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खा सुरक्षा और मानक अिधिनयम, 2006

(2006 का अिधिनयम संख्यांक 34)


[23 अगस्त, 2006]
खा से संबिं धत िविधय को समेिकत करने और खा पदाथ के िलए िवज्ञान
आधािरत मानक अिधकिथत करने तथा उनके िविनमार्ण, भंडारण, िवतरण,
िवकर्य और आयात को िविनयिमत करने के िलए, मानव उपभोग के
िलए सुरिक्षत तथा स्वास्थ्यपर्द खा की उपलब्धता सुिनिश्चत
करने, भारतीय खा सुरक्षा और मानक पर्ािधकरण की
स्थापना करने, तथा उनसे संबिं धत या उनके
आनुषं िगक िवषय का उपबंध
करने के िलए
अिधिनयम
भारत गणराज्य के सतावनव वषर् म संसद् ारा िनम्निलिखत रूप म यह अिधिनयिमत हो :—
अध्याय 1

पर्ारं िभक
1. संिक्षप्त नाम, िवस्तार और पर्ारं भ—(1) इस अिधिनयम का संिक्षप्त नाम खा सुरक्षा और मानक अिधिनयम, 2006 है ।
(2) इसका िवस्तार सम्पूणर् भारत पर है ।
(3) यह उस तारीख को पर्वृ होगा जो के न्दर्ीय सरकार, राजपतर् म अिधसूचना ारा, िनयत करे , और इस अिधिनयम के
िभन्न उपबन्ध के िलए िभन्न-िभन्न तारीख िनयत की जा सकगी और ऐसे िकसी उपबंध म इस अिधिनयम के पर्ारं भ के पर्ित िकसी
िनदश का यह अथर् लगाया जाएगा िक वह उस उपबंध के पर्वतर्न म आने के पर्ित िनदश्ा है ।
2. िनयंतर्ण की समीचीनता के संबधं म संघ ारा घोषणा—यह घोषणा की जाती है िक लोकिहत म यह समीचीन है िक संघ
को खा उ ोग को अपने िनयंतर्ण म ले लेना चािहए ।
3. पिरभाषाएं—(1) इस अिधिनयम म, जब तक िक संदभर् से अन्यथा अपेिक्षत न हो,—
(क) “अपदर्व्य” से ऐसी कोई सामगर्ी अिभपर्ेत है, िजसका उपयोग खा को असुरिक्षत या अवमानक या िमथ्या
छाप वाला बनाने के िलए िकया जाता है या िकया जा सकता है या िजसम बा पदाथर् अंतिवष्ट ह;
(ख) “िवज्ञापन” से कोई शर्व्य या दृश्य पर्चार, िकसी पर्काश, ध्विन, धुएं, गैस, मुदर्ण, इलैक्टर्ािनक मीिडया, इं टरनेट
या वैब साईट ारा िकया गया रूपण या उ ोषणा अिभपर्ेत है और इसके अन्तगर्त िकसी सूचना, पिरपतर्, लेबल, लपेटन,
बीजक या अन्य दस्तावेज के माध्यम से पर्चार भी है;
(ग) “अध्यक्ष” से खा पर्ािधकरण का अध्यक्ष अिभपर्ेत है;
(घ) “दावे” से ऐसा कोई अभ्यावेदन अिभपर्ेत है, िजसम यह कथन, सुझाव या िववक्षा की जाती है िक िकसी खा
म उसके उ व, पोषक तत्व, पर्कृ ित, पर्संस्करण, सिम्मशर्ण या अन्यथा से संबंिधत िविशष्ट क्वािलिटयां ह;
(ङ) “खा सुरक्षा आयुक्त” से धारा 30 के अधीन िनयुक्त खा सुरक्षा आयुक्त अिभपर्ेत है;
(च) “उपभोक्ता” से ऐसे व्यिक्त और कु टु म्ब अिभपर्ेत ह जो अपनी वैयिक्तक आवश्यकता को पूरा करने के िलए
खा कर्य करते ह या पर्ाप्त करते ह;
(छ) “संदष ू क” से ऐसा कोई पदाथर् अिभपर्ेत है, चाहे वह खा म िमलाया गया हो या नह िकन्तु वह ऐसे खा म
ऐसे खा के उत्पादन (िजसके अन्तगर्त कृ िष कमर्, पशुपालन या पशु िचिकत्सा औषिध म की गई संिकर्याएं भी ह), िविनमार्ण,
पर्संस्करण, िनमार्ण, उपचार, पैिकग, पैकेिजग, पिरवहन या धारण करने के पिरणामस्वरूप या पयार्वरणीय संदष ू ण के
पिरणामस्वरूप िव मान है और इसके अन्तगर्त कीट अवशेष, कृ तंक रोम और अन्य बा पदाथर् नह ह;
(ज) “अिभिहत अिधकारी” से धारा के 36 अधीन िनयुक्त अिधकारी अिभपर्ेत है;
(झ) “बा पदाथर्” से िकसी खा पदाथर् म अंतिवष्ट कोई पदाथर् अिभपर्ेत है, जो उसके िविनमार्ण के िलए पर्युक्त
कच्ची सामगर्ी, पैकेिजग सामगर्ी या पर्संस्करण पर्णाली से आ सकता है या इसम िमलाया जाता है, िकन्तु ऐसा पदाथर् ऐसे
खा पदाथर् को असुरिक्षत नह बनाता है;
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(ञ) “खा ” से ऐसा कोई पदाथर् अिभपर्ेत है, चाहे वह पर्संस्कृ त है, या आंिशक रूप से पर्संस्कृ त है या अपर्संस्कृ त है,
जो मानव उपभोग के िलए आशियत है और िजसके अन्तगर्त खंड (यट) म पिरभािषत सीमा तक पर्ाथिमक खा , आनुवंिशक
रूप से उपांतिरत या िनिमत खा या ऐसे संघटक से युक्त खा , िशशु खा , पैक िकया गया पीने का जल, अल्कोहाली पेय,
िचिवगम, तथा कोई अन्य पदाथर् ह, िजसके अन्तगर्त खा के िविनमार्ण, िनमार्ण या उपचार के दौरान पर्युक्त िकया गया
जल भी है, िकन्तु इसके अंतगर्त कोई पशु खा , जीिवत पशु तब तक, जब तक िक उन्ह मानव उपभोग के िलए बाजार म लाने
हेतु तैयार या पर्संस्कृ त नह िकया जाता, कटाई से पूवर् पौधे, औषिध और औषधीय उत्पाद, पर्साधन सामगर्ी, स्वापक या
मन:पर्भावी पदाथर् नह ह :
परन्तु के न्दर्ीय सरकार, राजपतर् म अिधसूचना ारा, िकसी अन्य वस्तु को, उसके उपयोग, पर्कृ ित, सार या क्वािलटी
को ध्यान म रखते हुए, इस अिधिनयम के पर्योजन के िलए खा घोिषत कर सके गी;
(ट) “खा योज्यक” से ऐसा कोई पदाथर् अिभपर्ेत है, िजसका सामान्यत: स्वयं िकसी खा के रूप म उपभोग नह
िकया जाता है या िजसे खा के िविशष्ट संघटक के रूप म उपयोग म लाया जाता है चाहे उसका पोषक मूल्य है या नह , ऐसे
खा के िविनमार्ण, पर्संस्करण, िनमार्ण, उपचार, पैिकग, पैकेिजग, पिरवहन या धारण करने म पर्ौ ोिगक (िजसके अन्तगर्त
आगनोलैिप्टक भी है) पर्योजन के िलए खा म िजसके साशय िमशर्ण के पिरणामस्वरूप पर्त्यक्षत: या परोक्षत: या युिक्तयुक्त
रूप से िनमार्ण की संभावना है या िजसका उपोत्पाद ऐसे खा का संघटक बन जाता है, उसका िनमार्ण होता है या ऐसे खा
की िवशेषता को अन्यथा पर्भािवत करता है िकन्तु इसके अन्तगर्त खा म पोषक क्वािलिटय को बनाए रखने या उनम
सुधार करने के िलए िमलाए गए “संदष ू क” या पदाथर् सिम्मिलत नह ह;
(ठ) “खा िवश्लेषक” से धारा 45 के अधीन िनयुक्त िवश्लेषक अिभपर्ेत है;
(ड) “खा पर्ािधकरण” से धारा 4 के अधीन स्थािपत भारतीय खा सुरक्षा और मानक पर्ािधकरण अिभपर्ेत है;
(ढ) “खा कारबार” से ऐसा कोई उपकर्म अिभपर्ेत है, चाहे वह लाभ के िलए है या नह और चाहे वह सावर्जािनक
है या पर्ाइवेट, जो खा के िविनमार्ण, पर्संस्करण, पैकेिजग, भंडारण, पिरवहन, िवतरण, आयात के िकसी पर्कर्म से संबंिधत
िकर्याकलाप म से कोई िकर्याकलाप कर रहा है और इसके अन्तगर्त खा सेवाएं, जलपान सेवाएं, खा या खा संघटक का
िवकर्य भी है;
(ण) खा कारबार के संबंध म, “खा कारबार कतार्” से ऐसा व्यिक्त अिभपर्ेत है, िजसके ारा कारबार िकया
जाता है या िजसका वह स्वामी है तथा इस अिधिनयम और इसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के अनुपालन को
सुिनिश्चत करने के िलए उ रदायी है;
(त) “खा पर्योगशाला” से के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार या िकसी अन्य अिभकरण ारा स्थािपत कोई खा
पर्योगशाला या संस्थान अिभपर्ेत है और जो परीक्षण और मूल्यांकन पर्योगशाला के िलए राष्टर्ीय पर्त्यायन बोडर् या िकसी
समतुल्य पर्त्यायन अिभकरण ारा पर्त्याियत है तथा धारा 43 के अधीन खा पर्ािधकरण ारा मान्यतापर्ाप्त है;
(थ) “खा सुरक्षा” से यह आश्वासन अिभपर्ेत है िक खा उसके आशियत उपयोग के अनुसार मानव उपभोग के
िलए स्वीकायर् है;
(द) “खा सुरक्षा संपरीक्षा” से यह अवधािरत करने के िलए िक क्या ऐसे उपाय और संबंिधत पिरणाम खा
सुरक्षा और उस िनिम िकए गए दाव के उ ेश्य को पूरा करते ह िविनमार्ण इकाइय ारा अपनाए गए खा सुरक्षा उपाय
की कर्मब और िकर्यात्मक रूप से स्वंततर् जांच अिभपर्ेत है;
(ध) “खा सुरक्षा पर्बन्ध पर्णाली” से अच्छी िविनमार्ण प ितय , अच्छी स्वास्थ्यकर प ितय , पिरसंकट िवश्लेषण
और संकटकालीन िनयंतर्ण के न्दर् तथा अन्य ऐसी प ितय , जो खा कारबार के िलए िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाएं, का
अपनाया जाना अिभपर्ेत है;
(न) “खा सुरक्षा अिधकारी” से धारा 37 के अधीन िनयुक्त अिधकारी अिभपर्ेत है;
(प) “पिरसंकट” से खा म ऐसा कोई जैिवक, रासायिनक या भौितक कारक या खा की अवस्था अिभपर्ेत है, जो
पर्भावी रूप से स्वास्थ्य पर पर्ितकू ल पर्भाव कािरत करता है;
(फ) “आयात” से िकसी खा पदाथर् को भारत म भूिम, समुदर् या वायु मागर् ारा लाना अिभपर्ेत है;
(ब) “सुधार सूचना” से इस अिधिनयम की धारा 32 के अधीन जारी की गई सूचना अिभपर्ेत है;
(भ) “िशशु-खा ” और “िशशु दुग्ध अनुकल्प” के वही अथर् ह, जो उनके िशशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और
िशशु-खा (उत्पादन, पर्दाय और िवतरण का िविनयमन) अिधिनयम, 1992 (1992 का 41) की धारा 2 की उपधारा (1) के
कर्मश: खण्ड (च) और खण्ड (छ) म ह;
(म) “संघटक” से कोई पदाथर् अिभपर्ेत है, िजसके अन्तगर्त खा के िविनमार्ण या िनिमित म पर्युक्त कोई खा
योज्यक भी है और जो अिन्तम उत्पाद म, संभवत: उपान्तिरत रूप म, िव मान ह;
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(य) “लेबल” से अिभपर्ेत है िकसी खा पैकेज के आधान, कवर, डाट या ढक्कन पर लगा कोई टैग, बर्ांड, िचह्न,
िचितर्त या अन्य विणत सामगर्ी जो िलिखत, मुिदर्त, स्टिसलीकृ त, िचिन्हत, उत्कीिणत, गर्ािफक, िछिदर्त, स्टांपीकृ त या छपी है
और इसके अंतगर्त अंत:स्थािपत उत्पाद भी है;
(यक) “अनुज्ञिप्त” से धारा 31 के अधीन अनुद अनुज्ञिप्त अिभपर्ेत है;
(यख) “स्थानीय क्षेतर्” से ऐसा कोई नगरीय या गर्ामीण क्षेतर् अिभपर्ेत है, िजसे इस अिधिनयम के पर्योजन के िलए
स्थानीय क्षेतर् के रूप म खा सुरक्षा आयुक्त ारा अिधसूिचत िकया गया है;
(यग) “िविनमार्ण” से संघटक के िकसी खा पदाथर् म संपिरवतर्न के िलए कोई पर्िकर्या या अंगीकरण या कोई
उपचार अिभपर्ेत है, िजसके अन्तगर्त िकसी खा पदाथर् के िविनमार्ण की कोई आनुषंिगक या पर्ासंिगक उप पर्िकर्या भी है;
(यघ) “िविनमार्ता” से ऐसा व्यिक्त अिभपर्ेत है, जो िवकर्य के िलए िकसी खा पदाथर् के िविनमार्ण के कारबार म
लगा है और इसके अन्तगर्त ऐसा व्यिक्त भी है, जो िवकर्य के िलए ऐसे खा को, िकसी अन्य व्यिक्त से अिभपर्ाप्त करता है
और पैक करता है तथा उस पर लेबल लगाता है या ऐसे पर्योजन के िलए के वल लेबल लगाता है;
1
[(यङ) “सदस्य” के अंतगर्त खा पर्ािधकरण का कोई अंशकािलक सदस्य और अध्यक्ष भी है;]
(यच) “िमथ्या छाप वाला खा ” से कोई खा पदाथर् अिभपर्ेत है—
(अ) यिद वह—
(i) (क) पैकेज के लेबल के ऊपर; या
(ख) िवज्ञापन के ारा,
िमथ्या, भर्ामक या पर्बंधक दावे के साथ िवकर्य के िलए पर्स्थािपत िकए जाने या संविधत िकए जाने; या
(ii) ऐसे नाम से, जो िकसी अन्य खा पदाथर् का है, िवकर्य िकए जाने; या
(iii) पदाथर् के िविनमार्ता या उत्पादक के रूप म िकसी किल्पत व्यिष्ट या कम्पनी के नाम से
जो पदाथर् वाले पैकेज पर िलखा है या पैकेज पर लेबल लगा है, िवकर्य के िलए पर्स्थािपत या संविधत
करने के िलए तात्पियत है या पर्स्तुत िकया जाता है या पर्स्थािपत या संविधत िकया जा रहा है;
(आ) यिद पदाथर् ऐसे पैकेज म िवकर्य िकया जाता है जो िविनमार्ता या उत्पादक के ारा या उसके कहने
पर मोहरबंद या तैयार िकए गए ह और िजन पर उसका नाम और पता है िकन्तु—
(i) वह िकसी अन्य खा पदाथर् की, िजसके नाम से उसका िवकर्य िकया जाता है, नकल है, या
उसके स्थान पर पर्ितस्थािपत है या उससे इस पर्कार िमलता-जुलता है िक धोखा हो जाए और उस पर
उसका असली रूप उपदिशत करने के िलए स्पष्ट और सहजदृश्य रूप से लेबल नह लगाया गया है; या
(ii) पदाथर् वाले पैकेज या पैकेज पर लेबल म उसम अन्तिवष्ट संघटक या तत्त्व के बारे म कोई
ऐसा कथन, िडजाइन या अिभलक्षण है जो िकसी सारवान् िविशिष्ट म िमथ्या या भुलावा देने वाली है,
या यिद पैकेज अपनी अन्तवर्स्तु के बारे म अन्यथा धोखा देने वाला है;
(iii) िकसी स्थान या देश के उत्पाद के रूप म िजस पदाथर् की िवकर्य के िलए पर्स्थापना की गई
है, वह िमथ्या है; या
(इ) यिद पैकेज म अन्तिवष्ट पदाथर्—
(i) कोई कृ ितर्म सुरुिचकारक, कृ ितर्म रं जक या रासायिनक पिररक्षी से युक्त है और पैकेज पर
उस तथ्य का कथन वाला घोषणात्मक लेबल नह लगा है या इस अिधिनयम या त ीन बनाए गए
िनयम की अपेक्षा के अनुसार उस पर लेबल नह लगाया गया है या उसके उल्लंघन म है; या
(ii) िवशेष आहार उपयोग के िलए िवकर्य के िलए पर्स्थािपत िकया गया है जब तक िक उसके
लेबल पर, उसके िवटािमन, खिनज या अन्य आहार तत्व के बारे म ऐसी जानकारी, जो िविनयम ारा
िविनिदष्ट की जाए, ऐसे उपयोग के िलए उसके गुण के बारे म उसके कर्ेता को पयार्प्त रूप से सूिचत
करने के िलए उसके लेबल म नह दी गई है; या
(iii) उसके बाहर उसके बारे म सहजदृश्य रूप से या सही रूप से किथत नह है िक वह इस
अिधिनयम के अधीन अिधकिथत पिरवितता की सीमा के भीतर ह;
(यछ) “अिधसूचना” से राजपतर् म पर्कािशत अिधसूचना अिभपर्ेत है;

1
2008 के अिधिनयम सं० 13 की धारा 2 ारा (7-2-2008 से) पर्ितस्थािपत ।
4

(यज) “पैकेज” से ऐसा पूवर् पैक बाक्स, बोतल, संदक


ू ची, िटन, बैरल, िडब्बा, पाऊच, पातर्, बोरी, थैला, रै पर या
ऐसी कोई अन्य चीज अिभपर्ेत है, िजसम खा पदाथर् पैक िकया जाता है;
(यझ) “पिरसर” के अन्तगर्त कोई ऐसी दुकान, स्टाल, होटल, रे स्तरां, एयरलाइन सेवाएं और खा कटीन, स्थान या
यान या जलयान भी ह, जहां कोई खा पदाथर् िवकर्य िकया जाता है या िवकर्य के िलए िविनिमत िकया जाता है या भण्डार
म रखा जाता है ;
(यञ) “िविहत” से इस अिधिनयम के अधीन, यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार ारा बनाए गए
िनयम ारा िविहत अिभपर्ेत है;
(यट) “पर्ाथािमक खा ” से ऐसा खा पदाथर् अिभपर्ेत है जो कृ िष, या बागवानी या पशुपालन और डेयरी या
जल-कृ िष के अपने पर्ाकृ ितक रूप म उत्पाद है, जो कृ षक या मछु आरे से िभन्न व्यिक्त के हाथ से उगाए जाने, खड़े िकए जाने,
जुताई, चुनने, कटाई, संगर्हण या बीनने के पिरणामस्वरूप उत्पािदत होता है;
(यठ) “पर्ितषेध आदेश” से इस अिधिनयम की धारा 33 के अधीन जारी िकया गया आदेश अिभपर्ेत है;
(यड) िकसी खा पदाथर् के संबंध म “जोिखम” से ऐसे खा के उपभोक्ता के स्वास्थ्य पर खा पिरसंकट के
पिरणामस्वरूप पर्ितकू ल पर्भाव पड़ने की संभाव्यता और उस पर्भाव की गंभीरता अिभपर्ेत है;
(यढ) िकसी खा पदाथर् के संबंध म “जोिखम िवश्लेषण” से ऐसी पर्िकर्या अिभपर्ेत है िजसम तीन स्तर अथार्त्
जोिखम िनधार्रण, जोिखम पर्बन्ध और जोिखम संसच
ू ना है;
(यण) “जोिखम िनधार्रण” से कोई वैज्ञािनक रूप से आधािरत पर्िकर्या अिभपर्ेत है, िजसम िनम्निलिखत कदम
सिम्मिलत ह : (i) पिरसंकट की पहचान, (ii) पिरसंकट का लक्षण-वणर्न, (iii) उच्छन्न िनधार्रण, और (iv) जोिखम का
लक्षण-वणर्न;
(यत) “जोिखम संसूचना” से जोिखम िनधार्रक , जोिखम पर्बन्धक , उपभोक्ता , उ ोग, शैक्षिणक समुदाय और
अन्य िहतब पक्षकार के बीच जोिखम, जोिखम संबंधी कारक और जोिखम अवधारणा से संबिं धत जोिखम िवश्लेषण
पर्िकर्या के दौरान सूचना और राय का पारस्पिरक िविनमय अिभपर्ेत है, िजसके अन्तगर्त जोिखम िनधार्रण िनष्कष और
जोिखम पर्बन्ध िविनश्चय के आधार का स्पष्टीकरण भी है;
(यथ) “जोिखम पर्बन्ध” से उपभोक्ता के स्वास्थ्य के संरक्षण के िलए और उिचत व्यापािरक व्यवहार के संवधर्न
के िलए, जोिखम िनधार्रण और अन्य सुसंगत पहलु पर िवचार करते हुए, सभी िहतब पक्षकार के परामशर् से मूल्यांकन
जोिखम िनधार्रण से िभन्न और यिद आवश्यक हो तो, उिचत िनवारण और िनयंतर्ण िवकल्प का चयन करने की पर्िकर्या
अिभपर्ेत है;
(यद) अपने व्याकरिणक रूप और सजातीय पद सिहत “िवकर्य” से मानव उपभोग या उपयोग के िलए या
िवश्लेषण के िलए िकसी खा पदाथर् का िवकर्य अिभपर्ेत है, चाहे वह नकद हो या उधार पर हो या िविनमय के रूप म हो,
और थोक म हो, या फु टकर म हो और िकसी ऐसे पदाथर् के िवकर्य के िलए करार करना या िवकर्य के िलए पर्स्थापना करना या
उसे िवकर्य के िलए अिभदिशत करना या िवकर्य के िलए कब्जे म रखना इसके अन्तगर्त है और िकसी ऐसे पदाथर् का िवकर्य
करने का पर्यत्न भी इसके अन्तगर्त आता है;
(यध) “नमून”े से िकसी खा पदाथर् का नमूना अिभपर्ेत है जो इस अिधिनयम के या त ीन बनाए गए िकन्ह
िनयम और िविनयम के उपबन्ध के अधीन िलया गया है;
(यन) “िविनयम ारा िविनिदष्ट” से खा पर्ािधकरण ारा बनाए गए िविनयम ारा िविनिदष्ट अिभपर्ेत है;
(यप) िकसी खा पदाथर् के संबंध म, “मानक” से खा पर्ािधकरण ारा अिधसूिचत मानक अिभपर्ेत है;
(यफ) संघ राज्यक्षेतर् के संबंध म, “राज्य सरकार” से संिवधान के अनुच्छेद 239 के अधीन राष्टर्पित ारा िनयुक्त
संघ राज्यक्षेतर् का पर्शासक अिभपर्ेत है;
(यब) “पदाथर्” के अन्तगर्त कोई पर्ाकृ ितक या कृ ितर्म पदाथर् या अन्य वस्तु अिभपर्ेत है, चाहे वह ठोस अवस्था म हो
या दर्व रूप या गैस या वाष्प रूप म;
(यभ) “अवमानक” से कोई खा पदाथर् तब अवमानक समझा जाएगा यिद वह िविनिदष्ट मानक को पूरा नह
करता है िकन्तु उससे खा पदाथर् असुरिक्षत नह होता है;
(यम) “अिधकरण” से धारा 70 के अधीन स्थािपत खा सुरक्षा अपील अिधकरण अिभपर्ेत है;
(यय) “असुरिक्षत खा ” से कोई ऐसा खा पदाथर् अिभपर्ेत है िजसकी पर्कृ ित, पदाथर् या क्वािलटी इस पर्कार
पर्भािवत है जो इसे िनम्निलिखत कारण से स्वास्थ्य के िलए हािनकारक बना देती है,—
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(i) स्वत: वस्तु या उसके पैकेज से, जो पूणर्त: या भागत: िवषैले या हािनकारक पदाथर् से बना है; या
(ii) उस वस्तु से जो पूणर्त: या भागत: गंद,े दूिषत, सड़े, गले या रुग्ण पशुजन्य पदाथर् या वनस्पितजन्य
पदाथर् से बनी है; या
(iii) उसके अस्वास्थ्यकर पर्संस्करण के कारण या उस वस्तु म िकसी हािनकारक पदाथर् की िव मानता
से; या
(iv) िकसी घिटया या सस्ते पदाथर् के अनुकल्प ारा चाहे वह पूणर्त: हो या भागत: ;
(v) िकसी पदाथर् को सीधे या िकसी संघटक के रूप म, जो अनुज्ञेय नह है, िमलाकर; या
(vi) उसके िकसी संघटक को पूणर्त: या भागत: िनकालकर; या
(vii) पदाथर् को इस पर्कार रं िजत, सुरुिचकारक या िवलेिपत, चूण कृ त या पािलशीकृ त करके िजससे
पदाथर् को नुकसान होता हो या वह इस पर्कार िछपाया जाता है या उस पदाथर् को उससे बेहतर या अिधक मूल्य का
पर्कट करना जैसा िक वह वास्तव म है; या
(viii) िकसी रं जक पदाथर् या पिररक्षी को, उससे िभन्न जो उसकी बाबत िविनिदष्ट िकया गया है, उसम
िमलाकर; या
(ix) उन पदाथ से जो कृ िमय , घुन या कीट से िवसंकर्िमत या गर्िसत ह; या
(x) उनको तैयार िकए जाने, पैक िकए जाने या अस्वास्थकर दशा म रखे जाने से;
(xi) उसके िमथ्या छाप वाली या अवमानक होने या खा म बा पदाथर् होने से; या
(xii) िविनयम ारा िविनिदष्ट मातर्ा से अिधक नाशक जीवमार और अन्य संदष
ू क अंतिवष्ट होने
के कारण ।
(2) इस अिधिनयम म ऐसी िकसी िविध जो जम्मू-कश्मीर राज्य म पर्वतर्न म नह ह, के पर्ित िकसी िनदश का यह अथर् लगाया
जाएगा िक वह उस राज्य म पर्वृ तत्स्थानी िविध, यिद कोई हो, के पर्ित िनदश है ।
अध्याय 2

