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sa~- 2023-24
kxaa – 10
PERIODIC TEST-3
ihMdI AQyayana saamaga`I

पदबंध
निम्ननिनित प्रश्नों के उत्तर दीनिए-
1. संज्ञा पदबंध के रे िांककत अंश से 'संज्ञा पद' को हटा दें तो कौि सा पद शेष रह िाता है?
क. संज्ञा पद ि. किया पद ग. निशेषण पद घ. किया निशेषण पद

2. ककस िाक्य में रे िांककत पद कियानिशेषण पदबंध िहीं है ?


क. मेरा घर पहाड़ी के पीछे है। ि. आप कि शाम को चार बिे मुझसे नमनिए।
ग. बच्चा िािा िाकर स्कू ि गया। घ. पुरािी ििजर हिेिी का मानिक कौि है?

3. ककस िाक्य का रे िांककत पदबंध संज्ञा पदबंध है ?


क. शरारत करिे िािे बच्चों की कोई कमी िहीं है। ि. मैं सुबह टहििे िाता हूँ।
ग. मुझे बहुत िोर से भूि िगी है। घ. बच्चा पढ़कर सो गया

4. 'देश की रक्षा करिे िािे इनतहास में अमर हो िाते हैं।' में कौि सा पदबंध है ?
क. किया निशेषण पदबंध ि. संज्ञा पदबंध ग. निशेषण पदबंध घ. किया पदबंध

5. ककस िाक्य का रे िांककत पदबंध संज्ञा पदबंध िहीं है ?


क. काम करिे िािे हमेशा सफि होते हैं। ि. मौत से िूझिे िािा िह मर िहीं सकता।
ग. यह भारत की रािधािी कदल्िी है। घ. मैंिे िोहे की अिमारी िरीदी |

6. निशेषण पदबंध' का उनचत उदाहरण कौि सा है ?


क. मैंिे एक िई कार िरीदी| ि. सब िोग मंकदर गए हैं |
ग. िृत्य करिे िािी िड़ककयाूँ चिी गईं| घ. िह बहुत धीरे चि रही है |

7. 'भाग्य की मारी तुम अब कहाूँ िाओगी।' में कौि सा पदबंध है ?


क. निशेषण पदबंध ि. सिजिाम पदबंध ग. किया निशेषण पदबंध घ. संज्ञा पदबंध

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8. 'घर के सामिे एक बगीचा है | रे िांककत पदबंध का भेद क्या है?
क. संज्ञा पदबंध ि. किया पदबंध ग. किया निशेषण पदबंध घ. निशेषण पदबंध

9. 'मीरा हहंदी की अध्यानपका है। ' में कौि सा पदबंध है?


क. निशेषण पदबंध ि. संज्ञा पदबंध ग. किया पदबंध घ. किया निशेषण पदबंध

10. ककस िाक्य में रे िांककत पदबंध किया निशेषण पदबंध है?
क. मोहि एक मशहर गायक है। ि. मैंिे अपिी सभी ककताबें बच्चों को दे दीं।
ग. िे मुझे अक्सर फ़ोि कर निया करती हैं। घ. िह बहुत धीरे चि रही है।

11. रे िांककत पदबंधों में से कौि सा सिजिाम पदबंध का उदाहरण िहीं है?
क. घर के पास िेििे िािे िे अब िहीं िेि रहे हैं। ि. मौत से िूझिे िािा िह मर िहीं सकता।
ग. कक्षा में शोर मचािे िािे तुम आि क्यों चुप हो। घ. मेरे बचपि का साथी मोनहत डॉक्टर है|

12. ककस िाक्य का रे िांककत पदबंध निशेषण पदबंध िहीं है?


क. झूठे और मक्कार िोगों पर निश्वास मत करो। ि. िािी सुिसाि सड़क पर बहुत शानतत थी।
ग. मुझे अूँधरे ी कािी रात में डर िगता है। घ. गरीब और ईमािदार िोग सभी को अच्छे िगते हैं।

13. ककस िाक्य का रे िांककत पदबंध निशेषण पदबंध है?


क. पररश्रम करिे िािे िोग सफि हैं। ि. बच्चा बहुत िोर से नचल्िाया।
ग. मैं रोज़ रात को मंकदर िाया करता था। घ. मेरा छोटा बेटा कि िापस आ रहा है।

14. िब एक से अनधक पद नमिकर ककसी सिजिाम की िािकारी देते हैं, तो उसे क्या कहते हैं?
क. संज्ञा पदबंध ि. सिजिाम पदबंध ग. निशेषण पदबंध घ. किया पदबंध

15. ककस िाक्य में रे िांककत पदबंध किया पदबंध िहीं है?
क. बच्चा तेिी से दौड़कर आया है। ि. बच्चे िेि रहे हैं।
ग. उसिे आि ही पत्र नििा है। घ. मुझे सुिाई पड़ रहा है।

16. िाक्य में ककतिे प्रकार के पदबंध आते हैं ?


क. पाूँच ि. छह ग. तीि घ. चार

17. 'हमारे निद्यािय की हहंदी की अध्यानपका मीरा आ रही है।' में कौि सा पदबंध है?
क. निशेषण पदबंध ि. संज्ञा पदबंध ग. किया पदबंध घ. किया निशेषण पदबंध

18. 'मैं कि चार बिे पहुूँच िाऊूँगा।' में कौि सा पदबंध है।
क. किया पदबंध ि. संज्ञा पदबंध ग. निशेषण पदबंध घ. किया निशेषण पदबंध

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19. यह मकाि इस गिी के सभी मकािों से बड़ा है- में निशेषण पदबंध कौि सा है?
क. इस गिी के ि. सभी मकािों से ग. यह मकाि घ. इस गिी के सभी मकािों से बड़ा

20. ककस िाक्य में कियानिशेषण पदबंध का सटीक उदाहरण है?


क. हमारा भिि ििभारत टाइम्स के कायाजिय के पास है| ि. चोट िाए तुम भिा क्या िेिोगे ?
ग. दशरथ पुत्र राम िे रािण को मारा | घ. िुशामद करिे िािा कु छ भी कर सकता है |

21. निस पदबंध में शीषज पद सिजिाम हो, िह कहिाता है-


क. संज्ञा पदबंध ि. सिजिाम पदबंध ग. किया पदबंध घ. कियानिशेषण पदबंध

22. पुत्र के पास होिे की िबर सुिकर नपतािी िुश हो गए| रे िांककत पदबंध है-
क. निशेषण पदबंध ि. संज्ञा पदबंध ग. किया पदबंध घ. किया निशेषण पदबंध

23. निशेषण पदबंध का उदाहरण है-


क. सेिा कायज में िगे रहिे िािे कभी फि की इच्छा िहीं करते |
ि. मेरे पड़ोस में रहिे िािा आि िेििे िहीं आया |
ग. दूसरों के साथ मीठा बोििे िािे सदा सुिी रहते हैं |
घ. सबसे अनधक बोििे िािा िह आि चुपचाप बैठा है |

24. िह कहीं ि िा सका | रेिांककत इकाई है-


क. अक्षर ि. शब्द ग. पद घ. पदबंध

25. मैं ढाई हिार साि पुरािे कु शीिगर को िोि रहा हूँ |- रे िांककत पदबंध है-
क. संज्ञा पदबंध ि. सिजिाम पदबंध ग. निशेषण पदबंध घ. कियानिशेषण पदबंध

पदबंध उत्तर
1.(ग) 2.(घ) 3.(क) 4.(ि) 5. (ि)
6.(ग) 7.(ि) 8.(ग) 9.(ि) 10.(घ)
11.(घ) 12 (ग) 13.(क) 14.(ि) 15. (क)
16.(क) 17.(क) 18.(क) 19. (घ) 20. (क)
21.(ि) 22. (घ) 23.(घ) 24.(ग) 25. (क)

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िाक्य पररितजि
निम्ननिनित प्रश्नों के उत्तर यथानिदेश दें :-

1. निम्ननिनित िाक्यों में से नमश्र िाक्य की पहचाि कीनिए-


क. मेरे समझािे पर िह माि गया। ि. मैंिे उसे समझाया और िह माि गया।
ग. मैंिे उसे समझाया इसनिए िह माि गया। घ. िब मैंिे उसे समझाया, तब िह माि गया।

2. एक घंटा और ककताब िेकर बैठिा पहाड़ था| रचिा की दृनि से यह िाक्य है- (CBSE 2023)
क. सामातय िाक्य ि. संयक्त
ु िाक्य
ग. सरि िाक्य घ. नमश्र िाक्य

3. िब हम यात्रा पर िाएूँग,े होटि में ठहरें ग।े (संयक्त


ु िाक्य)
क. यात्रा पर िाकर होटि में ठहरो। ि. हम यात्रा पर िाकर होटि में ठहरें ग।े
ग. हम यात्रा पर िाएूँगे और होटि में ठहरें ग।े घ. यात्रा पर िाओ तो होटि में ठहरो।

4. निम्ननिनित िाक्यों में से नमनश्रत या नमश्र िाक्य को पहचानिए -


क. चारों ओर प्रकाश फै ििे के कारण चंद्रमा कदिाई कदया।
ि. िैसे ही आकाश में चंद्रमा कदिाई कदया, िैसे ही चारों ओर प्रकाश फै ि गया।
ग. चंद्रमा कदिाई कदया और चारों ओर प्रकाश फ़ै ि गया।
घ. चंद्रमा के कदिाई देिे पर प्रकाश फ़ै ि गया।

5. निम्ननिनित िाक्यों में संयुक्त िाक्य की पहचाि कीनिए-


क. मैं गिे में ददज होिे के कारण कु छ िहीं बोिूग ूँ ा।
ि. क्योंकक मेरे गिे में ददज है इसनिए मैं कु छ िहीं बोिूगूँ ा।
ग. मेरे गिे में ददज है। मैं कु छ िहीं बोिूग
ूँ ा।
घ. मेरे गिे में ददज है इसनिए मैं कु छ िहीं बोिूग ूँ ा।

6. िब अनििाश बाबू िे झंडा गाडाा़ तब पुनिस िे उिको पकड़ निया| िाक्य का संयक्त
ु िाक्य बिेगा-
(CBSE 2023)
क. अनििाश बाबू के झंडा गाड़ते ही पुनिस िे उतहें पकड़ निया|
ि. िैसे ही अनििाश बाबू िे झंडा गाडाा़ पुनिस िे उतहें पकड़ निया|
ग. अनििाश बाबू िे झंडा गाडाा़ और पुनिस िे उतहें पकड़ निया|
घ. क्योंकक अनििाश बाबू िे झंडा गाडाा़ इसनिए पुनिस िे उतहें पकड़ निया|

7. मेरी बात मािकर तुम्हें िुशी नमिेगी। (नमनश्रत िाक्य)


क. तुम िुश होगी कक तुमिे मेरी बात मािी।
ि. तुम्हें ख़ुशी नमिेगी कक तुमिे मेरी बात मािी।
ग. िब तुम मेरी बात मािोगी, तब तुम्हें िुशी नमिेगी।
घ. मेरी बात मािो और िुश रहो।

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8. गाड़ी रुकते ही कु िी अंदर घुस गए। (संयक्त
ु िाक्य)
क. क्योंकक गाड़ी रुकी इसनिए कु िी अंदर घुस गए।
ि. िब गाड़ी रुकी तब कु िी अंदर घुस गए।
ग. गाड़ी रुकी और कु िी अंदर घुस गए।
घ. पहिे गाड़ी रुकी कफर कु िी अंदर घुस गए।

9. इि िाक्यों में से नमनश्रत या नमश्र िाक्य की पहचाि कीनिए-


क.पररश्रम करो, सफि हो िाओगे।
ि.पररश्रम करिे िािे अिश्य सफि होते हैं।
ग.सफिता के निए पररश्रम आिश्यक है।
घ. िो पररश्रम करते हैं, िे अिश्य सफि होते हैं।

10. निम्ननिनित िाक्यों में से नमनश्रत अथिा नमश्र िाक्य की पहचाि कीनिए-
क. मेरा िह स्कू टर चोरी हो गया है, िो मैंिे कि ही िरीदा था।
ि. कि िरीदा हुआ मेरा स्कू टर चोरी हो गया है।
ग. मेरा िरीदा हुआ स्कू टर चोरी हो गया है कि।
घ. मैंिे कि स्कू टर िरीदा और िह चोरी हो गया।

11. निम्ननिनित िाक्यों में से नमनश्रत या नमश्र िाक्य की पहचाि कीनिए -


क. तुम बस रूकिे की िगह चिे िाओ।
ि. तुम उस िगह चिे िाओ, िहाूँ बस रूकती है।
ग. तुम बस रोको और उस स्थाि पर चिे िाओ।
घ. बस रूके और तुम उस स्थाि पर चिे िािा।

12. शुद्ध सोिा अिग है और नगन्नी का सोिा अिग। - रचिा की दृनि से यह िाक्य है: (CBSE 2023)
क. सरि िाक्य ि. संयक्त
ु िाक्य
ग. नमश्र िाक्य घ. सामातय िाक्य

13. िैसे ही घंटी बिी, मेरी आूँि िुि गई | (संयक्त


ु िाक्य)
क. क्योंकक घंटी बिी, इसनिए मेरी आूँि िुि गई |
ि. घंटी बििे के कारण मेरी आूँि िुि गई |
ग. मेरी आूँि िुििे का कारण घंटी बििा था |
घ. घंटी बिी और मेरी आूँि िुि गई |

14.चोर घर में घुस।े पुनिस आ गई। (संयक्त


ु िाक्य)
क. चोर घर में घुसे और पुनिस आ गई। ि. पुनिस तब आई, िब चोर घर में घुस।े
ग. िब चोर घर में घुस,े तब पुनिस आ गई। घ. चोर के घर आिे पर पुनिस घर आई।

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15. निम्ननिनित िाक्यों में से सरि िाक्य की पहचाि कीनिए-
क. राम और श्याम चिे गए। ि. राम आया इसनिए श्याम चिा गया।
ग. राम गया और श्याम चिा गया। घ.राम चिा गया और श्याम चिा गया।

