Professional Documents
Culture Documents
Hindi Core A Ch01 Harivansh Rai Bachchan
Hindi Core A Ch01 Harivansh Rai Bachchan
2. ‘जहाूँ पर दाना रहते हैं, िहीीं नादान भी होते हैं‘ – कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर:- ‘जहााँ पर दाना रहिे हैं, िह ीं नादान भी होिे हैं’ – पींक्ति के माध्यम से कवि कहिे है कक मनुष्य
साींसाररक मायाजाल में उलझ गया है और िह अपने मोक्ष प्राक्ति के लक्ष्य को भूल गया है । कवि सत्य की
खोज के ललए, अहीं कार को त्याग कर नई सो अपनाने पर जोर दे रहा है ।
• दस
ू रे ‘और’ के प्रयोग में सींसार की विलशष्टिा को बिाया गया है ।
• िीसरे ‘और’ के प्रयोग सींसार और कवि में ककसी िरह के सींबींध को नह ीं दशााने के ललए ककया गया है ।
6. ददन जल्दी-जल्दी ढिता है – की आिवृ त्त से कविता की ककस विशेषता का पता चिता है ?
उत्तर:- ददन जकद -जकद ढलिा है-की आिवृ ि से यह प्रकट होिा है कक लक्ष्य की िरफ़ बढ़ने िाले मनष्ु य
को समय बीिने का पिा नह ीं लिा। गींिव्य का स्मरण पचथक के कदमों में स्फूनिा भर दे िा है ।