज दी सोने जाना वह अगली आदत होगी, जो म शु क ँ गा, जब वह आदत
पड़ जाएगी, िजस पर म अभी काम कर रहा ।ँ ”
“बेहतरीन!” जेफ़ ने जवाब दया। “उसके बाद आप यह नई दैिनक आदत डाल सकते ह क आप 90 िमनट
के कामकाजी स रख और उनके बीच म अंतराल रख, िजसम से एक म आप लंच के बाद झपक ल।”
“ या पता, जेफ़। कई बार म रिववार दोपहर को झपक लेता ,ँ ले कन उसके बाद म आधे घंटे या इससे
भी यादा देर तक हमेशा ब त आलस महसूस करता ,ँ ” के न ने कहा। “म स ाह म कसी दूसरे दन ऐसा नह
रह सकता।”
“रह य झपक को छोटा रखना है,” जेफ़ ने जवाब दया। “आप न द क कई अव था से गुज़रते ह और
वीकएंड क उन झप कय म आप शायद इतनी देर तक सोए रहते ह क आप उन यादा गहरी अव था म
प च
ँ जाते ह, िजनसे जागने म यादा समय लगता है। ले कन स ाह के दन म अगर आप 10 से 30 िमनट क
झपक लेते ह, तो आप न द क यादा ह क अव था म ही रहगे और जागने पर तरोताज़ा महसूस करगे।
जापान म ए एक अ ययन ने दशाया है क लंच के बाद िसफ़ 15 िमनट क झपक से लोग बाक़ दन यादा
चौकस रहते ह।”
“इससे ब त मदद िमलेगी, य क आम तौर पर म दोपहर के बाद ढीला पड़ने लगता ,ँ ” के न ने कहा।
“ले कन अगर म ऑ फ़स म झपक लूँगा, तो शायद कमचारी सोचने लगगे क म आलसी ,ँ शायद बीमार भी।”
“म समझता ,ँ के न,” जेफ़ ने कहा। “यही म लगभग हर कं पनी म सुनता ,ँ जहाँ भी म जाता ।ँ ले कन
जब वे झप कय क आदत डाल लेते ह और अपने दशन को ऊँचा उठते देखते ह, तो वे ब त अलग महसूस करते
ह। अगर आप छोटी सश झपक लेने लगते ह और दूसरे लोग देखते ह क इसक वजह से आप शाम तक कतने
तरोताज़ा रहते ह, तो यह िवचार ब त ज दी लोकि य हो सकता है।”
“आप िजन कं पिनय के साथ काम करते ह, उनम लोग झपक लेते कहाँ ह ?”
“िव क सव दशन करने वाली कं पिनय म से कु छ ने वा य लाभ क बनवा रखे ह, ले कन मने
कु छ सृजना मक हल भी देखे ह,” जेफ़ ने कहा। “एक ए ज़ी यू टव जब दबाव बढ़ता महसूस करता था, तो खुद
को 10 िमनट का ‘ए ज़ी यू टव टाइम आउट’ दे देता था। उसने अपने ऑ फ़स के एक पुराने टोरे ज म म एक
आराम कु स रखकर उसे टाइम आउट थल बना िलया है।”
“अगर आपके के िबन म दरवाज़ा है, तो आप हर दोपहर एक िनि त समय पर इसे बंद कर सकते ह - इस
पर ‘डू नॉट िड टब’ क त ती भी लटका सकते ह - और फर अपनी कु स पर टककर झपक ले सकते ह। अगर
आपको अपने ऑ फ़स म सोने म उलझन होती है, तो अपनी डे क पर पीछे टकने और बस अपनी आँख बंद करने
से भी मदद िमलती है। हाँ, इससे पहले अपने सहक मय को यह बता द क आप कु छ िमनट के िलए ऑफ़लाइन
हो रहे ह।”
“मेरा भतीजा तो अपने कॉलेज क लाइ ेरी म भी झप कयाँ लेता है। वह पढ़ाई का ब त यादा दबाव
महसूस कर रहा था, इसिलए मने उसके साथ िमलकर उसक दनचया बनाई: अब वह लगभग 90 िमनट तक
पु तक पढ़ता है, फर 20 िमनट तक एक कम त े म सोफ़े पर लगभग 20िमनट क झपक लेता है, फर
दोबारा पढ़ने लगता है। दूसरे लड़के पहले तो उस पर हँस,े ले कन जब उ ह ने उसके ेड सुधरते देखे, तो उनम से
कु छ यही करने लगे।”
“90 िमनट ही य ?” के न ने पूछा।
“इसका सारा संबंध आपके शरीर क ाकृ ितक लय से है, जो हर 90 िमनट म यादा ऊँची और कम
जाग कता के च म चलती है,” जेफ़ ने जवाब दया। “ हो सकता है आपने ग़ौर कया हो क हर 90 िमनट बाद
आप बेचैनी महसूस करने लगते ह, एका होना यादा मुि कल हो जाता है और आप यादा िचड़िचड़े होने लगते
ह।”
“म आम तौर पर ख़द को इसके पार जाने के िलए िववश करता ँ या फर कॉफ़ या ना ता ले लेता ,ँ ”
के न ने कहा।
“अगली बार, शायद आप अपने शरीर के भेजे संकेत समझकर 10 िमनट का अंतराल ले सकते ह। आप
हैरान हो सकते ह क जब आप अपने काम पर लौटते ह, तो आपके दशन म कतना यादा उछाल आता है।
दरअसल, अंतराल क बात कर तो... ” जेफ़ यह कहते - कहते खड़े हो गए, जब झरने के दूसरे िसरे के पदयाि य
व धावक का समूह खड़ा हो गया और बाहर िनकलने लगा। के न ने भी ऐसा ही कया और देखा क वे सभी झील
क जेटी क ओर बढ़ रहे थे।
वे एक - एक करके अंदर कू दे; यादातर ऐसा करते समय िच लाए। जेफ़ भी अंदर कू दा और आिख़रकार
के न।
उसे एक सेकंड बाद पता चला क पानी ठं डा था - सचमुच ठं डा ! उसने साँस ख ची, जब वह सतह पर उठा
और तैरने लगा।
के न के चेहरे पर सदमे भरे भाव को देखकर जेफ़ हँसने लगे। “ या मने बताया था क एथलीट रकवरी सटर
म ओ लंिपक िखलाड़ी गम टब से िनकलकर सीधे ठं डे ि व मंग पूल म जाते ह ? इससे र वाह बढ़ता है और
सूजन व जलन कम होती है।” अब वे खुलकर हँस रहे थे और के न भी इस हँसी म शािमल ए िबना नह रह
पाया। जब उसका शरीर इसका आदी आ, तो उसे अहसास आ क यह प रवतन ताज़गी भरा था और इसक
वजह से उसम ऊजा का सैलाब उठ रहा था।
“य द आप यादातर लोग जैसे ह, तो ेक या अंतराल लेने म आपको थोड़ा अपराधबोध होगा और आप
सोचगे क आप दन म कम काम कर पाएँगे,” जेफ़ ने कहा। जब के न ने हामी म िसर िहलाया, तो जेफ़ ने आगे
कहा, “देिखए, यह ग़लत सािबत हो चुका है। कई अलग - अलग शोधकता ने लोग के कु ल ेक टाइम या
अंतराल समय को एक दन म 20 से 35 िमनट तक बढ़ाया है। उनका िन कष था क उन लोग ने कम थकान
महसूस क और उ ह चोट कम लग । यही नह , हालाँ क कामकाजी घंटे कम होने के बावजूद उनक उ पादकता
ज़रा भी कम नह ई।”
“आराम के अंतराल आपके दोबारा वा य लाभ म स म बनाते ह, िजससे आप थकते नह ह, िघसते नह
ह और बीमार नह होते ह। इसका मतलब है क आप हर दन अपने शीष तर पर दशन कर सकते ह।”
“म देख सकता ँ क यह एक ितशत के फ़ॉमूले के िलए अ यंत मह वपूण है,” के न ने कहा। “य द आप
थकान से चूर ह, तो आप हर दन बेहतर दशन करने के िलए खु़द को सम पत नह कर सकते।”
“सही कहा, के न। मने इसे मुि कल तरीके ़ से सीखा,” जेफ़ ने कहा। “याद रखने वाली एक और अहम बात
यह है क आराम के अंतराल आपको यादा चतुराई से काम करने क क़ािबिलयत दान करते ह। या आपको
कभी यह अनुभव आ है क आप घंट तक कसी ज टल सम या पर काम कर रहे थे और आप इस पर िजतना
यादा काम करते रहे, वह कम के बजाय यादा ज टल नज़र आती गई ?”
के न ने कहा, “ओह िनि त प से, म कुं ठत हो जाता ।ँ एक मानिसक अवरोध उ प हो जाता है।”
“ऐसा इसिलए है, य क ऐसे समय आपको अंतराल या ेक लेने और कसी दूसरी चीज़ के बारे म सोचने
क ज़ रत होती है।”
“म जानता ँ आपका या मतलब है,” के न ने कहा। “मुझे याद है , एक बार जब म कसी चीज़ को समझने
क कोिशश कर रहा था, तो मने हार मान ली और लंच के िलए एक सडिवच ख़रीदने चला गया। जब म उसे
खाकर डे क पर वापस लौटा, तो समाधान मुझे वह अपने सामने दख गया।”
“शोधकता दूर जाने के समय को ‘अंकुरण समय’ कहते ह। उ ह ने सािबत कर दया है क यह कसी सम या
को सृजना मक तरीक़े से सुलझाने म आपक मदद करता है,” जेफ़ ने कहा। “इसिलए दन म आराम के अंतराल
क दनचया बनाना मह वपूण है - आदश ि थित म, एक सुबह के बीच म, दूसरा दोपहर के बीच म।”
के न नीले आसमान को िनहारते ए पीठ के बल तैर रहा था।
“आराम के इन अंतराल म करने के िलए सबसे अ छी चीज़ या है, जेफ़ ?” उसने पूछा और एक बार फर
पेट के बल तैरने लगा।
“िखलािड़य के िलए, आम तौर पर वा य लाभ का मतलब होता है कोई िनि य चीज़ करना, जैसे बाथ
टब म बैठना या मसाज कराना,” जेफ़ ने कहा, “ले कन जो ि शारी रक दृि से मेहनत का काम नह करता
है, उसके िलए ेक या अंतराल के समय ायाम सबसे अ छी चीज़ म से एक है।”
“कै से?”
“आपको िनि य चीजे़ं करने क ज़ रत तो होती है - यान करना, संगीत सुनना, प रवार या िम के
साथ अ छा भोजन करना - ले कन शोधकता ने दखाया है क अगर आपका काम शारी रक के बजाय
मानिसक मेहनत का है, तो ब त यादा िनि य वा य लाभ से आप और यादा थकान महसूस करने लगगे।
यह द शत हो चुका है क ायाम से आपको कम थकान महसूस होती है।”
“शायद आस - पास टहलना, लंच के समय िजम जाना, ऑ फ़स जाने से पहले तैरना - जो भी गितिविध
आपक दय गित को बढ़ाती हो और आपक मांसपेिशय तथा जोड़ को स य करती हो। इसे स ाह म कम से
कम तीन बार कम से कम 20 िमनट तक करगे, तो आपको लाभ दखने लगगे।”
“म जानता ँ क जब म यादा फ़ट होता ,ँ तो मुझे यादा अ छा महसूस होता है,” के न सहमत आ।
जेफ़ ने घाट पर सीढ़ी क तरफ़ इशारा कया। के न तैरकर वहाँ तक गया और झील से बाहर िनकल गया।
जेफ़ भी पीछे - पीछे आ गए और बोले, “िनयिमत ऊजावान ायाम का भाव दरअसल एंटीिड ेस स िजतना
ही होता है। ायाम रात को बेहतर न द लाने म मदद करता है, तनाव कम करता है और यह आपके मि त क के
यादा भावी ढंग से काम करने म भी मदद करता है। - वा तव म, का डयोवै कु लर ायाम आपके शरीर को
नई मि त क कोिशकाएँ उ प करने के िलए स य करता है। अगर आप नज़दीक पाक जैसी ाकृ ितक जगह पर
ायाम कर सक, तो लाभ और यादा िमलते ह।”
“वह य ?”
“जब आप कसी त सड़क पर चलते ह, तो देखने के िलए ब त कु छ होता है और आपका यान भटकता
रहता है - ले कन कृ ित के क़रीब रहने से आपके मि त क को आराम करने और ख़द को पहले जैसा बनाने का
मौक़ा िमलता है। िमिशगन युिनव सटी म िव ा थय के एक समूह को एक पाक म टहलने भेजा गया और दूसरे
समूह को त सड़क पर। बाद म उनक जाँच क गई। जो लोग पाक म टहले थे, उनका मूड बेहतर था, उनका
यान यादा ती ण था और उनक याददा त भी यादा अ छी तरह काम कर रही थी।”
जब वे अपने बैकपैक तक प च
ँ े और शाम क धूप म बदन सुखाने लगे, तो जेफ़ ने कहा, “आराम और
वा य लाभ क पज़ल का एक आिख़री टु कड़ा है, िजसे ब त कम लोग अपने शेड्यूल म शािमल करते ह।
वैकेशन।”
पदया ा करना, तैरना, धूप सकना - इससे के न को कम उ क वे वैकेशन याद आ ग , जो उसके पूरे साल
को एक तरह क लय देती थ और उसम नई ऊजा का संचार कर देती थ ।
उसने जेफ़ को बताया, “हमेशा प रवार म इतना कु छ चलता रहता है क ऐसा समय खोजना मुि कल होता
है, जब पूरा प रवार अ छे समय के िलए बाहर जा सके ।”
जेफ़ ने जवाब दया, “सामा य वृि के िहसाब से देख, तो म शत लगाता ँ क अगर आप घूमने के िलए
बाहर चले भी जाते ह, तो ऑ फ़स के ईमेल और टे ट मैसेज आपके दमाग़ को उसी जगह प च
ँ ा देते ह, जहाँ से
आपको अवकाश लेने क ज़ रत है। शीष एक ितशत लोग जानते ह क उ ह अपने शेड्यूल म अ छे वैकेशन को
शािमल करने क ज़ रत है, जब तक क सचमुच आपातकालीन ि थित ही न आ जाए।”
“हाल - फलहाल मेरा काम एक मह वपूण मोड़ पर है और अगर म छु ट् टी मनाने चला गया, तो चीज़
फसल सकती ह,” के न ने कहा। “मेरे िलए वैकेशन को तकसंगत सािबत करना मुि कल है, जब तक क इसक
बदौलत म दशन म उछाल न देख सकूँ ।”
“मेरे पास एक बेहतरीन उदाहरण है, जो आपको िव ास दलाने म मदद कर सकता है,” जेफ़ ने जवाब
दया। “अकाउं टंग फ़म अ ट एंड यंग ने पाया है क कसी कमचारी का दशन उतना ही बेहतर होता था,
िजतना वह वैकेशन पर जाता था। हर माह 10 घंटे के वैकेशन से उसका दशन 8 ितशत बेहतर होता था।
कमचारी वैकेशन म िजतना यादा समय िबताते थे, सुधार उतना ही यादा होता था।”
के न ने कहा, “ मुझे लगता है क म दरअसल दशन म इतनी भारी सुधार करने का अवसर नह चूकना
चा ग
ँ ा।”
“सही कहा। आप जानते ह, पहले म सोचता था क अगर म िश ण नह ले रहा ,ँ तो कोई दूसरा ले रहा
है ? देिखए, अब मुझे अहसास होता है क यह उतना ही सच - और यादा मह वपूण - है क अगर म अपनी
बैट रय को रचाज नह कर रहा ,ँ तो कोई दूसरा िनि त प से अपनी बैट रयाँ रचाज कर रहा होगा। य द
मने ऐसा होने दया, तो वे अगले दन अपना दशन बेहतर कर रहे ह गे, जब क म अगले दन बस काम िनबटा
रहा होऊँगा।”