भारतीय खा सुरक्षा और मानक पर्ािधकरण


4. भारतीय खा सुरक्षा और मानक पर्ािधकरण की स्थापना—(1) के न्दर्ीय सरकार, इस अिधिनयम के अधीन उसे पर्द
शिक्तय का पर्योग करने और समनुदिे शत कृ त्य का पालन करने के िलए, भारतीय खा सुरक्षा और मानक पर्ािधकरण के नाम से ज्ञात
एक िनकाय की, स्थापना करे गी ।
(2) खा पर्ािधकरण पूव क्त नाम से एक िनगिमत िनकाय होगा, िजसका जंगम और स्थावर संपि को अिजत करने, धािरत
करने और व्ययन करने और संिवदा करने की शिक्त के साथ शाश्वत उ रािधकार होगा और उसकी एक सामान्य मुदर्ा होगी और वह
उस नाम से वाद ला सके गा या उसके िवरु वाद लाया जा सके गा ।
(3) खा पर्ािधकरण का पर्धान कायार्लय िदल्ली म होगा ।
(4) खा पर्ािधकरण भारत म िकसी अन्य स्थान पर अपने कायार्लय की स्थापना कर सके गा ।
5. खा पर्ािधकरण की संरचना और उसके अध्यक्ष तथा अन्य सदस्य की िनयुिक्त के िलए अहर्ताएं—(1) खा पर्ािधकरण,
अध्यक्ष और िनम्निलिखत बाईस सदस्य से, िजनम से एक-ितहाई िस्तर्यां ह गी, िमलकर बनेगा, अथार्त् :—
(क) सात ऐसे सदस्य जो िनम्निलिखत से संबंिधत के न्दर्ीय सरकार के मंतर्ालय या िवभाग का पर्ितिनिधत्व करने के
िलए के न्दर्ीय सरकार ारा िनयुक्त िकए जाएंगे और वे भारत सरकार के संयुक्त सिचव की पंिक्त से िनम्न पंिक्त के नह
ह गे :—
(i) कृ िष,
(ii) वािणज्य,
(iii) उपभोक्ता मामले,
(iv) खा पर्संस्करण,
(v) स्वास्थ्य,
(vi) िवधायी मामले,
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(vii) लघु उ ोग,


जो पदेन सदस्य ह गे;
(ख) खा उ ोग से दो पर्ितिनिध िजनम से एक लघु उ ोग से होगा;
(ग) उपभोक्ता संगठन से दो पर्ितिनिध;
(घ) तीन पर्ख्यात खा पर्ौ ोिगकीिवद् या वैज्ञािनक;
(ङ) राज्य और संघ राज्यक्षेतर् का पर्ितिनिधत्व करने के िलए पहली अनुसूची म यथािविनिदष्ट जोन से एक-एक
पर्त्येक तीन वषर् म चकर्ानुकर्म से िनयुक्त िकए जाने वाले पांच सदस्य;
(च) कृ षक संगठन का पर्ितिनिधत्व करने के िलए दो व्यिक्त;
(छ) खुदरा िवकर्ेता के संगठन का पर्ितिनिधत्व करने के िलए एक व्यिक्त ।
(2) खा पर्ािधकरण का अध्यक्ष और अन्य सदस्य ऐसी रीित म िनयुक्त िकए जाएंगे िजससे िक क्षमता के उच्चतर मानक,
सुसग ं त िवशेषज्ञता की बृह र रज सुिनिश्चत की जा सके और देश के भीतर अिधकतम संभव भौगोिलक िवतरण की दृिष्ट से
पर्ितिनिधत्व करगे ।
(3) के न्दर्ीय सरकार ारा अध्यक्ष की िनयुिक्त खा िवज्ञान के क्षेतर् म पर्ख्यात व्यिक्तय म से या पर्शासन के ऐसे व्यिक्तय म
से की जाएगी जो उस िवषय से सहयोिजत रहे ह तथा जो भारत सरकार के सिचव से अन्यून पंिक्त का पद धारण िकए हुए ह या धारण
िकया है ।
खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष और सदस्य, िजसके अंतगर्त पदेन सदस्य से िभन्न आंशकािलक सदस्य भी ह, के न्दर्ीय
1 [(4)

सरकार ारा चयन सिमित की िसफािरश पर िनयुक्त िकए जाएंगे ।


(5) खा पर्ािधकरण का अध्यक्ष कोई अन्य पद धारण नह करे गा ।]
6. खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष और सदस्य के चयन के िलए चयन सिमित—(1) के न्दर्ीय सरकार, खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष
और पदेन सदस्य से िभन्न सदस्य के चयन के पर्योजन के िलए एक चयन सिमित का गठन करे गी, जो िनम्निलिखत से िमलकर
बनेगी,—
(क) मंितर्मंडल सिचव—अध्यक्ष;
(ख) इस अिधिनयम के पर्शासन के िलए उ रदायी मंतर्ालय या िवभाग का भारसाधक सिचव—संयोजक के
रूप म—सदस्य;
(ग) स्वास्थ्य, िवधायी और कािमक से संबंिधत के न्दर्ीय सरकार के मंतर्ालय या िवभाग के भारसाधक
सिचव—सदस्य;
(घ) लोक उ म चयन बोडर् का अध्यक्ष—सदस्य;
(ङ) कोई पर्ख्यात खा पर्ौ ोिगकीिवद् जो के न्दर्ीय सरकार ारा नामिनदिशत िकया जाएगा—सदस्य ।
स्पष्टीकरण—खण्ड (ङ) के पर्योजन के िलए, के न्दर्ीय सरकार ऐसे व्यिक्तय म से जो िकसी राष्टर्ीय अनुसध
ं ान या
तकनीकी संस्था के िनदेशक या अध्यक्ष के पद जो िकसी भी नाम से ज्ञात हो, धारण िकए हुए है िकसी व्यिक्त को
नाम-िनिदष्ट करे गी ।
(2) के न्दर्ीय सरकार, खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष या िकसी सदस्य की मृत्यु, उसके पद त्याग या हटाए जाने के कारण कोई
िरिक्त होने की तारीख से दो मास के भीतर और उस पर्ािधकरण के अध्यक्ष या िकसी सदस्य की अिधविषता या पदाविध के पूरा होने के
तीन मास पूवर्, िरिक्त को भरने के िलए चयन सिमित को िनदश करे गी ।
(3) चयन सिमित, खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष और सदस्य के चयन को उस तारीख से, िजसको उसे िनदश िकया गया है, दो
मास के भीतर अंितम रूप देगी ।
(4) चयन सिमित उसे िनिदष्ट की गई पर्त्येक िरिक्त के िलए दो नाम के पैनल की िसफािरश करे गी ।
(5) चयन सिमित, खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष या अन्य सदस्य के रूप म िनयुिक्त के िलए िकसी व्यिक्त की िसफािरश करने
से पूवर् अपना यह समाधान करे गी िक ऐसे व्यिक्त का कोई ऐसा िव ीय या अन्य िहत नह है, िजससे सदस्य के रूप म उसके कृ त्य पर
पर्ितकू ल पर्भाव पड़ने की संभावना हो ।

1
2008 के अिधिनयम सं० 13 की धारा 3 ारा (7-2-2008 से) पर्ितस्थािपत ।
7

(6) खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष या अन्य सदस्य की कोई िनयुिक्त के वल इस कारण से अिविधमान्य नह होगी िक चयन
सिमित म कोई पद िरक्त है ।
7. खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष और सदस्य की पदाविध, वेतन, भ े और सेवा की अन्य शत—(1) अध्यक्ष और पदेन सदस्य
से िभन्न सदस्य, उनके पद गर्हण करने की तारीख से तीन वषर् की अविध के िलए पद धारण करगे तथा तीन वषर् की और अविध के िलए
पुन: िनयुिक्त के िलए पातर् ह गे :
1 [परन्तु अध्यक्ष पसठ वषर् की आयु पर्ाप्त कर लेने के पश्चात् ऐसा पद धारण नह करे गा ।]
(2) अध्यक्ष और पदेन सदस्य से िभन्य सदस्य को संदय
े वेतन और भ े तथा सेवा के अन्य िनबंधन और शत वे ह गी जो
के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत की जाएं ।
(3) अध्यक्ष और पर्त्येक सदस्य अपना पद गर्हण करने के पूवर् ऐसे पर्रूप म और ऐसी रीित म तथा ऐसे पर्ािधकारी के समक्ष,
िजन्ह के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत िकया जाए, पद और गोपनीयता की शपथ लगे ।
(4) उपधारा (1) म िकसी बात के होते हुए भी, अध्यक्ष या कोई सदस्य—
(क) के न्दर्ीय सरकार को कम से कम तीन मास की िलिखत म सूचना देकर अपना पद त्याग सके गा; या
(ख) धारा 8 के उपबंध के अनुसार उसके पद से हटाया जा सके गा ।
(5) अध्यक्ष या कोई सदस्य इस पर्कार पद पर न रह जाने पर िकसी रीित म खा पर्ािधकरण या िकसी राज्य पर्ािधकरण के
समक्ष िकसी व्यिक्त का पर्ितिनिधत्व नह करे गा ।
8. खा पर्ािधकरण के अध्यक्ष और सदस्य का हटाया जाना—(1) धारा 7 की उपधारा (1) म िकसी बात के होते हुए भी,
के न्दर्ीय सरकार आदेश ारा अध्यक्ष या िकसी अन्य सदस्य को पद से हटा सके गी यिद, यथािस्थित, अध्यक्ष या ऐसा अन्य सदस्य,—
(क) िदवािलया न्यायिनण त कर िदया गया है; या
(ख) िकसी ऐसे अपराध का िस दोष ठहरा िदया गया है िजसम के न्दर्ीय सरकार की राय म नैितक अधमता
अंतवर्िलत हो; या
(ग) सदस्य के रूप म कायर् करने के िलए शारीिरक या मानिसक रूप से असमथर् हो गया है; या
(घ) ऐसा िव ीय या अन्य िहत अिजत कर लेता है िजससे सदस्य के रूप म उसके कृ त्य पर पर्ितकू ल पर्भाव पड़ने
की संभावना हो; या
(ङ) अपनी िस्थित का इस पर्कार दुरुपयोग िकया है िजससे िक उसके पद पर बने रहने से लोकिहत पर पर्ितकू ल
पर्भाव पड़ेगा ।
(2) कोई सदस्य उपधारा (1) के खंड (घ) और खंड (ङ) के अधीन तब तक नह हटाया जाएगा जब तक िक उस िवषय म उसे
सुने जाने का उिचत अवसर नह दे िदया गया है ।
9. खा पर्ािधकरण के अिधकारी और अन्य कमर्चारी—(1) खा पर्ािधकरण का एक मुख्य कायर्पालक अिधकारी होगा जो
भारत सरकार के अपर सिचव से नीचे की पंिक्त का नह होगा और जो पर्ािधकरण का सदस्य सिचव होगा, िजसे के न्दर्ीय सरकार ारा
िनयुक्त िकया जाएगा ।
(2) खा पर्ािधकरण, के न्दर्ीय सरकार के अनुमोदन से, उसके कृ त्य के िनवर्हन म खा पर्ािधकरण के िलए अपेिक्षत अन्य
अिधकािरय और कमर्चािरय की संख्या, पर्कृ ित और पर्वगर् अवधािरत कर सके गा ।
(3) मुख्य कायर्पालक अिधकारी, अिधकािरय और अन्य कमर्चािरय को संदय े वेतन और भ े तथा सेवा की अन्य शत वे ह गी
जो खा पर्ािधकरण ारा के न्दर्ीय सरकार के अनुमोदन से िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाएं ।
10. मुख्य कायर्पालक अिधकारी के कृ त्य—(1) मुख्य कायर्पालक अिधकारी, खा पर्ािधकरण का िविधक पर्ितिनिध होगा और
िनम्निलिखत के िलए उ रदायी होगा—
(क) खा पर्ािधकरण का िदन-पर्ितिदन का पर्शासन;
(ख) के न्दर्ीय सलाहकार सिमित के परामशर् से खा पर्ािधकरण के कायर् संबंधी कायर्कर्म के िलए पर्स्ताव तैयार
करना;
(ग) खा पर्ािधकरण ारा अंगीकृ त कायर्कर्म और िविनश्चय को कायार्िन्वत करना;

1
2008 के अिधिनयम सं० 13 की धारा 4 ारा (7-2-2008 से) पर्ितस्थािपत ।
8

(घ) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल के िलए समुिचत वैज्ञािनक, तकनीकी और पर्शासिनक सहायता के
उपबंध सुिनिश्चत करना;
(ङ) यह सुिनिश्चत करना िक खा पर्ािधकरण, अपने उपयोक्ता की अपेक्षा के अनुसार अपने काय को,
िविशष्टत: उपलब्ध कराई गई सेवा और िलए जाने वाले समय की पयार्प्तता के संबध
ं म, कायार्िन्वत करना;
(च) राजस्व और व्यय का िववरण तैयार करना और खा पर्ािधकरण के बजट का िनष्पादन करना; और
(छ) के न्दर्ीय सरकार के साथ संपकर् िवकिसत करना और बनाए रखना और उसकी सुसंगत सिमितय के साथ
िनयिमत बातचीत सुिनिश्चत करना ।
(2) मुख्य कायर्पालक अिधकारी अनुमोदन के िलए पर्त्येक वषर् खा पर्ािधकरण को िनम्निलिखत पर्स्तुत करे गा—
(क) पूवर्वषर् म खा पर्ािधकरण के सभी िकर्याकलाप को सिम्मिलत करते हुए एक साधारण िरपोटर्;
(ख) कायर् संबंधी कायर्कर्म;
(ग) पूवर्वषर् के िलए वािषक लेखे; और
(घ) आगामी वषर् के िलए बजट ।
(3) मुख्य कायर्पालक अिधकारी, खा पर्ािधकरण ारा अंगीकार के पश्चात् के न्दर्ीय सरकार और राज्य सरकार को साधारण
िरपोटर् और कायर्कर्म अगर्ेिषत करे गा और उन्ह पर्कािशत कराएगा ।
(4) मुख्य कायर्पालक अिधकारी, खा पर्ािधकरण के सभी िव ीय व्यय अनुमोिदत करे गा और के न्दर्ीय सरकार को पर्ािधकरण
के िकर्याकलाप के संबंध म िरपोटर् देगा ।
(5) मुख्य कायर्पालक अिधकारी, ऐसी वस्तु की खा सुरक्षा से संबंिधत िवषय पर कारर् वाई करते समय खा सुरक्षा
आयुक्त की शिक्तय का पर्योग करे गा ।
(6) मुख्य कायर्पालक अिधकारी का खा पर्ािधकरण के अिधकािरय और अन्य कमर्चािरय पर पर्शासिनक िनयंतर्ण होगा ।
11. के न्दर्ीय सलाहकार सिमित—(1) खा पर्ािधकरण, अिधसूचना ारा, के न्दर्ीय सलाहकार सिमित के नाम से ज्ञात एक
सिमित स्थािपत करे गा ।
(2) के न्दर्ीय सलाहकार सिमित दो सदस्य , िजनम से पर्त्येक खा उ ोग, कृ िष, उपभोक्ता , सुसंगत अनुसध
ं ान िनकाय
और खा पर्योगशाला के िहत का पर्ितिनिधत्व करे गा और सभी खा सुरक्षा आयुक्त से िमलकर बनेगी तथा वैज्ञािनक सिमित का
अध्यक्ष पदेन सदस्य होगा ।
(3) के न्दर्ीय सरकार के कृ िष, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन, जैव पर्ौ ोिगकी, वािणज्य और उ ोग, उपभोक्ता मामले,
पयार्वरण और वन, खा पर्संस्करण उ ोग, स्वास्थ्य, पंचायती राज, लघु उ ोग तथा खा और सावर्जिनक िवतरण से संबंिधत
मंतर्ालय या िवभाग के या सरकारी संस्थान या संगठन और सरकारी मान्यतापर्ाप्त कृ षक संगठन के पर्ितिनिध के न्दर्ीय सलाहकार
सिमित के साथ िवचार-िवमशर् म आमंितर्त िकए जाएंगे ।
(4) मुख्य कायर्पालक अिधकारी के न्दर्ीय सलाहकार सिमित का पदेन अध्यक्ष होगा ।
(5) के न्दर्ीय सलाहकार सिमित अपने कारबार संव्यवहार सिहत ऐसे िनयम या पर्िकर्या के ऐसे िनयम का अनुसरण करे गी जो
िविनयम ारा िविनिदष्ट िकए जाएं ।
12. के न्दर्ीय सलाहकार सिमित के कृ त्य—(1) के न्दर्ीय सलाहकार सिमित, खा पर्ािधकरण और पर्वतर्न अिभकरण तथा खा
के क्षेतर् म कायर्रत संगठन के बीच िनकट सहयोग सुिनिश्चत करे गी ।
(2) के न्दर्ीय सलाहकार सिमित खा पर्ािधकरण को िनम्निलिखत के संबंध म सलाह देगी—
(क) इस धारा के अधीन उसके कतर्व्य का पालन और िविशष्टत या खा पर्ािधकरण के कायर् संबंधी कायर्कर्म के
िलए कोई पर्स्ताव तैयार करना;
(ख) कायर् की पर्ाथिमकता;
(ग) संभाव्य जोिखम की पहचान करना;
(घ) ज्ञान एकितर्त करना; और
(ङ) ऐसे अन्य कृ त्य, जो िविनयम ारा िविनिदष्ट िकए जाएं ।
(3) के न्दर्ीय सलाहकार सिमित, के न्दर्ीय सलाहकार सिमित के अध्यक्ष के आमंतर्ण पर या कम से कम उसके एक ितहाई सदस्य
के अनुरोध पर िनयिमत रूप से और एक वषर् म कम से कम तीन बार बैठक करे गी ।
9

13. वैज्ञािनक पैनल—(1) खा पर्ािधकरण वैज्ञािनक पैनल स्थािपत करे गा जो स्वंततर् िवज्ञान िवशेषज्ञ से िमलकर बनेगा ।
(2) वैज्ञािनक पैनल अपने िवचार-िवमशर् के िलए सुसंगत उ ोग और उपभोक्ता पर्ितिनिधय को आमंितर्त करे गा ।
(3) उपधारा (1) के उपबंध पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, खा पर्ािधकरण िनम्निलिखत के संबंध म उतने वैज्ञािनक पैनल
स्थािपत कर सके गा िजतने वह िनम्निलिखत से संबिं धत पैनल के अितिरक्त आवश्यक समझे—
(क) खा योज्यक , सुरुिचकारक , पर्संस्करण सहायक और खा संपकर् की सामगर्ी;
(ख) नाशकजीवमार और पर्ितजैिवकी अविशष्ट;
(ग) आनुवंिशक रूप से उपांतिरत जीव और खा ;
(घ) कृ त्यकारी खा , न्यूटर्ास्यूिटकल्स, आहार संबध
ं ी उत्पाद और अन्य ऐसे ही उत्पाद;
(ङ) जैिवक पिरसंकट;
(च) खा शर्ृंखला म संदष
ू क;
(छ) लेबल लगाना; और
(ज) नमूना लेने और िवश्लेषण का ढंग ।
(4) खा पर्ािधकरण समय-समय पर, यथािस्थित, नए सदस्य जोड़कर या िव मान सदस्य को हटाकर या पैनल के नाम म
पिरवतर्न करके वैज्ञािनक पैनल पुनगर्िठत कर सके गा ।
14. वैज्ञािनक सिमित—(1) खा पर्ािधकरण, वैज्ञािनक सिमित गिठत करे गा जो वैज्ञािनक पैनल के अध्यक्ष और छह स्वतंतर्
िवज्ञान-िवशेषज्ञ , जो िकसी वैज्ञािनक पैनल से संबंिधत या जुड़े नह ह गे, से िमलकर बनेगी ।
(2) वैज्ञािनक सिमित, खा पर्ािधकरण को वैज्ञािनक राय उपलब्ध कराने के िलए उ रदायी होगी और जहां आवश्यक हो,
उसे लोक सुनवाई का आयोजन करने की शिक्त होगी ।
(3) वैज्ञािनक सिमित वैज्ञािनक राय पर्िकर्या की संगतता को सुिनिश्चत करने के िलए आवश्यक साधारण समन्वय के िलए और
िविशष्टत: वैज्ञािनक पैनल के कायर्करण की पर्िकर्या को अपनाने और कायर्करण की प ितय के सामंजस्य के संबंध म उ रदायी
होगी ।
(4) वैज्ञािनक सिमित एक से अिधक वैज्ञािनक पैनल की सक्षमता के अंतगर्त आने वाले बहुक्षेतर्ीय मु पर और ऐसे मु पर,
जो िकसी भी वैज्ञािनक पैनल की सक्षमता के अंतगर्त नह आते ह, राय देगी ।
(5) जहां भी आवश्यक हो, और िविशष्टत: ऐसे िवषय की दशा म, जो िकसी भी वैज्ञािनक पैनल की सक्षमता के अंतगर्त नह
आते ह, वैज्ञािनक सिमित कायर्कारी समूह स्थािपत करे गी और ऐसे मामल म यह वैज्ञािनक सलाह स्थािपत करते समय उन कायर्कारी
समूह की िवशेषज्ञ राय पर्ाप्त करे गी ।
15. वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल के िलए पर्िकर्या—(1) वैज्ञािनक सिमित के ऐसे सदस्य, जो वैज्ञािनक पैनल के
सदस्य नह ह और वैज्ञािनक पैनल के सदस्य खा पर्ािधकरण ारा तीन वषर् की अविध के िलए िनयुक्त िकए जाएंगे, जो ऐसी ही
अविध के िलए नवीकरणीय होगी और िरिक्त सूचना िहत की अिभव्यिक्तय हेतु आमंतर्ण के िलए सुसंगत पर्मुख वैज्ञािनक पर्काशन म
और खा पर्ािधकरण की वेबसाइट पर पर्कािशत की जाएगी ।
(2) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल पर्त्येक अपने सदस्य म से अध्यक्ष का चुनाव करे गी ।
(3) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल अपने सदस्य के बहुमत से कायर् करगे और सदस्य की राय को लेखब िकया
जाएगा ।
(4) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल के पर्चालन और सहयोग के िलए पर्िकर्या िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाएगी ।
(5) ये पर्िकर्याएं िविशष्ट रूप से िनम्निलिखत के संबंध म ह गी—
(क) िजतनी बार कोई सदस्य िकसी वैज्ञािनक सिमित या वैज्ञािनक पैनल म िनरं तर रूप से सेवा कर सकता है,
उसकी संख्या;
(ख) पर्त्येक वैज्ञािनक पैनल म सदस्य की संख्या;
(ग) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल के सदस्य के व्यय की पर्ितपूित करने के िलए पर्िकर्या;
(घ) वह रीित, िजसम वैज्ञािनक राय के िलए कायर् और अनुरोध वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल को
समनुदिे शत िकए जाते ह;
10

(ङ) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल के कायर्कारी समूह का सृजन और आयोजन, और उन कायर्कारी समूह
म सिम्मिलत िकए जाने के िलए बा िवशेषज्ञ की संभाव्यता;
(च) वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल म संपर्ेक्षक को आमंितर्त िकए जाने की संभावना;
(छ) लोक सुनवाई की व्यवस्था करने की संभावना; और
(ज) अिधवेशन का कोरम, अिधवेशन की सूचना, अिधवेशन का कायर्वृ और ऐसे अन्य िवषय ।
16. खा पर्ािधकरण के कतर्व्य और कृ त्य—(1) खा पर्ािधकरण का यह कतर्व्य होगा िक वह खा के िविनमार्ण, पर्संस्करण,
िवतरण, िवकर्य और आयात को िविनयिमत करे और उसकी मानीटरी करे िजससे िक सुरिक्षत और स्वास्थ्यपर्द खा सुिनिश्चत िकया
जा सके ।
(2) उपधारा (1) के उपबंध पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, खा पर्ािधकरण िविनयम ारा िनम्निलिखत िविनिदष्ट कर
सके गा—
(क) खा पदाथ के संबंध म मानक और मागर्दशर्क िस ांत और इस अिधिनयम के अधीन अिधसूिचत िविभन्न
मानक के पर्वतर्न के िलए समुिचत पर्णाली िविनिदष्ट करना;
(ख) खा योज्यक , फसल संदष ू क , नाशकजीवमार अविशष्ट , पशु िचिकत्सा औषािधय के अविशष्ट, भारी
धातु , पर्संस्करण सहायक , सू म िवषाणु , पर्ितजैिवक और भेषजीय कारक पदाथ और खा पर्दीपक के उपयोग की
सीमाएं;
(ग) खा कारबार के िलए खा सुरक्षा पर्बंध पर्णाली के पर्माणन म लगे पर्माणन िनकाय के पर्त्यायन के िलए तंतर्
और मागर्दशर्क िस ांत;
(घ) भारत म आयाितत िकसी खा पदाथर् के संबंध म क्वािलटी िनयंतर्ण की पर्िकर्या और पर्वतर्न;
(ङ) पर्योगशाला के पर्त्यायन और पर्त्याियत पर्योगशाला की अिधसूचना के िलए पर्िकर्या और मागर्दशर्क
िस ांत;
(च) नमूने लेने, िवश्लेषण और पर्वतर्न पर्ािधकािरय के बीच सूचना के आदान-पर्दान का ढंग;
(छ) देश म इस अिधिनयम के पर्वतर्न और पर्शासन का सवक्षण करना;
(ज) खा लेबल लगाने संबध ं ी मानक िजसके अंतगर्त खा के िलए स्वास्थ्य, पोषण, िवशेष आहार उपयोग और
खा पर्वगर् पर्णािलय पर दावे भी ह; और
(झ) वह रीित िजसम और वह पर्िकर्या िजसके अधीन रहते हुए जोिखम िवश्लेषण, जोिखम िनधार्रण, जोिखम
संसूचना और जोिखम पर्बंध िकया जाएगा ।
(3) खा पर्ािधकरण िनम्निलिखत कायर् भी करे गा—
(क) उन क्षेतर् म, जो खा सुरक्षा और पोषण से पर्त्यक्ष या अपर्त्यक्ष संबंध रखते ह, नीित और िनयम बनाने के
िवषय म कदर्ीय सरकार और राज्य सरकार को वैज्ञािनक सलाह और तकनीकी समथर्न देना;
(ख) िविशष्टत: िनम्निलिखत से संबंिधत सुसंगत वैज्ञािनक और तकनीकी आंकड़ को ढू ंढना, उनका संगर्हण करना,
उन्ह िमलाना, उनका िवश्लेषण करना तथा उन्ह संिक्षप्त करना—
(i) खा उपभोग और व्यिष्टय का खा के उपभोग से संबंिधत जोिखम के पर्ित उ ासन;
(ii) जैिवक जोिखम की घटना और उनकी िव मानता;
(iii) खा म संदष
ू क;
(iv) िविभन्न संदष
ू क के अविशष्ट;
(v) सामने आने वाले जोिखम की पहचान करना; और
(vi) दर्ुत सतकर् पर्णाली आरं भ करना;
(ग) जोिखम िनधार्रण प ितय का संवधर्न, समन्वय और उनके िवकास के िलए िदशा-िनदश जारी करना तथा
उनकी मानीटरी करना और उनका संचालन करना और कदर्ीय सरकार, राज्य सरकार और खा सुरक्षा आयुक्त को स्वास्थ्य
और खा के पोषण संबधं ी जोिखम पर संदश
े अगर्ेिषत करना;
11

