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क्षुद्र रोग

Presented by Kh. Teresa


Guided by Dr.Dharmapal
क्षुद्र रोग
Introduction:-
• These diseases are called क्षुद्र because their causes and symptoms are
few and in mild form and they are easy to treat.
• Majority of the disease out of 44 are of skin disease.
• Differs from author to author,
according to सुश्रुत 44
अष्टां ग सांग्रह 37
अष्टां ग ह्रदय 36
यटदव निदटि 42
1. अजगल्लिक (subcutaneous lymph
gland enlargement)

• निग्ध सवर्ण ग्रनितट िीरूज मुद्गसनिभट ।


कफ वटतोल्लितट ज्ञेय बलटिटम् अजगल्लिकट ।।
निनकत्सट :
1. जलौकटविरर् in unripen condition
2. कल्क of मुल्लि,श्रुनि (स्वनजणक क्षटर), यव क्षटर
3. In ripen condition should be treated similar to that of व्रर्
2.यव प्रटख्य(lymphadenitis)
• यवटकटर सुकनििट ग्रनितट मटां स सांनश्रतट ।
निडकट श्लेष्म वटतटभ्टां यव प्रख्येनत सटच्यते ।।

निनकत्सट:
1. स्वेदि
2. कल्क of मिःनिल, हररतटल ,कुष्ठ, दे वदटरू
3. After ripen similar to that of व्रर्
Note यवप्रख्य, अन्धटलनज,िटिनसक,कच्छनिक & िटषटर् गदण ि are having
similar line of treatment as mentioned above.
3.अन्धटलनज(lymphadentitis)

• घिटमविटां निडकटम् उितटां िररमण्डलटम् ।


अन्धटलजीम् अल्प िूयटां तटां नवध्यटत् कफवटतटिटम् ।।
निनकत्सट :
• Similar to that of यव प्रटख्यट
4. नववृत(boils or acute inflammation)

• नववृतटस्टां महटदटहटां िक्व उदु म्बर सनिभटम् ।


नववृतटम् इनत तटां नवध्यटत् नित्त्तोिटां िररमण्डलटम् ।।

निनकत्सट :
• Similar to that of नित्त नवसिण
• The wound made to heal by the use of घृत prepared from द्रव्य of मधुर
रस
5. कच्छनिक(cervical/ inguinal lymphadentitis)

• ग्रनितटां िञ्च वट षड् वट दटरूर्ः कच्छि उितट ।


कफ अनिलटभ्टां निडकट ज्ञेय कच्छनिकट बुधः ।।

निनकत्सट:
• similar to that of यव प्रटख्य
6. वटल्मीक (actinomyosis/madura foot)

• िटनर्िटदतले सल्लन्ध ग्रीवटयम् उूर्ध्ण जत्रुनर् ।


ग्रल्लिर् वटल्मीकवध्यस्तु ििः समुिटियते ।।
निनकत्सट :
• It should be excised (cut) with the help of िस्त्र and clear by क्षटर or
अनि
• If वटल्मीनक is not grown very big or not situated on fatal spot should
be purified well and रि मोक्ष should be done
• कल्क of मूल of कुलि and गुडूनि with लवर् for उििटह
7.इन्द्रवृध्दां(carbuncle)

• िद्मिुष्करवि् मध्ये निडकटनभः समटनितटम् ।


इन्द्रवृद्टां तु तटां नवघ्यटत् वटत नित्तोितटां नभषक् ।।

निनकत्सट:
• Similar to that of नित्तज नवसिण
8. गदनभणक

• मण्डलां वृत्तम् उत्सिां सरिां निडकटनितम् ।


रूजटकरीां गदनभणकटां तट नवध्यटत् वटत नित्तजटम् ।।

निनकत्सट:
• Similar to that of नित्तज नवसिण
9.ििनसकट (furuncle of ear)

• कर्ौ िरर समन्तटद् वट िृष्ठे वट निडक उग्ररूक् ।


िटलूकवत् ििनसकटां तटां नवध्यटत् श्लेष्मवटतजटम् ।।
निनकत्सट:
• Similar to यव प्रटख्य
10. पदषदण ग्द भ (mumps)

• हिुसन्धौ समुद्भूतां िोफम् अल्परूजां ल्लथिरम् ।


िटषटर् गदण भां नवघ्यटत् बलटस िविटत्मकम् ।।
निनकत्सट:
• Similar to that of यव प्रटख्य
11. जदल ग्द न (cellulitis and erysipelas)

• नवसिणवत् सिणनत यो दटह ज्वरकरस्तिुः ।


अिटकः श्वयिुः नित्तटत् स ज्ञेय जटलगदण भः ।।
निनकत्सट:
• Similar to that of नित्त नवसिण
12. इररवेल्लिकट

• निडकटम् उत्तमटां गथिटां वृत्तटम् उग्ररूजटज्वरटम् ।


सवटण त्मकटां सवणनलांगट जटिीयटत् इररवेल्लिकटम् ।।
निनकत्सट:
• Similar to that of नित्त नवसिण
13. कक्ष (herpes zoster)

• बटहु िटश्वटण स कक्षटसु कृष्णस्फोट सवेदिटम् ।


नित्त प्रकोि सांभूतटां कक्षटनमनत नवनिनदण िेत् ।।
निनकत्सट:
• Similar to that of नित्त नवसिण
14. गन्धिटमट

• एकटमेवांनवधटां दृष्ट्वट निनटकटां स्फोट सनिभटम् ।


त्वग्गतटां नित्तकोिेि गन्ध िटमटां कि प्रिक्षते ।।
निनकत्सट:
• Similar to that of नित्त नवसिण
15. ववस्फोटक (blister)

• अनिदग्ध निभटः स्फोटटः सज्वरटः नित्तरितः ।


क्वनित् सवणत्र वट दे हे स्मृतट नवस्फोटकट इनत ।।
निनकत्सट:
• Similar to that of नित्तज नवसिण

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