अगर म अपनी बैट रय को रचाज नह कर रहा ँ, तो कोई दूसरा िनि त प से अपनी


बैट रयाँ रचाज कर रहा होगा।
“एक और चीज़ जो मने यह पाई है क जब आप एक ितशत के फ़ॉमूले म आगे जाते ह, तो लीवरे ज और 20
/ 80 िस ांत क बदौलत आपको वह समय भी िमल जाएगा, िजसके बारे म आप जानते भी नह थे क वह
आपके पास है। उस समय म से कु छ का इ तेमाल िनयोिजत वा य लाभ म करके आप लगातार तरोताज़ा हो
सकते ह और अपनी ऊजा को रचाज कर सकते ह। इस तरह आप हर दन सुधार कर सकते ह, एक बार म 1
ितशत,” जेफ़ ने कहा। “हाल - फ़लहाल यह कै सा रहेगा क हम सी ढ़य को छोड़कर पगडंडी से ही वापस चल
?”
के न ने पगडंडी क तरफ़ देखा, जहाँ ऊँचे सदाबहार पेड़ क छाया थी।
“ऐसा लगता है, जैसे यह ठीक वैसा ही आराम और वा य लाभ है, जो मुझे कल एक उ - दशन वाले
दन के िलए तैयार कर देगा,” के न ने कहा और दोन ही मु कराने लगे।
7

च पूण आ

ए कका अंितशत समूह के सद य से सीखने के स पूरे हो चुके थे। ले कन के न को यह जानकर ख़शी ई क या ा