16. इि िाक्यों में संयक्त


ु िाक्य की पहचाि कीनिए-
क. िषाज तब हुई, िब सुबह हुई। ि. सुबह होिे पर िषाज होिे िगी।
ग. सुबह हुई और िषाज होिे िगी। घ. िैसे ही सुबह हुई, िषाज होिे िगी।

17. इि िाक्यों में संयक्त


ु िाक्य की पहचाि कीनिए-
क. अगर तुम बैठे हो तो उसकी प्रतीक्षा कर िो। ि. तुम यहाूँ बैठ िाओ और उसकी प्रतीक्षा करो।
ग. तू यहाूँ बैठ कर उसकी प्रतीक्षा करो। घ. िब तुम यहाूँ बैठो तो उसकी प्रतीक्षा कर िेिा।

18. निम्ननिनित िाक्यों में सरि िाक्य की पहचाि कीनिए-


क. क्योंकक िीिू बीमार थी इसनिए बाज़ार िहीं गई। ि. िीिू बीमार थी इसनिए बाज़ार िहीं गई।
ग. बीमार होिे के कारण िीिू बाज़ार िहीं गई। घ. िीिू तब बाज़ार िहीं गई, िब िह बीमार थी।

19. निम्ननिनित िाक्यों में नमश्र िाक्य की पहचाि कीनिए- (CBSE 2023)
क. बड़े बाज़ार के मकािों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।
ि. सुभाष बाबू के िुिस
ू का भार पूणोदास पर था, िह प्रबंध कर चुका था।
ग. पुनिस कनमश्नर का िोरटस निकि चुका था।
घ. किकत्ता के िाम पर किंक था कक यहाूँ काम िहीं हो रहा है।

20. निम्ननिनित िाक्यों में से संयक्त


ु िाक्य की पहचाि कीनिए-
क. यद्यनप कि छु ट्टी है, इसनिए बाज़ार बंद रहेगा। ि. िब छु ट्टी होगी, तब बाज़ार बंद रहेगा।
ग. छु ट्टी होिे के कारण बाज़ार बंद रहेगा। घ. कि छु ट्टी है अतः बाज़ार बंद रहेगा।

21. किजि िे िंगि में िो िेमा िगाया था िो ििीर अिी को पकड़िे के निए था| रचिा की दृनि िाक्य है-
(CBSE 2023)
क. सरि िाक्य ि. नमश्र िाक्य
ग. संयक्त
ु िाक्य घ. निषेध िाचक िाक्य

22. ‘सूरि पढ़-नििकर अनधकारी बिा |’ िाक्य का संयक्त


ु रूप है-
क. सूरि पढ़-नििकर बड़ा अनधकारी बि गया|
ि. सूरि िे पढ़ाई -नििाई की और अनधकारी बिा|
ग. सूरि िे पढ़ाई -नििाई की तब अनधकारी बिा|
घ. पढ़-नििकर िो अनधकारी बिा िह सूरि था|

23. निम्ननिनित िाक्यों में से नमनश्रत या नमश्र िाक्य की पहचाि कीनिए-


क. िुद कमािे पर दुनिया का हाि पता चिेगा।

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ि. िब िुद कमाओगे, तब दुनिया का हाि पता चिेगा।
ग. तुम िुद कमा रहे हो इसनिए दुनिया का हाि पता है।
घ. िुद कमािे िािे को दुनिया का हाि पता चिता है।

24. बाहर बेढब-सा एक नमट्टी का बतजि था। इस िाक्य का नमश्र िाक्य होगा- (CBSE 2023)
क. बाहर एक बेढब-सा बतजि था और िह नमट्टी का था|
ि. बाहर िो बेढब-सा बतजि था िह नमट्टी का था|
ग. बाहर नमट्टी का एक बेढब-सा बतजि था।
घ. बाहर नमट्टी का बरति था और िह बेढब-सा था ।

25. कॉिम 1 कॉिम 2 के साथ सुमने ित कीनिए और सही निकल्प चुिकर निनिए -
A फै िते हुए प्रदूषण िे पंनछयों को बस्ती से i संयक्त
ु िाक्य
भगािा शुरू कर कदया है।
B प्रदूषण फै ि रहा है इसनिए बस्ती से ii नमश्र िाक्य
पंछी भाग रहे हैं।
C फै िता हुआ िो प्रदूषण है उसिे पंनछयों iii सरि िाक्य
को बस्ती से भगािा शुरू कर कदया है।
(क) A-ii, B-i, C-iii (ि) A-iii, B-i, C-ii
(ग) A-iii, B-ii, C-i (घ) A-i, B-iii, C-ii

िाक्य पररितजि उत्तर


1.(घ) 2.(ग) 3.(ग) 4.(ि) 5.(घ)
6.(ग) 7.(ग) 8.(ग) 9.(घ) 10.(क)
11.(ि) 12.(ि) 13.(घ) 14.(क) 15.(क)
16.(ग) 17.(ि) 18.(ग) 19.(घ) 20.(घ)
21.(ि) 22.(ि) 23.(ि) 24.(ि) 25.(ि)

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समास
1. ‘प्रसंगािुसार’ का समास निग्रह और समास भेद है-
क. प्रसंग के अिुसार - तत्पुरुष समास ि. प्रसंग और अिुसार –द्वंद्व समास
ग. प्रसंग के अिुसार -अव्ययीभाि समास घ. प्रसंग अथिा अिुसार- तत्पुरुष समास

2. ‘समास’ निनध से बिे शब्दों को कहते हैं-


क. संक्षप
े ीकरण ि. समाि पद ग. समस्त पद घ. समासनिग्रह

3. ‘िंबोदर’ का समास निग्रह और समास भेद है-


क. िंबे उदर िािा - तत्पुरुष समास ि. िंबा उदर-बहुव्रीनह
ग. िंबा है उदर निसका अथाजत गणेश–बहुव्रीनह घ.िंबा है िो उदर–बहुव्रीनह

4. दशािि का समास भेद बताइए-


क. दश आिि- बहुव्रीनह समास ि. दस आिि हैं निसके अथाजत रािण - बहुव्रीनह समास
ग.दश के समाि आिि- कमजधारय समास घ. दस आिि का समाहार –द्वंद्व समास

5. निस समस्त पद के निग्रह में कारकीय नचह्िों का प्रयोग ककया िाता है, उसे कहते हैं-
क. तत्पुरुष समास ि. कमजधारय समास ग. नद्वगु समास घ. द्वंद्व समास

6. निस समास में पूिज पद संख्यािाची होता है, िह है-


क. नद्वगु समास ि. तत्पुरुष समास ग. द्वंद्व समास घ. कमजधारय समास

7. माता-नपता का समास निग्रह और समास भेद है-


क. माता का नपता- तत्पुरुष समास ि. माता है िो नपता- कमजधारय समास
ग. माता या नपता- कमजधारय समास घ. माता और नपता- द्वंद्व समास

8. घुड़दौड़ का समास निग्रह और समास भेद है-


क. घोड़ों में दौड़- तत्पुरुष समास ि. घोड़ों द्वारा दौड़- तत्पुरुष समास
ग. घोड़ों की दौड़- तत्पुरुष समास घ. घोड़ों पर दौड़- तत्पुरुष समास

9. ‘पिज-त्योहार’ समस्तपद कौि-से समास का उदाहरण है- (CBSE 2023)


क. द्वंद्व ि. नद्वगु
ग. अव्ययीभाि घ. तत्पुरुष

10. ‘पािी के निए बिा घाट’ का समस्त पद है-


क. पािीघाट ि. पिघट ग. पािघाट घ. पािीघाटी

11. निस समास में पहिा पद कोई अव्यय या अनिकारी शब्द होता है।
क. अव्यय समास ि. अनिकारीभाि समास
ग. अनिन्ययभाि समास घ. अव्ययीभाि समास

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12. कारकीय नचह्िों के आधार पर तत्पुरुष समास के ________ भेद होते हैं।
क. तीि ि. आठ ग. चार घ. छह

13. ‘समस्त पद’ के पहिे पद को कहते हैं-


क. पूिज पद ि. पनिमी पद ग. उत्तर पद घ. समाि पद

14. समस्त पदों को अिग-अिग करिे की किया को कहते हैं -


क. समास निच्छेद ि. समास निग्रह ग. संनध निग्रह घ. सामनसक पद

15. िीिि- मरण


क. िीिि पर मरण - द्वंद्व समास ि. िीिि के समाि मरण - कमजधारय समास
ग. िीिि है िो मरण - नद्वगु समास घ. िीिि और मरण- द्वंद्व समास

16 . निस समस्त पद के निग्रह में कारकीय नचह्िों का प्रयोग ककया िाता है-
क. तत्पुरुष ि. कमजधारय ग. नद्वगु घ. द्वंद्व

17. निस समास का समस्त पद अव्यय का काम करता है, _______कहिाता है।
क. अव्ययीभाि समास ि. बहुव्रीनह समास ग. तत्पुरुष समास घ. द्वंद्व समास

18 . निस पद में पूिज पद निशेषण और उत्तर पद निशेष्य होता है।


क. कमजधाररत समास ि. कमजधारण समास ग. कमजधारय समास घ.कमजधरय समास

19. निस समास में समूह अथिा समाहार का बोध होता है।
क. नद्वगु समास ि. तत्पुरुष समास ग. द्वंद्व समास घ. कमजधारय समास

20 . इस समास में पूिज और उत्तर पद की अपेक्षा कोई अतय पद प्रधाि होता है।
क. कमजधारय समास ि. बहुव्रीनह समास ग. द्वंद्व समास घ. नद्वगु समास

21 . नत्रिोचि
क. तीि िेत्र- नद्वगु समास ि. तीि िोचिों का समाहार- द्वंद्व समास
ग. तीि िेत्रों िािा- द्वंद्व समास घ. तीि िेत्र हैं निसके अथाजत महादेि- बहुव्रीनह समास

22 . निस समास में दोिों पदों के मध्य योिक नचह्ि िगाया िाता है , _______कहिाता है।
क. अव्ययीभाि समास ि. बहुव्रीनह समास ग. नद्वगु समास घ. द्वंद्व समास

23 . निस पद में पूिज पद उपमेय और उत्तर पद उपमाि होता है।


क. कमजधाररत समास ि. कमजधारण समास ग. कमजधारय समास घ. कमजधरय समास

24 . ििरानत्र
क. िि की रातें- तत्पुरुष समास ि. िौ रातों का समूह- द्वंद्व समास
ग. िया रानत्र- कमजधारय समास घ. िौ रानत्रयों का समाहार- नद्वगु समास

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25 . समास कहते हैं-
क. के िि दो िणों के मेि से िए शब्द बिािे की प्रकिया
ि. दो या दो से अनधक पदों को अिग करिा
ग. िणों के निकटतम मेि को
घ. दो या दो से अनधक पदों के मेि से िए साथजक शब्द बिािे की प्रकिया

26 . संसारसागर का समास निग्रह और समास भेद है-


क. संसार है िो सागर- कमजधारय समास ि. संसार रूपी सागर- कमजधारय समास
ग. संसार और सागर- कमजधारय समास घ. संसार के समाि सागर- कमजधारय समास

27 . राका के ईश का समस्त पद है-


क. राकाश ि. राके श ग. राकश घ. राकीश

28. ‘निद्याधि’ इस समस्तपद का सही समास-निग्रह और समास के िाम का चयि कर निनिए-


(CBSE 2023)
क. निद्या रूपी धि- कमजधारय समास ि. धि रूपी निद्या - कमजधारय समास
ग. निद्या के समाि धि – बहुव्रीनह समास घ. धि के समाि निद्या - बहुव्रीनह समास

29. इस समास में दोिों पद प्रधाि होते हैं और निग्रह के समय समुच्चयबोधक अव्यय - और, तथा, या,
अथिा आकद का प्रयोग ककया िाता है।
क. द्वंद्व समास ि. अव्ययीभाि समास ग. कमजधारय समास घ. बहुव्रीनह समास

30. िीिकं ठ
क. िीिा है कं ठ निसका अथाजत नशि- बहुव्रीनह समास ि. कं ठ में िीि- कमजधारय समास
ग. िीिा है िो कं ठ- तत्पुरुष समास घ. कं ठ िो िीि के समाि है- कमजधारय समास

31. समास संबध


ं ी निम्ननिनित युग्म / िोड़े को ध्याि से पकढ़ए :
i. चौपाया i. नद्वगु समास
ii. यथानिनध ii. तत्पुरुष समास
iii. कमजफि iii. कमजधारय समास
iv. चंद्रशेिर iv. बहुव्रीनह समास
उपयुक्त
ज िोड़े में से कौि सा सही सुमने ित है –
(क) i और iv (ि) i और iii (ग) ii और iv (घ) iii और iv

32. निम्ननिनित समस्त पद और उसके भेद में कौि सा गित है –


(क) अिनसनद्ध – नद्वगु समास (ि) पुरुषोत्तम – अव्ययीभाि समास
(ग) निद्याधि – कमजधारय समास (घ) भरसक – अव्ययीभाि समास

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33. अव्ययीभाि समास की पररभाषा से मेि िहीं िािे िािा निकल्प है -
(क) निसका पहिा पद प्रधाि होता है और समास से िो शब्द बिता है िह अव्यय होता है |
(ि) शब्दों की नद्वरुनक्त से भी अव्ययीभाि समास होता है |
(ग) समस्त पद के अव्यय रूप में उपनस्थत होिे के कारण उक्त समास का िाम अव्ययीभाि पड़ा |
(घ) इस समास का उत्तर पद निशेषण होता है |

34. तत्पुरुष समास में समस्त पद बिाते समय कारकीय निभनक्त नचह्िों का िोप हो िाता है | उि
निभनक्तयों / परसगों की पहचाि करें नििका िोप होता है –
(क) कताज – िे (ि) संबोधि – हे, अरे
(ग) संबध
ं – का, के , की (घ) इिमें से कोई िहीं