(घ) खा सुरक्षा के संबंध म संकटकालीन पर्बंध पर्िकर्या के कायार्न्वयन म कदर्ीय सरकार और राज्य सरकार को
वैज्ञािनक और तकनीकी सलाह देना और उनकी सहायता करना और इस संबंध म कदर्ीय सरकार ारा स्थािपत संकटकालीन
एकक के साथ िनकट सहयोग से संकटकालीन पर्बंध और कायर् के िलए साधारण योजना बनाना;
(ङ) खा पर्ािधकरण के उ रदाियत्व के अंतगर्त आने वाले क्षेतर् म कायर्कलाप के समन्वय, सूचना के आदान-
पर्दान, संयुक्त पिरयोजना के िवकास और कायार्न्वयन, िवशेषज्ञता का आदान-पर्दान और उन क्षेतर् म सव म व्यवहार
ारा वैज्ञािनक सहयोग की रूपरे खा का सुकर बनाने के उ ेश्य से संगठन की नेटवकर् पर्णाली स्थािपत करना;
(च) अंतरराष्टर्ीय संगठन के साथ सहयोग बढ़ाने के िलए कदर्ीय सरकार को और राज्य सरकार को वैज्ञािनक और
तकनीकी सहायता देना;
(छ) यह सुिनिश्चत करने के िलए ऐसे सभी कदम उठाना िक जनता, उपभोक्ता, िहतब पक्षकार और पंचायती
राज संस्था के सभी स्तर पर समुिचत प ितय और साधन के माध्यम से दर्ुत, िवश्वसनीय, िवषयपरक और व्यापक
सूचना पर्ाप्त कर सके ;
(ज) उनके क्षेतर् के अंतगर्त आने वाले या ऐसे बा व्यिक्तय को, जो खा कारबार म अंतवर्िलत ह या होने के िलए
आशियत ह, चाहे वह खा कारबारकतार् या कमचार्री के रूप म या अन्यथा कायर् करते ह, खा सुरक्षा और मानक म
पर्िशक्षण कायर्कर्म उपलब्ध कराना;
(झ) इस अिधिनयम के उ ेश्य को कायार्िन्वत करने के िलए के न्दर्ीय सरकार ारा उसे समनुदिे शत कोई अन्य कायर्
करना;
(ञ) खा , स्वच्छता और पादप स्वच्छता मानक के िलए अंतरराष्टर्ीय तकनीकी मानक के िवकास म सहयोग
करना;
(ट) िविशष्ट खा संबंधी उपाय की समानता की मान्यता पर करार के िवकास म, जहां सुसंगत और समुिचत हो,
सहयोग करना;
(ठ) अतंरराष्टर्ीय सरकारी और गैर सरकारी संगठन ारा आरं भ िकए गए खा मानक संबंधी कायर् के समन्वय का
संवधर्न करना;
(ड) यह सुिनिश्चत करते हुए िक देश म अंगीकृ त संरक्षण का स्तर कम नह हुआ है, अंतरराष्टर्ीय तकनीकी मानक
और देशी खा मानक के बीच संगतता का संवधर्न करना; और
(ढ) खा सुरक्षा और खा मानक के बारे म आम जागरुकता का संवधर्न करना ।
(4) खा पर्ािधकरण अनुिचत िवलंब िकए िबना िनम्निलिखत को सावर्जिनक करे गा—
(क) अंगीकार िकए जाने के तुरंत पश्चात्, वैज्ञािनक सिमित और वैज्ञािनक पैनल की राय;
(ख) खा पर्ािधकरण के सदस्य , मुख्य कायर्पालक अिधकारी, सलाहकार सिमित के सदस्य और वैज्ञािनक सिमित
और वैज्ञािनक पैनल के सदस्य ारा की गई िहत संबंधी वािषक घोषणाएं तथा साथ ही बैठक की कायर्सूची की मद के संबंध
म की गई, िहत संबंधी घोषणाएं यिद कोई ह ;
(ग) इसके वैज्ञािनक अध्ययन के पिरणाम; और
(घ) इसके िकर्याकलाप की वािषक िरपोटर् ।
(5) खा पर्ािधकरण, समय-समय पर खा सुरक्षा आयुक्त को खा सुरक्षा और मानक से संबिं धत िवषय पर िनदेश दे
सके गा जो इस अिधिनयम के अधीन अपनी शिक्तय का पर्योग करते समय ऐसे िनदेश से आब होगा ।
(6) खा पर्ािधकरण ऐसी गोपनीय सूचना को, िजसे वह पर्ाप्त करता है और िजसके िलए गोपनीय व्यवहार के िलए अनुरोध
िकया गया है और ऐसे अनुरोध को मान िलया गया है, िसवाय उस सूचना के , िजन्ह यिद पिरिस्थितय म ऐसा अपेिक्षत हो, जनता के
स्वास्थ्य की रक्षा करने की दृिष्ट से सावर्जिनक िकया जाना आवश्यक हो, पर पक्षकार को न तो पर्कट करे गा और न ही पर्कट
करवाएगा ।
17. खा पर्ािधकरण की कायर्वािहयां—(1) खा पर्ािधकरण की बैठक पर्धान कायार्लय या उसके िकसी कायार्लय म ऐसे
समय पर, जैसा अध्यक्ष िनदेश करे , होगी और इसकी बैठक म (उसकी बैठक की गणपूित सिहत) कारबार के संव्यवहार के संबंध म
पर्िकर्या के ऐसे िनयम का अनुपालन िकया जाएगा िजन्ह िविनयम ारा अवधािरत िकया जाए ।
(2) यिद अध्यक्ष, खा पर्ािधकरण की बैठक म उपिस्थत होने म असमथर् है तो इस िनिम अध्यक्ष ारा नामिनिदष्ट कोई
सदस्य और ऐसे नामिनदशन के अभाव म या जहां कोई अध्यक्ष नह है वहां उपिस्थत सदस्य ारा अपने म से चुना हुआ कोई सदस्य
बैठक की अध्यक्षता करे गा ।
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(3) ऐसे सभी पर्श्न का, जो खा पर्ािधकरण की िकसी बैठक के समक्ष आते ह, उपिस्थत और मत देने वाले सदस्य के बहुमत
ारा िविनश्चय िकया जाएगा, और मत के बराबर होने की दशा म अध्यक्ष या बैठक की अध्यक्षता करने वाले व्यिक्त को िनणार्यक मत
देने का अिधकार होगा ।
(4) खा पर्ािधकरण के सभी आदेश और िविनश्चय मुख्य कायर्पालक अिधकारी ारा अिधपर्मािणत िकए जाएंगे ।
(5) मुख्य कायर्पालक अिधकारी खा पर्ािधकरण की बैठक म भाग लेगा िकन्तु उसे मत देने का कोई अिधकार नह होगा ।
(6) खा पर्ािधकरण वैज्ञािनक सिमित के अध्यक्ष को अपनी बैठक म उपिस्थत होने के िलए आमंितर्त कर सके गा िकन्तु उसे
भी मत देने का कोई अिधकार नह होगा ।
(7) खा पर्ािधकरण का कोई कायर् या कायर्वािहयां के वल इस आधार पर पर्श्नगत नह की जाएंगी या अिविधमान्य नह
ह गी िक खा पर्ािधकरण म कोई िरिक्त है या उसके गठन म कोई तर्ुिट है ।
अध्याय 3

खा सुरक्षा के साधारण िस ांत


18. अिधिनयम के पर्शासन म अनुसिरत िकए जाने वाले साधारण िस ांत—(1) यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार, राज्य सरकार,
खा पर्ािधकरण और अन्य अिभकरण, इस अिधिनयम के उपबंध को कायार्िन्वत करते समय, िनम्निलिखत िस ांत ारा मागर्दिशत
ह गे, अथार्त् :—
(क) मानव जीवन और स्वास्थ्य के संरक्षण और खा सुरक्षा मानक और प ितय के संदभर् म सभी िकस्म के खा
व्यापार म उिचत व्यवहार सिहत उपभोक्ता के िहत के संरक्षण के समुिचत स्तर को पर्ाप्त करने का पर्यास करना ;
(ख) जोिखम पर्बंध करना िजसके अंतगर्त, िविनयम के साधारण उ ेश्य को पर्ाप्त करने की दृिष्ट से जोिखम
िनधार्रण के पिरणाम और ऐसे अन्य कारक को गणना म लेना भी है, जो खा पर्ािधकरण की राय म िवचाराधीन िवषय के
िलए सुसंगत ह और जहां पिरिस्थितयां सुसंगत ह;
(ग) जहां िकन्ह िविनिदष्ट पिरिस्थितय म, उपलब्ध सूचना के िनधार्रण के आधार पर स्वास्थ्य पर हािनपर्द पर्भाव
की अिधसंभाव्यता की पहचान की जाती है िकन्तु वैज्ञािनक अिनिश्चतता बनी रहती है, वहां अिधक व्यापक जोिखम िनधार्रण
के िलए अितिरिक्त वैज्ञािनक जानकारी के पर्ाप्त होने तक स्वास्थ्य सुरक्षा के समुिचत स्तर सुिनिश्चत करने के िलए आवश्यक
जोिखम पर्बंधन उपाय अंगीकार िकए जा सकगे ।
(घ) खंड (ग) के आधार पर अंगीकार िकए गए उपाय आनुपाितक ह गे और स्वास्थ्य सुरक्षा के समुिचत स्तर पर्ाप्त
करने हेतु व्यापार के िलए िजतना अपेिक्षत है उससे अिधक अवरोधक नह ह गे, िवचाराधीन िवषय म तकनीकी और आिथक
साध्यता को और अन्य युिक्तयुक्त और उिचत समझे गए कारक को ध्यान म रखा जाएगा;
(ङ) अंगीकृ त उपाय का उिचत समय अविध के भीतर पुनिवलोकन िकया जाएगा, जो पहचान की गई जीवन या
स्वास्थ्य की जोिखम की पर्कृ ित और वैज्ञािनक अिनिश्चतता को स्पष्ट करने के िलए और कोई अिधक व्यापक जोिखम
िनधार्रण करने के िलए आवश्यक वैज्ञािनक पर्कार की जानकारी पर आधािरत होगा;
(च) ऐसी दशा म, जहां यह संदह े करने के िलए युिक्तयुक्त आधार ह िक कोई खा मानव स्वास्थ्य के िलए
जोिखम उत्पन्न कर सकता है, तब उस जोिखम की पर्कृ ित, गंभीरता और सीमा पर िनभर्र करते हुए, खा पर्ािधकरण और
खा सुरक्षा आयुक्त, खा की या ऐसे िकस्म के खा की संभािवत पूरी सीमा तक पहचान करते हुए स्वास्थ्य के िलए
जोिखम की पर्कृ ित, वह जोिखम जो उत्पन्न होता है और उस जोिखम को रोकने, कम करने या दूर करने के िलए िकए गए या
िकए जाने वाले उपाय को साधारण जनता को सूिचत करने के िलए समुिचत कारर् वाई करगे;
(छ) जहां कोई खा , जो खा सुरक्षा की अपेक्षा का पालन करने म असफल रहता है, उसी वगर् या िववरण के
खा के बैच, लॉट या पारे षण का भाग है, वहां जब तक िक उसके िवपरीत सािबत नह कर िदया जाता है, यह उपधारणा
की जाएगी िक उस बैच, लॉट या पारे षण का संपूणर् खा उन अपेक्षा का पालन करने म असफल रहा है ।
(2) खा पर्ािधकरण इस अिधिनयम के अधीन िविनयम बनाते समय या मानक िविनिदष्ट करते समय—
(क) िनम्निलिखत को ध्यान म रखेगा—
(i) देश म पर्चिलत पर्थाएं और पिरिस्थितयां, िजनके अंतगर्त कृ िष संबंधी व्यवहार तथा उठाई-धराई,
भंडारण और पिरवहन दशाएं भी ह; और
(ii) अंतरराष्टर्ीय मानक और प ितयां जहां अंतरराष्टर्ीय मानक या प ितयां िव मान ह या िवरिचत
िकए जाने की पर्िकर्या म ह,
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जब तक िक उसकी यह राय न हो िक ऐसी पर्चिलत पर्था और पिरिस्थितय या अंतरराष्टर्ीय मानक या प ितय या उनके
िकसी िविशष्ट भाग को ध्यान म रखना पर्भावी नह होगा या ऐसे िविनयम के उ ेश्य को पूरा करने के िलए समुिचत साधन
नह होगा या जहां कोई वैज्ञािनक न्यायोिचत्य है या जहां उसके देश म समुिचत रूप म अवधािरत संरक्षण के स्तर से िभन्न
पिरणाम ह;
(ख) जोिखम िवश्लेषण के आधार पर खा मानक अवधािरत करे गा, िसवाय वहां के जहां उसकी यह राय है िक
उस मामले की पिरिस्थितय या पर्कृ ित म ऐसा िवश्लेषण उिचत नह है;
(ग) उपलब्ध वैज्ञािनक सा य पर आधािरत और िकसी स्वतंतर्, वस्तुिनष्ठ और पारदश रीित से जोिखम का
िनधार्रण करे गा;
(घ) यह सुिनिश्चत करे गा िक िविनयम को तैयार करने, उनके मूल्यांकन और पुनरीक्षण के दौरान पर्त्यक्षत: या
पंचायत के सभी स्तर सिहत पर्ितिनिध िनकाय के माध्यम से खुला और पारदश लोक परामशर् है, िसवाय वहां के जहां
उसकी यह राय है िक खा सुरक्षा या लोक स्वास्थ्य के संबंध म िविनयम को बनाने या उनम संशोधन करने की
अत्यावश्यकता है और ऐसे मामले म ऐसे परामशर् से छू ट दी जा सके गी :
परन्तु ऐसे िविनयम छह मास से अिधक के िलए पर्वृ नह रहगे;
(ङ) उपभोक्ता के िहत का संरक्षण करे गा और वे उपभोक्ता को उन खा के संबंध म, िजनका वे उपभोग
करते ह, अवगत चयन करने के िलए आधार उपलब्ध करे गा;
(च) िनम्निलिखत का िनवारण सुिनिश्चत करे गा—
(i) कपटपूणर्, पर्वंचक या अनुिचत व्यापािरक व्यवहार जो उपभोक्ता को भर्िमत कर सके या हािन पहुंचा
सके ; और
(ii) असुरिक्षत या संदिू षत या अवमानक खा ।
(3) इस अिधिनयम के उपबंध िकसी कृ षक या मछु आरे या कृ िष संिकर्या या फसल या पशुधन या जलकृ िष और कृ िष म
पर्युक्त या उत्पािदत पर्दाय या िकसी कृ षक फामर् या िकसी मछु आरे ारा अपनी संिकर्या म उत्पािदत उत्पाद को लागू नह ह गे ।
अध्याय 4

खा पदाथ के बारे म साधारण उपबंध


19. खा योज्यक या पर्संस्करण सहाय्य का उपयोग—िकसी खा पदाथर् म कोई खा योज्यक या पर्संस्करण सहाय्य तब
तक अंतिवष्ट नह होगा, जब तक िक वह इस अिधिनयम और इसके अधीन बनाए गए िविनयम के उपबंध के अनुसार न हो ।
स्पष्टीकरण—इस धारा के पर्योजन के िलए, “पर्संस्करण सहाय्य” से ऐसा पदाथर् या सामगर्ी अिभपर्ेत है िकन्तु इसके अंतगर्त
सािधतर् या बतर्न नह है और जो स्वयं खा संघटक के रूप म उपभोग म नह आता, उपचार या पर्संस्करण के दौरान कितपय
पर्ौ ोिगकी पर्योजन को पूरा करने के िलए कच्ची सामगर्ी, खा या उसके संघटक के पर्संस्करण म पर्युक्त नह होता और जो
अनाशियत िकन्तु अंितम उत्पाद म अविशष्ट या व्युत्पन्न की अपिरहायर् मौजूदगी के पिरणामस्वरूप उत्पन्न होता है ।
20. संदष
ू क, पर्ाकृ ितक रूप से व्युत्पन्न होने वाले िवषैले पदाथर्, भारी धातु आिद—िकसी खा पदाथर् म ऐसी मातर्ा से, जो
िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाए अिधक मातर्ा म संदष ू क पर्ाकृ ितक रूप से व्युत्पन्न होने वाले िवषैले पदाथर् टािक्सन्स या हाम न या
भारी धातु नह होगी ।
21. नाशकजीवमार, पशु िचिकत्सीय औषिध अविशष्ट, पर्ितजैिवक अविशष्ट और सू मजीव काउं ट—(1) िकसी खा पदाथर्
म उतनी सहाय्य सीमा से, जो िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाए, अिधक कीटनाशक, नाशकजीवमार, पशु िचिकत्सीय औषध
अविशष्ट, पर्ितजैिवक अविशष्ट, िवलय अविशष्ट, भेषजीय रूप से सिकर्य पदाथर् और सू मजीव काउं ट अतंिवष्ट नह ह गे ।
(2) कीटनाशी अिधिनयम, 1968 (1968 का 46) के अधीन रिजस्टर्ीकृ त और अनुमोिदत धूमक को छोड़कर िकसी कीटनाशी
का पर्योग िकसी खा पदाथर् पर पर्त्यक्ष रूप से नह िकया जाएगा ।
स्पष्टीकरण—इस धारा के पर्योजन के िलए—
(1) “नाशकजीवमार अविशष्ट” से खा म ऐसा कोई िविनिदष्ट पदाथर् अिभपर्ेत है जो िकसी नाशकजीवमार के
उपयोग के पिरणामस्वरूप उस खा म आ जाता है और इसके अंतगर्त नाशकजीवमार के व्युत्पन्न, जैसे िक संपिरवतर्न
उत्पाद, उपापचयज, पर्ितिकर्या उत्पाद और ऐसी अशुि यां भी ह, िजन्ह िवष िवज्ञान के महत्व का समझा जाता है और इसके
अतंगतर् पयार्वरण से खा म आने वाले अविशष्ट भी ह;
(2) “पशु ओषिध के अविशष्ट” के अंतगर्त िकसी पशु उत्पाद के िकसी खाने योग्य भाग म मूल िमशर्ण या उनके
उपापचयज या दोन ही ह और इसके अंतगर्त संब पशु ओषिध की सहयुक्त अशुि य के अविशष्ट भी ह ।
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22. आनुविं शक रूप से उपांतिरत खा , काबर्िनक खा , फलीय खा , िनजस्वमूलक खा , आिद—इस अिधिनयम और


उसके अधीन बनाए गए िविनयम म जैसा उपंबिधत है उसके िसवाय, कोई व्यिक्त कोई आदशर् खा , आनुवंिशक रूप से उपांतिरत
खा पदाथर्, िकरिणत खा , काबर्िनक खा , िवशेष आहार उपयोग के खा , फलीय कृ तकारी खा , पोषणीय, स्वास्थ्यपूरक तत्त्व,
िनजस्वमूलक खा और इसी पर्कार के अन्य खा पदाथ का िविनमार्ण, िवतरण, िवकर्य या आयात नह करे गा ।
स्पष्टीकरण—इस धारा के पर्योजन के िलए—
(1) “िवशेष आहार उपयोग के खा या फलीय खा या पोषणीय या स्वास्थ्यपूरक खा ” से अिभपर्ेत है,—
(क) ऐसे खा जो िविशष्ट आहार संबंधी आवश्यकता को जो िकसी िविशष्ट शारीिरक या मानिसक
दशा या िविनिदष्ट रोग या िवकार के कारण उत्पन्न होती ह, पूरा करने के िलए िवशेष रूप से पर्संस्कृ त या तैयार
िकए जाते ह और ऐसे खा उसी िस्थित म ही पर्स्तुत िकए जाते ह, िजसम ऐसे खा पदाथ की संरचना उसी
पर्कृ ित के सामान्य खा की संरचना से काफी िभन्न होती है यिद ऐसा सामान्य खा िव मान है और उसम
िनम्निलिखत म से कोई एक या अिधक संघटक अंतिवष्ट ह , अथार्त्:—
(i) जल, इथाइल अल्कोहल या हाइडर्ोअल्कोहिलक सार म चूणर्, सांदर् या सत के रूप म पौध
या वनस्पित या उनके भाग एकल रूप म या समुच्चय रूप म;
(ii) खिनज या िवटािमन या पर्ोटीन या धातु या उनके िमशर्ण या अमीनो अम्ल (मातर्ा म
भारतीय के िलए िसफािरश िकए गए दैिनक अनुज्ञेय मातर्ा से अनिधक) या एन्जाइम्स (अनुज्ञेय सीमा
के भीतर);
(iii) पशु मूल से पदाथर्;
(iv) कु ल आहार म वृि करके आहार की पूित के िलए मानव ारा उपयोग हेतु आहार संबंधी
पदाथर्;
(ख) (i) ऐसा उत्पाद िजस पर “िवशेष आहार उपयोग के िलए खा या फलीय खा या पोषक खा
या स्वास्थ्यवधर्क या ऐसे ही अन्य खा ” का लेबल लगाया गया है जो पारं पिरक खा के रूप म उपयोग के िलए
पर्स्तुत नह िकया जाता है और िजसके ारा ऐसे उत्पाद चूणर्, दान , िटिकय , कै प्स्य , दर्व , जेली और अन्य खुराक
के रूप म तैयार िकए जाते ह िकन्तु वे मूल नह होते और वे मुंह से खाए जाते ह;
(ii) ऐसे उत्पाद म ओषिध और पर्साधन सामगर्ी अिधिनयम, 1940 (1940 का 23) की धारा 3 के खंड
(ख) और उसके अधीन बनाए गए िनयम म यथापिरभािषत ओषिध और उस धारा के खंड (क) और खंड (ज) म
यथापिरभािषत आयुविदक, िस और यूनानी ओषिध सिम्मिलत नह ह;
(iii) िकसी िविनिदष्ट रोग, िवकार या दशा को ठीक करने या कम करने का दावा नह करता (कितपय
स्वास्थ्य संबंधी फायदे या ऐसे संवधर्न दाव के िसवाय) जो इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए िविनयम ारा
अनुज्ञात हो;
(iv) इसके अतंगत
र् स्वापक ओषिध या मन:पर्भावी पदाथर् अिधिनयम, 1985 (1985 का 61) और उसके
अधीन बनाए गए िनयम म यथापिरभािषत स्वापक ओषिध या मन:पर्भावी पदाथर् तथा ओषिध और पर्साधन
सामगर्ी िनयम, 1945 की अनुसूची ङ और अनुसूची ङ-I म सूचीब पदाथर् नह ह;

(2) “आनुवंिशक रूप से िनिमत या उपान्तिरत खा ” से ऐसे खा और खा संघटक जो आनुवंिशक रूप से ऐसे
उपान्तिरत या िनिमत अवयव से बनाए गए ह, जो आधुिनक जैव पर्ौ ोिगकी के माध्यम से अिभपर्ाप्त िकए जाते ह या
आधुिनक जैव पर्ौ ोिगकी के माध्यम से अिभपर्ाप्त िकए गए आनुवंिशक रूप से उपान्तिरत या िनिमत संघटक से उत्पािदत
खा और खा संघटक अिभपर्ेत ह िकन्तु िजनम ये तत्व अन्तिवष्ट नह ह;

(3) “काबर्िनक खा ” से ऐसे खा उत्पाद अिभपर्ेत ह, िजन्ह िविनिदष्ट काबर्िनक उत्पादन मानक के अनुसार
उत्पािदत िकया गया है;

(4) “िनजस्वमूलक और आदशर् खा ” से ऐसा खा पदाथर् अिभपर्ेत है, िजसके िलए मानक िविनिदष्ट नह िकए गए
ह िकन्तु यह असुरिक्षत नह ह:
परन्तु ऐसे खा म ऐसे खा और संघटक अन्तिवष्ट नह ह, जो इस अिधिनयम या त ीन बनाए गए िविनयम के
अधीन पर्ितिष ह ।
23. खा का पैकेिजग और लेबल लगाना—(1) कोई व्यिक्त िकन्ह पैक िकए गए खा उत्पाद का, िजनको उस रीित म जो
िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाए, िचिह्नत नह िकया गया है और उन पर लेबल नह लगाया गया है, िविनमार्ण, िवतरण, िवकर्य
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नह करे गा या िवकर्य के िलए अिभदिशत या पर्ेिषत नह करे गा या िवकर्य के पर्योजन के िलए िकसी अिभकतार् या दलाल को पिरद
नह करे गा :
परं तु लेबल पर ऐसा कोई कथन, दावा, िडजाइन या युिक्त अंतिवष्ट नह होगी जो पैकेज म अंतिवष्ट खा उत्पाद के संबंध
म िकसी िविशिष्ट म िमथ्या या भर्ामक हो या मातर्ा संबंधी ऐसे पोषक तत्व जो औषधीय ह या िचिकत्सा संबंधी दावे के ह या उक्त
खा उत्पाद के मूल स्थान के संबंध म ह ।
(2) पर्त्येक खा कारबारकतार् यह सुिनिश्चत करे गा िक खा के लेबल और पर्स्तुतीकरण िजसके अंतगर्त उनके आकार, रूप
या पैकेिजग, पर्युक्त पैकेिजग सामगर्ी, वह रीित िजसम वे व्यविस्थत ह और उस सेिटग म िजसम वे पर्दिशत िकए जाते ह और वह
सूचना, जो िकसी भी माध्यम से उनके बारे म उपलब्घ कराई जाती है, उपभोक्ता को मागर्भर्ष्ट नह करती है ।
24. िवज्ञापन पर िनबर्ंधन और अनुिचत व्यापार व्यवहार के बारे म पर्ितषेध—(1) िकसी ऐसे खा का कोई ऐसा िवज्ञापन
नह िदया जाएगा जो भर्ामक या पर्वंचनापूणर् हो या इस अिधिनयम और उसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के उपबंध का
उल्लंघन करने वाला हो ।
(2) कोई व्यिक्त स्वयं को खा वस्तु के िवकर्य, पर्दाय, उपयोग और उपभोग के संवधर्न के पर्योजन के िलए िकसी अनुिचत
व्यापार व्यवहार म नह लगाएगा या कोई ऐसा अनुिचत व्यापार व्यवहार या पर्वंचक व्यवहार नह अपनाएगा, िजसके अंतगर्त कोई
ऐसा कथन करने, चाहे वह मौिखक ह या िलिखत हो, का व्यवहार भी है या िकसी ऐसे दृश्यरूपण का उपयोग नह करे गा जो—
(क) िमथ्या रूप से यह पर्स्तुत करता हो िक खा िकसी िविशष्ट मानक, क्वािलटी, मातर्ा या शर्ेणी संरचना के ह;
(ख) िकसी खा की आवश्यकता या उनकी उपयोिगता के संबंध म कोई िमथ्या या भर्ामक व्यपदेशन करता हो;
(ग) उसकी िकसी पर्भावकािरता की गारं टी जनता को देता हो जो उसके पयार्प्त या वैज्ञािनक औिचत्य पर आधािरत
न हो :
परं तु जहां इस आशय की कोई पर्ितरक्षा की जाती है िक ऐसी गांरटी पयार्प्त या वैज्ञािनक औिचत्य पर आधािरत है वहां ऐसी
पर्ितरक्षा के सबूत का भार उस व्यिक्त पर होगा जो ऐसी पर्ितरक्षा करता है ।
अध्याय 5