त यह नह आ। जेफ़ से िमलने के बाद पाँच स ाह म एक ितशत के फ़ॉमूले के िस ांत ने के न क
ज़ंदगी के हर पहलू म जड़ जमा ली थ और उसक समझ हर दन बढ़ रही थी।
के न ने िनयिमत प से अपनी काय - सूची क जाँच करके देखा क वह कन िस ांत पर अमल करने का
अ छा काम कर रहा है। इस तरह वह ख़द को उन िस ांत क याद भी दलाता रहता था, िज ह उसे यादा
िनरं तरता से लागू करने क ज़ रत थी। जेफ़ के साथ अपने स के बाद बनाई सूची पढ़ने से उसे कु छ आदत के
प रवतन क याद आई, िज ह वह िनकट भिव य म क़दम दर क़दम लागू करने क योजना बना रहा था :
1. एका यास और िनयोिजत वा य लाभ क अविधय के साथ दैिनक समय - सारणी बनाएँ।
2. एका ता से एक बार म 90 िमनट से यादा काम न कर और ऐसे दो स के बीच आराम के अंतराल
रख।
3. हर स ाह आराम के कम से कम तीन अंतराल म 20 िमनट तक ायाम कर।
4. दन म 10 से 30 िमनट तक झपक ल।
5. रात को कम से कम 8 घंटे क न द ल।
6. िनयिमत वैकेशन मनाएँ।
के न ने अपना नोटपैड िब तर के पास वाली टेबल पर रखा और ाइ वंग रज वाली रात के बाद पहली बार लाल
बेसबॉल कै प पहनी। वह आईने के पास चलकर गया, कै प सीधी क और कॉलर ठीक क - फर वह अपने
ित बंब को देखकर मु कराया। जब वह लाल कै प पहनकर िडनर म जाएगा, तो काल स िनि त प से हैरान
रह जाएँगे।
के न काल स के घर पर आयोिजत िडनर क राह देख रहा था, य क वहाँ वह एक बार फर एक ितशत
समूह के सद य से िमलेगा और पहली बार उ ह एक साथ देखेगा। जब कोच िजम ने फ़ोन करके हाल - चाल पूछे
और उसे इस िमलन समारोह म आमंि त कया, तो उसने ख़द को स मािनत महसूस कया।
उसने अपनी चािबयाँ उठा और वह दरवाज़े से बाहर िनकलने ही वाला था क तभी उसने अपने ित बंब
को दोबारा देखा और कसी चीज़ क वजह से वह ठठक गया। कु छ अलग था।
वह यादा अ छी तरह देखने के िलए और क़रीब प च ँ ा। फर वह मु कराया, जब उसे अहसास आ क
कोई चीज़ बदल गई थी और बेहतर बन गई थी। यह उसके बाल नह थे। यह उसके कपड़े नह थे। यह तो वह ख़द
था।

जब के न प च
ँ ा, तो काल स घर के बाहरी इलाक़े म उ साह से िजरह कर रहे थे। एक - दूसरे को देखते ही वे दोन
लगातार हँसने लगे। “ओह !” समानता पर आ य करते ए काल स िच लाए। उ ह ने भी इस मौक़े पर
अपनी लाल बेसबॉल कै प पहन रखी थी और उनके चेहरे के भाव से काफ़ प था क वे के न को हैरान करना
चाहते थे।
“देखा, महान लोग एक जैसा सोचते ह, ठीक है ?” के न ने कहा।
काल स टॉ ग नीचे रखकर आगे आए और के न से हाथ िमलाया।
“ वागत है, के न। आपसे िमलकर सचमुच अ छा लगा । ख़शी है क आप या म जुटे रहे,” उ ह ने कहा।
फर के न के कं धे पर ह का सा मु ा मारते ए उ ह ने आगे जोड़ा, “म जानता था क ऐसा ही होगा।”
एक ितशत समूह के यादातर लोग बड़ी िडनर टेबल पर बैठे थे। कोच िजम उससे हाथ िमलाने के िलए
खड़े ए। बॉब भी खड़े होकर बोले, “के न, म जानता था क आप यह या ा पूरी कर लगे।” स और पैट ने आकर
के न को गले लगाया। उन दोन ने ट पणी क क के न ब त अ छा दख रहा था।
उसने उ ह ध यवाद दया, चार ओर देखा और पूछा क जेफ़ कहाँ है। ठीक उसी समय ाइएथलीट जेफ़
वहाँ आ गए - काल स, बॉब, िजम, स और पैट ने तािलय , सी टय और हष विन के साथ उनका वागत
कया। शोरगुल क आवाज़ के बीच िजम ने के न को बताया क अ ामैराथन के बाद वे लोग जेफ़ को पहली बार
देख रहे थे, िजसके िलए वे इतने महीन से िश ण ले रहे थे – और जो उ ह ने िपछले स ाहांत पर जीत ली थी।
के न ने हष विन म अपनी आवाज़ भी जोड़ दी और एक बार फर से सभी ने हाथ िमलाए तथा गले िमले।
अितिथ बैठ गए और जेफ़ से रे स के बारे म पूछने लगे, जब क काल स ने ि ल करने का काम पूरा कया और
भोजन के बतन टेबल पर लाने लगे। जब जेफ़ ने अपनी जीत क कहानी पूरी क , तो इसके बाद बातचीत के
बजाय खाने का दौर शु हो गया। “काल स, आपने यह एक बार फर कर दया है,” बॉब ने कहा। “ओह, यह तो
लाजवाब है” कोच िजम ने कहा। पैट बस “वाहहहहह” ही कह पाई।
काल स आदश िडनर मेज़बान थे और बार - बार उठकर देख रहे थे क हर एक का पानी का िगलास पूरा
भरा तो है। वे मेहमान क ओर अित र सलाद और ेड रोल क ले स भी बढ़ाते जा रहे थे। धीरे - धीरे
बातचीत एक बार फर शु हो गई और के न मं मु ध होकर सुनने लगा। ये असाधारण लोग एक दूसरे को ताज़ा
जानकारी दे रहे थे क उनके जीवन म इस व त या चल रहा था। उ ह ने मज़ाक़ कया और एक दूसरे को छेड़ा,
जब उ ह ने उन सफलता के बारे म बताया, जो उ ह हाल म िमली थ । उ ह ने अपनी वतमान तथा भावी
गितिविधय के बारे म बताया। जब कसी ने अपनी चुनौितयाँ बता , तो सभी ने अपने समथन का वादा कया।
जब खाने क गित धीमी हो गई और पहले एक, फर दूसरा, फर तीसरा संतुि क साँस लेने लगा तथा पसरने
लगा, तो के न को अहसास आ क वही अके ला ऐसा था, िजसने अब तक अपने जीवन म ई घटना क
जानकारी नह दी थी।
काल स एक बार फर से जाँच करने के िलए उठे क अितिथय को कसी चीज़ क कमी तो नह है, ले कन
सभी ने हाथ लहराकर उ ह दोबारा बैठा दया। उनम से यादातर टेबल के दूसरे िसरे पर बैठे बॉब क ओर देख
रहे थे, िजनके चेहरे का भाव ब त गंभीर हो गया था। “देिवयो और स नो, म सोचता ँ क अब समय आ गया
है।” अब सभी गंभीर दख रहे थे - काल स और के न को छोड़कर, जो हैरान थे।
तब बॉब और बाक़ लोग ने टेबल के नीचे हाथ डाला और हर एक ने एक लाल कै प िनकाली। जब उन सभी
ने अपनी कै प पहन ली, तो हर ि हँसने लगा।
“मुझे आप लोग पर यक़ न नह हो रहा है।” काल स ने कहा और यह बात सचमुच उनके दल को छू गई
थी। “म जानता ँ क आपम से दो को हाल ही म कै प िमली है, जब आपने यह या शु क थी” - उ ह ने िसर
िहलाकर के न और िजम क ओर इशारा कया – “ले कन आप बाक़ लोग जो मुझसे पहले से यहाँ थे, आपने ख़ास
तौर पर उनका इं तज़ाम कया होगा। आप सव े ह।” सभी ने काल स क बात पर जय विन क , हर एक ने
उ ह उनक िम ता के अलावा इस बात के िलए ध यवाद दया क उ ह ने कतना बेहतरीन उ सव आयोिजत
कया।
उसके बाद क ख़ामोशी म के न ने अपना गला साफ़ कया और बोला - वह अचानक अपनी उ मीद से
यादा भावना मक महसूस करने लगा – “म आपको ख़ास तौर पर ध यवाद देना चाहता ,ँ काल स। कोच िजम
ने िबलकु ल सही कहा था क एक ितशत के फ़ॉमूले के बारे म मुझे िसखाना शु करने के िलए आप बेहतरीन
ि ह।”
“िजम, ज़ािहर है यह आप ही थे, िज ह ने पहली बार मेरी आँख खोल और इसके िलए म हमेशा कृ त
र गँ ा। असाधारण और असाधारण प से असाधारण के बीच िसफ़ 1 ितशत का फ़क़ होता है, इस जानकारी ने
मेरे िलए संभावना के संसार का ताला खोल दया। आपने मुझे दखाया क हालाँ क म कभी कसी ख़ास ि
क तरह ओ लंिपक िखलाड़ी नह बन पाऊँगा” - यहाँ उसने िवशेष प से जेफ़ क ओर देखा और हर कोई दबी
हँसी हँसने लगा - “ले कन य द म बीते ए कल के मुक़ाबले आज बेहतर करने का समपण क ँ , तो मेरे पास एक
िवजेता का दय रह सकता है। म बाक़ लोग से 100 ितशत बेहतर तो नह बन सकता, ले कन म सौ चीज़ म
1 ितशत बेहतर ज़ र बन सकता ।ँ यह ताक़त वाली बात है,” के न ने कहा और चार तरफ़ लोग ने िसर
िहलाकर सहमित जताई।
“वैसे िजम जब आपको फ़ु टबॉल कोच के प म अपने सीज़न क जानकारी दे रहे थे, तो उ ह ने काफ़
िवन ता दखाई थी। म आपको यह बताना चा ग ँ ा क उनक फु टबॉल टीम अब इतनी यादा बेहतर हो गई है
क अगले स ाह जैक और उसके साथी फ़ाइनल खेलने जा रहे ह।” हर एक ने तािलयाँ बजा । “इससे यादा
मह वपूण बात, जैक और दूसरे लड़के एक ितशत क मानिसकता सीख रहे ह। वे जीवन के हर े म दशन को
िनरं तर बेहतर करने वाली यो यताएँ और नज़ रये सीख रहे ह, चाहे वे कसी भी क रयर माग का अनुसरण करने
का चुनाव कर।”