35. निम्ननिनित युग्मों पर निचार कीनिए –


A द्वीपसमूह A बहुव्रीनह समास
B ििद-याि B कमजधारय समास
C िीिकं ठ C तत्पुरुष समास
D यथाशनक्त D अव्ययीभाि समास

उपयुक्त
ज युग्मों में से कौि-से सही सुमने ित है
(क) C और D (ि) A और D
(ग) A और B (घ) B और D

समास उत्तर-
1.(ग) 2. (ग) 3. (ग) 4. (ि) 5. (क)
6. (क) 7. (घ) 8. (ग) 9. (क) 10. (ि)
11. (घ) 12. (घ) 13. (क) 14. (ि) 15. (घ)
16. (क) 17. (क) 18. (ग) 19. (क) 20. (ि)
21. (घ) 22. (घ) 23. (ग) 24. (घ) 25. (घ)
26. (ि) 27. (ि) 28. (क) 29. (क) 30. (क)
31. (क) 32. (ि) 33. (घ) 34. (ग) 35. (घ)

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मुहािरे
निम्ननिनित प्रश्नों के उत्तर दीनिए-
1. दूसरों के निए...........करिे िािों के निए स्ियं ही सारे रास्ते बंद हो िाते हैं|
क. दीिार िड़ी ि. दीिार बंद ग. दीिार बिािे का काम घ. दीिार चढ़िे

2. िािी िमीि देिकर िािाबदोशों िे .............. निया है |


क. डेरा बाूँधिा ि. घर बिािा ग. डेरा डाििा घ. मकाि बिािा

3. व्यापार में घाटा होिे के कारण रोहि पहिे से ही दुिी था उस पर उसकी पत्नी के तािे.................के
समाि था|
क. घाि पर मरहम िगािे ि. करे िा उस पर िीम चढ़ा
ग. आग में घी डाििे घ. घाि पर िमक नछड़किे

4. िामीरो को देिकर तताूँरा की............................रहा|


क. िुशी का रठकािा ि ि. आपे में ि रहा ग. हूँसी काफू र हो घ. आियज का रठकािा ि

5. ________िािों को एक कदि पछतािा पड़ता है।


क. नबिा सोचिे-समझिे ि. बेराह चििे ग. बेकार काम करिे घ. राह पर चििे िािों

6. भनक्त भाि में डू बकर िोग......................बैठते हैं|


क. पिकें नबछा ि. ईद का चाूँद हो ग. रम िाते घ. सुध-बुध िो

7. पशु-पक्षी प्राकृ नतक आपदाओं को पहिे से ही....................हैं|


क. िाि िेते ि. चंपत हो िाते ग. भाूँप िेते घ. आड़े हाथों िेते

8. करठिाई का सामिा करिा अथज है निम्ननिनित मुहािरे का-


क. आटे- सब्िी का भाि मािूम होिा ि. दाि- रोटी का भाि मािूम होिा
ग. दाि सब्िी का भाि मािूम होिा घ. आटे- दाि का भाि मािूम होिा

9. ककसी की बात बुरी िगिा अथज है निम्ननिनित मुहािरे का-


क. बातें अच्छी ि िगिा ि. ज़हरीिी बातें ग. ज़हर िगिा घ. मीठी बातें

10. मास्टर प्रीतम चंद छोटी-छोटी बातों में छात्रों की .................. को तैयार रहते थे| ररक्त स्थाि की
पूर्तज उनचत मुहािरे से कीनिए|
क. िज़र रििा ि. चमड़ी उधेड़िा ग. हाथों में िेिा घ. िामोनिशाि नमटािा

11. ‘कदमाग होिा’ मुहािरे का अथज है-


क. ििि होिा ि. कदमागी परे शािी ग. घमंड होिा घ. मनस्तष्क की कोई बीमारी

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12. अपिे गुरु िी को सामिे देिकर संयम _______ गया |
क. हिा में उड़िे ि. फू िा ि समा ग. साए से भाग घ. ितमस्तक हो

13. कक्षा में प्रथम आिा है तो तुम्हें िूब ______पड़ेंगे |


क. पापड़ बिािे ि. पापड़ िािे ग. पापड़ बेििे घ. पापड़ पकािे

14. अपिे भाई की असफिता देिकर मुझे उिसे ________ हुई|


क. दुःि का पारािार ि ि. कदि घायि ग. सहािुभनू त घ. कदिी हमददी

15. इतिा रुपया व्यथज करिा ठीक िहीं, यह तो तुम्हारे नपतािी की _____है |
क. कड़ी कमाई ि. व्यथज कमाई ग. गाढ़ी कमाई घ. कािी कमाई

16. हररहर काका की संपनत्त पर उसके भाई ________ िमाए बैठे थे।
क. नगद्ध दृनि ि. कड़ी िज़र ग. िज़र िगाए घ. िज़र उठाए बैठे

17. चार कदि से भूिे बच्चे, भोिि को देिकर उस पर ________।


क. नगर पड़े ि. टू ट पड़े ग. बैठ गए घ. चि पड़े

18. सुिसाि रास्ते पर भयंकर साूँप को देिकर मेरे _______|


क. प्राण डू ब गए ि. प्राण सूि गए ग. प्राण उड़ गए घ. प्राण भाग गए

19. अपिी सिी को दुघटज िाग्रस्त देिकर मेरी ________ गए।


क. कदि पसीि ि. प्राण सूि ग. आूँिें भर आईं घ. आूँिों में आूँसू आ

20. माूँ रात भर अपिे पुत्र की ________ पर िह िहीं आया।


क. प्रतीक्षा करती रही ि. बाट िोहती रही ग. आरती उतारती रही घ. तरफ देिती रही

21. मैं पहिे ही दुिी हूँ, तुम मुझे और ________ कहिा बंद करो।
क. घाि पर नमचज िगािा ि. िगती बातें ग. सूनक्त बाण चिािा घ. िाक में दम

22. अहंकार िे अच्छे-अच्छों का ________ कदया|


क. आसमाि से नगरा ि. िामो निशाि नमटा ग. िोहे के चिे चबिा घ. घर से बेघर कर

23. माूँ अपिे बच्चों के निए िुदा से हमेशा ________ है|


क. आूँचि फै िाती ि. दुआ माूँगती ग. ितमस्तक होती घ. िाक रगड़ती

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24. महाराणा प्रताप को हरािा बादशाह अकबर के निए _______ के समाि था|
क. िोहे के चिे चबािे ि. दाूँतों तिे अूँगि
ु ी दबा िी
ग. पहाड़ तोड़िे घ. एड़ी-चोटी के ज़ोर िगािे

25. ‘नमट्टी में नमिािा’ मुहािरे का अथज है -


क. नििीि कर देिा ि. काम तमाम कर देिा
ग. िि कर देिा घ. अपिा िुकसाि करिा

26. मुहािरे और अथज के अिुनचत मेि िािे निकल्प का चयि कीनिए -


(क) आसमाि नसर पर उठािा – अनधक कोिाहि करिा
(ि) आसमाि टूट पड़िा – अकस्मात् महाि निपनत्त आिा
(ग) आकाश पाताि का अंतर – बहुत अनधक अंतर होिा
(घ) आकाश के तारे तोड़िा – बहुत पररश्रम करिा

27. दुिी बुकढ़या का ...............आ रहा था परंतु ................िह बाज़ार में सौदा बेचिे चिी क्योंकक
घर में बच्चे भूि से नबिनबिा रहे थे |
उपयुक्त
ज ररक्त स्थािों में भरे िािे िािे मुहािरों का उनचत िोड़ा है -
(क) कदि पसीि रहा – मि मारकर (ि) किेिा मुह
ूँ को – कमर सीधी कर
(ग) किेिा मुह
ूँ को – किेिे पर पत्थर रिकर (घ) किेिा मुह
ूँ को – बहुत पररश्रम कर

28. क्यों नियम निरुद्ध कायज कर रहे हो, बाद में तुम्हें ही पछतािा पड़ेगा |
रे िांककत अंश के निए उनचत मुहािरा होगा –
(क) कं गािी में आटा गीिा करिा (ि) आग बबूिा होिा
(ग) उिटी गंगा बहािा (घ) कन्नी काटिा

29. घमंड िे तो अच्छे -अच्छों के िामो निशाि नमटा कदए हैं कफर ऐरे गैरे ित्थू िैरे की क्या नबसात ?
उपयुक्त
ज पंनक्त में प्रयुक्त मुहािरे हैं –
(क) घमंड (ि) िामो निशाि नमटा कदए, ऐरे गैरे ित्थू िैरे
(ग) ऐरे गैरे ित्थू िैरे, घमंड (घ) निकल्प (क) और (ग)

30. मुहािरे और अथज के उनचत मेि िािे निकल्प का चयि कीनिए -


(क) आड़े हाथों िेिा-निरोध करिा (ि) हाथ-पाूँि फू ि िािा-परे शािी देिकर घबरा िािा
(ग) तंद्रा भंग होिा-सोकर उठिा (घ) टूट पड़िा-ककसी काम की शुरुआत

31. निम्ननिनित िाक्यों में उनचत मुहािरे के प्रयोग िािा िाक्य पहचािें –
(क) िह इतिा मीठा बोिता है मािों उसके मुह ूँ से फू ि नगरते हों |
(ि) ििीर अिी िे िकीि का काम समाप्त कर कदया |
(ग) सड़े -गिे आम िह हमारे मत्थे िगा गया |
(घ) मास्टर प्रीतम चंद छोटी-छोटी बातों में छात्रों की चमड़ी उधेड़िे को तैयार रहते थे|

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मुहािरे उत्तर –

1.(क) 2.(ग) 3.(घ) 4.(क) 5.(ि)


6.(घ) 7.(ग) 8.(घ) 9. (ग) 10.(ि)
11.(ग) 12.(घ) 13.(ग) 14.(घ) 15.(ग)
16.(क) 17.(ि) 18.(ि) 19.(घ) 20.(ि)
21.(ि) 22.(ि) 23.(ि) 24.(क) 25.(ग)
26.(घ) 27.(ग) 28.(ग) 29.(ि) 30.(ि)
31.(घ)

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kartUsa
maUlaBaava
hbaIba tnavaIr d\vaara ricat ekaMkI ‘kartUsa’ maoM vajaIr AlaI AaOr ]sako िाूँबाज़ isapaihyaaoM kI vaIrta ko baaro maoM batato hue
kha gayaa hO ik saahsa sao iksaI BaI Sa~u ka saamanaa ikyaa jaa sakta hO. vajaIr AlaI nao ijasa saahsa ko saaqa AMga`ojaaoM ka
saamanaa ikyaa qaa ]sasao yahI p`tIt haota hO ik saM#yaa Aqavaa As~-Sas~ kI Apoxaa SaaOya- maayanao rKta hO. )dya maoM doSap`oma
hao, BaaOitk sauKaoM kI laalasaa na hao tao kao[- baD,o sao baD,o saama`ajya sao BaI T@kr lao sakta hO.eosao vaIraoM kI tao Sa~u BaI p`SaMsaa
krto hOM.[ithasa maoM [naka naama Amar hao jaata hO tqaa AnaMtkala tk yao maanava jaait ko ilae p`orNaasa`aot banao rhto hOM.
kayarta ko saaqa jaInaa tao kID,o-makaoD,aoM ka jaIvana hO.jaao vyai@t sa%ya va nyaaya kI Apoxaa BaaOitk sauKaoM kao mah%%va dota hO
tqaa Apnao k<a-vya kao BaUla jaata hO vah GaRNaa ka pa~ banakr rh jaata hO. saahsaI hI maanava saByata ko [ithasa maoM svaNaa-
xaraoM maoM Apnaa naama ilaKa pato hOM.

1. kartUsa paz maoM saAadt AlaI kao iksa p`kar ka vyai@t batayaa gayaa hO? [CBSE-2017]
]%tr- kartUsa paz maoM saAadt AlaI kao eoSa psaMd AadmaI kha gayaa hO ijasamaoM svaaiBamaana AaOr doSap`oma nahIM kovala sauK
sauivaQaaAaoM kao Baaoganao kI [cCa hO.
2. vaja,Ir AlaI कहााँ पहाँचना caahta qaa AaOr @yaaoM nahIM पहाँच saka qaa?
]%tr- vajaIr AlaI naopala पहाँचना caahta qaa pr AMga`ojaaoM ko kD,o phro ko karNa nahIM पहाँच saka qaa.
3. vaja,Ir AlaI kao BaUt khnao ka @yaa ta%pya- hO?
]%tr- vaja,Ir AlaI iksaI ko haqa nahIM Aa rha qaa.mahInaaoM sao jaMgala maoM Komaa lagaakr AMga`ojaI faOja ]sao ढाँ ढ, rhI qaI.जहााँ
]sao Kaojaa jaata vah वहााँ sao AdRSya hao jaata [sailae laoiFTnaoMT nao ]sao BaUt kha.
4. savaar nao vaja,Ir AlaI kI igarFtarI kao kizna @yaaoM batayaa?
]%tr- savaar svayaM vaja,Ir AlaI qaa.]sao svayaM pr निश्वास qaa.vah jaanata qaa ik ]sao pkD,naa बाएाँ haqa ka Kola nahIM
hO.[sailae ]sanao vaja,Ir AlaI kI igarFtarI kao kizna batayaa.
5. kartUsa paz maoM ‘Ktrnaak’ Sabd ka p`yaaoga iksako ilae ikyaa gayaa hO AaOr @yaaoM?
]%tr- kartUsa paz maoM ‘Ktrnaak’ Sabd ka p`yaaoga baMgaala ko navaaba ko irSto ko Baa[- Samasaud\daOlaa ko ilae ikyaa gayaa hO
@yaaoMik vah AMga`ojaaoM ka kT\Tr duSmana qaa AaOr ]nhoM Bagaanao ko ilae ]sanao Afgaainastana ko baadSaah Saahoja,maa kao AamaMi~t
ikyaa qaa.
6. AMga`ojaaoM kI kMpnaI ka @yaa naama qaa? [sa kMpnaI nao Baart maoM iksa p`kar saflata p`aPt kI?
]%tr- AMga`ojaaoM kI kMpnaI ka naama [-sT [MiDyaa kMpnaI qaa.yah kMpnaI Baart maoM vyaapar ko ]d\doSya sao Aa[- qaI.यहााँ Aakr
[sanao यहााँ kI kmaja,aor rajanaIitk isqait ka laaBa ]zayaa AaOr QaIro-QaIro यहााँ Saasana vyavasqaa maoM dKla dokr sa<aa hiqayaanao
maoM saflata p`aPt kI.
7. saAadt AlaI kaOna qaa? kna-la ]sao AvaQa ko t#t pr @yaaoM ibazanaa caahta qaa? [CBSE-2016]
]%tr- saAadt AlaI, Aaisaf]d\daOlaa ka CaoTa Baa[- AaOr vaja,Ir AlaI ka caacaa qaa. kna-la ]sao AvaQa ko t#t pr ibazanaa
caahta qaa taik vah AMgao`ja,aoM kI kzputlaI maa~ bana kr rh jaae, vaastva maoM AvaQa pr vao Saasana kroM AaOr AvaQa kI saMpi%t
pr BaI ]naka AiQakar hao jaae.