आयात से संबिं धत उपबंध


25. खा वस्तु के सभी आयात का इस अिधिनयम के अध्यधीन होना—(1) कोई भी व्यिक्त भारत म,—
(i) कोई असुरिक्षत या िमथ्या छाप वाला या अवमानक खा या बा पदाथर् से युक्त खा आयात नह करे गा;
(ii) कोई खा वस्तु िजसके आयात के िलए िकसी अिधिनयम या िनयम या िविनयम के अधीन अनुज्ञिप्त अपेिक्षत
है, अनुज्ञिप्त की शत के अनुसार के िसवाय आयात नह करे गा; और
(iii) इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िकसी िनयम या िविनयम अथवा िकसी अन्य अिधिनयम के िकसी
अन्य उपबंध के उल्लंघन म िकसी खा पदाथर् का आयात नह करे गा ।
(2) के न्दर्ीय सरकार, िवदेश व्यापार (िवकास और िविनयमन) अिधिनयम, 1992 (1992 का 22) के अधीन खा पदाथ के
आयात को पर्ितिष , िनबर्ंिधत या अन्यथा िविनयिमत करते समय, इस अिधिनयम और उसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम
के उपबंध के अधीन खा पर्ािधकरण ारा अिधकिथत मानक का अनुसरण करे गी ।
अध्याय 6

खा सुरक्षा के संबध
ं म िवशेष दाियत्व
26. खा कारबारकतार् के दाियत्व—(1) पर्त्येक खा कारबारकतार् यह सुिनिश्चत करे गा िक खा वस्तुएं इस अिधिनयम
और इसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम की अपेक्षा को अपने िनयंतर्णाधीन कारबार के भीतर उत्पादन, पर्संस्करण,
आयात, िवतरण और िवकर्य के सभी पर्कर्म पर पूरा करते ह ।
(2) कोई भी खा कारबारकतार् ऐसी िकसी खा वस्तु का—
(i) जो असुरिक्षत ह; या
(ii) जो िमथ्या छाप वाली या अवमानक ह या उसम बा पदाथर् िमले ह; या
(iii) िजसके िलए अनुज्ञिप्त अपेिक्षत है, अनुज्ञिप्त की शत के अनुसार के िसवाय; या
(iv) जो तत्समय खा पर्ािधकरण या के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार ारा लोक स्वास्थ्य के िहत म पर्ितिष
है; या
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(v) इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िकसी िनयम या िविनयम के िकसी अन्य उपबंध के उल्लंघन म,
स्वंय या अपनी ओर से िकसी व्यिक्त ारा िविनमार्ण, भंडारण, िवकर्य या िवतरण नह करे गा ।
(3) कोई खा कारबारकतार् ऐसे िकसी व्यिक्त को िनयोिजत नह करे गा जो संकर्ामक, सांसिगक या घृिणत रोग से पीिड़त है ।
(4) कोई खा कारबारकतार् िकसी िवकर्ेता को िकसी खा वस्तु का तब तक िवकर्य नह करे गा या िवकर्य के िलए पर्स्थािपत
नह करे गा जब तक िक वह िवकर्ेता को ऐसी वस्तु की पर्कृ ित और क्वािलटी के बारे म िविनयम ारा िविनिदष्ट पर्रूप म िलिखत म
गारं टी नह दे देता :
परं तु िकसी खा कारबारकतार् ारा िवकर्ेता को दी गई िकसी खा वस्तु के िवकर्य की बाबत कोई िबल, कै शमेमो या बीजक
इस धारा के अधीन गारं टी समझा जाएगा भले ही िबल, कै शमेमो या बीजक म िविनिदष्ट पर्रूप म गारं टी सिम्मिलत न हो ।
(5) जहां कोई खा जो असुरिक्षत है, िकसी वगर् या िववरण के खा के बैच, लाट या पारे षण का भाग है वहां यह माना
जाएगा िक उस बैच, लाट या पारे षण के सभी खा भी असुरिक्षत ह जब तक िक िविनिदष्ट समय के भीतर िवस्तृत िनधार्रण के पश्चात्
यह नह पाया जाता है िक ऐसा कोई सा य नह है िक उक्त बैच, लाट या पारे षण का शेष खा असुरिक्षत है:
परं तु यह िक उस खा को लागू िविनिदष्ट उपबंध के साथ उस खा की िकसी अनुरूपता से सक्षम पर्ािधकारी पर बाजार म
लाए जाने वाले उस खा पर िनबर्ंधन अिधरोिपत करने के िलए समुिचत उपाय िकए जाने के संबंध म या जहां ऐसे पर्ािधकारी को यह
संदह
े है िक उक्त खा , अनुरूपता के बावजूद, असुरिक्षत है वहां उन कारण से जो लेखब िकए जाएंगे, बाजार से उस खा को वापस
लेने की अपेक्षा करने के संबंध म पर्ितकू ल पर्भाव नह पड़ेगा ।
27. िविनमार्ता , पक्षकार , थोक िवकर्ेता , िवतरक और िवकर्ेता का दाियत्व—(1) िकसी खा पदाथर् का िविनमार्ता या
पैकर ऐसे खा पदाथर् के िलए तब उ रदायी होगा जब वह इस अिधिनयम और इसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम की
अपेक्षा को पूरा नह करता है ।
(2) थोक िवकर्ेता या िवतरक इस अिधिनयम के अधीन िकसी ऐसे खा पदाथर् के िलए उ रदायी होगा, जो—
(क) उसके अवसान की तारीख के पश्चात् पर्दाय की जाती है; या
(ख) िविनमार्ता के सुरक्षा अनुदश
े के उल्लंघन म भंडािरत या पर्दाय की जाती है; या
(ग) असुरिक्षत या िमथ्या छाप वाली है; या
(घ) उस िविनमार्ता की पहचान न हो पाना िजससे खा वस्तु पर्ाप्त की गई है; या
(ङ) इस अिधिनयम, उसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के उपबंध के उल्लंघन म भंडािरत की जाती है
या उठाई-धराई की जाती है या रखी जाती है; या
(च) यह जानते हुए पर्ाप्त की जाती है िक वह असुरिक्षत है ।
(3) िवकर्ेता इस अिधिनयम के अधीन ऐसे िकसी खा पदाथर् के िलए उ रदायी होगा, जो—
(क) उसके अवसान की तारीख के पश्चात् िवकर्य िकया जाता है; या
(ख) अस्वास्थ्यकर दशा म हथाला या रखा जाता है; या
(ग) िमथ्या छाप वाला है; या
(घ) उस िविनमार्ता या िवतरक की, पहचान बताने वाला नह है िजससे ऐसा खा पदाथर् पर्ाप्त िकया गया था; या
(ङ) यह जानते हुए पर्ाप्त िकया जाता है िक वह असुरिक्षत है ।
28. खा को वापस लेने की पर्िकर्याएं—(1) यिद कोई खा कारबारकतार् यह समझता है या उसके पास यह िवश्वास करने
का कारण है िक ऐसा खा िजसका उसने पर्संस्करण, िविनमार्ण या िवतरण िकया है, इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए
िनयम या िविनयम के अनुरूप नह है तो वह तत्काल पर्श्नगत खा को बाजार से या उपभोक्ता से, उसके वापस िलए जाने के
कारण को उपदिशत करते हुए, वापस लेने की पर्िकर्याएं आरं भ करे गा और उसकी सक्षम पर्ािधकािरय को सूचना देगा ।
(2) खा कारबारकतार् सक्षम पर्ािधकािरय को तत्काल सूचना देगा और उनके साथ सहयोग करे गा यिद वह यह समझता है
या उसके पास यह िवश्वास करने के कारण ह िक वह खा जो उसने बाजार म भेजा है, उपभोक्ता के िलए असुरिक्षत हो सकता है ।
(3) खा कारबारकतार् सक्षम पर्ािधकािरय को उपभोक्ता की जोिखम को िनवािरत करने के िलए की गई कारर् वाई की
सूचना देगा और िकसी व्यिक्त को इस अिधिनयम के अनुसार सक्षम पर्ािधकािरय को सहयोग करने से िनवािरत या हतोत्सािहत नह
करे गा, जहां इस खा से उत्पन्न होने वाली जोिखम को िनवािरत, कम या दूर िकया जा सकता है ।
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(4) पर्त्येक खा कारबारकतार् खा को वापस लेने की पर्िकर्या से संबंिधत ऐसी शत और मागर्दशर्क िस ांत का अनुसरण
करे गा िजसे खा पर्ािधकरण िविनयम ारा िविनिदष्ट करे ।
अध्याय 7

अिधिनयम का पर्वतर्न
29. अिधिनयम के पर्वर्तन के िलए उ रदायी पर्ािधकारी—(1) खा पर्ािधकरण और राज्य खा सुरक्षा पर्ािधकारी इस
अिधिनयम के पर्वतर्न के िलए उ रदायी ह गे ।
(2) खा पर्ािधकारी और राज्य खा सुरक्षा पर्ािधकारी इस बात की मानीटरी करगे और उसे सत्यािपत करगे िक िविध की
सुसंगत अपेक्षा का खा कारबारकतार् ारा खा कारबार के सभी पर्कर्म पर पूरा िकया जाता है ।
(3) पर्ािधकारी पिरिस्थितय की उपयुक्त िनयंतर्ण पर्णाली और अन्य िकर्याकलाप को बनाए रखगे िजनके अंतगर्त खा
सुरक्षा और जोिखम पर लोक संसूचना, खा सुरक्षा िनगरानी और अन्य मािनटरी िकर्याकलाप सिम्मिलत ह िजनके अंतगर्त खा
कारबार के सभी पर्कर्म आते ह ।
(4) खा सुरक्षा अिधकारी अपने क्षेतर् म इस अिधिनयम के उन उपबंध को पर्वितत और िनष्पािदत करगे िजनकी बाबत
िकसी अन्य पर्ािधकारी पर अिभव्यक्त रूप से या आवश्यक िविवक्षा ारा कतर्व्य अिधरोिपत नह िकया गया है ।
(5) इस अिधिनयम के अधीन िविनयम म यह िविनिदष्ट होगा िक िकन खा सुरक्षा अिधकािरय को साधारणत: या िकसी
िविशष्ट पर्कार के मामल या िकसी िविशष्ट क्षेतर् के संबंध म उन उपबंध को पर्वितत या िनष्पािदत करना है और ऐसे िकन्ह िविनयम
या आदेश म या आदेश म उनके अधीन अपने-अपने कतर्व्य के पर्योजन के िलए िविनयम या आदेश या इस अिधिनयम के िकन्ह
उपबंध के पर्शासन म संब िकसी पर्ािधकारी ारा इस पर्कार संब िकसी अन्य पर्ािधकारी को सहायता और सूचना देने के िलए ऐसे
िकन्ह िविनयम या आदेश म उपबंध िकया जा सके गा ।
(6) खा सुरक्षा आयुक्त और अिभिहत अिधकारी उन्ह शिक्तय का पर्योग करगे जो खा सुरक्षा अिधकारी को पर्द की
जाती ह और इस अिधिनयम म िविनिदष्ट पर्िकर्या का भी पालन करगे ।
30. राज्य का खा सुरक्षा आयुक्त—(1) राज्य सरकार, खा सुरक्षा और मानक तथा इस अिधिनयम और इसके अधीन
बनाए गए िनयम और िविनयम के अधीन अिधकिथत अन्य अपेक्षा के दक्ष कायार्न्वयन के िलए राज्य के िलए खा सुरक्षा आयुक्त
िनयुक्त करे गी ।
(2) खा सुरक्षा आयुक्त िनम्निलिखत सभी या िकन्ह कृ त्य का पालन करे गा, अथार्त्:—
(क) लोक स्वास्थ्य के िहत म िकसी खा वस्तु के संपूणर् राज्य म या उसके िकसी क्षेतर् या भाग म ऐसी अविध के
िलए, जो एक वषर् से अिधक की नह होगी, जो राजपतर् म इस िनिम अिधसूिचत आदेश म िविनिदष्ट की जाए, िविनमार्ण,
भंडारण, िवतरण या िवकर्य को पर्ितिष करना;
(ख) राज्य म खा िविनमार्ण या पर्संस्करण म लगी हुई औ ोिगक इकाइय का सवक्षण करना िजससे यह पता
लगाया जा सके िक ऐसी इकाइय ारा िविभन्न खा वस्तु के िलए खा पर्ािधकारी ारा अिधसूिचत मानक का पालन
िकया जा रहा है अथवा नह ;
(ग) खा सुरक्षा आयुक्त के कायार्लय के कािमक के िलए व्यापक पैमाने पर खा सुरक्षा के बारे म जागरुकता पैदा
करने के िलए खा शर्ृंखला के िविभन्न खंड के संबंध म पर्िशक्षण कायर्कर्म चलाना या आयोिजत करना;
(घ) यथािविनिदष्ट मानक और अन्य अपेक्षा के पर्भावी और एकरूप कायार्न्वयन को सुिनिश्चत करना तथा
वस्तिवकता, जवाबदेही, व्यावहािरकता, पारदिशता और िवश्वसनीयता के उच्च मानक को भी सुिनिश्चत करना;
(ङ) इस अिधिनयम के अधीन कारावास से दंडनीय अपराध के िलए अिभयोजन की मंजूरी देना;
(च) ऐसे अन्य कृ त्य करना िजन्ह राज्य सरकार, खा पर्ािधकरण के परामशर् से, िविहत करे ।
(3) खा सुरक्षा आयुक्त आदेश ारा इस अिधिनयम के अधीन अपनी ऐसी शिक्तय और कृ त्य को (अिभिहत अिधकारी,
खा सुरक्षा अिधकारी और खा िवश्लेषक को िनयुक्त करने की शिक्त के िसवाय), िजन्ह वह आवश्यक या समीचीन समझे, अपने
अधीनस्थ िकसी अिधकारी को आदेश म यथािविनिदष्ट शत और िनबंधन के अधीन रहते हुए पर्त्यायोिजत कर सके गा ।
31. खा कारबार का अनुज्ञापन और रिजस्टर्ीकरण—(1) कोई भी व्यिक्त कोई खा कारबार अनुज्ञिप्त के अधीन ही पर्ारं भ
करे गा या उसे चलाएगा अन्यथा नह ।
(2) उपधारा (1) की कोई बात, ऐसे िकसी छोटे िविनमार्ता को जो स्वयं िकसी खा पदाथर् का िविनमार्ण करता है या िवकर्य
करता है या िकसी छोटे फु टकर िवकर्ेता, हाकर, फे री वाले िकसी अस्थायी स्टाल धारक या खा कारबार से संबंिधत िकसी लघु उ ोग
या कु टीर उ ोग या ऐसे िकसी अन्य उ ोग या छोटे खा कारबारकतार् को लागू नह होगी; िकन्तु वे स्वयं को मानव उपभोग के िलए
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सुरिक्षत और स्वास्थ्यपर्द खा की उपलब्धता पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना या उपभोक्ता के िहत को पर्भािवत िकए िबना ऐसे
पर्ािधकारी के पास और ऐसी रीित म रिजस्टर कराएंगे िजसे िविनयम ारा िविनिदष्ट िकया जाए ।
(3) ऐसा कोई व्यिक्त, जो कोई खा कारबार पर्ारं भ करना चाहता है या चलाना चाहता है, अनुज्ञिप्त अनुद िकए जाने के
िलए अिभिहत अिधकारी को, ऐसी रीित म ऐसी िविशिष्टय और फीस से युक्त आवेदन करे गा जो िविनयम ारा िविहत की जाएं ।
(4) अिभिहत अिधकारी, उपधारा (3) के अधीन आवेदन की पर्ािप्त पर, या तो अनुज्ञिप्त पर्दान कर सके गा या आवेदक को,
सुनवाई का अवसर िदए जाने के पश्चात् उन कारण से जो लेखब िकए जाएंगे, आवेदक को अनुज्ञिप्त देने से इं कार कर सके गा यिद
उसका यह समाधान हो जाता है िक ऐसा करना लोक स्वास्थय के िहत म है और आवेदक को उस आदेश की एक पर्ित उपलब्ध
कराएगा :
परं तु यिद आवेदन िदए जाने की तारीख से दो मास के भीतर अनुज्ञिप्त जारी नह की जाती है या उसका आवेदन खािरज नह
िकया जाता है तो आवेदक उक्त अविध के अवसान के पश्चात्, अपना खा कारबार पर्ारं भ कर सके गा और ऐसी दशा म अिभिहत
अिधकारी अनुज्ञिप्त जारी करने से इं कार नह करे गा िकन्तु, यिद वह ऐसा आवश्यक समझता है तो धारा 32 के अधीन सुधार की सूचना
जारी कर सके गा और उस संबध ं म पर्िकर्या का अनुसरण करे गा ।
(5) पर्त्येक अनुज्ञिप्त ऐसे पर्रूप म और ऐसी शत के अधीन रहते हुए, होगी जो िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाए ।
(6) अिभिहत अिधकारी ारा िकसी एक या अिधक खा वस्तु के िलए तथा एक ही क्षेतर् म िविभन्न स्थापन या पिरसर
के िलए भी एकल अनुज्ञिप्त जारी की जा सके गी ।
(7) यिद खा वस्तु का एक से अिधक क्षेतर् म िस्थत िविभन्न पिरसर म िविनमार्ण, भंडारण, िवकर्य या िवकर्य के िलए
पर्दशर्न िकया जाता है तो एक ही क्षेतर् म न आने वाले ऐसे पिरसर की बाबत पृथक् आवेदन िकए जाएंगे और पृथक् अनुज्ञिप्त दी
जाएंगी ।
(8) अनुज्ञिप्त अनुद िकए जाने के िलए आवेदन की खािरजी आदेश के िवरु अपील खा सुरक्षा आयुक्त को होगी ।
(9) अनुज्ञिप्त जब तक िक उसे पहले िनलंिबत या र न की गई हो, ऐसी अविध के िलए पर्वतर्न म रहेगी जो िविनयम ारा
िविनिदष्ट की जाए :
परं तु यिद अनुज्ञिप्त के नवीकरण के िलए कोई आवेदन अनुज्ञिप्त की िविधमान्यता की अविध के अवसान से पूवर् िकया जाता
है तो अनुज्ञिप्त आवेदन पर आदेश पािरत िकए जाने तक पर्वतर्न म बनी रहेगी ।
(10) अनुज्ञिप्त िनम्निलिखत अविध की समािप्त तक मृतक के िनजी पर्ितिनिध या उसके कु टु म्ब के िकसी अन्य सदस्य के
फायदे के िलए बनी रहेगी—
(क) उसकी मृत्यु से पर्ारं भ होने वाले तीन मास की अविध;
(ख) ऐसी अिधक अविध जो अिभिहत अिधकारी ारा अनुज्ञात की जाए ।
32. सुधार सूचनाएं—(1) यिद अिभिहत अिधकारी के पास यह िवश्वास करने के िलए युिक्तयुक्त आधार है िक खा
कारबारकतार्, ऐसे िकन्ह िविनयम का पालन करने म असफल रहा है िजन्ह यह धारा लागू होती है तो वह उस खा कारबारकतार् पर
एक सूचना तामील कर सके गा (िजसे इस अिधिनयम म “सुधार सूचना” कहा गया है)—

(क) यह िवश्वास करने के कारण का कथन कर सके गा िक खा कारबारकतार् िविनयम का पालन करने म
असफल रहा है;
(ख) ऐसे िवषय को िविनिदष्ट कर सके गा जो खा कारबारकतार् की इस पर्कार पालन करने म असफलता का गठन
करते ह;
(ग) उन उपाय को िविनिदष्ट कर सके गा जो उक्त पर्ािधकारी की राय म खा कारबारकतार् को अनुपालन
सुिनिश्चत करने के िलए करने चािहएं; और
(घ) खा कारबारकतार् से युिक्तयुक्त अविध के भीतर (जो चौदह िदन से कम की नह होगी) उन उपाय को या
ऐसे उपाय करने की अपेक्षा कर सके गा जो कम से कम उन उपाय के समतुल्य ह जो सूचना म िविनिदष्ट िकए जाएं ।
(2) यिद खा कारबारकतार् सुधार सूचना का पालन करने म असफल रहता है तो उसकी अनुज्ञिप्त िनलंिबत की जा सके गी ।
(3) यिद खा कारबारकतार् अब भी सुधार सूचना का पालन करने म असफल रहता है तो अिभिहत अिधकारी अनुज्ञिप्तधारी
को हेतुक दिशत करने का अवसर देने के पश्चात्, उसे अनुद अनुज्ञिप्त को र कर सके गा:
परं तु अिभिहत अिधकारी उन कारण से जो लेखब िकए जाएंगे, लोक स्वाथ्य्य के िहत म िकसी अनुज्ञिप्त को तत्काल
िनलिम्बत कर सके गा ।
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(4) ऐसा कोई व्यिक्त जो—


(क) सुधार सूचना; या
(ख) सुधार के बारे म पर्माणपतर् जारी करने से इं कार करने; या
(ग) इस अिधिनयम के अधीन अनुज्ञिप्त के र करण या िनलंबन या पर्ितसंहरण,
से व्यिथत है, खा सुरक्षा आयुक्त को अपील कर सके गा िजसका उस पर िविनश्चय अंितम होगा ।
(5) वह अविध िजसके भीतर ऐसी अपील की जा सके गी,—
(क) उस तारीख से िजसको िविनश्चय की सूचना अपील करने की इच्छा रखने वाले व्यिक्त पर तामील की गई थी,
पंदर्ह िदन की होगी; या
(ख) उपधारा (1) के अधीन अपील की दशा म, उक्त अविध होगी या सुधार सूचना म िविनिदष्ट अविध होगी, जो
भी पहले समाप्त होती हो ।
स्पष्टीकरण—इस उपधारा के पर्योजन के िलए पिरवाद करना अपील करना समझा जाएगा ।
33. पर्ितषेध आदेश—(1) यिद—
(क) कोई खा कारबारकतार् इस अिधिनयम के अधीन िकसी अपराध के िलए दोषिस िकया जाता है; और
(ख) उस न्यायालय का िजसके ारा या िजसके समक्ष उसे इस पर्कार दोषिस िकया जाता है यह समाधान हो
जाता है िक उस खा कारबार से स्वास्थ्य जोिखम िव मान है,
तो न्यायालय खा कारबारकतार् को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् आदेश ारा िनम्निलिखत पर्ितषेध अिधरोिपत कर सके गा,
अथार्त् :—
(i) खा कारबार के पर्योजन के िलए पर्िकर्या या उपचार के उपयोग पर पर्ितषेध;
(ii) िकसी खा कारबार या उसी वगर् के या िववरण के िकसी अन्य खा कारबार के पर्योजन के िलए पिरसर या
उपस्कर के उपयोग पर पर्ितषेध;
(iii) िकसी खा कारबार के पर्योजन के िलए पिरसर या उपस्कर के उपयोग पर पर्ितषेध ।
(2) न्यायालय, यह समाधान हो जाने पर िक ऐसा करना आवश्यक है तो, आदेश ारा, िकसी खा कारबार या उक्त आदेश
म िविनिदष्ट िकसी वगर् या िववरण के िकसी खा कारबार के पर्बंध म भागीदारी लेने वाले खा कारबारकतार् पर पर्ितषेध अिधरोिपत
कर सके गा ।
(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन आदेश करने के पश्चात् (िजसे इस अिधिनयम म इसके पश्चात् “पर्ितषेध आदेश”
कहा गया है) संब खा सुरक्षा अिधकारी यथाशक्यशीघर्—
(क) आदेश की एक पर्ित खा कारबारकतार् पर तामील करे गा; और
(ख) उपधारा (1) के अधीन आदेश की दशा म, आदेश की एक पर्ित खा कारबार के पर्योजन के िलए पर्युक्त
पिरसर पर िकसी सहजदृश्य स्थान पर लगाएगा,
और ऐसा कोई व्यिक्त जो जानबूझकर ऐसे िकसी आदेश का उल्लंघन करता है, अपराध का दोषी होगा और जुमार्ने से जो तीन लाख
रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
(4) संब खा सुरक्षा अिधकारी, अिभिहत अिधकारी के अनुमोदन से, इस आशय का िक खा कारबारकतार् ने पर्ितषेध
आदेश के हटाए जाने को न्यायोिचत ठहराने वाले पयार्प्त उपाय िकए ह, खा कारबारकतार् ारा ऐसे पर्माणपतर् के िलए िकए गए
आवेदन पर अपना समाधान हो जाने के सात िदन के भीतर पर्माणपतर् जारी करे गा या उक्त अिधकारी—
(क) युिक्तयुक्त रूप से यथाशक्यशीघर् और िकसी भी दशा म, चौदह िदन के भीतर अवधारण करे गा चाहे उसका
समाधान हुआ है या नह ; और
(ख) यिद वह यह अवधािरत करता है िक उसका इस पर्कार समाधान नह हुआ है तो खा कारबारकतार् को उस
अवधारण के कारण की सूचना देगा ।
(5) पर्ितषेध आदेश पािरत िकए जाने के कम से कम छह मास के पश्चात् खा कारबारकतार् ारा िकए गए आवेदन पर
न्यायालय का यह समाधान हो जाने पर िक खा कारबारकतार् ने पर्ितषेध आदेश के हटाए जाने को उिचत ठहराने वाले पयार्प्त उपाय
िकए ह, उक्त पर्ितषेध आदेश पर्वतर्न म नह रहेगा ।
20

