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Hindi Art Integreted
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भाषा
कब र क भाषा सधगक्कड एवीं पींचमेल क्तखचड है । इिक भाषा में वहीं द भाषा क सभ
बोवलयोीं के शब्द सक्तिवलत हैं । राजस्थाि , हरयाणव , पींजाब , खड बोल , अवध ,
ब्रजभाषा के शब्दोीं क बहुलता है । ऐसा मािा जाता है क रमैि और सबद में ब्रजभाषा
क अवधकता है तो साख में राजस्थाि व पींजाब वमल खड बोल क ।
कृवतयाीं
वक्षवतमोहि सेि िे कब र साहे ब ज िारा वलक्तखत मगख्य रूप से छह ग्रींथ हैं :
दोहे
कबीर साहेब जी के प्रससद्ध दोहे :
भावाथथ: कब र साहे ब ज इस वाण में कह रहे हैं वक मेरा शर र हड्ड और माीं स का बिा
िह ीं है । वजसको मेरा िारा वदया र्या सतिाम और सारिाम प्राप्त है , वह मेरे इस भेद को
जािता है । मैं ह सबका मोक्षदायक हँ , तथा मैं ह अवविाश परमात्मा हँ ।
भावाथथ: यवद एक मिगष्य अपिे एक पगत्र से वींश क बेल को सदा बिाए रखिा चाहता है
तो यह उसक भूल है । जैसे लींका के राजा रावण के एक लाख पगत्र थे तथा सवा लाख िात
थे। वतुमाि में उसके कगल (वींश) में कोई घर में द प जलािे वाला भ िह ीं है । सब िष्ट हो
र्ए। इसवलए हे मािव! परमात्मा से तू यह क्या माँ र्ता है जो स्थाई ह िह ीं है ।
सतयगर् में सतसगकृत कह टे रा, त्रेता िाम मगविन्द्र मेरा। िापर में करुणामय कहलाया,
कलयगर् में िाम कब र धराया।।