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8. vaja,Ir AlaI AajamagaZ, ko jaMgalaaoM maoM @yaa kr रहा qaa?
]%tr- vajaIr AlaI AMga`ojaaoM ko vakIla kI h%yaa kr AajamagaZ, ko jaMgalaaoM maoM Baaga gayaa qaa.vah AvaQa ko t#t kao puna:
p`aPt krnaa caahta qaa tqaa AMga`ojaaoM kao [sa doSa sao Bagaa donaa caahta qaa.[sako ilae vah वहााँ sao ApnaI Sai@tsaMicat krto
hue yaaojanaa banaa rha qaa.

9. kartUsa paz ka maUla saMdoSa @yaa hO?


]%tr- ‘kartUsa’ paz ko maaQyama sao laoKk svaaiBamaana, doSap`oma, doSarxaa ka saMdoSa do rho hOM.hmaoM inarMtr Apnao svaaiBamaana kI
rxaa krto hue doSapòma kI Baavanaa mana maoM rKto hue doSarxaa ko ilae t%pr rhnaa caaihe.[sako ilae Apnaa bailadana donao kI
BaI ja,$rt hao tao hma pICo na hToM.

10. savaar kaOna qaa? ]sanao kna-la sao kartUsa kOsao haisala ike?
]%tr- savaar vaj,aIr AlaI qaa.vah bahut saahsaI qaa.vah GaaoD,o pr savaar hao QaUla ]D,ata huAa tojaI sao kna-la ko Komao maoM
Aayaa.]sanao kna-la sao ekaMt maoM imalanao kI [cCa jaaihr kI.kna-la nao ]sao vajaIr AlaI ka duSmana samaJa imalanao kI [ja,aja,t
do dI.]sanao vajaIr AlaI kao pkD,nao ko ilae dsa kartUsa माूँग. े kna-la nao sahYa- ]sao kartUsa do idyaa ijasao laokr vah Apnaa
pircaya doto hue tojaI sao वहााँ sao inakla gayaa.

11.‘kartUsa’ paz ko AaQaar pr ilaiKe ik जााँबाज़ ,ko jaIvana ka laxya AMgao`j,aaoM kao [sa doSa sao baahr krnaa qaa.
[CBSE-2013]
]%tr- vaj,aIr AlaI kao ]sako navaabaI ko pd sao hTanao maoM ]sako caacaa saAadt AlaI AaOr AMga`oj,aaoM ka haqa qaa [sailae vah
saAadt AlaI AaOr AMga`oj,aaoM kao Apnaa duSmana samaJata qaa.]sako idla maoM AMga`oj,aaoM ko iKlaaf, naf,rt BarI hu[ - qaI.vah ]nhoM
doSa sao baahr inakala donaa caahta qaa.yah naf,rt kMpnaI ko vakIla kI h%yaa ko samaya ]jaagar haotI hO.vah Af,gaanaI Saasak
Saaho j,amaa sao madd मााँगता hO.vah iksaI BaI trh naopala पहाँचकर Af,gaanaI hmalao ka [Mtj,aar kr ApnaI takt baZ,anaa
caahta qaa.Apnao mauT\zIBar saOinakaoM kI madd sao vah barsaaoM sao kMpnaI kI आाँ ख ों maoM QaUla JaaoMkta Aa rha qaa.

12. vaja,Ir AlaI kao ek जााँबाज़ isapahI @yaaoM kha gayaa hO? ]sako saOinak jaIvana ko @yaa laxya qao?
[CBSE-2014]
अथिा
‘उसके साथ चंद िाूँबाज़ हैं| मुट्ठी भर आदमी और ये दमख़म है|’
िज़ीर अिी के संदभज में कहे गए उक्त कथि पुि: हमें आत्म बि, आत्म निश्वास की श्रेष्ठता का निरूपण
करिे पर नििश कर देता है| अपिे निचार प्रस्तुत कीनिए|

]%tr- vaja,I,r AlaI kao ek जााँबाज़, isapahI kha gayaa gayaa hO @yaaoMik ]sako svaBaava maoM doSaBai@t kUT-kUT kr BarI qaI AaOr
[sa Baava nao ]sao inaBa-ya banaa idyaa qaa.AvaQa ko t#t pr vah kovala पााँच mahInaaoM ko ilae rha.]tnao hI idnaaoM maoM ]sanao AvaQa
kao AMga`oja,aoM ko p`Baava sao mau@t kra ilayaa.kMpnaI ko vakIla nao jaba ]sako svaaiBamaana kao zosa पहुूँचाया tao ]sanao ]saka k%la
kr idyaa AaOr Apnao sahyaaoigayaaoM ko saaqa jaMgala maoM Baaga gayaa जहााँ sao उसिे AMga`oja,aoM kI naak maoM dma kr rKa qaa.vah Akolao
kna-la ko Komao maoM jaakr ]sasao dsa kartUsa lao Aayaa.]saka yah kaya- Saor kI माूँद maoM Gausakr ]sao caunaaOtI donao jaOsaa qaa.]sako
jaIvana ka laxya AMga`oja,aoM kao Baart sao Bagaanaa tqaa Apnao doSa kao svatM~ krnaa qaa.

ककसी भी शासक का सैतय बि ही उसकी िास्तनिक शनक्त मािी िाती है| इस दृनि से देिें तो बिारस से
भागिे के पिात् उसके साथ कु छ निश्वासपात्र साथी ही थे कफर भी िह अंग्रि
े ों की अपार शनक्त से िोहा िेिा
चाहता था| अफ़गािी शासक को मदद के निए बुिाकर पुि: अपिी ििाबी पािे की आशा उसके आत्मनिश्वास
का ही उदाहरण है|

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13. vaja,Ir AlaI ka cair~ ica~Na kIijae.
अथिा
िज़ीर अिी की िाूँबाज़ी िौ ििािों को नहम्मत और साहस का पाठ पढ़ाती है| तकज सनहत उत्तर दीनिए|

]%tr- vaja,Ir AlaI Apnao Aa%ma sammaana kI rxaa krnaa BalaI-भााँतत jaanata qaa.vah kBaI AMga`oja,aoM ko samaxa Jauka nahIM.jaba
AMga`oja,aoM ko vakIla d\vaara Apmaainat ikyaa gayaa tao ]sanao ]sakI h%yaa kr dI.]samaoM doSaBai@t kUT-kUT kr BarI qaI.vah
ihMdustana kao AMga`oja,aoM kI dasata sao mau@t krnaa caahta qaa [sailae ]sanao Af,gaainastana ko baadSaah sao sahayata BaI मााँगी
qaI.Apnao पााँच mahInao ko navaabaI ko daOrana vah AvaQa kao AMga`oja,I p`Baava sao mau@t krnao maoM kamayaaba rha qaa.vah ek saahsaI
va inaDr isapahI qaa. AMga`oja,aoM ko Komao maoM jaakr kartUsa lao Aanaa AaOr Apnaa pircaya BaI do Aanaa [saka ]dahrNa hO.]sakI
जााँबाज़ी kI cacaa- AMga`oja, BaI ikyaa krto qao.Apnao saahsa sao ]sanao kna-la kao h@ka-ba@ka kr idyaa qaa.vah naIitinapuNa
qaa.AMga`oja,aoM kao cakmaa donao kI naIit vah BalaI- भााँतत jaanata qaa.AMga`oja, isapahI mahInaaoM sao ]sao ढाँ Z,nao ko ilae jaMgala maoM Komaa
lagaae qao pr safla nahIM hao pa rho qao.AMga`oja,aoM kao Bagaanao ko ilae Af,gaainastana ko baadSaah sao sahayata माूँगी.]saka
cair~ dUsaraoM ko ilae p`orNaadayak hO.

1. निम्िलिखित गद्यांश के आधयर पर दिए गए प्रश्िों के उत्तर लिखिए।


(िो अांग्रज़
े बैठे बयतें कर रहे हैं, किनि कयलिांज और एक िेफ्टीिेंट िेमे के बयहर हैं, चयाँििी निटकी हुई
है , अांिर िैंप जि रहय है ।
किनि- जांगि की जज़ांिगी बडी ितरियक होती है ।
िेजफ्टिेंट- हफ़्तों हो गए ्हयाँ िेमय डयिे हुए। लिपयही भी तांग आ गए हैं। ्े वज़ीर अिी आिमी है
्य भूत, हयथ ही िहीां िगतय।
किनि- उिके अफ़ियिे िि
ु के रॉबबिहुड के कयरियमे ्यि आ जयते हैं। अांग्रज़
े ों के खिियफ़ उिके
दिि में ककि किर िफ़रत है । कोई पयाँच महीिे हुकूमत की होगी। मगर इि पयाँच महीिे में वो अवध
के िरबयर को अांग्रेज़ी अिर िे बबिकुि पयक कर िे िे में तकरीबि कयम्यब हो ग्य थय।
िेजफ्टिेंट- किनि कयलिांज ्े िआित अिी कौि है ?
किनि- आलिफ़उदिौिय कय भयई है । वज़ीर अिी कय और उिकय िश्ु मि। अिि में िवयब
आलिफ़उदिौिय के ्हयाँ िडके की कोई उम्मीि िहीां थी। वज़ीर अिी की पैियइश को िआित अिी िे
अपिी मौत ि्यि कक्य।

क. किनि िे जांगि में िेमय क््ों डयिय हुआ थय?


वजीर अिी को पकडिे के लिए/ शहयित अिी की िुरक्षय के लिए
कैं प के लिए/ अांग्रेजों की िुरक्षय के लिए
ि. कौि रोबबिहुड की ्यि दिियतय है?
किनि कलिांज/ िआित अिी/ वजीर अिी/ लिपयही
ग. िेमे के बयहर ककि की रोशिी है ?
चयाँि की/ िैंप की/ बल्ब की/ िूरज की

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घ. किनि िे जांगि में कब िे िेमय डयिय हुआ थय?
महीिों िे/ वर्षों िे/ कुि दिि पहिे/ हफ्तों िे
ङ. अवध िे अांग्रेजों को वज़ीर अिी िे ककतिे दििों में िगभग हटय दि्य थय?
तीि महीिे/ पयाँच महीिे/ िो ियि/ कुि दिि

2. निम्िलिखित गद्यांश के आधयर पर दिए गए प्रश्िों के उत्तर िीजजए।


गोरय; िरू िे गिन उठती दिियई िे रही है ।
किनि; लिपयदह्ों िे कह िो कक तै्यर रहें )लिपयही िियम करके चिय जयतय है (
िेफ्टीिेंट; )जो खिडकी िे बयहर िे ििे में मशरूफ थय( गिन तो ऐिी उड रही है जैिे कक परू य एक
कयकफ़िय चिय आ रहय हो मगर मुझे तो एक ही िवयर िज़र आतय है ।
किनि; )खिडकी के पयि जयकर( हयाँ एक ही िवयर है । िरपट घोडय िौडयए चिय आ रहय है ।
िेफ्टीिेंट; और िीधय हमयरी तरफ़ आतय मयिम
ू होतय है ) किनि तयिी बजयकर लिपयही को
बुियतय है (
किनि )लिपयही िे) लिपयदह्ों िे कहो, इि िवयर पर िज़र रिें कक ्े ककि तरफ़ जय रहय है
)लिपयही िियम करके चिय जयतय है |)
िेफ्टीिेंट; शुब्हे की तो कोई गुांजयइश ही िहीां तेज़ी िे इिी तरफ़ आ रहय है
)टयपों की आवयज़ बहुत करीब आकर रुक जयती है (
िवयर- )बयहर िे( मझ
ु े किनि िे लमििय है ।
गोरय- )चचल्ियकर( बहुत िब
ू ।(
िवयर- )बयहर िे( िी|
गौरय- ) अांिर आकर( हुजूर िवयर आपिे लमििय चयहतय है ।
किनि- भेज िो।
िेफ्टीिेंट- वज़ीर अिी कय कोई आिमी होगय हमिे लमिकर उिे चगरफ़्तयर करवयिय चयहतय
होगय।
किनि- िामोश रहो )िवयर लिपयही के ियथ अांिर आतय है (
िवयर- )आते ही पक
ु यर उठतय है ( तन्हयई! तन्हयई!
किनि- ियहब ्हयाँ कोई गैर आिमी िहीां है आप रयज़ेदिि कह िें ।
िवयर- िीवयर हमगोश ियरि, तन्हयई।
क. गिन उडते िे ि कर क््य प्रतीत होतय है ?
कोई फौज आ रही हो/ एक कयकफिय चिय आ रहय हो
कोई एक िवयर आ रहय हो/ कोई आक्रमण कर रहय हो
ि. िवयर ककि िे लमििय चयहतय थय?