(6) यिद न्यायालय मामले की सभी पिरिस्थितय को, िजनम कोई िविशष्ट पिरिस्थित भी सिम्मिलत है, आदेश िकए जाने से
लेकर खा कारबारकतार् के आचरण को ध्यान म रखते हुए ऐसा करना उिचत समझता है तो न्यायालय खा कारबारकतार् ारा िकए
गए आवेदन पर िनदेश देगा; िकन्तु ऐसा कोई भी आवेदन गर्हण नह िकया जाएगा, यिद वह—
(क) पर्ितषेध आदेश िकए जाने के पश्चात् छह मास के भीतर नह िकया जाता है; या
(ख) खा कारबारकतार् ारा ऐसे िनदेश के िलए पूवर् आवेदन िकए जाने के पश्चात् तीन मास के भीतर नह िकया
जाता है ।
स्पष्टीकरण—इस उपधारा के पर्योजन के िलए,—
(i) उपरोक्त कोई िनदश खा कारबार के पर्बंधक के संबंध म उसी पर्कार लागू होगा जैसे वह खा कारबारकतार् के
संबंध म लागू होता है; और कारबार के खा कारबारकतार् या खा कारबारकतार् के पर्ित िनदश का तद्नुसार अथर् लगाया
जाएगा ।
(ii) खा कारबार के संबंध म “पर्बंधक” से ऐसा व्यिक्त अिभपर्ेत है िजसे खा कारबारकतार् ारा कारबार या
कारबार के िकसी भाग को िदन पर्ित िदन चलाने का दाियत्व स पा जाता है ।
34. आपात पर्ितषेध सूचनाएं और आदेश—(1) यिद अिभिहत अिधकारी का यह समाधान हो जाता है िक िकसी खा
कारबार की बाबत स्वास्थ्य जोिखम की िस्थितयां िव मान ह तो वह खा कारबारकतार् पर एक सूचना तामील करने के पश्चात् (िजसे
इस अिधिनयम म इसके पश्चात् “आपात पर्ितषेध सूचना” कहा गया है) पर्ितषेध अिधरोिपत करने के िलए खा सुरक्षा आयुक्त को
आवेदन कर सके गा ।
(2) यिद खा सुरक्षा आयुक्त का ऐसे िकसी अिधकारी के आवेदन पर समाधान हो जाता है िक िकसी खा कारबार की
बाबत स्वास्थ्य जोिखम की िस्थित िव मान है तो वह आदेश ारा पर्ितषेध अिधरोिपत करे गा ।
(3) अिभिहत अिधकारी आपात पर्ितषेध आदेश के िलए तब तक आवेदन नह करे गा जब तक िक आवेदन की तारीख से कम से
कम एक िदन पूवर् उसने कारबार के खा कारबारकतार् पर आदेश के िलए आवेदन करने के अपने आशय की सूचना की तामील न कर दी
हो ।
(4) आपात पर्ितषेध आदेश करने के यथाशक्यशीघर् पश्चात् अिभिहत अिधकारी, खा सुरक्षा अिधकारी से यह अपेक्षा करे गा
िक वह—
(क) खा कारबारकतार् पर आदेश की पर्ित तामील करे ; और
(ख) उस कारबार के पर्योजन के िलए पर्युक्त ऐसे पिरसर पर सहजदृश्य स्थान पर आदेश की एक पर्ित लगाए,
और ऐसा व्यिक्त जो जानबूझकर ऐसे िकसी आदेश का उल्लंघन करता है, अपराध का दोषी होगा और कारावास से, िजसकी अविध दो
वषर् तक की हो सके गी तथा जुमार्ने से जो दो लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
(5) आपात पर्ितषेध आदेश अिभिहत अिधकारी ारा इस आशय का पर्माणपतर् जारी िकए जाने पर पर्भाव म नह रहेगा िक
उसका यह समाधान हो गया है िक खा कारबारकतार् ने ऐसे आदेश के हटाए जाने को न्यायोिचत ठहराने के िलए पयार्प्त उपाय
िकए ह ।
(6) अिभिहत अिधकारी ऐसे पर्माणपतर् के िलए खा कारबारकतार् ारा आवेदन के सात िदन के भीतर और अपना समाधान
न होने पर उपधारा (5) के अधीन पर्माणपतर् जारी करे गा और उक्त अिधकारी, खा कारबारकतार् को दस िदन की अविध के भीतर
सूचना देगा िजसम ऐसे िविनश्चय के कारण उपदिशत िकए जाएंगे ।
35. खा िवषाक्तता की अिधसूचना—खा पर्ािधकारी, अिधसूचना ारा, अिधसूचना म िविनिदष्ट िकसी स्थानीय क्षेतर् म
अपनी वृि चलाने वाले रिजस्टर्ीकृ त िचिकत्सा व्यवसाियय से यह अपेक्षा कर सके गा िक वे ऐसे अिधकारी को जो िविनिदष्ट िकया
जाए, उनकी जानकारी म आने वाली खा िवषाक्तता की घटना की िरपोटर् कर ।
36. अिभिहत अिधकारी—(1) खा सुरक्षा आयुक्त, आदेश ारा ऐसे क्षेतर् म जो िविनयम ारा िविनिदष्ट िकया जाए, खा
सुरक्षा पर्शासन के भारसाधक के रूप म अिभिहत अिधकारी की िनयुिक्त करे गा जो उपखंड अिधकारी की पंिक्त से नीचे का नह होगा ।
(2) पर्त्येक िजले के िलए एक अिभिहत अिधकारी होगा ।
(3) अिभिहत अिधकारी ारा िकए जाने वाले कृ त्य िनम्निलिखत ह गे, अथार्त्:—
(क) खा कारबारकतार् को अनुज्ञिप्त जारी करना या उन्ह र करना;
(ख) ऐसी िकसी खा वस्तु के िवकर्य को पर्ितिष करना जो इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयम
और िविनयम के उपबंध के उल्लंघन म है;
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(ग) अपनी अिधकािरता के भीतर खा सुरक्षा अिधकारी से खा वस्तु की िरपोटर् और नमूने पर्ाप्त करना और
उनका िवश्लेषण कराना;
(घ) खा सुरक्षा आयुक्त को कारावास से दंडनीय उल्लंघन के मामले म अिभयोजन आरं भ करने की मंजूरी देने के
िलए िसफािरश करना;
(ङ) जुमार्ने से दंडनीय उल्लंघन के मामले म अिभयोजन की मंजूरी देना या अिभयोजन आरं भ करना;
(च) खा सुरक्षा अिधकािरय ारा िकए गए सभी िनरीक्षण का और उनके ारा अपने कृ त्य के िनवर्हन म की गई
कारर् वाई का अिभलेख रखना;
(छ) िकसी पिरवाद का, अन्वेषण कराना जो इस अिधिनयम और इसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के
उपबंध म से िकसी उल्लंघन की बाबत िलिखत म िकया जाए;
(ज) ऐसे िकसी पिरवाद का, अन्वेषण करना जो खा सुरक्षा अिधकारी के िवरु िलिखत म िकया जाए; और
(झ) ऐसे अन्य कतर्व्य को पालन करना जो खा सुरक्षा आयुक्त ारा स पे जाएं ।
37. खा सुरक्षा अिधकारी—(1) खा सुरक्षा आयुक्त, अिधसूचना ारा, ऐसे स्थानीय क्षेतर् के िलए खा सुरक्षा अिधकारी
के रूप म के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत अहर्ता को ध्यान म रखते हुए ऐसे व्यिक्तय को िनयुक्त करे गा िजन्ह वह ठीक समझे तथा
िजन्ह इस अिधिनयम और इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के अधीन उसके कृ त्य का पालन करने के पर्योजन
के िलए उन्ह समनुदिे शत करे ।
(2) राज्य सरकार, िविनिदष्ट अिधकािरता के भीतर खा सुरक्षा अिधकारी के कृ त्य का पालन करने के िलए राज्य सरकार
के ऐसे िकसी अिधकारी को पर्ािधकृ त कर सके गी िजसके पास उपधारा (1) के अधीन िविहत अहर्ताएं ह ।
38. खा सुरक्षा अिधकारी की शिक्तयां—(1) खा सुरक्षा अिधकारी—
(क) (i) िकसी ऐसे खा या िकसी पदाथर् का नमूना ले सके गा जो उसे मानव उपभोग के िलए िवकर्य के िलए
आशियत पर्तीत होता है या िवकर्य िकया गया है; या
(ii) ऐसी िकसी खा वस्तु या पदाथर् का नमूना ले सके गा जो उसे िकसी ऐसे पिरसर पर या उसम िमलता है,
िजसके बारे म उसके पास िवश्वास करने का कारण है िक उसकी इस अिधिनयम के िकसी उपबंध या उसके अधीन बनाए गए
िविनयम या िकए गए आदेश के अधीन कायर्वािहय म सा य के रूप म आवश्यकता पड़ सकती है; या
(ख) ऐसी िकसी खा वस्तु को अिभगृहीत कर सके गा जो खा सुरक्षा अिधकारी को इस अिधिनयम या उसके
अधीन बनाए गए िविनयम के उल्लंघन म पर्तीत होता है; और
(ग) उस खा वस्तु को नमूना लेने के पश्चात् खा कारबारकतार् की सुरिक्षत अिभरक्षा म रख सके गा,
और दोन ही दशा म उस नमूने को िवश्लेषण के िलए उस स्थानीय क्षेतर् के खा िवश्लेषक को भेजग
े ा िजसम ऐसा नमूना िलया गया
है :
परं तु जहां खा सुरक्षा अिधकारी ऐसी वस्तु को खा कारबारकतार् की सुरिक्षत अिभरक्षा म रखता है, वहां वह खा
कारबारकतार् से यह अपेक्षा कर सके गा िक वह ऐसी वस्तु के मूल्य के बराबर धनरािश का एक या अिधक पर्ितभूितय के साथ एक
बंधपतर् िनष्पािदत करे जैसा खा सुरक्षा अिधकारी ठीक समझे और खा कारबारकतार्,तदनुसार बंधपतर् िनष्पािदत करे गा ।
(2) खा सुरक्षा अिधकारी ऐसे िकसी स्थान म, जहां खा वस्तु िविनिमत की जाती है या िवकर्य के िलए भंडािरत की जाती
है या िकसी अन्य खा वस्तु के िविनमार्ण के िलए भंडािरत की जाती है, या िवकर्य के िलए रखी या पर्दिशत की जाती है और जहां कोई
अपदर्व्य िविनिमत िकया जाता है या रखा जाता है, म पर्वेश कर सके गा और उसका िनरीक्षण कर सके गा तथा ऐसी खा वस्तु या
अपदर्व्य का िवश्लेषण के िलए नमूने ले सके गा ।
(3) जहां कोई नमूना िलया जाता है, वहां उस दर से संगिणत उसकी कीमत, िजस पर उक्त वस्तु का पर्ाय: जनता को िवकर्य
िकया जाता है, उस व्यिक्त को संद की जाएगी िजससे वह नमूना िलया जाता है ।
(4) जहां उपधारा (1) के खंड (ख) के अधीन अिभगृहीत कोई खा वस्तु िवनश्वर पर्कृ ित की है और खा सुरक्षा अिधकारी
का यह समाधान हो जाता है िक ऐसी खा वस्तु का इस पर्कार क्षय हो गया है िक वह मानव उपभोग के िलए उपयुक्त नह है, वहां
खा सुरक्षा अिधकारी, खा कारबारकतार् को िलिखत म सूचना देने के पश्चात् उस वस्तु को नष्ट करवा देगा ।
(5) खा सुरक्षा अिधकारी, इस धारा के अधीन िकसी स्थान म पर्वेश करने और उसका िनरीक्षण करने की शिक्तय का
पर्योग करते हुए, यथासाध्य, दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का 2) के अधीन जारी िकए गए तलाशी वारं ट का िनष्पादन करने वाले
पुिलस अिधकारी ारा िकसी स्थान की तलाशी लेने या िनरीक्षण करने से संबंिधत उस संिहता के उपबंध का अनुसरण करे गा ।
22

(6) िकसी खा वस्तु के िविनमार्ता या िवतरक या व्यौहारी के कब्जे म या उसके अिधभोग म के पिरसर म पाया गया कोई
अपदर्व्य िजसके कब्जे के िलए खा सुरक्षा अिधकारी के समाधान के िलए कोई िहसाब देने म वह असमथर् है और उसके कब्जे या
िनयंतर्ण म पाई गई िकसी लेखा बही या अन्य दस्तावेज जो इस अिधिनयम के अधीन िकसी अन्वेषण या कायर्वाही के िलए उपयोगी या
उससे सुसंगत होगी, खा सुरक्षा अिधकारी ारा अिभगृहीत िकए जा सकगे और ऐसे अपदर्व्य का नमूना खा िवश्लेषक को िवश्लेषण
के िलए पर्स्तुत िकया जाएगा :
परं तु ऐसी कोई लेखाबिहयां या अन्य दस्तावेज खा सुरक्षा अिधकारी ारा ऐसे पर्ािधकारी के पूवर् अनुमोदन के िसवाय,
िजसका वह अधीनस्थ्य है, अिभगृहीत नह िकए जाएंगे ।
(7) जहां खा सुरक्षा अिधकारी उपधारा (1) के खंड (क) या उपधारा (2) या उपधारा (4) या उपधारा (6) के अधीन कोई
कारर् वाई करता है वहां वह उस समय जब ऐसी कारर् वाई की जाती है, एक या अिधक व्यिक्तय को उपिस्थत रहने के िलए कहेगा और
उसके या उनके हस्ताक्षर लेगा ।
(8) जहां कोई लेखाबही या अन्य दस्तावेज उपधारा (6) के अधीन अिभगृहीत िकए जाते ह वहां सुरक्षा अिधकारी, अिभगर्हण
की तारीख से तीस िदन से अनिधक की अविध के भीतर, उन्ह ऐसे व्यिक्त को िजससे वे अिभगृहीत िकए गए थे, उसकी पर्ितयां तैयार
करने या उससे उ रण लेने के पश्चात्, िजन्ह उस व्यिक्त ारा ऐसी रीित से पर्मािणत िकया जाएगा जो के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत
की जाए, वापस करे गा :
परं तु जहां ऐसा व्यिक्त इस पर्कार पर्मािणत करने से इं कार करता है और इस अिधिनयम के अधीन उसके िवरु अिभयोजन
संिस्थत कर िदया गया है, वहां ऐसी लेखाबही और अन्य दस्तावेज उसे उनकी पर्ितयां तैयार करने के पश्चात् और उससे उ रण लेने के
पश्चात् िजन्ह न्यायालय ारा पर्मािणत िकया जाएगा, वापस िकए जाएंगे ।
(9) जब कोई अपदर्व्य उपधारा (6) के अधीन अिभगृहीत िकया जाता है, तब यह सािबत करने का भार िक ऐसा अपदर्व्य
अपिमशर्ण के पर्योजन के िलए आशियत नह है, उस व्यिक्त पर होगा िजसके कब्जे से ऐसा अपदर्व्य अिभगृहीत िकया गया था ।
(10) खा सुरक्षा आयुक्त, खा सुरक्षा अिधकारी की शिक्तय का पर्योग करने के संबंध म समय-समय पर मागर्दशर्क
िस ांत जारी कर सके गा, जो आब कर ह गे:
परं तु खा सुरक्षा आयुक्त ारा, ऐसे खा सुरक्षा अिधकारी की शिक्तय को िकसी िविनिदष्ट अविध के िलए पर्ितसंहृत भी
िकया जा सके गा ।
39. कितपय मामल म खा सुरक्षा अिधकारी का दाियत्व—इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िनयम और
िविनयम के अधीन शिक्तय का पर्योग करने वाला कोई खा सुरक्षा अिधकारी जो—
(क) तंग करने की दृिष्ट से और िकसी युिक्तयुक्त आधार के िबना िकसी खा वस्तु या अपदर्व्य का अिभगर्हण
करता है; या
(ख) िकसी व्यिक्त को क्षित पहुंचाने के िलए यह िवश्वास करने के कारण के िबना िक ऐसा कृ त्य उसके कतर्व्य के
िनष्पादन के िलए आवश्यक है, कोई अन्य कृ त्य करता है,
इस अिधिनयम के अधीन अपराध का दोषी होगा और ऐसी शािस्त का जो एक लाख रुपए तक हो सके गी, दायी होगा:
परन्तु यिद िकसी खा सुरक्षा अिधकारी के िवरु कोई िमथ्या पिरवाद िकया जाता है और ऐसा सािबत हो जाता है तो
पिरवादी इस अिधिनयम के अधीन अपराध का दोषी होगा और वह जुमार्ने से, जो पचास हजार रुपए से कम का नह होगा िकन्तु जो
एक लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
40. कर्ेता ारा खा का िवश्लेषण कराया जा सकना—(1) इस अिधिनयम की कोई बात खा सुरक्षा अिधकारी से िभन्न,
िकसी खा पदाथर् के कर्ेता को, जो ऐसी फीस देकर ऐसे पदाथर् का िवश्लेषण कराने और खा िवश्लेषक से उसके िवश्लेषण की िरपोटर्
ऐसी अविध के भीतर जो िविनयम ारा िविनिदष्ट की जाए, पर्ाप्त करने से िनवािरत करने वाली अिभिनधार्िरत नह की जाएगी :
परन्तु ऐसा कर्ेता ऐसी वस्तु का इस पर्कार िवश्लेषण कराने के अपने आशय की सूचना कर्य करते समय खा कारबारकतार्
को देगा :
परं तु यह और िक यिद खा िवश्लेषक की िरपोटर् से यह दिशत होता है िक खा पदाथर् अिधिनयम या उसके अधीन बनाए
गए िनयम या िविनयम के अनुपालन म नह है तो कर्ेता इस धारा के अधीन उसके ारा दी गई फीस का पर्ितदाय पाने का हकदार
होगा ।
(2) यिद खा िवश्लेषक नमूने को इस अिधिनयम और उसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के उपबंध के उल्लंघन
म पाता है तो खा िवश्लेषक, अिभयोजन के िलए धारा 42 म अिधकिथत पर्िकर्या का पालन करने के िलए अिभिहत अिधकारी को
िरपोटर् भेजेगा ।
23

41. तलाशी, अिभगर्हण, अन्वेषण, अिभयोजन की शिक्त और उनकी पर्िकर्या—(1) धारा 31 की उपधारा (2) म िकसी बात के
होते हुए भी, खा सुरक्षा अिधकारी, यिद खा से संबंिधत िकसी अपराध के िकए जाने म उनके अंतवर्िलत होने का कोई युिक्तयुक्त
संदह
े है, िकसी स्थान की तलाशी ले सके गा, िकसी खा वस्तु या अपदर्व्य का अिभगर्हण कर सके गा और तत्पश्चात् अिभिहत अिधकारी
को अपने ारा की गई कारर् वाई की िलिखत सूचना देगा:
परं तु कोई तलाशी के वल इस तथ्य के कारण अिनयिमत नह समझी जाएगी िक तलाशी के िलए साझी उस पिरक्षेतर् के
िनवासी नह ह िजसम वह तलाशी का स्थान िस्थत है ।
(2) इस अिधिनयम म जैसा अिभव्यक्त रूप से उपबंिधत है, उसके िसवाय दंड पर्िकर्या संिहता, 1974 (1974 का 2) के
तलाशी, अिभगर्हण, समन, अन्वेषण और अिभयोजन से संबिं धत उपबंध, यथासाध्य इस अिधिनयम के अधीन खा सुरक्षा अिधकारी
ारा की गई सभी कारर् वाइय को लागू ह गे ।
42. अिभयोजन चलाने के िलए पर्िकर्या—(1) खा सुरक्षा अिधकारी, खा कारबार के िनरीक्षण, नमूना लेने और उन्ह
िवश्लेषण के िलए खा िवश्लेषक को भेजने के िलए उ रदायी होगा ।
(2) खा िवश्लेषक, खा सुरक्षा अिधकारी से नमूना पर्ाप्त होने के पश्चात् नमूने का िवश्लेषण करे गा और अिभिहत
अिधकारी को चौदह िदन के भीतर िवश्लेषण की िरपोटर् नमूने लेने और िवश्लेषण की िनिदष्ट प ित को उिल्लिखत करते हुए भेजेगा
और उसकी एक पर्ित खा सुरक्षा आयुक्त को भेजेगा ।
(3) अिभिहत अिधकारी, खा िवश्लेषक की िरपोटर् की संवीक्षा करने के पश्चात् यह िविनश्चय करे गा िक क्या उल्लंघन,
कारावास से या के वल जुमार्ने से दंडनीय है और कारावास से दंडनीय उल्लंघन की दशा म, वह अिभयोजन की मंजरू ी के िलए अपनी
िसफािरश चौदह िदन के भीतर खा सुरक्षा आयुक्त को भेजेगा ।
(4) खा सुरक्षा आयुक्त, यिद वह ऐसा ठीक समझता है तो अपराध की गंभीरता के अनुसार के न्दर्ीय, सरकार ार िविहत
अविध के भीतर यह िविनश्चय करे गा िक मामले को,—
(क) तीन वषर् तक की अविध के िलए कारावास से दंडनीय अपराध की दशा म, मामूली अिधकािरता के िकसी
न्यायालय को िनिदष्ट िकया जाए; या
(ख) तीन वषर् से अिधक की अविध के िलए कारावास से दंडनीय अपराध की दशा म, िकसी िवशेष न्यायालय को
िनिदष्ट िकया जाए जहां ऐसा िवशेष न्यायालय स्थािपत है और जहां ऐसा िवशेष न्यायालय नह है वहां ऐसे मामले मामूली
अिधकािरता के िकसी न्यायालय ारा िवचारणीय ह गे ।
(5) खा सुरक्षा आयुक्त, अपने िविनश्चय को अिभिहत अिधकारी और संब खा सुरक्षा अिधकारी को संसूिचत करे गा,
जो, यथािस्थित, मामूली अिधकािरता के न्यायालय या िवशेष न्यायालय के समक्ष अिभयोजन चलाएगा और यिद नमूना धारा 40 के
अधीन िलया गया था तो ऐसी संसूचना कर्ेता को भी भेजी जाएगी ।
अध्याय 8

खा िवश्लेषण
43. पर्योगशाला , अनुसध ं ान संस्था और परामशर् खा पर्योगशाला की मान्यता और पर्त्यायन—(1) खा पर्ािधकारी इस
अिधिनयम के अधीन खा िवश्लेषक ारा नमून का िवश्लेषण करने के पर्योजन के िलए राष्टर्ीय परीक्षण और अशंशोधन पर्योगशाला
पर्त्यायन बोडर् ारा पर्त्याियत खा पर्योगशाला और अनुसंधान संस्था को या िकसी अन्य पर्त्यायन अिभकरण को अिधसूिचत कर
सके गा ।
(2) खा पर्ािधकारी, इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िकन्ह िनयम और िविनयम ारा परामशर् खा
पर्योगशाला को स पे गए कृ त्य को करने के िलए एक या अिधक परामशर् खा पर्योगशाला या पर्योगशाला को, अिधसूचना ारा,
स्थािपत करे गा या मान्यता देगा ।
(3) खा पर्ािधकारी िनम्निलिखत िविनिदष्ट करते हुए िविनयम िवरिचत कर सके गा—
(क) खा पर्योगशाला और परामशर् खा पर्योगशाला के कृ त्य और वह या वे स्थानीय क्षेतर् िजसके या िजनके भीतर
ऐसे कृ त्य िकए जा सकगे;
(ख) िवश्लेषण या परीक्षण के िलए खा वस्तु के नमून को उक्त पर्योगशाला को स पने की पर्िकर्या, उस पर
पर्योगशाला की िरपोट के पर्रूप और ऐसी िरपोट की बाबत संदय
े फीस; और
(ग) ऐसे अन्य िवषय जो उक्त पर्योगशाला को अपने कृ त्य को पर्भावी रूप से करने के िलए समथर् बनाने के िलए
आवश्यक या समीचीन ह ।
24

44. खा सुरक्षा लेखापरीक्षा के िलए संगठन या अिभकरण की मान्यता—खा पर्ािधकारी, खा सुरक्षा लेखापरीक्षा और
इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के अधीन अपेिक्षत खा सुरक्षा पर्बंध पर्णािलय के अनुपालन की
जांच के पर्योजन के िलए िकसी संगठन या अिभकरण को मान्यता दे सके गा ।
45. खा िवश्लेषक—खा सुरक्षा आयुक्त, अिधसूचना ारा, के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत अहर्ताएं रखने वाले ऐसे
व्यिक्तय को, िजन्ह वह ठीक समझे, ऐसे स्थानीय क्षेतर् के िलए जो उन्ह खा सुरक्षा आयुक्त ारा स पे जाएं, खा िवश्लेषक िनयुक्त
कर सके गा :
परं तु इस धारा के अधीन िकसी ऐसे व्यिक्त को खा िवश्लेषक िनयुक्त नह िकया जाएगा िजसका िकसी खा वस्तु के
िविनमार्ण या िवकर्य म कोई िव ीय िहत है :
परं तु यह और िक िभन्न-िभन्न खा वस्तु के िलए िभन्न-िभन्न खा िवश्लेषक िनयुक्त िकए जा सकगे ।
46. खा िवश्लेषक के कृ त्य—(1) खा िवश्लेषक, खा सुरक्षा अिधकारी या िकसी अन्य व्यिक्त से िवश्लेषण के िलए िकसी
नमूने से युक्त पैकेज की पर्ािप्त पर आधान और बा आवरण पर मुहर की तुलना अलग से पर्ाप्त िकए गए छाप के नमून से करे गा और
उन पर मुहर की दशा को नोट करे गा :
परं तु खा िवश्लेषक ारा पर्ाप्त नमूना आधान टूटी हुई अवस्था म पाए जाने या िवश्लेषण के िलए अनुपयुक्त पाए जाने की
दशा म वह ऐसे नमूने की पर्ािप्त की तारीख से सात िदन की अविध के भीतर उसके बारे म अिभिहत अिधकारी को सूिचत करे गा और
नमूने के दूसरे भाग को उसे भेजे जाने के िलए अध्यपेक्षा भेजेगा ।
(2) खा िवश्लेषक, खा वस्तु के ऐसे नमून का, जो उसे खा सुरक्षा अिधकारी ारा या इस अिधिनयम के अधीन
पर्ािधकृ त िकसी अन्य व्यिक्त ारा भेजे गए ह , िवश्लेषण कराएगा ।
(3) खा िवश्लेषक, िवश्लेषण के िलए िकसी नमूने के पर्ाप्त होने की तारीख से चौदह िदन की अविध के भीतर—
(i) जहां ऐसा नमूना धारा 38 या धारा 47 के अधीन पर्ाप्त होता है वहां अिभिहत अिधकारी को ऐसे नमूने लेने और
िवश्लेषण की प ित को उपदिशत करने वाली िरपोटर् की चार पर्ितयां भेजेगा; और
(ii) जहां नमूना धारा 40 के अधीन पर्ाप्त होता है, वहां नमूना लेने और िवश्लेषण की प ित को उपदिशत करने
वाली िरपोटर् की एक पर्ित, अिभिहत अिधकारी को एक पर्ित के साथ उस व्यिक्त को भेजेगा िजसने उक्त खा वस्तु कर्य
की थी :
परं तु नमूने की पर्ािप्त से चौदह िदन के भीतर उसका िवश्लेषण न हो सकने की दशा म, खा िवश्लेषक, अिभिहत अिधकारी
और खा सुरक्षा आयुक्त को कारण बताते हुए और िवश्लेषण म लगने वाले समय को िविनिदष्ट करते हुए सूचना देगा ।
(4) खा िवश्लेषक की िरपोटर् के िवरु अपील, अिभिहत अिधकारी के समक्ष होगी, जो, यिद वह ऐसा िविनश्चय करता है,
मामले को खा पर्ािधकारी ारा यथा अिधसूिचत परामशर् खा पर्योगशाला की राय के िलए िनदिशत करे गा ।
47. नमूना लेना और िवश्लेषण—(1) जब कोई खा सुरक्षा अिधकारी िवश्लेषण के िलए खा का नमूना लेता है, तब वह—
(क) उसका ऐसे िवश्लेषण कराने के अपने आशय की िलिखत सूचना उस व्यिक्त को िजससे उसने वह नमूना िलया
है और उस व्यिक्त को, यिद कोई हो, िजसका नाम, पता और अन्य िविशिष्टयां पर्कट की गई ह , देगा;
(ख) इस अिधिनयम के अधीन बनाए गए िनयम ारा उपबंिधत िकए जाने वाले िवशेष मामल के िसवाय, नमूने
को चार भाग म िवभािजत करे गा और पर्त्येक भाग को ऐसी रीित से, जो उसकी पर्कृ ित अनुज्ञात करे , िचिन्हत और मुहरबंद
करे गा या बांधेगा और उस व्यिक्त को, िजससे वह नमूना िलया गय है ऐसे स्थान पर और ऐसी रीित से हस्ताक्षर या उसके
अंगूठे की छाप लेगा जो के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत की जाए :
परं तु जहां ऐसा व्यिक्त हस्ताक्षर करने से या अंगूठे की छाप लगाने से इं कार करता है, वहां खा सुरक्षा अिधकारी
एक या अिधक सािक्षय को बुलाएगा और ऐसे व्यिक्त के हस्ताक्षर या अंगूठे की छाप के बदले उसके या उनके हस्ताक्षर या
अंगूठे की छाप लेगा;
(ग) (i) एक भाग को अिभिहत अिधकारी को संसूिचत करते हुए, खा िवश्लेषक को िवश्लेषण के िलए भेजेगा;
(ii) दो भाग को अिभिहत अिधकारी को सुरिक्षत अिभरक्षा म रखने के िलए भेजेगा; और
(iii) यिद खा कारबारकतार् ारा ऐसा अनुरोध िकया जाता है, जो अिभिहत अिधकारी को संसूिचत करते हुए शेष
भाग को िवश्लेषण के िलए िकसी पर्त्याियत पर्योगशाला को भेजेगा:
परन्तु यिद उपखंड (i) और उपखंड (iii) के अधीन पर्ाप्त परीक्षण िरपोट म िभन्नता पाई जाती है तो अिभिहत
अिधकारी, अपनी अिभरक्षा म रखे गए नमूने के एक भाग को िवश्लेषण के िलए परामशर् पर्योगशाला को भेजेगा, िजसका उस
पर िविनश्चय अंितम होगा ।
25