म सोचती ँ क यह उन सबसे बड़े तोहफ़ म से एक है, जो आप कसी ब े को दे सकते ह।

“म सोचती ँ क यह उन सबसे बड़े तोहफ़ म से एक है, जो आप कसी ब े को दे सकते ह,” स ने कहा


और हर एक ने बुदबुदाकर िजम का अनुमोदन कया।
जब सभी का यान एक बार फर के न पर क त हो गया, तो उसने आगे कहा : “ फर म आपसे िमला,
काल स। मने सोचा था क मेरा दशन इसिलए बेहतर नह हो पा रहा था, य क मेरे पास ेरणा का अभाव
था और म े रत महसूस नह कर रहा था। आपक बदौलत मने अचानक देखा क े रत होने का इकलौता
तरीक़ा उठना और कु छ करना है।”
“म िनि यता क वजह से अपनी जगह पर अटका आ था, ले कन अगर म बस काय करना शु कर दू,ँ तो
म उस िनि यता को तोड़ दूग
ँ ा। म गित बना लूँगा और गितमान बना र ग
ँ ा।”
“ज़ािहर है, इस आिख़री जानकारी का सारा ेय पैट को जाता है। म कभी भौितक म बेहतरीन नह रहा
!” काल स ने कहा।
“हाँ, आपको ध यवाद, पैट,” के न ने उनक तरफ़ स मानजनक ढंग से िसर िहलाते ए कहा। “हम यह भी
नह भूलना चािहए क काल स ने मुझे दखाया क चूँ क काय एक बल ेरक शि है, इसिलए मुझे अपने
ल य के बारे म गहराई से सोचना चािहए और अपने काय को समझदारी से चुनना चािहए, य क म कसी
काय को िजतना यादा करता ,ँ उसे करते रहने के िलए म उतना ही यादा े रत र ग
ँ ा।”
पैट बातचीत म शािमल : “जब भी म महसूस करती ँ क म उन काय पर यान क त कर रही ,ँ जो
मुझे अपने ल य क ओर नह ले जाते, तो म अपने दमाग़ म काल स के श द सुनती :ँ “उन काय को अ छी
तरह करने म कोई तुक नह है, िज ह आपको िबलकु ल भी नह करना चािहए।”
“अ छा कहा !” फर के न एक पल के िलए ठहरा और एक नैप कन पर कोई चीज़ िलखी। सभी उ सुकता से
इं तज़ार कर रहे थे। “जब काल स ने मुझे अपना रे खािच दखाया” – उसने अपना ेरणा - काय रे खािच ऊपर
उठाया, ता क हर कोई उसे देख ले – “तो मने सोचा क म वह सब कु छ जान गया था, जो मुझे जानने क ज़ रत
थी।”

के न ने कहा, “ फर म पैट से िमला, िज ह ने एक िबलकु ल नया शि शाली िवचार दया : लीवरे ज। अब म


हर दन अपने काय म छोटे प रवतन पर यान क त करता ,ँ िजनसे मेरे प रणाम म बड़े प रवतन उ प
ह गे। मेरे दशन म सुधार दखने लगा है। ” के न के बोलते समय काल स ने उसे कु छ नैप कन थमा दए और के न
ने दूसरा रे खािच ख चकर उसे सबको दखाया।

उसने सीधे पैट क ओर देखा और कहा, “मुझे अफ़सोस है, मने यह सोचा था क आपने िस ांत का नाम
ग़लत बताया। मुझे पता होना चािहए था क आप इसम िवशेष ह गी !”
“ओह, तो उ ह ने आपक भी टाँग ख ची थी ?” स ने कहा और पैट को ह के से कोहनी मारी, जो उनके
बग़ल म बैठी थ । बॉब ने अपनी आँख गोल - गोल घुमा । िजम ने एक पल के िलए बेसबॉल कै प का नक़ाब अपनी
आँख पर ख चा और िसर िहलाया।
“ठीक है, मुझे लगता है क म नाम के प रवतन के बारे म शु म ही बता सकती थी,” पैट ने मु कराते ए
कहा, “ले कन तब मज़ा कहाँ आता ?”
“वाह, ब ढ़या था,” के न ने कहा। वह उठकर खड़ा आ और टेबल पर झुक गया। फर उसने तथा पैट ने एक
दूसरे क हथेली पर ताली मारी।
के न ने ख़द को यादा गंभीर होता महसूस कया, जब उसने इस या म अपनी अगली अव था के बारे म
सोचा। उसने टेबल के िसरे क ओर देखकर कहा, “बॉब, आपके ित मेरी सबसे गहरी कृ त ता है - ले कन यह
सुनना मुि कल था क उ कृ ता का कोई शॉटकट नह है।”
टेबल पर चार ओर देखते ए के न इस नतीजे पर प च
ँ ा क वह एकमा ि नह था, जो यह पता
चलने पर थोड़ा अिभभूत हो गया था क कसी े म सचमुच असाधारण बनने के िलए 10,000 घंट के
सुिवचा रत अ यास क ज़ रत होती है।

उ कृ ता का कोई शॉटकट नह है।

“ज़ािहर है, सीखने वाला संदश


े दरअसल यह है क हमम से जो लोग अपने दशन को लगातार बेहतर
बनाना चाहते ह और अपने काम म हर दन बेहतर बनना चाहते ह, उ ह सुिवचा रत अ यास म समय लगाने क
ज़ रत होती है।
“बॉब, इससे काफ़ मदद िमली क आपने मुझे ऐसे साधन दान कए, िजनक ज़ रत मुझे रोज़मरा के
काम को सुिवचा रत अ यास के अवसर म बदलने के िलए थी : मने यह आकलन शु कया क म कु छ काय को
कतनी अ छी तरह करता ँ और अगली बार उ ह बेहतर कै से बना सकता ।ँ म कु छ चतुर, िव सनीय लोग
को पहचानने क या म ,ँ िजनसे म सृजना मक फ़ डबैक माँग सकूँ ।”
“आपने मुझे दखाया क सीखने और ख़द का िव तार करने के िलए मुझे ऐसे ल य तय करने चािहए, जो
मुझे अपने आरामदेह दायरे के बाहर धकाएँ, बशत क म समथन के साथ उ ह हािसल कर सकूँ । वा तव म, आपने
मुझे सोचने के िलए सचमुच े रत कर दया। म आशा करता ँ क आप इसे शंसा के प म लगे : मने दरअसल
एक रे खािच बनाया है,िजससे मुझे िवचार का िच देखने और याद रखने म मदद िमले। या आप इसे देखना
पसंद करगे ?”
“शत लगा ल,” बॉब ने कहा और आगे क ओर झुके, जब के न ने एक और नैप कन िलया तथा उस पर
रे खािच ख चा :

“यह ब त ब ढ़या है, के न !” बॉब ने कहा, जो उस रे खािच से भािवत ए थे। उ ह गव था क उनके