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किनि िे/ लिपयही िे/ वजीर अिी िे/ िेजफ्टिेंट िे
ग. िेजफ्टिेंट को िवयर क््य िगतय है ?
वजीर अिी/ कोई लिपयही/ वजीर अिी कय कोई आिमी/ कोई आम आिमी
घ. किनि लिपयदह्ों को क््य हुकुम िे तय है ?
िवयर पर िजर रििे कय/ िवयर को पकडिे कय/ कुि िहीां करिे कय / िवयर को रोकिे कय
ङ. िवयर के आिे की िच
ू िय कौि किनि को िे तय है?
लिपयही/ गोरय/ िेजफ्टिेंट/ वजीर अिी

3. निम्िलिखित गद्यांश के आधयर पर दिए गए प्रश्िों के उत्तर लिखिए।


िवयर - आपिे इि मुकयम पर क््ों िेमय डयिय है ?
किनि - कांपिी कय हुक्म है कक वज़ीर अिी को चगरफ्तयर कक्य जयए।
िवयर - िेककि इतिय ियविश्कर क््य मय्िे?
किनि - चगरफ़्तयरी में मिि िे िे के लिए।
िवयर - वज़ीर अिी की चगरफ़्तयरी बहुत मुजश्कि है ियहब।
किनि - क््ों?
िवयर - वो एक जयाँबयज़ लिपयही है ।
किनि - मैंिे भी ्ह िि
ु रिय है । आप क््य चयहते हैं?
िवयर - चांि कयरतूि।
किनि - ककिलिए?
िवयर - वज़ीर अिी को चगरफ्तयर करिे के लिए।
किनि - ्े िो िि कयरतूि
िवयर - (मुिकरयते हुए शुकक्र्य।
किनि - आपकय ियम?
िवयर - वज़ीर अिी। आपिे मुझे कयरतूि दिए इिलिए आपकी जयि बख्शी करतय हूाँ। ) ्े कहकर
बयहर चिय जयतय है , टयपों कय शोर िुियई िे तय है । किनि एक िन्ियटे में है । हक्कय बक्कय िडय है कक
िेफ्टीिेंट अांिर आतय है (
िेफ्टीिेंट - कौि थय?
किनि - (िबी ज़बयि िे अपिे आप िे कहतय है ( एक जयाँबयज़ लिपयही।

क. किनि एक जयाँबयज़ लिपयही ककिको कहतय है ?


वजीर अिी/ टीपू िुल्तयि/ िआित अिी/ शमिुदिौिय
ि. िवयर कौि है ?
िआित अिी/ लिपयही/ वजीर अिी/ िेजफ्टिेंट

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ग. वजीर अिी किनि की जयि क््ों बख्शतय है?
क््ोंकक वह उिकय िश्ु मि िहीां थय/ कयरतूि के बििे में /
वह किनि को िहीां मयरिय चयहतय/ उििे किनि को मयर दि्य
घ. िवयर किनि िे कयरतूि ककि लिए मयाँगतय है ?
वजीर अिी को चगरफ्तयर करिे के लिए/ किनि को मयरिे के लिए/
कांपिी की िहय्तय के लिए/ िेजफ्टिेंट को धमकयिे के लिए
ङ. किनि वजीर अिी के आिे की बयत ककि को बतयतय है ?
िेजफ्टिेंट को/ लिपयही को/ गोरा को/ ककिी को िहीां

4. निम्िलिखित गद्यांश के आधयर पर दिए गए प्रश्िों के उत्तर लिखिए।


िेफ्टीिेंट- वज़ीर अिी की आज़यिी बहुत ितरियक है। हमें ककिी ि ककिी तरह इि शख्ि -
को चगरफ़्तयर कर ही िेिय चयदहए।
किनि - पूरी एक फ़ौज लिए उिकय पीिय कर रहय हूाँ और बरिों िे वो हमयरी आाँिों में धूि झोंक रहय
है और इन्हीां जांगिों में कफर रहय है और हयथ िहीां आतय । उिके ियथ चांि जयाँबयज़ हैं। मुट्ठी भर
आिमी मगर ्े िमिम है ।
िेफ्टीिेंट - िुिय है वज़ीर अिी जयती तौर िे भी बहुत बहयिरु आिमी है ।
किनि - बहयिरु ि होतय तो ्ूाँ कांपिी के वकीि को कत्ि कर िे तय?
िेफ्टीिेंट - ्े कत्ि कय क््य ककस्िय हुआ थय किनि?
किनि- ककस्िय क््य हुआ थय उिको उिके पि िे हटयिे के बयि हमिे वज़ीर अिी को बियरि पहुाँचय
दि्य और तीि ियि रुप्य ियियिय वजीफ़य मक
ु रन र कर दि्य। कुि महीिे बयि गविनर जिरि िे उिे
किकत्तय तिब कक्य। वज़ीर अिी कांपिी के वकीि के पयि ग्य जो बियरि में रहतय )कोिकयतय(
थय और उििे लशकय्त की कक गविनर जिरि उिे किकत्तय में क््ूाँ तिब करतय है । वकीि िे
लशकय्त की परवयह िहीां की उिटय उिे बरु य भिय िि
ु य दि्य। वज़ीर अिी के तो दिि में ्ाँू भी-
कूटकर भरी है उििे िांजर िे वकीि कय कयम तमयम कर दि्य।-अांग्रेज़ों के खिियफ़ िफ़रत कूट
क. वजीर अिी िे ककि कय कत्ि कक्य थय?
वकीि कय/ लिपयही कय/ किनि कय/ एक आम आिमी कय
ि. किनि कय वजीर अिी को बहयिरु कहिय क््य िशयनतय है ?
वजीर अिी की बहयिरु ी/ अांग्रेजों की ियकयमी/ िे श भजक्त/ कुि िहीां
ग. वजीर अिी पर ककतिय वजीफय मुकरन र कक्य ग्य?
तीि हजयर रुप्े महीिय/ तीि ियि रुपए ियियिय/ तीि ियि रुप्े ियियिय /
तीि हजयर रुप्े ियियिय
घ. वजीर अिी को उिके पि िे हटयिे के बयि कहयां पहुांचय दि्य ग्य?
िििऊ/ अफगयनिस्तयि/ बांगयि/ बियरि

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ङ. किनि पूरी एक फौज िेकर ककिकय पीिय कर रहे थे?
िॉडन क्ियइव/ वजीर अिी/ टीपू िल्
ु तयि/ िवयब बांगयि

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taop
maUlaBaava
vaIrona DMgavaala d\vaara ricat ‘taop’ hmaoM yaad idlaatI hO AMga`ojaaoM ko iva$d\Qa ]sa saMGaYa- kI ijasako flasva$p hma Aajaad
hue. vyaaparI ko $p maoM Aae AMga`ojaaoM nao hmaoM Apnaa gaulaama banaa ilayaa qaa. 1857 ko AaMdaolana ko p`tIk $p maoM ek taop
AMga`ojaaoM d\vaara banaae kMpnaI baaga maoM rKI hu[- hO jaao hmaoM ]na vaIraoM kI yaad idlaatI hO jaao Apnao doSa ko ilae mar imaTo qao.[sa
taop sao जह ाँ hmaoM Apnao doSa ko SahIdaoM kI yaad AatI hO vahIM yah BaI yaad Aata hO ik AtIt maoM imalaI gaulaamaI hmaaro pUva-jaaoM
ko BaUla ka pirNaama qaI At: hma saavaQaana rhoM.Apnaa p`Baava Kao caukI taop yah saMdoSa BaI dotI hO ik kao[ - iktnaa BaI
Sai@tSaalaI, iktnaa BaI AattayaI @yaaoM na hao ek na ek idna ]saka AMt AvaSya haota hO.

(1) ‘taop’kivata ka ]d\doSya spYT kIijae. [CBSE2012]


]%tr-‘taop’ kivata As~-Sas~aoM tqaa balapUva-k dmana naIit ko ivaraoQa maoM ilaKI ga[- hO. p`stut kivata maoM kiva khto hOM
ik taop sao janata ka svar kuC samaya ko ilae dbaayaa jaa sakta hO laoikna hmaoSaa ko ilae nahIM. janata ka ivad`aoh samaya
Aanao pr baD,I sao baD,I taopaoM ka माँह baMd kr dota hO. baD,o sao baD,o A%yaacaairyaaoM kao ]KaD, kr foMk Dalanao vaalaI taop
baccaaoM ka iKlaaOnao bana jaatI hO.p`stut kivata maoM yah saMdoSa BaI hO ik taopoM Aba [ithasa bana caukI hOM. takt sao laaogaaoM kao
dbaanao ka samaya calaa gayaa hO. Aba laaoktM~ hO, hma svatM~ hOM. Aba baatcaIt d\vaara iksaI samasyaa ka samaaQaana ikyaa jaa
sakta hO. 1857 kI taop BaI baatcaIt ka rasta baMd nahIM kr saktI hO.

(2) ‘taop’ kivata maoM taop Apnao Aakar sao sahmaatI hO prMtu baccao AaOr icaiD,यााँ ]sako saaqa @yaa krtI hOM? [sa ]dahrNa
sao kiva @yaa isad\Qa krnaa caahta hO? [CBSE2014]
]%tr-‘taop’ kivata maoM taop ApnaI BayaMkr AakRit sao sabakao sahmaatI hO, prMtu baccao AaOr icaiD,यााँ ]sako saaqa Kola krto
hOM. baccao ]sa pr baOzto hOM AaOr savaarI ka AanaMd ]zato hOM. तचतियााँ taop ko माँह maoM Gausakr cahcahatI hOM. [sa ]dahrNa
sao kiva hmaoM yah batanaa caahto hOM ik kao[- iktnaa BaI balaSaalaI @yaaoM na hao ek na ek idna ]saka saara p`Bau%va samaaPt hao hI
jaata hO. ]sakI Sai@t xaINa hao jaatI hO AaOr ]saka dbadbaa K,%ma hao jaata hO. At: dUsaraoM pr balapUva-k A%yaacaar krnaa
]icat nahIM hO.

(3) ‘taop’ kivata maoM 1857 ko gadr ko saMdBa- ka ]llaoK ikyaa gayaa hO, ApnaI jaanakarI ko AaQaar pr ilaiKe ik
doSa Ba@taoM ko saaqa taop nao @yaa bata-va ikyaa haogaa? [CBSE2014]
]%tr-‘taop’ kivata maoM 1857 ko gadr maoM kama Aa[- तोपों ka ]llaoK ikyaa gayaa hO. [na taopaoM nao svatM~ta
saMga`ama maoM iktnao hI vaIraoM kI Qaijja,यााँ ]D,a dI haoMgaI. [sa gadr maoM laaKaoM BaartIya SahId hue qao. hja,araoM k`aMitkairyaaoM kao
AMga`oja,aoM nao taop ko माँह ko Aagao KD,a krko daga idyaa qaa. svatM~ta AaMdaolana kao kucalanao ko ilae AMga`oja,aoM nao iktnao hI
गााँव ों kao taop sao naYT kr idyaa qaa. ]samaoM saOkD,aoM Gar tbaah hao gae qao.

(4) 1857 kI taop saala maoM dao baar @yaaoM camaka[- jaatI hO? [CBSE2014]
]%tr-svatM~ta idvasa AaOr gaNatM~ idvasa ko Avasar pr 1857 kI taop saala maoM dao baar [sailae camaka[- jaatI hO taik
]na AvasaraoM pr BaartvaaisayaaoM kao batayaa jaa sako ik ]nako pUva-jaaoM nao [sa doSa kI Aaja,adI ko ilae iktnao bailadana ide
qao.
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(5) taop ApnaI iksa ivaSaoYata sao piricat krvaanaa caahtI hO AaOr kOsao ? [CBSE2015]
]%tr-taop ApnaI ivanaaSakarI Sai@t sao hmaoM piricat krvaanaa caahtI hO yah batakr ik kOsao ]sanao 1857 kI k`aMit maoM
BaartIya vaIraoM kI Qaijja,यााँ ]D,a dI qaI.

(6) ‘jabar’, ‘Qajjao’ [%yaaid SabdaoM ka p`yaaoga ‘taop’ kivata kI BaaYaa kI iksa ivaSaoYata kao dSaa-ta hO?
[CBSE2015]
]%tr-taop kI ivanaaSakarI Sai@t kao idKanao ko ilae ‘jabar’ AaOr ‘Qajjao’ jaOsao SabdaoM ka p`yaaoga ikyaa gayaa hO.yao Sabd
jabardst hOM AaOr ivanaaSakarI Sai@t kao p`diSa-t krto hOM.

(7) ‘Qajjao ]D,anaa’ mauhavaro ka p`yaaoga ‘taop’ ko saMdBa- maoM iksa $p maoM huAa hO? [CBSE2014]
]%tr- ‘Qajjao ]D,anaa’ mauhavaro ka Aqa- hO naYT-Ba`YT kr donaa. 1857 ko AaMdaolana ko samaya AMga`oja,aoM nao k`aMitkaityaaoM kao
taop ko माँह ko saamanao KD,a krko ]nakI Qaijja,यााँ ]D,a dI qaI. At: [sa mauhavaro ka p`yaaoga taop ko saMdBa- maMo huAa
hO.

(8) taop AaOr icaiD,yaa iksako p`tIk hOM? [CBSE2014]


]%tr- p`stut kivata ko AaQaar pr taop, ivanaaSakarI AaOr A%yaacaarI Sai@t ka p`tIk hO. icaiD,yaa svatM~ jana saamaanya
ka p`tIk hO jaao sahja $p sao ]llaasa va ]maMga sao Bara jaIvana jaIto hOM.

पद्यांश पर आधाररत बहुिैकनल्पक प्रश्न

1.कं पिी बाग़ के मुहािे पर


धर रिी गयी है यह 1857 की तोप
इसकी होती है बड़ी सम्हाि, निरासत में नमिे
कं पिी बाग की तरह
साि में चमकाई िाती है दो बार|
सुबह-शाम कं पिी बाग में आते हैं बहुत से सैिािी
उतहें बताती है या तोप
कक मैं बड़ी िबर
उड़ा कदए थे मैंिे अच्छे -अच्छे सूरमाओं के धज्जे
अपिे ज़मािे में

क. 1857 की तोप ककस काम आई थी?