(2) जब िकसी खा वस्तु या अपदर्व्य का नमूना िलया जाता है, तब खा सुरक्षा अिधकारी ठीक अगले कायर् िदवस तक,
नमूने को संबंिधत क्षेतर् के खा िवश्लेषक को िवश्लेषण और िरपोटर् के िलए भेजेगा ।
(3) जहां खा िवश्लेषक को भेजे गए नमूने का भाग खो जाता है या नुकसानगर्स्त हो जाता है वहां अिभिहत अिधकारी खा
िवश्लेषक या खा सुरक्षा अिधकारी ारा अध्यपेक्षा िकए जाने पर उसे भेजे गए नमूने के भाग म से एक भाग को िवश्लेषण के िलए
खा िवश्लेषक को भेजेगा ।
(4) अिभगृहीत कोई खा वस्तु या अपदर्व्य, यिद नष्ट नह िकया गया है तो यथासंभवशीघर् और हर हालत म खा
िवश्लेषक की िरपोटर् िमलने के पश्चात् सात िदन के भीतर अिभिहत अिधकारी के समक्ष पेश िकया जाएगा :
परं तु यिद उस व्यिक्त ारा, िजससे कोई खा वस्तु अिभगृहीत की गई है, अिभिहत अिधकारी को इस िनिम आवेदन िकया
गया है तो अिभिहत अिधकारी, खा सुरक्षा अिधकारी को िलिखत आदेश ारा यह िनदेश दे सके गा िक वह ऐसी वस्तु को ऐसे समय के
भीतर जो आदेश म िविनिदष्ट िकया जाए, उसके समक्ष पेश करे ।
(5) आयाितत खा वस्तु की दशा म, खा पर्ािधकारी का पर्ािधकृ त अिधकारी उसका नमूना लेगा और अिधसूिचत
पर्योगशाला के खा िवश्लेषक को िवश्लेषण के िलए भेजेगा जो पर्ािधकृ त अिधकारी को पांच िदन की अविध के भीतर िरपोटर् भेजेगा ।
(6) अिभिहत अिधकारी, खा सुरक्षा अिधकारी, पर्ािधकृ त अिधकारी और खा िवश्लेषक िविनयम ारा यथािविनिदष्ट
पर्िकर्या का अनुसरण करे गा ।
अध्याय 9

अपराध और शािस्तयां
48. अपराध से संबिं धत साधारण उपबंध—(1) कोई व्यिक्त िकसी खा वस्तु को इस जानकारी के साथ िक वह मानव
उपभोग के िलए िवकर्य की जा सके गी या िवकर्य के िलए पर्स्थािपत की जा सके गी या िवतािरत की जा सके गी, िनम्निलिखत संिकर्या
म से िकसी एक या अिधक संिकर्या ारा स्वास्थ्य के िलए हािनकार बनाता है, अथार्त् :—
(क) खा म कोई वस्तु या पदाथर् िमलाकर;
(ख) खा की तैयारी म िकसी अवयव के रूप म िकसी वस्तु या पदाथर् का उपयोग करके ;
(ग) खा से िकसी संघटक को िनकालकर; या
(घ) खा के साथ कोई अन्य पर्िकर्या या उपचार करके ।
(2) इस बारे म अवधारण करने म िक क्या कोई खा असुरिक्षत या स्वास्थ्य के िलए हािनकर है, िनम्निलिखत बात को
ध्यान म रखा जाएगा—
(क) (i) उपभोक्ता ारा खा के उपयोग की सामान्य दशाएं और उसके उत्पादन, पर्संस्करण और िवतरण के
पर्त्येक पर्कर्म पर रखरखाव;
(ii) उपभोक्ता की दी गई जानकारी िजसके अतंगर्त लेबल पर जानकारी भी सिम्मिलत है या िकसी िविशष्ट
खा या खा के िकसी पर्वगर् से स्वास्थ्य पर िविनिदष्ट पर्ितकू ल पर्भाव से बचाव के संबंध म और उसका उपभोग करने वाले
व्यिक्तय के स्वास्थ्य पर ही नह बिल्क आने वाली पीिढ़य के स्वास्थ्य पर उस खा के संभािवत, तात्कािलक या
अल्पकािलक या दीघर्कािलक पर्भाव से बचाव के संबंध म उपभोक्ता को साधारणतया उपलब्ध अन्य जानकारी;
(iii) संभािवत संचयी िवषाणु पर्भाव;
(iv) जहां खा उपभोक्ता के िकसी पर्वगर् के िलए आशियत है वहां उन उपभोक्ता के िविनिदष्ट पर्वगर् की
िविशष्ट स्वास्थ्य संवेदनशीलता पर; और
(v) उसकी सामान्य मातर्ा म उपभोग करने वाले व्यिक्तय के स्वास्थ्य पर उसी संरचना के खा की संचयी पर्भाव
की भी संभावना;
(ख) यह तथ्य िक जहां िकसी वस्तु की जो पर्ाथिमक खा है, क्वािलटी या शु ता िविनिदष्ट मानक से नीचे िगर
गई है या उसके संघटक ऐसी मातर्ा म िव मान ह जो िभन्नता की िविनिदष्ट सीमा के भीतर नह आते और दोन ही
मामल म पर्ाकृ ितक कारण से हुई है तथा मानव अिभकरण के िनयंतर्ण से परे है तब ऐसी वस्तु असुरिक्षत या अवमानक या
बा वस्तु से युक्त खा नह माना जाएगा ।
स्पष्टीकरण—इस धारा के पर्योजन के िलए “क्षित” के अंतगर्त कोई हर्ास भी है चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी और
“स्वास्थ्य के िलए हािनकर” का तद्नुसार अथर् लगाया जाएगा ।
26

49. शािस्त से संबिं धत साधारण उपबंध—जब इस अध्याय के अधीन शािस्त की मातर्ा का न्यायिनणर्यन करते समय,
यथािस्थित, न्यायिनणार्यक, अिधकारी या अिधकरण, िनम्निलिखत का सम्यक् ध्यान रखेगा :—
(क) उल्लंघन के पिरणामस्वरूप हुए अिभलाभ या अनुिचत लाभ की रकम, जहां भी िनधार्रणीय हो;
(ख) उल्लंघन के पिरणामस्वरूप िकसी व्यिक्त को कािरत हािन या ऐसी हािन िजसके होने की संभावना है,
की रकम;
(ग) उल्लंघन की पुनरावृि की पर्कृ ित;
(घ) चाहे उल्लंघन उसकी जानकारी के िबना िकया गया है; और
(ङ) कोई अन्य सुसंगत कारक ।
50. ऐसे खा का िवकर्य करने के िलए शािस्त जो मांगी गई पर्कृ ित या तत्व या क्वािलटी का नह है—कोई व्यिक्त जो कर्ेता
को पर्ितकू ल पर्भाव डालने वाले िकसी खा का िवकर्य करता है जो इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िविनयम के उपबंध के
अनुपालन म नह है या कर्ेता ारा मांगी गई पर्कृ ित या तत्व या क्वािलटी का नह है, पांच लाख रुपए से अनिधक की शािस्त का
दायी होगा :
परं तु धारा 31 की उपधारा (2) के अंतगर्त आने वाले व्यिक्त, ऐसे अननुपालन के िलए पच्चीस हजार रुपए से अनिधक की
शािस्त के दायी ह गे ।
51. अवमानक खा के िलए शािस्त—कोई व्यिक्त जो चाहे वह स्वयं या अपनी ओर से िकसी अन्य व्यिक्त ारा िकसी ऐसे
खा पदाथर् का जो अवमानक है, मानव उपभोग के िलए, िवकर्य के िलए िविनमार्ण या भंडारण करता है या िवकर्य या िवतरण या
आयात करता है शािस्त का, जो पांच लाख रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
52. िमथ्या छाप वाले खा के िलए शािस्त—(1) कोई व्यिक्त जो चाहे स्वयं या अपनी ओर से िकसी अन्य व्यिक्त ारा
िकसी ऐसी खा वस्तु का जो िमथ्या छाप की है, मानव उपभोग के िलए िवकर्य हेतु िविनमार्ण या भंडारण करता है या िवकर्य या
िवतरण या आयात करता है शािस्त का, जो तीन लाख रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
(2) न्यायिनणार्यक अिधकारी इस धारा के अधीन िकसी अपराध के िलए दोषी पाए गए व्यिक्त को तर्ुिट के सुधारने के िलए
सुधारात्मक कारर् वाई करने या ऐसे खा पदाथर् को नष्ट करने का िनदेश जारी कर सके गा ।
53. भर्ामक िवज्ञापन के िलए शािस्त—(1) कोई व्यिक्त, जो ऐसे िकसी िवज्ञापन का पर्काशन करता है या उस पर्काशन का
कोई पक्षकार है, िजसम—
(क) िकसी खा का िमथ्या वणर्न है; या
(ख) िकसी खा की पर्कृ ित या तत्व या क्वािलटी के बारे म भर्म पैदा होने की संभावना है या िमथ्या गारं टी देता है,
शािस्त का, जो दस लाख रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
(2) िकसी कायर्वाही म यह तथ्य िक िकसी खा वस्तु से संबंिधत कोई लेबल या िवज्ञापन िजसकी बाबत अिभकिथत रूप से
उल्लंघन िकया गया है, खा के संघटक का यथाथर् कथन अंतिवष्ट है, न्यायालय को इस िनष्कषर् पर पंहुचने से पर्वािरत नह करे गा िक
उल्लंघन िकया गया था ।
54. ऐसे खा के िलए शािस्त िजसम बा पदाथर् अंतिवष्ट है—कोई व्यिक्त जो चाहे स्वयं या अपनी ओर से िकसी अन्य
व्यिक्त ारा मानव उपभोग के िलए ऐसी िकसी खा वस्तु का िजसम बा पदाथर् अंतिवष्ट है, िवकर्य के िलए िविनमार्ण या भंडार या
िवकर्य या िवतरण या आयात करता है, शािस्त का, जो एक लाख रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
55. खा सुरक्षा अिधकारी के िनदेश का अनुपालन करने म असफल रहने के िलए शािस्त—यिद कोई खा कारबारकतार् या
आयातकतार् िबना िकसी युिक्तयुक्त आधार के इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िविनयम या जारी िकए गए आदेश के
अधीन खा सुरक्षा अिधकारी ारा यथा िनदेिशत अपेक्षा का अनुपालन करने म असफल रहता है, तो वह शािस्त का, जो दो लाख
रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
56. खा के अस्वास्थ्यकर या अस्वच्छकर पर्संस्करण या िविनमार्ण के िलए शािस्त—कोई व्यिक्त जो चाहे स्वयं या अपनी
ओर से िकसी अन्य व्यिक्त ारा मानव उपभोग के िलए िकसी खा पदाथर् का अस्वास्थ्यकर या अस्वच्छकर दशा म िविनमार्ण या
पर्संस्करण करता है, ऐसी शािस्त का, जो एक लाख रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
57. अपदर्व्य रखने के िलए शािस्त—(1) इस अध्याय के उपबंध के अधीन रहते हुए, यिद कोई व्यिक्त जो या तो स्वयं या
अपनी ओर से िकसी अन्य व्यिक्त ारा िकसी अपदर्व्य का िवकर्य के िलए आयात या िविनमार्ण करता है या भंडारण या िवकर्य या
िवतरण करता है तो वह—
27

(i) जहां ऐसा अपदर्व्य स्वास्थ्य के िलए हािनकर नह है, वहां दो लाख रुपए से अनिधक की शािस्त का दायी
होगा; और
(ii) जहां ऐसा अपदर्व्य स्वास्थ्य के िलए हािनकर है, वहां दस लाख रुपए से अनिधक की शािस्त का दायी होगा ।
(2) उपधारा (1) के अधीन िकसी कारर् वाई म यह कोई पर्ितरक्षा नह होगी िक अिभयुक्त ऐसे अपदर्व्य को िकसी अन्य व्यिक्त
की ओर से पर्ितधािरत िकए हुए था ।
58. ऐसे उल्लंघन के िलए शािस्त िजसके िलए कोई िविनिदष्ट शािस्त उपबंिधत नह है—जो कोई इस अिधिनयम या उसके
अधीन बनाए गए िनयम या िविनयम के िकन्ह उपबंध का उल्लंघन करता है िजसके उल्लंघन के िलए इस अध्याय म कोई पृथक्
शािस्त उपबंिधत नह है, तो वह शािस्त का, जो दो लाख रुपए तक की हो सके गी, दायी होगा ।
59. असुरिक्षत खा के िलए दंड—कोई व्यिक्त जो, चाहे स्वयं या अपनी ओर से िकसी अन्य व्यिक्त ारा मानव उपभोग के
िलए िकसी खा वस्तु का, जो असुरिक्षत है, िवकर्य के िलए िविनमार्ण करता है या भंडारण या िवकर्य या िवतरण या आयात
करता है,—
(i) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के पिरणामस्वरूप क्षित कािरत नह होती है वहां वह कारावास से, िजसकी
अविध छह मास तक की हो सके गी और जुमार्ने से भी जो एक लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा;
(ii) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के पिरणामस्वरूप कोई घोर क्षित कािरत नह होती है, वहां वह कारावास
से, िजसकी अविध एक वषर् तक की हो सके गी और जुमार्ने से भी जो तीन लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा;
(iii) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के पिरणामस्वरूप कोई घोर क्षित होती है वहां वह कारावास से िजसकी
अविध छह वषर् तक की हो सके गी और जुमार्ने से भी जो पांच लाख रुपए तक हो सके गा, दंडनीय होगा;
(iv) जहां ऐसी असफलता या उल्लंघन के पिरणामस्वरूप मृत्यु हो जाती है, वहां वह कारावास से िजसकी अविध
सात वषर् से कम की नह होगी िकतु जो आजीवन कारावास तक की हो सके गी और जुमार्ने से भी जो दस लाख रुपए से कम
नह होगा, दंडनीय होगा ।
60. अिभगृहीत वस्तु के साथ छेड़छाड़ करने के िलए दंड—यिद कोई व्यिक्त खा सुरक्षा अिधकारी की अनुज्ञा के िबना,
इस अिधिनयम के अधीन अिभगृहीत िकसी खा , यान, उपस्कर, पैकेज या लेबल या िवज्ञापन सामगर्ी या अन्य चीज को रखता है,
हटाता है या उसके साथ छेड़छाड़ करता है तो वह कारावास से िजसकी अविध छह मास तक हो सके गी और जुमार्ने से भी जो दो लाख
रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
61. िमथ्या सूचना के िलए दंड—यिद कोई व्यिक्त, इस अिधिनयम के अधीन िकसी अपेक्षा या िनदेश के संबंध म यह जानते
हुए िक यह िमथ्या या भर्ामक है, कोई सूचना या कोई दस्तावेज उपलब्ध कराता है, तो वह कारावास से िजसकी अविध तीन मास तक
हो सके गी और जुमार्ने से भी जो दो लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
62. िकसी खा सुरक्षा अिधकारी को बाधा पहुंचाने या पर्ितरूपण के िलए दंड—यिद कोई व्यिक्त खा सुरक्षा अिधकारी
का, इस अिधिनयम के अधीन उसके कृ त्य के िनवर्हन म िकसी युिक्तयुक्त कारण के िबना पर्ितरोध करता है, बाधा पहुंचाता है या बाधा
पहुंचाने, पर्ितरूपण करने, धमकी देने, अिभतर्ास या हमला करने का पर्यत्न करता है तो वह कारावास से िजसकी अविध तीन मास तक
हो सके गी और जुमार्ने से भी जो एक लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
63. िबना अनुज्ञिप्त िकसी कारबार को रोकने के िलए दंड—यिद कोई व्यिक्त या खा कारबारकतार् (इस अिधिनयम की
धारा 31 की उपधारा (2) के अधीन अनुज्ञापन से छू ट पर्ाप्त व्यिक्तय को छोड़कर) स्वयं या अपनी ओर से िकसी व्यिक्त ारा िजससे
अनुज्ञिप्त पर्ाप्त करने की अपेक्षा है, िबना अनुज्ञिप्त के िकसी खा वस्तु का िविनमार्ण, िवकर्य, भंडारण या िवतरण या आयात करता है,
तो वह कारावास से िजसकी अविध छह मास तक हो सके गी और जुमार्ने से भी जो एक लाख रुपए तक का हो सके गा, दंडनीय होगा ।
64. पश्चात्वत अपराध के िलए दंड—(1) यिद कोई व्यिक्त इस अिधिनयम के अधीन दंडनीय िकसी अपराध के िलए पूवर् म
दोषिस ठहराए जाने के तत्पश्चात् वैसा ही कोई अपराध करता है और उस अपराध के िलए दोषिस ठहराया जाता है, तो वह—
(i) उस दंड के जो, पहली दोषिसि पर अिधरोिपत िकया जाता उसी अपराध के िलए उपबंिधत अिधकतम दंड के
अधीन रहते हुए दुगुने दंड के िलए दायी होगा; और
(ii) दैिनक आधार पर अितिरक्त जुमार्ने का, जो एक लाख रुपए तक का हो सके गा, जहां अपराध जारी रहने वाला
अपराध है, वहां दायी होगा; और
(iii) उसकी अनुज्ञिप्त र कर दी जाएगी ।
(2) न्यायालय, अपराधी का नाम और उसके िनवास का स्थान, अपराध और अिधरोिपत शािस्त को अपराधी के खच पर ऐसे
समाचारपतर् म और ऐसी अन्य रीित से जो न्यायालय िनदेिशत करे , पर्कािशत करा सके गा और ऐसे पर्काशन के खच दोषिसि के खच
के भाग समझे जाएंगे और जुमार्ने के रूप म उसी रीित से वसूलनीय ह गे ।
28

65. उपभोक्ता की क्षित या मृत्यु की दशा म पर्ितकर—(1) इस अध्याय के अन्य उपबंध पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, यिद
कोई व्यिक्त चाहे वह स्वयं या उसकी ओर से िकसी अन्य व्यिक्त ारा ऐसी िकसी खा वस्तु का िविनमार्ण या िवकर्य या आयात करता
है िजससे िकसी उपभोक्ता को क्षित पहुंचती है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो, यथािस्थित, न्यायिनणार्यक अिधकारी या न्यायालय के
िलए िविधपूणर् होगा िक वह उसको, पीिड़त या पीिड़त के िविधक पर्ितिनिध को िनम्निलिखत पर्ितकर का संदाय करने का िनदेश दे,—
(क) मृत्यु की दशा म कम से कम पांच लाख रुपए ;
(ख) घोर क्षित की दशा म, तीन लाख रुपए से अनिधक की रािश; और
(ग) क्षित की अन्य सभी दशा म, एक लाख रुपए से अनिधक की रािश :
परं तु पर्ितकर का संदाय शीघर्तम िकया जाएगा और हर दशा म घटना के घिटत होने की तारीख से छह मास के भीतर िकया
जाएगा :
परं तु यह और िक मृत्यु की दशा म, मृतक के िनकटतम संबध
ं ी को घटना के तीस िदन के भीतर अंतिरम अनुतोष का संदाय
िकया जाएगा ।
(2) जहां िकसी व्यिक्त को घोर क्षित या मृत्यु कािरत करने वाले अपराध का दोषी अिभिनधार्िरत िकया गया है, वहां
न्यायिनणार्यक अिधकारी या न्यायालय दोषी अिभिनधार्िरत व्यिक्त के नाम और िनवास स्थान, अपराध और अिधरोिपत शािस्त को
अपराधी के खच पर, ऐसे समाचारपतर् या ऐसी अन्य रीित से जो न्यायिनणार्यक अिधकारी या न्यायालय िनदेश दे, पर्कािशत कराएगा
और ऐसे पर्काशन के खच दोषिसि के खच का भाग समझे जाएंगे और जुमार्ने के रूप म उसी रीित से वसूलनीय ह गे ।
(3) न्यायिनणार्यक अिधकारी या न्यायालय,—
(क) अनुज्ञिप्त के र करण, बाजार से खा को वापस लेने, उपभोक्ता की घोर क्षित या उसकी मृत्यु की दशा म
स्थापन और संपि के समपहरण के िलए भी आदेश कर सके गा;
(ख) अन्य मामल म पर्ितषेध आदेश जारी कर सके गा ।
66. कं पनी ारा अपराध—(1) जहां इस अिधिनयम के अधीन दंडनीय कोई अपराध, िकसी कं पनी ारा िकया गया है, वहां
ऐसा पर्त्येक व्यिक्त, जो उस अपराध के िकए जाने के समय उस कं पनी के कारबार के संचालन के िलए उस कं पनी का भारसाधक और
उसके पर्ित उ रदायी था और साथ ही वह कं पनी भी, ऐसे अपराध के दोषी समझे जाएंगे और तद्नुसार अपने िवरु कायर्वाही िकए
जाने और दंिडत िकए जाने के भागी ह गे :
परं तु जहां िकसी कं पनी के िभन्न-िभन्न स्थापन या शाखाएं ह या िकसी स्थापन या शाखा म िभन्न-िभन्न यूिनट ह वहां संब
पर्मुख या कं पनी ारा खा सुरक्षा के िलए उ रदायी व्यिक्त के रूप म नामिनदिशत ऐसे स्थापन या शाखा या यूिनट का भारसाधक
व्यिक्त ऐसे स्थापन, शाखा या यूिनट की बाबत उल्लंघन के िलए दायी होगा :
परन्तु यह और िक इस उपधारा की कोई बात िकसी ऐसे व्यिक्त को इस अिधिनयम म उपबंिधत दंड का भागी नह बनाएगी
यिद वह यह सािबत कर देता है िक अपराध उसकी जानकारी के िबना िकया गया था या उसने ऐसे अपराध के िकए जाने के िनवारण
करने के िलए सब सम्यक् तत्परता बरती थी ।
(2) उपधारा (1) म िकसी बात के होते हुए भी, जहां इस अिधिनयम के अधीन दंडनीय कोई अपराध, िकसी कं पनी ारा
िकया गया है और यह सािबत हो जाता है िक वह अपराध कं पनी के िकसी िनदेशक, पर्बंधक, सिचव या अन्य अिधकारी की सहमित या
मौनानुकूलता से िकया गया है या उस अपराध का िकया जाना उसकी िकसी उपेक्षा के कारण माना जा सकता है, वहां ऐसा िनदेशक,
पर्बंधक, सिचव या अन्य अिधकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा और तद्नुसार अपने िवरु कायर्वाही िकए जाने और
दंिडत िकए जाने का भागी होगा ।
स्पष्टीकरण—इस धारा के पर्योजन के िलए,—
(क) “कं पनी” से कोई िनगिमत िनकाय अिभपर्ेत है और इसके अन्तगर्त फमर् या व्यिष्टय का अन्य संगम भी है; और
(ख) फमर् के संबंध म, “िनदेशक” से उस फमर् का भागीदार अिभपर्ेत है ।
67. खा पदाथ के आयात के मामले म इस अिधिनयम के उपबंध के उल्लंघन के िलए शािस्त िकसी अन्य अिधिनयम म
उपबंिधत शािस्तय के अितिरक्त होगी—(1) कोई व्यिक्त जो इस अिधिनयम, उसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के
उपबंध के उल्लंघन म िकसी खा वस्तु का आयात करे गा, ऐसी िकसी शािस्त के अितिरक्त िजसके िलए वह िवदेश व्यापार (िवकास
और िविनयमन) अिधिनयम, 1992 (1992 का 22) और सीमाशुल्क अिधिनयम, 1962 (1962 का 52) के उपबंध के अधीन भागी हो
सकता है, इस अिधिनयम के अधीन भी भागी होगा और तद्नुसार उसके िवरु कारर् वाई की जाएगी ।
(2) ऐसी कोई खा वस्तु, यिद, यथािस्थित, िवदेश व्यापार (िवकास और िविनयमन) अिधिनयम, 1992 (1992 का 22) या
सीमाशुल्क अिधिनयम, 1962 (1962 का 52) या िकसी अन्य अिधिनयम के अधीन सक्षम पदािधकारी ारा अनुज्ञाप्त है, नष्ट कर दी
जाएगी या आयातकतार् को वापस कर दी जाएगी ।
29