श द का के न पर इतना यादा भाव पड़ा था। “यह एक मू यवान िश ण साधन होगा।”
एक ितशत का समूह रे खािच को एक - दूसरे क ओर बढ़ाने लगा, ता क सभी इसे देख सक।
काल स ने कहा, “बेहतरीन !”
िजम बोले, “ध यवाद, इससे िवचार ब त प ता से समझ आता है।”
के न ने आगे कहा, “ िमक तनाव के बारे म जानने पर मुझे अहसास आ क जब मने अतीत म अपने िलए
कोई ल य तय कया था, तो कई बार मने पूरी तरह से सोचा भी नह था क इसे हािसल करने के िलए दरअसल
कसक ज़ रत होगी। हो सकता है क उस व त म अपने आरामदेह दायरे म 1 के तनाव तर पर था, ले कन म
अचानक अपने िलए ब त मह वाकां ी ल य तय कर देता था, यह समझे िबना क यह मुझे 5, 6 या 7 के तनाव
तर पर प च ँ ा देगा और इसे हािसल करने के िलए मुझे बाहरी समथन क आव यकता होगी। या इससे भी बुरी
बात, म अपने िलए एक असाधारण ऊँचा ल य तय कर देता था, जो मुझे 8, 9 या 10 पर रख सकता था, जो
लगभग असंभव था।”
“आपके टू टने का बंद,ु ” पैट ने कहा, िज ह अभी - अभी रे खािच थमाया गया था।
“भले ही मेरे पास संसार का सारा समथन हो और म उस ल य को हािसल करने म पूरी जी - जान लगा दू,ँ
ले कन उससे कोई फ़क़ नह पड़ता था; म उसे हािसल कर ही नह सकता था।” फर के न नीचे देखते ए बोला, "
अंत म मुझे िनराशा ही हाथ लगती थी। म परािजत और असफल महसूस करता था।”
“तो आप या करते थे ?” िजम ने पूछा।
“म अपने ल य एक बार फर से नीचे क तरफ़ तय करने लगता था, यानी क 1 पर लौट आता था, िजसम
तनाव न हो। एक बार यह करने के बाद सब कु छ आसान हो जाता था।”
“अब जब म कोई ल य तय करता ,ँ तो म यह रे खािच देखकर ख़द से पूछता ँ क ल य क दशा म
काम करते समय म कस तनाव तर पर र ग ँ ा। म या तो 2 और 4 के बीच के ेच तर ( िव तार तर ) का
ल य बनाता ,ँ या अगर यह कोई ऐसी चीज़ है िजसके िलए मुझे कसी िव सनीय िम या कोच या सहकम से
सही समथन िमल सकता है, तो म 5 से 7 के बीच के ेन तर ( अ यिधक दबाव तर ) का ल य बनाता ।ँ
“मुझे यह भी अहसास आ क लीडर के प म मुझे उन ल य को देखने क ज़ रत है, जो मेरे आस - पास
के लोग तय करते ह। मुझे यह सुिनि त करने क ज़ रत है क कह वे ख़द को पूण असफलता के िलए तो तय
नह कर रहे ह और म उ ह सीखने तथा िवकास करने म सही मा ा म समथन दे रहा ।ँ अब म जानता ँ क
पहले म कई बार ब त ऊँचे ल य पर ज़ोर देता था, ले कन उन ल य तक प चँ ने के िलए उ ह पया समथन
नह देता था।”
“ल य तय करने और समथन के ित आपके नए नज़ रये से आपको और आपके आस - पास के लोग को
प रणाम दखगे; आप परािजत नह ह गे और तुरंत छोड़ दगे,” जेफ़ ने कहा। “अब के न, या म आपको इस बारे
म कु छ बता सकता ँ क आपको कस कार के समथन क तलाश करनी चािहए ?”
“अव य,” के न ने कहा। “म दरअसल कु छ सलाह क उ मीद कर रहा ।ँ ”
“जब आप दशन के एक नए तर पर प च ँ ने के िलए अ यिधक दबाव वाला काय करना चाहते ह, तो दो
तरह के समथन पर िवचार करने क ज़ रत होती है,” जेफ़ ने कहा। “पहले कार का समथन उन बाधा को
हटाने का काम करता है, जो आपको नए तर पर प च ँ ने से रोक रही ह। दूसरे कार का समथन आपको ऊपर
प च
ँ ाने के िलए सहायता या मागदशन देता है।”
“यह असल जीवन म कै से काम करता है ?” के न ने पूछा।
“एक उदाहरण देख : मेरी एक िम तैराक है। वह ओ लंिपक े नंग सटर म िश ण लेती है और वह मुझे
पूल क सुिवधाएँ दखाने ले गई। सटर दोन कार का समथन दान करता है।”
“ यादातर लोग यह बात नह जानते ह, ले कन ओ लंिपक तैराक पूल म िश ण लेते समय इधर से उधर
इतना सारा पानी उछालते ह क सतह के ठीक नीचे क हवा पानी क छोटी - छोटी बूँद से भर जाती है - धुंध
क तरह। इतने सारे पानी का मतलब होता है क साँस लेने के िलए ऑ सीजन कम हो जाती है।”
“तो आपका मतलब है क वे िजतना कठोर िश ण लेते ह, उनके शरीर को शि देने के िलए उतना ही
कम धन उपल ध रहता है ?” के न ने पूछा।
“िबलकु ल सही कहा,” जेफ़ ने कहा। “क पना कर क आप पहले से ही उस तर पर िश ण ले रहे ह, जो
आपके अिधकतम दशन तर जैसा महसूस होता है और फर आपका कोच आपसे थोड़ा और बेहतर दशन करने
को कहता है - ले कन आपके फे फड़ के िलए पया ऑ सीजन के िबना।”
“इस सम या को दूर करने के िलए वे पूल के ऊपर हवा बहाते ह, ता क पानी क छोटी - छोटी बूँद िबखर
जाएँ।”
“यह आ यजनक है,” के न ने कहा। “म आपका मतलब समझ सकता ँ : इस तरह का समथन कसी ऐसी
चीज़ को हटाता है, जो आपको दशन का यादा ऊँचा तर हािसल करने से रोक रही है।”
उ ह ने पूछा, “आप समझ गए। जब तैराक अगले तर पर जाने को तैयार होते ह, तो सटर वाले एक और
आ यजनक चीज़ करते ह। आप जानते ह क कसी चीज़ को नए तरीक़े से करने क कोिशश कतनी अजीब
महसूस हो सकती है ?”
“िनि त प से जानता ,ँ ” के न ने कहा और स क ओर देखकर मु कराया।
“ओ लंिपक िखलाड़ी भी ऐसा ही महसूस करते ह। इसिलए कोच तैराक को मशीन से बाँध देता है, जो उसे
पानी म उसके ल य से यादा तेज़ गित से ख चती है। इस तरह उसे दशन के यादा ऊँचे तर के आदी होने का
मौक़ा िमलता है।”
“अद्भुत !” के न ने कहा और क पना क क ऐसे समथनकारी लोग, संगठन और साधन िमलने पर वह
कतना कु छ हािसल कर सकता है, जो उसके िलए इसी तरह से काम कर सक।
“समथन के इन दोन कार के साथ, एक बार जब तैराक दशन के नए तर को क़ायम कर लेती है, जो
पहले अ यिधक दबाव का तर आ करता था” - जेफ़ को के न का रे खािच िमल गया था और इसम उ ह ने 5 से
7 के दायरे क ओर इशारा कया – “तो अब वह उसका नया आरामदेह दायरा बन जाता है।”
“वह इस या को एक बार फर शु कर सकती है, अ यिधक दबाव वाले तर के अगले ल य क ओर
बढ़ सकती है - ज़ािहर है, समथन के साथ,” के न ने कहा।
“िबलकु ल,” बॉब ने कहा। “के न, म के वल यह कह सकता ँ क मुझे यह सुनकर ख़शी ई क आपने वे सारी
चीज़ शु कर दी ह, िजनका आपने िज़ कया। यह न भूल क ल य तय करना और उसे देखते रहना अहम है,
ले कन वहाँ तक प च ँ ने का एकमा तरीक़ा एक बार म एक क़दम उठाना है। आगे क योजना बनाएँ, ले कन
वतमान म अपना सव े कर।”
“मुझे आपक बात अ छी तरह याद है,” के न ने ध यवाद देते ए कहा। “देिखए, कोच िजम और स दोन
ही जानते ह क बीच म एक मुि कल दौर आया था।” उसने उन दोन क ओर देखा और उ ह ने समझ भरी
मु कान दी। “ स, मेरे दमाग़ का ताला खोलने के िलए आपको ध यवाद, िजससे म एक ितशत के फ़ॉमूले के