(i) भारतीयों िे इस तोप से अंग्रि
े ों को ििकारा था (ii) देश को आज़ादी कदिािे के काम आई थी
(iii) स्ितंत्रता संग्राम के िांनत को दबािे के काम आई थी (iv) उपयुक्त
ज सभी

ि. पद्यांश के अिुसार तोप कहाूँ रिी गई है ?

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(i) प्रिेश द्वार पर (ii) शहर में
(iii) शहर के प्रिेश द्वार में (iv) कं पिी बाग़ के प्रिेश द्वार पर

ग. तोप की सम्हाि कै से होती है ?


(i) बेशकीमती चीि की तरह (ii) निरासत में नमिे कं पिी बाग की तरह
(iii) अपिी नप्रय िस्तु की तरह (iv) स्ितंत्रता सेिानियों से नमिी धरोहर की तरह

घ. सैिानियों से तोप क्या कहती है ?


(i) मैं बड़ी घातक और शनक्तशािी हूँ (ii) मैं फौिाद से बिी हूँ
(iii) मुझसे शनक्तशािी कोई िहीं (iv) मुझसे दूर रहिा

ङ. तोप को िषज में दो बार कब चमकाया िाता है?


(i) 14 ििंबर और 26 िििरी (ii) 2 अक्टू बर और 14 नसतंबर
(iii) 15 अगस्त और 26 िििरी (iv) 30 िििरी और 31 अक्टू बर

2. अब तो बहरहाि
छोटे िड़कों की घुड़सिारी से अगर यह फ़ाररग हो
तो उसके ऊपर बैठकर नचनड़याूँ ही अकसर करती हैं गपशप
कभी-कभी शैतािों में िे इसके भीतर भी घुस िाती हैं
िास कर गौरै यें
िे बताती हैं कक दरअसि ककतिी भी बड़ी हो तोप एक कदि तो होिा ही है उसका मुह
ूँ बंद।

क. अब कम्पिी बाग में आए िड़के तोप पर बैठ कर क्या करते हैं ?


(i) तोप चिाते हैं (ii) तस्िीर िीचते हैं
(iii) नचनड़यों से बातें करते हैं (iv) तोप पर बैठ कर घुड़सिारी करते हैं
ि. तोप अपिे बारे में क्या बता रही है ?

(i) िह बहुत बड़ी है (ii) अब िह कु छ िहीं कर सकती


(iii) िह अपिे िक्त में बहुत शनक्तशािी थी (iv) i और ii दोिों
ग. नचनड़या तोप पर बैठकर क्या करती हैं?
(i) िेिती है (ii) दािा चुगती हैं

(iii) इधर-उधर देिती हैं (iv) गप-शप िगाती हैं


घ. गौरै यें और नचनड़याूँ क्या बताते हैं ?

(i) तोप से ही दुश्मिों को सबक नसिाया िाता है (ii) तोप के नबिा युद्ध िहीं िीता िा सकता

(iii) एक कदि बड़ी से बड़ी तोप का मुह


ूँ बंद हो िाता है (iv) तोप दुश्मि को मारिे का अच्छा हनथयार है
ङ. आनिरकार तोप का मुह
ूँ एक कदि बंद क्यों हो िाता है?
(i) क्योंकक तोप कु छ समय बाद पुरािी हो िाती है (ii) क्योंकक तोप समस्या का अंनतम समाधाि िहीं है

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(iii) क्योंकक तोप कु छ समय बाद िराब हो िाती है (iv) क्योंकक तोप के नबिा युद्ध िहीं िीता िा सकता

उत्तर
1. क. (iii) ि. (iv) ग. (ii) घ. (i) ङ. (iii)
2. क. (iv) ि. (iii) ग. (iv) घ. (iii) ङ. (ii)

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आत्मत्राण
निपदाओं से मुझे बचाओ , यह मेरी प्राथजिा िहीं
के िि इतिा हो (करुणामय)
कभी ि निपदा में पाऊूँ भय ।
दुःि - ताप से व्यनथत नचत्त को ि दो सांत्ििा िहीं सही
पर इतिा होिे (करुणामय)
दुि को मैं कर सकूूँ सदा िय ।
कोई कहीं सहायक ि नमिे
तो अपिा बि- पौरुष ि नहिे ;
हानि उठािी पड़े िगत् में िाभ अगर िंचिा रही
तो भी मि में िा मािूूँ क्षय ।।

1. व्यनथत नचत्त को शांत करिे में सांत्ििा ककस तरह कारगर है ?


(क) सांत्ििा से िोया साहस िौटता है और नििीनिषा ि आत्मनिश्वास कायम होता है |
(ि) सांत्ििा से साहस िोता है और नििीनिषा ि आत्मनिश्वास कायम होता है |
(ग) सांत्ििा से मि की दुनिधा दूर होती है |
(घ) सांत्ििा से दूसरों के ह्रदय में नस्थत अपिे प्रनत प्रेम का पता चिता है |

2. ‘दुःि ताप से व्यनथत नचत्त’ से कनि की ककस मिः नस्थनत का पता चिता है ?
(क) कनि का हृदय दुनिधाग्रस्त है |
(ि) कनि का हृदय प्रभु के निरह से बेचि ै है |
(ग) कनि का हृदय सांसाररक दुःि से बेचि ै है |
(घ) कनि समाि के व्यिहार से क्षुब्ध है |

3. ‘दुःि को मैं कर सकूूँ सदा िय’ से कनि का क्या तात्पयज है ?


(क) आत्मबि की अपेक्षा ि अपिे पौरुष पर दपज
(ि) आत्मबि की अपेक्षा ि अपिे पुरुषाथज पर भरोसा
(ग) अपिे पुरुषाथज पर भरोसा ि ईश्वर से अिुिय
(घ) ईश्वर से दुःि दूर करिे का अिुिय

4. ‘अपिा बि पौरुष ि नहिे’ कनि की ये उनक्त क्या सतदेश देती है?


(क) व्यनक्त अपिे पुरुषाथज के बि पर ही िीिि की समस्त समस्यायों का समाधाि कर सकता है |
(ि) व्यनक्त अपिे पुरुषाथज के बि पर ही िीिि में कु छ अर्िजत कर सकता है |
(ग) व्यनक्त अपिे पुरुषाथज पर भरोसा कर ही सांसाररक कि से मुनक्त पा सकता है |
(घ) सभी सही

5. ‘तो भी मि में ि मािू क्षय’ कनि की ये उनक्त क्या कहती है?


(क) ककसी भी नस्थनत में दुिी ि हों
(ि) सभी पररनस्थनत में प्रसन्न रहें
(ग) सांसाररक िंचिा नमििे पर भी हताशा की नस्थनत में ि पहुूँचें
(घ) शारीररक हानि होिे पर भी नहम्मत रिें

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6. निम्ननिनित में से ककस रीनत को कनि िे प्राथजिा की सही रीनत बताया है ---
(i) ईश्वर के समक्ष हाथ िोड़कर प्राथजिा करिा
(ii) कहीं ककसी सहायक के ि नमििे पर अपिी कमजठता और परािम साथ ि छोड़े
(iii) ईश्वर से अपिे निए आत्मबि, धैयज और निश्वास की शनक्त माूँगिा
(iv) ईश्वर से अपिी सभी समस्याओं का समाधाि माूँगिा
(v) ईश्वर से अपिे सभी दुिों का अंत करिे की नििती करिा
पद्यांश से मेि िाते िाक्यों के निए उनचत निकल्प चुनिए –
(क) (i) (iii) (ि) (ii) (iv)
(ग) (i) (ii) (घ) (ii) (iii)

उत्तर – 1- (क), 2 – (ग), 3 – (ि), 4 – (घ), 5 – (ग) 6 - घ

मेरा त्राण करो अिुकदि तुम यह मेरी प्राथजिा िहीं


बस इतिा होिे (करुणामय)
तरिे की हो शनक्त अिामय |
मेरा भार िघु करके ि दो सांत्ििा िहीं सही
के िि इतिा रििा अिुिय-
िहि कर सकूूँ इसको निभजय |
ित नशर होकर सुि के कदि में
ति मुि पहचािूूँ नछि-नछि में |
दुःि रानत्र में करे िंचिा मेरी निस कदि निनिि मही
उस कदि ऐसा हो करुणामय,
तुम पर करूूँ िहीं कु छ संशय ||

1.कनि ईश्वर से अपिे किों का नििारण क्यों िहीं चाहता ?


(क) कनि को स्ियं पर निश्वास है|
(ि) कनि चाहता है कक मिुष्यों को अपिे किों के निए स्ियं संघषज करिा चानहए|
(ग) ईश्वर सब कु छ करिे में समथज हैं पर मािि का स्ियं पर निश्वास ही उसे कमजरत रि
संसार को प्रगनत के पथ पर अग्रसर कर सकता है |
(घ) सभी कथि सत्य हैं|

2. दुिों से नघर िािे और िोगों द्वारा ठगे िािे पर क्या होता है ?


(क) कनि का ईश्वर पर से निश्वास डगमगा िाता है
(ि) कनि ईश्वर पर संदह
े िहीं करिा चाहता
(ग) कनि ईश्वर की करुणा चाहता है
(घ) कनि ‘अिामय’ रहिा चाहता है

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3. निनिि मही द्वारा िंचिा करिे का आशय स्पि कीनिए।
(क) पृथ्िी के सभी िोगों द्वारा दुि में कनि का साथ देिा
(ि) धरती के िोगों द्वारा सुि में कनि को धोिा देिा
(ग) धरती के िोगों द्वारा सुि में कनि का साथ देिा
(घ) धरती के सभी िोगों द्वारा दुि में साथ छोड़ कर उसे धोिा देिा

4. ‘तब मुि पहचािूूँ नछि-नछि में’ से क्या तात्पयज है ?


(क) सामातयतः िोग ईश्वर को सुि में भूि िाते हैं |
(ि) कनि ईश्वर को हमेशा याद रििा चाहता है |
(ग) कनि ईश्वर की करुणा चाहता है |
(घ) कनि ‘अिामय’ रहिा चाहता है |

5. ‘िहि कर सकूूँ इसको निभजय’ – कनि क्या िहि करिे की बात कर रहा है और कै से ?
(क) ईश्वर प्रदत्त कायज, प्रभु से भयभीत होकर
(ि) सांसाररक दानयत्ि, भयभीत होकर
(ग) सांसाररक दानयत्ि, सहिता से भयमुक्त होकर
(घ) सांसाररक दानयत्ि, नबिा ककसी सहायक के

उत्तर – 1- (घ), 2 – (ि), 3 – (घ), 4 – (ि), 5 – (ग)

1.‘Aa%ma~aNa’ SaIYa-k kI saaqa-kta pr p`kaSa Dailae.


]%tr- iksaI BaI rcanaa ko SaIYa-k ko ilae saMixaPtta, AakYa-Na Sai@t va BaavaaoM kI spYTta jaOsao t%vaaoM kI AavaSyakta haotI
hO AaOr ‘Aa%ma~aNa’ kivata ka SaIYa-k [sa dRiYT sao pUNa- $p maoM saaqa-k hO. ‘Aa%ma~aNa’ ka Aqa- hO ApnaI rxaa svayaM krnaa.
kiva [-Svar sao iksaI p`kar kI sahayata nahIM माूँगते| hr ivapda maoM, hr kizna GaD,I maoM ApnaI rxaa ko ilae kiva
[-Svar kao nahIM pukarto. vao svayaM kao hI saamaqya-vaana banaanaa caahto hO taik kiznatma GaD,I maoM BaI vao Apnaa ~aNa svayaM kr
sako. vao [-Svar kao sahayak ko $p maoM nahIM, p`ork ko $p maoM doKnaa caahta hO. [sa p`kar ivaYaya-vastu ko Anau$p yah
SaIYa-k A%yaMt saaqa-k hO.

2. isad\Qa kIijae ik kiva [-Svar ko p`it p`bala AasqaavaadI hO.


]%tr- kiva prmaa%maa ko p`it p`bala AasqaavaadI hO. vao duK Aanao pr p`Bau sao iSakayat nahIM krto AaOr na hI ]nakI Sai@t
pr saMdoh krto hOM. duK hao yaa sauK hr isqait kao p`Bau kI kRpa maana kr ]napr ApnaI Aasqaa banaae rKnaa caahto hOM.
prmaa%maa ko p`it ATla ivaSvaasa ko karNa hI duK, vaMcanaa, ivaSvaasaGaat pakr BaI vah prmaa%maa ko p`it saMdohSaIla nahIM bananaa
caahto.[-Svar ko p`it Aasqaa ko karNa hI vao k$Naamaya Sabd kao baar-baar daohrato hMO. [sa p`kar kiva p`bala AasqaavaadI
hOM.

3. ApnaI [cCaAaoM kI pUit- ko ilae Aap p`aqa-naa ko Aitir@t AaOr @yaa-@yaa p`yaasa krto hOM?
]%tr- hma ApnaI [cCaAaoM kI pUit- ko ilae [-Svar sao p`aqa-naa krto hOM. hma yah jaanato hOM ik [-Xvar sava-Sai@tmaana hO ifr
BaI ApnaI xamata pr ivaSvaasa rKto hue jaao laxya hmanao inaQaa-irt ikyaa hO ]sao panao ka pUNa- p`yaasa krto hOM. kizna GaD,I maoM

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Apnao manaaobala kao ऊूँचा rKnao ka p`yaasa krto hOM AaOr yah ivaSvaasa rKto hOM ik [-Svar BaI ]nhIM kI sahayata krto hOM jaao
ApnaI sahayata svayaM krta hO.