अध्याय 10

न्यायिनणर्यन और खा सुरक्षा अपील अिधकरण


68. न्यायिनणर्यन—(1) इस अध्याय के अधीन न्यायिनणर्यन के पर्योजन के िलए, उस िजले के , जहां अिभकिथत अपराध
िकया जाता है, अपर िजला मिजस्टर्ेट की पंिक्त से अन्यून के िकसी अिधकारी को, न्यायिनणर्यन के िलए न्यायिनणार्यक अिधकारी के
रूप म ऐसी रीित म जो के न्दर्ीय सरकार िविहत करे राज्य सरकार ारा अिधसूिचत िकया जाएगा ।
(2) न्यायिनणार्यक अिधकारी, मामले म अभ्यावेदन करने के िलए उस व्यिक्त को युिक्तयुक्त अवसर देने के पश्चात् और यिद,
ऐसी जांच पर उसका यह समाधान हो जाता है िक उस व्यिक्त ने इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िनयम या िविनयम के
उपबंध का उल्लंघन िकया है, तो ऐसी शािस्त अिधरोिपत कर सके गा जो वह उस अपराध से संबंिधत उपबंध के अनुसार उिचत
समझे—
(3) न्यायिनणार्यक अिधकारी को िसिवल न्यायालय की शिक्तयां ह गी और—
(क) उसके समक्ष सभी कायर्वािहयां भारतीय दंड संिहता (1860 का 45) की धारा 193 और धारा 228 के अथार्ंतगर्त
न्याियक कायर्वािहयां समझी जाएंगी;
(ख) दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का 2) की धारा 345 और धारा 346 धारा के पर्योजन के िलए न्यायालय
समझा जाएगा ।
(4) न्यायिनणार्यक अिधकारी इस अध्याय के अधीन शािस्त की मातर्ा का न्यायिनणर्यन करते समय धारा 49 म िविनिदष्ट
मागर्दशक िस ांत का सम्यक् ध्यान रखेगा ।
69. अपराध के शमन की शिक्त—(1) खा सुरक्षा आयुक्त, आदेश ारा, अिभिहत अिधकारी को ऐसे छोटे िविनमार्ता से जो
स्वयं िकसी खा वस्तु का िविनमार्ण और िवकर्य करता है, खुदरा व्यापारी, फे रीवाले, भर्मण िवकर्ेता, अस्थायी स्टाल धारक से िजसके
िवरु कोई युिक्तयुक्त िवश्वास हो िक उसने इस अिधिनयम के िवरु कोई अपराध या उल्लंघन िकया है, उस अपराध के , िजसके िकए
जाने का उस व्यिक्त पर संदह
े है, शमन के िलए धनरािश का संदाय स्वीकार करने के िलए सशक्त कर सके गा ।
(2) ऐसे अिधकारी को ऐसी धनरािश के संदाय पर संिदग्ध व्यिक्त को, यिद वह अिभरक्षा म है, उन्मोिचत िकया जाएगा, और
ऐसे व्यिक्त के िवरु अपराध के संबंध म आगे कोई कायर्वाही नह की जाएगी ।
(3) उपधारा (1) के अधीन शमन के रूप म स्वीकार की गई या स्वीकार िकए जाने के िलए तय की गई धनरािश एक लाख
रुपए से अिधक नह होगी और धारा 49 म िविनिदष्ट मागर्दशर्क िस ांत को सम्यक् रूप से ध्यान म रखा जाएगा :
परं तु ऐसा कोई अपराध िजसके िलए इस अिधिनयम के अधीन कारावास का दंड िविहत िकया गया है, शमनीय नह होगा ।
70. खा सुरक्षा अपील अिधकरण की स्थापना—(1) यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार, अिधसूचना ारा, धारा
68 के अधीन न्यायिनणार्यक अिधकारी के िविनश्चय के िवरु अपील की सुनवाई करने के िलए खा सुरक्षा अपील अिधकरण के नाम
से ज्ञात एक या अिधक अिधकरण की स्थापना कर सके गी ।
(2) यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार, ऐसे मामल और क्षेतर् को, िजनके संबंध म अिधकरण अिधकािरता का
पर्योग कर सके गा, िविहत करे गी ।
(3) अिधकरण म के वल एक सदस्य (िजसे इसम इसके पश्चात् अिधकरण का पीठासीन अिधकारी कहा गया है) होगा, जो,
यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार ारा, अिधसूचना ारा, िनयुक्त िकया जाएगा:
परं तु कोई भी व्यिक्त अिधकरण के पीठासीन अिधकारी के रूप म िनयुिक्त के िलए तभी अिहत होगा जब वह िजला
न्यायाधीश हो या रहा हो ।
(4) पीठासीन अिधकारी की अहर्ताएं, िनयुिक्त, पदाविध, वेतन और भ े या पद त्याग और हटाया जाना उस पर्कार होगा,
जैसा के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत िकया जाए ।
(5) अपील की पर्िकर्या और अिधकरण की शिक्तयां वे ह गी जो के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत की जाएं ।
71. अिधकरण की पर्िकर्या और शिक्तयां—(1) अिधकरण, िसिवल पर्िकर्या संिहता, 1908 (1908 का 5) ारा अिधकिथत
पर्िकर्या ारा आब नह होगा िकन्तु नैसिगक न्याय के िस ांत ारा मागर्दिशत होगा और इस अिधिनयम और उसके अधीन बनाए
गए िनयम के अन्य उपबंध के अध्यधीन होगा, अिधकरण को अपनी पर्िकर्या को िजसके अन्तगर्त वह स्थान भी है जहां पर उसकी बैठक
ह गी, िविनयिमत करने की शिक्तयां ह गी ।
(2) अिधकरण को, इस अिधिनयम के अधीन अपने कृ त्य के िनवर्हन के पर्योजन के िलए, िनम्निलिखत मामल के संबंध म
वाद का िवचारण करते समय वही शिक्तयां ह गी जो िसिवल पर्िकर्या संिहता, 1908 (1908 का 5) के अधीन, िसिवल न्यायालय म
िनिहत ह, अथार्त् :—
30

(क) िकसी व्यिक्त को समन करना और हािजर कराना तथा शपथ पर उसकी परीक्षा करना;
(ख) दस्तावेज या अन्य इलेक्टर्ािनक अिभलेख की खोज करना और उन्ह पेश करने की अपेक्षा करना;
(ग) शपथ पतर् पर सा य गर्हण करना;
(घ) सािक्षय या दस्तावेज की परीक्षा के िलए कमीशन िनकालना;
(ङ) अपने िविनश्चय का पुनिवलोकन करना;
(च) व्यितकर्म के िलए आवेदन खािरज करना या एकपक्षीय िविनश्चय करना;
(छ) कोई अन्य िवषय, जो के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत िकया जाए ।
(3) अिधकरण के समक्ष पर्त्येक कायर्वाही भारतीय दंड संिहता (1860 का 45) की धारा 193 और धारा 228 के अथार्न्तगर्त
और धारा 196 के पर्योजन के िलए न्याियक कायर्वाही समझी जाएगी और अिधकरण दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का 2) की
धारा 195 और अध्याय 26 के सभी पर्योजन के िलए िसिवल न्यायालय समझा जाएगा ।
(4) अपीलाथ या तो स्वयं उपसंजात हो सके गा या एक या अिधक िविध व्यवसाियय या अिधक िविध व्यवसाियय या अपने
िकसी अिधकारी को अपने मामले का अिधकरण के समक्ष पर्ितिनिधत्व करने के िलए पर्ािधकृ त कर सके गा ।
(5) पिरसीमा अिधिनयम, 1963 (1963 का 36) के उपबंध, इस अिधिनयम म जैसा अन्यथा उपबंिधत है उसके िसवाय,
अिधकरण को की गई अपील को लागू ह गे ।
(6) अिधकरण के िकसी िविनश्चय या आदेश से व्यिथत कोई व्यिक्त, उसे अिधकरण के िविनश्चय या आदेश की संसूचना की
तारीख से साठ िदन के भीतर उस आदेश से उद्भूत होने वाले िकसी तथ्य या िविध के पर्श्न पर उच्च न्यायालय को अपील फाइल कर
सके गा :
परन्तु उच्च न्यायालय, यिद उसका यह समाधान हो जाता है िक अपीलाथ िकसी पयार्प्त कारण से उक्त अविध के भीतर
अपील फाइल करने से िनवािरत हुआ था, तो साठ िदन से अनिधक की और अविध के भीतर फाइल करने के िलए अनुज्ञात कर सके गा ।
72. िसिवल न्यायालय की अिधकािरता का न होना—िकसी िसिवल न्यायालय को, िकसी ऐसे िवषय के संबंध म वाद या
कायर्वाही गर्हण करने की अिधकािरता नह होगी, िजसका अवधारण करने के िलए कोई न्यायिनणार्यक अिधकारी या अिधकरण इस
अिधिनयम ारा या उसके अधीन सशक्त है और इस अिधिनयम ारा या उसके अधीन पर्द िकसी शिक्त के अनुसरण म की गई या की
जाने वाली िकसी कारर् वाई के संबंध म कोई न्यायालय या अन्य पर्ािधकारी कोई व्यादेश अनुद नह करे गा ।
73. मामल का संिक्षप्त िवचारण करने की न्यायालय की शिक्त—दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का 2) म िकसी बात के
होते हुए भी, ऐसे सभी अपराध का, जो िवशेष न्यायालय ारा िवचारणीय नह ह, पर्थम शर्ेणी न्याियक मिजस्टर्ेट या मेटर्ोपोिलटन
मिजस्टर्ेट ारा संिक्षप्त िवचारण िकया जाएगा और ऐसे िवचारण को, यथाशक्य, उक्त संिहता की धारा 262 से धारा 265 (इसम दोन
धाराएं सिम्मिलत ह) के उपबंध लागू ह गे :
परन्तु इस धारा के अधीन िकसी संिक्षप्त िवचारण म िकसी दोषिसि की दशा म, िकसी मिजस्टर्ेट के िलए एक वषर् से
अनिधक अविध के कारावास का दंडादेश पािरत करना िविधपूणर् होगा:
परन्तु यह और िक जब इस धारा के अधीन िकसी संिक्षप्त िवचारण के पर्ारम्भ पर या उसके दौरान मिजस्टर्ेट को यह पर्तीत
होता है िक मामले की पर्कृ ित इस पर्कार की है िक उसम एक वषर् से अिधक अविध के कारावास का दंडादेश पािरत होना चािहए या
िकसी अन्य कारण से मामले का संिक्षप्त िवचारण अवांछनीय है, तो मिजस्टर्ेट, पक्षकार की सुनवाई करने के पश्चात्, उस आशय का
एक आदेश अिभिलिखत करे गा और तत्पश्चात् ऐसे िकसी साक्षी को बुलाएगा िजसकी परीक्षा की जानी चािहए थी और उस मामले की
उक्त संिहता ारा उपबंिधत रीित म सुनवाई या पुन: सुनवाई करने के िलए कायर्वाही करे गा ।
74. िवशेष न्यायालय और लोक अिभयोजक—(1) इस अिधिनयम या दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का 2) म िकसी बात
के होते हुए भी, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार अपनी-अपनी अिधकािरता म, यिद वह ऐसा करना लोकिहत म समीचीन और
आवश्यक समझती है, तो उपभोक्ता की घोर क्षित या मृत्यु से संबंिधत ऐसे अपराध के िवचारण के िलए, िजनके िलए इस अिधिनयम
के अधीन तीन वषर् से अिधक के कारावास का दंड िविहत िकया गया है, राजपतर् म अिधसूचना ारा, उच्च न्यायालय के मुख्य
न्यायमूित की सहमित से उतने िवशेष न्यायालय का िजतने ऐसे क्षेतर् या क्षेतर् के िलए आवश्यक ह और ऐसी अिधकािरता का पर्योग
करने के िलए िजसे अिधसूचना म िविनिदष्ट िकया जाए, गठन कर सके गी ।
(2) कोई िवशेष न्यायालय, स्वपर्ेरणा से या लोक अिभयोजक के आवेदन पर और यिद वह ऐसा करना समीचीन या वांछनीय
समझता है तो अपनी िकन्ह कायर्वािहय के िलए, अपने आसीन होने के सामान्य स्थान से िभन्न िकसी स्थान पर आसीन हो सके गा ।
(3) िकसी िवशेष न्यायालय ारा इस अिधिनयम के अधीन िकसी अपराध के िवचारण को, अिभयुक्त के िवरु िकसी अन्य
न्यायालय (जो कोई िवशेष न्यायालय नह है) म िकसी िवचारण के मुकाबले अगर्ता होगी और उसका ऐसे िकसी अन्य मामले के
िवचारण पर अिधमानता देते हुए िनणर्य िकया जाएगा और तद्नुसार ऐसे अन्य मामले का िवचारण पर्ास्थिगत रहेगा ।
31

(4) यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार, पर्त्येक िवशेष न्यायालय के िलए िकसी व्यिक्त को लोक अिभयोजक के
रूप म िनयुक्त करे गी और वह एक से अिधक व्यिक्तय को अपर लोक अिभयोजक के रूप म िनयुक्त कर सके गी :
परन्तु, यथािस्थित, के न्दर्ीय सरकार या राज्य सरकार िकसी मामले या मामल के िकसी वगर् अथवा समूह के िलए िकसी
िवशेष लोक अिभयोजक को भी िनयुक्त कर सके गी ।
(5) कोई भी व्यिक्त इस धारा के अधीन लोक अिभयोजक या अपर लोक अिभयोजक या िवशेष लोक अिभयोजक के रूप म
िनयुिक्त के िलए तभी अिहत होगा, जब वह कम से कम सात वषर् तक अिधवक्ता के रूप म व्यवसाय म रहा हो या उसने संघ या राज्य
के अधीन कम से कम सात वषर् की अविध के िलए ऐसा पद धारण िकया हो, िजसम िविध का िवशेष ज्ञान अपेिक्षत हो ।
75. िनयिमत न्यायालय को मामले अंतिरत करने की शिक्त—जहां, िकसी अपराध का संज्ञान करने के पश्चात्, िकसी िवशेष
न्यायालय की यह राय है िक वह अपराध उसके ारा िवचारणीय नह है तो, वह इस बात के होते हुए भी िक उसे ऐसे अपराध का
िवचारण करने की अिधकािरता नह है, वहां वह ऐसे अपराध के िवचारण के िलए उस मामले को दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का
2) के अधीन अिधकािरता रखने वाले िकसी न्यायालय को अंतिरत करे गा और वह न्यायालय, िजसे मामला अंतिरत िकया जाता है , उस
अपराध का इस पर्कार िवचारण कर सके गा, मानो उसने ही अपराध का संज्ञान िकया हो ।
76. अपील—(1) िकसी िवशेष न्यायालय के िकसी िविनश्चय या आदेश से व्यिथत कोई व्यिक्त, ऐसी फीस के संदाय पर, जो
के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत की जाए, और ऐसी रकम को, यिद कोई हो, िजसे इस अिधिनयम के अधीन शािस्त, पर्ितकर या नुकसान के
रूप म अिधरोिपत िकया गया है, जमा करने के पश्चात्, उस तारीख से, िजसको आदेश की तामील की गई थी, पतालीस िदन के भीतर
उच्च न्यायालय को अपील कर सके गा:
परन्तु उच्च न्यायाल, यिद उसका यह समाधान हो जाता है िक अपीलाथ पयार्प्त कारण से उक्त अविध के भीतर अपील
करने से िनवािरत हुआ था, पतालीस िदन की उक्त अविध की समािप्त के पश्चात् िकसी अपील को गर्हण कर सके गा ।
(2) इस धारा के अधीन की गई अपील का िनपटारा उच्च न्यायालय की िकसी ऐसी न्यायपीठ ारा िकया जाएगा, िजसम
कम से कम दो न्यायाधीश ह ।
77. अिभयोजन के िलए समय-सीमा—इस अिधिनयम म िकसी बात के होते हुए भी, कोई न्यायालय इस अिधिनयम के
अधीन िकसी अपराध के कािरत होने की तारीख से एक वषर् की अविध की समािप्त के पश्चात् िकसी अपराध का संज्ञान नह करे गा:
परन्तु खा सुरक्षा आयुक्त, लेखब िकए गए कारण से तीन वषर् तक की िवस्तािरत अविध के भीतर अिभयोजन का
अनुमोदन कर सके गा ।
78. िविनमार्ता, आिद को पक्षकार बनाने की न्यायालय की शिक्त—जहां न्यायालय का, इस अिधिनयम के अधीन िकसी ऐसे
अपराध के िवचारण के दौरान, जो अिभकिथत रूप से िकसी ऐसे व्यिक्त ारा िकया गया है, जो िकसी खा पदाथर् का आयातकतार्,
िविनमार्ता, िवतरक या व्यौहारी नह है, िकसी समय, उसके समक्ष िदए गए सा य के आधार पर यह समाधान हो जाता है िक ऐसा
आयातकतार्, िविनमार्ता, िवतरक या व्यौहारी का भी उस अपराध से संबंध है वहां वह न्यायालय, दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का
2) की धारा 319 की उपधारा (3) या इस अिधिनयम की धारा 71 म िकसी बात के होते हुए भी, उसके िवरु इस पर्कार कायर्वाही
करे गा, जैसे िक इस अिधिनयम के अधीन कोई अिभयोजन संिस्थत िकया गया हो ।
79. विधत दंड अिधरोिपत करने की मिजस्टर्ेट की शिक्त—दंड पर्िकर्या संिहता, 1973 (1974 का 2) की धारा 29 म िकसी
बात के होते हुए भी, मामूली अिधकािरता रखने वाले न्यायालय के िलए छह वषर् से अनिधक के कारावास के िसवाय, इस अिधिनयम
ारा पर्ािधकृ त कोई दंडादेश, उक्त धारा के अधीन अपनी शिक्त के आिधक्य म, पािरत करना िविधपूणर् होगा ।
80. पर्ितरक्षा, जो इस अिधिनयम के अधीन अिभयोजन म अनुज्ञात की जा सके गी या नह की जा सके गी—(अ) िवज्ञापन के
पर्काशन से संबंिधत पर्ितरक्षा—
(1) इस अिधिनयम के अधीन िकसी िवज्ञापन के पर्काशन से संबंिधत िकसी अपराध के िलए िकसी कायर्वाही म,
िकसी व्यिक्त के िलए यह सािबत करना पर्ितरक्षा है िक वह व्यिक्त िवज्ञापन के पर्काशन या पर्काशन की व्यवस्था करने का
कारबार करता है और यह िक उस व्यिक्त ने उस कारबार के सामान्य अनुकर्म म पर्श्नगत िवज्ञापन का पर्काशन िकया है या
पर्काशन की व्यवस्था की है ।
(2) खंड (1) तब लागू नह होता है, जब—
(क) उस व्यिक्त को युिक्तयुक्त रूप से यह पता होना चािहए था िक िवज्ञापन का पर्काशन एक अपराध
था; या
(ख) उस व्यिक्त को सुसंगत पर्ािधकारी ारा पूवर् म यह सूचना दे दी गई थी िक ऐसे िकसी िवज्ञापन का
पर्काशन एक अपराध है; या
(ग) वह व्यिक्त खा कारबारकतार् है या खा कारबार के संचालन से अन्यथा संबंिधत है, िजनके िलए
संबंिधत िवज्ञापन का पर्काशन िकया गया था ।
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(आ) सम्यक् तत्परता की पर्ितरक्षा—


(1) िकसी अपराध के िलए िकन्ह कायर्वािहय म यह एक पर्ितरक्षा है, यिद वह सािबत हो जाता है िक उस व्यिक्त
ने, ऐसे व्यिक्त ारा या उस व्यिक्त के िनयंतर्णाधीन िकसी व्यिक्त ारा अपराध कािरत िकए जाने से िनवािरत करने के िलए
सभी युिक्तयुक्त पूवार्वधािनयां बरती थ और सभी सम्यक् तत्परता का पर्योग िकया था ।
(2) िकसी व्यिक्त ारा खंड (1) की अपेक्षा की पूित िकए जाने के तरीक को सीिमत िकए िबना, कोई व्यिक्त
उन अपेक्षा को पूरा कर देता है यिद यह सािबत कर िदया जाता है िक :—
(क) अपराध—
(i) िकसी अन्य व्यिक्त के िकसी कायर् या व्यितकर्म के कारण हुआ था;
(ii) िकसी अन्य व्यिक्त ारा दी गई सूचना पर िवश्वास करने के कारण हुआ था; और
(ख) यह िक—
(i) उस व्यिक्त ने संबंिधत खा की ऐसी सभी जांच की थी, जो सभी पिरिस्थतय म
युिक्तयुक्त थी; या
(ii) उस व्यिक्त ारा िजसने ऐसे खा का पर्दाय उस व्यिक्त को िकया था, की गई जांच पर
िवश्वास करना सभी पिरिस्थितय म युिक्तयुक्त था, और
(ग) यह िक उस व्यिक्त ने िकसी अन्य देश से उसकी अिधकािरता के भीतर खा का आयात नह िकया
था; और
(घ) ऐसे िकसी अपराध की दशा म, िजसम खा का िवकर्य अंतवर्िलत है,—
(i) उस व्यिक्त ने खा का उसी िस्थित म िवकर्य िकया था, िजसम उस व्यिक्त ने उसका कर्य
िकया था; या
(ii) उस व्यिक्त ने खा का उस िस्थित से, िजसम उस व्यिक्त ने उसका कर्य िकया था, िभन्न
िस्थित म िवकर्य िकया था, िकतु ऐसे अंतर के पिरणामस्वरूप इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए
िनयम और िविनयम का कोई उल्लंघन नह हुआ है; और
(ङ) यह िक उस व्यिक्त को किथत अपराध के कािरत िकए जाने के समय यह जानकारी नह थी या
उसके पास यह संदह
े करने का कोई कारण नह था िक उस व्यिक्त का वह कायर् या लोप सुसंगत धारा के अधीन
एक अपराध होगा ।
(3) खंड (2) के उपखंड (क) म, अन्य व्यिक्त के अंतगर्त ऐसा कोई व्यिक्त नह है, जो—
(क) पर्ितवादी का कोई कमर्चारी या अिभकतार् था; या
(ख) ऐसे पर्ितवादी की दशा म, जो एक कं पनी है, उस कं पनी का कोई िनदेशक, कमर्चारी या अिभकतार्
था ।
(4) िकसी व्यिक्त ारा खंड (1) और खंड (2) के उपखंड (ख) की मद (i) की अपेक्षा को पूरा िकए जाने के तरीक
को सीिमत िकए िबना, कोई व्यिक्त यह सािबत करके उन अपेक्षा को पूरा कर सके गा िक—
(क) िकसी ऐसे खा कारबार से संबंिधत िकसी अपराध की दशा म, िजसके िलए िविनयम के अनुसार
खा सुरक्षा कायर्कर्म तैयार िकया जाना अपेिक्षत है, व्यिक्त ने, खा कारबार के िलए ऐसे खा सुरक्षा कायर्कर्म
का अनुपालन िकया है जो िविनयम की अपेक्षा को पूरा करता है, या
(ख) िकसी अन्य दशा म, व्यिक्त ने ऐसी स्कीम (उदाहरणाथर्, क्वािलटी आश्वासन कायर्कर्म या उ ोग
की आचार संिहता) का अनुपालन िकया है—
(i) िजसे खा सुरक्षा के पिरसंकट से िनपटने के िलए तैयार िकया गया था और जो, उसके
पर्योजन के िलए तैयार राष्टर्ीय या अन्तरराष्टर्ीय मानक , संिहता या मागर्दशर्क िस ांत पर,
आधािरत थी, और
(ii) िजसका िकसी रीित म पर्लेखीकरण िकया गया था ।
(इ) भूल से िकए गए और युिक्तयुक्त िवश्वास की पर्ितरक्षा का उपलब्ध न होना—
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इस अिधिनयम के उपबंध के अधीन िकसी अपराध के िलए िकन्ह कायर्वािहय म यह कोई पर्ितरक्षा नह है िक
पर्ितवादी ने कोई भूल की थी िकन्तु उसके पास उन तथ्य के बारे म जो अपराध का गठन करते ह, युिक्तयुक्त िवश्वास करने
का कारण था ।
(ई) खा की उठाई-धराई से संबंिधत पर्ितरक्षा—
धारा 56 के अधीन िकसी अपराध के िलए िकन्ह कायर्वािहय म, यिद यह सािबत हो जाता है िक खा की ऐसी
रीित म उठाई-धराई के , िजससे खा के असुरिक्षत होने की संभावना थी, तुरन्त पश्चात् उस खा को, िजससे अपराध
संबंिधत है, नष्ट कराया था या अन्यथा व्ययन करा िदया था, तो यह एक पर्ितरक्षा है ।
(उ) खा की पर्कृ ित, अंतवर्स्तु या क्वािलटी के महत्व की पर्ितरक्षाएं—
खा की िकसी असुरिक्षत या िमथ्या छाप वाली वस्तु के िवकर्य के अपराध के िलए िकसी अिभयोजन म के वल यह
अिभकथन करना कोई पर्ितरक्षा नह होगी िक खा कारबारकतार्, उसके ारा िवकर्य िकए गए खा की पर्कृ ित, अन्तवर्स्तु या
क्वािलटी के संबंध म अनिभज्ञ था या यह िक कर्ेता ारा कोई वस्तु िवश्लेषण के िलए कर्य िकए जाने के कारण, उस पर िवकर्य
ारा कोई पर्ितकू ल पर्भाव नह पड़ा है ।
अध्याय 11

िव , लेखा, लेखापरीक्षा और िरपोट


81. खा पर्ािधकरण का बजट—(1) खा पर्ािधकरण, पर्त्येक िव ीय वषर् म, ऐसे पर्रूप म और ऐसे समय पर, जो के न्दर्ीय
सरकार ारा िविहत िकया जाए, आगामी िव ीय वषर् के िलए अपना बजट तैयार करे गा, िजसम खा पर्ािधकरण की पर्ाक्किलत
पर्ािप्तयां और व्यय दिशत ह गे और उसे के न्दर्ीय सरकार को अगर्ेिषत करे गा ।
(2) खा पर्ािधकरण, के न्दर्ीय सरकार के पूवर् अनुमोदन से, ऐसे िव ीय िविनयम को अपनाएगा, जो िविशष्ट रूप म
पर्ािधकरण के बजट को तैयार करने और उसके िकर्यान्वयन की पर्िकर्या को िविनिदष्ट करता है ।
82. खा पर्ािधकरण के िव —(1) के न्दर्ीय सरकार, सम्यक् िविनयोग के पश्चात् खा पर्ािधकरण को ऐसी रािशय का
अनुदान दे सके गी िजन्ह के न्दर्ीय सरकार ठीक समझे ।
(2) खा पर्ािधकरण, कदर्ीय सलाहकार सिमित की िसफािरश पर, अनुज्ञिप्तधारी खा कारबारकतार् , पर्त्याियत
पर्योगशाला या खा सुरक्षा लेखा परीक्षक से एक शर्ेणीकृ त फीस िविनिदष्ट करेगा, िजसे खा सुरक्षा आयुक्त ारा पर्भािरत िकया
जाएगा ।
83. खा पर्ािधकरण के लेखा और लेखापरीक्षा—(1) खा पर्ािधकरण, समुिचत लेखा और सुसंगत अिभलेख रखेगा और ऐसे
पर्रूप म वािषक लेखा िववरण तैयार करे गा, जो के न्दर्ीय सरकार ारा, भारत के िनयंतर्क-महालेखापरीक्षक के परामशर् से िविहत िकया
जाए ।
(2) िनयंतर्क-महालेखापरीक्षक और इस अिधिनयम के अधीन खा पर्ािधकरण के लेखा की लेखापरीक्षा के संबंध म उसके
ारा िनयुक्त िकसी व्यिक्त को ऐसी लेखापरीक्षा के संबंध म वही अिधकार, िवशेषािधकार और पर्ािधकार ह गे, जो
िनयंतर्क-महालेखापरीक्षक के सरकार के लेखा की लेखापरीक्षा के संबंध म साधारण रूप म होते ह और उसे िविशष्ट रूप से
लेखा-बिहय , लेखा , संबंिधत वाउचर और अन्य दस्तावेज तथा कागज पतर् को पर्स्तुत करने की मांग करने और खा पर्ािधकरण के
िकसी भी कायार्लय का िनरीक्षण करने का अिधकार होगा ।
(3) िनयंतर्क-महालेखापरीक्षक ारा या इस िनिमत्त्ा उसके ारा िनयुक्त िकसी अन्य व्यिक्त ारा यथा पर्मािणत खा
पर्ािधकरण के लेखा को, उनकी लेखापरीक्षा िरपोटर् के साथ, वािषक रूप से खा पर्ािधकरण ारा के न्दर्ीय सरकार को अगर्ेिषत िकया
जाएगा और के न्दर्ीय सरकार उनकी पर्ािप्त के पश्चात् यथासंभव शीघर् उसे संसद् के पर्त्येक सदन के समक्ष रखवाएगी ।
84. खा पर्ािधकरण की वािषक िरपोटर्—(1) खा पर्ािधकरण, पर्त्येक वषर् म एक बार, ऐसे पर्रूप म और ऐसे समय पर जो
के न्दर्ीय सरकार ारा िविहत िकया जाए, पूवर्वत वषर् के दौरान अपने िकर्याकलाप का संक्षेप म वणर्न करते हुए एक वािषक िरपोटर्
तैयार करे गा और िरपोटर् की पर्ितयां के न्दर्ीय सरकार और राज्य सरकार को भेजी जाएंगी ।
(2) उपधारा (1) के अधीन पर्ाप्त िरपोटर् की एक पर्ित को, उसकी पर्ािप्त के पश्चात् यथासंभव शीघर् संसद् के पर्त्येक सदन के
समक्ष रखा जाएगा ।
अध्याय 12