असीिमत लाभ देख पाया।”
“आपने मुझे दखाया क लंबे समय म लाभ बढ़ते चले जाते ह। य द म बॉब के दए साधन का इ तेमाल
क ँ और सही यो यता का सुिवचा रत अ यास क ँ , तो मेरा दशन दरअसल ब त तेज़ी से बेहतर होगा,
य क म बेहतर को बेहतर बना रहा होऊँगा।”
“िबलकु ल के न,” स ने कहा।
“इससे मेरे िलए चीज़ बदल ग , जब मुझे पता चला क प रवतन का असहज या मुि कल महसूस होना
वाभािवक था, भले ही प रवतन सकारा मक हो।”
“आपने इस बारे म भी बताया क हमारे कु छ पुराने िवचार और पुराने तरीक़ को छोड़ना कतना
मह वपूण होता है। यह अहसास भी चुनौतीपूण हो सकता है क आप कसी चीज़ को जकड़े ए ह और आपको
उसे ढीला छोड़ने क ज़ रत है। इसिलए इस िवषय पर म कु छ और सुनने म स ी दलच पी रखता ।ँ अगर
आपम से कोई इस बारे म कोई आपबीती बताना चाहते ह , तो कृ पया बता द।”
जेफ़ सबसे पहले बोले। “मेरी चोट और सारे ऑपरे श स तथा पुनवास काय म के बाद मुझे यह वीकार
करने म काफ़ समय लग गया क म दोबारा ओ लंिपक के तर पर ित पधा नह कर सकता।”
“जब मने ढीला छोड़ने क शि के बारे म सीखा, तो मुझे अहसास आ क अपने जीवन म आगे बढ़ने के
िलए मुझे वयं के बारे म पुराने िवचार, ओ लंिपक िखलाड़ी होने के िवचार - को छोड़ने क ज़ रत है। मुझे
अहसास आ क मेरा दुखड़ा ब त लंबा खंच गया था। इसिलए मने इस िवचार को छोड़ दया क मेरी पूरी
पहचान और अहिमयत एक ख़ास े म मेरी उपलि धय पर िनभर थी।”
“जब मने इसे छोड़ दया, तो मेरे सामने मेरा पूरा भिव य खुल गया। अब म इतना ख़श और सफल ,ँ
िजतना सपने म भी नह सोच सकता था, िसफ़ इसिलए य क म नई वा तिवकता को वीकार करने और
अंगीकार करने म समथ था।”
“आप हम सभी के िलए ेरणा ह,” पैट ने कहा। “मेरी भी एक कहानी है। जब मने पहलेपहल अपने घरे लू
ऑ फ़स से काम शु कया, तो मने सोचा क हर कोई मुझसे सुपरवुमैन बनने क उ मीद करता था - जो िनि त
प से म ख़द से करती थी।”
“मने अपना सारा समय ख़ाली कर िलया था, जो पहले या ा और मी टंग म बीता था। मने सोचा, अब म
हर चीज़ आदश तरीक़े से क ँ गी। म अपना शोध यादा मा ा म क ँ गी और यादा वै ािनक शोधप कािशत
कराऊँगी। म अपने इलाके ़ क सबसे फ़ट मिहला बनूँगी, मेरा घर आदश रहेगा, म सबसे अ छी प ी बनूँगी और
सबसे बढ़कर, आदश माँ र ग ँ ी।”
“जैसा आप सभी जानते ह, इस च र म म अ याव यक काय पर यान क त नह कर पाई और अपनी
ऊजा हर तरफ़ िबखेरने लगी। मेरी बहन ने मुझे जो कामकाजी जूते दए, उनक बदौलत काम बना। ले कन फर
भी मुझे सुपरवुमैन बनने क अपनी इस इ छा को छोड़ना था। एक बार जब मने उस इ छा को छोड़ दया, तो म
अपना यान वहाँ क त कर पाई, जहाँ मुझे ज़ रत थी, जब मुझे ज़ रत थी। ज़ािहर है, यह मुझे हमेशा बेहतर
दशन और सफलता क ओर ले गया।”
अब बॉब ने अपना गला साफ़ कया और के न क ओर मुड़कर बोले, “मुझे आपको बताना होगा क जब मेरा
पहला कारोबार असफल आ, तो मेरे पैर तले ज़मीन िखसक गई। मने सोचा क इसक र ा करने का कोई
तरीक़ा नह था। म ख़द को दवािलया घोिषत करने क कगार पर था।”
“ फर मुझे अहसास आ क यह अपने कु छ िवचार और तौर - तरीक़ को छोड़ने का समय था। मुझे हमेशा
ख़द पर गव रहा था क म अपने कज़दार को हमेशा 30 दन के भीतर भुगतान कर देता था। देिखए, मुझे उस
गव को छोड़ना पड़ा।”
“एक बार जब मने गव को छोड़ दया, तो म फ़ोन पर इन कज़दार को बताने के िलए वतं हो गया क
कं पनी के सामने आ थक सम याएँ ह और म उनसे कस तरह िनबटने क योजना बना रहा ।ँ आप जानते ह, इस
वजह से उनम से कसी ने भी मुझे कमतर नह माना - वा तव म उ ह ने मेरी ईमानदारी क सराहना क और
भुगतान क नई शत को ख़शी - ख़शी मान िलया।”
“आपको ध यवाद, यह काफ़ मायने रखता है क आपने अपनी कहािनयाँ बता ,” के न बोला। फर वह
स क ओर मुड़कर आगे कहता रहा : “म जो करता ,ँ आपने मुझे उसे बदलने क बुि मानी दखाई और आपने
बताया क म उस प रवतन से 30 दन तक हर दन िचपका र ,ँ ता क यह वचािलत बन जाए। म यह एक बार
पहले ही कर चुका ँ और अब म अगला प रवतन कर रहा ।ँ इसके िलए म आपको ध यवाद देता ,ँ स। अगर
मेरी प ी और ब े यहाँ होते, तो वे भी आपको ध यवाद देते। ऑ फ़स म मेरे साथ काम करने वाले लोग तथा मेरे
िम भी – दरअसल, हर ि आपको ध यवाद देता, िजसके भी संपक म म हर दन आता ।ँ ”
“मेरे दशन म उछाल यह सीखने के बाद आया क मेरे िव ास - मेरे िवचार – म यह शि है क वे ल य
हािसल करने म मेरी मदद कर। मेरे जो िव ास मददगार नह ह, उ ह म बदल सकता ।ँ इसके अलावा, म
अपनी क पना का उपयोग करके ल य हािसल करने का मानिसक िच बना सकता ।ँ ”
के न ठहरा और जेफ़ क ओर मुड़ा। “जेफ़, आपको ध यवाद, य क आपने मुझे पज़ल का आिख़री टु कड़ा
दया। अब म समझ गया ँ क मुझे हर दन बेहतर बनने के िलए िजस ऊजा और संसाधन क आव यकता है,
उनके िलए मुझे एका यास और सुिनयोिजत वा य लाभ क अविधय का च बनाने क ज़ रत है।”
के न ने कहा, “आप जानते ह, मने आपसे कै से कहा था क हर रात आठ घंटे सोना मेरी अगली नई आदत हो
सकती है ? देिखए, यही वह आदत है, िजस पर म इस व त काम कर रहा ।ँ ” जब जेफ़ ने क़दम उठाने के िलए
उसक शंसा क , तो के न थोड़ा असहज महसूस करने लगा। “ध यवाद जेफ़, ले कन म नह चाहता, आप यह
सोच क मने सब कु छ पूरी तरह कर िलया है,” उसने कहा। “म वहाँ तक नह प च ँ ा ।ँ ”
“अभी तक,” जेफ़ ने कहा।
“दरअसल, हमम से कोई भी अभी तक वहाँ नह प च
ँ पाया है, के न” स ने कहा। “इससे जागने पर हर
सुबह जीवन रोचक बनता है। या आपको ऐसा नह लगता ?”
के न हैरान था। “िनि त प से म ही अके ला होऊँगा, जो अब भी इस नई ि थित से तालमेल बैठा रहा ।ँ
आप सभी इतने...” उसने टेबल के चार ओर के चेहरे देखते ए सही श द क तलाश क । “आप सभी इतने
असाधारण ह।”
“वा तिवकता क जाँच करने का समय है !” जेफ़ ने कहा। “देिखए, मने आपको बताया था क मेरे िपताजी
अपने एक सहकम को मुझसे िमलाने लाए थे, िज ह ने मुझे समझाया क कामकाज और वा य लाभ म संतुलन
थािपत कै से कया जाए ?”
“िनि त प से,” के न ने कहा।
“वे सहकम और कोई नह , बि क बॉब ही थे।”
“बॉब ?” के न ने कहा और अपनी आवाज़ म अिव ास को नह िछपा पाया। वह बॉब का संबंध सुिवचा रत
अ यास, समपण, एका ता से जोड़ता था – आराम के अंतराल से नह ।
बॉब हँसे और बोले, “आपके ख़याल से म वा य लाभ म एक तरह का िवशेष य बना ? य क मने