4. ‘Aa%ma ~aNa’kivata maoM kiva kI p`aqa-naa sao @yaa saMdoSa imalata hO? Apnao SabdaoM maoM ilaiKe. [CBSE-2016]
अथिा
अपिे पौरुष पर भरोसा रि ही िीिि पथ पर आगे बढ़ा िा सकता है – कथि का सत्यापि ‘आत्मत्राण’
कनिता के आधार पर कीनिए |
अथिा
‘आत्मत्राण’ कनिता का कनि ईश्वर से सांसाररक सुिों की प्राथजिा ि करते हुए क्या नििेदि कर रहा है इससे उसके
चररत्र की ककस निशेषता का पता चिता है? [CBSE-2023]

]%tr- ‘Aa%ma ~aNa’kivata ek p`orNaap`d kivata hO jaao jaIvana ko p`it AaSaavaadI dRiYTkaoNa kao Apnaanao kI saIK dotI
hO.kivata ka SaIYa-k hI kiva jaOsao laaogaaoM ko Aa%ma bala kao dSaa-ta hO.kiva [-Svar ko p`it pUNa- AasqaavaadI hOM [-Svar hr xaNa
]sakI sahayata krnao ko ilae t%pr hOM ikMtu kiva svayaM Apnao bala pr duKaoM sao par panaa caahto hMO. vah duKaoM sao maui@t nahIM
bailk ]sao sahnao AaOr ]sasao ]barnao kI Sai@t माूँगते hOM. kivata ka saMdoSa hO ik jaIvana kI kiznatma GaD,I maoM BaI
[-Svar ko p`it ivaSvaasa kI Baavanaa kma na hao. yaid [-Svar sao kuC माूँगिा hO tao duK sahnao kI Sai@t माूँगे | Apnao paO$Ya
d\vaara hma manaaovaaMiCt flaaoM kI p`aiPt kroM. sauK maoM prmaa%maa kao yaad krnaa, ]nhoM AaBaar p`kT krnaa hma kBaI na BaUlaoM.अपिे
कमज पर भरोसा रिकर मिुष्य सभी बाधाओं को पार कर सकता है| इस कनिता में कनि एक कमजयोगी के रूप में हमें
कमज करते रहिे की प्रेरणा दे रहे हैं|

5 . Aa%ma~aNa iksa p`kar kI kivata hO?


]%tr- Aa%ma~aNa ek p`ork kivata hO ijasamaoM p`Bau pr Aasqaa rKto hue jaIvana kI p`itkUla pirisqaityaaoM sao manaaobala ko
saharo jaUJanao ka saMkot hO.

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sapnaaoM ko-sao idna
1. maasTr p`ItmacaMd ka ivad\yaaiqa-yaaoM kao AnauSaaisat rKnao ko ilae jaao trIka qaa, vah Aaja kI iSaxaa-vyavasqaa ko
jaIvana-maUlyaaoM ko Anausaar ]icat hO yaa Anauicat? tk- saiht spYT kIijae. [CBSE-2013]
]<ar- maasTr p`ItmacaMd nao AnauSaasana ko ilae baccaaoM ko saaqa sa#t vyavahar tqaa ipTa[- kI yaui@t ka sahara ilayaa.gaRhkaya-
pUra na haonao yaa proD maoM galatI krnao pr ivad\yaaiqa-yaaoM kI ipTa[- kI jaatI qaI.]nako d\vaara ike jaa rho Anauicat bata-va ko
karNa ]nhoM naaOkrI sao mauA%tla BaI haonaa pD,a.Aaja kI iSaxaa vyavasqaa maoM iksaI p`kar ka SaarIirk dMD vaija-t hO jaao ek
sahI kdma hO.yaid ivad\yaalaya maoM BayaBaIt haokr iSaxaa ga`hNa krnaa pD,o tao iSaxaa p`aiPt ek saj,aa bana jaaegaI.baccaaoM kI
Asaflata ka karNa ढू ूँढ़कर ]saka samaaQaana krnao kI Sau$Aat Aaja kI iSaxaa vyavasqaa maoM hao caukI hO jaao A%yaMt ]icat
kaya- hO.jaIvana ko maUlya tqaa &ana Drakr nahIM bailk p`oma AaOr sahanauBaUit sao isaKae jaa sakto hOM.

2. ‘sapnaaoM ko sao idna’ paz maoM laoKk kao skUla jaanao ka ]%saah @yaaoM nahIM haota qaa? ifr BaI eosaI kaOna saI baat qaI ijasa
karNa ]sao skUla jaanaa AcCa laganao lagaa? karNa saiht spYT kIijae. [CBSE-2013]

]%tr- laoKk tqaa ]nako saaiqayaaoM kao skUlaI jaIvana ibalkula nahIM Baata qaa. [saka p`mauK karNa qaa skUla ka dhSat Bara
maahaOla. AQyaapkgaNa CaoTI sao CaoTI galatI pr camaD,I ]QaoD, donao jaOsaa dMD idyaa krto qao. ]na nanhoM baccaaoM ko kMQaaoM pr gaRh
kaya- ka BaI AnaavaSyak $p maoM baaoJa laada jaata qaa. [sako Alaavaa Gar-pirvaar maoM BaI ]nhoM vah p`ao%saahna nahIM imalata qaa
ik ]nhoM skUla jaanaa AcCa lagao.
skUla jaanaa AcCa na laganao pr BaI ska]iTMga ko idnaaoM maoM laoKk kao िहाूँ jaanaa AcCa lagata qaa. KakI vadI- phna
kr, haqa maoM naIlaI-pIlaI झंनडयाूँ laokr, pITI sar kI saITI pr vana-TU- qa`I krto hue vao svayaM kao ek faOjaI hI maana baOzto.
jaba pITI sar ]nhoM SaabaaSaI doto, tao ]nhoM bahut AcCa lagata qaa,.

3. ‘sapnaaoM ko sao idna’ paz ko AaQaar pr pITI sar kI iknhIM tIna caairi~k ivaSaoYataAaoM ka ]llaoK kIijae.
[CBSE-2014]
]%tr- pITI sar kzaor svaBaava ko qao AaOr maanato qao ik Ca~aoM kao AnauSaaisat krnao ko ilae ]nhoM kzaor dMD idyaa jaanaa ]icat
hO. ]nhoM yaaogya AQyaapk kI EaoNaI maoM nahIM rKa jaa sakta @yaaoMik yaid Ca~ iksaI paz kao nahIM samaJata tao yah AQyaapk
kI ijammaodarI haotI hO ik ]sao Pyaar sao samaJaae AaOr AavaSyakta pD,o tao hI kzaorta ka $K Apnaae. ikMtu pITI sar [sa
baat kI prvaah nahIM krto qao ik Ca~aoM nao paz samaJaa hO yaa nahIM, basa yaad na krko Aanao pr maugaa- banaa donaa vao jaanato qao.
]nhoM Apnao mauA%tla haonao kI ja,ra BaI if,k` nahIM qaI. vao ek eosao [Msaana qao jaao taoto sao tao maIzI baatoM kr sakto qao ikMtu
haD,-माूँस ko Ca~aoM sao nahIM.

4. Aaja kI iSaxaa vyavasqaa maoM ivadyaaiqa-yaaoM kao AnauSaaisat banaae rKnao ko ilae @yaa trIko inaQaa-irt hOM? ‘sapnaaoM ko sao
idna’ paz maoM Apnaa[- ga[- निनधयाूँ Aaja ko saMdBa- maoM कहाूँ tk ]icat lagatI hOM? jaIvana maUlyaaoM ko Aalaaok maoM Apnao ivacaar
p`stut kIijae. [CBSE-2013]

]%tr- iSaxaa ka ]d\doSya Ca~aoM kao &anavaana banaanao ko saaqa-saaqa ]nhoM AnauSaaisat jaIvana jaInao ko ilae p`oirt krnaa BaI hO.
Aaja kI iSaxaa vyavasqaa maoM SaarIirk dMD kao kanaUnana ApraQa maanaa jaata hO AaOr yah ]icat BaI hO. BayapUNa- vaatavarNa maoM
Ca~ ka ivakasa nahIM hao sakta [sailae Aaja ivad\yaalayaaoM maoM eosaa vaatavarNa banaayaa jaata hO ik Ca~ Kula kr jaI sakoM.
]nhoM saMskar saMpnna AaOr maanavaIya maUlyaaoM sao pirpUNa- banaae jaanao ko ilae AavaSyak kdma ]zae jaa rho hOM. Ca~aoM kao purskRt

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kr ]naka ]%saahvad\Qa-na kr AiBaBaavakaoM sao saMpk- sqaaipt kr Ca~aoM kao AnauSaasana ka mah%%va bata kr AnauSaaisat jaIvana
jaInao ko ilae pòirt ikyaa jaata hO.
Aaja baccaaoM kI maanaisakta AaOr Baavaukta kao ivaSaoYa mah<va idyaa jaata hO. ivad\yaaiqa-yaaoM kI vyai@tgat ivaSaoYataAaoM
AaOr ]nakI kimayaaoM kao Qyaana maoM rKkr AQyaapk Ca~aoM ko saaqa vyavahar krto hOM.Aaja ko [sa jaiTla AaOr p`itspQaa- sao
Baro yauga maoM eosaI hI निनधयाूँ kargar isad\Qa hao saktI hOM.paz maoM AnauSaasana ko ilae Apnaa[- ga[- निनधयाूँ baccaaoM ko kaomala
mana pr baura Asar DalatI hOM. Bayamau@t vaatavarNa maoM hI Ca~aoM kI p`itBaa inaKr paegaI AaOr AQyaapk tqaa Ca~ ko maQya
sad\Baavanaa ivakisat haogaI.

5. iSaxaa maoM baccaaoM kIM $ica na haonao maoM ]nako AiBaBaavakaoM ka BaI haqa qaa. Paaz ko AaQaar pr isad\Qa kIijae.

]%tr- iSaxaa maoM $ica na haonao maoM pirvaar-pirvaoSa, skUla ko saaqa-saaqa baccaaoM ko maata-ipta ka BaI haqa haota hO. Aasa pasa
ka mahaOla yaid iSaxaa kao mah%%va na do tao [saka p`itkUla p`Baava Ca~aoM pr pD,naa svaaBaaivak hO. ivad\yaalaya maoM BaI yaid
Bayamau@t vaatavarNa na hao tao iSaxakaoM ka AatMk baccaaoM kao skUla sao dUr hI rKta hO. maata-ipta svayaM AiSaixat haoM tao vao
iSaxaa ko mah%%va kao nahIM jaanato.‘sapnaaoM ko sao idna’ paz maoM BaI laoKk va ]nako ima~aoM ko maata-ipta AiSaixat haonao ko karNa
svayaM [sa baat pr jaaor nahIM doto qao ik ]nako baccaaoM kao p`itidna skUla jaanaa caaihe. sabako pirvaar kI Aaiqa-k isqait bahut
AcCI nahIM qaI.At: pZ,a[- pr Kca- krnaa ]nhoM if,jaU,la lagata qaa.yaid kBaI hoDmaasTr yaa AQyaapk sao ]nakI baatcaIt
haotI tao ]naka yahI javaaba haota ik ]nhoM Apnao baccaaoM kao kao[- baD,a Aaohda qaaoD,o hI idlavaanaa hO . ]naka maananaa qaa ik
ja$rt Bar kI iSaxaa tao pMiDtjaI do hI doMgao. vaastva maoM maata-ipta kao pZ,a[- pr Kca- krnaa AKrta qaa. ]nhoM lagata qaa
ik ek $pe maoM Gar kI ja$rtoM pUrI hao िाएूँगी tao klama-dvaat pr Kca- @yaaoM ikyaa jaae. [sa p`kar AiBaBaavakaoM kI
saaoca baccaaoM kI iSaxaa maoM baaQak qaI.

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iva&apna
1.Aapnao Apnaa naama badlakr rahula kumaar sao riva kumaar vamaa- rKa hO.[sasao saMbaMiQat iva&apna tOyaar kroM.

naama pirvat-na
maOM rahula kumaar, pu~- ramalaala, 8 ica<arMjana evanyaU,
kaolakata inavaasaI idnaaMk 15 idsaMbar 2018 kao
jamaa Sapqa p~ संख्या 65xxxx ko Anausaar riva kumaar
vamaa- ko naama sao jaanaa िाऊूँगा| BaivaYya maoM maoro saBaI
kagaja,at [saI naama sao haoMgao.

2. isarsaa ko basa AD\Do ko bagala maoM ek qa`I sTar haoTla AaOr rosTaoroMT Kulaa hO ]saka ek iva&apna tOyaar
kIijae. [ SA-I 2016]

saUya-Baana
qa`I sTar haoTla AaOr rosTaoroMT

• AaQauinak saaja sajjaa ko saaqa


• vaatanaukUilat (esaI) kxa BaI ]plabQa
• AaQauinak ]pkrNaaoM sao saijjat vaatanaukUilat (esaI) saBaagaar
• ]icat dr pr ]plabQa
• trNatala (swimming pool)
• f`I vaa[--fa[-
• maaMsaaharI va SaakaharI daonaaoM trh ko Baaojana kI vyavasqaa

saMpk- :
dUrBaaYa: 9876789943
pta: 54 ramalaala raoD, isarsaa (isarsaa basa sTOMD ko bagala maoM)
[maola: www.suryabhan.net

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3. CzI, saatvaIM AaOr AazvaIM kxaa ko ivad\yaaiqa-yaaoM ko ilae ihMdI vyaakrNa kI pustk baajaar maoM Aa[-
hO.[saka ek iva&apna tOyaar kIijae. [ SA-I 2017]

ihMdI vyaakrNa
• CzI, saatvaIM AaOr AazvaIM kxaa ko ivad\yaaiqa-yaaoM ko ilae
• navaIna paz\yak`ma pr AaQaairt
• AiQakaiQak AByaasa saamaga`I
• AakYa-k saaja-sajjaa
• saBaI p`mauK dukanaaoM pr ]plabQa

pazk p`kaSana d\vaara p`kaiSat

4. ivad\yaalaya ko ‘rMgaayana’ d\vaara p`stut naaTk ko baaro maoM naama, pa~, idna, sqaana, iTkT-dr Aaid kI
saUcanaa doto hue iva&apna tOyaar kIijae.

rajakIya ivad\yaalaya ko saaMskRitk pirYad ‘rMgaayana’ kI p`stuit


अूँधरे nagarI caaOpT rajaa
idnaaMk - 26 janavarI 2024
sqaana - ibaD,laa saBaagaar
samaya - saaMya 5 bajao
iTkT-dr - 100 $pe p`it vyai@t

inamaa-ta evaM inado-Sak - rahula ravala


pa~ - ramakumaar, idnaoSa isaMh, Syaama sahaya, riva vamaa- tqaa Anya

saMpk- : 9876567890

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5.Apnao iptajaI kI puranaI kar kI ibak`I hotu ivavarNa doto hue iva&apna tOyaar kroM.

ibaka} hO
maa~ 80 hjaar iklaaomaITr calaI Saanadar
naIlao rMga kI maa$tI vaOgana-Aar, maa^Dla 9876
kar, maa[laoja 20 iklaaomaITr/ilaTr

❖ kImat maa~ dao laaK $pe


saMpk- kroM : 9876789876

6. saD,k pr Thlato hue Aapkao ek baOga imalaa ijasamaoM kuC $pe maaobaa[la faona tqaa Anya k[- mah%vapUNa-
kagajaat hO.ek iva&apna tOyaar kIijae ik AiQakarI vyai@t Aapsao saMpk- kr Apnaa baOga lao jaae.

