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6. क: वणय: कण्ठतािव्येः ? ओ, ए, ऊ, व्
2. दा+क््वा= -----------
3. पूज्+क््वा= -----------
4. स्तस्थत्वा= -----------
5. पा+क््वा= -----------
6. उनदत्वा= -----------
8. पि्+क््वा= -----------
9. वलधयत्वा= -----------
तुमुन् प्रत्यर्ेः
1. नम्+तुमुन=
् -----------
2. क्री+तुमन
ु ्=
3. लिख्+तुमुन् = -----------
4. नेतुम्= -----------
5. िृ+तुमुन् = -----------
6. त्यज्+तुमन
ु ् = -----------
7. भनवतुम्= -----------
8. कर्थ्+तुमुन् = -----------
9. िभ्+तुमुन=
् -----------
ल्यप्- प्रत्यर्ेः
1. अलध+इ+ल्यप्= -----------
2. नविार्य = -----------
3. अव्+गम्+ल्यप्= -----------
4. सम्पूज्य = -----------
6. ननि्+गम्+ल्यप्= -----------
7. अलभिक्ष्य= -----------
8. नवभज्य = -----------
9. उपनवश्य= -----------
3.------िक्रालण। (3/4)
5.------- मर्ूिाेः ।
❖ मञ्जष
ू ार्ाेः उलित- अव्यर्पदां लित्वा रिक्तस्थानपूनतं कु रुत -
मञ्जष
ू ा- अत्र, श्वेः , कु तेः , कदा, र्दा-तदा, तत्र, ि, अनप, सवयत्र, ह्येः , तर्था
अवधातव्ांशाः –
(क) अस्य गृहकाययस्य कृ ते 20 अङ्ाः वनधायररताः सन्ति।
समयेन काययकरिम् - 5 अङ्ाः
काययपूियता - 5 अङ्ाः
शुद्धता - 5 अङ्ाः
सुलेखः /सुन्दरता/सज्जता - 5 अङ्ाः
(ख) गृहकायं ए-4 इवत पत्रके करिीयम्। अस्य मुद्रिं कृ त्वा अवप काययपत्रके अवप कायं कतुं
शक्यते।
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