काम और चंता के मारे ख़द को लगभग मार ही डाला था !”
काल स ने कहा, “मुझे सचमुच ख़द को आराम के अंतराल क याद दलानी पड़ती है।”
“ओह हाँ, मने आपका कै लडर देखा है,” के न को याद आया।
“उनका कै लडर ? अब ज़रा उ ह देखो !” आराम फ़मा रहे जेफ़ ने कहा। काल स उठकर खड़े हो गए थे और
ख़ाली लेट उठाने के िलए टेबल के चार ओर घूम रहे थे - िबजली क गित से।
“देिखए, मुझे इस बारे म सावधान रहना होता है क म ग़लत काय पर यान क त न क ँ और मह वपूण
काय को सुबह के दो बजे तक न छोड़ दू।ँ यह मेरी आदत नह बन पाई है,” पैट ने कहा। “अभी तक।”
“मुझम असहायक िव ास को बदलने और अपने ल य हािसल करने के मानिसक िच देखने क आदत
नह पड़ी है. अभी तक !” कोच िजम ने कहा और वे सभी इस पर दबी हँसी हँसने लगे।
स ने कहा, “के न, एक ितशत का फ़ॉमूला अचानक पूणता हािसल करने के बारे म नह है - जो सौभा य
क बात है, य क पूणता हािसल करना संभव ही नह है। एक ितशत का फ़ॉमूला हर दन कल से थोड़ा बेहतर
बनने क कोिशश करने के बारे म है।”
“इसे हािसल कया जा सकता है,” के न ने कहा। वह ठहरा, फर बोला, “ठीक है, म जानता ँ मने अभी -
अभी कहा था क इन िस ांत पर लगातार अमल करना एक चुनौती है - ले कन मेरे जीवन के कु छ े म ये
िस ांत इतनी अ छी तरह काम कर रहे ह क मुझे 1 ितशत से यादा सुधार िमल रहा है। या यह ठीक है ?”
हर कोई हँसने लगा। “ज़ािहर है, आपको कु छ चीज़ म 1 ितशत से यादा सुधार िमल रहा है और यह
ब त अ छी बात है,” कोच िजम ने उसे आ त कया। “दरअसल, यह बेहतरीन है ! लगभग हर ि को
सुधार के कम से कम कु छ े म काय करने पर 1 ितशत से यादा सुधार िमलता है।”
इसके बाद बातचीत क बागडोर बॉब ने सँभाल ली : “हम 1 ितशत पर इसिलए ज़ोर देते ह, य क यह
लगभग असंभव है क कोई 1 ितशत सुधार क कोिशश से इं कार कर दे, और इसिलए भी य क हम जानते ह
क अगर आप इन िस ांत पर अमल करते ह, तो आपको कम से कम 1 ितशत सुधार क गारं टी िमल जाती है।
आपको इससे यादा सुधार दख सकता है - वा तव म, यादातर लोग को यादा सुधार ही दखता है। एक
से स ितिनिध था, िजसने अपने से स वॉ यूम को महीने म कम से कम 1 ितशत सुधारने का ल य तय कया।
इसके बाद उसे िनयिमत प से इसम हर महीने 2 - 3 ितशत सुधार िमलने लगा।”
“आप जो िवशाल ल य देखते ह, वे भी आम तौर पर या तो सैकड़ 1 ितशत सुधार का प रणाम होते ह
या फर काय म ऐसे प रवतन होते ह, िज ह ने लीवरे ज क वजह से यादा बड़ा प रणाम उ प कर दया।”
“यह सब सापे है,” स ने कहा। “यह उस समय सीमा पर िनभर करता है, िजसका आप इ तेमाल कर
रहे ह। सुधार क दर ब त अलग दख सकती है, जो इस बात पर िनभर करती है क आप इसे एक दन के संदभ
म देखते ह या एक महीने या एक साल म।”
“यह इस पर भी िनभर करता है क आप अपने कसी काय म - िजस तरह से आप कोई चीज़ करते ह -
सुधार का मू यांकन कर रहे ह या उस काय के प रणाम का मू यांकन कर रहे ह।”
“आप आम तौर पर तुलना मक प से ब त कम समय म काय म प रवतन कर सकते ह। अगर आप
यादातर लोग जैसे ह, तो आप कोई चीज़ िजस तरह से करते ह, िसफ़ एक दन म ही आप उसम कम से कम 1
ितशत सुधार कर सकते ह।”
“ले कन प रणाम म प रवतन देखने के िलए आपको थोड़ा यादा इं तज़ार करना पड़ सकता है। यह एक
स ाह, एक महीना, एक ितमाही या एक साल भी हो सकता है।”
के न ने कहा, “यह तो वैसा ही है, जब आपने पि का के साथ अपनी आदत बदली थी, िजनका आपक
डे क पर ढेर लग रहा था। आपने अपने काय बदल िलए और हर दन नया जनल पढ़ने लग और पुराने ढेर म से
एक जनल भी पढ़ने लग । तुरंत ही आपके काय म कम से कम 1 ितशत का सुधार हो गया। ले कन आपको जो
ल य यानी अंितम प रणाम चािहए था - एक साफ़ - सुथरी डे क, जो साफ़ - सुथरी ही बनी रहे - उसे हािसल
करने म आपको दो महीने लग गए।”
“सही कहा, के न,” स ने कहा। “अहम बात यह है क शु आत म आप बैठते ह और उस सुधार के बारे म
सोचते ह, जो आप अपने कसी काय म करना चाहते ह और वह सुधार जो आप उस काय के प रणाम म देखना
चाहते ह। फर आपको यह िनणय लेने क ज़ रत होती है क या आप उन सुधार को एक दन म, एक स ाह
म, एक महीने म, एक ितमाही म या एक साल म हािसल करने जा रहे ह।”
के न ने टेबल पर चार ओर देखा और कहा, “आपने जो िस ांत बताए ह, उसम मुझे ब त समझदारी नज़र
आती है। वा तव म, वे इतने सरल और सीधे ह क म बस यह जाँच करना चाहता ँ : कह मुझसे कोई चीज़ छू ट
तो नह रही है ?”
“के न, आपने आज यहाँ जो कहा है, उससे म जान गया ँ क अब आपके पास वे सारे साधन ह, िजनक
ज़ रत आपको उ कृ ता का जीवन जीने के िलए है,” बॉब ने कहा। “आप देखने लगे ह क इन िस ांत पर
चलकर आप कम से कम 1 ितशत - और अ सर इससे यादा - सुधार कर सकते ह। इसिलए म जानता ँ क
यह आपके िलए लुभाने वाला होगा क आप सारी चीज़ को एक साथ सुधारने क कोिशश कर।”
“अपने जीवन के सभी िह स म एक साथ बेहतर बनने क कोिशश न कर। सबसे पहले एक े म िसफ़ 1
ितशत बेहतर बनने के िलए काम कर और उसे पु ता कर ल। फर कसी दूसरे पहलू पर काम कर। ज द ही आप
1 ितशत बेहतर बनने पर काम नह कर रहे ह गे, आप तो ऐसे ही बन जाएँगे। कर और फर बन।”
“म यह नह कह रहा ँ क यह हमेशा आसान होगा। आपके सामने चुनौितयाँ आएँगी। वे जीवन और
या का वाभािवक िह सा ह। जैसा स ने हम बताया है, हमम आरामदेह दायरे क ओर लौटने क वृि
होती है - भले ही जो आरामदेह है, वह हमारे िलए सव े न हो।”
“आप उस रा ते पर चलने के िलए भी ललचा सकते ह, िजस पर आपके आस - पास के लोग चल रहे ह।
भीड़ के बजाय अपने ख़द के माग का अनुसरण करना हमेशा आसान नह होता। ले कन मेरा यक़ न मान के न, इस
माग पर चलने के लाभ असाधारण ह और असीिमत भी। उस सुधार और संतुि क कोई सीमा नह है िजसे आप
अपने जीवन म ला सकते ह - और अपने आस - पास के लोग के जीवन म भी, य क हम यह नह भूलना
चािहए क हर चीज़ का एक लहर भाव होता है।”
के न ने टेबल पर सभी के चेहरे देखे और फर सलामी के अंदाज़ म अपनी कै प उठाई। उसने कहा, “म आप
सभी एक ितशत वाले लोग के ित ब त कृ त ।ँ ”
काल स ने मु कराते ए कहा, “आप सभी एक ितशत वाले लोग से आपका या मतलब है ?”
“हाँ, के न, म सोचता ,ँ आपका मतलब था हम सभी,” कोच िजम ने कहा।
टेबल पर बैठे सभी लोग के चेहर पर मु कान थी और अब उन सभी ने अपनी कै प उठाकर उसे भी सलाम
कया।