पर्कीणर्
85. खा पर्ािधकरण को िनदेश जारी करने और िरपोटर् तथा िववरिणयां अिभपर्ाप्त करने की के न्दर्ीय सरकार की शिक्त—(1)
इस अिधिनयम के पूवर्गामी उपबंध पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, खा पर्ािधकरण, इस अिधिनयम के अधीन अपनी शिक्तय का
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पर्योग करते हुए और अपने कृ त्य का पालन करते हुए, नीित के ऐसे पर्श्न पर, जो तकनीकी और पर्शासिनक िवषय से संबंिधत पर्श्न
से िभन्न ह, ऐसे िनदेश ारा जो के न्दर्ीय सरकार समय-समय पर िलिखत रूप म दे, आब होगा :
परं तु इस उपधारा के अधीन कोई िनदेश िदए जाने से पूवर् खा पर्ािधकरण को, यथासाध्य, अपने िवचार अिभव्यक्त करने का
अवसर िदया जाएगा ।
(2) यिद के न्दर्ीय सरकार और खा पर्ािधकरण के बीच इस संबंध म कोई िववाद उत्पन्न होता है िक कोई पर्श्न नीित से
संबंिधत है अथवा नह , तो इस पर के न्दर्ीय सरकार का िविनश्चय अंितम होगा ।
(3) खा पर्ािधकरण, के न्दर्ीय सरकार को, अपने िकर्याकलाप के संबंध म ऐसी िववरिणयां या अन्य सूचना देगा, िजनकी
के न्दर्ीय सरकार समय-समय पर अपेक्षा करे ।
86. राज्य सरकार को िनदेश देने की के न्दर्ीय सरकार की शिक्त—के न्दर्ीय सरकार, इस अिधिनयम के सभी या िकन्ह उपबंध
के िकर्यान्वयन के िलए िकसी राज्य सरकार को ऐसे िनदेश दे सके गी, िजन्ह वह आवश्यक समझे और राज्य सरकार ऐसे िनदेश का
अनुपालन करे गी ।
87. खा पर्ािधकरण के सदस्य , अिधकािरय तथा खा सुरक्षा आयुक्त का लोक सेवक होना—खा पर्ािधकरण के सदस्य ,
अिधकािरय और खा सुरक्षा आयुक्त और उनके अिधकािरय को, जब वे इस अिधिनयम के िकसी भी उपबंध के अनुसरण म कायर् कर
रहे ह या उनका कायर् करना तात्पियत है, भारतीय दंड संिहता (1860 का 45) की धारा 21 के अथार्ंतगर्त लोक सेवक समझा जाएगा ।
88. स ावपूवक र् की गई कारर् वाई के िलए संरक्षण—इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयम या िविनयम के
अधीन स ावपूवर्क की गई या की जाने के िलए आशियत िकसी बात के िलए कोई भी वाद, अिभयोजन या अन्य िविधक कायर्वाही,
के न्दर्ीय सरकार, राज्य सरकार, खा पर्ािधकरण और इस अिधिनयम के अधीन गिठत अन्य िनकाय अथवा के न्दर्ीय सरकार या राज्य
सरकार के िकसी अिधकारी या ऐसे पर्ािधकरण और िनकाय के िकसी सदस्य, अिधकारी या अन्य कमर्चारी अथवा इस अिधिनयम के
अधीन कायर्रत िकसी अन्य अिधकारी के िवरु नह होगी ।
89. इस अिधिनयम का अन्य सभी खा संबध ं ी िविधय पर अध्यारोही पर्भाव होना—इस अिधिनयम के उपबंध, तत्समय
पर्वृ िकसी अन्य िविध म या इस अिधिनयम से िभन्न िकसी अन्य िविध के फलस्वरूप पर्भावी िकसी अन्य िलखत म इसके असंगत
िकसी बात के होते हुए भी पर्भावी ह गे ।
90. िविभन्न खा संबध
ं ी अिधिनयम या आदेश को शािसत करने वाले के न्दर्ीय सरकार के अिभकरण के िव मान
कमर्चािरय का खा पर्ािधकरण को अंतरण—खा पर्ािधकरण की स्थापना की तारीख से ही, खा िविधय को पर्शािसत करने वाले
के न्दर्ीय सरकार के अिभकरण के अधीन उस तारीख से ठीक पूवर् पद धारण करने वाला पर्त्येक कमर्चारी, उसी पदाविध तक और सेवा
की उन्ह शत और िनबंधन पर, िजनके अंतगर्त पािरशर्िमक, छु ी, भिवष्य-िनिध, सेवािनवृि और अन्य सेवांत पर्सुिवधाएं भी ह,
खा पर्ािधकरण म अपना पद उसी पर्कार धारण करे गा जैसा वह तब धारण करता यिद पर्ािधकरण की स्थापना न हुई होती, और यिद
ऐसा कमर्चारी खा पर्ािधकरण का कमर्चारी न होने का िवकल्प नह देता है तो वह खा पर्ािधकरण के कमर्चारी के रूप म कायर् करता
रहेगा या उस तारीख से छह मास की अविध के अवसान तक ऐसा करता रहेगा ।
91. के न्दर्ीय सरकार की िनयम बनाने की शिक्त—(1) के न्दीय सरकार, इस अिधिनयम के उपबंध को कायार्िन्वत करने के
िलए िनयम राजपतर् म अिधसूचना ारा बना सके गी ।
(2) िविशष्टतया और पूवर्गामी शिक्त की व्यापकता पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना, ऐसे िनयम िनम्निलिखत सभी या िकन्ह
िवषय के िलए उपबन्ध कर सकगे, अिधकार :—
(क) धारा 7 की उपधारा (2) के अधीन अध्यक्ष और पदेन सदस्य से िभन्न सदस्य के वेतन, पदाविध और सेवा की
शत तथा उसकी उपधारा (3) के अधीन पद और गोपनीयता की शपथ की रीित;
(ख) धारा 37 की उपधारा (1) के अधीन खा सुरक्षा अिधकारी की अहर्ताएं;
(ग) धारा 38 की उपधारा (8) के अधीन अिभगृहीत दस्तावेज से उ रण लेने की रीित;
(घ) धारा 42 की उपधारा (4) के अधीन समुिचत न्यायालय को िनदश करने के िलए मामल का अवधारण और
ऐसे अवधारण के िलए समय-सीमा;
(ङ) धारा 45 के अधीन खा िवश्लेषक की अहर्ताएं;
(च) धारा 47 की उपधारा (1) के अधीन िवश्लेषण के िलए नमूने भेजने की रीित और इस संबंध म अनुसिरत की
जाने वाली पर्िकर्या के ब्यौरे ;
(छ) धारा 68 की उपधारा (1) के अधीन मामल के न्यायिनणर्यन म अनुसिरत की जाने वाली पर्िकर्या;
(ज) धारा 70 की उपधारा (4) के अधीन पीठासीन अिधकारी की अहर्ताएं, पदाविध, त्यागपतर् और उसका हटाया
जाना, अपील की पर्िकर्या और उपधारा (5) के अधीन अिधकरण की शिक्तयां;
35

(झ) धारा 71 की उपधारा (2) के खंड (छ) के अधीन पर्िकर्या और अिधकरण की शिक्तय से संबंिधत कोई अन्य
िवषय;
(ञ) धारा 76 की उपधारा (1) के अधीन उच्च न्यायालय को अपील करने के िलए संद की जाने वाली फीस;
(ट) धारा 81 की उपधारा (1) के अधीन बजट पर्रूप और समय;
(ठ) धारा 83 की उपधारा (1) के अधीन लेखा का पर्रूप और िववरण;
(ड) धारा 84 की उपधारा (1) के अधीन खा पर्ािधकरण ारा वािषक िरपोटर् तैयार िकए जाने का पर्रूप और
समय; और
(ढ) कोई अन्य िवषय जो िविहत िकया जाना अपेिक्षत है या िविहत िकया जाए या िजसकी बाबत के न्दर्ीय सरकार
ारा िनयम ारा उपबंध िकया जाना है ।
92. खा पर्ािधकरण की िविनयम बनाने की शिक्त—(1) खा पर्ािधकरण इस अिधिनयम के उपबंध को कायार्िन्वत करने के
िलए इस अिधिनयम और उसके अधीन बनाए गए िनयम के संगत िविनयम अिधसूचना ारा बना सके गा ।
(2) िविशष्टतया और पूवर्गामी शिक्त की व्यापकता पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना ऐसे िविनयम िनम्निलिखत सभी या
िकन्ह िवषय के िलए उपबंध कर सकगे, अथार्त्:—
(क) धारा 9 की उपधारा (3) के अधीन खा पर्ािधकरण के अिधकािरय और अन्य कमर्चािरय के वेतन और सेवा
की अन्य शत;
(ख) धारा 11 की उपधारा (5) के अधीन कारबार के संव्यवहार के िलए पर्िकर्या के िनयम;
(ग) धारा 12 की उपधारा (2) के अधीन के न्दर्ीय सलाहकार सिमित के अन्य कृ त्य;
(घ) धारा 15 की उपधारा (4) के अधीन वैज्ञािनक सिमित और पैनल की पर्िकर्या;
(ङ) धारा 16 की उपधारा (2) के अधीन मानव उपभोग के िलए आशियत खा पदाथ के संबंध म मानक और
मागर्दशर्क िस ांत अिधसूिचत करना;
(च) धारा 17 की उपधारा (1) के अधीन खा पर्ािधकरण ारा अपनी बैठक म कारबार के संव्यवहार के िलए
अनुसिरत की जाने वाली पर्िकर्या;
(छ) धारा 18 की उपधारा (2) के खंड (घ) के अधीन खा सुरक्षा या लोक स्वास्थ्य से संबिधत अत्यावश्यकता की
दृिष्ट से िविनयम बनाना या उनका संशोधन करना;
(ज) धारा 19 के अधीन योज्यक की सीमाएं;
(झ) धारा 20 के अधीन संदष
ू क , िवषैले पदाथ और भारी धातु आिद की मातर्ा की सीमाएं;
(ञ) धारा 21 के अधीन नाशकजीवमार , पशु औषिध अविशष्ट आिद की सहाय्य सीमा;
(ट) धारा 23 के अधीन खा को िचन्हांिकत करने और लेबल लगाने की रीित;
(ठ) वह पर्रूप िजसम धारा 26 की उपधारा (4) के अधीन गारं टी दी जाएगी;
(ड) धारा 28 की उपधारा (4) के अधीन खा वापस लेने की पर्िकर्या से संबंिधत शत और मागर्दशर्क िस ांत;
(ढ) धारा 29 की उपधारा (5) के अधीन खा सुरक्षा अिधकारी के कृ त्य से संबंिधत िविनयम;
(ण) रिजस्टर्ीकरण पर्ािधकारी और रिजस्टर्ीकरण की रीित, अनुज्ञिप्त अिभपर्ाप्त करने के िलए आवेदन करने की
रीित, उसके िलए संदय े फीस तथा उन पिरिस्थितय को, िजनके अधीन धारा 31 के अधीन ऐसी अनुज्ञिप्त र या समपहृत
की जा सके गी, अिधसूिचत करना;
(त) संबंिधत क्षेतर् िजनके अिभिहत अिधकारी धारा 36 की उपधारा (1) के अधीन खा सुरक्षा पर्शासन के
भारसाधक ह गे;
(थ) धारा 40 की उपधारा (1) के अधीन खा का िवश्लेषण कराने की पर्िकर्या, फीस के ब्यौरे आिद;
(द) धारा 43 की उपधारा (3) के अधीन खा पर्योगशाला के कृ त्य और उनके ारा अनुसिरत की जाने वाली
पर्िकर्या;
(ध) धारा 47 की उपधारा (6) के अधीन प ािरय ारा अनुसिरत की जाने वाली पर्िकर्या;
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(न) धारा 81 की उपधारा (2) के अधीन खा पर्ािधकरण ारा अपना बजट तैयार करने म अनुसिरत िकए जाने
वाले िव ीय िविनयम;
(प) कोडेक्स बैठक म भाग लेने के िलए मागर्दशर्क िस ांत या िनदेश जारी करना तथा कोडेक्स िवषय के उ र
तैयार करना; और
(फ) कोई अन्य िवषय िजनका िविनयम ारा िविनिदष्ट िकया जाना अपेिक्षत है या िविनिदष्ट िकए जाएं या
िजसकी बाबत िविनयम ारा उपबंध िकया जाना है ।
93. िनयम और िविनयम का संसद के समक्ष रखा जाना—इस अिधिनयम के अधीन बनाया गया पर्त्येक िनयम और पर्त्येक
िविनयम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघर्, संसद् के पर्त्येक सदन के समक्ष, जब वह सतर् म हो, कु ल तीस िदन की अविध के िलए रखा
जाएगा । यह अविध एक सतर् म अथवा दो या अिधक आनुकर्िमक सतर् म पूरी हो सके गी । यिद उस सतर् के या पूव क्त आनुकर्िमक सतर्
के ठीक बाद के सतर् के अवसान के पूवर् दोन सदन उस िनयम या िविनयम म कोई पिरवतर्न करने के िलए सहमत हो जाएं तो तत्पचात्
वह िनयम या िविनयम ऐसे पिरवितत रूप म ही पर्भावी होगा । यिद उक्त अवसान के पूवर् दोन सदन सहमत हो जाएं िक वह िनयम
या िविनयम नह बनाया जाना चािहए तो तत्पश्चात् वह िनयम या िविनयम िनष्पर्भाव हो जाएगा । िकन्तु िनयम या िविनयम के ,
यथािस्थित, ऐसे पिरवितत या िनष्पर्भाव होने से उसके अधीन पहले की गई िकसी बात की िविधमान्यता पर पर्ितकू ल पर्भाव नह
पड़ेगा ।
94. राज्य सरकार की िनयम बनाने की शिक्त—(1) राज्य सरकार, के न्दर्ीय सरकार और खा पर्ािधकारी की कर्मश: िनयम
और िविनयम बनाने की शिक्त के अधीन रहते हुए, पूवर् पर्काशन के पश्चात् और खा पर्ािधकारी के पूवर् अनुमोदन से इस अिधिनयम
और त ीन बनाए गए िनयम और िविनयम के अधीन राज्य सरकार और राज्य खा सुरक्षा आयुक्त को समनुदिे शत कृ त्य और
कतर्व्य के कायार्न्वयन के िलए िनयम राजपतर् म अिधसूचना ारा, बना सके गी ।
(2) िविशष्टतया और पूवर्गामी शिक्त की व्यापकता पर पर्ितकू ल पर्भाव डाले िबना ऐसे िनयम िनम्निलिखत सभी या िकन्ह
िवषय के िलए उपबंध कर सकगे, अथार्त्:—
(क) धारा 30 की उपधारा (2) के खंड (च) के अधीन खा सुरक्षा आयुक्त के अन्य कृ त्य;
(ख) िनिध िनिश्चत करना और वह रीित िजसम धारा 95 के अधीन अपराध का पता लगाने या अपराधी को
पकड़ने म सहायता देने के िलए िकसी व्यिक्त को पुरस्कार िदया जाएगा; और
(ग) कोई अन्य िवषय जो राज्य सरकार ारा िविहत िकया जाना अपेिक्षत है या िविहत िकया जाए या िजसकी
बाबत िनयम ारा उपबंध िकया जाना है ।
(3) इस अिधिनयम के अधीन राज्य सरकार ारा बनाया गया पर्त्येक िनयम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघर्, जहां दो सदन
ह , राज्य िवधान-मंडल के पर्त्येक सदन के समक्ष, या जहां राज्य िवधान-मंडल एक सदन वाला हो वहां उस सदन के समक्ष रखा
जाएगा ।
95. राज्य सरकार ारा पुरस्कार—राज्य सरकार, खा सुरक्षा आयुक्त को िकसी ऐसे व्यिक्त को जो अपराध का पता लगाने
या अपराधी को पकड़वाने म सहायता करता है, ऐसी िनिध से और ऐसी रीित म, जो राज्य सरकार ारा िविहत की जाए, संद िकए
जाने वाले पुरस्कार के संदाय का आदेश देने के िलए सशक्त कर सके गी ।
96. शािस्त की वसूली—इस अिधिनयम के अधीन अिधरोिपत कोई शािस्त, यिद उसका संदाय नह िकया जाता है तो भू-
राजस्व की बकाया के रूप म वसूल की जाएगी और शािस्त का संदाय होने तक व्यितकर्मी की अनुज्ञिप्त िनलंिबत रहेगी ।
97. िनरसन और व्यावृि यां—(1) ऐसी तारीख से िजसे के न्दर्ीय सरकार इस िनिम िनयत करे , दूसरी अनुसूची म िविनिदष्ट
अिधिनयिमित और आदेश िनरिसत हो जाएंगे :
परन्तु ऐसा िनरसन िनम्निलिखत को पर्भािवत नह करे गा—
(i) िनरसन के अधीन अिधिनयिमित और आदेश का पूवर् पर्वतर्न या उनके अधीन सम्यक् रूप से की गई या सहन
की गई कोई बात; या
(ii) िनरसन के अधीन अिधिनयिमित या आदेश म से िकसी के अधीन अिजत, पर्ोद्भूत या उपगत कोई अिधकार,
िवशेषािधकार, बाध्यता या दाियत्व; या
(iii) िनरसन के अधीन अिधिनयिमित और आदेश के िवरु िकए गए िकन्ह अपराध की बाबत उपगत कोई
शािस्त, समपहरण या दण्ड; या
(iv) िकसी ऐसी शािस्त, समपहरण या दण्ड की बाबत कोई अन्वेषण या उपचार,
और कोई ऐसा अन्वेषण, िविधक कायर्वािहयां या उपचार संिस्थत, जारी या पर्वृ रखी जा सकगी और कोई ऐसी शािस्त, समपहरण या
दण्ड इस पर्कार अिधरोिपत िकया जा सके गा, मानो यह अिधिनयम पािरत नह हुआ हो ।
37

(2) यिद िकसी राज्य म तत्समय इस अिधिनयम के तत्समान, कोई अन्य िविध पर्वृ है, तो वह इस अिधिनयम के पर्ारं भ से ही
िनरिसत हो जाएगी और ऐसी दशा म साधारण खंड अिधिनयम, 1897 (1897 का 10) की धारा 6 के उपबंध इस पर्कार लागू ह गे मानो
राज्य िविध के ऐसे उपबंध िनरिसत िकए जा चुके ह ।
(3) पूव क्त अिधिनयिमित और आदेश के िनरसन या आदेश के होते हुए भी, ऐसी िकसी अिधिनयिमित के अधीन जारी की
गई अनुज्ञिप्तयां जो इस अिधिनयम के पर्ारं भ होने की तारीख को पर्वृ ह, सभी पर्योजन के िलए उनके अवसान की तारीख तक पर्वृ
रहगी, मानो उन्ह इस अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िनयम या िविनयम के उपबंध के अधीन जारी िकया गया था ।
(4) तत्समय पर्वृ िकसी अन्य िविध म िकसी बात के होते हुए भी, कोई न्यायालय िनरिसत अिधिनयम या आदेश के अधीन
िकसी अपराध का संज्ञान इस अिधिनयम के पर्ारं भ की तारीख से तीन वषर् की अविध की समािप्त के पश्चात् नह करे गा ।
98. खा मानक के िलए संकर्मणकालीन उपबंध—दूसरी अनुसूची म िविनिदष्ट अिधिनयिमित और आदेश के िनरसन के
होते हुए भी, मानक सुरक्षा अपेक्षाएं और इस अिधिनयम तथा उसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम और उस अनुसूची म
सूचीब आदेश के अन्य उपबंध इस अिधिनयम या इसके अधीन बनाए गए िनयम और िविनयम के अधीन नए मानक को िविनिदष्ट
िकए जाने तक पर्वृ और पर्वितत रहगे :
परन्तु िनरसन के अधीन अिधिनयिमित और आदेश के अधीन की गई कोई बात या की गई कोई कारर् वाई, इस अिधिनयम के
तत्स्थानी उपबंध के अधीन की गई समझी जाएगी और तद्नुसार वह तब तक पर्भाव म बनी रहेगी जब तक िक इस अिधिनयम के
अधीन की गई िकसी बात या िकसी कारर् वाई ारा उसे अिधकर्ांत न कर िदया जाए ।
99. दुग्ध और दुग्ध उत्पाद आदेश, 1992 को इस अिधिनयम के अधीन बनाया गया िविनयम समझा जाएगा—(1) इस
अिधिनयम के पर्ारं भ की तारीख से ही आवश्यक वस्तु अिधिनयम, 1955 (1955 का 10) के अधीन जारी दुग्ध और दुग्ध उत्पाद आदेश,
1992 को इस अिधिनयम के अधीन खा पर्ािधकरण ारा जारी दुग्ध और दुग्ध उत्पाद िविनयम, 1992 समझा जाएगा ।
(2) खा पर्ािधकरण, के न्दर्ीय सरकार के पूवर् अनुमोदन से और पूवर् पर्काशन के पश्चात्, इस अिधिनयम के पर्योजन को
कायार्िन्वत करने के िलए उपधारा (1) म िविनिदष्ट िविनयम का संशोधन अिधसूचना ारा, कर सके गा ।
100. िशशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और िशशु-खा (उत्पादन, पर्दाय और िवतरण का िविनयमन) अिधिनयम, 1992 का
संशोधन—अिधसूिचत तारीख से ही िशशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और िशशु-खा (उत्पादन, पर्दाय और िवतरण का िविनयमन)
अिधिनयम, 1992 (1992 का 41) (िजसे इसम इसके पश्चात् मूल अिधिनयम कहा गया है) के उपबंध िनम्निलिखत संशोधन के अधीन
रहते हुए लागू ह गे, अथार्त् :—
(क) मूल अिधिनयम म, सवर्तर् “खा अपिमशर्ण िनवारण अिधिनयम, 1954” (1954 का 37) के पर्ित िकसी िनदश
के स्थान पर, “खा सुरक्षा और मानक अिधिनयम, 2006” के पर्ितिनदश रखा जाएगा;
(ख) मूल अिधिनयम की धारा 12 म, “खा अपिमशर्ण िनवारण अिधिनयम, 1954 (1954 का 37) की धारा 9 के
अधीन िनयुक्त खा िनरीक्षक” के पर्ित िकसी िनदश के स्थान पर “खा सुरक्षा और मानक अिधिनयम, 2006 के अधीन
िनयुक्त खा सुरक्षा अिधकारी” के पर्ितिनदश रखा जाएगा;
(ग) मूल अिधिनयम म, सवर्तर् “खा िनरीक्षक” के पर्ितिनदश के स्थान पर, “खा सुरक्षा अिधकारी” पद रखा
जाएगा; और
(घ) मूल अिधिनयम की धारा 21 की उपधारा (1) म खंड (क) के पर्ितिनदश के स्थान पर, िनम्निलिखत रखा
जाएगा, अथार्त्:—
“(क) खा सुरक्षा और मानक अिधिनयम, 2006 की धारा 42 की उपधारा (5) के अधीन िनदेिशत
अिभिहत अिधकारी या खा सुरक्षा अिधकारी; या”
101. किठनाइय को दूर करने की शिक्त—(1) यिद इस अिधिनयम के उपबंध को पर्भावी करने म कोई किठनाई उत्पन्न
होती है तो के न्दर्ीय सरकार, राजपतर् म पर्कािशत आदेश ारा, ऐसे उपबंध कर सके गी जो इस अिधिनयम से अंसगत न ह और
किठनाइय को दूर करने के िलए आवश्यक पर्तीत ह :
परन्तु इस धारा के अधीन ऐसा कोई आदेश इस अिधिनयम के पर्ारं भ से तीन वषर् की अविध की समािप्त के पश्चात् नह िकया
जाएगा ।
(2) इस धारा के अधीन िकया गया पर्त्येक आदेश उसके िकए जाने के पश्चात् यथाशीघर् संसद् के पर्त्येक सदन के समक्ष रखा
जाएगा ।
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पहली अनुसूची
[धारा 5(1) (ङ) देिखए]
जोन – 1
1. आंधर् पर्देश
2. गोवा
3. कनार्टक
4. के रल
5. महाराष्टर्
6. उड़ीसा
7. तिमलनाडु
जोन – 2
1. हिरयाणा
2. िहमाचल पर्देश
3. जम्मू-कश्मीर
4. पंजाब
5. उ रांचल
6. उ र पर्देश
जोन – 3
1. िबहार
2. छ ीसगढ़
3. गुजरात
4. झारखंड
5. मध्य पर्देश
6. राजस्थान
7. पिश्चमी बंगाल
जोन – 4
1. अरुणाचल पर्देश
2. असम
3. मिणपुर
4. मेघालय
5. िमजोरम
6. नागालड
7. िसिक्कम
8. ितर्पुरा
जोन – 5
1. अदंमान और िनकोबार ीप समूह
2. चंडीगढ़
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3. दादरा और नागर हवेली


4. दमन और दीव
5. िदल्ली
6. लक्ष ीप
7. पांिडचेरी
40

दूसरी अनुसूची
(धारा 97 देिखए)

1. खा अपिमशर्ण िनवारण अिधिनयम, 1954 (1954 का 37) ।


2. फल उत्पाद आदेश, 1955 ।
3. मांस खा उत्पाद आदेश, 1973 ।
4. वनस्पित तेल उत्पाद (िनयंतर्ण) आदेश, 1947 ।
5. खा तेल पैकेिजग (िविनयमन) आदेश, 1998 ।
6. िवलायक िनष्किषत तेल, िवतैिलत अवचूणर् और खा आटा (िनयंतर्ण) आदेश, 1967 ।
7. दुग्ध और दुग्ध उत्पाद आदेश, 1992 ।
8. आवश्यक वस्तु अिधिनयम, 1955 (1955 का 10) के अधीन खा से संबंिधत जारी िकया गया कोई अन्य आदेश ।

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