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राजस्थान के लोक संत
राजस्थान के लोक संत
जा भोजी
ज म – 1451 पीपासर ाम (नागौर)
पता – लोहट जी
माता – हं सा दे वी
बचपन का नाम – धनराज
उपदे श – गु$वाणी
- व'व का (थम पया+वरण वै-ा.नक कहा जाता है
- जा भोजी को गूंगा गेहला संत कहा जाता है
(मुख ंथ
- व'नोई धम+ (काश
- ज भ सागर
- ज भ सं2हता ( व'नोई धम+ का 5 व4 वेद तथा 19 वा पुराण कहते है )
नोट : वेल6 7कशन $8मणी र6 थ को 5 व4 वेद तथा 19 वा पुराण – दरु सा हाडा ने कहा
• जा भोजी ने का.त+क कृ;ण अ;टमी (1485 ई.) म> बीकानेर म> व'नोई स (दाय क?
@थापना क?
• जा भोजी का समाAध @थल तलवा मुि8त धाम मुकाम समराथल धौरा (बीकानेर) है जहा
आि'वन तथा फाEगुन अमाव@या को मेला लगता है
व'नोई सं(दाय
इस सं(दाय के लोग (कृ.त (ेमी होते है
(थम Gयि8त – पुEहोजी
- खेजडल6 बHलदान अमत
ृ ा दे वी तथा रामो जी व'नोई ने 2दया
(शासन कल – अभयHसंह )
- ( वI वJ
ृ – खेजड़ी
पूजा @थल
1. पीपासर (नागौर)
2. रामडावास (जोधपुर) – जा भोजी का उपदे श @थल
3. रोटू (नागौर)
जसनाथ जी
ज म – 1482 कतLरयासर (बीकानेर)
पता – ह मीर
माता – Mपादे
पNनी – कलाल दे
बचपन का नाम – जसवंत
• जसनाथ जी क? आराधना म> अिOन नNृ य आयोिजत होता है
• 24 वष+ क? आयु म> बाड़ी (बीकानेर) म> समाAध (आि'वन शु8ल सQतमी)
णामी सं दाय
सं@थापक – (ाणनाथ जी
पीठ – आदश+ नगर (जयपुर)
गुदड़ सं दाय
सं@थापक – संतदास जी
पीठ – दांतेडा (भीलवाडा)
आल खया सं दाय
सं@थापक – लाल Aगर6 जी
पीठ – जूनागढ़ (बीकानेर)
आल!सया सं दाय
सं@थापक – मूलकदास जी
पीठ – इलाहाबाद ((यागराज)
नवलदास सं दाय
सं@थापक – नवलदास जी
पीठ – जोधपुर
संत दाद ू जी
ज म – 1544 अहमदाबाद (गज
ु रात)
लालन-पालन - लोद6राम व ् सा वIी दे वी के Wवारा 7कया गया (साबरमती)
- इ हे राज@थान का कबीर कहा जाता है
- 1574 म> दाद ू पंथ क? @थापना क?
(धान पीठ – नारायणा (जयपुर)
उपदे श – दादब
ू ाणी
उपदे श @थल – चौगान
सNसंग – अलख दर6बा
कुल Hश;य – 152
(धान Hश;य 52 थे जो7क 52 @तंभ कहलाये
(मुख थ – दाद ू रा दोहा, अंग वध,ु दाद ू वाणी
शव को जंगल6 जानवर4 को छोड़ते है I ववाह नह6ं करते है I
मेला – फाEगुन शु8ल अ;टमी
दाद ू जी के पंचतीथ+ – सांभर, आमेर, कEयाणपुरा, भेराणा, नरै ना
संत पीपा
ज म – गागरोन (झालावाड)
बचपन का नाम – (ताप Hसंह \खची
कुल रा.नयाँ – 20
गागरोन शासक थे
ग$
ु – रामानंद जी
सोलखड़ी रानी प^ावती के कहने पर स यासी बने
संत पीपा क? छतर6 – गागरोन (झालावाड)
गुफा – टोडा (ट4क)
मं2दर – समदडी (बाड़मेर)
संतपीपा का चबूतरा – काशी (UP)
संतपीपा दज_ समुदाय के आरा`य दे व माने जाते है
संतपीपा क? जीवनी गासा+-द-तासी Wवारा Hलखी गई थी
संत ध%ना जी
ज म – 1415 धव
ु न कला (ट4क)
गु$ – रामानंद जी
अजुन
+ दे वजी ने इनके उपदे श ‘गु$ ंथ सा2हबा’ म> संकHलत कराये
धाHम+क आ दोलन के जनक
संत रै साद जी
ज म – बनारस (UP)
जा.त – वैरवा
कबीरदास जी ने इ ह> संतो का संत कहा है
उपदे श – रै दास र6 पच_
बचपन का नाम रामदास था तथा रामदासी सं(दाय चलाया
लाल दास जी
गु$ – गदनAच'ती
लालदासी सं(दाय चलाया
(धान पीठ – नांगला जहाज (भरतपरु )
ओरं गजेव के 2दEल6 शासक बनने क? भ व;यवाणी क?
हर(राम सांखला
ज म – कापडोद (नागौर)
.नरं जनी सं(दाय चलाया
(धान पीठ – डीडवाना (नागौर)
हLरराम सांखला को कलयुग का वाEमी7क कहते है जब7क राज@थान का वाEमी7क क व माघ
(भीनमाल, जालौर) को कहते है
नोट : .न;कलंक? स (दाय संत मावजी ने चलाया िजसक? (धान पीठ साखला गाँव (डूग
ं रपरु ) म>
है I
गबर( बाई
ज म - डूग
ं रपुर (बागड़ क? मीरा)
काल6 बाई क? आरा`य संत
6 वष+ क? आयु म> ववाह