साल म दो - तीन बार के न और उसके कु छ ब त पुराने िम िमलते थे, ता क एक - दूसरे के जीवन के बारे म जान
सक और आराम कर सक। इस रात वे टी. वी. पर एक फु टबॉल मैच देखने के िलए डेिवड के घर गए थे।
जब वे िपछली बार एक - दूसरे से िमले थे, तब से जीवन डेव के िलए आसान नह रहा था। उसका िववाह
टू ट गया था और अब उसके पास सुरि त नौकरी नह थी, बि क वह अनुबंध के पद पर काम कर रहा था। दूसरे
लोग ने डेव को बताया क यह कतना बेहतरीन था क ऐसे हाल म भी सकारा मक और आशावादी नज़ रया
रख रहा था।
ले कन के न को लगा क आशावाद के नीचे वह अपने िम म कु छ और देख सकता था। उसक आँख के भाव
देखकर के न को अहसास आ क डेव एक मह वपूण मोड़ पर था, प रि थितय से असंतु था और कसी नए
रा ते क तलाश कर रहा था।
मैच ख़ म होने पर बाक़ लोग चले गए। के न वह का रहा। जब उनके िम क कार क आवाज़ ख़ म हो
ग , तो डेव ने कहा, “के न, तु हारा जीवन इस समय बेहतरीन नज़र आता है, इसीिलए तुम इतने अ छे दख रहे
हो।”
“ध यवाद डेव, म सचमुच अ छा महसूस करता ,ँ ” के न ने कहा।
“ले कन ऐसा तो है नह क हर चीज़ अपने आप तु हारे चाहे अनुसार हो रही है, है ना ? तु हारे बारे म कु छ
तो अलग है। मेहरबानी करके मुझे ग़लत मत समझना। तुम अब भी पुराने तुम हो, मेरे कॉलेज के दो त के न -
ले कन तुम पहले से यादा आ मिव ासी, यादा सकारा मक, यादा मानिसक प से ि थर हो। ऐसा या आ,
िजससे यह चम कार हो गया ?”
“म वाक़ई ख़श ँ क तुमने यह बात पूछी, डेव,” के न ने कहा। “म एक या ा पर ।ँ म कु छ ब त असाधारण
लोग से िमला ँ और मने अपना जीवन जीने के कु छ सचमुच भावी तरीक़े सीखे ह, िजनसे म हर दन बेहतर
और बेहतर दशन कर सकता ।ँ प रणाम अिव सनीय रहे ह।”
डेव अब सामने वाले सोफ़े पर आगे क ओर झुका था और के न ने उसके चेहरे पर वैसी ही चमक देखी, जो
कोच िजम ने शायद उसक आँख म उसके बेटे के फ़ु टबॉल मैच वाले दन देखी थी।
“कॉफ़ िमलेगी ?” के न ने पूछा। “मुझे लगता है क तुम यादा सुनने के िलए तैयार हो, और म सोचता ँ
क म जो कहने वाला ,ँ उसम तु हारी िच होगी।”
लेखक के बारे म
जब मै रयट, फ़े डे स और नीमेन माकस जैसी कं पिनयाँ अपने दशन को एक नए तर पर प च
ँ ाना चाहती ह, तो
वे एक ही ि क ओर मुड़ती ह- टॉम कॉनेलन । इसके पीछे पु ता कारण भी ह । वे ईमानदार और यथाथवादी
ह । हर साल वे दजन मी टं स म मुख व ा क भूिमका िनभाते ह ।
िमिशगन िबज़नेस कू ल के पूव ो ाम डायरे टर टॉम आपके स मेलन म गहराई और ापकता लाते ह ।
कं पनी सं थापक और पूव सीईओ होने के नाते वे अनुभव से जानते ह क कसी कं पनी का िव तार करने के िलए
कन चीज़ क ज़ रत होती है । टॉम ने वा य सुिवधा े म एक सेवा कं पनी शु क और इसम 300
अ पताल तथा अिधकतर फ़ॉ यून 500 कं पिनय क सेवा कर रहे 1, 200 िनदशक का नेटवक बना िलया । इन
ो ा स म 10 लाख से यादा ितभागी शािमल ए और दो अलग - अलग सजन जनरल क रपोट् स कं पनी के
ो ाम क गुणव ा का उ लेख करती ह ।टॉम जानते ह क वसाय क असली दुिनया म रहना कै सा होता है,
य क वे वहाँ रह चुके ह ।
टॉम ब त से लेख और दस पु तक के बे टसे लंग लेखक ह । वे चार बंधन और मानव संसाधन पि का
के संपादक य संचालक भी रहे ह । टॉम अपनी तुितय म ठोस साम ी और जोशीली व ृ व शैली लाते ह । वे
ोता का यान जकड़ लेते ह और इसे शु से अंत तक क़ायम रखते ह ।
से लंग पॉवर पि का ने उ ह सात “कठोर और खरी बात” बोलने वाले मु य व ा म से एक नामां कत
कया ।
चूँ क उनके ा यान कारगर िवचार से भरे होते ह, इसिलए टॉम के ा यान सुनकर जाने वाले हर
ि के पास ावहा रक कै से - कर िवचार होते ह, िजन पर वे त काल अमल कर सकते ह ।
टॉम के शेड्यूल और उपल धता संबंधी जानकारी के िलए 734-428-1580 पर फ़ोन कर,
www.tomconnellan.com पर जाएँ या 1163 साउथ मेन ीट, यूट 306, चेलसी, एमआई 48118 पर
प ाचार कर ।
आभार
हर लेखक कहता है, “म यह काम अके ले नह कर सकता था,” और हर लेखक, िजसका दमाग़ सही जगह पर है,
सचमुच ऐसा ही सोचता है, य क यहाँ हम उन लोग को ध यवाद देने का अवसर िमलता है, िज ह ने हमारी
पु तक म योगदान दया । मेरे िलए यह हमेशा एक मुि कल काम होता है, य क इतने सारे लोग होते ह क मुझे
हमेशा चंता होती है क कह कसी का नाम छू ट न जाए ।
तो यह रहा ।
वेतलाना इवानोवा, एम.डी., पीएच.डी., क त कािलदास, एम.डी., एन.डी., पॉला नोआक, एल.एम.,
सी.टी. और डेिवड रीफ़ ाइडर, एम. डी. - इन सभी ने संपूणा मक िच क सा के ित अपनी ठोस नीित के ज़ रये
इस पु तक को अपने दय से उजाि वत कया । आपम से येक को ध यवाद ।
मेरी ो ाम मैनेजर कै रन रे िवल ने मेरे ऑ फ़स को सुचा प से चलाए रखा, इस त य के बावजूद क जब
म िलख रहा होता ,ँ तो मुझे सही दशा म चलाए रखना िबि लय के झुंड को कसी दशा म ले जाने के समान
होता है । आपको ध यवाद, कै रन ।
कोडी कै नेडी और यसी डॉड ने लगभग हर श द के िलए समथन और मागदशन दान कया । जब भी मुझे
कसी वा यांश या श द पर उनके मागदशन क ज़ रत पड़ी, वे लगभग कसी भी दन कसी भी समय उपल ध
रहे । कोडी और यसी, आपको ध यवाद !
मेरी उ कृ संपादक वैनेसा िमकॉन ने इस पु तक के श द को िवकिसत करने, संपा दत करने, इकट् ठा करने
और ले - आउट करने का बेहतरीन काम कया । उ ह ने मेरे भीतर ऐसे श द खोज िलए, जो म जानता भी नह
था क मेरे अंदर िछपे थे । कसी भी तरह क कमी मेरी िज़ मेदारी है और प ता उनका काम है । आपको
ध यवाद, वैनेसा ।
1106 िडज़ाइन क िमशेल डी फ़िल पो ने आवरण - प पर बेहतरीन काम कया । िमशेल और उनक पूरी
टीम को िवशेष ध यवाद । आपको ध यवाद, िमशेल ।
एमी कॉिल स मैक ेगर और बेथनी ाउन का पु तक उ ोग संबंधी गहन अनुभव और माक टंग ान
अमू य सािबत आ । उ ह और द कै डस ुप क पूरी टीम को इस पु तक म कई योगदान देने के िलए ध यवाद ।
एमी और बेथनी, आपको ध यवाद ।
और अंत म, मेरी धैयवान प ी पैम डॉड को ध यवाद, िज ह ने इस पु तक को एक कृ त करने क िज़ मेदारी
उठाई । उ ह मेरा ध यवाद, ेम और शंसा । आपको ध यवाद, पैम ।
डॉ. सुधीर दीि त टाइम मैनेजमट, सफलता के सू , 101 मश र ां स और अमीर के पाँच िनयम सिहत सात
लोकि य पु तक के लेखक ह, िजनम से कु छ के मराठी व गुजराती भाषा म अनुवाद हो चुके ह । इसके अलावा
उ ह ने हैरी पॉटर सीरीज़, िचकन सूप सीरीज़ तथा िम स ड बून सीरीज़ सिहत 150 से भी अिधक अंतरा ीय
बे टसेलस का हंदी अनुवाद कया है, िजनम रॉ डा बन, डेल कारनेगी, नॉमन िव से ट पील, टीफ़न कवी, रॉबट
कयोसाक , जोसेफ़ मफ़ , ायन ेसी आ द बे टसे लंग लेखक शािमल ह । उ ह ने मश र भारतीय के ट
िखलाड़ी सिचन तदुलकर क आ मकथा का हंदी अनुवाद भी कया है ।
िह दी सािह य और अँ ेजी सािह य म ातक क उपािध ा करने वाले डॉ. दीि त अँ ेजी सािह य म
एम. ए. तथा पीएच. डी. भी ह । उनक सािहि यक अिभ िच क शु आत हंदी जासूसी उप यास से ई, िजसके
बाद उ ह ने अँ ेजी के सभी उपल ध जासूसी उप यास पढ़े । कॉलेज के दन म डेल कारनेगी क पु तक का उन
पर गहरा भाव पड़ा । कॉलेज क िश ा पूरी करने के बाद डॉ. दीि त ने दैिनक भा कर, नई दुिनया, ेस
जनल, ॉिनकल, नैशनल मेल आ द समाचार प म कला, नाटक एवं फ़ म समी क के प म शौ कया
प का रता क । उ ह म. . फ़ म िवकास िनगम ारा फ़ म समी ा के िलए पुर कृ त भी कया गया । चेतन
भगत और डैन ाउन उनके ि य लेखक ह । डॉ. दीि त को पाठक sdixit123@gmail.com पर फ़ डबैक दान
कर सकते ह ।

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