Kaoyaa-payaa
maOM, raohna isaMh, kaolakata inavaasaI saBaI kao saUicat krnaa caahta हूँ ik 17
idsaMbar 2018 kao Saama पाूँच bajao baD,a baajaar ko mahajaait sadna ko inakT
mauJao ek kalao rMga ka baOga imalaa ijasamaoM dao hjaar $pe, maaobaa[la faona, kuC
mah%vapUNa- kagajaat tqaa pOna kaD- hO.AiQakarI vyai@t ]icat p`maaNa dokr [sao
lao िाएूँ|

saMpk- : 9803452670

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7. icatrMjana laaokaomaaoiTva va@sa- maoM @lak- ko pd ka sqaana ir@t hO, [sako ilae iva&apna tOyaar kIijae.

icatrMjana laaokaomaaoiTva va@sa- maoM @lak- ko pd kI ir@tta

k`ma. saM. पद yaaogyata vaotnamaana vaya AnauBava

1. mau#ya ilaipk snaatk 50,000/- AiQaktma 35 5 vaYa-


(1) vaYa-
sahayak AiQaktma 30
2.
ilaipk (2) snaatk 40,000/- 3 vaYa-
vaYa-

Aavaodna p~ gaitmaana Dak Aqavaa pMjaIkRt Dak sao निम्ि 25.12.2023 tk पहुूँच jaanaa caaihe.

saMpk- : mau#ya P`abaMQak


icatrMjana laaokaomaaoiTva va@sa-
gau$dasa raoD
icatrMjana – xxxxxxx
[-.maola-xxxxxxxxxx
dUrBaaYa-xxxxxxxxxxx

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िघु कथा िेिि
कहािी गद्य िेिि की एक महत्त्िपूणज निधा है| हमारे देश में कहानियों की िम्बी और संपन्न
परम्परा रही है | कहािी में घटिाओं का तािा-बािा इस प्रकार बुिा रहता है कक निरं तर
रोचकता बिी रहती है |

कहािी िेिि की निनभन्न प्रणानियाूँ


(क) नचत्र प्रदशजि या नचत्र िणजि - इस प्रणािी के अंतगजत छात्रों को नचत्र कदया िाता है
और उस नचत्र में नचनत्रत घटिा को आधार बिाकर छात्र कहािी नििते हैं |

कहािी

नचत्रा को बचपि से ही िृत्य सीििे की इच्छा थी, पर उसे कभी प्रोत्साहि िहीं नमिा | िह हमेशा उदास
रहती | उसका पढ़िे में भी मि िहीं िगता था | उसकी उदासी को कक्षा अध्यानपका िे भाूँप निया | एक
कदि बहुत पूछिे पर उसिे सब कु छ बता कदया | अध्यानपका उसे िृत्य प्रनशक्षक के पास िे गयी | अब िह
उिसे प्रनतकदि िृत्य सीिती | कहते हैं िा कक मि में इच्छा हो तो व्यनक्त का िोश कदिाई देता है| स्कू ि के
िार्षजकोत्सि में नचत्रा का एकि िृत्य था | िब नचत्रा के माता-नपता और पररिार िािों को पता चिा तो िे
अचंनभत रह गए | िार्षजकोत्सि के कदि नचत्रा का िृत्य देिते ही बिता था | उसकी िचक और नथरकि का

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ििाब ही िहीं था | सबसे आगे की पंनक्त में दादी बैठी थी और िोर-िोर से तानियाूँ बिा रही थी | उिकी
आूँिों में िुशी के आूँसू थे|

(ि) अधूरी कहािी पूर्तज प्रणािी - इस निनध से छात्रों को आत्मानभव्यनक्त का अिसर नमिता है और िे
अपिी कल्पिाशनक्त को यथाथज रूप दे पाते हैं | इस निनध में दो प्रणािी प्रचनित है:-

(१) अिुच्छेद प्रणािी - इस निनध के अंतगजत एक अिुच्छेद कदया िाता है निसमें दो-चार पात्र, छोटी घटिा
आकद का िणजि रहता है | तत्पिात पात्रों का चुिाि, घटिा िम, िातािरण की संरचिा, उद्देश्य आकद का
निमाजण छात्रों पर छोड़ कदया िाता है | उिकी कल्पिा शनक्त से कहािी आगे बढ़ती है | िैस:े -

सौरभ िगातार भागता िा रहा था, िंगि में भागते हुए उसके पैर घायि हो गए थे, िषाज होिे को थी,
कािे बादि नघर आये थे| िह िल्दी से िंगि से बाहर निकििा चाहता था, तभी अचािक उसके सामिे
एक आकदिासी आ गया | आकदिासी िे उसका हाथ पकड़ा और ...........................................|

कहयिी

आकदिासी िे उसका हाथ पकड़ा और तेिी से सौरभ को िींच कर घिे िंगिों की ओर िािे िगा | सौरभ िे
हाथ छु ड़ािा चाहा पर असफि रहा | िह समझ िहीं पा रहा था कक आनिर उसके साथ यह क्या हो रहा है
| ककसी अनिि की आशंका से उसका ह्रदय काूँप उठा | अभी िह कु छ सोचता तभी िोर के िगाड़ों और
िोगों के अटपटे शब्दों की आिािें आिे िगीं | आकदिासी िे उसे पेड़ की ओट में नछपा कदया | िे सब
ििदीक आ गए थे | अब क्या होगा ? सौरभ सोचिे िगा ‘क्या ये िोग मुझे मार डािेंगे, ये आपस में क्या
बात कर रहे हैं? तभी सौरभ िे देिा कक िह आकदिासी हाथों से कु छ इशारा कर रहा था | थोड़ी देर में
आकदिानसयों का झुण्ड आगे निकि गया | िह आकदिासी सौरभ का हाथ पकड़े उसे िंगि से बाहर िे गया
और इशारों में कु छ बता रहा था निसका िह बस इतिा ही निष्कषज निकाि पाया कक िे िोग अपिे कु ि
देिता पर बनि चढ़ािे के निए ककसी की तिाश कर रहे थे | उस भिे मािुष िे मेरी िाि बचाई | िाि बची
तो िािो पाए |

(२) रूप-रे िा प्रणािी - इस प्रणािी के अंतगजत ककसी कहािी की रुपरे िा दे दी िाती है और छात्रों से
कहािी पूणज करिाई िाती है | िैस:े -

एक प्यासा कौआ था ...................| िंगि में उड़िे िगा ....................|

(ग) शीषजक प्रणािी - इस प्रणािी के अंतगजत छात्रों को एक शीषजक कदया िाता है और उस शीषजक को
आधार बिाकर छात्र कहािी नििते हैं | िैसे िह अिीब आदमी, और िह झूमिे िगा,आत्मनिश्वास आकद |

(घ) साथजक अंत निदेनशत प्रणािी - इस प्रणािी में कहािी की अंनतम पंनक्त दी िाती है और छात्रों की
कल्पिा की उड़ाि को देिा िाता है | अंनतम पंनक्त से छात्र अिुमाि िगाता है कक कहािी का तािा-बािा
कै से बुिा िाए | िैस:े - और अंत में मैं अपिी योििा में सफि हो गया .......

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कहािी
नपछिे रनििार को मेरी माूँ का ितमकदि था | मैं चाहती थी कक इस बार उतहें सरप्राइि दूूँ िेककि क्या? यह
समझ िहीं आ रहा था | सोचते-सोचते रात हो गयी और मैं सो गयी | सुबह उठी और कु छ सोच निया | मैंिे
अपिी िािी को फोि ककया | िे अमेररका में रहती हैं | मैंिे अक्सर माूँ को िािी से बात करिे के बाद उदास
होते देिा था | मैंिे और िािी िे आपस में बातचीत करके एक योििा बिा िी | निस कदि माूँ का ितमकदि
था उस कदि ककसी िे उतहें मुबारकबाद िहीं कदया | माूँ को िािी के फोि का इततिार था पर उिका भी फोि
िहीं आया | आता भी कै से िे तो फ्िाइट में थीं | शाम को मैं और नपतािी ककसी बहािे से बाहर निकि गए
क्योंकक हमें तो िािी को िेिे िािा था | शाम को घर की घंटी बिी| माूँ िे दरिािा िोिा और अपिे सामिे
अपिी माूँ को देिकर उिकी िुशी का रठकािा ि रहा | हम सबिे िोर से कहा ‘हैपी बथज डे टू यू’ |और इस
तरह मैं अपिी योििा में सफ़ि रही |

(च) कथि निदेनशत प्रणािी - इस प्रणािी के अंतगजत कहािी की आरनम्भक पंनक्त दी िाती है और उस पंनक्त
को आधार बिाकर छात्र कहािी का तािा- बािा बुिता है | िैस:े - मुझे निश्वास ही िहीं हो रहा था कक
सीमा और नििय मेरे साथ ऐसा कर सकते हैं ............

िघु कथा के कु छ उदाहरण-

स्कू टर

- बिराम अग्रिाि
दफ़्तर से िौटकर मैं अभी िािा िािे के निए बैठा ही था कक डॉिी िे रोिा शुरू कर कदया|
“अरे -अरे -अरे , ककसिे मारा हमारी बेटी को?” उसे दुिारते हुए मैंिे पूछा|
“डैडी, हमें स्कू टर चानहए|” सुबकते हुए िह बोिी|
“िेककि तुम्हारे पास तो पहिे ही बहुत नििौिे है!”
इस पर उसकी नहचककयाूँ बूँध गईं| बोिी, “मेरी गुनड़या को बचा िो डैडी!”
“बात क्या है?” मैंिे दुिारपूिक
ज पूछा|
“हपंकी िे पहिे तो अपिे गुड्डे के साथ हमारी गुनड़या की शादी करके हमसे हमारी गुनड़या छीि िी...” डॉिी
िे िोरों से सुबकते हुए बताया, “अब कहती है – दहेि में स्कू टर दो, िरिा आग िगा दूग
ूँ ी गुनड़या
को|...गुनड़या को बचा िो डैडी..हमें स्कू टर कदिा दो|”
डॉिी की सुबककयाूँ धीरे -धीरे तेि होती गई और शब्द उसकी नहचककयों में डू बते चिे गए|

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इनतहास गिाह है

-डॉ रामनििास मािि


उसकी निगाह अिमारी पर गई, तो देिा, रनि िे उसकी सारी ककताबों तथा कई दूसरी ज़रूरी चीिों को,
बेतरह एक ओर निसका कर, िहाूँ अपिा बस्ता िूँचा कदया है| उसे बच्चे की इस हरकत पर गुस्सा तो िहीं
आया, पर पूछ निया, “रनि महाशय, तुमिे मेरी चीज़ें उधर क्यों निसका दी है?”
“मेरा बस्ता ठीक से िहीं आ रहा था िा, इसनिए|” बच्चे िे सहि भाि से उत्तर कदया|
बच्चे का उत्तर सुिकर उसे िगा, िैसे िह बूढ़ा हो गया है और रनि िे, उसकी चारपाई कमरे से निकािकर,
बाहर बरामदे में डाि दी है, क्योंकक कमरे में उसकी चारपाई ठीक-से िो िहीं आ रही थी|
उसे एकाएक याद हो आया, दस िषज पूिज उसिे भी तो यही ककया था, अपिे बूढ़े बाप के साथ|

पररनचत
-डॉ रामनििास मािि

बस में छू ट के कारण, पुनिस िे उसका सामाि, अपिे कब्ज़े में िे निया था| अब, ककसी पररनचत आदमी की
ज़माित के बाद ही, िह सामाि उसे नमि सकता था|
“मेरी पत्नी सख़्त बीमार है| मेरा िल्दी घर पहुूँचिा बहुत ज़रूरी है होल्दार सा’ब !” उसिे नििती की|
“भई, कह तो कदया, ककसी िािकार आदमी को ढू ूँढ़कर िे आओ और िे िाओ अपिा सामाि|”
“मैं तो परदेशी आदमी हूँ| सा’ब, दो सौ मीि दूर के शहर में कौि नमिेगा मुझे िाििे िािा!”
“यह हम िहीं िािते| देिो, यह तो कािूिी िािा-पूर्तज है| नबिा िािा-पूर्तज ककए हम सामाि तुम्हें कै से दे
सकते हैं?”
िह समझ िहीं पा रहा था कक िािा-पूर्तज कै से हो|
कु छ सोचकर , उसिे दस रुपये का िोट निकािा और चुपके -से, कॉतस्टेबि
ु की ओर बढ़ा कदया| िोट को ज़ेब
में निसकाकर, उसे हल्की-सी डांट नपिाते हुए, कॉतस्टेबि िे कहा- “ तुम शरीफ़ आदमी कदिते हो, इसनिए
सामाि िे िािे देता हूँ| पर कफर ऐसी गित मत करिा, समझे !”
दस के िोट िे, कॉतस्टेबि को ही, पररनचत बिा कदया था|

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